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इण्डियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड

सूची इण्डियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड

इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (हिन्दी: भारतीय तेल निगम) एक फॉर्च्यून 500 कंपनी (2009 में 105 वें स्थान पर) है जो भारत सरकार की सबसे बडी़ एकीकृत तेल शोधन और विपणन करने वाली सार्वजनिक क्षेत्र की कम्पनी है। इंडियन ऑयल को सरकार द्वारा नवरत्न का दर्जा प्राप्त है। भारत मे इसका पेट्रोलियम उत्पादों के विपणन मे कुल हिस्सा 47 % और तेल शोधन मे 40 % है। भारत की कुल १९ तेल परिशोधिकाओं मे से १० इंडियन ऑयल के स्वामित्व के आधीन हैं। इंडियनऑयल भारत की अग्रणी राष्ट्रीय तेल कंपनी है और इसके व्यापारिक हित समस्त हाईड्रोकार्बन मूल्य श्रृंखला में व्याप्त हैं- जिसमें तेलशोधन, पाइपलाइन परिवहन और पेट्रोलियम उत्पादों के विपणन से लेकर कच्चे तेल और गैस की खोज तथा उत्पादन, प्राकृतिक गैस और पेट्रो रसायनों का विपणन शामिल है। फार्च्यून ‘ग्लोबल 500’ सूची में यह अग्रणी भारतीय निगमित कंपनी है जिसे वर्ष 2010 में 125वां स्थान दिया गया था। 34,000 से अधिक सुदृढ़ कार्यबल के साथ, इंडियनऑयल द्वारा भारत की ऊर्जा मांग को पिछले पचास वर्षों से अधिक समय से पूरा करने में सहायता की जा रही है। भारत की ऊर्जा के निगमित विज़न के साथ, इंडियनऑयल द्वारा वर्ष 2009-10 के दौरान 2,71,074 करोड़ रुपये की कुल बिक्री और 10,221 करोड़ रुपये का लाभ अर्जित किया गया। इंडियनऑयल में, प्रचालनों को व्यवसाय आयामों अर्थात – तेलशोधन, पाइपलाइन, विपणन, अनुसंधान और विकास केंद्र तथा व्यवसाय विकास- ई एण्ड पी, पेट्रो रसायनों और प्राकृतिक गैस के साथ कार्यनीतिक रूप से संरचित किया जाता है। विकास के अगले चरण को प्राप्त करने के लिए, इंडियनऑयल वर्तमान में ऊर्ध्‍वाधर (वर्टिकल) एकीकरण के माध्यम से सुस्थापित मार्ग पर पूरे जोर शोर से आगे बढ़ रही है और अपने डाउनस्ट्रीम प्रचालनों के वैश्वीकरण के अलावा – तेल की खोज और उत्पादन (ई एण्ड पी) में अपस्ट्रीम तथा पेट्रो रसायनों में डाउनस्ट्रीम- और प्राकृतिक गैस विपणन और वैकल्पिक ऊर्जा में अपने सपनों को साकार करने में संलग्न है। श्री लंका, मारिशस तथा संयुक्त राज्य अमीरात (यूएई) में सहायक कंपनियों की स्थापना के बाद, साथ ही साथ इंडियनऑयल एशिया और अफ्रीका के ऊर्जा बाजारों में नए कारोबारी अवसरों की खोज भी कर रही है। .

10 संबंधों: डिगबोई तेल शोधनागार, नवरत्न कम्पनियाँ, बरौनी तेल शोधनागार, बेगूसराय, भारत के तेल शोधनागारों की सूची, भारत के सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम, भारतीय कंपनियों की सूची, मुथैया मुरलीधरन, रिलायन्स इण्डस्ट्रीज, जयपुर का इंडियन ऑयल डिपो अग्निकांड

डिगबोई तेल शोधनागार

डिगबोई तेल शोधनागार (रिफाइनरी) को असम ऑइल कंपनी लिमिटेड द्वारा 1901 में डिगबोई में स्थापित किया गया था। यह एशिया की सबसे पुरानी और सबसे लम्बे समय से परिचालित तेल रिफाइनरी है। 1981 से इण्डियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (आईओसी) ने असम तेल कंपनी लिमिटेड की रिफाइनरी और विपणन प्रबंधन अपने हाथ में लिया और एक अलग विभाग बनाया। यह विभाग तेल शोधन और विपणन दोनों अभियानों के लिए जिम्मेदार है। डिगबोई तेल शोधनागार में रिफाइनरी स्थापित क्षमता 0.50 एमएमटीपीए (मिलियन मीट्रिक प्रतिवर्ष टन) था। रिफाइनरी की शोधन क्षमता में जुलाई, 1996 में रिफाइनरी के आधुनिकीकरण से 0.65 एमएमटीपीए की वृद्धि हुई थी। 1999 में 1,70,000 टीपीए क्षमता का एक नया कोकिंग यूनिट चालू किया गया। माइक्रोक्रिस्टेलाइन मोम का उत्पादन बढ़ाने के लिए एक नए साल्वेंट डीवाक्सिंग यूनिट 2003 में स्थापित और चालू किया गया। रिफाइनरी भी डीज़ल की गुणवत्ता में सुधार करने के लिए 2002 में हाइड्रोट्रीटर-युओपी स्थापित किया है। .

