101 संबंधों: चतुर उपकरण, टेक्सस इंस्ट्रुमेंट्स, एम बी एम अभियान्त्रिकी महाविद्यालय, एकीकृत परिपथ, एकीकृत परिपथ की डिजाइन, ऐविओनिकी, डिमॉर्गन नियम, डिजिटल कैमरा, त्रिकोणमिति के उपयोग, तेज़ी से बिकने वाली उपभोक्ता वस्तुएँ, तोशिबा, दयाल सिंह कॉलेज, करनाल, धारा-वोल्टता अभिलक्षण, नायलॉन, नाइक्विस्ट स्थायित्व निकष, निर्वात नली, निष्क्रिय घटक, नैनोकण, नेपियर, परिपथ आरेख, परिवेशी बुद्धि, पाक कला पुस्तक, पुनर्चक्रण, प्रिन्टेड सर्किट बोर्ड, प्रकाश-विलगक, प्रकाशिक संचार, प्रेरकत्व, पीएच मापक, फ़्रांस की अर्थव्यवस्था, फ़ॉर्मूला वन, फिलिप्स, फ्यूज, फ्लिप-फ्लॉप, बहुसंकेतक, बिरला प्रौद्योगिकी संस्थान, ब्रिटिश फिज़िकल लैबोरेटरीज़ समूह, बूलीय बीजगणित (तर्कशास्त्र), बीज-लेखन, मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, गोरखपुर, मदरबोर्ड, मिलर प्रभाव, मुजफ्फरपुर तकनीकी संस्थान, मौलाना आजाद राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, भोपाल, मोबाइल फ़ोन, यूनिवर्सिटी इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय, यूज़र इंटरफ़ेस, राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, दुर्गापुर, राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान, कोहिमा, रासायनिक इंजीनियरी, रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन, ..., रैखिक नियामक, रोबॉटिक्स, रोबोट, रोम (ROM), रोस्टेक, लब्धि, लाउडस्पीकर, लघु परिपथ, श्मिट का ट्रिगर, श्रेणीक्रम और समानांतरक्रम परिपथ, श्री गोविन्दराम सेकसरिया प्रौद्योगिकी एवं विज्ञान संस्थान, समिश्र संख्या, सायबर युद्ध, सिलिकॉन, संचरण लाइन, संगणन हार्डवेयर का इतिहास, संगणक अभियान्त्रिकी, सुधीरा दास, सूक्ष्म-इलेक्ट्रॉनिकी, हार्डवेयर वर्णन की भाषा, जापान की अर्थव्यवस्था, जिटर, विद्युत और इलेक्ट्रॉनिक अभियांत्रिकी की समयरेखा, विद्युत अभियान्त्रिकी, विद्युतचुम्बकीय सिद्धान्त का इतिहास, विद्युतीय प्रतीक, गतिक परिसर, गन्स एण्ड रोज़ेज़, गृह स्वचालन, गैलेक्सी नेक्सस, गैजेट, गोकोंग्वेई अभियांत्रिकी महाविद्यालय, ओनिडा इलेक्ट्रॉनिक्स, ओम का नियम, ओममापी, आपरेशनल एम्प्लिफायर, आर्केड गेम, इलेक्ट्रानिक पत्रिका, इलेक्ट्रॉनिक खेल, कार्बन नैनोट्यूब, क्रिस्टलता, केरिन्थिया (Kärnten), कोजो (प्रोग्रामन भाषा), कीबोर्ड उपकरण, अनुरूप से अंकीय परिवर्तक, अभियान्त्रिकी, अर्धचालक पदार्थ, अर्धचालक युक्ति, अंकीय इलेक्ट्रॉनिकी, अंकीय-अनुरूप रूपांतरण, उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स। सूचकांक विस्तार (51 अधिक) »
चतुर उपकरण
चतुर उपकरण (smart device) ऐसा इलेट्रानिक उपकरण होता है जिसमें मानव प्रयोगकर्ताओं के साथ अंतःक्रिया करने की और स्वयं कार्य करने की कुछ क्षमता हो। अक्सर यह उपकरण नेटवर्क के द्वारा अन्य उपकरणों से ब्लूटूथ, नियर फील्ड कम्युनिकेशन, वाई-फ़ाई और अन्य तकनीकों के द्वारा जुड़े हुए होते हैं। वस्तु अंतरजाल में चतुर उपकरणों की महत्वपूर्ण भूमिका है। कुछ चतुर उपकरणों में कृत्रिम बुद्धि के गुण भी होते हैं। चतुर उपकरणों की श्रेणी में स्मार्टफ़ोन और टैबलेट भी शामिल हैं। .
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टेक्सस इंस्ट्रुमेंट्स
टेक्सस इंस्ट्रुमेंट्स, एक अमरीकी बहुराष्ट्रीय अर्धचालक उत्पाद कंपनी है। यह टेक्सस, कैलीफोर्निया, संयुक्त राज्य में स्थित है। टेक्सस इंस्ट्रुमेंट्स, मुख्यालय; डेल्लस .
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एम बी एम अभियान्त्रिकी महाविद्यालय
एम॰बी॰एम॰ अभियांत्रिकी महाविद्यालय (MBM Engineering College; मगनीराम बांगड़ मैमोरियल इंजीनियरिंग कॉलेज; एमबीएम), जोधपुर भारत के सबसे पुराने और प्रतिष्ठित अभियान्त्रिकी महाविद्यालयों में से एक है। इस कॉलेज की स्थापना राजस्थान सरकार द्वारा 15 अगस्त 1951 को की गई थी। यह महाविद्यालय अभियांत्रिकी के क्षेत्र में अपने उच्च शैक्षिक स्तर के कारण न केवल राजस्थान राज्य में ही, बल्कि पूरे देश में अग्रणी तकनीकी संस्थान के रूप में प्रतिष्ठित है। इस महाविद्यालय में अनेक तकनीकी विषयों में स्नातक और स्नातकोत्तर स्तर की शिक्षा प्रदान की जाती है। शोधार्थी यहाँ स्नातकोत्तर शिक्षा के बाद पी.एचडी. डिग्री तथा स्नातकोत्तर डिप्लोमा के लिए भी अध्ययन करते हैं। सम्प्रति यह महाविद्यालय जुलाई 1962 से जोधपुर, राजस्थान के जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय के अंतर्गत अभियांत्रिकी तथा स्थापत्यकला संकाय के रूप में मान्यता प्राप्त है। .
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एकीकृत परिपथ
माइक्रोचिप कम्पनी की इप्रोम (EPROM) स्मृति के एकीकृत परिपथ आधुनिक सरफेस माउण्ट आईसी ऐटमेल (Atmel) की एक आईसी, जिसके अन्दर स्मृति ब्लॉक, निवेश निर्गम (इन्पुट-ऑउटपुट) एवं तर्क के ब्लॉक देखे जा सकते हैं। यह एक ही चिप में पूरा तन्त्र (System on Chip) है। एलेक्ट्रॉनिकी में एकीकृत परिपथ या एकीपरि (इन्टीग्रेटेड सर्किट (IC)) को सूक्ष्मपरिपथ (माइक्रोसर्किट), सूक्ष्मचिप, सिलिकॉन चिप, या केवल चिप के नाम से भी जाना जाता है। यह एक अर्धचालक पदार्थ के अन्दर बना हुआ एलेक्ट्रॉनिक परिपथ ही होता है जिसमें प्रतिरोध, संधारित्र आदि पैसिव कम्पोनेन्ट (निष्क्रिय घटक) के अलावा डायोड, ट्रान्जिस्टर आदि अर्धचालक अवयव निर्मित किये जाते हैं। जिस प्रकार सामान्य परिपथ का निर्माण अलग-अलग (डिस्क्रीट) अवयव जोड़कर किया जाता है, आईसी का निर्माण वैसे न करके एक अर्धचालक के भीतर सभी अवयव एक साथ ही एक विशिष्ट प्रक्रिया का पालन करते हुए निर्मित कर दिये जाते हैं। एकीकृत परिपथ आजकल जीवन के हर क्षेत्र में उपयोग में लाये जा रहे हैं। इनके कारण एलेक्ट्रानिक उपकरणों का आकार अत्यन्त छोटा हो गया है, उनकी कार्य क्षमता बहुत अधिक हो गयी है एवं उनकी शक्ति की जरूरत बहुत कम हो गयी है। संकर एकीकृत परिपथ भी लघु आकार के एकीपरि (एकीकृत परिपथ) होते हैं किन्तु वे अलग-अलग अवयवों को एक छोटे बोर्ड पर जोड़कर एवं एपॉक्सी आदि में जड़कर (इम्बेड करके) बनाये जाते हैं। अतः ये मोनोलिथिक आई सी से भिन्न हैं। .
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एकीकृत परिपथ की डिजाइन
एकीकृत परिपथ की डिजाइन (Integrated circuit design या IC design) इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरी का एक प्रभाग है जिसमें एकीकृत परिपथों की डिजाइन में प्रयुक्त तकनीकों का समावेश होता है। .
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ऐविओनिकी
ऐविओनिकी शब्द का अर्थ है उड़ान में प्रयुक्त होने वाली इलेक्ट्रॉनिक्स| इसमें मुख्यतः संचार, नेविगेशन, नियंत्रण और डिजिटल प्रदर्शन से सम्बंधित हार्डवेयर एवं साफ्टवेयर का निर्माण और संचालन सम्मिलित होता है| प्रक्षेपण यान में प्रयुक्त ऐविओनिकी श्रेणी:इलेक्ट्रॉनिक्स.
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डिमॉर्गन नियम
प्रतिज्ञप्तिक कलन (propositional calculus) तथा बूलीय बीजगणित में निम्नलिखित दो नियमों को डिमॉर्गन नियम (De Morgan's laws) कहते हैं। "(A और B) नहीं" एवं "(A नहीं) या (B नहीं)" समान हैं। इसी प्रकार, "(A या B) नहीं" एवं "(A नहीं) और (B नहीं)" समान हैं। अंग्रेजी में, "not (A and B) '" is the same as "(not A) or (not B)" also, "not (A or B)" is the same as "(not A) and (not B)".
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डिजिटल कैमरा
एक डिजिटल कैमरा (या संक्षेप में - डिजिकैम) एक ऐसा कैमरा है जो डिजिटल रूप में वीडियो या स्टिल फोटोग्राफ या दोनों लेता है और एक इलेक्ट्रॉनिक इमेज सेंसर के माध्यम से चित्रों को रिकॉर्ड कर लेता है। कैनन पॉवरशॉट A95 Canon PowerShot A95 के सामने और पीछे का हिस्सा. कई कॉम्पैक्ट डिजिटल स्टिल कैमरे, ध्वनि और मूविंग वीडियो के साथ-साथ स्टिल फोटोग्राफ को भी रिकॉर्ड कर सकते हैं। पश्चिमी बाजार में, डिजिटल कैमरों के 35 mm फ़िल्म काउंटरपार्ट की ज्यादा बिक्री होती है। डिजिटल कैमरे, वे सभी काम कर सकते हैं जो फ़िल्म कैमरे नहीं कर पाते हैं: रिकॉर्ड करने के तुरंत बाद स्क्रीन पर इमेजों को प्रदर्शित करना, एक छोटे-से मेमोरी उपकरण में हज़ारों चित्रों का भंडारण करना, ध्वनि के साथ वीडियो की रिकॉर्डिंग करना और संग्रहण स्थान को खाली करने के लिए चित्रों को मिटा देना.
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त्रिकोणमिति के उपयोग
त्रिकोणमिति के हजारों उपयोग होते हैं। पाठ्यपुस्तकों में भूमि सर्वेक्षण, जहाजरानी, भवन आदि का ही प्राय: उल्लेख किया गया होता है। इसके अलावा यह गणित, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी आदि शैक्षिक क्षेत्रों में भी प्रयुक्त होता है। .
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तेज़ी से बिकने वाली उपभोक्ता वस्तुएँ
तेजी से बिकने वाली उपभोक्ता वस्तुओं (अंग्रेजी: FMCG या Fast Moving Consumer Goods) से अभिप्राय उन उत्पादों से है जिन्हें अपेक्षाकृत कम कीमत पर किंतु शीघ्रता से बेचा जाता है। हालांकि FMCG की बिक्री पर परिशुद्ध लाभ अपेक्षाकृत कम होता है, लेकिन आम तौर पर यह वस्तुएं एक बड़ी मात्रा में बेची जाती हैं जिसके फलस्वरूप इन उत्पादों पर संचयी लाभ काफी ज्यादा बन जाता है। एफ.एम.सी.जी.
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तोशिबा
तोशिबा कार्पोरेशन (Toshiba Corporation, 株式会社東芝) एक जापानी मल्टीनैशनल कंपनी है जिसका मुख्यालय टोक्यो, जापान में स्थित है। यह कंपनी डेस्कटॉप, सर्वर, लैपटॉप, नेटबुक, पेरिफेरल्स, डिजिटल सामग्री, इलेक्ट्रोनिक सामग्री और हिस्से, सामाजिक इन्फ्रास्ट्रक्चर, घरेलु सामान, टेलिविज़न के निर्माण में अग्रणीय कंपनियों में से एक है। २०१० में तोशिबा विश्व की पांचवी सबसे बड़ी कंप्यूटर निर्माता कंपनियों में से एक बन गई (हैवलेट-पैकर्ड, डेल, एसर व लेनोवो के पीछे)। उसी वर्ष यह सेमीकंडक्टरों के उत्पादन में विश्व की चौथी सबसे बड़ी कंपनी बन गई (इंटेल कार्पोरेशन, सैमसंग इलेक्ट्रोनिक्स व टेक्सास इंस्ट्रुमेंट्स के पीछे)। .
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दयाल सिंह कॉलेज, करनाल
दयाल सिंह कॉलेज, करनाल, हरियाणा में एक स्नातकोत्तर महाविद्यालय है। यह सरदार दयाल सिंह मजीठिया द्वारा १९१० में स्थापित किया गया था, जिन्होंने दयाल सिंह कालेज, लाहौर और दयाल सिंह कॉलेज, दिल्ली की भी स्थापना की थी। यह दयाल सिंह कॉलेज ट्रस्ट सोसाइटी दिल्ली द्वारा प्रबंधित है। .
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धारा-वोल्टता अभिलक्षण
चार युक्तियों के धारा-वोल्टता अभिलक्षण: उच्च मान वाला प्रतिरोध, कम मान वाला प्रतिरोध, पी-एन जंक्शन डायोड, बैटरी जिसका आन्तरिक प्रतिरोध शून्य नहीं है। क्षैतिज अक्ष पर वोल्टता है और उर्ध्व अक्ष पर धारा। किसी युक्ति का धारा-वोल्टता अभिलक्षण (current–voltage characteristic) या I-V वक्र (I–V curve) वह ग्राफ है जो उसके सिरों के बीच विभवान्तर एवं उससे होकर बहने वाली धारा के बीच सम्बन्ध बताता है। इसका उपयोग विभिन्न क्षेत्रों में होता है जिसमें इलेक्ट्रॉनिकी प्रमुख है। MOSFET की ड्रेन-धारा तथा ड्रेन-स्रोत वोल्टता के बीच सम्बन्ध (''overdrive voltage'', V_GS-V_th के अनेक मानों के लिये) श्रेणी:धारा वोल्टता अभिलक्षण.
