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इतालवी एकीकरण

सूची इतालवी एकीकरण

इतालवी एकीकरण को दर्शाता हुआ नक़्शा, जिसमें विभिन्न राज्यों के संगठित इतालवी साम्राज्य में सम्मिलित होने के वर्ष दिए गए हैं इतालवी एकीकरण, जिसे इतालवी भाषा में इल रिसोरजिमेंतो (Il Risorgimento, अर्थ: पुनरुत्थान) कहते हैं, १९वीं सदी में इटली में एक राजनैतिक और सामाजिक अभियान था जिसने इतालवी प्रायद्वीप के विभिन्न राज्यों को संगठित करके एक इतालवी राष्ट्र बना दिया। इस अभियान की शुरुआत और अंत की तिथियों पर इतिहासकारों में विवाद है लेकिन अधिकतर के मत में यह सन् १८१५ में इटली पर नेपोलियन बोनापार्ट के राज के अंत पर होने वाले वियना सम्मलेन के साथ आरम्भ हुआ और १८७० में राजा वित्तोरियो इमानुएले की सेनाओं द्वारा रोम पर क़ब्ज़ा होने तक चला।, Jeffrey Thompson Schnapp, Olivia E. Sears, Maria G. Stampino, pp.

16 संबंधों: नैपोलियन तृतीय, पूर्वी समस्या, फ्रांस की क्रांति (१८४८), बिस्मार्क, मिलानो, यूरोप में राष्ट्रवाद का उदय, राष्ट्र-राज्य, सारडीनिया, सेडान युद्ध, जर्मनी का एकीकरण, जुज़ॅप्पे गारिबाल्दि, ज्यूसेपे मेत्सिनी, विक्टर इमानुएल द्वितीय, इटली का इतिहास, कैथोलिक गिरजाघर, केमिल बेंसो कावूर

नैपोलियन तृतीय

नैपोलियन तृतीय लुई नैपोलियन् बोनापार्ट (२० अप्रैल १८०८ - ९ जनवरी १८७३ ई.) फ्रांसीसी रिपब्लिक का प्रथम राष्ट्रपति तथा नैपोलियन तृतीय के रूप में द्वितीय फ्रांसीसी साम्राज्य का शासक था। वह नैपोलियन प्रथम का भतीजा तथा उत्तराधिकारी था। .

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पूर्वी समस्या

राजनय के इतिहास में पूर्वी समस्या या प्राच्य समस्या (Eastern Question) से आशय उस्मानी साम्राज्य के कमजोर होने पर यूरोप की महाशक्तियों के बीच उपजे रणनीतिक स्पर्धा एवं राजनैतिक स्थिति से है। १८वीं शताब्दी के अन्त से लेकर २०वीं शताब्दी के अन्त तक उस्मानी साम्राज्य राजनैतिक एवं आर्थिक अस्थिरता से जूझ रहा था। इसे 'यूरोप का रोगी' (sick man of Europe) कहते थे। 'पूर्वी समस्या' के अन्तर्गत एक-दूसरे से जुड़ी अनेकों समस्याएँ थीं, जैसे उस्मानी साम्राज्य की सैनिक पराजय, संस्थानों का दिवाला, उस्मानी साम्राज्य के राजनैतिक एवं आर्थिक आधुनीकरण का अभाव, प्रान्तों में सामाजिक-धार्मिक राष्ट्रीयता का उदय, तथा महाशक्तियों की आपसी प्रतिद्वन्द्विता। पूर्वी समस्या यूरोप के दक्षिण-पूर्वी भाग में स्थित तुर्की साम्राज्य की ईसाई जनता की आजादी की समस्या थी। वस्तुतः पतनोन्मुख तुर्की साम्राज्य ने यूरोप के इतिहास में 19वीं शताब्दी में जिस समस्या को जन्म दिया उसे पूर्वी समस्या कहते हैं। यह बहुत ही जटिल, उलझी हुई तथा विभिन्न देशों के परस्पर विरोधी हितों से सम्बन्धित थी। इस समस्या ने प्रथम युद्ध की पृष्ठभूमि का कार्य किया। इतिहासकार सी.डी.

