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उत्तराखण्ड राज्य आन्दोलन

सूची उत्तराखण्ड राज्य आन्दोलन

उत्तराखण्ड राज्य आन्दोलन, उत्तराखण्ड राज्य के बनने से पहले की वे घटनाएँ हैं जो अन्ततः उत्तराखण्ड राज्य के रूप में परिणीत हुईं। राज्य का गठन ९ नवम्बर, २००० को भारत के सत्ताइसवें राज्य के रूप में हुआ। यहाँ पर यह उल्लेखनीय है कि उत्तराखण्ड राज्य का गठन बहुत लम्बे संघर्ष और बलिदानों के फलस्वरूप हुआ। उत्तराखण्ड राज्य की माँग सर्वप्रथम १८९७ में उठी और धीरे-धीरे यह माँग अनेकों समय उठती रही। १९९४ में इस माँग ने जनान्दोलन का रूप ले लिया और अन्ततः नियत तिथि पर यह देश का सत्ताइसवाँ राज्य बना। .

10 संबंधों: तेरी सौं, यशोधर बेंजवाल, योगी आदित्यनाथ, रामपुर तिराहा गोलीकाण्ड, गैरसैंण, काशीपुर का इतिहास, उत्तराखण्ड, उत्तराखण्ड का राज्य-चिह्न, उत्तराखण्ड की संस्कृति, उत्तराखण्ड/आलेख

तेरी सौं

तेरी सौं 2003 में बना एक उत्तराखण्डी चलचित्र है। यह चलचित्र उत्तराखण्ड आन्दोलन पर आधारित है। तेरी सौं का हिन्दी अर्थ है, “तेरी सौगन्ध”। इस चलचित्र का लेखन, निर्माण और निर्देशन अनुज जोशी द्वारा किया गया था, जो मुम्बई-आधारित टीवी कार्यक्रम निर्देशक हैं। मदन दुकलन, जो चिट्ठी-पत्री नमक चलचित्र के सम्पादक हैं, ने इस चलचित्र के गाने लिखे और आलोक मालसी संगीतकार हैं। इस चलचित्र में उत्तराखण्ड सांस्कृतिक मोर्चा के मौसमी अभिनेताओं और अभिनेत्रियों ने अभिनय किया है जैसे रामेन्द्र कोटनला, दुर्गा कुकरेती, रोशन धस्माना, रजिनी दुकलन, कौलाना घन्स्याल, गिरिश सुन्द्रियाल, विनीत गैरोला, गोकुल पँवार और अन्य। इस बीच, हीरो मानव और हिरोइन मान्सी का अभिनय क्रमशः सक्षम जुयाल और पूजा रावत ने किया है। इस चलचित्र के ७०% संवाद हिन्दी में बदल जाते हैं, लेकिन इस चलचित्र के दो अन्य संस्करण कुमाऊँनी और गढ़वाली भाषाओं में निकाले गए ताकि राज्य के दोनों मण्डलों की मौलिकता को इस चलचित्र से जोड़ा जा सके। चलचित्र के रिलीज़ होने के प्रथम पखवाड़े में ही साउण्डट्रैक की 35,000 प्रतियाँ बिक गईं, जो किसी भी कुमाऊँनी या गढ़वाली चलचित्र के लिए एक कीर्तिमान है। यह चलचित्र पात्रों के काल्पनिक जीवन के साथ-साथ 1994 की घटनाओं से सम्बन्धित तथ्यों का मिश्रण हैं। जबकि चलचित्र के प्रथम अर्धभाग में नायक और नायिका मिलते है, वहीं मुजफ्फरनगर घटना के कुकर्म पात्रों को अधिक निराशाजनक पथ पर ले जाते हैं। आखिरकार, नायक के परिवरजनों, शिक्षकों और सम्बन्धियों का प्यार उसे हिंसा का रास्ता त्यागने के लिए आश्वस्त करता है और वह उत्तराखण्ड संघर्ष को शान्तिपूर्ण और लोकतान्त्रिक माध्यम से जारी रखता है। .

