लोगो
यूनियनपीडिया
संचार
Google Play पर पाएं
नई! अपने एंड्रॉयड डिवाइस पर डाउनलोड यूनियनपीडिया!
मुक्त
ब्राउज़र की तुलना में तेजी से पहुँच!
 

ऍच॰ डी॰ देवगौड़ा

सूची ऍच॰ डी॰ देवगौड़ा

हरदनहल्ली डोडेगौडा देवगौडा (कन्नड़: ಹರದನಹಳ್ಳಿ ದೊಡ್ಡೇಗೌಡ ದೇವೇಗೌಡ) (जन्म १८ मई १९३३) भारत के बारहवें प्रधानमंत्री थे। उनका कार्यकाल सन् १९९६ से १९९७ तक रहा। इसके पूर्व १९९४ से १९९६ तक वे कर्नाटक राज्य के मुख्यमंत्री भी रहे। .

28 संबंधों: चौदहवीं लोकसभा, एच॰ डी॰ कुमारस्वामी, दीघा-सोनपुर रेल-सह-सड़क पुल, नरेन्द्र मोदी, पी॰ चिदंबरम, बंगलौर-मैसूर द्रुतगति मार्ग, भारत का प्रधानमन्त्री, भारत के प्रधान मंत्रियों की सूची, भारत के रक्षा मंत्री, भारत के रेल मंत्री, भारत के विदेश मंत्री, भारत के गृह मंत्री, भारतीय चुनाव, भारतीय आम चुनाव, १९९६, मुरली मनोहर जोशी, सदन के नेता (राज्य सभा), सदन के नेता (लोक सभा), हरदनहल्ली, जनेश्वर मिश्र, वोक्कालिगा, ग्यारहवीं लोक सभा, इन्द्र कुमार गुजराल, कर्नाटक के मुख्यमंत्रियों की सूची, अटल बिहारी वाजपेयी, १५वीं लोक सभा के सदस्यों की सूची, १६वीं लोक सभा के सदस्यों की सूची, १८ मई, १९३३

चौदहवीं लोकसभा

भारत में चौदहवीं लोकसभा का गठन अप्रैल-मई 2004 में होनेवाले आमचुनावोंके बाद हुआ था। .

नई!!: ऍच॰ डी॰ देवगौड़ा और चौदहवीं लोकसभा · और देखें »

एच॰ डी॰ कुमारस्वामी

हरदनहल्ली देवगौड़ा कुमारस्वामी (जन्म १६ दिसम्बर १९५९) एक भारतीय राजनितज्ञ हैं जो कि २००६ से २००७ के मध्य भारत के दक्षिणी राज्य कर्नाटक के १८वें मुख्यमंत्री रह चुके हैं। उनके पिता ऍच॰ डी॰ देवगौड़ा भारत के पूर्व प्रधानमंत्री रह चुके हैं। गौड़ा कन्नड़ फ़िल्मों के निर्माता, वितरक तथा प्रदर्शक भी हैं। वह अपने समर्थकों के मध्य कुमारान्ना के नाम से भी जाने जाते हैं। वह जनता दल (सेक्युलर) के कर्नाटक इकाई के अध्यक्ष भी हैं। श्री एच डी कुमारस्वामी ने 23 मई 2018 को कर्नाटक के नये मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। राज्यपाल वजूभाई वाला ने विधान सौध प्रांगण में आयोजित समारोह में उन्हें पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलायी।कुमारस्वामी कोंगेरस के गठबंधन से मुख्यमंत्री बने हैं। .

नई!!: ऍच॰ डी॰ देवगौड़ा और एच॰ डी॰ कुमारस्वामी · और देखें »

