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इन्दिरा गांधी

सूची इन्दिरा गांधी

युवा इन्दिरा नेहरू औरमहात्मा गांधी एक अनशन के दौरान इन्दिरा प्रियदर्शिनी गाँधी (जन्म उपनाम: नेहरू) (19 नवंबर 1917-31 अक्टूबर 1984) वर्ष 1966 से 1977 तक लगातार 3 पारी के लिए भारत गणराज्य की प्रधानमन्त्री रहीं और उसके बाद चौथी पारी में 1980 से लेकर 1984 में उनकी राजनैतिक हत्या तक भारत की प्रधानमंत्री रहीं। वे भारत की प्रथम और अब तक एकमात्र महिला प्रधानमंत्री रहीं। .

245 संबंधों: चन्द्रशेखर, चासनाला खान दुर्घटना, चिदम्बरम् सुब्रह्मण्यम्, चिपको आन्दोलन, चौधरी चरण सिंह, टाइगर हैवन, एम सी छागला, एयर इंडिया फ़्लाइट 182, तपीश्वर नारायण रैना, तीन मूर्ति भवन, तीजनबाई, दिनेश सिंह (राजनीतिज्ञ), दक्षिण गंगोत्री, दुर्गाप्रसाद धर, द्विपक्षीय राजनय, देशभूषण, देव आनन्द, देवरहा बाबा, देवकांत बरुआ, धनबाद, नरेन्द्र मोदी, नरेन्द्र मोदी द्वारा किए गए अंतरराष्ट्रीय प्रधानमन्त्रीय यात्राओं की सूची, नारी, नागरवाला घोटाला, निर्मला सीतारमन, नेहरू तारामंडल, दिल्ली, नेहरू–गांधी परिवार, नीलम संजीव रेड्डी, पद्मजा नायडू हिमालयन प्राणी उद्यान, परमेश्वर नारायण हक्सर, पराठे वाली गली, पार्वती कृष्णन, पंजाबी सूबा आन्दोलन, प्रणब मुखर्जी, प्रथम भारतीय महिलाओं की सूची, प्रधानमंत्री (टीवी सीरीज), प्रियंका गांधी, प्रेमकृष्ण खन्ना, पृथ्वी नाथ धर, पोखरण-2, पीलू मोदी, फिरोज़ गांधी, बनवारी लाल जोशी, बागेश्वर का इतिहास, बिंदेश्वरी दुबे, बंसी लाल, बंकिमचन्द्र चट्टोपाध्याय, ब्रिटिशकालीन भारत के रियासतों की सूची, ब्रज कुमार नेहरू, बेकल उत्साही, ..., बीसवीं शताब्दी, भारत, भारत में धर्म, भारत में महिलाएँ, भारत में मानवाधिकार, भारत में राजभत्ता, भारत में संचार, भारत में हिन्दू धर्म, भारत में आतंकवाद, भारत रत्न पुरस्कार विजेताओं की सूची, भारत रत्‍न, भारत का प्रधानमन्त्री, भारत का भूगोल, भारत का केंद्रीय बजट, भारत के प्रधान मंत्रियों की सूची, भारत के रक्षा मंत्री, भारत के रेल मंत्री, भारत के घोटालों की सूची (वर्ष के अनुसार), भारत के वित्त मंत्री, भारत के विदेश मंत्री, भारत के विदेश सचिव, भारत के गृह मंत्री, भारतीय चुनाव, भारतीय महापुरुषों के समाधिस्थलों की सूची, भारतीय मीडिया, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (संगठन), भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्षों की सूची, भारतीय शांति रक्षा सेना, भारतीय सिनेमा, भारतीय सैन्य अकादमी, भारतीय जनता पार्टी, भारतीय जनसंघ, भारतीय व्यक्तित्व, भारतीय आम चुनाव, 1967, भारतीय आम चुनाव, १९७१, भारतीय आम चुनाव, १९७७, भारतीय आम चुनाव, १९८०, भारतीय आम चुनाव, १९८४, भारतीय इतिहास तिथिक्रम, भारतीय इतिहास की समयरेखा, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, भारतीय क्रिकेट टीम का पाकिस्तान दौरा 1984-85, भिक्की सिंह (स्वतंत्रता संग्राम सेनानी), भोपाल जंक्शन रेलवे स्टेशन, मदनलाल पाहवा, मधुकर दत्तात्रेय देवरस, मसूरी, महमूदा अली शाह, महात्मा गाँधी सेतु, महात्मा गांधी की हत्या, महानतम भारतीय (सर्वेक्षण), मातंगिनी हाजरा, मारुति ८००, मार्क टली, मजलिस जमींदार (स्वतंत्रता संग्राम सेनानी), मुनीश्वर दत्त उपाध्याय, मुख्तार अब्बास नकवी, मुक्तिवाहिनी, मैडम तुसाद संग्रहालय, मेनका गांधी, मोरारजी देसाई, यशवंतराव चव्हाण, यासिर अराफ़ात (फिलिस्तीनी नेता), रतन नवल टाटा, रमेश चन्द्र झा, राम बहादुर राय, रामदास पाध्ये, रामभद्राचार्य, रामकृष्ण खत्री, रायबरेली, राष्ट्रीय पुलिस आयोग, राष्ट्रीय भौतिक प्रयोगशाला, भारत, राष्‍ट्रीय वीरता पुरस्‍कार, राहुल गांधी, राजनारायण, राजा उदय प्रताप सिंह, राजघाट समाधि परिसर, राजकुमारी रत्ना सिंह, राजेंद्र कुमारी बाजपेयी, राजीव गांधी, रिसर्च एंड एनालिसिस विंग, रवि शंकर प्रसाद, लालबहादुर शास्त्री, शारदा मुखर्जी, शंकर अन्तर्राष्ट्रीय गुड़िया संग्रहालय, नई दिल्ली, शंकरदयाल शर्मा, शक्तिस्थल, श्रृंग्वेरपुर, श्री लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत विद्यापीठ, श्रीकांत वर्मा, शीला कौल, सतपाल (पहलवान), सत्य नारायण सिन्हा, सत्यजित राय, सदन के नेता (लोक सभा), सफदरजंग विमानक्षेत्र, सम्पूर्ण क्रांति, सरोजिनी महिषी, सारन जिला, सारे जहाँ से अच्छा, सालिम अली, सिलचर, सिकन्दर बख्त, संत प्रभुदत्त ब्रह्मचारी, संजय गांधी, सुषमा स्वराज, स्वतन्त्रता के बाद भारत का संक्षिप्त इतिहास, स्वराज पॉल, स्वराज भवन, इलाहाबाद, सूत्रवाक्य, सूर्य प्रताप शाही, सेंट पॉल कैथेड्रल (अम्बाला), सीताराम केसरी, हत्या की गई भारतीय राजनीतिज्ञों की सूची, हरीश मेहरा, हाजीपुर, हिन्दी पुस्तकों की सूची/प, हिमाचल प्रदेश का इतिहास, होमी सेठना, जनता पार्टी, जनेश्वर मिश्र, जम्मू और कश्मीर, जम्मू और कश्मीर में विद्रोह, जयप्रकाश नारायण, जवाहर लाल नेहरू पुरस्कार, जवाहरलाल नेहरू, जगमोहनलाल सिन्हा, ज्ञानमति, जेट एयरवेज, वरुण गांधी, विद्या चरण शुक्ल, विनोबा भावे, विशाखापट्टनम इस्पात कारखाना, विश्व हिन्दी सम्मेलन, विश्व-भारती विश्वविद्यालय, विशेष सुरक्षा दल, विजयलक्ष्मी पंडित, वंशवाद, वेद प्रताप वैदिक, वेलकम होटल, द्वारका, वी आर कृष्ण अय्यर, गिरिराज किशोर (राजनीतिज्ञ), गुरुचरण सिंह तोहड़ा, गुलज़ारीलाल नन्दा, गोपाल स्वरूप पाठक, गोरक्षा आन्दोलन, गोर्खालैंड, ऑपरेशन ब्लू स्टार, आनंद भवन, आपातकाल (भारत), आर के धवन, आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था अधिनियम, इन्दिरा गांधी अन्तरराष्ट्रीय खेल स्टेडियम, हल्द्वानी, इन्द्र कुमार गुजराल, इलाहाबाद, इलाहाबाद/आलेख, इंदर मल्होत्रा, इंदिरा सागर बाँध, इंदिरा गांधी प्रियदर्शिनी पुरस्कार, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय उद्यान, इंदिरा गांधी स्मारक, नई दिल्ली, इंदिरा गांधी अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र, कमला नेहरू, कमला बेनीवाल, कर्ण सिंह, कस्तूरबा गांधी राष्ट्रीय स्मारक न्यास, कामराज योजना, कृष्ण कान्त, कृष्णास्वामी सुंदरजी, के. कामराज, कोयला नगर, अनुपम मिश्र, अमृत नाहटा, अरिहंत श्रेणी की पनडुब्बियाँ, अशोक सिंघल, अशोक गहलोत, अकाल तख़्त, उत्तर प्रदेश राज्य बनाम राज नारायण, उत्तराखण्ड राज्य आन्दोलन, १२ नवम्बर, १४ जनवरी, १९ नवम्बर, १९ जनवरी, १९१७, १९७१ का भारत-पाक युद्ध, १९७२, १९७७, १९८०, १९८४, २३ जून, २५ जून, ३ जुलाई, ३१ अक्टूबर, 1984 सिख विरोधी दंगे सूचकांक विस्तार (195 अधिक) »

चन्द्रशेखर

चन्द्रशेखर सिंह (जन्म १७ अप्रैल, १९२७ - मृत्यु 8 जुलाई, २००७) भारत के नौवें प्रधानमन्त्री थे। .

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चासनाला खान दुर्घटना

दुनिया के दस बडी़ खान दुर्घटना में चासनाला खान दुर्घटना की भी गिनती होती है। 1975 के चासनाला खान दुर्घटना पर यश चोपड़ा ने 1979 में काला पत्थर (1979 फ़िल्म) नामक फिल्म बनाई थी। श्रेणी:दुर्घटनाएँ.

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चिदम्बरम् सुब्रह्मण्यम्

चिदम्बरम् सुब्रह्मण्यम् (30 जनवरी, 1910 - 7 नवंबर, 2000) भारतीय राजनेता थे। वे राज्य और केंद्र स्तर के मंत्री और गवर्नर रहे। .

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चिपको आन्दोलन

पेड को काटने से बचाने के लिये उससे चिपकी ग्रामीण महिलाएँ चिपको आन्दोलन एक पर्यावरण-रक्षा का आन्दोलन है। यह भारत के उत्तराखण्ड राज्य (तब उत्तर प्रदेश का भाग) में किसानो ने वृक्षों की कटाई का विरोध करने के लिए किया था। वे राज्य के वन विभाग के ठेकेदारों द्वारा वनों की कटाई का विरोध कर रहे थे और उन पर अपना परम्परागत अधिकार जता रहे थे। यह आन्दोलन तत्कालीन उत्तर प्रदेश के चमोली जिले में सन १९७३ में प्रारम्भ हुआ। एक दशक के अन्दर यह पूरे उत्तराखण्ड क्षेत्र में फैल गया। चिपको आन्दोलन की एक मुख्य बात थी कि इसमें स्त्रियों ने भारी संख्या में भाग लिया था। इस आन्दोलन की शुरुवात १९७३ में भारत के प्रसिद्ध पर्यावरणविद् सुन्दरलाल बहुगुणा, कामरेड गोविन्द सिंह रावत, चण्डीप्रसाद भट्ट तथा श्रीमती गौरादेवी के नेत्रत्व मे हुई थी। यह भी कहा जाता है कि कामरेड गोविन्द सिंह रावत ही चिपको आन्दोलन के व्यावहारिक पक्ष थे, जब चिपको की मार व्यापक प्रतिबंधों के रूप में स्वयं चिपको की जन्मस्थली की घाटी पर पड़ी तब कामरेड गोविन्द सिंह रावत ने झपटो-छीनो आन्दोलन को दिशा प्रदान की। चिपको आंदोलन वनों का अव्यावहारिक कटान रोकने और वनों पर आश्रित लोगों के वनाधिकारों की रक्षा का आंदोलन था रेणी में 24 सौ से अधिक पेड़ों को काटा जाना था, इसलिए इस पर वन विभाग और ठेकेदार जान लडाने को तैयार बैठे थे जिसे गौरा देवी जी के नेतृत्व में रेणी गांव की 27 महिलाओं ने प्राणों की बाजी लगाकर असफल कर दिया था। 'चिपको आन्दोलन' का घोषवाक्य है- सन १९८७ में इस आन्दोलन को सम्यक जीविका पुरस्कार (Right Livelihood Award) से सम्मानित किया गया था। .

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चौधरी चरण सिंह

चौधरी चरण सिंह (२३ दिसम्बर १९०२ - २९ मई १९८७) भारत के पांचवें प्रधानमन्त्री थे। उन्होंने यह पद २८ जुलाई १९७९ से १४ जनवरी १९८० तक सम्भाला। चौधरी चरण सिंह ने अपना सम्पूर्ण जीवन भारतीयता और ग्रामीण परिवेश की मर्यादा में जिया। .

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टाइगर हैवन

टाइगर हैवन (Tiger Haven) जनपद लखीमपुर में दुधवा राष्ट्रीय उद्यान की सीमा से लगा हुआ सुहेली नदी के तट पर स्थित है। यह टाइगर मैन बिली अर्जन सिंह का निवास स्थान था, जहाँ बाघ, कुत्ते और तेन्दुए एक साथ रहते थे। यह स्थान बाघ और तेन्दुओं के सफ़ल पुनर्वासन के कारण विश्व प्रसिद्ध हुआ। यह पुनर्वासन कार्यक्रम भारत की तत्कालीन प्रधानमन्त्री श्रीमती इन्दिरा गाँधी के वन्य-जीवों के प्रति लगाव के कारण संभव हो पाया। उन्ही के द्वारा इस प्रोजेक्ट को सफ़लता पूर्वक संपन्न करने का कार्य बिली अर्जन सिंह ने किया। दुनिया का यह पहला सफ़ल प्रयोग था, जब किसी चिड़ियाघर से या मनुष्य द्वारा पालतू बाघ या तेन्दुए के शावक को वयस्क होने पर उसे जंगल में पुनर्वासित किया गया। .

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एम सी छागला

महोम्मेदाली करीम चागला (एम.सी.छागला) (30 सितंबर 1900-9 फ़रवरी 1981) एक प्रसिद्ध भारतीय न्यायधीश, राजनयिक तथा कैबिनेट मंत्री थे, जिन्होनें 1948 से 1958 तक बंबई उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में सेवा की थी। .

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एयर इंडिया फ़्लाइट 182

250px एयर इंडिया फ़्लाइट 182 मॉन्ट्रियल-लंदन-दिल्ली-मुंबई मार्ग के बीच परिचालित होने वाली एयर इंडिया की उड़ान थी। 23 जून 1985 को मार्ग पर परिचालित होने वाला एक हवाई जहाज़, बोइंग 747-237B (c/n 21473/330, reg VT-EFO) जिसका नाम सम्राट कनिष्क के नाम पर रखा गया था, आयरिश हवाई क्षेत्र में उड़ते समय, की ऊंचाई पर, बम से उड़ा दिया गया और वह अटलांटिक महासागर में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। 329 लोगों की मृत्यु हुई, जिनमें अधिकांश भारत में जन्मे या भारतीय मूल के 280 कनाडाई नागरिक और 22 भारतीय शामिल थे। यह घटना आधुनिक कनाडा के इतिहास में सबसे बड़ी सामूहिक हत्या थी। विस्फोट और वाहन का गिरना, संबंधित नारिटा हवाई अड्डे की बमबारी के एक घंटे के भीतर घटित हुआ। जांच और अभियोजन में लगभग 20 वर्ष लगे और यह कनाडा के इतिहास में, लगभग CAD $130 मिलियन की लागत के साथ, सबसे महंगा परीक्षण था। एक विशेष आयोग ने प्रतिवादियों को दोषी नहीं पाया और उन्हें छोड़ दिया गया। 2003 में मानव-हत्या की अपराध स्वीकृति के बाद, केवल एक व्यक्ति को बम विस्फोट में लिप्त होने का दोषी पाया गया। परिषद के गवर्नर जनरल ने 2006 में भूतपूर्व सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश जॉन मेजर को जांच आयोग के संचालन के लिए नियुक्त किया और उनकी रिपोर्ट 17 जून 2010 को पूरी हुई और जारी की गई। यह पाया गया कि कनाडा सरकार, रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस और कैनेडियन सेक्युरिटी इंटलिजेन्स सर्विस द्वारा "त्रुटियों की क्रमिक श्रृंखला" की वजह से आतंकवादी हमले को मौक़ा मिला। .

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तपीश्वर नारायण रैना

जनरल तापेश्वर नारायण रैना 'पद्म भूषण, महावीर चक्र (1 9 21 और 1 9 मई 1 9 80)भारतीय सेना के पूर्व सेना प्रमुख,भारत के थलसेनाध्यक्ष, उनका कार्यकाल 1 9 75 और 1 9 78 के बीच रहा। बाद में, उन्होंने कनाडा के उच्चायुक्त के रूप में कार्य किया। वह भारत के तीसरे उच्चतम नागरिक सम्मान, पद्म भूषण के प्राप्तकर्ता थे। .

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तीन मूर्ति भवन

तीन मूर्ति भवन में भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पं.

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तीजनबाई

तीजनबाई (जन्म- २४ अप्रैल १९५६) भारत के छत्तीसगढ़ राज्य के पंडवानी लोक गीत-नाट्य की पहली महिला कलाकार हैं। देश-विदेश में अपनी कला का प्रदर्शन करने वाली तीजनबाई को बिलासपुर विश्वविद्यालय द्वारा डी लिट की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया है। वे सन १९८८ में भारत सरकार द्वारा पद्मश्री और २००३ में कला के क्षेत्र में पद्म भूषण से अलंकृत की गयीं। उन्हें १९९५ में संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार तथा २००७ में नृत्य शिरोमणि से भी सम्मानित किया जा चुका है। भिलाई के गाँव गनियारी में जन्मी इस कलाकार के पिता का नाम हुनुकलाल परधा और माता का नाम सुखवती था। नन्हीं तीजन अपने नाना ब्रजलाल को महाभारत की कहानियाँ गाते सुनाते देखतीं और धीरे धीरे उन्हें ये कहानियाँ याद होने लगीं। उनकी अद्भुत लगन और प्रतिभा को देखकर उमेद सिंह देशमुख ने उन्हें अनौपचारिक प्रशिक्षण भी दिया। १३ वर्ष की उम्र में उन्होंने अपना पहला मंच प्रदर्शन किया। उस समय में महिला पंडवानी गायिकाएँ केवल बैठकर गा सकती थीं जिसे वेदमती शैली कहा जाता है। पुरुष खड़े होकर कापालिक शैली में गाते थे। तीजनबाई वे पहली महिला थीं जो जिन्होंने कापालिक शैली में पंडवानी का प्रदर्शन किया।। देशबन्धु।६ अक्टूबर, २००९ एक दिन ऐसा भी आया जब प्रसिद्ध रंगकर्मी हबीब तनवीर ने उन्हें सुना और तबसे तीजनबाई का जीवन बदल गया। तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी से लेकर अनेक अतिविशिष्ट लोगों के सामने देश-विदेश में उन्होंने अपनी कला का प्रदर्शन किया। प्रदेश और देश की सरकारी व गैरसरकारी अनेक संस्थाओं द्वारा पुरस्कृत तीजनबाई मंच पर सम्मोहित कर देनेवाले अद्भुत नृत्य नाट्य का प्रदर्शन करती हैं। ज्यों ही प्रदर्शन आरंभ होता है, उनका रंगीन फुँदनों वाला तानपूरा अभिव्यक्ति के अलग अलग रूप ले लेता है। कभी दुःशासन की बाँह, कभी अर्जुन का रथ, कभी भीम की गदा तो कभी द्रौपदी के बाल में बदलकर यह तानपूरा श्रोताओं को इतिहास के उस समय में पहुँचा देता है जहाँ वे तीजन के साथ-साथ जोश, होश, क्रोध, दर्द, उत्साह, उमंग और छल-कपट की ऐतिहासिक संवेदना को महसूस करते हैं। उनकी ठोस लोकनाट्य वाली आवाज़ और अभिनय, नृत्य और संवाद उनकी कला के विशेष अंग हैं। भारत भवन भोपाल में पंडवानी प्रस्तुति के दौरान .

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दिनेश सिंह (राजनीतिज्ञ)

राजा दिनेश सिंह (19 जुलाई 1925 – 30 नवम्बर 1995) भारत के भूतपूर्व केन्द्रीय विदेश मंत्री थे। वे उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिला की जानी मानी कालाकांकर राजघराने से ताल्लुक रखते थे। राजा अवधेश सिंह इनके पिता व राजकुमारी रत्ना सिंह इनकी पुती हैं। .

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दक्षिण गंगोत्री

दक्षिण गंगोत्री अंटार्कटिक महाद्वीप में भारत का पहला स्टेशन है, जो तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गाँधी द्वारा भारतीय विज्ञान को बढ़ावा देने एवम ध्रुवीय अनुसन्धान के लिए १९८४ में स्थापित किया है, वतर्मान में यह स्टेशन अस्तित्व में नहीं है। क्योंकि यह लगभग ७० मीटर बर्फ की मोटी चादर पे समुद्र पर बनी बर्फ की चट्टान पर निर्माण किया था। श्रेणी:अंटार्कटिका श्रेणी:भारत और अंटार्कटिका.

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दुर्गाप्रसाद धर

दुर्गा प्रसाद धर (1918-1975) प्रसिद्ध कश्मीरी राजनीतिज्ञ और भारतीय राजनयिक थे। वो इन्दिरा गांधी के विश्वास पात्र थे। वह रूस में भारत के राजदूत रहे। .

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द्विपक्षीय राजनय

द्विपक्षीय राजनय (Billateral Diplomacy या Bilateralism) का तात्पर्य है - 'दो पक्षों के मध्य सम्बन्ध'। दो राज्यों के बीच राजनय को द्विपक्षीय राजनय कहते हैं। राजनय के द्वारा दो राज्यों के बीच की समस्याओं को हल किया जाता है। यदि राष्ट्रीय समस्याएं जटिल हैं तो इनके समाधान के लिए दोनों राज्यों के बीच सम्मेलन द्वारा सुलझाया जा सकता है। राजनय का सामान्य, सरल तथा सीध मार्ग यह है कि विदेश विभाग तथा इनके द्वारा नियुक्त राजदूत समस्याओं के समाधान आपस में बातचीत द्वारा कर लेते हैं। इस प्रकार राज्यों के सम्बन्ध सुचारु रूप से चलते रहते हैं। राज्यों के मध्य पारस्परिक व्यक्तिगत सम्पर्क दोनों के मध्य सम्बन्धों को मधुर बनाता है। .

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देशभूषण

आचार्य देशभूषण एक Digambara जैन आचार्य 20 वीं सदी के हैं, जो रचना का अनुवाद और कई कन्नड़ शास्त्रों करने के लिए हिंदी.

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देव आनन्द

देव आनन्द उर्फ़ धरमदेव पिशोरीमल आनंद (जन्म २६ सितंबर १९२३- मृत्यु ३ दिसम्बर २०११) हिन्दी फ़िल्मों के एक प्रसिद्ध अभिनेता थे। .

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देवरहा बाबा

देवरहा बाबा, भारत के उत्तर प्रदेश के देवरिया जनपद में एक योगी, सिद्ध महापुरुष एवं सन्तपुरुष थे। डॉ॰ राजेन्द्र प्रसाद, महामना मदन मोहन मालवीय, पुरुषोत्तमदास टंडन, जैसी विभूतियों ने पूज्य देवरहा बाबा के समय-समय पर दर्शन कर अपने को कृतार्थ अनुभव किया था। पूज्य महर्षि पातंजलि द्वारा प्रतिपादित अष्टांग योग में पारंगत थे। .

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देवकांत बरुआ

देवकांत बरुआ (२२ फरवरी १९१४ - २८ जनवरी १९९६) असम राज्य के एक भारतीय राजनीतिज्ञ थे, जो आपातकाल (१९७५-७७) के दौरान भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष के रूप में कार्यरत थे। वे अपने "इन्दिरा भारत हैं, भारत इन्दिरा है" के कथन के लिए जाने जाते है और इसे इन्दिरा गांधी की चापलूसी और अतिशयोक्ति भरी तारीफ के रूप में देखा जाता है। वे पहले १ फरवरी १९७१ से ४ फरवरी १९७३ तक बिहार के राज्यपाल भी रहे। .

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धनबाद

धनबाद भारत के झारखंड में स्थित एक शहर है जो कोयले की खानों के लिये मशहूर है। यह शहर भारत में कोयला व खनन में सबसे अमीर है। पुर्व मैं यह मानभुम जिला के अधीन था। यहां कई ख्याति प्राप्त औद्योगिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और अन्य संस्थान हैं। यह नगर कोयला खनन के क्षेत्र में भारत में सबसे प्रसिद्ध है। कई ख्याति प्राप्त औद्योगिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और अन्य संसथान यहाँ पाए जाते हैं। यहां का वाणिज्य बहुत व्यापक है। झारखंड में स्थित धनबाद को भारत की कोयला राजधानी के नाम से भी जाना जाता है। यहां पर कोयले की अनेक खदानें देखी जा सकती हैं। कोयले के अलावा इन खदानों में विभिन्न प्रकार के खनिज भी पाए जाते हैं। खदानों के लिए धनबाद पूरे विश्‍व में प्रसिद्ध है। यह खदानें धनबाद की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं। पर्यटन के लिहाज से भी यह खदानें काफी महत्वपूर्ण हैं क्योंकि पर्यटक बड़ी संख्या में इन खदानों को देखने आते हैं। खदानों के अलावा भी यहां पर अनेक पर्यटक स्थल हैं जो पर्यटकों को बहुत पसंद आते हैं। इसके प्रमुख पर्यटक स्थलों में पानर्रा, चारक, तोपचांची और मैथन प्रमुख हैं। पर्यटकों को यह पर्यटक स्थल और खदानें बहुत पसंद आती है और वह इनके खूबसूरत दृश्यों को अपने कैमरों में कैद करके ले जाते हैं। कम्बाइन्ड बिल्डिंग चौक .

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नरेन्द्र मोदी

नरेन्द्र दामोदरदास मोदी (નરેંદ્ર દામોદરદાસ મોદી Narendra Damodardas Modi; जन्म: 17 सितम्बर 1950) भारत के वर्तमान प्रधानमन्त्री हैं। भारत के राष्‍ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने उन्हें 26 मई 2014 को भारत के प्रधानमन्त्री पद की शपथ दिलायी। वे स्वतन्त्र भारत के 15वें प्रधानमन्त्री हैं तथा इस पद पर आसीन होने वाले स्वतंत्र भारत में जन्मे प्रथम व्यक्ति हैं। वडनगर के एक गुजराती परिवार में पैदा हुए, मोदी ने अपने बचपन में चाय बेचने में अपने पिता की मदद की, और बाद में अपना खुद का स्टाल चलाया। आठ साल की उम्र में वे आरएसएस से  जुड़े, जिसके साथ एक लंबे समय तक सम्बंधित रहे । स्नातक होने के बाद उन्होंने अपने घर छोड़ दिया। मोदी ने दो साल तक भारत भर में यात्रा की, और कई धार्मिक केंद्रों का दौरा किया। गुजरात लौटने के बाद और 1969 या 1970 में अहमदाबाद चले गए। 1971 में वह आरएसएस के लिए पूर्णकालिक कार्यकर्ता बन गए। 1975  में देश भर में आपातकाल की स्थिति के दौरान उन्हें कुछ समय के लिए छिपना पड़ा। 1985 में वे बीजेपी से जुड़े और 2001 तक पार्टी पदानुक्रम के भीतर कई पदों पर कार्य किया, जहाँ से वे धीरे धीरे वे सचिव के पद पर पहुंचे।   गुजरात भूकंप २००१, (भुज में भूकंप) के बाद गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री केशुभाई पटेल के असफल स्वास्थ्य और ख़राब सार्वजनिक छवि के कारण नरेंद्र मोदी को 2001 में गुजरात के मुख्यमंत्री नियुक्त किया गया। मोदी जल्द ही विधायी विधानसभा के लिए चुने गए। 2002 के गुजरात दंगों में उनके प्रशासन को कठोर माना गया है, की आलोचना भी हुई।  हालांकि सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त विशेष जांच दल (एसआईटी) को अभियोजन पक्ष की कार्यवाही शुरू करने के लिए कोई है। मुख्यमंत्री के तौर पर उनकी नीतियों को आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करने के लिए । उनके नेतृत्व में भारत की प्रमुख विपक्षी पार्टी भारतीय जनता पार्टी ने 2014 का लोकसभा चुनाव लड़ा और 282 सीटें जीतकर अभूतपूर्व सफलता प्राप्त की। एक सांसद के रूप में उन्होंने उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक नगरी वाराणसी एवं अपने गृहराज्य गुजरात के वडोदरा संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ा और दोनों जगह से जीत दर्ज़ की। इससे पूर्व वे गुजरात राज्य के 14वें मुख्यमन्त्री रहे। उन्हें उनके काम के कारण गुजरात की जनता ने लगातार 4 बार (2001 से 2014 तक) मुख्यमन्त्री चुना। गुजरात विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर डिग्री प्राप्त नरेन्द्र मोदी विकास पुरुष के नाम से जाने जाते हैं और वर्तमान समय में देश के सबसे लोकप्रिय नेताओं में से हैं।। माइक्रो-ब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर भी वे सबसे ज्यादा फॉलोअर वाले भारतीय नेता हैं। उन्हें 'नमो' नाम से भी जाना जाता है। टाइम पत्रिका ने मोदी को पर्सन ऑफ़ द ईयर 2013 के 42 उम्मीदवारों की सूची में शामिल किया है। अटल बिहारी वाजपेयी की तरह नरेन्द्र मोदी एक राजनेता और कवि हैं। वे गुजराती भाषा के अलावा हिन्दी में भी देशप्रेम से ओतप्रोत कविताएँ लिखते हैं। .

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नरेन्द्र मोदी द्वारा किए गए अंतरराष्ट्रीय प्रधानमन्त्रीय यात्राओं की सूची

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी मई २०१६ में तेहरान, ईरान में पधारते हुए। २०१४ के आम चुनाव के बाद नरेन्द्र मोदी भारत के प्रधान मंत्री बने। नरेन्द्र मोदी द्वारा की गयीं अन्तर्राष्ट्रीय प्रधानमन्त्रीय यात्राओं की सूची इस प्रकार है। .

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नारी

नारी मानव की स्त्री को कहते हैं, जो नर का स्त्रीलिंग है। नारी शब्द मुख्यत: वयस्क स्त्रियों के लिए इस्तेमाल किया जाता है। कई संदर्भो में मगर यह शब्द संपूर्ण स्त्री वर्ग को दर्शाने के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है, जैसे: नारी-अधिकार। .

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नागरवाला घोटाला

नागरवाला घोटाला १९७१ में हा था। 24 मई 1971 को भारतीय स्टेट बैंक की संसद मार्ग, दिल्ली की शाखा से 60 लाख रु.

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निर्मला सीतारमन

निर्मला सीतारमन (Nirmala Seetharaman, நிர்மலா சீதாராமன்.) भारत की रक्षामंत्री हैं। सितंबर २०१७ में रक्षा मंत्री बनने से पहले वे भारत की वाणिज्य और उद्योग (स्वतंत्र प्रभार) तथा वित्त व कारपोरेट मामलों की राज्य मंत्री रह चुकी हैं। वे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से संबद्ध हैं तथा पार्टी की राष्ट्रीय प्रवक्ता भी रह चुकी हैं। निर्मला सीतारमन भारत की पहली पूर्णकालिक महिला रक्षा मंत्री हैं; हालांकि इंदिरा गांधी ने प्रधानमंत्री पद पर रहते हुए अतिरिक्त कार्यभार के रूप में यह मंत्रालय संभाला था। .

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नेहरू तारामंडल, दिल्ली

300px नेहरू तारामंडल तीन मूर्ति भवन में वह जगह है जहां जाकर ब्रह्मांड, तारों, सितारों और खगोलीय घटनाओं से जुड़ी जिज्ञासा को शांत कर सकते हैं। भारत के अन्य शहरों के तारामंडलों की अपेक्षा इस तारामंडल के पास बहुत ज्यादा सुविधाएं नहीं हैं तो भी वह लोगों को इस रहस्यमय दुनिया की झलक दिखाता है। नेहरू तारामंडल की कल्पना एवं योजना पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने बनायी थी। वे चाहती थीं कि बच्चों में विज्ञान को बढ़ावा दिया जाए। जवाहर लाल नेहरू का साइंस और बच्चों में रुझान था। इसी को देखते हुए इंदिरा गांधी ने सोचा कि उन्हीं के नाम पर कुछ ऐसा किया जाए जिसमें बच्चों और साइंस दोनों को लाभ हो। सो, इस तरह नेहरू तारामंडल अस्तित्व में आया। तारामंडल जवाहर लाल नेहरू मेमोरियल फंड के पैसे से बनाया गया था पर आज इसे नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी चलाती है। तारामंडल को बनाने की शुरुआत सन् १९८२ में हुई थी और सन् १९८४ में इसका पहला प्रोग्राम शुरू कर दिया गया था। इसका उद्घाटन भी खुद इंदिरा गांधी ने किया था। पहले शो का नाम था अवर कॉस्मिक हेरिटेज। इस शो में ब्रह्मांड के बनने के बारे में अब तक मान्य सिद्घांत बिग बैंग के जरिए ग्रहों, उपग्रहों और आकाशगंगा के अस्तित्व में आने की कहानी बताई गई थी। तारामंडल के पहले डायरेक्टर कर्नल सिंह थे। उनके बाद डॉ॰ निरुपमा राघवन आईं और आज इसकी डायरेक्टर हैं डॉ॰ एन.

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नेहरू–गांधी परिवार

नेहरू परिवार का सन् 1927 का चित्र खड़े हुए (बायें से दायें) जवाहरलाल नेहरू, विजयलक्ष्मी पण्डित, कृष्णा हठीसिंह, इंदिरा गांधी और रंजीत पण्डित; बैठे हुए: स्वरूप रानी, मोतीलाल नेहरू और कमला नेहरू नेहरू–गांधी परिवार भारत का एक प्रमुख राजनीतिक परिवार है, जिसका देश की स्वतन्त्रता के बाद भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पर करीब-करीब वर्चस्व रहा है। नेहरू परिवार के साथ गान्धी नाम फिरोज गान्धी से लिया गया है, जो इन्दिरा गान्धी के पति थे। गान्धी नेहरू परिवार में गान्धी शब्द महात्मा गान्धी से जुड़ा हुआ नहीं है। इस परिवार के तीन सदस्य - पण्डित जवाहर लाल नेहरू, इंन्दिरा गान्धी और राजीव गान्धी देश के प्रधानमन्त्री रह चुके थे, जिनमें से दो - इन्दिरा गान्धी और राजीव गान्धी की हत्या कर दी गयी। नेहरू–गांधी परिवार के चौथे सदस्य राजीव गान्धी के पुत्र राहुल गान्धी कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। राहुल गान्धी ने 2004 और 2009 में लोकसभा चुनाव जीता। राजीव गान्धी के छोटे भाई संजय गांधी की विधवा पत्नी मेनका गान्धी व उनके पुत्र वरुण गांधी को परिवार की सम्पत्ति में कोई हिस्सा न मिलने के कारण वे माँ-बेटे भारतीय जनता पार्टी में चले गये जो देश का कांग्रेस के बाद एक प्रमुख राजनीतिक दल है। .