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नवरत्न कम्पनियाँ

भारत सरकार ने सन् १९९७ में नौ सार्वजनिक उद्यमों की पहचान की जो तुलनात्मक रूप से फायदे की स्थिति में थे और इनमें अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विशाल उद्यमों के रूप में उभरने की क्षमता थी। उस समय बीएचईएल, बीपीसीएल, जीएआईएल, एचपीसीएल, आईओसी, एमटीएनएल, एनटीपीसी, ओएनजीसी और सेल को नवरत्न कहा गया था। किन्तु इस समय "नवरत्न" का दर्जा प्राप्त सार्वजनिक उपक्रमों की संख्या २३ हो गयी है। इन सार्वजनिक उद्यमों को पूंजीगत खर्चों, संयुक्त प्रौद्योगिकी उद्यम तथा सामरिक साझीदारी स्थापित करने, संगठनात्मक पुनर्गठन करने, बोर्ड स्तर से नीचे के पदों के सृजन तथा समापन, स्वदेशी तथा अंतर्राष्ट्रीय बाजार से पूंजी उठाने, संयुक्त वित्तीय उद्यम तथा पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनियां आदि स्थापित करने के बारे में और ज्यादा स्वायतत्ता तथा अधिकार दिए गए थे। .

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बरौनी तेल शोधनागार

बरौनी तेल शोधनागार भारत के बिहार राज्य के बरौनी में स्थित है। इसे इण्डियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड चलाती है। रुस और रोमानिया के मदत से बना ये शोधनागार १९६४ से कार्यरत है। श्रेणी:भारत की तेल रिफाइनरियाँ.

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बेगूसराय

बेगूसराय बिहार प्रान्त का एक जिला है। बेगूसराय मध्य बिहार में स्थित है। १८७० ईस्वी में यह मुंगेर जिले के सब-डिवीजन के रूप में स्थापित हुआ। १९७२ में बेगूसराय स्वतंत्र जिला बना। .

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भारत के तेल शोधनागारों की सूची

भारत में कुल मिलाकर २३ तेल शोधनागार है। दिसंबर २०१७ के अनुसार इन सब की मिलाकर कुल क्षमता २४७.६ एमएमटीपीए (मिलियन मीट्रिक टन प्रति वर्ष) है। .

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भारत के सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम

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भारतीय कंपनियों की सूची

यह सूची भारत में स्थित बड़ी कंपनियों की सूची है। ध्यात्व्य है की यह सूची अपूर्ण है और इसमें हर आकार-प्रकार की कंपनियों का समावेश नहीं हुआ है। कंपनियों के बारे में जानकारी दिये गये कड़ियों (जालस्थल के पता) से ली जा सकती है। राजस्व अर्जित करने की दृष्टि से भारत की सबसे बड़ी कंपनियाँ: .