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फ्रांस की क्रांति (१८४८)

सन १८४८ में पूरे यूरोप में क्रान्ति की तरंग छायी हुई थी। १८४८ की फ्रांस की क्रान्ति के फलस्वरूप ओर्लियन राजतन्त्र (१८३०-४८) का अन्त हुआ तथा द्वितीय फ्रांसीसी गणतंत्र की स्थापना हुई। .

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बिस्मार्क

250px ओटो एडुअर्ड लिओपोल्ड बिस्मार्क (1 अप्रैल 1815 - 30 जुलाई 1898), जर्मन साम्राज्य का प्रथम चांसलर तथा तत्कालीन यूरोप का प्रभावी राजनेता था। वह 'ओटो फॉन बिस्मार्क' के नाम से अधिक प्रसिद्ध है। उसने अनेक जर्मनभाषी राज्यों का एकीकरण करके शक्तिशाली जर्मन साम्राज्य स्थापित किया। वह द्वितीय जर्मन साम्राज्य का प्रथम चांसलर बना। वह "रीअलपालिटिक" की नीति के लिये प्रसिद्ध है जिसके कारण उसे "लौह चांसलर" के उपनाम से जाना जाता है। वह अपने युग का बहुत बड़ा कूटनीतिज्ञ था। अपने कूटनीतिक सन्धियों के तहत फ्रांस को मित्रविहीन कर जर्मनी को यूरोप की सर्वप्रमुख शक्ति बना दिया। बिस्मार्क ने एक नवीन वैदेशिक नीति का सूत्रपात किया जिसके तहत शान्तिकाल में युद्ध को रोकने और शान्ति को बनाए रखने के लिए गुटों का निर्माण किया। उसकी इस 'सन्धि प्रणाली' ने समस्त यूरोप को दो गुटों में बांट दिया। .

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मिलानो

मिलान (Milano,; पश्चिमी लोम्बार्ड: मिलान) इटली का एक शहर और लोम्बार्डी क्षेत्र और मिलान प्रान्त की राजधानी है। मूल शहर की जनसंख्या लगभग 1,300,000 है, जबकि शहरी क्षेत्र 4,300,000 की अनुमानित जनसंख्या के साथ यूरोपीय संघ में पांचवा सबसे बड़ा है। इटली में सबसे बड़े, मिलान महानगरीय क्षेत्र की आबादी, OECD द्वारा अनुमानित तौर पर 7,400,000 है। शहर की स्थापना मीडियोलेनम नाम के तहत केल्टिक लोग इनसबरेस द्वारा की गई थी। इसे बाद में ई.पू.

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यूरोप में राष्ट्रवाद का उदय

बास्तीय के किले पर आक्रमण ज्यूसेपे मेत्सिनी: इटली के एकीकरण का अग्रदूत 18वीं सदी में कई देश जैसे जर्मनी, इटली तथा स्विटजरलैण्ड आदि उस रूप में नहीं थे जैसा कि आज हम इन्हें देखते हैं। ये छोटे-छोटे राज्यों में विभाजित थे जिनका अपना स्वतन्त्र शासक था। 1789 ई॰ की फांसीसी क्रान्ति से पहले फांस एक ऐसा राज्य था जिनके सम्पूर्ण भू-भाग पर एक निरकुंश राजा का शासन था। नेपोलियन की संहिता - इसे 1804 में लागू किया गया। इसने जन्म पर आधरित विशेषाधिकारों को समाप्त कर दिया इसनें न केवल न्याय के समक्ष समानता स्थापित की बल्कि सम्पत्ति के अध्किर को भी सुरक्षित किया। १९वीं शताब्दी में यूरोपीय महाद्वीप में राष्ट्रवाद की एक लहर चली जिसने यूरोपीय देशों का कायाकल्प कर दिया। जर्मनी, इटली, रोमानिया आदि नवनिर्मित देश कई क्षेत्रीय राज्यों को मिलाकर बने जिनकी राष्ट्रीय पहचान 'समान' थी। यूनान, पोलैण्ड, बल्गारिया आदि स्वतंत्र होकर राष्ट्र बन गये। यूरोप के राजनीतिक विकास में राष्ट्रवाद की प्रमुख भूमिका थी। .