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नायलॉन
नायलॉन (nylon) कुछ ऐलिफ़ैटिक यौगिकों पर आधारित कृत्रिम पॉलीमरों का सामूहिक नाम है। यह एक रेश्मी थर्मोप्लास्टिक सामग्री होती है जिसे रेशों, परतों और अन्य आकारों में ढाला जा सकता है। नायलॉन आर्थिक रूप से महत्वपूर्ण है और इसका प्रयोग दाँत के बुरुशों, वस्त्रों, मोज़ों, इत्यादि में होता है। अन्य थर्मोप्लास्टिकों की तरह यह अधिक तापमान पर पिघल जाता है इसलिए इसके वस्त्र आग से सम्पर्क में आने पर बहुत संकटमय होते हैं क्योंकि वह पिघलकर त्वचा से चिपक जाते है और फिर आग पकड़ लेते हैं, जिस कारणवश अब इसका प्रयोग अन्य वस्तुओं में अधिक देखा जाने लगा है, जैसे कि इलेक्ट्रॉनिक्स (जिसमें इसके परावैद्युत गुण काम आते हैं), संगीत वाद्यों के तंतुओं, इत्यादि में। .
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नाइक्विस्ट स्थायित्व निकष
नियंत्रण सिद्धान्त एवं स्थायित्व सिद्धान्त में, नाइक्विस्ट स्थायित्व निकष (Nyquist stability criterion) नियंन्त्रण प्रणालियों के स्थायित्व से सम्बन्धित एक निकष (कसौटी) है। इसका उपयोग इलेक्ट्रॉनिकी और नियंत्रण प्रणाली इंजीनियरी में एवं अन्य क्षेत्रों में बहुतायत से होता है। यद्यपि नाइक्विस्ट का निकष सर्वाधिक सामान्य स्थायित्व परीक्षणों में से एक है, फिर भी यह केवल समय के साथ अपरिवर्तनशील रैखिक (LTI) प्रणालियों के लिये है। इस निकष का आविष्कार स्वीडेन-अमेरिकी विद्युत इंजीनियर हैरी नाइक्विस्ट ने १९३२ में बेल्ल टेलीफोन प्रयोगशाला में किया था। on .
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निर्वात नली
आधुनिक निर्वात नलियाँ (अधिकांशतः लघु आकार वाली) इलेक्ट्रॉनिकी में निर्वात नली एक ऐसी युक्ति है जिसका कार्य निर्वात में विद्युत धारा के प्रवाह पर आधारित है। इसे एलेक्ट्रॉन नली (उत्तरी अमेरिका), तापायनिक वॉल्व (यूके में) या केवल 'ट्यूब' या 'वॉल्व' भी कहते हैं। इनमें एक तप्त फिलामेण्ट (कैथोड) से निकलने वाले एलेक्ट्रॉन निर्वात में गति करके एनोड पर पहुंचते हैं जो कैथोड की अपेक्षा अधिक वोल्टता पर रखा गया होता है। निर्वात नलियों के प्रादुर्भाव ने एलेक्ट्रॉनिकी के जन्म और विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। .
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निष्क्रिय घटक
निष्क्रियता किसी इंजीनियरी प्रणाली का एक गुण है, जिसका प्रयोग सबसे अधिक इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरी और नियंत्रण प्रणालियों में किया जाता है। क्षेत्र के आधार पर एक निष्क्रिय घटक (passive compnent) वह है जो उर्जा का उपभोग तो करता है पर इसका उत्पादन नहीं करता, या यह वो घटक हैं जो शक्ति प्रवर्धन (power gain) मे अक्षम होते हैं। जो घटक निष्क्रिय नहीं होते, सक्रिय घटक (Active components) कहलाते हैं। पूरी तरह से निष्क्रिय घटकों से बना एक इलेक्ट्रॉनिक परिपथ, निष्क्रिय परिपथ कहलाता है (और इसके गुण एक निष्क्रिय घटक के समान ही होते हैं)।;निष्क्रिय घटक - प्रतिरोध, प्रेरकत्व, संधारित्र, डायोड आदि; सक्रिय घटक - ट्रांजिस्टर, मॉसफेट, टेट्रोड, पेन्टोड, आपरेशनल एम्प्लिफायर आदि .
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नैनोकण
नैनोकण (nanoparticles) १ से १०० नैनोमीटर तक का आकार रखने वाले कण होते हैं। नैनोप्रौद्योगिकी में कण की परिभाषा में उसके एक ईकाई के रूप में दिखने, यात्रा करने और अन्य गुण व व्यवहार प्रदर्शित करने को अनिवार्य ठहराया जाता है। नैनोकणों का रसायनिकी, जीवविज्ञान, चिकित्सा, इलेक्ट्रोनिकी और अन्य प्रौद्योगिकी व विज्ञान की शाखाओं में बहुत महत्व है। .
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नेपियर
नेपियर (जिसे माओरी भाषा में अहुरिरी कहा जाता है) न्यूजीलैंड का एक शहर है जहाँ उत्तरी द्वीप के पूर्वी तट पर होक्स बे में एक समुद्रतटीय बंदरगाह स्थित है। नेपियर की जनसंख्या लगभग है। नेपियर से तकरीबन 18 किलोमीटर दक्षिण हेस्टिंग्स का अंतर्देशीय शहर बसा है। इन दो पड़ोसी शहरों को अक्सर न्यूजीलैंड का "जुड़वां शहर (द ट्विन सिटीज)" या "खाड़ी शहर (द बे सिटीज)" कहा जाता है। नेपियर और हेस्टिंग्स के महानगरीय क्षेत्र की कुल आबादी लगभग 122,600 लोगों की है जो नेपियर-हेस्टिंग्स को न्यूजीलैंड का पाँचवां सबसे बड़ा महानगरीय क्षेत्र बनाता है जिसके काफी करीब तौरंगा (आबादी 116,000) और डुनेडिन (आबादी 115,000) है और अनुगामी हैमिल्टन (आबादी 169,000) शहर है। नेपियर न्यूजीलैंड की राजधानी वेलिंगटन से लगभग 320 किलोमीटर उत्तर-पूर्व की ओर स्थित है। नेपियर की आबादी हेस्टिंग्स की तुलना में कम है लेकिन इसके समुद्रतटीय बंदरगाह और हवाई अड्डे के कारण इसे मुख्य केंद्र के रूप में देखा जाता है, हालांकि हेस्टिंग्स में भी एक छोटा हवाई अड्डा मौजूद है। नेपियर दक्षिणी गोलार्द्ध के सबसे बड़े ऊन केंद्र का संपर्क सूत्र है और इसके पास पूर्वोत्तर न्यूजीलैंड के लिए एक मुख्य समुद्रतटीय निर्यात संबंधी बंदरगाह है - जो न्यूजीलैंड में सेब, नाशपाती और स्टोन फ्रूट का सबसे बड़ा उत्पादक है। नेपियर एक महत्वपूर्ण अंगूर और शराब उत्पादन का क्षेत्र भी बन गया है जहाँ अंगूर की खेती ज्यादातर हेस्टिंग्स के आसपास होती है जिन्हें निर्यात के लिए नेपियर के बंदरगाह से होकर भेजा जाता है। भेड़ के ऊन, फ्रोजन मांस, लकड़ी के लुगदी और लकडियाँ काफी मात्रा में स्टीमर जहाज़ों के जरिये निर्यात के लिए हर साल नेपियर से होकर गुजरती हैं। बेशक, इन सामग्रियों को छोटी मात्राओं में लॉरी और रेलवे के जरिये स्वयं न्यूजीलैंड के बड़े महानगरीय क्षेत्रों जैसे कि ऑकलैंड, वेलिंगटन और हैमिल्टन में भेजा जाता है। नेपियर एक लोकप्रिय पर्यटन संबंधी शहर है जहाँ 1930 के दशक की आर्ट डेको वास्तुकला का अनूठा संग्रह मौजूद है। तस्वीरों में सबसे अधिक प्रयोग किये गए देश के आकर्षक पर्यटन केन्द्रों में से एक यहाँ मौजूद है, मरीन परेड पर स्थित इस प्रतिमा को पैनिया ऑफ द रीफ कहा जाता है। हर साल फरवरी के महीने में हजारों लोग आर्ट डेको सप्ताहांत आयोजन के लिए नेपियर में जमा होते हैं, जो इसकी आर्ट डेको विरासत और इतिहास का एक भव्य समारोह है। मेहमानों को आकर्षित करने वाले अन्य उल्लेखनीय पर्यटन संबंधी आयोजनों में इस क्षेत्र का वाइन एंड फ़ूड फेस्टिवल (जिसका नाम हार्वेस्ट होक्स बे है) और नजदीकी टाउनशिप टाराडेल में मिशन एस्टेट वाइनरी में आयोजित होने वाला मिशन कॉन्सर्ट शामिल है। .
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परिपथ आरेख
चित्रात्मक (पिक्टोरियल) एवं योजनामूलक (स्कीमैटिक) परिपथ आरेखों की तुलना ४-बिट का टीटीएल काउन्टर का परिपथ आरेख किसी विद्युत परिपथ के सरलीकृत आरेख को परिपथ आरेख (circuit diagram), या विद्युत आरेख (electrical diagram) या एलेक्ट्रानिक स्कीमैटिक (electronic schematic) कहते हैं। विद्युत परिपथ में प्रयुक्त अवयवों को आरेख में उनके सरलीकृत मानक प्रतीकों के माध्यम से दर्शाया जाता है। यह जरूरी नहीं है कि आरेख में चित्रित अवयव उस विन्यास दिखाये गये हों जिस तरह से वे अन्तिम परिपथ में लगे होते हैं। परिपथ आरेख, ब्लाक आरेख (block diagram) तथा विन्यास-आरेख (layout diagram) से इस मामले में भिन्न होते हैं कि परिपथ आरेख में सभी अवयव एवं उनकी परस्पर जोड़ (connections) को विस्तारपूर्वक दर्शाया जाता है। जिस रेखाचित्र (drawing) में सभी अवयव एवं उनके आपसी जोड़ को सही आकार एवं स्थान पर दिखाया जाता है उसे आर्टवर्क (artwork) विन्यास-आरेख या भौतिक-डिजाइन (physical design) कहते हैं विद्युत प्रौद्योगिकी एवं एलेक्ट्रानिकी में परिपथ आरेखों का बहुत महत्व है। इनका उपयोग परिपथों की डिजाइन, सिमुलेशन, पीसीबी ले-आउट बनाने एवं उपकरणों को सुधारने में होता है। डिजाइन की प्रक्रिया प्राय: निम्नलिखित क्रम में चलती है- .
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परिवेशी बुद्धि
अभिकलन में परिवेशी बुद्धि (ambient intelligence) ऐसी इलेक्ट्रानिक और संगणक (कम्प्यूटर) प्रणालियों को कहते हैं जो मानवों की उपस्थिति के बारे में सचेत हों और स्वयं ही उनकी इच्छा भाँपकर उसके अनुकूल कार्य करें। इसकी मदद से विविध यंत्र और अन्य वस्तुएँ सूचना और कृत्रिम बुद्धि के प्रयोग से लोगों के दैनिक जीवन की क्रियाओं और कार्यों को अधिक आसान बनाने का प्रयास करते हैं। जैसे-जैसे यह उपकरण व यंत्र छोटे होते चले जाते हैं और घरों, वाहनों, वस्त्रों व कार्यालयों का भाग बनते चले जाएँगे, वे स्वयं दृष्टि से लगभग ग़ायब हो जाएँगे और लोग बिना-सोचे उनका सरलता से उपयोग कर पाएँगे। परिवेशी बुद्धि के लिए वस्तु अंतरजाल का विकसित होना अनिवार्य है और तेज़ी से हो भी रहा है। .
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पाक कला पुस्तक
पाक कला पुस्तक रसोईघर से संबंधित एक पुस्तक है जिसमें आम तौर पर खाना पकाने की विधियों का संग्रह होता है। इस पुस्तक के आधुनिक संस्करणों में रंगीन चित्र तथा श्रेष्ठ सामग्री या इसके स्थान पर किसी अन्य सामग्री को खरीदने से संबंधित राय भी शामिल हो सकती है। अधिकांश पुस्तकों में घर पर खाने बनाने से संबंधित तकनीकों, खाना पकाने की विधियों एवं मशहूर बावर्चियों (शेफ) की टिप्पणियों, संस्थागत रसोईघर नियमावली और अपेक्षाकृत बड़े समुदाय में पाई जाने वाली सांस्कृतिक समीक्षाओं का उल्लेख होता है। .
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पुनर्चक्रण
पुनरावर्तन में संभावित उपयोग में आने वाली सामग्रियों के अपशिष्ट की रोकथाम कर नए उत्पादों में संसाधित करने की प्रक्रिया ताजे कच्चे मालों के उपभोग को कम करने के लिए, उर्जा के उपयोग को घटाने के लिए वायु-प्रदूषण को कम करने के लिए (भस्मीकरण से) तथा जल प्रदूषण (कचरों से जमीन की भराई से) पारंपरिक अपशिष्ट के निपटान की आवश्यकता को कम करने के लिए, तथा अप्रयुक्त विशुद्ध उत्पाद की तुलना में ग्रीनहाउस गैस के उत्सर्जन को कम करने के लिए पुनरावर्तन में प्रयुक्त पदार्थों को नए उत्पादों में प्रसंस्करण की प्रक्रियाएं सम्मिलित हैं। पुनरावर्तन आधुनिक अपशिष्ट को कम करने में प्रमुख तथा अपशिष्ट को "कम करने, पुनः प्रयोग करने, पुनरावर्तन करने" की क्रम परम्परा का तीसरा घटक है। पुनरावर्तनीय पदार्थों में कई किस्म के कांच, कागज, धातु, प्लास्टिक, कपड़े, एवं इलेक्ट्रॉनिक्स शामिल हैं। हालांकि प्रभाव में एक जैसा ही लेकिन आमतौर पर जैविक विकृतियों के अपशेष से खाद बनाने अथवा अन्य पुनः उपयोग में लाने - जैसे कि भोजन (पके अन्न) तथा बाग़-बगीचों के कचरों को पुनरावर्तन के लायक नहीं समझा जाता है। पुनरावर्तनीय सामग्रियों को या तो किसी संग्रह शाला में लाया जाता है अथवा उच्छिस्ट स्थान से ही उठा लिया जाता है, तब उन्हें नए पदार्थों में उत्पादन के लिए छंटाई, सफाई तथा पुनर्विनीकरण की जाती है। सही मायने में, पदार्थ के पुनरावर्तन से उसी सामग्री की ताजा आपूर्ति होगी, उदाहरणार्थ, इस्तेमाल में आ चुका कागज़ और अधिक कागज़ उत्पादित करेगा, अथवा इस्तेमाल में आ चुका फोम पोलीस्टाइरीन से अधिक पोलीस्टाइरीन पैदा होगा। हालांकि, यह कभी-कभार या तो कठिन अथवा काफी खर्चीला हो जाता है (दूसरे कच्चे मालों अथवा अन्य संसाधनों से उसी उत्पाद को उत्पन्न करने की तुलना में), इसीलिए कई उत्पादों अथवा सामग्रियों के पुनरावर्तन में अन्य सामग्रियों के उत्पादन में (जैसे कि कागज़ के बोर्ड बनाने में) बदले में उनकें ही अपने ही पुनः उपयोग शामिल हैं। पुनरावर्तन का एक और दूसरा तरीका मिश्र उत्पादों से, बचे हुए माल को या तो उनकी निजी कीमत के कारण (उदाहरणार्थ गाड़ियों की बैटरी से शीशा, या कंप्यूटर के उपकरणों में सोना), अथवा उनकी जोखिमी गुणवत्ता के कारण (जैसे कि, अनेक वस्तुओं से पारे को अलग निकालकर उसे पुनर्व्यव्हार में लाना) फिर से उबारकर व्यवहार योग्य बनाना है। पुनरावर्तन की प्रक्रिया में आई लागत के कारण आलोचकों में निवल आर्थिक और पर्यावरणीय लाभों को लेकर मतभेद हैं और उनके सुझाव के अनुसार पुनरावर्तन के प्रस्तावक पदार्थों को और भी बदतर बना देते हैं तथा अनुभोदन एवं पुष्टिकरण के पक्षपातपूर्ण पूर्वग्रह झेलना पड़ता है। विशेषरूप से, आलोचकों का इस मामले में तर्क है कि संग्रहीकरण एवं ढुलाई में लगने वाली लागत एवं उर्जा उत्पादन कि प्रक्रिया में बचाई गई लागत और उर्जा से घट जाती (तथा भारी पड़ जाती हैं) और साथ ही यह भी कि पुनरावर्त के उद्योग में उत्पन्न नौकरियां लकड़ी उद्योग, खदान एवं अन्य मौलिक उत्पादनों से जुड़े उद्योगों की नौकरियां को निकृष्ट सकझा जाती है; और सामग्रियों जैसे कि कागज़ की लुग्दी आदि का पुनरावर्तक सामग्री के अपकर्षण से कुछ ही बार पहले हो सकता है जो और आगे पुनरावर्तन के लिए बाधक हैं। पुनरावर्तन के प्रस्तावकों के ऐसे प्रत्येक दावे में विवाद है और इस संदर्भ में दोनों ही पक्षों से तर्क की प्रामाणिकता ने लम्बे विवाद को जन्म दिया है। .
