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इंग्लैण्ड

सूची इंग्लैण्ड

इंग्लैण्ड (अंग्रेज़ी: England), ग्रेट ब्रिटेन नामक टापू के दक्षिणी भाग में स्थित एक देश है। इसका क्षेत्रफल 50,331 वर्ग मील है। यह यूनाइटेड किंगडम का सबसे बड़ा निर्वाचक देश है। इंग्लैंड के अलावा स्कॉटलैंड, वेल्स और उत्तर आयरलैंड भी यूनाइटेड किंगडम में शामिल हैं। यह यूरोप के उत्तर पश्चिम में अवस्थित है जो मुख्य भूमि से इंग्लिश चैनल द्वारा पृथकीकृत द्वीप का अंग है। इसकी राजभाषा अंग्रेज़ी है और यह विश्व के सबसे संपन्न तथा शक्तिशाली देशों में से एक है। इंग्लैंड के इतिहास में सबसे स्वर्णिम काल उसका औपनिवेशिक युग है। अठारहवीं सदी से लेकर बीसवीं सदी के मध्य तक ब्रिटिश साम्राज्य विश्व का सबसे बड़ा और शकितशाली साम्राज्य हुआ करता था जो कई महाद्वीपों में फैला हुआ था और कहा जाता था कि ब्रिटिश साम्राज्य में सूर्य कभी अस्त नहीं होता। उसी समय पूरे विश्व में अंग्रेज़ी भाषा ने अपनी छाप छोड़ी जिसकी वज़ह से यह आज भी विश्व के सबसे अधिक लोगों द्वारा बोले व समझे जाने वाली भाषा है। .

1185 संबंधों: चम्पत राय जैन, चारवेल नदी, चार्टर आन्दोलन, चार्ल्स डार्विन, चार्ल्स डिकेंस, चार्ल्स द्वितीय, चार्ल्स द्वितीय, इंग्लैंड, चार्ल्स ब्रेडलॉफ, चार्ल्स लूसियन बोनापार्ट, चार्ल्स शेफर्ड, चार्ल्स वेण्टवर्थ, चार्ली चैप्लिन, चांसलर, चित्तरंजन दास, चौर्य व्यापार, चेन्नई, चेन्नई में पर्यटन, चेप्स्टो, चेसिंग लिबर्टी, चेस्टफ़ील्ड, टाटा इंडिका, टार्ज़न, टाइम बॉल, टिम बर्टन, टिम बर्नर्स ली, ट्यूडर राजवंश, ट्रांसपोर्ट फ़ॉर लंदन, ट्रैफिक लाइट, ट्रैक सायकलिंग, ट्रेजर आइलैंड, ट्विंकल ट्विंकल लिटिल स्टार, ट्विकेनहैम स्टेडियम, टैंक, टेस्ट क्रिकेट, टेस्को, टॉम हार्डी, टॉम हिडलस्टन, टॉम हॉलैंड (अभिनेता), टॉम हॉलेंड (अभिनेता), टोनी एबॉट, टी एस एलियट, ऍथलस्टैन ए, ऍक्ट ऑफ़ सेटलमेंट, १७०१, ए ओ ह्यूम, एचएएल ध्रुव, एचबीओएस (HBOS), एञ्थनी ईडन, एडिडास, एडिनबर्ग, एडवर्ड बर्नेट टाइलर, ..., एडवर्ड हीथ, एडवर्ड गिबन, एडवर्ड्स इंग्लिश स्कूल, जामतारा, एडविना माउंटबेटन, एडोस इंटरएक्टिव, एण्ड्रू बोनार ला, एन हेडन जोन्स, एन्ड्रेस इनिएस्‍टा, एफी जार्विस, एबरडीन, एयरबस, एरिक कैंटोना, एर्टन सेना, एलिज़ाबेथ प्रथम, एल्फ़्रेड हिचकॉक, एलेस्टेयर कुक, एलेक डगलस-ह्यूम, एलेक्स पेटीफर, एलेक्स फर्ग्यूसन, एसेक्स, एंगारी, एक्स ला चैपल संधि (१६६८), ए॰ जे॰ एयर, ऐन, ग्रेट ब्रिटेन की महारानी, ऐना पॉपलवेल, ऐन्मर हॉल, ऐनी मोन्सन, ऐनी स्टीवेनसन, ऐल्डस हक्स्ले, ऐशबोर्न, ऐंग्लिकन समुदाय, ऐंग्लो-सैक्सन, ऐंग्लो-सैक्सन भाषा, ऐंग्लो-सैक्सन क्रानीकल, झज्जर, झुम्पा लाहिड़ी, ठाकुर गदाधर सिंह, डबलरोटियों की सूची, डबलिन, डब्ल्यू॰ऐच॰ स्मिथ, डब्लू जी ग्रेस, डरहम काउंटी क्रिकेट क्लब, डर्बी, डर्बी संग्रहालय एवं कला दीर्घा, डर्बीशायर काउंटी क्रिकेट क्लब, डाटदार पुल, डार्लिंगटन, डिएगो माराडोना, डिवोनी कल्प, डकैती, डुनेडिन, ड्रैगन हार्ट, डैनियल रैड्क्लिफ़, डैनियल लैम्बर्ट, डैनियल लॉयड, डैनिस गैबर, डैनी बॉयल, डैरेन सेमी, डेटॉल (साबुन), डेनमार्क, डेफ लेपार्ड, डेविड बेखम, डेविड रिकार्डो, डेविड लिविंग्स्टन, डेविड लौय्ड जार्ज, डेविड हार्डिमन, डेविड विले, डॉ शरण शिवराज पाटिल, डॉन ब्रैडमैन, डॉकयार्ड, डोनाल्ड स्मिथ, डी एन ए अंगुली छापन, ढलवां लोहा, ढोर, तनु वेड्स मनु रिटर्न्स, तरण ताल, ताश, ताजमहल, तवलीन सिंह, त्यागराज क्रीड़ा परिसर, तृतीय गोलमेज सम्मेलन, तेन्जिंग नॉरगे, तेज गेंदबाज़ी, थामस पेल्हम-होलेस, थामस जेफरसन, थाई भाषा, थैचड हाउस लॉज, थॉमस पेन, थॉमस हार्डी, थॉमस हिल ग्रीन, द एशेज, द फ़ेयरी क्वीन, द फॅलोशिप ऑफ़ द रिंग, द रुइन्स ऑफ़ होलीरूड चैपल, द रॉक होटल, द हू, द जंगल बुक, द वुमैन इन ब्लैक, द व्हाइट क्वीन, द ओवल, द इंडियन वॉर ऑफ इंडिपेंडेंस - १८५७, द क्रॉनिकल्स ऑफ़ नार्निया (फ़िल्म शृंखला), दाविद मालन, द्वारमण्डप, द्वितीय चीन-जापान युद्ध, द्वितीय विश्वयुद्ध, दूरचित्री फोटोग्राफी, देशी प्रेस अधिनियम, देववाद, दोहरी सूचिगत कंपनी, दीना वाडिया, दीर्घकालिक थकान संलक्षण, धन-निष्कासन सिद्धान्त, धर्मप्रचार (ईसाई), धर्मसुधार-विरोधी आंदोलन, नायेफ अल-रोधन, नारीवाद, नाईजीरिया, नागरिकता, नाइट क्लब, नाइजिल लौंग, निर्णीतानुसरण, निर्मल वर्मा, निजी अंतरराष्ट्रीय कानून, नई दिल्ली का पुरनिवेश, नवपाषाण युग, नवहेगेलवाद, नवजोत सिंह सिद्धू, नग्नता, न्यू रोड, न्यूटन का सार्वत्रिक गुरुत्वाकर्षण का सिद्धान्त, न्यूकैसल युनाइटेड एफ़॰सी॰, नौकायन, नैपोलियन तृतीय, नून मीम राशिद, नूर इनायत ख़ान, नेटवेस्ट टी 20 ब्लास्ट, नेपोलियन बोनापार्ट, 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जैक्विलीन बिसेट, जूलियन असांजे, जेन आस्टिन, जेम्स चतुर्थ, जेम्स चैडविक, जेम्स टॉड, जेम्स एंडरसन, जेम्स थार्नहिल, जेम्स द्वितीय, जेम्स पॅटिन्सन, जेम्स ब्लंट, जेम्स माउण्टबैटन-विंड्सर, वाइकाउंट सेवर्न, जेम्स मिल, जेम्स राम्ज़ी माकडानल्ड, जेम्स कालहन, जेम्स २, जेरेमी बेन्थम, जेरेमी आयरन्स, जेसन स्टेथम, जेसी जे, जे॰ जे॰ थॉमसन, जॉन ऐडम्स, जॉन डाल्टन, जॉन डे (छापने वाला), जॉन बन्यन, जॉन बुल, जॉन मार्ले, जॉन मिल्स, जॉन मेजर, जॉन स्टूवर्ट मिल, जॉन विलियम स्ट्रट, रेले के तृतीय बैरन, जॉन आस्टिन, जॉन इवलिन, जॉनी बैरस्टो, जॉनी ली मिलर, जॉनी वॉकर (व्हिस्की), जॉर्ज बूल, जॉर्ज सेंट्स्बरी, जॉगिंग, जो रूट, जोन ऑफ़ आर्क, जोशिया जॉन गुडविन, जोस बटलर, जोसेप प्ला, जोज़फ अर्नाल्ड ट्वानबी, ईडविग, इंग्लैंड का राजा, ईयन विल्मट, ईसाई समाजवाद, ईस्ट मिडलैंड्स, ईस्ट ऑफ़ इंग्लैंड, ईंट, घड़ी, वनस्पति (फ्लोरा), वरिकशायर काउंटी क्रिकेट क्लब, वाणिज्यिक क्रांति, वायलिन, वाराणसी, वारेन हेस्टिंग्स, वाल्टर स्काट, वास्तुकला का इतिहास, वाहितमल उपचार, वाइटहॉल पैलस, विट्ठल भाई पटेल, विद्याधर सूरजप्रसाद नैपाल, विधिक व्यक्तित्व, विधेयक, विनिमय दर, विन्सटन चर्चिल, विन्सेंट वैन गो, विम (धोने का उत्पाद), विमानक्षेत्रों की सूची IATA कोड अनुसार: B, विमानक्षेत्रों की सूची IATA कोड अनुसार: C, विमानक्षेत्रों की सूची IATA कोड अनुसार: D, विमानक्षेत्रों की सूची IATA कोड अनुसार: I, विमानक्षेत्रों की सूची IATA कोड अनुसार: L, विमानक्षेत्रों की सूची IATA कोड अनुसार: N, विमानक्षेत्रों की सूची IATA कोड अनुसार: Q, विमानक्षेत्रों की सूची IATA कोड अनुसार: S, विमानक्षेत्रों की सूची IATA कोड अनुसार: U, विमानक्षेत्रों की सूची ICAO कोड अनुसार: E, वियना कांग्रेस, विलय के अधिनियम, १७०७, विलियम टर्नर, विलियम टेंपिल, विलियम द कॉङ्करर, विलियम पिट्ट १, विलियम पिट्ट २, विलियम पेट्टी, विलियम पेटी, विलियम बेण्टिंक, विलियम लाम्ब, विलियम हेनरी ब्रैग, विलियम वर्द्स्वर्थ, विलियम विण्डम ग्रेन्विल, विलियम विलसन हन्टर, विलियम विल्सन (तैराकी), विलियम वेब एलिस कप, विलियम ग्लाडस्टोन, विलियम ऑफ़ ओक्क्हम, विलियम काबेट, विलियम कैरी (मिशनरी), विलियम केवन्डिश, विल्फ्रेड रोड्स, विल्फ्रेड ओवेन, विश्लेषणात्मक विधिशास्त्र, विश्व डाक दिवस, विश्व बैडमिंटन संघ, विश्व मेलों की सूची, विश्व में ईसाई धर्म, विश्व इस्लामी मिशन, विश्व के व्यस्ततम विमानक्षेत्र यात्री संख्या अनुसार, विश्व के आश्चर्य, विश्व की मुद्राएँ, विश्वनाथ प्रसाद तिवारी, विश्वनाथ शर्मा, विश्वमारी, विश्वयुद्धों के मध्य की अवधि, विश्वज्ञानकोश, विश्वविद्यालय, विजय माल्या, विजेन्द्र सिंह, विंडसर कासल, विंड्सर, बर्कशायर, विंदालू, विक्टर इमानुएल द्वितीय, विकेट-कीपर, व्हिस्की, वैयक्तिक विधि, वैलेंटाइन दिवस, वैस्ट मिडलैंड्स, वैस्टसाइड स्कूल, वैस्पाज़िअन्, वैक्युम क्लीनर, वैकौण्ट पामर्स्टन, वेटिंग फ़ॉर गोडोट, वेद कृष्णमूर्ति, वेधशाला, वेम्बली स्टेडियम, वेस्टमिंस्टर ब्रिज, वेस्ट्मिन्स्टर ऍबी, वेई नदी, वेंकटरामन रामकृष्णन, वॉर्सेस्टर, वोडाफ़ोन (भारत), वोदका, वोले शोयिंका, वी फॉर वेंडेट्टा, वी के कृष्ण मेनन, वीयर नदी, खेल जगत २०१०, गणित का इतिहास, गणेश प्रसाद, गाँव, गिरीश कर्नाड, गजट, गुन्नार म्यर्दल, गुप्त लेखन, गुलदाउदी, गुलाबों का युद्ध, गुल्येल्मो मार्कोनी, गुंडप्पा विश्वनाथ, ग्रेट ब्रिटेन, ग्रेट ब्रिटेन राजशाही, ग्रेटर लंदन, ग्रेस रोड, ग्रीनहाउस, ग्रीनविच मीन टाइम, ग्लेडविन जेब, गौरवशाली क्रांति, गृहयुद्धों की सूची, गैलिक आयरलैंड, गैस टर्बाइन, गैसनिर्माण, गूगल धरती, गॅटकॉम्ब पार्क, गोथनबर्ग, गोपाल कृष्ण गोखले, गोलीय निर्देशांक पद्धति, गीत सेठी, ऑस्ट्रिया, ऑक्सफ़र्ड विश्वविद्यालय, ऑक्सफ़ोर्ड, ओलम्पिक पार्क, ओलम्पिक स्टेडियम (लंदन), ओलिवर ट्विस्ट, औद्योगिक क्रांति, औसत आयकर, आनन्‍द केंटिश कुमारस्‍वामी, आनुपातिक प्रतिनिधान, आफसेट छपाई, आयरन मेडेन, आयरलैंड क्रिकेट टीम का इंग्लैंड दौरा 2017, आयरलैंड की जागीरदारी, आयोग, आर्थर नेविल चाम्बरलेन, आर्थर लेवेलिन बाशम, आर्थर जेम्स बाल्फोर, आर्थर वेलेज़्ली, आर्थर कॉनन डॉयल, आशुलिपि, आईएसओ ४२१७, आईसीसी चैंपियन्स ट्रॉफ़ी, आईसीसी महिला ट्वेंटी-20 विश्व कप, आईसीसी विश्व क्रिकेट लीग, आईसीसी विश्व क्रिकेट लीग 2012-18, आईसीसी अवॉर्ड्स, आविष्कार और आविष्कारक, आगस्टस हेनरी फिट्ज़्राय, आंतोन मेंग्स राफेल, आंग्ल-नॉरमन साहित्य, आइस स्केटिंग, आइज़क न्यूटन, आइजक डिज़रेली, आइवर ग्रत्तन-गिनीज, इटली राष्ट्रीय फुटबॉल टीम, इनसाइक्लोपीदी, इनविक्टस, इनक्यूबस, इन्दिरा गांधी, इमरान ख़ान, इम्रे लक़तोस, इयान बेल, इज़ाडोरा डंकन, इगु़नोडोन, इंटेलिजेंस ब्यूरो, इंडिया'ज़ रॉ स्टार, इंस्ट्रुमेंट ऑव गवर्नमेंट, इंग्लैण्ड पर नॉर्मन विजय, इंग्लैण्ड राष्ट्रीय रग्बी यूनियन टीम, इंग्लैण्ड राष्ट्रीय रग्बी लीग टीम, इंग्लैण्ड राज्य, इंग्लैंड महिला क्रिकेट टीम, इंग्लैंड का बैंक, इंग्लैंड का गिरिजाघर, इंग्लैंड क्रिकेट टीम का भारत दौरा 1951-52, इंग्लैंड के हेनरी अष्टम्, इंग्लैंड के जिले, इंग्लैंड के क्षेत्र, इकाई पग-फलन, इक्का, कचरा पात्र, कप्तान जैक स्पैरो, कबाल, कबूस बिन सईद अल सईद, कमलानाथ, करण कपूर, कस्तूरबा गांधी, कारा ब्लैक, कार्निवल, कार्ब्युरेटर, काशीपुर का इतिहास, काशीपुर, उत्तराखण्ड, कासलरे, काज़ुओ इशिगुरो, काउण्टी, काउंटी चैम्पियनशिप, काउंटी क्रिकेट ग्राउंड, ब्रिस्टल, काउंटी क्रिकेट ग्राउंड,डर्बी, किंडरगार्टन (बालवाड़ी), किंग लीयर (शेक्सपीयर कृत), किंग्स हेड होटल, कंपनी, कुँवर महाराजसिंह, कुणाल नय्यर, कुत्तों की नस्लों की सूची, कुशल पाल सिंह, क्यानाइट, क्यू क्रिकेट क्लब ग्राउंड, क्रिश्चियन बॅल, क्रिस वोक्स, क्रिस गेल, क्रिसटीन ट्रूमैन, क्रिसमस, क्रिकेट विश्व कप में भारत, क्रिकेट विश्व कप के फाइनल मैचों की सूची, क्रिकेट का इतिहास, क्रिकेट के नियम, क्रुप, क्रूसेड, क्रोएशिया राष्ट्रीय फुटबॉल टीम, क्रीमिया का युद्ध, क्लाइव ओवेन, क्ष-किरण, क्वींस पार्क, कृष्णकुमार माथुर, कैट स्टीवंस, कैटरीना कैफ़, कैथरीन (इग्लैंड की महारानी), कैथरीन दे ब्रागान्ज़ा, कैथरीन मैन्सफील्ड, कैथरीन, कैम्ब्रिज की डचेस, कैबिनेट (सरकार), कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय, कैम्ब्रिज के राजकुमार जॉर्ज, कैरल, कैरोलीन लीकी, कैलिको, कैसर विल्हेम द्वितीय (जर्मनी), कैंटरबरी टेल्स, कैंटरबरी कैथेड्रल, कैंटरबरी के ऑगस्टीन, कैंटरबरी के आर्चबिशप, केट मॉस, केट विंसलेट, केन्द्रीय व्यवसायिक क्षेत्रों की सूची, केन्सिंग्टन पैलस, केशवचन्द्र सेन, केविन उलियेट, कॉरपोरेट कानून, कॉर्नवल, कॉलेज ग्राउंड, चेल्टेन्हम, कोपान, कोलकाता, कोल्डप्ले, अदिति चौहान, अधिकार, अधुना अख्तर, अनसाइक्लोपीडिया, अनिल कुंबले, अनुजा पाटिल, अन्तरजाल का इतिहास, अन्वेषणों की समय-रेखा, अपराध, अपशिष्ट प्रबंधन, अफ्रीका का विभाजन, अब्दुल हाफ़िज़ मोहम्मद बरकतउल्ला, अब्दुल्ला यूसुफ़ अली, अभद्र प्रदर्शन, अभोरर्स, अमन हेयर, अमाल सिल्वा, अमेथिस्ट, अमेरिकन एक्सप्रेस, अमेरिकन स्टाफ़ोर्डशायर टेरियर, अमेरिकी साहित्य, अरविन्द घोष, अर्थशास्त्र, अर्नाल्ड ट्वानबी, अर्ल रसेल, अर्ल ग्रे, अर्ल आफ डार्बी, अर्ल आफ रोज़बेरी, अर्ल आफ आबर्डीन, अल्फ्रेड टेनिसन, अल्फ्रेड नार्थ ह्वाइटहेड, अल्फ्रेड मार्शल, अलेक्सांदर प्रथम, अशोक चक्रधर, अस्थिचिकित्सा, अस्पृश्यता, अहमद उमर सईद शेख़, अवेंजर्स: एज ऑफ़ अल्ट्रॉन, अवेंजर्स: इन्फिनिटी वॉर, अगम्यगमन, अगाथा क्रिस्टी, अंतर्शासन काल, अंतानिओ वेरिओ, अंजुम चोपड़ा, अंग्रेज़, अंग्रेजी नाटक, अंग्रेजी साहित्य, अंग्रेजी विधि, अंग्रेजी कहानी, अंग्रेजी उपन्यास, अक्टूबर २०१०, अक्रॉस द यूनिवर्स (फ़िल्म), उच्छेदवाद, उत्तर अफ़्रीका, उत्तर अमेरिका, उत्तरी सागर, उत्तरी सागर बाढ़ १९५३, उपनिवेशवाद, उबर कप, उभयउपांग-कुशलता, छत, १ फ़रवरी, १ई+११ मी॰², १ई+८ मी॰², १ई+९ मी॰², १० जनवरी, १४ जनवरी, १४३९, १५ सितम्बर, १५ जुलाई, १५ अप्रैल, १६ जुलाई, १६६१, १६६२, १७ जुलाई, १७१२, १७२५ तक क्रिकेट का इतिहास, १७५८, १८ दिसम्बर, १८३९, १८६५, १९०५ की रूसी क्रांति, १९२१, १९२२, १९२४, १९२६, १९५६ यूरोपीय कप फाइनल, १९६३ यूरोपीय कप फाइनल, १९६९, १९७१ यूरोपीय कप फाइनल, १९७३ यूईएफए कप फाइनल, १९७५ क्रिकेट विश्व कप, १९७५ क्रिकेट विश्व कप फाइनल, १९७६ यूईएफए कप फाइनल, १९७८ यूरोपीय कप फाइनल, १९७९ यूरोपीय कप फाइनल, १९७९ क्रिकेट विश्व कप, १९७९ क्रिकेट विश्व कप फाइनल, १९८० यूरोपीय कप फाइनल, १९८१ यूईएफए कप फाइनल, १९८२ यूईएफए कप फाइनल, १९८३ क्रिकेट विश्व कप, १९८३ क्रिकेट विश्व कप फाइनल, १९८४ यूरोपीय कप फाइनल, १९८४ यूईएफए कप फाइनल, १९८५ यूरोपीय कप फाइनल, १९८६ यूईएफए कप फाइनल, १९९२ यूईएफए कप फाइनल, १९९४ यूईएफए चैंपियंस लीग फाइनल, १९९६ क्रिकेट विश्व कप, २ सितम्बर, २० नवंबर, २००० यूईएफए कप फाइनल, २००१ यूईएफए कप फाइनल, २००३ यूईएफए चैंपियंस लीग फाइनल, २००५ यूईएफए चैंपियंस लीग फाइनल, २००५ यूईएफए कप फाइनल, २००६ यूईएफए चैंपियंस लीग फाइनल, २००६ यूईएफए कप फाइनल, २००७ यूईएफए चैंपियंस लीग फाइनल, २००९ यूईएफए चैंपियंस लीग फाइनल, २००९ आईसीसी विश्व ट्वेन्टी २०, २००९ आईसीसी विश्व ट्वेन्टी २० फाइनल, २०१०, २०१० फीफा विश्व कप, २०१० यूईएफए चैंपियंस लीग फाइनल, २०१० यूईएफए यूरोपा लीग फाइनल, २०१० आईसीसी विश्व ट्वेन्टी २०, २०१० आईसीसी विश्व ट्वेन्टी २० फाइनल, २०११ यूईएफए चैंपियंस लीग फाइनल, २०११ क्रिकेट विश्व कप, २०१२ यूईएफए चैंपियंस लीग फाइनल, २०१३ यूईएफए चैंपियंस लीग फाइनल, २०१३ यूईएफए यूरोपा लीग फाइनल, २०१४ फीफा विश्व कप, २०१४ आईसीसी विश्व ट्वेन्टी २० फाइनल, २०१५ यूईएफए यूरोपा लीग फाइनल, २०१५ रग्बी यूनियन विश्व कप, २०१५ क्रिकेट विश्व कप, २०१६ यूईएफए चैंपियंस लीग फाइनल, २०१६ यूईएफए यूरोपा लीग फाइनल, २०१७ यूईएफए यूरोपा लीग फाइनल, २०१७ आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी, २०१७ आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी फाइनल, २०१८ फीफा विश्व कप, २०१९ क्रिकेट विश्व कप, २२ जनवरी, २७ मार्च, २८ दिसम्बर, २८ अगस्त, ३ जुलाई, ४ दिसम्बर, ८ जुलाई, ८ अक्तूबर, ९ दिसम्बर, FA कप, 1896 ग्रीष्मकालीन ओलम्पिक, 1993 महिला क्रिकेट विश्व कप, 1999 क्रिकेट विश्व कप, 2002 हॉकी विश्वकप (पुरुष), 2004 आईसीसी चैंपियन्स ट्रॉफ़ी, 2006 हॉकी विश्वकप (पुरुष), 2010 हॉकी विश्वकप (पुरुष), 2014 राष्ट्रमण्डल खेल, 2014 हॉकी विश्वकप (पुरुष), 2016 में इंग्लैंड ए टीम त्रिकोणीय श्रृंखला, 2017 मैनचेस्टर एरेना बमबारी, 2018 राष्ट्रमण्डल खेल, 2018 हॉकी विश्वकप, 2022 राष्ट्रमण्डल खेल सूचकांक विस्तार (1135 अधिक) »

चम्पत राय जैन

चम्पत राय जैन (१८६७-१९४२) २०वीं सदी के एक प्रभावशाली जैन लेखक और तुलनात्मक धर्म के विद्वान थे। उन्होने कई यूरोपी देशों का दौरा किया और जैन धर्म और तुलनात्मक धर्म पर भाषण दिए। इन्हें भारत धर्म मंडल ने "विद्या वरिधि", की सम्मानजनक उपाधि प्रदान की। .

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चारवेल नदी

शेरवेल नदी इंग्लैंड की एक नदी है। यह टेम्स नदी की एक प्रमुख सहायक नदी भी है। श्रेणी:इंग्लैंड की नदी.

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चार्टर आन्दोलन

चार्टवादी दंगे ब्रिटेन में सन् १८३८ और १८४८ के बीच राजनीतिक सुधारों के लिये श्रमिक वर्ग द्वारा किये गये आन्दोलन चार्टर आन्दोलन (Chartism) कहलाते हैं। यह नाम सन् १८३८ में निर्मित 'पीपल्स चार्टर' से आया है। यह आन्दोलन विश्व के श्रमिक वर्ग का पहला विशाल आन्दोलन था। 'चार्टिज्म' नाम बहुत से स्थानीय समूहों का सामूहिक नाम था जिन्होने १८३७ से विभिन्न शहरों में अपने विरोध की आवाज बुलन्द की। .

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चार्ल्स डार्विन

चार्ल्स डार्विन चार्ल्स डार्विन (१२ फरवरी, १८०९ – १९ अप्रैल १८८२) ने क्रमविकास (evolution) के सिद्धान्त का प्रतिपादन किया। उनका शोध आंशिक रूप से १८३१ से १८३६ में एचएमएस बीगल पर उनकी समुद्र यात्रा के संग्रहों पर आधारित था। इनमें से कई संग्रह इस संग्रहालय में अभी भी उपस्थित हैं। डार्विन महान वैज्ञानिक थे - आज जो हम सजीव चीजें देखते हैं, उनकी उत्पत्ति तथा विविधता को समझने के लिए उनका विकास का सिद्धान्त सर्वश्रेष्ठ माध्यम बन चुका है। संचार डार्विन के शोध का केन्द्र-बिन्दु था। उनकी सर्वाधिक प्रसिद्ध पुस्तक जीवजाति का उद्भव (Origin of Species (हिंदी में - 'ऑरिजिन ऑफ स्पीसीज़')) प्रजातियों की उत्पत्ति सामान्य पाठकों पर केंद्रित थी। डार्विन चाहते थे कि उनका सिद्धान्त यथासम्भव व्यापक रूप से प्रसारित हो। डार्विन के विकास के सिद्धान्त से हमें यह समझने में मदद मिलती है कि किस प्रकार विभिन्न प्रजातियां एक दूसरे के साथ जुङी हुई हैं। उदाहरणतः वैज्ञानिक यह समझने का प्रयास कर रहे हैं कि रूस की बैकाल झील में प्रजातियों की विविधता कैसे विकसित हुई। .

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चार्ल्स डिकेंस

चार्ल्स डिकेंस चार्ल्स डिकेंस (७ फ़रवरी १८१२ – ९ जून १८७०), विक्टोरियन युग के सबसे लोकप्रिय अंग्रेजी उपन्यासकार थे, साथ ही एक सशक्त सामाजिक आंदोलन के सदस्य भी थे। चार्ल्स डिकेंस की लोकप्रियता इसी तथ्य से आंकी जा सकती है कि उनके उपन्यास और लघु कथाएँ आज तक 'प्रिंट' से बाहर ही नहीं गये। चार्ल्स के लगभग दर्जन भर प्रमुख उपन्यास, लघु कथाओं की एक बड़ी संख्या, अनेकों नाटक और कई गैर कल्पना किताबें आज भी सबसे अधिक लोकप्रिय हैं। अपने साहित्य से उन्होंने समकालीन अंग्रेजी समाज का मनोरंजन ही नहीं किया, वरन् उसे दिशा भी दी। .

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चार्ल्स द्वितीय

चार्ल्स द्वितीय (29 मई 1630 - 6 फरवरी 1685) स्कॉट्स, इंग्लैण्ड और आयरलैण्ड का राजा था 30 जनवरी 1649 (वैधानिक रूप से) या 29 मई 1660 (वास्तविक रूप से) से अपनी मृत्यु तक। अंग्रेजी गृहयुद्ध के पश्चात इनके पिता चार्ल्स प्रथम को प्राणदण्ड दे दिया गया था, जिसके बाद कुछ साल तक राजशाही समाप्त करके इंग्लैण्ड, स्कॉटलैण्ड और आयरलैण्ड में आलिवर क्रामवेल के नेतृत्व में गणतन्त्र की स्थापना हुई। क्रामवेल की मृत्यु के शीघ्र बाद ही राजशाही फ़िर से शुरू हुई और चार्ल्स द्वितीय का राज्याभिषेक हुआ। इनके राजा बनने की ठीक तारीख़ तय करना मुश्किल है, क्योंकि उस समय ब्रिटेन में काफ़ी राजनैतिक उथल-पुथल हो रही थी। चार्ल्स प्रथम की मृत्यु के पश्चात चार्ल्स द्वितीय ने अधिकांश समय फ्रांस में निर्वासन में काटा, जब तक राजशाही फ़िर से शुरू नहीं हुई। अपने पिता की तरह ही इंग्लैण्ड की संसद के साथ चार्ल्स द्वितीय के सम्बन्ध काफ़ी मुश्किल रहे। राज के अन्तिम वर्षों में इन्हें संसद को हटाकर खुद राज करने में सफलता मिली। लेकिन पिता की तरह इन्हें लोगों के विरोध का सामना नहीं करना पड़ा, जिसका प्रमुख कारण है कि इन्होंने जनता पर कोई नए कर नहीं लगाए। यूरोप में हो रहे कैथोलिक और प्रोटेस्टैण्ट संप्रदायों के बीच हो रहे संघर्ष की वजह से चार्ल्स द्वितीय का अधिकतर समय घरेलू और विदेशी नीतियों को संभालने में लगा। साथ ही इनके दरबार में कूटनीति और साजिशों का बोलबाला रहा। इसी समय इंग्लैण्ड में विग और टोरी राजनैतिक पार्टियाँ पहली बार उभर कर सामने आईं। चार्ल्स द्वितीय को मैरी मोनार्क (अंग्रेजी: Merry Monarch, खुशदिल राजा) कहा जाता है, क्योंकि इनके दरबार में ज़िन्दादिली और इच्छावाद का बोलबाला था। इनकी बहुत सी अवैधानिक संताने हुईं लेकिन कोई वैधानिक सन्तान नहीं हुई। ये ललित कलाओं के संरक्षक थे, जिनको प्रोटेक्टेरेट में लगे निषेध के बाद इनके दरबार में बहुत प्रोत्साहन मिला। चार्ल्स द्वितीय ने मृत्यु से पहले रोमन कैथोलिक सम्प्रदाय को अपना लिया था। श्रेणी:व्यक्तिगत जीवन श्रेणी:इंग्लैण्ड के शासक श्रेणी:स्काटलैण्ड के शासक श्रेणी:स्टुआर्ट राजघराना.

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चार्ल्स द्वितीय, इंग्लैंड

चार्ल्स द्वितीय (२९ मई १६३०-६ फ़रवरी १६८५) इंगलैंड का राजा था। इसके साथ वो स्कॉटलैंड और आयरलैंड का भी राजा था। श्रेणी:इंगलैंड के शासक.

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चार्ल्स ब्रेडलॉफ

चार्ल्स ब्रेडलॉफ (26 सितम्बर 1833 - 30 जनवरी 1891) एक राजनैतिक कार्यकर्ता एवं उन्नीसवीं शताब्दी इंग्लैंड के एक बहुचर्चित नास्तिक थे। उन्होंने 1866 में नेशनल सेक्युलर सोसाइटी की स्थापना की.

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चार्ल्स लूसियन बोनापार्ट

चार्ल्स लूसीएन (कार्लो) जूल्स लॉरेंट बोनापार्ट, केनिनो तथा मुसीग्नानो के द्वितीय राजकुमार (मई 24, 1803 – जुलाई 1857), एक फ्रांसीसी प्रकृतिवादी तथा पक्षिविज्ञानी थे। .

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चार्ल्स शेफर्ड

1866 में चार्ल्स शेफर्ड द्वारा खींची गयी जमरूद किले पर अफ़रीदियों की तस्वीर चार्ल्स शेफर्ड (fl. 1858-1878) एक अंग्रेजी छायाकार (फोटोग्राफर) और मुद्रक (प्रिंटर) थे जिन्होने 19 वें शताब्दी के उत्तरार्ध में भारत में काम किया था। उनके द्वारा ली गयी तस्वीरों में अंग्रेजी और भारतीय दोनो के ही सैनिकों और नागरिकों के दृश्य शामिल हैं। शेफर्ड ने सन 1862 में आर्थर रॉबर्टसन के साथ मिलकर आगरा में शेफर्ड एंड रॉबर्टसन नामक एक फोटो स्टूडियो की स्थापना की थी। यह स्टूडियो सन 1864 में शिमला स्थानांतरित हो गया और इस समय सैमुअल बॉर्न भी शेफर्ड के व्यवसाय में प्रमुख फोटोग्राफर के रूप में शामिल हो गये और कंपनी का नाम बदलकर हावर्ड, शेफर्ड एंड बॉर्न कर दिया गया। सन 1868 के आसपास हावर्ड के जाने के बाद कंपनी का नाम सिर्फ शेफर्ड एंड बॉर्न कर दिया गया। Cambridge University Library शेफर्ड एंड बॉर्न की दूसरी शाखा कलकत्ता (अब कोलकाता) में खोली, जहां वो एक पोर्ट्रेट स्टूडियो चलाते थे, और यहां से उनके काम को व्यापक रूप से उपमहाद्वीप में अभिकर्ताओं और ब्रिटेन में थोक वितरकों के माध्यम से बेचा जाता था। 1870 में बॉर्न इंग्लैंड लौट गये, लेकिन फर्म का काम जारी रहा, Cambridge University Library Flickr और सन 1872 में बॉर्न की जगह कॉलिन मरे कंपनी के प्रमुख छायाकार बन गये। Flickr शेफर्ड जिन्होने मुख्य रूप से मुद्रक या चित्र छापने का काम किया था, 1885 में कंपनी से अलग हो गये, लेकिन कोलकाता में बॉर्न एंड शेफर्ड का काम बदस्तूर जारी रहा। Flickr[मृत लिंक] .

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चार्ल्स वेण्टवर्थ

इंग्लैंड के प्रधान मन्त्री।.

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चार्ली चैप्लिन

सर चार्ल्स स्पेन्सर चैप्लिन, KBE (16 अप्रैल 1889 - 25 दिसम्बर 1977) एक अंग्रेजी हास्य अभिनेता और फिल्म निर्देशक थे। चैप्लिन, सबसे प्रसिद्ध कलाकारों में से एक होने के अलावा अमेरिकी सिनेमा के क्लासिकल हॉलीवुड युग के प्रारंभिक से मध्य तक एक महत्वपूर्ण फिल्म निर्माता, संगीतकार और संगीतज्ञ थे। चैप्लिन, मूक फिल्म युग के सबसे रचनात्मक और प्रभावशाली व्यक्तित्वों में से एक थे जिन्होंने अपनी फिल्मों में अभिनय, निर्देशन, पटकथा, निर्माण और अंततः संगीत दिया। मनोरंजन के कार्य में उनके जीवन के 75 वर्ष बीते, विक्टोरियन मंच और यूनाइटेड किंगडम के संगीत कक्ष में एक शिशु कलाकार से लेकर 88 वर्ष की आयु में लगभग उनकी मृत्यु तक। उनकी उच्च-स्तरीय सार्वजनिक और निजी जिंदगी में अतिप्रशंसा और विवाद दोनों सम्मिलित हैं। 1919 में मेरी पिकफोर्ड, डगलस फेयरबैंक्स और डी.डब्ल्यू.ग्रिफ़िथ के साथ चैप्लिन ने यूनाइटेङ आर्टिस्टस की सह-स्थापना की। चैप्लिन: अ लाइफ (2008) किताब की समीक्षा में, मार्टिन सिएफ्फ़ ने लिखा की: "चैप्लिन सिर्फ 'बड़े' ही नहीं थे, वे विराट् थे। 1915 में, वे एक युद्ध प्रभावित विश्व में हास्य, हँसी और राहत का उपहार लाए जब यह प्रथम विश्व युद्ध के बाद बिखर रहा था। अगले 25 वर्षों में, महामंदी और हिटलर के उत्कर्ष के दौरान, वह अपना काम करते रहे। वह सबसे बड़े थे। यह संदिग्ध है की किसी व्यक्ति ने कभी भी इतने सारे मनुष्यों को इससे अधिक मनोरंजन, सुख और राहत दी हो जब उनको इसकी सबसे ज्यादा जरूरत थी।" .

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चांसलर

चांसलर (Chancellor) एक आधिकारिक पद जिसका प्रयोग अधिकतर उन राष्ट्रों में होता है जिनकी सभ्यता प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप में रोमन साम्राज्य से पैदा हुई है। मौलिक रूप में, चांसलर रोमन न्यायाधीश थे जिनके लिये न्यायालयों में एक पर्दे के पीछे बैठने की व्यवस्था थी। यह पर्दा श्रोताओं और न्यायाधीशों के बीच हुआ करता था। .

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चित्तरंजन दास

देशबंधु चित्तरंजन दास देशबंधु चित्तरंजनदास (1870-1925 ई.) सुप्रसिद्ध भारतीय नेता, राजनीतिज्ञ, वकील, कवि तथा पत्रकार थे। उनके पिता का नाम श्री भुवनमोहन दास था, जो सॉलीसिटर थे और बँगला में कविता भी करते थे। सन्‌ 1890 ई. में बी.ए. पास करने के बाद चितरंजन दास आइ.सी.एस्‌.

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चौर्य व्यापार

करों या वैधानिक प्रतिबंधों से आँख छिपाकर या उनकी चोरी कर लाभ कमाने के लिये अवैध रूप से मुद्रा, वस्तु या व्यक्तियों का किया गया आयात, निर्यात, अंतर्देशीय या अंतर्प्रातीय व्यापार (क्रय विक्रय की प्रक्रिया) चौर्य व्यापार माना जाता है। स्वतंत्र व्यापार पर कर या प्रतिबंध- विलासमयी विदेशी वस्तुओं के उपयोग की आदत की समाप्ति या उनमें कमी करने के उद्देश्य, विदेशी मुद्रा के अभाव या उसके संकट से मुक्ति, राष्ट्रीय उत्पादन को प्रोत्साहन, राष्ट्रीय उद्योगों के संरक्षण तथा प्रवर्धन, राष्ट्र की आर्थिक योजनाओं के कार्यान्वयन, विदेशी-व्यापार-संतुलन तथा सामरिक एवं दैवी आपदाओं से त्राण पाने आदि के लिये लगाया जाता है। इन करों तथा प्रतिबंधों के कारण या तो वस्तुओं आदि का मूल्य बढ़ जाता है या उनकी माँग बढ़ जाती है। फलस्वरूप प्रतिबंधित तथा अधिक करवाली वस्तुओं आदि के उपयोग के लिये लोगों में सहज स्वाभाविक रुचि बढ़ जाती है। चौर्य व्यापार में करों की चोरी की जाती है, इसलिये वैध रूप से यातायात की हुई वस्तुएँ अवैध माध्यम से उपलब्ध वस्तुओं की अपेक्षा महँगी पड़ती हैं। इस लाभ के कारण लोग इन्हें क्रय करते हैं। जिन वस्तुओं आदि के यातायात पर पूर्ण या सीमित प्रतिबंध हैं वे भी इस अवैध माध्यम से उपलब्ध हो जाती हैं। इसलिये ऐसी अनुपलब्ध वस्तुओं को लोग आदत या ऐसी वस्तुओं की अधिक उपादेयता या ऐसी वस्तुओं के उपयोग के प्रदर्शन की सहज मानवीय दुर्बलता के कारण अधिक मूल्य देकर तथा कानून भंग करके भी लोग क्रय करना अधिक पसंद करते हैं और इस अवैध अनैतिक व्यापार को जीवन प्रदान करने में योगदान करते हैं। ऐडम स्मिथ ने इसलिये इन अवैध व्यापार करनेवालों के प्रति सहानुभूतिपूर्वक विचार करते हुए लिखा है कि "इसमें संदेह नहीं कि चौर्य व्यापार करनेवाले देश के विधान की मर्यादाओं को भंग करने के लिये निश्चय ही अत्यधिक दोषी हैं, तो भी प्राय: वे सहज स्वाभाविक न्याय को तोड़ने में असमर्थ हैं क्योंकि सभी दृष्टियों से ऐसे व्यक्ति अति श्रेष्ठ नागरिक माने जाते यदि उनके देश का विधान उस बात को अपराध घोषित न कर देता जिसे प्रकृति कभी भी रोकना नहीं चाहती। .

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चेन्नई

चेन्नई (पूर्व नाम मद्रास) भारतीय राज्य तमिलनाडु की राजधानी है। बंगाल की खाड़ी से कोरोमंडल तट पर स्थित यह दक्षिण भारत के सबसे बड़े सांस्कृतिक, आर्थिक और शैक्षिक केंद्रों में से एक है। 2011 की भारतीय जनगणना (चेन्नई शहर की नई सीमाओं के लिए समायोजित) के अनुसार, यह चौथा सबसे बड़ा शहर है और भारत में चौथा सबसे अधिक आबादी वाला शहरी ढांचा है। आस-पास के क्षेत्रों के साथ शहर चेन्नई मेट्रोपॉलिटन एरिया है, जो दुनिया की जनसंख्या के अनुसार 36 वां सबसे बड़ा शहरी क्षेत्र है। चेन्नई विदेशी पर्यटकों द्वारा सबसे ज्यादा जाने-माने भारतीय शहरों में से एक है यह वर्ष 2015 के लिए दुनिया में 43 वें सबसे अधिक का दौरा किया गया था। लिविंग सर्वेक्षण की गुणवत्ता ने चेन्नई को भारत में सबसे सुरक्षित शहर के रूप में दर्जा दिया। चेन्नई भारत में आने वाले 45 प्रतिशत स्वास्थ्य पर्यटकों और 30 से 40 प्रतिशत घरेलू स्वास्थ्य पर्यटकों को आकर्षित करती है। जैसे, इसे "भारत का स्वास्थ्य पूंजी" कहा जाता है एक विकासशील देश में बढ़ते महानगरीय शहर के रूप में, चेन्नई पर्याप्त प्रदूषण और अन्य सैन्य और सामाजिक-आर्थिक समस्याओं का सामना करता है। चेन्नई में भारत में तीसरी सबसे बड़ी प्रवासी जनसंख्या 2009 में 35,000 थी, 2011 में 82,7 9 0 थी और 2016 तक 100,000 से अधिक का अनुमान है। 2015 में यात्रा करने के लिए पर्यटन गाइड प्रकाशक लोनली प्लैनेट ने चेन्नई को दुनिया के शीर्ष दस शहरों में से एक का नाम दिया है। चेन्नई को ग्लोबल सिटीज इंडेक्स में एक बीटा स्तरीय शहर के रूप में स्थान दिया गया है और भारत का 2014 का वार्षिक भारतीय सर्वेक्षण में भारत टुडे द्वारा भारत का सबसे अच्छा शहर रहा। 2015 में, चेन्नई को आधुनिक और पारंपरिक दोनों मूल्यों के मिश्रण का हवाला देते हुए, बीबीसी द्वारा "सबसे गर्म" शहर (मूल्य का दौरा किया, और दीर्घकालिक रहने के लिए) का नाम दिया गया। नेशनल ज्योग्राफिक ने चेन्नई के भोजन को दुनिया में दूसरा सबसे अच्छा स्थान दिया है; यह सूची में शामिल होने वाला एकमात्र भारतीय शहर था। लोनाली प्लैनेट द्वारा चेन्नई को दुनिया का नौवां सबसे अच्छा महानगरीय शहर भी नामित किया गया था। चेन्नई मेट्रोपॉलिटन एरिया भारत की सबसे बड़ी शहर अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। चेन्नई को "भारत का डेट्रोइट" नाम दिया गया है, जो शहर में स्थित भारत के ऑटोमोबाइल उद्योग का एक-तिहाई से भी अधिक है। जनवरी 2015 में, प्रति व्यक्ति जीडीपी के संदर्भ में यह तीसरा स्थान था। चेन्नई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्मार्ट सिटीज मिशन के तहत एक स्मार्ट शहर के रूप में विकसित किए जाने वाले 100 भारतीय शहरों में से एक के रूप में चुना गया है। विषय वस्तु 1 व्युत्पत्ति 2 इतिहास 3 पर्यावरण 3.1 भूगोल 3.2 भूविज्ञान 3.3 वनस्पति और जीव 3.4 पर्यावरण संरक्षण 3.5 जलवायु 4 प्रशासन 4.1 कानून और व्यवस्था 4.2 राजनीति 4.3 उपयोगिता सेवाएं 5 वास्तुकला 6 जनसांख्यिकी 7 आवास 8 कला और संस्कृति 8.1 संग्रहालय और कला दीर्घाओं 8.2 संगीत और कला प्रदर्शन 9 सिटीस्केप 9.1 पर्यटन और आतिथ्य 9.2 मनोरंजन 9.3 मनोरंजन 9.4 शॉपिंग 10 अर्थव्यवस्था 10.1 संचार 10.2 पावर 10.3 बैंकिंग 10.4 स्वास्थ्य देखभाल 10.5 अपशिष्ट प्रबंधन 11 परिवहन 11.1 एयर 11.2 रेल 11.3 मेट्रो रेल 11.4 रोड 11.5 सागर 12 मीडिया 13 शिक्षा 14 खेल और मनोरंजन 14.1 शहर आधारित टीम 15 अंतर्राष्ट्रीय संबंध 15.1 विदेशी मिशन 15.2 जुड़वां कस्बों - बहन शहरों 16 भी देखें 17 सन्दर्भ 18 बाहरी लिंक व्युत्पत्ति इन्हें भी देखें: विभिन्न भाषाओं में चेन्नई के नाम भारत में ब्रिटिश उपस्थिति स्थापित होने से पहले ही मद्रास का जन्म हुआ। माना जाता है कि मद्रास नामक पुर्तगाली वाक्यांश "मैए डी डीस" से उत्पन्न हुआ है, जिसका अर्थ है "भगवान की मां", बंदरगाह शहर पर पुर्तगाली प्रभाव के कारण। कुछ स्रोतों के अनुसार, मद्रास को फोर्ट सेंट जॉर्ज के उत्तर में एक मछली पकड़ने वाले गांव मद्रासपट्टिनम से लिया गया था। हालांकि, यह अनिश्चित है कि क्या नाम यूरोपियों के आने से पहले उपयोग में था। ब्रिटिश सैन्य मानचित्रकों का मानना ​​था कि मद्रास मूल रूप से मुंदिर-राज या मुंदिरराज थे। वर्ष 1367 में एक विजयनगर युग शिलालेख जो कि मादरसन पट्टणम बंदरगाह का उल्लेख करता है, पूर्व तट पर अन्य छोटे बंदरगाहों के साथ 2015 में खोजा गया था और यह अनुमान लगाया गया था कि उपरोक्त बंदरगाह रोयापुरम का मछली पकड़ने का बंदरगाह है। चेन्नई नाम की जन्मजात, तेलुगू मूल का होना स्पष्ट रूप से इतिहासकारों द्वारा साबित हुई है। यह एक तेलुगू शासक दमारला चेन्नाप्पा नायकुडू के नाम से प्राप्त हुआ था, जो कि नायक शासक एक दमनदार वेंकटपति नायक था, जो विजयनगर साम्राज्य के वेंकट III के तहत सामान्य रूप में काम करता था, जहां से ब्रिटिश ने शहर को 1639 में हासिल किया था। चेन्नई नाम का पहला आधिकारिक उपयोग, 8 अगस्त 1639 को, ईस्ट इंडिया कंपनी के फ्रांसिस डे से पहले, सेन्नेकेसु पेरुमल मंदिर 1646 में बनाया गया था। 1 99 6 में, तमिलनाडु सरकार ने आधिकारिक तौर पर मद्रास से चेन्नई का नाम बदल दिया। उस समय कई भारतीय शहरों में नाम बदल गया था। हालांकि, मद्रास का नाम शहर के लिए कभी-कभी उपयोग में जारी है, साथ ही साथ शहर के नाम पर स्थानों जैसे मद्रास विश्वविद्यालय, आईआईटी मद्रास, मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, मद्रास मेडिकल कॉलेज, मद्रास पशु चिकित्सा कॉलेज, मद्रास क्रिश्चियन कॉलेज। चेन्नई (तमिल: சென்னை), भारत में बंगाल की खाड़ी के कोरोमंडल तट पर स्थित तमिलनाडु की राजधानी, भारत का पाँचवा बड़ा नगर तथा तीसरा सबसे बड़ा बन्दरगाह है। इसकी जनसंख्या ४३ लाख ४० हजार है। यह शहर अपनी संस्कृति एवं परंपरा के लिए प्रसिद्ध है। ब्रिटिश लोगों ने १७वीं शताब्दी में एक छोटी-सी बस्ती मद्रासपट्ट्नम का विस्तार करके इस शहर का निर्माण किया था। उन्होंने इसे एक प्रधान शहर एवं नौसैनिक अड्डे के रूप में विकसित किया। बीसवीं शताब्दी तक यह मद्रास प्रेसिडेंसी की राजधानी एवं एक प्रमुख प्रशासनिक केन्द्र बन चुका था। चेन्नई में ऑटोमोबाइल, प्रौद्योगिकी, हार्डवेयर उत्पादन और स्वास्थ्य सम्बंधी उद्योग हैं। यह नगर सॉफ्टवेयर, सूचना प्रौद्योगिकी सम्बंधी उत्पादों में भारत का दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक शहर है। चेन्नई एवं इसके उपनगरीय क्षेत्र में ऑटोमोबाइल उद्योग विकसित है। चेन्नई मंडल तमिलानाडु के जीडीपी का ३९% का और देश के ऑटोमोटिव निर्यात में ६०% का भागीदार है। इसी कारण इसे दक्षिण एशिया का डेट्रॉएट भी कहा जाता है। चेन्नई सांस्कृतिक रूप से समृद्ध है, यहाँ वार्षिक मद्रास म्यूज़िक सीज़न में सैंकड़ॊ कलाकार भाग लेते हैं। चेन्नई में रंगशाला संस्कृति भी अच्छे स्तर पर है और यह भरतनाट्यम का एक महत्त्वपूर्ण केन्द्र है। यहाँ का तमिल चलचित्र उद्योग, जिसे कॉलीवुड भी कहते हैं, भारत का द्वितीय सबसे बड़ा फिल्म उद्योग केन्द्र है। .

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चेन्नई में पर्यटन

मरीना बीच में एमजीआर (MGR) समाधि अपने ऐतिहासिक स्थलों और इमारतों, लंबी रेतीले समुद्र तट, सांस्कृतिक और कला केन्द्रों और पार्कों के साथ, चेन्नई का पर्यटन आगंतुकों को कई मनोरम स्थान प्रदान करता है। चेन्नई का एक सर्वाधिक महत्वपूर्ण पर्यटक आकर्षण वास्तव में निकटवर्ती शहर महाबलीपुरम में अपने प्राचीन मंदिरों एवं 7वीं सदी के पल्लव साम्राज्य के चट्टान की नक्काशियों के साथ स्थित है। दिल्ली एवं मुंबई के बाद चेन्नई विदेशियों द्वारा तीसरा सर्वाधिक भ्रमण किया जाने वाला शहर है। 2007 में संयुक्त राज्य अमेरिका (यूएसए), युनाइटेड किंगडम (यूके), श्रीलंका, मलेशिया, एवं सिंगापुर के लगभग 65,000 पर्यटकों ने शहर का भ्रमण किया है। .

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चेप्स्टो

चेप्स्टो किला व १८१६ रोड ब्रिज वेई नदी के पार टूटशील से देखे जा सकते है चेप्स्टो (Chepstow, Cas-gwent) मॉनमाउथशायर, वेल्स का एक शहर है जिसकी सीमा ग्लोसेस्टरशायर, इंग्लैण्ड से जुडी हुई है। यह वेई नदी के मुहाने स्थित है जहां ये नदी सेवर्ण नदी में मिलती है। यह न्यूपोर्ट से पूर्व में १४ मिल (२३ किलोमीटर) और लंदन से ११० मिल (१८० किलोमीटर) है। चेप्स्टो मुख्यतः अपने किले के लिए लोकप्रिय है जो पत्थर से बना ब्रेटन का सबसे पुराना बचा हुआ किला है और चेप्स्टो रेसकोर्स जो वेल्श ग्रैंड नैशनल का आयोजन करता है। यह शहर वेई के पश्चिमी किनारे पर है। वेई के पूर्वी किनारे पर जुड़े गाँव टूटशील और सेडबरी इंग्लैण्ड में बसे है। .

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चेसिंग लिबर्टी

चेसिंग लिबर्टी 2004 में अमेरिकन राष्ट्रपति की बेटी के विषय में बनी हुई एक रूमानी हास्य प्रधान फ़िल्मी कहानी है। इस फिल्म का निर्देशन एंडी केडिफ ने किया है और मैंडी मूर और मैथ्यू गुड ने अभिनय किया है। .

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चेस्टफ़ील्ड

कोई विवरण नहीं।

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टाटा इंडिका

नई टाटा इंडिका ज़ीटा बाजार में टाटा इंडिका टाटा मोटर्स द्वारा निर्मित एक भारतीय हैचबैक कार है। यह मॉडल यूरोप एवं दक्षिण अफ्रीका भी निर्यात किया जाता है। इंग्लैंड में यह एम जी रोवर ग्रुप द्वारा सिटी रोवर नाम से निर्यात किया जाता रहा है। दिनाँक ३० दिसंबर १९९८ को टाटा मोटर्स (पूर्व में टैल्को) द्वारा प्रस्तुत यह किसी भारतीय कम्पनी द्वारा बनाई गई अत्याधुनिक कार थी। इसका प्रवर्तन नारा था:द बिग...स्मॉल कार एवं मोर कार पर कार इस विज्ञापन में बड़े अंतस्थ एवं वहन करने योग्य वाहन क्षमताओं पर जोर दिया गया था। एक सप्ताह के भीतर ही कम्पनी को १,१५,००० बुकिंग्स प्राप्त हुईं। और अगले दो वर्षों में यह इस खण्ड की सर्वश्रेष्ठ कार बन गई। टाटा मोटर्स द्वारा आंशिक रूप से रूपांकित एवं अभिकल्पित, यह पाँच द्वार सुसंहत (कॉम्पैक्ट) हैचबैक कार १.२ एवं १.४ ली.

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टार्ज़न

टार्जन एक काल्पनिक चरित्र है, वह एक आदिरूप जंगली बच्चा है जिसे अफ्रीका के जंगलों में मंगानी "महान वानरों" के द्वारा पाल पोस कर बड़ा किया जाता है; बाद में वह सामाजिक जीवन में लौट आता है, लेकिन इसे स्वीकार नहीं कर पाता है और एक साहसी वीर के रूप में फिर से जंगल में लौट आता है। टार्ज़न एक ऐसा पात्र है जिसे एडगर राईस बरोज के द्वारा बनाया गया, सबसे पहले इस पात्र को उपन्यास टार्ज़न ऑफ़ द एप्स (मैगजीन प्रकाशन 1912, पुस्तक प्रकाशन 1914) में देखा गया और इसके बाद इसके 25 सिक्वल्स में, अन्य लेखकों की तीन अधिकृत पुस्तकों में और मीडिया के असंख्य अधिकृत या अनाधिकृत कामों में भी देखा गया। .

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टाइम बॉल

टिइम बाॅल या कालगेंद एक, अब नाकारा हो चुके समय-संकेतक युक्ती का नाम था, जिसे पहले अपतटीय जहाज़ों एवं नाविकों को सटीक समय का संकेत कराने के लिये इस्तमाल किया जाता था ताकी बंदर्गाह या सफ़र पर जा रहे अन्य जहाज़ अपने समुद्री कालमापियों को सफ़र पर जाने से पहले सटीक रूप से निर्धारित कर सकें। १९वीं सदी में इसका इस्तमाल चरम पर था। इलेक्ट्रानिक समय संकेतों का आविश्कार एवं प्रचनल के साथ ही इस गतकालीन युक्ती का उपयोग धीरे-धीरे खनम हो गया, परन्तु कुछ जगहों पर कसे अभी भी ऐतिहासिक पर्यटक आकर्शणों के तौर पर रखा गया है। इस्का आविश्कार सन १८२९ में राॅबर्ट वाॅशोप नामक एक अंग्रेज़ ऐडमिरल द्वारा किया गया था। .

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टिम बर्टन

टिमोथी विलियम "टिम" बर्टन (Timothy William "Tim" Burton; जन्म २५ अगस्त १९५८) एक अमेरिकी फ़िल्म निर्देशक, फ़िल्म निर्माता, लेखक व कलाकार है। वह बीटलजूस, एडवर्ड सिज़रहैन्ड्स, द नाइटमेयर बिफोर क्रिसमस, एड वूड, स्लीपी होलो, कॉर्प्स ब्राइड और स्विनी टोड्ड: द डीमन बार्बर ऑफ फ्लिट स्ट्रिट जैसी अँधेरी फ़िल्मों व ब्लाकबस्टर फ़िल्मों, जैसे पी-वीज़ बिग एडवेंचर, बैटमैन, प्लैनेट ऑफ़ द एप्स, चार्ली एंड द चोकोलेट फैक्ट्री और ऐलिस इन वण्डरलैण्ड के लिए लोकप्रिय है। .

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टिम बर्नर्स ली

टिम बर्नर्स ली टिम बर्नर्स ली (जन्म: 8 जून, 1955) विश्व व्यापी वेब के अविष्कारक, विश्व व्यापी वेब संघ के वर्तमान निर्देशक और एक शोधकर्त्ता है। .

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ट्यूडर राजवंश

ट्यूडर राजवंश (Tudor dynasty) ने 1485 से 1603 ई0 तक इंग्लैंड में शासन किया। उसे हम इंग्लैंड के इतिहास के मध्य और आधुनिक युग की कड़ी मान सकते हैं। मध्यकालीन दुर्व्यवस्थाओं एवं अशांत स्थितियों को दूर करने, इंग्लैंड के आधुनिक राजनीतिक युग के प्रवर्तन और राष्ट्र की महत्ता के दिनों प्रारंभ करने का श्रेय उसे प्राप्त है। .

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ट्रांसपोर्ट फ़ॉर लंदन

right ट्रांसपोर्ट फ़ॉर लंदन (संक्षेप में टीएफ़एल) (अंग्रेज़ी: Transport for London ट्रैन्स्पोर्ट् फ़र् लंडन्, TfL) इंग्लैंड में ग्रेटर लंदन के ट्रांसपोर्ट सिस्टम है। .

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ट्रैफिक लाइट

पोर्ट्समाउथ, इंग्लैंड में एक प्रकाश उत्सर्जक डायोड (LED) लाइट  ट्रैफिक लाइट -   यातायात सिग्नल, यातायात लैंप, यातायात सिकंदरा, सिग्नल लाइट,  और रोकने वाले लाइट्स के रूप में भी जाने जाते है, और तकनिकी रूप से ट्रैफिक नियंत्रण सिग्नल्स में जाने जाते है ये संकेत देने वाले उपकरण है जोकि सड़क चौराहों, पैदल यात्री क्रॉसिंगों और दूसरी जगह तैनात रहते है जो यातायात के भीड़ को नियंत्रण में रखते है।सबसे पहला गैस से जलने वाला हस्तचालित ट्रैफिक लाइट लंदन में 1868 में स्थापित किया गया था, हालांकि ये विस्फोट के कारण अधिक दिनो तक नही रहे। पहला सुरक्षित, स्वत: बिजली ट्रैफिक लाइट संयुक्त राज्य अमेरिका में देर से 1890 मे स्थापित किए गए थे।  ट्रैफिक लाइट एक सार्वभौमिक रंग कोड एक स्तर रंग (लाल, पीले और हरे रंग) की रोशनी में प्रदर्शित करके सड़क उपयोगकर्ताओं के लिए निचे दिये गये रास्ते से सही विकल्पि देते। रंग चरणों की विशिष्ट अनुक्रम में.

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ट्रैक सायकलिंग

ट्रैक सायकलिंग साइकिल रेसिंग का खेल है, आमतौर पर ट्रैक साइकिलों के लिए विशेष रूप से निर्मित ट्रैक या वेलोड्रम को उपयोग में लाया जाता है (लेकिन अधिकतर प्रतियोगिताएं पुराने वेलोड्रमों पर आयोजित की जाती हैं जिसके ट्रैक के किनारे अपेक्षाकृत उथले होते हैं)। ट्रैक रेसिंग खेल के समतल मैदान पर घास के ट्रैक पर भी की जाती है। इस तरह की प्रतियोगिताएं स्कॉटलैंड में गर्मियों के दौरान हाइलैंड गेम्स सम्मेलन में बहुत आम हैं, लेकिन इंग्लैंड में गर्मियों के दौरान और भी कई नियमित खेल खेले जाते हैं। .

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ट्रेजर आइलैंड

ट्रेजर आइलैंड स्कॉटिश लेखक रॉबर्ट लुई स्टीवेन्सन का एक दुस्साहसिक उपन्यास है, जो "समुद्री डाकू और गड़े सोने" की कहानी कहता है। पहली बार 1883 में एक पुस्तक रूप में प्रकाशित हुआ, मूलत: यह बच्चों की पत्रिका यंग फोक्स में 1881-82 के बीच धारावाहिक रूप से ट्रेजर आईलैंड या म्युटिनी ऑफ द हिसपैनीओला और छद्मवेशी कैप्टन जॉर्ज नॉर्थ शीर्षक से प्रकाशित हुआ। परंपरागत रूप से इसे भविष्यकालीन कहानी के लिए माना जाता है, यह एक दुस्साहिक कहानी है जो अपने माहौल, चरित्र और कार्रवाई और साथ नैतिकता की अस्पष्टता पर व्यंग्यपूर्ण टिप्पणी के लिए जाना जाता है - जैसा कि लौन्ग जॉन सिल्वर में देखा गया - जो कि तब और अब भी बाल साहित्य के लिए असाधारण है। यह अब तक के सभी उपन्यासों में सबसे अधिक नाटकीय है। "एक्स" (X) निशान के साथ खजाने के मानचित्र, दो मस्तूलवाले जहाज, काले निशान वाली जगह, उष्णकटिबंधीय द्वीपों और कंधे पर तोते के साथ एक पैरों वाले नाविक समेत समुद्री डाकुओं की लोकप्रिय अवधारणा में ट्रेजर आईलैंड का बहुत अधिक प्रभाव है। .

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ट्विंकल ट्विंकल लिटिल स्टार

ट्विंकल ट्विंकल लिटिल स्टार एक लोकप्रिय अंग्रेजी कविता है। इस कविता के बोल उन्नीसवीं सदी के प्रारंभ में जेन टेलर द्वारा लिखी गयी अंग्रेजी कविता "द स्टार " से लिए गए हैं। दोहे के रूप में लिखी गयी यह कविता पहली बार 1806 में एक संग्रह राइम्स फॉर द नर्सरी में प्रकाशित हुई, जिसे टेलर और उनकी बहन ऐन ने लिखा था। इस कविता की धुन आधारित है एक फ्रांसीसी गीत "आह! वुस डिराई-जे मामन " पर (सबसे पुराना ज्ञात प्रकाशन 1761).

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ट्विकेनहैम स्टेडियम

ट्विकेनहैम स्टेडियम जिसे कई बार केवल ट्विकेनहैम भी कहा जाता है, ट्विकनहम, लंदन में स्थित रग्बी यूनियन स्टेडियम है। इसकी क्षमता ८२,००० है। यह १९०९ में खोला गया था। स्टेडियम में आम तौर पर प्रमुख रग्बी यूनियन माचिस जैसे प्रीमियरशिप फाइनल, एंग्लो-वेल्श कप फाइनल और इंग्लैण्ड राष्ट्रीय रग्बी यूनियन टीम के घरेलू मैचों कि मेजबानी होती है। यह इंग्लैण्ड का दूसरा सबसे बड़ा स्टेडियम है, केवल वेम्बली स्टेडियम के पीछे और केवल रग्बी यूनियन के उपयोग का संसार में सबसे बड़ा स्टेडियम। .

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टैंक

टी-९० भीष्म टैंक कवचयान या टैंक (Tank) एक प्रकार का कवचित, स्वचालित, अपना मार्ग आप बनाने तथा युद्ध में काम आनेवाला ऐसा वाहन है जिससे गोलाबारी भी की जा सकती है। युद्धक्षेत्र में शत्रु की गोलाबारी के बीच भी यह बिना रुकावट आगे बढ़ता हुआ किसी समय तथा स्थान पर शत्रु पर गोलाबारी कर सकता है। गतिशीतला एवं शत्रु को व्याकुल करने का सामर्थ्य है और जो कबचित होने के कारण स्वयं सुरक्षित है। .

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टेस्ट क्रिकेट

टेस्ट क्रिकेट, क्रिकेट का सबसे लम्बा स्वरूप होता है। इसे खिलाड़ियों की खेल क्षमता की वास्तविक परीक्षा माना गया है, हालाँकि आजकल इस खेल का एकदिवसीय स्वरूप अधिक लोकप्रिय है। .

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टेस्को

टेस्को हाउस, टेस्को का मुख्यालय। टेस्को (Tesco) ब्रिटेन की पीएलसी आधारित खुदरा व्यापार और सामान्य किराने की एक अंतर्राष्ट्रीय बिक्री श्रृंखला है। यह ब्रिटेन का सबसे बड़ा खुदरा दोनों वैश्विक और घरेलू बाजार में बिक्री के साथ साझा २ अरब पाउंड से अधिक लाभ है। २००८ में, जर्मन overtook खुदरा विशालकाय कंपनी बनने के लिए मेट्रो एजी विश्व की चौथी सबसे बड़ी खुदरा, पहला आंदोलन के बाद से २००३ के बीच में पांच शीर्ष है। मूलतः भोजन और पेय में विशेषज्ञता, तो यह है जैसे विविध क्षेत्रों में कपड़े, उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स, उपभोक्ता वित्तीय सेवाओं, और खुदरा बिक्री renting डीवीडी, सीडी, संगीत डाउनलोड, इंटरनेट सेवा, उपभोक्ता telecoms, उपभोक्ता स्वास्थ्य बीमा, उपभोक्ता और सॉफ्टवेयर दंत की योजना है। Countries in which Tesco operates. टेस्को के संस्थापक है जैक कोहेन, १९१९ में पूर्वी लंदन के एक बाजार में बिक्री के भोजन है। " टेस्को " यह नाम पहले १९२४ में छपी है, पहले १९२९ में लंदन में दुकान खोली थी। १९४७, कंपनी लंदन शेयर बाजार पर सूचीबद्ध है। १९४८ के पहले स्वयं सेवा की दुकानों व्यापार के लिए खुला है, तिथि, वह एक के रूप में शहर के भंडार टेस्को (मेट्रो) ऑपरेटरों.

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टॉम हार्डी

एडवर्ड थॉमस "टॉम" हार्डी (Edward Thomas "Tom" Hardy) (जन्म 15 सितंबर 1977) एक अंग्रेज़ अभिनेता होने के साथ पटलेखक और निर्माता भी है। उनकी पहली नवांगुतक के रूप में रिड्ली स्काॅट की 2001 में रिलिज खाड़ी युद्ध आधारित फ़िल्म ब्लैक हाॅक डाउन से हुई थी। हार्डी की अन्य चर्चित अभिनीत फ़िल्में जो रही, उनमें शामिल है; विज्ञान-फंतासी फ़िल्म स्टार ट्रेक: नेमेसिस (2002), अपराध फ़िल्म राॅकएनराॅला (2008), बायोग्राफिक्ल सायकोलाॅजिक्ल ड्रामा ब्रोनसन (2008), विज्ञान-फंतासी थ्रिलर इंसेप्शन (2010), खेल ड्रामा वाॅरियर (2011), शीत युद्ध आधारित फ़िल्म टिंकर टेलर साॅल्जर स्पाई (2011), अपराध ड्रामा लाॅलेस़ (2012), ड्रामा लाॅके (2013), माफिया आधारित द ड्राॅप (2014), और बायोग्राफिक्ल वेस्टर्न थ्रिलर द रेवेनैंट (2015), जिनके लिए अकादमी अवार्ड में बतौर उन्हें सर्वश्रेष्ठ सह-अभिनेता से नामांकित किया गया। उनकी कुछ सर्वाधिक लोकप्रिय किरदार बेन का था, जिसमें उन्होंने सूपरहीरो फ़िल्म द डार्क नाईट राइसेस (2012) में मुख्य खलनायक की भूमिका की थी, फिर भविष्यकालीन एक्शनपैक्ड फ़िल्म मैड मैक्स: फ्युरी राॅड (2015) के नायक "मैड" मैक्स राॅकटेनस्की के बाद, अपराध थ्रिलर लेजेण्ड (2015) में उन्होंने क्रैय ट्विन की अदाकारी भी की। वहीं टेलीविजन पर हार्डी की बतौर अभिनेता की शुरुआत एचबीओ चैनल की युद्ध ड्रामा धारावाहिक बैण्ड ऑफ ब्रदर्स (2001) से की, फिर बीबीसी की ऐतिहासिक ड्रामा धारावाहिक द वर्जिन क्वीन (2005), आईटीवी की वुदरिंग हाइट्स (2008), द स्काई 1 के ड्रामा धारावाहिक द टेक (2009), और फिर बीबीसी की ब्रिटिश हिस्ट्रीकल अपराध ड्रामा की टेलीविजन धारावाहिक पिकी ब्लायंडर्स (2013) इसमें शामिल है। हार्डी अक्सर ब्रिटिश एवं अमेरिकी स्टेज पर अपनी परफाॅर्मेंस देते रहे हैं। उन्हें 2003 मे निर्मित अरेबिया वी वुड ऑल बी किंग्स में निभाए किरदार स्कैंक के लिए द लाॅरेंस ऑलिवर अवार्ड से बतौर सर्वश्रेष्ठ समर्पित नव-अभिनेता के रूप में नामांकित के लिए गया, और फिर 2003 में उन्हें "अरेबिया वी वुड बी किंग्स" और "लुका इन ब्लड" के लिए लंदन इवनिंग स्टैंडर्ड थियेटर अवार्ड की ओर से बतंर बेहतरीन नव-अभिनेता के खिताब से नवाजा गया। उनकी पहली बतौर नाटक निर्माता 2007 "द मैन ऑफ मोड" और 2010 में नाट्य निर्देशक फिलिप सेमाॅर हाॅफमैन की "द लांग रेड रोड" में अदाकारी के लिए समीक्षकों की ओर से भरपूर प्रशंसा मिली। .

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टॉम हिडलस्टन

थॉमस विलियम "टॉम" हिडलस्टन एक अंग्रेज़़ अभिनेता है। .

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टॉम हॉलैंड (अभिनेता)

थॉमस स्टैनली हॉलैंड (जन्म: १ जून १९९६)Births, Marriages & Deaths Index of England & Wales, 1916–2005; ancestry.com; accessed 19 March 2016.

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टॉम हॉलेंड (अभिनेता)

थॉमस स्टैनली हॉलैंड (जन्म: १ जून १९९६)Births, Marriages & Deaths Index of England & Wales, 1916–2005; ancestry.com; accessed 19 March 2016.

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टोनी एबॉट

एंथनी जॉन टोनी एबॉट (अंग्रेज़ी- Anthony John "Tony" Abbott, जन्म: 4 नवम्बर, 1957) ऑस्ट्रेलिया के 28वें प्रधानमंत्री रह चुके हैं। 15 सितंबर, 2015 को पार्टी नेतृत्व में परिवर्तन के फलस्वरूप उन्हें हटना पड़ा औेर उनके स्थान पर मैल्कम टर्नबुल प्रधानमंत्री बने। .

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टी एस एलियट

टी० एस० एलियट (Thomas Stearns Eliot; १८८-१९६५) १९४८ के नोबेल-पुरस्कार-विजेता(साहित्य) तथा आधुनिक युग की महानतम अंग्रेजी साहित्यिक विभूतियों में से थे। २६ वर्ष की आयु में आप अपनी मातृभूमि अमरीका छोड़कर इंग्लैंड में बस गए और १९२७ में ब्रिटिश नागरिक बन गए। आपने नाटक, कविता और आलोचना तीनों क्षेत्रों में महान् ख्याति प्राप्त की है तथा आधुनिक युग के प्राय: सभी प्रसद्धि लेखकों को प्रभावित किया है। वे स्वयं डन, एज़रा पाउंड तथा फ्रांसीसी प्रतीकवादी कवि लॉफोर्ज़ द्वारा सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं।८ .

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ऍथलस्टैन ए

ऍथलस्टैन ए (Æthelstan A) एक अज्ञात लिपिक के लिए इतिहासकारों द्वारा दिया गया नाम है, जिसने 928 और 935 के बीच इंग्लैण्ड के राजा ऍथलस्टैन के लिए राजलेख (या डिप्लोमा) तैयार किए, जिनके द्वारा राजा ने ज़मीनों का अनुदान दिया था। वे इतिहासकारों के लिए एक महत्त्वपूर्ण स्रोत हैं क्योंकि वे इस अवधि के अन्य राजलेखों के मुकाबले अधिक जानकारी प्रदान करते हैं, अनुदान की तारीख और स्थान दिखाते हुएँ, और इन पर गवाहों की एक असामान्य रूप से लंबी सूची होती थी, जिनमें वेल्श राजा और कभी-कभी स्कॉटलैण्ड और स्ट्रैथक्लाईड के राजा शामिल होते थे। .

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ऍक्ट ऑफ़ सेटलमेंट, १७०१

ऍक्ट ऑफ़ सेटलमेंट(Act of Settlement) अर्थात् समाधान का अधिनियम, इंग्लैंड की संसद द्वारा सन् १७०१ में पारित एक अधिनियम था, जिसे अंग्रेजी और आयरिश राजमुकुटों पर उत्तराधिकार की समस्या का समाधान करने हेतु पारित किया गया था। इस अधिनियम को ब्रिटिश राजतंत्र के इतिहास के सबसे महत्वपूर्ण विधानों में से एक माना जाता है। इस अधिनियम द्वारा, उत्तराधिकार के समाधान के रूप में, अंग्रेजी राजसत्ता के वारिस होने के हक़ को, हनोवर की निर्वाचिता, सोफ़िया(स्कॉटलैंड के जेम्स सष्टम की पौत्री) और उनके वंश की पुरुष-रेखा के जायज़, ग़ैर-रोमन कैथोलिक वंशजों को सौंप दिया था। इस अधिनियम के मौलिक दस्तावेज़ हनोवर के लोअर सैक्सन स्टेट पुरालेखागार में संरक्षित हैं। इस अधिनियम को विलियम तृतीय और रानी मैरी द्वितीय, और मैरी की बहन रानी ऐनी के कोई जीवित संतान उत्पन्न नहीं कर पाने, तथा स्टुअर्ट घराने के सभी सदस्यों के कैथोलिक धर्म होने के कारण किया गया था। सोफ़िया की वंशरेखा, स्टुअर्ट घराने की अवर्तम् रेखा थी, परंतु उसके सरे सदस्य वश्वास्पात्र प्रोटेस्टेंट थे। सोफ़िय का निधन, 8 जून 1714 को, 1 अगस्त 1714 को रानी ऐनी के देहांत से पहले ही होगई, जिसके पश्चात्, ज्याॅर्ज प्रथम ने सिंहासन पर विराज कर हनोवर वंश की शुरूआत की। इस अधिनियम ने स्काटलैंड और इंग्लैंड के विलय कर यय ग्रेट ब्रिटेन की स्थापना करने में अहम भूमिका निभाई थी। सन 1603 से ही दोनों देशों ने एक ही शासक को साझा किया था, परंतु दो भिन्न सारकारें थीं और ये दो वभक्त रूप से शासित देश थे। अंग्रेज़ी संसद के मुकाबले, स्काॅटियाई संसद, स्टुअर्ट घराने को, जरने स्काॅटलैंड पर इंग्लैण्ड पर हुकूमत करने से कहीं पहले से स्काॅटलैंड पर शासन करते आ रही थी, का त्याग करने का अधिक पक्ष में नहीं थी। एॅक्ट ऑफ़ सेटलमेंट को मंजूरी देने हेतु अंग्रेजी संसद का स्काॅटियाई संसद पर दबाव, इन दोनों देशों के संसदीय विलय का एक अतिमहत्वपूर्ण कारणों में से एक था। इस एॅक्ट के अंतर्गत, हर वो व्यक्ति, जो कि कैथलिक था, या किसी कैथोलिक व्यक्ति के संग विवाहित था, सिंहासन पर अधिकार से आजीवन वंजित होता है। साथ ही यह अधिनियम, विदेशियों का ब्रिटिश सर्कार में हस्तक्षेप तथा शासक का संसदीय कार्यों में हस्तक्षेप पर काफी रोक व सीमाएँ लगता है। हालांकि, इन विधानों में, बाद में, आवश्यक संशोधन भी लाए गए हैं। बिल ऑफ़ राइट्स, 1689 समेत, एॅक्ट ऑफ सेटलमेंट, ब्रिटेन और अन्य राष्ट्रमंडल प्रदेशों के साझा सिंहासन पर उत्तराधिकार के क्रम को अनुशासित करनेवाले मुख्यतम् विधानों में से एक है। इसे साँझा सिंहासन रखनेवाले देश की संसद द्वारा किसी अन्य संसद द्वारा पलटा नहीं जा सकता है, और रीतिनुसार, साआरे राष्ट्रमंडल प्रदेशों की स्वीकृति से ही इसे पलटा जा सकता है। पर्थ समझौते के पश्चात्‌, इसे संशोधित करने के विधानों को साथे प्रदेशों में 26 मार्च 2015 को पारित किया गया, जिसके बाद, कैथोलिक व्यक्ति के संग विवाहित व्यक्ति, उत्तराधिकार के लिए सक्षम हैं। .

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ए ओ ह्यूम

एलेन ओक्टेवियन ह्यूम एलेन ओक्टेवियन ह्यूम (६ जून १८२९ - ३१ जुलाई १९१२) ब्रिटिशकालीन भारत में सिविल सेवा के अधिकारी एवं राजनैतिक सुधारक थे। वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के संस्थापकों में से एक थे। ह्यूम प्रशासनिक अधिकारी और राजनैतिक सुधारक के अलावा माहिर पक्षी-विज्ञानी भी थे, इस क्षेत्र में उनके कार्यों की वजह से उन्हें 'भारतीय पक्षीविज्ञान का पितामह' कहा जाता है। .