दीघा-सोनपुर रेल-सह-सड़क पुल

दीघा-सोनपुर रेल-सह-सड़क पुल अथवा जे पी सेतु (लोकनायक जय प्रकाश नारायण सेतु), गंगा पर बना पुल है जो पटना और सोनपुर को जोड़ता है। इसकी लम्बाई 4,556 मीटर है। दीघा-गाँधी मैदान सड़क से दीघा सड़क सेतु की दूरी 1.7 किलोमीटर है। दीघा सह सम्पर्क पथ छह लेन का है। दीघा सड़क सेतु के 2.56 कि॰मी॰ लम्बे सोनपुर एप्रोच के लिए जमीन मालिकों की आपसी सहमति से उनकी जमीन का 99 साल के लिए अनवरत लीज/ परपीचुअल लीज (Perpetual lease) रजिस्टर्ड एग्रीमेण्ट कर सरकार ने उन्हें जमीन की कीमत का चौगुनी मुआवजा देकर एग्रीमेण्ट किया है। सोनपुर एप्रोच के 600 मीटर दूरी में एलिवेटेड स्ट्रक्चर है। 2.56 कि॰मी॰ सोनपुर एप्रोच में सारण जिला के गंगाजल, चौसिया, भरपुरा और सुलतानपुर गाँव की जमीन है। जेपी सेतु को नेशनल हाइवे-19 से हाजीपुर-छपरा फोर लेन सड़क से जोड़ा जायेगा। एम्स दीघा एलिवेटेड रोड (12.4 किमी लंबा), गंगा पाथ वे (21.1 किमी) और जेपी सेतु (4.5 किमी)- गांधी सेतु से मिलकर यह एक ऐसा थ्रू वे(threeway) बनाएगा, जिससे सोनपुर की तरफ से आसानी से पश्चिमी पटना, फुलवारीशरीफ और एम्स पटना पहुंच जायेगा। इसके बन जाने से दीदारगंज, पटना सिटी, गुलजारबाग, व गायघाट जैसे सुदुर पूर्वी क्षेत्र के व्यक्ति को दीघा, दानापुर, खगौल, फुलवारीशरीफ, एम्स व जानीपुर जैसे सुदुर पश्चिमी क्षेत्रों में जाने-आने के लिए गांधी मैदान या पटना जंक्शन आने-जाने और शहर की मुख्य ट्रैफिक व्यवस्था पर दबाव बढ़ाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। .

नई!!: ऍच॰ डी॰ देवगौड़ा और दीघा-सोनपुर रेल-सह-सड़क पुल · और देखें »

नरेन्द्र मोदी

नरेन्द्र दामोदरदास मोदी (નરેંદ્ર દામોદરદાસ મોદી Narendra Damodardas Modi; जन्म: 17 सितम्बर 1950) भारत के वर्तमान प्रधानमन्त्री हैं। भारत के राष्‍ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने उन्हें 26 मई 2014 को भारत के प्रधानमन्त्री पद की शपथ दिलायी। वे स्वतन्त्र भारत के 15वें प्रधानमन्त्री हैं तथा इस पद पर आसीन होने वाले स्वतंत्र भारत में जन्मे प्रथम व्यक्ति हैं। वडनगर के एक गुजराती परिवार में पैदा हुए, मोदी ने अपने बचपन में चाय बेचने में अपने पिता की मदद की, और बाद में अपना खुद का स्टाल चलाया। आठ साल की उम्र में वे आरएसएस से  जुड़े, जिसके साथ एक लंबे समय तक सम्बंधित रहे । स्नातक होने के बाद उन्होंने अपने घर छोड़ दिया। मोदी ने दो साल तक भारत भर में यात्रा की, और कई धार्मिक केंद्रों का दौरा किया। गुजरात लौटने के बाद और 1969 या 1970 में अहमदाबाद चले गए। 1971 में वह आरएसएस के लिए पूर्णकालिक कार्यकर्ता बन गए। 1975  में देश भर में आपातकाल की स्थिति के दौरान उन्हें कुछ समय के लिए छिपना पड़ा। 1985 में वे बीजेपी से जुड़े और 2001 तक पार्टी पदानुक्रम के भीतर कई पदों पर कार्य किया, जहाँ से वे धीरे धीरे वे सचिव के पद पर पहुंचे।   गुजरात भूकंप २००१, (भुज में भूकंप) के बाद गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री केशुभाई पटेल के असफल स्वास्थ्य और ख़राब सार्वजनिक छवि के कारण नरेंद्र मोदी को 2001 में गुजरात के मुख्यमंत्री नियुक्त किया गया। मोदी जल्द ही विधायी विधानसभा के लिए चुने गए। 2002 के गुजरात दंगों में उनके प्रशासन को कठोर माना गया है, की आलोचना भी हुई।  हालांकि सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त विशेष जांच दल (एसआईटी) को अभियोजन पक्ष की कार्यवाही शुरू करने के लिए कोई है। मुख्यमंत्री के तौर पर उनकी नीतियों को आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करने के लिए । उनके नेतृत्व में भारत की प्रमुख विपक्षी पार्टी भारतीय जनता पार्टी ने 2014 का लोकसभा चुनाव लड़ा और 282 सीटें जीतकर अभूतपूर्व सफलता प्राप्त की। एक सांसद के रूप में उन्होंने उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक नगरी वाराणसी एवं अपने गृहराज्य गुजरात के वडोदरा संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ा और दोनों जगह से जीत दर्ज़ की। इससे पूर्व वे गुजरात राज्य के 14वें मुख्यमन्त्री रहे। उन्हें उनके काम के कारण गुजरात की जनता ने लगातार 4 बार (2001 से 2014 तक) मुख्यमन्त्री चुना। गुजरात विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर डिग्री प्राप्त नरेन्द्र मोदी विकास पुरुष के नाम से जाने जाते हैं और वर्तमान समय में देश के सबसे लोकप्रिय नेताओं में से हैं।। माइक्रो-ब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर भी वे सबसे ज्यादा फॉलोअर वाले भारतीय नेता हैं। उन्हें 'नमो' नाम से भी जाना जाता है। टाइम पत्रिका ने मोदी को पर्सन ऑफ़ द ईयर 2013 के 42 उम्मीदवारों की सूची में शामिल किया है। अटल बिहारी वाजपेयी की तरह नरेन्द्र मोदी एक राजनेता और कवि हैं। वे गुजराती भाषा के अलावा हिन्दी में भी देशप्रेम से ओतप्रोत कविताएँ लिखते हैं। .

