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उत्तर कन्नड़ ज़िला

सूची उत्तर कन्नड़ ज़िला

उत्तर कन्नड का स्थान कर्नाटक में thumb उत्तर कन्नड़ (कन्नड़:ಉತ್ತರ ಕನ್ನಡ) भारतीय राज्य कर्नाटक का एक ज़िला है। ज़िले का मुख्यालय कर्वार है। क्षेत्रफल - 10,250 वर्ग कि॰मी॰ जनसंख्या - 1,353,644 (2001 जनगणना) साक्षरता - एस॰टी॰डी॰ कोड - जिलाधिकारी - (सितम्बर 2006 में) समुद्र तल से उचाई - अक्षांश - उत्तर देशांतर - पूर्व औसत वर्षा - मि॰मी॰ .

30 संबंधों: चुटु राजवंश, तुलू भाषा, दक्षिण गोवा जिला, नॉर्वे में संस्कृत, बनवासी, बाणावली, भारत के राष्ट्रीय उद्यान, मगोड प्रपात, मुरुदेश्वर, मैसूर मल्लिगे, यशवंत चित्ताल, येल्लापुर, राम राघोबा राणे, लुशिंगटन जल प्रपात, शंकर नाग, सिरसी, हव्यक, जोलड रोट्टी, गोकर्ण, भारत, कन्नड़, करावली, कर्नाटक, कर्नाटक विश्वविद्यालय, कर्नाटक के मण्डल, कर्नाटक के जिले, कर्नाटक/आलेख, कारवार, अनमोद, अंशी राष्ट्रीय उद्यान, उन्चल्ली प्रपात

चुटु राजवंश

चुटु वंश के शासकों ने दक्षिण भारत के कुछ भागों पर ईसा पूर्व पहली शताब्दी से लेकर तीसरी शताब्दी (ईसा पश्चात) तक शासन किया। उनकी राजधानी वर्तमान कर्नाटक के उत्तर कन्नड जिले के बनवासी में थी। अशोक के शिलालेखों को छोड़ दें तो चुटु शासकों के शिलालेख ही कर्नाटक से प्राप्त सबसे प्राचीन शिलालेख हैं।, George Mark Moraes, pp.

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तुलू भाषा

तुलू भारत के कर्नाटक राज्य के पश्चिमी किनारे में स्थित दक्षिण कन्नड़ और उडुपि जिलों में तथा उत्तरी केरल के कुछ भागों में प्रचलित भाषा है। पहले तुलू ब्राह्मण वैदिक और संस्कृत साहित्य लिखने के लिये 'तिगलारि' नामक लिपि को उपयोग करते थे। लेकिन बहुत कम साहित्य तुलू भाषा में मिला है। पर आज इस लिपि को जाननेवाले बहुत कम हैं। पुरानी तिगलारि लिपि मलयालम लिपि से बहुत मिलती है। अब तुलू लिखने के लिये कन्नड़ लिपि का प्रयोग किया जाता है। यह पंच द्राविड भाषाओं में एक है। दक्षिण कन्नड और उडुपी जिलों की अधिकांश लोगों की मातृभाषा तुळु है। इसलिए ये दोनो जिले सम्मिलित रूप से तुलुनाडु नाम से जाने जाते हैं। केरल के कासरगोड जिले में भी बहुत लोग तुलू भाषा बोलते हैं। .

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दक्षिण गोवा जिला

दक्षिण गोवा और इसके तालुकाओं (तहसीलों) को पीले वर्णों से दर्शाया गया है दक्षिण गोवा जिला, भारतीय राज्य गोवा के दो जिलों में से एक है। जिले का क्षेत्रफल 1966 वर्ग किमी और 2001 की जनगणना के अनुसार इसकी जनसंख्या 586591 है। इस जिले के उत्तर में उत्तर गोवा जिला, दक्षिण और पूर्व में कर्नाटक राज्य का उत्तर कन्नड़ जिला और पश्चिम में अरब सागर स्थित है। .