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एचएएल ध्रुव

ध्रुव हैलीकॉप्टर हिंदुस्तान ऐरोनॉटिक्स लिमिटेड द्वारा विकसित और निर्मित भारत का एक बहूद्देशीय हैलीकॉप्टर है। इसकी भारतीय सशस्त्र बलों को आपूर्ति की जा रही है और एक नागरिक संस्करण भी उपलब्ध है। इसे पहले नेपाल और इज़रायल को निर्यात किया गया था फिर सैन्य और वाणिज्यिक उपयोग के लिए कई अन्य देशों द्वारा मंगाया गया है। सैन्य संस्करण परिवहन, उपयोगिता, टोही और चिकित्सा निकास भूमिकाओं में उत्पादित किये जा रहे हैं। ध्रुव मंच के आधार पर, एच ए एल हल्का लड़ाकू हेलीकाप्टर, एक लड़ाकू हेलीकाप्टर और एचएएल लाइट अवलोकन हेलीकाप्टर, एक उपयोगिता और प्रेक्षण हेलिकॉप्टर विकसित किए गए है। .

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एचबीओएस (HBOS)

माउन्ड, एडिनबर्ग, ग्रुप मुख्यालय. ट्रिनिटी रोड, हैलिफ़ैक्स में HBOS कार्यालय. आयलेसबरी, बकिंघमशायर में हैलिफ़ैक्स कार्यालय. HBOS कार्यालय, लोवेल पार्क, लीड्स, पूर्व लीड्स स्थायी भवन हैलिफ़ैक्स बिल्डिंग सोसायटी द्वारा अपने अधिग्रहण से पहले. HBOS पीएलसी युनाइटेड किंगडम की एक बैंकिंग और बीमा कंपनी है, जनवरी 2009 में जिसका स्वामित्व पूरी तरह से लॉयड्स बैंकिंग समूह की सहायक कंपनी द्वारा ले लिया गया था। यह बैंक ऑफ स्कॉटलैंड पीएलसी की होल्डिंग कंपनी है, जो ब्रिटेन में बैंक ऑफ स्कॉटलैंड और हैलिफ़ैक्स ब्रांड, साथ ही साथ HBOS ऑस्ट्रेलिया और HBOS बीमा और निवेश ग्रुप लिमिटेड के बीमा प्रभाग को संचालित करती है। HBOS, का गठन 2001 में हैलिफ़ैक्स पीएलसी और बैंक ऑफ स्कॉटलैंड के गवर्नर एंड कंपनी के विलय के द्वारा किया गया और HBOS का निर्माण ब्रिटिश बैंकिंग में पांचवीं शक्ति के रूप में आगे आया, इसकी आकार और महिमा ब्रिटेन के रिटेल बैंक बिग फोर के तुल्य थी। यह ब्रिटेन का सबसे बड़ा बंधक ऋणदाता भी है। HBOS समूह पुनर्गठन अधिनियम 2006 ने पीएलसी का हस्तांतरण बैंक ऑफ स्कॉटलैंड के गवर्नर एंड कंपनी में होते हुए देखा, जो अब एक सार्वजनिक लिमिटेड कंपनी बैंक ऑफ स्कॉटलैंड पीएलसी के रूप में रजिस्ट्रीकृत है। हालांकि आधिकारिक तौर पर HBOS किसी विशिष्ट शब्द का एक संक्षिप्त नाम नहीं है, यह व्यापक रूप से हैलिफ़ैक्स बैंक ऑफ स्कॉटलैंड के लिए ही माना जाता है। ग्रुप के कॉर्पोरेट मुख्यालय द माउन्ड, एडिनबर्ग, स्कॉटलैंड में स्थित हैं; जहां पहले बैंक ऑफ स्कॉटलैंड का पूर्व मुख्यालय था। ऑपरेशनल मुख्यालय हैलिफ़ैक्स, वेस्ट यॉर्कशायर इंग्लैंड में स्थित है जहां पहले हैलिफ़ैक्स का पूर्व मुख्य कार्यालय था। लॉयड्स TSB के अधिग्रहण के बाद यह समूह लॉयड्स बैंकिंग ग्रुप का हिस्सा बन गया। दोनों सेट के शेयरधारकों द्वार इस समझौते को मंजूरी मिलने के बाद सोमवार 19 जनवरी 2009 से यह प्रभाव में आ गया। नए समूह के भीतर HBOS एक अलग संगठन के रूप में काम करने लगा, हालांकि समय के साथ इसकी पुनर्गठित होने की संभावना जारी है। लॉयड्स बैंकिंग ग्रुप ने कहा है कि नया समूह द माउन्ड का उपयोग स्कॉटिश ऑपरेशन के मुख्यालय के रूप में करता रहेगा और स्कॉटिश बैंक नोट्स को जारी करने का काम बन्द नहीं करेगा। .

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एञ्थनी ईडन

इंग्लैंड के प्रधान मन्त्री।.

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एडिडास

(registered in 1949) | founder .

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एडिनबर्ग

एडिनबर्ग या एडिनबर (Edinburgh,अंग्रेजी उच्चारण: / ए॑डिन्बर / Dùn Èideann डुन एडिऽन्न), स्कॉटलैंड की राजधानी, एवं ग्लासगो के बाद, स्कॉटलैंड का दूसरा सबसे बड़ा शहर है। यह स्काॅटलैन्ड के लोथियन क्षेत्र में फ़ाॅर्थ के नदमुख के दक्षिणी तट पर स्थित है। वर्ष 2013 के हिसाब से,इस शहर की आबादी 5,00,000 के करीब है। 15वीं सदी से ही यह ऐतिहासिक शहर स्कॉटलैंड की राजधानी है। शुरुआत से ही स्काॅटियाई राजशाही के सारे महत्वपूर्ण प्रशासनिक भवन इसी शहर में ही स्थित हुआ करते थे, परंतू 1603 और 1707 के बीच, इंग्लैंड से विलय के पश्चात इस शहर की काफ़ी राजनैतिक ताकत लंदन चली गई। 1999 में स्कॉटिश संसद को स्वायत्त रूप से शाही धोषणा द्वारा स्थापित किया गया तब से यह शहर स्काॅटलैंड की संसद व स्काॅटलैंड में राजगद्दी का आसन है। स्कॉटलैंड का राष्ट्रीय संग्रहालय, स्कॉटलैंड का राष्ट्रीय पुस्तकालय और स्कॉटलैंड की अन्य महत्वपूर्ण सांस्कृतिक संस्थाओं के मुख्यालय व नेशनल गैलरी यहीं एडिनबर्ग में स्थित हैं। आर्थिक रूप से, यह यूके में लंदन के बाहर का सबसे बड़ा वित्तीय केंद्र है। एडिनबर्ग का इतिहास काफ़ी लम्बा है, एवं यहां कई ऐतिहासिक इमारतों को भी अच्छी तरह से संरक्षित देखे जा सकते हैं। एडिनबर्ग कासल, हाॅलीरूड पैलेस, सेंट जाइल्स कैथेड्रल और कई अन्य महत्वपूर्ण ऐतिहासिक इमारतें यहां स्थित हैं। एडिनबर्ग का ओल्ड टाउन और न्यू टाउन, यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल हैं। 2004 में, एडिनबर्ग विश्व साहित्य में पहला शहर बन गया। साथी यह ऐतिहासिक रूप से शिक्षा का भी एक विकसित केन्द्र रहा है, यहाँ स्थित, एडिनबर्ग विश्वविद्यालय, ब्रिटेन के सबसे पुराने विश्वविद्यालयों में से एक है, एवं यह अब भी दुनिया के शीर्ष सिक्षा संस्थानों में शामिल है। इसके अलावा एडिनबर्ग अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव और यहां आयोजित किये गए अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रम भी विश्वविख्यात समारोहों में से एक है। लंडन के बाद ब्रिटेन में, एडिनबर्ग दूसरा सबसे बड़ा पर्यटन केन्द्र है। .

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एडवर्ड बर्नेट टाइलर

सर एडवर्ड बर्नेट टाइलर (2 अक्टूबर 1832 – 2 जनवरी 1917) एक अंग्रेज़ मानव विज्ञानी थे। टाइलर सांस्कृतिक विकासवाद के प्रतिनिधि हैं। टाइलर ने प्राचीन संस्कृति और मानवविज्ञान में, चार्ल्स लिएल के विकासवाद के सिद्धान्त पर आधारित मानव विज्ञान के वैज्ञानिक अध्ययन के संदर्भ का वर्णन किया है। उनका विश्वास था कि समाज और धर्म के विकास के पीछे एक कार्यात्मक आधार होता है, इनका दृढ़ विश्वास था कि वो आधार सार्वभौमिक होता है। ई. बी.

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एडवर्ड हीथ

एडवर्ड हीथ (Edward Heath) इंग्लैंड के प्रधान मन्त्री (1970-1974)।.

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एडवर्ड गिबन

एडवार्ड गिबन एडवर्ड गिबन (१७३७-१७९४) इंग्लैंड के इतिहासकार तथा पार्लमेन्ट सदस्य थे। उनकी 'हिस्ट्री ऑफ द डिक्लाइन ऐण्ड फाल ऑफ रोमन इम्पायर' नामक कृति १७७६ से १७८८ के बीच छः खण्डों में प्रकाशित हुई। .

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एडवर्ड्स इंग्लिश स्कूल, जामतारा

एडवर्ड्स अंग्रेजी स्कूल, जामताड़ा(अनौपचारिक EES) एक अंग्रेजी माध्यम के स्कूल से संबद्ध इंडियन सर्टिफिकेट ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (आईसीएसई), नई दिल्ली.

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एडविना माउंटबेटन

एडविना सिंथिया एनेट माउंटबेटन, बर्मा की काउंटेस माउंटबेटन (१८ नवंबर १९०१ - २१ फरवरी १९६०) एक अंग्रेजी उत्तराधिकारिणी, सोशलाइट, राहत कार्यकर्ता था बर्मा के पहले अर्ल माउंटबेटन, लुई माउंटबेटन की पत्नी के रूप में भारत की आखिरी वाइसरीइन थी। .

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एडोस इंटरएक्टिव

एडोस इंटरएक्टिव (Eidos Interactive) ब्रिटिश वीडियो गेम डेवलपर थी, अब स्क्वायर एनिक्स यूरोप के रूप में सक्रिय हैं। कंपनी के संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा, जर्मनी, फ्रांस, ऑस्ट्रेलिया और जापान सहित दुनिया भर में कार्यालय थे। इसकी सबसे प्रसिद्ध खेल श्रृंखला में, हिटमैन और टॉम्ब रेडर शामिल है। .

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एण्ड्रू बोनार ला

इंग्लैंड के प्रधान मन्त्री।.

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एन हेडन जोन्स

श्रेणी:टेनिस खिलाड़ी श्रेणी:महिला टेनिस खिलाड़ी.

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एन्ड्रेस इनिएस्‍टा

एन्ड्रेस इनिएस्‍टा लुहान; (11 मई 1984 को फुएन्टिलबिला (Fuentealbilla), एल्बाकेट (Albacete) (कैस्टिले-ला मांचा (Castile-La Mancha) में जन्‍म लिया) एक स्पेनी फ़ुटबॉल मिडफील्‍डर खिलाडी है जो वर्तमान में स्‍पेन के ला लिगा क्‍लब एफ सी बार्सिलोना के लिए खेलते हैं। स्‍वाभाविक विनम्रता के साथ, पिच पर कहीं भी खेलने की उनकी इच्‍छा ने उन्हें स्‍पेनिश प्रेस से एल इल्‍यूजनिस्‍टा (El Ilusionista) (जादूगर), एल एंटी-ग्‍लैटिको (El Anti-Galáctico) द एंटी ग्‍लैक्टिको (The Anti-Galáctico) सेरेब्रो (Cerebro), (मष्‍तिष्‍क) और सबसे हाल ही में डॉन ऐंड्रेस (Don Andrés) से सम्मान अर्जित कराया है। 2009 के यूइएफए (UEFA) चैंपियंस लीग फाइनल के बाद, मैनचेस्टर यूनाइटेड के स्ट्राइकर वेन रूनी ने कहा कि उनका मानना है एन्ड्रेस मिडफील्डरों की दुनिया में सबसे अच्छा खिलाड़ी है। बार्सिलोना के साथ उनका वर्तमान अनुबंध 2015 तक है। .

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एफी जार्विस

आर्थर हारवुड ("एफ़ी") जार्विस (जन्म; १९ अक्टूबर १८६० हिंद्मार्श में दक्षिण ऑस्ट्रेलिया - निधन;१५ नवम्बर १९३३ हिंद्मार्श में, दक्षिण ऑस्ट्रेलिया) ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण ऑस्ट्रेलिया के लिए खेले जाने वाले एक ऑस्ट्रेलियाई विकेटकिपर थे। इन्होंने टेस्ट क्रिकेट कैरियर की शुरुआत १५ जनवरी १८८५ को इंग्लैंड के खिलाफ एमसीजी में किया था और इन्होंने अपना अंतिम टेस्ट मैच ०१ मार्च १८९५ को उसी मैदान पर इंग्लैंड के खिलाफ थे। जार्विस सबसे बदकिस्मत थे कि उनका कैरियर जैक ब्लैकहैम के साथ झेलना पड़ा, जिन्होंने ऑस्ट्रेलियाई टेस्ट टीम में जगह पकड़ ली थी। इसके बावजूद जार्विस का दक्षिण ऑस्ट्रेलिया के लिए विकेट-कीपर के रूप में शानदार कैरियर रहा, और ब्लैकहैम की मौजूदगी के बावजूद उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के लिए ११ टेस्ट मैच खेले और इंग्लैंड का दौरा भी किया। .

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एबरडीन

एबरडीन (स्कॉटलैंड का तीसरा सबसे अधिक आबादी वाला शहर, स्कॉटलैंड के 32 स्थानीय सरकार परिषद क्षेत्रों में से एक और ब्रिटेन का 29वां सबसे अधिक आबादी वाला शहर है। इसकी आधिकारिक आबादी गणना है। इसके उपनामों में शामिल हैं ग्रेनाईट सिटी, ग्रे सिटी और सिल्वर सिटी विथ द गोल्डेन सैंड्स. मध्य 18वीं और मध्य 20वीं सदियों के दौरान, एबरडीन की इमारतों में स्थानीय रूप से उत्खनित ग्रे ग्रेनाइट का समावेश हुआ करता था, जिसके अभ्रक चांदी की तरह चमका करते हैं। शहर में एक लंबा रेतीला समुद्र तट है। 1970 के दशक में उत्तरी सागर तेल की खोज के बाद से, इसका एक अन्य उपनाम ऑयल कैपिटल ऑफ़ यूरोप या एनर्जी कैपिटल ऑफ़ यूरोप रखा गया। कम से कम 8000 साल पहले एबरडीन के आसपास के क्षेत्र बसने लगे, जब डी और डोन नदियों के मुहानों के आसपास प्रागैतिहासिक गांव स्थापित हुए। 1319 में, रॉबर्ट द ब्रूस द्वारा एबरडीन को राजकीय नगर का दर्जा प्राप्त होने से आर्थिक रूप से शहर पूरी तरह बदल गया। 1495 में स्थापित एबरडीन विश्वविद्यालय और 1992 में विश्वविद्यालय का दर्जा प्राप्त करने वाले रॉबर्ट गोर्डन विश्वविद्यालय, शहर के इन दो विश्वविद्यालयों के कारण एबरडीन उत्तर-पूर्व का शैक्षणिक केंद्र बना। मछली पकड़ने, कागज़ बनाने, जहाज निर्माण और वस्त्र जैसे उद्योगों से तेल उद्योग तथा एबरडीन बंदरगाह आगे निकल गये। एबरडीन हेलीपोर्ट दुनिया के सबसे व्यस्ततम वाणिज्यिक हेलीपोर्ट में से एक है और वहां का बंदरगाह स्कॉटलैंड के उत्तर-पूर्व में सबसे बड़ा है। एबरडीन ने ब्रिटेन इन ब्लूम प्रतियोगिता में दस बार रिकार्ड-तोड़ जीत हासिल की है, और एबरडीन अंतर्राष्ट्रीय युवा महोत्सव का आयोजन किया है, जो एक बड़ा अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रम है, जिसमे लगभग 1000 सबसे प्रतिभाशाली युवा प्रदर्शनकारी कला कंपनियां भाग लेती हैं। .

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एयरबस

एयरबस SAS (अंग्रेज़ी मेंचित्र:ltspkr.png, फ़्रांसीसी में /ɛʁbys/ और जर्मन में) एक यूरोपीय अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी कम्पनी EADS की एक वायुयान निर्माण सहायक कम्पनी है। ब्लैगनैक, फ़्रांस में ट्युलाउज़ के पास स्थित और पूरे यूरोप में महत्वपूर्ण गतिविधि वाली यह कम्पनी समस्त विश्व के जेट विमानों की कुल संख्या के लगभग आधे का उत्पादन करती है। एयरबस की शुरुआत अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी उत्पादकों के एक संघ के रूप में हुई। सदी के अंत के दौरान यूरोपीय सैन्य और अंतरिक्ष अनुसंधान कम्पनियों के एकीकरण ने 2001 में सरलीकृत संयुक्त स्टॉक कंपनी की स्थापना की अनुमति दी, जिसका स्वामित्व EADS (80%) और BAE सिस्टम्स (20%) के पास था। एक लंबी विक्रय प्रक्रिया के बाद 13 अक्टूबर 2006 को BAE ने अपनी हिस्सेदारी EADS को बेच दी। यूरोपीय संघ के चार देशों: जर्मनी, फ़्रांस, यूनाइटेड किंगडम और स्पेन, के सोलह स्थानों पर एयरबस के लगभग 57,000 कर्मचारी कार्य करते हैं। अंतिम असेम्बली उत्पादन ट्युलाउज़ (फ़्रांस), हैम्बर्ग (जर्मनी), सेविल (स्पेन) और, 2009 से, तियान्जिन (चीन) में होता है। संयुक्त राज्य अमरीका, जापान, चीन और भारत में एयरबस की सहायक कम्पनियां कार्यरत हैं। यह कम्पनी वाणिज्यिक रूप से व्यवहार्य पहले फ़्लाइ-बाइ-वायर (fly-by-wire) वायुयानों के उत्पादन और विपणन के लिये जानी जाती है। .

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एरिक कैंटोना

एरिक डैनियल पियरे कैंटोना (जन्म 24 मई 1966) एक फ्रेंच अभिनेता और पूर्व फुटबॉल खिलाड़ी हैं। उन्होंने अपना पेशेवर फुटबॉल खिलाड़ी का कैरियर मैनचेस्टर युनाइटेड में समाप्त किया जहाँ उन्होंने पाँच वर्षों में चार प्रीमियर लीग खिताब जीते, जिनमें दो लीग और एफ़ए (FA) कप डबल्स शामिल हैं। कैंटोना को अक्सर फुटबॉल की महाशक्ति के रूप में मैनचेस्टर युनाइटेड के पुनरुद्धार में एक प्रमुख करिश्माई भूमिका निभाने वाले खिलाड़ी के रूप में सम्मान दिया जाता है और उन्हें क्लब के साथ-साथ अंग्रेजी फुटबॉल में एक प्रतीकात्मक स्थान भी प्राप्त है। 2001 में, उन्हें मैनचेस्टर युनाइटेड के सदी के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी के रूप में चुना गया था और प्यार से उन्हें "किंग एरिक" का उपनाम भी दिया गया है। वे फ्रांस के समुद्र तटीय फुटबॉल टीम के वर्तमान प्रबंधक हैं। फुटबॉल से अपनी सेवानिवृत्ति के बाद, उन्होंने सिनेमा को कैरियर के रूप में लिया और 1998 की फिल्म एलिजाबेथ, सितारे कलाकार केट ब्लैंचेट और 2009 की फिल्म लुकिंग फॉर एरिक में भूमिकाएं निभाई.

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एर्टन सेना

एर्टन सेना डा सिल्वा, (जिसका उच्चारण होता है; साओ पाउलो, 21 मार्च 1960 - बोलोग्ना इटली 1 मई 1994) एक ब्राजीलियन रेसिंग ड्राइवर थे और तीन बार फॉर्मूला वन के विश्व चैंपियन रहे। एक दुर्घटना में उनकी तब मृत्यु हो गई जब वे 1994 के सैन मेरिनो ग्रां प्रिक्स में सबसे आगे थे और फार्मूला वन कार चलाते हुए मृत्यु को प्राप्त करने वाले वे सबसे हाल के ग्रांड प्रिक्स ड्राइवर हैं। सेना ने अपने मोटरस्पोर्ट की शुरूआत कार्टिंग से की और 1983 में ब्रिटिश फॉर्मूला 3 चैम्पियनशिप में जीत हासिल कर अपने रैंक में इजाफा किया। 1984 में टोलमैन के साथ उसने अपने फार्मूला वन करियर की शुरूआत की, वे अगले ही वर्ष लोटस-रीनॉल्ट में स्थानांतरित हुए और अगले तीन सीज़न के लिए छह ग्रांड प्रिक्स में जीत हासिल की। 1988 में वे मैकलेरन-होंडा पर फ्रेंचमैन अलेन प्रोस्ट में शामिल हुए.

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एलिज़ाबेथ प्रथम

एलिज़ाबेथ प्रथम (Elizabeth I, जन्म: ७ सितम्बर १५३३, मृत्यु: २४ मार्च १६०३) इंग्लैंड और आयरलैंड की महारानी थीं, जिनका शासनकाल १७ नवम्बर १५५८ से उनकी मौत तक चला। यह ब्रिटेन के ट्युडर राजवंश की पाँचवी और आख़री सम्राट थीं। इन्होनें कभी शादी नहीं की और न ही इनकी कोई संतान हुई इसलिए इन्हें "कुंवारी रानी" (virgin queen, वर्जिन क्वीन) के नाम से भी जाना जाता था। यह ब्रिटेन के सम्राट हेनरी अष्टम की बेटी होने के नाते जन्म पर एक राजकुमारी थीं, लेकिन इनके जन्म के ढाई साल बाद ही इनकी माता, ऐन बोलिन (Anne Boleyn) को मार दिया गया और इन्हें नाजायज़ घोषित कर दिया गया। १५५३ तक इनके सौतेले भाई एडवर्ड ६ के शासनकाल के बाद इनकी बहन मैरी १ ने शासन संभाला। मैरी के संतानरहित होने के बाद एलिज़ाबेथ ने १७ नवंबर १५५८ को अंग्रेजी सिंहासन की बागडोर संभाली। इन्होने अपने इर्द-गिर्द बहुत से समझदार व्यक्तियों को मंत्री-परिषद में रखा जिस से ब्रिटेन सुव्यवस्थित हुआ। इन्होनें इंग्लैंड में "इंग्लिश प्रोटेस्टैंट चर्च" की नींव रखी और स्वयं को उसका अध्यक्ष बना लिया। इस से वे ब्रिटेन की राजनैतिक नेता और धार्मिक नेता दोनों बन गई। इस से रोमन कैथोलिक शाखा का पोप नाराज़ हो गया। वह ब्रिटेन को धार्मिक मामलों में अपने अधीन एक कैथोलिक राष्ट्र मानता था। उसने १५७० में यह आदेश दिया की ब्रिटेन के नागरिकों को एलिज़ाबेथ से वफ़ादारी करने की कोई आवश्यकता नहीं है। इस से ब्रिटेन के कैथोलिक समुदाय से एलिज़ाबेथ के ख़िलाफ़ बहुत से हमले हुए और कई विद्रोह भड़के, लेकिन एलिज़ाबेथ अपने मंत्रियों की गुप्तचर सेवा की मदद से सत्ता पर बनी रहीं। १५८८ में पोप के आग्रह पर स्पेन (जो एक कैथोलिक राष्ट्र था) ने ब्रिटेन पर एक समुद्री जहाज़ों का बड़ा लेकर आक्रमण करने की कोशिश करी। इस आक्रमण को "स्पेनी अर्माडा" कहा जाता है। एलिज़ाबेथ की नौसेना ने उसे हरा दिया और यह जीत इंग्लैण्ड की सब से ऐतिहासिक जीतों में से एक मानी जाती है। एलिज़ाबेथ के शासनकाल को एलिज़ाबेथेन एरा यानी एलिज़ाबेथ का युग के नाम से भी जाना जाता है। वो अपने शासन में अपने पिता व भाई बहन के मुकाबले ज्यादा उदार थीं। उनकी बहन मैरी ने सैकणों प्रोटेस्टैंटों को मरवा दिया था जिसकी वजह से उसे खूनी मैरी के नाम से भी जाना जाता है। एलिज़ाबेथ ने ऐसा कोई काम नहीं किया। वह लोकप्रिय शासक के रूप में जानी जाती थीं। एलिज़ाबेथ के काल में ब्रिटिश साहित्य और नाटककार फले-फूले, जिनमें विलियम शेक्सपीयर और क्रिस्टोफ़र मार्लोवे के नाम सब से नुमाया हैं। उनके दौर में ब्रिटेन के नौसैनिक दूर-दूर खोज-यात्राओं में निकले। फ़्रांसिस ड्रेक ने उत्तर अमेरिका की यात्रा करी। माना जाता है कि उनके ४४ साल के राज से ब्रिटेन में एक शक्तिशाली राष्ट्रीय भावना फैल गई जिसने आगे चलकर ब्रिटेन को विश्व का सब से शक्तिशाली देश बनने में योगदान दिया। वह ऐसे समय में अपना सिंहासन बचाते हुए लंबे समय तक एक सफल शासन दे सकीं जब पड़ोसी राज्यों के शासक अंदरूनी विवादों में उलझे रहे और अपनी सत्ता गंवाते रहे, जैसे कि उनकी भतीजी व स्कॉटलैंड की रानी मैरी जिसे उन्होंने अपने खिलाफ षडयंत्र रचने के अपराध में १५६८ में मृत्युदंड दे दिया। कुछ इतिहासकार उन्हें चिड़चिड़ा व जल्द कोई फैसला ना ले पाने वाला शासक मानते हैं और उन्हें उनकी काबिलियत से ज्यादा भाग्यशाली बताते हैं। .

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एल्फ़्रेड हिचकॉक

सर एल्फ़्रेड हिचकॉक (अगस्त १३, १८९९ - अप्रैल २९, १९८०) हॉलीवुड के जानेमाने निर्देशक और फिल्म निर्माता थे जिन्होंने रोमांचक फिल्मों में बहुत से नए प्रयोग किये। इन्होंने ब्रिटिश फिल्मों में अपना कैरियर स्थापित करके हॉलीवुड में प्रवेश किया और मूक फिल्मों से लेकर रंगीन फिल्मों तक करीब ५० फिल्मों का निर्देशन किया। अपने जीवनकाल में ये विश्व के सबसे जानेमाने निर्देशक थे और इनकी फिल्में आज भी बहुत लोकप्रिय हैं। रोमांच और गति के प्रयोग में ये प्रवीण थे। इनकी फिल्में भय और भ्रम पर बहुत कुछ आधारित होती थीं। इनमें व्यंग्य और चातुर्य का भी भरपूर प्रयोग होता था। इनके पात्र अपने आप को ऐसी स्थितियों में पाते थे जिनपर उनका कोई बस नहीं होता था। हिचकॉक का जन्म लंदन में लेटनस्टोन में हुआ था। इन्होंने फिल्म निर्देशन की शुरुआत १९२२ में ब्रिटेन में की, लेकिन १९३९ के बाद से ये संयुक्त राज्य अमरीका में ही काम करते रहे। हिचकॉक और इनका परिवार एक पहाड़ की चोटी पर स्थापित कार्नवाल रैन्च या "हार्ट-ऑ-द-माउन्टेन" (पर्वत-हृदय) में रहते थे। हिचकॉक का देहान्त १९८० में गुर्दों की विफलता के कारण हुआ। रेबेका इनकी इकलौती फिल्म थी जिसे अकादमी पुरस्कार मिला, हालांकि इनकी सर्वप्रसिद्ध फिल्म थी सायको। इन्हें सर्वश्रेष्ठ निर्देशक का अकादमी पुरस्कार कभी नहीं मिला। १९६७ में इन्हें जीवनकार्य संपादन के लिए इरविन जी थालबर्ग स्मारक पुरस्कार से सम्मानित किया गया। श्रेणी:फिल्म निर्देशक श्रेणी:१९८० में निधन श्रेणी:1899 में जन्मे लोग.

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एलेस्टेयर कुक

अलस्टेयर नाथन कुक (जन्म: 25 दिसम्बर 1984) अंग्रेजी टीम (टेस्ट और एकदिवसीय) के कप्तान हैं। .

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एलेक डगलस-ह्यूम

इंग्लैंड के प्रधान मन्त्री।.

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एलेक्स पेटीफर

अलेक्जेंडर रिचर्ड "एलेक्स पेटीफर" (जन्म अप्रैल 10, 1990) एक अंग्रेजी अभिनेता और मॉडल हैं। यह 2006 की फिल्म स्टॉर्मब्रेकर में अपनी एलेक्स राइडर की मुख्य भूमिका से पहले स्कूल नाटकों और टेलीविजन पर अभिनय कर चुके थे। इस फिल्म में अपनी भूमिका के लिए पेटीफर यंग आर्टिस्ट अवार्ड और एम्पायर अवार्ड के लिए नामांकित हुए थे। पेटीफर को 2011 की अपनी दो फिल्मों आई एम नंबर फोर, एक विज्ञान गल्प एक्शन रोमांच फिल्म और एलेक्स फ्लिन की पुस्तक पर आधारित बीस्टली के लिए काफी सराहना मिली। .

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एलेक्स फर्ग्यूसन

सर अलेक्जेंडर चेपमैन "एलेक्स" फर्ग्यूसन, KT, CBE, जो सर एलेक्स या फर्जी के नाम से विख्यात हैं (31 दिसम्बर 1941 को ग्लासगो के गोवन में जन्म), एक स्कॉटिश फुटबॉल प्रबंधक और पूर्व खिलाड़ी हैं जो संप्रति मैनचेस्टर यूनाइटेड के प्रबंधक हैं और 1986 से इसके प्रभारी हैं। एबर्डीन के प्रबंधक के रूप में अत्यधिक सफल अवधि से पहले फर्ग्यूसन इस्ट स्टर्लिंगशायर और सेंट मिरेन के प्रबंधक थे। जॉक स्टेन की मौत के कारण हासिल अस्थायी विस्तार के चलते - कुछ समय के लिए स्कॉटलैंड राष्ट्रीय टीम के प्रबंधक रहे - और उन्हें नवम्बर 1986 में मैनचेस्टर यूनाइटेड का प्रबंधक नियुक्त किया गया। मैनचेस्टर यूनाइटेड के प्रबंधकों के इतिहास में सर मैट बस्बी के बाद वे एक ऐसे दूसरे प्रबंधक हैं जिन्होंने 23 वर्षों तक टीम के प्रबंधक के रूप में सेवा की है, जबकि सारे वर्तमान लीग प्रबंधकों में उनका कार्यकाल सबसे लंबा है। अपने प्रबंधन के दौरान, फर्ग्यूसन ने कई पुरस्कार जीते हैं और कई रिकॉर्ड स्थापित किए हैं जिसमें ब्रिटिश फुटबॉल इतिहास में सर्वाधिक वर्ष का सर्वश्रेष्ठ प्रबंधक पुरस्कार भी शामिल है। 2008 में वे तीसरे ब्रिटिश प्रबंधक बने जिन्होंने एकाधिक अवसर पर यूरोपियन कप जीता.

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एसेक्स

एसेक्स (अंग्रेज़ी: Essex) इंग्लैण्ड का एक प्रशासनिक अंचल अर्थात इंग्लैंड का काउंटी है।.

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एंगारी

एंगारी (Angary; लैटिन: jus angariae; फ्रेंच: droit d'angarie; जर्मन: Angarie; ग्रीक: ἀγγαρεία, angareia से व्युत्पन्न) शब्द प्राचीन फारस की राजकीय संदेशहर सेवा (रायल कीरियर सर्विस) के नामकरण से प्राप्त हुआ है। वहाँ से ग्रीक और लातिनी में 'दूत' के अर्थ में यह शब्द प्रचलित हुआ। वर्तमान में यह अन्तरराष्ट्रीय विधि से सम्बन्धित एक शब्द है। वर्तमान अंतरराष्ट्रीय विधि में एंगारी किसी देश की युद्धकाल में या राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए यह अधिकार प्रदान करता है कि जलयान, हवाईजहाज, रेल का सामान या यातायात के अन्य साधन जो दूसरे देशों के हैं, परन्तु उनके अधिक्षेत्र में उपस्थित हैं, अपने काम में ले आए। परंतु उस देश को यातायात के साधनों के उन मालिकों की पूरी क्षतिपूर्ति करनी होगी। किन्तु वर्तमान काल में नाविकों या अन्य चालकों की सेवाएँ नहीं प्राप्त की जा सकती हैं। .

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एक्स ला चैपल संधि (१६६८)

एक्स ला चैपल संधि (१६६८) को २ मई, १६६८ को आखन में तय किया गया था। इसके द्वारा फ़्रांस और स्पेन के बीच युद्ध विराम हुआ था। इसकी मध्यस्थता इंग्लैंड, डच गणराज्य और स्वीडन की ट्रिपल अलाइंस ने की थी। इसमें फ़्रांस को स्पेनिश नीदरलैंड के लिले और फ़्लैन्डर्स के क्षेत्र मिले, किंतु फ्रांश-कोम्ते लौटाना पड़ा। .

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ए॰ जे॰ एयर

सर अल्फ्रेड जूल्स "फ्रेडी" एयर (२९ अक्टूबर १९१० – २७ जून १९८९) एक ब्रितानी दार्शनिक थे। एयर तार्किक विधेयवाद को बढ़ावा देने के कारण विख्यात हैं जिसका उल्लेख उनकी पुस्तकों भाषा, सत्य और तर्क (१९३६) तथा ज्ञान की समस्या (१९५६) में मिलता है। .

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ऐन, ग्रेट ब्रिटेन की महारानी

ऐन (Anne, 6 फरवरी 1665 – 1 अगस्त 1714) इंग्लैंड के राजा जेम्स २ की दूसरी बेटी थी जो ०८ मार्च १७०२ को इंग्लैण्ड, स्कॉटलैण्ड तथा आयरलैण्ड की महारानी बनी। इन्हीं के शासनकाल में १७०७ में विलय के कानून के तहत इंग्लैण्ड और स्कॉटलैण्ड मिलकर ग्रेट ब्रिटेन बने। वह मृत्युपर्यन्त ग्रेट ब्रिटेन और आयरलैण्ड की राष्ट्राध्यक्ष बनी रही। इनकी कोई जीवित संतान नहीं थी और इसलिये कोई उत्तराधिकारी ना होने की वजह से ऐन स्टुअर्ट राजवंश की अंतिम शासक थीं। .

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ऐना पॉपलवेल

ऐना कैथरीन पॉपलवेल (Anna Katherine Popplewell, जन्म १६ दिसम्बर १९८८) एक अंग्रेज़ फ़िल्म अभिनेत्री है। वह ''द क्रॉनिकल्स ऑफ़ नार्निया'' फ़िल्म शृंखला में सुज़ान पेवेंसी का किरदार निभाने के लिए लोकप्रिय है। .

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ऐन्मर हॉल

ऐन्मर हॉल नॉर्फ़ोक, इंग्लैंडमें स्थित एक ग्राम्य भवन है। यह रानी के आवास, सैंड्रिंघम हाउस से 2 मील पूर्व की ओर स्थित है।Martin Robinson,, The Daily Mail, 1 October 2013 इस घर को राजकुमार विलियम, कैम्ब्रिज के ड्यूक और कैथरीन, कैम्ब्रिज की डचेस को अपनी ववाह पर उपहार के रूप में महारानी एलिज़ाबेथ द्वितीय दिया गया था। वर्त्तमान भवन को १८वीं सदी में बनवाया गया था, और यह १८९८ से ही सैंड्रिंघम एस्टेट का हिस्सा रहा है। इसे १८९८ में ग्रेड-२ सूचित भवनों की सूचि में शामिल किया गया था, परंतु बाद में इसे उस सूची से निकाल दिया गया था। .

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ऐनी मोन्सन

ऐनी मोन्सन एक अंग्रेजी वनस्पतिशास्त्री और पौधों और कीड़ों के संग्रहकर्त्ता थी। उनका जन्म १७२६ में डार्लिंगटन, इंग्लैंड में हुआ था। वह हेनरी वेन की बेटी और चार्ल्स द्वितीय की पोती थी। १७४६ में, उन्होंने क्रेगिएहॉल के चार्ल्स होप-वेरे से शादी की और उसके दो बेटे थे। फिर बाद में १७५७ में, उन्होंने लिंकनशायर के कर्नल जॉर्ज मोनसन से शादी की चूंकि उसके नए पति का कैरियर भारतीय सेना के साथ था, उसने अपना अधिकांश समय कलकत्ता में बिताया, जहां वह एंग्लो-भारतीय समाज में प्रमुख बन गई। १७६० में, वह पहले से ही एक "उल्लेखनीय महिला वनस्पतिशास्त्री" के रूप में वनस्पति समुदाय के लिए अच्छी तरह से जानी जाती थी। १८ फरवरी १७७६ को कलकत्ता में उनकी मृत्यु हो गई। .

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ऐनी स्टीवेनसन

1 ४-http://www.anne-stevenson.co.uk/ श्रेणी:कवि श्रेणी:लेखक.

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ऐल्डस हक्स्ले

ऐल्डस हक्स्ले ऐल्डस लॅनर्ड हक्स्ले (अंग्रेज़ी: Aldous Leonard Huxley, जन्म: २६ जुलाई १८९४, मृत्यु: २२ नवम्बर १९६३) एक ब्रिटिश लेखक थे और प्रसिद्ध हक्स्ले परिवार के सदस्य थे। वे अपने उपन्यासों के लिए जाने जाते हैं, विशेषकर "ब्रेव न्यू वर्ल्ड" नामक भविष्यदर्शी उपन्यास के लिए। उन्होने कुछ अरसे तक "ऑक्सफोर्ड पोएट्री" (ऑक्सफोर्ड कविता) पत्रिका का संपादन भी किया और कई लघु कहानियों, कविताओं, यात्रा-वर्णनों और फ़िल्मी कहानियों का भी प्रकाशन किया। हालांकि उनका जन्म इंग्लैण्ड के सरी ज़िले में हुआ था, उन्होने अपने जीवन का आगे का भाग अमेरिका के लॉस ऐन्जेलिस शहर में व्यतीत किया। .

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ऐशबोर्न

ऐशबोर्न (Ashbourne), इंग्लैंड के डर्बीशयर का एक नगर है, जो डर्बी से २० किमी उत्तर-पश्चिम में स्थित है। यह दो छोटी घाटियों के बीच में बसा है और कृषि-व्यापार का अच्छा केंद्र है। संकर्षा (कॉर्सेट) बनाना यहाँ की विशेषता है। धातुओं से यहाँ बर्तन भी बनाए जाते हैं। .

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ऐंग्लिकन समुदाय

ईसाई संप्रदायों में ऐंग्लिगन समुदाय (Anglican Communion) का विशेष स्थान है। इसका इतिहास एक प्रकार से इंग्लैंड में ईसाई धर्म के प्रवेश के साथ-साथ प्रारंभ होता है, किंतु १६वीं शताब्दी में ही वह रोमन काथलिक गिरजे से अलग होकर चर्च ऑव इंग्लैंड का अपनाने लगा। १७वीं शताब्दी में इसके लिए 'ऐंग्लिकन चचर्' का प्रयोग चल पड़ा। आजकल संसार भर के ऐंग्लिकन ईसाइयों का संगठन 'ऐंग्लिकन समुदाय' कहलाता है। .

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ऐंग्लो-सैक्सन

जर्मैनी भाषी क़बीलों के वंशज थे ऐंग्लो-सैक्सन (अंग्रेज़ी:Anglo-Saxon) मध्यकालीन यूरोप के कुछ जर्मैनी भाषाएँ बोलने वालीं जातियाँ थीं जिन्होनें दक्षिणी और पूर्वी ब्रिटेन में 5वी शताब्दी ईसवी में घुसकर बसना शुरू कर दिया। उन्ही की संतति से आधुनिक इंग्लैण्ड का राष्ट्र जन्मा है। इंग्लैण्ड पर उनका राज पांचवी सदी से विलियम विजयी के साथ सन् 1066 में शुरू होने वाले नॉर्मन राज तक जारी रहा। वह "पुरानी अंग्रेज़ी" (Old English) नाम की एक जर्मैनी भाषा बोला करते थे। आठवी सदी में बीड (Bede) नामक इसाई भिक्षु ने लिखा कि ऐंग्लो-सैक्सन लोग तीन क़बीलों की संतान थे.

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ऐंग्लो-सैक्सन भाषा

बेओवुल्फ़ कथा-ग्रन्थ का पुरानी अंग्रेज़ी में लिखा एक पन्ना एंग्लो-सैक्सॉन भाषा (Anglo-Saxon), पुरानी अंग्रेज़ी (Old English) या ऐंग्लिस्क (Ænglisc या Anglisc) वह भाषा है जो आज के इंग्लैंड में ४५० से ११०० ईस्वी के काल में बोली जाती थी। यह एक जर्मैनी भाषा है जो उस काल में जर्मनी और डेनमार्क से आये ऐंग्लो-सैक्सन लोग बोला करते थे। पुरानी अंग्रेज़ी आधुनिक अंग्रेज़ी से बहुत भिन्न है; और इसमें बहुत से जर्मन शब्द हैं। इसका व्याकरण बहुत कठिन है और यह जर्मन भाषा के अधिक निकट है। व्याकरण की दृष्टि से यह अन्य प्राचीन हिन्द-ईरानी भाषाओँ के क़रीब समझी जाती है, जैसे कि लातिनी, संस्कृत और प्राचीन यूनानी भाषा। पुरानी अंग्रेज़ी का स्वरूप विलियम विजयी के नॉर्मन आक्रमण के बाद मध्य अंग्रेज़ी में बदला और उन्होंने ३०० वर्षों तक इसे विद्यालयों में पढाने पर रोक लगा दी।, Lauren S. Bahr, Bernard Johnston, P.F. Collier, 1993,...

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ऐंग्लो-सैक्सन क्रानीकल

इंग्लैंड के इतिहास में 'ऐंग्लो सैक्सन' शब्द का उस काल के लिए प्रयोग किया जाता है जो नार्मन आक्रमण के पहले का है। दूसरे शब्दों में, इसका अभिप्राय अलफ्ऱेड के राज्यकाल से है। यह शब्द कहाँ से लिया गया है और कैसे लिया गया, यह बताना कठिन है। अटकल लगाई जाती है कि यह शब्द उस समय से प्रचलित हुआ जब सन् ८८६ में अलफ्ऱेड के नेतृत्व में कई राज्य मिलकर एक राज्य बने, वास्तव में ऐंग्ली और सैक्सन दो अलग अलग सेनाएँ थीं जो नार्मन आक्रमण से पहले ही संयुक्त रूप से बन गई थीं। ऐंग्लो सैक्सन क्रानीकल चार प्रकार के हैं। इनके हाथ के लिखे कई नुस्खे भी हैं और इनमें मतभेद भी है। फिर भी इनको रूप देनेवाला प्रथम मनुष्य अंग्रेजी है। ऐंग्लो सैक्सन कानून और स्कैंडीनेविया के कानून को पुराने त्यूतनिक कानून का नमूना कहा जा सकता है। इन दोनों कानूनों में जो भेद हैं वे केवल भाषा के हैं। यूरोप के कानून की भाषा लातानी और इंग्लैंड के कानून की अल्फ्रडे ही है। ऐंग्लो सैक्सन कानून को तीन बड़े भागों में बाँटा जा सकता है। प्रथम वे कानून जिन्हें जनता ने लागू किए, द्वितीय वे जो परंपरा और रीतिरिवाज द्वारा आए और तृतीय वे जिन्हें लोगों ने स्वयं बनाया। ऐंग्लों सैक्सन कानून में जनाधिकार को विशेष रूप से स्थान प्राप्त था। जायदाद, विरासत, इकरारनामा और स्थायी जुर्माना, प्रत्येक वस्तु जनाधिकार द्वारा निश्चित होती थी। शाही अफसरों को स्थानीय लोक अधिकार का ध्यान रखना पड़ता था। कानून पंचायत में बनाया जाता था और उसी की ओर से लागू होता था। इस अधिकार का अधिवेशन भी होता था और इसे तोड़ा भी जाता था। यह उसी समय होता था जब बादशाह अपने विशेष मत का प्रयोग करता था। इस कानून में परिवर्तन या रियायत उसी समय संभव थी जब दोनों पक्ष उसे स्वीकार करें या गिर्जे की वैसी इच्छा हो। दूसरी विशेषता इस कानून की थी विश्वशांति। घरेलू अथवा जनकानून तोड़नेवालों को दंड दिया जाता था। एक व्यक्ति के लिए केवल उसका व्यक्तित्व ही कसौटी नहीं था, बल्कि आपसी मेलजोल भी था। श्रेणी:प्राचीन अंग्रेजी साहित्य.

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झज्जर

हरियाणा में स्थित झज्जर बहुत सुन्दर पर्यटन स्‍थल है। यह दिल्ली से लगभग 65 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। झज्‍जर की स्थापना छज्जु नाम के एक जाट ने की थी। पहले इसका नाम 'छज्जु नगर' था लेकिन बाद में यह झज्जर हो गया। हरियाण के दो मुख्य शहर बहादुरगढ़ और बेरी है। बहादुरगढ़ की स्थापना राठी जाटों ने की थी। पहले बहादुरगढ़ को सर्राफाबाद के नाम से जाना जाता था। पिछले दिनों बहादुरगढ़ का तेजी से औद्योगिकरण हुआ है। बेरी इसका दूसरा मुख्य शहर है। यहां भीमेश्वरी देवी का प्रसिद्ध मन्दिर है। इस मन्दिर में पूजा करने के लिए देश-विदेश से पर्यटक प्रतिवर्ष आते हैं। मन्दिरों के अलावा पर्यटक यहां पर भिंडावास पक्षी अभ्यारण घूमने भी जा सकते हैं। .

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झुम्पा लाहिड़ी

झुम्पा लाहिड़ी (बंगाली: ঝুম্পা লাহিড়ী, 11 जुलाई 1967, को जन्म) एक भारतीय अमेरिकी लेखिका हैं। भारतीय अमेरिकी लेखक झुम्पा लाहिड़ी को लघु कथा में उत्कृष्टता के लिए 2017 पीएएन / मालामुद अवॉर्ड के प्राप्तकर्ता के रूप में घोषित किया गया है। लाहिड़ी के प्रथम लघु कथा संग्रह, इंटरप्रेटर ऑफ़ मैलडीज़ (1999) को 2000 में उपन्यास के पुलित्जर पुरस्कार सम्मानित किया गया और उनके पहले उपन्यास द नेमसेक (2003) पर आधारित उसी नाम की एक फिल्म बनाई गयी।आइज़ैक चोटीनर.

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ठाकुर गदाधर सिंह

ठाकुर गदाधर सिंह (1869 -- 1918) एक सैनिक एवं हिन्दी साहित्यकार थे। ठाकुर गदाधर सिंह का जन्म एक मध्यमवर्गीय राजपूत परिवार में हुआ था। आरंभ में इन्होंने एक सफल सैनिक का जीवन व्यतीत किया। बाद में यात्रावृत्तांतलेखन की ओर प्रवृत्त हुए। 1900 में इन्होंने एक सैनिक अधिकारी के रूप में चीन की यात्रा की। उसी समय चीन में 'बाक्सर विद्रोह' हुआ था। ब्रिटिश सरकार ने 'बाक्सर विद्रोह' का दमन करने के लिए राजपूत सेना की एक टुकड़ी चीन भेजी थी, ठाकुर साहब उसके एक विशिष्ट सदस्य थे। सम्राट् एडवर्ड के तिलकोत्सव के समारोह में आपको इंग्लैंड जाने का अवसर प्राप्त हुआ। वहाँ जाकर ठाकुर साहब ने जो कुछ देखा, उसे अपनी लेखनी द्वारा व्यक्त किया। ठाकुर साहब से पहले शायद ही किसी ने यात्रा संस्मरण लिखे हों। सन्‌ 1918 ई. में उनचास वर्ष की अल्पायु में इनका स्वर्गवास हो गया। .

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डबलरोटियों की सूची

यहाँ तरह-तरह के ब्रेड (डबलरोटी) की सूची दी गयी है। .

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डबलिन

डबलिन आयरलैंड की राजधानी, सबसे बड़ा शहर तथा मुख्य बन्दरगाह है। .

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डब्ल्यू॰ऐच॰ स्मिथ

डब्ल्यू॰ऐच॰ स्मिथ का कम्पनी चिन्ह डब्ल्यू॰ऐच॰ स्मिथ (अंग्रेज़ी: WH Smith) एक ब्रिटिश किताब विक्रेता है जिसका मुख्यालय इंग्लैण्ड के विल्ट्शर ज़िले में स्थित स्विन्डन शहर में है। इनकी दुकाने इंग्लैण्ड और कुछ अन्य देशों में हवाई अड्डों, रेल स्टेशनों, अस्पतालों, सड़कों, वग़ैराह पर आम होती हैं जहाँ किताबें, पत्रिकाएँ, अखबार, वग़ैराह बिकते हैं। यह कंपनी १७९२ में लन्दन में शुरू हुई थी। २०१० में डब्ल्यू॰ऐच॰ स्मिथ ने १३१। २ करोड़ ब्रिटिश पाउंड की वार्षिक आय पर ६९० लाख पाउंड का मुनाफ़ा कमाया। डब्ल्यू॰ऐच॰ स्मिथ के शेयर लंदन शेयर बाजार पर बेचे और ख़रीदे जाते हैं। .

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डब्लू जी ग्रेस

विलियम गिल्बर्ट ("डब्लू. जी.") ग्रेस (१८ जुलाई १८४८ - २३ अक्टूबर १९१५) अंग्रेज क्रिकेट खिलाड़ी थे। उन्हें खेल के महानतम खिलाड़ियों में एक माना जाता है। विश्वभर में "डब्लू.

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डरहम काउंटी क्रिकेट क्लब

' 'डरहम काउंटी क्रिकेट क्लब' अठारह में से एक है प्रथम श्रेणी काउंटी क्लबों के भीतर घरेलू क्रिकेट की संरचना इंग्लैंड और वेल्स। यह प्रतिनिधित्व करता है के डरहम। 2014 के मौसम के बाद से टी 20 टीम 'डरहम जेट' नाम दिया गया है। एक सदी से भी अधिक के लिए और माइनर काउंटी चैम्पियनशिप के एक प्रमुख सदस्य था, प्रतियोगिता जीतने के लिए सात बार | 1882 में स्थापित, डरहम अंग्रेजी और वेल्श क्रिकेट के का आयोजन किया। 1992 में, क्लब काउंटी चैम्पियनशिप में शामिल हो गए और टीम के एक अधिकारी प्रथम श्रेणी के रूप में प्रमुख स्थिति को ऊपर उठाया गया था टीम। डरहम 1964 से एक सामयिक लिस्ट ए टीम के रूप में वर्गीकृत किया गया है, तो एक बड़ी सूची के रूप में 1992 से एक टीम; और के रूप में एक प्रमुख टी 20 टीम 2003 के बाद से क्लब के सीमित ओवरों के किट रंग पीला ट्रिम (रॉयल लंदन वन-डे कप में) के साथ नीले और काले ट्रिम (नेटवेस्ट टी 20 ब्लास्ट में) के साथ लाल कर रहे हैं। और टाइन के पोर्ट | डरहम वर्तमान सहित कई कंपनियों द्वारा प्रायोजित है।, चेस्टर ली स्ट्रीट में है जो टीम द्वारा उत्तरी रॉक से पहले बैंक के राष्ट्रीयकरण 2008 में क्लब में आधारित है प्रायोजित किया गया था 5 जून से - | दूसरे 2003 में - सर्किट, अपने पहले मैच की मेजबानी | अंग्रेजी के लिए नवीनतम परिवर्धन में से एक 7 जून को। डरहम सीसीसी डिवीजन में से एक में खेलता एल.वी. काउंटी चैम्पियनशिप, रॉयल लंदन वन-डे कप और नेटवेस्ट टी 20 ब्लास्ट 2014 में उत्तर के समूह में ग्रुप बी। वे जीत गए काउंटी चैम्पियनशिप 2008 में पहली बार के लिए, 2009 के मौसम में ट्रॉफी अपने पास रखा, और उसके बाद एक तीसरी बार 2013 में वे 2014 में उद्घाटन रॉयल लंदन वन-डे कप जीता लिए यह जीत हासिल की।.

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डर्बी

डर्बी इंडस्ट्रियल म्युसियम् डर्बी (अंग्रेज़ी: Derby) इंग्लैंड के शहर है, यह डर्बीशायर का राजधानी है। .

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डर्बी संग्रहालय एवं कला दीर्घा

पुस्तकालय डर्बी संग्रहालय एवं कला दीर्घा (अंग्रेज़ी: Derby Museum and Art Gallery) डर्बी का संग्रहालय और कला दीर्घा है, यह इंग्लैंड में है। .

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डर्बीशायर काउंटी क्रिकेट क्लब

डर्बीशायर काउंटी क्रिकेट क्लब इंग्लैंड और वेल्स के 18 प्रथम श्रेणी के काउंटी क्लब में से एक है। यह बहुत पुराने समय से है। इसमें सीमित ओवर में टीम को डर्बीशायर फेल्कोन कहा जाता था। यह पहले डर्बीशायर स्कोर्पियन के नाम से 2005 तक जाना जाता था, उसके बाद यह फेंटम के नाम से 2010 तक जाना जाने लगा। .

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डाटदार पुल

डाटदार पुल (Arc Bridge) डाटदार पुल या चाप सेतु (arch bridge) ऐसा पुल होता है जिसमें दोनो सिरों पर सहारा देने वाले स्तम्भों के उपर एक चापनुमा संरचना होती है। .

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डार्लिंगटन

डार्लिंगटन (Darlington), इंग्लैंड के डरहम क्षेत्र में स्थित छोटा सा नगर है। वर्ष २०११ में इसकी जनसंख्या 106,000 थी। यह नगर टीज नदी की सहायक स्कर्न (Skerne) के तट पर स्थित है। यहाँ का प्राचीन सेंट कुथर्वट गिरजाघर प्रसिद्ध भवन है तथा एलिजाबेथ ग्रामर स्कूल प्रमुख शिक्षासंस्थान है। डार्लिंगटन प्रसिद्ध अंतर्देशीय बाजार है। यहाँ कई छोटे छोटे कपड़े के कारखाने हैं। इसके आस पास कोयला एवं लोहे की खदानें मिलती हैं जिसके कारण इससे संबंधित उद्योगों की स्थापना की गई है। .

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डिएगो माराडोना

डिएगो आर्मैन्ड़ो माराडोना (30 अक्टूबर 1960 को लानुस, ब्यूनस आयर्स में जन्म) अर्जेन्टीना के एक पूर्व फ़ुटबॉल खिलाड़ी और अर्जेन्टीना के राष्ट्रीय टीम के वर्तमान प्रबंधक हैं। उन्हें व्यापक रूप से आज तक का सबसे बेहतरीन फ़ुटबॉल खिलाड़ी माना जाता है। FIFA प्लेयर ऑफ़ दी सेंचुरी पुरस्कार के लिए उन्हें इंटरनेट मतदान में सर्वप्रथम स्थान मिला और उन्होंने पेले के साथ पुरस्कार में साझेदारी की। अंतिम बार 30 मई 2006 को पुनः प्राप्त अपने पेशेवर क्लब कॅरियर के दौरान माराडोना ने अर्जेंटिनोस जूनियर, बोका जूनियर्स, बार्सिलोना, सेविला, नेवेल्स ओल्ड बॉय और नापोली के लिए खेलते हुए अनुबंध शुल्क लेने में विश्व रिकोर्ड कायम किया। अपने अंतर्राष्ट्रीय कॅरियर में, अर्जेन्टीना के लिए खेलते हुए, उन्होंने 91 कैप्स अर्जित किए और 34 गोल किए। उन्होंने चार FIFA विश्व कप टूर्नामेंटों में खेला, जिसमें 1986 का विश्व कप शामिल था, इसमें उन्होंने अर्जेन्टीना की कप्तानी की और टूर्नामेंट का सर्वश्रेष्ट खिलाड़ी होने का गोल्डन बॉल पुरस्कार जीता और निर्णायक मुकाबले में वेस्ट जर्मनी पर जीत हासिल की। उसी टूर्नामेंट के क्वार्टर-फाइनल दौर में उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ़ 2-1 की जीत में 2 गोल दागे, जो फ़ुटबॉल के इतिहास में दर्ज हो गए, हालांकि दो बिल्कुल ही अलग कारणों के लिए। पहला गोल एक दंड मुक्त हैंडबॉल था जिसे "हैंड ऑफ़ गॉड" के नाम से जाना जाता है, जबकि दूसरा गोल एक शानदार 6 मीटर की दूरी से और छह इंग्लैंड के खिलाड़ियों के बीच से निकाला गया एक गोल था, जो आम तौर पर "दी गोल ऑफ़ दी सेंचुरी" के नाम से जाना जाता है। विभिन्न कारणों से, माराडोना को खेल जगत का एक सर्वाधिक विवादास्पद और समाचार-योग्य व्यक्तित्व माना जाता है। इटली में कोकीन के लिए डोपिंग परीक्षण में विफल होने के कारण 1991 में उन्हें 15 महीनों के लिए निलंबित कर दिया गया और USA में चल रहे 1994 के वर्ल्ड कप के दौरान एफेड्रीन का उपयोग करने के कारण उन्हें घर भेज दिया गया। 1997 में अपने 37वें जन्मदिन पर खेल से रिटायर होने के बाद www.vivadiego.com.

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डिवोनी कल्प

मत्स्य काल या 'डिवोनी कल्प' (Devonian) भूवैज्ञानिक काल है जो पुराजीवी महाकल्प (Paleozoic Era) के सिल्युरी युग के अन्त से आरम्भ होकर (लगभग 416.0 ± 2.8 Mya (million years ago)) कार्बनी कल्प के आरम्भ तक (लगभग 359.2 ± 2.5 Mya) फैला हुआ है। इस कल्प का नाम इंग्लैण्ड के डेवन प्रदेश के नाम पर पड़ा है जहाँ सबसे पहले इस काल के शैलों का अध्ययन किया गया था। मत्स्य वर्ग का विकास इस युग में विशेष रूप से हुआ और इसी के आधार पर इस युग को 'मत्स्य युग' भी कहते हैं। .

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डकैती

सुल्ताना डाकू नामक नौटन्की का एक दृश्य - सुल्ताना अपनी माशूका नीलकँवल के साथ ब्राज़ील की सरकार की तरफ़ से एक डाकू को ज़िन्दा या मुर्दा पकड़वाने के इनाम का इश्तेहार इतालवी चित्रकार साल्वातोर रोसा एक डाकुओं के अड्डे पर उनका चित्र बनाते हुए डकैती हिन्सा या हिन्सा की धमकी से ग़ैर-क़ानूनी ढंग से किसी अन्य व्यक्ति का धन, माल, जान, पशुधन या अन्य वास्तु छीन लेने को कहते हैं। डकैती करने वाले व्यक्तियों को डाकू या दस्यु कहा जाता है। डाकू अक्सर गिरोहों का भाग होते हैं और ऐसे क्षेत्रों में अड्डे बनाते हैं जहाँ पुलिस और अन्य क़ानून के रखवालों का पहुँचना कठिन हो। राहज़नी एक विशेष प्रकार की डकैती होती है जिसमें यात्रा कर रहे लोगों पर हमला कर के उनसे चोरी की जाती है या स्वयं उनपर बलात्कार या क़त्ल जैसा अपराध किया जाता है।, M. Durga Prasad, E. J. Lazarus, 1874,...

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डुनेडिन

डुनेडिन (Ōtepoti) न्यूजीलैंड के दक्षिण द्वीप का दूसरा सबसे बड़ा शहर और ओटागो क्षेत्र का प्रमुख शहर है। न्यूज़ीलैंड देश का प्रमुख नगर.

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ड्रैगन हार्ट

ड्रैगन हार्ट (अंग्रेज़ी: Dragonheart) एक १९९६ कल्पना साहसिक फिल्म है। यह रोब कोहेन द्वारा निर्देशित किया गया। यह.

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डैनियल रैड्क्लिफ़

डैनियल जैकब रैडक्लिफ (जन्म-23 जुलाई 1989) एक अंग्रेज़ अभिनेता हैं एवं इन्हें लोकप्रिय पुस्तक श्रृंखला पर आधारित फीचर फिल्म श्रृंखला में हैरी पॉटर का किरदार निभाने के लिए मुख्य रूप से जाना जाता है। रैडक्लिफ मंच-प्रस्तुतियों एवं कई TV कार्यक्रमों व फिल्मों में भी नज़र आये हैं, जिनमें ITV की फिल्म माई बॉय जैक एवं ऐकव्स नामक मंच-प्रस्तुति शामिल हैं, जिसके लिए उन्हें ड्रामा डेस्क अवार्ड के लिए नामांकित किया गया था। .

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डैनियल लैम्बर्ट

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डैनियल लॉयड

डैनियल लॉयड (जिनका जन्म 16 दिसम्बर 1983 को हुआ) एक अंग्रेज़ ग्लैमर मॉडल हैं। पूर्व मिस इंग्लैंड 2004 एवं मिस ग्रेट ब्रिटेन 2006 को सर्वप्रथम उस समय ख्याति मिली जब प्लेबॉय पत्रिका के दिसंबर 2006 के संस्करण में नंगी तस्वीरें खिंचवाने एवं सौंदर्य स्पर्धा के एक जज (निर्णायक), अपने उस समय के प्रेमी, फुटबॉल खिलाड़ी टेड्डी शेरिंघम के साथ कथित संबंध के बाद उनसे मिस ग्रेट ब्रिटेन (ग्रेट बिटेन की सुंदरी) 2006 का खिताब छीन लिया गया। सेलिब्रिटी प्राप्त बिग ब्रदर के 2007 की श्रृंखला की एक प्रतिभागी के रूप में, अन्य लोगों के साथ-साथ, लॉयड पर डराने-धमकाने वाले हथकंडें अपनाने एवं भारतीय अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी के विरुद्ध नस्लवादी टिप्पणियां करने का आरोप लगाया गया। उन्होंने 2010 में टोटल वाइपआऊट का सेलिब्रिटी संस्करण जीता। .

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डैनिस गैबर

डेनिस गैबर CBE, FRS (मूल हंगेरियाई नाम: Gábor Dénes; ५ जून १९००– ८ फ़रवरी १९७९) एक हंगेरियाई-ब्रिटिश विद्युत अभियांत्रिक एवं अन्वेषक थे। इनकी सर्वाधिक उल्लेखनीय खोज होलोग्राफी थी, जिसके लिये इन्हें बाद में १९७१ का भौतिकी का नोबल पुरस्कार मिला। .

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डैनी बॉयल

डैनी बॉयल (जन्म- 20 अक्टूबर 1956) एक ब्रिटिश फ़िल्ममेकर और निर्माता हैं। वे शैलो ग्रेव, ट्रेनस्पॉटिंग, 28 डेज़ लेटर औरस्लमडॉग मिलियनेयर आदि फ़िल्मों में अपने काम के लिए जाने जाते हैं। बाद में बॉयल ने 2009 में कई पुरस्कार जीते जिसमेंएकेडमी अवार्ड बेस्ट फॉर डायरेक्टरभी शामिल है। .

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डैरेन सेमी

डैरेन सेमी (Darren Julius Garvey Sammy), ओबीई (जन्म; २० दिसम्बर १९८३, सेंट लूसिया, वेस्ट इंडीज) एक अंतरराष्ट्रीय स्तर के क्रिकेट खिलाड़ी है वेस्ट इंडीज की अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट टीम के लिए खेलते है। सेमी दो ट्वेन्टी-ट्वेन्टी क्रिकेट विश्व कप जिताने वाले पहले कप्तान है। ये दाहिने हाथ से बल्लेबाजी और दाहिने ही हाथ से मध्यम तेज गेंदबाजी करते है। इन्होंने अपने एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट कैरियर की शुरुआत २००४ में बांग्लादेश के खिलाफ की थी, इसी के साथ सेमी पहले ऐसे अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी बन गए थे जो सेंट लूसिया के द्वीप से खेले हो। इसके तीन सालों बाद इन्होंने टेस्ट क्रिकेट की भी शुरुआत करदी और पहला टेस्ट मैच इंग्लैंड के खिलाफ खेला था और उस मैच इन्होंने अब तक की अपनी सबसे अच्छी गेंदबाजी करते हुए ६६ रन देकर ७ विकेट लिए थे। डैरेन सेमी को अक्टूबर २०१० में वेस्टइंडीज क्रिकेट टीम कप्तान चुना था। इन्होंने २०१२ में इंग्लैंड के खिलाफ अपना पहला टेस्ट शतक लगाया था। सेमी पहले ऐसे कप्तान है जिन्होंने अपनी कप्तानी से दो बार आईसीसी विश्व ट्वेन्टी २० के विश्व कप का खिताब जीता हो। इनकी कप्तानी में विंडीज ने पहली बार २०१२ आईसीसी विश्व ट्वेन्टी २० और इसके बाद २०१६ आईसीसी विश्व ट्वेन्टी २० का खिताब जीता था। २०१२ का खिताब श्रीलंकाई टीम के खिलाफ खेला गया था। इसके बाद २०१६ का विश्व कप इंग्लैंड के खिलाफ खेला गया था जिसमें कार्लोस ब्रेथवेट ने अंतिम ओवर में चार लगातार छक्के लगाकर जीत दिलाई थी। सेमी अभी पाकिस्तान सुपर लीग में पेशावर जल्मी के कप्तान है। ५ अगस्त २०१६ को सेमी ने सब सूचित किया था कि इन्होंने ट्वेन्टी-ट्वेन्टी-क्रिकेट की कप्तानी छोड़ दी है। .

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डेटॉल (साबुन)

डेटॉल रेकिट बेंकाइजर नामक एक इंग्लैंड की कंपनी द्वारा निर्मित स्वच्छता उत्पादों की श्रेणी में साबुन का एक महत्वपूर्ण ब्रांड हैं। यह ब्रांड ट्रस्ट रिपोर्ट 2011 तक भारत में 48 वीं सबसे विश्वसनीय एक के रूप में स्थान दिया गया है। डेटॉल के मूल्य में हिस्सेदारी 2010 में 8% तक पहुँचने के लिए 2009 में 7% से वृद्धि हुई है। .

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डेनमार्क

डेनमार्क या डेनमार्क राजशाही (डैनिश: Danmark या Kongeriget Danmark) स्कैंडिनेविया, उत्तरी यूरोप में स्थित एक देश है। इसकी भूसीमा केवल जर्मनी से मिलती है, जबकी उत्तरी सागर और बाल्टिक सागर इसे स्वीडन से अलग करते हैं। यह देश जूटलैंड प्रायद्वीप पर हज़ारों द्वीपों में फैला हुआ है। डेनमार्क ने लंबे समय तक बाल्टिक सागर को जाने वाले मार्गों को नियंत्रित किया है और इस जलराशी को डैनिश खाड़ी के नाम से जाना जाता है। इसके छोटे आकार के विपरीत इसकी समुद्री सीमा बहुत लम्बी है लगभग ७,३१४ किमी। डेनमार्क अधिकांशतः एक समतल देश है और समुद्र तल से अधिकतम ऊँचाई वाला स्थान केवल १७० मीटर ऊँचा है। फ़रो द्वीप समूह और ग्रीनलैंड डेनमार्क के अधीनस्थ है। २००८ के वैश्विक शांति सूचकांक के अनुसार डेनमार्क, आइसलैंड के बाद विश्व का सबसे शांत देश है। २००८ के ही भ्रष्टाचार दृष्टिकोण सूचकांक के अनुसार यह विश्व के सबसे कम भ्रष्ट देशों में से है और न्यूज़ीलैंड और स्वीडन के साथ पहले स्थान पर है। मोनोक्ल पत्रिका के २००८ के एक सर्वेक्षण के अनुसार इसकी राजधानी कॉपनहेगन रहने योग्य सर्वाधिक उपयुक्त नगर है। वर्ष २००९ में देश की अनुमानित जनसंख्या ५५,१९,२५९ है। .

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डेफ लेपार्ड

डेफ लेपार्ड शेफ़ील्ड, इंग्लैंड से हार्ड रॉक और हेवी मेटल का एक बैंड है जो कि 1977 में ब्रिटिश हेवी मेटल आन्दोलन के एक भाग के तौर पर बना था। 1992 से, जो इलियट (स्वर), फिल कोलन (गिटार), विवियन कैम्पबेल (गिटार), रिक सेवेज (बास गिटार) और रिक एलन (ड्रम) इस बैंड में हैं। बैंड ने दुनिया भर में 65 मिलियन से भी ज्यादा एलबम बेचे और दो एलबम पायिरोमेनिया और हिस्टीरिया को आर आई ए ए (RIAA) हीरक प्रमाणपत्र मिला है।^(2009/02/26).

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डेविड बेखम

डेविड रॉबर्ट जोसफ बेखम, accessdate.

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डेविड रिकार्डो

डेविड रिकार्डो डेविड रिकार्डो (18 अप्रैल 1772 - 11 सितंबर 1823) एक ब्रिटिश राजनीतिक अर्थशास्त्री थे। डेविड रिकार्डो एक प्रभावशाली शास्त्रीय अर्थशास्त्री थे। उन्होंने एक दलाल और वित्तीय बाजार सट्टेबाज के रूप में अपने पेशेवर जीवन शुरू किया। उन्होंने काफी निजी भाग्य प्राप्त की, बड़े पैमाने पर वित्तीय बाजार की अटकलों से और, सेवानिवृत्त होने पर ब्रिटेन की संसद में उन्होने एक सीट खरीदा। उन्होंने अपने जीवन के अंतिम चार सालो मे अपना संसदीय सीट रखा। शायद उनकी सबसे महत्वपूर्ण विरासत है उन्की तुलनात्मक लाभ के सिद्धांत जो यह बताता है कि एक राष्ट्र को केवल उन्ही उद्योगों में ध्यान केंद्रित करना चाहिए जहां वह सबसे अधिक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धी है और अन्य देशों के साथ व्यापार करे वे उत्पादों को प्राप्त करने के लिए जो उन्के राष्ट्र मे उत्पादन नहीं कर रहे। संक्षेप में, रिकार्डो ने देशों द्वारा चरम उद्योग विशेषज्ञता के विचार को बढ़ावा दिया। इस सोच में रिकार्डो ने एक राष्ट्रीय उद्योग नीति के अस्तित्व को मान लिया था जिसका उद्देश्य था दूसरो की हानि के लिए कुछ उद्योगों को बढ़ावा देने का। कई विद्वानों, जेसे Joan Robinson और Piero Sraffa, ने रिकार्डो के तुलनात्मक लाभ के सिद्धांत को चुनौती दी है लेकिन अंतरराष्ट्रीय मुक्त व्यापार के पक्ष के तर्क मे आधारशिला बनी हुई है। .

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डेविड लिविंग्स्टन

डेविड लिविंग्स्टन डेविड लिविंग्स्टन (David Livingstone; १८१३-१८७३) स्कॉटलैण्ड का चिकित्सा-मिशनरी तथा अफ्रीका महाद्वीप की साहसी यात्रा करने वाला था। .

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डेविड लौय्ड जार्ज

इंग्लैंड के प्रधान मन्त्री।.

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डेविड हार्डिमन

डेविड हार्डिमन आधुनिक भारत के एक इतिहासकार और सबाल्टर्न अध्ययन समूह के एक संस्थापक सदस्य है। हार्डिमन का जन्म पाकिस्तान के रावलपिंडी शहर में हुआ और शिक्षा-दीक्षा इंग्लैंड में हुई। वर्ष १९७० में लंदन स्कूल ऑफ इकॉनॉमिक्स से स्नातक किया और १९७५ में ससेक्स विश्वविद्यालय से दक्षिण एशियाई इतिहास में डी.फिल प्राप्त किया। वह वर्तमान में वारविक विश्वविद्यालय में इतिहास विभाग के एक प्राध्यापक है। .

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डेविड विले

डेविड विले (David Willey) (जन्म;२८ फ़रवरी १९९०,नॉर्थम्प्टन,इंग्लैंड) एक अंतर्राष्ट्रीय स्तर के क्रिकेट खिलाड़ी है जो इंग्लैंड की राष्ट्रीय क्रिकेट टीम के लिए खेलते हैं। इन्होंने अपने एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट कैरियर की शुरुआत आयरलैण्ड टीम के खिलाफ २३ जून २०१५ को की थी जबकि ट्वेन्टी-ट्वेन्टी क्रिकेट कैरियर की शुरुआत ०७ सितम्बर २०१४ को न्यूजीलैंड के खिलाफ खेलकर की थी। विले बल्लेबाजी के अलावा गेंदबाजी भी करते हैं ये बांयें हाथ से तेज गति से गेंदबाजी करते हैं। इस कारण विले इंग्लैंड क्रिकेट टीम के एक हरफनमौला खिलाड़ी कहलाते हैं। .

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डॉ शरण शिवराज पाटिल

शरण शिवराज पाटिल भारत के एक मानवातावादी और ऑर्थोपेडिक सर्जन हैं। .

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डॉन ब्रैडमैन

सर डोनाल्ड जॉर्ज ब्रेडमैन (27 अगस्त 1908-25 फ़रवरी 2001), जिन्हें प्रायः द डॉन कहा जाता है, ऑस्ट्रेलिया के एक क्रिकेट खिलाड़ी थे जिन्हें विश्व का महानतम् बल्लेबाज माना जाता है। टेस्ट क्रिकेट में उनका बल्लेबाजी का औसत ९९़.९७ था जिसे प्रायः किसी भी बड़े खेल में किसी भी खिलाड़ी द्वारा अर्जित सबसे बड़ी उपलब्धि माना जाता है। कम उम्र में ही डॉन ने करियर की ऊँछाइयों को छू लिया था। २२ वर्ष की आयु पूरी होने तक तो उन्होंनें कई कीर्तिमान बना दिए थे, जिनमें से कुछ तो अभी भी कायम हैं। अपने २० वर्ष के क्रिकेट करियर के दौरान उन्होंने निरंतरता से प्रदर्शन करते हुए इतने रन बनाए जो, भूतपूर्व अॉस्ट्रिलेयाई कप्तान बिल वुडफुल के शब्दों में- तीन बल्लेबाजों के बराबर तो होंगे। इनसे पार पाने के लिए इंगलैण्ड की टीम के द्वारा बॉडीलाइन जैसी विवादास्पद तरकीबें भी इजाद की गईं। कप्तान और प्रशासक के रूप में ब्रैडमैन हमेशा आक्रामक और रोमांचक क्रिकेट के लिए समर्पित रहे। उन्हें देखने रिकॉर्डतोड़ भीड़ उमड़ पड़ती थी। वे अपनी लगातार प्रसिद्धी से असहज रहते थे और इससे उनका व्यवहार भी प्रभावित हुआ। वे एक तनहाईपसंद तरह के इंसान समझे जाते थे। सेवानिवृत्ति के पश्चात् भी वे तीन दशकों तक तक प्रशासक, चयनकर्ता व लेखक के रूप में क्रिकेट की सेवा करते रहे। २००१ में जब इन्हें सेवानिवृत्त हुए ५० वर्ष से भी अधिक का समय हो गया था, एक समय में ऑस्ट्रेलिया के तत्कालीन प्रधानमंत्री जॉन हॉवर्ड ने इन्हें महानतम जीवित ऑस्ट्रेलियन कहा था। ब्रैडमैन के चित्र के साथ डाक टिकटें भी जारी हुईं, सिक्के भी ढाले गए। इनके जीवित रहते ही इनके नाम पर एक संग्रहालय भी बनाया जा चुका था। २७ अगस्त २००८ को इनकी जन्मशती पर ऑस्ट्रेलिया में $५ मूल्य की स्वर्णमुद्राएँ भी जारी की गईं। १९ नवम्बर २००९ को डॉन ब्रैडमैन को आईसीसी हाल ऑफ फेम में शामिल किया गया। .

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डॉकयार्ड

जर्मनी का एक डॉकयार्ड गोलाबारूद, ईंधन और माल की पूर्ति, कर्मिकों की व्यक्तिगत आवश्यकताओं की व्यवस्था और जहाजों की मरम्मत करने के लिए प्रत्येक नौसेना के वास्ते स्थायी डॉकयार्ड तथा अड्डों का होना परमावश्यक है। व्यापारी बेड़ों के लिए भी ऐसे अड्डे आवश्यक हैं, यद्यपि उन्हें विश्व के सभी बड़े व्यापारी बंदरगाह और मरम्मती अड्डों की सेवा उपलब्ध हो सकती है। किंतु आधुनिक अर्थों में डॉकयार्ड रणपोतों का निर्माण और देखभाल करनेवाली राष्ट्रीय संस्था है। डॉकयार्ड में रणपोत का निर्माण, साजसज्जा और उसे डॉक में ले जाने की सारी सुविधाएँ होती हैं। यहाँ गोलाबारूद और शस्त्रास्त्रों के निर्माण तथा उनकी पूर्ति की ओर कर्मिकों के लिए बिसातबान, आहार, प्रशिक्षण, चिकित्सा आदि की व्यवस्थाएँ होती हैं। पूर्ण रूप से सुसज्जित डॉकयार्ड कम ही होते हैं और उनमें भी कुछ ही डॉकों में रणपोतों का वास्तविक निर्माण होता है। प्राय: सभी राजकीय डॉकयार्ड नए जहाजों को सुसज्जित करने, युद्धपोतों को युद्ध के लिए तैयार करने तथा जहाजी बेड़ों की देखभाल का काम करते हैं। प्राय: सभी देशों में तोप, कवच, इंजन, बॉयलर आदि का निर्माण व्यवसाय संघ करते हैं और अंतिम अवस्था तक जहाज का निर्माण कर समापन के लिए उसे सरकारी संस्थाओं को दे देते हैं। कुछ डॉकयार्डों में जहाज के निर्माण की कोई विशेष सुविधा नहीं रहती, पर उनमें बड़े-बड़े पोतों की देखभाल के लिए पूरी व्यवस्था रहती है। कुछ छोटे डॉकयार्ड साधारण मरम्मत, गोलाबारूद, इर्धंन और भंडार की पूर्ति करते हैं। ये वस्तुत: इर्धंन प्रदान करनेवाले सुदृढ़ नौसैनिक अड्डे होते हैं। सभी राजकीय डॉकयार्ड नौसैनिक अड्डे होते हैं, किंतु सभी नौसैनिक अड्डे डॉकयार्ड नहीं होते। आधुनिक बेड़ों के लिए अड्डों का होना आवश्यक है, जहाँ से वह अपना कार्य कर सकें। निरापद बंदरगाह अड्डे की प्राथमिक आवश्यकता है, जहाँ जहाज का सहायक जलयान पहुँचकर बिना किसी छेड़छाड़ के इर्धंन, गोलाबारूद और आवश्यक भंडार का पुनर्भरण कर सके। वहाँ श्रमिकों के विश्राम और मनोरंजन की व्यवस्था भी रहनी चाहिए। डॉकयार्ड या अड्डे को पनडुब्बी, तारपीडो और हवाई आक्रमणों से बचाने के लिए पर्याप्त रक्षासेनाओं की स्थायी व्यवस्था रहती है। समुद्री प्रभुता की रक्षा के लिए नियुक्त बेड़े की क्षमता पर ही डॉक या अड्डे की सुरक्षा निर्भर करती है। .

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डोनाल्ड स्मिथ

डोनाल्ड स्मिथ (जन्म; १४ जून १९२३, ब्रोडवाटेर, ससेक्स, इंग्लैंड) एक पूर्व क्रिकेट खिलाड़ी है जो इंग्लैंड क्रिकेट टीम के लिए साल १९५७ में तीन टेस्ट क्रिकेट मैच खेले थे। ये मुख्य रूप से बाएं हाथ से बल्लेबाजी और गेंदबाजी करते थे। कैरियर में इन्होंने कुल तीन टेस्ट मैचों में २५ रन और एक विकेट लिया। इन्होंने अपना पहला और आखिरी टेस्ट मैच वेस्टइंडीज क्रिकेट टीम के खिलाफ खेला था। .

