9 संबंधों: बंगला भाषा के साहित्यकारों की सूची (कालक्रमानुसार), बंगाली साहित्य, बंकिमचन्द्र चट्टोपाध्याय, भारत में महिलाएँ, भारतीय समाजसुधारक, महेश चन्द्र नारायण भट्टाचार्य, रामकृष्ण परमहंस, विद्यासागर सेतु, २६ सितम्बर।
बंगला भाषा के साहित्यकारों की सूची (कालक्रमानुसार)
यहाँ पर कालक्रम के अनुसार बांग्ला भाषा के साहित्यकारों की सूची दी गयी है। इस सूची में अन्तरराष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त करने वालों को भी चिन्हित किया गया है। .
नई!!: ईश्वर चन्द्र विद्यासागर और बंगला भाषा के साहित्यकारों की सूची (कालक्रमानुसार) · और देखें »
बंगाली साहित्य
बँगला भाषा का साहित्य स्थूल रूप से तीन भागों में बाँटा जा सकता है - 1.
नई!!: ईश्वर चन्द्र विद्यासागर और बंगाली साहित्य · और देखें »
बंकिमचन्द्र चट्टोपाध्याय
'''वन्दे मातरम्''' के रचयिता बंकिमचन्द्र चट्टोपाध्याय बंकिमचन्द्र चट्टोपाध्याय (बंगाली: বঙ্কিমচন্দ্র চট্টোপাধ্যায়) (२७ जून १८३८ - ८ अप्रैल १८९४) बंगाली के प्रख्यात उपन्यासकार, कवि, गद्यकार और पत्रकार थे। भारत के राष्ट्रीय गीत 'वन्दे मातरम्' उनकी ही रचना है जो भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के काल में क्रान्तिकारियों का प्रेरणास्रोत बन गया था। रवीन्द्रनाथ ठाकुर के पूर्ववर्ती बांग्ला साहित्यकारों में उनका अन्यतम स्थान है। आधुनिक युग में बंगला साहित्य का उत्थान उन्नीसवीं सदी के मध्य से शुरु हुआ। इसमें राजा राममोहन राय, ईश्वर चन्द्र विद्यासागर, प्यारीचाँद मित्र, माइकल मधुसुदन दत्त, बंकिम चन्द्र चट्टोपाध्याय, रवीन्द्रनाथ ठाकुर ने अग्रणी भूमिका निभायी। इसके पहले बंगाल के साहित्यकार बंगला की जगह संस्कृत या अंग्रेजी में लिखना पसन्द करते थे। बंगला साहित्य में जनमानस तक पैठ बनाने वालों मे शायद बंकिम चन्द्र चट्टोपाध्याय पहले साहित्यकार थे। .
नई!!: ईश्वर चन्द्र विद्यासागर और बंकिमचन्द्र चट्टोपाध्याय · और देखें »
भारत में महिलाएँ
ताज परिसर में भारतीय महिलाएँऐश्वर्या राय बच्चन की अक्सर उनकी सुंदरता के लिए मीडिया द्वारा प्रशंसा की जाती है।"विश्व की सर्वाधिक सुंदर महिला?"cbsnews.com. अभिगमन तिथि २७ अक्टूबर २००७01 भारत में महिलाओं की स्थिति ने पिछली कुछ सदियों में कई बड़े बदलावों का सामना किया है। प्राचीन काल में पुरुषों के साथ बराबरी की स्थिति से लेकर मध्ययुगीन काल के निम्न स्तरीय जीवन और साथ ही कई सुधारकों द्वारा समान अधिकारों को बढ़ावा दिए जाने तक, भारत में महिलाओं का इतिहास काफी गतिशील रहा है। आधुनिक भारत में महिलाएं राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, लोक सभा अध्यक्ष, प्रतिपक्ष की नेता आदि जैसे शीर्ष पदों पर आसीन हुई हैं। .
नई!!: ईश्वर चन्द्र विद्यासागर और भारत में महिलाएँ · और देखें »
भारतीय समाजसुधारक
भारतीय समाज सुधारक, जिन्होंने आधुनिक भारत की नींव स्थापित करने में मदद की है एक समृद्ध इतिहास के कुछ मामलों में, राजनीतिक कार्रवाई और दार्शनिक शिक्षाओं के माध्यम से दुनिया भर में अपने प्रभाव से प्रभावित किया है, यह एक साथ समाज सुधारकों जो उम्र के माध्यम से रहता है की एक विस्तृत सूची डाल करने के लिए लगभग असंभव है। नीचे उनमें से कुछ कर रहे हैं।.
नई!!: ईश्वर चन्द्र विद्यासागर और भारतीय समाजसुधारक · और देखें »
महेश चन्द्र नारायण भट्टाचार्य
महामहोपाध्याय पण्डित महेश चन्द्र नारायण भट्टाचार्य (22 फरवरी 1836 – 12 अप्रैल 1906) संस्कृत के विद्वान तथा कोलकाता के संस्कृत कॉलेज के प्रधानाचार्य (१८७६ से १८९५ तक) थे। वे ईश्वर चन्द्र विद्यासागर के मित्र और सहकर्मी थे। उन्होने बंगाल के नवजागरण में महती भूमिका निभायी। १९वीं शताब्दी के कोलकाता के सबसे गणमान्य व्यक्तियों में उनकी गणना होती है। श्रेणी:संस्कृत विद्वान.
नई!!: ईश्वर चन्द्र विद्यासागर और महेश चन्द्र नारायण भट्टाचार्य · और देखें »
रामकृष्ण परमहंस
रामकृष्ण परमहंस भारत के एक महान संत एवं विचारक थे। इन्होंने सभी धर्मों की एकता पर जोर दिया। उन्हें बचपन से ही विश्वास था कि ईश्वर के दर्शन हो सकते हैं अतः ईश्वर की प्राप्ति के लिए उन्होंने कठोर साधना और भक्ति का जीवन बिताया। स्वामी रामकृष्ण मानवता के पुजारी थे। साधना के फलस्वरूप वह इस निष्कर्ष पर पहुँचे कि संसार के सभी धर्म सच्चे हैं और उनमें कोई भिन्नता नहीं। वे ईश्वर तक पहुँचने के भिन्न-भिन्न साधन मात्र हैं। .
नई!!: ईश्वर चन्द्र विद्यासागर और रामकृष्ण परमहंस · और देखें »
विद्यासागर सेतु
विद्यासागर सेतु (प्रचलित नाम: दूसरा हावड़ा ब्रिज) हुगली नदी पर कोलकाता से हावड़ा को जोड़ता हुआ सेतु है। यह सेतु टोल ब्रिज है, किंतु साइकिलों के लिए निःशुल्क है। यह अपने प्रकार के सेतुओं में भारत में सबसे लंबा और एशिया के सबसे लंबे सेतुओं में से एक है। इस सेतु का नाम उन्नीसवीं शताब्दी के बंगाली समाज-सुधारक ईश्वर चंद्र विद्यासागर के नाम पर रखा गया है। इस सेतु के दोनों ओर ही नदी पर दो अन्य बड़े सेतु भी हैं.
नई!!: ईश्वर चन्द्र विद्यासागर और विद्यासागर सेतु · और देखें »
२६ सितम्बर
26 सितंबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 269वॉ (लीप वर्ष में 270 वॉ) दिन है। साल में अभी और 96 दिन बाकी है। .
नई!!: ईश्वर चन्द्र विद्यासागर और २६ सितम्बर · और देखें »