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नॉर्वे में संस्कृत

नॉर्वे में संस्कृत ओस्लो विश्वविद्यालय में पढ़ाई जाती है। .

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बनवासी

बनवासी (ಬನವಾಸಿ) कर्नाटक राज्य के उत्तर कन्नड़ जिला में एक मंदिरों वाला कस्बा है। इसकी सीमा शिवमोगा जिला से लगती है। .

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बाणावली

बाणावली या बेनोलिम भारत के गोवा राज्य के दक्षिण गोवा जिले में स्थित एक जनगणना नगर है। यह एक समुद्र-तटीय कस्बा है जो मारगाँव के दक्षिण में है। एक दन्तकथा के अनुसार भगवान परशुराम (भगवान विष्णु के एक अवतार) ने समीप के कोकंण में स्थित सह्याद्री पर्वतों पर से एक तीर (बाण) चलाया जो इस स्थान पर आकर गिरा जिससे इसका नाम बाणावली पड़ा। पुर्तगालियों के आने से पूर्व इसे बाणाहल्ली या बाणावल्ली के नाम से जाना जाता था। पुराने बाणावली में भगवान शिव और पार्वती को समर्पित एक मन्दिर था जिसके खण्डहरनुमा अवशेष अभी भी इस कस्बे में देखा जा सकता है। सोलहवीं सदी में इस मन्दिर के देवों को उत्तर कनारा (वर्तमान उत्तर कन्न्ड़) में स्थित आवेसरा में स्थापित कर दिया गया था। .

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भारत के राष्ट्रीय उद्यान

नीचे दी गयी सूची भारत के राष्ट्रीय उद्यानों की है। 1936 में भारत का पहला राष्ट्रीय उद्यान था- हेली नेशनल पार्क, जिसे अब जिम कोर्बेट राष्ट्रीय उद्यान के रूप में जाना जाता है। १९७० तक भारत में केवल ५ राष्ट्रीय उद्यान थे। १९८० के दशक में वन्यजीव संरक्षण अधिनियम और प्रोजेक्ट टाइगर योजना के अलावा वन्य जीवों की सुरक्षार्थ कई अन्य वैधानिक प्रावधान लागू हुए.

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मगोड प्रपात

मगोड़ प्रपात मगोड़ प्रपात दक्षिण भारत के कर्नाटक राज्य में उत्तर कन्नड़ जिले में स्थित एक जल प्रपात है। यह बेदती या गंगावली नदी के २०० मी.

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मुरुदेश्वर

मुरुदेश्वर (ಮುರುಡೇಶ್ವರ) दक्षिण भारत के कर्नाटक राज्य में उत्तर कन्नड जिले के भटकल तहसील स्थित एक कस्बा है। 'मुरुदेश्वर' भगवान शिव का एक नाम है। यहां शंकर की दूसरी सबसे ऊँची मूर्ति स्थित है। यह कस्बा अरब सागर के तट पर स्थित है और मंगलुरु से १६५ किलोमीटर दूर अरब सागर के किनारे बहुत ही सुन्दर एवं शांत स्थान पर बना हुआ है। मुरुदेश्वर सागरतट, कर्णाटक के सब से सुन्दर तटों में से एक है। पर्यटकों के लिए यहाँ आना दोगुना लाभप्रद रहता है, जहां एक ओर इस धार्मिक स्थल के दर्शन होते हैं, वहीं दूसरी तरफ प्राकृतिक सुन्दरता का आनन्द भी मिलता है। .

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मैसूर मल्लिगे

यह लेख फूल मल्लिगे के बारे में है। इस फूल के नाम पर लिखी गई के.