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डी एन ए अंगुली छापन

VNTR अलेले लंबाई 6 लोगों में. डीएनए फिंगरप्रिंटिंग तकनीक का उपयोग आपराधिक मामलों की गुत्थियां सुलझाने के लिए किया जाता है। इसके साथ ही मातृत्व, पितृत्व या व्यक्तिगत पहचान को निर्धारित करने के लिए इसका प्रयोग होता है।। हिन्दुस्तान लाइव। १९ जनवरी २०१० वर्तमान में पहचान ढूंढने के तरीकों में अंगुल छापन (फिंगरप्रिंटिंग) सबसे बेहतर मानी जाती है। जीव जंतुओं, मनुष्यों में विशेष संरचनायुक्त वह रसायन जो उसे विशिष्ट पहचान प्रदान करता है, उसे डीएनए (डाई राइबो न्यूक्लिक एसिड) कहते हैं। इस पद्धति में किसी व्यक्ति के जैविक अंशो जैसे- रक्त, बाल, लार, वीर्य या दूसरे कोशिका-स्नोतों के द्वारा उसके डीएनए की पहचान की जाती है। डीएनए फिंगरप्रिंट विशिष्ट डीएनए क्रम का प्रयोग करता है, जिसे माइक्रोसेटेलाइट कहा जाता है। माइक्रोसेटेलाइट डीएनए के छोटे टुकड़े होते हैं। शरीर के कुछ हिस्सों में इनकी संख्या अलग-अलग होती है। .

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ढलवां लोहा

आयरन-सेमेंटाईट मेटा-स्टेबल डायग्राम. ढलवां लोहा (कास्ट आयरन) आम तौर पर धूसर रंग के लोहे को कहा जाता है लेकिन इसके साथ-साथ यह एक बड़े पुंज में लौह अयस्कों का मिश्रण भी है, जो एक गलनक्रांतिक तरीके से ठोस बन जाता है। किसी भी धातु की खंडित सतह को देखकर उसके मिश्र धातु होने का पता लगाया जा सकता है। सफेद ढलवां लोहे का नामकरण इसकी खंडित सफ़ेद सतह के आधार पर किया गया है क्योंकि इसमें कार्बाइड सम्बन्धी अशुद्धियां पाई जाती हैं जिसकी वजह से इसमें सीधी दरार पड़ती है। धूसर ढलवां लोहे का नामकरण इसकी खंडित धूसर सतह के आधार पर किया गया है, इसके खंडित होने का कारण यह है कि ग्रेफाइट की परतें पदार्थ के टूटने के दौरान पड़ने वाली दरार को विक्षेपित कर देती हैं जिससे अनगिनत नई दरारें पड़ने लगती हैं। मिश्र (अयस्क) धातु में पाए जाने वाले पदार्थों के वजन (wt%) में से 95% से भी अधिक लोहा (Fe) होता है जबकि अन्य मुख्य तत्वों में कार्बन (C) और सिलिकॉन (Si) शामिल हैं। ढलवां लोहे में कार्बन की मात्रा 2.1 से 4 wt% होती है। ढलवां लोहे में सिलिकॉन की पर्याप्त राशि, सामान्य रूप से 1 से 3 wt% होती है और इसके फलस्वरूप इन धातुओं को त्रिगुट Fe-C-Si (लोहा-कार्बन-सिलिकन) धातु माना जाना चाहिए। तथापि ढलवां लोहा घनीकरण का सिद्धांत द्विआधारी लोहा-कार्बन चरण आरेख से समझ आता है, जहां गलनक्रांतिक बिंदु और 4.3 wt% कार्बन के 4.3 % वजन (4.3 wt%) पर है। चूंकि ढलवां लोहे की संरचना का अनुमान इस तथ्य से ही लग जता है कि, इसका गलनांक (पिघलने का तापमान) शुद्ध लोहे के गलनांक से लगभग कम है। पिटवां ढलवां लोहे को छोड़कर, बाकि ढलवां लोहे भंगुर होते है। निम्न गलनांक (कम पिघलने वाले तापमान), अच्छी द्रवता, आकार देने की योग्यता, इच्छित आकार देने की उत्कृष्ट योग्यता, विरूपण करने के लिए प्रतिरोध और जीर्ण होने के प्रतिरोध के साथ ढलवां लोहा अनुप्रयोगों की व्यापक श्रेणी के साथ इंजीनियरिंग सामग्री बन गए हैं, पाइप और मशीनों और मोटर वाहन उद्योग के कुछ हिस्सों, जैसे सिलेंडर हेड्स (उपयोग में गिरावट), सिलेंडर ब्लॉक और गियरबॉक्स के डब्बे (केसेज)(उपयोग में गिरावट) में इसका प्रयोग किया जाता है। यह ऑक्सीकरण (जंग) के द्वारा क्षय होने और कमजोर हो जाने में प्रतिरोधी है। .

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ढोर

ढोर (cattle) उस पशुवर्ग में आते हैं जिनके खुर होते हैं और प्रत्येक खुर आगे से मध्य भाग में फटा होता है। यह द्विखुरीयगण के अंतर्गत एक कुल है। अधिकांश ढोरों के सींग होते हैं, जो खोपड़ी के किनारों के ही बढ़े हुए हिस्से होते हैं। इनके ऊपरी जबड़े के अंत में दाँत नहीं होते। इस जाति के पालतु पशु जैसे गाय, बैल, भैंस तथा जंगली पशु जैसे बहुसिंगे आदि जुगाली करते हैं। .

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तनु वेड्स मनु रिटर्न्स

तनु वेड्स मनु: रिटर्न्स एक हिंदी रोमांटिक कॉमेडी फ़िल्म है जिसका निर्देशन आनंद एल• राय ने किया है। यह फ़िल्म 2011 में आई तनु वेड्स मनु का सीक्वल है। इसका संगीत व बैकग्राउंड स्कोर कर्षणा सोलो के द्वारा व बोल राज शेखर के द्वारा लिखे गए हैं। इस फ़िल्म को आलोचकों से काफी अच्छे रिव्यु मिले। इस फ़िल्म में कंगना ने डबल रोल किया है।ये कड़ी इसकी पिछली से ज्यादा अच्छी मानी जा रही है। महिला प्रधान प्रेम कहानी होने के साथ साथ कंगना और माधवन सहित तमाम अन्य किरदारों के द्वारा किये गए शानदार अभिनय की वजह से यह फिल्म २०१५ की बेहद सफल पारिवारिक मनोरंजक फिल्मों में गिनी जा रही है। .

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तरण ताल

बैकयार्ड तरण ताल नेवादा, लास वेगास, संयुक्त राज्य अमेरिका में छत के ऊपर बने एक तरण ताल का ऊपर से दृश्य तरण ताल, या स्वीमिंग पूल, तैराकी या जल-आधारित मनोरंजन के इरादे से पानी से भरे एक स्थान को कहते हैं। इसके कई मानक आकार हैं; ओलंपिक-आकार का स्विमिंग पूल सबसे बड़ा और सबसे गहरा होता है। पूल को जमीन से ऊपर या जमीन पर धातु, प्लास्टिक, फाइबरग्लास या कंक्रीट जैसी सामग्रियों से बनाया जा सकता है। जिस पूल को कई लोगों द्वारा या आम जनता के द्वारा उपयोग किया जा सकता है उसे पब्लिक पूल कहते हैं, जबकि विशेष रूप से कुछ लोगों द्वारा या किसी घर में इस्तेमाल किये जाने वाले पूल को प्राइवेट पूल कहा जाता है। कई हेल्थ क्लबों, स्वास्थ्य केन्द्रों और निजी क्लबों में सार्वजनिक पूल होते हैं जिन्हें ज्यादातर व्यायाम के लिए इस्तेमाल किया जाता है। कई होटलों और मसाज पार्लरों में तनाव से मुक्ति के लिए सार्वजनिक पूल मौजूद होते हैं। हॉट टब और स्पा ऐसे पूल होते हैं जिसमें गर्म पानी होता है जिसे तनाव मुक्ति या चिकित्सा के लिए इस्तेमाल किया जाता है और ये घरों, क्लबों एवं मसाज पार्लरों में आम तौर पर मौजूद होते हैं। स्विमिंग पूल (तरण ताल) का उपयोग ग़ोताख़ोरी (डाइविंग) और पानी के अन्य खेलों के साथ-साथ लाइफगार्ड्स और अंतरिक्ष यात्रियों के प्रशिक्षण में भी होता है। स्विमिंग पूलों में बैक्टीरिया, वायरस, शैवाल और कीट लार्वा के विकास और प्रसार को रोकने के लिए अक्सर रासायनिक कीटाणुनाशकों जैसे कि क्लोरीन, ब्रोमिन या खनिज सैनिटाइजर्स और अतिरिक्त फिल्टरों का उपयोग किया जाता है। वैकल्पिक रूप से पूल कीटाणुनाशकों के बगैर अतिरिक्त कार्बन फिल्टरों और यूवी कीटाणुशोधन के साथ बायोफ़िल्टर का इस्तेमाल कर तैयार किये जा सकते हैं। दोनों ही मामलों में तालों (पूल) में एक उचित प्रवाह दर को बनाये रखना आवश्यकता होता है। .

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ताश

साइकिल ब्रांड के कुछ विशिष्ट अंग्रेज़-अमेरिकी ताश के पत्ते ताश मोटे-भारी कागज़, पतले गत्ते, या पतले प्लास्टिक से विशेष रूप से बनी होती है; जिसमें पहचान के लिए अलग रूपांकन बने होते हैं और उनका इस्तेमाल ताश के खेल के लिए एक सेट के रूप में किया जाता है। खेल में सुविधा के लिए आमतौर पर ताश के पत्ते हथेली के आकार के होते हैं। ताश के एक पूरे सेट को पैक या डेक कहते हैं और एक खेल के दौरान एक बार में एक खिलाड़ी द्वारा उठाये गए पत्तों के सबसेट को सामान्यतः हैण्ड कहा जाता है। ताश के एक डेक से अनेक प्रकार के पत्ते के खेल खेले जा सकते हैं, उनमें से कुछ जुआ में भी शामिल हो सकते हैं। चूंकि ताश मानकीकृत हो चुके हैं और आम तौर पर उपलब्ध हैं, सो उनका अन्य इस्तेमाल भी होने लगा है, जैसे कि हाथ की सफाई, भविष्यवाणी, गूढ़लेखन, बोर्ड गेम, या ताश के घर बनाना.

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ताजमहल

ताजमहल (تاج محل) भारत के आगरा शहर में स्थित एक विश्व धरोहर मक़बरा है। इसका निर्माण मुग़ल सम्राट शाहजहाँ ने, अपनी पत्नी मुमताज़ महल की याद में करवाया था। ताजमहल मुग़ल वास्तुकला का उत्कृष्ट नमूना है। इसकी वास्तु शैली फ़ारसी, तुर्क, भारतीय और इस्लामी वास्तुकला के घटकों का अनोखा सम्मिलन है। सन् १९८३ में, ताजमहल युनेस्को विश्व धरोहर स्थल बना। इसके साथ ही इसे विश्व धरोहर के सर्वत्र प्रशंसा पाने वाली, अत्युत्तम मानवी कृतियों में से एक बताया गया। ताजमहल को भारत की इस्लामी कला का रत्न भी घोषित किया गया है। साधारणतया देखे गये संगमर्मर की सिल्लियों की बडी- बडी पर्तो से ढंक कर बनाई गई इमारतों की तरह न बनाकर इसका श्वेत गुम्बद एवं टाइल आकार में संगमर्मर से ढंका है। केन्द्र में बना मकबरा अपनी वास्तु श्रेष्ठता में सौन्दर्य के संयोजन का परिचय देते हैं। ताजमहल इमारत समूह की संरचना की खास बात है, कि यह पूर्णतया सममितीय है। इसका निर्माण सन् १६४८ के लगभग पूर्ण हुआ था। उस्ताद अहमद लाहौरी को प्रायः इसका प्रधान रूपांकनकर्ता माना जाता है। .

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तवलीन सिंह

तवलीन सिंह तवलीन सिंह (जन्म १९५०) भारत की प्रसिद्ध स्तम्भकार, राजनैतिक लेखिका एवं साहित्यकार हैं। .

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त्यागराज क्रीड़ा परिसर

दक्षिण दिल्ली में स्थित एक बहुउद्देशीय अंतरंग वातानुकूलित क्रीड़ा परिसर है। यह आई एन ए कालोनी, दिल्ली एवं कोटला मुबारकपुर के निकट त्यागराजनगर में बना है। यह स्टेडियम ६५,००० वर्ग मीटर से अधिक जगह में बना है और इसकी दर्शक क्षमता पांच हजार से अधिक है। इस स्टेडियम की लागत है २९७ करोड़ रुपए। स्टेडियम के बेसमंट में ४६० वाहनों की पार्किंग है। स्टेडियम तीन तलों में बना है और इसमें प्रवेश करने वालों के लिए चारों ओर से सीढ़ियों के साथ रैंप, लिफ्ट और दो-दो एस्केलेटर भी लगे हैं।। नवभारत टाइम्स। भारत के अन्य स्टेडियमों की तुलना में यह अब तक की सबसे लंबी छत वाला स्टेडियम है। इसकी लंबाई १०७ मीटर है। छत डालने के लिए बनाए गए १९ फ्रेम ६७,००० किलोग्राम से लेकर ढाई लाख किलोग्राम तक के हैं। इतने वजनी फ्रेमों को दो विदेशी क्रेनों द्वारा उठाकर जमीन से २२ मीटर की ऊंचाई पर फिट गया है। इसी छत पर सोलर पैनल के द्वारा बिजली बनाकर विद्युत आपूर्ति भी की जाएगी। स्टेडियम के बाहर ४०० मीटर लंबा ८ लेन का सिंथेटिक ट्रैक है। इस ट्रैक के बीच में फुटबॉल का मैदान बना है। स्टेडियम के अंदर लॉन्ग जंप, हाईजंप व अन्य एथलेटिक खेलों के लिए भी मैदान हैं। स्टेडियम में ५ टेनिस कोर्ट हैं, जिनमें से ३ क्ले कोर्ट और २ कोर्ट सिंथेटिक हैं। स्टेडियम की इमारत ३०,५०० वर्ग मीटर में बनी है।। नवभारत टाइम्स। १७ जुलाई २००८ .

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तृतीय गोलमेज सम्मेलन

तृतीय गोलमेज सम्मेलन का आरम्भ 17 नवम्बर 1932 को हुआ था इस सम्मेलन में कांग्रेस ने भाग नहीं लिया था। तीनों सम्मेलनों के दौरान इंग्लैण्ड का प्रधानमंत्री रैम्जे मैकडोनाल्ड था।इस सम्मेलन के समय भारत के सचिव सेमुअल होर थे।सम्मेलन में भाग लेने वाले सदस्यों की कुल संख्या 46 थी। .

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तेन्जिंग नॉरगे

तेन्जिंग नॉरगे (29 मई 1914- 9 मई 1986) एक नेपाली पर्वतारोही थे जिन्होंने एवरेस्ट और केदारनाथ के प्रथम मानव चढ़ाई के लिए जाना जाता है। न्यूजीलैंड एडमंड हिलेरी के साथ वे पहले व्यक्ति हैं जिसने माउंट एवरेस्ट की चोटी पर पहला मानव कदम रखा। इसके पहले पर्वतारोहण के सिलसिले में वो चित्राल और नेपाल में रहे थे। नोरगे को नोरके भी कहा जाता है। इनका मूल नाम नांगयाल वंगड़ी है, जिसका अभिप्राय होता है धर्म का समृद्ध भाग्यवान अनुयायी। .

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तेज गेंदबाज़ी

तेज गेंदबाज़ी को पेस बॉलिंग के नाम से भी जाना जाता है जो क्रिकेट के खेल में गेंदबाज़ी के दो प्रमुख प्रकारों में से एक है। दूसरा प्रकार है स्पिन बॉलिंग.

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थामस पेल्हम-होलेस

इंग्लैंड के प्रधान मन्त्री।.

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थामस जेफरसन

थॉमस जेफरसन थामस जेफरसन (Thomas Jefferson) (१३ अप्रैल १७४३ - ४ जुलाई १८२६) संयुक्त राज्य अमेरिका के तीसरे राष्ट्रपति (1801–1809) तथा अमेरिकी 'स्वतंत्रता की घोषणा' के मुख्य लेखक (1776) थे। जेफरसन एक राजनैतिक दार्शनिक तथा विद्वान व्यक्ति थे। ये डेमोक्रेटिक- रिपब्लिकन पार्टी से थे। उनकी इंग्लैण्ड और फ्रान्स के बहुत से बुद्धिजीवी नेताओं से जान-पहचान थी। .

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थाई भाषा

थाई भाषा (थाई: ภาษาไทย) थाईलैंड की मातृभाषा और राष्ट्रभाषा है और यहाँ के ९५% लोग यही भाषा बोलते हैं। .

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थैचड हाउस लॉज

थैचड हाउस लॉज एक ग्रेड-२ सूचित भवन है, जोकि रिचमंड पार्क, लंदन, इंग्लैंड में स्थित है। यह एक एक निजी तौर पर खरीद गया शाही निवास है। वर्ष १९६३ से ही यह राजकुमारी ऐलेक्ज़ैंड्रा का घर रहा है। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान ड्वाइट डी. आइजनहावर यहाँ रहते था मुख्य भवन में छह रिसेप्शन रूम और छे बेडरूम हैं। यह कुल चार एकर की भूमि में स्थित है। इसके अलावा इस प्रांगण में कई बगीचे, अस्तबल और एक १८वीं सदी का टालिदार समर हाउस है(जिसके कारण इसका नाम पड़ा) और कुछ अन्य भवन हैं। .

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थॉमस पेन

थॉमस पेन थॉमस पेन (अंग्रेज़ी: Thomas Paine, जन्म: 9 फ़रवरी 1737, देहांत: 8 जून 1809) एक लेखक, अविष्कारक, बुद्धिजीवी, क्रांतिकारी और संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपिताओं में से एक थे। उनका जन्म इंग्लैण्ड के नॉर्फ़क काउंटी (ज़िले) के थ़ॅटफ़र्ड शहर में हुआ था और सन् 1774 में वे इंग्लैण्ड छोड़ अमेरिका में जा बसे। उन्होंने सन् 1776 की अमेरिकी क्रांति में अहम भूमिका निभाई। उन्होने अमेरिका में क्रांति की उठती लहर को अपनी लिखाई के ज़रिये अपनी राजनैतिक सोच का ढाँचा दिया। उनकी दो सब से प्रभावशाली लिखईयाँ थीं -.

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थॉमस हार्डी

---- थॉमस हार्डी (2 जून 1840 -- 11 जनवरी 1928) प्रकृतिवादी आंदोलन के अंग्रेजी उपन्यासकार और कवि थे।अपने जीवनकाल में वह अपने उपन्यासों के लिए अधिक प्रसिद्ध थे जबकि उन्होंने स्वंय को मुख्य रूप से कवि माना है। हार्डी की अंग्रेजी साहित्य को महत्वपूर्ण देन है। उन्होंने एक छोटे से क्षेत्र का विशेष अध्ययन किया और क्षेत्रीय साहित्य की सृष्टि की। हिन्दी में इस प्रकार के साहित्य को आंचलिक साहित्य कह रहे हैं। उन्होंने मानव जीवन के संबंध में अपने साहित्य में आधारभूत प्रश्न उठाए तथा जो मर्यादा पूर्वकाल में महाकाव्य और दु:खांत नाटक को प्राप्त थी, वह उपन्यास को प्रदान की। वे अनेक पात्रों के स्रष्टा और अद्भुत्‌ कहानीकार थे किंतु इनके पात्रों में सबसे अधिक सशक्त बेसेक्स है। इस पात्र ने काल का प्रवाह उदासीनताभरे नेत्रों से देखा है, जिनमें न्याय और उचित अनुचित की कोई अपेक्षा नहीं। टॉमस हार्डी का जन्म वेसेक्स प्रदेश में हुआ। यह प्रदेश प्राचीन काल में इंग्लैंड के नक्शे पर था, किंतु अब नहीं है। उनका सभी साहित्य वेसेक्स से संबंधित है। उनके उपन्यास 'वेसेक्स के उपन्यास' कहलाते हैं और उनकी कविता 'वेसेक्स की कविता'। .

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थॉमस हिल ग्रीन

टी एच ग्रीन थॉमस हिल ग्रीन (Thomas Hill Green; 7 अप्रैल 1836 – 15 मार्च 1882) इंग्लैण्ड के दार्शनिक, तथा ब्रिटिश प्रत्यवादी आन्दोलन के सदस्य थे। आदर्शवादी विचारक ग्रीन का राजदर्शन के इतिहास में एक महत्त्वपूर्ण स्थान है। हम उसके दर्शन में आदर्शवाद, उदारतावाद, व्यक्तिवाद तथा सत्तावाद का एक सुन्दर समन्वय पाते हैं। उन्होंने आधुनिक उदारवाद को एक नया धार्मिक विश्वास प्रदान किया, व्यक्तिवाद को नैतिक तथा सामाजिक बनाया और आदर्शवाद को सन्तुलित एवं परिमार्जित किया। उन्होंने अपने दर्शन में व्यक्ति तथा राज्य दोनों को महत्त्व दिया। वेपर का यह मन्तव्य सही है कि ग्रीन ने अंग्रेजों को बेन्थमवाद से कहीं अधिक सन्तुष्टि प्रदान की। काण्ट के दर्शन पर आधारित होने के कारण उसका आदर्शवाद अधिक सौम्य है। .

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द एशेज

द एशेज इंगलैंड एवं ऑस्ट्रेलिया के बीच खेले जाने वाली एक टेस्ट क्रिकेट श्रृंखला है। यह श्रृंखला सन १८८२ मे शुरु हइ थी। आज इसे हर दो साल मे आयोजित किया जाता है। श्रेणी:क्रिकेट श्रेणी:क्रिकेट श्रृंखला.

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द फ़ेयरी क्वीन

द फ़ेयरी क्वीन (The Faerie Queene) १६वीं शताब्दी के प्रसिद्ध अंग्रेजी कवि एडमंड स्पेंसर की सर्वोत्तम रचना है। इस ग्रंथ के प्रणयन में उनका उद्देश्य रूपक के माध्यम से अरस्तू द्वारा वर्णित १२ नैतिक गुणों की महत्ता पर प्रकाश डालना था। पूरी पुस्तक १२ सर्गों में होती, लेकिन वे केवल छह सर्ग ही पूरा कर पाए। जिन नैतिक गुणों की इन छह सर्गों में चर्चा है वे क्रमश: इस प्रकार हैं - धार्मिकता, संयम, सतीत्व या पवित्रता, मित्रता, न्याय और विनम्रता। ७वें सर्ग के भी कुछ अंश मिलते हैं, जिसमें दृढ़ता की महत्ता पर प्रकाश पड़ता है। स्पेंसर की कल्पना में पुस्तक की योजना इस प्रकार थी - परीलोक की रानी ग्लोरियाना प्रति वर्ष अपने दरबार में एक उत्सव करती है जिसमें रानी की सहायता के आकाँक्षी उत्पीड़ित जीव तथा ऐसे लोगों की सहायता करने के इच्छुक एक साथ एकत्र होते हैं। यह उत्सव साधारणतया १२ दिन चलता है। प्रत्येक को किसी दुखी प्राणी की सहायता के लिए कहा जाता है और इस कार्य में उसे बहुत सी कठिनाइयाँ झेलनी पड़ती हैं और साहसिक कार्य करने पड़ते हैं। 'फ़ेयरी क्वीन' के छ: सर्गों में दी हुई रूपक कहानियाँ ग्लोरियाना के दरबार के एक ऐसे ही उत्सव से संबंधित हैं। स्पेंसर ने 'फेयरी क्वीन' की रचना आयरलैंड में प्रारंभ की और इसके प्रथम तीन सर्ग सन् १५९० में इंग्लैंड में प्रकाशित हुए। उनका मंतव्य रूपकों के सहारे व्यापक संसार तथा प्रत्येक मनुष्य के हृदय में चल रहे सत् प्रवृत्तियों और कुप्रवृत्तियों के बीच के संघर्ष को प्रदर्शित करना था। जैसा कि उन्होंने सर वाल्टर रैले के नाम अपने पत्र में घोषित किया, इस पुस्तक का उद्देश्य पाठकों को नैतिकता एवं सदाचरण में शिक्षित करना था। लेकिन 'फ़ेयरी क्वीन' में रूपक का सहारा तत्कालीन राजनीति तथा शासन से संबंधित व्यक्तियों की चर्चा के लिए भी लिया गया है। परीदेश की रानी ग्लोरियाना के नाम पर कवि महारानी एलिजावेथ की प्रशस्ति गाता है। इसी प्रकार फ़ेयरी क्वीन के अन्य पात्र भी तत्कालीन राजनीतिक जीवन में प्रमुख व्यक्तियों के प्रतीक हैं। श्रेणी:अंग्रेजी साहित्य.

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द फॅलोशिप ऑफ़ द रिंग

द लॉर्ड ऑफ़ द रिंग्स--द फॅलोशिप ऑफ़ द रिंग (The Lord of the Rings-The Fellowship of the Ring), मतलब अंगूठियों का मालिक--अंगूठी की मैत्री) अंग्रेज़ी में रचित उपन्यास सिलसिले अंगूठियों का मालिक की पहली कड़ी है जिसके (ब्रिटिश) लेखक जे. आर. आर. टोल्किन हैं। इसपर 2001 में एक हॉलिवुड फ़िल्म भी बनी है जिसने कई ऑस्कर भी जीते। .

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द रुइन्स ऑफ़ होलीरूड चैपल

द रुइन्स ऑफ़ होलीरूड चैपल (The Ruins of Holyrood Chapel; होलीरूड पूजास्थल के खंडहर) फ़्रांसीसी चित्रकार लुई डेगुए द्वारा 1824 में निर्मित होलीरूड ऐबी की तैल चित्रकारी है। इस चित्रकारी का आकार 211 × 256.3 वर्ग सेमी (83.1 × 100.9 वर्ग इंच) है और लिवरपूल, इंग्लैंड में वॉकर आर्ट गैलरी में प्रदर्शित की गई है। इस संग्राहलय ने इसे 1864 में प्राप्त किया। .

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द रॉक होटल

द रॉक होटल (The Rock Hotel), जिसे रॉक होटल भी कहा जाता है, ब्रिटिश प्रवासी शासित प्रदेश जिब्राल्टर में स्थित एक एतिहासिक होटल है। इसे भूमध्य सागर के सबसे प्रसिद्ध होटलों में से एक कहा गया है। वर्ष 1932 में जॉन क्राईटन-स्टूर्ट, ब्यूट के चौथे मार्क्वेस, द्वारा निर्माण किया गया यह होटल 3.6 हेक्टेयर (8.9 एकड़) के प्राकृतिक दृश्य वाले बगीचे के साथ बना हुआ है। इसमें कुल 104 कमरे हैं। यह यूरोपा सड़क पर विशाल सफ़ेद आर्ट डेको इमारत में जिब्राल्टर बोटेनिक गार्डन के सामने स्थित है। .

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द हू

द हू एक अंग्रेजी रॉक बैंड है, जिसका गठन 1964 में गायक रोजर डाल्ट्रे, गिटारवादक पीट टाउनशेंड, बासवादक जॉन एंटविसल और ड्रम वादक कीथ मून ने मिलकर किया था। वे अपने ऊर्जावान लाइव प्रदर्शन के जरिये मशहूर हुए जिसमें अक्सर वाद्य यंत्रों की क्षति होती थी। द हू 100 मिलियन रिकॉर्ड बेच चुका है और ब्रिटेन में शीर्ष 27 चालीस एकल एलबम तथा संयुक्त राज्य अमेरिका में 17 टॉप टेन (शीर्ष दस) एलबम ला चुका है, जिनमें 18 स्वर्ण, 12 प्लेटिनम और 5 मल्टी प्लेटिनम एलबम पुरस्कार सिर्फ संयुक्त राज्य अमेरिका में शामिल हैं.

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द जंगल बुक

द जंगल बुक (अंग्रेजी:The Jungle Book; जंगल की किताब) (1894) नोबेल पुरस्कार विजेता अंग्रेजी लेखक रुडयार्ड किपलिंग की कहानियों का एक संग्रह है। इन कहानियों को पहली बार 1893-94 में पत्रिकाओं में प्रकाशित किया गया था। मूल कहानियों के साथ छपे कुछ चित्रों को रुडयार्ड के पिता जॉन लॉकवुड किपलिंग ने बनाया था। रुडयार्ड किपलिंग का जन्म भारत में हुआ था और उन्होने अपनी शैशव अवस्था के प्रथम छह वर्ष भारत में बिताये। इसके उपरान्त लगभग दस वर्ष इंग्लैण्ड में रहने के बाद वे फिर भारत लौटे और लगभग अगले साढ़े छह साल तक यहीं रह कर काम किया। इन कहानियों को रुडयार्ड ने तब लिखा था जब वो वर्मोंट में रहते थे। जंगल बुक के कथानक में मोगली नामक एक बालक है जो जंगल मे खो जाता है और उसका पालन पोषण भेड़ियों का एक झुंड करता है, अंत मे वह गाँव में लौट जाता है। .

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द वुमैन इन ब्लैक

कोई विवरण नहीं।

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द व्हाइट क्वीन

द व्हाइट क्वीन (The White Queen) ब्रिटिश टेलिविज़न ड्रामा शृंखला है जो फिलिपा ग्रेगरी की सर्वाधिक बिकाऊ एतिहासिक उपन्यास शृंखला द कज़िन्स वॉर पर आधारित है। धारावाहिक का पहला प्रकरण बीबीसी वन पर 16 जून 2013 को प्रसारित हुआ। धारावाहिक की कहानी वॉर ऑफ़ रोज़िज़ की पृष्ठभूमि पर चलती है, जिसमें उन महिलाओं की कहानी प्रदर्शित की जाती है जो कई वर्षों से इंग्लैण्ड की राजगद्दी के लिए हो रहे युद्ध में फसी हुई हैं। .

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द ओवल

द किआ ओवल जो कि द ओवल के नाम से प्रसिद्धि है, लंदन बरो ऑफ़ लैम्बेथ के केनिंगटन में स्थित एक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैदान है। विगत में यह केनिंगटन ओवल के नाम से भी जाना जाता था। अतीत में इसके कई आधिकारिक नाम रहे: 'फोस्टर ओवल', 'एएमपी ओवल', 'ब्रिट इंश्योरेंस ओवल' और इसका वर्तमान 'किआ ओवल' नाम इसे वाणिज्यिक प्रतिभू कि वजह से मिला। ओवल सरे काउंटी क्रिकेट क्लब का घरेलू मैदान है और परंपरागत रूप से अगस्त के अन्त में या सितंबर के प्रारंभ में प्रत्येक अंग्रेजी गर्मी के मौसम के अंतिम टेस्ट मैच की मेजबानी करता है। ओवल विश्व में मेलबोर्न क्रिकेट मैदान के पश्चात टेस्ट क्रिकेट की मेजबानी करने वाला दूसरा मैदान था। .

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द इंडियन वॉर ऑफ इंडिपेंडेंस - १८५७

द इंडियन वॉर ऑफ इंडिपेंडेंस - १८५७ प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर द्वारा लिखित एक पुस्तक है, जिसमें उन्होंने सनसनीखेज व खोजपूर्ण इतिहास लिख कर ब्रिटिश शासन को हिला डाला था। अधिकांश इतिहासकारों ने १८५७ के प्रथम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को एक सिपाही विद्रोह या अधिकतम भारतीय विद्रोह कहा था। दूसरी ओर भारतीय विश्लेषकों ने भी इसे तब तक एक योजनाबद्ध राजनीतिक एवं सैन्य आक्रमण कहा था, जो भारत में ब्रिटिष साम्राज्य के ऊपर किया गया था। सावरकर ने १८५७ की घटनाओं को भारतीय दृष्टिकोण से देखा। स्वयं एक तेजस्वी नेता व क्रांतिकारी होते हुए, वे १८५७ के शूरवीरों के साहस, वीरता, ज्वलंत उत्साह व दुर्भाग्य की ओर आकर्षित हुए। उन्होंने इस पूरी घटना को उस समय उपलब्ध साक्ष्यों व पाठ सहित पुनरव्याख्यित करने का निश्चय किया। उन्होंने कई महीने इण्डिया ऑफिस पुस्तकालय में इस विषय पर अध्ययन में बिताये। सावरकर ने पूरी पुस्तक मूलतः मराठी में लिखी व १९०८ में पूर्ण की। क्योंकि उस समय इसका भारत में मुद्रण असंभव था, इसकी मूल प्रति इन्हें लौटा दी गई। इसका मुद्रण इंग्लैंड व जर्मनी में भी असफाल रहा। इंडिया हाउस में रह रहेक छ छात्रों ने इस पुस्तक का अंग्रेज़ी अनुवाद किया। और अन्ततः यह पुस्तक १९०९ में हॉलैंड में मुद्रित हुयी। इसका शीर्षक था द इण्डियन वार ऑफ इंडिपेन्डेंस – १८५७। इसप स्तक का द्वितीय संस्करण लाला हरदयाल द्वारा गदर पार्टी की ओर से अमरीका में निकला और तृतीय संस्करण सरदार भगत सिंह द्वारा निकाला गया। इसका चतुर्थ संस्करण नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वारा सुदूर-पूर्व में निकाला गया। फिर इस पुस्तक का अनुवाद उर्दु, हिंदी, पंजाबी व तमिल में किया गया। इसके बाद एक संस्करण गुप्त रूप से भारत में भी द्वितीय विश्व यु्द्ध के समाप्त होने के बाद मुद्रित हुआ। इसकी मूल पांडु-लिपि मैडम भीकाजी कामा के पास पैरिस में सुरक्षित रखी थी। यह प्रति अभिनव भारत के डॉ॰क्यूतिन्हो को प्रथम विश्व युद्ध के दौरान पैरिसम संकट आने के दौरान सौंपी गई। डॉ॰क्युतिन्हो ने इसे किसी पवित्र धार्मिक ग्रंथ की भांति ४० वर्षों तक सुरक्षित रखा। भारतीय स्वतंत्रता उपरांत उन्होंने इसे रामलाल वाजपेयी और डॉ॰मूंजे को दे दिया, जिन्होंने इसे सावरकर को लौटा दिया। इस पुस्तक पर लगा निषेध अन्ततः मई, १९४६ में बंबई सरकार द्वारा हटा लिया गया। .

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द क्रॉनिकल्स ऑफ़ नार्निया (फ़िल्म शृंखला)

नार्निया का इतिहास वाल्डेन मीडिया के महाकाव्य कल्पना फिल्मों की एक श्रृंखला है जो सी. एस. लुईस द्वारा 1950 के दशक में लिखे गए उपन्यासों की श्रृंखला द नार्निया ऑफ़ क्रॉनिकल्स पर आधारित है। वर्तमान समय में यह तीन फिल्मों की एक नियोजित हेप्टालॉजी-द लायन, द विच एंड द वार्डरोब (2005), प्रिंस कैस्पियन (2008) और द वॉयज ऑफ़ द डॉन ट्रेडर (2010) से युक्त है। यह श्रंखला नार्निया की काल्पनिक दुनिया में एक बोलनेवाले शेर और नार्निया के असली राजा असलन के नेतृत्व में बच्चों के साहसिक कारनामों के आसपास घूमती है। फिल्म में दिखाए गए अधिकांश बच्चे पेवेंसी भाई बहन थे और प्रमुख प्रतिपक्षी के रूप में सफ़ेद चुड़ैल (ह्वाइट विच) को चित्रित किया गया था। हालांकि फिल्म में उपन्यास की पारंपरिक कहानी और ईसाई विषयों को लिया गया है, उनमें स्रोत सामग्री से अलग ग्रीक पौराणिक कथाओं और ब्रिटिश परी कथाओं जैसे विभिन्न विचलनों को भी जोड़ा गया है। पहली दो फिल्में एंड्रयू एडम्सन द्वारा निर्देशित, मार्क जॉनसन द्वारा निर्मित और वॉल्ट डिज्नी पिक्चर्स द्वारा वितरित की गई थीं। आगामी तीसरी फिल्म डिजिटल 3डी (3D) में रिलीज की जाने वाली पहली ऐतिहासिक फिल्म होगी. यह माइकल एपतेड द्वारा निर्देशित और ट्वेंटियथ सेंचुरी फॉक्स द्वारा वितरित की गई थी। उपन्यासों की विरासत की वजह से श्रृंखला को दुनिया भर की सबसे बड़ी फिल्म फ्रेंचाइजी में से एक माना गया था। लेकिन जबकी पहली फिल्म को सर्वकालीन 36वीं उच्चतम आमदनी करने वाली फिल्म होने की वजह से आर्थिक रूप से सफल माना गया है, दूसरी फिल्म वितरकों में संक्रमण के परिणामस्वरूप उम्मीदों पर पूरी नहीं उतरी. वर्तमान समय में श्रृंखला ने दुनिया भर में 1 अरब डॉलर की कमाई की है। .

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दाविद मालन

कोई विवरण नहीं।

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द्वारमण्डप

अजन्ता के द्वितीय गुफा के प्रवेश द्वार का मण्डप भद्र, ड्यौढ़ी, द्वारमंडप या पोर्च (Porch) किसी भवन के मुखद्वार की सुरक्षा के निमित्त उसके सामने बनाई हुई संरचना है। प्राय: यह तीन ओर से खुली होती है और छत स्तंभों पर, या कभी कभी बिना स्तंभों के ही मुख्य भवन से निकली हुई बाहुधरनों पर आलंबित रहती है। अनेक प्राचीन मंदिरों में जैसे ऐहोल के दुर्गामंदिर में (५वीं शती), खजुराहो के महादेवमंदिर में (१०-११वीं शती), ओसिया, मारवाड़ के सूर्यमंदिर में ९-१०वीं शती) या मोढेरा, गुजरात के सूर्यमंदिर में भद्र का 'द्वारमंडप' स्वरूप विशेष दृष्टिगोचर है। खुजराहो के मंदिरों में इसे 'अर्द्धमंडप' नाम दिया जाता है। मुख्य मंदिर के अतिरिक्त यह अर्धमंडप होने के कारण, 'ड्योढ़ी' भी कहा जाने लगा। कहीं-कहीं यह तीन ओर से खुला न होकर केवल सामने की ओर ही खुला रहता है, जैसे कांचीपुरम् (कांजीवरम्) के वैकुठ पेरूपल मंदिर में (८वीं शती) या भुवनेश्वर के वैताल देबल मंदिर में। कालांतर में मुख्यद्वार के सामने निकले हुए किसी प्रकार के छज्जे को और अलंकरण के लिए बनाए गए स्तंभों को भी भद्र कहा जाने लगा। पश्चिम में भी 'पोर्च' शब्द का उपयोग वास्तविक ड्योढ़ी या द्वारमंडप के अर्थ में तो होता ही है, मुख्यद्वार पर बने स्तंभों सहित छज्जे के लिए या स्तंभश्रेणी के लिए भी होता है। अमरीका में तो तीन ओर से खुली हुई छतयुक्त कोई भी उपसंरचना जो किसी भी भवन से मिली हो 'पोर्च' कही जाती है। इस प्रकार इसमें और किसी बरामदे या शयनप्रांगण में प्राय: कुछ अंतर ही नहीं रह जाता। .

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द्वितीय चीन-जापान युद्ध

द्वितीय चीन-जापान युद्ध चीन तथा जापान के बीच 1937-45 के बीच लड़ा गया था। 1945 में अमेरिका द्वारा जापान पर परमाणु बम गिराने के साथ ही जापान ने समर्पण कर दिया और युद्ध की समाप्ति हो गई। इसके परिणामस्वरूप मंचूरिया तथा ताईवान चीन को वापस सौंप दिए गए जिसे जापान ने प्रथम चीन-जापान युद्ध में उससे लिया था। 1941 तक चीन इसमें अकेला रहा। 1941 में जापान द्वारा पर्ल हार्बर पर किए गए आक्रमण के बाद यह द्वितीय विश्व युद्ध का अंग बन गया। .

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द्वितीय विश्वयुद्ध

द्वितीय विश्वयुद्ध १९३९ से १९४५ तक चलने वाला विश्व-स्तरीय युद्ध था। लगभग ७० देशों की थल-जल-वायु सेनाएँ इस युद्ध में सम्मलित थीं। इस युद्ध में विश्व दो भागों मे बँटा हुआ था - मित्र राष्ट्र और धुरी राष्ट्र। इस युद्ध के दौरान पूर्ण युद्ध का मनोभाव प्रचलन में आया क्योंकि इस युद्ध में लिप्त सारी महाशक्तियों ने अपनी आर्थिक, औद्योगिक तथा वैज्ञानिक क्षमता इस युद्ध में झोंक दी थी। इस युद्ध में विभिन्न राष्ट्रों के लगभग १० करोड़ सैनिकों ने हिस्सा लिया, तथा यह मानव इतिहास का सबसे ज़्यादा घातक युद्ध साबित हुआ। इस महायुद्ध में ५ से ७ करोड़ व्यक्तियों की जानें गईं क्योंकि इसके महत्वपूर्ण घटनाक्रम में असैनिक नागरिकों का नरसंहार- जिसमें होलोकॉस्ट भी शामिल है- तथा परमाणु हथियारों का एकमात्र इस्तेमाल शामिल है (जिसकी वजह से युद्ध के अंत मे मित्र राष्ट्रों की जीत हुई)। इसी कारण यह मानव इतिहास का सबसे भयंकर युद्ध था। हालांकि जापान चीन से सन् १९३७ ई. से युद्ध की अवस्था में था किन्तु अमूमन दूसरे विश्व युद्ध की शुरुआत ०१ सितम्बर १९३९ में जानी जाती है जब जर्मनी ने पोलैंड पर हमला बोला और उसके बाद जब फ्रांस ने जर्मनी पर युद्ध की घोषणा कर दी तथा इंग्लैंड और अन्य राष्ट्रमंडल देशों ने भी इसका अनुमोदन किया। जर्मनी ने १९३९ में यूरोप में एक बड़ा साम्राज्य बनाने के उद्देश्य से पोलैंड पर हमला बोल दिया। १९३९ के अंत से १९४१ की शुरुआत तक, अभियान तथा संधि की एक शृंखला में जर्मनी ने महाद्वीपीय यूरोप का बड़ा भाग या तो अपने अधीन कर लिया था या उसे जीत लिया था। नाट्सी-सोवियत समझौते के तहत सोवियत रूस अपने छः पड़ोसी मुल्कों, जिसमें पोलैंड भी शामिल था, पर क़ाबिज़ हो गया। फ़्रांस की हार के बाद युनाइटेड किंगडम और अन्य राष्ट्रमंडल देश ही धुरी राष्ट्रों से संघर्ष कर रहे थे, जिसमें उत्तरी अफ़्रीका की लड़ाइयाँ तथा लम्बी चली अटलांटिक की लड़ाई शामिल थे। जून १९४१ में युरोपीय धुरी राष्ट्रों ने सोवियत संघ पर हमला बोल दिया और इसने मानव इतिहास में ज़मीनी युद्ध के सबसे बड़े रणक्षेत्र को जन्म दिया। दिसंबर १९४१ को जापानी साम्राज्य भी धुरी राष्ट्रों की तरफ़ से इस युद्ध में कूद गया। दरअसल जापान का उद्देश्य पूर्वी एशिया तथा इंडोचायना में अपना प्रभुत्व स्थापित करने का था। उसने प्रशान्त महासागर में युरोपीय देशों के आधिपत्य वाले क्षेत्रों तथा संयुक्त राज्य अमेरीका के पर्ल हार्बर पर हमला बोल दिया और जल्द ही पश्चिमी प्रशान्त पर क़ब्ज़ा बना लिया। सन् १९४२ में आगे बढ़ती धुरी सेना पर लगाम तब लगी जब पहले तो जापान सिलसिलेवार कई नौसैनिक झड़पें हारा, युरोपीय धुरी ताकतें उत्तरी अफ़्रीका में हारीं और निर्णायक मोड़ तब आया जब उनको स्तालिनग्राड में हार का मुँह देखना पड़ा। सन् १९४३ में जर्मनी पूर्वी युरोप में कई झड़पें हारा, इटली में मित्र राष्ट्रों ने आक्रमण बोल दिया तथा अमेरिका ने प्रशान्त महासागर में जीत दर्ज करनी शुरु कर दी जिसके कारणवश धुरी राष्ट्रों को सारे मोर्चों पर सामरिक दृश्टि से पीछे हटने की रणनीति अपनाने को मजबूर होना पड़ा। सन् १९४४ में जहाँ एक ओर पश्चिमी मित्र देशों ने जर्मनी द्वारा क़ब्ज़ा किए हुए फ़्रांस पर आक्रमण किया वहीं दूसरी ओर से सोवियत संघ ने अपनी खोई हुयी ज़मीन वापस छीनने के बाद जर्मनी तथा उसके सहयोगी राष्ट्रों पर हमला बोल दिया। सन् १९४५ के अप्रैल-मई में सोवियत और पोलैंड की सेनाओं ने बर्लिन पर क़ब्ज़ा कर लिया और युरोप में दूसरे विश्वयुद्ध का अन्त ८ मई १९४५ को तब हुआ जब जर्मनी ने बिना शर्त आत्मसमर्पण कर दिया। सन् १९४४ और १९४५ के दौरान अमेरिका ने कई जगहों पर जापानी नौसेना को शिकस्त दी और पश्चिमी प्रशान्त के कई द्वीपों में अपना क़ब्ज़ा बना लिया। जब जापानी द्वीपसमूह पर आक्रमण करने का समय क़रीब आया तो अमेरिका ने जापान में दो परमाणु बम गिरा दिये। १५ अगस्त १९४५ को एशिया में भी दूसरा विश्वयुद्ध समाप्त हो गया जब जापानी साम्राज्य ने आत्मसमर्पण करना स्वीकार कर लिया। .

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दूरचित्री फोटोग्राफी

एदवर्द बेलिन और उसका 'बेलिनोग्राफ' दूरचित्र फोटोग्राफी या 'दूरचित्रण' या 'टेलीफोटोग्राफी' (Wirephoto या Telephotography) विद्युत संकेतों द्वारा (टेलीग्राफ द्वारा या टेलीफोन द्वारा) चित्रों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर भेजने की विधि है। .

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देशी प्रेस अधिनियम

अंग्रेज सरकार द्वारा भारत में सन् १८७८ में देशी प्रेस अधिनियम (Vernacular Press Act) पारित किया गया ताकि भारतीय भाषाओं के पत्र-पत्रिकाओं पर और कड़ा नियंत्रण रखा जा सके। उस समय लॉर्ड लिट्टन भारत का गवर्नर जनरल और वाइसराय था। इस अधिनियम में पत्र-पत्रिकाओं में ऐसी सामग्री छापने पर कड़ी कार्वाई का प्रावधान था जिससे जनता में ब्रिटिश शासन के विरुद्ध असंतोष पनपने की सम्भावना हो। वस्तुतः यह कानून भाषाई समाचार-पत्रों को दबाने के लिए लाया गया था। देशी प्रेस अधिनियम पारित होने के अगले दिन ही कोलकाता से बंगला में प्रकाशित अमृत बाजार पत्रिका ने अपने को 'अंग्रेजी दैनिक' पत्र बना दिया। इसके सम्पादक शिषिर कुमार घोष थे। इस अधिनियम के अन्तर्गत सैकड़ों देशी पत्र-पत्रिकाएँ ज़प्त कर ली गयीं। प्रेसों में ताले डाल दिए गए। स्वदेशवासियों में राष्ट्रीय चेतना जागृत करने के लिए साहित्यकार बंकिमचन्द्र चट्टोपाध्याय (1838-1894) ‘आनन्द मठ’ का वन्देमातरम् लेकर आए जो ब्रिटिश शासकों के कोप का कारण बना। मुसलमानों को उकसाकर ‘आनन्दमठ’ की ढेरों प्रतियाँ जला दी गईं (एनसाइक्लोपीडिया ब्रिटेनिका: रमेशचन्द्र दत्त)। वर्नाकुलर प्रेस एक्ट बहुत बदनाम हुआ तथा इंग्लैंड में सत्ता परिवर्तन के बाद १८८१ में रद्द कर दिया गया और १८६७ वाले पुराने कानून को ही जारी रखा गया। श्रेणी:भारत के अधिनियम श्रेणी:भारत का इतिहास.

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देववाद

देववाद के एक समर्थक थॉमस चब्ब देववाद या तटस्थेश्वरवाद (Deism) के अनुसार, सत्य की खोज में बुद्धि प्रमुख अस्त्र और अंतिम अधिकार है। ज्ञान के किसी भाग में भी बुद्धि के अधिकार से बड़ा कोई अन्य अधिकार विद्यमान नहीं। यह दावा धर्म और ज्ञानमीमांसा के क्षेत्रों में विशेष रूप में विवाद का विषय बनता रहा है। ईसाई मत में धर्म की नींव विश्वास पर रखी गई है। जो सत्य ईश्वर की ओर से आविष्कृत हुए है, वे मान्य हैं, चाहे वे बुद्धि की पहुँच के बाहर हों, उसके प्रतिकूल भी हों। 18वीं शती में, इंग्लैंड में कुछ विचारकों ने धर्म को दैवी आविष्कार के बजाय मानव चिंतन की नींव पर खड़ा करने का यत्न किया। आरंभ में अलौकिक या प्रकृतिविरुद्ध सिद्धांत उनके आक्रमण के विषय बने; इसके बाद ऐसी घटनाओं की बारी आई, जिन्हें ऐतिहासिक खोज ने असत्य बताया; और अंत में कहा गया कि जिस जीवनव्यवस्था को ईसाइयत आदर्श व्यवस्था के रूप में उपस्थित करती है, वह स्वीकृति के योग्य नहीं। टोलैंड (John Toland), चब्ब (Thomas Chubb) और बोर्लिगब्रोक (Bolingbroke) बुद्धिवाद के इन तीनों स्वरूपों के प्रतिनिधि तथा प्रसारक थे। ज्ञानमीमांसा में बुद्धिवाद और अनुभववाद का विरोध है। अनुभववाद के अनुसार, मनुष्य का मन एक कोरी तख्ती है, जिस पर अनेक प्रकार के बाह्य प्रभाव अंकित होते हैं; हमारा सारा ज्ञान बाहर से प्राप्त होता है। इसके विपरीत, बुद्धिवाद कहता है कि सारा ज्ञान अंदर से उपजता है। जो कुछ इंद्रियों के द्वारा प्राप्त होता है, उसे प्लेटो ने केवल "संमति" का पद दिया। बुद्धिवाद के अनुसार गणित सत्य ज्ञान का नमूना है। गणित की नींव लक्षणों और स्वयंसिद्ध धारणाओं पर होती है और ये दोनों मन की कृतियाँ हैं। आधुनिक काल में, डेकार्ट ने निर्मल और स्पष्ट प्रत्ययों को सत्य की कसौटी बताया। स्पिनोज़ा ने अपनी विख्यात पुस्तक "नीति" को रेखागणित का आकार दिया। वह कुछ परिभाषाओं और स्वत:सिद्ध धारणाओं से आरंभ करता है और प्रत्येक साध्य को उपयोगी उपपत्ति से प्रमाणित करता है। .

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दोहरी सूचिगत कंपनी

दोहरा सूचिकरण (अंग्रेज़ी:डुअल लिस्टिंग) उस प्रक्रिया को कहते हैं, जिसके तहत कोई कंपनी दो अलग-अलग देशों के स्टॉक एक्सचेंजों में स्वयं को सूचीबद्ध कराती है। जब दो देशों की दो कंपनियों के बीच कारोबार को लेकर कोई समझौता होता है तो डुअल लिस्टिंग के द्वारा दोनों ही देशों में इन कंपनियों के शेयर सूचीबद्ध बने रहते हैं। यहां महत्वपूर्ण बात यह है कि दोनों ही देशों के स्टॉक एक्सचेंजों में दोनों ही कंपनियों के शेयरों की खरीद-बिक्री की जा सकती है।|इकोनॉमिक टाइम्स। १६ सितंबर २००९ उदाहरण के साथ यदि भारती एयरटेल और एमटीएन के बीच होने वाले सौदे में दोहरे सूचिकरण की शर्त सम्मिलित होती है तो भारती के शेयरों की बिक्री जोहानसबर्ग स्टॉक एक्सचेंज में भी की जा सकेगी, जबकि एमटीएन के शेयर ट्रेडिंग के लिए घरेलू स्टॉक एक्सचेंज में उपलब्ध रहेंगे। दोहरे सूचिकरण में कई जटिलताएं होती हैं, जिसके चलते यह अधिक लोकप्रिय नहीं बन पाया है। हालांकि, दोहरे सूचिकरण के कई उदाहरण हैं। रॉयल डच शेल के शेयरों में इंग्लैंड और नीदरलैंड के शेयर बाजारों में ट्रेडिंग होती है। बीएचपी बिलिटॉन के शेयरों में ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड में ट्रेडिंग होती है। इसी तरह रियो टिंटो ग्रुप के शेयरों की ट्रेडिंग भी ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बाजरों में होती है। यूनिलीवर के शेयरों की ट्रेडिंग इंग्लैंड और नीदरलैंड के बाजारों में होती है। .

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दीना वाडिया

दीना वाडिया (15 अगस्त 1919 – 2 नवम्बर 2017), मुहम्मद अली जिन्ना की बेटी और एकमात्र सन्तान थीं। उनकी माँ रतनबाई पेटिट मुम्बई के दो सम्भ्रान्त परिवारों की (पेटिट परिवार और टाटा परिवार) सदस्या थीं। 1938 में उन्होने नवील वाडिया से विवाह किया किन्तु विवाह अधिक दिन नहीं चला और शीघ्र दोनों में सम्बन्ध विच्छेद हो गया। जब 1947 में भारत का विभाजन हुआ तो दीना ने भारत का नागरिक बनना स्‍वीकार किया। यह जानकर लोगों को हैरानी होती है कि जिसके पिता पाकिस्‍तान के संस्‍थापक रहे, उनकी बेटी ने आखिर क्‍यों भारत में रहने का फैसला किया। .

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दीर्घकालिक थकान संलक्षण

दीर्घकालिक थकान संलक्षण (क्रॉनिक फटीग सिंड्रोम) (सीएफएस) कई प्रकार से कमजोरी पैदा करने वाले विकार या विकारों को दिया जाने वाला सबसे आम नाम है, जिन्हें सामान्यतः परिश्रम से असंबंधित और निरंतर बनी रहने वाली थकान के रूप में परिभाषित किया जाता है; ऐसी थकान में विश्राम द्वारा अधिक कमी नहीं होती है एवं कम से कम छः महीने की अवधि तक अन्य विशेष रोग लक्षण भी मौजूद रहते हैं। इस विकार को पोस्ट वायरल फटीग सिंड्रोम (पीवीएफएस, जब फ्लू जैसी बीमारी के बाद यह स्थिति उत्पन्न होती है), मायाल्जिक एन्सिफेलोमाइलाइटिस (एमई) या कई अन्य नामों द्वारा भी संदर्भित किया जा सकता है। सीएफएस में रोग प्रक्रिया विभिन्न किस्म की तंत्रिका संबंधी, रोगप्रतिरक्षा संबंधी एवं अंत:स्रावी प्रणाली की असामान्यताओं को प्रदर्शित करती है। हालांकि इसे विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा तंत्रिका तंत्र के रोग रूप में वर्गीकृत किया गया है, सीएफएस रोग के कारणों का इतिहास (कारण या उत्पत्ति) अभी ज्ञात नहीं है एवं कोई निदानकारी प्रयोगशाला परीक्षण या शारीरिक संकेतक भी ज्ञात नहीं है। थकान कई बीमारियों का आम लक्षण है, लेकिन सीएफएस एक बहु-प्रणालिक रोग है एवं तुलनात्मक रूप से अपेक्षाकृत दुर्लभ है। सीएफएस के रोग लक्षणों में परिश्रम संबंधी रुग्णता; ताजगी रहित निद्रा; मांसपेशी और जोड़ों में व्यापक दर्द; संज्ञानात्मक कठिनाइयां, क्रॉनिक (चिरकालिक), अक्सर तीव्र, मानसिक और शारीरिक थकावट; एवं पहले स्वस्थ तथा क्रियाशील रहने वाले व्यक्ति में अन्य लाक्षणिक रोगलक्षण.

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धन-निष्कासन सिद्धान्त

भारत में ब्रितानी शासन के समय, भारतीय उत्पाद का वह हिस्सा जो जनता के उपभोग के लिये उपलब्ध नहीं था तथा राजनीतिक कारणों से जिसका प्रवाह इंग्लैण्ड की ओर हो रहा था, जिसके बदले में भारत को कुछ नहीं प्राप्त होता था, उसे आर्थिक निकास या धन-निष्कासन (Drain of Wealth) की संज्ञा दी गयी। धन की निकासी की अवधारणा वाणिज्यवादी सोच के क्रम में विकसित हुई। धन-निष्कासन के सिद्धान्त पर उस समय के अनेक आर्थिक इतिहासकारों ने अपने मत व्यक्त किए। इनमें दादा भाई नौरोजी ने अपनी पुस्तक “पावर्टी ऐन्ड अनब्रिटिश रूल इन इन्डिया” (Poverty and Un-British Rule in India) में सर्वप्रथम आर्थिक निकास की अवधारणा प्रस्तुत की। उन्होने धन-निष्कासन को सभी बुराइयों की बुराई (एविल ऑफ एविल्स) कहा है। १९०५ में उन्होने कहा था, धन का बहिर्गमन समस्त बुराइयों की जड़ है और भारतीय निर्धनता का मूल कारण। रमेश चन्द्र दत्त, महादेव गोविन्द रानाडे तथा गोपाल कृष्ण गोखले जैसे राष्ट्रवादी विचारकों ने भी धन के निष्कासन के इस प्रक्रिया के ऊपर प्रकाश डाला है। इनके अनुसार सरकार सिंचाई योजनाओं पर खर्च करने के स्थान पर एक ऐसे मद में व्यय करती है जो प्रत्यक्ष रुप से साम्राज्यवादी सरकार के हितों से जुड़ा हुआ है। आर्थिक निकास के प्रमुख तत्व थे- अंग्रेज प्रशासनिक एवं सैनिक अधिकारियों के वेतन एवं भत्ते, भारत द्वारा विदेशों से लिये गये ऋणों के ब्याज, नागरिक एवं सैन्य विभाग के लिये ब्रिटेन के भंडारों से खरीदी गयी वस्तुएं, नौवहन कंपनियों को की गयी अदायगी तथा विदेशी बैंकों तथा बीमा लाभांश। भारतीय धन के निकलकर इंग्लैण्ड जाने से भारत में पूंजी का निर्माण एवं संग्रहण नहीं हो सका, जबकि इसी धन से इंग्लैण्ड में औद्योगिक विकास के साधन तथा गति बहुत बढ़ गयी। ब्रिटिश अर्थव्यवस्था को इस धन से जो लाभांश प्राप्त होता था, उसे पुनः पूंजी के रूप में भारत में लगा दिया जाता था और इस प्रकार भारत का शोषण निरंतर बढ़ता जाता था। इस धन के निकास से भारत में रोजगार तथा आय की संभावनाओं पर अत्यधिक प्रतिकूल प्रभाव पड़ा। धन का यह अपार निष्कासन भारत को अन्दर-ही-अन्दर कमजोर बनाते जा रहा था। .

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धर्मप्रचार (ईसाई)

बाइबिल में लिखा है कि ईसा ने अपने स्वर्गारोहण के पूर्व अपने शिष्यों को आदेश दिया था कि वे संसार भर में उनके धर्म का प्रचार करें। अत: प्रारंभ से ही धर्मप्रचार ईसाई धर्म की एक प्रधान विशेषता रही है। .

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धर्मसुधार-विरोधी आंदोलन

यूरोप में धर्म सुधार आंदोलन के कारण नवीन प्रोटेस्टेंट धर्म के प्रसार से चिंतित होकर कैथोलिक धर्म के अनुयायियों ने कैथोलिक चर्च व पोपशाही की शक्ति व अधिकारों को सुरक्षित करने और उनकी सत्ता को पुनः सुदृढ़ बनाने के लिए कैथोलिक चर्च और पोपशाही में अनके सुधार किये। यह सुधार आंदोलन, कैथोलिकों की दृष्टि से उनके पुनरुत्थान का आंदोलन है और प्रोटेस्टेंट विरोधी होने से इसे धर्म-सुधार-विरोधी आंदोलन (Counter-Reformation), या प्रतिवादी अथवा प्रतिवादात्मक धर्म-सुधार आंदोलन कहा गया। यह आंदोलन सोलहवीं सदी के मध्य से प्रारंभ हुआ और सत्रहवीं शताब्दी के मध्य तक चला। (ट्रेण्ट काउंसिल (1545–1563) से आरम्भ होकर तीसवर्षीय युद्ध की समाप्ति तक (1648)) इस धर्मसुधार-विरोधी आंदोलन का उद्देश्य कैथोलिक चर्च में पवित्रता और ऊँचे आदर्शों को स्थापित करना था, चर्च और पोपशाही में व्याप्त दोषों को दूर कर उसके स्वरूप को पवित्र बनाना था। इस युग के नये पोप जैसे पॉल तृतीय, पॉल चतुर्थ, पायस चतुर्थ, पायस पंचम आदि पूर्व पोपों की अपेक्षा अधिक सदाचारी, धर्मनिष्ठ, कर्तव्यपरायण और सुधारवादी थे। इनके प्रयासों से कैथोलिक धर्म में नवीन शक्ति, स्फूर्ति और प्रेरणा आई और कई सुधार किये गये। .

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नायेफ अल-रोधन

नायेफ प्रोफ़ेसर नायेफ अल-रोधन एक प्रमुख व्यक्तित्व है जिन्होंने दार्शनिक, तंत्रिका वैज्ञानिक, जियोस्त्रतेजिस्त तथा लेखक के रूप से प्रसिद्धि प्राप्त की हैं। वह एक पुरस्कार-विजयी विद्वान हैं जिन्होंने तंत्रिकाविज्ञान और अंतरराष्ट्रीय सम्बन्ध के संपर्क पर ग़ौर से पथप्रदर्शक अनुसंधान किया हैं। सितंबर 2014 में नायेफ अल-रोधन को दुनियाभर में तीस सबसे प्रभावशाली तंत्रिकावैज्ञानिको में से एक माना गया था। वर्तमान में वह स्विट्जरलैंड में जिनेवा सुरक्षा नीति केन्द्र के भूराजनीति और वैश्विक भविष्य कार्यक्रम (Geopolitics and Global Futures Programme, Geneva Centre for Security Policy) के निर्देशक हैं एवम्‌ ऑक्सफ़ोर्ड विश्वविद्यालय के सेंट.

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नारीवाद

नारीवाद राजनैतिक आंदोलन का एक सामाजिक सिद्धांत है जो स्त्रियों के अनुभवों से जनित है। हालाकि मूल रूप से यह सामाजिक संबंधो से अनुप्रेरित है लेकिन कई स्त्रीवादी विद्वान का मुख्य जोर लैंगिक असमानता और औरतों के अधिकार इत्यादि पर ज्यादा बल देते हैं। नारीवादी सिद्धांतो का उद्देश्य लैंगिक असमानता की प्रकृति एवं कारणों को समझना तथा इसके फलस्वरूप पैदा होने वाले लैंगिक भेदभाव की राजनीति और शक्ति संतुलन के सिद्धांतो पर इसके असर की व्याख्या करना है। स्त्री विमर्श संबंधी राजनैतिक प्रचारों का जोर प्रजनन संबंधी अधिकार, घरेलू हिंसा, मातृत्व अवकाश, समान वेतन संबंधी अधिकार, यौन उत्पीड़न, भेदभाव एवं यौन हिंसापर रहता है। स्त्रीवादी विमर्श संबंधी आदर्श का मूल कथ्य यही रहता है कि कानूनी अधिकारों का आधार लिंग न बने। आधुनिक स्त्रीवादी विमर्श की मुख्य आलोचना हमेशा से यही रही है कि इसके सिद्धांत एवं दर्शन मुख्य रूप से पश्चिमी मूल्यों एवं दर्शन पर आधारित रहे हैं। हालाकि जमीनी स्तर पर स्त्रीवादी विमर्श हर देश एवं भौगोलिक सीमाओं मे अपने स्त्र पर सक्रिय रहती हैं और हर क्षेत्र के स्त्रीवादी विमर्श की अपनी खास समस्याएँ होती हैं। .

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नाईजीरिया

thumb फेडेरल रिपब्लिक ऑफ नाईजीरिया या नाईजीरिया संघीय गणराज्य पश्चिम अफ्रीका का एक देश है। इसकी सीमाएँ पश्चिम में बेनीन, पूर्व में चाड, उत्तर में hiकैमरून और दक्षिण में गुयाना की खाड़ी से लगती हैं। इस देश के बड़े शहरों में राजधानी अबुजा, भूतपूर्व राजधानी लागोस के अलावा इबादान, कानो, जोस और बेनिन शहर शामिल हैं। नाइजीरिया पश्चिमी अफ्रीका का एक प्रमुख देश है। पूरे अफ्रीका महाद्वीप में इस देश की आबादी सबसे अधिक है। नाइजीरिया की सीमा पश्चिम में बेनिन, पूर्व में चाड और कैमरून और उत्तर में नाइजर से मिलती हैं। .

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नागरिकता

नागरिकता (Citizenship) एक विशेष सामाजिक, राजनैतिक, राष्ट्रीय, या मानव संसाधन समुदाय का एक नागरिक होने की अवस्था है। सामाजिक अनुबंध के सिद्धांत के तहत नागरिकता की अवस्था में अधिकार और उत्तरदायित्व दोनों शामिल होते हैं। "सक्रिय नागरिकता" का दर्शन अर्थात् नागरिकों को सभी नागरिकों के जीवन में सुधार करने के लिए आर्थिक सहभागिता, सार्वजनिक, स्वयंसेवी कार्य और इसी प्रकार के प्रयासों के माध्यम से अपने समुदाय को बेहतर बनाने की दिशा में कार्य करना चाहिए.

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नाइट क्लब

शेफ़ील्ड, इंग्लैंड में एक गेटरक्रेशर संगीत समारोह में लेज़र रोशनी नृत्य मंच को प्रकाशित कर रहा है। नाईट क्लब (जिसे साधारणतया क्लब, डिस्कोथेक अथवा डिस्को के नाम से भी जाना जाता है) मनोरंजन का स्थान है जो आमतौर पर देर रात तक संचालित किया जाता है। किसी नाइट क्लब को आम तौर पर बार, पब अथवा टैवर्न से नृत्य स्थल तथा डीजे बूथ की उपस्थिति कारण अलग समझा जा सकता है, जहाँ डीजे रिकॉर्ड किया हुआ डांस, हिप हॉप, रॉक, रैगे तथा पॉप संगीत बजाता है। नाईट क्लब में संगीत के लिए या तो लाइव बैंड रहते हैं अथवा अधिकांशतः डीजे द्वारा अनेक गानों का मिश्रण किसी शक्तिशाली पीए प्रणाली के द्वारा बजाय जाता है। अधिकांश क्लब या क्लब नाईट कुछ विशिष्ट शैलियों के संगीत बजाते हैं, जैसे टेक्नो, हाउस संगीत, ट्रांस, हैवी मेटल, गराज़, हिप हॉप, सालसा, डांसहाल, ड्रम व बास, डबस्टेप अथवा सोका संगीत.

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नाइजिल लौंग

नाइजिल लौंग (Nigel James Llong) (जन्म;११ फ़रवरी १९६९) एक इंग्लैंड के अंपायर और पूर्व प्रथम श्रेणी क्रिकेट खिलाड़ी है। यह वर्तमान में आईसीसी अंपायर के सदस्य है। नाइजिल लौंग टेस्ट क्रिकेट,एक दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय और ट्वेन्टी-ट्वेन्टी क्रिकेट में अम्पायरिंग करते हैं। .

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निर्णीतानुसरण

निर्णीतानुसरण (.

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निर्मल वर्मा

निर्मल वर्मा निर्मल वर्मा (३ अप्रैल १९२९- २५ अक्तूबर २००५) हिन्दी के आधुनिक कथाकारों में एक मूर्धन्य कथाकार और पत्रकार थे। शिमला में जन्मे निर्मल वर्मा को मूर्तिदेवी पुरस्कार (१९९५), साहित्य अकादमी पुरस्कार (१९८५) उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान पुरस्कार और ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। परिंदे (१९५८) से प्रसिद्धि पाने वाले निर्मल वर्मा की कहानियां अभिव्यक्ति और शिल्प की दृष्टि से बेजोड़ समझी जाती हैं। ब्रिटिश भारत सरकार के रक्षा विभाग में एक उच्च पदाधिकारी श्री नंद कुमार वर्मा के घर जन्म लेने वाले आठ भाई बहनों में से पांचवें निर्मल वर्मा की संवेदनात्मक बुनावट पर हिमांचल की पहाड़ी छायाएं दूर तक पहचानी जा सकती हैं। हिन्दी कहानी में आधुनिक-बोध लाने वाले कहानीकारों में निर्मल वर्मा का अग्रणी स्थान है। उन्होंने कम लिखा है परंतु जितना लिखा है उतने से ही वे बहुत ख्याति पाने में सफल हुए हैं। उन्होंने कहानी की प्रचलित कला में तो संशोधन किया ही, प्रत्यक्ष यथार्थ को भेदकर उसके भीतर पहुंचने का भी प्रयत्न किया है। हिन्दी के महान साहित्यकारों में से अज्ञेय और निर्मल वर्मा जैसे कुछ ही साहित्यकार ऐसे रहे हैं जिन्होंने अपने प्रत्यक्ष अनुभवों के आधार पर भारतीय और पश्चिम की संस्कृतियों के अंतर्द्वन्द्व पर गहनता एवं व्यापकता से विचार किया है।। सृजन शिल्पी। ७ अक्टूबर २००६ .

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निजी अंतरराष्ट्रीय कानून

निजी अंतर्राष्ट्रीय कानून (Private international law) से तात्पर्य उन नियमों से है जो किसी राज्य द्वारा ऐसे वादों का निर्णय करने के लिए चुने जाते हैं जिनमें कोई विदेशी तत्व होता है। इन नियमों का प्रयोग इस प्रकार के वाद विषयों के निर्णय में होता है जिनका प्रभाव किसी ऐसे तथ्य, घटना अथवा संव्यवहार पर पड़ता है जो किसी अन्य देशीय विधि प्रणाली से इस प्रकार संबद्ध है कि उस प्रणाली का अवलंबन आवश्यक हो जाता है। 'निजी अंतर्राष्ट्रीय कानून' नाम से ऐसा बोध होता है कि यह विषय अंतर्राष्ट्रीय कानून की ही शाखा है। परंतु वस्तुतः ऐसा है नहीं। निजी अंतर्राष्ट्रीय कानून और सार्वजनिक अंतर्राष्ट्रीय कानून (Public international law) में किसी प्रकार की पारस्परिकता नहीं है। .

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नई दिल्ली का पुरनिवेश

दिसंबर १९११ में इंग्लैंड के राजा, पंचम जार्ज के स्वागत में शाहजहाँनाबाद (अर्थात् पुरानी दिल्ली) के उत्तर की ओर एक विशाल राज्यारोहण दरबार लगा। अनेक राजनीतिक कारणों से यह निश्चय किया जा चुका था कि भारत की राजधानी कलकत्ता से हटाकर दिल्ली लाई जाए। दरबार में ही इसकी घोषणा भी कर दी गई और तभी नई राजधानी का शिलान्यास भी हो गया। .

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नवपाषाण युग

अनेकों प्रकार की निओलिथिक कलाकृतियां जिनमें कंगन, कुल्हाड़ी का सिरा, छेनी और चमकाने वाले उपकरण शामिल हैं नियोलिथिक युग, काल, या अवधि, या नव पाषाण युग मानव प्रौद्योगिकी के विकास की एक अवधि थी जिसकी शुरुआत मध्य पूर्व: फस्ट फार्मर्स: दी ओरिजंस ऑफ एग्रीकल्चरल सोसाईटीज़ से, पीटर बेल्वुड द्वारा, 2004 में 9500 ई.पू.

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नवहेगेलवाद

नवहेगेलवाद (neo-Hegelianism) 19वीं तथा 20वीं शताब्दी ईसवी में अंग्रेज़ तथा अमरीकन विचारकों में प्रचलित एक प्रकार का दार्शनिक दृष्टिकोण जिसके तार्किक आधार मूलत: वे ही समझे जाते हैं और जिनका उपयोग जर्मन दार्शनिक हेगेल ने अपने सिद्धांतों के निर्माण में किया था। नवहेगेलवाद का स्पष्ट जन्म इंग्लैंड में 1865 में जेम्ज़ हचिंसन स्टर्लिग द्वारा हेगेल रहस्य विषयक ग्रंथ के प्रकाशन से हुआ। स्टर्लिंग ने हेगेल को समस्त मानव चितन विषयों पर नवीन प्रकाश प्रदान करनेवाला घोषित किया। लगभग उसी समय अमरीका में सेंट लुई में विलियम टौरी हैरिस (1835-1909) द्वारा संपादित एक परिकल्पनात्मक दर्शन पत्रिका ने और कौर्नफ़ोर्ड दर्शन एवं साहित्य मंडल ने हेगेल को समस्त मानव चिंतन विषयों पर नवीन प्रकाश प्रदान करनेवाला घोषित किया। लगभग उसी समय अमरीका में सेंट लुई में विलियम टौरी हैरिस (1835-1909) द्वारा संपादित एक परिकल्पनात्मक दर्शन पत्रिका ने और कौर्नफ़ोर्ड दर्शन एवं साहित्य मंडल ने हेगेल का प्रचार आरंभ किया। इनका हेगेल से धर्म में परंपरावाद और विज्ञान में प्रकृतिवाद का विरोध करने की शक्ति प्राप्त हुई और राजनीति के क्षेत्र में यह प्रेरणा प्राप्त हुई कि व्यक्ति की स्वतंत्रता मनमाने व्यवहार में नहीं, स्थापित राज्यनियम में अभिव्यक्तिप्राप्त जीवन के विकास में है। परंतु नवहेगेलवाद के प्रमुख प्रतिपादक इंग्लैंड में टौमस हिल ग्रीन (1836-1882), एडवर्ड केयर्ड (1835-1908), जौन रोलिस मैक्टैगार्ट (1866-1925), फ्रांसिस हर्बर्ट ब्रैडले (1846-1924) तथा बर्नर्ड बोसंकेट (1848-1923) और अमरीका में जोज़िया रौयस (1855-1916) तथा जेम्ज़ राड्विन क्रेटन (1861-1924) हुए हैं। नवहेगेलवाद को परमनिरपेक्ष अध्यात्मवाद भी कहा जाता है। इसकी विशेष मान्यता यह है कि परमनिरपेक्ष ही अंतिम तत्व है और परमनिरपेक्ष संपूर्ण तंत्र अथवा विश्व भी है, मानसिक अथवा आध्यात्मिक भी और एक भी, सभी वास्तविक पदार्थ और विशेषतया आदर्श अर्थात्‌ मूल्यांकन विषय एवं प्रत्यय अर्थात्‌ बोध विषय उसके अंदर हैं। उसका विश्व के प्रत्येक प्रदेश में निवास है। इसके अतिरिक्त परमनिरपेक्ष की यह धारणा अनुभवाधारित तथा अनुभवगत विषमता से परिपूर्ण है नवहेगेलवादी हेगेल के द्वंद्वात्मक तर्क के इस मूल आधार सिद्धांत से अत्यंत प्रभावित थे कि प्रत्येक तार्किक तथ्य में एक तृतीय अंग अथवा चरण होता है जिसे हेगेल ने परिकल्पनात्मक अथवा तथ्यात्मक बुद्धि का चरण कहा है, जिसमें विरोधी तत्वों की एकता अर्थात्‌ अभाव में भाव का बोध होता है, जो सब अमूर्त्त स्वरूपों को एकता के ठोस मूर्त्त सूत्र में बाँधकर ग्रहण करनेवाला है, जिसमें स्वयंभू ज्ञाता एवं स्वयंभू ज्ञेयतत्व का विरोध मिट जाता है, जिसमें अस्तित्व शुद्ध प्रत्यय के रूप में और शुद्ध प्रत्यय के रूप में और शुद्ध प्रत्यय अस्तित्व के रूप में ज्ञात हो जाता है और जिसमें सत्य मूलतत्व अपने ही विकास द्वारा अपनी पूर्णता को प्राप्त होता हुआ संपूर्ण रूपी मूलतत्व है। नवहेगेलवादी दार्शनिक पूरी तरह हेगेलवादी कहलाने को तैयार नहीं थे। विशेषतया उनमें से किसी को भी हेगेल के द्वंद्वात्मक तर्कं की आकृतिक रूपरेखा को अपनाना स्वीकार नहीं हुआ। अत: उन्होंने हेगेलवादी तर्कशास्त्र की एक नवीन, स्वतंत्र, स्पष्टतर एवं अधिक विश्वासोत्पादक रूप में व्याख्या करने का प्रयत्न किया। इस नवव्याख्या के तीन मुख्य सिद्धांत हैं। एक यह कि जो बुद्धि को संतुष्ट कर दे वही सत्य है और उसी का अंतिम अस्तित्व है। इस सिद्धांत के अनुसार सत्यता अस्तित्व में कोई अंतर नहीं है। प्रत्येक तर्कवाक्य का उद्देश्य वास्तवता ही है। दूसरा सिद्धांत यह है किसी किसी तार्किक निर्णय का एक निकट उद्देश्य और एक दूरस्थ उद्देश्य होता है। परंतु यह दोनों एक ही संपूर्ण के अंश होते हैं और निर्णय इस संपूर्ण के विषय में ही हुआ करता है। इस संपूर्ण को नवहेगेलवादियों ने 'मूर्त्त सर्वव्यापी' कहा है। इसके विचारानुसार यह वास्तवतंत्र है। इसमें प्रत्ययों के बाह्यार्थ और अंतरार्थ होते हैं और वे परस्पर प्रकार्यात्मक संबंधों में बँधे रहते हैं। तर्क इस तंत्र के अंदर ही विभिन्न पदों और संबंधों के बीच चला करता है। परमनिरपेक्षवादियों ने सभी संबंधों को आंतरिक माना है और संबंधों की आंतरिकता के इस सिद्धांत की पूर्ति परमनिरपेक्ष की धारणा में ही समझी है। नवहेगेलवाद का तृतीय मुख्य सिद्धांत यह है कि बोध तथा मूल्यांकन मन की एक ही बौद्धिक क्रिया के दो अविच्छेद्य अंग हैं। इसलिए सत्य और मूल्य अर्थात्‌ अर्थ दोनों की कसौटी एक ही है और वह है संपूर्णता अर्थात्‌ अव्याघात। विचार संकल्प और भाव में और संकल्प अथवा भाव विचार में ही विश्राम प्राप्त करेगा। .

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नवजोत सिंह सिद्धू

नवजोत सिंह सिद्धू (अंग्रेजी: Navjot Singh Sidhu, पंजाबी: ਨਵਜੋਤ ਸਿੰਘ ਸਿੱਧੂ, जन्म: 20 अक्टूबर 1963, पटियाला) भारत के पूर्व क्रिकेट खिलाड़ी (बल्लेबाज) एवं अमृतसर लोक सभा सीट से भारतीय जनता पार्टी के पूर्व सांसद हैं। खेल से संन्यास लेने के बाद पहले उन्होंने दूरदर्शन पर क्रिकेट के लिये कमेंट्री करना आरम्भ किया उसके बाद राजनीति में सक्रिय रूप से भाग लेने लगे। राजनीति के अलावा उन्होंने टेलीविजन के छोटे पर्दे पर टी.वी.

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नग्नता

नग्नता या निवस्त्रता कपड़े न पहनने को कहते हैं। इसमें पूरी तरह या आधे कपड़े न पहनने को भी इसी श्रेणी में लाया जाता है। लगभग सभी देशों में यह अपराध की श्रेणी में आता है। .

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न्यू रोड

न्यू रोड, वॉर्सेस्टर, इंग्लैंड, तुरंत उत्तर पश्चिम में 1896 के बाद से वॉस्टरशायर काउंटी क्रिकेट क्लब के घर के क्रिकेट ग्राउंड में किया गया है (एक रोड) न्यू रोड कहा जाता है, A44 का हिस्सा है, इसलिए नाम है।.