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नीलम संजीव रेड्डी

नीलम संजीव रेड्डी नीलम संजीव रेड्डी (२७ अक्टूबर, १९२० - ९ नवंबर, २००५) भारत के छठे राष्ट्रपति थे। उनका कार्यकाल २५ जुलाई १९७७ से २५ जुलाई १९८२ तक रहा। आन्ध्र प्रदेश के कृषक परिवार में जन्मे नीलम संजीव रेड्डी की छवि कवि, अनुभवी राजनेता एवं कुशल प्रशासक के रूप में थी। इनका सार्वजनिक जीवन उत्कृष्ट था। सन १९७७ के आम चुनाव में जब इंदिरा गांधी की पराजय हुई, उस समय नव-गठित राजनीतिक दल जनता पार्टी ने इनको राष्ट्रपति का प्रत्याशी बनाया। वे भारत के पहले गैर काँग्रेसी राष्ट्रपति थे। वे अक्टूबर 1956 में आन्ध्र प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री बनें और दुसरी बार फिर १९६२ से १९६४ तक यह पद संभाला। उन्होने १९५९ से १९६२ तक भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष के रूप में से कार्य किया। .

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पद्मजा नायडू हिमालयन प्राणी उद्यान

पद्मजा नायडू हिमालयन प्राणी उद्यान (Padmaja Naidu Himalayan Zoological Park, पद्मजा नैदु हिमालयन चिडियाघर) पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग शहर में 67.56 एकड़ (27.3 हेक्टेयर) में अवस्थित है। इसे (दार्जीलिंग चिडियाघर.) भी कहते हैं। यह प्राणी उद्यान 7000 फीट (2,134 मीटर), की औसत ऊंचाई से भारत में सबसे अधिक ऊंचाई पर स्थित है। अपने देश का यह एक विशेष प्राणी उद्यान है, जहां अंतर्राष्ट्रीय स्तर का लाल पांडा, हिम तेंदुए, तिब्बती भेड़िया और पूर्वी हिमालय के अन्य अत्यधिक लुप्तप्राय जानवरों की प्रजातियों के संरक्षण प्रजनन कार्यक्रम के लिए अधिकृत है। यह प्राणी उद्यान प्रति वर्ष लगभग तीन लाख दर्शकों को आकर्षित करता है। .

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परमेश्वर नारायण हक्सर

परमेश्वर नारायण हक्सर (1913–1998) स्वतंत्र भारत के राजनीतिक लोकतंत्र को प्राप्त करने की प्रक्रिया में एक रणनीतिकार थे। उनक महत्वपूर्ण कार्य इन्दिरा गांधी के राजनीतिक सलाहकार के रूप में था। वो केंद्रीकरण और समाजवाद के समर्थक थे। हक्सर ऑस्ट्रिया और नाइजीरिया में भारतीय राजनयिक थे जिन्होंने राजदूत के रूप में काम किया। .

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पराठे वाली गली

'''पराठे''' वाली गली जो कि प्रसिद्ध है सिर्फ परांठा के लिये Dec 2006. पराठे वाली गली य़ा गली पराठे वाली, एक सकरी गली चाँदनी चौक नामक प्रसिद्ध बाज़ार मे जो की दिल्ली में स्थित है। वहां काफी पुरानी पराठे बनाने वाली दुकाने हैं। यह एक भारतीय रोटी का विशिष्ट रूप है। यह व्यंजन उत्तर भारत में जितना लोकप्रिय है, लगभग उतना ही दक्षिण भारत में भी है, बस मूल फर्क ये है, कि जहां उत्तर में आटे का बनता है, वहीं दक्षिण में मैदे का बनता है। माना जाता है यहाँ के दुकानदार मुगलों के समय से पराठे बेच रहे हैं। .

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पार्वती कृष्णन

पार्वती कृष्णन (15 मार्च 1919 – 20 फ़रवरी 2014) एक भारतीय राजनीतिज्ञा थीं। वो भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की नेता थीं। .

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पंजाबी सूबा आन्दोलन

पंजाबी सूबा आन्दोलन पंजाब क्षेत्र में पंजाबी "सूबा" (प्रदेश) बनाने के लिये 1950 के दशक में शिरोमणि अकाली दल के नेतृत्व में चला था। इसके कारण पंजाबी बहुसंख्यक पंजाब, हरियाणवी बहुसंख्यक हरियाणा और पहाड़ी बहुसंख्यक हिमाचल प्रदेश की स्थापना हुई। .

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प्रणब मुखर्जी

प्रणव कुमार मुखर्जी (প্রণবকুমার মুখোপাধ্যায়, जन्म: 11 दिसम्बर 1935, पश्चिम बंगाल) भारत के तेरहवें वें व पूर्व राष्ट्रपति रह चुके हैं। वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रहे हैं। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के नेतृत्व वाले संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन ने उन्हें अपना उम्मीदवार घोषित किया। सीधे मुकाबले में उन्होंने अपने प्रतिपक्षी प्रत्याशी पी.ए. संगमा को हराया। उन्होंने 25 जुलाई 2012 को भारत के तेरहवें राष्ट्रपति के रूप में पद और गोपनीयता की शपथ ली। प्रणब मुखर्जी ने किताब 'द कोलिएशन ईयर्स: 1996-2012' लिखा है। .

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प्रथम भारतीय महिलाओं की सूची

---- श्रेणी:आधार श्रेणी:भारतीय महिलाएँ श्रेणी:विकिपरियोजना हिन्द की बेटियाँ.

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प्रधानमंत्री (टीवी सीरीज)

प्रधानमंत्री टीवी शो की 2013 में, शेखर कपूर ने एबीपी न्यूज़ पर मेजबानी की। इस कार्यक्रम में भारतीय की रियासतों के विलय से लेकर देश के अलग-अलग प्रधानमंत्री चुनने की पूरी कहानी है। यह 13 जुलाई, 2013 को प्रीमियर हुआ। इसका उद्देश्य भारतीय इतिहास के तथ्यों को कभी भी पहले कभी नहीं देखा गया है। साप्ताहिक कार्यक्रम भारत के इतिहास को 1 9 47 से वर्तमान दिन तक का इतिहास देता है। टीवी श्रृंखला प्रसिद्ध फिल्म निर्माता, अभिनेता और मेजबान शेखर कपूर द्वारा होस्ट की गई है और निर्देशित हैं पुनीत शर्मा। यह पिछले 65 वर्षों में 13 प्रधान मंत्रियों के कार्यकाल के दौरान देश में बदलाव पेश करने का एक अनूठा प्रयास है। प्रधानमंत्रियों ने हर शनिवार को 10 बजे प्रसारित किया। राखी पपिया जोशी और सोहन ठाकुर निर्देशक काट रहे हैं। श्रृंखला ने सलमा सुल्तान द्वारा दूरदर्शन पर इंदिरा गांधी की मौत के प्रसारण का प्रसारण प्रसारित किया। प्रारंभ में 23 एपिसोड के लिए संकल्पना की गयी, प्रधानमंत्रि को 4 जनवरी 2014 को प्रसारित अंतिम एपिसोड के साथ 26 एपिसोड में बढ़ा दिया गया था। इस शो को पहले आइडिया ऑफ़ इंडिया का अफवाह माना गया था। प्रधानमंत्रि अब बांग्ला में 14 दिसंबर 2013 को एबीपी आनंद पर फिर से प्रसारित किया गया है, जिसमें बंगाली अभिनेता धृतिमन चटर्जी द्वारा होस्ट किया गया है और एबीपी माहा पर मराठी भाषा में सिंहासन के नाम से दोबारा प्रसारण किया गया है और 23 नवम्बर 2013 को मराठी अभिनेता विक्रम गोखले द्वारा होस्ट किया गया। .

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प्रियंका गांधी

प्रियंका गाँधी वाड्रा या प्रियंका गांधी वढेरा (जन्म: जनवरी 12,1972, दिल्ली) एक भारतीय राजनितिज्ञ हैं। वे गांधी-नेहरू परिवार से है और फिरोज़ गाँधी तथा इंदिरा गाँधी की पोती हैं। .

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प्रेमकृष्ण खन्ना

प्रेमकृष्ण खन्ना (अंग्रेजी: Prem Krishna Khanna, जन्म: २ फ़रवरी १८९४ मृत्यु:३ अगस्त १९९३) हिन्दुस्तान रिपब्लिकन ऐसोसिएशन के एक प्रमुख सदस्य थे। शाहजहाँपुर के रेल विभाग में ठेकेदार (काण्ट्रेक्टर) थे। इन्हें ब्रिटिश सरकार ने माउजर पिस्तौल का लाइसेन्स दे रखा था। सुप्रसिद्ध क्रान्तिकारी राम प्रसाद 'बिस्मिल' से इनकी घनिष्ठ मित्रता थी। क्रान्तिकारी कार्यों के लिये वे इनका माउजर प्राय: माँग कर ले जाया करते थे। यही नहीं, आवश्यकता पडने पर कभी कभी इनके लाइसेन्स पर कारतूस भी खरीद लिया करते थे। काकोरी काण्ड में प्रयुक्त माउजर पिस्तौल के कारतूस इन्हीं के शस्त्र-लाइसेन्स पर खरीदे गये थे जिसके पर्याप्त साक्ष्य मिल जाने के कारण इन्हें ५ वर्ष की कठोर कैद की सजाभुगतनी पडी थी। २ वर्ष तक काकोरी-काण्ड का मुकदमा चला अत: कुल मिलाकर सन १९२५ से १९३२ तक ७ वर्ष कारागार में बिताये। छूटकर आये तो आजीवन अविवाहित रहकर देश-सेवा का व्रत ले लिया। ४० वर्षाँ तक कांग्रेस की कार्यकारिणी के सदस्य रहे। कांग्रेस के टिकट पर कई वर्ष (१९६२ से १९७१ तक) लोकसभा के सांसद भी रहे। ३ अगस्त १९९३ को शाहजहाँपुर के जिला अस्पताल में उस समय प्राणान्त हुआ जब जीवन का शतक पूर्ण करने में मात्र ६ महीने शेष रह गये थे। बडे ही जीवट के व्यक्ति थे। .

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पृथ्वी नाथ धर

पृथ्वी नाथ धर (1 मार्च 1919 – 19 जुलाई 2012) जिन्हें सामान्यतः पी एन धर के नाम से जाना जाता है, अर्थशास्त्री थे और इन्दिरा गान्धी के निजि सलाहकार एवं सचिव थे। .

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पोखरण-2

पोखरण-2 मई 1998 में पोखरण परीक्षण रेंज पर किये गए पांच परमाणु बम परीक्षणों की श्रृंखला का एक हिस्सा है। यह दूसरा भारतीय परमाणु परीक्षण था; पहला परीक्षण, कोड नाम स्माइलिंग बुद्धा (मुस्कुराते बुद्ध), मई 1974 में आयोजित किया गया था। 11 और 13 मई, 1998 को राजस्थान के पोरखरण परमाणु स्थल पर पांच परमाणु परीक्षण किये थे। इनमें 45 किलोटन का एक फ्यूज़न परमाणु उपकरण शामिल था। इसे आमतौर पर हाइड्रोजन बम के नाम से जाना जाता है। 11 मई को हुए परमाणु परीक्षण में 15 किलोटन का विखंडन (फिशन) उपकरण और 0.2 किलोटन का सहायक उपकरण शामिल था। इन परमाणु परीक्षण के बाद जापान और संयुक्त राज्य अमेरिका सहित प्रमुख देशों द्वारा भारत के खिलाफ विभिन्न प्रकार के प्रतिबंधों लगाये गए। - दैनिक भास्कर - 6 अगस्त 2013 .

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पीलू मोदी

पीलू मोदी (Piloo Mody; 14 नवम्बर 1926 - 29 जनवरी 1983), स्वतंत्र पार्टी के प्रमुख नेता थे। वे भारत में उदारवादी एवं मुक्त आर्थिक नीतियों के समर्थक थे। वे पारसी धर्म के मानने वाले थे। वे लोकसभा के सभासद भी रहे। उनके भाई रूसी मोदी, टाटा लोहा एवं इस्पात कम्पनी (टिस्को) के भूतपूर्व अध्यक्ष थे। आपातकाल (भारत) के समय सन् १९७५ में इन्दिरा गांधी ने उन्हें मीसा के अन्तर्गत गिरफ्तार करवा लिया था। .

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फिरोज़ गांधी

फिरोज और इन्दिरा का विवाह फिरोज गांधी फिरोज़ गांधी (12 अगस्त 1912 – 8 सितम्बर 1960) भारत के एक राजनेता तथा पत्रकार थे। वे लोकसभा के सदस्य भी रहे। सन् १९४२ में उनका इन्दिरा गांधी से विवाह हुआ जो बाद में भारत की प्रधानमंत्री बनीं। उनके दो पुत्र हुए - राजीव गांधी और संजय गांधी .

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बनवारी लाल जोशी

बनवारी लाल जी स्कॉटिश चर्च कॉलेज बनवारी लाल उत्तराखंड के राजयपाल थे। बनवारी लाल जोशी (जन्म २७ मार्च १९३६) भारत के कई राज्यों के उपराज्यपाल एवं राज्यपाल रह चुके हैं। ये उत्तराखंड के राज्यपाल रहे अक्टूबर २००७ से। इससे पूर्व ये दिल्ली के भी उपराज्यपाल रह चुके हैं, २००४ से २००७ के बीच। फिर ये मेघालय के राज्यपाल बने २००७ में। जोशी जी का जन्म राजस्थान के नागौर में छोटी खाटू नामक ग्राम में हुआ था। ये दिळ्ळी के अट्ठारहवें राज्यपाल बने। इन्होंने अपना स्नातक कोलकाता के स्कॉटिश चर्च कालेज से किया। उसके उपरांत विश्वविद्यालय विधि महाविद्यालय, कोलकाता से विधि में स्नातक हुए।, PTI (The Telegraph, Calcutta), April 12, 2007.

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बागेश्वर का इतिहास

पुरा कथाओं में भगवान शिव के बाघ रूप धारण करने वाले इस स्थान को व्याघ्रेश्वर तथा बागीश्वर से कालान्तर में बागेश्वर के रूप में जाना जाता है। शिव पुराण के मानस खंड के अनुसार इस नगर को शिव के गण चंडीश ने शिवजी की इच्छा के अनुसार बसाया था। स्कन्द पुराण के अन्तर्गत बागेश्वर माहात्म्य में सरयू के तट पर स्वयंभू शिव की इस भूमि को उत्तर में सूर्यकुण्ड, दक्षिण में अग्निकुण्ड के मध्य (नदी विशर्प जनित प्राकृतिक कुण्ड से) सीमांकित कर पापनाशक तपस्थली तथा मोक्षदा तीर्थ के रूप में धार्मिक मान्यता प्राप्त है। ऐतिहासिक रूप से कत्यूरी राजवंश काल से (७वीं सदी से ११वीं सदी तक) सम्बन्धित भूदेव का शिलालेख इस मन्दिर तथा बस्ती के अस्तित्व का प्राचीनतम गवाह है। ऐतिहासिक साक्ष्यों के अनुसार सन् १६०२ में राजा लक्ष्मी चन्द ने बागनाथ के वर्तमान मुख्य मन्दिर एवं मन्दिर समूह का पुनर्निर्माण कर इसके वर्तमान रूप को अक्षुण्ण रखने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्होंने बागेश्वर से पिण्डारी तक लगभग ४५ मील (७० किमी.) लम्बे अश्व मार्ग के निर्माण द्वारा दानपुर के सुदूर ग्राम्यांचल को पहुँच देने का प्रयास भी किया। स्वतंत्रता के १०० वर्ष पूर्व सन् १८४७ में इ. मडेन द्वारा बाह्य जगत को हिमालयी हिमनदों की जानकारी मिलने के बाद पिण्डारी ग्लेशियर को अन्तर्राष्ट्रीय पहचान मिली और बागेश्वर विदेशी पर्यटकों एवं पर्वतारोहियों का विश्रामस्थल भी बना। १९वीं सदी के प्रारम्भ में बागेश्वर आठ-दस घरों की एक छोटी सी बस्ती थी। सन् १८६० के आसपास यह स्थान २००-३०० दुकानों एवं घरों वाले एक कस्बे का रूप धारण कर चुका था। मुख्य बस्ती मन्दिर से संलग्न थी। सरयू नदी के पार दुग बाजार और सरकारी डाक बंगले का विवरण मिलता है। एटकिन्सन के हिमालय गजेटियर में वर्ष १८८६ में इस स्थान की स्थायी आबादी ५०० बतायी गई है। सरयू और गोमती नदी में दो बडे़ और मजबूत लकड़ी के पुलों द्वारा नदियों के आरपार विस्तृत ग्राम्यांचल के मध्य आवागमन सुलभ था। अंग्रेज लेखक ओस्लो लिखते है कि १८७१ में आयी सरयू की बाढ़ ने नदी किनारे बसी बस्ती को ही प्रभावित नहीं किया, वरन् दोनों नदियांे के पुराने पुल भी बहा दिये। फलस्वरूप १९१३ में वर्तमान पैदल झूला पुल बना। इसमें सरयू पर बना झूला पुल आज भी प्रयोग में है। गोमती नदी का पुल ७० के दशक में जीर्ण-क्षीर्ण होने के कारण गिरा दिया गया और उसके स्थान पर नया मोटर पुल बन गया। प्रथम विश्वयुद्ध से पूर्व, सन् १९०५ में अंग्रेजी शासकों द्वारा टनकपुर-बागेश्वर रेलवे लाईन का सर्वेक्षण किया गया, जिसके साक्ष्य आज भी यत्र-तत्र बिखरे मिलते हैं। विश्व युद्ध के कारण यह योजना ठंडे बस्ते में चली गई और बाद के योजनाकारों द्वारा पूरी तरह विस्मृत कर दी गयी। १९८० के दशक में श्रीमती इंदिरा गांधी के बागेश्वर आगमन पर उन्हें इस रेलवे लाईन की याद दिलाई गई। अब जाकर, क्षेत्रीय जनता द्वारा किये गये लम्बे संघर्ष के उपरान्त आखिरकार टनकपुर-बागेश्वर रेलवे लाईन के सर्वेंक्षण को राष्ट्रीय रेल परियोजना के अन्तर्गत सम्मिलित किया गया है। वर्ष १९२१ के उत्तरायणी मेले के अवसर पर कुमाऊँ केसरी बद्री दत्त पाण्डेय, हरगोविंद पंत, श्याम लाल साह, विक्टर मोहन जोशी, राम लाल साह, मोहन सिह मेहता, ईश्वरी लाल साह आदि के नेतृत्व में सैकड़ों आन्दोलनकारियों ने कुली बेगार के रजिस्टर बहा कर इस कलंकपूर्ण प्रथा को समाप्त करने की कसम इसी सरयू तट पर ली थी। पर्वतीय क्षेत्र के निवासियों का राष्ट्रीय आन्दोलन में यह योगदान था, जिससे प्रभावित हो कर सन् १९२९ में महात्मा गांधी स्वयं बागेश्वर पहुँचे। तभी विक्टर मोहन जोशी द्वारा उनके कर कमलों से स्वराज मंदिर का शिलान्यास भी करवाया गया। बींसवी सदी के प्रारम्भ में यहाँ औषधालय(१९०६) तथा डाकघर(१९०९) की तो यहाँ स्थापना हो गयी, तथापि शिक्षा का प्रसार यहाँ विलम्बित रहा। १९२६ में एक सरकारी स्कूल प्रारम्भ हुआ, जो १९३३ में जूनियर हाईस्कूल बना। आजादी के बाद १९४९ में स्थानीय निवासियों के प्रयास से विक्टर मोहन जोशी की स्मृति में एक प्राइवेट हाइस्कूल खुला, जो कि १९६७ में जा कर इण्टर कालेज बन सका। महिलाओं के लिए पृथक प्राथमिक पाठशाला ५० के दशक में खुली और पृथक महिला सरकारी हाईस्कूल १९७५ में। १९७४ में तत्कालीन मुख्यमंत्री हेमवती नन्दन बहुगुणा द्वारा राजकीय डिग्री कालेज का उद्घाटन किया गया। बालीघाट में स्थापित २५ किलोवाट क्षमता वाले जल विद्युत संयंत्र से उत्पादित बिजली से १९५१ में बागेश्वर पहली बार जगमगाया। वर्षा काल में नदियों में नदियों के गंदले पानी से निजात पाने के लिए टाउन एरिया गठन के उपरान्त राजकीय अनुदान तथा स्थानीय लोगों के श्रमदान से नगर में शुद्ध सार्वजनिक पेयजल प्रणाली का शुभारम्भ हुआ। १९५२ में अल्मोडा से वाया गरुड़ मोटर रोड बागेश्वर पहुँची। क्षेत्रीय निवासियों के श्रमदान से निर्मित बागेश्वर-कपकोट मोटर मार्ग में बस सेवा का संचालन १९५५-५६ के बाद प्रारम्भ हो पाया। १९६२ में चीन युद्ध के बाद सामरिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण बागेश्वर-पिथौरागढ़ सड़क १९६५ में बनकर तैयार हो गई। सत्तर के दशक में बागेश्वर से अल्मोड़ा के लिये वाया ताकुला एक वैकल्पिक रोड बनी तो अस्सी के दशक में बागेश्वर- चैंरा- दोफाड़ रोड पर आवागमन शुरू हुआ। तहसील मुख्यालय बनने के बाद तो आसपास गाँवों के लिये अनेक मोटर मार्गो का निर्माण प्रारम्भ हुआ। जनपद मुख्यालय बनने के उपरान्त तो नगर के समीपवर्ती भागों में स्थापित कार्यालयों, न्यायालय आदि के लिए भी सम्पर्क मार्ग बनने लगे। .

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बिंदेश्वरी दुबे

बिन्देश्वरी दूबे (१४ जनवरी, १९२३ - २० जनवरी, १९९३) एक भारतीय राजनेता, प्रशासक, स्वतंत्रता सेनानी एवं श्रमिक नेता थे जो बिहार के मुख्यमंत्री, केन्द्रीय काबीना मंत्री (कानून एवं न्याय तथा श्रम एवं रोजगार), इंटक के राष्ट्रीय अध्यक्ष, बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष आदि भी रहे। इससे पूर्व ये अखंड बिहार (एवं झारखंड) सरकारों में भी शिक्षा, परिवहन, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री रहे। १९८० से १९८४ तक सातवीं लोक सभा के सदस्य, १९८८ से १९९३ तक राज्य सभा के सदस्य तथा छह बार विधान सभा के सदस्य रहे। इन्होंने देश की कोलियरियों के राष्ट्रीयकरण में अहम् भूमिका निभाई थी। .

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बंसी लाल

चौधरी बंसीलाल (26 अगस्त 1927-28 मार्च 2006)(चौधरी बंसी लाल) एक भारयीय स्वतंत्रता सेनानी, वरिष्ठ कांग्रेसी नेता, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री एवं कई लोगों द्वारा आधुनिक हरियाणा के निर्माता माने जाते हैं। उनका जन्म हरियाणा के भिवानी जिले के गोलागढ़ गांव के जाट परिवार में हुआ था। उन्होंने तीन अलग-अलग अवधियों: 1968-197, 1985-87 एवं 1996-99 तक हरियाणा के मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया। बंसीलाल को 1975 में आपातकाल के दौरान पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और उनके पुत्र संजय गांधी का एक करीबी विश्वासपात्र माना जाता था। उन्होंने दिसंबर 1975 से मार्च 1977 तक रक्षा मंत्री के रूप में अपनी सेवाएं दी एवं 1975 में केंद्र सरकार में बिना विभाग के मंत्री के रूप में उनका एक संक्षिप्त कार्यकाल रहा। उन्होंने रेलवे और परिवहन विभागों का भी संचालन किया। लाल सात बार राज्य विधानसभा के लिए चुने गए, पहली बार 1967 में.

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बंकिमचन्द्र चट्टोपाध्याय

'''वन्दे मातरम्''' के रचयिता बंकिमचन्द्र चट्टोपाध्याय बंकिमचन्द्र चट्टोपाध्याय (बंगाली: বঙ্কিমচন্দ্র চট্টোপাধ্যায়) (२७ जून १८३८ - ८ अप्रैल १८९४) बंगाली के प्रख्यात उपन्यासकार, कवि, गद्यकार और पत्रकार थे। भारत के राष्ट्रीय गीत 'वन्दे मातरम्' उनकी ही रचना है जो भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के काल में क्रान्तिकारियों का प्रेरणास्रोत बन गया था। रवीन्द्रनाथ ठाकुर के पूर्ववर्ती बांग्ला साहित्यकारों में उनका अन्यतम स्थान है। आधुनिक युग में बंगला साहित्य का उत्थान उन्नीसवीं सदी के मध्य से शुरु हुआ। इसमें राजा राममोहन राय, ईश्वर चन्द्र विद्यासागर, प्यारीचाँद मित्र, माइकल मधुसुदन दत्त, बंकिम चन्द्र चट्टोपाध्याय, रवीन्द्रनाथ ठाकुर ने अग्रणी भूमिका निभायी। इसके पहले बंगाल के साहित्यकार बंगला की जगह संस्कृत या अंग्रेजी में लिखना पसन्द करते थे। बंगला साहित्य में जनमानस तक पैठ बनाने वालों मे शायद बंकिम चन्द्र चट्टोपाध्याय पहले साहित्यकार थे। .

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ब्रिटिशकालीन भारत के रियासतों की सूची

सन १९१९ में भारतीय उपमहाद्वीप की मानचित्र। ब्रितिश साशित क्षेत्र व स्वतन्त्र रियासतों के क्षेत्रों को दरशाया गया है सन १९४७ में स्वतंत्रता और विभाजन से पहले भारतवर्ष में ब्रिटिश शासित क्षेत्र के अलावा भी छोटे-बड़े कुल 565 स्वतन्त्र रियासत हुआ करते थे, जो ब्रिटिश भारत का हिस्सा नहीं थे। ये रियासतें भारतीय उपमहाद्वीप के वो क्षेत्र थे, जहाँ पर अंग्रेज़ों का प्रत्यक्ष रूप से शासन नहीं था, बल्कि ये रियासत सन्धि द्वारा ब्रिटिश राज के प्रभुत्व के अधीन थे। इन संधियों के शर्त, हर रियासत के लिये भिन्न थे, परन्तु मूल रूप से हर संधि के तहत रियासतों को विदेश मामले, अन्य रियासतों से रिश्ते व समझौते और सेना व सुरक्षा से संबंधित विषयों पर ब्रिटिशों की अनुमति लेनी होती थी, इन विषयों का प्रभार प्रत्यक्ष रूप से अंग्रेजी शासन पर था और बदले में ब्रिटिश सरकार, शासकों को स्वतन्त्र रूप से शासन करने की अनुमती देती थी। सन १९४७ में भारत की स्वतंत्रता व विभाजन के पश्चात सिक्किम के अलावा अन्य सभी रियासत या तो भारत या पाकिस्तान अधिराज्यों में से किसी एक में शामिल हो गए, या उन पर कब्जा कर लिया गया। नव स्वतंत्र भारत में ब्रिटिश भारत की एजेंसियों को "दूसरी श्रेणी" के राज्यों का दर्जा दिया गया (उदाहरणस्वरूप: "सेंट्रल इण्डिया एजेंसी", "मध्य भारत राज्य" बन गया)। इन राज्यों के मुखिया को राज्यपाल नहीं राजप्रमुख कहा जाता था। १९५६ तक "राज्य पुनर्गठन अयोग" के सुझाव पर अमल करते हुए भारत सरकार ने राज्यों को पुनर्गठित कर वर्तमान स्थिती में लाया। परिणामस्वरूप सभी रियासतों को स्वतंत्र भारत के राज्यों में विलीन कर लिया गया। इस तरह रियासतों का अंत हो गया। सन १९६२ में प्रधानमंत्री इन्दिरा गांधी के शासनकाल के दौरान इन रियासतों के शासकों के निजी कोशों को एवं अन्य सभी ग़ैर-लोकतान्त्रिक रियायतों को भी रद्ध कर दिया गया .

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ब्रज कुमार नेहरू

ब्रज कुमार नेहरू, आयसीएस (4 सितम्बर 1909 – 31 अक्टूबर 2001) एक भारतीय राजनयिक और संयुक्त राज्य अमेरिका में भारतीय राजदूत (1961-1968) थे। वो भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के चचेरे भाई बृजलाल और रामेश्वरी नेहरू के पुत्र थे। .

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बेकल उत्साही

बेकल उत्साही (१९२८ – ३ दिसंबर २०१६) का वास्तविक नाम शफ़ी खाँ लोदी था। वे एक कवि, लेखक और राजीनीतिज्ञ थे। उत्साही हिंदी-उर्दू और अवधी भाषा से जुड़े थे। इन्ही भाषाओं करके उन्होंने कविताएँ और गीत लिखे हैं। इसके अलावा, उत्साही काँग्रेस पार्टी से जुड़े थे। वे राज्य सभा के सदस्य भी रहे। उत्साही को पद्मश्री और यश भारती सम्मान भी प्राप्त हुए। .

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बीसवीं शताब्दी

ग्रेगरी पंचांग (कलेंडर) के अनुसार ईसा की बीसवीं शताब्दी 1 जनवरी 1901 से 31 दिसम्बर 2000 तक मानी जाती है। कुछ इतिहासवेत्ता 1914 से 1992 तक को संक्षिप्त बीसवीं शती का नाम भी देते हैं। (उन्नीसवी शताब्दी - बीसवी शताब्दी - इक्कीसवी शताब्दी - और शताब्दियाँ) दशक: १९०० का दशक १९१० का दशक १९२० का दशक १९३० का दशक १९४० का दशक १९५० का दशक १९६० का दशक १९७० का दशक १९८० का दशक १९९० का दशक ---- समय के गुज़रने को रेकोर्ड करने के हिसाब से देखा जाये तो बीसवी शताब्दी वह शताब्दी थी जो १९०१ - २००० तक चली थी। मनुष्य जाति के जीवन का लगभग हर पहलू बीसवी शताब्दी में बदल गया।.

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भारत

भारत (आधिकारिक नाम: भारत गणराज्य, Republic of India) दक्षिण एशिया में स्थित भारतीय उपमहाद्वीप का सबसे बड़ा देश है। पूर्ण रूप से उत्तरी गोलार्ध में स्थित भारत, भौगोलिक दृष्टि से विश्व में सातवाँ सबसे बड़ा और जनसंख्या के दृष्टिकोण से दूसरा सबसे बड़ा देश है। भारत के पश्चिम में पाकिस्तान, उत्तर-पूर्व में चीन, नेपाल और भूटान, पूर्व में बांग्लादेश और म्यान्मार स्थित हैं। हिन्द महासागर में इसके दक्षिण पश्चिम में मालदीव, दक्षिण में श्रीलंका और दक्षिण-पूर्व में इंडोनेशिया से भारत की सामुद्रिक सीमा लगती है। इसके उत्तर की भौतिक सीमा हिमालय पर्वत से और दक्षिण में हिन्द महासागर से लगी हुई है। पूर्व में बंगाल की खाड़ी है तथा पश्चिम में अरब सागर हैं। प्राचीन सिन्धु घाटी सभ्यता, व्यापार मार्गों और बड़े-बड़े साम्राज्यों का विकास-स्थान रहे भारतीय उपमहाद्वीप को इसके सांस्कृतिक और आर्थिक सफलता के लंबे इतिहास के लिये जाना जाता रहा है। चार प्रमुख संप्रदायों: हिंदू, बौद्ध, जैन और सिख धर्मों का यहां उदय हुआ, पारसी, यहूदी, ईसाई, और मुस्लिम धर्म प्रथम सहस्राब्दी में यहां पहुचे और यहां की विविध संस्कृति को नया रूप दिया। क्रमिक विजयों के परिणामस्वरूप ब्रिटिश ईस्ट इण्डिया कंपनी ने १८वीं और १९वीं सदी में भारत के ज़्यादतर हिस्सों को अपने राज्य में मिला लिया। १८५७ के विफल विद्रोह के बाद भारत के प्रशासन का भार ब्रिटिश सरकार ने अपने ऊपर ले लिया। ब्रिटिश भारत के रूप में ब्रिटिश साम्राज्य के प्रमुख अंग भारत ने महात्मा गांधी के नेतृत्व में एक लम्बे और मुख्य रूप से अहिंसक स्वतन्त्रता संग्राम के बाद १५ अगस्त १९४७ को आज़ादी पाई। १९५० में लागू हुए नये संविधान में इसे सार्वजनिक वयस्क मताधिकार के आधार पर स्थापित संवैधानिक लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित कर दिया गया और युनाईटेड किंगडम की तर्ज़ पर वेस्टमिंस्टर शैली की संसदीय सरकार स्थापित की गयी। एक संघीय राष्ट्र, भारत को २९ राज्यों और ७ संघ शासित प्रदेशों में गठित किया गया है। लम्बे समय तक समाजवादी आर्थिक नीतियों का पालन करने के बाद 1991 के पश्चात् भारत ने उदारीकरण और वैश्वीकरण की नयी नीतियों के आधार पर सार्थक आर्थिक और सामाजिक प्रगति की है। ३३ लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल के साथ भारत भौगोलिक क्षेत्रफल के आधार पर विश्व का सातवाँ सबसे बड़ा राष्ट्र है। वर्तमान में भारतीय अर्थव्यवस्था क्रय शक्ति समता के आधार पर विश्व की तीसरी और मानक मूल्यों के आधार पर विश्व की दसवीं सबसे बडी अर्थव्यवस्था है। १९९१ के बाज़ार-आधारित सुधारों के बाद भारत विश्व की सबसे तेज़ विकसित होती बड़ी अर्थ-व्यवस्थाओं में से एक हो गया है और इसे एक नव-औद्योगिकृत राष्ट्र माना जाता है। परंतु भारत के सामने अभी भी गरीबी, भ्रष्टाचार, कुपोषण, अपर्याप्त सार्वजनिक स्वास्थ्य-सेवा और आतंकवाद की चुनौतियां हैं। आज भारत एक विविध, बहुभाषी, और बहु-जातीय समाज है और भारतीय सेना एक क्षेत्रीय शक्ति है। .

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भारत में धर्म

तवांग में गौतम बुद्ध की एक प्रतिमा. बैंगलोर में शिव की एक प्रतिमा. कर्नाटक में जैन ईश्वरदूत (या जिन) बाहुबली की एक प्रतिमा. 2 में स्थित, भारत, दिल्ली में एक लोकप्रिय पूजा के बहाई हॉउस. भारत एक ऐसा देश है जहां धार्मिक विविधता और धार्मिक सहिष्णुता को कानून तथा समाज, दोनों द्वारा मान्यता प्रदान की गयी है। भारत के पूर्ण इतिहास के दौरान धर्म का यहां की संस्कृति में एक महत्त्वपूर्ण स्थान रहा है। भारत विश्व की चार प्रमुख धार्मिक परम्पराओं का जन्मस्थान है - हिंदू धर्म, जैन धर्म, बौद्ध धर्म तथा सिक्ख धर्म.

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भारत में महिलाएँ

ताज परिसर में भारतीय महिलाएँऐश्वर्या राय बच्चन की अक्सर उनकी सुंदरता के लिए मीडिया द्वारा प्रशंसा की जाती है।"विश्व की सर्वाधिक सुंदर महिला?"cbsnews.com. अभिगमन तिथि २७ अक्टूबर २००७01 भारत में महिलाओं की स्थिति ने पिछली कुछ सदियों में कई बड़े बदलावों का सामना किया है। प्राचीन काल में पुरुषों के साथ बराबरी की स्थिति से लेकर मध्ययुगीन काल के निम्न स्तरीय जीवन और साथ ही कई सुधारकों द्वारा समान अधिकारों को बढ़ावा दिए जाने तक, भारत में महिलाओं का इतिहास काफी गतिशील रहा है। आधुनिक भारत में महिलाएं राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, लोक सभा अध्यक्ष, प्रतिपक्ष की नेता आदि जैसे शीर्ष पदों पर आसीन हुई हैं। .