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यशवंत चित्ताल

यशवंत विठोबा चित्ताल (३ अगस्त १९२८ - २२ मार्च २०१४) अग्रणी कन्नड़ कथा लेखक थे। उन्होंने अपने कार्य पुरुषोत्तम के लिए अकादमी पुरस्कार प्राप्त किया। उनका जन्म कर्नाटक के उत्तर कन्नड़ जिले के हनेहल्ली नामक स्थान पर हुआ। उन्होंने अपनी प्रथमिक शिक्षा अपने गाँव के विद्यालय से एवं उच्च शिक्षा गिब्ब्ज़ हाई स्कूल, कुमता से १९४४ में पूर्ण की। .

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येल्लापुर

येल्लापुर उत्तर कन्नड़ ज़िले की एक नगरी है। यहाँ के 90% लोग किसान हैं। श्रेणी:कर्नाटक के शहर.

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राम राघोबा राणे

सेकेंड लेफ़्टीनेंट राम राघोबा राणे परमवीर चक्र से सम्मानित भारतीय सैनिक थे। इन्हें यह सम्मान सन् 1948 मे मिला था। १९१८ में पैदा हुए राणे द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान ब्रिटिश भारतीय सेना में कार्यरत थे। युद्ध के बाद की अवधि के दौरान वह सेना में रहे और १५ दिसंबर १९४७ को भारतीय सेना के कोर ऑफ इंजीनियर्स के बॉम्बे सैपर्स रेजिमेंट में नियुक्त किये गये। अप्रैल १९४८ में, १९४७ के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान राणे ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। कई बाधाओं और खनन क्षेत्रों को साफ करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाकर भारतीय सेना द्वारा राजौरी का कब्जा कर उनके कार्यों ने भारतीय टैंकों को आगे बढ़ाने के लिए रास्ता स्पष्ट करने में मदद की। उनकी वीरता के लिए ८ अप्रैल १९४८ को उन्हें परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया था। वे १९६८ में भारतीय सेना से एक प्रमुख के रूप में सेवानिवृत्त हुए। सेना के साथ अपनी २८ साल की सेवा के दौरान, उन्हें पांच बार डेस्पैप्स में वर्णित किया गया था। १९९४ में ७६ वर्ष की उम्र में उनका निधन हो गया। .

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लुशिंगटन जल प्रपात

लुशिंगटन जल प्रपात दक्षिण भारत का एक जल प्रपात है। यह पश्चिमी घाट की पर्वतमाला में आता है। इसे उँछल्ली फॉल्स (कन्नड़: ಉಂಚಳ್ಳಿ ಜಲಪಾತ) के रूप में भी जाना जाता है यह एक 116 मीटर (381 फीट) ऊँचा झरना है जो अघंनाशिनी नदी में गिरता है। यह कर्नाटक के उत्तर कन्नड़ जिले में सिद्धपुर के पास स्थित है। ब्रिटिश सरकार के लिए एक जिला कलेक्टर जे.

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शंकर नाग

शंकर नाग (ಶಂಕರ್ ನಾಗ್) (9 नवम्बर 1954 - 30 सितम्बर 1990) जिनका वास्तविक नाम शंकर नागरकट्टे (ಶಂಕರ್ ನಾಗರಕಟ್ಟೆ) था, एवं उनके बड़े भाई अनंत नाग (ಅನಂತ್ ನಾಗ್) कन्नड़ सिनेमा के प्रसिद्द कलाकार एवं निर्देशक थे। उन्होंने प्रसिद्द उपन्यासकार आर.

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सिरसी

सिरसी कर्नाटक राज्य के उत्तर कन्नड़ जिले का एक शहर है। इसकी जनसंख्या 95,574 है। यहां का "मारिकांबा मन्दिर" काफ़ी प्रसिद्ध है। .

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हव्यक

हव्यक ब्राह्मण हिन्दु पंच द्राविड वैदिक ब्राह्मणों में एक है। इन्हे "हवीका", "हैगा" तथा "हवीगा" नाम से भी जाना जाता है। वर्तमान में अधिकांश हव्यक भारत का कर्नाटक राज्य के निवासी हैं। हव्यक, आदि शंकराचार्य द्वारा प्रतिपादित अद्वैत दर्शन को मान्ते हैं। .