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न्यूटन का सार्वत्रिक गुरुत्वाकर्षण का सिद्धान्त

कोई भी वस्तु ऊपर से गिरने पर सीधी पृथ्वी की ओर आती है। ऐसा प्रतीत होता है, मानो कोई अलक्ष्य और अज्ञात शक्ति उसे पृथ्वी की ओर खींच रही है। इटली के वैज्ञानिक, गैलिलीयो गैलिलीआई ने सर्वप्रथम इस तथ्य पर प्रकाश डाला था कि कोई भी पिंड जब ऊपर से गिरता है तब वह एक नियत त्वरण से पृथ्वी की ओर आता है। त्वरण का यह मान सभी वस्तुओं के लिए एक सा रहता है। अपने इस निष्कर्ष की पुष्टि उसने प्रयोगों और गणितीय विवेचनों द्वारा की है। न्यूटन के गुरुत्वाकर्षण का नियम इसके बाद सर आइज़क न्यूटन ने अपनी मौलिक खोजों के आधार पर बताया कि केवल पृथ्वी ही नहीं, अपितु विश्व का प्रत्येक कण प्रत्येक दूसरे कण को अपनी ओर आकर्षित करता रहता है। दो कणों के बीच कार्य करनेवाला आकर्षण बल उन कणों की संहतियों के गुणनफल का (प्रत्यक्ष) समानुपाती तथा उनके बीच की दूरी के वर्ग का व्युत्क्रमानुपाती होता है। कणों के बीच कार्य करनेवाले पारस्परिक आकर्षण को गुरुत्वाकर्षण (Gravitation) तथा उससे उत्पन्न बल को गुरुत्वाकर्षण बल (Force of Gravitation) कहा जाता है। न्यूटन द्वारा प्रतिपादित उपर्युक्त नियम को न्यूटन का गुरुत्वाकर्षण नियम (Law of Gravitation) कहते हैं। कभी-कभी इस नियम को "गुरुत्वाकर्षण का प्रतिलोम वर्ग नियम" (Inverse Square Law) भी कहा जाता है। उपर्युक्त नियम को सूत्र रूप में इस प्रकार व्यक्त किया जा सकता है: मान लिया m1 और संहति वाले m2 दो पिंड परस्पर d दूरी पर स्थित हैं। उनके बीच कार्य करनेवाले बल F का मान होगा:; F .

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न्यूकैसल युनाइटेड एफ़॰सी॰

न्यूकैसल यूनाइटेड फुटबॉल क्लब (द मैग्पाइज या द टून के नाम से भी प्रचलित) न्यूकैसल अपॉन टाइन, इंग्लैंड, में स्थित एक इंग्लिश प्रीमियर लीग फ़ुटबाल क्लब हैं। इस क्लब की स्थापना 1892 में दो स्थानीय क्लबों, न्यूकैसल ईस्ट एंड और न्यूकैसल वेस्ट एंड के विलय से हुई.

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नौकायन

एक डॉक्ड नौका शौकिया तौर पर या मनोरंजन के लिए अथवा खेल के उद्देश्य से नाव चलाने या अन्य प्रकार के जलयानों के उपयोग को नौकायन कहा जाता है। .

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नैपोलियन तृतीय

नैपोलियन तृतीय लुई नैपोलियन् बोनापार्ट (२० अप्रैल १८०८ - ९ जनवरी १८७३ ई.) फ्रांसीसी रिपब्लिक का प्रथम राष्ट्रपति तथा नैपोलियन तृतीय के रूप में द्वितीय फ्रांसीसी साम्राज्य का शासक था। वह नैपोलियन प्रथम का भतीजा तथा उत्तराधिकारी था। .

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नून मीम राशिद

नजर मुहम्मद राशिद (उर्दू: نذرِ مُحَمَّد راشِد‎), (अगस्त 1910 – 9 अक्तूबर 1975) नून मीम राशीद (उर्दू: ن۔ م۔ راشد) के नाम से विख्यात आधुनिक उर्दू शायरी के एक प्रभावशाली पाकिस्तानी कवि थे। जिन्होंने उर्दू शायरी को छंद और बहर के पारंपरिक बंधनों से आज़ाद करने का बड़ा काम किया। उन्होने सिर्फ शिल्‍प की दृष्टि से ही उर्दू कविता को आज़ाद नहीं किया बल्कि उर्दू काव्‍य में उन भावों और संवेदनाओं को भी दाखिला दिलाया, जो इससे पहले असंभव माना जाता था। .

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नूर इनायत ख़ान

नूर-उन-निसा इनायत ख़ान (प्रचलित: नूर इनायत ख़ान; उर्दू: نور عنایت خان, अँग्रेजी: Noor Inayat Khan; 1 जनवरी 1914 – 13 सितम्बर 1944) भारतीय मूल की ब्रिटिश गुप्तचर थीं, जिन्होंने द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान मित्र देशों के लिए जासूसी की। ब्रिटेन के स्पेशल ऑपरेशंस एक्जीक्यूटिव के रूप में प्रशिक्षित नूर द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान फ्रांस के नाज़ी अधिकार क्षेत्र में जाने वाली पहली महिला वायरलेस ऑपरेटर थीं। जर्मनी द्वारा गिरफ़्तार कर यातनायें दिए जाने और गोली मारकर उनकी हत्या किए जाने से पहले द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान वे फ्रांस में एक गुप्त अभियान के अंतर्गत नर्स का काम करती थीं। फ्रांस में उनके इस कार्यकाल तथा उसके बाद आगामी 10 महीनों तक उन्हें यातनायें दी गईं और पूछताछ की गयी, किन्तु पूछताछ करने वाली नाज़ी जर्मनी की ख़ुफिया पुलिस गेस्टापो द्वारा उनसे कोई राज़ नहीं उगलवाया जा सका। उनके बलिदान और साहस की गाथा युनाइटेड किंगडम और फ्रांस में प्रचलित है। उनकी सेवाओं के लिए उन्हें युनाइटेड किंगडम एवं अन्य राष्ट्रमंडल देशों के सर्वोच्च नागरिक सम्मान जॉर्ज क्रॉस से सम्मानित किया गया। उनकी स्मृति में लंदन के गॉर्डन स्क्वेयर में स्मारक बनाया गया है, जो इंग्लैण्ड में किसी मुसलमान को समर्पित और किसी एशियाई महिला के सम्मान में इस तरह का पहला स्मारक है। .

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नेटवेस्ट टी 20 ब्लास्ट

नेटवेस्ट टी 20 ब्लास्ट 2014 से ईसीबी द्वारा चलाए जा रहे इंग्लैंड और वेल्स में एक ट्वेंटी -20 क्रिकेट लीग है। लीग 18 प्रथम श्रेणी काउंटी नौ टीमों के दो डिवीजनों में बांटा टीमों के होते हैं। इस सेटअप, जो पहली बार नवंबर 2013 में घोषणा की गई थी, इंग्लैंड और वेल्स में मुख्य घरेलू ट्वेंटी -20 प्रतियोगिता के रूप में फ्रेंड्स लाइफ ट्वेंटी -20 प्रतियोगिता बदल दिया। .

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नेपोलियन बोनापार्ट

नेपोलियन बोनापार्ट (15 अगस्त 1769 - 5 मई 1821) (जन्म नाम नेपोलियोनि दि बोनापार्टे) फ्रान्स की क्रान्ति में सेनापति, 11 नवम्बर 1799 से 18 मई 1804 तक प्रथम कांसल के रूप में शासक और 18 मई 1804 से 6 अप्रैल 1814 तक नेपोलियन I के नाम से सम्राट रहा। वह पुनः 20 मार्च से 22 जून 1815 में सम्राट बना। वह यूरोप के अन्य कई क्षेत्रों का भी शासक था। इतिहास में नेपोलियन विश्व के सबसे महान सेनापतियों में गिना जाता है। उसने एक फ्रांस में एक नयी विधि संहिता लागू की जिसे नेपोलियन की संहिता कहा जाता है। वह इतिहास के सबसे महान विजेताओं में से एक था। उसके सामने कोई रुक नहीं पा रहा था। जब तक कि उसने 1812 में रूस पर आक्रमण नहीं किया, जहां सर्दी और वातावरण से उसकी सेना को बहुत क्षति पहुँची। 18 जून 1815 वॉटरलू के युद्ध में पराजय के पश्चात अंग्रज़ों ने उसे अन्ध महासागर के दूर द्वीप सेंट हेलेना में बन्दी बना दिया। छः वर्षों के अन्त में वहाँ उसकी मृत्यु हो गई। इतिहासकारों के अनुसार अंग्रेज़ों ने उसे संखिया (आर्सीनिक) का विष देकर मार डाला। .

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नेपोलियन के युद्ध

नेपोलियन बोनापार्ट जब तक सत्ता में रहा युद्धों में उलझा रहा जिनसे सारा यूरोप त्रस्त था। इन युद्धों को सम्मिलित रूप से नेपोलियन के युद्ध (Napoleonic Wars) कहा जाता है। १८०३ से लेकर १८१५ तक कोई साठ युद्ध उसने लड़े थे जिसमें से सात में उसकी पराजय हुई (अधिकांशतः अपने अन्तिम दिनों में)। इन युद्धों के फलस्वरूप यूरोपीय सेनाओं में क्रान्तिकारी परिवर्तन हुए। परम्परागत रूप से इन युद्धों को १९७२ में फ्रांसीसी क्रांति के समय शुरू हुए क्रांतिकारी युद्धों की शृंखला में ही रखा जाता है। आरम्भ में फ्रांस की शक्ति बड़ी तेजी से बढ़ी और नैपोलियन ने यूरोप का अधिकांश भाग अपने अधिकार में कर लिया। १८१२ में रूस पर आक्रमण करने के बाद फ्रांस का बड़ी तेजी से पतन हुआ। .

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नेशनल टी-२० कप

नॅशनल टी-20 लीग पाकिस्तान में एक पुरुषों की पेशेवर ट्वेंटी-20 क्रिकेट लीग, 2005 में स्थापित किया गया है। यह 18 मताधिकारी सदस्य क्लबों और पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड है, जो आईसीसी द्वारा मान्यता प्राप्त है के एक सदस्य है। 2005 में स्थापित, यह दुनिया का सबसे पुराना ट्वेंटी-20 क्रिकेट लीग में से एक है और 2016 में पाकिस्तान सुपर लीग, जो वर्तमान में पाकिस्तान के भीतर से 5 शहर आधारित फ्रेंचाइजी सुविधाओं से बदल दिया गया था। वार्षिक टूर्नामेंट में शीर्ष 8 टीमों सुपर-8 टी-20 कप टूर्नामेंट के लिए योग्य हैं। लीग की टीम कार्यालयों अपने सिर लाहौर में गद्दाफी स्टेडियम में स्थित कार्यालयों के बाहर निर्देशित कर रहे हैं। .

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नेओमी हैरिस

नेओमी मेलनी हैरिस (Naomie Melanie Harris) एक अंग्रेज़ अभिनेत्री है। यह समुंदर के लुटेरे फ़िल्म श्रंखला में अपने किरदा र टिया डेल्मा के लिए जानी जाती है। नेओमी आगामी जेम्स बॉन्ड फ़िल्म स्कायफ़ॉल में भी नज़र आएंगी। .

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नॉटिंघम

नॉटिंघम, यूनाइटेड किंगडम के इस्ट मिडलैंड्स क्षेत्र में स्थित एक शहर और एकात्मक प्राधिकरण इलाका है। यह नॉटिंघमशायर के सेरेमोनियल काउंटी में स्थित है और आठ सदस्यों के इंग्लिश कोर सिटीज ग्रुप का एक सदस्य है। हालांकि ऐतिहासिक दृष्टि से नॉटिंघम शहर की सीमा काफी कम है जो अपेक्षाकृत 288,700 की कम जनसंख्या है, व्यापक नॉटिंघम शहरी क्षेत्र की आबादी 667,000 है और यह यूनाइटेड किंगडम शहरी क्षेत्र का सातवां सबसे बड़ा क्षेत्र है और लिवरपूल और शेफील्ड के बीच में इसकी रैंकिंग की जाती है। यथा 2004 यूरोस्टेट के लार्जर अर्बन ज़ोन ने इस क्षेत्र की आबादी 825,600 सूचीबद्ध की.

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नॉटिंघमशायर काउंटी क्रिकेट क्लब

नॉटिंघमशायर काउंटी क्रिकेट क्लब अठारह में से एक है प्रथम श्रेणी काउंटी क्लबों के भीतर घरेलू क्रिकेट की संरचना इंग्लैंड और वेल्स। यह प्रतिनिधित्व करता है ऐतिहासिक काउंटी के नॉटिंघमशायर। क्लब के सीमित ओवरों टीम नॉटिंघमशायर डाकू कहा जाता है। 1771 के बाद से पहले संगठनों द्वारा गठित टीमों नॉटिंघमशायर, अनिवार्य रूप से वर्ष नॉटिंघम क्रिकेट क्लब, प्रमुख स्थिति थी और इसलिए काउंटी क्लब स्थापना के समय से तदनुसार दर्जा दिया है, यानी एक 'अनौपचारिक' ' प्रथम श्रेणी 1841 से 1894 पर्याप्त सूत्रों ने टीम;.

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नॉर्थ ईस्ट इंग्लैंड

नॉर्थ ईस्ट इंग्लैंड इंग्लैंड के नौ आधिकारिक क्षेत्रों में से एक है। क्षेत्र या रीज़न सांख्यिकीय उद्देश्यों के लिए इंग्लैंड की प्रथम स्तर की खण्डीय इकाई है। इसमें नॉर्थम्बरलैंड, काउंटी डरहम और टाइन एंड वेयर काउंटियाँ आती हैं। टाइनसाइड जो कि आंशिक रूप से नॉर्थ यॉर्कशायर में आता है, नॉर्थ ईस्ट इंग्लैंड का सबसे बड़ा शहरी क्षेत्र है। .

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नॉर्मन

सन् 1130 तक नॉर्मनों द्वारा राज किये गए क्षेत्र (लाल रंग में) इटली के आद्रानो शहर में बना एक पुराना नॉर्मन गढ़ नॉर्मन (अंग्रेज़ी: Norman) मध्यकाल के आरम्भ में उत्तरी फ़्रांस में लोगों की एक जाती थी जो उत्तरी यूरोप से आये वाइकिंग हमलावरों और स्थानीय (फ़्रैंक और गैलो-रोमन) जातियों का मिश्रण थे। यहाँ नॉर्मन जाती 10वी सदी की शुरुआत में उभरी और आने वाली सदियों में इसमें बदलाव आते रहे। इंग्लैण्ड, यूरोप और मध्य पूर्व के इलाक़ों पर इन्होने अपनी गहरी छाप छोड़ी है। उत्तरी फ़्रांस का जो क्षेत्र उनकी मातृभूमि था उसे अब "नोरमांदी" (फ़्रांसिसी: Normandie) बुलाया जाता है। .

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नीदरलैण्ड का इतिहास

राइन (Rhine) और म्यूज (Meuse) नदियों के मुहानों के इलाके जूलियस सीजर ने ५५ ई. पू.

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नीदरलैंड राष्ट्रीय फुटबॉल टीम

नीदरलैंड राष्ट्रीय फुटबॉल टीम (Nederlands nationaal voetbalelftal), अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल प्रतियोगिताओं में नीदरलैंड का प्रतिनिधित्व करती है और और राजसी डच फुटबॉल एसोसिएशन (केएनवीबी) द्वारा नियंत्रित किया जाती है। टीम लोकप्रिय ओरञे के रूप में जानी जाती है और कभी कभी टीम हॉलैंड के रूप में भी जानी जाती है। डच कभी फाइनल जीतने के बिना सबसे अधिक विश्व कप के फाइनल में खेलने के लिए रिकॉर्ड पकड़ हुआ है। वे 1974, 1978 और 2010 के विश्व कप में दूसरे स्थान पर रहे। वे 1988 में यूईएफए यूरो जीता है। 1970 के दशक में उनकी सफलता के शिखर पर, टीम टोटल फुटबॉल की अपनी महारत के लिए मशहूर थी। .

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नीलगिरी वृक्ष

नीलगिरी (अंग्रेज़ी:यूकेलिप्टस) मुख्य रूप से ऑस्ट्रेलिया और तस्मानिया में पाया जाने वाला पौघा है। इसके अलावा भारत, उत्तरी और दक्षिणी अफ्रीका और दक्षिणी यूरोप में भी नीलगिरी के पौघों की खेती की जाती है। दुनिया भर में इसकी लगभग ३०० प्रजातियां प्रचलन में हैं। यह पेड़ काफी लंबा और पतला होता है। इसकी पत्तियों से प्राप्त होने वाले तेल का उपयोग औषघि और अन्य रूप में किया जाता है। पत्तियां लंबी और नुकीली होती हैं जिनकी सतह पर गांठ पाई जाती है जिसमें तेल संचित रहता है। इस पौघे की पल्लवों पर फूल लगे होते हैं जो एक कप जैसी झिल्ली से अच्छी तरह ढंके होते हैं। फूलों से फल बनने की प्रक्रिया के दौरान यह झिल्ली स्वयं ही फट कर अलग हो जाती है। इसके फल काफी सख्त होते हैं जिसके अंदर छोटे-छोटे बीज पाए जाते हैं।। पत्रिका.कॉम। .

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पटौदी

पटौदी, भारत के राज्य हरियाणा के गुड़गांव जिले का एक कस्बा और तहसील है। यह गुड़गांव से की दूरी पर अरावली पर्वतमाला की तलहटी में स्थित है। गुड़गांव में गुड़गांव को पटौदी से जोडने वाली सडक को नये विकास गलियारे के रूप में शामिल किया गया है। भारत की स्वतंत्रता से पूर्व पटौदी, पटौदी रियासत का मुख्यालय था जिस पर पटौदी के नवाब का शासन था। पटौदी के 8 वें नवाब, इफ्तिखार अली खान पटौदी ने इंग्लैंड और भारत दोनों के लिए क्रिकेट खेला था तथा भारत की टीम की तो कप्तानी भी कीथी। उनके पुत्र और पटौदी के नवें और अंतिम नवाब मंसूर अली ख़ान पटौदी ने भी भारतीय क्रिकेट टीम की कप्तानी की थी। फ़िल्म कलाकार सैफ़ अली ख़ान भी पटौदी से आते हैं और मंसूर अली ख़ान पटौदी के पुत्र है। .

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परमादेश

परमादेश और अन्य न्यायिक उपचार, भारत के संविधान में पाया जाता है। परमादेश (mandamus) एक न्यायिक उपचार है। आंग्लदेश में परमादेश न्यायालय के क्वींस बेंच डिवीजन द्वारा किसी अधिकारी, निगम अथवा नीचे की अदालतों के नाम जारी किया जाता है। इसमें इस बात की स्पष्ट आज्ञा होती है कि "प्रादेश में निर्दिष्ट कार्य का यथोचित संपादन किया जाए क्योंकि वही उसका (अधिकारी, निगम का, न्यायालय का) नियतकर्म अथवा कर्तव्य है।" 'mandamus' का अर्थ है "हमारा आदेश है।" प्रादेश में निर्दिष्ट आज्ञा किसी कार्य के लिए जाने अथवा उससे विरत होने से संबद्ध होती है। यह प्रादेश एक सामान्य वैधिक कर्तव्य के प्रवर्तन (enforcement) के लिए जारी किया जाता है और इसका प्रयोग प्रसंविदाजन्य कर्तव्यों (contractual obligations) के प्रवर्तन के लिए नहीं होता। इसका प्रयोग वहाँ भी नहीं किया जाता जहाँ इष्ट कार्य किसी अधिकारी के विवेक (discretion) पर निर्भर होता है। किंतु उस अवस्था में जब विवेकाधिकार किसी कर्तव्य के साथ संलग्न हो, न्यायालय उसके संपादन के लिए आदेश दे सकता है। किंबहुना, यदि अधिकारीविशेष अपने विवेकाधिकार का प्रयोग करते समय किन्हीं अनावश्यक विषयों पर ध्यान देता है अथव आवश्यक वस्तुओं पर ध्यान नहीं देता तो इन दशाओं में न्यायालय उक्त अधिकारी के आदेश को रद्द करते हुए उस विषय पर पुनर्विचार करने का आदेश दे सकता है। परमादेश उस अवस्था में भी जारी किया जाता है जब कोई अधिकारी अपनी कार्यसीमा का अतिक्रमण अथवा अपने अधिकारों का दुरुपयोग करता है। यह प्रादेश न तो प्रकृत्या जारी किया जाता है और न आधिकारिक रूप से ही (neither as of right nor as of course)। यह उसी अवस्था में जारी किया जाता है जब वैध अधिकारों से युक्त व्यक्ति हलफनामे द्वारा संबलित याचिका में इसके जारी किए जाने के लिए उपयुक्त कारण सिद्ध करे। यह प्रादेश उस अवस्था में जारी नहीं किया जाता जब याचिकादाता के समक्ष कोई अन्य उपयुक्त तथा वैकल्पिक मार्ग हो। याचिकादाता के लिए यह भी प्रदर्शित करना आवश्यक है कि याचिका प्रस्तुत करने के पूर्व उसने उपयुक्त अधिकारी के समक्ष अपना दावा प्रस्तुत कर अनुरोप के लिए प्रार्थना की थी तथा वह दावा या तो अस्वीकार कर दिया गया अथवा पर्याप्त समय व्यतीत हो जाने के बाद भी उसकी कोई सुनवाई नहीं हुई। इस नियम के पालन पर न्यायालय, उस अवस्था में विशेष बल नहीं देगा यदि वह समझे कि संबंधित अधिकारी से की गई अनुतोष (relief) की माँग का निष्फल होना अवश्यभावी है। .

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पराप्राकृतिक शिमला

पराप्राकृतिक शिमला या “सिमला क्रीड” शिमला का एक विचित्र रूप है, अन्य रूप हैं ब्रितानी राज की “ग्रीष्म राजघानी” तथा मूल निवासियों की “छोटी विलायत”। सिमला या शिमला का पराप्राकृतिक रूप अंग्रेजी राज में बसते शहर के जन मानस को उजागर करता है जिसमें बाहरी लोगों के साथ आई पराप्राकृतिक सत्ताएं तथा उनसे जुड़ी आस्थाएं और अधिष्ठान इस वन आच्छादित भू-भाग पर नए पराप्राकृतिक क्षेत्र बनाते गए। सिमला की सबसे ऊँची चोटी जाखू पर पहले से ही एक हनुमान मंदिर, तथा तीन अन्य पहाड़ियों पर काली या देवियों के मंदिर थे। जैसे-जैसे यूरोप से आने वाले भिन्न-भिन्न सम्प्रदायों के लोग इन पहाड़ियों पर बसते गए, नए व पुराने पराप्राकृतिक तत्वों से जुड़े कथानकों ने “सिमला क्रीड” को जन्म दिया। कोटगढ़ की “लिस्पेथ” का इसाई जगत से वापस स्थानीय देवी की शरण लेना; अलान अक्तावियन ह्यूम का पराप्राकृतिक तत्वों में रुझान; धर्मविज्ञान की राजनीति में पैठ से एनी बेसेन्ट और महात्मा गाँधी के बीच मतभेद, पराप्राकृतिक तत्वों के जन-मानस पर प्रभावों के कुछ उदाहरण हैं। इतिहासकारों का मानना है कि 1857 के ग़दर से पहले इन पराप्राकृतिक तत्वों के समूहों या क्षेत्रों में मेल-जोल होने लगा था, ग़दर के बाद इन में खाई पड़ गयी। और, परमानसिक अनुसंधान से मानवीय अनुभवों और वैज्ञानिकों के बीच आपसी सहायता बढ़ाना, विलिअम जेम्स का सपना था। .

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पर्यटन

Cairo), मिस्र. Granada) (स्पेन) में है, यूरोप के सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में से एक है। Parthenon) जो एथेंस, में है ग्रीस यूरोप में एक ऐसा प्राचीन स्मारक है जिसे लोग सबसे ज्यादा देखने आते हैं। America) में दूसरा सबसे बड़ा देश है जहाँ लोग सबसे अधिक घूमने आते हैं, दुनिया में इसका १० वां स्थान है। क्रमशः ऐसे स्थान रहें है जहाँ लोग सबसे ज्यादा घूमने जाते हैं। वेटिकन सिटी, दुनिया के ऐसे स्थानों में से एक है जहाँ लोग सबसे ज्यादा घूमने जाते हैं। Niagara Falls), संयुक्त राज्य अमेरिका-कनाडा सीमा, दुनिया के ऐसे स्थानों में से एक है जहाँ लोग सबसे ज्यादा घूमने जाते हैं। Disneyland), टोक्यो, जापान, घूमने के लिए दुनिया के सबसे आकर्षक स्थानों में से एक है। Statue of Liberty), घूमने के लिए दुनिया के सबसे आकर्षक स्थानों में से एक है। लंदन, युरोमोनिटर के अनुसार २००६ में एक ऐसा शहर था जहाँ लोग सबसे ज्यादा घूमने जाते थे। पर्यटन एक ऐसी यात्रा (travel) है जो मनोरंजन (recreational) या फुरसत के क्षणों का आनंद (leisure) उठाने के उद्देश्यों से की जाती है। विश्व पर्यटन संगठन (World Tourism Organization) के अनुसार पर्यटक वे लोग हैं जो "यात्रा करके अपने सामान्य वातावरण से बाहर के स्थानों में रहने जाते हैं, यह दौरा ज्यादा से ज्यादा एक साल के लिए मनोरंजन, व्यापार, अन्य उद्देश्यों से किया जाता है, यह उस स्थान पर किसी ख़ास क्रिया से सम्बंधित नहीं होता है। पर्यटन दुनिया भर में एक आरामपूर्ण गतिविधि के रूप में लोकप्रिय हो गया है। २००७ में, ९०३ मिलियन से अधिक अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों के आगमन के साथ, २००६ की तुलना में ६.६ % की वृद्धि दर्ज की गई। २००७ में अंतर्राष्ट्रीय पर्यटक प्राप्तियां USD ८५६ अरब थी।खंड ६ नं २ विश्व अर्थव्यवस्था में अनिश्चितताओं के बावजूद, २००८ के पहले चार महीनों में आगमन में ५ % की वृद्धि हुई, यह २००७ में समान अवधि में हुई वृद्धि के लगभग समान थी। कई देशों जैसे इजिप्ट, थाईलैंड और कई द्वीप राष्ट्रों जैसे फिजी के लिए पर्यटन बहुत महत्वपूर्ण है, क्यों कि अपने माल और सेवाओं के व्यापार से ये देश बहुत अधिक मात्रा में धन प्राप्त करते हैं और सेवा उद्योग (service industries) में रोजगार के अवसर पर्यटन से जुड़े हैं। इन सेवा उद्योगों में परिवहन (transport) सेवाएँ जैसे क्रूज पोत और टैक्सियाँ, निवास स्थान जैसे होटल और मनोरंजन स्थल और अन्य आतिथ्य उद्योग (hospitality industry) सेवाएँ जैसे रिज़ोर्ट शामिल हैं। .

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पर्सी बिश शेली

पर्सी बयसी शेली (१७९२-१८२२) अंग्रेजी स्वच्छंदतावाद कविता के महान कवि थे। उन्हें आलोचकों द्वारा अंग्रेजी कविता के सर्वेशेष्ठ गीत कवि के रूप मैं माना जाता है। उनकी कविता में तत्कालीन राजनैतिक और सामाजिक दृश्य देखे जा सकते हैं। शेली ने अपने जीवनकाल में अधिक प्रशिद्धि प्राप्त नहीं की लेकिन मृत्यु के बाद उनकी प्रशिद्धि काफी बढ़ गयी।Isadora Duncan, "My Life ", W. W. Norton & Co.,1996, pp.

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पसीने की बीमारी

पसीने की बीमारी, जिसे "अंग्रेज़ी Sweating Sickness " (sudor anglicus) के नाम से भी जाना जाता है, एक रहस्यमय और उच्च विषमय रोग था, जिससे 1485 में शुरु होने वाली महामारी की श्रृंखला में, इंग्लैंड और बाद में महाद्वीपीय यूरोप अत्यधिक प्रभावित हुआ। इसका अंतिम प्रकोप 1551 में आया था, जिसके बाद स्पष्टतया रोग गायब हो गया। लक्षणों की शुरुआत नाटकीय और आकस्मिक थी, जिसमें मौत एक घंटे के अंदर हो जाती थी। इसका कारण अब भी अज्ञात है। हंटा वायरस को इसका एक कारण माना जाता रहा है। .

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पाठ्यचर्या

औपचारिक शिक्षा के क्षेत्र में पाठ्यचर्या या पाठ्यक्रम (करिकुलम) विद्यालय या विश्वविद्यालय में प्रदान किये जाने वाले पाठ्यक्रमों और उनकी सामग्री को कहते हैं। पाठ्यक्रम निर्देशात्मक होता है एवं अधिक सामान्य सिलेबस पर आधारित होता है जो केवल यह निर्दिष्ट करता है कि एक विशिष्ट ग्रेड या मानक प्राप्त करने के लिए किन विषयों को किस स्तर तक समझना आवश्यक है। .

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पाश्चात्य दर्शन

अध्ययन की दृष्टि से पश्चिमी दर्शन तीन भागों में विभक्त कर सकते हैं- 1.

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पाकिस्तान महिला क्रिकेट टीम का इंग्लैंड दौरा २०१६

इंग्लैंड में पाकिस्तान वुमेन क्रिकेट टीम 2016 पाकिस्तान महिला क्रिकेट टीम जून-जुलाई 2016 में इंग्लैंड दौरे के लिए के रूप में तीन ट्वेंटी -20 अंतरराष्ट्रीय (टी20) के रूप में अच्छी तरह से तीन एक दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय (वनडे) मैच खेलने के लिए निर्धारित है। .

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पितृमेध

पितृमेध या अन्त्यकर्म या अंत्येष्टि या दाह संस्कार 16 हिन्दू धर्म संस्कारों में षोडश आर्थात् अंतिम संस्कार है। मृत्यु के पश्चात वेदमंत्रों के उच्चारण द्वारा किए जाने वाले इस संस्कार को दाह-संस्कार, श्मशानकर्म तथा अन्त्येष्टि-क्रिया आदि भी कहते हैं। इसमें मृत्यु के बाद शव को विधी पूर्वक अग्नि को समर्पित किया जाता है। यह प्रत्एक हिंदू के लिए आवश्यक है। केवल संन्यासी-महात्माओं के लिए—निरग्रि होने के कारण शरीर छूट जाने पर भूमिसमाधि या जलसमाधि आदि देने का विधान है। कहीं-कहीं संन्यासी का भी दाह-संस्कार किया जाता है और उसमें कोई दोष नहीं माना जाता है। .

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पिशाच

फिलिप बर्न-जोन्स द्वारा पिशाच, 1897 पिशाच कल्पित प्राणी है जो जीवित प्राणियों के जीवन-सार खाकर जीवित रहते हैं आमतौर पर उनका खून पीकर.

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पवन टर्बाइन

बेल्जियम के उत्तरी सागर में अपतटीय पवन फार्म 5 मेगावॉट टर्बाइन आरई-पॉवर एम5 (REpower M5) का उपयोग करते हुए पवन टर्बाइन एक रोटरी उपकरण है, जो हवा से ऊर्जा को खींचता है। अगर यांत्रिक ऊर्जा का इस्तेमाल मशीनरी द्वारा सीधे होता है, जैसा कि पानी पंप करने लिए, इमारती लकड़ी काटने के लिए या पत्थर तोड़ने के लिए होता है, तो वह मशीनपवन-चक्की कहलाती है। इसके बदले अगर यांत्रिक ऊर्जा बिजली में परिवर्तित होती है, तो मशीन को अक्सर पवन जेनरेटर कहा जाता है। .

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पंडिता रमाबाई

पंडिता रमाबाई पंडिता रमाबाई (२३ अप्रैल १८५८, महाराष्ट्र - ५ अप्रैल १९२२) एक प्रतिष्ठित भारतीय ईसाई समाज सुधारिका एवं सामाजिक कार्यकर्ता। वह एक कवि थीं, एक अध्येता थीं और भारतीय महिलाओं के उत्थान की प्रबल समर्थक थीं। ब्राह्म्ण होकर भी एक गैर ब्राह्मण से विवाह किया था। महिलाओं के उत्थान के लिये उन्होंने न सिर्फ संपूर्ण भारत बल्कि इंग्लैंड की भी यात्रा की। १८८१ में उन्होंने 'आर्य महिला सभा' की स्थापना की थी रमाबाई पर 23 का जन्म अप्रैल 1858 वह संस्कृत विद्वान अनंत शास्त्री डोंगरे की बेटी, और उनकी दूसरी पत्नी लक्ष्मीबाई डोंगरे था। अनंत शास्त्री डोंगरे दोनों अपनी दूसरी पत्नी और उनकी बेटी संस्कृत ग्रंथों में पढ़ाया जाता है, भले ही संस्कृत और औपचारिक शिक्षा के सीखने की महिलाओं और निचली जातियों के लोगों के लिए मना किया था। उनके माता पिता को 1877 में अकाल मृत्यु हो गई, रमाबाई और उसके भाई को अपने पिता के काम को जारी रखने का फैसला किया। भाई बहन पूरे भारत में यात्रा की। प्राध्यापक के रूप में रमाबाई की प्रसिद्धि कलकत्ता, जहां पंडितों उसे आमंत्रित बात करने के लिए पहुंच गया। 1878 में, कलकत्ता विश्वविद्यालय, उस पर पंडिता का शीर्षक है, साथ ही विभिन्न संस्कृत काम करता है की उसकी व्याख्याओं की मान्यता में सरस्वती की सर्वोच्च उपाधि से सम्मानित। आस्तिक सुधारक केशवचन्द्र सेन उसकी वेद, सभी हिंदू साहित्य के सबसे पवित्र की एक कॉपी दी, और उसे उन लोगों को पढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया। 1880 में उसके भाई की मौत के बाद, रमाबाई बंगाली वकील, बिपिन बिहारी Medhvi शादी कर ली। दूल्हे के एक बंगाली कायस्थ था, और इसलिए शादी अंतर्जातीय, और अंतर-क्षेत्रीय और इसलिए है कि उम्र के लिए अनुपयुक्त माना था। वे पर 13 एक नागरिक समारोह में शादी कर रहे थे नवम्बर 1880 जोड़े को एक बेटी है जिसे वे मनोरमा नाम पर रखा गया था। रमाबाई भारत में महिलाओं की स्थिति को बेहतर करने के प्रयास में उसके जीवन बिताने का संकल्प लिया। वह अध्ययन किया और मुद्दे हैं जो भारतीय महिलाओं, विशेष रूप से हिंदू परंपराओं के चारों ओर चर्चा की। उन्होंने बाल विवाह की प्रथा और बाल विधवाओं के जीवन पर जिसके परिणामस्वरूप बाधाओं के खिलाफ बात की थी। पति और पत्नी के बाल विधवाओं के लिए एक स्कूल शुरू करने की योजना बनाई थी, जब Medhvi 1882 में मृत्यु हो गई श्रेणी:1858 में जन्मे लोग श्रेणी:केरल के लोग श्रेणी:१९२२ में निधन.

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पंजदेह प्रकरण

PAGENAME पंजदेह (अब तुर्कमेनिस्तान का सेरहेताबत) भारत के पड़ोसी देश अफ़ग़ानिस्तान की सीमा पर स्थित एक गाँव तथा ज़िला। यह मर्व नगर से 100 मील की दूरी पर दक्षिण में स्थित है। इतिहास में पंजदेह अपने सामरिक महत्त्व के कारण काफ़ी प्रसिद्ध था। एक समय ऐसा भी आया, जब इस जगह को लेकर रूस तथा इंग्लैण्ड आमने-सामने आ गए और उनमें युद्ध की भी सम्भावना प्रबल हो गई। पंजदेह प्रकरण (1885) ने रूस और ब्रिटेन के मध्य कूटनीतिक संकट पैदा कर दिया था। उस वक्त रूस और अफगानिस्तान के बीच सीमा को लेकर विवाद चल रहा था। 29 मार्च 1885 को रूसी सेना ने कुश्क नदी के पूर्वी तट पर पंजदेह (अब तुर्कमेनिस्तान का सेरहेताबत) में डेरा डालते हुए अफगान फौजों से पीछे हटने के लिए कहा। उनके ऐसा न करने पर रूसी सेना ने 30 मार्च को उन पर हमला करते हुए उन्हें पुल-इखिश्ति सेतु तक खदेड़ दिया। रूसी सेना के इस कदम से ब्रिटेन उत्तेजित हो उठा, जो उस वक्त रूस की तरह मध्य व दक्षिण एशिया में अपना प्रभुत्व बढ़ाने में लगा था। यदि ये युद्ध होता तो निश्चित रूप से दो शक्तियों के बीच अफ़ग़ानिस्तान ही युद्ध का मैदान बन जाता और उसे बहुत नुकसान उठाना पड़ता, किंतु अफ़ग़ानिस्तान के अमीर अब्दुर्रहमान की बुद्धिमानी से युद्ध टल गया। .

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पुराना वेम्बली स्टेडियम

पुराना वेम्बली स्टेडियम, वेम्बली में एक फुटबॉल स्टेडियम, उत्तर पश्चिम लंदन के एक उपनगर, अब 2007 में खोला गया है कि नए वेम्बली स्टेडियम के कब्जे में साइट पर खड़ा था। यह वार्षिक एफए कप फाइनल में, पाँच यूरोपीय कप फाइनल में, 1948 के ग्रीष्मकालीन ओलंपिक, 1966 के विश्व कप फाइनल, यूरो 96 के फाइनल की मेजबानी के लिए प्रसिद्ध था। वेम्बली स्टेडियम की, पेले "वेम्बली फुटबॉल के गिरजाघर है। यह फुटबॉल की राजधानी है और यह फुटबॉल के दिल ने कहा," दुनिया की सबसे प्रसिद्ध फुटबॉल स्टेडियम के रूप में अपनी स्थिति की मान्यता में.

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पुर्तगाली समुद्री कुत्ता

अमेरिकी केनेल क्लब द्वारा कामकाजी कुत्ते की नस्ल को पुर्तगाली समुद्री कुत्ता के रूप में वर्गीकृत किया गया है। पुर्तगाली समुद्री कुत्ते मूल रूप से पुर्तगाल के अल्गार्वे क्षेत्र के हैं, जहां से उनकी नस्ल पुर्तगाल के समुद्र तटीय इलाकों के आसपास फैलती चली गयी, यहां उन्हें मछुआरों के जाल में मछलियों को एकत्रित करना सिखाया गया; साथ ही जाल से निकल गयी मछलियों को फिर से प्राप्त करना और एक जहाज से दूसरे जहाज में या जहाज से किनारे तक कुरियर के रूप में काम करना भी सिखाया गया। पुर्तगाली समुद्री कुत्ते मछली पकड़ने वाले ट्रॉलर पर सवार होकर पुर्तगाल के अटलांटिक महासागर के गर्म पानी से आइसलैंड के बहुत अधिक ठंडे पानी में जाकर मछली पकड़ने के काम में मदद करने का काम किया करते हैं, जहां कॉड मछलियां पकड़ी जाती हैं। पुर्तगाली खोजों के दौरान पुर्तगाली समुद्री कुत्तों को नाविकों के साथ अक्सर ही ले जाया जाता था। पुर्तगाल में, इस नस्ल को काओ डि अगुआ (Cão de Água) (कोव-डी-अह-ग्वा (Kow-dee-Ah-gwa) उच्चारण किया जाता है; जिसका शाब्दिक अर्थ है "जल कुत्ता") कहा जाता है। इसकी स्थानीय भूमि में इसे अल्गार्वियन समुद्री कुत्ता ("काओ डि अगुआ अल्गार्वियो" (Cão de Água Algarvio)), या पुर्तगाली मच्छीमार कुत्ता (काओ पेस्काडोर पोर्तुगुएस (Cão Pescador Português)) के नाम से भी जाना जाता है। लहराते बालों की किस्म के लिए काओ डि अगुआ डि पेलो ओंडूलाडो (Cão de Água de Pêlo Ondulado) और घुंघराले बालों के किस्म के लिए काओ डि अगुआ डि पेलो एन्काराकोलाडो (Cão de Água de Pêlo Encaracolado) नाम दिये गये। पुर्तगाली समुद्री कुत्ता एक बहुत ही दुर्लभ नस्ल है; 2002 में इंग्लैंड की क्रफ्ट्स (Crufts) प्रतिस्पर्धा में पुर्तगाली समुद्री कुत्तों के केवल 15 प्रतियोगियों ने हिस्सा लिया था। कुछ प्रजनकों का दावा है कि वे हाइपोअलेर्जेनिक (hypoallergenic) नस्ल के कुत्ते हैं, हालांकि हाइपोअलेर्जेनिक नस्ल के कुत्तों के अस्तित्व के दावों के समर्थन में कोई वैज्ञानिक सबूत नहीं हैं। "...

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प्रतिजैविक

किरबी-ब्यूअर डिस्क प्रसार विधि द्वारा स्टेफिलोकुकस एयूरेस एंटीबायोटिक दवाओं की संवेदनशीलता का परीक्षण.एंटीबायोटिक एंटीबायोटिक से बाहर फैलाना-डिस्क युक्त और एस अवरोध के क्षेत्र में जिसके परिणामस्वरूप aureus का विकास बाधित किया जाता है। आम उपयोग में, प्रतिजैविक या एंटीबायोटिक एक पदार्थ या यौगिक है, जो जीवाणु को मार डालता है या उसके विकास को रोकता है। एंटीबायोटिक रोगाणुरोधी यौगिकों का व्यापक समूह होता है, जिसका उपयोग कवक और प्रोटोजोआ सहित सूक्ष्मदर्शी द्वारा देखे जाने वाले जीवाणुओं के कारण हुए संक्रमण के इलाज के लिए होता है। "एंटीबायोटिक" शब्द का प्रयोग 1942 में सेलमैन वाक्समैन द्वारा किसी एक सूक्ष्म जीव द्वारा उत्पन्न किये गये ठोस या तरल पदार्थ के लिए किया गया, जो उच्च तनुकरण में अन्य सूक्ष्मजीवों के विकास के विरोधी होते हैं। इस मूल परिभाषा में प्राकृतिक रूप से प्राप्त होने वाले ठोस या तरल पदार्थ नहीं हैं, जो जीवाणुओं को मारने में सक्षम होते हैं, पर सूक्ष्मजीवों (जैसे गैस्ट्रिक रसऔर हाइड्रोजन पैराक्साइड) द्वारा उत्पन्न नहीं किये जाते और इनमें सल्फोनामाइड जैसे सिंथेटिक जीवाणुरोधी यौगिक भी नहीं होते हैं। कई एंटीबायोटिक्स अपेक्षाकृत छोटे अणु होते हैं, जिनका भार 2000 Da से भी कम होता हैं। औषधीय रसायन विज्ञान की प्रगति के साथ-साथ अब अधिकतर एंटीबायोटिक्ससेमी सिंथेटिकही हैं, जिन्हें प्रकृति में पाये जाने वाले मूल यौगिकों से रासायनिक रूप से संशोधित किया जाता है, जैसा कि बीटालैक्टम (जिसमें पेनसिलियम, सीफालॉसपोरिन औरकारबॉपेनम्स के कवक द्वारा उत्पादितपेनसिलिंस भी शामिल हैं) के मामले में होता है। कुछ एंटीबायोटिक दवाओं का उत्पादन अभी भी अमीनोग्लाइकोसाइडजैसे जीवित जीवों के जरिये होता है और उन्हें अलग-थलग रख्ना जाता है और अन्य पूरी तरह कृत्रिम तरीकों- जैसे सल्फोनामाइड्स,क्वीनोलोंसऔरऑक्साजोलाइडिनोंससे बनाये जाते हैं। उत्पत्ति पर आधारित इस वर्गीकरण- प्राकृतिक, सेमीसिंथेटिक और सिंथेटिक के अतिरिक्त सूक्ष्मजीवों पर उनके प्रभाव के अनुसार एंटीबायोटिक्स को मोटे तौर पर दो समूहों में विभाजित किया जा सकता हैं: एक तो वे, जो जीवाणुओं को मारते हैं, उन्हें जीवाणुनाशक एजेंट कहा जाता है और जो बैक्टीरिया के विकास को दुर्बल करते हैं, उन्हें बैक्टीरियोस्टेटिक एजेंट कहा जाता है। .

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प्रथम श्रेणी क्रिकेट

प्रथम श्रेणी क्रिकेट तीन अथवा अधिक दिन का परिमित अवधि का क्रिकेट का एक प्रारूप है जिसमें दोनों टीमों के ग्यारह-ग्यारह खिलाड़ी खेलते हैं। इसमें दोनों टीमें पूर्ण पारियाँ खेलती हैं जबकी अभ्यास मैच में केवल एक पारी अथवा इच्छानुसार कम अधिक किया जा सकता है और इस प्रकार यह अभ्यास मैच से अलग है। टेस्ट क्रिकेट इसी का एक उच्चतम गुणवता वाला खेल है, यद्दपि प्रथम श्रेणी शब्द का उपयोग इसके घरेलू प्रतियोगिता होने की ओर इंगित करता है। .

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प्रफुल्ल चन्द्र राय

डाक्टर प्रफुल्लचंद्र राय (2 अगस्त 1861 -- 16 जून 1944) भारत के महान रसायनज्ञ, उद्यमी तथा महान शिक्षक थे। आचार्य राय केवल आधुनिक रसायन शास्त्र के प्रथम भारतीय प्रवक्ता (प्रोफेसर) ही नहीं थे बल्कि उन्होंने ही इस देश में रसायन उद्योग की नींव भी डाली थी। 'सादा जीवन उच्च विचार' वाले उनके बहुआयामी व्यक्तित्व से प्रभावित होकर महात्मा गांधी ने कहा था, "शुद्ध भारतीय परिधान में आवेष्टित इस सरल व्यक्ति को देखकर विश्वास ही नहीं होता कि वह एक महान वैज्ञानिक हो सकता है।" आचार्य राय की प्रतिभा इतनी विलक्षण थी कि उनकी आत्मकथा "लाइफ एण्ड एक्सपीरियेंसेस ऑफ बंगाली केमिस्ट" (एक बंगाली रसायनज्ञ का जीवन एवं अनुभव) के प्रकाशित होने पर अतिप्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय विज्ञान पत्रिका "नेचर" ने उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए लिखा था कि "लिपिबद्ध करने के लिए संभवत: प्रफुल्ल चंद्र राय से अधिक विशिष्ट जीवन चरित्र किसी और का हो ही नहीं सकता।" आचार्य प्रफुल्ल चंद्र राय भारत में केवल रसायन शास्त्र ही नहीं, आधुनिक विज्ञान के भी प्रस्तोता थे। वे भारतवासियों के लिए सदैव वंदनीय रहेंगे। .

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प्रभावक्षेत्र

यह कार्टून 'मोनोरो डॉक्ट्रिन' के बाद लैटिन अमेरिका पर यूएएस के प्रभाव को रेखांकित कर रहा है। अन्तरराष्ट्रीय सम्बन्ध की दृष्टि से १९८० में प्रभाव क्षेत्र; '''लाल'''- सोवियत संघ; '''नीला'''- अमेरिका अंतर्देशीय व्यवहारनुकूल कुछ समय पूर्व प्रभावक्षेत्र (Sphere of Influence) प्रथा मान्य थी। औपनिवेशिक शक्तियाँ पारस्परिक सुविधा के हेतु, कुछ प्रदेशों को एक देशविशेष के उपनिवेशन के लिये भविष्य में सुरक्षित मान लेतीं अर्थात् ऐसे प्रदेशों में उस देश के अतिरिक्त किसी अन्य राज्यशक्ति को औपनिवेशिक शोषण या सत्ताप्रसार का अधिकार नहीं रहता। फलत: संबंधित पक्ष कालांतर में अंतर्देशीय कलह किए बिना अपनी राज्यसत्ता विस्तृत प्रदेशों में स्थापित करते। इस प्रकार का अधिकार प्रयोग 19वीं शताब्दी के अंतिम चरण में विशेषतया हुआ, जबकि दुर्बल एवं पिछड़े हुए देशों का शोषण इतिहास में सबसे प्रचंड और खुले हुए देशों का शोषण इतिहास में सबसे प्रचंड और खुले रूप से हो रहा था। "प्रभावक्षेत्र" प्रथा का आधुनिक अंतरराष्ट्रीय विधि में कोई स्थान या मान्यता नहीं है। संयुक्त राष्ट्रसंघ के अधिकारपत्र द्वारा संघ के सब सदस्यों को यह आदेश है कि वे अपने अंतर्देशीय व्यवहार में इस बात की अपेक्षा करें कि किसी देश की राजनीतिक स्वतंत्रता तथा प्रादेशिक सर्वसत्ता का हनन बलप्रयोग से या अन्य किसी प्रकार से न हो। संयुक्त राष्ट्रसंघ की न्यासत्व परिषद एक और उपाय है, जिसके अनुसार संसार के दुर्बल और पिछड़े हुए देशों की सुरक्षा और पर्यवेक्षण होता है किंतु यह उन्हीं देशों पर लागू है जिनको औपनिवेशिक स्वामियों ने स्वेच्छा से इस परिषद् के अधिकारक्षेत्र में रखा है। विश्व के जो अन्य देश स्वशासित नहीं हैं, उनकी सुरक्षा के लिये संघ के अधिकारपत्र का आदेश है कि इन प्रदेशों के औपनिवेशिक शासक वहाँ के निवासियों के हितार्थ अधिक से अधिक प्रयत्नशील और सक्रिय होने के लिये बाध्य हैं। यह सुरक्षा प्रणाली कहाँ तक सफल हुई है, यह कहना कठिन है। यदि प्रभावक्षेत्र प्रथा के अनुसार प्रमुख शक्तियाँ 19वीं शताब्दी में अपनी राज्य शक्ति का विस्तार करती थीं, तो आज इस प्रथा के न होते हुए भी शक्तिसंपन्न राज्य किसी न किसी प्रकार दुर्बल देशों पर अपना स्वामित्व स्थापित करते रहते हैं। अंतराष्ट्रीय संघ के सुरक्षा नियमों और बंधनों द्वारा बाध्य राज्य शक्तियाँ भी सत्ता विस्तार में सतत प्रयत्नशील एवं तत्पर रहती रही हैं और हैं। सत्ताविस्तार का रूप अवश्य बदल गया है। जिस प्रकार प्रभावक्षेत्र प्रथा के अनुसार ब्रिटेन ने इटली, जर्मनी तथा फ्रांस के क्रमश: 1890, 1891, 1886, 1890 तथा 1890 तथा 1896 ई. में संधि स्थापित कर भविष्य में अपने लिये प्रदेश सुरक्षित किए, वैसे शोषण संबंधी स्पष्ट समझौते आज असंभव हैं, किंतु अनेक चतुर राजनीतिक योजनाएँ हैं जिनके द्वारा अधिकारविस्तार होता है। कुछ संधियाँ नियोजित होती हैं, जिनसे आर्थिक और सैन्य संबंधी परिहार प्राप्त किए जाते हैं। उदाहरणार्थ, संयुक्त राज्य अमरीका ने 19वीं तथा इस शताब्दी के आरंभ में लैटिन अमरीकी देशों से संधियाँ कीं, जिनसे उनके प्राकृतिक संसाधनों का शोषण संभव हुआ। इनके साक्षी रूप हैं दक्षिणी पूर्वी एशियाई संधि संघ तथा वारसा की संधि। 1957 में इंग्लैंड तथा फ्रांस ने मिस्र के ऊपर अभ्याक्रमण किया तथा मिस्र एवं इजराइल के मध्य शांति और सुरक्षा स्थापित करना, इस आक्रमण का उद्देश्य बताया। किंतु इसके भीतर इंग्लैंड और फ्रांस का गूढ़ स्वार्थ निहित था, इस प्रकार वे दोनों स्वेज नहर के समीपवर्ती प्रदेश पर अपना अधिकार स्थापित करना चाहते थे। कभी कभी कोई देश एक पार्श्विक घोषणा करके भी प्रभुत्व अधिकार स्थापित करते है, भविष्य में किसी यूरोपीय शक्ति द्वारा उपनिवेश के विषय नहीं विचार किए जाएँगे।" इन बहु उपायों द्वारा परोक्ष और अपरोक्ष रूप से शक्तिशाली देश दुर्बल देशों का जो शोषण करते हैं उसमें एक प्रकार से "प्रभावक्षेत्र" प्रथा की अनुकूलता कही जा सकती है। वैसे यह सिद्धांत अक्षरश: जिस रूप में पहले प्रचलित और मान्य था वह मिट चुका है। आज कोई प्रदेश किसी देशविशेष की प्रभुता और शोषण के लिये सुरक्षित नहीं माना जाता। .

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प्रमोद करण सेठी

डॉक्टर प्रमोद करण सेठी (28 नवम्बर 1927 - 06 जनवरी 2008) दुनियाभर में मशहूर 'जयपुर पांव' के जनक थे। श्री रामचन्द्र शर्मा के साथ मिलकर उन्होने सन् १९६९ में 'जयपुर पांव' नामक सस्ता एवं लचीला कृत्रिम पैर का विकास किया। वे हड्डी रोग विशेषज्ञ और मैगसायसाय व पद्मश्री पुरस्कारों से सम्मानित थे। .

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प्राण नाथ थापर

जनरल प्राण नाथ थापर (२३ मई, १९०६ - २३ जून, १९७५)भारतीय सेना के पांचवे सेना प्रमुख थे । .

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प्रिन्टेड सर्किट बोर्ड

सन् १९८३ में ZX स्पेक्ट्रम कम्प्यूटर का मुद्रित परिपथ बोर्ड जिसके एक भाग पर कुछ इलेक्ट्रानिक अवयव जोड़ दिये गये हैं तथा शेष भाग अभी खाली है। बांये चित्र में एक पीसीबी है; दांया चित्र उस पीसीबी पर विद्युत अवयव लगाने के बाद का दृष्य एलेक्ट्रॉनिकी के सन्दर्भ में मुद्रित परिपथ बोर्ड या प्रिन्टेड सर्किट बोर्ड या पीसीबी एक विद्युत अवयव है जो एलेक्ट्रानिक अवयवों को आधार/आश्रय प्रदान करने के लिये तथा इन्हें आपस में सुचालक मार्गों के माध्यम से जोड़ने के लिये उपयोग में लाया जाता है। यह एक कुचालक आधार (सबस्ट्रेट) के ऊपर ताँबा (कॉपर) की पतली पन्नी ढ़ले बोर्ड से सुविचारित ढ़ंग से कॉपर को हटाकर (इच करके) बनाया जाता है। पीसीबी की विशेषता है कि यह मजबूत, सस्ता और अत्यन्त विश्वसनीय होता है। ये भारी मात्रा में एलेक्ट्रॉनिक परिपथों के उत्पादन के लिये सर्वथा उपयुक्त होते हैं। मुद्रित परिपथ बोर्ड एक पतला बोर्ड होता है जिस पर किसी परिपथ के अवयवों को लगाने के लिए छेद बने होते हैं तथा इन अवयवों को दूसरे अवयवों से जोड़ने के लिए कॉपर के पथ (ट्रैक) बने होते हैं। बोर्ड स्वयं किसी अचालक पदार्थ का बना होता है। पीसीबी एक-साइड वाली हो सकती है, दो साइड वाली हो सकती है या अनेकों साइड वाली भी होती है। दो या अधिक साइड वाले बोर्ड के विभिन्न तलों (साइड) के ट्रैक किसी दूसरे तल में जाने के लिए प्लेटेड-थ्रू-छेदों द्वारा जोड़े जाते हैं जिन्हें वाया (via) कहते हैं। आजकल जटिल पीसीबी की डिजाइन के लिए बहुत से प्रोग्राम (निःशुल्क या सशुल्क) उपलब्ध हैं। .

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प्रिंसेस मार्गरेट, स्नोडन की काउंटेस

राजकुमारी मार्गरेट, स्नोडन की काउंटेस,(मार्गरेट रोज़; २१ अगस्त १९३०-९ फरवरी २००२) जॉर्ज सष्टम् और राजमाता एलिज़ाबेथ की छोटी बेटी और महारानी एलिज़ाबेथ द्वितीय की एकलौती बहन हैं। .

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प्रेयोक्ति

एक प्रेयोक्ति का अर्थ होता है, सुननेवाले को रुष्ट करने वाली या कोई अप्रिय अर्थ देने वाली अभिव्यक्ति को एक रुचिकर या कम अपमानजनक अभिव्यक्ति के साथ प्रतिस्थापित करना, या कहने वाले के लिए उसे कम कष्टकर बनाना, जैसा की द्विअर्थी के मामले में होता है। प्रेयोक्ति का परिनियोजन राजनीतिक विशुद्धता के सार्वजनिक उपयोग में केंद्रीय पहलू है। यह किसी वस्तु या किसी व्यक्ति के वर्णन को भी प्रतिस्थापित कर सकता है ताकि गोपनीय, पवित्र, या धार्मिक नामों को अयोग्य के समक्ष ज़ाहिर करने से बचा जा सके, या किसी वार्ता के विषय की पहचान को किसी संभावित प्रच्छ्न्न श्रोता से गुप्त रखा जा सके.

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प्रोमिथियस (फ़िल्म)

प्रोमिथियस (अंग्रेज़ी: Prometheus/ prəˈmiːθɪəs/ pro-MEE -thee-uhs) वर्ष २०१२ की विज्ञान-फंतासी आधारित फ़िल्म है जिसे रिड्ली स्काॅट ने निर्देशन किया है, तथा पटकथा जोन स्पैह्ट्स और डैमन लिंडेलाॅफ ने लिखा है, और मुख्य भूमिकाओं में नूमी रैपेस, माइकल फेस़बेंडर, गाइ पियर्स, इदरिस एल्बा, लोगन मार्शल-ग्रीन एवं चार्लीज़ थेरॉन शामिल हैं। फ़िल्म की कहानी अनुसार यह २१वीं शताब्दी के अंतिम दशकों में बने एक अंतरिक्ष यान 'प्रोमिथियस' के उन खोजी दलों का जिक्र है जिन्होंने पृथ्वी पर मिले प्राचीन सभ्याताओं के आधार एक 'स्टार-मैप' (नक्षत्रों का नक्शा) ढुंढ़ निकाला हैं। मानवता के उद्गमस्थल की खोज में यह दल एक सुदूरवर्ती ग्रह में उतरता है और जल्द ही उन सबका सामना मानव जाति के विनाश जैसी परिस्थिति से होता है। फ़िल्म की निर्माण प्रक्रिया सन् २००० के पूर्व से ही बतौर एलियन फ्रैंचाइज़ी के नाम से शुरू हो चुकी थी। स्काॅट एवं निर्देशक जेम्स कैमरून का इसी विचार को जुट चुके थे कि वे इसे स्काॅट की १९७९ की रिलीज हाॅर्रर विज्ञान-फंतासी आधारित फ़िल्म एलियन की बतौर प्रिक्विल पेश करेंगे। लेकिन २००३ में, एलियन वर्सेज प्रीडेटर की निर्माण विकास को वरीयता मिलने के बाद, वर्ष २००९ तक स्काॅट ने दुबारा इस सुप्त पड़ी परियोजना के लिए रुचि जाहिर की। स्पैह्ट्स ने फ़िल्म एलियन की तमाम घटनाओं को ध्यान देते हुए इसकी पटकथा लिखी, लेकिन स्काॅट अपनी ही चुनिंदा निर्देशित फ़िल्मों पर दुबारा काम नहीं करना चाहते थे। २०१० के आखिर में, लिंडेल के प्रोजेक्ट से जुड़ने पर उन्होंने स्पैह्ट्स की पटकथा पर पुनर्लेखन किया, उनके तथा स्काॅट द्वारा विकसित कहानी का यही लक्ष्य था कि यह फ़िल्म एलियन से पहले घटित तो हो पर प्रत्यक्ष रूप से उसी फ्रेंचाइजी से संबंधित ना हो। स्काॅट के मुताबिक, हाँलाकि इस फ़िल्म से वे उन "एलियनों के डीएनए की, एक तरह की शुरुआत भर" ही कह सकते है, जिसे प्रोमेथियस उनसे जुड़ी मिथकों और खुलासों को खोजती है। प्रोमिथियस ने अपनी निर्माण प्रक्रिया अप्रैल २०१० से शुरू की, जिनमें उन प्राणियों और तकनीकी डिजाइनों पर व्यापक रूप से काम किया गया जैसे फ़िल्मानुसार मांग थी। मुख्य फ़िल्मांकन का काम मार्च २०११ से आरंभ हूआ, जिसकी अनुमानित बजट अमेरिकी $१२०-१३० मिलियन डाॅलर तक आंकी गयी। इस पूरे परियोजना में 3डी कैमरों से शुटिंग की गई है, करीब-करीब सभी प्रेक्टिकल सेट्स और लोकेशनों जैसे इंग्लैंड, आइसलैंड और स्काॅटलैंड पर। फिर इसके मार्केटिंग कैंपेनिंग के लिए प्रचार किया गया जिससे वेबसाइट पर इसकी गतिविधियाँ वायरल हुई। जिनमें से तीन विडियो पर फ़िल्म में मौजूद तीन मुख्य कलाकारों द्वारा उस काल्पनिक ब्रह्मांड के अंशों के बारे में जिक्र किया था, फ़िल्म की रिलीज बाद इसे बतौर सकारात्मक स्वागत किया गया तथा कई पुरस्कारों से नवाजा भी गया। प्रोमिथियस को युनाइटेड किंगडम में जून ०१, २०१२ और फिर उत्तरी अमेरिका में जून ८, २०१२ रिलीज किया गया। इसने करीब $४०३ मिलियन से अधिक का वैश्विक व्यवसाय किया। फ़िल्म की कलात्मक विजुवल डिजाइनिंग एवं अभिनय पर काफी सकारात्मक प्रतिक्रिया दी गई, विशेषकर फ़ासबेंडर द्वारा अभिनीत एंड्राॅएड डेविड पर। यद्यपि, आलोचकों ने पटकथा पर अपनी मिश्रित प्रतिक्रिया दर्ज की कि उनके अनुसार पटकथा के कई तत्व तो किसी जगह अनसुलझे और पूर्वानुमानित होने के कारण नीरस लगी। फ़िल्म का आगामी कड़ी एलियन: काॅवेनैंट को अक्टूबर ०६, २०१७ में प्रदर्शन करने के लिए सूचीबद्ध किया है। यह एच.आर.

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पैट्रिक व्हाइट

पैट्रिक विक्टर मार्टिनडेल व्हाइट (Patrick Victor Martindale White) (28 मई 1912 – 30 सितम्बर 1990) इंग्लैंड में जन्मे ऑस्ट्रेलियाई लेखक थे, जिन्हें व्यापक रूप से 20वी सदी के अंग्रेजी भाषा के सबसे महत्वपूर्ण उपन्यासकारों में से एक माना जाता है। 1935 से लेकर अपनी मृत्यु तक इन्होंने कुल 12 उपन्यास, दो छोटी कहानी संग्रह और आठ नाटको को प्रकाशित किया था। वर्ष 1973 में अपने कार्य के लिए इन्हें साहित्य के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। यह सम्मान प्राप्त करने वाले व्हाइट एकमात्र ऑस्ट्रेलियाई नागरिक थे। .

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पैंजिया

पैंजिया का मानचित्र पैंजिया, पैन्जेया या पैंजी (प्राचीन यूनानी πᾶν पैन "संपूर्ण" और Γαῖα गैया "पृथ्वी", लैटिन भाषा में जेया से), एक विशाल एकीकृत महाद्वीप (सुपरकॉन्टीनेंट) था जिसका अस्तित्व लगभग 250 मिलियन वर्ष पहले पेलियोजोइक और मिजोजोइक युग के दौरान था; मौजूदा महाद्वीप अपने वर्तमान स्वरूप में इसी में से निकल कर आये हैं। यह नाम अल्फ्रेड वेजेनर के महाद्वीपीय प्रवाह के सिद्धांत की वैज्ञानिक चर्चा में गढ़ा गया था। अपनी पुस्तक "द ओरिजिन ऑफ कॉन्टिनेंट्स एंड ओशंस" (डाई एंटस्टेहंग डर कोंटिनेंट एंड ओजियेन) में उन्होंने माना था कि सभी महाद्वीप बाद में विखंडित होने और प्रवाहित होकर अपने वर्तमान स्थानों पर पहुँचने से पहले एक समय में एक विशाल महाद्वीप का हिस्सा थे जिसे उन्होंने "उरकॉन्टिनेंट" कहा था। पैंजिया शब्द 1928 में अल्फ्रेड वेजेनर के सिद्धांत पर चर्चा के लिए आयोजित एक संगोष्ठी के दौरान प्रकाश में आया। एक विशाल महासागर जो पैंजिया को चारों ओर से घेरे हुए था, तदनुसार उसका नाम पैंथालासा रखा गया। .

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पूर्वी चंपारण

पूर्वी चंपारण बिहार के तिरहुत प्रमंडल का एक जिला है। चंपारण को विभाजित कर 1971 में बनाए गए पूर्वी चंपारण का मुख्यालय मोतिहारी है। चंपारण का नाम चंपा + अरण्य से बना है जिसका अर्थ होता है- चम्‍पा के पेड़ों से आच्‍छादित जंगल। पूर्वी चम्‍पारण के उत्‍तर में एक ओर जहाँ नेपाल तथा दक्षिण में मुजफ्फरपुर स्थित है, वहीं दूसरी ओर इसके पूर्व में शिवहर और सीतामढ़ी तथा पश्चिम में पश्चिमी चम्‍पारण जिला है। .

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पूंजीवाद

पूंजीवाद (Capitalism) सामन्यत: उस आर्थिक प्रणाली या तंत्र को कहते हैं जिसमें उत्पादन के साधन पर निजी स्वामित्व होता है। इसे कभी कभी "व्यक्तिगत स्वामित्व" के पर्यायवाची के तौर पर भी प्रयुक्त किया जाता है यद्यपि यहाँ "व्यक्तिगत" का अर्थ किसी एक व्यक्ति से भी हो सकता है और व्यक्तियों के समूह से भी। मोटे तौर पर कहा जा सकता है कि सरकारी प्रणाली के अतिरिक्त निजी तौर पर स्वामित्व वाले किसी भी आर्थिक तंत्र को पूंजीवादी तंत्र के नाम से जाना जा सकता है। दूसरे रूप में ये कहा जा सकता है कि पूंजीवादी तंत्र लाभ के लिए चलाया जाता है, जिसमें निवेश, वितरण, आय उत्पादन मूल्य, बाजार मूल्य इत्यादि का निर्धारण मुक्त बाजार में प्रतिस्पर्धा द्वारा निर्धारित होता है। पूँजीवाद एक आर्थिक पद्धति है जिसमें पूँजी के निजी स्वामित्व, उत्पादन के साधनों पर व्यक्तिगत नियंत्रण, स्वतंत्र औद्योगिक प्रतियोगिता और उपभोक्ता द्रव्यों के अनियंत्रित वितरण की व्यवस्था होती है। पूँजीवाद की कभी कोई निश्चित परिभाषा स्थिर नहीं हुई; देश, काल और नैतिक मूल्यों के अनुसार इसके भिन्न-भिन्न रूप बनते रहे हैं। .

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पेरिन जम्सेत्जी मिस्त्री

पेरिन जम्सेत्जी मिस्त्री (१९१३-१९८९) एक भारतीय वास्तुकार थी, जिन्हें भारत में एक वास्तुकार के रूप में अर्हता प्राप्त करने वाली पहली महिला के रूप में जाना जाता है। .

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पेले

एडिसन "एडसन" अरांटिस डो नैसिमेंटोआधिकारिक पहला नाम व जन्म की तारीख, जैसा कि उनके जन्म के प्रमाणपत्र पर लिखा गया है, "एडिसन" और "21 अक्टूबर 1940" है: लेकिन पेले ने हमेशा कहा है कि वे गलत हैं, कि उनका नाम वास्तव में एडसन रखा गया था और वे 23 अक्टूबर 1940 को पैदा हुए थे। केबीई (KBE) (जन्म 21 या 23 अक्टूबर 1940), जिन्हें उनके लोकप्रिय नाम पेले (ब्राजीली, सामान्य) के नाम से जाना जाता है, एक अवकाशप्राप्त ब्राज़ीली फुटबॉल खिलाड़ी हैं। फुटबॉल के विशेषज्ञों और पूर्व खिलाड़ियों द्वारा उन्हें सर्वकालीन महान फुटबॉल खिलाड़ियों में से एक माना जाता है। 1999 में, उनको इंटरनैशनल फेडरेशन ऑफ फुटबॉल हिस्ट्री एंड स्टैटिस्टिक्स (IFFHS) द्वारा शताब्दी के फुटबॉल खिलाड़ी के रूप में चुना गया। उसी वर्ष फ्रांसीसी साप्ताहिक पत्रिका, फ्रांस-फुटबॉल ने शताब्दी का फुटबॉल खिलाड़ी चुनने के लिये अपने भूतपूर्व "बैलोन डी’ओर" विजेताओं की सलाह ली.

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पेंथेरा हाइब्रिड

पेंथेरा जीनस (पेंथेरा लियो (शेर) पेंथेरा ओंका (जगुआर), पेंथेरा पार्डस (तेंदुआ), पेंथेरा टिगरिस (बाघ)) की चार जीवित प्रजातियां कई संकर क्रॉस को उत्पन्न कर सकती हैं। इन वर्ण-संकरों को अक्सर उनके प्रजनन के अनुसार एक यौगिक नाम दिया जाता है, जबकि अन्य समय में इनके अधिक परंपरागत नाम होते हैं। .

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पॉल डिरॅक

पॉल एड्रियन मौरिस डिरॅक (8 अगस्त 1902 – 20 अक्टूबर 1984) अंग्रेज़ सैद्धांतिक भौतिकशास्त्री थे जिन्होंने क्वांटम यांत्रिकी और क्वांटम विद्युत गतिकी दोनों के प्रारंभिक विकास के लिए मौलिक योगदान दिया था। यह कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में गणित के ल्युकेज़ियन प्रोफेसर तथा सैंटर फॉर थियोरेटिकल स्टडीज़, युनिवर्सिटी ऑफ़ मियामी (हिन्दी: सैद्धांतिक अध्ययन के लिए केंद्र, मियामी विश्वविद्यालय) के सदस्य थे, व अपने जीवन का अंतिम दशक इन्होंने फ्लोरिडा स्टेट यूनिवर्सिटी में व्यतीत किया। .

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पॉल बेटनी

पॉल बेटनी (जन्म: २७ मई १९७१) एक ब्रिटिश अभिनेता हैं, जिन्हें मार्वल सिनेमेटिक यूनिवर्स की फ़िल्मों में जार्विस तथा विज़न की भूमिका निभाने के लिए जाना जाता है। बेटनी को सबसे पहले २००० की ब्रिटिश फ़िल्म गैंगस्टर नं.

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पॉल वॉकर

पॉल विलियम वॉकर IV (Paul William Walker IV; 12 सितम्बर, 1973 – 30 नवम्बर, 2013) एक अमेरिकी अभिनेता थे। इन्होंने 25 से ज्यादा फ़िल्मों में काम किया था। 1999 में हिट फ़िल्म वार्सिटी ब्लूज़ द्वारा इन्हें ख्याति प्राप्त हुई। इन्हें सबसे अधिक इनकी द फ़ास्ट एंड द फ़्यूरियस फ़िल्म शृंखला में ब्रायन ओ'कॉनर की निभाई गई भूमिका के लिए जाना जाता है। इन्होंने ऐट बिलो, इनटू द ब्ल्यू, सीज़ ऑल दैट और टेकर्स जैसी सफ़ल फ़िल्मों में भी काम किया था। वॉकर नैशनल ज्यॉग्रैफिक चैनल की शृंखला एक्सपीडिशन ग्रेट वाइट में भी नज़र आए थे। 30 नवम्बर, 2013, को 40 वर्ष की उम्र में एक कार दुर्घटना में वॉकर की मृत्यु हो गयी। .

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पोप ग्रीगरी प्रथम

पोप ग्रीगरी प्रथम (Pope Gregory I) (540-604)। पोप ग्रीगरी को ईसाई धर्म का सर्वोपरि नेता चुने जाने के पहले रोमन सिनेटर का सम्मान प्राप्त था। राजनीति के क्षेत्र में रहते हुए भी इन्होंने अवश्य ही यश और ख्याति अर्जित की होती लेकिन इन्होंने राजनीति को छोड़कर धर्म के क्षेत्र में आना श्रेयस्कर समझा। सन्‌ 590 में ये पोप चुने गए। ईसाई धर्म के व्यापक प्रचार में पोप ग्रीगरी ने महत्वपूर्ण योग दिया। इंग्लैंड से रोमन जाति के हट जाने के बाद वहाँ ईसाई धर्म का लोप होने लगा था। नई अंग्रेज जाति (Angles) जर्मनी से आकर बसने लगी थी जो कई देवी देवताओं की पूजा करती थी। इसने आते ही इंग्लैंड के ईसाई धर्म को नष्ट कर दिया। कहते हैं, एक बार पोप ग्रीगरी ने कुछ अंग्रेज बालकों का रोम के बाजार में दास के रूप में बिकते देखा। इन बालकों की सुंदरता से ये अत्यधिक प्रभावित हुए और निश्चय किया कि ब्रिटिश द्वीप में जहाँ रोमन काल में ईसाई धर्म को लोगों ने स्वीकार कर लिया था, फिर से इस धर्म का प्रचार किया जाय। धर्मप्रचार के उद्देश्य से इन्होंने आगस्टाइन नाम के एक प्रसिद्ध पादरी को इंग्लैंड भेजा जिसने केंट के राजा एथलबर्ट के दरबार में जाकर ईसाई धर्म का प्रचार प्रारंभ कर दिया। एथलबर्ट ने फ्रांस की एक ईसाई राजकुमारी से शादी की थी, अत: उसने ईसाई धर्म स्वीकार कर लिया और आगस्टाइन का केंटरबरी में गिरजाघर बनाने की आज्ञा दे दी। इस प्रकार पोप ग्रीगरी के प्रयत्न के फलस्वरूप इंग्लैंड में ईसाई धर्म का फिर से प्रचार हुआ। पोप ग्रीगरी ने ईसाई धर्म के सर्वाच्च नेता के रूप में बड़े ऊँचे दर्जे की प्रशसनिक प्रतिभा का परिचय दिया। चाहे धर्म संबंधी, इन्होंने सबका प्रबंध बातें हों या चर्च की संपत्ति की व्यवस्था संबंधी, इन्होंने सबका प्रबंध पटुता से किया। छोटी से छोटी बातों की ओर भी इन्होंने व्यक्तिगत ध्यान दिया और पूरे ईसाई जगत्‌ की प्रशासनिक आवश्यकताओं से परिचित रहने की चेष्टा की। इनके पत्रों से इनकी व्यावहारिक बुद्धि और प्रशासनिक योग्यता का यथेष्ट आभास मिलता है। पोप ग्रीगरी ने धार्मिक ग्रंथों की समीक्षा तथा धर्म संबंधी बातों की वार्तालाप (Dialogues) के रूप में विवेचना भी की। लैटिन भाषा की इन रचनाओं में इन्होंने गूढ़ विषयों के निरूपण के लिये अधिकांशत: रूपक शैली का प्रयोग किया है। शब्द दो अर्थ रखते हैं; एक तो ऊपरी जो स्पष्ट होता है और दूसरा लाक्षणिक जिससे धर्म संबंधी गूढ़ विचार भी सरलता से समझ में आ जाते हैं। पोप ग्रीगरी ने ईसाई धर्म से पहले की कथाओं (Tales) की जगह ईसाई संतों की कहानियों का प्रचार करवाया। इन्होंने जो कुछ भी लिखा, धर्म के व्यापक प्रचार की भावना से लिखा। इनका ध्यान विचारों की स्पष्ट अभिव्यक्ति पर था, न कि शैली पर। लेकिन फिर भी इनकी भाषा में सौंदर्य और प्रभाव है। .

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पोर्टलैंड सीमेंट

बोरियों में पोर्टलैण्ड सीमेण्ट पोर्टलैंड सीमेंट (Portland cement) वर्तमान समय की सामान्य उपयोग में आने वाली पूरे संसार में सर्वाधिक प्रचलित सीमेंट है। यह कांक्रीट, गारा, आदि का मूल अवयव (basic ingredient) है। सीमेंट की विभिन्न किस्में उपलब्ध हैं। साधारण निर्माण कार्य में आमतौर पर पोर्टलैंड सीमेंट ही प्रयुक्त होता है। .

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पीटर मैन्सफील्ड

पीटर मैन्सफील्ड (Peter Mansfield; ९ अक्टूबर १९३३ – ८ फ़रवरी २०१७) एक अंग्रेज़ चिकित्सक थे। उन्हें एम॰आर॰आई॰ की खोज के लिए वर्ष २००३ में पॉल क्रिस्चियन लौटरबर के साथ चिकित्सा का नोबेल पुरस्कार से सम्मनित किया गया था। मैंन्सफील्ड नॉटिंघम विश्वविद्यालय में प्रोफेसर थे। .

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पीटर हिग्स

पीटर वेयर हिग्स (जन्म २९ मई १९२९) २०१३ के भौतिकी में नोबल पुरस्कार विजेता, ब्रितानी सैद्धान्तिक भौतिक विज्ञानी हैं। उन्हें मुख्यतः १९६० में दिये गये दुर्बल-विद्युत अन्योन्य क्रिया सिद्धान्त में सममिति विघटन के सुझाव के लिए जाना जाता है। .

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पीटर क्रोपोत्किन

युवा क्रोपोत्किन (१८७०) पीटर अलेक्सेविच क्रोपोत्किन (१८४२-१९२१ ई.) रूस के भूगोलवेत्ता, अर्थशास्त्री, वाड़मीमांसक (philologist), जन्तुविज्ञानी, क्रमविकास सिद्धान्ती, दार्शनिक, लेखक एवं प्रमुख अराजकतावादी थे। .

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फरदूनजी नौरोजी

फरदूनजी नौरोजी, भारतीय समाजसेवक थे। .

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फ़ासीवाद

नेशनल फैसिस्ट पार्टी का लोगो फासीवाद या फ़ासिस्टवाद (फ़ासिज़्म) इटली में बेनितो मुसोलिनी द्वारा संगठित "फ़ासिओ डि कंबैटिमेंटो" का राजनीतिक आंदोलन था जो मार्च, 1919 में प्रारंभ हुआ। इसकी प्रेरणा और नाम सिसिली के 19वीं सदी के क्रांतिकारियों- "फासेज़"-से ग्रहण किए गए। मूल रूप में यह आंदोलन समाजवाद या साम्यवाद के विरुद्ध नहीं, अपितु उदारतावाद के विरुद्ध था। .

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फ़िरोज़ खान नून

फिरोज खान नून, एक पाकिस्तानी राजनेता, एवं पाकिस्तान के ७वें प्रधानमंत्री थे। उनका जन्म 7 मई 1893 ई। को पाकीसतान के जिला सरगोधा की तहसील भलवाल के गांव हमोकह में हुआ था। वह सिर मोहम्मद हेयान नून के पुत्र थे। उनहोंने प्रारंभिक शिक्षा पब्लिक स्कूल भेरह जिले सरगोधा से प्राप्त की। 1905 में उन्होंने, एॅलिसन कॉलेज लाहौर में दाखिला लिया। 1912 में उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए इंग्लैंड चले गए। 1916 में विलियम कॉलेज ऑक्सफोर्ड से हिस्ट्री में बीए किया। 1917 में बैरिस्टर बनकर वापस भारत चले आए। जन 1918 ई। में सरगोधा से अपनी प्रैक्टिस शुरू की। जन 1921 से जनवरी 1927 हाईकोर्ट में प्रैक्टिस करते रहे। .

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फ़्यूचर कप 2007

2007 फ्यूचर कप भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच 23 जून और 1 जुलाई के बीच एक वनडे श्रृंखला थी। आयरलैंड के खिलाफ एक मैच खेलने वाली प्रत्येक टीम ने श्रृंखला से पहले किया था। .

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फ़्राँस राष्ट्रीय फुटबॉल टीम

फ़्राँस राष्ट्रीय फुटबॉल टीम (Équipe de France) अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल प्रतियोगिताओं में फ़्राँस का प्रतिनिधित्व करती है और और फ्रेंच फुटबॉल संघ (एफ.एफ.एफ.) द्वारा नियंत्रित किया जाती है। राष्ट्रीय टीम लोकप्रिय रूप से लेस ब्लेउस (नीले) के रूप में जानी जाती है, क्योंकि उनकी वर्दी का रंग नीला है। फ्रांस ने 1904 में अपनी पहली आधिकारिक मैच खेला है और आज मुख्य रूप से पेरिस में स्थित स्टेड डी फ्रांस में अपने घरेलू मैच खेलती है। राष्ट्रीय टीम ने एक फीफा विश्व कप खिताब, दो यूईएफए यूरो, ओलंपिक टूर्नामेंट और दो फीफा कोन्फिडरेशन्स कप जीत लिया है। अर्जेंटीना के साथ, यह फीफा द्वारा आयोजित तीन सबसे महत्वपूर्ण पुरुषों के खिताब जीतने के लिए केवल राष्ट्रीय टीमों है। फ्रांस की अपने पड़ोसियों इटली और स्पेन के साथ एक मजबूत प्रतिद्वंद्विता है। .