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यशोधर बेंजवाल

शहीद यशोधर बेंजवाल भारत के एक उत्तराखण्ड आन्दोलनकारी थे। वे पृथक उत्तराखण्ड प्रदेश के निर्माण हेतु संघर्षरत संगठन उत्तराखण्ड क्रान्ति दल (उक्रांद) (जो कि वर्तमान में उत्तराखण्ड का एक क्षेत्रीय राजनीतिक दल है) के सदस्य थे। आन्दोलन के दौरान पुलिस के हाथों उन्हें अपनी जान गँवानी पड़ी। यशोधर का जन्म उत्तराखण्ड (जो कि उस समय उत्तर प्रदेश का हिस्सा था) के रुद्रप्रयाग ज़िले के बेंजी नामक गाँव में हुआ था। छात्र जीवन से ही वे राजनीति में सक्रिय थे। बाद में वे पृथक उत्तराखण्ड राज्य के निर्माण आन्दोलन से जुड़ गये। श्रीनगर शहर से २ कि०मी० दूर स्थित श्रीयन्त्र टापू पर आन्दोलनकारियों ने ७ नवंबर, १९९४ से पृथक उत्तराखण्ड राज्य हेतु आमरण अनशन आरम्भ किया। १० नवंबर, १९९४ को पुलिस ने इस टापू में पहुँचकर अपना क़हर बरपाया, जिसमें कई लोगों को गम्भीर चोटें भी आई, इसी क्रम में पुलिस ने दो युवकों यशोधर बेंजवाल तथा राजेश रावत को राइफ़लों के बट और लाठी-डण्डों से मारकर अलकनन्दा नदी में फेंक दिया और उनके ऊपर पत्थरों की बरसात कर दी, जिससे इन दोनों की मृत्यु हो गई। इन दोनों शहीदों के शव १४ नवंबर, १९९४ को बागवान के समीप अलकनन्दा में तैरते हुये पाये गये थे। उत्तराखण्ड के निर्माण के पश्चात श्रीनगर स्थित हेमवती नन्दन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय के एक गेट का नामकरण शहीद यशोधर के नाम पर किया गया। .

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योगी आदित्यनाथ

योगी आदित्यनाथ (मूल नाम: अजय सिंह बिष्ट; जन्म 5 जून 1972) गोरखपुर के प्रसिद्ध गोरखनाथ मन्दिर के महन्त तथा राजनेता हैं एवं वर्तमान में उत्तर प्रदेश के मुख्यमन्त्री हैं। इन्होंने 19 मार्च 2017 को प्रदेश के विधान सभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी की बड़ी जीत के बाद यहाँ के 21वें मुख्यमन्त्री पद की शपथ ली। - एनडीटीवी - 18 मार्च 2017 वे 1998 से 2017 तक भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर गोरखपुर लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया और 2014 लोकसभा चुनाव में भी यहीं से सांसद चुने गए थे। आदित्यनाथ गोरखनाथ मन्दिर के पूर्व महन्त अवैद्यनाथ के उत्तराधिकारी हैं। ये हिन्दू युवाओं के सामाजिक, सांस्कृतिक और राष्ट्रवादी समूह हिन्दू युवा वाहिनी के संस्थापक भी हैं, तथा इनकी छवि कथित तौर पर एक देशभक्त की है। .

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रामपुर तिराहा गोलीकाण्ड

रामपुर तिराहा गोली काण्ड पुलिस द्वारा उत्तराखण्ड राज्य आन्दोलन के आन्दोलनकारियों पर उत्तर प्रदेश के रामपुर क्राॅसिंग, मुज़फ्फरनगर जिले में की गई गोलीबारी की घटना को कहते हैं। आन्दोलनकारी, पृथक उत्तराखण्ड की माँग के समर्थन में, दिल्ली में धरना प्रदर्शन के लिए जा रहे थे, जब अगले दिन, बिना उकसाए उत्तर प्रदेश पुलिस ने १ अक्टूबर, १९९४ की रात्रि को आन्दोलनकारियों पर गोली चला दी, जिसके कारण सात आन्दोलनकारियों की मृत्यु हो गई और कुछ महिलाओं के साथ कथित रूप से छेड़खानी और दुष्कर्म किया गया। घटना के समय मुलायम सिंह यादव उत्तर प्रदेश के मुख्यमन्त्री थे। .

