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एकादशी तिथि

सूची एकादशी तिथि

हिंदू पंचांग की ग्यारहवी तिथि को एकादशी कहते हैं। यह तिथि मास में दो बार आती है। पूर्णिमा के बाद और अमावस्या के बाद। पूर्णिमा के बाद आने वाली एकादशी को कृष्ण पक्ष की एकादशी और अमावस्या के बाद आने वाली एकादशी को शुक्ल पक्ष की एकादशी कहते हैं। इन दोने प्रकार की एकादशियों का भारतीय सनातन संप्रदाय में बहुत महत्त्व है। .

6 संबंधों: एकादशी, तिथियाँ, नारद पुराण, योगिनी एकादशी, सारस्वथ ब्राह्मण के त्योहार, विट्ठल

एकादशी

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तिथियाँ

हिन्दू काल गणना के अनुसार मास में ३० तिथियाँ होतीं हैं, जो दो पक्षों में बंटीं होती हैं। चन्द्र मास एक अमावस्या के अन्त से शुरु होकर दूसरे अमा वस्या के अन्त तक रहता है। अमावस्या के दिन सूर्य और चन्द्र का भौगांश बराबर होता है। इन दोनों ग्रहों के भोंगाश में अन्तर का बढना ही तिथि को जन्म देता है। तिथि की गणना निम्न प्रकार से की जाती है। तिथि .

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नारद पुराण

नारद पुराण या 'नारदीय पुराण' अट्ठारह महुराणों में से एक पुराण है। यह स्वयं महर्षि नारद के मुख से कहा गया एक वैष्णव पुराण है। महर्षि व्यास द्वारा लिपिबद्ध किए गए १८ पुराणों में से एक है। नारदपुराण में शिक्षा, कल्प, व्याकरण, ज्योतिष, और छन्द-शास्त्रोंका विशद वर्णन तथा भगवान की उपासना का विस्तृत वर्णन है। यह पुराण इस दृष्टि से काफी महत्त्वपूर्ण है कि इसमें अठारह पुराणों की अनुक्रमणिका दी गई है। इस पुराण के विषय में कहा जाता है कि इसका श्रवण करने से पापी व्यक्ति भी पापमुक्त हो जाते हैं। पापियों का उल्लेख करते हुए कहा गया है कि जो व्यक्ति ब्रह्महत्या का दोषी है, मदिरापान करता है, मांस भक्षण करता है, वेश्यागमन करता हे, तामसिक भोजन खाता है तथा चोरी करता है; वह पापी है। इस पुराण का प्रतिपाद्य विषय विष्णुभक्ति है। .

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योगिनी एकादशी

योगिनी एकादशी व्रतकथा पद्मपुराण के उत्तरखण्ड में प्राप्त होती है। आषाढ़ मास की कृष्ण एकादशी को "योगनी" अथवा "शयनी" एकादशी कहते है। इस व्रतकथा के वक्ता श्रीकृष्ण एवं मार्कण्डेय हैं। श्रोता युधिष्ठिर एवं हेममाली हैं। जब युधिष्ठिर आषाढकृष्ण एकादशी का नाम एवं महत्त्व पूछते हैं, तब वासुदेव जी इस कथा को कहते हैं। मेघदूत में महाकवि कालिदास जी ने किसी शापित यक्ष के विषय में उल्लेख किया है। मेघदूत में वह यक्ष मेघ को हि दूत स्वीकार कर उसके माध्यम से अपनी पत्नी के लिए सन्देश भेजता है, यह कथानक वहाँ प्राप्त होता है। कालिदास जी की वह मेघदूत की कथा इस कथा से प्रभावित है ऐसा माना जाता है। हिंदू धर्म में एकादशी का व्रत महत्वपूर्ण स्थान रखता है। प्रत्येक वर्ष चौबीस एकादशियाँ होती हैं। उनमें ज्येष्ठ मास की कृष्ण पक्ष की एकादशी को योगिनी एकादशी कहते हैं। आषाढ़ कृष्ण एकादशी का नाम योगिनी है। इसके व्रत से समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं। यह इस लोक में भोग और परलोक में मुक्ति देने वाली है। यह तीनों लोकों में प्रसिद्ध है। .

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सारस्वथ ब्राह्मण के त्योहार

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विट्ठल

विट्ठल, विठोबा, या पाण्डुरंग एक हिन्दू देवता हैं जिनकी पूजा मुख्यतः महाराष्ट्र, कर्नाटक, गोवा, तेलंगाना, तथा आन्ध्र प्रदेश में होती हैं। उन्हें आम तौर पर भगवान विष्णु या उनके अवतार, कृष्ण की अभिव्यक्ति माना जाता हैं। विट्ठल अक्सर एक सावले युवा लड़के के रूप में चित्रित किए जाता है, एक ईंट खडे और दोनो हाथ कमर पर रखे; कभी-कभी उनकी पत्नी रखुमाई भी साथ होती हैं। .

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यहां पुनर्निर्देश करता है:

एकादशी व्रत, ग्यारस

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