नई!!: ऍच॰ डी॰ देवगौड़ा और नरेन्द्र मोदी · और देखें »

पी॰ चिदंबरम

पलनिअप्पन चिदंबरम (பழனியப்பன் சிதம்பரம்; जन्म - 16 सितंबर 1945) भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से संबद्ध एक भारतीय राजनीतिज्ञ एवं भारत गणराज्य के पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री है। इसके अलावा चिदंबरम एक स्थापित कंपनी मामलों के वकील है जिन्होंने अब दिवालिया हो चुकी एनरॉन सहित कई प्रसिद्ध संस्थाओं के लिए पैरवी की है। पी॰ चिदंबरम केंद्र में पिछली दो कांग्रेस नेतृत्व वाली सरकारों के एक महत्वपूर्ण सदस्य थे। पहले भी वह मई 2004 से नवंबर 2008 तक भारत के वित्त मंत्री रह चुके हैं। नवंबर 2008 में मुंबई पर हुए आतंकी हमलों के पश्चात् विवादों में घिरे शिवराज पाटिल के इस्तीफे की वज़ह से चिदंबरम को भारत के गृह मंत्री बनाया गया था। गृह मंत्री के रूप में साढ़े तीन साल के कार्यकाल के बाद इन्हें मनमोहन सिंह सरकार में पुनः वित्त मंत्री नियुक्त किया गया। .

नई!!: ऍच॰ डी॰ देवगौड़ा और पी॰ चिदंबरम · और देखें »

बंगलौर-मैसूर द्रुतगति मार्ग

बंगलौर-मैसूर द्रुतगति मार्ग १११ किलोमीटर लम्बा चार से छह लेन का एक निजी टोल-टैक्स युक्त द्रुतगति मार्ग है जो भारत के कर्णाटक राज्य के दो प्रमुख नगरों बंगलौर और मैसूर को जोड़ता है। इसका निर्माण नन्दी इन्फ़्रास्ट्रक्चर कॉरिडोर ऐण्टरप्राइज़ेस द्वारा किया जा रहा है जो इसे बिल्ड (निर्माण)-ओन (स्वामित्व)-ऑपरेट (संचालन)-ट्रान्स्फ़र (हस्तान्तरण) आधार पर बनाया जा रहा है। .

नई!!: ऍच॰ डी॰ देवगौड़ा और बंगलौर-मैसूर द्रुतगति मार्ग · और देखें »