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प्रिन्टेड सर्किट बोर्ड
सन् १९८३ में ZX स्पेक्ट्रम कम्प्यूटर का मुद्रित परिपथ बोर्ड जिसके एक भाग पर कुछ इलेक्ट्रानिक अवयव जोड़ दिये गये हैं तथा शेष भाग अभी खाली है। बांये चित्र में एक पीसीबी है; दांया चित्र उस पीसीबी पर विद्युत अवयव लगाने के बाद का दृष्य एलेक्ट्रॉनिकी के सन्दर्भ में मुद्रित परिपथ बोर्ड या प्रिन्टेड सर्किट बोर्ड या पीसीबी एक विद्युत अवयव है जो एलेक्ट्रानिक अवयवों को आधार/आश्रय प्रदान करने के लिये तथा इन्हें आपस में सुचालक मार्गों के माध्यम से जोड़ने के लिये उपयोग में लाया जाता है। यह एक कुचालक आधार (सबस्ट्रेट) के ऊपर ताँबा (कॉपर) की पतली पन्नी ढ़ले बोर्ड से सुविचारित ढ़ंग से कॉपर को हटाकर (इच करके) बनाया जाता है। पीसीबी की विशेषता है कि यह मजबूत, सस्ता और अत्यन्त विश्वसनीय होता है। ये भारी मात्रा में एलेक्ट्रॉनिक परिपथों के उत्पादन के लिये सर्वथा उपयुक्त होते हैं। मुद्रित परिपथ बोर्ड एक पतला बोर्ड होता है जिस पर किसी परिपथ के अवयवों को लगाने के लिए छेद बने होते हैं तथा इन अवयवों को दूसरे अवयवों से जोड़ने के लिए कॉपर के पथ (ट्रैक) बने होते हैं। बोर्ड स्वयं किसी अचालक पदार्थ का बना होता है। पीसीबी एक-साइड वाली हो सकती है, दो साइड वाली हो सकती है या अनेकों साइड वाली भी होती है। दो या अधिक साइड वाले बोर्ड के विभिन्न तलों (साइड) के ट्रैक किसी दूसरे तल में जाने के लिए प्लेटेड-थ्रू-छेदों द्वारा जोड़े जाते हैं जिन्हें वाया (via) कहते हैं। आजकल जटिल पीसीबी की डिजाइन के लिए बहुत से प्रोग्राम (निःशुल्क या सशुल्क) उपलब्ध हैं। .
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प्रकाश-विलगक
कुछ प्रकाश-युग्मक एक प्रकाश-युग्मक की क्रियाविधि इलेक्ट्रॉनिकी में प्रकाश-विलगक (opto-isolator) वह इलेक्ट्रॉनिक अवयव है जो किसी विद्युत संकेत को प्रकाश के माध्यम से एक परिपथ से दूसरे परिपथ में भेज सकता है, जो पहले परिपथ से विलगित (आइसोलेटेड) हो। इस प्रकार यह दो अलग-अलग वोल्तता पर स्थित परिपथों के बीच संकेतों का आदान-प्रदान कर सकता है। इस प्रकार इसका कार्य एक विलगक (आइसोलेटर) का है। किन्तु इसे प्रकाश-युग्मक (optocoupler या photocoupler) भी कहते हैं क्योंकि यह परस्पर विलगित दो परिपथों को संकेत द्वारा 'जोड़ने' का काम भी करता है। वाणिज्यिक रूप से उपलब्ध प्रकाश-विलगक १० हजार वोल्ट तक विलगन प्रदान करते हैं तथा 10 kV/μs तक के वोल्टेज परिवर्तन सह सकते हैं। सबसे सामान्य प्रकाश-विलगक में एक प्रकाश उत्सर्जक डायोड (LED) तथा एक फोटोट्रान्जिस्टर होता है। ये दोनों एक ही अपारदर्शी पैकेज के अन्दर निर्मित होते हैं। प्रायः प्रकाश-विलगकों का उपयोग अंकीय संकेतों (on-off) के संचार के लिये किया जाता है किन्तु कुछ विधियों का उपयोग करके इन्हें अनुरूप संकेतों के साथ भी काम में लिया जा सकता है। .
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प्रकाशिक संचार
प्रकाशिक संचार (Optical communication) प्रकाश द्वारा सूचना के संचार व प्रसारण को कहते हैं। यह व्योम, वायु, द्रव या ठोस में प्रकाश के खुले प्रसार द्वारा या इलैक्ट्रॉनिक उपकरणों के प्रयोग के साथ प्रकाश के प्रसार के साथ किया जाता है। ISBN 978-0-86341-327-8 Communications: an international history of the formative years R. W. Burns, 2004 Vol 10, Encyclopaedia Britannica, 6th Edition, 1824 pp.
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प्रेरकत्व
विद्युतचुम्बकत्व एवं इलेक्ट्रॉनिक्स में, प्रेरकत्व (inductance) किसी विद्युत चालक का वह गुण है जिसके कारण इससे होकर प्रवाहित धारा के परिवर्तित होने पर इसके स्वयं सिरों पर तथा दूसरे चालकों के सिरों पर विद्युतवाहक बल उत्पन्न होता है। .
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पीएच मापक
एक पीएच मापक यंत्र पीएच मापक द्रव्यों की अम्लीयता और क्षारीयता यानि पीएच का स्तर मापन करने हेतु उपकरण होता है। इसके द्वारा जांचे गए द्रव्य में अम्लीयता और क्षारीयता का स्तर बराबर रहता है, तो वह द्रव्य उदासीन होता है। कई अर्ध-तरल पदार्थों की जांच हेतु विशेष प्रोब्स का प्रयोग भी किया जाता है। एक पीएच मापक यंत्र में एक मापक प्रोब (कांच की इलेक्ट्रोड) एक इलेक्ट्रॉनिक मीटर से जुड़ी रहती है, व पीएच का स्तर मीटर पर दिख जाता है। पहला वाणिज्यिक पीएच-मापक १९३६ में ब्रिटेन के डॉ॰ आर्नल्ड ओरविले बैकमैन ने बनाया था। कैलिफॉर्निया इंस्टीटय़ूट ऑफ टेक्नोलॉजी के प्रोफेसर बैकमैन को एक ऐसी युक्ति बनाने को कहा गया, जो नींबू के रस की अम्लीयता जल्दी और सही माप सके। .
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फ़्रांस की अर्थव्यवस्था
फ्रांस दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से एक है, यह 2017 के नाममात्र आंकड़ों के अनुसार 6वीं और पीपीपी आंकड़ों के अनुसार 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। जर्मनी के बाद यूरोपीय संघ में इसकी दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। रासायनिक उद्योग, फ्रांस के लिए एक प्रमुख व्यावसायिक क्षेत्र है, जो इसके अन्य विनिर्माण गतिविधियों को विकसित करने और आर्थिक विकास में योगदान देने में मदद करता है। फ्रांस का पर्यटन उद्योग अर्थव्यवस्था का एक प्रमुख घटक है, क्योंकि फ्रांस दुनिया का सबसे अधिक घुमने जाने वाला गंतव्य स्थान है। सोफिया एंटीपोलिस, फ्रांस की अर्थव्यवस्था का प्रमुख प्रौद्योगिकी केंद्र है। पेरिस को दुनिया के सबसे खूबसूरत शहर के रूप में स्थान दिया गया है, जो फैशन उद्योग के समूह का प्रतिनिधित्व करता है। आईएमएफ के अनुसार, 2013 में $44,099 प्रति निवासी के साथ फ्रांस प्रति व्यक्ति जीडीपी में दुनिया का 20वां देश था। 2013 में, फ़्रांस को संयुक्त राष्ट्र के मानव विकास सूचकांक पर 0.884 (बहुत उच्च मानव विकास) और भ्रष्टाचार धारणा सूचकांक पर 25वें स्थान पर सूचीबद्ध किया गया था। ओईसीडी का मुख्यालय देश की वित्तीय राजधानी पेरिस में है। फ्रांस की अर्थव्यवस्था में 2000 के दशक के उत्तरार्ध में मंदी का दौर आया और सबसे अधिक प्रभावित अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में यहाँ से जल्द खत्म होता दिखाई दिया, केवल चार-क्वार्टर्स में संकुचन देखा गया। हालांकि, 2012 से 2014 के बीच में अर्थव्यवस्था में स्थिर विकास देखा गया, जिसमें 2012 में 0% की वृद्धि हुई, 2013 में 0.8% और 2014 में 0.2% की वृद्धि हुई, यद्यपि 2015 से अर्थव्यवस्था में वृद्धि देखी गई जिसमें 2015 में 0.8% की वृद्धि, 2016 में 1.1% की वृद्धि, 2017 में 2.2% की वृद्धि के साथ 2018 में 2.1% तक पहुंच गई। .
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फ़ॉर्मूला वन
The formula was defined in 1946; the first Formula One race was in 1947; the first World Championship season was 1950.
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फिलिप्स
एम्स्टर्डम में फिलिप्स मुख्यालय कोनिंक्लिजके फिलिप्स इलेक्ट्रॉनिक्स एनवी (रॉयल फिलिप्स इलेक्ट्रॉनिक्स इंक.) जिसे आम तौर पर सबसे अधिक फिलिप्स के रूप में जाना जाता है, एक डच इलेक्ट्रोनिक्स कॉर्पोरेशन है। फिलिप्स दुनिया की सबसे बड़ी इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनियों में से एक है। 2009 में, इसकी बिक्री € 23.18 बिलियन थी। कंपनी 60 से अधिक देशों में 123,800 लोगों को रोजगार देती है। फिलिप्स अनेक क्षेत्रों में सुव्यवस्थित है: फिलिप्स कंज्यूमर लाइफस्टाइल्स (पूर्व में फिलिप्स कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स और फिलिप्स डोमेस्टिक एप्लायंसेज तथा पर्सनल केयर), फिलिप्स लाइटिंग और फिलिप्स हैल्थकेयर (पूर्व में फिलिप्स मेडिकल सिस्टम्स).
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फ्यूज
80 kA ब्रेकिंग क्षमता वाला कोई औद्योगिक फ्यूज वैद्युत प्रौद्योगिकी एवं एलेक्ट्रॉनिकी फ्यूज (fuse), परिपथ का एक संरक्षात्मक (प्रोटेक्टिव) अवयव है जो एक नियत मात्रा से अधिक धारा बहने पर परिपथ को तोड देता है। इस प्रकार परिपथ में स्थित अन्य मूल्यवान अवयव अत्यधिक धारा के कारण खराब होने से बच जाते हैं। फ्यूज शब्द फ्यूजिबल लिंक का लघु रूप है। मोटे तौर पर एक धातु की तार या पट्टी इसका मुख्य भाग है जो अधिक धारा बहने की दशा में पिघल जाती है और इस प्रकार परिपथ टूट जाता है। एक सरल परिपथ में फ्यूज की स्थिति कुछ अलग-अलग प्रकार के फ्यूज मोटरगाड़ियों में लगाये जाने वाले फ्यूज विभिन्न प्रकार के फ्यूज-होल्डर .
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फ्लिप-फ्लॉप
एक आर-एस द्विमानित्र (फ्लिप-फ्लॉप) का परिपथ; यह परिपथ दो 'नॉर' द्वारों (गेटों) को जोड़कर बनाया गया है। लाल का अर्थ तर्कसंगत (लॉजिकल) '''1''' है और काला का अर्थ तर्कसंगत '''0''' एलेक्ट्रॉनिकी में द्विमानित्र (फ्लिप-फ्लॉप) एक अंकीय (डिजिटल) परिपथ है जिसका निर्गम (आउटपुट) दो स्थाई अवस्थाओं में में से किसी एक में बना रहता है (जब तक उसे बदलने के लिये निवेश (इनपुट) में कुछ न किया जाय)। इसे 'लैच' (latch) भी कहते हैं। इस परिपथ एक या अधिक निवेश होते हैं जिन पर संकेत का उचित परिवर्तन करके निर्गम के अवस्था (स्टेट) को बदला जा सकता है। इसके एक एक या दो निर्गम होते हैं। द्विमानित्र कई प्रकार के होते हैं और आंकिक एलेक्ट्रॉनिकी की मूलभूत निर्माण-ईकाई हैं। ये आंकड़ा भंडारण के अवयव (अर्थात 'मेमोरी') तैयार करने के लिये प्रयुक्त होते हैं। ये 'अनुक्रमिक तर्क' की श्रेणी में आते हैं। इनका उपयोग स्पंदों (पल्सों) को गिनने (काउन्टर) के लिये तथा अलग-अलग समय पर पहुंचने वाले निवेश संकेतों को समकालिक बनाने (synchronizing) के लिये किया जाता है। .