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फ़्रान्सीसी क्रान्ति

बेसिल दिवस: १४ जुलाई १७८९ फ्रांसीसी क्रांति (फ्रेंच: Révolution française / रेवोलुस्योँ फ़्राँसेज़; 1789-1799) फ्रांस के इतिहास की राजनैतिक और सामाजिक उथल-पुथल एवं आमूल परिवर्तन की अवधि थी जो 1789 से 1799 तक चली। बाद में, नेपोलियन बोनापार्ट ने फ्रांसीसी साम्राज्य के विस्तार द्वारा कुछ अंश तक इस क्रांति को आगे बढ़ाया। क्रांति के फलस्वरूप राजा को गद्दी से हटा दिया गया, एक गणतंत्र की स्थापना हुई, खूनी संघर्षों का दौर चला, और अन्ततः नेपोलियन की तानाशाही स्थापित हुई जिससे इस क्रांति के अनेकों मूल्यों का पश्चिमी यूरोप में तथा उसके बाहर प्रसार हुआ। इस क्रान्ति ने आधुनिक इतिहास की दिशा बदल दी। इससे विश्व भर में निरपेक्ष राजतन्त्र का ह्रास होना शुरू हुआ, नये गणतन्त्र एव्ं उदार प्रजातन्त्र बने। आधुनिक युग में जिन महापरिवर्तनों ने पाश्चात्य सभ्यता को हिला दिया उसमें फ्रांस की राज्यक्रांति सर्वाधिक नाटकीय और जटिल साबित हुई। इस क्रांति ने केवल फ्रांस को ही नहीं अपितु समस्त यूरोप के जन-जीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया। फ्रांसीसी क्रांति को पूरे विश्व के इतिहास में मील का पत्थर कहा जाता है। इस क्रान्ति ने अन्य यूरोपीय देशों में भी स्वतन्त्रता की ललक कायम की और अन्य देश भी राजशाही से मुक्ति के लिए संघर्ष करने लगे। इसने यूरोपीय राष्ट्रों सहित एशियाई देशों में राजशाही और निरंकुशता के खिलाफ वातावरण तैयार किया। .

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फ़्रेड हॉयल

सर फ़्रेडेरिक हॉयल (24 जून 1915 - 20 अगस्त 2001) ब्रिटिश खगोलशास्त्री थे जिनके विचार अक्सर मुख्य वैज्ञनिक समुदाय के विपरीत होते थे। इनका काम मुख्यतः ब्रह्माण्डविज्ञान के क्षेत्र में है। इन्होंने तारों के नाभिकों में हो रही नाभिकीय प्रक्रियाओं का अध्ययन किया और पाया कि कार्बन तत्त्व बनने के लिये जिस प्रक्रिया की आवश्यकता होती है उसकी सम्भावना सांख्यिकी के अनुसार बहुत कम है। चूंकि मनुष्य और पृथ्वी पर मौजूद अन्य जीवन कार्बन पर आधारित है, हॉयल का विचार था कि ऐसा सम्भव होना इस बात को इंगित करता है कि पृथ्वी पर जीवन की मौजूदगी में किसी ऊपरी शक्ति का हाथ है। नाभिकीय प्रक्रियाओं पर इनके काम को नोबेल समिति ने अनदेखा कर दिया और 1983 का भौतिकी का नोबेल पुरस्कार इनके सहयोगी विलियम ए फोलर को दिया (सुब्रह्मण्यन् चन्द्रशेखर के साथ)। फ़्रेड हॉयल ब्रह्माण्ड के जन्म के बिग बैंग सिद्धांत में विश्वास नहीं रखते थे। इनका विचार था कि ब्रह्माण्ड एक स्थिर अवस्था में है। विशाल विस्फोट सिद्धान्त के पक्ष में अधिक प्रमाण इकट्ठा होने पर वैज्ञानिकों ने स्थिर अवस्था को लगभग त्याग दिया है। हॉयल का यह भी विश्वास था कि पृथ्वी पर जीवन धूमकेतुओं के जरिए अन्तरिक्ष से आए विषाणुओं के जरिये शुरु हुआ। वे नहीं मानते थे कि रासायनिक प्रक्रियाओं के जरिए जीवन का प्रारंभ संभव है। इन्होंने विज्ञान कथाएँ भी लिखी हैं जिनमें शामिल है द ब्लैक क्लाउड (The Black Cloud, काला बादल) और ए फ़ॉर एन्ड्रोमीडा (A for Andromeda)। द ब्लैक क्लाउड में ऐसे जीवों का वर्णन है जो तारों के बीच के गैस के बादलों में उत्पन्न होते हैं और विश्वास नहीं कर पाते हैं कि ग्रहों पर भी बुद्धिमान जीव उत्पन्न हो सकते है। श्रेणी:खगोलशास्त्री श्रेणी:वैज्ञानिक श्रेणी:1915 में जन्मे लोग.

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फ़्रेड्रिक जी डोन्नान

फ्रेड्रिक जॉर्ज डोन्नन FRS (६ सितंबर १८७० - १६ दिसम्बर १९५६) एक आयरिश भौतिक- रासायनज्ञ थे। श्रेणी:आयरलैंड के लोग श्रेणी:वैज्ञानिक.

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फिनियन ब्रदरहुड

रानी विक्टोरिया के शासनारम्भ के समय १८८७ का कार्टून फिनियन ब्रदरहुड अंग्रेजी शासन से आयरलैंड की मुक्ति के हेतु निर्मित एक संगठन था। जॉन ओ महोनी ने 1848 में न्यूयार्क में इसकी नींव डाली। इसके सदस्यों को 'फीनियन्स' (Fenian) कहते थे। फीनियन ब्रदरहुड का उद्देश्य शस्त्रक्रांति और सैनिक कार्यवाइयों द्वारा आयरलैंड को स्वतंत्र करना था। 1866 में ब्रदरहुड ने कनाडा पर आक्रमण किया। फीनियन क्रांतिकारी आयरलैंड भी गए और विद्रोह की आग भड़कानी चाही। विद्रोह सफल नहीं हुआ। तब उन्होंने इंग्लैंड की बस्तियों पर बमबारी आरंभ की। 1867 में उन्होंने क्लर्केनवेल जेल पर धावा बोल दिया और विस्फोट से उसकी दीवार तोड़ दी। इन उग्र गतिविधियों के बावजूद आंदोलन अधिक दिनों तक जीवित न रह सका; फिर भी, आयरिश स्वतंत्रता की चेतना जाग्रत करने में इनकी भूमिका महत्वपूर्ण रही। .

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फिरोज़शाह मेहता

मुम्बई में फिरोजशाह मेहता की प्रतिमा सर फिरोजशाह मेहता (४ अगस्त १८४५ - ५ नवम्बर १९१५) भारत एक स्वतंत्रा सेनानी, न्यायविद तथा पत्रकार थे। वे एक उदार राजनीतिज्ञ थे जिनका प्रयास था कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पर कट्टरपंथियों का अधिकार न हो सके। वे बहुत-से संस्थानों के जन्मदाता थे। मुंबई नगर पालिका के सदस्य होने के साथ ही वे नगर पालिका अध्यक्ष भी रहे और इस संस्था के सुधार के लिए उन्होंने बहुत से कार्य किये। वे बॉम्बे प्रेजीडेंसी एसोसिएशन में सक्रिय होने के साथ-साथ इसके अध्यक्ष भी रहे। वे मुंबई के एडवोकेट जनरल और इंपिरियल लेजिसलेटिव काउंसिल के सदस्य थे। वे मुम्बई विश्वविद्यालय से जुड़े रहे और एक दैनिक समाचार पत्र- 'दि बॉम्बे क्रॉनिकल' की स्थापना की। .

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फिंगर इलैवेन

फिंगर इलैवेन कनाडा का एक रॉक बैंड है जो बर्लिंगटन, ओंटेरियो से है, यह 1989 में बना था। वास्तव में इन्हें रेनबो बट मंकीज़ कहा जाता था। वर्तमान में उनके पांच वीडीयो एल्बम जारी हो चुके हैं और उनके एल्बम द ग्रेएस्ट ऑफ ब्लू स्काइज़, ने उन्हें मुख्यधारा से जोड़ दिया है। उनके 2003 के स्वशीर्षक एल्बम को संयुक्त राज्य अमेरिका में गोल्ड स्टेटस और कनाडा में प्लेटिनम स्टेटस प्राप्त हुआ, यह मुख्यतः एकल गाने "वन थिंग" की सफलता के फलस्वरूप हुआ, जिसे यूएस हॉट 100 चार्ट में एल्बम को 16वां स्थान दिलाने का श्रेय मिला.

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फुटबॉल

एसोसिएशन फुटबॉल जिसे आमतौर पर सिर्फ फुटबॉल (अंग्रेजी: फुट: पाद या पग, बॉल: गेंद) या सॉकर कहा जाता है, दुनिया के सबसे लोकप्रिय खेलों में से एक है। यह एक सामूहिक खेल है और इसे ग्यारह खिलाड़ियों के दो दलों के बीच खेला जाता हैं। फुटबॉल को सामान्यत: एक आयताकार घास या कृत्रिम घास के मैदान पर खेला जाता है जिसके दोनों छोरों पर एक एक गोल होता है। खिलाड़ियों द्वारा विरोधी दल के गोल में चालाकी से गेंद को डालना ही इस खेल का उद्देश्य है। खेल में गोलरक्षक ही एक मात्र ऐसा खिलाड़ी होता है जिसे गेंद को रोकने के लिए अपना हाथ इस्तेमाल करने की अनुमति होती है। दल के बाकी खिलाड़ी आमतौर पर गेंद को मारने (किक या पदाघात) के लिये अपने पैर का इस्तेमाल करते हैं तथा कभी कभी हवा में गेंद को रोकने के लिए वे अपने धड़ या फिर सिर का इस्तेमाल करते हैं। जो दल खेल के अंत या समय समाप्ति तक ज्यादा गोल करता है, विजयी रहता है। खेल के अंत यानि समय समाप्ति तक यदि स्कोर बराबर रहे तो उस मुकाबले को बराबर या ड्रा घोषित करना, या खेल को अतिरिक्त समय में ले जाना और/या पेनाल्टी शूट आउट के द्वारा हार जीत का फैसला करना सब प्रतियोगिता के स्वरुप पर निर्भर करता है। आधुनिक फुटबॉल को इंग्लैंड में द फुटबॉल एसोसिएशन (फुटबॉल संघ) के गठन के साथ कूटबद्ध किया गया और जिसके 1863 में बने लॉज़ ऑफ द गेम (खेल के कानून) के आधार पर ही आज फुटबॉल खेली जाती है। अंतरराष्ट्रीय आधार पर फुटबॉल का नियंत्रण Fédération Internationale de Football Association (फेडरेशन इंटरनेशनेल डी फुटबॉल एसोसिएशन) या एसोसिएशन फुटबॉल का अंतरराष्ट्रीय महासंघ जिसे संक्षेप में FIFA या फीफा कहा जाता है। फुटबॉल की सबसे प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय और लोकप्रिय प्रतियोगिता फीफा विश्व कप है, जिसका आयोजन हर चौथे वर्ष किया जाता है। इस प्रतियोगिता को व्यापक रूप से पूरे विश्व में देखा जाता है और इसके दर्शक ग्रीष्मकालीन ओलम्पिक खेलों को मिले दर्शकों से लगभग दुगने होते हैं। .

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फ्रांस का सैन्य इतिहास

फ्रांस के सैन्य इतिहास में आधुनिक फ्रांस, यूरोपीय महाद्वीप और दुनिया भर के विभिन्न क्षेत्रों में 2,000 से अधिक वर्षों तक चले संघर्षों का एक विशाल काल शामिल है। आज आधुनिक फ्रांस के क्षेत्र में सबसे पहला बड़ा युद्ध गैलो-रोमन संघर्ष था, जो कि 60 ईसा पूर्व से 50 ईसा पूर्व तक लड़ा गया। अंततः रोमन,जूलियस सीज़र के अभियानों के माध्यम से विजयी हुए। रोमन साम्राज्य के पतन के बाद, एक जर्मनिक जनजाति,जिसे फ्रैंक्स के नाम से जाना जाता था, ने प्रतिस्पर्धा वाले जनजातियों को हराकर गॉल पर नियंत्रण कर लिया। "फ्रांसीया की भूमि", जिस से फ्रांस को अपना नाम मिला है, को राजा 'क्लोविस मैं' और 'शारलेमेन' ने विस्तरित किया। इन्होंने भविष्य के फ्रांसीसी राज्य के केंद्र का निर्माण किया था। मध्य युग में, इंग्लैंड के साथ प्रतिद्वंद्विता ने 'नोर्मन विजय' और;सौ साल के युद्ध' जैसे प्रमुख संघर्षों को प्रेरित किया। केंद्रीकृत राजतंत्र के साथ, रोमन काल के बाद पहली बड़ी पैदल सेना और तोपखाने का इस्तेमाल कर, फ्रांस ने अपने क्षेत्र से अंग्रेजो को निष्कासित कर दिया और मध्य युग में यूरोप के सबसे शक्तिशाली राष्ट्र के रूप में जाना गया। ये स्थिति रोमन साम्राज्य और 'स्पेन इतालवी युद्धों' में हार के बाद बदली। 16 वीं शताब्दी के अंत में धर्मयुद्धों ने फ्रांस को कमजोर किया, लेकिन 'तीस साल के युद्ध' में स्पेन पर एक बड़ी जीत ने फ्रांस को एक बार फिर महाद्वीप पर सबसे शक्तिशाली राष्ट्र बनाया। समानांतर में, फ्रांस ने अपना पहला औपनिवेशिक साम्राज्य एशिया, अफ्रीका और अमेरिका में विकसित किया। फ्रांस ने,लुई XIV के तहत अपने प्रतिद्वंद्वियों पर सैन्य वर्चस्व हासिल किया, लेकिन तेजी से शक्तिशाली होते दुश्मन गठबंधनों और बढ़ते संघर्ष ने फ़्रांसिसी महत्वाकांक्षाओं को रोका और 18 वीं शताब्दी के प्रारम्भ में राज्य को दिवालिया कर दिया। फ्रांसीसी सेनाओं ने स्पेनिश, पोलिश और ऑस्ट्रियाई राजशाही के खिलाफ वंशवादी संघर्षों में जीत हासिल की। इसी समय, फ़्रांस अपनी उपनिवेशों पर हो रहे दुश्मनो के हमलों को रोक रहा था। 18 वीं शताब्दी में, ग्रेट ब्रिटेन के साथ वैश्विक प्रतिस्पर्धा ने सात साल के युद्ध की शुरुआत की, जहां फ्रांस ने अपने उत्तरी अमेरिकी हिस्सेदारी खो दी। यूरोप और अमेरिकी क्रांतिकारी युद्ध में प्रभुत्व के रूप में फ्रांस को सफलता मिली, जहां धन और हथियारों के रूप में व्यापक फ्रेंच सहायता और अपनी सेना और नौसेना की प्रत्यक्ष भागीदारी ने अमेरिका की आजादी का नेतृत्व किया। अंततः आंतरिक राजनीतिक उथल-पुथल और फ्रांसीसी क्रांतिकारी युद्धों और नेपोलियन युद्धों में निरंतर संघर्ष के 23 साल गुजर गए। फ्रांस इस अवधि के दौरान अपनी शक्ति के चरम पर पहुंच गया, नेपोलियन बोनापार्ट के शासन काल में, एक अभूतपूर्व शक्ति के रूप में यूरोपीय महाद्वीप पर हावी रहा। हालांकि, 1815 तक, इसे उसी सीमा तक सीमित कर दिया गया था जो क्रांति से पहले नियंत्रित था। शेष 1 9वीं शताब्दी में दूसरी फ्रांसीसी औपनिवेशिक साम्राज्य के विकास के साथ ही बेल्जियम, स्पेन और मेक्सिको में फ्रांसीसी हस्तक्षेप हुआ। अन्य प्रमुख युद्ध,रूस के खिलाफ क्रिमिया में,इटली के खिलाफ ऑस्ट्रिया में और फ्रांस के भीतर प्रशिया के खिलाफ लड़े गए। फ्रेंको-प्रुसीयन युद्ध में हार के बाद, प्रथम विश्व युद्ध में फिर से फ्रेंको-जर्मन प्रतिद्वंद्विता उभर आयी। फ्रांस और उसके सहयोगी इस बार विजयी रहे थे। संघर्ष के मद्देनजर सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक उथल-पुथल द्वितीय विश्व युद्ध के रूप में परिणीत हुआ, जिसमें फ्रांस ने लड़ाई में एक्सिस राष्ट्रों को हराया गया और फ्रांसीसी सरकार ने जर्मनी के साथ एक युद्धविराम पर हस्ताक्षर किए। निर्वासन में एक मुक्त फ्रांसीसी सैनिक सरकार की अगुआई वाली मित्र राष्ट्रों की सेना ने अंततः एक्सिस पॉवर्स के ऊपर विजयी प्राप्त की। नतीजतन, फ्रांस ने जर्मनी में एक व्यवसाय क्षेत्र और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में एक स्थायी सीट हासिल की। पहले दो विश्व युद्धों के पैमाने पर तीसरे फ्रेंको-जर्मन संघर्ष से बचने की अनिवार्यता ने 1950 के दशक में शुरू होने वाले यूरोपीय एकीकरण के लिए मार्ग प्रशस्त किया। फ्रांस एक परमाणु शक्ति बन गया और 20 वीं शताब्दी के अंत तक, नाटो और उसके यूरोपीय सहयोगियों के साथ मिलकर सहयोग किया गया है। जुलाई में 1453 में फ्रांसीसी सेना ने अपने ब्रितानी विरोधियों को कैस्टिलो की लड़ाई में पराजित किया .

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फ्रांस की क्रांति (१८४८)

सन १८४८ में पूरे यूरोप में क्रान्ति की तरंग छायी हुई थी। १८४८ की फ्रांस की क्रान्ति के फलस्वरूप ओर्लियन राजतन्त्र (१८३०-४८) का अन्त हुआ तथा द्वितीय फ्रांसीसी गणतंत्र की स्थापना हुई। .

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फ्रेडरिक एंगेल्स

फ्रेडरिक एंगेल्स (२८ नवंबर, १८२० – ५ अगस्त, १८९५ एक जर्मन समाजशास्त्री एवं दार्शनिक थे1 एंगेल्स और उनके साथी साथी कार्ल मार्क्स मार्क्सवाद के सिद्धांत के प्रतिपादन का श्रेय प्राप्त है। एंगेल्स ने 1845 में इंग्लैंड के मजदूर वर्ग की स्थिति पर द कंडीशन ऑफ वर्किंग क्लास इन इंग्लैंड नामक पुस्तक लिखी। उन्होंने मार्क्स के साथ मिलकर 1848 में कम्युनिस्ट घोषणापत्र की रचना की और बाद में अभूतपूर्व पुस्तक "पूंजी" दास कैपिटल को लिखने के लिये मार्क्स की आर्थिक तौर पर मदद की। मार्क्स की मौत हो जाने के बाद एंगेल्स ने पूंजी के दूसरे और तीसरे खंड का संपादन भी किया। एंगेल्स ने अतिरिक्त पूंजी के नियम पर मार्क्स के लेखों को जमा करने की जिम्मेदारी भी बखूबी निभाई और अंत में इसे पूंजी के चौथे खंड के तौर पर प्रकाशित किया गया। .

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फ्रेडरिक पिन्काट

फ्रेडरिक पिन्काट (1836 - 7 फ़रवरी 1896) इंग्लैण्ड के निवासी एवं किन्तु हिन्दी के परम् हितैषी थे। स्वयं हिन्दी में लेख लिखने तथा हिन्दी पत्रिकाएँ सम्पादित करने के अलावा उन्होने तत्कालीन् हिन्दी लेखकों को भी प्रोत्साहित किया। इंग्लैण्ड में बैठे-बैठे ही उन्होने हिन्दी पर अच्छा अधिकार प्राप्त कर लिया था। भारतीय सिविल सेवा में हिन्दी के प्रतिष्ठापन का श्रेय भी इनको ही है। .

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फ्रेडरिक महान्

फ्रेडरिक द्वितीय फ्रेडरिक द्वितीय महान् (Frederick II; जर्मन: Friedrich; १७१२ - १७८६ ई.) १७४० से १७८६ तक प्रशा का शासक था। वह अपने सैनिक विजयों, प्रशा की सेना की पुनर्रचना करने, प्रशा में कला और प्रबोध (इन्लाइटनेण्ट) को प्रोत्साहित करने और सप्तवर्षीय युद्ध में अनेकानेक कठिनाइयों के रहते हुए भी विजय प्राप्त करने के लिये प्रसिद्ध है। प्रशा की जनता उसे 'फ्रेडरिक महान (Friedrich der Große) कहने लगी और उसे 'डर अल्टे फ्रिट्ज' (Der Alte Fritz ("Old Fritz")) उपनाम दिया। .

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फ्रेड्रिक सैंगर

फ्रेड्रिक सैंगर, (१३ अगस्त १९१८ - १९ नवम्बर २०१३) एक इंग्लिश जैवरसायनज्ञ थे। ये चौथे व्यक्ति थे, जिन्हें दो बार नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इन्होंने न्यूक्लिक अम्ल का अध्ययन किया, खासकर रीकम्बिनैन्ट डी.एन.ए, जिसके लिए उन्हें वॉल्टर गिल्बर्ट तथा फ्रेड्रिक सैंगर के साथ 1980 में रसायन विज्ञान का नोबेल पुरस्कार मिला। १९ नवम्बर २०१३ को उनका निधन हो गया। .

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फ्रेडेरिक राबिन्सन

इंग्लैंड के प्रधान मन्त्री।.

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फैनी बर्नी

फैनी बर्नी फैनी बर्नी (Fanny Burney / 13 जून 1752 – 6 जनवरी 1840) अंग्रेजी उपन्यासकार तथा नाटककार थीं। वे 'फ्रांसेज बर्नी' (Frances Burney) के नाम से भी जानी जाती हैं। विवाह के बाद वे मेडम डाब्ले (Madame d’Arblay) के नाम से भी जानी जाती थीं। उनकी पैनी दृष्टि मनुष्यों की त्रुटियों तथा हास्यापद विचित्रताओं को सहज ही लक्ष्य कर लेती थी और उनकी लेखनी कुशल चित्रकार की तूलिका के समान उनका समन्वय करके मनोरंजक चित्रों का सर्जन करती थी। इस तरह के व्यंग्यात्मक चित्र उनके उपन्यासों में भरे पड़े हैं। मैडम डाब्ले के उपन्यासों का महत्व ऐतिहासिक है क्योंकि उनमें स्त्रियों के स्वतंत्र दृष्टिकोण का समावेश है और घरेलू जीवन ही उनका केंद्रबिंदु है। उन्होंने उस परंपरा का श्रीगणेश किया जिसकी पराकष्ठा जेन आस्टिन की परिपक्व कृतियों मे पाई जाती है। .

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फैंटम (2015 फिल्म)

फैंटम'आतंकवाद निरोधी फ़िल्म है जिसे कबीर खान ने निर्देशित किया है और साजिद नाडियाडवाला ने निर्मित किया है। इसकी मुख्य भूमिका में सैफ अली खान व कैटरीना कैफ़ हैं। फ़िल्म 26/11 के मुंबई हमलों के बाद के घटनाक्रम और वैश्विक आतंकवाद के बारे में है। फ़िल्म की पटकथा मशहूर लेखक हुसैन ज़ैदी के साथ मिलकर लिखी गई है, और उनकी नवनिर्मित पुस्तक मुम्बई अवेंज़र्स पर आधारित है।फ़िल्म को 28 अगस्त 2015 को निर्गत (रिलीज़) करने की योजना है। .

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फोर्ट विलियम

फोर्ट विलियम कोलकाता में हुगली नदी के पूर्वी किनारे पर बना एक किला है, जिसे ब्रिटिश राज के दौरान बनवाया गया था। इसे इंग्लैंड के राजा विलियम तृतीय के नाम पर बनवाया गया था। इसके सामने ही मैदान है, जो कि किले का ही भाग है और कलकत्ता का सबसे बड़ा शहरी पार्क है। .

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फोर्ड के बोल्डविन

फोर्ड के बोल्डविन (कभी-कभी सिर्फ बोल्डविन 1125 - 19 नवम्बर 1190) 1185 से लेकर 1190 के बीच कैंटबरी के आर्कबिशप थे। एक पादरी के बेटे, बोल्डविन ने बोलोन्या, इटली में कैनन कानून और धर्मशास्त्र का अध्ययन किया और इंग्लैंड वापस लौटने व एक्सॅटर के बिशप का उत्तरोत्तर पद ग्रहण करने से पहले पोप यूजीन तृतीय के भतीजे के लिए अनुशिक्षक का कार्य किया।Holdsworth "" Oxford Dictionary of National Biography Bartlett England Under the Norman and Angevin Kings p. 509Barlow Thomas Becket p. 37 बोल्डविन की मृत्यु क्रूसेड में भाग लेते हुए पवित्र भूमि (ईसाई धर्म के अनुसार वर्तमान जॉर्डन नदी और भूमध्य सागर के बीच का संपूर्ण क्षेत्र) में हुई। बोल्डविन के अपने पादरी के साथ लंबे समय तक चले विवाद के कारण एक कालक्रमक ने इनका विवरण एक ऎसे व्यक्तित्व के रूप में की जिसने ईसाई धर्म को सलाउद्दीन से भी अधिक क्षति पहुँचाई थी।Gillingham Richard I pp.

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फोरेंसिक विज्ञान सेवा

फोरेंसिक विज्ञान सेवा (एफएसएस) यूनाइटेड किंगडम में एक सरकारी स्वामित्व वाली कंपनी है जो पुलिस बलों और इंग्लैंड और वेल्स की सरकारी एजेंसियों के लिए फोरेंसिक विज्ञान सेवाओं, साथ ही अन्य देशों प्रदान किया गया। ब्रिटेन सरकार ने दिसंबर २०१० में एफएसएस के बंद होने की घोषणा की, औचित्य के रूप में अप करने के लिए £2m की मासिक घाटा का हवाला देते हुए। एफएसएस अंत में मार्च २०१२/३१ मे बंद हुआ। एफएसएस अभिलेखागार - मामला फाइलों का एक संग्रह है और इस तरह खुर्दबीन स्लाइड, फाइबर नमूने और डीएनए के नमूने के रूप में बनाए रखा मामले काम के नमूने - पुराने मामलों की समीक्षा अनुमति देने के लिए रखा गया है। .

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फीड्रिक आगस्ट केकुले

फीड्रिक आगस्ट केकुले फीड्रिक आगस्ट केकुले (जर्मन: Friedrich August Kekule von Stradonitz; जर्मन उच्चारण:; 1829-1896 ई.) विख्यात रसायनशास्त्री। सन् १८५० से लेकर मृत्युपर्यन्त वे यूरोप के सबसे महान रसायनशास्त्री रहे। रासायनिक संरचना का सिद्धान्त मुख्यतः उनकी ही देन है। केकुले द्वारा प्रस्तुत बेंज़ीन संरचना संबंधी सिद्धांत कार्बनिक रसायन की महत्वपूर्ण कड़ी थी। .

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फीफा विश्व कप

फ़ीफा विश्व कप (प्रायः मात्र विश्व कप), फेडरेशन इंटरनेशनेल डी फुटबॉल एसोसिएशन (फीफा), खेल की वैश्विक शासी निकाय के सदस्यों के वरिष्ठ पुरुषों की राष्ट्रीय टीमों द्वारा खेली जाने वाली एक अंतरराष्ट्रीय संघ फुटबॉल प्रतियोगिता है। 1930 में उद्घाटन टूर्नामेंट के बाद हर चार साल से आयोजित किया जाता है, सिवाय 1942 और 1946 में, जब द्वितीय विश्व युद्ध के कारण से आयोजन नहीं किया जा सका था। मौजूदा चैंपियन ब्राज़ील में 2014 टूर्नामेंट जीतने वाले जर्मनी है। टूर्नामेंट के मौजूदा स्वरूप के बारे में एक महीने की अवधि में मेजबान देश के भीतर स्थानों पर खिताब के लिए प्रतिस्पर्धा में 32 टीमों को शामिल है, इस चरण में अक्सर विश्व कप के फाइनल में कहा जाता है। वर्तमान में पिछले तीन साल से अधिक जगह लेता है, जो एक योग्यता चरण, टीमें मेजबान देश के साथ टूर्नामेंट के लिए क्वालीफाई जो निर्धारित करने के लिए प्रयोग किया जाता है। 19 विश्व कप टूर्नामेंट के आठ विभिन्न राष्ट्रीय टीमों द्वारा जीता गया है। ब्राजील पांच बार जीता है और वे हर टूर्नामेंट में खेला है के लिए एक ही टीम हैं। चार खिताब प्रत्येक के साथ, इटली तथा जर्मनी, दो खिताब प्रत्येक के साथ अर्जेंटीना और ​उरुगुए और इंग्लैंड, फ्रांस और स्पेन, एक खिताब के साथ प्रत्येक। विश्व कप में दुनिया के सबसे व्यापक रूप से देखी जाने वाली खेल की घटनाओं में से एक है, एक अनुमान के अनुसार 71,51,00,000 लोगों को जर्मनी में आयोजित २००६ फीफा विश्व कप का फाइनल मैच देखा। .

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बर्नवेल मॅनर

बर्नवेल मैनर(Barnwell Manor), ग्लौकेस्टर के ड्यूक का ऐतिहासिक पूर्व निवास है। यह नॉर्थहैम्पटनशायर, इंग्लैंड के बर्नवेल गाँव के निकट स्थित है। इस एस्टेट में ऐतिहासिक बर्नवेल कासल भी स्थित है। जिसे १२६६ में बरेंजर ली मोएन ने बनवाया था। मोएन ने इस मकान को रैमसे ऐबी को १२७६ में बेच दिया था। इसे १५३६ तक इस ऐबी ने रखा था, जिसके बाद इसे राज को सौंप दिया गया। एलिज़ाबेथन काल का मैनर घर, यहाँ का मुख्य निवासशाला बन गया, जबकि बाकि के सारे रिहाइशी कमरे और किले के अन्य सारी ईमारतों को १७०४ में गिरा दिया गया था। मौजूद मकान में चार रिसेप्शन रूम और सात मुख्य शयनकक्ष हैं। यह एक ४०-कमरों वाला १८वीं सदी का मैनर घर है, जिसे मूलतः १५८६ में बनवाया गया था। यह २५०० एसर के एस्टेट पर स्थित है, जिसपर मलिकत्व, ग्लौकेस्टर के ड्यूक के पास है। .

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बर्मिंघम

बर्मिंघम का दक्षिण-पश्चिम से दृश्य। इसके आगे बार्ट्ले झील है बर्मिंघम इंगलैंड का एक शहर है। श्रेणी:इंगलैंड के शहर.

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बरॉक

पीटर पॉल रूबेंस द्वारा आराधना. जिआन लॉरेंजों बर्निनी द्वारा रूपांकित सैंट'एंड्रिया एल क्युरिनेल का चर्च. बरॉक (bə-), यूरोप में 16वीं सदी के अंत और 18वीं सदी के आरंभ में प्रचलित एक कलात्मक शैली है। इसे अधिकतर "मैनेरिस्ट और रोकोको युगों में यूरोप की एक प्रभावशाली शैली के रूप में परिभाषित किया जाता है, एक ऐसी शैली, जिसे गतिशील आन्दोलन, खुली भावना और आत्मविश्वासी अलंकार विद्या" के रूप में जाना जाता है। बरॉक शैली की लोकप्रियता और सफलता को रोमन कैथोलिक चर्च द्वारा प्रोत्साहित किया गया, जिसने प्रोटेस्टेंट सुधार की प्रतिक्रिया में, काउंसिल ऑफ ट्रेंट के समय यह निर्णय लिया था, कि कला को प्रत्यक्ष और भावनात्मक जुड़ाव के साथ धार्मिक प्रकरणों को संचारित करना चाहिए। अभिजात वर्ग ने भी बरॉक वास्तुकला की नाटकीय शैली और कला को आगंतुकों को प्रभावित करने और विजयी शक्ति और नियंत्रण को अभिव्यक्त करने वाले माध्यम के रूप में देखा। बरॉक महलों को परिसर के प्रवेश द्वार, भव्य सीढ़ियों और क्रमानुसार समृद्धि को बढ़ाने वाले स्वागत कक्ष के आस पास निर्मित किया जाता है। .

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बादाम

बादाम (अंग्रेज़ी:ऑल्मंड, वैज्ञानिक नाम: प्रूनुस डल्शिस, प्रूनुस अमाइग्डैलस) मध्य पूर्व का एक पेड़ होता है। यही नाम इस पेड़ के बीज या उसकी गिरि को भी दिया गया है। इसकी बड़े तौर पर खेती होती है। बादाम एक तरह का मेवा होता है। संस्कृत भाषा में इसे वाताद, वातवैरी आदि, हिन्दी, मराठी, गुजराती व बांग्ला में बादाम, फारसी में बदाम शोरी, बदाम तल्ख, अंग्रेजी में आलमंड और लैटिन में एमिग्ड्रेलस कम्युनीज कहते हैं। आयुर्वेद में इसको बुद्धि और नसों के लिये गुणकारी बताया गया है। भारत में यह कश्मीर का राज्य पेड़ माना जाता है। एक आउंस (२८ ग्राम) बादाम में १६० कैलोरी होती हैं, इसीलिये यह शरीर को उर्जा प्रदान करता है।|नीरोग लेकिन बहुत अधिक खाने पर मोटापा भी दे सकता है। इसमें निहित कुल कैलोरी का ¾ भाग वसा से मिलता है, शेष कार्बोहाईड्रेट और प्रोटीन से मिलता है। इसका ग्लाईसेमिक लोड शून्य होता है। इसमें कार्बोहाईड्रेट बहुत कम होता है। इस कारण से बादाम से बना केक या बिस्कुट, आदि मधुमेह के रोगी भी ले सकते हैं। बादाम में वसा तीन प्रकार की होती है: एकल असंतृप्त वसीय अम्ल और बहु असंतृप्त वसीय अम्ल। यह लाभदायक वसा होती है, जो शरीर में कोलेस्टेरोल को कम करता है और हृदय रोगों की आशंका भी कम करता है। इसके अलावा दूसरा प्रकार है ओमेगा – ३ वसीय अम्ल। ये भी स्वास्थवर्धक होता है। इसमें संतृप्त वसीय अम्ल बहुत कम और कोलेस्टेरोल नहीं होता है। फाईबर या आहारीय रेशा, यह पाचन में सहायक होता है और हृदय रोगों से बचने में भी सहायक रहता है, तथा पेट को अधिक देर तक भर कर रखता है। इस कारण कब्ज के रोगियों के लिये लाभदायक रहता है। बादाम में सोडियम नहीं होने से उच्च रक्तचाप रोगियों के लिये भी लाभदायक रहता है। इनके अलावा पोटैशियम, विटामिन ई, लौह, मैग्नीशियम, कैल्शियम, फास्फोरस भी होते हैं।। हिन्दी मीडिया.इन। २५ सितंबर २००९। मीडिया डेस्क .

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बार्नवेल, नॉर्थहेम्पटनशायर

बर्नवेल, इंग्लैंड के नॉर्थहेम्पटनशायर काउंटी के पूर्व नॉर्थहेम्पटनशायर जिला, में स्थित एक गाँव है। यह गाँव, लंदन से ७८ मील उत्तर, और पीटरबरो से १४ मील दक्षिण-पश्चिम की ओर स्थित है। नेने नामक नदी इसके उत्तर से गुज़रती है। निकटतम नगर ओण्डल है, जोकि २ मील उत्तर की और स्थित है। .

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बार्मी आर्मी

सिडनी क्रिकेट ग्राउंड में बार्मी आर्मी बार्मी आर्मी अंग्रेज क्रिकेट प्रशंसकों का एक अर्द्ध संगठित समूह है, जो अपने सदस्यों में से कुछ के लिए अंग्रेजी क्रिकेट टीम के विदेशी दौरों के दौरान, टीम का अनुसरण करने के लिए दौरा पार्टियों की व्यवस्था करती है। नाम टीम के उन अनुयायियों के लिए भी लागू होता है जो मैच के समय की गतिविधियों में शामिल होते हैं, परन्तु यह जरूरी नहीं कि वे संगठित दौरे के हिस्से के रूप में यात्रा करें। समूह को यह नाम ऑस्ट्रेलियाई मीडिया ने इंग्लैंड के 1994–95 ऑस्ट्रेलियाई दौरे के दौरान दिया था, उस समय समूह कम संगठित था। .

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बाह्य प्रत्यक्षवाद

अरस्तू जिसके दर्शन में बाह्य प्रत्यक्षवाद तत्व उपलब्ध हैं। बाह्य प्रत्यक्षवाद ज्ञानमीमांसा का एक सिद्धान्त है जिसके अनुसार बाह्य वस्तु का ज्ञान अनुमान से नहीं वरन् प्रत्यक्ष प्राप्त होता है। प्रत्यक्ष ज्ञान संभव माने बिना अनुमान नहीं लगाया जा सकता। यदि बाह्य वस्तु का प्रत्यक्ष कभी न हुआ हों, तो मानसिक प्रतिरूपों से बाह्य वस्तु का अस्तित्व सिद्ध ही नहीं हो सकता। इसलिए बाह्य वस्तु का ज्ञान अनिवार्य रूप से प्रत्यक्ष ही होता है। इंद्रियों के द्वारा जो कुछ दिखाई या सुनाई पड़ता है, बाह्य वस्तुएँ वैसी ही होती हैं। भारत में बौद्ध दर्शन की वैभाषिक शाखा के प्रवर्तक इस सिद्धांत को स्वीकार करते हैं। वे बाह्य वस्तु और मन दोनों का अस्तित्व मानते हैं। मन में बाह्य वस्तु का प्रत्यक्ष ज्ञान प्राप्त होता है। यह प्रत्यक्ष ज्ञान इंद्रियों के माध्यम से होता है। इंद्रियाँ बाह्य जगत् के साथ संपर्क में आकर उससे एक प्रकार का संस्कार प्राप्त करती हैं। वे उन संस्कारों के साथ चित्त को प्रबुद्ध कर उसमें चेतना उत्पन्न कर देती हैं। तभी चित्त में संसार के ज्ञान का उदय होता है। जो वस्तु इंद्रियग्राह्य नहीं है, उसे मन भी नहीं जान सकता। अत: इंद्रियातीत वस्तुओं की सत्ता (जैसे आत्मा) वैभाषिकों को स्वीकार नहीं है। पश्चिम में आधुनिक नव्यवस्तुवादी (नियो रियलिस्ट) भी बाह्यप्रत्यक्षवाद का समर्थन करते हैं। वस्तुवादी विचारधारा नई नहीं है और न बाह्यप्रत्यक्षवाद। मनुष्य स्वभाव से ही इस सिद्धांत को आदि काल से मानता आ रहा है। अरस्तू के दर्शन में इसके तत्व उपलब्ध हैं। संत टॉमस एक्विनस् ने १३वीं शताब्दी में इसका पुन: प्रतिपादन किया। आधुनिक युग में बाह्यप्रत्यक्षवादी विचारधारा जर्मनी में उदित हुई। वहाँ वस्तुवादी दार्शनिक फ्रेंज ब्रेंटानो, एलेकजेंडर मीनांग, एडमंड हसरल आदि ने बाह्य-प्रत्यक्षवाद का समर्थन किया। उनसे प्रभावित इंग्लैंड के दार्शनिक जी.

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बिधान चंद्र रॉय

डॉ॰ बिधान चंद्र राय (जुलाई १, १८८२ - जुलाई १, १९६२) चिकित्सक तथा स्वतंत्रता सेनानी थे। वे पश्चिम बंगाल के द्वितीय मुख्यमंत्री थे, १४ जनवरी १९४८ से उनकी म्रत्यु तक १४ वर्ष तक वे इस पद पर थे। उनके जन्मदिन १ जुलाई को भारत मे 'चिकित्सक दिवस' के रूप मे मनाया जाता है। उन्हे वर्ष १९६१ में भारत रत्न से सम्मनित किया गया। बिधान चंद्र के पूर्वज बंगाल के राजघराने से सम्बंधित थे और उन्होंने मुग़लों का जमकर मुकाबला किया डॉ बिधान चंद्र राय,कायस्थ महाराजा प्रतापदित्य के वंशज थे। .

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बिल टिल्मैन

मेजर हैरोल्ड विलियम बिल टिल्मै, CBE, DSO, MC एवं बार (१४ फ़रवरी १८९८–१९७७) एक इंग्लिश पर्वतारोही एवं अन्वेषक थे। इन्हें हिमालय पर्वतारोहण एवं सेलिंग वोयेज के लिये जाना जाता है। श्रेणी:इंग्लैंड के लोग श्रेणी:पर्वतारोही.

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बिल गोल्‍डबर्ग

विलियम स्‍कॉट "बिल" गोल्‍डबर्ग (जन्‍म 27 दिसम्बर 1966) एक सेवानिवृत्त अमेरिकी पेशेवर पहलवान हैं जिन्‍हें विश्व चैम्पियनशिप रेसलिंग (डबल्यू सी डबल्यू (WCW)) और विश्व रेसलिंग एंटरटेनमेंट (डबल्यू डबल्यू ई (WWE)) में अपने प्रदर्शन के लिए खास तौर पर जाना जाता है। वर्तमान में वह डीआईवाय (DIY) नेटवर्क के टेलीविज़न शो गैरेज महल के मेज़बान हैं। गोल्‍डबर्ग डबल्यू सी डबल्यू (WCW) में अपनी अपराजेय जीत के लिए मशहूर हैं, जहां उन्‍होंने लगातार अपने प्रतिद्वंद्वी पहलवानों को कुचला और अपने "हू'ज़ नेक्स्ट?" तकिया कलाम को लोकप्रिय बनाया.

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बिल ऑफ़ राइट्स, १६८९

बिल ऑफ़ राइट्स, यानि अधिकाओं का विधेयक, इंग्लैंड की संसद द्वारा १६ दिसंबर १६८९ में पारित एक अधिनियम था, जो संवैधानिक मामलों और नागरिक अधिकारों को स्थापित करता है। यह विधेयक मूलतः, कन्वेन्शन पार्लियामेंट(अनधिकृत-आहूत संसद) द्वारा राजा विलियम और रानी मैरी द्वितीय के समक्ष, फ़रवरी १६८९ को पेश किये गए डिक्लेरेशन ऑफ़ राइट्स(अधिकारों का घोषणापत्र) का ही एक सांविधिक रूप में पुनःकथित अवतार था। इसे इंग्लैंड के गौरवशाली क्रांति के बाद लाया गया था। इस डिक्लेरेशन द्वारा कन्वेंशन पार्लियामेंट ने विलियम और मैरी को इंग्लैंड पर साँझा रूप से शासन करने के लिए आमंत्रित किया था। बिल ऑफ़ राइट्स, संप्रभु के अधिकारों की सीमाएं तय करती है, और साथ ही संसद के अधिकारों को भी अंकित करती है। संसद के लिए निर्धारित किये गए अधिकारों में, नियमित संसदीय सत्र, मुक्त चुनाव और संसद में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता जैसे अदिकार शामिल किये गए थे। इसके अलावा यह कई नागरिक अधिकारों को भी स्थापित करता है, जिनमें, क्रूर और असामान्य दण्ड प्रदान करने पर रोक, और न्यायिक दायरे में प्रोटोस्टेंट लोगों को आत्मरक्षा हेतु शस्त्र रखने की अनुमति शामिल हैं। इसके अलावा यह, निष्कासित शासक, इंग्लैंड के जेम्स द्वितीय के अनेक "दुष्कर्मों" को अंकित करता है, और उनकी निंदा करता है। इस विधेयक में दिए गए प्रावधान, प्रसिद्ध राजनीतिक दार्शनिक, जॉन लॉक के विचारों को प्रदर्शित करते हैं, और पारित होने के साथ ही यह विचार, शीघ्र ही पूरे इंग्लैंड में लोकप्रिय हो गए। साथ ही यह राजमुकुट पर, संसद द्वारा प्रतिनिधित, जनता की मनोकामना के समकक्ष कार्य करने हेतु कई संवैधानिक आवश्यक्ताओं को अंकित करता है। ब्रिटेन में, मैगन कार्टा और कुछ अन्य अधिनियमों समेत, ब्रिटेन के असंहितबद्ध संविधान के मूल एवम् सबसे महत्वपूर्ण दस्तावेज़ों में से एक माना जाता है। साथ ही इस बिल को अमेरिकी अधिकार विधेयक की प्रेरणा भी माना जाता है। ऍक्ट ऑफ़ सेटलमेंट, १७०१ के साथ, बिल ऑफ़ राइट्स, ब्रिटेन समेत, तमाम १५ राष्ट्रमण्डल प्रदेशों में आज की तिथि तक लागू है। २०११ के पर्थ समझौते के बाद, इन दोनों को संशोधित करने हेतु विधान, सारे राष्ट्रमण्डल प्रदेशों में २६ मार्च २०१५ से पारित किया गया। इस अधिनियम का पूरा शीर्षक मूल में इस प्रकार दिया हुआ है- प्रजा के अधिकारों और स्वतंत्रता की घोषणा तथा सिंहासन का उत्तराधिकार व्यवस्थित करने वाला अधिनियम। ब्रिटिश लोकसभा द्वारा नियुक्त एक समिति ने अधिकार की घोषणा नामक जो पत्रक प्रस्तुत किया था और जिसे राजदंपति ने 19 फ़रवरी 1689 को अपनी स्वीकृति दी थी वही घोषणा इस अधिनियम की पूर्ववर्ती थी और इसकी धाराएँ प्रायः पूर्णतः उसके अनुरूप थीं। अधिकार की घोषणा में उन शर्तों का भी परिगणन था जिनके अनुसार राजदंपति को उत्तराधिकार मिला था और जिनका पालन करने की उन्होंने शपथ ली थी। इन दोनों अधिनियमों का प्रधान महत्व अंग्रेजी संविधान में राजकीय उत्तराधिकार निश्चित करने में है। .

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बिली मर्डोक

विलियम लॉयड मुर्डोच(William Lloyd Murdoch) (१८ अक्टूबर १८५४ - १८ फरवरी १९११) एक अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट खिलाड़ी थे जो ऑस्ट्रेलिया की राष्ट्रीय क्रिकेट टीम में खेला करते थे। इसके अलावा ये इंग्लैंड के लिए भी खेलते थे। बिली मुर्डोच ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट टीम की ओर से १६ टेस्ट मैचों में कप्तानी भी कर चुके है। इन्होंने यह कप्तानी १८८० से १८९० के बीच में की थी, जिसमें ऑस्ट्रेलियाई टीम ने इंग्लैंड का चार बार दौरा किया था। मुर्डोच १८९२ में इंग्लैंड टीम के लिए भी खेले थे। .

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बिली कूपर

बिली कूपर (Billy Cooper), जिन्हें बिली द ट्रम्पेट (Billy The Trumpet) के नाम से भी जाना जाता है, इंग्लैंड के एक क्रिकेट समर्थक हैं। ये सबसे अधिक अंग्रेज़ी क्रिकेट टीम के प्रशंसकों के समूह बार्मी आर्मी के ट्रम्पेट वादक के रूप में प्रसिद्ध हैं। .

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बिस्मार्क

250px ओटो एडुअर्ड लिओपोल्ड बिस्मार्क (1 अप्रैल 1815 - 30 जुलाई 1898), जर्मन साम्राज्य का प्रथम चांसलर तथा तत्कालीन यूरोप का प्रभावी राजनेता था। वह 'ओटो फॉन बिस्मार्क' के नाम से अधिक प्रसिद्ध है। उसने अनेक जर्मनभाषी राज्यों का एकीकरण करके शक्तिशाली जर्मन साम्राज्य स्थापित किया। वह द्वितीय जर्मन साम्राज्य का प्रथम चांसलर बना। वह "रीअलपालिटिक" की नीति के लिये प्रसिद्ध है जिसके कारण उसे "लौह चांसलर" के उपनाम से जाना जाता है। वह अपने युग का बहुत बड़ा कूटनीतिज्ञ था। अपने कूटनीतिक सन्धियों के तहत फ्रांस को मित्रविहीन कर जर्मनी को यूरोप की सर्वप्रमुख शक्ति बना दिया। बिस्मार्क ने एक नवीन वैदेशिक नीति का सूत्रपात किया जिसके तहत शान्तिकाल में युद्ध को रोकने और शान्ति को बनाए रखने के लिए गुटों का निर्माण किया। उसकी इस 'सन्धि प्रणाली' ने समस्त यूरोप को दो गुटों में बांट दिया। .

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बिग ब्रदर (टीवी सीरिज़)

बिग ब्रदर एक रियलिटी टेलीविजन शो है, जहां एक बड़े घर में लोगों का एक समूह एक साथ रहता है, बाहरी दुनिया से बिल्कुल अलग-थलग, लेकिन टेलीविजन कैमरों द्वारा उन्हें लगातार देखा जा रहा होता है। प्रत्येक सीरिज़ तीन महीने के करीब चलती है और इसमें आम तौर पर 15 से कम प्रतिभागी हुआ करते हैं। इस घर के सदस्य खुद को घर से होने वाले नियतकालिक निष्कासन से बचाते हुए एक नकद पुरस्कार जीतने की कोशिश करते हैं। जॉन डी मोल प्रोदुक्तिज़ (John de Mol Produkties) (इंडेमोल का एक स्वतंत्र भाग) नामक निर्माण संस्था के एक जबर्दस्त बहस-मुबाहिसे से इस शो का विचार 4 सितंबर 1997 सामने आया। 1999 में नीदरलैंड के वेरोनिका चैनल में पहले बिग ब्रदर का प्रसारण किया गया था। अगले साल से जर्मनी, पुर्तगाल, यूएसए (USA), यूके (UK), स्पेन, बेल्जियम, स्वीडन, स्विट्जरलैंड और इटली में इसका प्रसारण शुरू हुआ और इस तरह यह एक विश्वव्यापी हलचल बन गया।‍ तब से यह लगभग 70 देशों में प्राइम-टाइम हिट बना हुआ है। शो का नाम जॉर्ज ऑरवेल के 1949 के उपन्यास नाइंटीन एटी-फोर (Nineteen Eighty-Four) से लिया गया, यह एक ऐसे आतंकराज की कहानी है जिसमे बिग ब्रदर अपनी तानाशाही के निवासियों पर हमेशा उनके टेलीविजन सेट के जरिये जासूसी कर सकता है, इस नारे के साथ कि "बिग ब्रदर इज वाचिंग यू " (Big Brother is watching you) अर्थात तुम पर बिग ब्रदर की नज़र है। .

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बग़दाद

बगदाद एक प्रमुख नगर बग़दाद (بغداد) विश्व का एक प्रमुख नगर एवं ईराक की राजधानी है। इसका नाम ६०० ईपू के बाबिल के राजा भागदत्त पर पड़ा है। यह नगर 4,000 वर्ष पहले पश्चिमी यूरोप और सुदूर पूर्व के देशों के बीच, समुद्री मार्ग के आविष्कार के पहले कारवाँ मार्ग का प्रसिद्ध केंद्र था तथा नदी के किनारे इसकी स्थिति व्यापारिक महत्व रखती थी। मेसोपोटामिया के उपजाऊ भाग में स्थित बगदाद वास्तव में शांति और समृद्धि का केंद्र था। 9वीं शताब्दी के प्रारंभिक वर्षों में यह अपने चरमोत्कर्ष पर था। उस समय यहाँ प्रबुद्ध खलीफा की छत्रछाया में धनी व्यापारी एवं विद्वान लोग फले-फूले। रेशमी वस्त्र एवं विशाल खपरैल के भवनों के लिए प्रसिद्ध बगदाद इस्लाम धर्म का केंद्र रहा है। यहाँ का औसत ताप लगभग 23 डिग्री सें.

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बुद्धि परीक्षण

व्यक्ति केवल शारीरिक गुणों से ही एक दूसरे से भिन्न नहीं होते बल्कि मानसिक एवं बौद्धिक गुणों से भी एक दूसरे से भिन्न होते हैं। ये भिन्नताऐं जन्मजात भी होती हैं। कुछ व्यक्ति जन्म से ही प्रखर बुद्धि के तो कुछ मन्द बुद्धि व्यवहार वाले होते हैं। आजकल बुद्धि को बुद्धि लब्धि के रूप में मापते हैं जो एक संख्यात्मक मान है। बुद्धि परीक्षण का आशय उन परीक्षणों से है जो बुद्धि-लब्धि के रूप में केवल एक संख्या के माध्यम से व्यक्ति के सामान्य बौद्धिक एवं उसमें विद्यमान विभिन्न विशिष्ट योग्यताओं के सम्बंध को इंगित करता है। कौन व्यक्ति कितना बुद्धिमान है, यह जानने के लिए मनोवैज्ञानिकों ने काफी प्रयत्न किए। बुद्धि को मापने के लिए मनोवैज्ञानिकों ने मानसिक आयु (MA) और शारीरिक आयु (C.A.) कारक प्रस्तुत किये हैं और इनके आधार पर व्यक्ति की वास्तविक बुद्धि-लब्धि ज्ञात की जाती है। .

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बुरहानपुर

बुरहानपुर भारत के मध्य प्रदेश का एक प्रमुख शहर है। बुरहानपुर मध्य प्रदेश में ताप्ती नदी के किनारे पर स्थित एक नगर है। यह ख़ानदेश की राजधानी था। इसको चौदहवीं शताब्दी में ख़ानदेश के फ़ारूक़ी वंश के सुल्तान मलिक अहमद के पुत्र नसीर द्वारा बसाया गया। .

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बुलडॉग

बुलडॉग कुत्तों की एक प्रजाति का एक प्रचलित नाम है, जिसे इंगलिश बुलडॉग अथवा ब्रिटिश बुलडॉग भी कहा जाता है। बुलडॉग की अन्य प्रजातियों में अमेरिकन बुलडॉग अथवा फ्रेंच बुलडॉग भी होते हैं। बुलडॉग एक मजबूत व भारी कुत्ता होता है, जिसका चेहरा झुर्रियों से भरा तथा एक विशिष्ट चपटी नाक होती है। अमेरिकी केनेल क्लब (एकेसी), दि केनेल क्लब (ब्रिटेन) तथा यूनाइटेड केनेल क्लब (यूकेसी) द्वारा इनके प्रजनन सम्बन्धी मानकों की देखरेख की जाती है। .

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ब्यूमैरिस

वेल्स के एंजलसे में इस कैसल का निर्माण इंग्लैंड के राजा एडवर्ड प्रथम ने वेल्स को जीतने के अपने अभियान के अंतर्गत आरंभ करवाया था। एडवर्ड का बनवाया हुआ यह सबसे बड़ा और आखिरी कैसल था। निर्माण १२९५ में प्रारंभ हुआ लेकिन पूरा होने से पहले ही धन समाप्त हो गया (कैसल्स को लेकर आम तौर पर यही कहानी रही है)। लिहाजा यह आज तक उसी अधूरी अवस्था में पड़ा है। लेकिन इस अधूरेपन में भी अद्वितिय सुंदरता है। अपने जमाने में इसका निर्माण सैन्य कला का उतकृष्ठ नमूना माना जाता था। इसीलिए इसे विश्व विरासत की सूची में भी शामिल किया गया है। लेकिन संयोग की बात रही कि १७वीं सदी के गृह युद्ध के अलावा इस कैसल को कोई सैन्य हलचल का साक्षी बनने का अवसर न मिला। उत्तरी वेल्स में कैसल्स की भरमार है। ब्यूमैरिस से थोडी़ ही दूरी पर कॉनवी, हारलेख और कैर्नारफोन के कैसल्स के अलावा डोल्बाडार्न व डॉल्वीडेलन के दो छोटे रोमांटिक कैसल भी है। लेकिन ये सभी ब्यूमैरिस के आगे कहीं नहीं ठहरते। यहां प्रवेश के लिए ५.७५ डॉलर का शुल्क देना होता है।.

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ब्राम स्टोकर

अब्राहम "ब्राम" स्टोकर (Abraham "Bram" Stoker; जन्म ८ नवम्बर १८४७; मृत्यु २० अप्रैल १९१२) एक आयरिश उपन्यासकार व लघुकहानी लेखक थे जो १८९७ में लिखी पुस्तक ड्रैकुला के लिए लोकप्रिय है। अपने जीवनकाल के दौरान वे अभिनेता हेनरी आइर्विंग के निजी सेवक और ल्य्सुम थिएटर, लंदन के व्यापारिक मैनेजर के रूप में जाने जाते थे।.

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ब्रिटिश साम्राज्य

ब्रिटिश साम्राज्य एक वैश्विक शक्ति था, जिसके अंतर्गत वे क्षेत्र थे जिनपर ग्रेट ब्रिटेन का अधिकार था। यह एक बहुत बड़ा साम्राज्य था और अपने चरम पर तो विश्व के कुल भूभाग और जनसंख्या का एक चौथाई भाग इसके अधीन था। उस समय लगभग ५० करोड़ लोग ब्रिटिश ताज़ के नियंत्रण में थे। आज इसके अधिकांश सदस्य राष्ट्रमण्डल के सदस्य हैं और इस प्रकार आज भी ब्रिटिश साम्राज्य का ही एक अंग है। ब्रिटिश साम्राज्य का सबसे महत्वपूर्ण भाग था ईस्ट इंडिया ट्रेडिंग कंपनी जो एक छोटे व्यापार के साथ आरंभ की गई थी और बाद में एक बहुत बड़ी कंपनी बन गई जिसपर बहुत से लोग निर्भर थे। यह विदेशी कालोनियों और व्यापार पदों के द्वरा 16 वीं और 17 वीं सदी में इंग्लैंड द्वारा स्थापित किया गया| १९२१ में ब्रिटिश साम्राज्य सर्वाधिक क्षेत्र में फैला हुआ था। .

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ब्रिटिश संग्रहालय

ब्रिटिश संग्रहालय (British Museum, ब्रिटिश म्यूज़ियम), जो ब्रिटेन की राजधानी लंदन में स्थित है, दुनिया के सब से महान मानवीय इतिहास और सभ्यता के संग्रहालयों में से एक माना जाता है। इसके स्थाई संग्रह में ८० लाख से अधिक वस्तुएँ हैं जो हर महाद्वीप से लाई गई हैं और मनुष्य जाति की शुरुआत से आजतक की संस्कृति की झलकें दिखातीं हैं।,...

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ब्रिटिश ओलम्पिक संघ

ब्रिटिश ओलम्पिक संघ (British Olympic Association) ग्रेट ब्रिटेन और उत्तरी आयरलैंड की राष्ट्रीय ओलम्पिक समिति (एनओसी) है। .

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ब्रिटिश काल में भारत की अर्थव्यवस्था

१८९० में मुम्बई के कल्बादेवी रोड का एक दृष्य १९०९ में भारतीय रेलवे का मानचित्र १९४५ में हुगली का दृष्य बहुत प्राचीन काल से भारतवर्ष का विदेशों से व्यापार हुआ करता था। यह व्यापार स्थल मार्ग और जल मार्ग दोनों से होता था। इन मार्गों पर एकाधिकार प्राप्त करने के लिए विविध राष्ट्रों में समय-समय पर संघर्ष हुआ करता था। जब इस्लाम का उदय हुआ और अरब, फारस मिस्र और मध्य एशिया के विविध देशों में इस्लाम का प्रसार हुआ, तब धीरे-धीरे इन मार्गों पर मुसलमानों का अधिकार हो गया और भारत का व्यापार अरब निवासियों के हाथ में चला गया। अफ्रीका के पूर्वी किनारे से लेकर चीन समुद्र तक समुद्र तट पर अरब व्यापारियों की कोठियां स्थापित हो गईं। यूरोप में भारत का जो माल जाता था वह इटली के दो नगर जिनोआ और वेनिस से जाता था। ये नगर भारतीय व्यापार से मालामाल हो गए। वे भारत का माल कुस्तुन्तुनिया की मंडी में खरीदते थे। इन नगरों की धन समृद्धि को देखकर यूरोप के अन्य राष्ट्रों को भारतीय व्यापार से लाभ उठाने की प्रबल इच्छा उत्पन्न इस इच्छा की पूर्ति में सफल न हो सके। बहुत प्राचीन काल से यूरोप के लोगों का अनुमान था कि अफ्रीका होकर भारतवर्ष तक समुद्र द्वारा पहुंचने का कोई न कोई मार्ग अवश्य है। चौदहवीं शताब्दी में यूरोप में एक नए युग का प्रारंभ हुआ। नए-नए भौगोलिक प्रदेशों की खोज आरंभ हुई। कोलम्बस ने सन् 1492 ईस्वी में अमेरिका का पता लगाया और यह प्रमाणित कर दिया कि अटलांटिक के उस पार भी भूमि है। पुर्तगाल की ओर से बहुत दिनों से भारतवर्ष के आने के मार्ग का पता लगाया जा रहा था। अंत में, अनेक वर्षों के प्रयास के अनंतर सन् 1498 ई. में वास्कोडिगामा शुभाशा अंतरीप (cape of good hope) को पार कर अफ्रीका के पूर्वी किनारे पर आया; और वहाँ से एक गुजराती नियामक को लेकर मालाबार में कालीकट पहुंचा। पुर्तगालवासियों ने धीरे-धीरे पूर्वी व्यापार को अरब के व्यापारियों से छीन लिया। इस व्यापार से पुर्तगाल की बहुत श्री-वृद्धि हुई। देखा -देखी, डच अंग्रेज और फ्रांसीसियों ने भी भारत से व्यापार करना शुरू किया। इन विदेशी व्यापारियों में भारत के लिए आपस में प्रतिद्वंद्विता चलती थी और इनमें से हर एक का यह इरादा था कि दूसरों को हटाकर अपना अक्षुण्य अधिकार स्थापित करें। व्यापार की रक्षा तथा वृद्धि के लिए इनको यह आवश्यक प्रतीत हुआ कि अपनी राजनीतिक सत्ता कायम करें। यह संघर्ष बहुत दिनों तक चलता रहा और अंग्रेजों ने अपने प्रतिद्वंद्वियों पर विजय प्राप्त की और सन् 1763 के बाद से उनका कोई प्रबल प्रतिद्वंदी नहीं रह गया। इस बीच में अंग्रेजों ने कुछ प्रदेश भी हस्तगत कर लिए थे और बंगाल, बिहार उड़ीसा और कर्नाटक में जो नवाब राज्य करते थे वे अंग्रेजों के हाथ की कठपुतली थे। उन पर यह बात अच्छी तरह जाहिर हो गई थी कि अंग्रेजों ने कुछ प्रदेश भी हस्तगत कर लिए थे और बंगाल, बिहार उड़ीसा और कर्नाटक में जो नवाब राज्य करते थे वे अंग्रेजों के हाथ की कठपुतली थे। उन पर यह बात अच्छी तरह जाहिर हो गई थी कि अंग्रेजों का विरोध करने से पदच्युत कर दिए जाएंगे। यह विदेशी व्यापारी भारत से मसाला, मोती, जवाहरात, हाथी दांत की बनी चीजें, ढाके की मलमल और आबेरवां, मुर्शीदाबाद का रेशम, लखनऊ की छींट, अहमदाबाद के दुपट्टे, नील आदि पदार्थ ले जाया करते थे और वहां से शीशे का सामान, मखमल साटन और लोहे के औजार भारतवर्ष में बेचने के लिए लाते थे। हमें इस ऐतिहासिक तथ्य को नहीं भूलना चाहिए कि भारत में ब्रिटिश सत्ता का आरंभ एक व्यापारिक कंपनी की स्थापना से हुआ। अंग्रेजों की राजनीतिक महत्वाकांक्षा तथा चेष्टा भी इसी व्यापार की रक्षा और वृद्धि के लिए हुई थी। उन्नीसवीं शताब्दी के पहले इंग्लैंड का भारत पर बहुत कम अधिकार था और पश्चिमी सभ्यता तथा संस्थाओं का प्रभाव यहां नहीं के बराबर था। सन् 1750 से पूर्व इंग्लैंड में औद्योगिक क्रांति भी नहीं आरंभ हुई थी। उसके पहले भारत वर्ष की तरह इंग्लैंड भी एक कृषिप्रधान देश था। उस समय इंग्लैंड को आज की तरह अपने माल के लिए विदेशों में बाजार की खोज नहीं करनी पड़ती थी। उस समय गमनागमन की सुविधाएं न होने के कारण सिर्फ हल्की-हल्की चीजें ही बाहर भेजी जा सकती थीं। भारतवर्ष से जो व्यापार उस समय विदेशों से होता था, उससे भारत को कोई आर्थिक क्षति भी नहीं थी। सन् 1765 में जब ईस्ट इंडिया कंपनी को मुगल बादशाह शाह आलम से बंगाल, बिहार और उड़ीसा की दीवानी प्राप्त हुई, तब से वह इन प्रांतों में जमीन का बंदोबस्त और मालगुजारी वसूल करने लगी। इस प्रकार सबसे पहले अंग्रेजों ने यहां की मालगुजारी की प्रथा में हेर-फेर किया। इसको उस समय पत्र व्यवहार की भाषा फारसी थी। कंपनी के नौकर देशी राजाओं से फारसी में ही पत्र व्यवहार करते थे। फौजदारी अदालतों में काजी और मौलवी मुसलमानी कानून के अनुसार अपने निर्णय देते थे। दीवानी की अदालतों में धर्म शास्त्र और शहर अनुसार पंडितों और मौलवियों की सलाह से अंग्रेज कलेक्टर मुकदमों का फैसला करते थे। जब ईस्ट इंडिया कंपनी ने शिक्षा पर कुछ व्यय करने का निश्चय किया, तो उनका पहला निर्णय अरबी, फारसी और संस्कृत शिक्षा के पक्ष में ही हुआ। बनारस में संस्कृत कालेज और कलकत्ते में कलकत्ता मदरसा की स्थापना की गई। पंडितों और मौलवियों को पुरस्कार देकर प्राचीन पुस्तकों के मुद्रित कराने और नवीन पुस्तकों के लिखने का आयोजन किया गया। उस समय ईसाइयों को कंपनी के राज में अपने धर्म के प्रचार करने किया गया। उस समय ईसाइयों को कंपनी के राज में अपने धर्म के प्रचार करने की स्वतंत्रता नहीं प्राप्त थी। बिना कंपनी से लाइसेंस प्राप्त किए कोई अंग्रेज न भारतवर्ष में आकर बस सकता था और न जायदाद खरीद सकता था। कंपनी के अफसरों का कहना था कि यदि यहां अंग्रेजों को बसने की आम इजाजत दे दी जाएगी तो उससे विद्रोह की आशंका है; क्योंकि विदेशियों के भारतीय धर्म और रस्म-रिवाज से भली -भांति परिचित न होने के कारण इस बात का बहुत भय है कि वे भारतीयों के भावों का उचित आदर न करेंगे। देशकी पुरानी प्रथा के अनुसार कंपनी अपने राज्य के हिंदू और मुसलमान धर्म स्थानों का प्रबंध और निरीक्षण करती थी। मंदिर, मस्जिद, इमामबाड़े और खानकाह के आय-व्यय का हिसाब रखना, इमारतों की मरम्मत कराना और पूजा का प्रबंध, यह सब कंपनी के जिम्मे था। अठारहवीं शताब्दी के अंत से इंग्लैंड के पादरियों ने इस व्यवस्था का विरोध करना शुरू किया। उनका कहना था कि ईसाई होने के नाते कंपनी विधर्मियों के धर्म स्थानों का प्रबंध अपने हाथ में नहीं ले सकती। वे इस बात की भी कोशिश कर रहे थे कि ईसाई धर्म के प्रचार में कंपनी की ओर से कोई बाधा नहीं होनी चाहिए। उस समय देशी ईसाइयों की अवस्था बहुत शोचनीय थी। यदि कोई हिंदू या मुसलमान ईसाई हो जाता था तो उसका अपनी जायदाद और बीवी एवं बच्चों पर कोई हक नहीं रह जाता था। मद्रास के अहाते में देशी ईसाइयों को बड़ी-बड़ी नौकरियां नहीं मिल सकती थीं। इनको भी हिंदुओं के धार्मिक कृत्यों के लिए टैक्स देना पड़ता था। जगन्नाथ जी का रथ खींचने के लिए रथ यात्रा के अवसर पर जो लोग बेगार में पकड़े जाते थे उनमें कभी-कभी ईसाई भी होते थे। यदि वे इस बेगार से इनकार करते थे तो उनको बेंत लगाए जाते थे। इंग्लैंड के पादरियों का कहना था कि ईसाइयों को उनके धार्मिक विश्वास के प्रतिकूल किसी काम के करने के लिए विवश नहीं करना चाहिए और यदि उनके साथ कोई रियायत नहीं की जा सकती तो कम से कम उनके साथ वहीं व्यवहार होना चाहिए जो अन्य धर्माबलंबियों के साथ होता है। धीरे-धीरे इस दल का प्रभाव बढ़ने लगा और अंत में ईसाई पादरियों की मांग को बहुत कुछ अंश में पूरा करना पड़ा। उसके फलस्वरूप अपनी जायदाद से हाथ नहीं धोना पड़ेगा। ईसाइयों को धर्म प्रचार की भी स्वतंत्रता मिल गई। अब राज दरबार की भाषा अंग्रेजी हो गई और अंग्रेजी शिक्षा को प्रोत्साहन देने का निश्चय हुआ। धर्म-शास्त्र और शरह का अंग्रेजी में अनुवाद किया गया और एक ‘ला कमीश’ नियुक्त कर एक नया दंड़ विधान और अन्य नए कानून तैयार किए गए। सन् 1853 ई. में धर्म स्थानों का प्रबंध स्थानीय समितियां बनाकर उनके सुपुर्द कर दिया गया। सन् 1854 में अदालतों में जो थोड़े बहुत पंडित और मौलवी बच गए थे वे भी हटा दिए गए। इस प्रकार देश की पुरानी संस्थाएं नष्ट हो गईं और हिंदू और मुसलमानों की यह धारणा होने लगी कि अंग्रेज उन्हें ईसाई बनाना चाहते हैं। इन्हीं परिवर्तनों का और डलहौजी की हड़पने की नीति का यह फल हुआ कि सन् 1857 में एक बड़ी क्रांति हुई जिसे सिपाही विद्रोह कहते हैं। सन् 1857 के पहले ही यूरोप में औद्योगिक क्रांति हो चुकी थी। इस क्रांति में इंग्लैंड सबका अगुआ था; क्योंकि उसको बहुत-सी ऐसी सुविधाएं थीं जो अन्य देशों को प्राप्त नहीं थी। इंग्लैंड ने ही वाष्प यंत्र का आविष्कार किया। भारत के व्यापार से इंग्लैंड की पूंजी बहुत बढ़ गई थी। उसके पास लोहे और कोयले की इफरात थी। कुशल कारीगरों की भी कमी न थी। इस नानाविध कारणों से इंग्लैंड इस क्रांति में अग्रणी बना। इंग्लैंड के उत्तरी हिस्से में जहां लोहा तथा कोयला निकलता था वहां कल कारखाने स्थापित होने लगे। कारखानों के पास शहर बसने लगे। इंग्लैंड के घरेलू उद्योग-धंधे नष्ट हो गए। मशीनों से बड़े पैमाने पर माल तैयार होने लगा। इस माल की खपत यूरोप के अन्य देशों में होने लगी। देखा-देखी यूरोप के अन्य देशों में भी मशीन के युग का आरंभ हुआ। ज्यों-ज्यों यूरोप के अन्य देशों में नई प्रथा के अनुसार उद्योग व्यवसाय की वृद्धि होने लगी, त्यों-त्यों इंग्लैंड को अपने माल के लिए यूरोप के बाहर बाजार तलाश करने की आवश्यकता प्रतीत होने लगी। भारतवर्ष इंग्लैंड के अधीन था, इसलिए राजनीतिक शक्ति के सहारे भारतवर्ष को सुगमता के साथ अंग्रेजी माल का एक अच्छा-खासा बाजार बना दिया गया। अंग्रेजी शिक्षा के कारण धीरे-धीरे लोगों की अभिरुचि बदल रही थी। यूरोपीय वेशभूषा और यूरोपीय रहन-सहन अंग्रेजी शिक्षित वर्ग को प्रलोभित करने लगा। भारत एक सभ्य देश था, इसलिए यहां अंग्रेजी माल की खपत में वह कठिनाई नहीं प्रतीत हुई जो अफ्रीका के असभ्य या अर्द्धसभ्य प्रदेशों में अनुभूत हुई थी। सबसे पहले इस नवीन नीति का प्रभाव भारत के वस्त्र व्यापार पर पड़ा। मशीन से तैयार किए हुए माल का मुकाबला करना करघों पर तैयार किए हुए माल के लिए असंभव था। धीरे-धीरे भारत की विविध कलाएं और उद्योग नष्ट होने लगे। भारत के भीतरी प्रदेशों में दूर-दूर माल पहुंचाने के लिए जगह-जगह रेल की सड़कें निकाली गईं। भारत के प्रधान बंदरगाह कलकत्ता, बंबई और मद्रास भारत के बड़े-बड़े नगरों से संबद्ध कर दिए गए विदेशी व्यापार की सुविधा की दृष्टि से डलहौजी के समय में पहली रेल की सड़कें बनी थीं। इंगलैंड को भारत के कच्चे माल की आवश्यकता थी। जो कच्चा माल इन बंदरगाहों को रवाना किया जाता था, उस पर रेल का महसूल रियायती था। आंतरिक व्यापार की वृद्धि की सर्वथा उपेक्षा की जाती थी। इस नीति के अनुसार इंग्लैंड को यह अभीष्ट न था कि नए-नए आविष्कारों से लाभ उठाकर भारतवर्ष के उद्योग व्यवसाय का नवीन पद्धति से पुनः संगठन किया जाए। वह भारत को कृषि प्रधान देश ही बनाए रखना चाहता था, जिसमें भारत से उसे हर तरह का कच्चा माल मिले और उसका तैयार किया माल भारत खरीदे। जब कभी भारतीय सरकार ने देशी व्यवसाय को प्रोत्साहन देने का निश्चय किया, तब तब इंग्लैंड की सरकार ने उसके इस निश्चय का विरोध किया और उसको हर प्रकार से निरुत्साहित किया। जब भारत में कपड़े की मिलें खुलने लगीं और भारतीय सरकार को इंग्लैंड से आनेवाले कपड़े पर चुंगी लगाने की आवश्यकता हुई, तब इस चुंगी का लंकाशायर ने घोर विरोध किया और जब उन्होंने यह देखा कि हमारी वह बात मानी न जाएगी तो उन्होंने भारत सरकार को इस बात पर विवश किया कि भारतीय मिल में तैयार हुए कपड़े पर भी चुंगी लगाई जाए, जिसमें देशी मिलों के लिए प्रतिस्पर्द्धा करना संभव न हो। पब्लिक वर्क्स विभाग खोलकर बहुत-सी सड़के भी बनाई गईं जिसका फल यह हुआ कि विदेशी माल छोटे-छोटे कस्बों तथा गांवों के बाजारों में भी पहुंचने लगा। रेल और सड़कों के निर्माण से भारत के कच्चे माल के निर्यात में वृद्धि हो गई और चीजों की कीमत में जो अंतर पाया जाता था। वह कम होने लगा। खेती पर भी इसका प्रभाव पड़ा और लोग ज्यादातर ऐसी ही फसल बोने लगे जिनका विदेश में निर्यात था। यूरोपीय व्यापारी हिंदुस्तानी मजदूरों की सहायता से हिंदुस्तान में चाय, कहवा, जूट और नील की काश्त करने लगे। बीसवीं शताब्दी के पाँचवे दशक में भारतवर्ष में अग्रेजों की बहुत बड़ी पूँजी लगी हुई थी। पिछले पचास-साठ वर्षों में इस पूँजी में बहुत तेजी के साथ वृद्धि हुई। 634 विदेशी कंपनियां भारत में इस समय कारोबार कर रही थीं। इनकी वसूल हुई पूंजी लगभग साढ़े सात खरब रुपया थी और 5194 कंपनियां ऐसी थीं जिनकी रजिस्ट्री भारत में हुई थी और जिनकी पूंजी 3 खरब रुपया थी। इनमें से अधिकतर अंग्रेजी कंपनियां थीं। इंग्लैंड से जो विदेशों को जाता था उसका दशमांश प्रतिवर्ष भारत में आता था। वस्त्र और लोहे के व्यवसाय ही इंग्लैंड के प्रधान व्यवसाय थे और ब्रिटिश राजनीति में इनका प्रभाव सबसे अधिक था। भारत पर इंग्लैंड का अधिकार बनाए रखने में इन व्यवसायों का सबसे बड़ा स्वार्थ था; क्योंकि जो माल ये बाहर रवाना करते थे उसके लगभग पंचमांश की खपत भारतवर्ष में होती थी। भारत का जो माल विलायत जाता था उसकी कीमत भी कुछ कम नहीं थी। इंग्लैंड प्रतिवर्ष चाय, जूट, रुई, तिलहन, ऊन और चमड़ा भारत से खरीदता था। यदि केवल चाय का विचार किया जाए तो 36 करोड़ रुपया होगा। इन बातों पर विचार करने से यह स्पष्ट है कि ज्यों-ज्यों इंग्लैंड का भारत में आर्थिक लाभ बढ़ता गया त्यों-त्यों उसका राजनीतिक स्वार्थ भी बढ़ता गया। .

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ब्रिटेन

ब्रिटेन शब्द का प्रयोग हालाँकि आम तौर पर हिंदी में संयुक्त राजशाही अर्थात् यूनाइटेड किंगडम देश का बोध करने के लिए होता है, परंतु इसका उपयोग अन्य सन्दर्भों के लिए भी हो सकता है.

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ब्रिटेन के शासक

जेम्स द्वितीय और सातवीं (१४ अक्टूबर १६३३ -16 सितम्बर १७०१) था आयरलैंड और इंग्लैंड के राजा जेम्स द्वितीय और स्कॉटलैंड के राजा के रूप में जेम्स VII, के रूप में जब तक वह 1688 की गौरवशाली क्रांति में अपदस्थ किया गया 6 फरवरी 1685 से। वह के राज्यों इंग्लैंड, स्कॉटलैंड और आयरलैंड पर राज करने के लिए अंतिम रोमन कैथोलिक सम्राट था। चार्ल्स का दूसरा जीवित बेटा मैं, वह अपने भाई, चार्ल्स द्वितीय की मौत पर सिंहासन चढ़ा। ब्रिटेन के कट्टर राजनीतिक अभिजात वर्ग के सदस्यों के तेजी से उसे समर्थक फ्रेंच और समर्थक कैथोलिक होने और एक सिंगे बनने पर डिजाइन होने का संदेह है। जब वह एक कैथोलिक वारिस का उत्पादन किया, अग्रणी रईसों पर अपने कट्टर दामाद और भतीजे विलियम ऑरेंज नीदरलैंड, जो उसने 1688 की गौरवशाली क्रांति में से एक आक्रमण सेना देश के लिए कहा जाता है। जेम्स इंग्लैंड भाग गया (और इस प्रकार छोड़ा है करने के लिए आयोजित किया गया था)। उन्होंने अपने ज्येष्ठ, कट्टर बेटी मरियम और उनके पति विलियम ऑरेंज के द्वारा प्रतिस्थापित किया गया था। जेम्स को पुनर्प्राप्त करने के लिए एक गंभीर प्रयास किया अपने मुकुट से विलियम और मरियम जब वह 1689 में आयरलैंड में उतरा। जुलाई 1690 में बलों के बोय्ने की लड़ाई में विलियम द्वारा जेकोबीन की हार के बाद, जेम्स फ्रांस करने के लिए लौट आए। वह बाहर एक भिखारी के रूप में अपने जीवन के बाकी रहते थे उनके चचेरे भाई और सहयोगी, राजा लुई XIV द्वारा प्रायोजित एक कोर्ट में। जेम्स अंग्रेजी संसद और हिंदी रोमन कैथोलिक और प्रोटेस्टेंट, अंगरेज़ी स्थापना की इच्छाओं के खिलाफ के लिए धार्मिक स्वतंत्रता बनाने के लिए अपने प्रयास के साथ अपने संघर्ष के लिए सबसे अच्छा जाना जाता है। हालांकि, वह भी स्कॉटलैंड में प्रेस्बिटेरियन का उत्पीड़न जारी रखा। संसद अन्य यूरोपीय देशों में होने वाली थी के विकास के लिए, साथ ही इंग्लैंड के चर्च की कानूनी सर्वोच्चता के नुकसान का विरोध किया, उनकी विपक्ष क्या वे माना जाता है के रूप में पारंपरिक अंग्रेजी स्वतंत्रताओं की रक्षा करने के लिए एक मार्ग के रूप में देखा। यह तनाव बनाया जेम्स के चार-वर्षीय शासनकाल एक अंग्रेजी संसद और मुकुट, उसके बयान, अधिकार का विधेयक के पारित होने, और उसकी बेटी और उसके पति राजा और रानी के रूप में के विलय में जिसके परिणामस्वरूप के बीच वर्चस्व के लिए संघर्ष। .