भारत का प्रधानमन्त्री

भारत गणराज्य के प्रधानमन्त्री (सामान्य वर्तनी:प्रधानमंत्री) का पद भारतीय संघ के शासन प्रमुख का पद है। भारतीय संविधान के अनुसार, प्रधानमन्त्री केंद्र सरकार के मंत्रिपरिषद् का प्रमुख और राष्ट्रपति का मुख्य सलाहकार होता है। वह भारत सरकार के कार्यपालिका का प्रमुख होता है और सरकार के कार्यों के प्रति संसद को जवाबदेह होता है। भारत की संसदीय राजनैतिक प्रणाली में राष्ट्रप्रमुख और शासनप्रमुख के पद को पूर्णतः विभक्त रखा गया है। सैद्धांतिकरूप में संविधान भारत के राष्ट्रपति को देश का राष्ट्रप्रमुख घोषित करता है और सैद्धांतिकरूप में, शासनतंत्र की सारी शक्तियों को राष्ट्रपति पर निहित करता है। तथा संविधान यह भी निर्दिष्ट करता है कि राष्ट्रपति इन अधिकारों का प्रयोग अपने अधीनस्थ अधकारियों की सलाह पर करेगा। संविधान द्वारा राष्ट्रपति के सारे कार्यकारी अधिकारों को प्रयोग करने की शक्ति, लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित, प्रधानमन्त्री को दी गयी है। संविधान अपने भाग ५ के विभिन्न अनुच्छेदों में प्रधानमन्त्रीपद के संवैधानिक अधिकारों और कर्तव्यों को निर्धारित करता है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद ७४ में स्पष्ट रूप से मंत्रिपरिषद की अध्यक्षता तथा संचालन हेतु प्रधानमन्त्री की उपस्थिति को आवश्यक माना गया है। उसकी मृत्यु या पदत्याग की दशा मे समस्त परिषद को पद छोडना पडता है। वह स्वेच्छा से ही मंत्रीपरिषद का गठन करता है। राष्ट्रपति मंत्रिगण की नियुक्ति उसकी सलाह से ही करते हैं। मंत्री गण के विभाग का निर्धारण भी वही करता है। कैबिनेट के कार्य का निर्धारण भी वही करता है। देश के प्रशासन को निर्देश भी वही देता है तथा सभी नीतिगत निर्णय भी वही लेता है। राष्ट्रपति तथा मंत्रीपरिषद के मध्य संपर्कसूत्र भी वही हैं। मंत्रिपरिषद का प्रधान प्रवक्ता भी वही है। वह सत्तापक्ष के नाम से लड़ी जाने वाली संसदीय बहसों का नेतृत्व करता है। संसद मे मंत्रिपरिषद के पक्ष मे लड़ी जा रही किसी भी बहस मे वह भाग ले सकता है। मन्त्रीगण के मध्य समन्वय भी वही करता है। वह किसी भी मंत्रालय से कोई भी सूचना आवश्यकतानुसार मंगवा सकता है। प्रधानमन्त्री, लोकसभा में बहुमत-धारी दल का नेता होता है, और उसकी नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा लोकसभा में बहुमत सिद्ध करने पर होती है। इस पद पर किसी प्रकार की समय-सीमा निर्धारित नहीं की गई है परंतु एक व्यक्ति इस पद पर केवल तब तक रह सकता है जबतक लोकसभा में बहुमत उसके पक्ष में हो। संविधान, विशेष रूप से, प्रधानमन्त्री को केंद्रीय मंत्रिमण्डल पर पूर्ण नियंत्रण प्रदान करता है। इस पद के पदाधिकारी को सरकारी तंत्र पर दी गयी अत्यधिक नियंत्रणात्मक शक्ति, प्रधानमन्त्री को भारतीय गणराज्य का सबसे शक्तिशाली और प्रभावशाली व्यक्ति बनाती है। विश्व की सातवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था, दूसरी सबसे बड़ी जनसंख्या, सबसे बड़े लोकतंत्र और विश्व की तीसरी सबसे बड़ी सैन्य बलों समेत एक परमाणु-शस्त्र राज्य के नेता होने के कारण भारतीय प्रधानमन्त्री को विश्व के सबसे शक्तिशाली और प्रभावशाली व्यक्तियों में गिना जाता है। वर्ष २०१० में फ़ोर्ब्स पत्रिका ने अपनी, विश्व के सबसे शक्तिशाली लोगों की, सूची में तत्कालीन प्रधानमन्त्री मनमोहन सिंह को १८वीं स्थान पर रखा था तथा २०१२ और २०१३ में उन्हें क्रमशः १९वें और २८वें स्थान पर रखा था। उनके उत्तराधिकारी, नरेंद्र मोदी को वर्ष २०१४ में १५वें स्थान पर तथा वर्ष २०१५ में विश्व का ९वाँ सबसे शक्तिशाली व्यक्ति नामित किया था। इस पद की स्थापना, वर्त्तमान कर्तव्यों और शक्तियों के साथ, २६ जनवरी १९४७ में, संविधान के परवर्तन के साथ हुई थी। उस समय से वर्त्तमान समय तक, इस पद पर कुल १५ पदाधिकारियों ने अपनी सेवा दी है। इस पद पर नियुक्त होने वाले पहले पदाधिकारी जवाहरलाल नेहरू थे जबकि भारत के वर्तमान प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी हैं, जिन्हें 26 मई 2014 को इस पद पर नियुक्त किया गया था। .

नई!!: ऍच॰ डी॰ देवगौड़ा और भारत का प्रधानमन्त्री · और देखें »

भारत के प्रधान मंत्रियों की सूची

भारत के प्रधानमंत्री भारत गणराज्य की सरकार के मुखिया हैं। भारत के प्रधानमंत्री, का पद, भारत के शासनप्रमुख (शासनाध्यक्ष) का पद है। संविधान के अनुसार, वह भारत सरकार के मुखिया, भारत के राष्ट्रपति, का मुख्य सलाहकार, मंत्रिपरिषद का मुखिया, तथा लोकसभा में बहुमत वाले दल का नेता होता है। वह भारत सरकार के कार्यपालिका का नेतृत्व करता है। भारत की राजनैतिक प्रणाली में, प्रधानमंत्री, मंत्रिमंडल में का वरिष्ठ सदस्य होता है। .

नई!!: ऍच॰ डी॰ देवगौड़ा और भारत के प्रधान मंत्रियों की सूची · और देखें »

भारत के रक्षा मंत्री

भारत के रक्षा मंत्री या रक्षा मंत्री भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय का कार्य करता है जो भारत की रक्षा तथा आंतरिक सुरक्षा बनाये रखता है। भारत के वर्तमान रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण हैं। .