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बहुसंकेतक
इलेक्ट्रॉनिक्स में, बहुसंकेतक (multiplexer या MUX) कई एनालॉग या डिजिटल इनपुट संकेतों में से एक का चयन करता है और आगे में चयनित इनपुट के लाइन मे युक्ति करता है। बहुसंकेतक मे 2n का n लाइन का चयन करने के लिए उपयोग किया जाता है बहुसंकेतको का मुख्य रूप से समय और बैंडविड्थ की एक निश्चित राशि के भीतर नेटवर्क पर भेजा जाता है और डेटा की मात्रा बढ़ाने के लिए उपयोग किया जाता है। एक बहुसंकेतक को एक डेटा का चयनकर्ता कहा जाता है। एक इलेक्ट्रॉनिक बहुसंकेतक संभव कई संकेतों के बजाय इनपुट संकेत के प्रति एक युक्ति करता है डिवाइस या संसाधन, उदाहरण के लिए एक ए/डी कनवर्टर या एक संचार लाइन को साझा करने के लिए बनाता है।इसके विपरीत, एक बहुसंकेत वियोजक (या demux) एक इनपुट संकेत लेती है और एक इनपुट से जुड़ा है जो कई डेटा-उत्पादन लाइनों में से एक का चयन करने के लिए एक उपकरण है। एक बहुसंकेतक अक्सर प्राप्त अंत पर एक पूरक बहुसंकेत वियोजक के साथ प्रयोग किया जाता है। एक इलेक्ट्रॉनिक बहुसंकेतक एक बहु-इनपुट, एकल उत्पादन स्विच, और एक एकल इनपुट, कई निर्गम स्विच के रूप में एक बहुसंकेत वियोजक के रूप में माना जा सकता है। एक बहुसंकेतक के लिए योजनाबद्ध प्रतीक युक्त अब समानांतर पक्ष के साथ एक समद्विबाहु समलम्ब है और इनपुट पिन और उत्पादन पिन समानांतर पक्ष के होते है। सही बहुसंकेत वियोजक पर योजनाबद्ध छोड़ दिया जाता है और सही पर एक बराबर स्विच पर एक 2 से 1 बहुसंकेतक का पता चलता है। एसईएल तार उत्पादन करने के लिए वांछित इनपुट से जोड़ता है। लागत मे बचत एक बहुसंकेतक के बुनियादी समारोह मे एक ही डाटा प्रवाह में कई आदानों के संयोजन होता है। प्राप्त करने की ओर, एक मूल कई संकेतों में एकल डेटा धारा विभाजन होता है बहुसंकेतक के लिए एकल का उपयोग एक ही चैनल पर एक साथ एक बहुसंकेतक और एक बहुसंकेत वियोजक जोड़ने के द्वारा लागत मे बचत होती है। सही करने के लिए इसकी छवि इसे दर्शाता है। इस मामले में, प्रत्येक डेटा स्रोत के लिए अलग-अलग चैनलों लागू करने की लागत लागत और बहुसंकेतन कार्यों प्रदान की असुविधा से अधिक है। डेटा प्राप्त करने के अंत में एक पूरक बहुसंकेत वियोजक सामान्य रूप से वापस नीचे मूल धाराओं में एक डाटा प्रवाह को तोड़ने के लिए आवश्यक संदेस देता है। कुछ मामलों में, दूर के अंत सिस्टम बहुसंकेत वियोजक का तर्क मौजूद है, जबकि यह वास्तव में शारीरिक रूप से कभी नहीं हो सकता, एक साधारण बहुसंकेत वियोजक और इतने से भी अधिक कार्यक्षमता हो सकता है। एक बहुसंकेतक आईपी नेटवर्क उपयोगकर्ताओं की संख्या में युक्ति करता है और फिर तुरंत अपने मार्ग प्रोसेसर में पूरे लिंक की सामग्री को पढ़ता है जो एक रूटर में सीधे जाती है और फिर इसे आईपी में सीधे परिवर्तित किया जाता है जहां से स्मृति में बहुसंकेत वियोजक मदद करता है अक्सर एक बहुसंकेतक और बहुसंकेत वियोजक आम तौर पर एक "बहुसंकेतक" के रूप में बस जाना जाता है जो उपकरण का एक टुकड़ा, में एक साथ संयुक्त करते हैं। सबसे संचार प्रणालियों दोनों दिशाओं में संचारित होता है क्योंकि उपकरण के दोनों टुकड़ों को एक ट्रांसमिशन लिंक के दोनों सिरों पर की जरूरत है।न्एनालॉग सर्किट डिजाइन में, एक बहुसंकेतक एक एकल उत्पादन करने के लिए कई आदानों से चयनित एक संकेत जोड़ता है वह अनुरूप स्विच की एक विशेष प्रकार है। डिजिटल बहुसंकेतक डिजिटल सर्किट डिजाइन में, चयनकर्ता तारों डिजिटल मूल्य के हैं। उसका का एक तर्क मूल्य उत्पादन करने के लिए I_1 कनेक्ट होता है, जबकि एक 2 से 1 बहुसंकेतक के मामले में, 0 से तर्क मूल्य उत्पादन करने के लिए I_0 कनेक्ट होता है। बड़ा बहुसंकेतक में, चयनकर्ता पिनों की संख्या बराबर है।उदाहरण के लिए, 9-16 आदानों कोई कम से कम 5 चयनकर्ता पिन की आवश्यकता होगी 4 चयनकर्ता पिन और 17-32 आदानों की तुलना में कम नहीं की आवश्यकता होगी। इन चयनकर्ता पिन पर व्यक्त द्विआधारी मूल्य चयनित इनपुट पिन निर्धारित करता है। श्रृंखलन बहुसंकेतक बड़ी बहुसंकेतक उन्हें एक साथ श्रृंखलन द्वारा छोटे बहुसंकेतको का उपयोग करके निर्माण किया जा सकता है। उदाहरण के लिए, एक 8 से 1 बहुसंकेतक दो से 1 4- और एक 2 से 1 बहुसंकेतको के साथ बनाया जा सकता है। दो 4 से 1 बहुसंकेतक बाहरी में लाया जाता है 2 से 1 पर चयनकर्ता पिन के साथ 4 से 1 एक 8 करने के लिए बराबर है, जो करने के लिए 3 चयनकर्ता आदानों की कुल संख्या देने के समानांतर में डाला जाता है। .
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बिरला प्रौद्योगिकी संस्थान
बिरला प्रौद्योगिकी संस्थान मेसरा (अंग्रेज़ी: Birla Institute of Technology Mesra; जो बीआईटी मेसरा या बीआईटी राँची के नाम से भी प्रसिद्ध है) झारखंड के राँची में स्थित भारत का अग्रणी स्वायत्त अभियांत्रिकी और प्रौद्योगिकी उन्मुख संस्थान है। इसे विश्वविद्यालय अनुदान आयोग अधिनियम १९५६ के अनुभाग ३ के तहत एक डीम्ड विश्वविद्यालय का दर्ज़ा हासिल है। मुख्य परिसर के अतिरिक्त लालपुर (रांची), इलाहाबाद, कोलकाता, नोएडा, जयपुर, चेन्नई, पटना और देवघर में बीआईटी के भारतीय विस्तार पटल हैं। इनके अतिरिक्त बहरीन, मस्कट, संयुक्त अरब अमीरात और मॉरिशस में बीआईटी के अंतरराष्ट्रीय केंद्र हैं। जून २००५ में एसी निलसन एवं इंडिया टुडे द्वारा किये गये एक सर्वेक्षण के अनुसार इसे देश के दस श्रेष्ठ तकनीकी संस्थानों में शुमार किया गया था। .
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ब्रिटिश फिज़िकल लैबोरेटरीज़ समूह
ब्रिटिश फिज़िकल लैबोरेटरीज़ (BPL) एक भारतीय कंपनी है जो भारत में घरेलु विद्युत उपकरण निर्माण करती है। .
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बूलीय बीजगणित (तर्कशास्त्र)
बूलीय बीजगणित (बूलीयन अल्जब्रा) या बूली का तर्कशास्त्र, तार्किक ऑपरेशन का एक सम्पूर्ण तन्त्र है। इसे सबसे पहले जॉर्ज बूल ने उन्नीसवीं शदी के मध्य में बीजगणितीय तर्क के रूप में प्रस्तुत किया। बहुत दिनो तक इस पर लोगों का ध्यान नहीं गया और इसे महत्व नहीं दिया गया। इसके बहुत दिनों के बाद सन १९३८ में क्लॉड शैनन ने प्रदर्शित किया कि रिले-युक्त परिपथ का कार्य बूली के तर्क पर आधारित हैं। एक बार जब इसका प्रयोग डिजिटल एलेक्ट्रानिक परिपथों के डिजाइन एवं सरलीकरण में होने लगा तो क्रान्ति ही आ गयी। आज बूली का बीजगणित आंकिक एलेक्ट्रानिकी का आधार बन गया है तथा एलेक्ट्रानिकी, संगणक का हार्डवेयर तथा साफ्टवेयर, डेटाबेस, खोजी-यंत्र (सर्च-इंजन) एवं अन्य तार्किक डिजाइनों में अत्यन्त उपयोगी है। .
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बीज-लेखन
द्वितीय विश्व युद्ध में सेना के उच्च स्तरीय जनरल स्टाफ के संदेशों को कूटबद्ध करने के लिए या उन्हें गुप्त भाषा में लिखने के लिए प्रयोग की गई। Lorenz cipher) क्रिप्टोग्राफ़ी या क्रिप्टोलोजी यानि कूट-लेखन यूनानी शब्द κρυπτός,, क्रिपटोस औरγράφω ग्राफ़ो या -λογία,लोजिया (-logia), से लिया गया है। इनके अर्थ हैं क्रमशः छुपा हुआ रहस्य और मैं लिखता हूँ। यह किसी छुपी हुई जानकारी (information) का अध्ययन करने की प्रक्रिया है। आधुनिक समय में, क्रिप्टोग्राफ़ी या कूट-लेखन को गणित और कंप्यूटर विज्ञान (computer science) दोनों की एक शाखा माना जाता है और सूचना सिद्धांत (information theory), कंप्यूटर सुरक्षा (computer security) और इंजीनियरिंग से काफ़ी ज्यादा जुड़ा हुआ है। तकनीकी रूप से उन्नत समाज में कूटलेखन के अनुप्रयोग कई रूपों में मौजूद हैं। उदाहरण के लिये - एटीएम कार्ड (ATM cards), कंप्यूटर पासवर्ड (computer passwords) और इलेक्ट्रॉनिक वाणिज्य (electronic commerce)- ये सभी कूटलेखन पर निर्भर करते हैं। .
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मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, गोरखपुर
मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वद्यालय, उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में स्थित एक प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय है। इसकी स्थापना १९६२ में हुई थी और १ दिसम्बर २०१३ के पहले इसका नाम 'मदन मोहन मालवीय इंजिनियरिंग कॉलेज' था। .
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मदरबोर्ड
मदरबोर्ड अधिकतर इलेक्ट्रॉनिक संयंत्रों जैसे लैपटॉप, कंप्यूटर आदि में लगा प्रिंटेड परिपथ बोर्ड बोर्ड होता है। इसे मेन बोर्ड या सिस्टम बोर्ड भी कहते हैं। कंप्यूटर के अलावा मदरबोर्ड का प्रयोग रोबोट और अन्य बहुत से इलेक्ट्रॉनिक युक्तियों में किया जाता है। यह संयंत्र के विभिन्न अवयवों को पकड़कर उनके स्थान पर रखता है, इसके साथ ही ये उन सभी का आपस में वांछित विद्युत संपर्क भी उपलब्ध कराता है। एक कंप्यूटर की रचना माइक्रोप्रोसेसर, मेन मेमोरी और मदरबोर्ड में लगे कंपोनेंट के द्वारा ही होती है। इसके साथ ही उसमें स्टोरेज, वीडियो डिस्प्ले और ध्वनि को नियंत्रित करने के लिए कंट्रोलर्स और कुछ और युक्तियां कनेक्टर द्वारा मदरबोर्ड से जुड़ी होती है। मदरबोर्ड का मुख्य भाग इसका चिपसेट होता है। चिप की सहायता से ही मदरबोर्ड की क्षमता और विशेषताओं के बारे में कल्पना की जाती है। मदरबोर्ड में मुख्यत: केन्द्रीय प्रोसेसिंग इकाई (सीपीयू), बायोस, स्मृति (मेमोरी स्टोरेज), सीरियल पोर्ट और की-बोर्ड और डिस्क ड्राइव के लिए कंट्रोलर होते हैं। उन मदरबोर्ड्स को वरीयता मिलती है, जिनमें कम से कम एक सॉकेट या स्लॉट हो जिसमें एक या अधिक माइक्रोप्रोसेसर स्थापित किए जा सकें। साथ ही उसमें क्लॉक जनरेटर, एक चिपसेट, विस्तार (एक्सपेंशन) कार्ड के लिए स्लॉट, विद्युत आपूर्ति (पावर) कनेक्टर्स होते हैं। .
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मिलर प्रभाव
इलेक्ट्रॉनिकी में, किसी इन्वर्टिंग वोल्टेज प्रवर्धक की तुल्य इनपुट प्रतिबाधा उस प्रतिबाधा से बहुत कम होती है जो प्रत्यक्ष दिखती है। वास्तव में उस प्रवर्धक के इनपुट तथा आउटपुट सिरों के बीच जो धारिता C होती है वह इसमें महती भूमिका निभाती है। इस प्रभाव को मिलर प्रमेय की सहायता से बड़ी आसानी से समझा जा सकता है और इसी लिए इसे मिलर प्रभाव (Miller effect) कहते हैं। .
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मुजफ्फरपुर तकनीकी संस्थान
कोई विवरण नहीं।
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मौलाना आजाद राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, भोपाल
---- मौलाना आजाद राष्ट्रीय तकनीकी संस्थान, भोपाल की स्थापना १९६० में की गई थी और २६ जून २००२ को इसे राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान का दर्जा दिया गया। इस संस्थान में 8 विभाग हैं। यह संस्थान सिविल इंजीनियरी, अभियांत्रिकी इंजीनियरी, विद्युत इंजीनियरी, इलैक्टोनिकी तथा संचार इंजीनियरी, कम्प्यूटर विज्ञान तथा इंजीनियरी, सूचना प्रौद्योगिकी में चार वर्षीय बी.टेक कार्यक्रम और एक पांच वर्षीय बी.आर्क.
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मोबाइल फ़ोन
अनु-फ्लिप मोबाइल फोन के कई उदाहरण. मोबाइल फ़ोन या मोबाइल (इसे सेलफोन और हाथफोन भी बुलाया जाता है, या सेल फोन, सेलुलर फोन, सेल, वायरलेस फोन, सेलुलर टेलीफोन, मोबाइल टेलीफोन या सेल टेलीफोन) एक लंबी दूरी का इलेक्ट्रॉनिक उपकरण है जिसे विशेष बेस स्टेशनों के एक नेटवर्क के आधार पर मोबाइल आवाज या डेटा संचार के लिए उपयोग करते हैं इन्हें सेल साइटों के रूप में जाना जाता है। मोबाइल फोन, टेलीफोन, के मानक आवाज कार्य के अलावा वर्तमान मोबाइल फोन कई अतिरिक्त सेवाओं और उपसाधन का समर्थन कर सकते हैं, जैसे की पाठ संदेश के लिए SMS, ईमेल, इंटरनेट के उपयोग के लिए पैकेट स्विचिंग, गेमिंग, ब्लूटूथ, इन्फ़रा रेड, वीडियो रिकॉर्डर के साथ कैमरे और तस्वीरें और वीडियो भेजने और प्राप्त करने के लिए MMS, MP3 प्लेयर, रेडियो और GPS.
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यूनिवर्सिटी इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय
विश्वविद्यालय अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी संस्थान, कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय (UIET) उत्तम तकनीकी शिक्षा देने और अभियांत्रिकी और प्रौद्योगिकी में अनुसंधान के एक "उत्कृष्टता केंद्र" के रूप में विकसित करने के लिए कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय द्वारा २००४ में स्थापित किया गया था। यह कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के विश्वविद्यालय परिसर में स्थित एक सरकारी महाविद्यालय है.
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यूज़र इंटरफ़ेस
मानव-मशीन अन्योन्यक्रिया के औद्योगिक डिज़ाइन क्षेत्र में यूज़र इंटरफ़ेस वह स्थल है जहां इंसान और मशीनों के बीच अन्योन्यक्रिया स्थापित होती है। यूज़र इंटरफ़ेस में एक इंसान और एक मशीन के बीच अन्योन्यक्रिया का लक्ष्य मशीन का प्रभावी संचालन, नियंत्रण और मशीन की प्रतिक्रिया है जिससे ऑपरेटर को प्रचालनात्मक निर्णय लेने में सहायता मिलती है। यूज़र इंटरफ़ेस की इस व्यापक अवधारणा के उदाहरणों में कंप्यूटर ऑपरेटिंग सिस्टम, हैंड टूल्स, भारी मशीनरी संचालन नियंत्रण और प्रक्रिया नियंत्रण शामिल हैं। यूज़र इंटरफ़ेस बनाते समय डिज़ाइन संबंधी आवश्यक बातें कर्मचारी परिस्थिति विज्ञान और मनोविज्ञान जैसी विधाओं से संबंधित या के रूप में शामिल होती हैं। एक यूज़र इंटरफ़ेस वह प्रणाली है जिसके द्वारा लोगों (उपयोगकर्ता) की मशीन के साथ अन्योन्यक्रिया होती हैं। यूज़र इंटरफ़ेस में हार्डवेयर (भौतिक) और सॉफ्टवेयर (तार्किक) घटक शामिल होते हैं। विभिन्न सिस्टम के लिए यूज़र इंटरफ़ेस होते हैं और ये माध्यम बनते हैं.