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जोलड रोट्टी

जोलड़ रोटी (ಜೋಳದ ರೊಟ್ಟಿ) एक विशिष्ट उत्तर कर्नाटक का व्यंजन है। यह ज्वार से बनी एक प्रकार की रोटी होती है। श्रेणी:कन्नड़ खाना.

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गोकर्ण, भारत

गोकर्ण (ಗೋಕರ್ಣ) दक्षिण भारत के कर्नाटक में मैंगलोर के पास स्थित एक ग्राम है। इस स्थान से हिन्दू धर्म के लोगों की गहरी आस्थाएं जुड़ी हैं, साथ ही इस धार्मिक जगह के खूबसूरत बीचों के आकर्षण से भी लोग खिंचे चले आते हैं। अपने ऐतिहासिक मंदिरों के साथ सागर तटों के लिए भी यह स्थान मशहूर है। यहां माना जाता है कि शिवजी का जन्म गाय के कान से हुआ और इसी वजह से इसे गोकर्ण कहा जाता है। साथ ही एक धारण के अनुसार कि गंगावली और अघनाशिनी नदियों के संगम पर बसे इस गांव का आकार भी एक कान जैसा ही है। इस कारण से लोगों की यहां काफी आस्था है और यह एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है। यहां देखने लायक कई मंदिर हैं। वैसे, यहां के खूबसूरत बीच ढेरों पर्यटकों को लुभाते हैं। कुल मिलाकर यहां के बेहतरीन प्राकृतिक माहौल में धामिर्क आस्थाओं को गहराई से अनुभव किया जा सकता है। .

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कन्नड़

कोई विवरण नहीं।

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करावली

कन्नड़ क्षेत्र (टुलु:ಕರಾವಳಿ) या करावली क्षेत्र कर्नाटक राज्य के तीन तटीय जिलों, दक्षिण कन्नड़, उडुपी एवं उत्तर कन्नड़ को मिलाकर कहा जाता है। यह कोंकण तटरेखा का दक्षिणी भाग बनाता है। इस क्षेत्र की उत्तर से दक्षिण लंबाई ३०० कि.मी तक और चौड़ाई ३० से ११० कि.मी तक जाती है। क्षेत्र में बहती हवा के साथ झूलते हुए चीड़ के वृक्ष दृश्य होते हैं। .

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कर्नाटक

कर्नाटक, जिसे कर्णाटक भी कहते हैं, दक्षिण भारत का एक राज्य है। इस राज्य का गठन १ नवंबर, १९५६ को राज्य पुनर्गठन अधिनियम के अधीन किया गया था। पहले यह मैसूर राज्य कहलाता था। १९७३ में पुनर्नामकरण कर इसका नाम कर्नाटक कर दिया गया। इसकी सीमाएं पश्चिम में अरब सागर, उत्तर पश्चिम में गोआ, उत्तर में महाराष्ट्र, पूर्व में आंध्र प्रदेश, दक्षिण-पूर्व में तमिल नाडु एवं दक्षिण में केरल से लगती हैं। इसका कुल क्षेत्रफल ७४,१२२ वर्ग मील (१,९१,९७६ कि॰मी॰²) है, जो भारत के कुल भौगोलिक क्षेत्र का ५.८३% है। २९ जिलों के साथ यह राज्य आठवां सबसे बड़ा राज्य है। राज्य की आधिकारिक और सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा है कन्नड़। कर्नाटक शब्द के उद्गम के कई व्याख्याओं में से सर्वाधिक स्वीकृत व्याख्या यह है कि कर्नाटक शब्द का उद्गम कन्नड़ शब्द करु, अर्थात काली या ऊंची और नाडु अर्थात भूमि या प्रदेश या क्षेत्र से आया है, जिसके संयोजन करुनाडु का पूरा अर्थ हुआ काली भूमि या ऊंचा प्रदेश। काला शब्द यहां के बयालुसीम क्षेत्र की काली मिट्टी से आया है और ऊंचा यानि दक्कन के पठारी भूमि से आया है। ब्रिटिश राज में यहां के लिये कार्नेटिक शब्द का प्रयोग किया जाता था, जो कृष्णा नदी के दक्षिणी ओर की प्रायद्वीपीय भूमि के लिये प्रयुक्त है और मूलतः कर्नाटक शब्द का अपभ्रंश है। प्राचीन एवं मध्यकालीन इतिहास देखें तो कर्नाटक क्षेत्र कई बड़े शक्तिशाली साम्राज्यों का क्षेत्र रहा है। इन साम्राज्यों के दरबारों के विचारक, दार्शनिक और भाट व कवियों के सामाजिक, साहित्यिक व धार्मिक संरक्षण में आज का कर्नाटक उपजा है। भारतीय शास्त्रीय संगीत के दोनों ही रूपों, कर्नाटक संगीत और हिन्दुस्तानी संगीत को इस राज्य का महत्त्वपूर्ण योगदान मिला है। आधुनिक युग के कन्नड़ लेखकों को सर्वाधिक ज्ञानपीठ सम्मान मिले हैं। राज्य की राजधानी बंगलुरु शहर है, जो भारत में हो रही त्वरित आर्थिक एवं प्रौद्योगिकी का अग्रणी योगदानकर्त्ता है। .