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गैरसैंण

गैरसैंण भारत के उत्तराखण्ड राज्य के चमोली जिले में स्थित एक शहर है। यह समूचे उत्तराखण्ड राज्य के मध्य में होने के कारण उत्तराखण्ड राज्य की पूर्व-निर्धारित व प्रस्तावित स्थाई राजधानी के नाम से बहुविदित है। .

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काशीपुर का इतिहास

काशीपुर, भारत के उत्तराखण्ड राज्य के उधम सिंह नगर जनपद का एक महत्वपूर्ण पौराणिक एवं औद्योगिक शहर है। .

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उत्तराखण्ड

उत्तराखण्ड (पूर्व नाम उत्तरांचल), उत्तर भारत में स्थित एक राज्य है जिसका निर्माण ९ नवम्बर २००० को कई वर्षों के आन्दोलन के पश्चात भारत गणराज्य के सत्ताइसवें राज्य के रूप में किया गया था। सन २००० से २००६ तक यह उत्तरांचल के नाम से जाना जाता था। जनवरी २००७ में स्थानीय लोगों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए राज्य का आधिकारिक नाम बदलकर उत्तराखण्ड कर दिया गया। राज्य की सीमाएँ उत्तर में तिब्बत और पूर्व में नेपाल से लगी हैं। पश्चिम में हिमाचल प्रदेश और दक्षिण में उत्तर प्रदेश इसकी सीमा से लगे राज्य हैं। सन २००० में अपने गठन से पूर्व यह उत्तर प्रदेश का एक भाग था। पारम्परिक हिन्दू ग्रन्थों और प्राचीन साहित्य में इस क्षेत्र का उल्लेख उत्तराखण्ड के रूप में किया गया है। हिन्दी और संस्कृत में उत्तराखण्ड का अर्थ उत्तरी क्षेत्र या भाग होता है। राज्य में हिन्दू धर्म की पवित्रतम और भारत की सबसे बड़ी नदियों गंगा और यमुना के उद्गम स्थल क्रमशः गंगोत्री और यमुनोत्री तथा इनके तटों पर बसे वैदिक संस्कृति के कई महत्त्वपूर्ण तीर्थस्थान हैं। देहरादून, उत्तराखण्ड की अन्तरिम राजधानी होने के साथ इस राज्य का सबसे बड़ा नगर है। गैरसैण नामक एक छोटे से कस्बे को इसकी भौगोलिक स्थिति को देखते हुए भविष्य की राजधानी के रूप में प्रस्तावित किया गया है किन्तु विवादों और संसाधनों के अभाव के चलते अभी भी देहरादून अस्थाई राजधानी बना हुआ है। राज्य का उच्च न्यायालय नैनीताल में है। राज्य सरकार ने हाल ही में हस्तशिल्प और हथकरघा उद्योगों को बढ़ावा देने के लिये कुछ पहल की हैं। साथ ही बढ़ते पर्यटन व्यापार तथा उच्च तकनीकी वाले उद्योगों को प्रोत्साहन देने के लिए आकर्षक कर योजनायें प्रस्तुत की हैं। राज्य में कुछ विवादास्पद किन्तु वृहत बाँध परियोजनाएँ भी हैं जिनकी पूरे देश में कई बार आलोचनाएँ भी की जाती रही हैं, जिनमें विशेष है भागीरथी-भीलांगना नदियों पर बनने वाली टिहरी बाँध परियोजना। इस परियोजना की कल्पना १९५३ मे की गई थी और यह अन्ततः २००७ में बनकर तैयार हुआ। उत्तराखण्ड, चिपको आन्दोलन के जन्मस्थान के नाम से भी जाना जाता है। .