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राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, दुर्गापुर
राष्ट्रीय तकनीकी संस्थान, दुर्गापुर राष्ट्रीय तकनीकी संस्थान, दुर्गापुर, पश्चिम बंगाल की स्थापना १९६० में की गई थी और ३ जुलाई २००३ को इसे राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान के रूप में परिवर्तित किया गया था। इस संस्थान में १५ विभाग हैं। यह संस्थान सिविल इंजीनियरी, विद्युत इंजीनियरी, अभियांत्रिकी इंजीनियरी, रसायन इंजीनियरी, धातुकर्मीय इंजीनियरी, इलैक्ट्रॉनिकी तथा संचार इंजीनियरी, कम्प्यूटर विज्ञान तथा इंजीनियरी, जैब प्रौद्योगिकी तथा सूचना प्रौद्योगिकी जैसे विषयों मे चार-वर्षीय अवर-स्नातक पाठयक्रम चलाता है। यह संस्थान एमबीए तथा एमसीए सहित नौ विषयों में एम.टेक पाठयक्रमों का भी संचालन करता है। यह संस्थान विदेशी विद्यार्थियों के लिए १२० विद्यार्थी क्षमता वाला एक पुरूष छात्रावास, तीन १२० बिस्तर वाले लेक्चरर दीर्घाएं, कम्प्यूटर केन्द्र विस्तार, विद्युत यंत्र प्रयोगशाला, हाई पावर प्रयोगशाला का निर्माण करेगा। .
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राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान, कोहिमा
राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (नाइलिट / National Institute of Electronics & Information Technology), कोहिमा वर्ष 2004 में स्थापित भारत सरकार के संचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी विभाग अन्तर्गत एक राष्ट्रीय स्तर का तकनीकी संस्थान है। यह संस्थान सूचना, इलेक्ट्रॉनिकी एवं संचार प्रौद्योगिकी से संबंधित अध्यापन, प्रशिक्षण तथा अन्य प्रोफेशनल कार्यकलाप करने की सुविधा प्रदान करता है और साथ ही अनुसंधान एवं विकास संबंधी कार्य, परामर्श सेवाएँ तथा सॉफ्टवेयर विकास के कार्य भी करता है। नाइलिट एक ऐसा संस्थान है जो रोजगार के अवसरों में सुधार करने तथा अच्छी क्वालिटी की सूचना प्रौद्योगिकी जनशक्ति की उपलब्धता की सुविधा प्रदान करने के प्रयोजन से प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाता है, जिसके परिणामस्वरूप क्षेत्र में और विशेष रूप से नागालैण्ड सूचना प्रौद्योगिकी उद्योग के विकास में योगदान मिलेगा। नाइलिट की एक मुख्य विशेषता औपचारिक तथा अनौपचारिक क्षेत्र के पाठ्यक्रमों को संतुलित समामेलन है जिसका उद्देश्य आईईसीटी के क्षेत्र में शिक्षण तथा प्रशिक्षण के अवसर उपलब्ध कराना है। अद्यतन तकनीकी जानकारी तथा मूलसंरचना से युक्त नाइलिट, कोहिमा को नागालैण्ड सरकार द्वारा सूचना प्रौद्योगिकी उत्तमता केन्द्र भी घोषित किया गया है। .
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रासायनिक इंजीनियरी
प्रक्रम अभियन्ता (Process engineers) संयंत्रों की डिजाइन करते हैं, निर्माण करते हैं और इन्हें चलाते हैं। रासायनिक अभियान्त्रिकी (en:Chemical Engineering) रसायन शास्त्र, भौतिकी, अर्थशास्त्र वगैरह और उनके सिद्धान्तों को औद्योगिक उपयोगों में प्रयुक्त कराने वाला विज्ञान या व्यवसाय है। इसका मुख्य हिस्सा प्रक्रम अभियान्त्रिकी कहलाता है, जिसमें भारी मात्रा में निर्मित रसायनों को औद्योगिक स्तर पर सहज तरीके से बनाने का अध्ययन किया जाता है। लेकिन आज रासायनिक अभियान्त्रिकी सिर्फ़ इसी तक सीमित नहीं है। आज रासायनिक अभियन्ता जैवप्रौद्योगिकी (जेनेटिक्स, ख़मीरीकरण आदि) विषयों पर काम और शोध करते हैं और विमान, अन्तरिक्ष यान, खाद्य पदार्थ, जैवमेडिकल संयन्त्र, सिलिकॉन तकनीकी.
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रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (अंग्रेज़ी:DRDO, डिफेंस रिसर्च एण्ड डेवलपमेंट ऑर्गैनाइज़ेशन) भारत की रक्षा से जुड़े अनुसंधान कार्यों के लिये देश की अग्रणी संस्था है। यह संगठन भारतीय रक्षा मंत्रालय की एक आनुषांगिक ईकाई के रूप में काम करता है। इस संस्थान की स्थापना १९५८ में भारतीय थल सेना एवं रक्षा विज्ञान संस्थान के तकनीकी विभाग के रूप में की गयी थी। वर्तमान में संस्थान की अपनी इक्यावन प्रयोगशालाएँ हैं जो इलेक्ट्रॉनिक्स, रक्षा उपकरण इत्यादि के क्षेत्र में अनुसंधान में रत हैं। पाँच हजार से अधिक वैज्ञानिक और पच्चीस हजार से भी अधिक तकनीकी कर्मचारी इस संस्था के संसाधन हैं। यहां राडार, प्रक्षेपास्त्र इत्यादि से संबंधित कई बड़ी परियोजनाएँ चल रही हैं। I love my India .
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रैखिक नियामक
जेनर डायोड से बना सरल शन्ट रेगुलेटर सिरीज रेगुलेटर का सरल रूप आईसी के रूप में अनेकों रैखिक नियामक उपलब्ध हैं - बाएँ 5 V / 1 A, दाएँ 5 V / 100 mA इलेक्ट्रॉनिकी में, रैखिक नियामक (लीनियर रेगुलेटर) एक नियत वोल्टेज प्रदान करने वाली प्रणाली है जिसमें वोल्टता का नियमन करने वाली मुख्य युक्ति अपने रैखिक अवस्था में काम करती है न कि स्विच की तरह (चालू या बन्द)। आजकल आई सी के रूप में ५ वोल्ट, ९ वोल्ट, १२ वोल्ट, १५ वोल्ट, २४ वोल्ट आदि के नियामक उपलब्ध हैं और बहुत उपयोगी हैं। .
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रोबॉटिक्स
बल्ब पकडे हुऐ रोबॉटी 'शैडो हैंड'रोबॉटिक्स रोबॉट की अभिकल्पना, निर्माण और अभिप्रयोग के विज्ञान और तकनीकों को कहते हैं। इस क्षेत्र में कार्य करने के लिये इलेक्ट्रॉनिकी, यान्त्रिकी और सॉफ्टवेयर के सिवाय कई अन्य क्षेत्रों में व्यावहारिक ज्ञान की आवश्यकता होती है। हालाँकि रोबॉट के स्वरूप और क्षमताओं में काफी विविधता हैं पर इन सभी में कई समानताएँ भी हैं। उदाहरण के लिए यांत्रिक चलनशील ढाँचा और स्वनियंत्रण सभी में होता है। रोबॉट के ढाँचे की उपमा मानव अस्थिपंजर है और उसे शुद्ध-गति माला कहा जा सकता है। यह माला है इसकी हड्डियाँ, प्रवर्तक इसकी माँस पेशियाँ और जोड़, जो इसे एक या एक से अधिक स्वातंत्र्य परिमाण देते हैं। अधिकांश रोबॉट क्रमिक माला रूपी होते हैं, जिसमें एक कड़ी दूसरी से जुड़ती है - इन्हें क्रमिक रोबॉट कहते हैं और ये मानव हाथ के समान हैं। अन्य रोबॉट सामानांतर शुद्ध-गति मालाओं का प्रयोग करते हैं। जीव-यांत्रिकी के अंतर्गत मानव या अन्य जीवों की नकल कर ढाचों को बनाने पर अनुसन्धान चल रहा है। माला की अंतिम कड़ी किसी तरह की प्रवर्तक हो सकती है, जैसे एक यांत्रिक हाथ या वेल्डिंग मशीन। .
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रोबोट
एक कारखाने में चीजों को उठाने और सही स्थान पर रखने वाला रोबोट रोबोट एक आभासी (virtual) या यांत्रिक (mechanical)कृत्रिम (artificial) एजेंट है व्यवहारिक रूप से, यह प्रायः एक विद्युत यांत्रिकी निकाय (electro-mechanical system) होता है, जिसकी दिखावट और गति ऐसी होती है की लगता है जैसे उसका अपना एक इरादा (intent) और अपना एक अभिकरण (agency) है।रोबोट शब्द भौतिक रोबोट और आभासी (virtual) सॉफ्टवेयर एजेंट (software agent), दोनों को ही प्रतिबिंबित करता है लेकिन प्रायः आभासी सॉफ्टवेयर एजेंट को बोट्स (bots) कहा जाता है। ऐसी कोई भी सर्वसम्मति नहीं बन पाई है की मशीन रोबोटों के रूप में योग्य हैं, लेकिन एक विशेषज्ञों और जनता के बीच आम सहमति है कि कुछ या सभी निम्न कार्य कर सकता है जैसे: घूमना, यंत्र या कल सम्बन्धी अवयव को संचालित करना, वातावरण की समझ और उसमें फेर बदल करना और बुद्धिमानी भरे व्यवहार को प्रधार्षित करना जो की मानव और पशुओं के व्यवहारों की नक़ल करना। कृत्रिम सहायकों और साथी की कहानिया और और उन्हें बनाने के प्रयास का एक लम्बा इतिहास है लेकिन पूरी तरह से स्वायत्त (autonomous) मशीने केवल 20 वीं सदी में आए डिजिटल (digital) प्रणाली से चलने वाला प्रोग्राम किया हुआ पहला रोबोट युनिमेट (Unimate), १९६१ में ठप्पा बनाने वाली मशीन से धातु के गर्म टुकड़ों को उठाकर उनके ढेर बनाने के लिए लगाया गया था। आज, वाणिज्यिक और औद्योगिक रोबोट (industrial robot) व्यापक रूप से सस्ते में और अधिकसे अधिक सटीकता और मनुष्यों की तुलना में ज्यादा विश्वसनीयता के साथ प्रयोग में आ रहे हैं उन्हें ऐसे कार्यों के लिए भी नियुक्त किया जाता है जो की मानव लिहाज़ से काफी खतरनाक, गन्दा और उबाऊ कार्य होता है रोबोट्स का प्रयोग व्यापक रूप से विनिर्माण (manufacturing), सभा और गठरी लादने, परिवहन, पृथ्वी और अन्तरिक्षीय खोज, सर्जरी, हथियारों के निर्माण, प्रयोगशाला अनुसंधान और उपभोक्ता और औद्योगिक उत्पादन के लिए किया जा रहा है आमतौर पर लोगों का जिन रोबोटों से सामना हुआ है उनके बारे में लोगों के विचार सकारात्मक हैं घरेलू रोबोट (Domestic robot) सफाई और रखरखाव के काम के लिए घरों के आस पास आम होते जा रहे हैंबहरहाल रोबोटिक हथियारों और स्वचालन के आर्थिक प्रभाव को लेकर चिंता बनी हुई है, ऐसी चिंता जिसका समाधान लोकप्रिय मनोरंजन में वर्णित खलनायकी, बुद्धिमान, कलाबाज़ रोबोट के सहारे नहीं होता अपने काल्पनिक समकक्षों की तुलना में असली रोबोट्स अभी भी सौम्य, मंद बुद्धि और स्थूल हैं .
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रोम (ROM)
रीड ऑनली मैमोरीजिसे अंग्रेजी में भी यही (Read only memory) कहते है 'यह कम्प्यूटर और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में इस्तेमाल करने का भंडारण माध्यम का एक वर्ग है 'इसे सक्षिप्त रूप में (रोम/ROM) कहते हैं ' यह मुख्य रूप से फर्मवेयर (बहुत बारीकी से विशिष्ट हार्डवेयर से बंधा है, और लगातार अद्यतन जरूरत की संभावना भी नहीं है ' .
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रोस्टेक
Rostec (रूसी में: Ростех - Rostekh), पूर्व में Rostekhnologii (रूसी में: Ростехнологии) एक रूसी राज्य निगम है जो विकास, उत्पादन और नागरिक और रक्षा क्षेत्रों में उच्च तकनीक औद्योगिक उत्पादों के निर्यात के लिए 2007 के अंत में स्थापित किया गया था। यह लगभग 700 संस्थाओं को इकट्ठा करता है जो 14 होल्डिंग कंपनियों को बनाते हैं: ग्यारह होल्डिंग कंपनिययां रक्षा-उद्योग काम्पलेक्स में काम करती हैं और तीन नागरिक क्षेत्रों में शामिल हैं। Rostec के संगठन रूसी संघ के 60 घटकों में स्थित हैं और दुनिया भर में 70 से अधिक देशों में मालों की आपूर्ति करते हैं। Rostec 2007 में तथाकथित "राज्य निगम", रूस में कानूनी इकाई का एक बहुत ही विशेष प्रकार के रूप में स्थापित किया गया था। राज्य निगम रूसी के संघ द्वारा किए गए निवेशों के द्वारा स्थापित किया गया है। संगठन सर्गेई चेमेजोव के नेतृत्व में है। इसके मुख्यालय मास्को में स्थित हैं। Rostec 2007 में तथाकथित "राज्य निगम", रूस में कानूनी इकाई का एक बहुत ही विशेष प्रकार के रूप में स्थापित किया गया था। रूसी भाषा में पूरा नाम है: Государственная корпорация по содействию разработке, производству и экспорту высокотехнологичной промышленной продукции «Ростех».
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लब्धि
प्रवर्धकों की लब्धि, इनपुट संकेत पर निर्भर करती है। अतः लब्धि का ग्राफ आवृत्ति के फलन के रूप में बनाया जाता है। इलेक्ट्रॉनिक्स में किसी निर्बल संकेत के आयाम (या शक्ति) को बढ़ाना प्रवर्धन (Amplification) कहलाता है। वह परिपथ जो किसी संकेत का आवर्धन करता है, प्रवर्धक कहलाता है। आमतौर पर किसी प्रणाली के संकेत आउटपुट और संकेत इनपुट के अनुपात को प्रवर्धक का प्रवर्धन गुणांक (Amplification factor) अथवा लब्धि (Gain) अथवा अभिलाभ कहते हैं। इसे उसी अनुपात के दशमलव लघुगणक के रूप में भी परिभाषित किया जा सकता है। .
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लाउडस्पीकर
एक सस्ता, कम विश्वस्तता 3½ इंच स्पीकर, आमतौर पर छोटे रेडियो में पाया जाता है। एक चतुर्मार्गी, उच्च विश्वस्तता लाउडस्पीकर सिस्टम. एक लाउडस्पीकर (या "स्पीकर") एक विद्युत-ध्वनिक ऊर्जा परिवर्तित्र है, जो वैद्युत संकेतों को ध्वनि में परिवर्तित करता है। स्पीकर वैद्युत संकेतों के परिवर्तनों के अनुसार चलता है तथा वायु या जल के माध्यम से ध्वनि तरंगों का संचार करवाता है। श्रवण क्षेत्रों की ध्वनिकी के बाद, लाउडस्पीकर (तथा अन्य विद्युत-ध्वनि ऊर्जा परिवर्तित्र) आधुनिक श्रव्य प्रणालियों में सर्वाधिक परिवर्तनशील तत्व हैं तथा ध्वनि प्रणालियों की तुलना करते समय प्रायः यही सर्वाधिक विरूपणों और श्रव्य असमानताओं के लिए उत्तरदायी होते हैं। .