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कर्नाटक विश्वविद्यालय

कर्नाटक विश्वविद्यालय (ಕರ್ನಾಟಕ್ ವಿಶ್ವವಿದ್ಯಾನಿಲಯ) की स्थापना आरंभ में मुंबई में १९४९ में हुई थी, जिसे बाद में धारवाड़ में अक्टूबर १९४९ में स्थानांतरित किया गया। मार्च, १९५० को इसका आधिकारिक उद्घाटन हुआ था। यह परिसर ७५० एकड़ (३ कि.मी²) में फैला हुआ है। कर्नाटक विश्वविद्यालय धारवाड़, उत्तर कन्नड़, कर्नाटक, भारत .

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कर्नाटक के मण्डल

कर्नाटक दक्षिण भारत में स्थित एक राज्य है, जिसका गठन १ नवंबर १९५६ को किया गया था। १ नवम्बर १९७३ को राज्य का नाम मैसूर से बदलकर कर्नाटक किया गया था। कर्नाटक राज्य को ४ मण्डलों में बांटा गया है।.

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कर्नाटक के जिले

कर्नाटक के जिले यह सूची कर्नाटक के जिलों की है:-.

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कर्नाटक/आलेख

कर्नाटक (उच्चारण), जिसे कर्णाटक भी कहते हैं, दक्षिण भारत का एक राज्य है। इस राज्य का सृजन १ नवंबर, १९५६ को राज्य पुनर्संगठन अधिनियम के अधीन किया गया था। मूलतः यह मैसूर राज्य कहलाता था और १९७३ में इसे पुनर्नामकरण कर कर्नाटक नाम मिला था। कर्नाटक की सीमाएं पश्चिम में अरब सागर, उत्तर पश्चिम में गोआ, उत्तर में महाराष्ट्र, पूर्व में आंध्र प्रदेश, दक्षिण-पूर्व में तमिल नाडु एवं दक्षिण में केरल से लगती हैं। राज्य का कुल क्षेत्रफल ७४,१२२ वर्ग मील (१,९१,९७६ कि॰मी॰²) है, जो भारत के कुल भौगोलिक क्षेत्र का ५.८३% है। यह राज्य आठवां सबसे बड़ा राज्य है और इसमें २९ जिले हैं। राज्य की आधिकारिक और सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा है कन्नड़। हालांकि कर्नाटक शब्द के उद्गम के कई सन्दर्भ हैं, फिर भी उनमें से सर्वाधिक स्वीकार्य तथ्य है कि कर्नाटक शब्द का उद्गम कन्नड़ शब्द करु, अर्थात काली या ऊंची और नाडु अर्थात भूमि या प्रदेश या क्षेत्र से आया है, जिसके संयोजन करुनाडु का पूरा अर्थ हुआ काली भूमि या ऊंचा प्रदेश। काला शब्द यहां के बयालुसीम क्षेत्र की काली मिट्टी से आया है और ऊंचा यानि दक्खन के पठारी भूमि से आया है। ब्रिटिश राज में यहां के लिये कार्नेटिक शब्द प्रयोग किया गया है, जो कृष्णा नदी के दक्षिणी ओर की प्रायद्वीपीय भूमि के लिये प्रयोग किया गया है और कर्नाटक