नई!!: ऍच॰ डी॰ देवगौड़ा और भारत के रक्षा मंत्री · और देखें »

भारत के रेल मंत्री

भारत के रेल मंत्री जो रेल मंत्रालय, भारत के मंत्री हैं | .

नई!!: ऍच॰ डी॰ देवगौड़ा और भारत के रेल मंत्री · और देखें »

भारत के विदेश मंत्री

भारत के विदेश मंत्री या विदेश मंत्री भारत सरकार के विदेश मंत्रालय का कार्य करता है जो भारत के विदेश सम्बंधित नीतियोँ को बनाता है।98 98 .

नई!!: ऍच॰ डी॰ देवगौड़ा और भारत के विदेश मंत्री · और देखें »

भारत के गृह मंत्री

भारत के गृह मंत्री या गृह मंत्री, भारत सरकार के गृह मंत्रालय के प्रमुख को कहा जाता है। केन्द्रीय कैबिनेट के वरिष्ठतम पदों में से एक, गृह मंत्री की मुख्य जिम्मेदारी भारत की आंतरिक सुरक्षा से सम्बन्धित विषयों को देखना है। 26 मई 2014 से राजनाथ सिंह भारत के तीसवें गृह मंत्री के रूप में कार्य कर रहे हैं। .

नई!!: ऍच॰ डी॰ देवगौड़ा और भारत के गृह मंत्री · और देखें »

भारतीय चुनाव

चुनाव लोकतंत्र का आधार स्तम्भ हैं। आजादी के बाद से भारत में चुनावों ने एक लंबा रास्ता तय किया है। 1951-52 को हुए आम चुनावों में मतदाताओं की संख्या 17,32,12,343 थी, जो 2014 में बढ़कर 81,45,91,184 हो गई है। 2004 में, भारतीय चुनावों में 670 मिलियन मतदाताओं ने भाग लिया (यह संख्या दूसरे सबसे बड़े यूरोपीय संसदीय चुनावों के दोगुने से अधिक थी) और इसका घोषित खर्च 1989 के मुकाबले तीन गुना बढ़कर $300 मिलियन हो गया। इन चुनावों में दस लाख से अधिक इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों का इस्तेमाल किया गया। 2009 के चुनावों में 714 मिलियन मतदाताओं ने भाग लिया (अमेरिका और यूरोपीय संघ की संयुक्त संख्या से भी अधिक).

नई!!: ऍच॰ डी॰ देवगौड़ा और भारतीय चुनाव · और देखें »

भारतीय आम चुनाव, १९९६

आम चुनाव भारत में 1996 में आयोजित की गई. परिणाम के चुनाव एक त्रिशंकु संसद के साथ न तो शीर्ष दो प्रमुख हासिल करने के लिए एक जनादेश है । भारतीय जनता पार्टी ने कुछ समय तक रहने वाली सरकार बनाई.

नई!!: ऍच॰ डी॰ देवगौड़ा और भारतीय आम चुनाव, १९९६ · और देखें »

मुरली मनोहर जोशी

डॉ॰ मुरली मनोहर जोशी, भारतीय जनता पार्टी के प्रमुख नेता हैं। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के शासनकाल में वे भारत के मानव संसाधन विकास मंत्री थे। .

नई!!: ऍच॰ डी॰ देवगौड़ा और मुरली मनोहर जोशी · और देखें »

सदन के नेता (राज्य सभा)

राज्य सभा के सदन नेता एक राज्य सभा सदस्य होता है जो कैबिनेट मंत्री या कोई अन्य नामांकित मंत्री होता हैं। .

नई!!: ऍच॰ डी॰ देवगौड़ा और सदन के नेता (राज्य सभा) · और देखें »

सदन के नेता (लोक सभा)

लोक सभा के सदन के नेता भारत के लोक सभा के नेता होते है। आम तौर पर भारत का प्रधानमन्त्री ही लोक सभा के सदन के नेता होते है। पर अगर प्रधानमन्त्री लोक सभा के सदस्य न हो कर राज्य सभा के सदस्य हो तो वे लोक सभा के सदन के नेता का चुनाव कर सकते है। .

नई!!: ऍच॰ डी॰ देवगौड़ा और सदन के नेता (लोक सभा) · और देखें »

हरदनहल्ली

हरदनहल्ली भारतीय राज्य कर्नाटक के हासन जिला स्थित एक गाँव है। इसी गाँव में भारत के ग्यारहवें प्रधानमंत्री ऍच॰ डी॰ देवगौड़ा का १८ मई १९३३ को जन्म हुआ था। .