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ब्रिटेन के शाही निवासों की सूची

यह ब्रिटेन के राजकीय निवासों की सूची है, इस पृष्ठ पर ब्रिटिश राजपरिवार के सदस्यों के विभिन्न राजकीय निवासों व महलों को सूचीबद्ध किया गया है, तथा पारंपरिक रूप से राजकितुंब के उस भवन में रहने का समय भी दिया गया है। ब्रिटेन में सारे राजकीय निवास, महल व किले, शासक की निजी संपत्ति नहीं होती है, सारे राजकीय निवास विधिक रूप से राजमुकुट की संपत्ति होते हैं, जिन्हें क्राउन एस्टेट कहा जाता है, इन्हें आधिकारिक तौर पर शासक के विश्वास में आवंटित किया जाता है। शासक स्वेच्छा से इन्हें बेच नहीं सकते हैं। इसके अलावा शासक व राजकुटुंब, निजी तौर पर महल को खरीद सकते है, या उत्तराधिकृत कर सकते हैं। .

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ब्रैंपटन

ब्रैंपटन (Brampton) कनाडा के सबसे बड़े राज्य ओण्टारियो के ग्रेटर टोरंटो एरिया का तीसरा सबसे बड़ा शहर है। यह पील की क्षेत्रीय नगर पालिका (रिज़नल मुंसीपाल्टी ऑफ पील) की सीट है। वर्ष 2011 में हुई जनगणना के अनुसार ब्रैंपटन की आबादी 523,911 थी, जो इसे कनाडा के अंदर नौवां सबसे बड़ा शहर बनाती है। औसत आयु 33.7 होने के कारण यह ग्रेटर टोरंटो एरिया का सबसे युवा समुदाय है। ब्रैंपटन की कनाडा में दक्षिण एशियाई लोगों की सबसे अधिक एकाग्रता है, इसकी 31.7% आबादी दक्षिण एशियाई मूल की है। ब्रैंपटन को 1853 में एक गाँव के रूप में निगमित किया गया था। इसका यह नाम इसे इंग्लैंड की कम्ब्रिया काउंटी के ब्रैंपटन ग्रामीण नगर से मिला था। एक समय में ब्रैंपटन कनाडा के फूलों के शहर (द फ्लॉवर टाउन ऑफ कैनेडा) के नाम से जाना जाता था। यह शीर्षक शहर में स्थित बड़े ग्रीनहाउस उद्योग के कारण मिला था। वर्तमान समय में शहर के प्रमुख आर्थिक क्षेत्रों में उन्नत विनिर्माण, खुदरा प्रशासन और संभार-तंत्र, सूचना और संचार प्रौद्योगिकी, खाद्य और पेय पदार्थ, जीवन विज्ञान और व्यापार सेवाएँ शामिल हैं। .

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ब्रेट ली

ब्रेट ली (जन्म 8 नवम्बर 1976 को वॉलोन्गॉन्ग, न्यू साउथ वेल्स में) एक ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट खिलाड़ी हैं। ऑस्ट्रेलियाई टेस्ट टीम में शामिल होने के बाद, ली को विश्व क्रिकेट में सबसे तेज गेंदबाजों में से एक के रूप में मान्यता मिली। अपने पहले दो वर्षों में से प्रत्येक में उन्होंने गेंद के साथ 20 से कम का औसत पाया, लेकिन उसके बाद से ज़्यादातर प्रारंभिक 30 अंक हासिल किया। वे एक पुष्ट क्षेत्ररक्षक हैं और उपयोगी निचले-क्रम के बल्लेबाज़, जिनका टेस्ट क्रिकेट में औसत 20 से अधिक रहा है। माइक हसी के साथ मिल कर, उन्होंने 2005-06 के बाद से एकदिवसीय मैचों में ऑस्ट्रेलिया के लिए सबसे अधिक 7वें विकेट की भागीदारी (123) का रिकॉर्ड संभाल रखा है। .

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ब्रेट हार्ट

ब्रेट सार्जेंट हार्ट (जन्म 2 जुलाई 1957) एक कनाडाई पेशेवर तथा शौकिया पहलवान और लेखक हैं, जिन्होंने वर्तमान में रॉ (Raw) ब्रैंड पर आकर वर्ल्ड रेसलिंग एंटर्टेनमेंट (डबल्यू डबल्यू ई (WWE)) को साइन किया है। अमेरिका में अपने करियर के दौरान उन्होंने ब्रेट “हिटमैन” हार्ट के रूप में कुश्तियां लड़ीं.

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बृजेश सिंह

कुंवर बृजेश सिंह (म्रत्यु- ३१ अक्टूबर १९६६) कालाकांकर राजघराने से भारतीय कम्युनिस्ट नेता थे। वे भारत के भूतपूर्व विदेश मंत्री राजा दिनेश सिंह के चाचा थे। रूस के तानाशाह स्टालिन की बेटी स्वेतलाना एलिल्युयेवा और कालाकांकर के राजकुमार ब्रजेश सिंह के प्रेम प्रकरण ६० के दशक का चर्चित और विवादित मुद्दा रहा। अपनी बेटी स्वेतलाना एलिल्युयेवा को गोद में उठाये जोसेफ स्तालिन स्वेतलाना रूसी तानाशाह जोसेफ स्तालिन की सबसे छोटी बेटी थी और शायद स्तालिन की सबसे प्रिय संतान भी। बृजेश सिंह भारतीय कम्युनिस्ट नेता थे और इलाज करवाने रूस गए थे। बृजेश सिंह कालाकांकर के राजघराने से थे और उनके भतीजे दिनेश सिंह केंद्र सरकार में मंत्री रहे थे। बृजेश सिंह काफी पढ़े-लिखे, नफीस और सौम्य व्यक्ति थे और उनसे स्वेतलाना का प्रेम संबंध हो गया। लेकिन सोवियत सरकार ने उन्हें शादी की अनुमति नहीं दी। बृजेश सिंह की मृत्यु १९६७ में मास्को में हो गई और उनका शव लेकर स्वेतलाना भारत आईं। नई दिल्ली में वह सोवियत अधिकारियों और जासूसों को चकमा देकर अमेरिकी दूतावास पहुंच गईं। उन्होंने अमेरिका में राजनीतिक शरण मांगी और बाद में अमेरिका और इंग्लैंड में रहीं। यह शीत युद्ध के चरम का वह दौर था और तब स्तालिन की बेटी का अमेरिका से शरण मांगना और सोवियत व्यवस्था को नकार देना बहुत बड़ी खबर थी। भारत में यह संवेदनशील मुद्दा इसलिए था कि स्वेतलाना ने भारत आकर यह किया था और तब भारत के सोवियत संघ और अमेरिका दोनों से अच्छे रिश्ते थे। भारत पूरी तरह सोवियत कैंप में नहीं गया था, लेकिन भारतीय विदेश नीति का झुकाव सोवियत संघ की ओर था। अमेरिका भी इसे तूल नहीं देना चाहता था, क्योंकि तब अमेरिका-रूस संबंधों में थोड़ी बेहतरी आने लगी थी। ऐसे में स्वेतलाना को पहले स्विट्जरलैंड भेजा गया और वहां से कुछ समय बाद वह अमेरिका गईं। यह कहानी इस बात का भी प्रमाण है कि राजनीति और विचारधारा के झगड़े किसी की व्यक्तिगत जिंदगी को कितना प्रभावित करते हैं। बृजेश और स्वेतलाना के मामले में यह इसलिए भी महत्वपूर्ण था, क्योंकि वह २०वीं शताब्दी के सबसे विवादास्पद व्यक्तित्वों में से एक की संतान थी। तानाशाह स्टालिन की बेटी स्वेतलाना ने कालाकांकर के राजकुमार ब्रजेश सिंह से रिश्तों की पींगें बढ़ाई थीं, तब भूचाल उठ खड़ा हुआ था। भारत और सोवियत संघ की दोस्ती शुरुआती दौर में थी और उसके तन्तुओं को अभी मजबूत होना बाकी था। पर सियासत अपनी जगह, प्यार अपनी जगह। दोनों ने जिंदगी के अंतिम समय तक प्रेम की रीति को निभाया। ब्रजेश सिंह की मृत्यु के बाद स्वेतलाना उनकी अस्थियों को लेकर भारत आई थीं। उन्हें मालूम था कि हम हिन्दुस्तानियों की सबसे बड़ी इच्छा गंगा की गोद में विलीन हो जाना ही होती है। बाद में अप्रैल १९६७ में एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने कहा था कि मैं ब्रजेश सिंह की पत्नी हूँ। .

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बैटमैन (1989 फ़िल्म)

बैटमैन, डीसी कॉमिक में इसी नाम के एक चरित्र पर आधारित 1989 की एक सुपरहीरो फिल्म है, जिसका निर्देशन टिम बर्टन द्वारा किया गया है। फिल्म में शीर्षक भूमिका में माइकल कीटन हैं साथ ही अन्य प्रमुख कलाकारों में जैक निकल्सन, किम बेसिंगर, रॉबर्ट वूल और जैक पालांस हैं। यह फिल्म, जिसमें बैटमैन का सामना "द जोकर" नाम के उभरते हुए शक्तिशाली खलनायक से होता है, वार्नर ब्रदर्स की बैटमैन फिल्म श्रृंखला की पहली कड़ी है। बर्टन के निर्देशक के रूप में चुनाव होने के बाद, सैम हैम द्वारा इसकी पहली पटकथा लिखने से पहले स्टीव एंगलहार्ट और जूली हिकसन ने फिल्म की कुछ कड़ियों को लिखा.

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बैम्बर्ग कैसल

इंग्लैंड के नॉर्दमबरलैंड में उतरी सागर के किनारे यह कैसल ५ वीं सदी से खडा है। १२ वीं सदी में ब्रिटेन के राजा हेनरी द्वितीय ने इस पर अपना अधिकार कर लिया। बाद में विक्टोरिया के एक संपन्न उद्योगपति विलियम आर्मस्ट्रांग ने इसे खरीद लिया। इस कैसल पर अब भी आर्मस्ट्रांग के वारिसों का नियंत्रण है। इसकी सुंदरता कई फिल्मकारों को शूटिंग के लिए लुभा चुकी है। इनमें रोमन पोलांस्की की १९७१ में बनी मैकबेथ भी शामिल है। यहां आर्मस्ट्रांग संघ्रालय भी है जो एक दक्ष अभियंता के रूप में आर्मस्ट्रांग की योग्यता के कई नमूने प्रस्तुत करता है। यह कैसल आम लोगों के लिए मार्च से अक्टूबर तक खुलाता है। यहां पर होली आइलैंड पर स्थित लिंडिसफेर्न कैसल भी कम भव्य नहीं और इसका भी मुंह समुद्र की ओर है। लेकिन इस कैसल पर तभी पहुंचा जा सकता है जब समुद्र में भाटा हो क्योंकि ज्वार के समय इस द्वीप को मुख्य क्षेत्र से जोडने वाला रास्ता पानी में डूब जाता है। बैम्बर्ग कैसल में प्रवेश के लिए १०.७५ डॉलर का शुल्क देना होता है। .

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बैरी जॉन

बैरी जॉन (जन्म: १९४४) (Barry John) ब्रिटेन में जन्मे एक भारतीय थियेटर निर्देशक और शिक्षक हैं, जो कि दिल्ली में स्थित शुरुआती थियेटर समूहों में से एक, थिएटर एक्शन ग्रुप (टीएजी) (१९७३) के संस्थापक-निदेशक रह चुके हैं। १९९७ में उन्होंने संजय सुगितभ के साथ मिलकर दिल्ली में इमागो मीडिया कंपनी और इमागो एक्टिंग स्कूल खोला था; दोनों ही मार्च २००७ में मुंबई स्थानांतरित कर दिए गए। इस स्कूल से उन्हें काफी प्रसिद्धि मिली, क्योंकि उनके कुछ छात्र आगे चलकर बॉलीवुड अभिनेता बने, जिनमें शाहरुख खान, मनोज वाजपेयी, समीर सोनी, शाइनी आहूजा, और फ्रीडा पिंटो प्रमुख हैं। १९९३ में उन्हें संगीत नाटक अकादमी द्वारा साहित्य कला परिषद पुरस्कार और संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। वह १९६९ के बाद से ही भारत में रह रहे हैं। मुंबई के अंधेरी में उनका एक अभिनय स्कूल स्थित है, जिसका नाम 'द बैरी जॉन एक्टिंग स्टूडियो' है। .

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बैले

बैले नर्तकियों का चित्र, 1872 में एडगर डेगास द्वारा. बैले एक तरह का प्रदर्शन नृत्य है जिसकी उत्पत्ति 15वीं शताब्दी में इतालवी नवजागरण न्यायालयों में हुई और आगे चलकर फ्रांस, इंग्लैंड और रूस में इसे एक समारोह नृत्य शैली के तौर पर और अधिक विकसित किया गया। इसकी शुरुआत रंगमंचों से पहले हुई और इन्हें बड़े कक्षों में प्रदर्शित किया जाता था जहां ज्यादातर दर्शक, पंक्तियों अथवा दीर्घाओं में डांस फ्लोर के तीनों ओर बैठे होते थे। इसके बाद से यह स्वयं की शब्दावली वाली बेहद तकनीकी नृत्य शैली बन गई। मुख्य तौर पर इसे शास्त्रीय संगीत के साथ ही प्रदर्शित किया जाता है और एक नृत्य के रूप में यह पूरे विश्व में काफी प्रभावशाली है। पूरे विश्व के बैले स्कूलों में बैले नृत्य सिखाया जाता है जहां लोग अपनी संस्कृति और समाज के माध्यम से इस कला के बारे में बताते हैं। बैले नृत्य प्रशिक्षित कलाकारों द्वारा कोरियोग्राफ और प्रदर्शित किया जाता है, जिसमें मसखरी और अभिनय करना भी शामिल है और जो संगीत पर तैयार होता है (आमतौर पर ऑर्केसट्रा के संगीत पर लेकिन कभी-कभार मौखिक भी होता है).

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बैंक

जर्मनी के फ्रैंकफुर्त में डश-बैंक बैंक (Bank) उस वित्तीय संस्था को कहते हैं जो जनता से धनराशि जमा करने तथा जनता को ऋण देने का काम करती है। लोग अपनी अपनी बचत राशि को सुरक्षा की दृष्टि से अथवा ब्याज कमाने के हेतु इन संस्थाओं में जमा करते और आवश्यकतानुसार समय समय पर निकालते रहते हैं। बैंक इस प्रकार जमा से प्राप्त राशि को व्यापारियों एवं व्यवसायियों को ऋण देकर ब्याज कमाते हैं। आर्थिक आयोजन के वर्तमान युग में कृषि, उद्योग एवं व्यापार के विकास के लिए बैंक एवं बैंकिंग व्यवस्था एक अनिवार्य आवश्यकता मानी जाती है। राशि जमा रखने तथा ऋण प्रदान करने के अतिरिक्त बैंक अन्य काम भी करते हैं जैसे, सुरक्षा के लिए लोगों से उनके आभूषणादि बहुमूल्य वस्तुएँ जमा रखना, अपने ग्राहकों के लिए उनके चेकों का संग्रहण करना, व्यापारिक बिलों की कटौती करना, एजेंसी का काम करना, गुप्त रीति से ग्राहकों की आर्थिक स्थिति की जानकारी लेना देना। अत: बैंक केवल मुद्रा का लेन देन ही नहीं करते वरन् साख का व्यवहार भी करते हैं। इसीलिए बैंक को साख का सृजनकर्ता भी कहा जाता है। बैंक देश की बिखरी और निठल्ली संपत्ति को केंद्रित करके देश में उत्पादन के कार्यों में लगाते हैं जिससे पूँजी निर्माण को प्रोत्साहन मिलता है और उत्पादन की प्रगति में सहायता मिलती है। भारतीय बैंकिग कंपनी कानून, १९४९ के अंतर्गत बैंक की परिभाषा निम्न शब्दों में दी गई हैं: एक ही बैंक के लिए व्यापार, वाणिज्य, उद्योग तथा कृषि की समुचित वित्तव्यवस्था करना असंभव नहीं तो कठिन अवश्य होता है। अतएव विशिष्ट कार्यों के लिए अलग अलग बैंक स्थापित किए जाते हैं जैसे व्यापारिक बैंक, कृषि बैंक, औद्योगिक बैंक, विदेशी विनिमय बैंक तथा बचत बैंक। इन सब प्रकार के बैंकों को नियमपूर्वक चलाने तथा उनमें पारस्परिक तालमेल बनाए रखने के लिए केंद्रीय बैंक होता है जो देश भर की बैंकिंग व्यवस्था का संचालन करता है। समय के साथ कई अन्य वित्तीय गतिविधियाँ जुड़ गईं। उदाहरण के लिए बैंक वित्तीय बाजारों में महत्वपूर्ण खिलाडी हैं और निवेश फंड जैसे वित्तीय सेवाओं की पेशकश कर रहे हैं। कुछ देशों (जैसे जर्मनी) में बैंक औद्योगिक निगमों के प्राथमिक मालिक हैं, जबकि अन्य देशों (जैसे संयुक्त राज्य अमेरिका) में बैंक गैर वित्तीय कंपनियों स्वक्मित्व से निषिद्ध रहे हैं। जापान में बैंक को आमतौर पर पार शेयर होल्डिंग इकाई (ज़ाइबत्सू) के रूप में पहचाना जाता है। फ़्रांस में अधिकांश बैंक अपने ग्राहकों को बिमा सेवा प्रदान करते हैं। .

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बेन डकेट

बेन मैथ्यू डकेट (Ben Matthew Duckett) (जन्म १७ अक्तूबर १९९४,फार्नबोरो,केंट,इंग्लैंड में) एक अंतर्राष्ट्रीय स्तर के क्रिकेट खिलाड़ी है जो कि इंग्लैंड की राष्ट्रीय क्रिकेट टीम के लिए खेलते हैं। ये घरेलू क्रिकेट में नॉर्थम्प्टनशायर काउंटी क्रिकेट टीम के लिए खेलते है। बेन डकेट एक बल्लेबाजी और विकेट-कीपर की भूमिका निभाते हैं। इन्होंने अपने टेस्ट क्रिकेट कैरियर की शुरुआत २० अक्टूबर २०१६ को बांग्लादेश क्रिकेट टीम के खिलाफ की थी जबकि वनडे का पहला मैच भी बांग्लादेश के ही खिलाफ ६ अक्तूबर २०१६ को खेला था। .

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बेन किंग्सले

सर बेन किंग्सले (Sir Ben Kingsley) (जन्म कृष्ण पंडित भांजी; ३१ दिसम्बर १९४३) एक अंग्रेज़ अभिनेता है जिन्हें अकादमी पुरस्कार, बाफ्टा, गोल्डन ग्लोब पुरस्कार और स्क्रीन एक्टर्स गिल्ड अवार्ड्स से नवाज़ा जा चूका है। वे १९९८ में बनी फ़िल्म गाँधी में मोहनदास गाँधी की भूमिका के लिए जाने जाते है जिसके लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का अकादमी पुरस्कार प्रदान किया गया था। उन्होंने शिंडलर्स लिस्ट (१९९३), सेक्सी बिस्ट (२०००), हाउस ऑफ़ सैंड एंड फोग (२००३) और ह्यूगो (२०११) जैसी फ़िल्मों में भी अभिनय किया है। .

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बेन्ड इट लाइक बेकहम

बेन्ड इट लाइक बेकहम परमिंदर नागरा, केइरा नाइटली और आर्ची पंजाबी अभिनीत 2002 की एक हास्य-नाटकीय फिल्म है, जो सबसे पहले यूनाइटेड किंगडम में रिलीज हुई.

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बेराइट

बेराइट बेराइट (Barite या Baryte) एक खनिज है जिसमें बेरियम सल्फेट (BaSO4) पाया जाता है। इसका रंग सफेद या लाल, चमक काचोपम, कठोरता ३-३.५ तथा आपेक्षिक घनत्व ४.५ होता है। यह खनिज ऑर्थोरौबिक समुदाय में क्रिस्टलीकृत होता है। आंध्र प्रदेश के कड़प्पा जिले की मंगमपेट खान इसके लिए प्रशिद्द है। .

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बेसाइड कोम्प्रेहेंसिव स्कूल

बेसाइड कोम्प्रेहेंसिव स्कूल (Bayside Comprehensive School), साधारण रूप से बेसाइड, ब्रिटिश प्रवासी शासित प्रदेश जिब्राल्टर में स्थित लड़को का एक व्यापक विद्यालय है। यह विशेष लड़को के लिए जिब्राल्टर में बने दो माध्यमिक विद्यालयों में से एक है। इसमें आठ से तेरह वर्ष के बीच की शिक्षा प्राप्त करने वाले बच्चे (उम्र बारह से अठारह के बीच) पढ़ते हैं। विद्यालय का निर्माण 1972 में चार पृथक विद्यालयों को मिला कर किया गया था। इसका पाठ्यक्रम यूनाईटेड किंगडम की शिक्षा प्रणाली पर आधारित है तथा यहाँ आधुनिक शिक्षा संरचना अनुसार विभिन्न सुविधाएँ विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। .

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बेंजामिन फ्रैंकलिन

बेंजामिन फ्रैंकलिन (17 अप्रैल 1790) संयुक्त राज्य अमेरिका के संस्थापक जनकों में से एक थे। एक प्रसिद्ध बहुश्रुत, फ्रैंकलिन एक प्रमुख लेखक और मुद्रक, व्यंग्यकार, राजनीतिक विचारक, राजनीतिज्ञ, वैज्ञानिक, आविष्कारक, नागरिक कार्यकर्ता, राजमर्मज्ञ, सैनिक, और राजनयिक थे। एक वैज्ञानिक के रूप में, बिजली के सम्बन्ध में अपनी खोजों और सिद्धांतों के लिए वे प्रबोधन और भौतिक विज्ञान के इतिहास में एक प्रमुख शख्सियत रहे। उन्होंने बिजली की छड़, बाईफोकल्स, फ्रैंकलिन स्टोव, एक गाड़ी के ओडोमीटर और ग्लास 'आर्मोनिका' का आविष्कार किया। उन्होंने अमेरिका में पहला सार्वजनिक ऋण पुस्तकालय और पेंसिल्वेनिया में पहले अग्नि विभाग की स्थापना की। वे औपनिवेशिक एकता के शीघ्र प्रस्तावक थे और एक लेखक और राजनीतिक कार्यकर्ता के रूप में, उन्होंने एक अमेरिकी राष्ट्र के विचार का समर्थन किया। अमेरिकी क्रांति के दौरान एक राजनयिक के रूप में, उन्होंने फ्रेंच गठबंधन हासिल किया, जिसने अमेरिका की स्वतंत्रता को संभव बनाने में मदद की। फ्रेंकलिन को अमेरिकी मूल्यों और चरित्र के आधार निर्माता के रूप में श्रेय दिया जाता है, जिसमें बचत के व्यावहारिक और लोकतांत्रिक अतिनैतिक मूल्यों, कठिन परिश्रम, शिक्षा, सामुदायिक भावना, स्व-शासित संस्थानों और राजनीतिक और धार्मिक स्वैच्छाचारिता के विरोध करने के संग, प्रबोधन के वैज्ञानिक और सहिष्णु मूल्यों का समागम था। हेनरी स्टील कोमगेर के शब्दों में, "फ्रैंकलिन में प्यूरिटनवाद के गुणों को बिना इसके दोषों के और इन्लाईटेनमेंट की प्रदीप्ति को बिना उसकी तपिश के समाहित किया जा सकता है।" वाल्टर आईज़ेकसन के अनुसार, यह बात फ्रेंकलिन को, "उस काल के सबसे निष्णात अमेरिकी और उस समाज की खोज करने वाले लोगों में सबसे प्रभावशाली बनाती है, जैसे समाज के रूप में बाद में अमेरिका विकसित हुआ।" फ्रेंकलिन, एक अखबार के संपादक, मुद्रक और फिलाडेल्फिया में व्यापारी बन गए, जहां पुअर रिचार्ड्स ऑल्मनैक और द पेन्सिलवेनिया गजेट के लेखन और प्रकाशन से वे बहुत अमीर हो गए। फ्रेंकलिन की विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में दिलचस्पी थी और अपने प्रसिद्ध प्रयोगों के लिए उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त की.

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बे्रन्डा बुत्तनर

बे्रन्डा बुत्तनर (22 मई, 1961 – 20 फरवरी, 2017) एक वरिष्ठ व्यापार संवाददाता और बैल और भालू, फॉक्स समाचार चैनल पर मेजबान थीं । वह अक्सर यॉर वर्ल्ड विद नील कावुतो में भी  आती थीं।  बुत्तनर का जन्म सैन फ्रांसिस्को, कैलिफोर्निया में हुआ। उन्होंने हार्वर्ड विश्वविद्यालय से 1983 में एक स्नातक की डिग्री, सामाजिक अध्ययन में  स्नातक किया। उसके बाद उन्होंने रोड्स विद्वान की तरह बल्लीओल कॉलेज, ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय, इंग्लैंड में दो साल गुजारे, जहां पर उन्होंने उच्च सम्मान के साथ स्नातक की उपाधि प्राप्त की और एक बी. ए., राजनीति और अर्थशास्त्र में प्राप्त की।  अपनी पढ़ाई ऑक्सफोर्ड में पूरी करने के बाद, बुत्तनर रेनो, नेवादा में रहने के लिए चली गयीं, जहां उन्होंने अपना टीवी कैरियर, एनबीसी सहबद्ध KCRL-टीवी पर शुरू करा।  वह चक्र विश्व पत्रिका, एक उत्साही मोटर साइकिल प्रकाशन, में एक पूर्व फीचर संपादक थीं।  फॉक्स समाचार से पहले, बुत्तनर ने सीएनबीसी का पैसे क्लब  में मेज़बानी की हैऔर एक वाशिंगटन संवाददाता के रूप में 1990 से 1993 और सामान्य संवाददाता 1995 से 1998 केबल आउटलेट के लिए सेवा की है। उन्हें अपने काम के लिए कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया, जिनमें एक केबल इक्का पुरस्कार 1996 में सबसे अच्छा व्यापार प्रोग्रामिंग (द मनीक्लब)  के लिए , और एक राष्ट्रीय बिगुल पुरस्कार 1990 में सबसे अच्छा समाचार कहानी के लिए, भी शामिल हैं। इसके अलावा, उनके व्यक्तिगत वित्त में लिखे लेख लोकप्रिय प्रकाशनों जैस द न्यूयॉर्क टाइम्स और देवियों होम जर्नल  में प्रकाशित किये गए हैं। वह रिजवुड, न्यू जर्सी की निवासी थीं। उनकी 55 साल की उम्र में 20 फरवरी 2017 को, कैंसर से मृत्यू हुई। .

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बॅगशॉट् पार्क

बॅगशॉट् पार्क या बैगशॉट्, बर्कशायर, इंग्लैंड के बॅगशॉट् गाँव में स्थित एक शाही निवास है। यह विंड्सर, बर्कशायर से करीब ११ मील दक्षिण की ओर स्थित है। यह मुकुटिया संपदाओं की संपत्ति है। यह वसेक्स के अर्ल, राजकुमार एडवर्ड और बेसिक्स की काउंटेस सोफ़ी का निवास है। यह विंडसर ग्रेट पार्क में एक निर्धारित २१ हेक्टेयर की भूमि पर स्थित है। यह यॉर्क के ड्यूक, एंड्रू और डचेस सारा के आवास सनिंगहिल पार्क से केवल कुछ मील की दूरी पर स्थित है। .

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बॉलहम स्टेशन

बॉलहम स्टेशन लंदन अंडरग्राउंड और नैश्नल रेल स्टेशनों के उन स्टेशनों को कहते हैं जो दक्षिण लंदन, इंग्लैंड के बॉलहम क्षेत्र में स्थित हैं। यह स्टेशन वैंड्स्वर्थ के लंदन बरो में ए२४ बॉलहम हाई रोड पर स्थित है। यह ट्रैवलकार्ड अंचल ३ में है। स्टेशन १९२६ में खोला गया था .

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बॉक्सिंग डे

(or 28 दिसम्बर - public holiday only) | relatedto .

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बीमा का इतिहास

बीमा की उत्पत्ति का कोई प्रामाणिक उल्ले ख या इतिहास नहीं मिलता है परन्तु विभिन्न वर्णनों से यह निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि बीमा की उत्पति अति प्राचीन काल में सभ्यता के विकास के साथ हुई। पहले संयुक्त परिवार प्रथा भी बीमा का ही एक स्वरूप था यदि परिवार में कोई मर जाता, अपंग हो जाता, बेरोजगार हो जा उस व्यक्ति को उसकी पत्नी व बच्चों की देखभाल परिवार के अन्य लोग करते, परन्तु वर्तमान में यह व्यवस्था विघटित होने से बीमे की आवश्यकता उत्पन्न होने लगी। जीवन बीमा का प्रादुर्भाव भी ईसा पूर्व माना जाता है। रोम के लोग जीवन बीमा से परिचित थे परन्तु आधुनिक स्वरूप का प्रारम्भ 1583 को ही हुआ जबकि लन्दन के श्री विलियम गिब्बन्स के जीवन का एक वर्ष का बीमा किया गया। कहा जाता है कि मेसोपोटामिया व बेबीलोन नें 3000 वर्ष पूर्व में प्रथम बार बीमा प्रारम्भ किया गया। आधुनिक बीमा का विकास 13वीं शताब्दी में हुआ माना जाता है। प्राचीनकाल में विदेशों के साथ माल का आवागमन अधिकांश समुद्री मार्ग से ही होता था, जो अनेक जोखिम से भरपूर था। इन जोखिमों से बचाव हेतु व्यापारी एक समझौता कर लेते थे कि मार्ग में होने वाली हानि को व्यापारी हितों के अनुसार बांट लेंगे इसी प्रकार ऋण देने की प्रथा भी थी जिसे बौटमरी बॉण्ड कहा जाता है। इस प्रकार सर्वप्रथम सामुद्रिक बीमा व फिर अग्नि बीमा का विकास हुआ। एडर्क्ड लायड नामक काफी विक्रेता ने लंदन में समुद्री बीमा को आधुनिक रूप प्रदान किया। 1666 में हुए लंदन के महान अग्निकाण्ड में जिसमें 13000 घर जलकर स्वाहा हो गये थे, ने बीमा को बढ़ावा दिया और 1680 में 'फायर आफिस’ नामक पहली अग्नि बीमा कम्पनी का श्री गणेश हुआ। .

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बीरबल साहनी

बीरबल साहनी (नवंबर, 1891 - 10 अप्रैल, 1949) अंतरराष्ट्रीय ख्याति के पुरावनस्पति वैज्ञानिक थे। .

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बी॰ एस॰ चंद्रशेखर

बी॰ एस॰ चंद्रशेखर जिनका पूरा नाम भागवत सुब्रमणय चंद्रशेखर है। ये एक पूर्व भारतीय क्रिकेट खिलाड़ी है जिन्होंने भारतीय क्रिकेट टीम के लिए ५८ टेस्ट और एक वनडे मैच खेला था। इनका जन्म १७ मई १९४५ को मैसूर, ब्रितानी भारत में हुआ था और पहला टेस्ट मैच इंग्लैंड क्रिकेट टीम के खिलाफ २१ जनवरी १९६४ में खेला था। बी॰ एस॰ चंद्रशेखर अपने समय में मुख्य रूप से अपनी गेंदबाजी के लिए जाने जाते थे जो दाहिने हाथ से लेग ब्रेक करते थे। अपने पूरे कैरियर में इन्होंने ५८ टेस्ट क्रिकेट मैचों में कुल २४२ विकेट लिए थे जिसमें १६ बार किसी पारी में ५ या इससे ज्यादा विकेट चटकाए थे। साथ ही इन्होंने दो बार मैच में १० विकेट भी लिए, तो एकमात्र वनडे मैच में इन्होंने ३ विकेट चटके थे। इन्होंने अपना आखिरी मुकाबला साल १२ जुलाई १९७९ को इंग्लैंड के ही खिलाफ खेला था। .

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भड़ैंती

भड़ैंती (Farce / फ़ार्स) का साधारण अर्थ है 'निम्नकोटि का प्रहसन' जिसका उद्देश्य भावभंगी, मुद्रा, अभिनय, परिस्थिति या हँसी विनोद के द्वारा हास्य उत्पन्न करना होता है और जो चरित्र या रीति विषयक प्रहसनों (कोमेडी ऑफ कैरेक्टर्स एंड मैनर्स) से पूर्णत: पृथक होती है। हास्य नाटकों में तो भड़ैंती (फार्स) को प्रधान तात्विक गुण ही समझना चाहिए। इस दृष्टि से उसके लक्ष्य का क्षेत्र केवल स्थानीय, सांसारिक अथवा स्वयुगीन परिस्थितियों तक ही परिमित नहीं होता। मूकाभिनय के रूप में तो वह भाषा के बंधनों से मुक्त होने के कारण ओर भी उद्दाम होता है और प्रहसन के अत्यंत अशिष्ट तथा विकृत रूपों तक व्याप्त रहता है। उसका प्रारंभिक रूप सर्कस के विदूषक की भावभंगियों और क्रियाओं तथा मूकनाटकों (पेंटोमीम) के हँसीविनोद में प्राप्त होता है जो अधिक से अधिक लोगों को क्षण भर हँसा देता है। ज्यों-ज्यों यह अभिनय सूक्ष्म और कलात्मक होता चलता है त्यों त्यों उससे भावित होनेवाले दर्शकों की संख्या भी कम होती चलती है क्योंकि जब किसी अभिनीत भाव को समझाने के लिए शब्दों या वाक्यों की आवश्यकता पड़ती है और विचारहीन हास्य के बदले धीरे धीरे समझ की मुस्कराहट आने लगती है तब यह प्रेरणा तथा प्रभाव और छोटे मंडल तक परिमित हो जाता है। .

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भारत में कॉफी उत्पादन

भारत में कॉफी वन भारत में कॉफी बागान भारत में कॉफ़ी का उत्पादन मुख्य रूप से दक्षिण भारतीय राज्यों के पहाड़ी क्षेत्रों में होता है। यहां कुल 8200 टन कॉफ़ी का उत्पादन होता है जिसमें से कर्नाटक राज्य में अधिकतम 53 प्रतिशत, केरल में 28 प्रतिशत और तमिलनाडु में 11 प्रतिशत उत्पादन होता है। भारतीय कॉफी दुनिया भर की सबसे अच्छी गुणवत्ता की कॉफ़ी मानी जाती है, क्योंकि इसे छाया में उगाया जाता है, इसके बजाय दुनिया भर के अन्य स्थानों में कॉफ़ी को सीधे सूर्य के प्रकाश में उगाया जाता है। भारत में लगभग 250000 लोग कॉफ़ी उगाते हैं; इनमें से 98 प्रतिशत छोटे उत्पादक हैं। 2009 में, भारत का कॉफ़ी उत्पादन दुनिया के कुल उत्पादन का केवल 4.5% था। भारत में उत्पादन की जाने वाली कॉफ़ी का लगभग 80 प्रतिशत हिस्सा निर्यात कर दिया जाता है। निर्यात किये जाने वाले हिस्से का 70 प्रतिशत हिस्सा जर्मनी, रूस संघ, स्पेन, बेल्जियम, स्लोवेनिया, संयुक्त राज्य, जापान, ग्रीस, नीदरलैंड्स और फ्रांस को भेजा जाता है। इटली को कुल निर्यात का 29 प्रतिशत हिस्सा भेजा जाता है। अधिकांश निर्यात स्वेज़ नहर के माध्यम से किया जाता है। कॉफी भारत के तीन क्षेत्रों में उगाई जाती है। कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु दक्षिणी भारत के पारम्परिक कॉफ़ी उत्पादक क्षेत्र हैं। इसके बाद देश के पूर्वी तट में उड़ीसा और आंध्र प्रदेश के गैर पारम्परिक क्षेत्रों में नए कॉफ़ी उत्पादक क्षेत्रों का विकास हुआ है। तीसरे क्षेत्र में उत्तर पूर्वी भारत के अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, त्रिपुरा, मिजोरम, मेघालय, मणिपुर और आसाम के राज्य शामिल हैं, इन्हें भारत के "सात बन्धु राज्यों" के रूप में जाना जाता है। भारतीय कॉफी, जिसे अधिकतर दक्षिणी भारत में मानसूनी वर्षा में उगाया जाता है, को "भारतीय मानसून कॉफ़ी" भी कहा जाता है। इसके स्वाद "सर्वश्रेष्ठ भारतीय कॉफ़ी के रूप में परिभाषित किया जाता है, पेसिफिक हाउस का फ्लेवर इसकी विशेषता है, लेकिन यह एक साधारण और नीरस ब्रांड है।" कॉफ़ी की चार ज्ञात किस्में हैं अरेबिका, रोबस्टा, पहली किस्म जिसे 17 वीं शताब्दी में कर्नाटक के बाबा बुदान पहाड़ी क्षेत्र में शुरू किया गया, का विपणन कई सालों से केंट और S.795 ब्रांड नामों के तहत किया जाता है। .

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भारत के प्रधान मंत्रियों की सूची

भारत के प्रधानमंत्री भारत गणराज्य की सरकार के मुखिया हैं। भारत के प्रधानमंत्री, का पद, भारत के शासनप्रमुख (शासनाध्यक्ष) का पद है। संविधान के अनुसार, वह भारत सरकार के मुखिया, भारत के राष्ट्रपति, का मुख्य सलाहकार, मंत्रिपरिषद का मुखिया, तथा लोकसभा में बहुमत वाले दल का नेता होता है। वह भारत सरकार के कार्यपालिका का नेतृत्व करता है। भारत की राजनैतिक प्रणाली में, प्रधानमंत्री, मंत्रिमंडल में का वरिष्ठ सदस्य होता है। .

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भारत छोड़ो आन्दोलन

बंगलुरू के बसवानगुडी में दीनबन्धु सी एफ् अन्ड्रूज का भाषण भारत छोड़ो आन्दोलन, द्वितीय विश्वयुद्ध के समय ८ अगस्त १९४२ को आरम्भ किया गया था|यह एक आन्दोलन था जिसका लक्ष्य भारत से ब्रितानी साम्राज्य को समाप्त करना था। यह आंदोलन महात्मा गांधी द्वारा अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के मुम्बई अधिवेशन में शुरू किया गया था। यह भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के दौरान विश्वविख्यात काकोरी काण्ड के ठीक सत्रह साल बाद ९ अगस्त सन १९४२ को गांधीजी के आह्वान पर समूचे देश में एक साथ आरम्भ हुआ। यह भारत को तुरन्त आजाद करने के लिये अंग्रेजी शासन के विरुद्ध एक सविनय अवज्ञा आन्दोलन था। क्रिप्स मिशन की विफलता के बाद महात्मा गाँधी ने ब्रिटिश शासन के खिलाफ़ अपना तीसरा बड़ा आंदोलन छेड़ने का फ़ैसला लिया। 8 अगस्त 1942 की शाम को बम्बई में अखिल भारतीय काँगेस कमेटी के बम्बई सत्र में 'अंग्रेजों भारत छोड़ो' का नाम दिया गया था। हालांकि गाँधी जी को फ़ौरन गिरफ़्तार कर लिया गया था लेकिन देश भर के युवा कार्यकर्ता हड़तालों और तोड़फ़ोड़ की कार्रवाइयों के जरिए आंदोलन चलाते रहे। कांग्रेस में जयप्रकाश नारायण जैसे समाजवादी सदस्य भूमिगत प्रतिरोधि गतिविधियों में सबसे ज्यादा सक्रिय थे। पश्चिम में सतारा और पूर्व में मेदिनीपुर जैसे कई जिलों में स्वतंत्र सरकार, प्रतिसरकार की स्थापना कर दी गई थी। अंग्रेजों ने आंदोलन के प्रति काफ़ी सख्त रवैया अपनाया फ़िर भी इस विद्रोह को दबाने में सरकार को साल भर से ज्यादा समय लग गया। .

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भारतीय ए क्रिकेट टीम और वेस्ट इंडीज ए क्रिकेट टीम का इंग्लैंड दौरा 2018

भारत ए क्रिकेट टीम और वेस्ट इंडीज ए क्रिकेट टीम जून 2018 में इंग्लैंड में लिस्ट-ए त्रिकोणी श्रृंखला खेलना है। त्रिकोणीय श्रृंखला से पहले इंडिया ए और वेस्ट इंडीज ए काउंटी क्लब के खिलाफ वार्म-अप मैच खेलेंगे। .

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भारतीय मूल के सबसे बुजुर्ग दम्पति

भारतीय मूल के सबसे बुजुर्ग दम्पति करम चन्द और करतारी चन्द इंग्लैण्ड के ब्राडफोर्ड में रहते हैं। 11 दिसम्बर 1925 को सिक्ख रीतिरिवाज़ से पंजाब में शादी करके भारत से सन् 1965 में इंग्लैण्ड (यूनाइटेड किंगडम) चले गये और वहीं बस गये। यूनाइटेड किंगडम में रहने वाला यह भारतीय दम्पति सबसे अधिक आयु तक वैवाहिक जीवन का आनन्द लेने वाले करतारी करमचन्द उल्लेखनीय उदाहरण है। 10 नवम्बर 1905 में उत्तर भारत के पंजाब प्रान्त में एक छोटे से गाँव में जन्मे करम चन्द ने कृषि कार्य करते हुए परम्परागत तरीके से युवावस्था में पंजाब की ही एक कन्या करतारी से विवाह किया। करतारी का जन्म 1 नवम्बर 1912 में हुआ था। वह अपने पति से आयु में सात वर्ष छोटी है। - डेली गज़ट यू के में प्रकाशित 10 नवम्बर 2012 का समाचार अभिगमन तिथि: 13 दिसम्बर 2013 पासपोर्ट में दी गयी जन्मतिथि के अनुसार पति की आयु 108 वर्ष और पत्नी की 101 वर्ष है। सन् 1925 में विवाह-सूत्र में बँधने के बाद भारतीय मूल का यह दम्पति अपने वैवाहिक जीवन के 88 वर्ष देख चुका है जो अपने आप में अब तक का एक रिकॉर्ड है। अपने सबसे छोटे बेटे सतपाल चन्द के पास वाशिंगटन स्ट्रीट ब्राडफोर्ड में 40 साल से भी अधिक समय से रह रहे इस दम्पति के आठ सन्तान हुईं, जिनसे 27 पोते-पोतियाँ और 23 परपोते-परपोतियाँ हैं। - डेली गज़ट यू के में प्रकाशित 10 नवम्बर 2012 का समाचार अभिगमन तिथि: 13 दिसम्बर 2013 उनकी बेटी कौशल्या देवी के अनुसार पूरा परिवार अपने माता-पिता को इस आयु में भी स्वस्थ और सुखी देखकर खुश है। इस दम्पति के स्वस्थ जीवन का राज बताते हुए उनके सबसे छोटे पुत्र सतपाल कहते हैं कि उन्होंने कभी भी अपने माता-पिता को आपसी बहस में उलझते नहीं देखा। जो पत्नी (करतारी) ने कहा पति (करमचन्द) ने मान लिया और जो पति ने कहा उसे पत्नी ने स्वीकार कर लिया। सुख और दुख को दोनों एक समान भाव से ग्रहण करते हैं। .

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भारतीय राष्ट्रीय फुटबॉल टीम

भारतीय राष्ट्रीय फुटबॉल टीम अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ के द्वारा शासित है। 1948 से अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ फीफा द्वारा संबद्ध हो गयी। 1948 से भारतीय फुटबॉल महासंघ एशियाई फुटबॉल महासंघ के संस्थापक सदस्यों में है। भारतीय फुटबॉल टीम ने पहली और अंतिम बार 1950 में फीफा विश्व कप किया था परन्तु कुछ कारणों से वह इस प्रतियोगिता में हिस्सा न ले पाई। भारतीय टीम ने अब तक दो एशियाई खेलों में स्वर्ण तथा एएफसी एशिया कप में एक बार रजत जीता है। .

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भारतीय संविधान का इतिहास

किसी भी देश का संविधान उसकी राजनीतिक व्यवस्था का वह बुनियादी सांचा-ढांचा निर्धारित करता है, जिसके अंतर्गत उसकी जनता शासित होती है। यह राज्य की विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका जैसे प्रमुख अंगों की स्थापना करता है, उसकी शक्तियों की व्याख्या करता है, उनके दायित्यों का सीमांकन करता है और उनके पारस्परिक तथा जनता के साथ संबंधों का विनियमन करता है। इस प्रकार किसी देश के संविधान को उसकी ऐसी 'आधार' विधि (कानून) कहा जा सकता है, जो उसकी राज्यव्यवस्था के मूल सिद्धातों को निर्धारित करती है। वस्तुतः प्रत्येक संविधान उसके संस्थापकों एवं निर्माताओं के आदर्शों, सपनों तथा मूल्यों का दर्पण होता है। वह जनता की विशिष्ट सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक प्रकृति, आस्था एवं आकांक्षाओं पर आधारित होता है। भारत में नये गणराज्य के संविधान का शुभारंभ 26 जनवरी, 1950 को हुआ और भारत अपने लंबे इतिहास में प्रथम बार एक आधुनिक संस्थागत ढांचे के साथ पूर्ण संसदीय लोकतंत्र बना। 26 नवम्बर, 1949 को भारतीय संविधान सभा द्वारा निर्मित ‘भारत का संविधान’ के पूर्व ब्रिटिश संसद द्वारा कई ऐसे अधिनियम/चार्टर पारित किये गये थे, जिन्हें भारतीय संविधान का आधार कहा जा सकता है। .

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भारतीय स्टेट बैंक

मुंबई में भारतीय स्टेट बैंक का आँचलिक कार्यालय स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (State Bank of India / SBI) भारत की सबसे बड़ी एवं सबसे पुरानी बैंक है। 2 जून 1806 को कलकत्ता में 'बैंक ऑफ़ कलकत्ता' की स्थापना हुई थी। तीन वर्षों के पश्चात इसको चार्टर मिला तथा इसका पुनर्गठन बैंक ऑफ़ बंगाल के रूप में 2 जनवरी 1809 को हुआ। यह अपने तरह का अनोखा बैंक था जो साझा स्टॉक पर ब्रिटिश भारत तथा बंगाल सरकार द्वारा चलाया जाता था। बैंक ऑफ़ बॉम्बे तथा बैंक ऑफ़ मद्रास की शुरुआत बाद में हुई। ये तीनों बैंक आधुनिक भारत के प्रमुख बैंक तब तक बने रहे जब तक कि इनका विलय इंपिरियल बैंक ऑफ़ इंडिया (हिन्दी अनुवाद - भारतीय शाही बैंक) में 28 जनवरी 1921 को नहीं कर दिया गया। सन 1941 में पहली पंचवर्षीय योजना की नींव डाली गई जिसमें गांवों के विकास पर जोर डाला गया था। इस समय तक इंपिरियल बैंक ऑफ़ इंडिया का कारोबार सिर्फ़ शहरों तक सीमित था। अतः ग्रामीण विकास के मद्देनजर एक ऐसे बैंक की कल्पना की गई जिसकी पहुंच गांवों तक हो तथा ग्रामीण जनता को जिसका लाभ हो सके। इसके फलस्वरूप 1 जुलाई 1944 को स्टेट बैंक आफ़ इंडिया की स्थापना की गई, जिसमे सरकार की हिस्सेदारी 61.58% हैं। अपने स्थापना काल में स्टेट बैंक के कुल ४८० कार्यालय थे जिसमें शाखाएं, उप शाखाएं तथा तीन स्थानीय मुख्यालय शामिल थे, जो इम्पीरियल बैंकों के मुख्यालयों को बनाया गया था। .

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भारतीय कर व्यवस्था

सामान्य रूप से शासन सम्बंधी कार्यसंचालन के लिए व्यक्तिगत इकाइयों पर अनिवार्य उद्ग्रहण के रूप में कर (टैक्स) लगाए जाते हैं। करों को सामान्यत: राजस्ववृद्धि का ही साधन माना जाता है किंतु राष्ट्र की अर्थनीति को भी ये प्रभावित करते हैं। कर लगाने का उद्देश्य विकास कार्यों के लिये धन एकत्र करना तथा यथासंभव राष्ट्र की विषमता को दूर करना है। इसीलिए जिनकी अधिक आय है, उन्हें कम आयवालों की अपेक्षा अधिक मात्रा में कर देना पड़ता है। .

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भारतीय क्रिकेट टीम का दक्षिण अफ्रीका दौरा 2006-07

भारतीय क्रिकेट टीम ने 16 नवंबर 2006 से 6 जनवरी 2007 तक तीन टेस्ट और पांच वनडे के लिए दक्षिण अफ्रीका का दौरा किया। दक्षिण अफ्रीका टेस्ट श्रृंखला 2-1 जीता। भारत ने जोहान्सबर्ग के न्यू वांडरर्स स्टेडियम में पहले टेस्ट जीता था, दक्षिण अफ्रीका ने डरबन में किंग्समीड में दूसरे टेस्ट और केप टाउन के न्यूलैंड्स में तीसरे टेस्ट में जीत हासिल की। दक्षिण अफ्रीका ने एकदिवसीय श्रृंखला 4-0 से जीती, जो 1997 के बाद से जीत के बिना भारत की पहली वनडे सीरीज़ थी। एक ट्वेंटी 20 इंटरनेशनल भी था, जिसे भारत जीता। .

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भारतीय क्रिकेट टीम का स्कॉटलैंड दौरा 2007

भारतीय क्रिकेट टीम ने 16 अगस्त, 2007 को इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज़ के समापन और एकदिवसीय श्रृंखला की शुरुआत के बीच स्कॉटलैंड के खिलाफ एक एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच खेले। दोनों पक्षों के बीच पहला ओडीआई क्या था, भारत ने बारिश से प्रभावित मैच में सात विकेट लिए। .

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भारतीय क्रिकेट टीम का इंग्लैंड दौरा - २००७

भारत की क्रिकेट टीम ने जुलाई २००७ से सितम्बर २००७ तक इंग्लैंड का दौरा किया जिसमें उन्होंने ३ टेस्ट मैच एवं ७ एकदिवसीय अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट मैच खेले। .

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भारतीय क्रिकेट टीम का इंग्लैंड दौरा 2007

भारत की राष्ट्रीय क्रिकेट टीम ने 1 9 जुलाई से 8 सितंबर 2007 को इंग्लैंड का दौरा किया। दौरे में 3 टेस्ट और 7 एकदिवसीय शामिल हैं। टेस्ट सीरीज़ के दौरान, पटौदी ट्रॉफी, एमसीसी द्वारा भारत की टेस्ट मैचों की 118 वीं वर्षगांठ की स्मृति में मनाया जाने वाला पुरस्कार, के लिए किया गया था। यह डिजाइन और जेनिस बर्टन, होलबोर्न, लंदन द्वारा बनाया गया था। .

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भारतीय क्रिकेट टीम का इंग्लैंड दौरा, 2011

भारतीय क्रिकेट टीम वर्तमान समय में 21 जुलाई से 16 सितंबर 2011 के बीच इंग्लैंड का दौरा कर रही है। इस दौरे की टेस्ट मैच श्रृंखला का नाम पटौदी ट्राफी 2011 रखा गया है। इस दौरे में एक ट्वेन्टी-ट्वेन्टी अंतरराष्ट्रीय मैच (टी20अ), पांच एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय (ओडीआई) और चार टेस्ट मैचों के साथ-साथ अंग्रेजी काउंटियों के विरुद्ध मैच हैं। लॉर्ड्स में खेला गया पहला टेस्ट मैच 2000वा टेस्ट था। तीसरे टेस्ट में इंग्लैंड की जीत ने उन्हें विश्व रैंकिंग में नंबर एक का स्थान दिया। .

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भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने भारत में क्रिकेट के लिए राष्ट्रीय शासकिय निकाय है। बोर्ड के एक समाज, तमिलनाडु सोसायटी पंजीकरण अधिनियम के तहत पंजीकृत के रूप में दिसंबर 1928 में गठन किया गया था। यह राज्य क्रिकेट संघों के एक संघ है और राज्य संघों उनके प्रतिनिधियों जो बदले में बीसीसीआई अधिकारियों का चुनाव चुनाव। .

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भारतीय अधिराज्य

भारत अधिराज्य, मौजूदा भारत(अर्थात् भारत गणराज्य) की संक्रमणकालीन अवस्था थी। यह ३ साल तक; १९४७ से १९५० में संविधान के प्रवर्तन तक, अस्तित्व में रही थी। रह मूल रूप से भारत में ब्रिटिश-उपनिवैषिक शासिन अवस्था से स्वतंत्र, स्वायत्त, लोकतांत्रिक, भारतिय गणराज्य के बीच की अस्थाई शासन अथ्वा राज्य थी। इसे आधिकारिक रूप से हिंदी में भारत अधिराज्य एवं अंग्रेज़ी में डोमीनियन ऑफ़ इंडिया(Dominion of India) कहा जाता था। सन १९४७ में ब्रितानियाई संसद में भारतिय स्वतंत्रता अधीनियम पारित होने के बाद, अधिकारिक तौर पर, यूनाईटेड किंगडम की सरकार ने भारत पर अपनी प्रभुता त्याग दी और भारत में स्वशासन अथवा स्वराज लागू कर दिया। इसके साथ ही ब्रिटिश भारत(ब्रिटिश-भारतिय उपनिवेष) का अंत हो गया और भारत कैनडा और ऑस्ट्रेलिया की हि तरह एक स्वायत्त्योपनिवेष(डोमीनियन) बन गय, (अर्थात ब्रिटिश साम्राज्य में ही स्वायत्त्य इकाई)। ब्रिटिश संसद के भारत-संबंधित सारे विधानाधिकारों को (1945 में गठित) भारत की संविधान सभा के अधिकार में सौंप दिया गया, भारत, ब्रिटिश-राष्ट्रमंडल प्रदेश का सहपद सदस्य भी बन गया साथ ही ब्रिटेन के राजा ने भारत के सम्राट का शाही ख़िताब त्याग दिया। ब्रिटिश स्वयत्तयोपनिवेष एवं रष्ट्रमंडल प्रदेश का हिस्सा होने के नाते इंगलैंड के राजा ज्यौर्ज (षष्ठम) को भारत का राष्ट्राध्यक्ष बनाया गया एवं आन्य राष्ट्रमंडल देशों की तरह ही भारतिय लैहज़े में उन्हें भारत के राजा की उपादी से नवाज़ा गया(यह पद केवल नाम-मात्र एवं शिश्टाचार के लिये था), भारत में उनका प्रतिनिधित्व भारत के महाराज्यपाल(गवरनर-जनरल) के द्वारा होता था। 1950 में संविधान के लागू होने के साथ ही भारत एक पूर्णतः स्वतंत्र गणराज्य बन गया और साथ ही भारत के राजा के पद को हमेशा के लिये स्थगित कर दिया गया, और भारत के संवंधान द्वरा स्थापित लोकतांत्रिक प्रकृया द्वारा चुने गए भारत के महामहिं राष्ट्रपति के पद से बदल दिया गया। इस बीच भारत में दो महाराज्यपालों को नियुक्त किया गया, महामहिं महाराज्यपाल लाॅर्ड माउण्टबैटन और महामहिं महाराज्यपाल चक्रवर्ती राजागोपालाचारी। .

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भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम

भारतीय अन्तरिक्ष कार्यक्रम डॉ विक्रम साराभाई की संकल्पना है, जिन्हें भारतीय अन्तरिक्ष कार्यक्रम का जनक कहा गया है। वे वैज्ञानिक कल्पना एवं राष्ट्र-नायक के रूप में जाने गए। वर्तमान प्रारूप में इस कार्यक्रम की कमान भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के हाथों में है। .

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भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन, (संक्षेप में- इसरो) (Indian Space Research Organisation, ISRO) भारत का राष्ट्रीय अंतरिक्ष संस्थान है जिसका मुख्यालय बेंगलुरू कर्नाटक में है। संस्थान में लगभग सत्रह हजार कर्मचारी एवं वैज्ञानिक कार्यरत हैं। संस्थान का मुख्य कार्य भारत के लिये अंतरिक्ष संबधी तकनीक उपलब्ध करवाना है। अन्तरिक्ष कार्यक्रम के मुख्य उद्देश्यों में उपग्रहों, प्रमोचक यानों, परिज्ञापी राकेटों और भू-प्रणालियों का विकास शामिल है। 1969 में स्थापित, इसरो अंतरिक्ष अनुसंधान के लिए तत्कालीन भारतीय राष्ट्रीय समिति (INCOSPAR) स्वतंत्र भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू और उनके करीबी सहयोगी और वैज्ञानिक विक्रम साराभाई के प्रयासों से 1962 में स्थापित किया गया। भारत का पहला उपग्रह, आर्यभट्ट, जो 19 अप्रैल 1975 सोवियत संघ द्वारा शुरू किया गया था यह गणितज्ञ आर्यभट्ट के नाम पर रखा गया था बनाया।इसने 5 दिन बाद काम करना बंद कर दिया था। लेकिन ये अपने आप में भारत के लिये एक बड़ी उपलब्धि थी। 7 जून 1979 को भारत ने दूसरा उपग्रह भास्कर 445 किलो का था, पृथ्वी की कक्षा में स्थापित किया गया। 1980 में रोहिणी उपग्रह पहला भारतीय-निर्मित प्रक्षेपण यान एसएलवी -3 बन गया जिस्से कक्षा में स्थापित किया गया। इसरो ने बाद में दो अन्य रॉकेट विकसित किये। ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान उपग्रहों शुरू करने के लिए ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी),भूस्थिर कक्षा में उपग्रहों को रखने के लिए ध्रुवीय कक्षाओं और भूस्थिर उपग्रह प्रक्षेपण यान (जीएसएलवी) भूस्थिर उपग्रह प्रक्षेपण यान। ये रॉकेट कई संचार उपग्रहों और पृथ्वी अवलोकन गगन और आईआरएनएसएस तरह सैटेलाइट नेविगेशन सिस्टम तैनात किया उपग्रह का शुभारंभ किया।जनवरी 2014 में इसरो सफलतापूर्वक जीसैट -14 का एक जीएसएलवी-डी 5 प्रक्षेपण में एक स्वदेशी क्रायोजेनिक इंजन का इस्तेमाल किया गया। इसरो के वर्तमान निदेशक ए एस किरण कुमार हैं। आज भारत न सिर्फ अपने अंतरिक्ष संबंधी आवश्यकताओं की पूर्ति करने में सक्षम है बल्कि दुनिया के बहुत से देशों को अपनी अंतरिक्ष क्षमता से व्यापारिक और अन्य स्तरों पर सहयोग कर रहा है। इसरो एक चंद्रमा की परिक्रमा, चंद्रयान -1 भेजा, 22 अक्टूबर 2008 और एक मंगल ग्रह की परिक्रमा, मंगलयान (मंगल आर्बिटर मिशन) है, जो सफलतापूर्वक मंगल ग्रह की कक्षा में प्रवेश पर 24 सितंबर 2014 को भारत ने अपने पहले ही प्रयास में सफल होने के लिए पहला राष्ट्र बना। दुनिया के साथ ही एशिया में पहली बार अंतरिक्ष एजेंसी में एजेंसी को सफलतापूर्वक मंगल ग्रह की कक्षा तक पहुंचने के लिए इसरो चौथे स्थान पर रहा। भविष्य की योजनाओं मे शामिल जीएसएलवी एमके III के विकास (भारी उपग्रहों के प्रक्षेपण के लिए) ULV, एक पुन: प्रयोज्य प्रक्षेपण यान, मानव अंतरिक्ष, आगे चंद्र अन्वेषण, ग्रहों के बीच जांच, एक सौर मिशन अंतरिक्ष यान के विकास आदि। इसरो को शांति, निरस्त्रीकरण और विकास के लिए साल 2014 के इंदिरा गांधी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। मंगलयान के सफल प्रक्षेपण के लगभग एक वर्ष बाद इसने 29 सितंबर 2015 को एस्ट्रोसैट के रूप में भारत की पहली अंतरिक्ष वेधशाला स्थापित किया। जून 2016 तक इसरो लगभग 20 अलग-अलग देशों के 57 उपग्रहों को लॉन्च कर चुका है, और इसके द्वारा उसने अब तक 10 करोड़ अमेरिकी डॉलर कमाए हैं।http://khabar.ndtv.com/news/file-facts/in-record-launch-isro-flies-20-satellites-into-space-10-facts-1421899?pfrom.

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भाई परमानन्द

भाई परमानन्द का एक दुर्लभ चित्र भाई परमानन्द (जन्म: ४ नवम्बर १८७६ - मृत्यु: ८ दिसम्बर १९४७) भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महान क्रान्तिकारी थे। भाई जी बहुआयामी व्यक्तित्व के स्वामी थे। वे जहाँ आर्यसमाज और वैदिक धर्म के अनन्य प्रचारक थे, वहीं इतिहासकार, साहित्यमनीषी और शिक्षाविद् के रूप में भी उन्होंने ख्याति अर्जित की थी। सरदार भगत सिंह, सुखदेव, पं॰ राम प्रसाद 'बिस्मिल', करतार सिंह सराबा जैसे असंख्य राष्ट्रभक्त युवक उनसे प्रेरणा प्राप्त कर बलि-पथ के राही बने थे। देशभक्ति, राजनीतिक दृढ़ता तथा स्वतन्त्र विचारक के रूप में भाई जी का नाम सदैव स्मरणीय रहेगा। आपने कठिन तथा संकटपूर्ण स्थितियों का डटकर सामना किया और कभी विचलित नहीं हुए। आपने हिंदी में भारत का इतिहास लिखा है। इतिहास-लेखन में आप राजाओं, युद्धों तथा महापुरुषों के जीवनवृत्तों को ही प्रधानता देने के पक्ष में न थे। आपका स्पष्ट मत था कि इतिहास में जाति की भावनाओं, इच्छाओं, आकांक्षाओं, संस्कृति एवं सभ्यता को भी महत्व दिया जाना चाहिए। आपने अपने जीवन के संस्मरण भी लिखे हैं जो युवकों के लिये आज भी प्रेरणा देने में सक्षम हैं। .

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भू-तापीय ऊर्जा

आइसलैंड के नेसजावेलीर जीओथर्मल पॉवर स्टेशन से उठता भाप. भू-तापीय ऊर्जा (जिसे जियोथर्मल पॉवर कहते हैं, ग्रीक धातु जियो से आया है, जिसका अर्थ है पृथ्वी और थर्मोस अर्थात ताप) वह ऊर्जा है जिसे पृथ्वी में संग्रहित ताप से निकाला जाता है। यह भू-तापीय ऊर्जा, ग्रह के मूल गठन से, खनिज के रेडियोधर्मी क्षय से और सतह पर अवशोषित सौर ऊर्जा से उत्पन्न होती है। पेलिओलिथिक काल से इसका प्रयोग स्नान के लिए और रोमन काल से स्थानों को गर्म करने के लिए किया जाता रहा है, लेकिन अब इसे बिजली उत्पन्न करने के लिए बेहतर रूप में जाना जाता है। दुनिया भर में, भू-तापीय संयंत्रों में यथा 2007, 10 गीगावाट बिजली उत्पन्न करने की क्षमता है और अभ्यास में यह बिजली की वैश्विक मांग का 0.3% की आपूर्ति करती है। 28 गीगावाट की एक अतिरिक्त भू-तापीय ताप क्षमता को जिला तापक, स्थान तापक, स्पा, औद्योगिक प्रक्रियाओं, नमक हटाने और कृषि अनुप्रयोगों के लिए स्थापित किया गया है। भू-तापीय ऊर्जा लागत प्रभावी, विश्वसनीय, टिकाऊ, संपोषणीय और पर्यावरण के अनुकूल है, लेकिन ऐतिहासिक रूप से यह प्लेट विवर्तनिक सीमाओं के निकट के क्षेत्रों तक सीमित रही है। हाल के तकनीकी विकासों ने व्यवहार्य संसाधनों की सीमाओं और आकार को नाटकीय रूप से विस्तार दिया है, विशेष रूप से गृह तापन जैसे अनुप्रयोगों के लिए और बड़े पैमाने पर दोहन की संभावनाओं को भी खोला है। भू-तापीय कुएं, ग्रीन हाउस गैसों को छोड़ते हैं जो धरती के भीतर गहरे फंसी होती है, लेकिन ये उत्सर्जन, ऊर्जा की प्रति यूनिट के हिसाब से जीवाश्म ईंधन की तुलना में बहुत कम हैं। परिणामस्वरूप, भू-तापीय ऊर्जा में वैश्विक गर्मी को कम अर्ने में मदद करने की क्षमता है यदि इन्हें जीवाश्म ईंधन के स्थान पर व्यापक रूप से इस्तेमाल किया जाए.

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भूटान का इतिहास

ट्रोंग्सा का दुर्ग भूटान का प्राचीन इतिहास मिथकों के रूप में है। अनुमानतः भूटान की में २००० ईसापूर्व बस्तियाँ बसनीं शुरू हुईं। दन्थकाथाओं के अनुसार इस पर ७वीं शती ईसापूर्व में कूच बिहार के राजा का अधिकार था। किन्तु ९वीं शताब्दीं में यहाँ बौद्ध धर्म आने के पूर्व का इतिहास अधिकांशतः अज्ञात ही है। इस काल में तिब्बत में अशान्ति होने के कारण बहुत से बौद्ध भिक्षु यहाँ आ गये। १२वीं शताब्दी में स्थापित ड्रुक्पा कग्युपा सम्प्रदाय आज भी यहाँ का प्रमुख सम्प्रदाय है। इस देश का राजनीतिक इतिहास इसके धार्मिक इतिहास से निकट सम्बन्ध रखता है। सत्रहवीं सदी के अंत में भूटान ने बौद्ध धर्म को अंगीकार किया। 1865 मे ब्रिटेन और भूटान के बीच सिनचुलु संधि पर हस्ताक्षर हुआ, जिसके तहत भूटान को सीमावर्ती कुछ भूभाग के बदले कुछ वार्षिक अनुदान के करार किए गए। ब्रिटिश प्रभाव के तहत 1907 में वहाँ राजशाही की स्थापना हुई। तीन साल बाद एक और समझौता हुआ, जिसके तहत ब्रिटिश इस बात पर राजी हुए कि वे भूटान के आंतरिक मामलों में हस्त्क्षेप नहीं करेंगे लेकिन भूटान की विदेश नीति इंग्लैंड द्वारा तय की जाएगी। बाद में 1947 के पश्चात यही भूमिका भारत को मिली। दो साल बाद 1949 में भारत भूटान समझौते के तहत भारत ने भूटान की वो सारी जमीन उसे लौटा दी जो अंग्रेजों के अधीन थी। इस समझौते के तहत भारत का भूटान की विदेश नीति एवं रक्षा नीति में काफी महत्वपूर्ण भूमिका दी गई। .

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भूधाराएँ

भूपर्पटी में प्रवाहित विद्युत धाराओं को भू-धाराएँ (Earth Currents) कहते हैं। यह वह धारा है जो भूमि के अन्दर से या समुद्र से होकर बहती है। ये बहुत ही कम आवृत्ति की विद्युत-धाराएँ हैं जो धरती के तल या उसके आसपास बहुत बड़े क्षेत्रफल में प्रवाहित होतीं हैं। इनकी उत्पत्ति का कारण प्राकृतिक भी है और मानवीय क्रियाकलाप भी। भू-धाराओं को भूभौतिकीविद् स्थलमंडलीय धाराएँ (telluric currents) कहते हैं और हाल ही में पेट्रोलियम खोजने के क्षेत्र में इससे बहुत लाभ उठाया गया है। पेट्रोलियम तैलाशय की उच्च प्रतिरोधकता चट्टानों में इन धारानिकायों से उत्पन्न विभव प्रवणता के अध्ययन से, भूभौतिकीय अन्वेषण के लिये अत्यंत उपयोगी सूचनाएँ प्राप्त होती हैं। अनुमानत: इसका प्रेरण उपरली धारा पद्धति (overhead current system) से होता है। सर्वप्रथम 1847 ई0 में इंग्लैंड में, सुविकसित तार प्रणाली (telegraphy) की सहायता से पर्पटी में परिवर्तनशील विद्युद्धाराओं का प्रेक्षण किया गया था। इससे अनेक अनुसंधानकर्ताओं को भू-धाराओं के अध्ययन की प्रेरणा मिली। .

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भूपेन्द्रनाथ बोस

भूपेन्द्रनाथ बोस भूपेन्द्रनाथ बोस (1859 - 1924) अविभाजित बंगाल के कृष्णनगर में एक कायस्थ परिवार में जन्में थे। भूपेन्द्रनाथ की शिक्षा कृष्णनगर और कोलकाता में हुई थी। वे संस्कृत और फारसी के विद्वान थे। छात्र जीवन में ही वे इंग्लैंड और यूरोप की यात्राएं कर चुके थे। कोलकाता से उन्होंने 1881 में एम.ए. और 1883 में वकालत परीक्षा पास की। कोलकाता में वकील के रूप में काम करने के दौरान वे राजनीतिक आन्दोलन की ओर मुड़ गए। 1905 के बंग-भंग के आदेश को रद्द कराने के लिए भूपेन्द्रनाथ बोस 1907 में प्रतिनिधि के रूप में इंग्लैंड गए। 1904 से 1910 तक बंगाल लेजिस्लेटिव कौंसिल के सदस्य के नाते उन्होंने आजादी के लिए आवाज उठाई और राष्ट्रीय आन्दोलन के काम में पूरी तरह जुट गए। वे अखबारों की स्वतंत्रता के पक्षधर थे। 1910 में बने प्रेस एक्ट को स्वीकृति मिलने पर उसका विरोध किया था। सुरेन्द्रनाथ बनर्जी, बिपिनचन्द्र पाल, बाल गंगाधर तिलक और अब्दुल रसूल उनके समकालीन राजनीतिज्ञ थे, परन्तु वे दादाभाई नौरोजी से सर्वाधिक प्रभावित रहे। उन्होंने 1922 में जिनेवा के अंतरराष्ट्रीय श्रम सम्मेलन में प्रतिनिधि के रूप में हिस्सा लिया। 1923 में वे बंगाल के राज्यपाल की एक्जीक्यूटिव कौंसिल के सदस्य बने। वे शिक्षा के मसलों से करीब से जुड़े रहे और उन्हें राष्ट्रीय संदर्भों में अधिक विकसित और सक्षम बनाने पर बल दिया। 1924 में अवसान के वक्त वे कलकत्ता विश्वविद्यालय के कुलपति के पद पर काम कर रहे थे। श्रेणी:शिक्षाशास्त्री श्रेणी:भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष.

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भूलभुलैया

भूलभुलैया प्रकोष्ठों ओर मार्गों का ऐसा जाल है जो भ्रम में डाल देता है तथा जिसके कारण निकासमार्ग का ज्ञान होना कठिन होता है। इसका आधुनिक रूप व्यूह है। प्रतिध्वनि के माध्यम से आप सैकड़ो फीट दुर किसी के फुस्फुसाने की ध्वनि सुन सकते है,,जो इसके स्थापत्य का एक विशिष्ट गुण है। मनोरंजन के लिये बगीचों में दोनों ओर पौधे अथवा बाढ़ इस प्रकार लगाई जाती है कि निकास मार्ग तथा बगीचे का केंद्र ज्ञात करना कठिन होता है इंग्लैंड के हैंपटन कोर्ट राजमहल में बगीचे की भूलकुलैयाँ का सर्वोत्कृष्ट नमूना वर्तमान है। अब तो बहुत से खेल भी इस आधार पर बनाए गए हैं। इनसे खिलाड़ी की कुशाग्र बुद्धि की परीक्षा होती है। .

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भूवैज्ञानिक समय-मान

यह घड़ी भूवैज्ञानिक काल के प्रमुख ईकाइयों के के साथ-साथ पृथ्वी के जन्म से लेकर आज तक की प्रमुख घटनाओं को भी दिखा रही है। भूवैज्ञानिक समय-मान (geologic time scale) कालानुक्रमिक मापन की एक प्रणाली है जो स्तरिकी (stratigraphy) को समय के साथ जोड़ती है। यह एक स्तरिक सारणी (stratigraphic table) है। भूवैज्ञानिक, जीवाश्मवैज्ञानिक तथा पृथ्वी का अध्ययन करने वाले अन्य वैज्ञानिक इसका प्रयोग धरती के सम्पूर्ण इतिहास में हुई सभी घटनाओं का समय अनुमान करने के लिये करते हैं। जिस प्रकार चट्टानो के अधिक पुराने स्तर नीचे होते हैं तथा अपेक्षाकृत नये स्तर उपर होते हैं, उसी प्रकार इस सारणी में पुराने काल और घटनाएँ नीचे हैं जबकि नवीन घटनाएँ उपर (पहले) दी गई हैं। विकिरणमितीय प्रमाणों (radiomeric evidence) से पता चलता है पृथ्वी की आयु लगभग 4.54 अरब वर्ष है। .

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मदन लाल

मदन लाल (पूरा नाम मदनलाल ऊधौराम शर्मा) (अंग्रेजी: Madan Lal,गुरुमुखी: ਮਦਨ ਲਾਲ, उर्दू: مدن لال जन्म 20 मार्च 1951, अमृतसर, पंजाब, भारत) एक पूर्व भारतीय क्रिकेट खिलाड़ी (1974–1987) के अतिरिक्त क्रिकेट कोच भी रह चुके हैं। उन्होंने दिल्ली जाईन्ट्स व इण्डियन क्रिकेट लीग के लिये कोचिंग की है। मदन लाल ने प्रथम श्रेणी क्रिकेट में हरफनमौला (आलराउण्डर) खेल दिखाते हुए 42.87 के औसत से 10,204 रन बनाये जिनमें 22 शतक शामिल हैं। उन्होंने 25.50 के औसत से साइड ऑन बालिंग करते हुए 625 विकेट चटकाये। उन्होंने भारत की टीम में 39 टेस्ट मैच खेलते हुए 22.65 के औसत से 1,042 रन बनाये, 40.08 के औसत से 71 विकेट चटकाये और 15 कैच लपके। उन्हें हमेशा मध्य क्रम में बल्लेबाजी करने के लिये बाद में ही मैदान पर भेजा गया लेकिन हर बार वे भारतीय क्रिकेट के लिये मददगार ही साबित हुए। उनके प्रशंसक उन्हें मदनलाल के बजाय मदतलाल कहते थे। यही नहीं जब कभी वे गेंदबाजी करते हुए लगातार मेडन ओवर फेंकते तो अंग्रेज कमेण्टेटर उन्हें मेडनलाल कहकर प्रचारित करते थे। 1983 के क्रिकेट विश्व कप में मदनलाल के योगदान को कभी भी भुलाया नहीं जा सकता जब उन्होंने हरफनमौला खेल दिखाते हुए लगभग हारती जा रही बाजी को जीत में बदल दिया था। .

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मधर शिप्तोन गुफा

मधर शिप्तोन केव इंग्लैण्ड के कनार्सबर्ग, नॉर्थ यॉर्कशायर स्थित पुरातन गुफा है। यह उस पौराणिक कुँए के पास है जो इंग्लैंड के मशहूर पर्यटन स्थलों में से एक है जिसकी खोज १६६० में हुइ थी। .

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मधु

बोतल में छत्ते के साथ रखी मधु मधु या शहद (अंग्रेज़ी:Honey हनी) एक मीठा, चिपचिपाहट वाला अर्ध तरल पदार्थ होता है जो मधुमक्खियों द्वारा पौधों के पुष्पों में स्थित मकरन्दकोशों से स्रावित मधुरस से तैयार किया जाता है और आहार के रूप में मौनगृह में संग्रह किया जाता है।। उत्तराकृषिप्रभा शहद में जो मीठापन होता है वो मुख्यतः ग्लूकोज़ और एकलशर्करा फ्रक्टोज के कारण होता है। शहद का प्रयोग औषधि रूप में भी होता है। शहद में ग्लूकोज व अन्य शर्कराएं तथा विटामिन, खनिज और अमीनो अम्ल भी होता है जिससे कई पौष्टिक तत्व मिलते हैं जो घाव को ठीक करने और उतकों के बढ़ने के उपचार में मदद करते हैं। प्राचीन काल से ही शहद को एक जीवाणु-रोधी के रूप में जाना जाता रहा है। शहद एक हाइपरस्मॉटिक एजेंट होता है जो घाव से तरल पदार्थ निकाल देता है और शीघ्र उसकी भरपाई भी करता है और उस जगह हानिकारक जीवाणु भी मर जाते हैं। जब इसको सीधे घाव में लगाया जाता है तो यह सीलैंट की तरह कार्य करता है और ऐसे में घाव संक्रमण से बचा रहता है।। हिन्दुस्तान लाईव। ११ अप्रैल २०१० .

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मध्य प्रदेश क्रिकेट संघ

मध्य प्रदेश क्रिकेट संघ (मप्रक्रिसं), जिसका मुख्यालय इंदौर, भारत में है,। बोर्ड का गठन किया गया था 1940 में होल्कर क्रिकेट एसोसिएशन के रूप में। यह बोर्ड भारत में क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के साथ संबद्ध है। यह एसोसिएशन पहले होल्कर क्रिकेट एसोसिएशन के रूप में जाना जाता  मध्यप्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन (अनुवाद) के प्रीमियर क्रिकेट गवर्निंग प्रांतीय इकाइयों से संबद्ध बोर्ड ऑफ क्रिकेट कंट्रोल इन इंडिया (बीसीसीआई).

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मध्ययुग

रोमन साम्राज्य के पतन के उपरांत, पाश्चात्य सभ्यता एक हजार वर्षों के लिये उस युग में प्रविष्ट हुई, जो साधारणतया मध्ययुग (मिडिल एजेज) के नाम से विख्यात है। ऐतिहासिक रीति से यह कहना कठिन है कि किस किस काल अथवा घटना से इस युग का प्रारंभ और अंत होता है। मोटे तौर से मध्ययुग का काल पश्चिमी यूरोप में पाँचवीं शताब्दी के प्रारंभ से पंद्रहवीं तक कहा जा सकता है। तथाकथित मध्ययुग में एकरूपता नहीं है और इसका विभाजन दो निश्चित एवं पृथक् युगों में किया जा सकता है। 11वीं शताब्दी के पहले का युग सतत संघर्षों, अनुशासनहीनता, तथा निरक्षरता के कारण 'अंधयुग' कहलाया, यद्यपि इसमें भी यूरोप को रूपांतरित करने के कदम उठाए गए। इस युग का प्रारंभ रोमन साम्राज्य के पश्यिमी यूरोप के प्रदेशों में, बर्बर गोथ फ्रैंक्स वैंडल तथा वरगंडियन के द्वारा स्थापित जर्मन साम्राज्य से होता है। यहाँ तक कि शक्तिशाली शार्लमेन (742-814) भी थोड़े ही समय के लिये व्यवस्था ला सका। शार्लमेन के प्रपौलों की कलह तथा उत्तरी स्लाव और सूरासेन के आक्रमणों से पश्चिमी यूरोप एक बार फिर उसी अराजकता को पहुँचा जो सातवीं और आठवीं शताब्दी में थी। अतएव सातवीं और आठवीं शताब्दी का ईसाई संसार, प्रथम शताब्दी के लगभग के ग्रीक रोम जगत् की अपेक्षा सभ्यता एवं संस्कृति की निम्न श्रेणी पर था। गृहनिर्माण विद्या के अतिरिक्त, शिक्षा, विज्ञान तथा कला किसी भी क्षेत्र में उन्नति नहीं हुई थी। फिर भी अंधयुग उतना अंध नहीं था, जितना बताया जाता है। ईसाई भिक्षु एवं पादरियों ने ज्ञानदीप को प्रज्वलित रखा। 11वीं शताब्दी के अंत से 15वीं शताब्दी तक के उत्तर मध्य युग में मानव प्रत्येक दिशा में उन्नतिशील रहा। राष्ट्रीय एकता की भावना इंग्लैंड में 11वीं शताब्दी में, तथा फ्रांस में 12वीं शताब्दी में आई। शार्लमैन के उत्तराधिकारियों की शिथिलता तथा ईसाई चर्च के अभ्युदय ने, पोप को ईसाई समाज का एकमात्र अधिष्टाता बनने का अवसर दिया। अतएव, पोप तथा रोमन सम्राट् की प्रतिस्पर्धा, पावन धर्मयुद्ध, विद्या का नियंत्रण तथा रोमन केथोलिक धर्म के अंतर्राष्ट्रीय स्वरूप इत्यादि में इस प्रतिद्वंद्विता का आभास मिलता है। 13वीं शताब्दी के अंत तक राष्ट्रीय राज्य इतने शक्तिशाली हो गए थे कि चर्च की शक्ति का ह्रास निश्चित प्रतीत होने लगा। नवीं शताब्दी से 14वीं शताब्दी तक, पश्चिमी यूरोप का भौतिक, राजनीतिक तथा सामाजिक आधार सामंतवाद था, जिसके उदय का कारण राजा की शक्तियों का क्षीण होना था। समाज का यह संगठन भूमिव्यवस्था के माध्यम से पैदा हुआ। भूमिपति सामंत को अपने राज्य के अंतर्गत सारी जनता का प्रत्यक्ष स्वामित्व प्राप्त था। मध्ययुग नागरिक जीवन के विकास के लिये उल्लेखनीय है। अधिकांश मध्ययुगीन नगर सामंतों की गढ़ियों, मठों तथा वाणिज्य केंद्रों के आस पास विकसित हुए। 12वीं तथा 13वीं शताब्दी में यूरोप में व्यापार की उन्नति हुई। इटली के नगर विशेषतया वेनिस तथा जेनोआ पूर्वी व्यापार के केंद्र बने। इनके द्वारा यूरोप में रूई, रेशम, बहुमूल्य रत्न, स्वर्ण तथा मसाले मँगाए जाते थे। पुरोहित तथा सामंत वर्ग के समानांतर ही व्यापारिक वर्ग का ख्याति प्राप्त करना मध्ययुग की विशेषताओं में है। इन्हीं में से आधुनिक मध्यवर्ग प्रस्फुटित हुआ। मध्ययुग की कला तथा बौद्धिक जीवन अपनी विशेष सफलताओं के लिये प्रसिद्ध है। मध्ययुग में लैटिन अंतरराष्ट्रीय भाषा थी, किंतु 11वीं शताब्दी के उपरांत वर्नाक्यूलर भाषाओं के उदय ने इस प्राचीन भाषा की प्राथमिकता को समाप्त कर दिया। विद्या पर से पादरियों का स्वामित्व भी शीघ्रता से समाप्त होने लगा। 12वीं और 13वीं शताब्दी से विश्वविद्यालयों का उदय हुआ। अरस्तू की रचनाओं के साथ साथ, कानून, दर्शन, तथा धर्मशास्त्रों का अध्ययन सर्वप्रिय होने लगा। किंतु वैज्ञानिक साहित्य का सर्वथा अभाव था। भवन-निर्माण-कला की प्रधानता थी, जैसा वैभवशाली चर्च, गिरजाघरों तथा नगर भवनों से स्पष्ट है। भवननिर्माण की रोमन पद्धति के स्थान पर गोथिक पद्धति विकसित हुई। आधुनिक युग की अधिकांश विशेषताएँ उत्तर मध्ययुग के प्रवाहों की प्रगाढ़ता है। .