शब्द का अपभ्रंश है। प्राचीन एवं मध्यकालीन इतिहास देखें तो कर्नाटक क्षेत्र कई बड़े शक्तिशाली साम्राज्यों का क्षेत्र रहा है। इन याज्यों के दरबारों के विचारक, दार्शनिक और भाट व कवियों के सामाजिक, साहित्यिक व धार्मिक संरक्षण में आज का कर्नाटक उपजा है। भारतीय शास्त्रीय संगीत के दोनों ही रूपों, कर्नाटक संगीत और हिन्दुस्तानी संगीत को इस राज्य का महत्त्वपूर्ण योगदान मिला है। आधुनिक युग के कन्नड़ लेखकों को सर्वाधिक ज्ञानपीठ सम्मान मिले हैं। राज्य की राजधानी बंगलुरु शहर है, जो भारत में हो रही त्वरित आर्थिक एवं प्रौद्योगिकी का अग्रणी योगदानकर्त्ता है। .

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कारवार

कारवार (कारवार, कन्नड़: ಕಾರವಾರ) उत्तर कन्नड़ जिले का प्रशासनिक केन्द्र है और कर्नाटक राज्य में स्थित है। यह एक सागर तटीय क्षेत्र है और भारतीय प्रायद्वीप के पश्चिमी ओर गिरने वाली काली नदी के किनारे स्थित है। यह कस्बा कर्नाटक-गोवा सीमा से १५ मि.मी.

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अनमोद

अनमोद भारत के राज्यों कर्णाटक और गोवा की सीमा पर कर्णाटक के उत्तर कन्नड़ जिले में बसा एक कस्बा है। भारतीय उपमहाद्वीप की कुछ सबसे प्राचीन चट्टानें अनमोद में पाई जाती हैं। इन चट्टानों को ट्रॉंजेमेटिक नाइस (Trondjemeitic Gneiss) के रूप में वर्गीकृत किया जाता है और जिनकी पुरातनता का आकलन रूबिडीयाम आइसोटोप डेटिंग विधि की आधार पर 3.6 अरब वर्ष आँका गया है। .

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अंशी राष्ट्रीय उद्यान

अंशी राष्ट्रीय उद्यान (कन्नड़: ಅಣಶಿ ರಾಷ್ಟ್ರೀಯ ಉದ್ಯಾನ) भारत में कर्नाटक के उत्तर कन्नड़ ज़िले में गोवा राज्य की सीमा पर स्थित है। अन्य विशिष्ट पशुवर्ग के अलावा यह पार्क बंगाल बाघ, काले तेंदुए और भारतीय हाथियों का निवास स्थान है। .

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उन्चल्ली प्रपात

उन्चल्ली जल प्रपात, जिसे लीशिंग्टन फ़ॉल्स भी कहते हैं, एक ऊंचाई का जलप्रपात है, जो अघन्शिनी नदि के गिरने से कर्नाटक राज्य के उत्तर कन्नड़ जिले में स्थित है। .

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यहां पुनर्निर्देश करता है:

उत्तर कन्नड जिला, उत्तर कन्नड़, उत्तर कन्नड़ जिला, उत्तर कन्नङ जिला

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