नई!!: ऍच॰ डी॰ देवगौड़ा और हरदनहल्ली · और देखें »

जनेश्वर मिश्र

पण्डित जनेश्वर मिश्र (5 अगस्त 1933 – 22 जनवरी 2010) समाजवादी पार्टी के एक राजनेता थे। समाजवादी विचारधारा के प्रति उनके दृढ निष्ठा के कारण वे 'छोटे लोहिया' के नाम से प्रसिद्ध थे। वे कई बार लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य रहे। उन्होने मोरारजी देसाई, चौधरी चरण सिंह, विश्वनाथ प्रताप सिंह, चन्द्रशेखर, एच डी देवगौड़ा और इंद्रकुमार गुज़राल के मंत्रिमण्डलों में काम किया। सात बार केन्द्रीय मंत्री रहने के बाद भी उनके पास न अपनी गाड़ी थी और न ही बंगला। जनेश्वर मिश्र का जन्म ५ अगस्त 1933 को बलिया के शुभनथहीं के गांव में हुआ था। उनके पिता रंजीत मिश्र किसान थे। बलिया में प्राथमिक शिक्षा पूरी करने के बाद १९५३ में इलाहाबाद पहुंचे जो उनका कार्यक्षेत्र रहा। जनेश्वर को आजाद भारत के विकास की राह समाजवादी सपनों के साथ आगे बढ़ने में दिखी और समाजवादी आंदोलन में इतना पगे कि उन्हें लोग 'छोटे लोहिया' के तौर पर ही जानने लगे। उन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय में स्नातक कला वर्ग में प्रवेश लेकर हिन्दू हास्टल में रहकर पढ़ाई शुरू की और जल्दी ही छात्र राजनीति से जुड़े। छात्रों के मुद्दे पर उन्होंने कई आंदोलन छेड़े जिसमें छात्रों ने उनका बढ-चढ़ कर साथ दिया। 1967 में उनका राजनैतिक सफर शुरू हुआ। वह जेल में थे तभी लोकसभा का चुनाव आ गया। छुन्नन गुरू व सालिगराम जायसवाल ने उन्हें फूलपुर से विजयलक्ष्मी पंडित के खिलाफ चुनाव लड़ाया। चुनाव सात दिन बाकी था तब उन्हें जेल से रिहा किया गया। चुनाव में जनेश्वर को हार का सामना करना पड़ा था। इसके बाद विजय लक्ष्मी राजदूत बनीं। फूलपुर सीट पर 1969 में उपचुनाव हुआ तो जनेश्वर मिश्र सोशलिस्ट पार्टी से मैदान में उतरे और जीते। लोकसभा में पहुंचे तो राजनारायण ने 'छोटे लोहिया' का नाम दिया। वैसे इलाहाबाद में उनको लोग पहले ही छोटे लोहिया के नाम से पुकारने लगे थे। उन्होंने 1972 के चुनाव में यहीं से कमला बहुगुणा को और 1974 में इंदिरा गांधी के अधिवक्ता रहे सतीश चंद्र खरे को हराया। इसके बाद 1978 में जनता पार्टी के टिकट से इलाहाबाद संसदीय क्षेत्र से चुनाव मैदान में उतरे और विश्वनाथ प्रताप सिंह को पराजित किया। उसी समय वह पहली बार केन्द्रीय पेट्रोलियम, रसायन एवं उर्वरक मंत्री बने। इसके कुछ दिन बाद ही वह अस्वस्थ हो गये। स्वस्थ होने के बाद उन्हें विद्युत, परंपरागत ऊर्जा और खनन मंत्रालय दिया गया। चरण सिंह की सरकार में जहाजरानी व परिवहन मंत्री बने। 1984 में देवरिया के सलेमपुर संसदीय क्षेत्र से चंद्रशेखर से चुनाव हार गये। 1989 में जनता दल के टिकट पर इलाहाबाद से लडे़ और कमला बहुगुणा को हराया। इस बार संचार मंत्री बने। फिर चंद्रशेखर की सरकार में 1991 में रेलमंत्री और एचडी देवगौड़ा की सरकार में जल संसाधन तथा इंद्र कुमार गुजराल की सरकार में पेट्रोलियम मंत्री बनाये गये। 1992 से २०१० तक वह राज्यसभा के सदस्य रहे। .

नई!!: ऍच॰ डी॰ देवगौड़ा और जनेश्वर मिश्र · और देखें »