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भारत में मानवाधिकार

देश के विशाल आकार और विविधता, विकसनशील तथा संप्रभुता संपन्न धर्म-निरपेक्ष, लोकतांत्रिक गणतंत्र के रूप में इसकी प्रतिष्ठा, तथा एक भूतपूर्व औपनिवेशिक राष्ट्र के रूप में इसके इतिहास के परिणामस्वरूप भारत में मानवाधिकारों की परिस्थिति एक प्रकार से जटिल हो गई है। भारत का संविधान मौलिक अधिकार प्रदान करता है, जिसमें धर्म की स्वतंत्रता भी अंतर्भूक्त है। संविधान की धाराओं में बोलने की आजादी के साथ-साथ कार्यपालिका और न्यायपालिका का विभाजन तथा देश के अन्दर एवं बाहर आने-जाने की भी आजादी दी गई है। यह अक्सर मान लिया जाता है, विशेषकर मानवाधिकार दलों और कार्यकर्ताओं के द्वारा कि दलित अथवा अछूत जाति के सदस्य पीड़ित हुए हैं एवं लगातार पर्याप्त भेदभाव झेलते रहे हैं। हालांकि मानवाधिकार की समस्याएं भारत में मौजूद हैं, फिर भी इस देश को दक्षिण एशिया के दूसरे देशों की तरह आमतौर पर मानवाधिकारों को लेकर चिंता का विषय नहीं माना जाता है। इन विचारों के आधार पर, फ्रीडम हाउस द्वारा फ्रीडम इन द वर्ल्ड 2006 को दिए गए रिपोर्ट में भारत को राजनीतिक अधिकारों के लिए दर्जा 2, एवं नागरिक अधिकारों के लिए दर्जा 3 दिया गया है, जिससे इसने स्वाधीन की संभतः उच्चतम दर्जा (रेटिंग) अर्जित की है। .

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भारत में राजभत्ता

राजभत्ता, निजी कोश, प्रिवी पर्स किसी संवैधानिक या लोकतांत्रिक राजतंत्र में राज्य के स्वायत्त शासक एवं राजपरिवार को मिलने वाले विशेष धनराशी को कहा जाता है।   भारतवर्ष में राजभत्ता देने की परियोजना की शुरुआत सन १९५०में लोकतांत्रिक गणराज्य की स्थापना के बाद हुई थी। इंगलैण्ड, जापान या अन्य यूरोपिय देशों(जहां केवल एक राजवंश या राजपरिवार होते हैं) के विपरीत भारत में(गणराज्य के शुरुआती वर्षों में) कुल ५६२राजवंश थे। ये भारत के उन पूर्व राज्यों के राजवंश थे जिन्होंने नव-स्वतंत्र भारत(अर्थात भारत अधीराज्य; Dominion of India) में अपनी रियासतों को संधि द्वारा भारतीय संघ में, पहले शामिल किया एवं बाद में, अपने राज्यों को भारत गणराज्य में संपूर्णतः विलीन कर आधूनिक भारत को स्थापित किया था। जिसके कारणवश उन्होंने अपना शासनाधिकार पूर्णतः भारत सरकार के हाथों सौंप दिया था। भारतीय संघ में सम्मिलित होने की संधि के शर्तों में रियासतों के तत्कालीन शासकों एवं उनके उत्तराधिकारियों को आजीवन, जीवनयापन हेतु भारत सरकार द्वारा विशेष धनराशि एवं भत्ते (राजभत्ता) दिये जाने का प्रावधान था। इस विशेष वार्षिक धनराशि को राजभत्ता, निजी कोश या प्रिवी पर्स कहा जाता था। इस व्यवस्था को ब्रिटेन में चल रहे राजभत्ते (प्रिवी पर्स) की व्यवस्था के आधार पर पारित किया गया था। इस "अलोकतांत्रिक" व्यवस्था को सन १९७१में प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के शासनकाल के दैरान पूर्णतः स्थगित कर दिया गया।   .

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भारत में संचार

भारतीय दूरसंचार उद्योग दुनिया का सबसे तेजी से बढ़ता दूरसंचार उद्योग है, जिसके पास अगस्त 2010http://www.trai.gov.in/WriteReadData/trai/upload/PressReleases/767/August_Press_release.pdf तक 706.37 मिलियन टेलीफोन (लैंडलाइन्स और मोबाइल) ग्राहक तथा 670.60 मिलियन मोबाइल फोन कनेक्शन्स हैं। वायरलेस कनेक्शन्स की संख्या के आधार पर यह दूरसंचार नेटवर्क मुहैया करने वाले देशों में चीन के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा देश है। भारतीय मोबाइल ग्राहक आधार आकार में कारक के रूप में एक सौ से अधिक बढ़ी है, 2001 में देश में ग्राहकों की संख्या लगभग 5 मिलियन थी, जो अगस्त 2010 में बढ़कर 670.60 मिलियन हो गयी है। चूंकि दूरसंचार उद्योग दुनिया में तेजी से बढ़ रहा है, इसलिए यह अनुमान लगाया जा रहा है कि 2013 तक भारत में 1.159 बिलियन मोबाइल उपभोक्ता हो जायेंगे.

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भारत में हिन्दू धर्म

हिन्दू धर्म भारत का सबसे बड़ा और मूल धार्मिक समूह है और भारत की 79.8% जनसंख्या (96.8 करोड़) इस धर्म की अनुयाई है। भारत में वैदिक संस्कृति का उद्गम २००० से १५०० ईसा पूर्व में हुआ था। जिसके फलस्वरूप हिन्दू धर्म को, वैदिक धर्म का क्रमानुयायी माना जाता है, जिसका भारतीय इतिहास पर गहन प्रभाव रहा है। स्वयं इण्डिया नाम भी यूनानी के Ἰνδία (इण्डस) से निकला है, जो स्वयं भी प्राचीन फ़ारसी शब्द हिन्दू से निकला, जो संस्कृत से सिन्धु से निकला, जो इस क्षेत्र में बहने वाली सिन्धु नदी के लिए प्रयुक्त किया गया था। भारत का एक अन्य प्रचलित नाम हिन्दुस्तान है, अर्थात "हिन्दुओं की भूमि"। .

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भारत में आतंकवाद

भारत बहुत समय से आतंकवाद का शिकार हो रहा है। भारत के काश्मीर, नागालैंड, पंजाब, असम, बिहार आदि विशेषरूप से आतंक से प्रभावित रहे हैं। यहाँ कई प्रकार के आतंकवादी जैसे पाकिस्तानी, इस्लामी, माओवादी, नक्सली, सिख, ईसाई आदि हैं। जो क्षेत्र आज आतंकवादी गतिविधियों से लम्बे समय से जुड़े हुए हैं उनमें जम्मू-कश्मीर, मुंबई, मध्य भारत (नक्सलवाद) और सात बहन राज्य (उत्तर पूर्व के सात राज्य) (स्वतंत्रता और स्वायत्तता के मामले में) शामिल हैं। अतीत में पंजाब में पनपे उग्रवाद में आंतकवादी गतिविधियां शामिल हो गयीं जो भारत देश के पंजाब राज्य और देश की राजधानी दिल्ली तक फैली हुई थीं। 2006 में देश के 608 जिलों में से कम से कम 232 जिले विभिन्न तीव्रता स्तर के विभिन्न विद्रोही और आतंकवादी गतिविधियों से पीड़ित थे। अगस्त 2008 में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार एम.के.

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भारत रत्न पुरस्कार विजेताओं की सूची

भारत रत्न भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है। इस पुरस्कार को पाने वालों की सूची निम्न है: .

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भारत रत्‍न

भारत रत्न भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है। यह सम्मान राष्ट्रीय सेवा के लिए दिया जाता है। इन सेवाओं में कला, साहित्य, विज्ञान, सार्वजनिक सेवा और खेल शामिल है। इस सम्मान की स्थापना 2 जनवरी 1954 में भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति श्री राजेंद्र प्रसाद द्वारा की गई थी। अन्य अलंकरणों के समान इस सम्मान को भी नाम के साथ पदवी के रूप में प्रयुक्त नहीं किया जा सकता। प्रारम्भ में इस सम्मान को मरणोपरांत देने का प्रावधान नहीं था, यह प्रावधान 1955 में बाद में जोड़ा गया। तत्पश्चात् 13 व्यक्तियों को यह सम्मान मरणोपरांत प्रदान किया गया। सुभाष चन्द्र बोस को घोषित सम्मान वापस लिए जाने के उपरान्त मरणोपरान्त सम्मान पाने वालों की संख्या 12 मानी जा सकती है। एक वर्ष में अधिकतम तीन व्यक्तियों को ही भारत रत्न दिया जा सकता है। उल्लेखनीय योगदान के लिए भारत सरकार द्वारा दिए जाने वाले सम्मानों में भारत रत्न के पश्चात् क्रमशः पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्मश्री हैं। .

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भारत का प्रधानमन्त्री

भारत गणराज्य के प्रधानमन्त्री (सामान्य वर्तनी:प्रधानमंत्री) का पद भारतीय संघ के शासन प्रमुख का पद है। भारतीय संविधान के अनुसार, प्रधानमन्त्री केंद्र सरकार के मंत्रिपरिषद् का प्रमुख और राष्ट्रपति का मुख्य सलाहकार होता है। वह भारत सरकार के कार्यपालिका का प्रमुख होता है और सरकार के कार्यों के प्रति संसद को जवाबदेह होता है। भारत की संसदीय राजनैतिक प्रणाली में राष्ट्रप्रमुख और शासनप्रमुख के पद को पूर्णतः विभक्त रखा गया है। सैद्धांतिकरूप में संविधान भारत के राष्ट्रपति को देश का राष्ट्रप्रमुख घोषित करता है और सैद्धांतिकरूप में, शासनतंत्र की सारी शक्तियों को राष्ट्रपति पर निहित करता है। तथा संविधान यह भी निर्दिष्ट करता है कि राष्ट्रपति इन अधिकारों का प्रयोग अपने अधीनस्थ अधकारियों की सलाह पर करेगा। संविधान द्वारा राष्ट्रपति के सारे कार्यकारी अधिकारों को प्रयोग करने की शक्ति, लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित, प्रधानमन्त्री को दी गयी है। संविधान अपने भाग ५ के विभिन्न अनुच्छेदों में प्रधानमन्त्रीपद के संवैधानिक अधिकारों और कर्तव्यों को निर्धारित करता है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद ७४ में स्पष्ट रूप से मंत्रिपरिषद की अध्यक्षता तथा संचालन हेतु प्रधानमन्त्री की उपस्थिति को आवश्यक माना गया है। उसकी मृत्यु या पदत्याग की दशा मे समस्त परिषद को पद छोडना पडता है। वह स्वेच्छा से ही मंत्रीपरिषद का गठन करता है। राष्ट्रपति मंत्रिगण की नियुक्ति उसकी सलाह से ही करते हैं। मंत्री गण के विभाग का निर्धारण भी वही करता है। कैबिनेट के कार्य का निर्धारण भी वही करता है। देश के प्रशासन को निर्देश भी वही देता है तथा सभी नीतिगत निर्णय भी वही लेता है। राष्ट्रपति तथा मंत्रीपरिषद के मध्य संपर्कसूत्र भी वही हैं। मंत्रिपरिषद का प्रधान प्रवक्ता भी वही है। वह सत्तापक्ष के नाम से लड़ी जाने वाली संसदीय बहसों का नेतृत्व करता है। संसद मे मंत्रिपरिषद के पक्ष मे लड़ी जा रही किसी भी बहस मे वह भाग ले सकता है। मन्त्रीगण के मध्य समन्वय भी वही करता है। वह किसी भी मंत्रालय से कोई भी सूचना आवश्यकतानुसार मंगवा सकता है। प्रधानमन्त्री, लोकसभा में बहुमत-धारी दल का नेता होता है, और उसकी नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा लोकसभा में बहुमत सिद्ध करने पर होती है। इस पद पर किसी प्रकार की समय-सीमा निर्धारित नहीं की गई है परंतु एक व्यक्ति इस पद पर केवल तब तक रह सकता है जबतक लोकसभा में बहुमत उसके पक्ष में हो। संविधान, विशेष रूप से, प्रधानमन्त्री को केंद्रीय मंत्रिमण्डल पर पूर्ण नियंत्रण प्रदान करता है। इस पद के पदाधिकारी को सरकारी तंत्र पर दी गयी अत्यधिक नियंत्रणात्मक शक्ति, प्रधानमन्त्री को भारतीय गणराज्य का सबसे शक्तिशाली और प्रभावशाली व्यक्ति बनाती है। विश्व की सातवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था, दूसरी सबसे बड़ी जनसंख्या, सबसे बड़े लोकतंत्र और विश्व की तीसरी सबसे बड़ी सैन्य बलों समेत एक परमाणु-शस्त्र राज्य के नेता होने के कारण भारतीय प्रधानमन्त्री को विश्व के सबसे शक्तिशाली और प्रभावशाली व्यक्तियों में गिना जाता है। वर्ष २०१० में फ़ोर्ब्स पत्रिका ने अपनी, विश्व के सबसे शक्तिशाली लोगों की, सूची में तत्कालीन प्रधानमन्त्री मनमोहन सिंह को १८वीं स्थान पर रखा था तथा २०१२ और २०१३ में उन्हें क्रमशः १९वें और २८वें स्थान पर रखा था। उनके उत्तराधिकारी, नरेंद्र मोदी को वर्ष २०१४ में १५वें स्थान पर तथा वर्ष २०१५ में विश्व का ९वाँ सबसे शक्तिशाली व्यक्ति नामित किया था। इस पद की स्थापना, वर्त्तमान कर्तव्यों और शक्तियों के साथ, २६ जनवरी १९४७ में, संविधान के परवर्तन के साथ हुई थी। उस समय से वर्त्तमान समय तक, इस पद पर कुल १५ पदाधिकारियों ने अपनी सेवा दी है। इस पद पर नियुक्त होने वाले पहले पदाधिकारी जवाहरलाल नेहरू थे जबकि भारत के वर्तमान प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी हैं, जिन्हें 26 मई 2014 को इस पद पर नियुक्त किया गया था। .

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भारत का भूगोल

भारत का भूगोल या भारत का भौगोलिक स्वरूप से आशय भारत में भौगोलिक तत्वों के वितरण और इसके प्रतिरूप से है जो लगभग हर दृष्टि से काफ़ी विविधतापूर्ण है। दक्षिण एशिया के तीन प्रायद्वीपों में से मध्यवर्ती प्रायद्वीप पर स्थित यह देश अपने ३२,८७,२६३ वर्ग किमी क्षेत्रफल के साथ विश्व का सातवाँ सबसे बड़ा देश है। साथ ही लगभग १.३ अरब जनसंख्या के साथ यह पूरे विश्व में चीन के बाद दूसरा सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश भी है। भारत की भौगोलिक संरचना में लगभग सभी प्रकार के स्थलरूप पाए जाते हैं। एक ओर इसके उत्तर में विशाल हिमालय की पर्वतमालायें हैं तो दूसरी ओर और दक्षिण में विस्तृत हिंद महासागर, एक ओर ऊँचा-नीचा और कटा-फटा दक्कन का पठार है तो वहीं विशाल और समतल सिन्धु-गंगा-ब्रह्मपुत्र का मैदान भी, थार के विस्तृत मरुस्थल में जहाँ विविध मरुस्थलीय स्थलरुप पाए जाते हैं तो दूसरी ओर समुद्र तटीय भाग भी हैं। कर्क रेखा इसके लगभग बीच से गुजरती है और यहाँ लगभग हर प्रकार की जलवायु भी पायी जाती है। मिट्टी, वनस्पति और प्राकृतिक संसाधनो की दृष्टि से भी भारत में काफ़ी भौगोलिक विविधता है। प्राकृतिक विविधता ने यहाँ की नृजातीय विविधता और जनसंख्या के असमान वितरण के साथ मिलकर इसे आर्थिक, सामजिक और सांस्कृतिक विविधता प्रदान की है। इन सबके बावजूद यहाँ की ऐतिहासिक-सांस्कृतिक एकता इसे एक राष्ट्र के रूप में परिभाषित करती है। हिमालय द्वारा उत्तर में सुरक्षित और लगभग ७ हज़ार किलोमीटर लम्बी समुद्री सीमा के साथ हिन्द महासागर के उत्तरी शीर्ष पर स्थित भारत का भू-राजनैतिक महत्व भी बहुत बढ़ जाता है और इसे एक प्रमुख क्षेत्रीय शक्ति के रूप में स्थापित करता है। .

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भारत का केंद्रीय बजट

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 112 में भारत के केन्द्रीय बजट को वार्षिक वित्तीय विवरण के रूप में निर्दिष्ट किया गया है, जो कि भारतीय गणराज्य का वार्षिक बजट होता है, जिसे प्रत्येक वर्ष फरवरी के अंतिम कार्य-दिवस में भारत के वित्त मंत्री द्वारा संसद में पेश किया जाता है। भारत के वित्तीय वर्ष की शुरूआत, अर्थात 1 अप्रैल से इसे लागू करने से पहले बजट को सदन द्वारा इसे पारित करना आवश्यक होता है। पूर्व वित्त मंत्री मोरारजी देसाई ने अभी तक सबसे ज्यादा 10 बार बजट प्रस्तुत किया है। .

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भारत के प्रधान मंत्रियों की सूची

भारत के प्रधानमंत्री भारत गणराज्य की सरकार के मुखिया हैं। भारत के प्रधानमंत्री, का पद, भारत के शासनप्रमुख (शासनाध्यक्ष) का पद है। संविधान के अनुसार, वह भारत सरकार के मुखिया, भारत के राष्ट्रपति, का मुख्य सलाहकार, मंत्रिपरिषद का मुखिया, तथा लोकसभा में बहुमत वाले दल का नेता होता है। वह भारत सरकार के कार्यपालिका का नेतृत्व करता है। भारत की राजनैतिक प्रणाली में, प्रधानमंत्री, मंत्रिमंडल में का वरिष्ठ सदस्य होता है। .

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भारत के रक्षा मंत्री

भारत के रक्षा मंत्री या रक्षा मंत्री भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय का कार्य करता है जो भारत की रक्षा तथा आंतरिक सुरक्षा बनाये रखता है। भारत के वर्तमान रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण हैं। .

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भारत के रेल मंत्री

भारत के रेल मंत्री जो रेल मंत्रालय, भारत के मंत्री हैं | .

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भारत के घोटालों की सूची (वर्ष के अनुसार)

आजादी से अब तक देश में काफी बड़े घोटालों का इतिहास रहा है। नीचे भारत में हुए बड़े घोटालों का संक्षिप्त विवरण दिया गया है-;जीप खरीदी (1948) आजादी के बाद भारत सरकार ने एक लंदन की कंपनी से 2000 जीपों को सौदा किया। सौदा 80 लाख रुपये का था। लेकिन केवल 155 जीप ही मिल पाई। घोटाले में ब्रिटेन में मौजूद तत्कालीन भारतीय उच्चायुक्त वी.के.

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भारत के वित्त मंत्री

भारत का वित्त मंत्री भारत सरकार में एक कैबिनेट मंत्री का दर्जा होता है। उसका काम देश का आम बजट तैयार करना होता है एवं वह देश की अर्थव्यवस्था का मुख्य संचालक होता है। .

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भारत के विदेश मंत्री

भारत के विदेश मंत्री या विदेश मंत्री भारत सरकार के विदेश मंत्रालय का कार्य करता है जो भारत के विदेश सम्बंधित नीतियोँ को बनाता है।98 98 .

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भारत के विदेश सचिव

भारतीय विदेश सचिव भारत के विदेशों से सम्बंध में विदेश मंत्रालय में नियुक्त के सर्वोच्च्य राजनयिक होते हैं। विदेश सचिव भारतीय विदेश सेवा के अनुभवी अफसर होते हैं जो विभिन्न देशों में राजदूत रह चुके हैं। .

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भारत के गृह मंत्री

भारत के गृह मंत्री या गृह मंत्री, भारत सरकार के गृह मंत्रालय के प्रमुख को कहा जाता है। केन्द्रीय कैबिनेट के वरिष्ठतम पदों में से एक, गृह मंत्री की मुख्य जिम्मेदारी भारत की आंतरिक सुरक्षा से सम्बन्धित विषयों को देखना है। 26 मई 2014 से राजनाथ सिंह भारत के तीसवें गृह मंत्री के रूप में कार्य कर रहे हैं। .

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भारतीय चुनाव

चुनाव लोकतंत्र का आधार स्तम्भ हैं। आजादी के बाद से भारत में चुनावों ने एक लंबा रास्ता तय किया है। 1951-52 को हुए आम चुनावों में मतदाताओं की संख्या 17,32,12,343 थी, जो 2014 में बढ़कर 81,45,91,184 हो गई है। 2004 में, भारतीय चुनावों में 670 मिलियन मतदाताओं ने भाग लिया (यह संख्या दूसरे सबसे बड़े यूरोपीय संसदीय चुनावों के दोगुने से अधिक थी) और इसका घोषित खर्च 1989 के मुकाबले तीन गुना बढ़कर $300 मिलियन हो गया। इन चुनावों में दस लाख से अधिक इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों का इस्तेमाल किया गया। 2009 के चुनावों में 714 मिलियन मतदाताओं ने भाग लिया (अमेरिका और यूरोपीय संघ की संयुक्त संख्या से भी अधिक).

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भारतीय महापुरुषों के समाधिस्थलों की सूची

यह भारत के विख्यात लोगों के समाधिस्थलों की सूची है। यह एक मुक्त सूची है जिसे बढ़ाया जा सकता है। .

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भारतीय मीडिया

भारत के संचार माध्यम (मीडिया) के अन्तर्गत टेलीविजन, रेडियो, सिनेमा, समाचार पत्र, पत्रिकाएँ, तथा अन्तरजालीय पृष्ट आदि हैं। अधिकांश मीडिया निजी हाथों में है और बड़ी-बड़ी कम्पनियों द्वारा नियंत्रित है। भारत में 70,000 से अधिक समाचार पत्र हैं, 690 उपग्रह चैनेल हैं (जिनमें से 80 समाचार चैनेल हैं)। आज भारत विश्व का सबसे बड़ा समाचार पत्र का बाजार है। प्रतिदिन १० करोड़ प्रतियाँ बिकतीं हैं। .

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भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस, अधिकतर कांग्रेस के नाम से प्रख्यात, भारत के दो प्रमुख राजनैतिक दलों में से एक हैं, जिन में अन्य भारतीय जनता पार्टी हैं। कांग्रेस की स्थापना ब्रिटिश राज में २८ दिसंबर १८८५ में हुई थी; इसके संस्थापकों में ए ओ ह्यूम (थियिसोफिकल सोसाइटी के प्रमुख सदस्य), दादा भाई नौरोजी और दिनशा वाचा शामिल थे। १९वी सदी के आखिर में और शुरूआती से लेकर मध्य २०वी सदी में, कांग्रेस भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम में, अपने १.५ करोड़ से अधिक सदस्यों और ७ करोड़ से अधिक प्रतिभागियों के साथ, ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन के विरोध में एक केन्द्रीय भागीदार बनी। १९४७ में आजादी के बाद, कांग्रेस भारत की प्रमुख राजनीतिक पार्टी बन गई। आज़ादी से लेकर २०१६ तक, १६ आम चुनावों में से, कांग्रेस ने ६ में पूर्ण बहुमत जीता हैं और ४ में सत्तारूढ़ गठबंधन का नेतृत्व किया; अतः, कुल ४९ वर्षों तक वह केन्द्र सरकार का हिस्सा रही। भारत में, कांग्रेस के सात प्रधानमंत्री रह चुके हैं; पहले जवाहरलाल नेहरू (१९४७-१९६५) थे और हाल ही में मनमोहन सिंह (२००४-२०१४) थे। २०१४ के आम चुनाव में, कांग्रेस ने आज़ादी से अब तक का सबसे ख़राब आम चुनावी प्रदर्शन किया और ५४३ सदस्यीय लोक सभा में केवल ४४ सीट जीती। तब से लेकर अब तक कोंग्रेस कई विवादों में घिरी हुई है, कोंग्रेस द्वारा भारतीय आर्मी का मनोबल गिराने का देश में विरोध किया जा रहा है । http://www.allianceofdemocrats.org/index.php?option.

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भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (संगठन)

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (संगठन) या कांग्रेस (ओ) भारत में एक राजनीतिक पार्टी थी जिसका गठन तब हुआ जब इंदिरा गांधी के निष्कासन के बाद कांग्रेस पार्टी विभाजित हुई।   १२ नवंबर १९६९ को, इंदिरा गांधी (तत्कालीन प्रधानमंत्री) को पार्टी अनुशासन का उल्लंघन करने के लिए कांग्रेस पार्टी से निष्कासित कर दिया गया। पार्टी का अंत में विभाजन हुआ और साथ ही, इंदिरा गांधी ने एक प्रतिद्वंद्वी संगठन की स्थापना की, जो कांग्रेस (आर) के रूप में जाना गया। अखिल भारतीय कांग्रेस समिति में, 446 के अपने ७०५ सदस्यों में से, ४४६ इंदिरा के पक्ष में चले आएँ। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (संगठन) को कभी कभी अनौपचारिक रूप से सिंडिकेट और इंदिरा गुट को इंडीकेट कहा जाता था। कामराज और बाद में मोरारजी देसाई कांग्रेस(ओ) के नेता थे। .

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भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्षों की सूची

१९३८ के हरिपुरा सम्मेलन में (बाएं से दाएं) महात्मा गांधी, राजेन्द्र प्रसाद, सुभाष चन्द्र बोस और वल्लभ भाई पटेल। गले में फीता पहने बोस इस सम्मेलन के अध्यक्ष थे। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस स्वतंत्र भारत का प्रमुख राजनीतिक दल है और इस की स्थापना स्वतंत्रता से पूर्व १८८५ में हुई थी। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष दल के चुने हुए प्रमुख होते है जो आम जनता के साथ दल के रिश्ते को प्रबंधित करने के लिए जिम्मेदार होते है। .

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भारतीय शांति रक्षा सेना

भारतीय शांति रक्षा सेना (IPKF; भारतीय शान्ति सेना) भारतीय सेना दल था जो 1987 से 1990 के मध्य श्रीलंका में शांति स्थापना ऑपरेशन क्रियान्वित कर रहा था। इसका गठन भारत-श्रीलंका संधि के अधिदेश के अंतर्गत किया गया था जिस पर भारत और श्रीलंका ने 1987 में हस्ताक्षर किये थे जिसका उद्देश्य युद्धरत श्रीलंकाई तमिल राष्ट्रवादियों जैसे लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (LTTE) और श्रीलंकाई सेना के मध्य श्रीलंकाई गृहयुद्ध को समाप्त करना था। IPKF का मुख्य कार्य केवल LTTE ही नहीं बल्कि विभिन्न उग्रवादी गुटों को निःशस्त्र करना था। इसके शीघ्र बाद एक अंतरिम प्रशासनिक परिषद का गठन किया जाना था। ये भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी की आज्ञा से भारत और श्रीलंका के बीच हस्ताक्षरित समझौते की शर्तों के अनुसार था। श्रीलंका में संघर्ष के स्तर में वृद्धि को देखते हुए और भारत में शरणार्थियों की घनघोर भीड़ उमड़ पड़ने पर, राजीव गांधी, ने इस समझौते को बढाने के लिए निर्णायक कदम उठाया.

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भारतीय सिनेमा

भारतीय सिनेमा के अन्तर्गत भारत के विभिन्न भागों और भाषाओं में बनने वाली फिल्में आती हैं जिनमें आंध्र प्रदेश और तेलंगाना, असम, बिहार, उत्तर प्रदेश, गुजरात, हरियाणा, जम्मू एवं कश्मीर, झारखंड, कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र, ओडिशा, पंजाब, राजस्थान, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और बॉलीवुड शामिल हैं। भारतीय सिनेमा ने २०वीं सदी की शुरुआत से ही विश्व के चलचित्र जगत पर गहरा प्रभाव छोड़ा है।। भारतीय फिल्मों का अनुकरण पूरे दक्षिणी एशिया, ग्रेटर मध्य पूर्व, दक्षिण पूर्व एशिया और पूर्व सोवियत संघ में भी होता है। भारतीय प्रवासियों की बढ़ती संख्या की वजह से अब संयुक्त राज्य अमरीका और यूनाइटेड किंगडम भी भारतीय फिल्मों के लिए एक महत्वपूर्ण बाजार बन गए हैं। एक माध्यम(परिवर्तन) के रूप में सिनेमा ने देश में अभूतपूर्व लोकप्रियता हासिल की और सिनेमा की लोकप्रियता का इसी से अन्दाजा लगाया जा सकता है कि यहाँ सभी भाषाओं में मिलाकर प्रति वर्ष 1,600 तक फिल्में बनी हैं। दादा साहेब फाल्के भारतीय सिनेमा के जनक के रूप में जाना जाते हैं। दादा साहब फाल्के के भारतीय सिनेमा में आजीवन योगदान के प्रतीक स्वरुप और 1969 में दादा साहब के जन्म शताब्दी वर्ष में भारत सरकार द्वारा दादा साहेब फाल्के पुरस्कार की स्थापना उनके सम्मान में की गयी। आज यह भारतीय सिनेमा का सबसे प्रतिष्ठित और वांछित पुरस्कार हो गया है। २०वीं सदी में भारतीय सिनेमा, संयुक्त राज्य अमरीका का सिनेमा हॉलीवुड तथा चीनी फिल्म उद्योग के साथ एक वैश्विक उद्योग बन गया।Khanna, 155 2013 में भारत वार्षिक फिल्म निर्माण में पहले स्थान पर था इसके बाद नाइजीरिया सिनेमा, हॉलीवुड और चीन के सिनेमा का स्थान आता है। वर्ष 2012 में भारत में 1602 फ़िल्मों का निर्माण हुआ जिसमें तमिल सिनेमा अग्रणी रहा जिसके बाद तेलुगु और बॉलीवुड का स्थान आता है। भारतीय फ़िल्म उद्योग की वर्ष 2011 में कुल आय $1.86 अरब (₹ 93 अरब) की रही। जिसके वर्ष 2016 तक $3 अरब (₹ 150 अरब) तक पहुँचने का अनुमान है। बढ़ती हुई तकनीक और ग्लोबल प्रभाव ने भारतीय सिनेमा का चेहरा बदला है। अब सुपर हीरो तथा विज्ञानं कल्प जैसी फ़िल्में न केवल बन रही हैं बल्कि ऐसी कई फिल्में एंथीरन, रा.वन, ईगा और कृष 3 ब्लॉकबस्टर फिल्मों के रूप में सफल हुई है। भारतीय सिनेमा ने 90 से ज़्यादा देशों में बाजार पाया है जहाँ भारतीय फिल्मे प्रदर्शित होती हैं। Khanna, 158 सत्यजीत रे, ऋत्विक घटक, मृणाल सेन, अडूर गोपालकृष्णन, बुद्धदेव दासगुप्ता, जी अरविंदन, अपर्णा सेन, शाजी एन करुण, और गिरीश कासरावल्ली जैसे निर्देशकों ने समानांतर सिनेमा में महत्वपूर्ण योगदान दिया है और वैश्विक प्रशंसा जीती है। शेखर कपूर, मीरा नायर और दीपा मेहता सरीखे फिल्म निर्माताओं ने विदेशों में भी सफलता पाई है। 100% प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के प्रावधान से 20वीं सेंचुरी फॉक्स, सोनी पिक्चर्स, वॉल्ट डिज्नी पिक्चर्स और वार्नर ब्रदर्स आदि विदेशी उद्यमों के लिए भारतीय फिल्म बाजार को आकर्षक बना दिया है। Khanna, 156 एवीएम प्रोडक्शंस, प्रसाद समूह, सन पिक्चर्स, पीवीपी सिनेमा,जी, यूटीवी, सुरेश प्रोडक्शंस, इरोज फिल्म्स, अयनगर्न इंटरनेशनल, पिरामिड साइमिरा, आस्कार फिल्म्स पीवीआर सिनेमा यशराज फिल्म्स धर्मा प्रोडक्शन्स और एडलैब्स आदि भारतीय उद्यमों ने भी फिल्म उत्पादन और वितरण में सफलता पाई। मल्टीप्लेक्स के लिए कर में छूट से भारत में मल्टीप्लेक्सों की संख्या बढ़ी है और फिल्म दर्शकों के लिए सुविधा भी। 2003 तक फिल्म निर्माण / वितरण / प्रदर्शन से सम्बंधित 30 से ज़्यादा कम्पनियां भारत के नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध की गयी थी जो फिल्म माध्यम के बढ़ते वाणिज्यिक प्रभाव और व्यसायिकरण का सबूत हैं। दक्षिण भारतीय फिल्म उद्योग दक्षिण भारत की चार फिल्म संस्कृतियों को एक इकाई के रूप में परिभाषित करता है। ये कन्नड़ सिनेमा, मलयालम सिनेमा, तेलुगू सिनेमा और तमिल सिनेमा हैं। हालाँकि ये स्वतंत्र रूप से विकसित हुए हैं लेकिन इनमे फिल्म कलाकारों और तकनीशियनों के आदान-प्रदान और वैष्वीकरण ने इस नई पहचान के जन्म में मदद की। भारत से बाहर निवास कर रहे प्रवासी भारतीय जिनकी संख्या आज लाखों में हैं, उनके लिए भारतीय फिल्में डीवीडी या व्यावसायिक रूप से संभव जगहों में स्क्रीनिंग के माध्यम से प्रदर्शित होती हैं। Potts, 74 इस विदेशी बाजार का भारतीय फिल्मों की आय में 12% तक का महत्वपूर्ण योगदान हो सकता है। इसके अलावा भारतीय सिनेमा में संगीत भी राजस्व का एक साधन है। फिल्मों के संगीत अधिकार एक फिल्म की 4 -5 % शुद्ध आय का साधन हो सकते हैं। .

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भारतीय सैन्य अकादमी

इंडियन मिलिटरी ऐकडमी (भारतीय सैन्य अकादमी) भारतीय सेना के अधिकारियों के प्रशिक्षण के लिए प्रमुख प्रशिक्षण स्कूल है। .

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भारतीय जनता पार्टी

भारतीय जनता पार्टी (संक्षेप में, भाजपा) भारत के दो प्रमुख राजनीतिक दलों में से एक हैं, जिसमें दूसरा दल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस है। यह राष्ट्रीय संसद और राज्य विधानसभाओं में प्रतिनिधित्व के मामले में देश की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी है और प्राथमिक सदस्यता के मामले में यह दुनिया का सबसे बड़ा दल है।.

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भारतीय जनसंघ

'''दीपक''' या '''दीया''' - भारतीय जनसंघ का चुनावचिह्न था। भारतीय जनसंघ के संस्थापक '''डॉ श्यामाप्रसाद मुखर्जी भारतीय जनसंघ भारत का एक पुराना राजनैतिक दल था जिससे १९८० में भारतीय जनता पार्टी बनी। इस दल का आरम्भ श्यामा प्रसाद मुखर्जी द्वारा 21 अक्टूबर 1951 को दिल्ली में की गयी थी। इस पार्टी का चुनाव चिह्न दीपक था। इसने 1952 के संसदीय चुनाव में २ सीटें प्राप्त की थी जिसमे डाक्टर मुखर्जी स्वयं भी शामिल थे। प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा लागू आपातकाल (1975-1976) के बाद जनसंघ सहित भारत के प्रमुख राजनैतिक दलों का विलय कर के एक नए दल जनता पार्टी का गठन किया गया। आपातकाल से पहले बिहार विधानसभा के भारतीय जनसंघ के विधायक दल के नेता लालमुनि चौबे ने जयप्रकाश नारायण के आंदोलन में बिहार विधानसभा से अपना त्यागपत्र दे दिया। जनता पार्टी 1980 में टूट गयी और जनसंघ की विचारधारा के नेताओं नें भारतीय जनता पार्टी का गठन किया। भारतीय जनता पार्टी 1998 से 2004 तक राष्ट्रीय प्रजातांत्रिक गठबंधन (NDA) सरकार की सबसे बड़ी पार्टी रही थी। 2014 के आम चुनाव में इसने अकेले अपने दम पर सरकार बनाने में सफलता प्राप्त की। .

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भारतीय व्यक्तित्व

यहाँ पर भारत के विभिन्न भागों एवं विभिन्न कालों में हुए प्रसिद्ध व्यक्तियों की सूची दी गयी है। .

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भारतीय आम चुनाव, 1967

के भारतीय आम चुनाव के 1967 चुने गए 4 लोकसभा की भारत और आयोजित किया गया था 17 से 21 फरवरी । 27 राज्यों और संघ शासित प्रदेशों द्वारा प्रतिनिधित्व कर रहे थे 520 एकल सदस्य निर्वाचन क्षेत्रों (26 की वृद्धि).

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भारतीय आम चुनाव, १९७१

भारत में आयोजित आम चुनाव के लिए 5 वीं लोकसभा में मार्च 1971.