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लघु परिपथ
तूफान के दौरान पेड़ की शाखाओं द्वारा हुआ शॉर्ट सर्किट का दृष्य वैद्युत परिपथ में लघु परिपथ (शॉर्ट सर्किट) (कभी-कभी संक्षेप में शॉर्ट भी कहते है) उसे कहते हैं जो विद्युत्प्रवाह को उस मार्ग से जाने की अनुमति देता है जिसमे प्रतिबाधा शून्य या बहुत कम होती है। "खुला सर्किट" (ओपन सर्किट), लघु परिपथ का वैद्युतिक विलोम है जिसमें विद्युत परिपथ के किन्ही दो बिन्दुओं के बीच प्रतिबाधा का मान अनन्त होता है। .
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श्मिट का ट्रिगर
श्मिट ट्रिगर का चिह्न साधारण कम्परेटर '''(A)''' तथा श्मिट ट्रिगर '''(B)''' के आउटपुट का अन्तर देखिये एलेक्ट्रॉनिकी में श्मिट ट्रिगर (Schmitt trigger) धनात्मक पुनर्भरण से युक्त, तथा लूप लब्धि > 1 वाले, देहली परिपथों (threshold circuits) का एक सामान्य नाम है। इसके नाम में 'ट्रिगर' शब्द आने का कारण यह है कि आउटपुट का मान तब तक नहीं बदलता जब तक इनपुट में इतना बदलाव न आ जाय जो आउटपुट को बदलने के लिये पर्याप्त हो। वास्तव में इसमें एक हिस्टेरिसिस होता है जो स्मृति का ही एक रूप है; अतः यह लैच का काम भी कर सकता है। इसलिये श्मिट ट्रिगर परिपथ को लैच में बदला जा सकता है और लैच को श्मिट ट्रिगर में। श्मिट ट्रिगर युक्तियों को ओपेन-लूप कॉनफिगरेशन में न्वायज इम्मुनिटी (रव अग्राहिता) के लिये इस्तेमल करते हैं। इसके अलावा इनमें ऋणात्मक फीडबैक डालकर 'बाइस्टेबल रेगुलेटर', त्रिभुज/वर्ग तरंग जनित्र (triangle/square wave generators) आदि बनाये जा सकते हैं। .
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श्रेणीक्रम और समानांतरक्रम परिपथ
एक श्रेणीक्रम परिपथ बहुत से विद्युत या इलेक्ट्रॉनिक घटकों या अवयवों को जोड़कर विद्युत परिपथ बनते हैं। परिपथों में घटक दो प्रकार से जोड़े जा सकते हैं: श्रेणीक्रम और समानांतरक्रम में। जिस परिपथ में सभी घटक श्रेणीक्रम में जुड़े हों, उसे श्रेणी परिपथ और जिस परिपथ में सभी घटक समानांतर क्रम में जुड़े हों उसे समानांतर परिपथ कहा जा सकता है। श्रेणी परिपथ में हरेक घटक से समान धारा प्रवाहित होती हैरेस्निक, रॉबर्ट एवं हलिडे, डेविड, फ़िज़िक्स, अध्याय ३२, उदाहरण १(खण्ड I एवं II, संयुक्त संस्करण), जबकि समानांतर परिपथ में हरेक घटक पर समान वोल्टता उपलब्ध होती है।रेस्निक, रॉबर्ट एवं हलिडे, डेविड, फ़िज़िक्स, अध्याय ३२, उदाहरण ४ (खण्ड I एवं II, संयुक्त संस्करण) श्रेणी परिपथों में प्रत्येक घटक का कार्यरत रहना आवश्यक है, अन्यथा परिपथ टूट जायेगा। श्रेणीक्रम परिपथों में कोई भी घटक खराब होने पर भी शेष घटक कार्य करते रहेंगे, किन्तु किसी भी घटक को शॉर्ट सर्किट होने पर पूरा परिपथ शॉर्ट-सर्किट हो सकता है। यदि किसी परिपथ में किसी स्थान पर १० ओम के प्रतिरोध की आवश्यकता है किन्तु वह उपलब्ध नहीं है किन्तु ५-५ ओम के दो प्रतिरोध सुलभ हैं तो इनको श्रेणीक्रम में जोड़कर लगाया जा सकता है। इसी प्रकार यदि २०-२० ओम के दो प्रतिरोध उपलब्ध होने पर उन्हें समान्तरक्रम में जोड़ देने से १० ओम का तुल्य प्रतिरोध प्राप्त हो जाता है। डेढ़-दो वोल्ट सहन कर सकने वाले सैकड़ों बल्बों को श्रेणीक्रम में जोड़कर २३० वोल्ट से घरेलू बिजली से उनको जगमगाया जाता है। कहीं पर २४ वोल्ट की जरूरत हो तो १२ वोल्ट वाली दो बैटरियों को श्रेणीक्रम में जोड़कर २४ वोल्ट प्राप्त किया जा सकता है। परिपथों में भिन्न प्रकार के अवयव भी श्रेणीक्रम या समान्तरक्रम में जुड़े हो सकते हैं उदाहरण के लिये डायोड की रक्षा के लिये उसके श्रेणीक्रम में उपयुक्त मान का फ्यूज लगा दिया जाता है; या पंखे को चालू/बंद करने के लिये उसके श्रेणीक्रम में एक स्विच डाला जाता है। इसी तरह किसी विद्युत-अपघट्टीय संधारित्र में उल्टी दिशा में वोल्टता न लग जाये इसके लिये उसके समान्तरक्रम में एक डायोड (उचित पोलैरिटी में) डाल दिया जाता है। किसी स्थान पर २ अम्पीयर धारा वहन कर सकने वाला डायोड लगाना हो तो १ एम्पीयर धारा वहन कर सकने वाले दो डायोड समान्तरक्रम में लगा देने से भी काम चल सकता है। .
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श्री गोविन्दराम सेकसरिया प्रौद्योगिकी एवं विज्ञान संस्थान
श्री गोविन्दराम सेकसरिया प्रौद्योगिकी एवं विज्ञान संस्थान (Shri Govindram Seksaria Institute of Technology and Science (SGSITS)), इन्दौर ही नहीं वरन् मध्य प्रदेश का प्रमुख अभियांत्रिकी महाविद्यालय है। इसकी स्थापना सन् १९५२ में हुई थी। यह स्वशासी संस्थान है और विश्वविद्यालय की उपाधि की प्राप्ति के लिये प्रयासरत है। अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई), नई दिल्ली और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी), नई दिल्ली ने १९८९ में एक स्वायत्त संस्थान का दर्जा दिया था। इस स्थिति के तहत, संस्थान यूजी और पीजी स्तर दोनों में अपनी परीक्षाएं आयोजित करता है तथा एसजीएसआईटीएस एक शासक मंडल के प्रशासन के तहत परिचालित हो गया। सम्प्रति इस संस्थान में ९ स्नातकस्तरीय एवं १७ परास्नातक-स्तरीय पाठ्यक्रम चल रहे हैं जिनमें क्रमश: ६५० एवं १५० छात्र लिये जाते हैं। इसके अतिरिक्त यह संस्थान अंशकालिक स्नातक पाठयक्रम भी चलाता है। .
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समिश्र संख्या
किसी समिश्र संख्या का अर्गेन्ड आरेख पर प्रदर्शन गणित में समिश्र संख्याएँ (complex number) वास्तविक संख्याओं का विस्तार है। किसी वास्तविक संख्या में एक काल्पनिक भाग जोड़ देने से समिश्र संख्या बनती है। समिश्र संख्या के काल्पनिक भाग के साथ i जुड़ा होता है जो निम्नलिखित सम्बन्ध को संतुष्ट करती है: किसी भी समिश्र संख्या को a + bi, के रूप में व्यक्त किया जा सकता है जिसमें a और b दोनो ही वास्तविक संख्याएं हैं। a + bi में a को वास्तविक भाग तथा b को काल्पनिक भाग कहते हैं। उदाहरण: 3 + 4i एक समिश्र संख्या है। .
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सायबर युद्ध
सायबर युद्ध कंप्यूटर के माध्यम से लड़ा जाता है। सायबर युद्ध (अंग्रेज़ी:साइबर वॉर) एक ऐसा युद्ध होता है जो इंटरनेट और कंप्यूटरों के माध्यम से लड़ा जाता है यानी इसमें भौतिक हथियारों के स्थान पर इलेक्ट्रॉनिक होते हैं। अनेक देश लगातार साइबर युद्ध अभ्यास (वॉर ड्रिल्स) चलाते हैं जिससे वह किसी भी संभावित साइबर हमले के लिए तैयार रहते हैं। तकनीक पर लगातार बढ़ती जा रही है निर्भरता के कारण कई देशों को साइबर हमलों की चिंता भी होने लगी है। इस कारण अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा के लिये भारी खतरा बढ़ता जा रहा है।। याहू जागरण। १९ फ़रवरी २०१०। मुकुल व्यास साइबर वॉर में तकनीकी तरीकों से हमले किए जाते हैं।। हिन्दुस्तान लाइव। २९ अप्रैल २०१० ऐसे कुछ हमलों में एकदम पारंपरिक विधियां प्रयोग की जाती हैं, जैसे कंप्यूटर से जासूसी आदि। इन हमलों में वायरसों की सहायता से वेबसाइटें ठप कर दी जाती हैं और सरकार एवं उद्योग जगत को पंगु करने का प्रयास किया जाता है। इस युद्ध से बचाव हेतु कई देशों जैसे चीन ने वेबसाइट्स को ब्लाक करने, साइबर कैफों में गश्त लगाने, मोबाइल फोन के प्रयोग पर निगरानी रखने और इंटरनेट गतिविधियों पर नजर रखने के लिए हजारों की संख्या में साइबर पुलिस तैनात कर रखी है। साइबर वॉर में तकनीकी उपकरणों और अवसंरचना को भी भारी हानि होती है। एक कुशल साइबर योद्धा किसी भी देश की विद्युत ग्रिडों में हैकिंग के द्वारा घुसकर अत्यधिक गोपनीय सैन्य और अन्य जानकारियां प्राप्त कर सकता है। युद्ध के अन्य पारंपरिक तरीकों की तरह ही साइबर वॉर में किसी भी देश को अनेक रक्षात्मक विधियां और प्रत्युत्तर हमले के तरीके तैयार रखने पड़ते हैं, ताकि वह साइबर हमले की स्थिति में उसका तुरंत जवाब दे सके। हथियारों की दौड़ के कारण अभी तक दुनिया भर के देशों में साइबर सुरक्षा के संबंध में व्यय सीमित ही किया जाता है। सरकारें अक्सर इसके लिए जन-साधारण में से साइबर विशेषज्ञों पर निर्भर रहती हैं। यही लोग साइबर सुरक्षा प्रदान करने का महत्वपूर्ण कार्य करते हैं। वैसे इन योद्धाओं के लिए यह युद्ध पारंपरिक युद्ध से अधिक सुरक्षित है क्योंकि इसमें योद्धा एक सुरक्षित स्थान पर बैठा रहता है। साइबर योद्धा विश्व के अनेक भागो में उपस्थित रहते हैं और वह सरकारों के निर्देशानुसार कंप्यूटर सिस्टमों में किसी भी किस्म की घुसपैठ पर नजर रखते हैं। कई देशों में साइबर सुरक्षा एक विशेषज्ञ कोर्स की तरह कराया जाता है जिसके बाद व्यक्ति साइबर योद्धा के तौर पर कार्य कर सकता है। अमरीका के अनुसार उसे साइबर युद्ध का सबसे बड़ा खतरा है। वहां के नेशनल इंटेलीजेंस के पूर्व निदेशक जॉन माइकल मैक्कोलेन के अनुसा आज यदि साइबर युद्ध छिड़ जाए तो अमेरिका उसमें हार जाएगा और भारत एवं चीन इस क्षेत्र में अमेरिका को कड़ी टक्कर दे रहे हैं। सायबर युद्ध के लिये सबसे बड़ी तैयारी चीन की मानी जाती है। .
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सिलिकॉन
सिलिकॉन (Silicon); प्रतीक: Si) एक रासायनिक तत्व है। यह पृथ्वी पर ऑक्सीजन के बाद सबसे अधिक पाया जाने वाला तत्व है। सिलिकॉन के यौगिक एलेक्ट्रॉनिक अवयव, साबुन, शीशे एवं कंप्यूटर चिप्स में इस्तेमाल किए जाते हैं। सिलिकॉन की खोज १८२४ में स्वीडन के रसायनशास्त्री जोंस जकब बज्रेलियस ने की थी। आवर्त सारिणी में इसे १४वें स्थान पर रखा गया है। .
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संचरण लाइन
संचरण लाइन का एनिमेशन कोऐक्सियल केबल, संचरण लाइन का एक उदाहरण है। संचार इंजीनियरी तथा इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरी में संचरण लाइन (ट्रान्समिशन लाइन/transmission line) रेडियो आवृत्ति की प्रत्यावर्ती धारा ले जाने वाली विशेष प्रकार की केबलों (cable) या अन्य संरचनाओं को कहते हैं। संचरण लाइनों का प्रयोग अनेक कार्यों में होता है, जैसे- रेडियो ट्रान्समिटर या रेडियो रिसीवर को एन्टेना से जोड़ने के लिये, केबल टीवी के संकेतों को लोगों के घरों तक ले जाने हेतु, कम्प्यूट्र नेटवर्कों को जोडने वाले केबल, कम्प्यूटर के अन्दर प्रयुक्त उच्च गति वाली डेटा बसें आदि। .
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संगणन हार्डवेयर का इतिहास
सूचना संसाधन (ब्लॉक आरेख) के लिए कंप्यूटिंग हार्डवेयर एक उचित स्थान है संगणन हार्डवेयर का इतिहास कंप्यूटर हार्डवेयर को तेज, किफायती और अधिक डेटा भंडारण में सक्षम बनाने के लिए चल रहे प्रयासों का एक रिकॉर्ड है। संगणन हार्डवेयर का विकास उन मशीनों से हुआ है जिसमें हर गणितीय ऑपरेशन के निष्पादन के लिए, पंच्ड कार्ड मशीनों के लिए और उसके बाद स्टोर्ड प्रोग्राम कम्प्यूटरों के लिए अलग मैनुअल कार्रवाई की आवश्यकता होती है। स्टोर्ड प्रोग्राम कंप्यूटरों के इतिहास का संबंध कंप्यूटर आर्किटेक्चर यानी इनपुट और आउटपुट को निष्पादित करने, डेटा संग्रह के लिए और एक एकीकृत यंत्रावली के रूप में यूनिट की व्यवस्था से होता है (दाएं ब्लॉक आरेख को देखें).
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संगणक अभियान्त्रिकी
एक एफपीजीए बोर्ड संगणक अभियांत्रिकी या कम्प्यूटर अभियान्त्रिकी अभियांत्रिकी कि वह शाखा है जिसमे संगणक के सभी हार्डवेयर, साफ्टवेयर एवं प्रचालन तंत्र की डिजाइन, रचना, निर्माण, परीक्षण, रखरखाव आदि का अध्ययन किया जाता है। पहले यह वैद्युत प्रौद्योगिकी की एक शाखा मात्र थी। .
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सुधीरा दास
सुधीरा दास (८ मार्च १९३२ - ३० अक्टूबर २०१५) एक भारतीय महिला अभियंता थीं। वे उड़ीसा की पहली महिला अभियंता थीं। .