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मर्चेंट टेलर स्कूल मैदान

मर्चेंट टेलर स्कूल (एमटीएस) एक ब्रिटिश स्वतंत्र दिन स्कूल लड़कों के लिए, मूल रूप में लंदन के सिटी स्थित है। 1933 के बाद से उस पर स्थित किया गया है। में सैंडी लॉज में मैदान के तीन नदियों यूके (लेकिन भीतर हा पिन कोड के जिला क्षेत्र)।.

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मर्फी रेडियो

मर्फी रेडियो वेलव्यं गार्डन सिटी, इंग्लैण्ड में स्थित रेडियो और टेलीविजन निर्माता कंपनी थी। इसकी स्थापना 1929 में फ्रैंक मर्फी और ई॰जे॰ पॉवर ने की थी। 1937 में मर्फी ने कंपनी छोड़ दी और दूसरी कंपनी में काम करने चले गये। उनका 65वर्ष की आयु में 1955 निधन हो गया।The Setmakers by Keith Geddes and Gordon Bussey (ISBN 0951704206) इस रेडियो ने भारत में फ़िल्म बर्फी! के कारण खुब नाम कमाया। एक पुराना मर्फी रेडियो अंग्रेज़ी फ़िल्म लाइफ ऑफ़ पाई में भी दिखाया गया है। .

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मशीनी औजार

'''लेथ''' प्रमुख मशीनी औजार है उन यांत्रिक युक्तियों को औजारों को मशीनी औजार (machine tool) कहते हैं जो शक्तिचालित होतीं हैं तथा जिनका उपयोग प्राय: मशीनिंग क्रिया द्वारा मशीनों के धातु के कल-पुर्जों के निर्माण में होता है। मशीनिंग क्रिया में वांछित स्थान की धातु को हटाया जाता है। यद्यपि 'मशीनी औजार' प्राय: मानवी श्रम के बजाय शक्तिचालित होते हैं किन्तु समुचित तरीके से व्यवस्थित करने पर इन्हें मानवों द्वारा भी चलाया जा सकता है। प्रौद्योगिकी के बहुत से इतिहासकार यह मानते हैं कि वास्तविक मशीनी औजारों का जन्म तब हुआ जब विभिन्न प्रकार के औजारों की शेपिंग या स्टैंपिंग प्रक्रिया से मानव का सीधा जुड़ाव आवश्यक न रहा। .

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महात्मा गांधी

मोहनदास करमचन्द गांधी (२ अक्टूबर १८६९ - ३० जनवरी १९४८) भारत एवं भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के एक प्रमुख राजनैतिक एवं आध्यात्मिक नेता थे। वे सत्याग्रह (व्यापक सविनय अवज्ञा) के माध्यम से अत्याचार के प्रतिकार के अग्रणी नेता थे, उनकी इस अवधारणा की नींव सम्पूर्ण अहिंसा के सिद्धान्त पर रखी गयी थी जिसने भारत को आजादी दिलाकर पूरी दुनिया में जनता के नागरिक अधिकारों एवं स्वतन्त्रता के प्रति आन्दोलन के लिये प्रेरित किया। उन्हें दुनिया में आम जनता महात्मा गांधी के नाम से जानती है। संस्कृत भाषा में महात्मा अथवा महान आत्मा एक सम्मान सूचक शब्द है। गांधी को महात्मा के नाम से सबसे पहले १९१५ में राजवैद्य जीवराम कालिदास ने संबोधित किया था।। उन्हें बापू (गुजराती भाषा में બાપુ बापू यानी पिता) के नाम से भी याद किया जाता है। सुभाष चन्द्र बोस ने ६ जुलाई १९४४ को रंगून रेडियो से गांधी जी के नाम जारी प्रसारण में उन्हें राष्ट्रपिता कहकर सम्बोधित करते हुए आज़ाद हिन्द फौज़ के सैनिकों के लिये उनका आशीर्वाद और शुभकामनाएँ माँगीं थीं। प्रति वर्ष २ अक्टूबर को उनका जन्म दिन भारत में गांधी जयंती के रूप में और पूरे विश्व में अन्तर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस के नाम से मनाया जाता है। सबसे पहले गान्धी ने प्रवासी वकील के रूप में दक्षिण अफ्रीका में भारतीय समुदाय के लोगों के नागरिक अधिकारों के लिये संघर्ष हेतु सत्याग्रह करना शुरू किया। १९१५ में उनकी भारत वापसी हुई। उसके बाद उन्होंने यहाँ के किसानों, मजदूरों और शहरी श्रमिकों को अत्यधिक भूमि कर और भेदभाव के विरुद्ध आवाज उठाने के लिये एकजुट किया। १९२१ में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की बागडोर संभालने के बाद उन्होंने देशभर में गरीबी से राहत दिलाने, महिलाओं के अधिकारों का विस्तार, धार्मिक एवं जातीय एकता का निर्माण व आत्मनिर्भरता के लिये अस्पृश्‍यता के विरोध में अनेकों कार्यक्रम चलाये। इन सबमें विदेशी राज से मुक्ति दिलाने वाला स्वराज की प्राप्ति वाला कार्यक्रम ही प्रमुख था। गाँधी जी ने ब्रिटिश सरकार द्वारा भारतीयों पर लगाये गये नमक कर के विरोध में १९३० में नमक सत्याग्रह और इसके बाद १९४२ में अंग्रेजो भारत छोड़ो आन्दोलन से खासी प्रसिद्धि प्राप्त की। दक्षिण अफ्रीका और भारत में विभिन्न अवसरों पर कई वर्षों तक उन्हें जेल में भी रहना पड़ा। गांधी जी ने सभी परिस्थितियों में अहिंसा और सत्य का पालन किया और सभी को इनका पालन करने के लिये वकालत भी की। उन्होंने साबरमती आश्रम में अपना जीवन गुजारा और परम्परागत भारतीय पोशाक धोती व सूत से बनी शाल पहनी जिसे वे स्वयं चरखे पर सूत कातकर हाथ से बनाते थे। उन्होंने सादा शाकाहारी भोजन खाया और आत्मशुद्धि के लिये लम्बे-लम्बे उपवास रखे। .

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महादेव देसाईं

महादेव देसाईं (गुजराती: મહાદેવ દેસાઈ) (१ जनवरी १८९२ - १५ अगस्त १९४२) भारत के स्वतंत्रता संग्राम के सेनानी एवं राष्ट्रवादी लेखक थे। किन्तु उनकी प्रसिद्धि इस कारण से ज्यादा है कि वे लम्बे समय (लगभग २५ वर्ष) तक गांधीजी के निज सचिव रहे। .

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महापरियोजना

ऐसी परियोजना को महापरियोजना या मेगाप्रोजेक्ट (megaproject) कहते हैं जिसमें अत्यन्त बड़े स्तर निवेश (investment) करने की जरूरत पड़ती है। प्राय: एक बिलियन अमेरिकी डालर से भी अधिक खर्च वाले परियोजनाओं को महापरियोजना की श्रेणी में रखा जाता है। इन पर जनता का बहुत ध्यान भी आकर्षित होता है क्योंकि इनका आम जनता, पर्यावरण एवं देश की अर्थव्यवस्था पर बड़ा असर पड़ने की सम्भावना रहती है। दूसरे शब्दों में महापरियोजना उस पहल (इनिशिएटिव) को कहते हैं जिनमें कुछ भौतिक चीज बनने वाली हो, जो बहुत खर्चीली हो और जो सार्वजनिक हो। पुल, सुरंग, राजमार्ग, रेलपथ, हवाई अड्डे, समुद्री पत्तन, उर्जा संयंत्र, बांध, विशेष आर्थिक क्षेत्र (SEZ), तेल एवं प्राकृतिक गैस निकालना, वायु-अन्तरिक्ष परियोजना, अस्त्र-प्रणाली परियोजना आदि महापरियोजना की श्रेणी में आ सकतीं हैं। .

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महिला एक दिवसीय अन्तरराष्ट्रीय क्रिकेट

महिलाओं की एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट (वनडे) महिला क्रिकेट के सीमित ओवरों के रूप है। मैचेस 50 ओवर, मेन्स गेम के बराबर के लिए निर्धारित कर रहे हैं। महिलाओं के पहले वनडे पहली महिला विश्व कप जो इंग्लैंड में आयोजित किया गया था के हिस्से के रूप में, 1973 में खेला गया। पहले वनडे देखा मेजबान टीम एक अंतरराष्ट्रीय एकादश को हराया। .

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महेंद्र सिंह धोनी

महेंद्र सिंह धोनी अथवा मानद लेफ्टिनेंट कर्नल महेंद्र सिंह धोनी (एम एस धोनी भी) झारखंड, रांची के एक राजपूत परिवार में जन्मे पद्म भूषण, पद्म श्री और राजीव गाँधी खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित भारतीय क्रिकेटर हैं। धोनी भारतीय क्रिकेटर तथा भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान हैं और भारत के सबसे सफल एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कप्तान हैं। शुरुआत में एक असाधारण उज्जवल व आक्रामक बल्लेबाज़ के नाम पर जाने गए। धोनी धीरे-धीरे भारतीय एक दिवसीय के सबसे शांतचित्त कप्तानों में से जाने जाते हैं। उनकी कप्तानी में भारत ने २००७ आईसीसी विश्व ट्वेन्टी २०, २००७-०८ कॉमनवेल्थ बैंक सीरीज २००७-२००८ के सीबी सीरीज़ और बॉर्डर-गावस्कर ट्राफी जीती जिसमें भारत ने ऑस्ट्रेलिया को २-० से हराया उन्होंने भारतीय टीम को श्रीलंका और न्यूजीलैंड में पहली अतिरिक्त वनडे सीरीज़ जीत दिलाई ०२ सितम्बर २०१४ को उन्होंने भारत को २४ साल बाद इंग्लैंड में वनडे सीरीज में जीत दिलाई। धोनी ने कई सम्मान भी प्राप्त किए हैं जैसे २००८ में आईसीसी वनडे प्लेयर ऑफ़ द इयर अवार्ड (प्रथम भारतीय खिलाड़ी जिन्हें ये सम्मान मिला), राजीव गाँधी खेल रत्न पुरस्कार और २००९ में भारत के चौथे सर्वोच्च नागरिक सम्मान, पद्म श्री पुरस्कार साथ ही २००९ में विस्डन के सर्वप्रथम ड्रीम टेस्ट ग्यारह टीम में धोनी को कप्तान का दर्जा दिया गया। उनकी कप्तानी में भारत ने २८ साल बाद एक दिवसीय क्रिकेट विश्व कप में दुबारा जीत हासिल की। सन् २०१३ में इनकी कप्तानी में भारत पहली बार चैम्पियंस ट्रॉफी का विजेता बना। धोनी दुनिया के पहले ऐसे कप्तान बन गये जिनके पास आईसीसी के सभी कप है। इन्होंने २०१४ में टेस्ट क्रिकेट को कप्तानी के साथ अलविदा कह दिया था। इनके इस फैसले से क्रिकेट जगत स्तब्ध रह गया। धोनी लगातार दूसरी बार क्रिकेट विश्व कप में २०१५ क्रिकेट विश्व कप में भारत का नेतृत्व किया और पहली बार भारत ने सभी ग्रुप मैच जीते साथ ही इन्होंने लगातार ११ विश्व कप में मैच जीतकर नया रिकार्ड भी बनाया ये भारत के पहले ऐसे कप्तान बने जिन्होंने १०० वनडे मैच जिताए हो। और उन्होनें कहा है कि जल्द ही वो एक ऐसा कदम उठाएंगे जो किसी कप्तान ने अपने कैरियर में नहीं उठाया वो टीम को २ हिस्सों में बाटेंगे जो खिलाड़ी अच्छा नहीं खेलेगा उसे वो दूसरी टीम में डाल देंगे और जो खिलाड़ी अच्छा खेलेगा वो उसे अपनी टीम में रख लेंगे इसमें कुछ नये खिलाड़ी भी आ सकते हैं। धोनी ने ४ जनवरी २०१७ को भारतीय एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय और ट्वेन्टी-ट्वेन्टी टीम की कप्तानी छोड़ी। .

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मानिटोबा का राज्यचिह्न

मानिटोबा का राज्यचिह्न मानिटोबा का राज्यचिह्न संयुक्त राजशाही के राजा एड्वर्ड सप्तम के शाही आदेश पर १० मई, १९०५ को प्रदान किया गया था। शीर्ष पर सन्त जॉर्ज का सलीब है, जो इंग्लैण्ड का प्रतीक है। बाइसन इस बात का प्रतीक है कि कभी इस प्रान्त में यह पशु बहुतायत में उपलब्ध था। राज्यचिह्न का शेष भाग १९९२ में प्रदान किया गया था। शीर्ष पर बना हेलमिट इस प्रान्त के कनाडा परिसंघ में सह-सम्प्रभुता का प्रतीक है। कवर कनाडा के राष्ट्रीय रंगों से आता है। शिखा पर एक ऊदबिलाव है, जो कनाडा का आधिकारिक पशु है, क्रोकस को समर्थन देता हुआ, मानिटोबा का प्रान्तीय पुष्प है। यह एक मुकुट द्वारा आक्ष्छादित है, जो शाही सम्प्रभुता का प्रतीक है। .

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मापन का इतिहास

समय मापन की हिन्दू प्रणाली (लघुगणकीय पैमाने पर) मनुष्य जीवन के लिए नापतौल की बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका है। यह कहना अत्यन्त कठिन है कि नापतौल पद्धति का आविष्कार कब और कैसे हुआ होगा किन्तु अनुमान लगाया जा सकता है कि मनुष्य के बौद्धिक विकास के साथ ही साथ आपसी लेन-देन की परम्परा आरम्भ हुई होगी और इस लेन-देन के लिए उसे नापतौल की आवश्यकता पड़ी होगी। प्रगैतिहासिक काल से ही मनुष्य नापतौल पद्धतियों का प्रयोग करता रहा है। मापन के मात्रक शायद मानव द्वारा आविष्कृत सबसे पुरानी चीजों में से हैं क्योंकि आदिम समाज को भी विभिन्न कामों के लिये (कामचलाऊ) मापन की जरूरत पड़ती थी। .

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मार्शल आर्ट

मार्शल आर्ट या लड़ाई की कलाएं विधिबद्ध अभ्यास की प्रणाली और बचाव के लिए प्रशिक्षण की परंपराएं हैं। सभी मार्शल आर्ट्स का एक समान उद्देश्य है: ख़ुद की या दूसरों की किसी शारीरिक ख़तरे से रक्षा । मार्शल आर्ट को विज्ञान और कला दोनों माना जाता है। इनमें से कई कलाओं का प्रतिस्पर्धात्मक अभ्यास भी किया जाता है, ज़्यादातर लड़ाई के खेल में, लेकिन ये नृत्य का रूप भी ले सकती हैं। मार्शल आर्ट्स का मतलब युद्ध की कला से है और ये लड़ाई की कला से जुड़ा पंद्रहवीं शताब्दी का यूरोपीय शब्द है जिसे आज एतिहासिक यूरोपीय मार्शल आर्ट्स के रूप में जाना जाता है। मार्शल आर्ट के एक कलाकार को मार्शल कलाकार के रूप में संदर्भित किया जाता है। मूल रूप से 1920 के दशक में रचा गया ये शब्द मार्शल आर्ट्स मुख्य तौर पर एशिया के युद्ध के तरीके के संदर्भ में था, विशेष तौर पर पूर्वी एशिया में जन्मे लड़ाई के तरीके के.

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मार्क स्ट्रांग

मार्क स्ट्रांग (Mark Strong, जन्म २० अगस्त १९६३) एक अंग्रेज़ फ़िल्म अभिनेता है जिन्होंने फ़िल्म व टेलिविज़न दोनों पर कार्य किया है। उनकी फ़िल्मों में बॉडी ऑफ़ लाइज़, सिरियाना, द यंग विक्टोरिया, शेरलाक होम्स, रॉकएनरोला, स्टारडस्ट, किक-ऐस और ग्रीन लैंटर्ण शामिल है। वे अधिकतर नकारात्मक भूमिकाएं निभाते हैं जैसे शेरलोक होम्स में लोर्ड ब्लैकवुड, स्टारडस्ट में प्रिंस सेप्टीमस और रोबिन हूड में सर गोडफ्रे। हालही में वे २०१२ में बनी फ़िल्म जॉन कार्टर में दिखे जिसमें उन्हें मताई शांग की नकारात्मक भूमिका निभाई। .

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मार्क वूड

मार्क एंड्रयू वूड (Mark Wood) एक क्रिकेट खिलाड़ी है जो इंग्लैंड क्रिकेट टीम के लिए टेस्ट तथा वनडे क्रिकेट खेलते है। ये एक मुख्यतः गेंदबाज है जो दाहिने हाथ से गेंदबाजी करते है। मार्क वूड घरेलू क्रिकेट डरहम के लिए खेलते है जबकि २०१८ इंडियन प्रीमियर लीग की नीलामी में इन्हें चेन्नई सुपर किंग्स ने खरीदा है इस प्रकार ओंक यह पहला आईपीएल है। .

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मालबर, विल्टशायर

मालबर की हाई स्ट्रीट मालबर (Marlborough, उच्चारण: ˈmɔːlbrə/ MAWL-brə या /ˈmɑːlbərə/ MARL-brə) इंग्लैण्ड के विल्टशायर (Wiltshire) कन्ट्री का एक कस्बा है। यह यह लन्दन से बाथ जाने वाले पुराने मार्ग पर स्थित है। यह केनेत नदी (Kennet) के किनारे स्थित है। श्रेणी:यूके का भूगोल.

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मास्टर्स चैंपियंस लीग

मास्टर्स चैम्पियंस लीग (एमसीएल) ट्वेंटी-20 क्रिकेट संयुक्त अरब अमीरात में आयोजित की और पूर्व अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर से चुनाव लड़ा लीग है। उद्घाटन छह टीमों से मिलकर मौसम जनवरी और फरवरी 2016 में आयोजित किया गया था और जैमिनी अरेबियंस से जीता। एमसीएल अमीरात क्रिकेट बोर्ड से एक 10 साल की मंजूरी मिली लेकिन 'रिटायर' अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों की स्थिति है जो अभी भी अन्य घरेलू प्रतियोगिताओं करने के लिए अनुबंधित किया गया पर अपने पहले सत्र से पहले का सामना करना पड़ा कठिनाइयों है, के साथ ही खिलाड़ी भुगतान में देरी जो लगभग टूर्नामेंट मध्य सत्र को छोड़ खिलाड़ियों का नेतृत्व किया। .

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माइकल मधुसुदन दत्त

माइकल मधुसुदन दत्त माइकल मधुसुदन दत्त (बांग्ला: মাইকেল মধুসূদন দত্ত माइकेल मॉधुसूदॉन दॉत्तॉ) (1824-29 जून,1873) जन्म से मधुसुदन दत्त, बंगला भाषा के प्रख्यात कवि और नाटककार थे। नाटक रचना के क्षेत्र मे वे प्रमुख अगुआई थे। उनकी प्रमुख रचनाओ मे मेघनादबध काव्य प्रमुख है। .

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माइकल रूज़

माइकल रूज़ विज्ञान के दार्शनिक हैं। .

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मिडलसेक्स काउंटी क्रिकेट क्लब

मिडलसेक्स काउंटी क्रिकेट क्लब अठारह में से एक है प्रथम श्रेणी काउंटी क्लबों के भीतर घरेलू क्रिकेट की संरचना इंग्लैंड और वेल्स। यह प्रतिनिधित्व करता है ऐतिहासिक काउंटी के मिडलसेक्स। मिडिलसेक्स टीमों पहले संगठनों के बाद से 18 वीं सदी हमेशा प्रमुख स्थिति थी और इसलिए काउंटी क्लब स्थापना के समय से तदनुसार दर्जा दिया है द्वारा गठित:, यानी एक अनौपचारिक प्रथम श्रेणी के रूप में वर्गीकृत द्वारा टीम 1864-1894 पर्याप्त सूत्रों;.

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मिताली राज

मिताली राज (जन्म: 3 दिसम्बर 1982) भारतीय महिला क्रिकेट की मौजूदा कप्तान हैं। वे टेस्ट क्रिकेट मैच में दोहरा शतक बनाने वाली पहली महिला है। जून 2018 में, मिताली राज ट्वेन्टी-२० अंतर्राष्ट्रीय में 2000 रन बनाने वाले पहले भारतीय बल्लेबाज बने। मिताली राज भारत की पहली ऐसी महिला खिलाड़ी है जिन्होंने टी२० अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में २ हजार या इससे ज्यादा रन बनाये। .

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मिल्वौकी, विस्कॉन्सिन

मिल्वौकी अमेरिकी राज्य विस्कॉन्सिन का सबसे बड़ा शहर, संयुक्त राज्य अमेरिका का 26वां सबसे अधिक आबादी वाला शहर और अमेरिका का 39वां सबसे अधिक आबादी वाला क्षेत्र है। यह मिल्वौकी काउंटी की काउंटी सीट है और यह मिशिगन झील के दक्षिण-पश्चिमी तट पर स्थित है। इसकी 2009 की अनुमानित जनसंख्या थी.

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मिक नेवेल

माइकल नेवेल (25 फ़रवरी 1965 के जन्म ब्लैकबर्न, लैंकाशिर, इंग्लैंड) और एक सेवानिवृत्त नॉटिंघमशायर काउंटी क्रिकेट क्लब क्रिकेट के वर्तमान निदेशक अंग्रेजी क्रिकेटर। मिक नेवेल West Bridgford व्यापक स्कूल में शिक्षित और दाएं हाथ के बल्लेबाज लेग ब्रेक गेंदबाज और कभी कभी विकेटकीपर के रूप में 1984 और 1992 के बीच नॉटिंघमशायर प्रतिनिधित्व किया था। उन्होंने 1987 में अपने काउंटी टोपी से सम्मानित किया गया था और 1999 में एक लाभ उसका सबसे अच्छा मौसम 1987 में था जब उन्होंने 39.03 की औसत से 1,054 प्रथम श्रेणी रन बनाए उन्होंने कहा कि 1992 में 2 एकादश के मैनेजर और कप्तान नियुक्त किया गया था और 2002 में 1 इलेवन के कोच के लिए प्रोत्साहित किया गया था वह 2005 और 2010 में काउंटी चैम्पियनशिप खिताब के लिए क्लब का नेतृत्व किया है, काउंटी चैम्पियनशिप 2 डिवीजन 2004 के रूप में अच्छी तरह के रूप में 2011 में 2 इलेवन ट्रॉफी में खिताब। क्लब टेस्ट क्रिकेट के लिए युवा क्रिकेटरों का उत्पादन करने के लिए जारी रखा है।.

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मई दिवस

मई दिवस, 1 मई को होता है और कई सार्वजनिक अवकाशों को संदर्भित करता है। कई देशों में मई दिवस, अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस, या श्रम दिवस का पर्यायवाची है, तथा राजनीतिक प्रदर्शनों और यूनियनों व समाजवादी समूहों द्वारा आयोजित समारोह का एक दिन.

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मंज म्यूज़िक

मंज म्यूसिक जिनका सही नाम मनजीत सिंह राल है। इनका जन्म २४ जनवरी १९८५ में इंग्लैंड के ब्रैडफोर्ड में हुआ था। ये एक भारतीय गायक है .

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मकबूल फ़िदा हुसैन

मक़बूल फ़िदा हुसैन (जन्म सितम्बर १७, १९१५, पंढरपुर), (मृत्यु जून 09, 2011, लंदन),एम एफ़ हुसैन के नाम से जाने जाने वाले भारतीय चित्रकार थे। एक कलाकार के तौर पर उन्हे सबसे पहले १९४० के दशक में ख्याति मिली। १९५२ में उनकी पहली एकल प्रदर्शनी ज़्युरिक में हुई। इसके बाद उनकी कलाकृतियों की अनेक प्रदर्शनियां यूरोप और अमेरिका में हुईं। १९६६ में भारत सरकार ने उन्हे पद्मश्री से सम्मानित किया। उसके एक साल बाद उन्होने अपनी पहली फ़िल्म बनायी: थ्रू द आइज़ ऑफ अ पेन्टर (चित्रकार की दृष्टि से)। यह फ़िल्म बर्लिन उत्सव में दिखायी गयी और उसे 'गोल्डेन बियर' से पुरस्कृत किया गया। .

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मुख्तार अहमद अंसारी

डॉ॰ मुख्तार अहमद अंसारी (मुख़्तार अहमद अंसारी, مُختار احمد انصاری) एक भारतीय राष्ट्रवादी और राजनेता होने के साथ-साथ भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस और मुस्लिम लीग के पूर्व अध्यक्ष थे। वे जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के संस्थापकों में से एक थे, 1928 से 1936 तक वे इसके कुलाधिपति भी रहे। .

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मुकुट के मंत्री

मुकुट का मंत्री (Minister of the Crown) वेस्टमिंस्टर की संसदीय प्रणाली में एक आधिकारिक संविधानिक पद है जिसे राष्ट्रमंडल देशों में एक मंत्री को शासक सम्राट से परिचय कराने के लिये बताया जाता है। यह पद यह बताता है कि मंत्री सम्राट/साम्राज्ञी के लिये उनके इच्छानुसार कार्य करता/ती है और संवैधानिक नियमों के अनुरूप मंत्रालय के कार्यवाई के लिए सम्राट या गवर्नर का सलाहकार होता हैं। http://www.parl.gc.ca/parlinfo/Compilations/FederalGovernment/MinisterProvincial.aspx Parliament of Canada – PARLINFO – Ministers of the Crown.

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मुक्त व्यापार क्षेत्र

वर्तमान मुक्त व्यापार क्षेत्र ''एफ़टीए'' मुक्त व्यापार क्षेत्र (अंग्रेज़ी: फ्री ट्रेड एरिया; एफटीए) को परिवर्तित कर मुक्त व्यापार संधि का सृजन हुआ है। विश्व के दो राष्ट्रों के बीच व्यापार को और उदार बनाने के लिए मुक्त व्यापार संधि की जाती है। इसके तहत एक दूसरे के यहां से आयात-निर्यात होने वाली वस्तुओं पर सीमा शुल्क, सब्सिडी, नियामक कानून, ड्यूटी, कोटा और कर को सरल बनाया जाता है। इस संधि से दो देशों में उत्पादन लागत बाकी के देशों की तुलना में काफ़ी सस्ती होती है। १६वीं शताब्दी में पहली बार इंग्लैंड और यूरोप के देशों के बीच मुक्त व्यापार संधि की आवश्यकता महसूस हुई थी। आज दुनिया भर के कई देश मुक्त व्यापार संधि कर रहे हैं। यह समझौता वैश्विक मुक्त बाजार के एकीकरण में मील का पत्थर सिद्ध हो रहा है। इन समझौतों से वहां की सरकार को उदारीकरण, निजीकरण और वैश्वीकरण में मदद मिलती है। सरल शब्दों में यह कारोबार पर सभी प्रतिबंधों को हटा देता है। इस समझौते के बहुत से लाभ हैं। हाल में भारत ने १० दक्षिण एशियाई देशों के समूह आसियान के साथ छह वर्षो की लंबी वार्ता के बाद बैंकॉक में मुक्त व्यापार समझौता किया है। इसके तहत अगले आठ वर्षों के लिए भारत और आसियान देशों के बीच होने वाली ८० प्रतिशत उत्पादों के व्यापार पर शुल्क समाप्त हो जाएगा। इससे पूर्व भी भारत के कई देशों और यूरोपियन संघ के साथ मुक्त व्यापार समजौते हो चुके हैं। यह समझौता गरीबी दूर करने, रोजगार पैदा करने और लोगों के जीवन स्तर को सुधारने में काफी सहायक हो रहा है। मुक्त व्यापार संधि न सिर्फ व्यापार बल्कि दो देशों के बीच राजनैतिक संबंध के बीच कड़ी का काम भी करती है। कुल मिलाकर यह संधि व्यापार में आने वाली बाधाओं को दूर करने और दोतरफा व्यापार को सुचारू रूप से चलाने में सहायक सिद्ध होती है। इस दिशा में अमरीका-मध्य पूर्व एशिया में भी मुक्त क्षेत्र की स्थापना की गई है। सार्क देशों और शेष दक्षिण एशिया में भी साफ्टा मुक्त व्यापार समझौता १ जनवरी, २००६ से प्रभाव में है। इस समझौते के तहत अधिक विकसित देश- भारत, पाकिस्तान और श्रीलंका अपनी उत्पाद शुल्क को घटाकर २०१३ तक ० से ५ प्रतिशत के बीच ले आएंगे। कम विकसित देश- बांग्लादेश, भूटान, मालदीव और नेपाल को भी २०१८ तक ऐसा ही करना होगा। भारत और स्विट्ज़रलैंड के बीच भी प्रयास जारी हैं। .

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म्यूजिक्स मैच

म्यूजिक्स मैच (English) दुनिया का सबसे बड़ा गीत मंच है। जहां उपयोगकर्ता खोज और गीत साझा कर सकते हैं। इसमें 60 मिलियन उपयोगकर्ता, 14 मिलियन गीत और 30 कर्मचारी हैं। यह आईओएस, एंड्रॉइड विभिन्न उपकरणों (फोन, टैबलेट और थैरेबल्स) पर ऑपरेटिंग सिस्टम के माध्यम से और www.musixmatch.com के माध्यम से वेब और मोबाइल एप्लिकेशन के माध्यम से पहुंच योग्य है। .

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मृच्छकटिकम्

राजा रवि वर्मा द्वारा चित्रित '''वसन्तसेना''' मृच्छकटिकम् (अर्थात्, मिट्टी की गाड़ी) संस्कृत नाट्य साहित्य में सबसे अधिक लोकप्रिय रूपक है। इसमें 10 अंक है। इसके रचनाकार महाराज शूद्रक हैं। नाटक की पृष्टभूमि पाटलिपुत्र (आधुनिक पटना) है। भरत के अनुसार दस रूपों में से यह 'मिश्र प्रकरण' का सर्वोत्तम निदर्शन है। ‘मृच्छकटिकम’ नाटक इसका प्रमाण है कि अंतिम आदमी को साहित्य में जगह देने की परम्परा भारत को विरासत में मिली है जहाँ चोर, गणिका, गरीब ब्राह्मण, दासी, नाई जैसे लोग दुष्ट राजा की सत्ता पलट कर गणराज्य स्थापित कर अंतिम आदमी से नायकत्व को प्राप्त होते हैं। .

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मैन बुकर पुरस्कार

मैन बुकर पुरस्कार फ़ॉर फ़िक्शन (Man Booker Prize for Fiction) जिसे लघु रूप में मैन बुकर पुरस्कार या बुकर पुरस्कार भी कहा जाता है, राष्ट्रकुल (कॉमनवैल्थ) या आयरलैंड के नागरिक द्वारा लिखे गए मौलिक अंग्रेजी उपन्यास के लिए हर वर्ष दिया जाता है। 2008 वर्ष का पुरस्कार भारतीय लेखक अरविन्द अडिग को दिया गया था। अडिग को मिलाकर कुल 5 बार यह पुरस्कार भारतीय मूल के लेखकों को मिला है (अन्य लेखक - वी एस नाइपॉल, अरुंधति राय, सलमान रश्दी और किरण देसाई) और कुल 9 पुरस्कार विजेता उपन्यास ऐसे हैं जिनका कथानक भारत या भारतीयों से प्रेरित है। बुकर पुरस्कार की स्थापना सन् 1969 में इंगलैंड की बुकर मैकोनल कंपनी द्वारा की गई थी। इसमें 60 हज़ार पाउण्ड की राशि विजेता लेखक को दी जाती है। इस पुरस्कार के लिए पहले उपन्यासों की एक लंबी सूची तैयार की जाती है और फिर पुरस्कार वाले दिन की शाम के भोज में पुरस्कार विजेता की घोषणा की जाती है। पहला बुकर पुरस्कार अलबानिया के उपन्यासकार इस्माइल कादरे को दिया गया था। .

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मैनचेस्टर यूनाइटेड एफ़.सी.

मैनचेस्टर युनाइटेड फुटबॉल क्लब ग्रेटर मैनचेस्टर के ओल्ड ट्रेफोर्ड में स्थित एक इंग्लिश फुटबॉल क्लब है जो दुनिया में सबसे अधिक लोकप्रिय फुटबॉल क्लबों में से एक है। क्लब 1992 में प्रीमियर लीग का एक संस्थापक सदस्य था और सिवाए 1974-75 के सत्र के, 1938 के बाद से ही, इंग्लिश फुटबॉल की शीर्ष श्रेणी में खेलता रहा है। 1964-65 के बाद से ही सभी छह सत्रों के दौरान क्लब में दर्शकों की औसत उपस्थिति इंग्लिश फुटबॉल की किसी भी अन्य टीम के मुकाबले अधिक रही है। 2008-09 प्रीमियर लीग और 2008 फीफा क्लब विश्व कप जीतने के साथ ही मैनचेस्टर युनाइटेड इंग्लिश चैंपियन और क्लब विश्व कप के श्रेष्ठ धारक बन गये हैं। क्लब इंग्लिश फुटबॉल क्लब के इतिहास में सबसे सफल क्लबों में से एक है और नवंबर 1986 में एलेक्स फर्ग्यूसन के मैनेजर बनने के बाद इसने 22 बड़े पुरस्कार अर्जित किये हैं। सन् 1968 में बेन्फिका को 4-1 से हरा कर यूरोपीय कप जीतने वाला यह पहला इंग्लिश क्लब बना.

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मैरी ट्यूडर, फ्रांस की रानी

मैरी ट्यूडर (18 मार्च 1496 – 25 जून 1533), 1514 में 3 महीने के लिये फ्रांस की रानी थी। वह इंग्लैंड के राजा हेनरी अष्टम की बहन थी। मैरी फ्रांस के लुई बारहवें की, जो उनसे 30 वर्ष से अधिक वरिष्ठ थे, तीसरी पत्नी बन गई। उनकी मृत्यु के बाद उन्होनें चार्ल्स ब्रैंडन, सफ़ोल्क के पहले ड्यूक से शादी कर ली। मैरी की दूसरी शादी से चार बच्चे हुए। .

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मैसूर मल्लिगे

यह लेख फूल मल्लिगे के बारे में है। इस फूल के नाम पर लिखी गई के.

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मैग्ना कार्टा

मैग्ना कार्टा मैग्ना कार्टा (Magna Carta) या मैग्ना कार्टा लिबरटैटम् (Great Charter of Freedoms या आजादी का महान चार्टर) इंग्लैण्ड का एक कानूनी परिपत्र है जो सबसे पहले सन् १२१५ ई में जारी हुआ था। यह लैटिन भाषा में लिखा गया था। मैग्ना कार्टा में इंग्लैण्ड के राजा जॉन ने सामन्तों (nobles and barons) को कुछ अधिकार दिये; कुछ कानूनी प्रक्रियाओं के पालन का वचन दिया; और स्वीकार किया कि उनकी इच्छा कानून के सीमा में बंधी रहेगी। मैग्ना कार्टा ने राजा की प्रजा के कुछ अधिकारों की रक्षा की स्पष्ट रूप से पुष्टि की, जिनमें से बन्दी प्रत्यक्षीकरण याचिका (habeas corpus) उल्लेखनीय है। चार्टर की महत्ता इस तथ्य में निहित है कि प्रत्येक पीढ़ी ने इसकी वैधानिक व्याख्या कर इस सिद्धांत पर जोर दिया कि राजा को कानून का सम्मान अनिवार्य करना चाहिए। यह सामंतों तथा साधारण जनता दोनों के लिये वैधानिकता का प्रतीक बना तथा ब्रिटिश वैधानिक अधिनियमन का श्रीगणेश भी यहीं से हुआ माना जाता है। .

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मैग्लेव ट्रेन

नवम्बर 2005 में जापान के यामानाशी के परीक्षण ट्रैक पर जेआर-मैग्लेव. 581 किमी प्रति घंटा.गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स प्राधिकरण. जर्मनी में एम्सलैंड परीक्षण केंद्र में ट्रांसरैपिड 09 मैग्लेव, या चुंबकीय प्रोत्थापन या आकाशगामिता, एक परिवहन प्रणाली है जो उत्तोलन एवं प्रणोदन के लिए बहुत बड़े पैमाने पर चुम्बकों की चुम्बकीय उत्तोलन शक्ति का इस्तेमाल करके वाहनों, मुख्य रूप से ट्रेनों, को बिना जमीन छुए नियंत्रित और आगे बढ़ाने का काम करती है। इस विधि में पहिया युक्त सामूहिक पारगमन प्रणालियों की अपेक्षा अधिक तेज, शांत और चिकनी होने की क्षमता है। आम तौर पर उत्तोलन के लिए आवश्यक शक्ति का प्रतिशत खास तौर पर समग्र खपत के प्रतिशत से अधिक नहीं होता है; अन्य किसी भी द्रुत गति वाले ट्रेन की तरह घर्षण पर नियंत्रण प्राप्त करने के लिए इस प्रयुक्त शक्ति में से अधिकांश शक्ति की जरूरत पड़ती है। अभी तक मैग्लेव ट्रेन की उच्चतम गति दर्ज की गई है। इस कीर्तिमान को वर्ष 2003 में जापान में स्थापित किया गया था, जो पारंपरिक टीजीवी (TGV) की दर्ज की गई गति से अधिक तेज थी। प्रथम वाणिज्यिक मैग्लेव "लोक-परिवाहक" को आधिकारिक तौर पर वर्ष 1984 में इंग्लैण्ड के बर्मिंघम में चालू किया गया था। इसे बर्मिंघम अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा और बर्मिघम अंतरराष्ट्रीय रेलवे स्टेशन के बीच, की गति से, मोनोरेल ट्रैक के एक उन्नत सेक्शन पर चलाया गया था। विश्वसनीयता और डिज़ाइन समस्याओं की वजह से इस प्रणाली को अंत में वर्ष 1995 में बंद कर दिया गया। शायद वर्तमान में वाणिज्यिक तौर पर संचालित होने वाली द्रुत-गति मैग्लेव प्रौद्योगिकी का सबसे जाना माना कार्यान्वयन चीन के शंघाई में चलने वाले जर्मन-निर्मित ट्रांसरैपिड ट्रेन की आईओएस (IOS अर्थात् इनिशियल ऑपरेटिंग सेगमेंट या आरंभिक प्रचालन खंड) प्रदर्शन लाइन है जो अधिकतम और औसतन की गति से केवल 7 मिनट 20 सेकण्ड में लोगों को एयरपोर्ट तक 30 किमी (18.6 मील) का सफ़र तय कराता है। .

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मैकबेथ

ए सी के लिए पोस्टर.1884 मैकबैथ का अमेरिकी निर्माण, थॉमस डब्ल्यू. कीन द्वारा अभिनीत. शीर्ष बाएँ से घड़ी की विपरीत दिशा में: मैकबेथ और बैंको चुड़ैलों से मिलते हुए.डंकन की हत्या के ठीक बाद, बैंको के भूत, मैकडफ मैकबैथ का द्वंद युद्ध द ट्रेजडी ऑफ मैकबेथ (जिसे आम तौर पर मैकबेथ कहा जाता है) एक राज-हत्या और उसके बाद की घटनाओं पर विलियम शेक्सपियर द्वारा लिखा गया एक नाटक है, या संक्षेप में कहें तो मैकबेथ शेक्सपियर की एक कृति है। यह शेक्सपियर का सबसे छोटा शोकान्त नाटक है और माना जाता है कि इसे 1603 और 1603 के बीच किसी समय लिखा गया था। शेक्सपियर के नाटक पर किसी अभिनय का सबसे पहला संदर्भ संभवतः अप्रैल 1611 का है जब साइमन फोरमैन ने ऐसे ही एक नाटक को ग्लोब थियेटर में रिकॉर्ड किया था। यह पहली बार 1623 के फोलियो में प्रकाशित हुआ था जो संभवतः एक विशिष्ट अभिनय के लिए एक संवाद बताने वाली पुस्तक (प्रॉम्प्ट बुक) थी। इस शोकान्त नाटक के लिए शेक्सपियर के स्रोत होलिंशेड्स क्रॉनिकल्स (1587) में स्कॉटलैंड, मैकडफ और डंकन के किंग मैकबेथ के संदर्भ हैं, यह रचना शेक्सपियर और उनके समकालीनों के लिए परिचित इंग्लैंड, स्कॉटलैंड और आयरलैंड का इतिहास है। हालांकि, शेक्सपियर द्वारा बतायी गयी मैकबेथ की कहानी का स्कॉटिश इतिहास की वास्तविक घटनाओं से कोई संबंध नहीं है क्योंकि मैकबेथ एक प्रशंसित और सक्षम सम्राट थे। रंगमंच के नेपथ्य की दुनिया में कुछ लोगों का मानना है कि यह नाटक अभिशप्त है और इसके शीर्षक का उल्लेख जोर देकर नहीं किया जाएगा, इसकी बजाय इसे "द स्कॉटिश प्ले" जैसे नामों से संदर्भित किया जाता है। सदियों से इस नाटक ने मैकबेथ और लेडी मैकबेथ की भूमिकाओं में कई महानतम अभिनेताओं को आकर्षित किया है। इसे फिल्म, टेलीविजन, ओपेरा, उपन्यास, हास्य पुस्तकें और अन्य मीडिया के लिए रूपांतरित किया गया है। .

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मैकलारेन एफ1

मैकलारेन एफ1, एक स्पोर्ट्स कार है जिसका डिज़ाइन और निर्माण मैकलारेन ऑटोमोटिव द्वारा किया गया है। इस अवधारणा की संकल्पना मूल रूप से गॉर्डन मरे द्वारा की गयी थी; उन्होंने रॉन डेनिस को परियोजना का साथ देने के लिए राजी किया और पीटर स्टीवंस को कार के बाहरी हिस्से का डिज़ाइन तैयार करने का काम सौंपा.

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मैक्स मूलर

फ्रेडरिक मैक्स मूलर (०६ दिसम्बर १८२३ - २८ अक्टूबर १९००) एक जर्मनवासी थे जो ब्रिटिश ईस्ट इण्डिया कम्पनी के कर्मचारी थे। वे एक जर्मन भाषाविद तथा प्राच्य विद्या विशारद थे, जन्म से जर्मन होने के बावजूद उन्होने अप्नी ज्यादातर जिन्दगी बिताई इंगलैंड में और वही अपना अध्ययन भी किया। वे सन्स्थापक थे शैक्षिक पश्चिमी, भरतीय विद के तथा तुलनात्मक धर्म के अनुशासन के। .

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मेटरनिख

मेटरनिख मेटरनिख (Prince Klemens Wenzel von Metternich (जर्मन में पूरा नाम: Klemens Wenzel Nepomuk Lothar, Fürst von Metternich-Winneburg zu Beilstein, अंग्रेजी रूपान्तरण: Clement Wenceslas Lothar von Metternich-Winneburg-Beilstein; 15 मई 1773 – 11 जून 1859) राजनेता व राजनयज्ञ था। वह १८०९ से १८४८ तक आस्ट्रियाई साम्राज्य का विदेश मंत्री रहा। वह अपने समय का सबसे महत्वपूर्ण और सबसे प्रतिभाशाली राजनयिक था। नेपोलियन की वाटरलू पराजय के बाद मेटरनिख यूरोप की राजनीति का सर्वेसर्वा बन गया। उसने यूरोपीय राजनीति में इतनी प्रमुख भूमिका निभाई कि 1815 से 1848 तक के यूरोपीय इतिहास का काल 'मेटरनिख युग’ के नाम से प्रसिद्ध है। मेटरनिख ने अपने प्रधानमन्त्रितत्व-काल में प्रतिक्रया और अनुदारीता का अनुकरण करने की नीति अपनाई और उसके प्रभाव के कारण आस्ट्रिया का साम्राज्य यूरोप में अत्यन्त महत्वपूर्ण बन गया। .

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मेरिल स्ट्रीप

मेरिल स्ट्रीप (जन्म मैरी लुईस स्ट्रीप, २२ जून १९४९) (Mary Louise "Meryl" Streep) एक अमेरिकी अभिनेत्री हैं जिन्होंने रंगमंच, टीवी और फिल्मों में काम किया है। उन्हे व्यापक रूप से आज तक के सभी प्रतिभाशाली कलाकारों में से एक माना जाता है। मेरिल ने मंच पर अपनी व्यावसायिक शुरुआत द प्लेबॉय ऑफ़ नेविल्ल (१९७१) के साथ की और परदे पर एक टीवी फिल्म द डेडलिएस्ट सीजन (१९७७) के साथ की। उस ही वर्ष उन्होंने फ़िल्मी जगत में अपनी पहली पिक्चर जूलिया (१९७७) के साथ कदम रखा। १९७८ की फिल्म द डियर हंटर और १९७९ की फिल्म क्रेमर वर्सेज क्रेमर, जिसपर हिंदी फिल्म अकेले हम अकेले तुम आधारित थी, से उन्हें आलोचनात्मक तथा व्यावसायिक सफलता काफी जल्दी हासिल हो गयी; जहाँ पहली फिल्म ने उनहे अपना पहला ऑस्कर नामांकन दिलाया वहीँ दूसरी ने पहली जीत। इसके अलावा उनहे सोफीस चॉइस (१९८२) और द आयरन लेडी (२०११) में भूमिका के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के दो और ऑस्कर पुरस्कार मिले। मेरिल स्ट्रीप ऑस्कर और गोल्डन ग्लोब के इतिहास में सबसे ज्यादा बार नामांकित अभिनेता हैं। उनहे ऑस्कर में १७ बार नामांकन और ३ बार जीत और गोल्डन ग्लोब में २६ बार नामंकान और ८ बार जीत हासिल हुई है। उनहे दो एमी पुरस्कार, दो स्क्रीन एक्टर्स गिल्ड अवार्ड्स, एक कान फ़िल्मोत्सव पुरस्कार, पांच न्यू यॉर्क क्रिटिक्स सर्किल पुरस्कार, दो बाफ्ता पुरस्कार, एक ऑस्ट्रेलियाई फिल्म संसथान पुरस्कार, पांच ग्रैमी नामांकन, एक टोनी पुरस्कार और अन्य पुरस्कार मिले हैं। उनहे २००४ में अमेरिकी फिल्म संस्थान के द्वारा अपने अभिनय से अमेरिकी संस्कृति को योगदान देने के लिए आजीवन उप्लिब्धि पुरस्कार दिया गया। वह इस पुरस्कार के इतिहास की सबसे कम उम्र की अभिनत्री हैं। .

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मेरीलेबोन क्रिकेट क्लब

Club house occupied since 1814 | ground .

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मॉनमाउथ

मॉनमाथ (Monmouth, Trefynwy) दक्षिण-पूर्वी वेल्स में स्थित एक परंपरागत काउंटी नगर है। यह इंग्लैंड की सीमा से 2 मील (3.2 किमी) दूर मोंनो व वेया नामक नदियों के संगम पर स्थित है। यह नगर कार्डिफ से 36 मील (58 किमी) उत्तर-पूर्व में तथा लंदन से 127 मील (204 किमी) पश्चिम में स्थित है। यह मॉनमाउथशायर स्थानीय प्राधिकरण तथा मॉनमाथ संसदीय निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत आता है। 2001 की जनगणना के अनुसार इसकी जनसंख्या 8,877 थी। .

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मॉनमाउथ रेजिमेंटल संग्रहालय

मॉनमाउथ रेजिमेंटल संग्रहालय (औपचारिक नाम: कासल और रेजिमेंटल संग्रहालय मॉनमाउथ) (Monmouth Regimental Museum) (Amgueddfa Filwrol Trefynwy) कासल हिल, मॉनमाउथ, मॉनमाउथशायर, वेल्स में स्थित एक सैन्य संग्रहालय है। संग्रहालय ग्रेट कासल हाउस की एक शाखा है, जो ग्रेड प्रथम इमारत होने के साथ-साथ मॉनमाउथ हेरिटेज ट्रेल के चौबीस स्थलों में से भी एक है। संग्रहालय में प्रदर्शित वस्तुएँ ब्रिटिश प्रादेशिक सेना में सबसे अधिक एवं सबसे वरिष्ठ रेजिमेंट रॉयल मॉनमाउथशायर रॉयल इंजीनियर्स (मिलिशिया) पर केंद्रित हैं। ग्रेट कासल हाउस रॉयल मॉनमाउथशायर रॉयल इंजीनियर्स का कार्यालय है और संग्रहालय रेजिमेंट के अभिलेखागार का कार्य करता है। संग्रहालय 1989 में राजकुमार रिचर्ड, ग्लौस्टर के ड्यूक, द्वारा स्थापित किया गया था। मॉनमाउथ शहर को अपने योगदान के लिए संग्रहालय प्रिंस ऑफ वेल्स पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। संग्रहालय में विभन्न प्रकार की कलाकृतियाँ उपस्थित हैं जिनका ध्यान रॉयल मॉनमाउथशायर रॉयल इंजीनियर्स पर मुख्य तौर से है। यहाँ मॉनमाउथ कासल के खंडहरों के अवशेषों से लेकर उन्नीसवीं सदी व द्वितीय विश्व युद्ध तक की कई वस्तुएँ हैं। ऐतिहासिक वस्तुओं को प्रदर्शित करने के साथ-साथ संग्रहालय मिलिशिया के रिकॉर्ड के लिए एक भण्डार के रूप में भी कार्य करता है। इसमें मिले पुरालेखों से यह स्पष्ट होता है कि कैसे रॉयल मॉनमाउथशायर रॉयल इंजीनियर्स के नाम में अनूठे तौर पर दो "रॉयल" हैं। संग्रहालय अपने कुछ रिकॉर्ड इंटरनेट पर खोज डेटाबेस के रूप में भी उपलब्ध कराता है। .

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मॉनमाउथशायर (ऐतिहासिक)

मॉनमाउथशायर (Monmouthshire, या जिसे काउंटी ऑफ़ मॉनमाउथ (County of Monmouth, Sir Fynwy) भी कहते हैं) वेल्स के तेरह प्राचीन काउंटियों में से एक व पूर्व प्रशासनिक काउंटी है। यह वर्तमान में मॉनमाउथशायर, ब्लेनाऊ ग्वेंट, टोरफेन और न्यूपोर्ट के मुख्य भागों व केर्फिली और कार्डिफ़ के कुछ भागों को निर्देशित करता है जो रायमी नदी के पूर्व में स्थित है। काउंटी का पूर्वी भाग मुख्यतः कृषिजन्य है और पश्चिमी भाग पहाडियों से घिरा है जिनमे खनिज संसाधन बड़ी मात्रा में है। इसके चलते यह भाग कोयला खनन व इस्पात कार्य के लिए १८वि शताब्दी से २०वि शाताब्ती तक रोज़गार का बड़ा साधन रहा है। मॉनमाउथशायर को १६वि से २०वि शताब्दी तक वेल्स का भाग मानने में कठिनाई थी क्योंकि कुछ इसे इंग्लैण्ड का हिस्सा मानते थे। .

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मॉन्टेस्क्यू

250px मॉन्टेस्क्यू (फ्रेंच: de La Brède et de Montesquieu) (जनवरी १८, १६८९ - फरवरी १०, १७५५) फ्रांस के एक राजनैतिक विचारक, न्यायविद तथा उपन्यासकार थे। उन्होने शक्तियों के पृथक्करण का सिद्धान्त दिया। वे फ्रांस में ज्ञानोदय के प्रभावी और प्रख्यात प्रतिनिधि माने जाते हैं। .

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मोतिहारी

मोतीहारी बिहार राज्‍य के पूर्वी चंपारण जिले का मुख्‍यालय है। बिहार की राजधानी पटना से 170 किमी दूर पूर्वी चम्‍पारण बिल्‍कुल नेपाल की सीमा पर बसा है। इसे मोतिहारी के नाम से भी लोग जानते है। ऐतिहासिक दृष्टि से भी इस जिले को काफी महत्‍वपूर्ण माना जाता है। किसी समय में चम्‍पारण, राजा जनक के मिथिला राज्य का अभिन्‍न भाग था। स्‍वतंत्रता संग्राम में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाने वाले महात्‍मा गांधी ने तो अपने राजनीतिक आंदोलन की शुरुआत यही से की थी। पर्यटन की दृष्टि यहां सीताकुंड, अरेराज, केसरिया, चंडी स्‍थान जैसे जगह घूमने लायक है। .

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मोहम्मद शहाबुद्दीन (राजनेता)

अंगूठाकार शाहबुद्दीन साहब (जन्म 10 मई 1967) भारत के एक आपराधिक राजनीतिज्ञ नेता हैं। राष्ट्रीय जनता दल के प्रमुख नेताओं में से एक हैं, एवं लालू प्रसाद यादव के करीबी माने जाते हैं। 30 अगस्त 2017 को, पटना उच्च न्यायालय ने सिवान हत्या के मामले में मोहम्मद शहाबुद्दीन की मौत की सजा को बरकरार रखा। .

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युवावस्था

युवावस्था शारीरिक परिवर्तनों की प्रक्रिया है जिसके द्वारा बच्चे का शरीर प्रजनन क्षमता से युक्त वयस्क के शरीर में बदल जाता है। युवावस्था मस्तिष्क द्वारा यौन अंगों (अंडाशय तथा वृषण) को हार्मोन संकेत भेजे जाने से शुरू होती है। जवाब में, यौन अंग विभिन्न तरह के हार्मोन उत्पन्न करते हैं जो मस्तिष्क, हड्डियां, मांसपेशियां, त्वचा, स्तन तथा प्रजनन अंगों के विकास की गति को तेज़ करते हैं। युवावस्था के पहले अर्ध-भाग में विकास तेज़ी से होता है और युवावस्था के समाप्त होने पर रुक जाता है। युवावस्था के पूर्व लड़के तथा लड़कियों के बीच शारीरिक भिन्नता केवल गुप्तांगों तक ही सीमित रहती है। युवावस्था के दौरान, कई शारीरिक संरचनाओं और प्रणालियों में आकार, आकृति, रचना और उनसे संबंधित कार्यों में प्रमुख अंतर के कारण विकास होता है। इनमें से सबसे स्पष्ट को सहायक लिंग विशेषताओं (secondary sex characteristics) के रूप में संदर्भित किया जाता है। विशुद्ध अर्थ में, युवावस्था शब्द (लैटिन शब्द प्यूबरेटम (puberatum) (परिपक्वता, मर्दानगी की उम्र)) किशोर के मनोसामाजिक और सांस्कृतिक पहलू के विकास की बजाय यौन परिपक्वता के शारीरिक परिवर्तनों से संबंधित है। किशोरावस्था बचपन और वयस्कता के बीच की मनोसामाजिक और सामजिक परिवर्तनों की अवधि है। किशोरावस्था काफी हद तक युवावस्था की अवधि में व्याप्त रहती है, किन्तु इसकी सीमाएं ठीक से परिभाषित नहीं की गयी हैं और यह युवावस्था के शारीरिक परिवर्तनों की बजाय किशोरावस्था के वर्षों के मनोसामाजिक तथा सांस्कृतिक विशेषताओं के विकास से अधिक संबंधित है। .

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यूटीसी±००:००

यूटीसी±००:००, (UTC±00:00) यूटीसी से शून्य घंटे आगे और शून्य घंटे पीछे का समय मंडल है, यानि विश्व भर में नागरिक आवश्यकताओं की पूर्ति के लिये मापे जाने वाले समय का केंद्र बिंदु व आधार है। इसका उपयोग निम्न क्षेत्रों में समय मापने के लिये किया जाता है।.

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यूनाइटेड किंगडम

वृहत् ब्रिटेन और उत्तरी आयरलैण्ड का यूनाइटेड किंगडम (सामान्यतः यूनाइटेड किंगडम, यूके, बर्तानिया, UK, या ब्रिटेन के रूप में जाना जाने वाला) एक विकसित देश है जो महाद्वीपीय यूरोप के पश्चिमोत्तर तट पर स्थित है। यह एक द्वीपीय देश है, यह ब्रिटिश द्वीप समूह में फैला है जिसमें ग्रेट ब्रिटेन, आयरलैंड का पूर्वोत्तर भाग और कई छोटे द्वीप शामिल हैं।उत्तरी आयरलैंड, UK का एकमात्र ऐसा हिस्सा है जहां एक स्थल सीमा अन्य राष्ट्र से लगती है और यहां आयरलैण्ड यूके का पड़ोसी देश है। इस देश की सीमा के अलावा, UK अटलांटिक महासागर, उत्तरी सागर, इंग्लिश चैनल और आयरिश सागर से घिरा हुआ है। सबसे बड़ा द्वीप, ग्रेट ब्रिटेन, चैनल सुरंग द्वारा फ़्रांस से जुड़ा हुआ है। यूनाइटेड किंगडम एक संवैधानिक राजशाही और एकात्मक राज्य है जिसमें चार देश शामिल हैं: इंग्लैंड, उत्तरी आयरलैंड, स्कॉटलैंड और वेल्स. यह एक संसदीय प्रणाली द्वारा संचालित है जिसकी राजधानी लंदन में सरकार बैठती है, लेकिन इसमें तीन न्यागत राष्ट्रीय प्रशासन हैं, बेलफ़ास्ट, कार्डिफ़ और एडिनबर्ग, क्रमशः उत्तरी आयरलैंड, वेल्स और स्कॉटलैंड की राजधानी.जर्सी और ग्वेर्नसे द्वीप समूह, जिन्हें सामूहिक रूप से चैनल द्वीप कहा जाता है और मैन द्वीप (आईल ऑफ मान), यू के की राजत्व निर्भरता हैं और UK का हिस्सा नहीं हैं। इसके इलावा, UK के चौदह समुद्रपार निर्भर क्षेत्र हैं, ब्रिटिश साम्राज्य, जो १९२२ में अपने चरम पर था, दुनिया के तकरीबन एक चौथाई क्षेत्रफ़ल को घेरता था और इतिहास का सबसे बड़ा साम्रज्य था। इसके पूर्व उपनिवेशों की भाषा, संस्कृति और कानूनी प्रणाली में ब्रिटिश प्रभाव अभी भी देखा जा सकता है। प्रतीकत्मक सकल घरेलू उत्पाद द्वारा दुनिया की छठी बड़ी अर्थव्यवस्था और क्रय शक्ति समानता के हिसाब से सातवाँ बड़ा देश होने के साथ ही, यूके एक विकसित देश है। यह दुनिया का पहला औद्योगिक देश था और 19वीं और 20वीं शताब्दियों के दौरान विश्व की अग्रणी शक्ति था, लेकिन दो विश्व युद्धों की आर्थिक लागत और 20 वीं सदी के उत्तरार्ध में साम्राज्य के पतन ने वैश्विक मामलों में उसकी अग्रणी भूमिका को कम कर दिया फिर भी यूके अपने सुदृढ़ आर्थिक, सांस्कृतिक, सैन्य, वैज्ञानिक और राजनीतिक प्रभाव के कारण एक प्रमुख शक्ति बना हुआ है। यह एक परमाणु शक्ति है और दुनिया में चौथी सर्वाधिक रक्षा खर्चा करने वाला देश है। यह यूरोपीय संघ का सदस्य है, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में एक स्थायी सीट धारण करता है और राष्ट्र के राष्ट्रमंडल, जी8, OECD, नाटो और विश्व व्यापार संगठन का सदस्य है। .

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यूनाइटेड किंगडम में यूरोपीय संघ पर जनमत संग्रह

यूनाइटेड किंगडम में यूरोपीय संघ पर जनमत संग्रह जिसे यूके में ईयू जनमत संग्रह के नाम से जाना जाता है, 23 जून 2016 को यूनाइटेड किंगडम में हुआ एक जनमत संग्रह है।इसका उद्देश्य यह पता लगाना था कि यूके को यूरोपीय संघ में आगे बने रहना चाहिए या इसे छोड़ देना चाहिए। ईयू की सदस्यता यूके में सन् 1973 में इसके यूरोपीय आर्थिक समुदाय में शामिल होने के बाद से ही बहस का मुद्दा रही है। यूके की कंज़र्वेटिव पार्टी के चुनावी घोषणापत्र के अनुसार हाउस ऑफ़ कॉमन्स (यूके की संसद) ने यूरोपोय संघ जनमत संग्रह कानून 2015 के तहत ईयू के सदस्य बने या ना बने रहने के लिये देश में एक जनमत संग्रह कराने की कानूनी घोषणा की। यूके के लोगों से यूरोपीय संघ की सदस्यता के लिये मत देने के लिये दूसरी बार कहा गया। इसके पहले सन् 1975 में इसमें शामिल होने के लिये जनमत संग्रह कराया गया था जिसमें 67% लोगों ने इसके पक्ष में मतदान किया था। पूर्वोत्तर इंग्लैंड, वेल्स और मिडलैंड्स में से ज्यादातर मतदाताओं ने यूरोपीय संघ से अलग होना पसंद किया जबकि लंदन, स्कॉटलैंड और नॉर्दन आयरलैंड के ज्यादातर मतदाता यूरोपीय संघ के साथ ही रहना चाहते थे। जनमत संग्रह के नतीजे का ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था और राजनीति पर नाटकीय असर हो सकता है। ये असर यूरोप और अन्य देशों को भी अपने दायरे में ले सकता है। .

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यूनाइटेड किंगडम के देश

यूनाइटेड किंगडम का मानचित्र यूनाइटेड किंगडम के देशों को दर्शाता हुआ यूनाइटेड किंगडम के देश एक शब्दावली है जिसका प्रयोग उत्तरी आयरलैंड, इंग्लैंड, स्कॉटलैंड और वेल्स का वर्णन करने के लिए किया जा सकता है। ये चार देश मिल कर सार्वभौमिक राष्ट्र का ग्रेट ब्रिटेन और उत्तरी आयरलैंड का यूनाइटेड किंगडम निर्माण करते हैं जो स्वयं भी एक देश कहलाता है। इन्ही देशों को संदर्भित करने के लिए होम नेशन जैसी शब्दावलियों का भी इस्तेमाल किया जाता है। .

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यूनाइटेड किंगडम के शाही राजघराने

ब्रिटिश द्वीप समूह का नक्शा (उपग्रह चित्र) इस पृष्ठ में यूनाइटेड किंगडम के विभिन्न राजघरानों व उनके शासन की संक्षिप्त सूची है। ध्यान रहे, यूके के राजघरानों को ब्रिटिश राजघराने भी कहते हैं क्यूंकि ये सब ब्रिटिश द्वीप समूह में थे। लेकिन इन सभी ने इंग्लैंड पर शासन किया हो यह जरूरी नहीं हैं।.

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यूनीलीवर

यूनीलीवर इंग्लैंड व हॉलैंड की एक बहुराष्ट्रीय कंपनी है, जो डिब्बाबंद घरेलू ग्राहक उत्पादों का निर्माण करती है। इसके मुख्यालय संयुक्त रूप से लंदन, इंग्लैंड व रॉटरडैम, हॉलैंड में स्थित हैं। .

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यूरोप में विश्व धरोहर स्थलों की सूची

यह यूरोप में स्थित यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों की एक सूची है। तारांकन चिह्न (*) लगे स्थल, खतरे में विश्व धरोहर स्थलों की सूची में भी शामिल हैं। .

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यूरोप का इतिहास

एक '''सामी''' परिवार यूरोप में मानव ईसापूर्व 35,000 के आसपास आया। इसके बाद ७००० इस्वी पूर्व से संगठित बसाव यानि बस्तियों के प्रमाण मिलते हैं। काँस्य युगीन सभ्यता (३००० ईसा पूर्व) के समय यहाँ कुछ अधिक बसाव नहीं हुआ - भ़ासकर मिस्र, इराक, चीन और भारतीय सभ्यता के मुकाबले। लेकिन ५०० ईसापूर्व से रोमन और यूनानी साम्राज्यों का उदय हुआ जिसने यूरोप की संस्कृति को बहुत प्रभावित किया। सैन्य, कला और चिंतन के मामले में यूनानियों ने यूरोप के एक कोने में होते हुए भी पूरे यूरोप और बाद में विश्वभर में अपना प्रभाव जमाया। आज यूरोप के देश यूरोपीय संघ के सदस्य हैं जो एक मुद्रा यूरो चलाता है। मध्यकाल में यूरोप छोटे राज्यों में विभक्त हो गया था। विज्ञान और शोध के मामले में धार्मिक मान्यताओं ने अपना प्रभाव बना रखा था। पंद्रहवीं सदी के बाद यह पुनः विकसित हुआ। सैनिक इतिहास का एक छोटा ब्यौरा नीचे लिखा है, कृपया वहाँ देखें। यूरोप के इतिहास को समझने के लिए दक्षिणी (रोम, यूनान और स्पेन), पूर्वी (यानि स्लाविक) और उत्तरी क्षेत्र जिसनें जर्मन मूल की नौर्ड और वाइकिंग तथा केल्ट और गॉल को समझना आवश्यक है। .

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यूरोपीय धर्मसुधार

16वीं शताब्दी के प्रारंभ में समस्त पश्चिमी यूरोप धार्मिक दृष्टि से एक था - सभी ईसाई थे; सभी रोमन काथलिक चर्च के सदस्य थे; उसकी परंपरगत शिक्षा मानते थे और धार्मिक मामलों में उसके अध्यक्ष अर्थात् रोम के पोप का शासन स्वीकार करते थे। यूरोपीय धर्मसुधार अथवा रिफॉरमेशन 16वीं शताब्दी के उस महान आंदोलन को कहते हैं जिसके फलस्वरूप पाश्चात्य ईसाइयों की यह एकता छिन्न-भिन्न हुई और प्रोटेस्टैंट धर्म का उदय हुआ। चर्च के इतिहस में समय-समय पर सुधारवादी आंदोलन होते रहे किंतु वे चर्च के धार्मिक सिद्धातों अथवा उसके शासकों को चुनौती न देकर उनके निर्देश के अनुसार ही नैतिक बुराइयों का उन्मूलन तथा धार्मिक शिक्षा का प्रचार अपना उद्देश्य मानते थे। 16वीं शताब्दी में जो सुधार का आंदोलन प्रवर्तित हुआ वह शीघ्र ही चर्च की परंपरागत शिक्षा और उसके शासकों के अधिकार, दोनों का विरोध करने लगा। धर्मसुधार आंदोलन के परिणामस्वरूप यूरोप में कैथोलिक सम्प्रदाय के साथ-साथ लूथर सम्प्रदाय, कैल्विन सम्प्रदाय, एंग्लिकन सम्प्रदाय और प्रेसबिटेरियन संप्रदाय प्रचलित हो गये। .

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यूईएफए यूरोपा लीग

यूईएफए यूरोपा लीग, यह पहले यूईएफए कप नामित किया गया था, एक वार्षिक पुरुषों के फुटबॉल क्लब प्रतियोगिता है, योग्य यूरोपीय फुटबॉल क्लब के लिए जो 1971 के बाद से यूईएफए द्वारा आयोजित किया जाता है। क्लब अपनी राष्ट्रीय लीग और कप प्रतियोगिताओं में उनके प्रदर्शन के आधार पर प्रतियोगिता लिए अर्हता प्राप्त करते है। इससे पहले यह यूईएफए कप बुलाया जाता था, प्रारूप में एक परिवर्तन के बाद प्रतियोगिता 2009-10 सत्र के बाद यूईएफए यूरोपा लीग के रूप में जाना गया है। यूईएफए फुटबॉल रिकॉर्ड प्रयोजनों के लिए, यूईएफए कप और यूईएफए यूरोपा लीग, एक ही प्रतियोगिता माने जाते है। 1999 में, यूईएफए कप विनर्स कप को समाप्त कर दिया गया था और यूईएफए कप के साथ विलय कर दिया गया। 2004-05 प्रतियोगिता के लिए एक ग्रुप चरण नॉकआउट चरण से पहले जोड़ा गया। 2009 पुनः ब्रांडिंग मे यूईएफए इंटरटोटो कप के साथ एक विलय शामिल था, एक बढ़े हुए प्रतियोगिता प्रारूप का उत्पादन हुआ, साथ ही एक विस्तारित ग्रुप चरण और पात्रता मानदंड बदल। यूईएफए यूरोपा लीग के विजेता यूईएफए सुपर कप के लिए उत्तीर्ण होते है और 2015-2016 के सत्र के बाद से पिछले सत्र के यूईएफए यूरोपा लीग के विजेताओं यूईएफए चैंपियंस लीग के लिए अर्हता प्राप्त करेंगे। खिताब 28 विभिन्न क्लबों द्वारा जीता गया है और जिनमें से 12 एक बार से अधिक खिताब जीता है। सेविला ५ खिताब के साथ प्रतियोगिता में सबसे सफल क्लब हैं। अंग्रेज़ी पक्ष मैनचेस्टर यूनाइटेड मौजूदा चैंपियन हैं, वे २०१७ फाइनल में अजाक्स को 2–0 से हरा दिया था। .

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यूईएफए यूरोपा लीग फाइनल की सूची

यूईएफए यूरोपा लीग, पूर्व में यूईएफए कप के रूप में जाना जाता था, 1971 में स्थापित एक फुटबॉल प्रतियोगिता है। यह यूरोपीय क्लबों के लिए दूसरा सबसे महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता मानी जाती है। प्रतियोगिता के पहले 25 वर्षों के लिए, फाइनल दो लेग पर खेला गया था, लेकिन 1998 के बाद से, प्रतियोगिता का फाइनल एक तटस्थ स्टेडियम में आयोजित किया जाता है। टॉटनहम हॉटस्पर 1972 में उद्घाटन प्रतियोगिता जीती थी। खिताब 28 विभिन्न क्लबों द्वारा जीता गया है और जिनमें से 12 एक बार से अधिक खिताब जीता है। सेविला ५ खिताब के साथ प्रतियोगिता में सबसे सफल क्लब हैं। अंग्रेज़ी पक्ष मैनचेस्टर यूनाइटेड मौजूदा चैंपियन हैं, वे २०१७ फाइनल में अजाक्स को 2–0 से हरा दिया था। .

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यॉर्क की राजकुमारी बियैट्रिस

यॉर्क की, राजकुमारी बियैट्रिस, (पूरा नाम:बियैट्रिस एलिज़ाबेथ मैरी) ब्रिटिश राजपरिवार की एक सदस्य है। वो राजकुमार एंड्रू, यॉर्क के ड्यूक और सारा, यॉर्क की डचेस के ज्येष्ठ पुत्री है। वह रानी एलिज़ाबेथ द्वि॰ की पौत्री है, और ब्रिटिश सिंघासन के अनुक्रम में सातवें स्थान पर हैं, तथा दूसरी महिला हैं। वह अपनी माता-पिता की पहली संतान हैं। .

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यॉर्क की राजकुमारी यूजीनी

यॉर्क की राजकुमारी यूजीन(पूरा नाम:यूजीन विक्टोरिया हेलेना; सटीक उच्चारण:युझ़ीनी) राजकुमार एंड्रू, यॉर्क के ड्यूक और सारा, यॉर्क की डचेस की दूसरी संतान और छोटी बेटी है। वह महारानी एलिज़ाबेथ द्वितीय की पोती हैं, और ब्रिटिश सिंघासन के उत्तराधिकार के अनुक्रम में आठवें स्थान पर हैं। वो इस क्रम में तीसरी स्त्री हैं। उमक जन्म २३ मार्च १९९० को हुआ था। वर्ष २०१५ में उन्होंने हौसेर एंड वर्थ आर्ट गैलरी, लंदन में काम करना शुरू किया था। .

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यॉर्कशायर काउंटी क्रिकेट क्लब

यॉर्कशायर काउंटी क्रिकेट क्लब अठारह में से एक है प्रथम श्रेणी काउंटी क्लबों के भीतर घरेलू क्रिकेट की संरचना इंग्लैंड और वेल्स। श्रेणी:क्रिकेट क्लब.

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रणजीतसिंहजी

रणजीतसिंहजी विभाजी जडेजा (10 सितंबर, 1872 -- अप्रैल 1933) नवानगर के १०वें जाम साहब तथा प्रसिद्ध क्रिकेट खिलाड़ी थे। उनके अन्य प्रसिद्ध नाम हैं- 'नवानगर के जाम साहब', 'कुमार रणजीतसिंहजी', 'रणजी' और 'स्मिथ'। उनका शासन १९०७ से १९३३ तक चला था। वे एक बेहतरीन क्रिकेट खिलाड़ी और बल्लेबाज़ थे जिन्होंने भारतीय क्रिकेट के विकास में अहम भूमिका अदा की थी। वे अंग्रेज़ी क्रिकेट टीम के तरफ़ से खेलने वाले विख्यात क्रिकेट खिलाड़ी थे और इंग्लैंड क्रिकेट टीम के लिए टेस्ट मैच खेला करते थे। इसके अलावा, रणजी कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के लिये प्रथम श्रेणी क्रिकेट और काउंटी क्रिकेट में ससेक्स का प्रतिनिधित्व किया करते थे। रणजीतसिंहजी टीम में मूलतः दाएं हाथ के बल्लेबाज की भूमिका निभाया करते थे, तथा वह धीमी गेंदबाजी में भी सिद्धहस्त थे। उनकी गिनाती सभी समय के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों में होती है। नेविल कार्डस ने उन्हें 'द मिडसमर नाइट्स ड्रीम ऑफ़ क्रिकेट' भी कहा था। अपनी बल्लेबाजी से उन्होंने क्रिकेट को एक नयी शैली दी तथा इस खेल में क्रांति ला दी थी। उनकी मृत्यु के बाद उनके सम्मान में, बीसीसीआई ने १९३४ में भारत के विभिन्न शहरों और क्षेत्रों के बीच खेली जा रही क्रिकेट सिरीज़ को 'रणजी ट्रॉफी' का नाम दिया। उनहोंने कई क्रिकेट अकादमियाँ भी खोली थी। रणजीतसिंहजी, १९३१ से १९३३ तक नरेंद्रमंडल के चांसलर भी रहे थे। उनके बाद, उनके भतीजे, दिग्विजयसिंहजी चांसलर बने। .

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रबीन्द्रनाथ ठाकुर

रवीन्द्रनाथ ठाकुर (बंगाली: রবীন্দ্রনাথ ঠাকুর रोबिन्द्रोनाथ ठाकुर) (७ मई, १८६१ – ७ अगस्त, १९४१) को गुरुदेव के नाम से भी जाना जाता है। वे विश्वविख्यात कवि, साहित्यकार, दार्शनिक और भारतीय साहित्य के एकमात्र नोबल पुरस्कार विजेता हैं। बांग्ला साहित्य के माध्यम से भारतीय सांस्कृतिक चेतना में नयी जान फूँकने वाले युगदृष्टा थे। वे एशिया के प्रथम नोबेल पुरस्कार सम्मानित व्यक्ति हैं। वे एकमात्र कवि हैं जिसकी दो रचनाएँ दो देशों का राष्ट्रगान बनीं - भारत का राष्ट्र-गान जन गण मन और बाँग्लादेश का राष्ट्रीय गान आमार सोनार बाँग्ला गुरुदेव की ही रचनाएँ हैं। .

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रमेशचन्द्र दत्त

रमेशचन्द्र दत्त रमेशचंद्र दत्त (13 अगस्त 1848 -- 30 नवम्बर 1909) भारत के प्रसिद्ध प्रशासक, आर्थिक इतिहासज्ञ तथा लेखक तथा रामायण व महाभारत के अनुवादक थे। भारतीय राष्ट्रवाद के पुरोधाओं में से एक रमेश चंद्र दत्त का आर्थिक विचारों के इतिहास में प्रमुख स्थान है। दादाभाई नौरोज़ी और मेजर बी. डी. बसु के साथ दत्त तीसरे आर्थिक चिंतक थे जिन्होंने औपनिवेशिक शासन के तहत भारतीय अर्थव्यवस्था को हुए नुकसान के प्रामाणिक विवरण पेश किये और विख्यात ‘ड्रेन थियरी’ का प्रतिपादन किया। इसका मतलब यह था कि अंग्रेज अपने लाभ के लिए निरंतर निर्यात थोपने और अनावश्यक अधिभार वसूलने के जरिये भारतीय अर्थव्यवस्था को निचोड़ रहे हैं। .

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रसायन विज्ञान का इतिहास

रसायन विज्ञान का इतिहास बहुत पुराना है। १००० ईसापूर्व में प्राचीन सभ्यताओं के लोग ऐसी प्राविधियों काo.

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राबर्ट पील

सर रॉबर्ट पील (ज्न्म:-५ फेर्बेरी १७८८) एक रूढ़िवादी राजनेता थे|जो की १८३४ से १८३५ तक ब्रिटन के प्रधानमंत्री रहे| इंग्लैंड के प्रधान मन्त्री।.

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राबर्ट फिस्क

रॉबर्ट फिस्क (Robert Fisk जन्म: 12 जुलाई 1946) मेडस्टोन, केंट के रहने वाले एक ब्रिटिश पत्रकार एवं लेखक हैं, जो कि मध्य पूर्व में अपनी बहादुर पत्रकारी के लिए जाने जाते हैं। फिस्क १२ वर्षों से ज्यादा समय तक अंग्रेज़ी अख़बार द इंडिपेंडेंट के लिए मध्य पूर्व के मुख्यत: बेरुत में संवाददाता रह चुके हैं। किसी भी अन्य पत्रकार कि तुलना में फिस्क को पत्रकारिता से संबन्धित कहीं अधिक ब्रिटिश व अंतरराष्ट्रिय पुरस्कार मिल चुके हैं। उन्हें ७ बार ब्रिटेन का वार्षिक अंतरराष्ट्रिय पत्रकार पुरस्कार मिल चुका है। उन्होंने विभिन्न युद्धों व सैन्य टकरावटों पे किताबें प्रकाशित की हैं। अरबी भाषा बोलने वाले वे उन कुछेक ऐसे पश्चिमी पत्रकारों में हैं जिन्होने ओसामा बिन लादेन का साक्षात्कार किया है। १९९३ से १९९७ के बीच में उन्होने ऐसा ३ बार किया है। .

