इंदिरा गांधी मातृत्व सहयोग योजना (Indira Gandhi Matritva Sahyog Yojana (IGMSY) के अंतर्गत गर्भवती और दूध पिलाने वाली महिलाओं को कुछ शर्तों के साथ मातृत्व लाभ पहुंचाए जाते हैं जिनका उद्देश्य उनके स्वास्थ्य और पोषण की स्थिति में सुधार लाना है ताकि दूध पिलाने वाली और गर्भवती स्त्रियों के माहौल में सुधार किया जा सके और इसके लिए उन्हें नकद प्रोत्साहन राशि दी जा सके। इसे समन्वित बाल विकास सेवाओं की योजना के मंच से लागू किया जा रहा है। इस योजना की शुरूआत अक्तूबर 2010 में प्रायोगिक आधार पर पर की गई थी और अब यह 53 चुनिंदा जिलों में चल रही हैं। फिलहाल लाभार्थियों को दो किस्तों में 6,000 रुपए बैंक अथवा डाकघर खातों के जरिए दिए जाते हैं। पहली किस्त गर्भावस्था के 7-9 महीनों के दौरान दी जाती है और दूसरी किस्त की रकम कुछ शर्तें पूरी करने के बाद प्रसूति के 6 महीने बाद दी जाती है। सभी सरकारी/सार्वजनिक उपक्रम(केन्द्रीय तथा राज्य) के कर्मचारी इस योजना का लाभ उठाने के हकदार नहीं होंगे क्योंकि उन्हें वेतन सहित मातृत्व अवकाश दिया जाता है। यह योजना देश के 53 जिलों में प्रायोगिक आधार पर लागू की जा रही हैं' .
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