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भारतीय आम चुनाव, १९७७

में एक प्रमुख घटनाओं की बारी है, सत्तारूढ़ कांग्रेस का नियंत्रण खो दिया के लिए भारत में पहली बार स्वतंत्र भारत में भारतीय आम चुनाव, 1977.

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भारतीय आम चुनाव, १९८०

भारत में आयोजित आम चुनाव के लिए 7 वीं लोकसभा में जनवरी,1980.

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भारतीय आम चुनाव, १९८४

आम चुनाव में आयोजित की गई भारत में 1984 के बाद जल्द ही हत्या के पिछले प्रधानमंत्री, इंदिरा गांधी, हालांकि मतदान में असम और पंजाब तक विलंबित किया गया 1985 के कारण चल रही लड़ाई है । .

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भारतीय इतिहास तिथिक्रम

भारत के इतिहास की महत्वपूर्ण घटनाएं तिथिक्रम में।;भारत के इतिहास के कुछ कालखण्ड.

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भारतीय इतिहास की समयरेखा

पाकिस्तान, बांग्लादेश एवं भारत एक साझा इतिहास के भागीदार हैं इसलिए भारतीय इतिहास की इस समय रेखा में सम्पूर्ण भारतीय उपमहाद्वीप के इतिहास की झलक है। .

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भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) (Communist Party of India) भारत का एक साम्यवादी दल है। इस दल की स्थापना 26 दिसम्बर 1925 को कानपुर नगर में हुई थी। भारतीय कम्युनिष्ट पार्टी की स्थापना एम एन राय ने की। 1928 ई. में कम्युनिस्ट इण्टरनेशनल ने ही भारत में कम्युनिस्ट पार्टी की कार्य प्रणाली निश्चित की। इस दल के महासचिव एस. सुधाकर रेड्डी है। यह भारत की सबसे पुरानी कम्युनिस्ट पार्टी है। चुनाव आयोग द्वारा इसे राष्ट्रीय दल के रूप में मान्यता प्राप्त है। यह दल 'न्यू एज' (New Age) का प्रकाशन करता है। इस दल का युवा संगठन 'आल इंडिया यूथ फेडरेशन' है। २००४ के संसदीय चुनाव में इस दल को ५ ४३४ ७३८ मत (१.४%, १० सीटें) मिले। २००९ के संसदीय चुनाव में इस दल को मात्र ४ सीटें मिली। 2014 के संसदीय चुनाव में दल को मात्र 1 सीटें मिली .

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भारतीय क्रिकेट टीम का पाकिस्तान दौरा 1984-85

1984-85 के क्रिकेट सीज़न के दौरान भारत की राष्ट्रीय क्रिकेट टीम ने पाकिस्तान का दौरा किया। उन्होंने पाकिस्तान क्रिकेट टीम के खिलाफ तीन टेस्ट मैचों की खेली, इस श्रृंखला में 0-0 से ड्रॉ हुई। 31 अक्टूबर 1984 को इंदिरा गांधी की हत्या के कारण तीसरे टेस्ट को रद्द कर दिया गया था। .

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भिक्की सिंह (स्वतंत्रता संग्राम सेनानी)

भिक्की सिंह का जन्म में दादरी गौतम बुद्ध नगर (उत्तर प्रदेश) के निकट ग्राम में गुर्जर परिवार मे हुआ था। इनका पूरा नाम भिक्की सिंह भाटी था I इनके पिताजी का नाम नथुआ सिंह भाटी था I वे मजलिस जमींदार लुहारली के बेटे थे । वे एक क्रान्तिकारी थे और कई बार उन्हे आजादी के लिए जेल भी जाना पड़ा था ।वे कई बार तिहाड जेल भी गए थे । भिक्की सिंह भाटी को 15 अगस्त 1972 मे उस समय की प्रधानमंत्री इन्दिरा गाँधी जी के द्वारा ताम्र पत्र दिया गया था । और   तीन पैंशन जो नमक आन्दोलन ,आज़ाद हिन्द फ़ौज,और सत्याग्रह  के लिए मिलती थी । भिक्की सिंह के तीन बेटे थे ।महावीर सिंह,रणधीर सिंह,और सर्वजीत सिंह था । भिककी सिंह भाटी अपने समय में जिले के कांग्रेस के  चववनी सदस्य  थे । Reference मजलिस जमींदार (स्वतंत्रता संग्राम सेनानी) http://adhunikbharatkaitihas.blogspot.com/2017/03/bhikki-singh-luharly.html http://greatgurjarsofworld.blogspot.com/2016/07/ombir-singh-bhati.html http://greatgurjarsofworld.blogspot.com/2016/07/bhikki-singh-luharly.html https://medium.com/@sandeepbhati/bhikki-singh-luharly-3ae200738393 श्रेणी:भारतीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानी श्रेणी:आज़ाद हिन्द फ़ौज श्रेणी:सत्याग्रह श्रेणी:दाण्डी आन्दोलन श्रेणी:भाटी श्रेणी:दादरी श्रेणी:लुहारली श्रेणी:बुलंदशहर श्रेणी:ओमबीर सिंह भाटी श्रेणी:जतन सिंह भाटी श्रेणी:कर्मवीर सिंह भाटी श्रेणी:उदयवीर सिंह भाटी श्रेणी:जयवीर सिंह भाटी श्रेणी:वीरपाल सिंह भाटी श्रेणी:जसवीर सिंह भाटी श्रेणी:नरेन्द्र प्रधान श्रेणी:राजकुमार भाटी श्रेणी:रविंद्र सिंह भाटी श्रेणी:बेगराज सिंह भाटी.

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भोपाल जंक्शन रेलवे स्टेशन

भोपाल जंक्शन (स्टेशन कोड: BPL) मध्य प्रदेश की राजधानी का मुख्य रेलवे स्थानक है। .

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मदनलाल पाहवा

गान्धी वध के अभियुक्तों का एक समूह चित्र'' खड़े हुए '': शंकर किस्तैया, गोपाल गोडसे, मदनलाल पाहवा, दिगम्बर बड़गे. ''बैठे हुए'': नारायण आप्टे, वीर सावरकर, नाथूराम गोडसे, विष्णु करकरे मदनलाल पाहवा (अंग्रेजी: Madan Lal Pahwa, पंजाबी: ਮਦਨ ਲਾਲ ਪਾਹਵਾ, तमिल: மதன்லால் பக்வா) हिन्दू महासभा के एक कार्यकर्ता थे जिन्होंने नई दिल्ली स्थित बिरला हाउस में गान्धी-वध की तिथि से दस दिन पूर्व २० जनवरी १९४८ को उनकी प्रार्थना सभा में हथगोला फेंका था। उपस्थित जन समुदाय ने उन्हें पुलिस के हवाले कर दिया था। उस घटना के ठीक १० दिन बाद जब नाथूराम गोडसे ने ३० जनवरी १९४८ को गोली मारकर गान्धी को मौत की नींद सुला दिया तो भारत सरकार ने फटाफट मुकद्दमा चलाकर गोडसे को फाँसी के साथ मदनलाल को भी गान्धी-वध के षड्यन्त्र में शामिल होने व हत्या के प्रयास के आरोप में आजीवन कारावास का दण्ड देकर मामला रफादफा कर दिया। .

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मधुकर दत्तात्रेय देवरस

मधुकर दत्‍तात्रेय देवरस (11दिसम्बर1915-17 जून1996) राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के तृतीय सरसंघचालक थे। वे 'बाला साहब देवरस' नाम से अधिक प्रसिद्ध हैं। .

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मसूरी

मसूरी भारत के उत्तराखण्ड राज्य का एक पर्वतीय नगर है, जिसे पर्वतों की रानी भी कहा जाता है। देहरादून से 35 किलोमीटर की दूरी पर स्थित, मसूरी उन स्थानों में से एक है जहाॅं लोग बार-बार आते जाते हैं। घूमने-फिरने के लिए जाने वाली प्रमुख जगहों में यह एक है। यह पर्वतीय पर्यटन स्थल हिमालय पर्वतमाला के शिवालिक श्रेणी में पड़ता है, जिसे पर्वतों की रानी भी कहा जाता है। निकटवर्ती लैंढ़ौर कस्बा भी बार्लोगंज और झाड़ीपानी सहित वृहत या ग्रेटर मसूरी में आता है। इसकी औसत ऊंचाई समुद्र तल से 2005 मी.

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महमूदा अली शाह

महमूदा अली शाह एक भारतीय शिक्षाविद्, सामाजिक कार्यकर्ता और सरकारी कॉलेज ऑफ विमेन, एमएए रोड श्रीनगर की प्रधान अध्यापक थी। वह एक करीबी दोस्त और सहयोगी थी इंदिरा गांधी की। उन्होंने शिक्षा के महत्व और उनके सामाजिक सशक्तिकरण के लिए कश्मीर की महिलाओं के बीच जागरूकता पैदा करने के लिए काम किया है। भारत सरकार ने भारतीय शिक्षा में उनके योगदान के लिए, २००६ में पद्म श्री के चौथे उच्चतम नागरिक सम्मान से उन्हें सम्मानित किया। मेहमूदा अली शाह का जन्म १९२० में दुलहान बेगम और सैयद अहमद अली शाह के घर हुआ। उनके तीन भाई थे। स्थानीय मिशनरी गर्ल्स स्कूल में उनकी पढ़ाई की फिर उन्होंने पंजाब विश्वविद्यालय, लाहौर से कला (बीए) में स्नातक की उपाधि प्राप्त की और राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर डिग्री (एमए)। वह पंजाब विश्वविद्यालय, लाहौर की पहली महिला स्नातकोत्तर के रूप में जानी जाती है। महमूदा श्री नगर लौट आए और एक शिक्षक के रूप में माईसुमा में एक स्थानीय स्कूल में पड़ने लगी फिर तत्कालीन महाराजा द्वारा बारामूला में नया विद्यालय खोला गया और उन्हें प्रमुख शिक्षक के रूप में नियुक्त किया गया था। वहाँ उन्होंने काफ़ी सालो तक काम किया। और बाद में वह सरकारी कॉलेज ऑफ विमेन, एमएए रोड श्रीनगर की प्रधान अध्यापक बन गई। ११ मार्च २०१४ को ९४ वर्ष की आयु में श्री नगर में उनके निवास पर निधन हो गया। .

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महात्मा गाँधी सेतु

महात्मा गाँधी सेतु। महात्मा गांधी सेतु पटना से हाजीपुर को जोड़ने को लिये गंगा नदी पर उत्तर-दक्षिण की दिशा में बना एक पुल है। यह दुनिया का सबसे लम्बा, एक ही नदी पर बना सड़क पुल है। इसकी लम्बाई 5,750 मीटर है। भारत की प्रधान मंत्री श्रीमती इंदिरा गाँधी ने इसका उद्घाटन मई 1982 में किया था। इसका निर्माण गैमोन इंडिया लिमिटेड ने किया था। वर्तमान में यह राष्ट्रीय राजमार्ग 19 का हिस्सा है। .

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महात्मा गांधी की हत्या

मोहनदास करमचंद गांधी की हत्या 30 जनवरी 1948 की शाम को नई दिल्ली स्थित बिड़ला भवन में गोली मारकर की गयी थी। वे रोज शाम को प्रार्थना किया करते थे। 30 जनवरी 1948 की शाम को जब वे संध्याकालीन प्रार्थना के लिए जा रहे थे तभी नाथूराम गोडसे नाम के व्यक्ति ने पहले उनके पैर छुए और फिर सामने से उन पर बैरेटा पिस्तौल से तीन गोलियाँ दाग दीं। उस समय गान्धी अपने अनुचरों से घिरे हुए थे। इस मुकदमे में नाथूराम गोडसे सहित आठ लोगों को हत्या की साजिश में आरोपी बनाया गया था। इन आठ लोगों में से तीन आरोपियों शंकर किस्तैया, दिगम्बर बड़गे, वीर सावरकर, में से दिगम्बर बड़गे को सरकारी गवाह बनने के कारण बरी कर दिया गया। शंकर किस्तैया को उच्च न्यायालय में अपील करने पर माफ कर दिया गया। वीर सावरकर के खिलाफ़ कोई सबूत नहीं मिलने की वजह से अदालत ने जुर्म से मुक्त कर दिया। बाद में सावरकर के निधन पर भारत सरकार ने उनके सम्मान में एक डाक टिकट जारी किया।सावरकर पर सरकार द्वारा जारी डाक टिकट और अन्त में बचे पाँच अभियुक्तों में से तीन - गोपाल गोडसे, मदनलाल पाहवा और विष्णु रामकृष्ण करकरे को आजीवन कारावास हुआ तथा दो- नाथूराम गोडसे व नारायण आप्टे को फाँसी दे दी गयी। .

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महानतम भारतीय (सर्वेक्षण)

सबसे महान भारतीय या महानतम भारतीय (अंग्रेजी:The Greatest Indian) एक सर्वेक्षण जो रिलायंस मोबाइल द्वारा प्रायोजित है और सीएनएन आईबीएन और हिस्ट्री चैनल के साथ साझेदारी में, आउटलुक पत्रिका द्वारा आयोजित किया गया था। आधुनिक भारत के विभिन्न क्षेत्रों में महत्त्वपुर्ण योगदान और भारतीयों के जीवन में अद्वितीय असाधारन बदलाव लाने वाला महानतम शख्सियत खोजने के लिए भारत में दि ग्रेटेस्ट इंडियन या सबसे महानतम भारतीय इस कार्यक्रम का जनमत सर्वेक्षण जून 2012 से अगस्त 2012 दौरान आयोजित किया गया था, इसके विजेता, डॉ॰ भीमराव आंबेडकर हैं, 11 अगस्त को इसकी घोषणा हुई थी। इस सर्वेक्षण में करीब 2 करोड़ वोटिंग डॉ॰ आंबेडकर को हुई थी। इस सर्वेक्षण में पहले भारत के विभिन्न छेत्रों (जैसे, कला, राजनिती, अर्थशास्त्र, समाज सेवा, खेल, उद्योग, संगीत आदी) के 100 महान हस्तियों में से ज्यूरी के जरीये उनमें से 50 महान भारतीयों को चूना गया। बाद में 50 नामों में से वोटिंग के जरीये जवाहरलाल नेहरू से ए.पी.जे. अब्दुल कलाम तक के 10 नाम रखे गये और एक बार फिर सभी नागरिकों द्वारा की गई अंतरराष्ट्रीय ऑनलाईन वोटिंग ओपन की गई, इसमें सर्वाधिक मतदान या मतदान डॉ॰ भीमराव आंबेडकर को मिले, वे दस में नंबर वन पर ही चुने गयें। भारत की स्वतंत्रता के बाद सबसे महान या महानतम भारतीय डॉ॰ भीमराव आंबेडकर हैं। वे स्वतंत्र्यता पूर्व के भी महानतम भारतीय है। महानतम ब्रिटेन स्पिन (Greatest Britons spin-offs) नापसंद के अन्य संस्करणों के विपरीत, महानतम भारतीय इतिहास के सभी समय अवधि से लोगों को शामिल नहीं किया था। दो कारणों से इस चुनाव के लिए दिए गए थे। इसमें महात्मा गांधी को नहीं लिया गया, उन्हें बिना सर्वेक्षण के महान बना दिया, नहीं तो विशेष रूप से डॉ.

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मातंगिनी हाजरा

मातंगिनी हाजरा (19 अक्टूबर 1870) भारत की क्रान्तिकारी थीं। उन्हें 'गाँधी बुढ़ी' के नाम से जाना जाता था। मातंगिनी हाजरा का जन्म पूर्वी बंगाल (वर्तमान बांग्लादेश) मिदनापुर जिले के होगला ग्राम में एक अत्यन्त निर्धन परिवार में हुआ था। गरीबी के कारण 12 वर्ष की अवस्था में ही उनका विवाह ग्राम अलीनान के 62वर्षीय विधुर त्रिलोचन हाजरा से कर दिया गया। इस पर भी दुर्भाग्य उनके पीछे पड़ा रहा। छह वर्ष बाद वह निःसन्तान ही विधवा हो गयीं। पति की पहली पत्नी से उत्पन्न पुत्र उससे बहुत घृणा करता था। अतः मातंगिनी एक अलग झोपड़ी में रहकर मजदूरी से जीवनयापन करने लगीं। गाँव वालों के दुःख-सुख में सदा सहभागी रहने के कारण वे पूरे गाँव में माँ के समान पूज्य हो गयीं। 1932 में गान्धी जी के नेतृत्व में देश भर में स्वाधीनता आन्दोलन चला। वन्देमातरम् का घोष करते हुए जुलूस प्रतिदिन निकलते थे। जब ऐसा एक जुलूस मातंगिनी के घर के पास से निकला, तो उसने बंगाली परम्परा के अनुसार शंख ध्वनि से उसका स्वागत किया और जुलूस के साथ चल दी। तामलुक के कृष्णगंज बाजार में पहुँचकर एक सभा हुई। वहाँ मातंगिनी ने सबके साथ स्वाधीनता संग्राम में तन, मन, धन से संघर्ष करने की शपथ ली। मातंगिनी को अफीम की लत थी; पर अब इसके बदले उनके सिर पर स्वाधीनता का नशा सवार हो गया। 17 जनवरी, 1933 को ‘करबन्दी आन्दोलन’ को दबाने के लिए बंगाल के तत्कालीन गर्वनर एण्डरसन तामलुक आये, तो उनके विरोध में प्रदर्शन हुआ। वीरांगना मातंगिनी हाजरा सबसे आगे काला झण्डा लिये डटी थीं। वह ब्रिटिश शासन के विरोध में नारे लगाते हुई दरबार तक पहुँच गयीं। इस पर पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया और छह माह का सश्रम कारावास देकर मुर्शिदाबाद जेल में बन्द कर दिया। 1935 में तामलुक क्षेत्र भीषण बाढ़ के कारण हैजा और चेचक की चपेट में आ गया। मातंगिनी अपनी जान की चिन्ता किये बिना राहत कार्य में जुट गयीं। 1942 में जब ‘भारत छोड़ो आन्दोलन’ ने जोर पकड़ा, तो मातंगिनी उसमें कूद पड़ीं। आठ सितम्बर को तामलुक में हुए एक प्रदर्शन में पुलिस की गोली से तीन स्वाधीनता सेनानी मारे गये। लोगों ने इसके विरोध में 29 सितम्बर को और भी बड़ी रैली निकालने का निश्चय किया। इसके लिये मातंगिनी ने गाँव-गाँव में घूमकर रैली के लिए 5,000 लोगों को तैयार किया। सब दोपहर में सरकारी डाक बंगले पर पहुँच गये। तभी पुलिस की बन्दूकें गरज उठीं। मातंगिनी एक चबूतरे पर खड़ी होकर नारे लगवा रही थीं। एक गोली उनके बायें हाथ में लगी। उन्होंने तिरंगे झण्डे को गिरने से पहले ही दूसरे हाथ में ले लिया। तभी दूसरी गोली उनके दाहिने हाथ में और तीसरी उनके माथे पर लगी। मातंगिनी की मृत देह वहीं लुढ़क गयी। इस बलिदान से पूरे क्षेत्र में इतना जोश उमड़ा कि दस दिन के अन्दर ही लोगों ने अंग्रेजों को खदेड़कर वहाँ स्वाधीन सरकार स्थापित कर दी, जिसने 21 महीने तक काम किया। दिसम्बर, 1974 में भारत की प्रधानमन्त्री इन्दिरा गान्धी ने अपने प्रवास के समय तामलुक में मांतगिनी हाजरा की मूर्ति का अनावरण कर उन्हें अपने श्रद्धासुमन अर्पित किये। .

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मारुति ८००

मारुति ८०० भारत मे निर्मित होने वाली एक छोटी कार है। इस का निर्माण हरियाणा के गुड़गांव स्थित मारुति सुजुकी के सयंत्र मे १९८४ से हो रहा है। इस कार को सुजुकी ऑल्टो नाम से विदेशो मे बेचती आयी है। १९८४ से लगभग २५ लाख मारुति ८०० बिक चुकी है। पाकिस्तान मे यह कार सुजुकी मेहरान के नाम से बेची जाती है। .

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मार्क टली

सर विलियम "मार्क" टली, केबीई (जन्म 1936, कलकत्ता, भारत), बीबीसी के नई दिल्ली स्थित ब्यूरो के पूर्व अध्यक्ष हैं। जुलाई 1994 में इस्तीफे से पूर्व उन्होंने 30 वर्ष की अवधि तक बीबीसी के लिए कार्य किया। उन्होंने 20 वर्ष तक बीबीसी के दिल्ली स्थित ब्यूरो के अध्यक्ष पद को संभाला.

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मजलिस जमींदार (स्वतंत्रता संग्राम सेनानी)

मजलिस जमींदार का जन्म सन् 1782 में दादरी गौतम बुद्ध नगर (उत्तर प्रदेश) के निकट ग्राम में गुर्जर परिवार मे हुआ था। इनका पूरा नाम मजलिस भाटी था I वे उमराव सिंह गुर्जर के क्रांतिकारी साथी थे Iमजलिस जमींदार 1857 की क्रान्ति मे एक वीर क्रान्तिकारी थे । और राजा उमराव सिंह के साथ 1857 की क्रान्ति मे हिस्सा लिया था । जिसके कारण उन्हें रिंग लीडर एक्ट में अंग्रेजो के द्वारा बुलन्दशहर पर फांसी पर लटका दिया गया था । उनके साथ अन्य 84 क्रान्तिकारियों को भी फांसी पर लटका दिया गया था । मजलिस जमींदार लुहारली के बेटे का नाम नथुआ सिंह भाटी था ।नथुआ सिंह भाटी के बेटे का नाम भिक्की सिंह भाटी था । वे एक क्रान्तिकारी थे और कई बार उन्हे आजादी के लिए जेल भी जाना पड़ा था ।वे कई बार तिहाड जेल भी गए थे । भिक्की सिंह भाटी को 15 अगस्त 1972 मे उस समय की प्रधानमंत्री इन्दिरा गाँधी जी के द्वारा ताम्र पत्र दिया गया था । और   तीन पैंशन जो नमक आन्दोलन ,आज़ाद हिन्द फ़ौज,और सत्याग्रह  के लिए मिलती थी । भिक्की सिंह के तीन बेटे थे ।महावीर सिंह,रणधीर सिंह,और सर्वजीत सिंह था । 10 मई को मेरठ से 1857 की जन-क्रान्ति की शुरूआत कोतवाल धन सिंह गुर्जर द्वारा हो चुकी थी I जिसकी लपटे दादरी सिकंदराबाद और बुलंदशहर तक पहुच चुकी थी I 12 मई 1857 को जिसमे उमराव सिंह गुर्जर के साथ मजलिस ज़मीदार व उनके 84 साथीयो ने  सिकन्दराबाद तहसील पर धावा बोल दिया था I और ख़ज़ाने को अपने कब्ज़े मे ले लिया था जिससे अँग्रेज़ी शासन भड़क चुका था इसकी सूचना मिलते ही सिटी मॅजिस्ट्रेट व सेना सिकंदराबाद आ पहुची I सात दिन तक क्रांतिकारी सेना अँग्रेज़ी सेना से टक्कर लेती रही I 19 मई 1857 को वीर क्रांतिकारी सेना को शस्त्र अँग्रेज़ी सेना के सामने हथियार डालने पड़े Iऔर 46 वीर क्रांतिकरियो को गिरफ्तार कर बंदी बना लिया गया I इस क्रांतिकारी सेना मे गुर्जर समाज के अहम योगदान के लिए उन्हे ब्रिटिश सत्ता के कोप का भाज़न बनना पड़ा Iऔर गुर्जर समाज के लोगो को चुन चुनकर बंदी बनाया जाने लगा I 21मई 1857 को उमराव गुर्जर अपने दल के साथ बुलंदशहर पहुचे जिला कारागार पर धावा बोलकर अपने सभी क्रांतिकारी साथियो को छुड़ा लिया I बुलंदशहर से अँग्रेज़ी शासन समाप्त होने के आसार लगने लगे लेकिन अँग्रेज़ी सेना आ जाने के कारण ऐसा नही हो पाया I 31 1857 को गाज़ियाबाद जिले के हिंदों नदी के तट पर एक ऐतिहासिक युद्ध हुआ I जिसमे मिर्ज़ा मुगल राजनिहाल सिंग ऑर वालिदाद ख़ान के साथ आसपास के गाव वाले भी अपने हथियारो के साथ इस युद्ध मे सम्मिल्लित हुए I भारी हानि के बाद क्रांतिकारी सेना ने अपनी हार स्वकर कर ली Iउमराव सिंह गुर्जर व मजलिस ज़मीदार समेत 84 क्रांतिकारियो को गिरफ्तार कर लिया गया I और बुलंदशहर के काला आम चौक पर फासी पर लटका दिया गया Iइनमे हिम्मत सिंह (गांव रानौली) झंडू जमींदार, सहाब सिंह (नंगला नैनसुख) हरदेव सिंह, रूपराम (बील) फत्ता नंबरदार (चिटहरा) हरदयाल सिंह गहलोत, दीदार सिंह, (नगला समाना) राम सहाय (खगुआ बास) नवल, हिम्मत जमीदार (पैमपुर) कदम गूजर (प्रेमपुर) कल्लू जमींदार (चीती) करीम बख्शखांन (तिलबेगमपुर) जबता खान (मुंडसे) मैदा बस्ती (सांवली) इंद्र सिंह, भोलू गूजर (मसौता) मुल्की गूजर (हृदयपुर) मुगनी गूजर (सैंथली) बंसी जमींदार (नगला चमरू) देवी सिंह जमीदार (मेहसे) दानसहाय (देवटा) बस्ती जमींदार (गिरधर पुर) फूल सिंह गहलोत (पारसेह) अहमान गूजर (बढपुरा) दरियाव सिंह (जुनेदपुर) इंद्र सिंह (अट्टïा) आदि क्रांतिकारियों को अंग्रेजी सरकार ने रिंग लीडर दर्ज कर मृत्यु दण्ड दिया। भारत की आजादी के लिए प्रथम क्रांति युद्घ में हरदयाल सिंह रौसा, रामदयाल सिंह,निर्मल सिंह (सरकपुर) तोता सिंह कसाना (महमूदपुर लोनी) बिशन सिंह (बिशनपुरा) बताया जाता है की मजलिस ज़मीदार को हाथो व पैरो मे कील ठोककर लटका दिया गया I  References https://books.google.co.in/books?id.

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मुनीश्वर दत्त उपाध्याय

पंडित मुनीश्वर दत्त उपाध्याय भारतीय स्वतंत्रता सेनानी, राजनेता, सामाजिक कार्यकर्ता,शिक्षकविद थे। वे भारत के प्रथम एवं द्वितीय लोकसभा में सांसद थे। .

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मुख्तार अब्बास नकवी

मुख्तार अब्बास नकवी मुख्तार अब्बास नकवी (जन्म: १५ अक्टूबर १९५७) भारत के एक प्रसिद्ध राजनेता हैं। सम्प्रति वे भारतीय जनता पार्टी के उपाध्यक्ष हैं। वे भारत के केन्द्रीय मंत्री रह चुके हैं। श्री नकवी का जन्म इलाहाबाद में हुआ। उन्होने अपनी शिक्षा इलाहाबाद विश्वविद्यालय से प्राप्त की। भारत में आपातकाल घोषित होने पर १९७५०७७ तक वे जेल में थे। नकवी कभी इंदिरा गांधी को चुनाव में हराने वाले समाजवादी नेता राजनारायण के करीबी थे और उनके प्रभाव में सोशलिस्ट हुआ करते थे। वे बीजेपी में शामिल हो गए और 1998 में रामपुर से लोकसभा का चुनाव लड़ा और जीत गए। केंद्र सरकार में सूचना और प्रसारण राज्य मंत्री भी बन गए वह दो किताबें स्याह और दंगा भी लिख चुके हैं। .

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मुक्तिवाहिनी

बांग्लादेश की मुक्ति में स्त्रियों की भूमिका- इस पोस्टर में लिखा है, 'बांग्लार मायेरा, मेयेरा सकलई मुक्तियोद्धा' (बांग्ला की माँए और लड़कियाँ सभी मुक्तियोद्धा हैं।) मुक्तिवाहिनी (बंगला: মুক্তি বাহিনী), उन सभी संगठनों का सामूहिक नाम है जिन्होने सन् १९७१ में पाकिस्तानी सेना के विरुद्ध संघर्ष करके बांग्लादेश को पाकिस्तान से स्वतंत्र कराया। बांग्लादेश की आज़ादी की लड़ाई के दौरान मुक्ति वाहिनी का गठन पाकिस्तान सेना के अत्याचार के विरोध में किया गया था। १९६९ में पाकिस्तान के तत्कालीन सैनिक शासक जनरल अयूब के खिलाफ पूर्वी पाकिस्तान में असंतोष बढ़ गया था और शेख मुजीबुर रहमान के आंदोलन के दौरान १९७० में यह अपने चरम पर था। मुक्ति वाहिनी एक छापामार संगठन था, जो पाकिस्तानी सेना के खिलाफ गुरिल्ला युद्ध लड़ रहा था। मुक्ति वाहिनी को भारतीय सेना ने समर्थन दिया था। .

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मैडम तुसाद संग्रहालय

मैडम तुसाद संग्रहालय लन्दन में स्थापित मोम की मूर्तियों का संग्रहालय हैं। इसकी अन्य साखाएँ विश्व के प्रमुख शहरों मे मे हैं। इसकी स्थापना 1835 में मोम शिल्पकार मेरी तुसाद ने की थी। .

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मेनका गांधी

मेनका गांधी (२६ अगस्त १९५६ --) भारत की प्रसिद्ध राजनेत्री एवं पशु-अधिकारवादी हैं। पूर्व में वे पत्रकार भी रह चुकी हैं। किन्तु भारत की महिला प्रधान मंत्री इन्दिरा गांधी के छोटे पुत्र स्व॰ संजय गांधी की पत्नी के रूप में वे अधिक विख्यात हैं। उन्होने अनेकों पुस्तकों की रचना की है तथा उनके लेख विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रायः आते रहते हैं। वे वर्तमान में भारत की महिला एवं बाल विकास मंत्री हैं। .

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मोरारजी देसाई

मोरारजी देसाई (29 फ़रवरी 1896 – 10 अप्रैल 1995) (गुजराती: મોરારજી રણછોડજી દેસાઈ) भारत के स्वाधीनता सेनानी और देश के छ्ठे प्रधानमंत्री (सन् 1977 से 79) थे। वह प्रथम प्रधानमंत्री थे जो भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के बजाय अन्य दल से थे। वही एकमात्र व्यक्ति हैं जिन्हें भारत के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न एवं पाकिस्तान के सर्वोच्च सम्मान निशान-ए-पाकिस्तान से सम्मानित किया गया है। वह 81 वर्ष की आयु में प्रधानमंत्री बने थे। इसके पूर्व कई बार उन्होंने प्रधानमंत्री बनने की कोशिश की परंतु असफल रहे। लेकिन ऐसा नहीं हैं कि मोरारजी प्रधानमंत्री बनने के क़ाबिल नहीं थे। वस्तुत: वह दुर्भाग्यशाली रहे कि वरिष्ठतम नेता होने के बावज़ूद उन्हें पंडित नेहरू और लालबहादुर शास्त्री के निधन के बाद भी प्रधानमंत्री नहीं बनाया गया। मोरारजी देसाई मार्च 1977 में देश के प्रधानमंत्री बने लेकिन प्रधानमंत्री के रूप में इनका कार्यकाल पूर्ण नहीं हो पाया। चौधरी चरण सिंह से मतभेदों के चलते उन्हें प्रधानमंत्री पद छोड़ना पड़ा। .

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यशवंतराव चव्हाण

यशवंतराव बलवंतराव चव्हाण (12 मार्च 1913 - 25 नवम्बर 1984) मुंबई राज्य के विभाजन के बाद महाराष्ट्र के पहले मुख्यमंत्री और भारत के पांचवें उप प्रधान मंत्री थे। वे एक मजबूत कांग्रेस नेता, स्वतंत्रता सेनानी, सहकारी नेता, सामाजिक कार्यकर्ता और लेखक थे। उन्हें आम लोगों के नेता के रूप में जाना जाता था। उन्होंने अपने भाषणों और लेखों में दृढ़ता से समाजवादी लोकतंत्र की वकालत की और महाराष्ट्र में किसानों की बेहतरी के लिए सहकारी समितियों को स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। .

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यासिर अराफ़ात (फिलिस्तीनी नेता)

thumb मोहम्मद अब्दुल रहमान अब्दुल रऊफ़ अराफ़ात अलकुव्दा अल हुसैनी (4 अगस्त, 1929 – 11 नवंबर, 2004), जिन्हें यासिर अराफ़ात के लोकप्रिय नाम से ज्यादा जाना जाता है एक फिलिस्तीनी नेता एवं फिल्स्तीनी मुक्ति संगठन के अध्यक्ष थे। अराफात ऐसे पहले शख्स थे, जिन्हें किसी राष्ट्र का नेतृत्व न करते हुए भी संयुक्त राष्ट्र में भाषण देने के लिए आमंत्रित किया गया था। अराफात के नेतृत्व में उनके संगठन ने शांति की जगह संघर्ष को बढ़ावा दिया और इजरायल हमेशा उनके निशाने पर रहा। शांति से दूर संघर्ष की पहल करने वाले अराफात की छवि 1988 में अचानक बदली हुई दिखी। वो संयुक्त राष्ट्र में शांति के दूत के रूप में नजर आए। बाद में उन्हें शांति के नोबेल पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया। नेहरू-गांधी परिवार के साथ इनकी बहुत करीबियां थीं। इंदिरा गांधी को वो अपनी बड़ी बहन मानते थे। इन्होंने भारत में 1991 के चुनाव अभियान के दौरान राजीव गांधी को जानलेवा हमले को लेकर आगाह किया था। .

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रतन नवल टाटा

रतन नवल टाटा (28 दिसंबर 1937, को मुम्बई, में जन्मे) टाटा समुह के वर्तमान अध्यक्ष, जो भारत की सबसे बड़ी व्यापारिक समूह है, जिसकी स्थापना जमशेदजी टाटा ने की और उनके परिवार की पीढियों ने इसका विस्तार किया और इसे दृढ़ बनाया। 1971 में रतन टाटा को राष्ट्रीय रेडियो और इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी लिमिटेड (नेल्को) का डाईरेक्टर-इन-चार्ज नियुक्त किया गया, एक कंपनी जो कि सख्त वित्तीय कठिनाई की स्थिति में थी। रतन ने सुझाव दिया कि कम्पनी को उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स के बजाय उच्च-प्रौद्योगिकी उत्पादों के विकास में निवेश करना चाहिए जेआरडी नेल्को के ऐतिहासिक वित्तीय प्रदर्शन की वजह से अनिच्छुक थे, क्यों कि इसने पहले कभी नियमित रूप से लाभांश का भुगतान नहीं किया था। इसके अलावा, जब रतन ने कार्य भार संभाला, उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स नेल्को की बाज़ार में हिस्सेदारी २% थी और घाटा बिक्री का ४०% था। फिर भी, जेआरडी ने रतन के सुझाव का अनुसरण किया। 1972 से 1975 तक, अंततः नेल्को ने अपनी बाज़ार में हिस्सेदारी २०% तक बढ़ा ली और अपना घाटा भी पूरा कर लिया। लेकिन 1975 में, भारत की प्रधानमंत्री इन्दिरा गांधी ने आपात स्थिति घोषित कर दी, जिसकी वजह से आर्थिक मंदी आ गई। इसके बाद 1977 में यूनियन की समस्यायें हुईं, इसलिए मांग के बढ़ जाने पर भी उत्पादन में सुधार नहीं हो पाया। अंततः, टाटा ने यूनियन की हड़ताल का सामना किया, सात माह के लिए तालाबंदी (lockout) कर दी गई। रतन ने हमेशा नेल्को की मौलिक दृढ़ता में विश्वास रखा, लेकिन उद्यम आगे और न रह सका। 1977 में रतन को Empress Mills सोंपा गया, यह टाटा नियंत्रित कपड़ा मिल थी। जब उन्होंने कम्पनी का कार्य भार संभाला, यह टाटा समुह की बीमार इकाइयों में से एक थी। रतन ने इसे संभाला और यहाँ तक की एक लाभांश की घोषणा कर दी। चूँकि कम श्रम गहन उद्यमों की प्रतियोगिता ने इम्प्रेस जैसी कई उन कंपनियों को अलाभकारी बना दिया, जिनकी श्रमिक संख्या बहुत ज्यादा थी और जिन्होंने आधुनिकीकरण पर बहुत कम खर्च किया था रतन के आग्रह पर, कुछ निवेश किया गया, लेकिन यह पर्याप्त नहीं था। चूंकि मोटे और मध्यम सूती कपड़े के लिए बाजार प्रतिकूल था (जो कि एम्प्रेस का कुल उत्पादन था), एम्प्रेस को भारी नुकसान होने लगा। बॉम्बे हाउस, टाटा मुख्यालय, अन्य ग्रुप कंपनिओं से फंड को हटाकर ऐसे उपक्रम में लगाने का इच्छुक नहीं था, जिसे लंबे समय तक देखभाल की आवश्यकता हो। इसलिए, कुछ टाटा निर्देशकों, मुख्यतः नानी पालखीवाला (Nani Palkhivala) ने ये फैसला लिया कि टाटा को मिल समाप्त कर देनी चाहिए, जिसे अंत में 1986 में बंद कर दिया गया। रतन इस फैसले से बेहद निराश थे और बाद में हिन्दुस्तान टाईम्स के साथ एक साक्षात्कार में उन्होंने दावा किया कि एम्प्रेस को मिल जारी रखने के लिए सिर्फ़ ५० लाख रुपये की जरुरत थी। वर्ष 1981 में, रतन टाटा इंडस्ट्री््ज और समूह की अन्य होल्डिंग कंपनियों के अध्यक्ष बनाए गए, जहाँ वे समूह के कार्यनीतिक विचार समूह को रूपांतरित करने के लिए उत्तरदायी तथा उच्च प्रौद्योगिकी व्यापारों में नए उद्यमों के प्रवर्तक थे। 1991 में उन्होंने जेआरडी से ग्रुप चेयर मेन का कार्य भार संभाला.