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राष्ट्र-राज्य

राष्ट्र-राज्य उस राज्य (स्टेट) को कहते हैं जो राज्य की राजनैतिक सत्ता (entity) को उसकी सांस्कृतिक सत्ता से मिला देती है। .

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सारडीनिया

आधुनिक इटली का एक प्रांत है प्राचीन काल में एक राजतंत्र था इसी की अगुआई में १९ वी शताब्दी में इटली का एकीकरण पूरा हुआ था.

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सेडान युद्ध

सेडॉन युद्ध का मानचित्र सेडान युद्ध (Battle of Sedan) फ्रांस-प्रशा युद्ध के दौरान १ सितम्बर १८७० को हुआ था। नैपोलियन तृतीय और उसके बहुत सारे सैनिक पकडे गये। इस युद्ध में सभी दृष्टियों से प्रशा एवं उसके सहयोगियों की जीत हुई। इसके बावजूद नयी फ्रांसीसी सरकार ने युद्ध जारी रखा। .

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जर्मनी का एकीकरण

एकीकृत जर्मनी (१८७१ में) १८ जनवरी १८७१ को वर्सेली के 'हॉल ऑफ मिरर्स' में जर्मन साम्राज्य की स्थापना मध्य यूरोप के स्वतंत्र राज्यों (प्रशा, बवेरिआ, सैक्सोनी आदि) को आपस में मिलाकर १८७१ में एक राष्ट्र-राज्य व जर्मन साम्राज्य का निर्माण किया गया। इसी ऐतिहासिक प्रक्रिया का नाम जर्मनी का एकीकरण है। इसके पहले यह भूभाग (जर्मनी) ३९ राज्यों में बंटा हुआ था। इसमें से ऑस्ट्रियाई साम्राज्य तथा प्रशा राजतंत्र अपने आर्थिक तथा राजनीतिक महत्व के लिये प्रसिद्ध थे। .

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जुज़ॅप्पे गारिबाल्दि

जुज़ॅप्पे गारिबाल्दि जुज़ॅप्पे गारिबाल्दि (इतालवी: Giuseppe Garibaldi, जन्म: 4 जुलाई 1807, देहांत: 2 जून 1882) इटली के एक राजनैतिक और सैनिक नेता थे जिन्होने इटली के इतिहास में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी। कावूर, विक्तर एमानुएल द्वितीय तथा मेत्सिनी के साथ गारिबाल्दि का नाम भी इटली के 'पिताओं' में सम्मिलित है। गारिबाल्दि जब पैदा हुए तब इटली कई राज्यों में खंडित था और यूरोप की बाकी शक्तियों के रहम-ओ-करम पर था। पहले उन्होंने "कारबोनारी" नाम के गुप्त राष्ट्रवादी क्रन्तिकारी संगठन के साथ नाता जोड़ा लेकिन एक असफल विद्रोह के बाद उन्हें इटली छोड़ना पड़ा। फिर उन्होंने दक्षिण अमेरिका में कई विद्रोहों और लड़ाइयों में हिस्सा लिया। उसके बाद वे वापस इटली आए और इटली को एक करने की लड़ाई में मुख्य रणनीतिकार रहे। आधुनिक युग में इतालवी लोग उन्हें एक देशभक्त नेता मानते हैं और आदर से देखते हैं। .