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सूक्ष्म-इलेक्ट्रॉनिकी
सूक्ष्म-इलेक्ट्रॉनिकी (Microelectronics) इलेक्ट्रॉनिकी का एक उपक्षेत्र है। यह अत्यन्त सूक्ष्म आकार के एलेक्ट्रॉनिक अवयवों के अध्ययन एवं उनके विनिर्माण से संबन्धित है। प्रायः (किन्तु हमेशा नहीं) यह आकार माइक्रोमीटर के तुल्य आकार का या इससे छोटा होता है। युक्तियाँ अर्धचालकों से बनायी जाती हैं। आजकल एलेक्ट्रॉनिक डिजाइन में काम आने वाले बहुत से अवयव जैसे ट्रांजिस्टर, संधारित्र, प्रेरकत्व, प्रतिरोध तथा डायोड आदि सूक्ष्मएलेक्ट्रानिक रूप उपलब्ध हैं। .
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हार्डवेयर वर्णन की भाषा
एलेक्ट्रॉनिकी में, कोई भी प्रोग्रामन भाषा जो परिपथ के डिजाइन और उसके समुचित वर्णन के लिये प्रयोग की जाती है, हार्डवेयर वर्णन की भाषा (hardware description language या HDL) कहलाती है। प्रायः इसका उपयोग डिजिटल परिपथों के डिजाइन के लिया किया जाता है। .
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जापान की अर्थव्यवस्था
जापान की अर्थव्यवस्था ५.०७ अरब डॉलर के साथ और संराअमेरिका के बाद संज्ञात्मक सकल घरेलू उत्पाद के आधार विश्व की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और क्रय शक्ति के आधार पर संराअमेरिका और चीन के बाद तीसरे स्थान पर है। जापान के कर्मिक प्रति घंटे सकल घरेलू उत्पाद काम करने में २००६ में दुनिया में १८वें स्थान पर थे। .
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जिटर
जिटर समय इलेक्ट्रानिक्स और संचार में किसी सिगनल (जिसका आवर्ती होना अपेक्षित है) के शुद्ध आवर्तिता (periodicity) से विचलन जिटर (Jitter) कहलाता है। उदाहरण के लिये, माना किसी आई सी से एक १०० किलोहर्ट्ज की पल्स पैदा हो रही है। आदर्श स्थिति में इसके सभी स्पन्दों (पल्सेस) की चौड़ाई १० माइक्रोसेकेण्ड होनी चाहिये। किन्तु वास्तव में सभी स्पन्द १०० माइक्रोसेकेण्ड के न होकर इससे कुछ नैनोसेकेण्ड कम या अधिक होते हैं। यही अन्तर 'जिटर' कहलाता है। जिटर आयाम में भी सम्भव है और फेज में भी। जिटर प्रायः अवांछित चीज है। श्रेणी:विद्युत प्राचल.
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विद्युत और इलेक्ट्रॉनिक अभियांत्रिकी की समयरेखा
नीचे विद्युत तथा इलेक्ट्रॉनिक अभियांत्रिकी के इतिहास में हुए अनुसंधानों की सूची नीचे दी गयी है। .
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विद्युत अभियान्त्रिकी
विद्युत अभियन्ता, वैद्युत-शक्ति-तन्त्र का डिजाइन करते हैं; और … … जटिल एलेक्ट्रानिक तन्त्रों का डिजाइन भी करते हैं। नियंत्रण तंत्र आधुनिक सभ्यता का अभिन्न अंग है। यह विद्युत अभियान्त्रिकी का भी प्रमुख विषय है। विद्युत अभियान्त्रिकी विद्युत और विद्युतीय तरंग, उनके उपयोग और उनसे जुड़ी तमाम तकनीकी और विज्ञान का अध्ययन और कार्य है। प्रायः इसमें इलेक्ट्रॉनिक्स भी शामिल रहता है। इसमे मुख्य रूप से विद्युत मशीनों की कार्य विधि एवं डिजाइन; विद्युत उर्जा का उत्पादन, संचरण, वितरण, उपयोग; पावर एलेक्ट्रानिक्स; नियन्त्रण तन्त्र; तथा एलेक्ट्रानिक्स का अध्ययन किया जाता है। एक अलग व्यवसाय के रूप में वैद्युत अभियांत्रिकी का प्रादुर्भाव उन्नीसवीं शताब्दी के अन्तिम भाग में हुआ जब विद्युत शक्ति का व्यावसायिक उपयोग होना आरम्भ हुआ। आजकल वैद्युत अभियांत्रिकी के अनेकों उपक्षेत्र हो गये हैं। .
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विद्युतचुम्बकीय सिद्धान्त का इतिहास
एफिल टॉवर पर बिजली (१९०२) विद्युतचुम्बकीय सिद्धान्त का इतिहास उसी समय से शुरू माना जा सकता है जबसे प्राचीन काल में लोगों ने वायुमण्डलीय विद्युत (विशेषतः तड़ित) को समझना शुरू किया। .
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विद्युतीय प्रतीक
बहुधा प्रयुक्त विद्युतीय प्रतीक विद्युत अभियांत्रिकी तथा इलेक्ट्रॉनिकी में किसी परिपथ के चित्रमय प्रदर्शन के लिये उस परिपथ में प्रयुक्त विभिन्न अवयवों (जैसे तार, बैटरी, डायोड, प्रतिरोध आदि के लिये मानक प्रतीक उपयोग किये जाते हैं। आजकल लगभग सभी देशों में लगभग एक समान प्रतीक प्रयोग किये जा रहे हैं। किसी अवयव का प्रतीक काफी सीमा तक उस अवयव के किसी प्रमुख गुणधर्म को चित्रित करता है। .
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गतिक परिसर
उच्च गतिक परिसर वाला एक दृष्य गतिक परिसर (Dynamic range, संक्षिप्त रूप: DR या DNR) किसी चर राशि के अधिकतम एवं न्यूनतम मानों के अनुपात को कहते हैं जो किसी युक्ति, उपकरण, यंत्र या अंग द्वारा ग्रहण किये जा सकते हैं। इसे या तो अनुपात के रूप में अभिव्यक्त किया जाता है या अनुपात के लघुगणक (डेसीबेल और डबुलिंग्स) द्वारा अभिव्यक्त करते हैं। उदाहरण के लिये मानव के कान एवं नेत्र की गतिक परिसर बहुत अधिक होती है (लगभग १०० डीबी और ९० डीबी क्रमशः)। 'गतिक परिसर' का उपयोग ध्वनि, संगीत, इलेक्ट्रॉनिकी, मापन, फोटोग्राफी आदि में होता है। अधिक गतिक परिसर वाले यंत्र, उपकरण और युक्तियाँ अच्छी मानी जातीं है। यदि कोई बहुमापी (मल्टीमीटर) कम से कम १ मिलीवोल्ट और अधिक से अधिक १००० वोल्ट का मापन कर सकता है तो कहेंगे कि इसकी गतिक परास १०००००० या १२० डीबी है। यदि कोई इलेक्ट्रानिक तुला कम से कम १ ग्राम तथा अधिक से अधिक १० किलो तौल सकती है तो उसका गतिक परिसर (१० किग्रा / १ ग्राम) .
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गन्स एण्ड रोज़ेज़
गन्स एण्ड रोज़ेज़ (जिसे कभी-कभी संक्षेप में GN'R या GnR भी कहा/लिखा जाता है) एक अमेरिकी हार्ड रॉक बैंड है। इस बैंड का गठन 1985 में कैलिफोर्निया के लॉस एंजिलिस के हॉलीवुड में हुआ था। प्रमुख गायक और सह-संस्थापक एक्सल रोज़ (जन्म विलियम ब्रूस रोज़, जूनियर) के नेतृत्व में इस बैंड के गठन के बाद से इसके सदस्यों में कई बार परिवर्तन हुए हैं और कई विवादों ने जन्म लिया है। इस बैंड ने अपने कॅरियर के दौरान छः स्टूडियो एल्बम, तीन EPs और एक लाइव एल्बम रिलीज़ किया है। बैंड ने दुनिया भर में 1000 लाख से अभी अधिक एल्बम बेचा है जिसमें से 460 लाख से अभी अधिक एल्बमों की बिक्री संयुक्त राज्य अमेरिका में हुई है। बैंड के 1987 के प्रमुख लेबल के पहले एल्बम एपेटाइट फॉर डिस्ट्रक्शन की 280 लाख प्रतियों की दुनिया भर में बहुत ज्यादा बिक्री हुई है और संयुक्त राज्य अमेरिका के ''बिलबोर्ड'' 200 में नंबर एक पर पहुंच गया है। इसके अतिरिक्त, इस एल्बम ने ''बिलबोर्ड'' हॉट 100 में तीन टॉप 10 सफल गाने दिए जिसमें "स्वीट चाइल्ड ओ' माइन" भी शामिल था जो नंबर एक पर पहुंच गया था। 1991 की एल्बमों, यूज़ योर इल्यूज़न I और यूज़ योर इल्यूज़न II ने बिलबोर्ड 200 पर दो सर्वोच्च स्थानों पर अपनी शुरुआत की और दुनिया भर में कुल 350 लाख प्रतियों की बिक्री की है जिसमें से केवल संयुक्त राज्य अमेरिका में 140 लाख प्रतियों की बिक्री हुई है। एक दशक से भी अधिक समय तक काम करने के बाद बैंड ने 2008 में अपना अगला एल्बम, चाइनीज़ डेमोक्रेसी रिलीज़ की। वर्तमान लाइन-अप (सदस्य-मण्डली) में प्रमुख गायक एक्सल रोज़, प्रमुख गिटारवादक रॉन "बम्बलफूट" थाल और डीजे अश्बा, ताल गिटारवादक रिचर्ड फोर्टस, बासवादक टॉमी स्टिन्सन, ड्रमवादक फ्रैंक फेरर, कीबोर्डवादक डिज़ी रीड और सिन्थेसाइज़र वादक क्रिस पिटमैन शामिल हैं। उनके अस्सी के दशक के मध्य से लेकर अंत तक और नब्बे के दशक के शुरू के वर्षों को संगीत उद्योग के व्यक्तियों द्वारा एक ऐसी अवधि के रूप में वर्णित किया जाता है जिसमें "उन्होंने सुखवादी अक्खड़पन को जन्म दिया और आरंभिक रोलिंग स्टोन्स की याद दिलाने वाले पंक (उग्र) प्रवृत्ति वाले हार्ड रॉक दृश्य को पुनर्जीवित किया।"http://www.rollingstone.com/artists/gunsnroses/biography .
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गृह स्वचालन
एक स्वचालित पशु-पोषक (बिल्ली) गृह स्वचालन (अंग्रेज़ी:होम ऑटोमेशन या डोमोटिक्स) घरेलु उपकरणों एवं आवासीय स्थानों में स्वचालन के बढ़ते प्रयोग, विशेषकर इलेक्ट्रॉनिक माध्यम द्वारा स्वचालन के बारे में होता है। यही शब्द इमारत स्वचालन (बिल्डिंग ऑटोमेशन) के लिये भी प्रयोग किया जाता है, जिसमें पूरी इमारत के स्वचालन से आशय होता है। इसमें वातानुकूलन, प्रकाश व्यवस्था, निगरानी, सुरक्षा, दरवाजों व खिड़कियों आदि पर आवागमन दृष्टि व प्रचालन सम्मिलित होते हैं। इस प्रकार के उपकरणों एवं प्रणाली को गृह स्वचालन एवं इनसे सुसज्जित गृह को स्मार्ट होम की संज्ञा दी जाती है। विदेशों में स्मार्ट होम्स का चलन बढ़ रहा है। स्मार्ट होम्स यानी ऐसे घर जहां अधिकांश चीजें तकनीक चालित होती हैं। बटन दबाने पर वहां कई काम एक साथ हो जाते हैं।। हिन्दुस्तान लाइव। पूरा घर एक स्मार्ट होम नियंत्रक के संकेत पर चलता है। ये नियंत्रक एक रिमोट की तरह काम करता है जिससे घर का तापमान आदि भी व्यवस्थित हो जाता है। भविष्य में स्मार्ट होम्स की सफलता इस बात पर भी निर्भर करेगी कि वह कितने त्रुटिहीन तरीके से काम कर सकते हैं। .
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गैलेक्सी नेक्सस
गैलेक्सी नेक्सस (GT-I9250) गूगल और सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स द्वारा सह-विकसित एक टचस्क्रीन एंड्राइड स्मार्टफोन है। यह गूगल नेक्सस श्रृंखला का तीसरा स्मार्टफोन है। .
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गैजेट
गैजेट एक छोटी तकनीकी वस्तु (जैसे एक डिवाइस या उपकरण) है जिसका एक विशेष कार्य है, लेकिन अक्सर इसे नयेपन के रूप में समझा जाता है। गैजेट्स को स्थिर रूप से उनके आविष्कार के समय सामान्य तकनीकी वस्तुओं की तुलना में अधिक असामान्य रूप से या चतुराई से डिजाइन किया गया समझा जाता है। गैजेट्स को कभी-कभी गिज़मोस के नाम से भी जाना जाता है। .
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गोकोंग्वेई अभियांत्रिकी महाविद्यालय
गोकोंगवी अभियांत्रिकी महाविद्यालय, ला ला सले विश्वविद्यालय के छह महाविद्यालयों में से एक है। यह १९४७ में द्वितीय विश्व युद्ध के बाद फिलीपींस का पुनर्वास करने में मदद करने के लिए, युवा लोगों को विज्ञान और प्रौद्योगिकी में जानकारी उपलब्ध कराने के उद्देश्य से स्थापित किया गया था।De La Salle University-Manila.
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ओनिडा इलेक्ट्रॉनिक्स
ओनिडा भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स ब्रांड के अग्रणी नामों में से एक है, जिसकी स्थापना "एम्आईआरसी इलेक्ट्रॉनिक्स" (MIRC Electronics) के नाम से 1981 में की गयी थी। .
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ओम का नियम
जॉर्ज साइमन ओम प्रतिरोध ''R'', के साथ ''V'' विभवान्तर का स्रोत लगाने पर उसमें विद्युत धारा, ''I '' प्रवाहित होती है। ये तीनों राशियाँ ओम के नियम का पालन करती हैं, अर्थात ''V .
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ओममापी
एक ओममापी ओममापी एक वैद्युत उपकरण जो प्रतिरोध मापने के काम आता है। वे ओममापी जो अत्यन्त कम प्रतिरोध को मापने के हिसाब से डिजाइन किये गये होते हैं उन्हें माइक्रोओममापी (microhmmeter) कहते हैं। इसी प्रकार बहुत अधिक प्रतिरोध के मापन के लिये मेगोममापी का उपयोग किया जाता है जिसे आम भाषा में मेगर (Megger) कहते हैं। मैंगर मीटर.
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आपरेशनल एम्प्लिफायर
भिन्न-भिन्न आकार-प्रकार के ऑप-एम्प संक्रियात्मक प्रवर्धक का प्रतीक 741 ऑप-एम्प का आन्तरिक परिपथ 741 ऑप-ऐम्प के पिनों का विवरण संक्रियात्मक प्रवर्धक या आपरेशनल एम्प्लिफायर (या, ऑप-ऐम्प) एक एकीकृत परिपथ (आइ सी) के रूप में निर्मित DC-कपल्ड (DC-coupled), अत्यधिक-लब्धि (गेन) वाला वोल्टेज एम्प्लिफायर है। इसमें प्राय: डिफरेंसियल इनपुट और एकमेव आउटपुट होता है। आधुनिक एलेक्ट्रानिकी में इसके अनेकानेक उपयोग हैं। प्राय: इसे ऋणात्मक (निगेटिव) फीडबैक देकर अम्प्लिफायर आदि के रूप में प्रयोग किया जाता है या धनात्मक (पॉजिटिव) फीडबैक देकर आसिलेटर आदि बनाये जाते हैं। इसका इनपुट इम्पीडेंस बहुत अधिक तथा आउटपुट इम्पीडेंस बहुत कम होता है। .
