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इल्बर्ट विधेयक

सूची इल्बर्ट विधेयक

इल्बर्ट विधेयक (Ilbert Bill) भारत में सन् १८८३ में ब्रिटिश राज के दौरान वाइसराय रिपन द्वारा सुझाया गया एक कानून था जिसके अंतर्गत ज़िले-स्तर के भारतीय न्यायाधीशों को ब्रिटिश मुल्ज़िमों पर न्यायिक आदेश जारी करने का अधिकार दिया जाना था। उस समय से पहले भारतीयों को ब्रिटिश अपराधियों से सम्बंधित मुक़द्दमे सुनने का हक़ नहीं था। इस विधेयक का नाम कोर्टनी इल्बेर्ट (Courtenay Ilbert) पर रखा गया जो वाइसराय की भारत परिषद् के क़ानूनी सलाहकार थे।, Karuna Mantena, pp.

1 संबंध: रिपन

रिपन

लिटन के सारे काम नस्ली भेदभाव से प्रेरित थे और वे भारत मे अशांति का कारण बने उसने एक भी काम एसा नही किया जिस से भारत के लोग खुश होते वो भारत मे असंतोष का कारण बन गया लार्ड रिपन- वह एक उदार जनतांत्रिक चेतना वाला व्यक्ति था वो लिटन से ठीक विपरीत था, उसने भारत मे अपनाई गई लिटन की नीति को पलट दिया था यथा प्रेस एक्ट को रद्द कर दिया साथ ही अनेक प्रगतिशील उदार कदम उठाए १ पहली जनगणना उसके काल मे ही हुई थी 1881 इस से दशक्वार जनगणना का प्रारम्भ हुआ था २ वित्तीय विकेंद्रिकरण हेतु उसने लोकवित्त को केन्द्र व प्रांत खंड मे बाँट दिया था ३ पहला फेक्टोरी एक्ट 1881 लाकर उसने श्रम विधि का प्रारम्भ किया, बाल श्रम का निषेध किया, निरिकशो की निउक्ति की गई ४ स्थानीय स्वशासन एक्ट 1882 लाकर वो भारत मे स्थानीय स्वशासन का पिता भी बन गया था इस एक्ट द्वारा शहर व गाँव मे स्थानीय बोर्ड बने ५ हंटर आयोग 1882 भारतीय शिक्षा के आधोनिकीकरण हेतु निउक्त किया गया जिसने जनशिक्षा शेत्र मे राज्य के उत्तर्दयितव पे बल दिया था उसकी शिफरेश थी ५.१ प्राथमिक शिक्षा को स्थानीय निकायों को सोंप दिया जाए ५,२ माध्यमिक शिक्षा के विकास हेतु अनुदानित स्कूल की प्रथा का विकास किया जाए ५.३ महिला शिक्षा के उठान के लिए सुविधा दी जाए ६ इल्बर्ट बिल विवाद ये विवाद दीर्ग्काल से चल रहे भेदभाव को समाप्त करने का प्रयास था ये ब्रिटिश नस्लवाद की पराकास्था थी ये भारत के रास्त्र्वाद विकास मे महत्वपूर्ण भूमिका रखता है रिपन के सारे उदारवादी काम इस एक विवाद से छुप गए.

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इल्बर्ट बिल विवाद

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