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ज्यूसेपे मेत्सिनी

ज्यूसेपे मेत्सिनी ज्यूसेपे मेत्सिनी (Giuseppe Mazzini;उच्चारण; 22 जून 1805 – 10 मार्च 1872) इटली का राजनेता, पत्रकार तथा एकीकरण का कार्यकर्ता था। इसको 'इटली का स्पन्दित हृदय' कहा जाता था। उसके प्रयत्नों से इटली स्वतंत्र तथा एकीकृत हुआ। वीर सावरकर मेत्सिनी को अपना आदर्श नायक मानते थे। .

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विक्टर इमानुएल द्वितीय

विक्तर इमनुएल द्वितीय विक्तर एमानुएल द्वितीय (Victor Emanuel II; इतालवी: Vittorio Emanuele Maria Alberto Eugenio Ferdinando Tommaso; १८२० - १८७८) वर्तमान इटली के 'जनक' (Father of the Fatherland; इतालवी: Padre della Patria) माने जाते हैं। उनका नाम जर्मनी के प्रिंस बिस्मार्क और भारत के सरदार पटेल के दर्जे का माना जाता है। इन्होंने अनेक राज्यों में विभक्त देश को एक कर वर्तमान इटली का रूप दिया, सीमावर्ती प्रबल देशों से उसे निर्भय बनाया और उसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठा दिलायी। .

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इटली का इतिहास

प्राचीन रोम की प्रतीक मादा भेड़िया इटली का इतिहास ईसा पूर्व ९वीं शताब्दी से आरम्भ होता है। इसी समय वर्तमान इटली के केन्द्रीय भाग में इतालवी जनजातियों के अस्तित्व के प्रमाण मिलते हैं। भाषाई रूप से वे मुख्यतः तीन भाषाएँ बोलते थे- ओस्कान (Oscan), अम्ब्रिआन (Umbrian) तथा लातिन (Latin)। कालान्तर में ३५० ईसापूर्व जब रोम शक्तिशाली नगर-राज्य के रूप में उभरा तो लातिन संस्कृति का वर्चस्व स्थापित होता गया। रोमन पूर्व काल में ८वीं शती ईसापूर्व वृहत यूनान (Magna Graecia) नामक सभ्यता भी थी जब यूनानी लोग इटली के दक्षिणी भागों में बसने लगे थे। बाद में रोमन साम्राज्य का पूरे पश्चिमी योरप तथा भूमध्य क्षेत्र पर कई शताब्दियों तक वर्चस्व रहा। ४७६ ई के आसपास जब रोमन साम्राज्य का पतन हुआ तो इटली लगभग एक हजार वर्षों तक छोटे-छोटे नगर-राज्याँ के रूप में बिखरा रहा और अन्ततः विभिन्न विदेशी शक्तियों के अधीन आ गया। इटली के कुछ भागों पर स्पेनियों का अधिकार हो गया, कुछ पर आस्ट्रियाई तथा दूसरे विश्वयुद्ध में इटली ने धुरीराष्ट्रों का साथ दिया। मित्रराष्ट्रों की विजय के पश्चात् इटली से फासिस्त सत्ता का अंत हुआ। .

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कैथोलिक गिरजाघर

कैथोलिक गिरजाघर, जिसे रोमन कैथोलिक गिरजाघर के रूप में भी जाना जाता है, दुनिया का सबसे बड़ा ईसाई गिरजाघर है, दावे के अनुसार इसके सौ करोड़ से अधिक सदस्य हैं।.

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केमिल बेंसो कावूर

इटली के प्रथम प्रधानमंत्री: केमिल बेंसो कावूर केमिल बेंसो कावूर (इतालवी: Camillo Benso Conte di Cavour; अंग्रेजी: Camillo Paolo Filippo Giulio Benso, Count of Cavour, of Isolabella and of Leri; १८१०-१८६१) इटली का राजमर्मज्ञ (स्टेट्समैन)ञ तथा इटली के एकीकरण आन्दोलन का प्रमुख नेता था। वह मूल लिबरल पार्टी का संस्थापक था। इटली के एकीकरण के बाद वह इटली का प्रधानमन्त्री बना किन्तु केवल तीन माह पश्चात उसकी मृत्यु हो गयी। .

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इटली का एकीकरण

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