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आर्केड गेम
आर्केड गेम सिक्के द्वारा संचालित होने वाली एक मनोरंजन मशीन है, जिसे आम तौर पर रेस्तरां, सार्वजनिक प्रतिष्ठानों और वीडियो आर्केडों जैसे सार्वजनिक व्यापार केन्द्रों पर लगाया जाता है। अधिकांश आर्केड गेम प्रतिदान खेल (रिडेम्पशन गेम्स), व्यापार (जैसे कि क्लाव क्रेन), वीडियो गेम, या पिनबॉल मशीन के खेल होते हैं। .
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इलेक्ट्रानिक पत्रिका
जो पत्रिका कंप्यूटर पर लिखी जाए और कंप्यूटर पर ही पढ़ी जाए उसको जाल-नियतकालिक या इलेक्ट्रानिक पत्रिका (e-zine) कह सकते हैं। इस दृष्टि से जाल-पत्रिका को भी इलेक्ट्रानिक पत्रिका कहा जा सकता है। लेकिन हर इलेक्ट्रानिक पत्रिका जाल-पत्रिका हो वह ज़रूरी नहीं है। बहुत सी इलेक्ट्रानिक पत्रिकाएं पीडीएफ प्रारूप में तैयार की जाती हैं और बहुत सी एम एस वर्ड में। ये ई-मेल से पाठकों के पास भेजी जाती हैं या फिर डाउनलोड के लिए भी उपलब्ध होती हैं। बहुत सी कंपनियां अपने न्यूज़-लेटर इलेक्ट्रानिक-पत्रिका के रूप में प्रकाशित करती हैं। इनके प्रकाशन की तिथि निश्चित होती है और इनका संपादक मंडल भी होता है। .
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इलेक्ट्रॉनिक खेल
इलेक्ट्रॉनिक खेल ऐसे खेल होते हैं जो इलेक्ट्रॉनिक्स की मदद से एक इंटरेक्टिव प्रणाली बना कर खेले जाते हैं। इलेक्ट्रॉनिक खेल का सबसे सामान्य रूप आज वीडियो खेल है, और इस कारण से ये दोनों शब्द पर्याय के रूप में ग़लती से उपयोग किये जाते हैं। अन्य उदाहरण में शामिल है पिनबॉल, स्लॉट मशीन, या इलेक्ट्रो मैकेनिकल आर्केड गेम। .
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कार्बन नैनोट्यूब
कार्बन नैनोट्यूब का घूर्णन करता यह एनिमेशन उसकी 3 डी संरचना को दर्शाता है। कार्बन नैनोट्यूब (CNTs) एक बेलनाकार नैनोसंरचना वाले कार्बन के एलोट्रोप्स हैं। नैनोट्यूब को 28,000,000:1 तक के लंबाई से व्यास अनुपात के साथ निर्मित किया गया है, जो महत्वपूर्ण रूप से किसी भी अन्य द्रव्य से बड़ा है। इन बेलनाकार कार्बन अणुओं में नवीन गुण हैं जो उन्हें नैनोतकनीक, इलेक्ट्रॉनिक्स, प्रकाशिकी और पदार्थ विज्ञान के अन्य क्षेत्रों के कई अनुप्रयोगों के साथ-साथ वास्तु क्षेत्र में संभावित रूप से उपयोगी बनाते हैं। वे असाधारण शक्ति और अद्वितीय विद्युत् गुण प्रदर्शित करते हैं और कुशल ताप परिचालक हैं। उनका अंतिम उपयोग, लेकिन, उनकी संभावित विषाक्तता और रासायनिक शोधन की प्रतिक्रिया में उनके गुण परिवर्तन को नियंत्रित करने के द्वारा सीमित हो सकता है। नैनोट्यूब फुलरीन संरचनात्मक परिवार के सदस्य हैं, जिसमें गोलाकार बकिबॉल भी शामिल हैं। एक नैनोट्यूब के छोर को बकिबॉल संरचना के एक गोलार्द्ध के साथ ढका जा सकता है। उनका नाम उनके आकार से लिया गया है, चूंकि एक नैनोट्यूब का व्यास कुछ नैनोमीटर के क्रम में है (एक मानव बाल की चौड़ाई का लगभग 1/50,000 वां हिस्सा), जबकि वे लंबाई में कई मिलीमीटर हो सकते हैं (यथा 2008).
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क्रिस्टलता
क्रिस्टलता (crystallinity) किसी ठोस पदार्थ में ढांचे की सुव्यवस्था के माप को कहते हैं। क्रिस्टलों में परमाणु या अणु एक नियत व आवर्ती क्रम में सज्जित होते हैं। क्रिस्टलता काष्ठा (degree of crystallinity) का पदार्थ की कठोरता, घनत्व, पारदर्शिता और विसरण के गुणों पर भारी प्रभाव पड़ता है। .
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केरिन्थिया (Kärnten)
केरिन्थिया (Kärnten, Koroška) एक सुदूर दक्षिणी ऑस्ट्रियाई राज्य या क्षेत्र है। यह ईस्टर्न आल्प्स के भीतर स्थित है और मुख्यतः पर्वतों और झीलों के लिए यह प्रसिद्ध है। एक विशेष (आसानी से पहचानने योग्य) दक्षिणी ऑस्ट्रो-बवारियन बोली के साथ यहां के लोग मुख्य रूप से जर्मन बोलते हैं जिसमें मुख्य रूप से दोहरे व्यंजन से पहले सभी छोटे जर्मन स्वर लम्बे होते हैं ("केरिन्थियान वोवेल स्ट्रेचिंग").
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कोजो (प्रोग्रामन भाषा)
कोजो (Kojo) एक प्रोग्रामन तथा अधिगम (learning) का मुक्त स्रोत सॉफ्टवेयर है। इसमें ऐसी सुविधाएं हैं जिससे खेलने, खोजने, सृजन करने और सीखने में मदद मिलती है। इससे कम्प्यूटर प्रोग्रामन, मानसिक कौशल, गणित, ग्राफिक्स, कला, संगीत, विज्ञान, एनिमेशन, खेल और इलेक्ट्रॉनिकी सीखने में मदद मिलती है। कोजो भाषा ने लोगो (Logo) और प्रोसेसिंग (Processing) भाषाओं से कई विचार ग्रहण किये हैं। कोजो मुक्तस्रोत सॉफ्टवेयर है। इसका विकास देहरादून के कम्प्यूटर प्रोग्रामर तथा अध्यापक ललित पन्त ने किया है। कोजो एक आईडीई (IDE) भी है। .
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कीबोर्ड उपकरण
पियानो, एक आम कीबोर्ड उपकरण कीबोर्ड उपकरण एक ऐसा संगीत उपकरण है जिसे संगीतमय कीबोर्ड के प्रयोग से बजाया जाता है। इनमें से सबसे सामान्य पियानो है। व्यापक रूप से इस्तेमाल किए जाने वाले अन्य कीबोर्ड उपकरणों में विभिन्न प्रकार के यंत्रों के साथ-साथ अन्य यांत्रिक, विद्युत यांत्रिक और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण शामिल हैं। प्रचलित भाषा में, ज्यादातर इसे कीबोर्ड-शैली सिंथेसाइज़र के रूप में संदर्भित किया जाता है। पाइप यंत्र, हर्डी गर्डी, क्लेवीकोर्ड और हार्पसीकोर्ड आरम्भिक कीबोर्ड उपकरण हैं। ऑर्गन निस्संदेह इनमें से सबसे पुराना है, जो ई.पू.
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अनुरूप से अंकीय परिवर्तक
WM8775SEDS, ४-चैनेल वाला स्टीरियो-मल्टीप्लेक्स्ड अनुरूप से अंकीय परिवर्तक है। इलेक्ट्रॉनिकी में अनुरूप से अंकीय परिवर्तक (analog-to-digital converter) या ए-डी परिवर्तक (ADC, A/D, A–D, या A-to-D) उस इलेक्ट्रानिक प्रणाली को कहते हैं जो अनुरूप संकेतों को अंकीय संकेतों में बदलती है। .
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अभियान्त्रिकी
लोहे का 'कड़ा' (O-ring): कनाडा के इंजिनियरों का परिचय व गौरव-चिह्न सन् 1904 में निर्मित एक इंजन की डिजाइन १२ जून १९९८ को अंतरिक्ष स्टेशन '''मीर''' अभियान्त्रिकी (Engineering) वह विज्ञान तथा व्यवसाय है जो मानव की विविध जरूरतों की पूर्ति करने में आने वाली समस्याओं का व्यावहारिक समाधान प्रस्तुत करता है। इसके लिये वह गणितीय, भौतिक व प्राकृतिक विज्ञानों के ज्ञानराशि का उपयोग करती है। इंजीनियरी भौतिक वस्तुओं और सेवाओं का उत्पादन करती है; औद्योगिक प्रक्रमों का विकास एवं नियंत्रण करती है। इसके लिये वह तकनीकी मानकों का प्रयोग करते हुए विधियाँ, डिजाइन और विनिर्देश (specifications) प्रदान करती है। .
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अर्धचालक पदार्थ
सुचालक, अर्धचालक तथा कुचालक के बैण्डों की तुलना अर्धचालक (semiconductor) उन पदार्थों को कहते हैं जिनकी विद्युत चालकता चालकों (जैसे ताँबा) से कम किन्तु अचालकों (जैसे काच) से अधिक होती है। (आपेक्षिक प्रतिरोध प्रायः 10-5 से 108 ओम-मीटर के बीच) सिलिकॉन, जर्मेनियम, कैडमियम सल्फाइड, गैलियम आर्सेनाइड इत्यादि अर्धचालक पदार्थों के कुछ उदाहरण हैं। अर्धचालकों में चालन बैण्ड और संयोजक बैण्ड के बीच एक 'बैण्ड गैप' होता है जिसका मान ० से ६ एलेक्ट्रान-वोल्ट के बीच होता है। (Ge 0.7 eV, Si 1.1 eV, GaAs 1.4 eV, GaN 3.4 eV, AlN 6.2 eV).
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अर्धचालक युक्ति
अर्धचालक युक्तियाँ (Semiconductor devices) उन एलेक्ट्रानिक अवयवों को कहते हैं जो अर्धचालक पदार्थों के गुण-धर्मों का उपयोग करके बनाये जाते हैं। सिलिकॉन, जर्मेनियम और गैलिअम आर्सेनाइड मुख्य अर्धचालक पदार्थ हैं। अधिकांश अनुप्रयोगों में अब उन सभी स्थानों पर अर्धचालक युक्तियाँ प्रयोग की जाने लगी हैं जहाँ पहले उष्मायनिक युक्तियाँ (निर्वात ट्यूब) प्रयोग की जाती थीं। अर्धचालक युक्तियाँ, ठोस अवस्था में एलेक्ट्रानिक संचलन पर आधारित हैं जबकि ट्यूब युक्तियाँ उच्चा निर्वात या गैसीय अवस्था में उष्मायनों के चालन पर आधारित थीं। निर्माण के आधार पर अर्धचालक युक्तियाँ मुख्यतः दो प्रकार की होती हैं - अकेली युक्तियाँ और एकीकृत परिपथ (IC) .
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अंकीय इलेक्ट्रॉनिकी
अंकीय इलेक्ट्रॉनिकी या डिजिटल इलेक्ट्रॉनिक्स इलेक्ट्रॉनिक्स की एक शाखा है जिसमें विद्युत संकेत अंकीय होते हैं। अंकीय संकेत बहुत तरह के हो सकते हैं किन्तु बाइनरी डिजिटल संकेत सबसे अधिक उपयोग में आते हैं। शून्य/एक, ऑन/ऑफ, हाँ/नहीं, लो/हाई आदि बाइनरी संकेतों के कुछ उदाहरण हैं। जबसे एकीकृत परिपथों (इन्टीग्रेटेड सर्किट) का प्रादुर्भाव हुआ है और एक छोटी सी चिप में लाखों करोंड़ों इलेक्ट्रॉनिक युक्तियाँ भरी जाने लगीं हैं तब से डिजिटल इलेक्ट्रॉनिक बहुत महत्वपूर्ण हो गयी है। आधुनिक व्यक्तिगत कम्प्यूटर (पीसी) तथा सेल-फोन, डिजिटल कैमरा आदि डिजिटल इलेक्ट्रॉनिकी की देन हैं। लकडी की तख्ती पर हाथ से बुनी हुई एक द्विआधारी घड़ी एक औद्योगिक अंकीय नियंत्रक इनटेल 80486DX2 माइक्रोप्रोसेसर अंकीय इलेक्ट्रॉनिकी, या सूक्ष्माड़विक आंकिक पद्धति ऐसी प्रणाली है जो विद्युत संकेतों को, रेखीय स्तर के एक निरंतर पट्टियों के बजाए एक अलग अलग पट्टियों की श्रृंखला के रूप में दर्शाती है। इस पट्टी के सभी स्तर संकेतों की एक ही अवस्था को दर्शाते हैं। संकेतो की इस पृथकता की वजह से निर्माण सहनशीलता के काऱण रेखीय संकेतो के स्तर में आये अपेक्षाकृत छोटे बदलाव अलग आवरण नहीं छोड़ते है। जिसके परिणाम स्वरुप संकेतो की अवस्था को महसूस करने वाला परिपथ इन्हे नजरअंदाज कर देता है। ज्यादातर मामलों में संकेतो की अवस्था की संख्या दो होती है और इन दो अवस्थाओं को दो वोल्टेज स्तरों द्वारा दर्शाया जाता है: प्रयोग में आपूर्ति वोल्टेज के आधार पर एक व दूसरा (आमतौर पर "जमीनी" या शून्य वोल्ट के रूप में कहा जाता है)| 1 उच्च स्तर पर होता है व 0 निम्न स्तर पर। अक्सर ये दोनों स्तर "लो" और "हाई" के रूप में प्रतिनिधित्व करते हैं। आंकिक तकनीक का मूल लाभ इस तथ्य पर आधारित है कि संकेतो की एक सतत श्रृंखला को पुनरुत्पादित करने के बजाए, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण को संकेतो की ० या १ जैसे किसी ज्ञात अवस्था में भेजना ज्यादा आसान होता है। डिजिटल इलेक्ट्रॉनिक्स आम तौर पर लॉजिक गेट्स के वृहद संयोजन व बूलियन तर्क प्रकार्य के सरल इलेक्ट्रोनिक्स से बनाया जाता है। .
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अंकीय-अनुरूप रूपांतरण
इलेक्ट्रॉनिकी में अंकीय-अनुरूप परिवर्तक (digital-to-analog converter) (DAC, D/A, D–A, D2A, or D-to-A) उस इलेक्ट्रॉनिक युक्ति को कहते हैं जो अंकीय संकेतों को एनॉलॉग (अनुरूप) संकेतों में बदलती है। इसके उल्टा काम करने वाली युक्ति अनुरूप से अंकीय परिवर्तक (analog-to-digital converter या ADC) कहलाती है। .
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उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स
उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स (consumer electronics) या गृह इलेक्ट्रॉनिक्स (home electronics) दैनिक प्रयोग में आने वाली इलेक्ट्रॉनिक वस्तुएँ होती हैं जो विशेष रूप से निजी घरों में इस्तेमाल होती हैं। इनमें टेलिविज़न जैसी मनोरंजन के लिए, दूरभाष जैसी संचार के लिए और संगणक (कम्प्यूटर) जैसी कार्यों के लिए प्रयोग होने वालि वस्तुएँ शामिल हैं। उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स संघ (Consumer Electronics Association) के अनुमान के अनुसार सन् 2015 में 220 अरब अमेरिकी डॉलर की उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स वस्तुएँ बिकी थीं। .
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