वोक्कालिगा

वोक्कालिंगा,(उच्चारण ओकलालिगा): भारत के कर्नाटक राज्य में आदि भगवान शिव में आस्था रखने वाले लोगों का एक समुदाय है। कर्नाटक में वोक्कालिंगा समुदाय समुदाय मुख्य रूप से पूर्वी मैसूर राज्य और अब दक्षिणी कर्नाटक के अन्य क्षेत्रों में पाए जाने वाले विभिन्न कृषि, पूर्व विरोधाभासी, सामाजिक समूहों को संदर्भित करता है। वे राजनीतिक और संख्यात्मक रूप से महत्वपूर्ण हिंदू समूह बनाते हैं। कर्नाटक में भगवान शिव में आस्था रखने वाले लोगों के एक अन्य समुदाय लिंगायत लोगों के मुकाबले इनकी संख्या कम है, लेकिन फिर भी ये जबर्दस्त तरीके अपनी आर्थिक और सामाजाकि और राजनैतिक छाप छोड़ते हैं। पूर्व प्रधानमंत्री एच.डी.देवगौड़ा वोक्कालिगा समुदाय से आते हैं। में 1956 के राज्य पुनर्गठन अधिनियम तक, जो पूर्ववर्ती राज्य मैसूर को बॉम्बे राज्य, हैदराबाद और कूर्ग राज्य के जिलों को शामिल करके बढ़ाया गया था। मैसूर का नाम बदलकर 1973 में कर्नाटक रखा गया, जिसके बाद लिंगायत कर्नाटक में सबसे अधिक आबादी वाला सामाजिक समूह बन गया।.

नई!!: ऍच॰ डी॰ देवगौड़ा और वोक्कालिगा · और देखें »

ग्यारहवीं लोक सभा

ग्यारहवीं लोक सभा 25 मई 1996 – 23 मार्च 1998 .

नई!!: ऍच॰ डी॰ देवगौड़ा और ग्यारहवीं लोक सभा · और देखें »

इन्द्र कुमार गुजराल

इ Indra kumar raj Mistar sang m k न्द् र कुमार गुजराल (अंग्रेजी: I. K. Gujral जन्म: ४ दिसम्बर १९१९, झेलम - मृत्यु: ३० नवम्बर २०१२, गुड़गाँव) भारतीय गणराज्य के १३वें प्रधानमन्त्री थे। उन्होंने भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम में सक्रिय रूप से हिस्सा लिया था और १९४२ के भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान वे जेल भी गये। अप्रैल १९९७ में भारत के प्रधानमंत्री बनने से पहले उन्होंने केन्द्रीय मन्त्रिमण्डल में विभिन्न पदों पर काम किया। वे संचार मन्त्री, संसदीय कार्य मन्त्री, सूचना प्रसारण मन्त्री, विदेश मन्त्री और आवास मन्त्री जैसे महत्वपूर्ण पदों पर रहे। राजनीति में आने से पहले उन्होंने कुछ समय तक बीबीसी की हिन्दी सेवा में एक पत्रकार के रूप में भी काम किया था। १९७५ में जिन दिनों वे इन्दिरा गान्धी सरकार में सूचना एवं प्रसारण मन्त्री थे उसी समय यह बात सामने आयी थी कि १९७१ के चुनाव में इन्दिरा गान्धी ने चुनाव जीतने के लिये असंवैधानिक तरीकों का इस्तेमाल किया है। इन्दिरा गान्धी के बेटे संजय गांधी ने उत्तर प्रदेश से ट्रकों में भरकर अपनी माँ के समर्थन में प्रदर्शन करने के लिये दिल्ली में लोग इकट्ठे किये और इन्द्र कुमार गुजराल से दूरदर्शन द्वारा उसका कवरेज करवाने को कहा। गुजराल ने इसे मानने से इन्कार कर दिया क्योंकि संजय गांधी को कोई सरकारी ओहदा प्राप्त नहीं था। बेशक वे प्रधानमन्त्री के पुत्र थे। इस कारण से उन्हें सूचना एवं प्रसारण मन्त्रालय से हटा दिया गया और विद्याचरण शुक्ल को यह पद सौंप दिया गया। लेकिन बाद में उन्हीं इन्दिरा गान्धी की सरकार में मास्को में राजदूत के तौर पर गुजराल ने १९८० में सोवियत संघ के द्वारा अफ़गानिस्तान में हस्तक्षेप का विरोध किया। उस समय भारतीय विदेश नीति में यह एक बहुत बड़ा बदलाव था। उस घटना के बाद ही आगे चलकर भारत ने सोवियत संघ द्वारा हंगरी और चेकोस्लोवाकिया में राजनीतिक हस्तक्षेप का विरोध किया। .

नई!!: ऍच॰ डी॰ देवगौड़ा और इन्द्र कुमार गुजराल · और देखें »