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रमेश चन्द्र झा

रमेशचन्द्र झा (8 मई 1928 - 7 अप्रैल 1994) भारतीय स्वाधीनता संग्राम में सक्रिय क्रांतिकारी थे जिन्होंने बाद में साहित्य के क्षेत्र में भी उल्लेखनीय भूमिका निभाई। वे बिहार के एक स्वतंत्रता सेनानी होने के साथ साथ हिन्दी के कवि, उपन्यासकार और पत्रकार भी थे। बिहार राज्य के चम्पारण जिले का फुलवरिया गाँव उनकी जन्मस्थली है। उनकी कविताओं, कहानियों और ग़ज़लों में जहाँ एक तरफ़ देशभक्ति और राष्ट्रीयता का स्वर है, वहीं दुसरी तरफ़ मानव मूल्यों और जीवन के संघर्षों की भी अभिव्यक्ति है। आम लोगों के जीवन का संघर्ष, उनके सपने और उनकी उम्मीदें रमेश चन्द्र झा कविताओं का मुख्य स्वर है। "अपने और सपने: चम्पारन की साहित्य यात्रा" नाम के एक शोध-परक पुस्तक में उन्होंने चम्पारण की समृद्ध साहित्यिक विरासत को भी बखूबी सहेजा है। यह पुस्तक न केवल पूर्वजों के साहित्यिक कार्यों को उजागर करता है बल्कि आने वाले संभावी साहित्यिक पीढ़ी की भी चर्चा करती है। .

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राम बहादुर राय

राम बहादुर राय हिंदी के प्रसिद्ध पत्रकार एवं इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र के अध्यक्ष हैं। राय दिल्ली से प्रकाशित हिंदी पाक्षिक प्रथम प्रवक्ता के संपादक हैं। वे जनसत्ता समाचार पत्र के संपादक भी रह चुके हैं। राम बहादुर राय ने पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर पर 'रहवरी के सवाल' और पूर्व प्रधानमंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह पर 'मंजिल से ज्यादा सफर' नामक पुस्तकें लिख चुके हैं। जेपी आंदोलन के संस्थापक संगठनकर्ता राम बहादुर राय ने सत्ता के गलियारों में चक्कर लगाने से साफ इनकार कर दिया। लोकनायक जयप्रकाश नारायण के सहयोगी रह चुके श्री राय ने बिहार में 1974 के छात्र आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभायी थी। वे जेपी आंदोलन के ग्यारह सदस्यीय स्थायी समिति से सदस्य थे। राय पहले व्यक्ति थे, जिन्हें 1973 में इंदिरा गांधी सरकार ने आंतरिक सुरक्षा संपोषण अधिनियम (मीसा) के तहत जेल जाना पड़ा। बाद में उन्हें दूसरी बार अठारह महीनों के लिए जेल जाना पड़ा। राय 1974 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद संगठन सचिव थे। श्री राय ने ही हवाला घोटाला को सुर्खियों में लाया था। वर्तमान में श्री राय देश की सबसे पुरानी 1948 में स्थापित बहुभाषी न्यूज एजेंसी हिन्दुस्थान समाचार के समूह सम्पादक हैं। .

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रामदास पाध्ये

250x250पिक्सेल रामदास पाध्ये एक बोलती कठपुतलीकार और कठपुतली निर्माता है। इन्होंने पिछले 40 वर्षों में, भारत में और विदेशों में,9000 से अधिक बोलती कठपुतली कार्यक्रमो का प्रदर्शन किया है।कठपुतली एवं बोलती कठपुतली कला पर,इनकी वेबसाइट पहली भारतीय वेबसाइट है। १९७२ के बाद से ये नियमित रूप से भारत की' राष्ट्रीय चैनल दूरदर्शन पर प्रस्तुति देते आ रहे है.

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रामभद्राचार्य

जगद्गुरु रामभद्राचार्य (जगद्गुरुरामभद्राचार्यः) (१९५०–), पूर्वाश्रम नाम गिरिधर मिश्र चित्रकूट (उत्तर प्रदेश, भारत) में रहने वाले एक प्रख्यात विद्वान्, शिक्षाविद्, बहुभाषाविद्, रचनाकार, प्रवचनकार, दार्शनिक और हिन्दू धर्मगुरु हैं। वे रामानन्द सम्प्रदाय के वर्तमान चार जगद्गुरु रामानन्दाचार्यों में से एक हैं और इस पद पर १९८८ ई से प्रतिष्ठित हैं।अग्रवाल २०१०, पृष्ठ ११०८-१११०।दिनकर २००८, पृष्ठ ३२। वे चित्रकूट में स्थित संत तुलसीदास के नाम पर स्थापित तुलसी पीठ नामक धार्मिक और सामाजिक सेवा संस्थान के संस्थापक और अध्यक्ष हैं। वे चित्रकूट स्थित जगद्गुरु रामभद्राचार्य विकलांग विश्वविद्यालय के संस्थापक और आजीवन कुलाधिपति हैं। यह विश्वविद्यालय केवल चतुर्विध विकलांग विद्यार्थियों को स्नातक तथा स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम और डिग्री प्रदान करता है। जगद्गुरु रामभद्राचार्य दो मास की आयु में नेत्र की ज्योति से रहित हो गए थे और तभी से प्रज्ञाचक्षु हैं। अध्ययन या रचना के लिए उन्होंने कभी भी ब्रेल लिपि का प्रयोग नहीं किया है। वे बहुभाषाविद् हैं और २२ भाषाएँ बोलते हैं। वे संस्कृत, हिन्दी, अवधी, मैथिली सहित कई भाषाओं में आशुकवि और रचनाकार हैं। उन्होंने ८० से अधिक पुस्तकों और ग्रंथों की रचना की है, जिनमें चार महाकाव्य (दो संस्कृत और दो हिन्दी में), रामचरितमानस पर हिन्दी टीका, अष्टाध्यायी पर काव्यात्मक संस्कृत टीका और प्रस्थानत्रयी (ब्रह्मसूत्र, भगवद्गीता और प्रधान उपनिषदों) पर संस्कृत भाष्य सम्मिलित हैं।दिनकर २००८, पृष्ठ ४०–४३। उन्हें तुलसीदास पर भारत के सर्वश्रेष्ठ विशेषज्ञों में गिना जाता है, और वे रामचरितमानस की एक प्रामाणिक प्रति के सम्पादक हैं, जिसका प्रकाशन तुलसी पीठ द्वारा किया गया है। स्वामी रामभद्राचार्य रामायण और भागवत के प्रसिद्ध कथाकार हैं – भारत के भिन्न-भिन्न नगरों में और विदेशों में भी नियमित रूप से उनकी कथा आयोजित होती रहती है और कथा के कार्यक्रम संस्कार टीवी, सनातन टीवी इत्यादि चैनलों पर प्रसारित भी होते हैं। २०१५ में भारत सरकार ने उन्हें पद्मविभूषण से सम्मानित किया। .

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रामकृष्ण खत्री

रामकृष्ण खत्री (जन्म: ३ मार्च १९०२ महाराष्ट्र, मृत्यु: १८ अक्टूबर १९९६ लखनऊ) भारत के एक प्रमुख क्रान्तिकारी थे। उन्होंने हिन्दुस्तान प्रजातन्त्र संघ का विस्तार मध्य भारत और महाराष्ट्र में किया था। उन्हें काकोरी काण्ड में १० वर्ष के कठोर कारावास की सजा दी गयी। हिन्दी, मराठी, गुरुमुखी तथा अंग्रेजी के अच्छे जानकार खत्री ने शहीदों की छाया में शीर्षक से एक पुस्तक भी लिखी थी जो नागपुर से प्रकाशित हुई थी। स्वतन्त्र भारत में उन्होंने भारत सरकार से मिलकर स्वतन्त्रता संग्राम के सेनानियों की सहायता के लिये कई योजनायें भी बनवायीं। काकोरी काण्ड की अर्द्धशती पूर्ण होने पर उन्होंने काकोरी शहीद स्मृति के नाम से एक ग्रन्थ भी प्रकाशित किया था। लखनऊ से बीस मील दूर स्थित काकोरी शहीद स्मारक के निर्माण में भी उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही। १८ अक्टूबर १९९६ को ९४ वर्ष की आयु में उनका देहान्त हुआ। .

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रायबरेली

रायबरेली भारत के उत्तर प्रदेश प्रान्त का लखनऊ डिवीजन का एक शहर है। यह लखनऊ से 80 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व में स्थित है। रायबरेली उत्तर प्रदेश राज्य का प्रमुख व्यापारिक केन्द्र है। यहाँ पर अनेक प्राचीन इमारतें हैं। जिनमें क़िला, महल और कुछ सुन्दर मस्ज़िदें हैं। यह श्रीमती इंदिरा गांधी का निर्वाचन क्षेत्र रहा है। यहाँ कई उद्योगों की स्थापना की गई है जिनमें केन्द्र सरकार की इंण्डियन टेलीफ़ोन इण्डस्ट्रीज मुख्य है। .

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राष्ट्रीय पुलिस आयोग

राष्ट्रीय पुलिस आयोग भारत में 1977 में जनता पार्टी की सरकार बनने के बाद पुलिस सुधार के लिये अनुशंसा करने के लिये १५ नवम्बर १९७७ को गठित एक आयोग था। श्री धरम वीर इसके अध्यक्ष थे। इस आयोग ने रिपोर्ट देने की शुरुआत 1981 से की। फरवरी १९७९ और मई १९८१ के बीच इसने कुल आठ रपटें दीं। प्रथम दो रपटों के बाद ही १९८० में जनता पार्टी की सरकार गिर गयी और इंदिरा गांधी सत्ता में वापस आयीं। इसके बाद इस आयोग के अस्तित्व पर ही संकट के बादल मंडराने लगे। आयोग के अनुसार हर प्रदेश में एक "स्टेट सिक्योरिटी कमीशन" का गठन होना चाहिए, उसके अन्वेषण संबंधी कार्य को शांति व्यवस्था संबंधी कार्य से अलग किया जाना चाहिए, पुलिस प्रमुख की नियुक्ति एक विशेष प्रक्रिया द्वारा होनी चाहिए ताकि केवल योग्य व्यक्ति का ही इस जिम्मेदार पद के लिए चयन हो सके। चयन होने के पश्चात उनका न्यूनतम सेवाकाल होना चाहिए तथा एक नये पुलिस अधिनियम को लागू किया जाना चाहिए। दुर्भाग्य से इन संस्तुतियों पर कोई खास कार्यवाही नहीं हुई। कुछ कम महत्व की संस्तुतियों को स्वीकार करके शेष पूरी रिपोर्ट को नजरअंदाज कर दिया गया। हर सरकार को यही ठीक लगा कि पुराना ढांचा ही बना रहे और पुलिस का वह जैसा भी उपयोग या दुरुपयोग करना चाहे, कर सके। .

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राष्ट्रीय भौतिक प्रयोगशाला, भारत

राष्ट्रीय भौतिकी प्रयोगशाला, भारत में नई दिल्ली में स्थित देश की मापन्मानक प्रयोगशाला है। ये भारत में एस आई इकाइयों का अनुरक्षण तथा राष्ट्रीय भार तथा माप के मानकों का कैलीब्रेशन करती है। इस प्रयोगशाला की स्थापना वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद के अधीन भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरु द्वाआ ४ जनवरी, १९४७ को हुई थी। डॉ॰ के एस कृष्णन इस प्रयोगशाला के प्रथम निदेशक थे। प्रयोगशाला की मुख्य इमारत औपचारिक तौर पर भारत के उपप्रधानमंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल द्वारा २१ जनवरी, १९५० को आरंभ की गई थी। पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गाँधी द्वारा प्रयोगशाला की रजत जयंती का उद्घाटन २३ दिसम्बर १९७५ को किया गया था। लगभग हरेक आधुनिकीकरण हुए राष्ट्र में एक राष्ट्रीय मेट्रोलॉजिकल संस्थान होता है, जो मापन मानक की देखरेख करता है। भारत में ये उत्तरदायित्व राष्ट्रीय भौतिक प्रयोगशाला को मिला हुआ है। प्रयोगशाला में अनुसंधान कार्य भी होते हैं। इसके द्वारा प्रतिपादित एक महत्त्वपूर्ण अनुसंधान गतिविधि में भारतीय चुनाव में प्रयोग की जाने वाली स्याही के लिये रासायनिक सूत्र ढूंढना है, जिससे कि चुनावों में फर्जी मतदान एवं धोखाधड़ी आदि से बचाव हो सके। ये स्याही मैसूर पेंट्स एण्ड वार्निश वर्क्स लि.

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राष्‍ट्रीय वीरता पुरस्‍कार

राष्‍ट्रीय वीरता पुरस्कार भारत में हर वर्ष 26 जनवरी की पूर्व संध्या पर बहादुर बच्चों को दिए जाते हैं। भारतीय बाल कल्याण परिषद ने 1957 में ये पुरस्कार शुरु किये थे। पुरस्कार के रूप में एक पदक, प्रमाण पत्र और नकद राशि दी जाती है। सभी बच्चों को विद्यालय की पढ़ाई पूरी करने तक वित्तीय सहायता भी दी जाती है। 26 जनवरी के दिन ये बहादुर बच्चे हाथी पर सवारी करते हुए गणतंत्र दिवस परेड में सम्मिलित होते हैं। .

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राहुल गांधी

राहुल गांधी (जन्म:19 जून 1970) एक भारतीय नेता और भारत की संसद के सदस्य हैं और भारतीय संसद के निचले सदन लोकसभा में उत्तर प्रदेश में स्थित अमेठी चुनाव क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं। राहुल गांधी १६ दिसंबर २०१७ को हुई औपचारिक ताजपोशी के बाद अब भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष भी हैं। राहुल भारत के प्रसिद्ध गांधी-नेहरू परिवार से हैं। राहुल को 2009 के आम चुनावों में कांग्रेस को मिली बड़ी राजनैतिक जीत का श्रेय दिया गया है। उनकी राजनैतिक रणनीतियों में जमीनी स्तर की सक्रियता पर बल देना, ग्रामीण जनता के साथ गहरे संबंध स्थापित करना और कांग्रेस पार्टी में आंतरिक लोकतंत्र को मजबूत करने की कोशिश करना प्रमुख हैं। आजकल राहुल अपना सारा ध्यान उनकी पार्टी को जड़ से मजबूत बनाने पर केंद्रित कर रहे हैं। .

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राजनारायण

राजनारायण (संवत १८७७ -- १९८६ ई) भारत के एक राजनेता थे जिन्होने इंदिरा गांधी को रायबरेली से हराया था। उन्हें 'लोकबन्धु' कहा जाता है। .

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राजा उदय प्रताप सिंह

राजा उदय प्रताप सिंह राजा उदय प्रताप सिंह (जन्म: १९३३) अवध के भूतपूर्व भदरी रियासत के वर्तमान उत्तराधिकारी है। वे एक पर्यावरणविद एवं विश्व हिंदू परिषद के हिंदूवादी नेता तथा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मानद पदाधिकारी हैं। वे प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से विवादों के कारण भी जाने गए। वे उत्तर प्रदेश के राजनेता रघुराज प्रताप सिंह उर्फ़ राजा भैया के पिता है। .

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राजघाट समाधि परिसर

राज घाट में समाधिस्थल दिल्ली में यमुना नदी के पश्चिमी किनारे पर महात्मा गांधी की समाधि स्थित है। काले संगमरमर से बनी इस समाधि पर उनके अंतिम शब्द 'हे राम' उद्धृत हैं। अब यह एक सुन्दर उद्यान का रूप ले चुका है। यहां पर सुन्दर फव्वारे और अनेक प्रकार के पेड़ लगे हुए हैं। यहां पास ही शांति वन में भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरु की समाधि भी है। भारत आने वाले विदेशी उच्चाधिकारी महात्मा गांधी को श्रद्धांजली देने के लिए राजघाट अवश्य आते हैं। .

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राजकुमारी रत्ना सिंह

राजकुमारी रत्ना सिंह (जन्म: 29 अप्रैल, 1959) एक भारतीय राजनेता है और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की सदस्य है। लोकसभा सदस्य राजकुमारी रत्ना सिंह ग्यारहवीं, तेरहवीं और पंद्रहवीं लोकसभा की सदस्य चुनी गयीं। ने शनल इलेक्शन वाच नामक एनजीओ की रिपोर्ट मुताबिक देश की सबसे धनी महिला सांसद प्रतापगढ़ की राजकुमारी रत्ना सिंह हैं, जिनकी कुल संपत्ति 67 करोड़ 82 लाख रुपये हैं। .

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राजेंद्र कुमारी बाजपेयी

डॉ॰ राजेंद्र कुमारी बाजपेयी (8 फ़रवरी 1925 - 17 जुलाई 1999) भारत के पूर्व केंद्रीय मंत्री और पांडिचेरी के उपराज्यपाल रह चुकी हैं। वे तीन बार क्रमश: 1980, 1984 और 1989 में सीतापुर से लोकसभा के लिए निर्वाचित हुई। वे भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस की एक समर्पित कार्यकर्त्री और पूर्व प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी की वहड़ करीबी मानी जाती थी। .

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राजीव गांधी

राजीव गांधी (English-Rajiv Gandhi)२० अगस्त, १९४४ - २१ मई, १९९१), इन्दिरा गांधी के पुत्र और जवाहरलाल नेहरू के दौहित्र (नाती), भारत के सातवें प्रधान मंत्री थे। १९८४ में इंदिरा गांधी की हत्या के बाद उनके पुत्र राजीव गांधी भारी बहुमत के साथ प्रधानमंत्री बने थे। उसके बाद १९८९ के आम चुनावों में कांग्रेस की हार हुई और पार्टी दो साल तक विपक्ष में रही। १९९१ के आम चुनाव में प्रचार के दौरान तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर में एक भयंकर बम विस्फोट में राजीव गांधी की मौत हो गई थी। राजीव का विवाह एन्टोनिया माईनो से हुआ जो उस समय इटली की नागरिक थी। विवाहोपरान्त उनकी पत्नी ने नाम बदलकर सोनिया गांधी कर लिया। कहा जाता है कि राजीव गांधी से उनकी मुलाकात तब हुई जब राजीव कैम्ब्रिज में पढने गये थे। उनकी शादी 1968 में हुई जिसके बाद वे भारत में रहने लगी। राजीव व सोनिया की दो बच्चे हैं, पुत्र राहुल का जन्म 1970 और पुत्री प्रियंका का जन्म 1971 में हुआ। .

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रिसर्च एंड एनालिसिस विंग

रिसर्च एंड एनालिसिस विंग या संक्षेप में रॉ (हिन्दी अनुवाद: अनुसंधान और विश्लेषण स्कंध) भारत की अंतर्राष्ट्रीय गुप्तचर संस्था है। इसका गठन सितंबर १९६८ में किया गया था जब अन्वेषण ब्यूरो (जो पहले घरेलु व अंतर्राष्ट्रीय मामले संभालती थी) १९६२ के भारत-चीन युद्ध व १९६५ के भारत-पाकिस्तान युद्ध में अच्छी तरह कार्य नहीं कर पाई थी जिसके चलते भारतीय सरकार को एक ऐसी संस्था की ज़रूरत महसूस हुई जो स्वतन्त्र और सक्षम तरीके से बाहरी जानकारियाँ जमा कर सके। रॉ का मुख्य कार्य जानकारी इकठ्ठा करना, आतंकवाद को रोकना व गुप्त ऑपरेशनों को अंजाम देना है। इसके साथ ही यह विदेशी सरकारों, कंपनियों व इंसानों से मिली जानकारी पर कार्य करना है ताकि भारतीय नीति निर्माताओं को सलाह दी जा सके। रॉ का मुख्यालय नई दिल्ली में है और इसके निदेशक अनिल धस्माना है जो मध्य प्रदेश कैडर के आईपीएस अधिकारी है। .

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रवि शंकर प्रसाद

रवि शंकर प्रसाद (जन्म: ३० अगस्त, १९५४) एक भारतीय राजनीतिज्ञ हैं। वर्तमान में वे भारतीय संसद के ऊपरी सदन में बिहार राज्य का प्रतिनिधित्व करते हैं। वे राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार में भारत के कोयला एवं खान मंत्रालय, न्याय एवं विधि मन्त्रालय तथा सूचना एवं प्रसारण मन्त्रालय में राज्य मन्त्री रह चुके हैं। प्रसाद भारत के मुख्य राजनैतिक दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अग्रणी सदस्यों में से एक हैं। .

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लालबहादुर शास्त्री

लालबहादुर शास्त्री (जन्म: 2 अक्टूबर 1904 मुगलसराय - मृत्यु: 11 जनवरी 1966 ताशकन्द), भारत के दूसरे प्रधानमन्त्री थे। वह 9 जून 1964 से 11 जनवरी 1966 को अपनी मृत्यु तक लगभग अठारह महीने भारत के प्रधानमन्त्री रहे। इस प्रमुख पद पर उनका कार्यकाल अद्वितीय रहा। भारत की स्वतन्त्रता के पश्चात शास्त्रीजी को उत्तर प्रदेश के संसदीय सचिव के रूप में नियुक्त किया गया था। गोविंद बल्लभ पंत के मन्त्रिमण्डल में उन्हें पुलिस एवं परिवहन मन्त्रालय सौंपा गया। परिवहन मन्त्री के कार्यकाल में उन्होंने प्रथम बार महिला संवाहकों (कण्डक्टर्स) की नियुक्ति की थी। पुलिस मन्त्री होने के बाद उन्होंने भीड़ को नियन्त्रण में रखने के लिये लाठी की जगह पानी की बौछार का प्रयोग प्रारम्भ कराया। 1951 में, जवाहरलाल नेहरू के नेतृत्व में वह अखिल भारत काँग्रेस कमेटी के महासचिव नियुक्त किये गये। उन्होंने 1952, 1957 व 1962 के चुनावों में कांग्रेस पार्टी को भारी बहुमत से जिताने के लिये बहुत परिश्रम किया। जवाहरलाल नेहरू का उनके प्रधानमन्त्री के कार्यकाल के दौरान 27 मई, 1964 को देहावसान हो जाने के बाद साफ सुथरी छवि के कारण शास्त्रीजी को 1964 में देश का प्रधानमन्त्री बनाया गया। उन्होंने 9 जून 1964 को भारत के प्रधान मन्त्री का पद भार ग्रहण किया। उनके शासनकाल में 1965 का भारत पाक युद्ध शुरू हो गया। इससे तीन वर्ष पूर्व चीन का युद्ध भारत हार चुका था। शास्त्रीजी ने अप्रत्याशित रूप से हुए इस युद्ध में नेहरू के मुकाबले राष्ट्र को उत्तम नेतृत्व प्रदान किया और पाकिस्तान को करारी शिकस्त दी। इसकी कल्पना पाकिस्तान ने कभी सपने में भी नहीं की थी। ताशकन्द में पाकिस्तान के राष्ट्रपति अयूब ख़ान के साथ युद्ध समाप्त करने के समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद 11 जनवरी 1966 की रात में ही रहस्यमय परिस्थितियों में उनकी मृत्यु हो गयी। उनकी सादगी, देशभक्ति और ईमानदारी के लिये मरणोपरान्त भारत रत्न से सम्मानित किया गया। .

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शारदा मुखर्जी

शारदा मुखर्जी (जन्म 24 फ़रवरी 1919)) आंध्र प्रदेश और गुजरात की राज्यपाल रह चुकी हैं। .

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शंकर अन्तर्राष्ट्रीय गुड़िया संग्रहालय, नई दिल्ली

शंकर अन्तर्राष्ट्रीय गुड़िया संग्रहालय नई दिल्ली में स्थित है। इस संग्रहालय की स्थापना मशहूर कार्टूनिस्ट के शंकर पिल्लई-(१९०२-१९८९) ने की थी। यहाँ विभिन्न परिधानों में सजी गुड़ियों का संग्रह विश्व के सबसे बड़े संग्रहों में से एक है। यह संग्रहालय बहादुर शाह जफर मार्ग पर चिल्ड्रन बुक ट्रस्ट के भवन में स्थित है। इस गुड़िया घर के निर्माण के पीछे एक रोचक घटना है। जवाहरलाल नेहरू जब देश के प्रधानमंत्री थे तो देश के प्रसिद्ध कार्टूनिष्ट के० शंकर पिल्लै उनके साथ जाने वाले पत्रकारों के दल के सदस्य थे। वे हर विदेश यात्रा में नेहरू जी के साथ जाया करते थे। कार्टूनिष्ट के० शंकर पिल्लै की रुचि गुड़ियों में थी। वे प्रत्येक देश की तरह-तरह की गुड़ियाँ एकत्र किया करते थे। धीरे-धीरे उनके पास ५०० तरह की गुड़ियाँ इकट्ठी हो गईं। वे चाहते थे कि इन गुड़ियों को देश भर के बच्चे देखें। उन्होंने जगह-जगह अपने कार्टूनों की प्रदर्शनी के साथ-साथ इन गुड़ियों की भी प्रदर्शनी लगाई। बार-बार गुड़ियों को लाने ले जाने में कई गुड़ियाँ टूट फूट जाती थीं। एक बार पं० नेहरू अपनी बेटी इन्दिरा गाँधी के साथ प्रदर्शनी देखने गए। गुड़ियों को देखकर वे बहुत खुश हुए। उसी समय शंकर ने गुड़ियों को लाने ले जाने में होने वाली परेशानी की ओर नेहरू जी का ध्यान खींचा। चाचा नेहरू ने गुड़ियों के लिए एक स्थाई घर का सुझाव दिया। दिल्ली में जब चिल्ड्रन्स बुक ट्रस्ट के भवन का निर्माण हुआ तो उसके एक भाग में गुड़ियों के लिए उनका घर बनाया गया। इस तरह दुनिया भर की गुड़ियों को रहने के लिए एक अनोखा घर मिल गया। दिल्ली में बहादुरशाह जफर मार्ग पर बने इस संग्रहालय का नाम "गुड़िया घर" है। यहाँ विभिन्न परिधानों में सजी गुडि़यों का संग्रह विश्व के सबसे बड़े संग्रहों में से एक है। ५१८४.५ वर्ग फुट आकार वाले इस संग्रहालय में १००० फीट की लम्बाई में दीवारों पर १६० से अधिक काँच के केस बने हुए हैं। यह संग्रहालय दो हिस्सों में बँटा है। एक हिस्से में यूरोपियन देशों, इंग्लैंड, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, राष्ट्र मंडल देशों की गुडि़याँ रखी गई हैं। दूसरे भाग में एशियाई देशों, मध्यपूर्व, अफ्रीका और भारत की गुडि़याँ प्रदर्शित की गई हैं। इन गुड़ियों को खूब सजाकर रखा गया है। इस गुड़िया घर का प्रारम्भ १००० गुड़ियों से हुआ था। वर्तमान समय में यहाँ ८५ देशों की करीब ६५०० गुडि़यों का संग्रह देखा जा सकता है। यह संग्रहालय सुबह १० बजे से शाम ६ बजे तक दर्शकों के लिए खुला रहता है। प्रवेश शुल्क बड़ों के लिए १५ रुपए प्रति व्यक्ति तथा बच्चों के लिए ५ रुपए है। बच्चे यदि २० के समूह में गुड़िया घर देखने आयें तो प्रति बच्चे के लिए टिकिट का मूल्य मात्र ३ रुपए है। सोमवार को गुड़िया घर बंद रहता है। .

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शंकरदयाल शर्मा

डॉ शंकरदयाल शर्मा (१९ अगस्त १९१८- २६ दिसंबर १९९९) भारत के नवें राष्ट्रपति थे। इनका कार्यकाल २५ जुलाई १९९२ से २५ जुलाई १९९७ तक रहा। राष्ट्रपति बनने से पूर्व आप भारत के आठवे उपराष्ट्रपति भी थे, आप भोपाल राज्य के मुख्यमंत्री (1952-1956) रहे तथा मध्यप्रदेश राज्य में कैबिनेट स्तर के मंत्री के रूप में उन्होंने शिक्षा, विधि, सार्वजनिक निर्माण कार्य, उद्योग तथा वाणिज्य मंत्रालय का कामकाज संभाला था। केंद्र सरकार में वे संचार मंत्री के रूप में (1974-1977) पदभार संभाला। इस दौरान भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष (1972-1974) भी रहे। .

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शक्तिस्थल

शक्तिस्थल के मुख्य द्वार पर लगा शिलालेख शक्तिस्थल भारत की पूर्व प्रधान मंत्र श्रीमती इंदिरा गाँधी की समाधि स्थित है। यह दिल्ली के रिंग मार्ग पर आने वाला एक बस स्टॉप भी है। शांतिवन का मुख्य द्वार श्रेणी:दिल्ली के बस स्टॉप श्रेणी:रिंग मार्ग के बस स्टॉप श्रेणी:दिल्ली के स्थल.

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श्रृंग्वेरपुर

लखनऊ रोड पर इलाहाबाद से 45 किलोमीटर दूर श्रृंग्वेरपुर एक धार्मिक स्थान है। स्थानीय लोककथाओं के अनुसार, यह वही स्थान है जहॉ राम ने सीता और लक्ष्मण के साथ निर्वासन के रास्ते पर गंगा नदी को पार कर दिया। श्रृंग्वेरपुर इलाहाबाद के आस-पास के प्रमुख भ्रमण स्थलों में से एक है। यह जगह इलाहाबाद से 40 किलोमीटर दूर स्थित है। श्रृंग्वेरपुर अन्यथा नींद से भरा गांव है जो धीरे-धीरे और लगातार तेजी से बढ़ रहा है यद्यपि, रामायण महाकाव्य में इस स्थान की लंबाई का उल्लेख किया गया है। श्रृंग्वेरपुर निशादराज के प्रसिद्ध राज्य की राजधानी या 'मछुआरों का राजा' के रूप में उल्लेख किया गया है। रामायण में राम, सीता और उनके भाई लक्ष्मन का श्रृंग्वेरपुर आने का अंश पाया गया है। श्रृंग्वेरपुर में किए गए उत्खनन कार्यों ने श्रृंगी ऋषि के मंदिर का पता चला है। यह व्यापक रूप से माना जाता है कि गॉंव का नाम उस ऋषि से ही मिला है। फिर भी, गांव निशादराज की राजधानी के रूप में अधिक प्रसिद्ध है। रामायण का उल्लेख है कि भगवान राम, उनके भाई लक्ष्मण और पत्नी सीता, निर्वासन पर जंगल जाने से पहले गांव में एक रात तक रहे। ऐसा कहा जाता है कि नावकों ने उन्हें गंगा नदी पार करने से इनकार कर दिया था तब निशादराज ने खुद उस स्थल का दौरा किया जहां भगवान राम इस मुद्दे को सुलझाने में लगे थे। उन्होंने उन्हें रास्ता देने की पेशकश की अगर भगवान राम उन्हें अपना पैर धोने दें, राम ने अनुमति दी और इसका भी उल्लेख है कि निशादराज ने गंगा जल से राम के पैरों को धोया और उसके प्रति अपना श्रद्धा दिखाने के लिए जल पिया। जिस स्थान पर निशादराज ने राम के पैरों को धोया था, वह एक मंच द्वारा चिह्नित किया गया है। इस घटना को पर्याप्त करने के लिए इसका नाम 'रामचुरा' रखा गया है। इस स्थान पर एक छोटा मंदिर भी बनाया गया है। हालांकि इस मंदिर का कोई ऐतिहासिक या सांस्कृतिक महत्व नहीं है, यह जगह बहुत शांत है। गांव में एक बड़ी हाइड्रोलिक प्रणाली भी है यह अच्छी तरह से डिजाइन, वास्तुशिल्प रूप से सुंदर और सच्ची भावना है कि कैसे भारतीय प्राचीन कला और वास्तुकला में अच्छी तरह से अग्रिम थे। ग्रामीणों द्वारा गांव में कई बर्बाद हुई दीवारें और संरचना मिलती है। यह भी कहा गया है कि इंदिरा गांधी सरकार के समय में खुदाई करते समय सरकार द्वारा बहुत सारे खज़ाने मिलते हैं। गंगा नदी के तट पर स्थित यह एक अद्भुत गांव है हरे-भरे 4 छोटे पहाड़ी और सामाजिक और मज़ेदार ग्रामीणों की जगह है, यहॉ हमेशा यात्रा करने के लिए माहौल बना रहता है। नदी के किनारे पर एक अंतिम संस्कार केंद्र है और यह कहा गया है कि जो भी यहां अंतिम संस्कार करते हैं वह धार्मिक रूप से शुद्ध होते हैं। उत्तर प्रदेश पूर्व में सभी लोग अपने प्रियजनों के अंतिम संस्कार के लिए यहां आते हैं। निषाद कोर कमेटी यह उत्तर प्रदेश में एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल बनने के लिए काम कर रही है। मुख्य सदस्य बृजेश कश्यप, शिव सहानी, सुरेश साहनी, डॉ अशोक निषाद और एनसीसी (निषाद कोर कमेटी) के अन्य सदस्य हैं। .

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श्री लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत विद्यापीठ

श्री लालबहादुर शास्त्री राष्ट्रिय संस्कृत विद्यापीठ भारत की राजधानी दिल्ली स्थित एक मानित विश्वविद्यालय है। वर्तमान कुलपति प्रोफेसर रमेश कुमार पाण्डेय हैं। .

