3 संबंधों: समीकरणों की सूची, विशिष्ट ऊष्मा धारिता, विजय कुमार पटौदी।
समीकरणों की सूची
कोई विवरण नहीं।
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विशिष्ट ऊष्मा धारिता
यह एक सामान्य अनुभव है कि किसी वस्तु का ताप बढ़ाने के लिये उसे उष्मा देनी पड़ती है। किन्तु अलग-अलग पदार्थों की समान मात्रा का ताप समान मात्रा से बढ़ाने के लिये अलग-अलग मात्रा में उष्मा की जरूरत होती है। किसी पदार्थ की इकाई मात्रा का ताप एक डिग्री सेल्सियस बढ़ाने के लिये आवश्यक उष्मा की मात्रा को उस पदार्थ का विशिष्ट उष्मा धारिता (Specific heat capacity) या केवल विशिष्ट उष्मा कहा जाता है। इससे स्पष्ट है कि जिस पदार्थ की विशिष्ट उष्मा अधिक होगी उसे गर्म करने के लिये अधिक उष्मा की आवश्यकता होगी। उदाहरण के लिये, शीशा (लेड) का ताप १ डिग्री सेल्सियस बढ़ाने के लिये जितनी उष्मा लगती है उससे आठ गुना उष्मा एक किलोग्राम मग्नीशियम का ताप १ डिग्री सेल्सियस बढ़ाने के लिये आवश्यक होती है। किसी भी पदार्थ की विशिष्ट उष्मा मापी जा सकती है। .
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विजय कुमार पटौदी
विजय कुमार पटौदी (12 मार्च, 1945 – 21 दिसम्बर, 1976) भारतीय गणितज्ञ थे जिन्होने अवकल ज्यामिति एवं संस्थितिविज्ञान (टोपोलोजी) के क्षेत्र में मूलभूत योगदान किया। वे टाटा मूलभूत अनुसंधान संस्थान, मुम्बई में प्राध्यापक थे। एलिप्टिक ऑपरएटरों के लिये इण्डेक्स प्रमेय (Index Theorem) की सिद्धि के लिये ऊष्मा समीकरण की विधि का प्रयोग करने वाले वे प्रथम गणितज्ञ थे।.
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