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मुथैया मुरलीधरन

मुथैया मुरलीधरन (முத்தையா முரளிதரன், මුත්තයියා මුරලිදරන්, जन्म 1972), मुरली के नाम से प्रसिद्ध, एक श्रीलंकाई क्रिकेटर हैं जिन्हें विजडन क्रिकेटर्स अलमनाक द्वारा 2002 में अब तक के महानतम टेस्ट मैच गेंदबाज का दर्जा दिया गया था। मुथैया मुरलीधरन श्रीलंकाई क्रिकेट खिलाड़ी हैं। उन्होंने 22 जुलाई 2010 में अपने अंतिम टेस्ट मैच की अपनी अंतिम गेंद पर अपना 800वां और अंतिम विकेट लेकर 2010 में टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लिया। मुरलीधरन टेस्ट क्रिकेटक्रिकइन्फो, और एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैचों (ओडीआई), दोनों में सबसे अधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज हैं।क्रिकइन्फो, उन्होंने 2009 में कोलंबो में गौतम गंभीर का विकेट लेकर वसीम अकरम के 502 विकेटों के ओडीआई रिकॉर्ड को पार कर लिया था। मुरलीधरन उस समय टेस्ट क्रिकेट में सर्वाधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज बन गए जब उन्होंने 2007 को पिछले रिकॉर्ड धारक शेन वार्न को पीछे छोड़ दिया। मुरलीधरन ने पहले यह रिकॉर्ड उस समय कायम किया था जब उन्होंने 2004 में कोर्टनी वॉल्श के 519 विकेटों को पीछे छोड़ दिया था लेकिन उसी वर्ष बाद में उनके कंधे में चोट लग गयी और तब वार्न उनसे आगे निकल गए थे। छह विकेट प्रति टेस्ट के औसत से मुरलीधरन इस खेल में सबसे सफल गेंदबाजों में से एक रहे हैं। मुरलीधरन लगातार 1,711 दिनों की एक रिकार्ड अवधि में 214 टेस्ट मैचों के लिए इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल की खिलाड़ियों की रैंकिंग की टेस्ट गेंदबाज श्रेणी में पहले स्थान पर बने रहे। वे तमिल यूनियन क्रिकेट और एथलेटिक क्लब के लिए घरेलू क्रिकेट खेलते हैं और इंडियन प्रीमियर लीग के 2010 सीजन तक चेन्नई सुपर किंग्स के साथ जुड़े हुए थे। नवनिर्मित कोच्चि फ्रैंचाइजी ने 2011 सीजन के लिए मुरली की सफल बोली लगाई| मुरलीधरन का करियर विवादों से घिरा रहा है, उनकी गेंदबाजी शैली पर अंपायरों और क्रिकेट समुदाय के वर्गों द्वारा कई बार सवाल उठाये गए। कृत्रिम खेल परिस्थितियों के तहत जैव–रासायनिक विश्लेषण के बाद मुरलीधरन की शैली को पहले 1996 में और फिर 1999 में इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल द्वारा सही ठहराया गया। आस्ट्रेलिया के पूर्व टेस्ट खिलाड़ी ब्रूस यार्डली जो अपने समय में स्वयं एक ऑफ स्पिनर थे, उन्हें यह सुनिश्चित करने का कार्य सौंपा गया कि क्या मुरलीधरन अपनी सभी गेंदों को उसी जोश के साथ डाल पाते हैं जैसा कि उन्होंने 2004 में परीक्षण के समय की मैच परिस्थितियों में किया था। मुरलीधरन ने उस समय तक 'दूसरा' की गेंदबाजी शुरू नहीं की थी। उनकी 'दूसरा' की वैधता पर 2004 में पहली बार सवाल उठाया गया। इस डिलीवरी को आईसीसी की कोहनी विस्तार सीमाओं से नौ डिग्री तक बढ़ा हुआ पाया गया, उस समय स्पिनरों के लिए पांच डिग्री की सीमा थी। गेंदबाजी की शैलियों पर आधिकारिक अध्ययनों के आधार पर यह खुलासा हुआ कि सभी गेंदबाजों में 99 प्रतिशत कोहनी के विस्तार की सीमा से आगे चले जाते थे, आईसीसी ने 2005 में सभी गेंदबाजों पर लागू होने वाली सीमाओं को संशोधित कर दिया। मुरलीधरन का 'दूसरा' संशोधित सीमाओं के दायरे में आता है। फरवरी 2009 में क्रिकेट के दोनों स्वरूपों में सर्वाधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज बनने के बाद मुथैया मुरलीधरन ने संकेत दिया है कि वे 2011 के विश्व कप के समापन पर संन्यास ले सकते हैं। उन्होंने कहा "मुझे लगता है मैं अपने शरीर और दिमाग से फिट हूँ, मैं अपने क्रिकेट का आनंद ले रहा हूँ और अधिक से अधिक खेलना चाहता हूँ.

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रिलायन्स इण्डस्ट्रीज

रिलायंस इंडस्ट्रीज़ लिमिटेड.

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जयपुर का इंडियन ऑयल डिपो अग्निकांड

जयपुर इंडियन ऑयल डिपो अग्निकांड गुरूवार २९ अक्टूबर २००९ को हुआ था। इस अग्निकाण्ड में राजस्थान राज्य की राजधानी जयपुर शहर के निकट स्थित सांगानेर में इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड के तेल भण्डार डिपो में भीषण आग लग गई जिसमें कंपनी को जहाँ करोड़ों की हानि हुई, वहीं इस दुर्घटना में ११ लोगों की मृत्यु भी हो गयी। .

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