लोगो
यूनियनपीडिया
संचार
Google Play पर पाएं
नई! अपने एंड्रॉयड डिवाइस पर डाउनलोड यूनियनपीडिया!
मुक्त
ब्राउज़र की तुलना में तेजी से पहुँच!
 

एकीकृत नाशीजीव प्रबंधन

सूची एकीकृत नाशीजीव प्रबंधन

फसलों के नाशीजीवों के प्राकृतिक शत्रुओं (parasitoid) का उपयोग यह कीट दूसरे कीटों और कवकों को चाट जाता है जिससे पौधे की रक्षा होती है। एकीकृत नाशीजीव प्रबंधन (Integrated pest management (IPM), या Integrated Pest Control (IPC)) नाशीजीवों के नियंत्रण की सस्ती और वृहद आधार वाली विधि है जो नाशीजीवों के नियंत्रण की सभी विधियों के समुचित तालमेल पर आधारित है। इसका लक्ष्य नाशीजीवों की संख्या एक सीमा के नीचे बनाये रखना है। इस सीमा को 'आर्थिक क्षति सीमा' (economic injury level (EIL)) कहते हैं। एकीकृत नाशीजीव प्रबंधन एक ऐसी व्यवस्था है जिसमें फसलों को हानिकारक कीड़ों तथा बीमारियों से बचाने के लिए किसानों को एक से अधिक तरीकों को जैसे व्यवहारिक, यांत्रिक, जैविक तथा रासायनिक नियंत्रण इस तरह से क्रमानुसार प्रयोग में लाना चाहिए ताकि फसलों को हानि पहुंचाने वालें की संख्या आर्थिक हानिस्तर से नीचे रहे और रासायनिक दवाईयों का प्रयोग तभी किया जाए जब अन्य अपनाए गये तरिके से सफल न हों।; आई.

3 संबंधों: राष्ट्रीय समेकित नाशीजीव प्रबन्धन केन्द्र, जैविक नाशीजीव नियंत्रण, कीटनाशक

राष्ट्रीय समेकित नाशीजीव प्रबन्धन केन्द्र

राष्ट्रीय समेकित नाशीजीव प्रबन्धन केन्द्र (नेशनल सेंटर फॉर इंटीग्रेटेड पेस्ट मैनेजमेन्ट / NCIPM) भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) का अनुसंधान केन्द्र है। फरवरी 1988 में इसकी स्थापना की गयी थी, जिसका मुख्य उदेश्य था की भारत में पौध सुरक्षा के लिऎ एक अलग से केन्द्र का स्थापित करना। इस केन्द्र के कार्यक्रम विस्तार रूप से सभी केन्द्र, संस्थान, किसानो के साथ, तथा देश व किसानो के हित से जुडे हुऎ हैं! राष्ट्रीय समेकित नाशीजीव प्रबंधन (आई.पी. एम.) एक ऐसी प्रणाली है जिसमें फसल उत्पादन एवं पादप संरक्षण सम्बन्धी उन्नत विधियों को शामिल किया जाता है जिससे नाशीजीवों (कीट रोगों, सूत्रकृमियों, खरपतवार, पक्षियों, इत्यादि) से होने वाली आर्थिक हानि को कम किया जा सके। आई.

नई!!: एकीकृत नाशीजीव प्रबंधन और राष्ट्रीय समेकित नाशीजीव प्रबन्धन केन्द्र · और देखें »

जैविक नाशीजीव नियंत्रण

फसलों के नाशीजीवों (pests) कों नियन्त्रित करने के लिए दूसरे जीवों (प्राकृतिक शत्रुओं) को प्रयोग में लाना जैव नियन्त्रण (Biological pest control) कहलाता है। जैव नियन्त्रण एकीकष्त नाशीजीव प्रबधन का महत्वपूर्ण अंग है। इस विधि में नाशीजीवी व उसके प्राकृतिक शत्रुओ के जीवनचक्र, भोजन, मानव सहित अन्य जीवों पर प्रभाव आदि का गहन अध्ययन करके प्रबन्धन का निर्णय लिया जाता है। विभिन्न नाशीजीवों के नियंत्रण में उपयोग होने वाले प्राकृतिक शत्राुओं का विवरण निम्न प्रकार से हैं:- .

नई!!: एकीकृत नाशीजीव प्रबंधन और जैविक नाशीजीव नियंत्रण · और देखें »

कीटनाशक

क्रॉपडस्टर द्वारा कीटनाशक का छिड़काव कीटनाशक रासायनिक या जैविक पदार्थों का ऐसा मिश्रण होता है जो कीड़े मकोड़ों से होनेवाले दुष्प्रभावों को कम करने, उन्हें मारने या उनसे बचाने के लिए किया जाता है। इसका प्रयोग कृषि के क्षेत्र में पेड़ पौधों को बचाने के लिए बहुतायत से किया जाता है। उर्वरक पौध की वृद्धि में मदद करते हैं जबकि कीटनाशक कीटों से रक्षा के उपाय के रूप में कार्य करते हैं। कीटनाशक कीट की क्षति को रोकने, नष्‍ट करने, दूर भगाने अथवा कम करने वाला पदार्थ अथवा पदार्थों का मिश्रण होता है। कीटनाशक रसायनिक पदार्थ (फासफैमीडोन, लिंडेन, फ्लोरोपाइरीफोस, हेप्‍टाक्‍लोर तथा मैलेथियान आदि) अथवा वाइरस, बैक्‍टीरिया, कीट भगाने वाले खर-पतवार तथा कीट खाने वाले कीटों, मछली, पछी तथा स्‍तनधारी जैसे जीव होते हैं। बहुत से कीटनाशक मानव के लिए जहरीले होते हैं। सरकार ने कुछ कीटनाशकों पर प्रतिबंध लगा दिया है जबकि अन्‍य के इस्‍तेमाल को विनियमित (रेगुलेट) किया गया है। .

नई!!: एकीकृत नाशीजीव प्रबंधन और कीटनाशक · और देखें »

यहां पुनर्निर्देश करता है:

समेकित नाशीजीव प्रबन्धन

निवर्तमानआने वाली
अरे! अब हम फेसबुक पर हैं! »