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श्रीकांत वर्मा

श्रीकांत वर्मा (Shrikant verma) (१८ नवंबर १९३१- १९८६) का जन्म बिलासपुर (bilaspur), मध्य प्रदेश में हुआ। वे गीतकार, कथाकार तथा समीक्षक के रूप में जाने जाते हैं। ये राजनीति से भी जुडे थे तथा लोकसभा के सदस्य रहे। १९५७ में प्रकाशित भटका मेघ, १९६७ में प्रकाशित मायादर्पण और दिनारम्भ, १९७३ में प्रकाशित जलसाघर और १९८४ में प्रकाशित मगध इनकी काव्य-कृतियाँ हैं। 'झाडियाँ तथा 'संवाद इनके कहानी-संग्रह है। 'बीसवीं शताब्दी के अंधेरे में एक आलोचनात्मक ग्रंथ है। उनकी प्रारंभिक शिक्षा बिलासपुर(bilaspur) तथा रायपुर(raipur) में हुई तथा नागपुर विश्वविद्यालय से १९५६ में उन्होंने हिन्दी साहित्य में स्नातकोत्तर उपाधि प्राप्त की। इसके बाद वे दिल्ली चले गए और वहाँ विभिन्न पत्र पत्रिकाओं में लगभग एक दशक तक पत्रकार के रूप में कार्य किया। १९६६ से १९७७ तक वे दिनमान के विशेष संवाददाता रहे। १९७६ में काँग्रेस के के टिकट पर चुनाव जीतकर वे राज्य सभा के सदस्य बने। और सत्तरवें दशक के उत्तरार्ध से ८०वें दशक के पूर्वार्ध तक पार्टी के प्रवक्ता के रूप में कार्य करते रहे। १९८० में वे इंदिरा गांधी के राष्ट्रीय चुनाव अभियान के प्रमुख प्रबंधक रहे और १९८४ में राजीव गांधी के परामर्शदाता तथा राजनीतिक विश्लेषक के रूप में कार्य करते रहे। कांग्रेस को अपना "गरीबी हटाओ" का अमर स्लोगन दिया.

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शीला कौल

शीला कौल (7 फ़रवरी 1915 – 13 जून 2015) राजनीतिज्ञ, सामाजिक कार्यकर्ता, समाज सुधारक, शिक्षाविद, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की सामाजिक लोकतंत्रीय नेत्री, पूर्व केंद्रीय कैबिनेट मंत्री, स्वतंत्रता सेनानी और हिमाचल प्रदेश की पूर्व राज्यपाल रह चुकी हैं। वे भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के साले प्रोफेसर कैलाशनाथ कौल की पत्नी और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की मामी थी। .

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सतपाल (पहलवान)

सतपाल भारत के प्रसिद्ध कुश्ती पहलवान हैं। वे १९८२ के एशियाई खेलों के स्वर्ण विजेता हैं। आजकल वे दिल्ली में पहलवानों के प्रशिक्षण में संलग्न हैं। ओलंपिक पदक विजेता सुशील कुमार भी उनके शिष्य रहे हैं। सतपाल पहलवान को पद्मश्री से सम्मानित किया जा चुका है। सतपाल आजकल दिल्ली के शिक्षा विभाग में उप शिक्षा निदेशक पद पर कार्य कर रहे हॅ। .

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सत्य नारायण सिन्हा

सत्य नारायण सिन्हा (१९००-?) भारत के बिहार राज्य से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के राजनीतिज्ञ थे। वे २४ जनवरी १९६६ से ३ मार्च १९६७ तक लोक सभा के सदन नेता जब इस काल में प्रधानमन्त्री इन्दिरा गांधी राज्य सभा की सदस्य थी। .

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सत्यजित राय

सत्यजित राय (बंगाली: शॉत्तोजित् राय्) (२ मई १९२१–२३ अप्रैल १९९२) एक भारतीय फ़िल्म निर्देशक थे, जिन्हें २०वीं शताब्दी के सर्वोत्तम फ़िल्म निर्देशकों में गिना जाता है। इनका जन्म कला और साहित्य के जगत में जाने-माने कोलकाता (तब कलकत्ता) के एक बंगाली परिवार में हुआ था। इनकी शिक्षा प्रेसिडेंसी कॉलेज और विश्व-भारती विश्वविद्यालय में हुई। इन्होने अपने कैरियर की शुरुआत पेशेवर चित्रकार की तरह की। फ़्रांसिसी फ़िल्म निर्देशक ज़ाँ रन्वार से मिलने पर और लंदन में इतालवी फ़िल्म लाद्री दी बिसिक्लेत (Ladri di biciclette, बाइसिकल चोर) देखने के बाद फ़िल्म निर्देशन की ओर इनका रुझान हुआ। राय ने अपने जीवन में ३७ फ़िल्मों का निर्देशन किया, जिनमें फ़ीचर फ़िल्में, वृत्त चित्र और लघु फ़िल्में शामिल हैं। इनकी पहली फ़िल्म पथेर पांचाली (পথের পাঁচালী, पथ का गीत) को कान फ़िल्मोत्सव में मिले “सर्वोत्तम मानवीय प्रलेख” पुरस्कार को मिलाकर कुल ग्यारह अन्तरराष्ट्रीय पुरस्कार मिले। यह फ़िल्म अपराजितो (অপরাজিত) और अपुर संसार (অপুর সংসার, अपु का संसार) के साथ इनकी प्रसिद्ध अपु त्रयी में शामिल है। राय फ़िल्म निर्माण से सम्बन्धित कई काम ख़ुद ही करते थे — पटकथा लिखना, अभिनेता ढूंढना, पार्श्व संगीत लिखना, चलचित्रण, कला निर्देशन, संपादन और प्रचार सामग्री की रचना करना। फ़िल्में बनाने के अतिरिक्त वे कहानीकार, प्रकाशक, चित्रकार और फ़िल्म आलोचक भी थे। राय को जीवन में कई पुरस्कार मिले जिनमें अकादमी मानद पुरस्कार और भारत रत्न शामिल हैं। .

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सदन के नेता (लोक सभा)

लोक सभा के सदन के नेता भारत के लोक सभा के नेता होते है। आम तौर पर भारत का प्रधानमन्त्री ही लोक सभा के सदन के नेता होते है। पर अगर प्रधानमन्त्री लोक सभा के सदस्य न हो कर राज्य सभा के सदस्य हो तो वे लोक सभा के सदन के नेता का चुनाव कर सकते है। .

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सफदरजंग विमानक्षेत्र

सफ़दरजंग विमानक्षेत्र (जिसे सफ़दरजंग वायुसेना स्टेशन भी कहा जाता है) भारत की राजधानी नई दिल्ली के दक्षिणी भाग में इसी नाम से बसे क्षेत्र में बना एक विमानक्षेत्र या हवाई अड्डा है। ब्रिटिश राज के समय स्थापित यह हवाई अड्डा तब विलिंग्डन एयरफ़ील्ड के नाम से आरंभ हुआ था। १९२९ में यहां प्रचालन प्रारंभ हुआ जब यह दिल्ली का पहला एवं भारत का दूसरा हवाई अड्डा बना। साउथ एटलांटिक एयर फ़ेरी मार्ग में आने के कारण इसका भरपूर उपयोग द्वितीय विश्व युद्ध में, तथा कालांतर में भारत पाक युद्ध १९७४ में हुआ। कभी लूट्यन्स देल्ही के दक्षिणी छोर पर बसा यह हवाई अड्डा अब पूरे नयी दिल्ली शहर के लगभग बीच में आ गया है। १९६२ तक यह शहर का प्रमुख हवाई अड्डा बना रहा और दशक के अंत तक पूरा प्रचालन नये हवाई अड्डे पालम विमानक्षेत्र को स्थानांतरित हुआ। इसका प्रमुख कारण था इस विमानक्षेत्र का जेट विमान जैसे बड़े वायुयानों को उतार पाने में असमर्थता। १९२८ में यहीं दिल्ली फ़्लाइंग क्लब की स्थापना हुई। तब यहां देल्ही एवं रोशनारा नामक २ दे हैविलैण्ड मोठ यान हुआ करते थे। हवाई अड्डे पर प्रचालन २००१ तक चला, किन्तु जनवरी २००२ से सरकार ने ९/११ की घटना को देखते हुए उरक्षा की दृष्टि से इस हवाई अड्डे पर प्रचालन को पूर्ण विराम दिया। तब से यह क्लब यहां केवल वायुयान अनुरक्षण एवं मरम्मत पाठ्यक्रम चलाता है। आजकल इसका प्रयोग मात्र राष्ट्रपति एवं प्रधान मंत्री सहित अन्य वीवीआईपी हेलिकॉप्टर्स की पालम हवाई अड्डे तक की यात्राओं के लिये प्रयोग किया जाता है। १९० एकड़ के इस हवाई अड्डे के परिसर में, राजीव गाँधी भवन परिसर बना है, जहां भारतीय नागर विमानन मंत्रालय तथा भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण का निगमित मुख्यालय स्थापित है। .

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सम्पूर्ण क्रांति

सम्पूर्ण क्रान्ति जयप्रकाश नारायण का विचार व नारा था जिसका आह्वान उन्होने इंदिरा गांधी की सत्ता को उखाड़ फेकने के लिये किया था। लोकनायक नें कहा कि सम्पूर्ण क्रांति में सात क्रांतियाँ शामिल है - राजनैतिक, आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, बौद्धिक, शैक्षणिक व आध्यात्मिक क्रांति। इन सातों क्रांतियों को मिलाकर सम्पूर्ण क्रान्ति होती है। पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में जयप्रकाश नारायण ने संपूर्ण क्रांति का आहवान किया था। मैदान में उपस्थित लाखों लोगों ने जात-पात, तिलक, दहेज और भेद-भाव छोड़ने का संकल्प लिया था। उसी मैदान में हजारों-हजार ने अपने जनेऊ तोड़ दिये थे। नारा गूंजा था: सम्पूर्ण क्रांति की तपिश इतनी भयानक थी कि केन्द्र में कांग्रेस को सत्ता से हाथ धोना पड़ गया था। जय प्रकाश नारायण जिनकी हुंकार पर नौजवानों का जत्था सड़कों पर निकल पड़ता था। बिहार से उठी सम्पूर्ण क्रांति की चिंगारी देश के कोने-कोने में आग बनकर भड़क उठी थी। जेपी के नाम से मशहूर जयप्रकाश नारायण घर-घर में क्रांति का पर्याय बन चुके थे। लालू यादव, नीतीश कुमार, रामविलास पासवान और सुशील कुमार मोदी, आज के सारे नेता उसी छात्र युवा संघर्ष वाहिनी का हिस्सा थे। .

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सरोजिनी महिषी

डॉ सरोजिनी महिषी (मृत्यु-२५ जनवरी १९१५) भारतीय विदुषी थीं। उन्होने हिन्दी, कन्नड तथा संस्कृत भाषा में 40 पुस्तकें लिखी हैं। वह तमिल, तेलुगु, मराठी, कोंकणी आदि की भी ज्ञाता थीं। अगस्त २०११ को उन्हें हिन्दी भवन द्वारा राजर्षि पुरूषोत्तम दास टंडन की जयंती के अवसर पर हिन्दीरत्न सम्मान दिया गया। श्रीमती डॉ॰ सरोजिनी महिषी जवाहर लाल नेहरू व इंदिरा गांधी के कार्यकाल में कर्नाटक के धारबाड़ जिले से 1962, 1967, 1971 व 1977 तक लोकसभा से सांसद रहीं। 1983 व 1984 से 1990 तक राज्यसभा से संसद में प्रतिनिधित्व करती रही हैं। उन्होंने समाज सेवा, समाज कल्याण का कार्य किया है। दक्षिण भारत में हिंदी के विरोध के प्रश्न पर उनका विचार है कि यह पहले होता था अब नहीं होता है। श्रीमती महिषी संसदीय हिंदी परिषद की अध्यक्ष भी रही हैं। हिंदी, अंग्रेजी, संस्कृत, कन्नड, मराठी, कौकणी, तमिल, तैलगू आदि भाषाओं पर अपनी अच्छी पकड़ रखने वाली श्रीमती महिषी पं॰ जवाहर लाल नेहरू व इंदिरा गांधी के लिये अनुवादक का काम किया करती थी। उनके भाषणों का अनुवाद करती थी। अनेक पुस्तके लिखने के साथ आज भी सांसद के लिये काम करती हैं। श्रेणी:भारतीय भाषाविद श्रेणी:भारतीय लेखक.

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सारन जिला

सारण भारत गणराज्य के बिहार प्रान्त में स्थित एक प्रमंडल (कमिशनरी) एवं जिला है। यहाँ का प्रशासनिक मुख्यालय छपरा है। गंगा, गंडक एवं घाघरा नदी से घिरा यह जिला भारत में मानव बसाव के सार्वाधिक प्राचीन केंद्रों में एक है। संपूर्ण जिला एक समतल एवं उपजाऊ प्रदेश है। भोजपुरी भाषी क्षेत्र की पूर्वी सीमा पर स्थित यह जिला सोनपुर मेला, चिरांद पुरातत्व स्थल एवं राजनीतिक चेतना के लिए प्रसिद्ध है। .

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सारे जहाँ से अच्छा

सारे जहाँ से अच्छा या तराना-ए-हिन्दी उर्दू भाषा में लिखी गई देशप्रेम की एक ग़ज़ल है जो भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के दौरान ब्रिटिश राज के विरोध का प्रतीक बनी और जिसे आज भी देश-भक्ति के गीत के रूप में भारत में गाया जाता है। इसे अनौपचारिक रूप से भारत के राष्ट्रीय गीत का दर्जा प्राप्त है। इस गीत को प्रसिद्ध शायर मुहम्मद इक़बाल ने १९०५ में लिखा था और सबसे पहले सरकारी कालेज, लाहौर में पढ़कर सुनाया था। यह इक़बाल की रचना बंग-ए-दारा में शामिल है। उस समय इक़बाल लाहौर के सरकारी कालेज में व्याख्याता थे। उन्हें लाला हरदयाल ने एक सम्मेलन की अध्यक्षता करने का निमंत्रण दिया। इक़बाल ने भाषण देने के बजाय यह ग़ज़ल पूरी उमंग से गाकर सुनाई। यह ग़ज़ल हिन्दुस्तान की तारीफ़ में लिखी गई है और अलग-अलग सम्प्रदायों के लोगों के बीच भाई-चारे की भावना बढ़ाने को प्रोत्साहित करती है। १९५० के दशक में सितार-वादक पण्डित रवि शंकर ने इसे सुर-बद्ध किया। जब इंदिरा गांधी ने भारत के प्रथम अंतरिक्षयात्री राकेश शर्मा से पूछा कि अंतरिक्ष से भारत कैसा दिखता है, तो शर्मा ने इस गीत की पहली पंक्ति कही। .

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सालिम अली

सालिम मुईनुद्दीन अब्दुल अली (12 नवम्बर 1896 - 27 जुलाई 1987) एक भारतीय पक्षी विज्ञानी और प्रकृतिवादी थे। उन्हें "भारत के बर्डमैन" के रूप में जाना जाता है, सालिम अली भारत के ऐसे पहले व्यक्ति थे जिन्होंने भारत भर में व्यवस्थित रूप से पक्षी सर्वेक्षण का आयोजन किया और पक्षियों पर लिखी उनकी किताबों ने भारत में पक्षी-विज्ञान के विकास में काफी मदद की है। 1976 में भारत के दूसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म विभूषण से उन्हें सम्मानित किया गया। 1947 के बाद वे बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी के प्रमुख व्यक्ति बने और संस्था की खातिर सरकारी सहायता के लिए उन्होंने अपने प्रभावित किया और भरतपुर पक्षी अभयारण्य (केवलादेव नेशनल पार्क) के निर्माण और एक बाँध परियोजना को रुकवाने पर उन्होंने काफी जोर दिया जो कि साइलेंट वेली नेशनल पार्क के लिए एक खतरा थी। .

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सिलचर

शिलचर (बंगाली:শিলচর; सिलेटी:শিলচর; असमिया:শিলচৰ) असम का एक प्रमुख शहर है। यह असम का दूसरा सबसे बड़ा शहर है। सिलचर काछाड़ जिले में आता है। यह गुवाहाटी से ४२० किमी (२६१ मील) दूर स्थित है। यह मिजोरम और मणिपुर का अर्थनैतिक रास्ता है। इस शहर में भारत के दूर-दराज़ के इलाकों से व्यावसायिक लोग आकार बसते हैं। यहाँ की प्रमुख भाषा बंगाली और सिलेटी हैं। शिलचर बराक नदी के बाएँ किनारे पर स्थित है। भारी वर्षा (१२४ इंच) और अपेक्षाकृत उच्च औसत ताप के कारण वर्षा ऋतु में उमस रहती है। चाय, धान तथा कई जंगली उत्पादों का यह व्यवसायकेंद्र है। चूंकि यह जगह पूर्वोत्तर के शेष क्षेत्रों की अपेक्षा बहुत शांत है, इसीलिए भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गाँधी ने इस शहर "शांति का द्वीप" नाम दिया था। .

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सिकन्दर बख्त

सिकन्दर बख्त(अंग्रेजी: Sikander Bakht, जन्म: 24 अगस्त 1918 – मृत्यु: 23 फ़रवरी 2004) भारत के राजनीतिज्ञ होने के साथ-साथ स्वतंत्रता सेनानी भी थे। उनकी गणना भारतीय जनता पार्टी के शीर्षस्थ राजनयिकों में की जाती थी। मोरारजी देसाई की जनता सरकार तथा अटल बिहारी वाजपेयी की एनडीए सरकार में वे केन्द्रीय मन्त्री रहे। जिस समय उनका निधन हुआ वे केरल के राज्यपाल पद पर आसीन थे। सन् 2000 में उन्हें पद्म विभूषण से नवाजा गया। .

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संत प्रभुदत्त ब्रह्मचारी

संत प्रभुदत्त ब्रह्मचारी संस्कृत, हिंदी, ब्रजभाषा के प्रकाण्ड विद्वान तथा आध्यात्म के पुरोधा थे। ब्रह्मचारी जी साधना, समाज सेवा, संस्कृति, साहित्य, स्वाधीनता, शिक्षा के समर्पित पोषक एवं प्रेरणा-स्रोत थे। बलदेव, बरसाना, खुर्जा, नरवर एवं वाराणसी में उन्होंने संस्कृत का अध्ययन किया। स्वामी करपात्रीजी एवं साहित्यकार कन्हैया लाल मिश्र 'प्रभाकर' उनके सहपाठी थे। वे ' श्रीकृष्ण गोविंद हरे मुरारी, हे नाथ नारायण वासुदेव ' मंत्र के द्रष्टा थे। उनके जीवन के चार संकल्प थे - दिल्ली में हनुमान जी की ४० फुट ऊंची प्रतिमा की स्थापना, राजधानी स्थित पांडवों के किले (इन्द्रप्रस्थ) में भगवान विष्णु की ६० फुट ऊंची प्रतिमा की स्थापना, गोहत्या पर प्रतिबंध तथा श्रीराम जन्मभूमि की मुक्ति। वे इस सदी के महान संत थे। उन्होंने सतत्‌ नाम संकीर्तन की ज्योति जलाकर सदैव देश और समाज की समृद्धि की कामना की थी। गोरक्षा, गंगा की पवित्रता, हिन्दी भाषा, भारतीय संस्कृति और हिन्दू धर्म की सेवा उनके जीवन के लक्ष्य थे। उन्होंने गोरक्षा के मुद्दे पर अनशन, आन्दोलन तथा यात्राएं भी कीं। .

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संजय गांधी

संजय गांधी (१४ दिसम्बर १९४६ - २३ जून १९८०) भारत के एक राजनेता थे। वे भारत की प्रधानमंत्री इन्दिरा गांधी के छोटे पुत्र थे। मेनका गांधी उनकी पत्नी हैं और वरुण गांधी उनके पुत्र। भारत में आपातकाल के समय उनकी भूमिका बहुत विवादास्पद रही। अल्पायु में ही एक हेलिकॉप्टर दुर्घटना में उनकी मौत हो गयी। .

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सुषमा स्वराज

सुषमा स्वराज (जन्म: १४ फरवरी १९५२) एक भारतीय महिला राजनीतिज्ञ और भारत की विदेश मंत्री हैं। वे वर्ष २००९ में भारत की भारतीय जनता पार्टी द्वारा संसद में विपक्ष की नेता चुनी गयी थीं, इस नाते वे भारत की पन्द्रहवीं लोकसभा में प्रतिपक्ष की नेता रही हैं। इसके पहले भी वे केन्द्रीय मन्त्रिमण्डल में रह चुकी हैं तथा दिल्ली की मुख्यमन्त्री भी रही हैं। वे सन २००९ के लोकसभा चुनावों के लिये भाजपा के १९ सदस्यीय चुनाव-प्रचार-समिति की अध्यक्ष भी रहीं थीं। अम्बाला छावनी में जन्मी सुषमा स्वराज ने एस॰डी॰ कालेज अम्बाला छावनी से बी॰ए॰ तथा पंजाब विश्वविद्यालय चंडीगढ़ से कानून की डिग्री ली। पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने पहले जयप्रकाश नारायण के आन्दोलन में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया। आपातकाल का पुरजोर विरोध करने के बाद वे सक्रिय राजनीति से जुड़ गयीं। वर्ष २०१४ में उन्हें भारत की पहली महिला विदेश मंत्री होने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है, जबकि इसके पहले इंदिरा गांधी दो बार कार्यवाहक विदेश मंत्री रह चुकी हैं। कैबिनेट में उन्हे शामिल करके उनके कद और काबिलियत को स्वीकारा। वे दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री और देश में किसी राजनीतिक दल की पहली महिला प्रवक्ता बनने की उपलब्धि भी उन्हीं के नाम दर्ज है। .

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स्वतन्त्रता के बाद भारत का संक्षिप्त इतिहास

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स्वराज पॉल

स्वराज पॉल, बैरन पॉल, पीसी (18 फ़रवरी 1931 को जन्म) एक भारतीय मूल के, ब्रिटिश आधारित दिग्गज उद्योगपति, समाजसेवी और लेबर राजनीतिज्ञ हैं। 1996 में वे एक लाइफ पीयर बने, वे सिटी ऑफ़ वेस्टमिनिस्टर में बैरन पॉल की उपाधि के साथ मालेबन के हाउज़ ऑफ़ लॉर्ड्स में बैठे.

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स्वराज भवन, इलाहाबाद

स्वराज भवन स्वराज भवन इलाहाबाद में स्थित एक ऐतिहासिक भवन एवं संग्रहालय है। इसका मूल नाम 'आनन्द भवन' था। इस ऐतिहासिक भवन का निर्माण मोतीलाल नेहरू ने करवाया था। 1930 में उन्होंने इसे राष्ट्र को समर्पित कर दिया था। इसके बाद यहां कांग्रेस कमेटी का मुख्यालय बनाया गया। भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का जन्म यहीं पर हुआ था। आज इसे संग्रहालय का रूप दे दिया गया है। .

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सूत्रवाक्य

"मैं वापस आऊँगा" ("आई'ल बी बैक") हालीवुड अभिनेता अर्नोल्ड श्वार्ज़नेगर का तकिया कलाम था जिसे कहकर वह अपनी फ़िल्मों में खलनायकों को धमकाते थे सूत्रवाक्य या तकिया कलाम एक ऐसे वाक्य या वाक्यांश को बोलते हैं जो बार-बार किसी व्यक्ति या चीज़ के सन्दर्भ में सुने जाने से लोक संस्कृति में पहचाना जाने लगता है। दूसरे शब्दों में यह केवल एक वाक्य न रह के एक सूत्र बन गया हो। मसलन, "कुत्ते-कमीने, मैं तेरा ख़ून पी जाऊँगा" हिन्दी फिल्म अभिनेता धर्मेन्द्र का तकिया कलाम माना जाता है। सूत्रवाक्य और नारों में एक समानता यह है के दोनों के शब्दों को बहुत से लोग पहचानते हैं, लेकिन एक अंतर यह है के नारों का मक़सद लोगों को किसी कार्य को करने के लिए उत्तेजित करना होता है जबकि यह किसी तकिया कलाम के साथ ज़रूरी नहीं है। इंदिरा गांधी का "ग़रीबी हटाओ" नारा भी था और उनका तकिया कलाम भी था। .

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सूर्य प्रताप शाही

सूर्य प्रताप शाही उत्तर प्रदेश से भारतीय जनता पार्टी के नेता हैं। वे देवरिया (बाद में कुशीनगर) जिले के कसिया विधानसभा क्षेत्र से तीन बार यथा 1985 से 1989; 1991 से 1993 तथा 1996 से 2002 तक उत्तर प्रदेश विधान सभा का प्रतिनिधित्व किया है। शाही ने दो बार उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री के रूप में सेवा की है। वे 1984 में इंदिरा गांधी की हत्या के बाद आई इंदिरा लहर के बावजूद 1984 में चुनाव जीतने वाले प्रतिष्ठित नेताओं में से एक रहे हैं। उत्तर प्रदेश में मंत्री के रूप में उन्होंने पहली बार 1991 में प्रदेश के गृह मंत्री के रूप में सेवा की,कैबिनेट रैंक के साथ 1992 में उन्होने स्वस्थ्य मंत्री का कार्यभार सँभाला। 1997 में उन्हें कैबिनेट मंत्री के रूप में एक्साइज मंत्रालय का पदभार प्रदान किया गया। वे उत्तर प्रदेश राज्य इकाई के भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के रूप में भी कार्य कर चुके हैं। वर्तमान में वे उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री हैं। .

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सेंट पॉल कैथेड्रल (अम्बाला)

सेंट पॉल कैथेड्रल भारत के राज्य हरियाणा के अम्बाला जिले की अम्बाला छावनी में स्थित एक गिरजाघर है, यह इस क्षेत्र के सबसे पुराने गिरजाघरों में से एक है। 1965 के भारत-पाक युद्ध के दौरान पाकिस्तानी विमानों द्वारा की गयी बमबारी में इस गिरजाघर की इमारत का अधिकांश नष्ट हो गया और आज सिर्फ गिरजाघर का बुर्ज (टॉवर) ही बचा है। आज इसके पादरी-निवास (पार्सनेज) के एक हिस्से की प्रतिष्ठा करके उसे गिरजाघर की तरह प्रयोग किया जा रहा है। बमबारी में क्षतिग्रस्त होने से पहले यह एक बेहद आलीशान इमारत थी और इसका परिसर 21 एकड़ में फैला था जिसका अधिकतर हिस्सा आज भारतीय वायु सेना ने एक विद्यालय तथा अन्य सुविधाओं के निर्माण के लिए अधिग्रहीत कर लिया है और आज यह वायु सेना स्कूल के परिसर में स्थित है। .

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सीताराम केसरी

सीताराम केसरी (नवम्बर 1919 – 24 अक्टूबर 2000) भारतीय राजनेता थे। वो वर्ष 1996 से 1998 तक केन्द्रीय मंत्री और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष रहे। .

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हत्या की गई भारतीय राजनीतिज्ञों की सूची

निम्नलिखित हत्या की गई भारतीय राजनीतिज्ञों की सूची है। भारत की स्वतंत्रता के बाद, कई राजनेताओं की हत्या कर दी गई है। .

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हरीश मेहरा

हरीश चन्द्र मेहरा १४ वर्ष की आयु में भारत के राष्‍ट्रीय वीरता पुरस्‍कार के सर्वप्रथम विजेता थे। राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार की शुरुआत हरीश चन्द्र की वीरता को देखकर ही आरम्भ की गयी थी। .

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हाजीपुर

हाजीपुर (Hajipur) भारत गणराज्य के बिहार प्रान्त के वैशाली जिला का मुख्यालय है। हाजीपुर भारत की संसदीय व्यवस्था के अन्तर्गत एक लोकसभा क्षेत्र भी है। 12 अक्टुबर 1972 को मुजफ्फरपुर से अलग होकर वैशाली के स्वतंत्र जिला बनने के बाद हाजीपुर इसका मुख्यालय बना। ऐतिहासिक महत्त्व के होने के अलावा आज यह शहर भारतीय रेल के पूर्व-मध्य रेलवे मुख्यालय है, इसकी स्थापना 8 सितम्बर 1996 को हुई थी।, राष्ट्रीय स्तर के कई संस्थानों तथा केले, आम और लीची के उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है। .

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हिन्दी पुस्तकों की सूची/प

* पंच परमेश्वर - प्रेम चन्द्र.

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हिमाचल प्रदेश का इतिहास

हिमाचल प्रदेश का इतिहास उतना ही प्राचीन है, जितना कि मानव अस्तित्व का अपना इतिहास है। हिमाचल प्रदेश का इतिहास उस समय में ले जाता है जब सिन्धु घाटी सभ्यता विकसित हुई। इस बात की सत्यता के प्रमाण हिमाचल प्रदेश के विभिन्न भागों में हुई खुदाई में प्राप्त सामग्रियों से मिलते हैं। प्राचीनकाल में इस प्रदेश के आदि निवासी दास, दस्यु और निषाद के नाम से जाने जाते थे। उन्नीसवीं शताब्दी में रणजीत सिंह ने इस क्षेत्र के अनेक भागों को अपने राज्य में मिला लिया। जब अंग्रेज यहां आए, तो उन्होंने गोरखा लोगों को पराजित करके कुछ राजाओं की रियासतों को अपने साम्राज्य में मिला लिया।.

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होमी सेठना

होमी नौशेरवानजी सेठना होमी नौशेरवानजी सेठना (1924 – 5 सितम्बर 2010) भारत के परमाणु वैज्ञानिक एवं परमाणु उर्जा आयोग के अध्यक्ष थे। सन् १९७४ में भारत द्वारा पोकरण में प्रथम परमाणु विस्फोट के समय वे परमाणु उर्जा आयोग के अध्यक्ष थे। डा.

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जनता पार्टी

प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा लागू आपातकाल (1975-1976) के बाद जनसंघ सहित भारत के प्रमुख राजनैतिक दलों का विलय कर के एक नए दल जनता पार्टी का गठन किया गया। जनता पार्टी ने 1977 से 1980 तक भारत सरकार का नेतृत्व किया। आंतरिक मतभेदों के कारण जनता पार्टी 1980 में टूट गयी। सम्प्रति डॉ सुब्रमणियन स्वामी जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। .

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जनेश्वर मिश्र

पण्डित जनेश्वर मिश्र (5 अगस्त 1933 – 22 जनवरी 2010) समाजवादी पार्टी के एक राजनेता थे। समाजवादी विचारधारा के प्रति उनके दृढ निष्ठा के कारण वे 'छोटे लोहिया' के नाम से प्रसिद्ध थे। वे कई बार लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य रहे। उन्होने मोरारजी देसाई, चौधरी चरण सिंह, विश्वनाथ प्रताप सिंह, चन्द्रशेखर, एच डी देवगौड़ा और इंद्रकुमार गुज़राल के मंत्रिमण्डलों में काम किया। सात बार केन्द्रीय मंत्री रहने के बाद भी उनके पास न अपनी गाड़ी थी और न ही बंगला। जनेश्वर मिश्र का जन्म ५ अगस्त 1933 को बलिया के शुभनथहीं के गांव में हुआ था। उनके पिता रंजीत मिश्र किसान थे। बलिया में प्राथमिक शिक्षा पूरी करने के बाद १९५३ में इलाहाबाद पहुंचे जो उनका कार्यक्षेत्र रहा। जनेश्वर को आजाद भारत के विकास की राह समाजवादी सपनों के साथ आगे बढ़ने में दिखी और समाजवादी आंदोलन में इतना पगे कि उन्हें लोग 'छोटे लोहिया' के तौर पर ही जानने लगे। उन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय में स्नातक कला वर्ग में प्रवेश लेकर हिन्दू हास्टल में रहकर पढ़ाई शुरू की और जल्दी ही छात्र राजनीति से जुड़े। छात्रों के मुद्दे पर उन्होंने कई आंदोलन छेड़े जिसमें छात्रों ने उनका बढ-चढ़ कर साथ दिया। 1967 में उनका राजनैतिक सफर शुरू हुआ। वह जेल में थे तभी लोकसभा का चुनाव आ गया। छुन्नन गुरू व सालिगराम जायसवाल ने उन्हें फूलपुर से विजयलक्ष्मी पंडित के खिलाफ चुनाव लड़ाया। चुनाव सात दिन बाकी था तब उन्हें जेल से रिहा किया गया। चुनाव में जनेश्वर को हार का सामना करना पड़ा था। इसके बाद विजय लक्ष्मी राजदूत बनीं। फूलपुर सीट पर 1969 में उपचुनाव हुआ तो जनेश्वर मिश्र सोशलिस्ट पार्टी से मैदान में उतरे और जीते। लोकसभा में पहुंचे तो राजनारायण ने 'छोटे लोहिया' का नाम दिया। वैसे इलाहाबाद में उनको लोग पहले ही छोटे लोहिया के नाम से पुकारने लगे थे। उन्होंने 1972 के चुनाव में यहीं से कमला बहुगुणा को और 1974 में इंदिरा गांधी के अधिवक्ता रहे सतीश चंद्र खरे को हराया। इसके बाद 1978 में जनता पार्टी के टिकट से इलाहाबाद संसदीय क्षेत्र से चुनाव मैदान में उतरे और विश्वनाथ प्रताप सिंह को पराजित किया। उसी समय वह पहली बार केन्द्रीय पेट्रोलियम, रसायन एवं उर्वरक मंत्री बने। इसके कुछ दिन बाद ही वह अस्वस्थ हो गये। स्वस्थ होने के बाद उन्हें विद्युत, परंपरागत ऊर्जा और खनन मंत्रालय दिया गया। चरण सिंह की सरकार में जहाजरानी व परिवहन मंत्री बने। 1984 में देवरिया के सलेमपुर संसदीय क्षेत्र से चंद्रशेखर से चुनाव हार गये। 1989 में जनता दल के टिकट पर इलाहाबाद से लडे़ और कमला बहुगुणा को हराया। इस बार संचार मंत्री बने। फिर चंद्रशेखर की सरकार में 1991 में रेलमंत्री और एचडी देवगौड़ा की सरकार में जल संसाधन तथा इंद्र कुमार गुजराल की सरकार में पेट्रोलियम मंत्री बनाये गये। 1992 से २०१० तक वह राज्यसभा के सदस्य रहे। .

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जम्मू और कश्मीर

जम्मू और कश्मीर भारत के सबसे उत्तर में स्थित राज्य है। पाकिस्तान इसके उत्तरी इलाके ("पाक अधिकृत कश्मीर") या तथाकथित "आज़ाद कश्मीर" के हिस्सों पर क़ाबिज़ है, जबकि चीन ने अक्साई चिन पर कब्ज़ा किया हुआ है। भारत इन कब्ज़ों को अवैध मानता है जबकि पाकिस्तान भारतीय जम्मू और कश्मीर को एक विवादित क्षेत्र मानता है। राज्य की आधिकारिक भाषा उर्दू है। जम्मू नगर जम्मू प्रांत का सबसे बड़ा नगर तथा जम्मू-कश्मीर राज्य की जाड़े की राजधानी है। वहीं कश्मीर में स्थित श्रीनगर गर्मी के मौसम में राज्य की राजधानी रहती है। जम्मू और कश्मीर में जम्मू (पूंछ सहित), कश्मीर, लद्दाख, बल्तिस्तान एवं गिलगित के क्षेत्र सम्मिलित हैं। इस राज्य का पाकिस्तान अधिकृत भाग को लेकर क्षेत्रफल 2,22,236 वर्ग कि॰मी॰ एवं उसे 1,38,124 वर्ग कि॰मी॰ है। यहाँ के निवासियों अधिकांश मुसलमान हैं, किंतु उनकी रहन-सहन, रीति-रिवाज एवं संस्कृति पर हिंदू धर्म की पर्याप्त छाप है। कश्मीर के सीमांत क्षेत्र पाकिस्तान, अफगानिस्तान, सिंक्यांग तथा तिब्बत से मिले हुए हैं। कश्मीर भारत का महत्वपूर्ण राज्य है। .

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जम्मू और कश्मीर में विद्रोह

कश्मीर में उग्रवाद (इनसर्जन्सी) विभिन्न रूपों में मौजूद है। वर्ष 1989 के बाद से उग्रवाद और उसके दमन की प्रक्रिया, दोनों की वजह से हजारों लोग मारे गए। 1987 के एक विवादित चुनाव के साथ कश्मीर में बड़े पैमाने पर सशस्त्र उग्रवाद की शुरूआत हुई, जिसमें राज्य विधानसभा के कुछ तत्वों ने एक आतंकवादी खेमे का गठन किया, जिसने इस क्षेत्र में सशस्त्र विद्रोह में एक उत्प्रेरक के रूप में भूमिका निभाई.