कर्नाटक के मुख्यमंत्रियों की सूची

कर्नाटक के मुख्यमंत्री दक्षिण भारतीय राज्य कर्नाटकके मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं। भारत के संविधान के अनुसार, राज्यपाल एक राज्य का न्यायपालक है, परन्तु वास्तविक कार्यकारी प्राधिकारी मुख्यमंत्री के होता है। कर्नाटक विधान सभा के चुनाव के बाद राज्य के गवर्नर आम तौर पर सरकार बनाने के लिए बहुमत सीट वाले पार्टी (या गठबंधन) को आमंत्रित करते है। राज्यपाल मुख्यमंत्री को नियुक्त करते है, जिनका मंत्रिमंडल सामूहिक रूप से विधानसभा के लिए जिम्मेदार है। यह देखते हुए कि उन्हें विधानसभा का विश्वास है, मुख्यमंत्री का कार्यकाल पांच साल के लिए होता है। १९४७ के बाद से, बाईस लोग मैसूर (१ नवंबर १९७३ से पहले राज्य मैसूर के नाम से जाना जाता था) और कर्नाटक के मुख्यमंत्री रहे हैं। उनमें से अधिकांश भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी के थे, पहले मुख्यमंत्री के चेंगलाराय रेड्डी को मेलाकर। सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाले मुख्यमंत्री डी देवराज उर्स थे जिन्होने १९७० के दशक में सात साल से अधिक समय तक कार्यालय सम्भाला। कर्नाटक में राष्ट्रपति शासन के छह उदाहरण हैं, सबसे हाल ही में २००७-०८ में। वर्तमान मुख्यमंत्री कांग्रेस पार्टी के सिद्धारमैया हैं, जिन्होंने १३ मई २०१३ को शपथ ली थी। .

नई!!: ऍच॰ डी॰ देवगौड़ा और कर्नाटक के मुख्यमंत्रियों की सूची · और देखें »

अटल बिहारी वाजपेयी

अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpeyee), (जन्म: २५ दिसंबर, १९२४) भारत के पूर्व प्रधानमंत्री हैं। वे पहले १६ मई से १ जून १९९६ तथा फिर १९ मार्च १९९८ से २२ मई २००४ तक भारत के प्रधानमंत्री रहे। वे हिन्दी कवि, पत्रकार व प्रखर वक्ता भी हैं। वे भारतीय जनसंघ की स्थापना करने वाले महापुरुषों में से एक हैं और १९६८ से १९७३ तक उसके अध्यक्ष भी रहे। वे जीवन भर भारतीय राजनीति में सक्रिय रहे। उन्होंने लम्बे समय तक राष्ट्रधर्म, पाञ्चजन्य और वीर अर्जुन आदि राष्ट्रीय भावना से ओत-प्रोत अनेक पत्र-पत्रिकाओं का सम्पादन भी किया। उन्होंने अपना जीवन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक के रूप में आजीवन अविवाहित रहने का संकल्प लेकर प्रारम्भ किया था और देश के सर्वोच्च पद पर पहुँचने तक उस संकल्प को पूरी निष्ठा से निभाया। वाजपेयी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार के पहले प्रधानमन्त्री थे जिन्होंने गैर काँग्रेसी प्रधानमन्त्री पद के 5 साल बिना किसी समस्या के पूरे किए। उन्होंने 24 दलों के गठबंधन से सरकार बनाई थी जिसमें 81 मन्त्री थे। कभी किसी दल ने आनाकानी नहीं की। इससे उनकी नेतृत्व क्षमता का पता चलता है। सम्प्रति वे राजनीति से संन्यास ले चुके हैं और नई दिल्ली में ६-ए कृष्णामेनन मार्ग स्थित सरकारी आवास में रहते हैं। .

नई!!: ऍच॰ डी॰ देवगौड़ा और अटल बिहारी वाजपेयी · और देखें »

१५वीं लोक सभा के सदस्यों की सूची

१५वीं लोक सभा के सदस्यों की सूची अकारादि क्रम से राज्यश: इस लेख में नीचे दी गयी है। ये सभी सांसद भारतीय संसद की १५वीं लोक सभा के लिए अप्रैल - मई, २००९ में हुए आम चुनावों में निर्वाचित हुए थे। .

नई!!: ऍच॰ डी॰ देवगौड़ा और १५वीं लोक सभा के सदस्यों की सूची · और देखें »

१६वीं लोक सभा के सदस्यों की सूची

१६वीं लोक सभा के सदस्यों की सूची राज्यश: इस लेख में दी गयी है। ये सभी सांसद भारतीय संसद की १६वीं लोक सभा के लिए अप्रैल – मई, २०१४ में हुए आम चुनावों में निर्वाचित हुए। इन सांसदों में ५८ प्रतिशत सांसद (३१५ सांसद) ऐसे हैं जो पहली बार लोकसभा के लिए निर्वाचित हुये हैं। .

नई!!: ऍच॰ डी॰ देवगौड़ा और १६वीं लोक सभा के सदस्यों की सूची · और देखें »

१८ मई

१८ मई ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का १३८वॉ (लीप वर्ष मे १३९वॉ) दिन है। साल मे अभी और २२७ दिन बाकी है। .

नई!!: ऍच॰ डी॰ देवगौड़ा और १८ मई · और देखें »

१९३३

1933 ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

नई!!: ऍच॰ डी॰ देवगौड़ा और १९३३ · और देखें »

यहां पुनर्निर्देश करता है:

एच डी देवगौड़ा, हड्डनहल्ली डड्डगौड़ा देवगौड़ा

निवर्तमानआने वाली
अरे! अब हम फेसबुक पर हैं! »