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उत्तराखण्ड का राज्य-चिह्न

उत्तराखण्ड का राज्य-चिह्न अथवा उत्तराखण्ड का प्रतीक-चिह्न, उत्तराखण्ड सरकार की राजकीय मोहर है, जिसका उपयोग राज्य द्वारा सभी प्रकार के प्रशासनिक एवं राजकीय क्रियाकलापों में उत्तराखण्ड राज्य का प्रतिनिधित्व करने के लिये किया जाता है। इसे उत्तराखण्ड राज्य की स्थापना के समय दिनाँक 9 नवम्बर 2000 को राज्य की नवगठित अन्तरिम सरकार द्वारा अधिकृत किया गया था। .

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उत्तराखण्ड की संस्कृति

उत्तराखण्ड की संस्कृति इस प्रदेश के मौसम और जलवायु के अनुरूप ही है। उत्तराखण्ड एक पहाड़ी प्रदेश है और इसलिए यहाँ ठण्ड बहुत होती है। इसी ठण्डी जलवायु के आसपास ही उत्तराखण्ड की संस्कृति के सभी पहलू जैसे रहन-सहन, वेशभूषा, लोक कलाएँ इत्यादि घूमते हैं। .

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उत्तराखण्ड/आलेख

उत्तराखण्ड (पूर्व नाम उत्तरांचल), उत्तर भारत में स्थित एक राज्य है। २००० और २००६ के बीच यह उत्तरांचल के नाम से जाना जाता था। ९ नवंबर २००० को उत्तराखण्ड भारत गणराज्य के २७ वें राज्य के रूप में अस्तित्व में आया। राज्य का निर्माण कई वर्षों के आन्दोलन के पश्चात हुआ। इस राज्य में वैदिक संस्कृति के कुछ अति महत्त्वपूर्ण तीर्थस्थान हैं। राज्य की सीमाएँ उत्तर में तिब्बत और पूर्व में नेपाल से लगी हैं तथा पश्चिम में हिमाचल प्रदेश और दक्षिण में उत्तर प्रदेश (सन २००० में अपने गठन से पूर्व यह उत्तर प्रदेश का एक भाग था) इसके पड़ोसी हैं। पारंपरिक हिन्दू ग्रंथों और प्राचीन साहित्य में इस क्षेत्र का उल्लेख उत्तराखण्ड के रूप में किया गया है। हिन्दी और संस्कृत में उत्तराखण्ड का अर्थ उत्तरी क्षेत्र या भाग होता है। जनवरी २००७ में स्थानीय लोगों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए राज्य का नाम आधिकारिक तौर पर उत्तरांचल से बदलकर उत्तराखण्ड कर दिया गया। देहरादून, उत्तराखण्ड की अंतरिम राजधानी होने के साथ इस क्षेत्र में सबसे बड़ा नगर है। गैरसैण नामक एक छोटे से कस्बे को इसकी भौगोलिक स्थिति को देखते हुए भविष्य की राजधानी के रूप में प्रस्तावित किया गया है किन्तु विवादों और संसाधनों के अभाव के चलते अभी भी देहरादून अस्थाई राजधानी बना हुआ है। राज्य का उच्च न्यायालय नैनीताल में है। राज्य सरकार ने हाल ही में हस्तशिल्प और हथकरघा उद्योगों को बढ़ावा देने के लिये कुछ पहल की हैं। साथ ही बढ़ते पर्यटन व्यापार तथा उच्च तकनीकी वाले उद्योगों को प्रोत्साहन देने के लिए आकर्षक कर योजनायें प्रस्तुत की हैं। राज्य में कुछ विवादास्पद किन्तु वृहत बांध परियोजनाएँ भी हैं जिनकी पूरे देश में प्रायः आलोचना की जाती रही है, जैसे कि भागीरथी-भीलांगना नदियों पर बनने वाली टिहरी बाँध परियोजना। इस परियोजना की कल्पना १९५३ में की गई थी और यह अंततः २००७ में बनकर तैयार हुआ। उत्तराखण्ड, चिपको आंदोलन के जन्मस्थान के नाम से भी जाना जाता है। .

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