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जयप्रकाश नारायण

जयप्रकाश नारायण (11 अक्टूबर, 1902 - 8 अक्टूबर, 1979) (संक्षेप में जेपी) भारतीय स्वतंत्रता सेनानी और राजनेता थे। उन्हें 1970 में इंदिरा गांधी के विरुद्ध विपक्ष का नेतृत्व करने के लिए जाना जाता है। इन्दिरा गांधी को पदच्युत करने के लिये उन्होने 'सम्पूर्ण क्रांति' नामक आन्दोलन चलाया। वे समाज-सेवक थे, जिन्हें 'लोकनायक' के नाम से भी जाना जाता है। 1999 में उन्हें मरणोपरान्त भारत रत्न से सम्मनित किया गया। इसके अतिरिक्त उन्हें समाजसेवा के लिए १९६५ में मैगससे पुरस्कार प्रदान किया गया था। पटना के हवाई अड्डे का नाम उनके नाम पर रखा गया है। दिल्ली सरकार का सबसे बड़ा अस्पताल 'लोक नायक जयप्रकाश अस्पताल' भी उनके नाम पर है। .

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जवाहर लाल नेहरू पुरस्कार

जवाहर लाल नेहरू पुरस्कार भारत की सरकार द्वारा दिया जाने वाला एक अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार है, जिसकी स्थापना १९६५ में की गई है। पुरस्कार दुनिया के लोगों के बीच अंतरराष्ट्रीय समझ, सद्भावना और मैत्री को बढ़ावा देने के लिए उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए दिया जाता है। पुरस्कार प्राप्त करने वाले को 25 लाख रुपए प्रदान किए जाते हैं। .

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जवाहरलाल नेहरू

जवाहरलाल नेहरू (नवंबर १४, १८८९ - मई २७, १९६४) भारत के प्रथम प्रधानमन्त्री थे और स्वतन्त्रता के पूर्व और पश्चात् की भारतीय राजनीति में केन्द्रीय व्यक्तित्व थे। महात्मा गांधी के संरक्षण में, वे भारतीय स्वतन्त्रता आन्दोलन के सर्वोच्च नेता के रूप में उभरे और उन्होंने १९४७ में भारत के एक स्वतन्त्र राष्ट्र के रूप में स्थापना से लेकर १९६४ तक अपने निधन तक, भारत का शासन किया। वे आधुनिक भारतीय राष्ट्र-राज्य – एक सम्प्रभु, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष, और लोकतान्त्रिक गणतन्त्र - के वास्तुकार मानें जाते हैं। कश्मीरी पण्डित समुदाय के साथ उनके मूल की वजह से वे पण्डित नेहरू भी बुलाएँ जाते थे, जबकि भारतीय बच्चे उन्हें चाचा नेहरू के रूप में जानते हैं। स्वतन्त्र भारत के प्रथम प्रधानमन्त्री का पद सँभालने के लिए कांग्रेस द्वारा नेहरू निर्वाचित हुएँ, यद्यपि नेतृत्व का प्रश्न बहुत पहले 1941 में ही सुलझ चुका था, जब गांधीजी ने नेहरू को उनके राजनीतिक वारिस और उत्तराधिकारी के रूप में अभिस्वीकार किया। प्रधानमन्त्री के रूप में, वे भारत के सपने को साकार करने के लिए चल पड़े। भारत का संविधान 1950 में अधिनियमित हुआ, जिसके बाद उन्होंने आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक सुधारों के एक महत्त्वाकांक्षी योजना की शुरुआत की। मुख्यतः, एक बहुवचनी, बहु-दलीय लोकतन्त्र को पोषित करते हुएँ, उन्होंने भारत के एक उपनिवेश से गणराज्य में परिवर्तन होने का पर्यवेक्षण किया। विदेश नीति में, भारत को दक्षिण एशिया में एक क्षेत्रीय नायक के रूप में प्रदर्शित करते हुएँ, उन्होंने गैर-निरपेक्ष आन्दोलन में एक अग्रणी भूमिका निभाई। नेहरू के नेतृत्व में, कांग्रेस राष्ट्रीय और राज्य-स्तरीय चुनावों में प्रभुत्व दिखाते हुएँ और 1951, 1957, और 1962 के लगातार चुनाव जीतते हुएँ, एक सर्व-ग्रहण पार्टी के रूप में उभरी। उनके अन्तिम वर्षों में राजनीतिक मुसीबतों और 1962 के चीनी-भारत युद्ध में उनके नेतृत्व की असफलता के बावजूद, वे भारत के लोगों के बीच लोकप्रिय बने रहें। भारत में, उनका जन्मदिन बाल दिवस के रूप में मनाया जाता हैं। .

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जगमोहनलाल सिन्हा

न्यायमूर्ति '''जगमोहनलाल सिन्हा''' जगमोहनलाल सिन्हा (12 मई 1920 – 20 मार्च 2008) भारत के एक न्यायमूर्ति थे जिन्होने इलाहाबाद उच्च न्यायालय में सेवाएँ दी। वह १९७५ में उत्तर प्रदेश राज्य बनाम राज नारायण केस में दिये गये अपने ऐतिहासिक निर्णय के लिये प्रसिद्ध हैं जिसमें उन्होने तत्कालीन प्रधानमन्त्री इन्दिरा गांधी के चुनाव को अवैध घोषित कर दिया। .

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ज्ञानमति

माताजी मीडिया को संबोधित करते हुए ज्ञानमती माताजी एक प्रतिष्ठित जैन साध्वी हैं। इन्होंने उत्तर प्रदेश के हस्तिनापुर में जम्बूद्वीप जैन मंदिर और मांगी तुंगी मैं अहिंसा की प्रतिमा का निर्माण करवाया था। इनका जन्म उत्तर प्रदेश के टिकैत नगर में २२ अक्टूबर १९३४ को छोटेलाल जैन और मोहिनी देवी के यहाँ हुआ था। जैन समुदाय में इनके प्रवचनों का महत्वपूर्ण स्थान है। .

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जेट एयरवेज

SM Centre, former head office जेट एयरवेज भारत की सबसे बड़ी निजी विमान सेवा है। जेट एयरवेज एक प्रमुख विमानन सेवा है जिसका मुख्यालय मुंबई में स्थित है। अगर विस्तार के आधार पर वरीयता क्रम की चर्चा की जाए तो यह एयर इंडिया के बाद दूसरी सबसे बड़ी विमानन सेवा है, परन्तु हमेशा स्पाइस जेट तथा इंडिया गो जैसे प्रतियोगियों से आगे रहती है। .

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वरुण गांधी

फिरोज वरुण गांधी (जन्म १३ मार्च १९८०) एक भारतीय राजनीतिज्ञ हैं। वो भारतीय संसद के निम्न सदन लोकसभा के सुल्तानपुर से सदस्य हैं। वो भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य और पार्टी के इतिहास में सबसे युवा राष्ट्रीय महासचिव हैं। इससे पहले वो १५वीं लोकसभा में पीलीभीत से सांसद रह चुके हैं। वरुण गांधी को मार्च २०१३ में राजनाथ सिंह की टीम में भी चुना गया। उन्हें राष्ट्रीय महासचिव चुना गया और वो पार्टी के इतिहास में सबसे युवा महासचिव हैं। .

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विद्या चरण शुक्ल

विद्या चरण शुक्ल भारतीय राजनीति के सबसे महत्वपूर्ण व्यक्तियो मे एक रहे है। उनका जन्म 2 अगस्त सन् 1929 को हुआ था। उनके पिता पं रविशंकर शुक्ल वकील, स्वतंत्रता सेनानी, अनुभवी कांग्रेसी नेता अविभाजित मध्यप्रदेश के पहले मुख्यमंत्री थे। विद्या चरण शुक्ल के बडे भाई श्यामा चरण शुक्ल भी अविभाजित मध्यप्रदेश के तीन बार मुख्यमंत्री रहे। विद्या चरण शुक्ल ने 1951 में नागपुर के मोरिस कॉलेज से बीए किया.

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विनोबा भावे

आचार्य विनोबा भावे (11 सितम्बर 1895 - 15 नवम्बर 1982) भारत के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, सामाजिक कार्यकर्ता तथा प्रसिद्ध गांधीवादी नेता थे। उनका मूल नाम विनायक नरहरी भावे था। उन्हे भारत का राष्ट्रीय आध्यापक और महात्मा गांधी का आध्यातमिक उत्तराधीकारी समझा जाता है। उन्होने अपने जीवन के आखरी वर्ष पोनार, महाराष्ट्र के आश्रम में गुजारे। उन्होंने भूदान आन्दोलन चलाया। इंदिरा गांधी द्वारा घोषित आपातकाल को 'अनुशासन पर्व' कहने के कारण वे विवाद में भी थे। .

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विशाखापट्टनम इस्पात कारखाना

विशाखापट्टनम इस्पात कारखाना, वाइज़ाग स्टील के नाम से लोकप्रिय (విశాఖ ఉక్కు కర్మాగారం), लघु रत्न प्रतिष्ठा के साथ भारत का एक प्रमुख इस्पात उत्पादक है। 1971 में स्थापित इस कंपनी ने बिक्री योग्य स्टील के उत्पादन पर ध्यान केंद्रित किया, बिक्री योग्य 252,000 टन की कुल उत्पादन का 214,000 टन का उत्पादन केवल अगस्त 2010 में किया गया। यह देश का एकमात्र एकीकृत इस्पात कारखाना है जिसे ISO 9001:2000, आईएसओ 14001: 2004 और OSHAS 18001:1999 प्रमाणित किया गया है। .

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विश्व हिन्दी सम्मेलन

विश्व हिन्दी सम्मेलन हिन्दी भाषा का सबसे बड़ा अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन है, जिसमें विश्व भर से हिन्दी विद्वान, साहित्यकार, पत्रकार, भाषा विज्ञानी, विषय विशेषज्ञ तथा हिन्दी प्रेमी जुटते हैं। अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर हिन्दी के प्रति जागरुकता पैदा करने, समय-समय पर हिन्दी की विकास यात्रा का आकलन करने, लेखक व पाठक दोनों के स्तर पर हिन्दी साहित्य के प्रति सरोकारों को और दृढ़ करने, जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में हिन्दी के प्रयोग को प्रोत्साहन देने तथा हिन्दी के प्रति प्रवासी भारतीयों के भावुकतापूर्ण व महत्त्वपूर्ण रिश्तों को और अधिक गहराई व मान्यता प्रदान करने के उद्देश्य से १९७५ में विश्व हिन्दी सम्मेलनों की शृंखला शुरू हुई। इस बारे में पूर्व प्रधानमन्त्री स्व० श्रीमती इन्दिरा गान्धी ने पहल की थी। पहला विश्व हिन्दी सम्मेलन राष्ट्रभाषा प्रचार समिति, वर्धा के सहयोग से नागपुर में सम्पन्न हुआ जिसमें प्रसिद्द हिंदी साहित्यकार विनोबा भावे ने अपना विवेक सन्देश भेजा। प्रारंभ में इसका आयोजन हर चौथे वर्ष आयोजित किया जाता था लेकिन अब यह अंतराल घटाकर ३ वर्ष कर दिया गया है। अब तक दस विश्व हिन्दी सम्मेलन हो चुके हैं- मारीशस, नई दिल्ली, पुन: मारीशस, त्रिनिडाड व टोबेगो, लन्दन, सूरीनाम न्यूयार्क और जोहांसबर्ग में। दसवाँ विश्व हिन्दी सम्मेलन २०१५ में भोपाल में आयोजित हुआ। २०१८ संस्करण का आयोजन मॉरीशस में प्रस्तावित है। .

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विश्व-भारती विश्वविद्यालय

विश्वभारती विश्वविद्यालय की स्थापना 1921 में रवीन्द्रनाथ ठाकुर ने पश्चिम बंगाल के शान्तिनिकेतन नगर में की। यह भारत के केन्द्रीय विश्वविद्यालयों में से एक है। अनेक स्नातक और परास्नातक संस्थान इससे संबद्ध हैं। शान्ति निकेतन के संस्थापक रवीन्द्रनाथ टैगोर का जन्म १८६१ ई में कलकत्ता में एक सम्पन्न परिवार में हुआ था। इनके पिता महर्षि देवेन्द्रनाथ ठाकुर ने १८६३ ई में अपनी साधना हेतु कलकत्ते के निकट बोलपुर नामक ग्राम में एक आश्रम की स्थापना की जिसका नाम `शांति-निकेतन' रखा गया। जिस स्थान पर वे साधना किया करते थे वहां एक संगमरमर की शिला पर बंगला भाषा में अंकित है--`तिनि आमार प्राणेद आराम, मनेर आनन्द, आत्मार शांति।' १९०१ ई में गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर ने इसी स्थान पर बालकों की शिक्षा हेतु एक प्रयोगात्मक विद्यालय स्थापित किया जो प्रारम्भ में `ब्रह्म विद्यालय,' बाद में `शान्ति निकेतन' तथा १९२१ ई। `विश्व भारती' विश्वविद्यालय के नाम से प्रख्यात हुआ। टैगोर बहुमुखी प्रतिभा के व्यक्ति थे। .

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विशेष सुरक्षा दल

विशेष सुरक्षा दल(अंग्रेज़ी:स्पेशल् प्रोटेक्शन् ग्रुप्; एसपीजी), संघ की एक विशेष सुरक्षा बल है। भारत के प्रधानमंत्री, उनका परिवार, तथा पूर्व प्रधानमंत्रीगण की सुरक्षा, इस विशेष सुरक्षा टुकड़ी की ज़िम्मेदार होती है। यह विशिष्ट बल सीधे केंद्र सरकार के मंत्रिमण्डलीय सचिवालय के अधीन है, और आसूचना ब्यूरो(आईबी) के अंतर्गत उसके एक विभाग के रूप में कार्य करती है। भारतीय प्रधानमंत्री पर प्रति क्षण मण्डरा रहे आत्मघाती संकट के मद्देनज़र, प्रधानमंत्री की सुरक्षा बेहद महत्वपूर्ण और चुनौतीपूर्ण विषय है। एसपीजी, देश की सबसे पेशेवर एवं आधुनिकतम सुरक्षा बालों में से एक है। .

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विजयलक्ष्मी पंडित

विजय लक्ष्मी पंडित भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरु की बहन थीं। भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में विजय लक्ष्मी पंडित ने अपना अमूल्य योगदान दिया। .

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वंशवाद

वंशवाद या परिवारवाद शासन की वह पद्धति है जिसमें एक ही परिवार, वंश या समूह से एक के बाद एक कई शासक बनते जाते हैं। वंशवाद, भाईभतीजावाद का जनक और इसका एक रूप है। ऐसा माना जाता है कि लोकतन्त्र में वंशवाद के लिये कोई स्थान नहीं है किन्तु फिर भी अनेक देशों में अब भी वंशवाद हाबी है। वंशवाद, निकृष्टतम कोटि का आरक्षण है। यह राजतन्त्र का एक सुधरा हुआ रूप कहा जा सकता है। वंशवाद, आधुनिक राजनैतिक सिद्धान्तों एवं प्रगतिशीलता के विरुद्ध है। .

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वेद प्रताप वैदिक

डॉ॰ वेद प्रताप वैदिक (जन्म: 30 दिसम्बर 1944, इंदौर, मध्य प्रदेश) भारतवर्ष के वरिष्ठ पत्रकार, राजनैतिक विश्लेषक, पटु वक्ता एवं हिन्दी प्रेमी हैं। हिन्दी को भारत और विश्व मंच पर स्थापित करने की दिशा में सदा प्रयत्नशील रहते हैं। भाषा के सवाल पर स्वामी दयानन्द सरस्वती, महात्मा गांधी और डॉ॰ राममनोहर लोहिया की परम्परा को आगे बढ़ाने वालों में डॉ॰ वैदिक का नाम अग्रणी है। वैदिक जी अनेक भारतीय व विदेशी शोध-संस्थानों एवं विश्वविद्यालयों में ‘विजिटिंग प्रोफेसर’ रहे हैं। भारतीय विदेश नीति के चिन्तन और संचालन में उनकी भूमिका उल्लेखनीय है। अपने पूरे जीवन काल में उन्होंने लगभग 80 देशों की यात्रायें की हैं। अंग्रेजी पत्रकारिता के मुकाबले हिन्दी में बेहतर पत्रकारिता का युग आरम्भ करने वालों में डॉ॰ वैदिक का नाम अग्रणी है। उन्होंने सन् 1958 से ही पत्रकारिता प्रारम्भ कर दी थी। नवभारत टाइम्स में पहले सह सम्पादक, बाद में विचार विभाग के सम्पादक भी रहे। उन्होंने हिन्दी समाचार एजेन्सी भाषा के संस्थापक सम्पादक के रूप में एक दशक तक प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया में काम किया। सम्प्रति भारतीय भाषा सम्मेलन के अध्यक्ष तथा नेटजाल डाट काम के सम्पादकीय निदेशक हैं। .

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वेलकम होटल, द्वारका

वेलकम होटल द्वारका एशिया के सबसे बड़े उप नगरीय क्षेत्र न्यू दिल्ली (भारत) के द्वारका में स्थित हैं। इस होटल का संचालन एवं स्वामित्व ITC होटल समूह के द्वारा होता हैं। ITC होटल भारत की दूसरी सबसे बड़ी होटल समूह हैं जिसके भारत में करीब १०० से भी ज्यादा होटल हैं। इस होटल का निर्माण २०१० में हुआ था। .

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वी आर कृष्ण अय्यर

न्यायमूर्ति वी आर कृष्ण अय्यर (15 नवम्बर 1915 – 4 दिसम्बर 2014) भारत के एक न्यायधीश थे। 1970 के दशक में वो लगभग सात वर्ष तक वे सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश रहे। सर्वोच्च न्यायालय में अपने कार्यकाल में उन्होने देश के सबसे बड़े न्यायालय तक आम आदमी की पहुँच को सुलभ बनाया। उन्होने भारतीय दण्ड विधान में बहुत से सुधार किए तथा जेल एवं पुलिस में साहसिक परिवर्तन किए। उन्होंने विचाराधीन क़ैदियों के हित में 'जेल नहीं ज़मानत ही नियम है' का निर्णय दिया था। उन्होंने अपने समय में सर्वोच्च न्यायालय के इतिहास के सबसे ऐतिहासिक निर्णय दिये थे। उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की अपील तक ठुकरा दी थी, जो इलाहाबाद उच्च न्यायालय के निर्णय के विरुद्ध की गई थी। वे केरल की ईएमएस नम्बूदरीपाद के नेतृत्व वाली कम्युनिस्ट पार्टी की सरकार में कानून मंत्री रहे थे। मंत्री के रूप में उन्होंने केरल में 1950 के दशक में भूमि सुधार क़ानून लागू किए थे। .

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गिरिराज किशोर (राजनीतिज्ञ)

आचार्य गिरिराज किशोर (4 फ़रवरी 1920 – 13 जुलाई 2014) विश्व हिन्दू परिषद के नेता थे। वे श्रीराम जन्मभूमि आन्दोलन के समय से ही परिषद् से जुड़े थे। गिरिराज किशोर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक रहे। श्रीराम जन्मभूमि आन्दोलन में उनकी प्रमुख भूमिका थी। नई दिल्ली स्थित विहिप मुख्यालय में उन्होंने लगभग 94 वर्ष की आयु में 13 जुलाई 2014 को प्राण त्यागे। आजीवन ब्रह्मचर्य का पालन करने वाले आचार्य गिरिराज किशोर ने देहदान का संकल्प बहुत पहले ही कर लिया था ताकि उनकी मृत्यु के बाद भी उनका शरीर किसी के काम आ सके। .

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गुरुचरण सिंह तोहड़ा

गुरुचरण सिंह तोहड़ा शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) के अध्यक्ष और सिखों के लोकप्रिय नेता थे। .

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गुलज़ारीलाल नन्दा

गुलजारीलाल नन्दा (4 जुलाई, 1898 - 15 जनवरी, 1998) भारतीय राजनीतिज्ञ थे। उनका जन्म सियालकोट, पंजाब, पाकिस्तान में हुआ था। वे १९६४ में प्रथम भारतीय प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की मृत्युपश्चात् भारत के प्रधानमंत्री बने। कांग्रेस पार्टी के प्रति समर्पित गुलज़ारी लाल नंदा प्रथम बार पंडित जवाहरलाल नेहरू की मृत्यु के बाद 1964 में कार्यवाहक प्रधानमंत्री बनाए गए। दूसरी बार लाल बहादुर शास्त्री की मृत्यु के बाद 1966 में यह कार्यवाहक प्रधानमंत्री बने। इनका कार्यकाल दोनों बार उसी समय तक सीमित रहा जब तक की कांग्रेस पार्टी ने अपने नए नेता का चयन नहीं कर लिया। .

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गोपाल स्वरूप पाठक

गोपाल स्वरूप पाठक पूर्व भारत के उपराष्ट्रपति थे। .

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गोरक्षा आन्दोलन

वर्ष १८८२ में स्वामी दयानन्द सरस्वती के गोरक्षिणी सभा की स्थापना के बाद भारत में गोरक्षा आंदोलन शुरू हुआ।अक्‍तूबर-नवम्बर १९६६ ई० में अखिल भारतीय स्तर पर गोरक्षा आन्दोलन चला। भारत साधु-समाज, आर्यसमाज, सनातन धर्म, जैन धर्म आदि सभी भारतीय धार्मिक समुदायों ने इसमें बढ़-चढ़कर भाग लिया। ७ नवम्बर १९६६ को संसद् पर हुये ऐतिहासिक प्रदर्शन में देशभर के लाखों लोगों ने भाग लिया। इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने निहत्थे हिंदुओं पर गोलियाँ चलवा दी थी जिसमें अनेक गौ भक्तों का बलिदान हुआ था। इस आन्दोलन में चारों शंकराचार्य तथा स्वामी करपात्री जी भी जुटे थे। जैन मुनि सुशीलकुमार जी तथा सार्वदेशिक सभा के प्रधान लाला रामगोपाल शालवाले और हिन्दू महासभा के प्रधान प्रो॰ रामसिंह जी भी बहुत सक्रिय थे। श्री संत प्रभुदत्त ब्रह्मचारी तथा पुरी के जगद्‍गुरु शंकराचार्य श्री स्वामी निरंजनदेव तीर्थ तथा महात्मा रामचन्द्र वीर के आमरण अनशन ने आन्दोलन में प्राण फूंक दिये थे किन्तु जनसंघ इसका प्रारम्भ से अपने राजनैतिक लाभ के लिये एक हथियार के रूप में प्रयोग कर रहा था। उसका उद्देश्य मात्र कांग्रेस सरकार के खिलाफ इस आन्दोलन के द्वारा असन्तोष फैलाकर राजनैतिक उल्लू सीधा करना था। इसलिये उसने प्रभुदत्त ब्रह्मचारी से पहले तो अनशन कराया और फिर जब आन्दोलन का उद्देश्य प्राप्‍त होने का समय आया तो उनका अनशन तुड़वा दिया। इसी प्रकार शंकराचार्य जी का अनशन समाप्‍त कराने के लिए स्वामी करपात्री जी को तैयार किया। वे वायुयान से उनके पास गये और अनशन खुलवा आये जबकि सरकार की ओर से गोरक्षा के संबन्ध में कोई आश्वासन तक भी नहीं मिल पाया था। जनसंघियों ने सन् १९६७ के आम चुनाव निकट देख, सरसंघ चालक गुरु गोलवरकर को बीच में डाल, यह सब खेल खेला। वहां तो जनता द्वारा किये कराये पर पानी फेरने के लिये पहले से ही दुरभिसन्धि हो चुकी थी। इसलिए सभी नेताओं को इकट्ठा कर बातचीत की गई। परन्तु जनसंघियों को चुनाव लड़ने की जल्दी थी। अतः उन्होंने जनता के साथ विश्वासघात कर समझौता कर सत्याग्रह बन्द कर दिया। साधु संन्यासी सादे होते ही हैं, वे इनके बहकावे में आ गये और अनेक लोगों का बलिदान व्यर्थ गया। मवेशी वध, विशेष रूप से गाय वध, भारत में एक विवादास्पद विषय है क्योंकि इस्लाम में कई लोगों द्वारा मांस के स्वीकार्य स्रोत के रूप में माना जाने वाला मवेशियों के विपरीत हिंदू धर्म, सिख धर्म, जैन धर्म में कई लोगों के लिए एक सम्मानित और सम्मानित जीवन के रूप में मवेशी की पारंपरिक स्थिति के रूप में, ईसाई धर्म के साथ-साथ भारतीय धर्मों के कुछ अनुयायियों। अधिक विशेष रूप से, हिंदू धर्म में भगवान कृष्ण से जुड़े होने के कई कारणों से गाय की हत्या को छोड़ दिया गया है, मवेशियों को ग्रामीण आजीविका का एक अभिन्न हिस्सा और एक आवश्यक आर्थिक आवश्यकता के रूप में सम्मानित किया जा रहा है। अहिंसा (अहिंसा) के नैतिक सिद्धांत और पूरे जीवन की एकता में विश्वास के कारण विभिन्न भारतीय धर्मों द्वारा मवेशी वध का भी विरोध किया गया है। इसको रोकने के लिये भारत के विभिन्न राज्यों में कानून भी बनाये गये हैं। भारत के संविधान के अनुच्छेद 48 में राज्यों को गायों और बछड़ों और अन्य दुश्मनों और मसौदे के मवेशियों की हत्या को प्रतिबंधित करने का आदेश दिया गया है। 26 अक्टूबर 2005 को, भारत के सुप्रीम कोर्ट ने एक ऐतिहासिक निर्णय में भारत में विभिन्न राज्य सरकारों द्वारा अधिनियमित विरोधी गाय हत्या कानूनों की संवैधानिक वैधता को बरकरार रखा। भारत में 29 राज्यों में से 20 में वर्तमान में हत्या या बिक्री को प्रतिबंधित करने वाले विभिन्न नियम हैं गायों का केरल, पश्चिम बंगाल, गोवा, कर्नाटक, अरुणाचल प्रदेश, मिजोरम, मेघालय, नागालैंड और त्रिपुरा ऐसे राज्य हैं जहां गाय वध पर कोई प्रतिबंध नहीं है। भारत में मौजूदा मांस निर्यात नीति के अनुसार, गोमांस (गाय, बैल का मांस और बछड़ा) का निर्यात प्रतिबंधित है। मांस, शव, बफेलो के आधे शव में भी हड्डी निषिद्ध है और इसे निर्यात करने की अनुमति नहीं है। केवल भैंस के बेनालेस मांस, बकरी और भेड़ों और पक्षियों के मांस को निर्यात के लिए अनुमति है। .

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गोर्खालैंड

गोरखालैंड, भारत के अन्दर एक प्रस्तावित राज्य का नाम है, जिसे दार्जीलिंग और उस के आस-पास के भारतीय गोरखा बहुल क्षेत्रों (जो मुख्यतः पश्चिम बंगाल में हैं) को मिलाकर बनाने की माँग होती रहती है। गोरखालैण्ड की मांग करने वालों का तर्क है कि उनकी भाषा और संस्कृति शेष बंगाल से भिन्न है। गोरखालैण्ड की यह मांग हड़ताल, रैली और आंदोलन के रूप में भी समय-समय पर उठती रहती है। गोरखा राष्ट्रीय मुक्ति मोर्चा के नेतृत्व में गोरखालैंड के लिए दो जन आंदोलन (१९८६-१९८८) में हुए। इसके अलावा गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के नेतृत्व में (२००७ से अब तक) कई आंदोलन हुए। .

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ऑपरेशन ब्लू स्टार

आपरेशन ब्लू स्टार भारतीय सेना द्वारा 3 से 6 जून 1984 को अमृतसर (पंजाब, भारत) स्थित हरिमंदिर साहिब परिसर को ख़ालिस्तान समर्थक जनरैल सिंह भिंडरावाले और उनके समर्थकों से मुक्त कराने के लिए चलाया गया अभियान था। पंजाब में भिंडरावाले के नेतृत्व में अलगाववादी ताकतें सशक्त हो रही थीं जिन्हें पाकिस्तान से समर्थन मिल रहा था। .

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आनंद भवन

आनंद भवन, इलाहाबाद में स्थित नेहरू-गाँधी परिवार का पूर्व आवास है जो अब एक संग्रहालय के रूप में है। वस्तुतः यह एक अपेक्षाकृत रूप से नया भवन है, जब मोतीलाल नेहरू ने इस नए भवन का निर्माण करवाया और अपने पुराने आवास को कांग्रेस के कार्यों हेतु स्थानीय मुख्यालय बना दिया, पुराने आनंद भवन का नाम स्वराज भवन कर दिया गया इस नए आवास को आनंद भवन कहा जाने लगा। नेहरू और इंदिरा गांधी के जीवन की कई महत्वपूर्ण घटनायें यहाँ घटित हुई। स्वतंत्रता आन्दोलन में इस स्थान का ऐतिहासिक महत्व रहा है। श्रेणी:भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम श्रेणी:इलाहाबाद.

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आपातकाल (भारत)

प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी, जिन्होंने भारत के राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद से राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा करवाई। 26 जून 1975 से 21 मार्च 1977 तक का 21 महीने की अवधि में भारत में आपातकाल घोषित था। तत्कालीन राष्ट्रपति फ़ख़रुद्दीन अली अहमद ने तत्कालीन भारतीय प्रधानमंत्री इन्दिरा गांधी के कहने पर भारतीय संविधान की धारा 352 के अधीन आपातकाल की घोषणा कर दी। स्वतंत्र भारत के इतिहास में यह सबसे विवादास्पद और अलोकतांत्रिक काल था। आपातकाल में चुनाव स्थगित हो गए तथा नागरिक अधिकारों को समाप्त करके मनमानी की गई। इंदिरा गांधी के राजनीतिक विरोधियों को कैद कर लिया गया और प्रेस पर प्रतिबंधित कर दिया गया। प्रधानमंत्री के बेटे संजय गांधी के नेतृत्व में बड़े पैमाने पर नसबंदी अभियान चलाया गया। जयप्रकाश नारायण ने इसे 'भारतीय इतिहास की सर्वाधिक काली अवधि' कहा था। .

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आर के धवन

आर के धवन भारत के राजनीतिक दल काँग्रेस के एक वरिष्ठ नेता हैं। वे भारत की भूतपूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी के निजी सचिव रह चुके हैं। श्रीमती गाँधी की हत्या के वे प्रत्यक्षदर्शी रहे हैं।http://khabar.ibnlive.in.com/news/115182/12/4|जब हिल उठा देशः इंदिरा गांधी की हत्या .

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आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था अधिनियम

आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था अधिनियम (Maintenance of Internal Security Act (MISA)) सन १९७१ में भारतीय संसद द्वारा पारित एक विवादास्पद कानून था। इसमें कानून व्यवस्था बनाये रखने वाली संस्थाओं को बहुत अधिक अधिकार दे दिये गये थे। आपातकाल के दौरान (1975-1977) इसमें कई संशोधन हुए और बहुत से राजनीतिक बन्दियों पर इसे लगाया गया। अन्ततः १९७७ में इंदिरा गांधी की पराजय के बाद आयी जनता पार्टी की सरकार द्वारा इसे समाप्त किया गया। श्रेणी:आपातकाल (भारत).

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इन्दिरा गांधी अन्तरराष्ट्रीय खेल स्टेडियम, हल्द्वानी

इन्दिरा गांधी अन्तरराष्ट्रीय खेल स्टेडियम, उत्तराखण्ड राज्य के हल्द्वानी नगर में स्थित एक निर्माणाधीन बहुउद्देशीय स्टेडियम है। भारत की प्रथम महिला प्रधानमंत्री श्रीमती इन्दिरा गांधी के नाम पर स्थापित इस स्टेडियम का निर्माण २०१५-१६ में ३८वें राष्ट्रीय खेलों के आयोजन के लिए करवाया गया था। २५,००० लोगों की क्षमता वाले इस स्टेडियम का उद्घाटन १८ दिसंबर २०१६ को उत्तराखण्ड के तत्कालीन मुख्यमंत्री, हरीश रावत ने किया था। यह स्टेडियम ७० एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ है और इसमें क्रिकेट और फुटबॉल के मैदान, ८०० मीटर दौड़ के लिए एक ट्रैक, एक हॉकी फील्ड, बैडमिंटन कोर्ट, लॉन टेनिस कोर्ट, बॉक्सिंग रिंग और स्विमिंग पूल भी हैं। .

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इन्द्र कुमार गुजराल

इ Indra kumar raj Mistar sang m k न्द् र कुमार गुजराल (अंग्रेजी: I. K. Gujral जन्म: ४ दिसम्बर १९१९, झेलम - मृत्यु: ३० नवम्बर २०१२, गुड़गाँव) भारतीय गणराज्य के १३वें प्रधानमन्त्री थे। उन्होंने भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम में सक्रिय रूप से हिस्सा लिया था और १९४२ के भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान वे जेल भी गये। अप्रैल १९९७ में भारत के प्रधानमंत्री बनने से पहले उन्होंने केन्द्रीय मन्त्रिमण्डल में विभिन्न पदों पर काम किया। वे संचार मन्त्री, संसदीय कार्य मन्त्री, सूचना प्रसारण मन्त्री, विदेश मन्त्री और आवास मन्त्री जैसे महत्वपूर्ण पदों पर रहे। राजनीति में आने से पहले उन्होंने कुछ समय तक बीबीसी की हिन्दी सेवा में एक पत्रकार के रूप में भी काम किया था। १९७५ में जिन दिनों वे इन्दिरा गान्धी सरकार में सूचना एवं प्रसारण मन्त्री थे उसी समय यह बात सामने आयी थी कि १९७१ के चुनाव में इन्दिरा गान्धी ने चुनाव जीतने के लिये असंवैधानिक तरीकों का इस्तेमाल किया है। इन्दिरा गान्धी के बेटे संजय गांधी ने उत्तर प्रदेश से ट्रकों में भरकर अपनी माँ के समर्थन में प्रदर्शन करने के लिये दिल्ली में लोग इकट्ठे किये और इन्द्र कुमार गुजराल से दूरदर्शन द्वारा उसका कवरेज करवाने को कहा। गुजराल ने इसे मानने से इन्कार कर दिया क्योंकि संजय गांधी को कोई सरकारी ओहदा प्राप्त नहीं था। बेशक वे प्रधानमन्त्री के पुत्र थे। इस कारण से उन्हें सूचना एवं प्रसारण मन्त्रालय से हटा दिया गया और विद्याचरण शुक्ल को यह पद सौंप दिया गया। लेकिन बाद में उन्हीं इन्दिरा गान्धी की सरकार में मास्को में राजदूत के तौर पर गुजराल ने १९८० में सोवियत संघ के द्वारा अफ़गानिस्तान में हस्तक्षेप का विरोध किया। उस समय भारतीय विदेश नीति में यह एक बहुत बड़ा बदलाव था। उस घटना के बाद ही आगे चलकर भारत ने सोवियत संघ द्वारा हंगरी और चेकोस्लोवाकिया में राजनीतिक हस्तक्षेप का विरोध किया। .

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इलाहाबाद

इलाहाबाद उत्तर भारत के उत्तर प्रदेश के पूर्वी भाग में स्थित एक नगर एवं इलाहाबाद जिले का प्रशासनिक मुख्यालय है। इसका प्राचीन नाम प्रयाग है। इसे 'तीर्थराज' (तीर्थों का राजा) भी कहते हैं। इलाहाबाद भारत का दूसरा प्राचीनतम बसा नगर है। हिन्दू मान्यता अनुसार, यहां सृष्टिकर्ता ब्रह्मा ने सृष्टि कार्य पूर्ण होने के बाद प्रथम यज्ञ किया था। इसी प्रथम यज्ञ के प्र और याग अर्थात यज्ञ से मिलकर प्रयाग बना और उस स्थान का नाम प्रयाग पड़ा जहाँ भगवान श्री ब्रम्हा जी ने सृष्टि का सबसे पहला यज्ञ सम्पन्न किया था। इस पावन नगरी के अधिष्ठाता भगवान श्री विष्णु स्वयं हैं और वे यहाँ माधव रूप में विराजमान हैं। भगवान के यहाँ बारह स्वरूप विध्यमान हैं। जिन्हें द्वादश माधव कहा जाता है। सबसे बड़े हिन्दू सम्मेलन महाकुंभ की चार स्थलियों में से एक है, शेष तीन हरिद्वार, उज्जैन एवं नासिक हैं। हिन्दू धर्मग्रन्थों में वर्णित प्रयाग स्थल पवित्रतम नदी गंगा और यमुना के संगम पर स्थित है। यहीं सरस्वती नदी गुप्त रूप से संगम में मिलती है, अतः ये त्रिवेणी संगम कहलाता है, जहां प्रत्येक बारह वर्ष में कुंभ मेला लगता है। इलाहाबाद में कई महत्त्वपूर्ण राज्य सरकार के कार्यालय स्थित हैं, जैसे इलाहाबाद उच्च न्यायालय, प्रधान महालेखाधिकारी (एजी ऑफ़िस), उत्तर प्रदेश राज्य लोक सेवा आयोग (पी.एस.सी), राज्य पुलिस मुख्यालय, उत्तर मध्य रेलवे मुख्यालय, केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड का क्षेत्रीय कार्यालय एवं उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद कार्यालय। भारत सरकार द्वारा इलाहाबाद को जवाहर लाल नेहरू राष्ट्रीय शहरी नवीकरण योजना के लिये मिशन शहर के रूप में चुना गया है। .

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इलाहाबाद/आलेख

इलाहाबाद (اللہآباد), जिसे प्रयाग (پریاگ) भी कहते हैं, उत्तर भारत के राज्य उत्तर प्रदेश के पूर्वी भाग में स्थित एक शहर एवं इलाहाबाद जिले का प्रशासनिक मुख्यालय है। शहर का प्राचीन नाम अग्ग्र (संस्कृत) है, अर्थात त्याग स्थल। हिन्दू मान्यता अनुसार, यहां सृष्टिकर्ता ब्रह्मा ने सृष्टि कार्य पूर्ण होने के बाद प्रथम बलिदान दिया था। यही सबसे बड़े हिन्दी सम्मेलन महाकुंभ की चार स्थलियों में से एक है, शेष तीन हरिद्वार, उज्जैन एवं नासिक हैं। हिन्दू धर्मग्रन्थों में वर्णित प्रयाग स्थल पवित्रतम नदी गंगा और यमुना के संगम पर स्थित है। यहीं सरस्वती नदी गुप्त रूप से संगम में मिलती है, अतः ये त्रिवेणी संगम कहलाता है, जहां प्रत्येक बारह वर्ष में कुंभ मेला लगता है। शहर का वर्तमान नाम मुगल सम्राट अकबर द्वारा १५८३ में रखा गया था। हिन्दी नाम इलाहाबाद का अर्थ अरबी शब्द इलाह (अकबर द्वारा चलाये गए नये धर्म दीन-ए-इलाही के सन्दर्भ से, अल्लाह के लिये) एवं फारसी से आबाद (अर्थात बसाया हुआ) – यानि ईश्वर द्वारा बसाया गया, या ईश्वर का शहर है। शहर में कई महत्त्वपूर्ण राज्य सरकार के कार्यालय स्थित हैं, जैसे इलाहाबाद उच्च न्यायालय, प्रधान महालेखाधिकारी (एजी ऑफ़िस), उत्तर प्रदेश राज्य लोक सेवा आयोग (पी.एस.सी), राज्य पुलिस मुख्यालय, उत्तर मध्य रेलवे मुख्यालय, केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड का क्षेत्रीय कार्यालय एवं उत्तर प्रदेश राज्य हाईस्कूल एवं इंटरमीडियेट शिक्षा कार्यालय। इलाहाबाद भारत के १४ प्रधानमंत्रियों में से ७ से संबंधित रहा है: जवाहर लाल नेहरु, लालबहादुर शास्त्री, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, गुलजारी लाल नंदा, विश्वनाथ प्रताप सिंह एवं चंद्रशेखर; जो या तो यहां जन्में हैं, या इलाहाबाद विश्वविद्यालय से पढ़े हैं या इलाहाबाद निर्वाचन क्षेत्र से चुने गए हैं। भारत सरकार द्वारा इलाहाबाद को जवाहरलाल नेहरु अर्बन रिन्यूअल मिशन(JNNURM) के लिये मिशन शहर के रूप में चुना गया है, जिसके अन्तर्गत शहरी अवसंरचना में सुधार, दक्ष प्रशासन एवं शहरी नागरिकों हेतु आधारभूत सुविधाओं का प्रयोजन करना है। इलाहाबाद में संगम स्थल का दृश्य इलाहाबाद शहर देश के बड़े शहरों से सड़क व रेल यातायात द्वारा जुड़ा हुआ है। शहर में आठ रेलवे-स्टेशन हैं:प्रयाग रेलवे स्टेशन, इलाहाबाद सिटी रेलवे स्टेशन, दारागंज रेलवे स्टेशन, इलाहाबाद जंक्शन रेलवे स्टेशन, नैनी जंक्शन रेलवे स्टेशन, प्रयाग घाट रेलवे स्टेशन, सूबेदारगंज रेलवे स्टेशन और बमरौली रेलवे स्टेशन। .

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इंदर मल्होत्रा

इंदर मल्होत्रा (1930 – 2016) एक भारतीय पत्रकार, संपादक और लेखक थे। वह भारत में कुछ शेष राजनीतिक पर्यवेक्षकों में से एक थे, जो 1947 में औपनिवेशिक शासन से भारत की स्वतंत्रता प्राप्त करने से पैदा हुए थे, और इस के बाद से सक्रिय थे। .

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इंदिरा सागर बाँध

इंदिरासागर का दृष्य इंदिरा सागर बाँध मध्य प्रदेश में नर्मदा नदी पर खण्डवा जिले में नर्मदानगर स्थान पर निर्मित बाँध है। यह एक बहूद्देशीय परियोजना है। इस बाँध की नींव २३ अक्टूबर १९८४ में भारत की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने रखी थी। मुख्य बाँध का निर्माण १९९२ में आरम्भ हुआ। इसके आगे नर्मदा नदी पर ओंकारेश्वर, माहेश्वर और सरदार सरोवर परियोजनाओं के अन्तर्गत बाँध बनाये गये हैं। .

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इंदिरा गांधी प्रियदर्शिनी पुरस्कार

इंदिरा गांधी प्रियदर्शिनी पुरस्कार प्रतिवर्ष 19 नवंबर को भारत की पूर्व प्रधानमन्त्री इंदिरा गांधी के जन्मदिन पर उनकी स्मृति में दिया जाता है। यह पुरस्कार "अखिल भारतीय राष्ट्रीय एकता सम्मेलन" द्वारा स्थापित किया गया है और राष्ट्रीय एकता, अखंडता और भाईचारे को बढ़ावा देने के लिए कार्यरत व्यक्तियों को, इस पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है। .

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इंदिरा गांधी राष्ट्रीय उद्यान

इंदिरा गांधी वन्य जीवन अभयारण्य और राष्ट्रीय उद्यान (आईजीडब्ल्यूएलएस और एनपी) एक संरक्षित क्षेत्र है जिसका नाम प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के नाम पर रखा गया है जिन्होंने 7 अक्टूबर 1961 को पार्क का दौरा किया था। इसे अक्सर टॉपस्लिप कहा जाता है जो पार्क के पूर्वोत्तर कोने में स्थित एक गांव है और आगंतुकों का मुख्य केंद्र है। यह नाम 19वीं सदी की एक स्थानीय प्रथा से उत्पन्न हुआ है जिसमें सागौन की लकड़ी के लट्ठों को पहाड़ियों से नीचे सरकाया जाता था। यह दक्षिण भारत के तमिलनाडु राज्य के कोयंबटूर जिले में पोलाची, वेलपराई और उदुमलपेट तालुकों की अनाईमलाई पहाड़ियों में स्थित है। 108 वर्ग किमी में फैला यह राष्ट्रीय उद्यान 958 वर्ग किमी के इंदिरा गांधी वन्यजीव अभयारण्य का महत्वपूर्ण क्षेत्र है जिसे पहले अनाईमलाई वन्यजीव अभयारण्य कहा जाता था। इसे 1974 में एक अभयारण्य के रूप में अधिसूचित किया गया था और 108 किमी2 क्षेत्र में तीन स्थानों - करियन शोला, ग्रास पहाड़ी और मंजमपट्टी में स्थित इसके विशिष्ट प्राकृतिक आवासों को 1989 में राष्ट्रीय उद्यान के रूप में अधिसूचित किया गया था। पार्क और अभयारण्य, पश्चिमी घाट विश्व विरासत स्थल के एक हिस्से के रूप में यूनेस्को द्वारा विचाराधीन हैं। अनाईमलाई संरक्षण क्षेत्र डिंडीगुल जिले में अभयारण्य और पालनी पहाड़ी से मिलकर बना है। इंदिरा गांधी वन्य जीवन अभयारण्य और राष्ट्रीय उद्यान का मानचित्र .

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इंदिरा गांधी स्मारक, नई दिल्ली

१, सफ़दरजंग मार्ग, नई दिल्ली में हुई थी, जहां उनका स्मारक स्थित है। भारत की पूर्व प्रधान मंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी का स्मारक उनकी हत्या के बाद उनके तत्कालीन कार्यालय १, सफ़दरजंग मार्ग, नई दिल्ली में बना दिया गया। श्रेणी:दिल्ली के दर्शनीय स्थल श्रेणी:राजनैतिक स्मारक.

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इंदिरा गांधी अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र

इंदिरा गांधी अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र भारत की राजधानी एवं राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली का प्रधान अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र है। यह नई दिल्ली नगर केन्द्र से लगभग १६ कि॰मी॰(10 मील) दक्षिण-पश्चिम दिशा में स्थित है। भारत की पूर्व प्रधान मंत्री इंदिरा गाँधी के नाम पर बना यह भारत का व्यस्ततम विमानक्षेत्र है। |वेबदुनिया। । नई दिल्ली। रविवार, 13 मार्च 2011(10:53IST। अभिगमन तिथि: २४ नवम्बर २०१२ हवाई अड्डे के नवीनतम टर्मिनल-३ के चालू हो जाने के बाद से ४ करोड़ ६० लाख यात्री क्षमता तथा वर्ष २०३० तक की अनुमानित यात्री क्षमता १० करोड़ के साथ यह भारत के साथ-साथ पूरे दक्षिण एशिया का सबसे बड़ा और सबसे महत्त्वपूर्ण व्यापार संबंधी विमानन केन्द्र बन गया है। भारत की वाणिज्यिक राजधानी मुंबई के छत्रपति शिवाजी अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र के साथ इसके आंकड़े मिलाकर देखें तो ये दोनों दक्षिण एशिया के आधे से अधिक विमान यातायात को वहन करते हैं। इस विमानक्षेत्र के संचालक दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (डयल) इसे विश्व का अगला अन्तर्राष्ट्रीय ट्रांज़िट हब बनाने के प्रयास कर रहा है। लगभग ५,२२० एकड़ (२,११० हेक्टेयर) की भू-संपदा में विस्तृत, दिल्ली विमानक्षेत्र राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के लिये प्राथमिक नागर विमानन हब (केन्द्र) है। सर्वप्रथम इसका संचालन भारतीय वायु सेना के पास था, जिसके बाद उसने इसका प्रबंधन दायित्व भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण को सौंप दिया। मई २००६ से हवाई अड्डे का प्रबंधन दिल्ली अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट लिमिटेड (डायल) के पास आया। डायल जीएमआर समूह के नेतृत्व में एक संयुक्त उद्यम (ज्वाइन्ट वेन्चर) है। डायल ही विमानक्षेत्र के आगे हो रहे विस्तार एवं आधुनिकीकरण के लिये भी उत्तरदायी है। इस निजीकरण का भरपूर विरोध भाविप्रा कर्मचारियों ने किया, किन्तु अन्ततः ३ मई २००६ को यह प्रबंधन स्थानांतरण संपन्न हो गया। वर्ष २००१-१२ में विमानक्षेत्र से ३५८.८ लाख यात्रियों की आवाजाही संपन्न हुई और यहां के विस्तार कार्यक्रम योजना के अनुसार इसकी क्षमता वर्ष २०३० तक १० करोड़ यात्री तक हो जायेगी। यहां के नये टर्मिनल भवन के २०१० के राष्ट्रमंडल खेलों से पूर्व निर्माण के बाद ही इसकी वार्षिक ३४० लाख यात्रियों की क्षमता है। यहां का टर्मिनल-३ विश्व का ८वां सबसे बड़ा यात्री टर्मिनल है। सितंबर २००८ में यहां ४.४३ कि.मी लंबी नयी उड़ानपट्टी (रनवे-३) का उद्घाटन हुआ था। इंदिरा गांधी अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र को २०१० में एयरपोर्ट काउन्सिल इन्टरनेशनल द्वारा १५०-२५० लाख यात्री श्रेणी में विश्व का चौथा सर्वोत्तम विमानक्षेत्र, एवं एशिया-प्रशांत क्षेत्र में सर्वाधिक प्रगति वाला विमानक्षेत्र होने का सम्मान मिला था। वर्ष २०११ में विमानक्षेत्र को इसी परिषद द्वारा पुनः २.५-४ करोड़ यात्री क्षमता श्रेणी में विश्व का दूसरा सर्वोत्तम विमानक्षेत्र होने का गौरव मिला था। यह स्थान कोरिया के इंचेयन अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र के बाद था। इसके अलावा वर्ष २०११ में ही यह विमानक्षेत्र विश्व का ३४वाँ व्यस्ततम विमानक्षेत्र बना जिसकी यात्री आवागमन संख्या ३,४७,२९,४६७ रही एवं पिछले वर्ष के मुकाबले यातायात में इसने १७.८% की बढ़ोत्तरी भी दर्ज की। .

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कमला नेहरू

कमला कौल नेहरू (१८९९ - १९३६) भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस के शीर्ष नेता एवं भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की धर्मपत्नी थी। उनका विवाह पण्डित नेहरू से ७ फ़रवरी १९१६ को दिल्ली में हुआ था। .

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कमला बेनीवाल

कमला बेनीवाल (जन्‍म: 12 जनवरी 1927) मिज़ोरम की वर्तमान राज्‍यपाल हैं। ये त्रिपुरा और गुजरात की पूर्व राज्‍यपाल रह चुकी हैं और भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस की सबसे वरिष्‍ठ राजनेता हैं। ये लंबे समय तक राजस्‍थान कांग्रेस राज्‍य सरकार में कई महत्‍वपूर्ण मंत्री पद संभाल चुकी हैं। .

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कर्ण सिंह

कर्ण सिंह कर्ण सिंह (जन्म 1931) भारतीय राजनेता, लेखक और कूटनीतिज्ञ हैं। जम्मू और कश्मीर के महाराजा हरि सिंह और महारानी तारा देवी के प्रत्यक्ष उत्तराधिकारी (युवराज) के रूप में जन्मे डॉ॰ कर्ण सिंह ने अठारह वर्ष की ही उम्र में राजनीतिक जीवन में प्रवेश कर लिया था और वर्ष १९४९ में प्रधानमन्त्री पं॰ जवाहरलाल नेहरू के हस्तक्षेप पर उनके पिता ने उन्हें राजप्रतिनिधि (रीजेंट) नियुक्त कर दिया। इसके पश्चात अगले अठारह वर्षों के दौरान वे राजप्रतिनिधि, निर्वाचित सदर-ए-रियासत और अन्तत: राज्यपाल के पदों पर रहे। १९६७ में डॉ॰ कर्ण सिंह प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी के नेतृत्व में केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल किए गए। इसके तुरन्त बाद वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के प्रत्याशी के रूप में जम्मू और कश्मीर के उधमपुर संसदीय क्षेत्र से भारी बहुमत से लोक सभा के सदस्य निर्वाचित हुए। इसी क्षेत्र से वे वर्ष १९७१, १९७७ और १९८० में पुन: चुने गए। डॉ॰ कर्ण सिंह को पहले पर्यटन और नगर विमानन मंत्रालय सौंपा गया। वे ६ वर्ष तक इस मंत्रालय में रहे, जहाँ उन्होंने अपनी सूक्ष्मदृष्टि और सक्रियता की अमिट छाप छोड़ी। १९७३ में वे स्वास्थ्य और परिवार नियोजन मंत्री बने। १९७६ में जब उन्होंने राष्ट्रीय जनसंख्या नीति की घोषणा की तो परिवार नियोजन का विषय एक राष्ट्रीय प्रतिबद्धता के रूप में उभरा। १९७९ में वे शिक्षा और संस्कृति मंत्री बने। डॉ॰ कर्ण सिंह पूर्व रियासतों के अकेले ऐसे पूर्व शासक थे, जिन्होंने स्वेच्छा से निजी कोश(प्रिवी पर्स) का त्याग किया। उन्होंने अपनी सारी राशि अपने माता-पिता के नाम पर भारत में मानव सेवा के लिए स्थापित 'हरि-तारा धर्मार्थ न्यास' को दे दी। उन्होंने जम्मू के अपने अमर महल (राजभवन) को संग्रहालय एवं पुस्तकालय में परिवर्तित कर दिया। इसमें पहाड़ी लघुचित्रों और आधुनिक भारतीय कला का अमूल्य संग्रह तथा बीस हजार से अधिक पुस्तकों का निजी संग्रह है। डॉ॰ कर्ण सिंह धर्मार्थ न्यास के अन्तर्गत चल रहे सौ से अधिक हिन्दू तीर्थ-स्थलों तथा मंदिरों सहित जम्मू और कश्मीर में अन्य कई न्यासों का काम-काज भी देखते हैं। हाल ही में उन्होंने अन्तर्राष्ट्रीय विज्ञान, संस्कृति और चेतना केंद्र की स्थापना की है। यह केंद्र सृजनात्मक दृष्टिकोण के एक महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में उभर रहा है। कर्ण सिंह ने देहरादून स्थित दून स्कूल से सीनियर कैम्ब्रिज परीक्षा प्रथम श्रेणी के साथ उत्तीर्ण की और इसके बाद जम्मू और कश्मीर विश्वविद्यालय से स्नातक उपाधि प्राप्त की। वे इसी विश्वविद्यालय के कुलाधिपति भी रह चुके हैं। वर्ष १९५७ में उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से राजनीतिक विज्ञान में एम.ए. उपाधि हासिल की। उन्होंने श्री अरविन्द की राजनीतिक विचारधारा पर शोध प्रबन्ध लिख कर दिल्ली विश्वविद्यालय से डाक्टरेट उपाधि का अलंकरण प्राप्त किया। कर्ण सिंह कई वर्षों तक जम्मू और कश्मीर विश्वविद्यालय और बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के कुलाधिपति रहे हैं। वे केंद्रीय संस्कृत बोर्ड के अध्यक्ष, भारतीय लेखक संघ, भारतीय राष्ट्र मण्डल सोसायटी और दिल्ली संगीत सोसायटी के सभापति रहे हैं। वे जवाहरलाल नेहरू स्मारक निधि के उपाध्यक्ष, टेम्पल ऑफ अंडरस्टेंडिंग (एक प्रसिद्ध अन्तर्राष्ट्रीय अन्तर्विश्वास संगठन) के अध्यक्ष, भारत पर्यावरण और विकास जनायोग के अध्यक्ष, इंडिया इंटरनेशनल सेंटर और विराट हिन्दू समाज के सभापति हैं। उन्हें अनेक मानद उपाधियों और पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है। इनमें - बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय और सोका विश्वविद्यालय, तोक्यो से प्राप्त डाक्टरेट की मानद उपाधियां उल्लेखनीय हैं। वे कई वर्षों तक भारतीय वन्यजीव बोर्ड के अध्यक्ष और अत्यधिक सफल - प्रोजेक्ट टाइगर - के अध्यक्ष रहने के कारण उसके आजीवन संरक्षी हैं। डॉ॰ कर्ण सिंह ने राजनीति विज्ञान पर अनेक पुस्तकें, दार्शनिक निबन्ध, यात्रा-विवरण और कविताएं अंग्रेजी में लिखी हैं। उनके महत्वपूर्ण संग्रह "वन मैन्स वर्ल्ड" (एक आदमी की दुनिया) और हिन्दूवाद पर लिखे निबंधों की काफी सराहना हुई है। उन्होंने अपनी मातृभाषा डोगरी में कुछ भक्तिपूर्ण गीतों की रचना भी की है। भारतीय सांस्कृतिक परम्परा में अपनी गहन अन्तर्दृष्टि और पश्चिमी साहित्य और सभ्यता की विस्तृत जानकारी के कारण वे भारत और विदेशों में एक विशिष्ट विचारक और नेता के रूप में जाने जाते हैं। संयुक्त राज्य अमरीका में भारतीय राजदूत के रूप में उनका कार्यकाल हालांकि कम ही रहा है, लेकिन इस दौरान उन्हें दोनों ही देशों में व्यापक और अत्यधिक अनुकूल मीडिया कवरेज मिली। .

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कस्तूरबा गांधी राष्ट्रीय स्मारक न्यास

कस्तूरबा गांधी राष्ट्रीय स्मारक न्यास (अंग्रेजी:KASTURBA GANDHI NATIONAL MEMORIAL TRUST) कस्तूरबा गांधी की स्मृति में स्थापित एक न्यास है। यह मध्य प्रदेश के इन्दौर में स्थित है। यही एकमात्र ऐसा न्यास है, जिसे महात्मा गांधी ने स्वयं स्थापित किया था। १९४४ में कस्तूरबा गांधी के निधन के पश्चात गांधीजी ने अपने जन्मदिवस पर सारे देश से एकत्रित एक करोड़ 75 लाख 30 हजार रुपए की राशि से इस न्यास की स्थापना की थी। इसके पहले अध्यक्ष स्वयं गांधीजी रहे। इस न्यास द्वारा देश भर में ग्रामीण विकास व महिलाओं से संबंधित कई कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। कस्तूरबा ग्राम में अभी तक सरदार वल्लभ भाई पटेल, डॉ॰ राजेन्द्र प्रसाद, पं. जवाहरलाल नेहरू, डॉ॰ ज़ाकिर हुसैन से लेकर इंदिरा गांधी तक विभिन्न कार्यक्रमों में आ चुकी हैं। इन्दौर के हुकुमचंद सेठ ने इसके लिए 400 एकड़ जमीन दान दी थी। .

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कामराज योजना

कामराज योजना एक योजना है, जिसमें के. कामराज ने एक सिंडीकेट सिस्टम शुरु किया था जिसमें छः कांग्रेस के केबिनेट मंत्री व छः मुख्यमंत्री ने सता छोड़कर पार्टी के लिए काम किया कामराज 1963 मैं कांग्रेस के अध्यक्ष भी बने। .

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कृष्ण कान्त

कृष्ण कान्त पूर्व भारत के उपराष्ट्रपति थे। .

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कृष्णास्वामी सुंदरजी

जनरल कृष्णास्वामी सुंदरजी, पीवीएसएम (२८ अप्रैल १९३० - ८ फरवरी १९९९), १९८६ से १९८८ तक भारतीय सेना के सेनाध्यक्ष थे। अपने सेना के करियर के दौरान, उन्होंने इंदिरा गांधी के आदेशों के तहत,स्वर्ण मंदिर से आतंकवादियों को बाहर करने के लिए,ऑपरेशन ब्लू स्टार के संचालन की स्वीकृति दी थी । मानव अधिकारों के उल्लंघनों के आरोपों के साथ, सैन्य विफलता के रूप में व्यापक रूप से इसकी आलोचना की गई है। उन्होंने भारतीय सेना के लिए कई तकनीकी सुधारों की शुरुआत की। बोफोर्स स्कैंडल में बोफोर्स होविट्जर की सिफारिश करने में उनकी भूमिका के लिए उनसे भी सवाल किया गया था। सेना प्रमुख के रूप में, उन्होंने राजस्थान सीमा के साथ ऑपरेशन ब्रैस्स्टैक की योजना बनाई और निष्पादित किया जो एक प्रमुख सैन्य अभ्यास था। उनका आधिकारिक नाम कृष्णस्वामी सुंदरराजन था, लेकिन वह सुंदरजी के अनौपचारिक नाम के लोकप्रिय रूप से जाने जाते थे। .

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के. कामराज

के.

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कोयला नगर

कोयला नगर कोयला नगर कोल इण्डिया लिमिटेड की एक अनुषांगिक कम्प्नी भारत कोकिंग कोल लिमीटेड (बी सी सी एल) का मुख्यालय है। कोयला नगर मे बी सी सी एल की मुख्य कार्यालय के साथ एक बहुत बडी क्लोनी है, जहा कर्मचारी रहते है। बी सी सी एल ने लगभग हर सुविधा उपलब्ध कराई है, मसलन खेलने के लिये ईण्डोर और आउटडोर स्टेडियम, तरणताल, डी ए वी विध्यालय, कई सरकारी बैंक, पोस्ट आफिस, शापिंग सेन्टर, समुदायिक भवन आदि। यहा धनबाद जिले का दुरदर्शन केन्द्र है, जिसका उदघाटन तत्कालिन प्रधानमंत्री स्व इन्दिरा गांधी जी के हाथो 1984 ने हुआ था। श्रेणी:संस्थान.

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अनुपम मिश्र

अंगूठाकार अनुपम मिश्र (१९४८–१९ दिसम्बर 2016) जाने माने लेखक, संपादक, छायाकार और गांधीवादी पर्यावरणविद् थे। पर्यावरण-संरक्षण के प्रति जनचेतना जगाने और सरकारों का ध्यानाकर्षित करने की दिशा में वह तब से काम कर रहे थे, जब देश में पर्यावरण रक्षा का कोई विभाग नहीं खुला था। आरम्भ में बिना सरकारी मदद के अनुपम मिश्र ने देश और दुनिया के पर्यावरण की जिस तल्लीनता और बारीकी से खोज-खबर ली है, वह कई सरकारों, विभागों और परियोजनाओं के लिए भी संभवतः संभव नहीं हो पाया है। उनकी कोशिश से सूखाग्रस्त अलवर में जल संरक्षण का काम शुरू हुआ जिसे दुनिया ने देखा और सराहा। सूख चुकी अरवरी नदी के पुनर्जीवन में उनकी कोशिश काबिले तारीफ रही है। इसी तरह उत्तराखण्ड और राजस्थान के लापोड़िया में परंपरागत जल स्रोतों के पुनर्जीवन की दिशा में उन्होंने महत्वपूर्ण काम किया है। .

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अमृत नाहटा

अमृत नाहटा (16 मई 1928 – 26 अप्रैल 2001) एक भारतीय राजनीतिज्ञ, जो तीन बार लोक सभा के लिए चुने गये, तथा फ़िल्म निर्माता थे। वो दो बार बाड़मेर से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सदस्य के रूप में निर्वाचित हुए। यद्दपि उन्होंने आपातकाल के पश्चात कांग्रेस को छोड़ दिया और 1977 में विवादास्पद फ़िल्म किस्सा कुर्सी का बनाने चले गये। उन्होंने एक बार दुबारा जनता पार्टी के प्रत्याशी के रूप में पाली निर्वाचन क्षेत्र से पर्चा भरा और लोकसभा में अपनी सेवायें दी। .

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अरिहंत श्रेणी की पनडुब्बियाँ

अरिहंत श्रेणी (Arihant-class submarine) भारतीय नौसेना के लिए बनाई जाने वाली परमाणु शक्ति वाले बैलिस्टिक मिसाइल पनडुब्बियों की एक श्रेणी है। इन्हे $2.9 बिलियन वाले उन्नत टेक्नोलॉजी वेसल (एटीवी) प्रोजेक्ट के तहत विकसित किया गया था ताकि परमाणु-शक्ति वाली पनडुब्बियों को डिजाइन और निर्मित किया जा सके। इस श्रेणी के प्रमुख पोत, आईएनएस अरिहंत को 2009 में लॉन्च किया गया था और व्यापक समुद्री परीक्षणों के बाद, अगस्त 2016 में शुरू होने की पुष्टि हुई थी। अरिहंत पनडुब्बी संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्यों के अलावा किसी अन्य देश द्वारा बनाई जाने वाली पहली बैलिस्टिक मिसाइल पनडुब्बी है। .

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अशोक सिंघल

अशोक सिंघल (१९२६ - २०१५) हिन्दू संगठन विश्व हिन्दू परिषद के २० वर्षों तक अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष थे। दिसंबर २०११ में बिगड़ते स्वास्थ्य के कारण उन्हें अपना स्थान छोड़ना पड़ा और प्रवीण तोगड़िया ने उनका स्थान लिया। आज वि॰हि॰प॰ की जो वैश्विक ख्याति है, उसमें अशोक सिंघल का योगदान सर्वाधिक है। अशोक सिंघल परिषद के काम के विस्तार के लिए विदेश प्रवास पर भी जाते रहे। वे आजीवन अविवाहित रहे। .

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अशोक गहलोत

अशोक गहलोत का जन्‍म 3 मई 1951 को जोधपुर राजस्‍थान में हुआ। स्‍व॰ श्री लक्ष्‍मण सिंह गहलोत के घर जन्‍मे अशोक गहलोत ने विज्ञान और कानून में स्‍नातक डिग्री प्राप्‍त की तथा अर्थशास्‍त्र विषय लेकर स्‍नातकोत्‍तर डिग्री प्राप्‍त की। गहलोत का विवाह 27 नवम्‍बर, 1977 को श्रीमती सुनीता गहलोत के साथ हुआ। गहलोत के एक पुत्र वैभव गहलोत और एक पुत्री सोनिया गहलोत हैं। श्री गहलोत को जादू तथा घूमना-फिरना पसन्‍द हैं। .

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अकाल तख़्त

अकाल तख़्त (पंजाबी भाषा: ਅਕਾਲ ਤਖ਼ਤ, शाब्दिक अर्थ: काल से रहत परमात्मा का सिंहासन)Fahlbusch E. (ed.) Eerdmans, Grand Rapids, Michigan, 2008.

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उत्तर प्रदेश राज्य बनाम राज नारायण

उत्तर प्रदेश राज्य बनाम राज नारायण (1975 AIR 865, 1975 SCR (3) 333) इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा निर्णीत एक केस था जिसमें भारत की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को चुनावी कदाचार का दोषी पाया गया था। यह केस सन १९७५ में राजनारायण द्वारा दायर किया गया था जो चुनाव में इंदिरा गांधी से हार गये थे। न्यायमूर्ति जगमोहनलाल सिन्हा ने अपने ऐतिहासिक निर्णय में श्रीमती गांधी की जीत को अवैध करार दिया और उन्हें ६ वर्ष के लिये चुने हुए पद पर आसीन होने से रोक लगा दी। इस निर्नय से भारत में एक राजनीतिक संकट खड़ा हो गया और इन्दिरा गांधी ने आपातकाल की घोषणा कर दी जो १९७५ से १९७७ तक रहा। .

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उत्तराखण्ड राज्य आन्दोलन

उत्तराखण्ड राज्य आन्दोलन, उत्तराखण्ड राज्य के बनने से पहले की वे घटनाएँ हैं जो अन्ततः उत्तराखण्ड राज्य के रूप में परिणीत हुईं। राज्य का गठन ९ नवम्बर, २००० को भारत के सत्ताइसवें राज्य के रूप में हुआ। यहाँ पर यह उल्लेखनीय है कि उत्तराखण्ड राज्य का गठन बहुत लम्बे संघर्ष और बलिदानों के फलस्वरूप हुआ। उत्तराखण्ड राज्य की माँग सर्वप्रथम १८९७ में उठी और धीरे-धीरे यह माँग अनेकों समय उठती रही। १९९४ में इस माँग ने जनान्दोलन का रूप ले लिया और अन्ततः नियत तिथि पर यह देश का सत्ताइसवाँ राज्य बना। .

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१२ नवम्बर

१२ नवंबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का ३१६वॉ (लीप वर्ष मे ३१७ वॉ) दिन है। साल मे अभी और ४९ दिन बाकी है। .

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१४ जनवरी

१४ जनवरी ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का १४वाँ दिन है। वर्ष में अभी और ३५१ दिन बाकी है (लीप वर्ष में ३५२)। .

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१९ नवम्बर

१९ नवंबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का ३२३वॉ (लीप वर्ष मे ३२४ वॉ) दिन है। साल मे अभी और ४२ दिन बाकी है। .

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१९ जनवरी

19 जनवरी ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 19वॉ दिन है। साल मे अभी और 346 दिन बाकी है (लीप वर्ष मे 347)। .

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१९१७

1917 ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

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१९७१ का भारत-पाक युद्ध

1971 भारत-पाक युद्ध में पाकिस्तान को बड़ी हार का सामना करना पड़ा। पूर्वी पाकिस्तान आजाद हो गया और बांग्लादेश के रूप में एक नया देश बना। 16 दिसंबर को ही पाकिस्तानी सेना ने सरेंडर किया था। करगिल युद्ध में भूमिका निभाने वाले रिटायर्ड कर्नल बीबी वत्स ने भारत की जीत और पाकिस्तान की हार के 10 बड़े कारण बताए। 1.

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१९७२

१९७२ ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

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१९७७

1977 ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

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१९८०

अभिनेत्री नेहा धुपिया १९८० ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

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१९८४

१९८४ ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

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२३ जून

23 जून ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 174वाँ (लीप वर्ष में 175 वाँ) दिन है। साल में अभी और 191 दिन बाकी हैं। .

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२५ जून

25 जून ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 176वाँ (लीप वर्ष में 177 वाँ) दिन है। साल में अभी और 189 दिन बाकी हैं। .

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३ जुलाई

३ जुलाई ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का १८४वॉ (लीप वर्ष में १८५वॉ) दिन है। वर्ष में अभी और १८१ दिन बाकी है। .

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३१ अक्टूबर

३१ अक्टूबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का ३०४वाँ (लीप वर्ष में ३०५वाँ) दिन है। वर्ष में अभी और ६१ दिन बाकी है। .

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1984 सिख विरोधी दंगे

1984 के सिख विरोधी दंगे भारतीय सिखों के ख़िलाफ़ थे इन दंगो का कारण था इंदिरा गाँधी के हत्या उन्हीं के अंगरक्षकों द्वारा जो की सिख थे। उसी के जवाब में ये दंगे हुए थे। इन दंगो में 3000 से ज़्यादा मौतें हुई थी। सीबीआई के राए में ये सभी हिंसक कृत्य दिल्ली पुलिस के अधिकारिओं और इंदिरा गांधी के बेटे राजीव गांधी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के सहमति से आयोजित किये गए थे। राजीव गाँधी जिन्होंने अपनी माँ की मौत के बाद प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली थी और जो कांग्रेस के एक सदस्य भी थे, उनसे दंगों के बारे में पूछे जाने पर, उन्होंने कहा था, "जब एक बड़ा पेड़ गिरता है, तब पृथ्वी भी हिलती है"। 1970 के दशक में इंदिरा द्वारा लगाए गए भारतीय आपातकाल के दौरान, स्वायत्त सरकार के लिए चुनाव प्रचार के लिए हज़ारों सिखों को क़ैद कर लिया गया था। इस छुट-पुट हिंसा के चलते एक सशस्त्र सिख अलगाववादी समूह को भारत सरकार द्वारा एक आतंकवादी संस्था के रूप में नामित कर दिया गया था। जून 1984 में ऑपरेशन ब्लू स्टार के द्वारा इंदिरा गाँधी ने भारतीय सेना को स्वर्ण मंदिर पे क़ब्ज़ा करने का आदेश दिया और सभी विद्रोहियों को खत्म करने के लिए कहा, क्यूंकि स्वर्ण मंदिर पर हथियार बांध सिख अलगाववादियों से क़ब्ज़ा कर लिया था। भारतीय अर्धसैनिक बलों द्वारा बाद में पंजाब के ग्रामीण इलाक़ों से अलगाववादियों को ख़तम करने के लिए एक ऑपरेशन चलाया था। इन दंगो का मुख्य कारण स्वर्ण मंदिर पर सिक्खो का घेराव करना था। सिक्खो की मांग एक ख़ालिस्तान नाम का एक अलग देश बनाने की थी जहाँ केवल सिख और सरदार ही रहेंगे परन्तु कांग्रेस सरकार इस के लिए तैयार नहीं थी सिख कई चेतावनियों के बाद भी मंदिर को नहीं छोड़ रहे थे इसी के चलते इंदिरा गांधी ने स्वर्ण मंदिर पर से सिक्खों को हटाने के लिए मिलिट्री की सहायता ली वहाँ हुई मुठभेड़ में बहुत से सिख मारे गए। यह देख कर इंदिरा गांधी के दो अंगरक्षक जो के सिख थे उन्होंने 31 अक्तुबर को इंदिरा गांधी पर गोलियाँ चला कर उनकी हत्या कर दी। .

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यहां पुनर्निर्देश करता है:

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