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राबर्ट जेन्किन्सन

इंग्लैंड के प्रधान मन्त्री।.

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राबर्ट वाल्पोल

इंग्लैंड के प्रधान मन्त्री। 200px .

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राबर्ट गास्कौय्न-सीसिल

इंग्लैंड के प्रधान मन्त्री।.

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राम प्रसाद 'बिस्मिल'

राम प्रसाद 'बिस्मिल' (११ जून १८९७-१९ दिसम्बर १९२७) भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन की क्रान्तिकारी धारा के एक प्रमुख सेनानी थे, जिन्हें ३० वर्ष की आयु में ब्रिटिश सरकार ने फाँसी दे दी। वे मैनपुरी षड्यन्त्र व काकोरी-काण्ड जैसी कई घटनाओं में शामिल थे तथा हिन्दुस्तान रिपब्लिकन ऐसोसिएशन के सदस्य भी थे। राम प्रसाद एक कवि, शायर, अनुवादक, बहुभाषाभाषी, इतिहासकार व साहित्यकार भी थे। बिस्मिल उनका उर्दू तखल्लुस (उपनाम) था जिसका हिन्दी में अर्थ होता है आत्मिक रूप से आहत। बिस्मिल के अतिरिक्त वे राम और अज्ञात के नाम से भी लेख व कवितायें लिखते थे। ज्येष्ठ शुक्ल एकादशी (निर्जला एकादशी) विक्रमी संवत् १९५४, शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के शाहजहाँपुर में जन्मे राम प्रसाद ३० वर्ष की आयु में पौष कृष्ण एकादशी (सफला एकादशी), सोमवार, विक्रमी संवत् १९८४ को शहीद हुए। उन्होंने सन् १९१६ में १९ वर्ष की आयु में क्रान्तिकारी मार्ग में कदम रखा था। ११ वर्ष के क्रान्तिकारी जीवन में उन्होंने कई पुस्तकें लिखीं और स्वयं ही उन्हें प्रकाशित किया। उन पुस्तकों को बेचकर जो पैसा मिला उससे उन्होंने हथियार खरीदे और उन हथियारों का उपयोग ब्रिटिश राज का विरोध करने के लिये किया। ११ पुस्तकें उनके जीवन काल में प्रकाशित हुईं, जिनमें से अधिकतर सरकार द्वारा ज़ब्त कर ली गयीं। --> बिस्मिल को तत्कालीन संयुक्त प्रान्त आगरा व अवध की लखनऊ सेण्ट्रल जेल की ११ नम्बर बैरक--> में रखा गया था। इसी जेल में उनके दल के अन्य साथियोँ को एक साथ रखकर उन सभी पर ब्रिटिश राज के विरुद्ध साजिश रचने का ऐतिहासिक मुकदमा चलाया गया था। --> .

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राममनोहर लोहिया

डॉ॰ राममनोहर लोहिया डॉ॰ राममनोहर लोहिया (जन्म - मार्च २३, इ.स. १९१० - मृत्यु - १२ अक्टूबर, इ.स. १९६७) भारत के स्वतन्त्रता संग्राम के सेनानी, प्रखर चिन्तक तथा समाजवादी राजनेता थे। .

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राममूर्ति नायडू (पहलवान)

प्रोफेसर राममूर्ति नायडू (अंग्रेजी:Kodi Rammurthy Naidu तेलुगू:కోడి రామ్మూర్తి నాయుడు जन्म:१८८२ - मृत्यु:१९४२) भारत के विश्वविख्यात पहलवान हुए हैं जिन्हें उनकी उल्लेखनीय उपलब्धियों के लिये ब्रिटिश सरकार ने कलयुगी भीम की उपाधि से अलंकृत किया था। दक्षिण भारत के उत्तरी आन्ध्र प्रदेश में जन्मे इस महाबली ने एक समय में पूरे विश्व में तहलका मचा दिया था। स्वयं ब्रिटिश सम्राट जार्ज पंचम व महारानी मैरी ने लन्दन स्थित बकिंघम पैलेस में आमन्त्रित कर सम्मानित किया और इण्डियन हरकुलिस व इण्डियन सैण्डोज जैसे उपनाम प्रदान किये। उनके शारीरिक बल के करतब देखकर सामान्य जन से लेकर शासक वर्ग तक सभी दाँतों तले उँगली दबाने को विवश हो जाया करते थे। प्रो॰ साहब ने व्यायाम की जो नयी पद्धति विकसित की उसे आज भी भारतीय मल्लयुद्ध के क्षेत्र में प्रो॰ राममूर्ति की विधि के नाम से जाना जाता है जिसमें दण्ड-बैठक के दैनन्दिन अभ्यास से शरीर को अत्यधिक बलशाली बनाया जाता है। .

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राष्ट्रपति भवन

राष्ट्रपति भवन भारत सरकार के राष्ट्रपति का सरकारी आवास है। सन १९५० तक इसे वाइसरॉय हाउस बोला जाता था। तब यह तत्कालीन भारत के गवर्नर जनरल का आवास हुआ करता था। यह नई दिल्ली के हृदय क्षेत्र में स्थित है। इस महल में ३४० कक्ष हैं और यह विश्व में किसी भी राष्ट्राध्यक्ष के आवास से बड़ा है। वर्तमान भारत के राष्ट्रपति, उन कक्षों में नहीं रहते, जहां वाइसरॉय रहते थे, बल्कि वे अतिथि-कक्ष में रहते हैं। भारत के प्रथम भारतीय गवर्नर जनरल श्री सी राजगोपालाचार्य को यहां का मुख्य शयन कक्ष, अपनी विनीत नम्र रुचियों के कारण, अति आडंबर पूर्ण लगा जिसके कारण उन्होंने अतिथि कक्ष में रहना उचित समझा। उनके उपरांत सभी राष्ट्रपतियों ने यही परंपरा निभाई। यहां के मुगल उद्यान की गुलाब वाटिका में अनेक प्रकार के गुलाब लगे हैं और यह कि जन साधारण हेतु, प्रति वर्ष फरवरी माह के दौरान खुलती है। इस भवन की खास बात है कि इस भवन के निर्माण में लोहे का नगण्य प्रयोग हुआ है। .

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राष्ट्रमंडल (बहुविकल्पी शब्द)

"राष्ट्रमंडल" एक पद है जिसका अर्थ है एक राजनैतिक समुदाय राष्ट्रमंडल बह्विकल्पी शब्द है, जिसका अर्थ विशेषतया हो सकता है.

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राष्ट्रीय दिवस

ब्राजील की स्वतन्त्रता मनाने के लिये ''आजादी या मौत'' नामक प्रसिद्ध पेंटिंग राष्ट्रीय दिवस किसी देश द्वारा घोषित वह दिन या तिथि होती है जिस दिन कोई भूभाग राष्ट्र के रूप में उदित हुआ। प्रायः इस दिन सार्वजनिक छुट्टी होती है। .

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राजनयिक दूत

राजनयिक दूत (Diplomatic Envoys) संप्रभु राज्य या देश द्वारा नियुक्त प्रतिनिधि होते हैं, जो अन्य राष्ट्र, अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन अथवा अंतरराष्ट्रीय संस्था में अपने देश का प्रतिनिधित्व करते हैं। वर्तमान अंतरराष्ट्रीय विधि का प्रचलन आरंभ होने के बहुत पूर्व से ही रोम, चीन, यूनान और भारत आदि देशों में एक राज्य से दूसरे राज्य में दूत भेजने की प्रथा प्रचलित थी। रामायण, महाभारत, मनुस्मृति, कौटिल्यकृत अर्थशास्त्र और 'नीतिवाक्यामृत' में प्राचीन भारत में प्रचलित दूतव्यवस्था का विवरण मिलता है। इस काल में दूत अधिकांशत: अवसरविशेष पर अथवा कार्यविशेष के लिए ही भेजे जाते थे। यूरोप में रोमन साम्राज्य के पतन के उपरांत छिन्न भिन्न दूतव्यवस्था का पुनरारंभ चौदहवीं शताब्दी में इटली के स्वतंत्र राज्यों एवं पोप द्वारा दूत भेजने से हुआ। स्थायी राजदूत को भेजने की नियमित प्रथा का श्रीगणेश इटली के गणतंत्रों एवं फ्रांस के सम्राट् लुई ग्यारहवें ने किया। सत्रहवीं शताब्दी के पूर्वार्ध तक दूतव्यवस्था यूरोप के अधिकांश देशों में प्रचलित हो गई थी। .

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राजनीति विज्ञान

राजनीति विज्ञान एक सामाजिक विज्ञान है जो सरकार और राजनीति के अध्ययन से सम्बन्धित है। राजनीति विज्ञान अध्ययन का एक विस्तृत विषय या क्षेत्र है। राजनीति विज्ञान में ये तमाम बातें शामिल हैं: राजनीतिक चिंतन, राजनीतिक सिद्धान्त, राजनीतिक दर्शन, राजनीतिक विचारधारा, संस्थागत या संरचनागत ढांचा, तुलनात्मक राजनीति, लोक प्रशासन, अंतर्राष्ट्रीय कानून और संगठन आदि। .

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राजमुकुट

राजमुकुट अथवा द क्राउन(The Crown La Couronne, ला कोहुन्न्/लॅ कोऱुन) (अन्यथा "ताज" या सासामान्यतः "मुकुट"), एक विशेष राजनीतिक संकल्पना है, जिसकी ब्रिटेन तथा अन्य राष्ट्रमण्डल प्रदेशों के विधीशास्त्र तथा राजतांत्रिक व्यवस्था में अतिमहत्वपूर्ण भूमिका है। इस सोच का विकास इंग्लैण्ड राज्य में सामंतवादी काल के दौरान शाब्दिक मुकुट तथा राष्ट्रीय संपदाओं को संप्रभु(नरेश) तथा उनके/उनकी व्यक्तिगत संपत्ति से विभक्त कर संबोधित करने हेतु हुआ था। इस सोच के अनुसार राजमुकुट को प्रशासन के समस्त अंगों तथा हर आयाम में राज्य तथा शासन के प्रतीक के रूप में देखा जाता है, तथा ब्रिटिश संप्रभु को राजमुकुट के सतत अवतार के रूप में देखा जाता है। अतः ब्रिटेन तथा राष्ट्रमण्डल प्रदेशों मे इस शब्दावली को शासन अथवा सर्कार के लिए एक उपलक्षण(उपशब्द) के रूप में भी उपयोग किया जाता है, या सीधे-सीधे ऐसा भी कहा जा सकता है की यह राजतंत्र को ही संबोधित करने का एक दूसरा तरीका है। विधिक रूप से "राजमुकुट" को एक एकव्यक्ती संस्थान के रूप में परिभाषित किया जा सकता है जो कि विधानपालिका, कार्यपालिका तथा न्यायपालिका के संपूर्ण समुच्च न्यायिक अवतार है। अतः इस संदर्भ में इस शब्द को किसी शाही पोशाक के वास्तविक मुकुट के साथ संभ्रमित नहीं करना चाहिए। एक संस्थान के रूप में, राजमुकुट, ब्रिटेन की राजनीतिकव्यवस्था का सबसे पुराना कार्यशील संस्थान है। बीती सदियों के दौरान, क्रमशः पहले अंग्रेज़ी तथा तत्पश्चात् ब्रिटिश औपनिवेशिक विस्तार द्वारा यह संकल्पना विश्व के अन्य अनेक कोनों तक पहुची, और आज यह यूनाइटेड किंगडम के अतिरिक्त, अन्य 15 स्वतंत्र राष्ट्रों और तीन भिक्त मुकुटीय निर्भरताओं की प्रशासनिक प्रणाली तथा विधिकीय व्यवस्था के मूल आधारभूतियों में जड़ा हुआ है। इनमें से प्रत्येक राष्ट्र के शासन एक-दूसरे से पूर्णतः विभक्त हैं, परंतु सारे के सारे समान रूप से एक ही राजपरिवार को साझा करते हैं। अतः एक नरेश होने के बावजूद इन सारे राष्ट्रों के "राजमुकुट" एक-दूसरे से स्वतंत्र हैं। इस शब्द को और भी कई आधिकारिक शब्दों में देखा जा सकता है, उदाहरणस्वरूप:मुकुट के मंत्री, मुकुटीय भूमि(क्राउन लैण्ड), इत्यादि। .

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राजा ऍडवर्ड की कुर्सी

राज्याभिषेक कुर्सी, जिसमें नीचे स्कून का पत्थर रखा हुआ है राजा ऍडवर्ड की कुर्सी (अंग्रेज़ी: King Edward's chair) जिसे संत ऍडवर्ड की कुर्सी और राज्याभिषेक कुर्सी (coronation chair) भी कहा जाता है, एक लकड़ी का बना सिंहासन है जिसपर ब्रिटेन के सम्राटों का राज्याभिषेक होता है। इसका निर्माण 1296 ई॰ में राजा ऍडवर्ड प्रथम ने करवाया था। उन्होने इसमें एक विशेष ख़ाना बनवाया जिसमें स्कून का पत्थर (Stone of Scone, स्टोन ऑफ़ स्कून) रखा जाता है। यह पत्थर स्कॉटलैण्ड के राजाओं के राज्याभिषेक के लिए इस्तेमाल होता है और इसे ऍडवर्ड प्रथम स्कॉट लोगों से छीन कर लाये थे। यह कुर्सी लन्दन के प्रसिद्ध वॅस्टमिन्स्टर ऐबी नामक गिरजे में रखी जाती है। सन् 1308 के बाद सारे ब्रिटिश सम्राटों का राज्याभिषेक इसी कुर्सी पर हुआ है, सिवाय मेरी प्रथम और मेरी द्वितीय के। .

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राजा रामपाल सिंह

राजा रामपाल सिंह (१८४८ - १९०९) कालाकांकर रियासत के राजा थे। .

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राजा राममोहन राय

राजा राममोहन राय राजा राममोहन राय (রাজা রামমোহন রায়) (२२ मई १७७2 - २७ सितंबर १८३३) को भारतीय पुनर्जागरण का अग्रदूत और आधुनिक भारत का जनक कहा जाता है। भारतीय सामाजिक और धार्मिक पुनर्जागरण के क्षेत्र में उनका विशिष्ट स्थान है। वे ब्रह्म समाज के संस्थापक, भारतीय भाषायी प्रेस के प्रवर्तक, जनजागरण और सामाजिक सुधार आंदोलन के प्रणेता तथा बंगाल में नव-जागरण युग के पितामह थे। उन्होंने भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम और पत्रकारिता के कुशल संयोग से दोनों क्षेत्रों को गति प्रदान की। उनके आन्दोलनों ने जहाँ पत्रकारिता को चमक दी, वहीं उनकी पत्रकारिता ने आन्दोलनों को सही दिशा दिखाने का कार्य किया। राजा राममोहन राय की दूर‍दर्शिता और वैचारिकता के सैकड़ों उदाहरण इतिहास में दर्ज हैं। हिन्दी के प्रति उनका अगाध स्नेह था। वे रू‍ढ़िवाद और कुरीतियों के विरोधी थे लेकिन संस्कार, परंपरा और राष्ट्र गौरव उनके दिल के करीब थे। वे स्वतंत्रता चाहते थे लेकिन चाहते थे कि इस देश के नागरिक उसकी कीमत पहचानें। .

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राजा लक्ष्मण सिंह

राजा लक्ष्मण सिंह (9 अक्टूबर 1826 ई. - 14 जुलाई 1896 ई.), भारतेंदु हरिश्चंद्र युग से पूर्व की हिन्दी गद्यशैली के प्रमुख विधायक थे। इन्होने हिन्दी को हिन्दी संस्कृति के अनुकूल संस्कृतनिष्ठ बनाने की चेष्टा की। इन्होने आगरा से प्रजा-हितैषी पत्र निकाला और कालिदास के अभिज्ञान शाकुन्तलम्, रघुवंश एवं मेघदूतम् का हिन्दी में अनुवाद किया। .

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राजकुमार ऐंड्र्यू, यॉर्क के ड्यूक

प्रिंस एंड्रयू, यॉर्क के ड्यूक (एंड्रयू अल्बर्ट क्रिस्चियन एडवर्ड; जन्म 19 फरवरी 1960) ब्रिटिश शाही परिवार के एक सदस्य है। वे महारानी एलिजाबेथ द्वितीय और राजकुमार फिलिप, एडिनबर्ग के ड्यूक का दूसरा बेटा है। 1986 से उन्हें यॉर्क के ड्यूक की उपादि से जाना जाता है, और वे यूनाइटेड किंगडम के सिंहासन पर उत्तराधिकार के क्रम में छठे स्थान पर है। प्रिंस एंड्रयू का जन्म बकिंघम पैलेस, लंदन में हुआ था। उनहोंने हीथरडाउन प्रीपरेटरी स्कूल, बर्कशायर, इंग्लैंड और गोर्डोंसटाउन, स्कॉटलैंड से अपनी प्राथमिक शिक्षा ली। प्रिंस एंड्रू ने यूनिवर्सिटी में पढ़ने के बजाय ब्रिटानिया रॉयल नेवल कॉलेज में जाना पसंद किया। नौसेना में उन्होंने फ़ॉकलैंड युद्ध में सेवा की है, और अपने कैरियर को जारी रखा, 1999 में वे एक कमांडर और 2001 में मानद कप्तान बन गए। 1986 में, प्रिंस एंड्रयू ने प्रिंस ऑफ वेल्स के पोलो प्रबंधक, रोनाल्ड फर्ग्यूसन, की छोटी बेटी, सारा फर्ग्यूसन से शादी की। इस शादी से उन्हें दो बेटियाँ हुईं:राजकुमारी बियैट्रिस और राजकुमारी यूजीनी। एंड्रयू और सारा 1992 में अलग हो गए, और मई 1996 में उनहोंने तलाक दे दिया। प्रिंस एंड्रयू शाही परिवार के एक सक्रिय सदस्य है। .

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राजकुमारी अमृत कौर

राजकुमारी अमृत कौर (२ फ़रवरी १८८९ - २ अक्टूबर १९६४) स्वतंत्र भारत की दस वर्षों तक स्वास्थ्य मंत्री थीं। वे स्वतंत्रता संग्राम सेनानी तथा सामाजिक कार्यकर्ता थीं। वे महात्मा गांधी की अनुयायी तथा १६ वर्ष तक उनकी सचिव रहीं। .

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राॅबर्ट वाॅशोप (ब्रिटिश नौसेना अधिकारी)

राॅबर्ट वाॅशोप(Robert Wauchope) (१७८८-१८६२) एक ब्रिटिश ऐडमिरल जिस ने, कभी सुप्रचलित रह चुके, टाइम बाॅल(कालगेंद) का आविष्कार किया था। उन्होंने ने अपना पूरा जिवन ब्रिटेन की शाही नौसेना की सेवा में गुज़ार दिया जिस बीच उन्होंने कई सैन्य अभियानों में शामिल भी थे। उनके बारे में यह भी जाना जाता है कि वे काफी धारमिक व्यक्ती थे। .

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रिचर्ड चैंसलर

रिचर्ड चैंसलर (Richard Chancellor; जन्म ?- मृत्यु नवंबर १०, १५५६) महान अंग्रेज नाविक तथा अन्वेषक। इन्होने ही सबसे पहले श्वेत सागर को पार किया और रूस से सम्बन्ध स्थापित किये। .

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रिचर्ड स्टेंगल

रिचर्ड "रिक" स्टेंगल एक अमेरिकी संपादक, पत्रकार और लेखक तथा टाइम पत्रिका के 16वें प्रबंध संपादक हैं। हालांकि वे टाइम के लिये अपने काम के लिए सबसे प्रसिद्ध हैं, उन्होंने मंडेला की आत्मकथा के संबंध में नेल्सन मंडेला के साथ सहयोग सहित कई पुस्तकों की रचना की है। 2006 में टाइम के प्रबंध संपादक का पद संभालने के पूर्व, स्टेंगल नैशनल कॉन्स्टीट्यूशन सेंटर के अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी थे। .

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रिचर्ड केटलब्रॉ

रिचर्ड केटलब्रॉ (अंग्रेजी:Richard Allan Kettleborough) (जन्म १५ मार्च १९७३) एक क्रिकेट के अंपायर है जो विभिन्न प्रारूपों में अम्पायरिंग करते हैं। इनका जन्म यॉर्कशायर,इंग्लैंड में हुआ था। .

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रिबॉक

कैण्टन में रीबॉक वर्ल्ड हेडक्वाटर्स (ज़ूम लेंस के माध्यम से सार्वजनिक सड़क से देखा जाता था) रिबॉक इंटरनेशनल लिमिटेड, जो खेल के परिधान बनाने वाली जर्मनी की दिग्गज कंपनी एडिडास की एक सहायक कंपनी है जो खेल के जूते, परिधान और संबंधित साजोसामान बनाती है। यह नाम अफ्रीकी हिज्जे 'rhebok' निकला है, जिसका मतलब अफ्रीकी हिरण या चिंकारा होता है। 1890 में इंग्लैंड के बोल्तों शहर से 6 मील दूर एक छोटे से गावं होलकोम ब्रुक में जोसफ विलियम फोस्टर नियमित रूप से दौड़ेवाले जूते बनाते थे, तभी उनके मन में दौड़ने वाले वैसे जूते बनाने का अनोखा विचार आया, जिसकी सतह में नुकीले हिस्से होते थे। जैसे ही उनका विचार आगे बढ़ा, उन्होंने अपने बेटों के साथ मिलकर 1895 में जे डबल्यू फोस्टर और संस के नाम से जूते कंपनी की स्थापना की.

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रियान गिग्स

रियान जोसेफ गिग्स OBE (जन्म - रियान जोसेफ विल्सन, 29 नवम्बर 1973) एक वेल्श फुटबॉलर हैं जिन्होंने अपने पूरे पेशेवर कॅरियर में मैनचेस्टर यूनाइटेड की तरफ से अपने खेल का प्रदर्शन किया हैं। उन्होंने 1990 के दशक के दौरान अपने आप को एक लेफ्ट-विंगर के रूप में प्रतिष्ठित किया और 2000 के दशक में इस पद पर भली-भांति बने रहे, लेकिन बाद के वर्षों में उन्हें लगातार एक अधिक गंभीर प्लेमेकिंग भूमिका में इस्तेमाल किया गया है। गिग्स ने फुटबॉल में कई कीर्तिमान स्थापित किए हैं जो उन्हें इंग्लिश फुटबॉल के इतिहास में सबसे मंजा हुआ खिलाड़ी साबित करता है। 16 मई 2009 को वह 11 शीर्ष डिवीजन इंग्लिश लीग शीर्षक पदक संग्रह करने वाले पहले फुटबॉलर बने। गिग्स, लगातार दो बार PFA यंग प्लेयर ऑफ़ द यर अवार्ड (1992 और 1993) जीतने वाले इतिहास के पहले खिलाड़ी थे और प्रीमियर लीग की स्थापना के बाद से इसके प्रत्येक सत्र में खेलने और स्कोर बनाने वाले एकमात्र खिलाड़ी हैं। गिग्स का घरेलू और महाद्वीपीय कॅरियर बहुत लम्बे समय तक चला है और एक के बाद एक होने वाले 11 सत्रों में स्कोर बनाने वाले UEFA चैम्पियंस लीग के इतिहास के पहले खिलाड़ी हैं और उन्हें 2007 में PFA टीम ऑफ़ द सेंचुरी, 2003 में इंग्लिश प्रीमियर लीग टीम ऑफ़ द डिकेड, के साथ-साथ FA कप टीम ऑफ़ द सेंचुरी में सबसे शीर्ष खिलाड़ी के रूप में चुना गया है। गिग्स, सभी 11 प्रीमियर लीग जीतने वाले टीमों और सभी तीन लीग कप जीतने वाले टीमों में खेलने वाले यूनाइटेड के एकमात्र खिलाड़ी भी हैं। 21 मई 2008 को आयोजित 2008 UEFA चैम्पियंस लीग फाइनल में गिग्स ने मैनचेस्टर यूनाइटेड के लिए 78 प्रस्तुतियों का कीर्तिमान कायम करने वाले सर बॉबी चार्लटन को मात दी और प्रस्तुतियों के मामले में क्लब के सर्वकालीन अगुआ बन गए। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर, 2 जून 2007 को अंतर्राष्ट्रीय फुटबॉल से अपनी सेवानिवृत्ति से पहले गिग्स ने वेल्श की राष्ट्रीय टीम के लिए खेला और वे एक बार अपने देश का प्रतिनिधित्व करने वाले तत्कालीन सबसे कम उम्र के खिलाड़ी थे। गिग्स को फुटबॉल के क्षेत्र में कई सम्मान प्राप्त हुए हैं, जैसे - फुटबॉल लीग के 100 लेजेंड्स में उनका नाम था (सूची में सबसे अंतिम सक्रिय खिलाड़ी), लेकिन इसके साथ ही साथ उन्हें क्वीन के 2007 के बर्थडे ऑनर्स लिस्ट में एक OBE के रूप में नियुक्त किया गया और इंग्लिश फुटबॉल को प्रदान की गई अपनी सेवाओं के लिए उन्हें 2005 में इंग्लिश फुटबॉल हॉल ऑफ़ फेम में शामिल किया गया। उन्हें 2009 में BBC स्पोर्ट्स पर्सनालिटी ऑफ़ द यर की उपाधि दी गई। .

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रिवरसाइड ग्राउंड

'रिवरसाइड ग्राउंड' ', आधिकारिक तौर पर स्टेडियम प्रायोजन कारणों के रूप में' 'अमीरात रिवरसाइड' 'के रूप में भेजा, एक क्रिकेट चेस्टर ली स्ट्रीट, स्थल है काउंटी डरहम, इंग्लैंड। यह डरहम काउंटी क्रिकेट क्लब के लिए घर है, और भी कई अंतरराष्ट्रीय मैचों की मेजबानी की है।.

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रजनी कुमार

रजनी कुमार एक ब्रिटिश जनित भारतीय शिक्षाविद् और संस्थापक है स्प्रिंगडलेस समूह का स्कूलस की। भारत सरकार ने २०११ में उन्हें पद्म श्री के चौथे उच्चतम नागरिक पुरस्कार से सम्मानित किया था। उनका असल नाम नैन्सी जॉइस मार्गरेट जोन्स है। रजनी ५ मार्च १९२३ को इंग्लैंड में जन्म हुआ। उन्होंने १९४१ में लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से स्नातक किया। २३ वर्ष की उम्र में युधिष्ठ कुमार जो उनके सह छात्र थे उनसे विवाह किया और भारत चली गई और भारतीय नाम रखा रजनी। १९५० में, वह एक स्थानीय स्कूल, सलवान गर्ल्स स्कूल में काम करना शुरु किया प्रिंसिपल के रूप में और १९५५ तक वहां काम किया। इस अवधि के दौरान, वह भारतीय महिला नेशनल फेडरेशन में शामिल हुईं और १९५३ में इसके संस्थापक सदस्यों में से एक बन गई। कुमार को २००५ में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर दक्षिण अफ्रीका सरकार द्वारा सम्मानित किया गया था। भारत सरकार ने २०११ में उन्हें पद्म श्री के चौथे उच्चतम नागरिक पुरस्कार से सम्मानित किया था। २०१२ में, उन्हें दक्षिण अफ्रीका सरकार द्वारा ओ आर ताम्बो (रजत) के साथियों के आदेश से सम्मानित किया गया था। .

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रखमाबाई राऊत

अंगूठाकार रखमाबाई राऊत(1864-1955) भारत की प्रथम महिला चिकित्सक थीं। वह एक ऐतिहासिक कानूनी मामले के केंद्र में भी थीं, जिसके परिणामस्वरूप 'एज ऑफ कॉन्सेंट एक्ट, 1891' नामक कानून बना। जब वह केवल ग्यारह वर्ष की थीं तबी उन्नीस वर्षीय दुल्हे दादाजी भिकाजी से उनका विवाह कर दिय गया था। वह हालांकि अपनी विधवा माता जयंतीबाई के घर में रहती रही, जिन्होंने तब सहायक सर्जन सखाराम अर्जुन से विवाह किया। जब दादाजी और उनके परिवार ने रूखमाबाई को अपने घर जाने के लिए कहा, तो उन्होंने इनकार कर दिया और उनके सौतेले-पिता ने उसके इस निर्णय का समर्थन किया। इसने 1884 से अदालत के मामलों की एक लंबी श्रृंखला चली, बाल विवाह और महिलाओं के अधिकारों पर एक बड़ी सार्वजनिक चर्चा हुई। रूखमाबाई ने इस दौरान अपनी पढ़ाई जारी रखी और एक हिंदू महिला के नाम पर एक अख़बार को पत्र लिखे। उसके इस मामले में कई लोगों का समर्थन प्राप्त हुआ और जब उस ने अपनी डाक्टरी  की पढ़ाई की इच्छा व्यक्त की तो लंदन स्कूल ऑफ़ मेडिसन में भेजने और पढ़ाई के लिए एक फंड तैयार किया गया। उसने स्नातक की उपाधि प्राप्त की और भारत की पहली महिला डॉक्टरों में से एक (आनंदीबाई जोशी के बाद) बनकर 1895 में भारत लौटी, और सूरत में एक महिला अस्पताल में काम करने लगी। .

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रग्बी फुटबॉल

रग्बी फुटबॉल (आम तौर पर केवल “रग्बी ”) वर्तमान में दो खेल-रूपों में है- रग्बी लीग या रग्बी यूनियन अथवा युनाइटेड किंगडम के विभिन्न इलाकों में विकसित फुटबॉल के एक समान्य रूप से निकले हुए अनेक खेल रूपों में से एक है। .

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रग्बी यूनियन

रग्बी यूनियन, आमतौर पर सिर्फ रग्बी के रूप में जाना जाता है, एक पूर्ण संपर्क टीम खेल है जिसकी उत्पत्ति प्रारंभिक 19वीं सदी में इंग्लैंड में हुई थी। रग्बी फुटबॉल के दो प्रकारों में से एक, यह खेल हाथ में गेंद के साथ दौड़ने पर आधारित है। इसे लंबे और चौड़े अंडाकार मैदान पर खेला जाता है, जिसमें प्रत्येक गोल रेखा पे अंग्रेजी वर्णमाला के "H" वर्णाक्षर के आकार के गोल पोस्ट होते हैं। .

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रग्बी यूनियन विश्व कप

रग्बी यूनियन विश्व कप, (अथवा- रग्बी विश्व कप) एक रग्बी यूनियन प्रतियोगिता है, जो हर ४ वर्ष बाद शीर्ष अंतरराष्ट्रीय टीमों के बीच खेली जाती है। यह प्रतियोगिता सर्वप्रथम १९८७ में न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया द्वारा सह-आयोजित की गई थी। सबसे हाल की प्रतियोगिता २०१५ में इंग्लैंड में आयोजित की गई थी; जिसमें न्यूजीलैंड की राष्ट्रीय टीम-ऑल ब्लैक ने फाइनल में ऑस्ट्रेलिया को हराकर विश्व कप जीता। विजेताओं को विलियम वेब एलिस कप से सम्मानित किया जाता है, यह कप विलियम वेब एलिस पर नामित है जो कि, एक लोकप्रिय मिथक के अनुसार, रग्बी स्कूल छात्र थे और जिन्होंने एक फुटबॉल मैच के दौरान गेंद को उठा रग्बी का आविष्कार किया। (ISBN 9780714653532) इस विश्व कप प्रतियोगिता को न्यूजीलैंड ने इसे तीन बार, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका ट्रॉफी दो बार और इंग्लैंड ने एक बार जीता है। यह टूर्नामेंट, रग्बी विश्व कप लिमिटेड द्वारा आयोजित किया जाता है, जो खुद पूरी तरह से इस खेल की अंतरराष्ट्रीय शासी निकाय इंटरनेशनल रग्बी बोर्ड (आईआरबी) द्वारा नियंत्रित हैं। जापान २०१९ में टूर्नामेंट की मेजबानी करेगा। .

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रग्बी लीग

रग्बी लीग फुटबॉल आम तौर पर रग्बी लीग कहा जाता है, एक पूर्ण संपर्क खेल एक आयताकार घास के मैदान पर तेरह (१३) खिलाड़ियों की दो टीमों द्वारा खेला जाता है। रग्बी फुटबॉल के दो कोड की है कि यह खिलाड़ियों को भुगतान के मुद्दे पर रग्बी फुटबॉल संघ से एक विभाजन के रूप में 1895 में इंग्लैंड में हुआ था।Tony Collins, Rugby League in Twentieth Century Britain (2006), p.3 अपने नियमों में धीरे - धीरे दर्शकों के लिए एक तेज और मनोरंजक खेल के उत्पादन के उद्देश्य के साथ बदल दिया है। यह अक्सर सबसे शारीरिक रूप से टीम के खेल की मांग की है, सबसे मुश्किल के रूप में पेश किया जाता है।इसे 100-मीटर (330 फुट) लंबे और 68-मीटर (224 फुट) चौड़े अंडाकार मैदान पर खेला जाता है, जिसमें प्रत्येक गोल रेखा पे अंग्रेजी वर्णमाला के "H" वर्णाक्षर के आकार के गोल पोस्ट होते हैं। रग्बी लीग इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, फ्रांस, टोंगा में सबसे लोकप्रिय खेलों में से है और पापुआ न्यू गिनी में यह राष्ट्रीय खेल है। इस खेल में मौजूदा विश्व कप विजेता न्यूजीलैंड है। .

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रग्बी लीग विश्व कप

रग्बी लीग विश्व कप राष्ट्रीय टीमों द्वारा खेला एक अंतरराष्ट्रीय रग्बी लीग फुटबॉल टूर्नामेंट है, रग्बी लीग इंटरनेशनल फेडरेशन(आरएलआईए) के सदस्यों के लिए, जो इस टूर्नामेंट का आयोजन करते हैं। उद्घाटन टूर्नामेंट फ्रांस में १९५४ में आयोजित किया गया था।Folkard, 2003: 337SPARC, 2009: 28 सबसे हाल ही टूर्नामेंट में २००८ में ऑस्ट्रेलिया में खेला गया था और पहली बार के लिए न्यूजीलैंड ने जीता था। अब तक के लिए आयोजित तेरह टूर्नामेंट में तीन राष्ट्रों प्रतियोगिता जीत ली है, ऑस्ट्रेलिया नौ बार, ग्रेट ब्रिटेन में तीन बार और न्यूजीलैंड एक। ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस और न्यूजीलैंड के सभी टूर्नामेंट में खेला है केवल टीमें हैं, ग्रेट ब्रिटेन के साथ 1995 के बाद से इंग्लैंड, वेल्स, स्कॉटलैंड और आयरलैंड में विभाजित किया गया। 2013 में प्रतियोगिता ऑस्ट्रेलिया, न्यूज़ीलैंड और पापुआ न्यू गिनी में सह आयोजन की गयी।.

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रंगमंच

न्यूयॉर्क स्टेट थिएटर के अन्दर का दृष्य रंगमंच (थिएटर) वह स्थान है जहाँ नृत्य, नाटक, खेल आदि हों। रंगमंच शब्द रंग और मंच दो शब्दों के मिलने से बना है। रंग इसलिए प्रयुक्त हुआ है कि दृश्य को आकर्षक बनाने के लिए दीवारों, छतों और पर्दों पर विविध प्रकार की चित्रकारी की जाती है और अभिनेताओं की वेशभूषा तथा सज्जा में भी विविध रंगों का प्रयोग होता है और मंच इसलिए प्रयुक्त हुआ है कि दर्शकों की सुविधा के लिए रंगमंच का तल फर्श से कुछ ऊँचा रहता है। दर्शकों के बैठने के स्थान को प्रेक्षागार और रंगमंच सहित समूचे भवन को प्रेक्षागृह, रंगशाला, या नाट्यशाला (या नृत्यशाला) कहते हैं। पश्चिमी देशों में इसे थिएटर या ऑपेरा नाम दिया जाता है। .

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रुडॉल्फ डीजल

रुडॉल्फ डीजल रुडॉल्फ डीज़ल (सन् 1858 - 1913), जर्मनी के प्रसिद्ध इंजीनियर थे। इनकी खोजों के आधार पर ही डीजल इंजन बना। .

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रुथ इंग्लैंड

रुथ इंग्लैंड (जन्म-२९ मार्च, १९७०, इन्क्रेबो, वोरस्टरशायर, इंग्लैंड) एक ब्रिटिश तेलेवीसिओं प्रस्तोता व अभिनेत्री है। हाल ही में, उन्होंने अपने पति मैकेल हॉक के साथ डिस्कवरी चैनल शो मैन, वूमन, वाइल्ड में अभिनय किया था, जो कि पूर्व अमेरिकी सेना के विशेष बल अधिकारी थे। रुथ ने वेस्टमिंस्टर विश्वविद्यालय से स्नातक किया और वह बीबीसी, सीएनबीसी, आईटीवी और फॉक्स टीवी के लिए भी काम कर चुके है। .

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रैमसे मैकडोनाल्ड

रैमसे मैकडोनाल्ड (12 अक्टूबर 1866 – 9 नवम्बर 1937) यूनाइटेड किंगडम के प्रधानमंत्री थे। .

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रैंफोरिंकस

रैम्फोरिंकस का जीवाश्म रैंफोरिंकस (Rhamphorhynchus) के जीवाश्म बवेरिया (जर्मनी) के सोलेनहोफेन प्रदेश तथा इंग्लैंड की किंमेरिज मिट्टियों (Kimmeridge clay) में पाए गए हैं। ये टेरोडैक्टिला (Pterodactyla) अर्थात् पक्षी सरट, टेरोसॉरिया गण के पंखधारी तथा उड़नेवाले विलुप्त सरीसृप (reptiles) हैं, जिनके जीवाश्म (fossils) जर्मनी के कुछ भूक्षेत्रों में मिले हैं। इनका वृद्विकाल जुरैसिक युग माना गया है, जो सरीसृप वर्ग के जंतुओं के विकास का मध्यकाल कहा जाता है। इन जंतुओं को कुछ विभिन्नताओं के कारण समूहों में विभाजित किया गया है। एक समूह के जंतुओं की पूँछ लंबी होती थी, जिसके एक छोर पर पंख (fin) होता था, तथा दूसरे समूह के जंतुआं में पंख का सर्वथा अभाव था। रैंफोरिंकस का सिर लगभग ३.१/२ इंच लंबा था। मुखद्वार अधिक चौड़ा तथा लंबे एवं तीक्ष्ण नुकीले दाँतों से युक्त था। नेत्र निचले जबड़े के संधिस्थान के ऊपर स्थित थे। इनका आकार बहुत बड़ा तथा इनकी दीवारों में पक्षियों के सदृश अस्थि के कई टुकड़े होते थे। दोनों नासा छिद्र नेत्र के सम्मुख कुछ दूर पर स्थित थे। लगभग २ लंबी तथा नम्य ग्रीवा के ऊपर समकोण रूप से सिर जुड़ा हुआ था। धड़ अपेक्षाकृत छोटे आकार का, लगभग ४ लंबा, था। पूँछ की लंबाई लगभग १५ थी। कई भिन्न भिन्न भागों द्वारा बने रहने पर भी अनुमानत: संपूर्ण पूँछ की गति एक साथ ही होती होगी, क्योंकि योजक कंडरा (tendons) अस्थिभूत (ossified) थे। इनके पक्ष केवल त्वचा के प्रसार के कारण बनी झिल्लियों के द्वारा निर्मित थे। ये अपेक्षाकृत अधिक लंबी अग्रबाहु (fore limb) एवं समुन्नत चतुर्थ अँगुली के द्वारा सधे हुए थे। इन दोनों पक्षों के प्रसार की लंबाई लगभग २५� � थी। शेष चारों अँगुलियों में केवल तीन ही चंगुल के रूप में परिवर्तित थीं, कनिष्ठा का अभाव था। पक्ष की झिल्लियाँ शरीर के दोनों पारर्श्वों से पश्चपाद (hindleg) के साथ मिली हुई थीं। इनकी चंगुल सदृश, तीनों अंगुलियाँ संभवत: खाद्य पदार्थ को ग्रहण करने तथा भू पर उतरने में सहायक थीं। पूँछ का पश्च भाग कुछ चौड़ा तथा झिल्लियों के अनुप्रस्थ जालक (plexers) के द्वारा बना हुआ था। पश्चपाद का शेष भाग अधिक लंबा था तथा इसके साथ पाँच लंबी अंगुलियाँ जुड़ी हुई थीं। प्रथम अंगुली के अतिरिक्त, शेष चारों अँगुलियों के मध्य संभवत: झिल्लियों का संबंध था। रैंफौरिंकस का संपूर्ण शरीर चिकना तथा शल्क (scales) रहित था। केवल शिर के ऊपर कुछ लोम (hair) जैसे प्रोद्वर्ध (protuberances) थे। इन जंतुओं के पक्ष वस्तुत: पक्षियों के पक्ष से सर्वथा भिन्न थे, क्योंकि इनके ऊपर परों का अभाव था। ये वायव्य सरीसृप मत्स्यभक्षी ज्ञात होते हैं। ये संभवत: समुद्र के ऊपर मछलियों की खोज में उड़ा करते थे। विश्राम के समय पृथ्वी पर चलना इनके क्षीण पैरों के लिए संभव नहीं था, इसलिये ये चमगादड़ की तरह वृक्षों की शाखाओं या चट्टानों से लटकते हुए झूलते रहते थे। .

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रेचल वाइज़

राचेल हन्ना वेस्ज़ (" "; जन्म - 7 मार्च 1970)वेस्ज़ के जन्म के साल को लेकर परस्पर विरोधी स्रोत हैं। ब्रिटिश फ़िल्म इंस्टीट्यूट और अन्य सन् 1970 बताते हैं; गार्जियन के एक लेख में सन् 1971 बताया गया है। उनके जन्म को वेस्टमिंस्टर में सन् 1970 के मार्च के तिहाई में पंजीकृत किया गया एक अंग्रेज़ अभिनेत्री और मॉडल हैं। द ममी और द ममी रिटर्न्स फ़िल्मों में ईवलीन "ईवी" कार्नाहन-ओ'कॉनल की भूमिका निभाने के बाद उन्हें व्यापक सार्वजनिक मान्यता मिली.

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रेडियो

कुछ पुराने रेडियो (रिसिवर) 24 दिसम्बर 1906 की शाम कनाडाई वैज्ञानिक रेगिनाल्ड फेसेंडेन ने जब अपना वॉयलिन बजाया और अटलांटिक महासागर में तैर रहे तमाम जहाजों के रेडियो ऑपरेटरों ने उस संगीत को अपने रेडियो सेट पर सुना, वह दुनिया में रेडियो प्रसारण की शुरुआत थी। इससे पहले जगदीश चन्द्र बसु ने भारत में तथा गुल्येल्मो मार्कोनी ने सन 1900 में इंग्लैंड से अमरीका बेतार संदेश भेजकर व्यक्तिगत रेडियो संदेश भेजने की शुरुआत कर दी थी, पर एक से अधिक व्यक्तियों को एक साथ संदेश भेजने या ब्रॉडकास्टिंग की शुरुआत 1906 में फेसेंडेन के साथ हुई। ली द फोरेस्ट और चार्ल्स हेरॉल्ड जैसे लोगों ने इसके बाद रेडियो प्रसारण के प्रयोग करने शुरु किए। तब तक रेडियो का प्रयोग सिर्फ नौसेना तक ही सीमित था। 1917 में प्रथम विश्व युद्ध की शुरुआत के बाद किसी भी गैर फौज़ी के लिये रेडियो का प्रयोग निषिद्ध कर दिया गया। .

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रेडियो आवृत्ति पहचान

GPS RFID प्रौद्योगिकी के उपयोग से पशु प्रबंधन। सांता गेरट्रूडिस पशु: इस बछड़े के कान पर एक इलेक्ट्रॉनिक इअर टैग और झुंड प्रबंधन टैग (पीला) है। रेडियो-आवृत्ति पहचान (Radio-frequency identification) एक वस्तु का उपयोग है (आमतौर पर एक RFID टैग के रूप में संदर्भित) जिसे एक उत्पाद, पशु, या व्यक्ति में रेडियो तरंगों के इस्तेमाल से पहचान करने और ट्रैकिंग के उद्देश्य से लगाया या डाला जाता है। कुछ टैग को कई मीटर दूर से और पाठक की दृष्टि रेखा के पार से पढ़ा जा सकता है। अधिकांश RFID टैग में कम से कम दो हिस्से होते हैं। पहला, एकीकृत परिपथ है जो सूचना का भंडारण और उसे संसाधित करने, रेडियो आवृत्ति (RF) संकेत को मोड्युलेट और डीमोड्युलेट करने और अन्य विशेष कार्य करने के लिए ज़िम्मेदार है। दूसरा, संकेतों को प्राप्त करने और प्रसारित करने के लिए एक एंटीना है। आम तौर पर तीन प्रकार के RFID टैग होते हैं: सक्रिय RFID टैग, जिसमें एक बैटरी होती है और ये संकेतों को स्वतंत्र रूप से संचारित कर सकते हैं, निष्क्रिय RFID टैग, जिसमें बैटरी नहीं होती और संकेत संचरण प्रेरित करने के लिए एक बाहरी स्रोत की जरूरत होती है और बैटरी समर्थित निष्क्रिय (BAP) जिसे जागने के लिए बाहरी स्रोत की आवश्यकता है लेकिन इसमें महत्वपूर्ण उच्च फ़ॉरवर्ड लिंक क्षमता है जो अत्यधिक पठन सीमा प्रदान करता है। RFID के कई अनुप्रयोग हैं, उदाहरण के लिए, यह उद्यम की आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन में प्रयोग किया जाता है ताकि वस्तुसूची पर नज़र रखने में और प्रबंधन की कुशलता में सुधार किया जा सके। .

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रेबेका मास्टर्टन

डॉ॰ रेबेका मास्टर्टन (अंग्रेज़ी: Rebecca Masterton) एक ब्रिटिश इस्लामी विद्वान, शिक्षका, सार्वजनिक वक्ता, टीवी प्रस्तोता और इस्लाम के शिया संप्रदाय की दार्शनिक हैं। .

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रेलवे संकेतक

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रॉबर्ट डॉनी जुनियर

रॉबर्ट जॉन डॉनी जुनियर (Robert John Downey, Jr., जन्म ४ अप्रैल १९६५) एक मुल अमरिकी अभिनेता व निर्माता है। डॉनी ने अपने फ़िल्मी करियर की शुरवात १९७० में पाँच वर्ष की आयु में अपने पिता की फ़िल्म पाउंड से की थी जिसके बाद वे लगातार फ़िल्मों व टेलिविज़न पर काम करते रहे। लेस दैन ज़ीरो (१९८७) में अपनी भूमिका के लिए पहली बार डॉनी के अभिनय पर समीक्षकों ने ध्यान दिया। ज़ीरो के बाद डॉनी को कई बड़ी फ़िल्मों में मुख्य भूमिका डी गई जिनमे एयर अमेरिका (१९९०), सोपडिश (१९९१) और नैचुरल बोर्न किलर (१९९४) शामिल है। उन्होंने १९९२ में बनी फ़िल्म चैप्लिन में चार्ली चैप्लिन की भूमिका साकरी जिसके लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के अकादमी पुरस्कार के लिए नामांकन प्राप्त हुआ। १९९६ से २००१ के बिच डॉनी कई बार नशीले पदार्थों के चलते गिरफ्तार किए गए। कोलंबिया सब्स्टंस अब्यूज़ ट्रीटमेंट फैसेलिटी एंड स्टेट प्रिजन से २००० में रिहाई के बाद डॉनी ने हिट टेलिविज़न शृंखला ऐली मैक्बिल में कलिस्ता फ्लोक्फार्ट के प्रेमी का किरदार निभाया। उनके अभिनय को काफ़ी सराहा और सम्मानित किया गया परन्तु २०००-०१ में पुनः नशीले पदार्थों के चलते गिरफ्तार होने के कारण उनके पात्र को बाद में हटा दिया गया। अदालत द्वारा दी गई लत छुडाने के कार्यक्रम के बाद डॉनी आखिरकार ठीक हो गए और उनका करियर वापस चल पड़ा। वे कई छोटी फ़िल्मों, जैसे द सिंगिंग डिटेक्टिव (२००३), किस किस बैंग बैंग (२००५) और अ स्कैनर डार्कली (२००६), में नज़र आए। उन्हें मुख्य धारा की फ़िल्मों में भी छोटे किरदार निभाए जिनमे गोथिका (२००३) और जोडिएक (२००७) शामिल है। २००४ में डॉनी ने अपने द फ्यूचरिस्ट अल्बम के साथ संगीत क्षेत्र में पदार्पण किया। २००८ में डॉनी को आयरन मैन फ़िल्म में शीर्ष किरदार के रूप में लिया गया। फ़िल्म एक बेहद सफल फ़िल्म बन गई; आयरन मैन के शुरूआती हफ्ते की कमाई अभी भी अबतक की २० सर्वाधिक कमाई वाली फ़िल्मों में से एक है। उन्होंने २०१० में बनी दूसरे भाग आयरन मैन २ में पुनः टोनी स्टार्क की भूमिका संभाली और अब जल्द ही २०१२ में रिलीज़ होने वाली द अवेंजर्स में पुनः इसी भूमिका में दिखेंगे। डॉनी की २००८ की अन्य फ़िल्मों में चार्ली बार्लेट और बेन स्टीलर निर्देशित ट्रॉपिक थंडर शामिल है। २००९ में डॉनी ने गाय रिची द्वारा निर्मित फ़िल्म शेरलाक होम्स में शीर्ष किरदार की भूमिका निभाई जिसे २००९ के क्रिसमस को रिलीज़ किया गया। इस पात्र के लिए डॉनी को सर्वश्रेष्ठ अभिनय के लिए गोल्डेन ग्लोब पुरस्कार से सम्मानित किया गया। २०११ में उन्होंने पुनः शेर्लोक होम्स: अ गेम ऑफ शैडोज़ में अपनी भूमिका संभाली। .

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रॉबर्ट पैटिनसन

रॉबर्ट पैटिनसन (जन्म - 13 मई 1986), एक अंग्रेज अभिनेता, मॉडल और संगीतकार हैं। उन्हें स्टेफनी मेयर के उपन्यास ट्वाइलाईट के फ़िल्मी रूपांतरण में एडवर्ड कलन की भूमिका और फिल्म हैरी पॉटर एंड द गौब्लेट ऑफ फायर में सेड्रिक डिगरी की भूमिका के लिए सबसे ज्यादा जाना जाता है। .

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रॉबर्ट बॉयल

राबर्ट बायल राबर्ट बॉयल (Robert Boyle; 1627-1691 ई.) आधुनिक रसायनशास्त्र का प्रवर्तक, अपने युग के महान वैज्ञानिकों में से एक, लंदन की प्रसिद्ध रॉयल सोसायटी का संस्थापक तथा कॉर्क के अर्ल की 14वीं संतान था। .

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रॉबर्ट हुक

रॉबर्ट हूक, एफ.आर.एस.

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रॉबर्ट ग्रॉसतेस्त

रॉबर्ट ग्रॉसतेस्त रॉबर्ट ग्रॉसतेस्त अंग्रेजी दार्शनिक, वैज्ञानिक और थेअलोजियन थे। रॉबर्ट ग्रॉसतेस्त का जन्म 1170 में सफ़क काउंटी में इंग्लैंड में हुआ था। ये ऑक्सफ़र्ड विश्वविद्यालय के चांसलर भी बने। इनकी देहांत 1253 इसवी में हुआ। .

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रॉबर्ट क्लाइव

300px\राबर्ट क्लाइव राबर्ट क्लाइव (१७२५-१७७४ ई.) भारत में ब्रिटिश साम्राज्य का संस्थापक। २९ सिंतबर, १७२५ को स्टाएच में जन्म हुआ। पिता काफी दिनों तक मांटगुमरी क्षेत्र से पालमेंट के सदस्य रहा। बाल्यकाल से ही वह निराली प्रकृति का था। वह एक स्कूल से दूसरे स्कूल में भर्ती कराया जाता किंतु वह खेल में इतना विलीन रहता कि पुस्तक आलमारी में ही धरी रह जाती। १८ वर्ष की आयु में मद्रास के बंदरगाह पर क्लर्क बनकर आया। यहीं से उसका ईस्ट इंडिया कंपनी का जीवन आरंभ होता है। १७४६ में जब मद्रास अंग्रेजों के हाथ से निकल गया तब उसे बीस मील दक्षिण स्थित सेंट डेविड किले की ओर भागना पड़ा। उसे वहाँ सैनिक की नौकरी मिल गई। यह समय ऐसा था जब भारत की स्थिति ऐसी हो रही थी कि फ्रांसीसी और अंग्रेजों में, जिसमें भी प्रशासनिक और सैनिक क्षमता दोनों होगी, भारत का विजेता बन जाएगा। औरंगजेब की मृत्यु के पश्चात्‌ के ४० वर्षों में मुगल साम्राज्य धीरे धीरे उसके सूबेदारों के हाथ आ गया था। इन सूबेदारों में तीन प्रमुख थे। एक तो दक्षिण का सूबेदार जो हैदराबाद में शासन करता था; दूसरा बंगाल का सूबेदार जिसकी राजधानी मुर्शिदाबाद थी और तीसरा थी अवध का नवाब बजीर। बाजी डूप्ले और क्लाइव के बीच थी। डूप्ले मेधावी प्रशासक था किंतु उसमें सैनिक योग्यता न थी। क्लाइव सैनिक और राजनीतिज्ञ दोनों था। उसने फ्रांसीसियों के मुकाबिले इन तीनों ही सूबों में अंगरेजों का प्रभाव जमा दिया। किंतु उसकी महत्ता इस बात में है कि उसने अपनी योग्यता और दूरदर्शिता से इन तीनों ही सूबों में से सबसे धनी सूबे पर अधिकार करने में सफलता प्राप्त की। क्लाइव ने सेंट डविड के किले में आने के बाद रेजर लारेंस की अधीनता में कई छोटी मोटी लड़ाइयों में भाग लिया ही था कि १७४८ में फ्रांस और इंग्लैंड के बीच समझौता हो गया और क्लाइव को कुछ काल के लिये पुन: अपनी क्लर्की करनी पड़ी। उसे उन्हीं दिनों जोरों का बुखार आया फलस्वरूप वह बंगाल आया। जब वह लौटकर मद्रास पहुंचा, उस समय दक्षिण और कर्नाटक की नवाबी के लिये दो दलों में संघर्ष चल रहा था। चंदा साहब का साथ कर्नाटक का नवाब बन गया। मुहम्मद अली ने अंग्रेजों से समझौता किया, सारे कर्नाटक में लड़ाई की आग फैलगई, जिसके कारण कर्नाटक की बड़ी क्षति हुई। तंजोर और मैसूर के राजाओं ने भी इसमें भाग लिया। मुहम्मद अली त्रिचनापल्ली को काबू में किए हुए थे। चंदा साहब ने उस पर आक्रमण किया। अंग्रेंजों ने मुहम्मद अली को बचाने के लिये क्लाइव के नेतृत्व में एक सेना आर्काट पर आक्रमण करने के लिये भेजी। क्लाइव ने आर्काट पर घेरा डाल दिया और डटकर मुकाबला किया। चंदा साहब की फ्रांसीसी सेनाओं की सहायता प्राप्त थी, फिर भी वह सफल न हो सके। इसी बीच डूप्ले को वापस फ्रांस बुला लिया गया। अंग्रेजों की सहायता से मुहम्मद अली कर्नाटक के नवाब बन गए। आर्काट के घेरे के कारण यूरोप में क्लाइव की धाक जम गई। वलियम पिट ने उसे स्वर्ग से जन्में सेनापति कह कर सम्मानित किया। ईस्ट इंडिया कंपनी के संचालक मंडल ने उसे ७०० पाउंड मूल्य की तलवार भेंट करनी चाही तो उसने उसे तब तक स्वीकार नहीं किया जब तक उसी रूप में लारेंस का सम्मान नहीं हुआ। दस वर्ष भारत रहने के बाद वह १७५३ के आरंभ में स्वदेश लौटा। दो वर्ष वह अपने घर रह पाया था तभी भारत की स्थिति ऐसी हो गई कि कंपनी के संचालक मंडल ने उसे भारत आने को विवश किया। वह १७५६ ई. में सेंट फोर्ट डेविड का गवर्नर नियुक्त किया गया और उसे सेना में लेफ्टिनेंट कर्नल का पद दिया गया। वह मद्रास पहुंच कर अपना पद ग्रहण कर भी न पाया था कि इसी बीच अंग्रेजों की शक्ति बंगाल में डांवाडोल हो गई, क्लाइव को बंगाल आना पड़ा। ९ अप्रैल १७५६ को बंगाल और बिहार के सूबेदार की मृत्यु हो गई। १७५२ में अल्लावर्दी खाँ ने सिराजुद्दौला को अपना उत्तराधिकारी बनाया था। अल्लावर्दी खाँ की मृत्यु के पश्चात्‌ सिराजुद्दौला बंगाल का नवाब बना। १८वीं शताब्दी के आरंभ में ही अंग्रजों ने फोर्ट विलियम की नींव डाली थी और १७५५ तक उसके आसपास काफी लोग बस चुके थे, इसी लिये उसने नगर का रूप ले लिया था जो बाद में कलकत्ता कहलाया। बंगालन में फोर्ठ विलियम अंगेजी कंपनी का केंद्र था। सिराजुद्दौला ने नवाबी पाने के बाद ही अपने एक संबंधरी सलामन जंग के विरुद्ध सैनिक कार्रवाई आरंभ की और पुर्णिया पर आक्रमण किया। २० मई १७५६ को राजमहल पहँुचने के पश्चात्‌ उसने अपना इरादा बदल दिया और मुर्शिदाबाद लौट आया और कासिम बाजारवाली अंग्रेजी फैक्ट्री पर अधिकार कर लिया। यह घटना ४ जून १७५६ को घटी। ५ जून को सिराजुद्दौला की सेना कलकत्ते पर आक्रमण करने को रवाना हुई और १६ जून को कलकत्ता पहुंची। १९ जून को कलकत्ता के गवर्नर, कमांडर और कमेटी के सदस्यों को नगर और दुर्ग छोड़कर जहाज में पनाह लेना पड़ा। २० जून को कलकत्ता पर नवाब का कब्जा हो गया। जब इसकी खबर मद्रास पहुंची तो वहां से सेना भेजी गई, जिसका नेतृत्व क्लाइव के हाथ में था। दिसंबर में क्लाइव हुगली पहुंचा। उसकी सेना की संख्या लगभग एक हजार थी। वह नदी की ओर से कलकत्ते की तरफ बढ़ा और २ जनवरी १७५७ को उसपर अपना अधिकार कर लिया। सिराजुद्दौला को जब इसकी खबर मिली तो उसने कलकत्ते की ओर बढ़ने का प्रयत्न किया मगर असफल रहा और संधि करने पर विवश हुआ। इस संधि से अंग्रेजों को अधिक लाभ हुआ। सिराजुद्दौला ने कलकत्ते की लूटी हुई दौलत वापस करने का वादा किया; कलकत्ता को सुरक्षित करने की इजाजत दी और वाट को मुर्शिदाबाद में अंग्रेजी प्रतिनिधि के रूप में रखना स्वीकार किया। इसी बीच यूरोप में सप्तवर्षीय युद्ध आरंभ हो गया। इसका प्रभाव भारत की राजनीति पर भी पड़ा। यहां भी अंग्रेजों और फ्रांसीसियों में लड़ाई छिड़ गई। बंगाल में चंद्रनगर पर फ्रांसीसियों का प्रभाव रहा। Clive Defence of Arcot. Illustration for The New Popular Educator (Cassell, 1891). अंग्रेजों ने वहां अपना समुद्री बेड़ा भेजने की तैयारी आरंभ कर दी। १४ मार्च १७५७ को चंद्रनगर पर आक्रमण हुआ और एक ही दिन के बाद फ्रांसीसियों ने हथियार डाल दिए। वाटसन ने नदी की ओर से और क्लाइव ने दूसरी ओर से फ्रांसीसियों पर आक्रमण किया। सिराजुद्दौला इस लड़ाई में खुलकर भाग न ले सका। अब्दाली के आक्रमण के कारण वह फ्रांसीसियों की सहायता और अंग्रेजों से लड़ाई करने में संभवत: समर्थ न था। .

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रॉय कीन

रॉय मॉरिस कीन (जन्म 10 अगस्त 1971) एक भूतपूर्व आईरिश फुटबाल खिलाड़ी और इंग्लिश चैम्पियनशिप क्लब, इपस्विच टाउन का प्रबंधक है। उसके 18 वर्ष के पेशे में, स्कॉटलैंड में सेल्टिक पर संक्षिप्त अवधि तक खेलने के साथ अपने पेशे की समाप्ति के पहले उसने आयरलैंड की लीग में कॉभ रैम्ब्लर्स, नॉटिंघैम फारेस्ट और मैन्चेस्टर युनाइटेड (दोनों इंगलैंड में) के लिये खेला था। कीन, जो एक हावी हो जाने वाला सेंट्रल-मिडफील्डर था, अपनी आक्रामक और अत्यंत प्रतिस्पर्धी खेल की शैली के लिये जाना जाता था, एक रवैया जो उसे 1997 से लेकर 2005 में उसकी विदाई तक मैंचेस्टर युनाइटेड के कप्तान के रूप में सफलता प्राप्त करने में मददगार साबित हुआ। कीन ने क्लब में युनाइटेड को लगातार 12 वर्षों से भी अधिक समय तक सफलता अर्जित करने में सहायता की.

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रॉयल लंदन वनडे कप 2018

2018 रॉयल लंदन वनडे कप टूर्नामेंट एक सीमित ओवर क्रिकेट प्रतियोगिता है जो इंग्लैंड और वेल्स में 2018 घरेलू क्रिकेट सत्र का हिस्सा बनती है। मैच प्रति 50 ओवर से अधिक प्रतियोगिता में होंगे और लिस्ट ए क्रिकेट की स्थिति होगी। सभी अठारह प्रथम श्रेणी के काउंटी टूर्नामेंट में प्रतिस्पर्धा करते हैं जो 30 जून को लॉर्ड्स में अंतिम स्थान के साथ मई के मध्य से चलेगी। 2017 फाइनल में सरे को हराकर नॉटिंघमशायर टूर्नामेंट के मौजूदा चैंपियन हैं।Williams A (2017), BBC Sport, 2017-07-01.

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रॉयल लॉज

रॉयल लॉज, बर्कशायर, इंग्लैंड में स्थित एक ग्रेड-२ सूचित भवन है। यह विंडसर ग्रेट पार्क में कम्बरलैंड लॉज से आधी मील उत्तर की ओर और विंडसर कासल से 3 मील दक्षिण की ओर स्थित है। यह १९५२ से २००२ तक रानी एलिज़ाबेथ, राजमाता का विंडसर का निवास था, यहाँ पर उन्होंने अपनी मृत्यु तक निवास किया था। वर्ष २००२ से यह राजकुमार एंड्रू, यॉर्क के ड्यूक का आधिकारिक निवास रहा है। यह लॉज मूलतः मध्य-सतरहवीं सदी का है। कम-से-कम १६६२ से इस स्थान पर एक भवन होने के प्रमाण हैं। १७५० से यहाँ, रानी ऐनी की शैली का एक मकान हुआ करता था। अपने इतिहास के दौरान इस लॉज को विभिन्न नामों से जाना जाता रहा है: जिनमें लोअर लॉज, ग्रेट लॉज, और डेयरी लॉज जैसे नाम शामिल हैं। कम्बरलैंड लॉज के पुनःनिर्माण के दौरान जॉर्ज पंचम ने इस भवन को एक अस्थायी निवास के रूप में इस्तेमाल किया था। उसके बाद कई मौकों पर इसमें कुछ बदलाव किये गए ताकि शाही परिवार की ज़रूरतों के अनुसार इसे बनायजा सके। राजा जॉर्ज षष्टम् की १९५२ में मृत्यु के बाद से, राजमाता एलिज़ाबेथ ने २००२ में अपनी मृत्यु तक इसी भवन में अपना जीवन व्यतीत किया। राजमाता की मृत्यु के समय रानी एलिज़ाबेथ द्वितीय भी इनके साथ मौजूद थीं। २००२ में इस भवन को राजमुकुट द्वारा यॉर्क के ड्यूक, प्रिंस एंड्रू को इस भवन को ७५ साल की लीज पर दिया गया था। तब से आज तक, प्रिंस एंड्रू यहीं रहते हैं। .

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रोनाल्ड रॉस

रोनाल्ड रॉस (13 मई 1857 - 16 सितंबर 1932) एक ब्रिटिश नोबेल पुरस्कार विजेता थे। उनका जन्म भारत के उत्तराखण्ड राज्य के कुमांऊँ के अल्मोड़ा जिले के एक गॉंव में हुआ था। उन्हें चिकित्सा तथा मलेरिया के परजीवी प्लास्मोडियम के जीवन चक्र के अन्वेषण के लिये सन् 1902 में नोबेल पुरस्कार प्रदान किया गया था। .

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रोनाल्डिन्हो

रोनाल्डो डी एसिस मोरेरा (पोर्टो एलेग्रे में 21 मार्च 1980 में जन्म), को आम तौर पर रोनाल्डिन्हो या रोनाल्डिन्हो गाशो, के नाम से जाना जाता है, वे एक ब्राज़ीलियन फ़ुटबॉलर हैं, जो इटालियन सीरिए ए साइड मिलान और ब्राज़ील की राष्ट्रीय टीम के लिए खेलते हैं। उन्हें व्यापक रूप से उनकी पीढ़ी के सबसे प्रतिभाशाली फ़ुटबॉल खिलाड़ियों में से एक माना जाता है। रोनाल्डिन्हो, "छोटा रोनाल्डो" का पुर्तगाली रूप, को ब्राज़ील में रोनाल्डो से, जो ब्राज़ील में पहले से ही रोनाल्डिन्हो के नाम से जाना जाता है, अलग करने के लिए "गाशो" के उपनाम से बुलाया जाता है। लेकिन यूरोप में रोनाल्डो ने अपनी पहचान अपने पहले नाम से ही बनाई, जिसके चलते रोनालडिन्हो को अपने गाशो उपनाम के प्रयोग की बजाए केवल रोनाल्डिन्हो नाम रखने का अवसर मिला.

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रोबिंसन क्रूसो

रोबिंसन क्रुसो, डैनियल डेफॉ द्वारा रचित एक उपन्यास है। यह पहली बार 1719 में प्रकाशित हुआ था और कभी कभी इसे अंग्रेजी का पहला उपन्यास माना जाता है। यह पुस्तक रोबिंसन क्रुसो नामक एक अंग्रेज चरित्र, की काल्पनिक आत्मकथा है, जो वेनेजुएला के निकट एक दूरदराज के उष्णकटिबंधीय द्वीप पर 28 साल तक फंसा रहा.

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रोमन सैनी

डॉ॰ रोमन सैनी एक भारतीय प्रशासनिक सेवा अधिकारी है, अनएकेडेमी नामक निःशुल्क ऑनलाइन शैक्षणिक संस्था के संस्थापक है। वे मोटिवेशनल स्पीकर और गिटारिस्ट भी हैं। जनवरी 2016, रोमन सैनी ने निःशुल्क शैक्षणिक पहल अनएकेडेमी पर ध्यान देने के लिए भारतीय प्रशासनिक सेवा से इस्तीफा दे दिया है। दैनिक भास्कर के साक्षात्कार में रोमन ने कहा की सिविल सर्विस छोड़ने का फैसला कठिन था। लेकिन हमारी ये पहल एजुकेशन की तस्वीर बदलेगी। .

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रोल्ड डाहल

रोल्ड डाहल, सउथ वेलस् के कार्डिफ शहर, १३ सितंबर १९१६, एक नॉरवे से आए परिवार में पैदा हुए थे। डाहल तीन साल के थे, जब उनकी साथ साल की बहन की मृत्यु हो गयी। और कुछ सप्ताह के बाद, उनके पिता भी चल बसे। इस हाद्से के बाद, उनकी माँ डाहल को अंग्रेजी स्कूलों में दाखिला दिलाकर उन्होने मृत पति की इच्छा का पालन किया। डाहल को लांडाल्फ नामक एक स्कूल में भरती करने के बाद, वाहाँ वे ज़्यादा दिन नहीं रहे, इसलिये क्यों कि वे वहाँ जाना पसन्द नहीं करते थे। तो, फिर से और कई बार स्कूल बदलते गये। रेपटन नामक जगह से अपनी शिक्षा पूरी की। डाहल ने दूसरे विश्व युध में अपनी हवाई जहाज़ उडाने की प्रतिभा दिखाकर, विंग कमांडर के पद को हासिल किया। उनको १९४० में एक लेखक के रूप में दुनिया ने देखा। डाहल ज़्यादातर बच्चों की कहनियाँ लिखते थे, लेकिन उनके जीवनकाल में उन्होने बच्चों से लेकर, बडों तक के आयु वर्गों के लिये किताबें लिखी हैं। बीसवी सदी के सबसे बडे लेखकों में से एक माना जाता है। साहित्य में उनके योगदान के लिए अन्य पुरस्कारों में; १९८३ में 'वोर्ल्ड फांटसी अवार्ड फार लाइफटाइम अचीवमेंट' पुरस्कार प्राप्त हुअ, और १९९० में, ब्रिटिश बुक अवार्डस् में, उनको उस वर्ष के सबसे उत्तम लेखक बताया। डाहल की लघु कहानियाँ उनकी अप्रत्याशित और अभावुक अंत के लिये जानी जाती हैं, और्र अक्सर अपनी पुस्तकों में हास्य रस का ज़्यादा उपयोग करके पाठकों का ध्यान बेहलाए रखने के लिये जाने जाते है। उनकी प्रसिद्ध लेखनाओं में 'जेम्स आंड द जाइंट पीच', 'मटिल्डा', 'चार्ली आंड द चोक्लेट फाक्टरी', 'द विचस', 'मै अंकल आस्वाल्ड' थोडे हैं। .

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रोहित शर्मा

रोहित गुरूनाथ शर्मा (Rohit Sharma) (जन्म: ३० अप्रैल १९८७) एक अंतरराष्ट्रीय स्तर के भारतीय क्रिकेट टीम के खिलाड़ी है। इनका जन्म नागपुर, महाराष्ट्र में हुआ था। रोहित मुख्य रूप से सलामी बल्लेबाज के रूप में जाने जाते हैं। रोहित टेस्ट क्रिकेट, वनडे और ट्वेन्टी-ट्वेन्टी के अलावा इंडियन प्रीमियर लीग में भी खेलते है इसके अतिरिक्त मुम्बई इंडियन्स टीम के कप्तान भी है। वर्तमान में वे भारतीय वनडे टीम के उप कप्तान भी है। उन्होंने अपने टेस्ट कैरियर की शुरुआत वेस्टइंडीज क्रिकेट टीम के खिलाफ ०९ नवम्बर २०१३ को कोलकाता के ईडन गार्डन्स मैदान पर खेलकर की थी उस मैच में रोहित ने १७७ रनों की पारी खेली थी, उन्होंने १०८ वनडे मैचों के बाद टेस्ट मैच खेला था। जबकि एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट कैरियर की शुरुआत २३ जून २००७ को आयरलैण्ड क्रिकेट टीम के खिलाफ की थी। इनके अलावा रोहित ने अपने ट्वेन्टी-ट्वेन्टी में अपना पहला मैच १९ सितम्बर २००७ को इंग्लैंड क्रिकेट टीम के खिलाफ खेला था। १३ नवम्बर २०१४ को कोलकाता के ईडन गार्डन्स मैदान पर श्रीलंकाई टीम के खिलाफ बल्लेबाजी करते हुए २६४ रनों की पारी खेलकर एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में एक मैच में सबसे ज्यादा रन अर्थात सर्वोच्च स्कोर बनाकर नया कीर्तिमान कायम किया है। रोहित शर्मा एक दिवसीय क्रिकेट इतिहास में सबसे ज्यादा दोहरे शतक लगाने वाले पहले खिलाड़ी है। इन्होंने वनडे में तीन दोहरे शतक लगाये है जो अभी तक किसी बल्लेबाज ने नहीं लगाए है। फ़ोर्ब्स इंडिया २०१५ के भारत के १०० शीर्ष प्रसिद्ध व्यक्तियों में शर्मा को ८वाँ स्थान मिला। महेंद्र सिंह धोनी और गौतम गंभीर के बाद अपनी टीम को आईपीएल खिताब दिलाने वाले तीसरे कप्तान हैं। .

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रोज बॉल क्रिकेट ग्राउंड

रोज बॉल क्रिकेट ग्राउंड जो कि एजीस बॉल क्रिकेट ग्राउंड के नाम से भी जाना है यह एक क्रिकेट मैदान है जो वेस्ट एंड,हैम्पशायर, इंग्लैंड में स्थित है। यहां की घरेलू टीम अथवा क्रिकेट क्लब हैम्पशायर है नो २००९ से खेल रहा है। रोज बॉल क्रिकेट ग्राउंड पर पहला टेस्ट क्रिकेट का मैच १६ से २० जून २०११ इंग्लैंड क्रिकेट टीम और श्रीलंकाई टीम के बीच खेला गया था जबकि पहला एक दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय मैच १० जुलाई २००३ को अफ्रीका टीम और ज़िम्बाब्वे के बीच खेला था और पहला ट्वेन्टी-ट्वेन्टी मुकाबला १३ जुलाई २००५ को इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेला गया था। .

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रोजर बेकन

रोजर बेकन इंग्लैंड के प्रसिद्ध वैज्ञानिक और दार्शनिक थे। इन्होंने काँच की सहायता से सूक्ष्मदर्शी यंत्र बनाने की कोशिश की थी। इन्होंने तर्कवाद के आधार पर सत्य और धर्म की विवेचना करने पर जोर दिया। रॉजर बेकन के भूगोल, खगोल, गणित, विज्ञान आदि के क्षेत्र में यगदान को सराहनीय माना जाता है। .

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लहरबाज़ी

समुद्री लहर के ऊपरी हिस्से पर सवारी करता एक लहरबाज़ लहर टूटते ही लहरबाज़ नीचे की तरफ आ जाता है - इसे 'देर से उतरने वाली' (लेट ड्रॉप) लहरबाज़ी कहते हैं १९७५ में कैलिफ़ोर्निया के ओक्सनार्ड बीच पर लहरबाज़ी कैलिफ़ोर्निया के सांता क्रूज़ तट पर वेटसूट पहने एक लहरबाज़ शरीर के सामनांतर सतह पर और हाथों को फैलाये हुए एक लहरबाज़ तुरंत उलट गए तख़्ते से गिरा एक लहरबाज़ अशांत जल में लहर के टूटने की तस्वीर मानव-लंबाई से कहीं बड़ी टूटती हुई लहर में जूझते लहरबाज़ को किनारे से देखते दर्शक लहरबाज़ी या लहरसवारी या तरंगक्रीडा (अंग्रेज़ी: surfing, सरफ़िंग) समुद्र की लहरों पर किया जाने वाला एक खेल है जिसमें लहरबाज़ (सरफ़र) एक फट्टे पर संतुलन बनाकर खड़े रहते हुए तट की तरफ़ आती किसी लहर पर सवारी करते हैं। लहरबाज़ों के फट्टों को 'लहरतख़्ता' या 'सर्फ़बोर्ड' (surfboard) कहा जाता है। लहरबाज़ी का आविष्कार हवाई द्वीपों के मूल आदिवासियों ने किया था और वहाँ से यह विश्वभर में फैल गया।, Ben R. Finney, James D. Houston, Pomegranate, 1996, ISBN 978-0-87654-594-2 .

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लार्ड नार्थ

इंग्लैंड के प्रधान मन्त्री।.

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लालबहादुर शास्त्री

लालबहादुर शास्त्री (जन्म: 2 अक्टूबर 1904 मुगलसराय - मृत्यु: 11 जनवरी 1966 ताशकन्द), भारत के दूसरे प्रधानमन्त्री थे। वह 9 जून 1964 से 11 जनवरी 1966 को अपनी मृत्यु तक लगभग अठारह महीने भारत के प्रधानमन्त्री रहे। इस प्रमुख पद पर उनका कार्यकाल अद्वितीय रहा। भारत की स्वतन्त्रता के पश्चात शास्त्रीजी को उत्तर प्रदेश के संसदीय सचिव के रूप में नियुक्त किया गया था। गोविंद बल्लभ पंत के मन्त्रिमण्डल में उन्हें पुलिस एवं परिवहन मन्त्रालय सौंपा गया। परिवहन मन्त्री के कार्यकाल में उन्होंने प्रथम बार महिला संवाहकों (कण्डक्टर्स) की नियुक्ति की थी। पुलिस मन्त्री होने के बाद उन्होंने भीड़ को नियन्त्रण में रखने के लिये लाठी की जगह पानी की बौछार का प्रयोग प्रारम्भ कराया। 1951 में, जवाहरलाल नेहरू के नेतृत्व में वह अखिल भारत काँग्रेस कमेटी के महासचिव नियुक्त किये गये। उन्होंने 1952, 1957 व 1962 के चुनावों में कांग्रेस पार्टी को भारी बहुमत से जिताने के लिये बहुत परिश्रम किया। जवाहरलाल नेहरू का उनके प्रधानमन्त्री के कार्यकाल के दौरान 27 मई, 1964 को देहावसान हो जाने के बाद साफ सुथरी छवि के कारण शास्त्रीजी को 1964 में देश का प्रधानमन्त्री बनाया गया। उन्होंने 9 जून 1964 को भारत के प्रधान मन्त्री का पद भार ग्रहण किया। उनके शासनकाल में 1965 का भारत पाक युद्ध शुरू हो गया। इससे तीन वर्ष पूर्व चीन का युद्ध भारत हार चुका था। शास्त्रीजी ने अप्रत्याशित रूप से हुए इस युद्ध में नेहरू के मुकाबले राष्ट्र को उत्तम नेतृत्व प्रदान किया और पाकिस्तान को करारी शिकस्त दी। इसकी कल्पना पाकिस्तान ने कभी सपने में भी नहीं की थी। ताशकन्द में पाकिस्तान के राष्ट्रपति अयूब ख़ान के साथ युद्ध समाप्त करने के समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद 11 जनवरी 1966 की रात में ही रहस्यमय परिस्थितियों में उनकी मृत्यु हो गयी। उनकी सादगी, देशभक्ति और ईमानदारी के लिये मरणोपरान्त भारत रत्न से सम्मानित किया गया। .

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लाला हरदयाल

लाला हरदयाल (१४ अक्टूबर १८८४, दिल्ली -४ मार्च १९३९) भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम के उन अग्रणी क्रान्तिकारियों में थे जिन्होंने विदेश में रहने वाले भारतीयों को देश की आजादी की लडाई में योगदान के लिये प्रेरित व प्रोत्साहित किया। इसके लिये उन्होंने अमरीका में जाकर गदर पार्टी की स्थापना की। वहाँ उन्होंने प्रवासी भारतीयों के बीच देशभक्ति की भावना जागृत की। काकोरी काण्ड का ऐतिहासिक फैसला आने के बाद मई, सन् १९२७ में लाला हरदयाल को भारत लाने का प्रयास किया गया किन्तु ब्रिटिश सरकार ने अनुमति नहीं दी। इसके बाद सन् १९३८ में पुन: प्रयास करने पर अनुमति भी मिली परन्तु भारत लौटते हुए रास्ते में ही ४ मार्च १९३९ को अमेरिका के महानगर फिलाडेल्फिया में उनकी रहस्यमय मृत्यु हो गयी। उनके सरल जीवन और बौद्धिक कौशल ने प्रथम विश्व युद्ध के समय ब्रिटिश साम्राज्यवाद के विरुद्ध लड़ने के लिए कनाडा और अमेरिका में रहने वाले कई प्रवासी भारतीयों को प्रेरित किया। .

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लाहौर

लाहौर (لہور / ਲਹੌਰ, لاہور) पाकिस्तान के प्रांत पंजाब की राजधानी है एवं कराची के बाद पाकिस्तान में दूसरा सबसे बडा आबादी वाला शहर है। इसे पाकिस्तान का दिल नाम से भी संबोधित किया जाता है क्योंकि इस शहर का पाकिस्तानी इतिहास, संस्कृति एवं शिक्षा में अत्यंत विशिष्ट योगदान रहा है। इसे अक्सर पाकिस्तान बागों के शहर के रूप में भी जाना जाता है। लाहौर शहर रावी एवं वाघा नदी के तट पर भारत पाकिस्तान सीमा पर स्थित है। लाहौर का ज्यादातर स्थापत्य मुगल कालीन एवं औपनिवेशिक ब्रिटिश काल का है जिसका अधिकांश आज भी सुरक्षित है। आज भी बादशाही मस्जिद, अली हुजविरी शालीमार बाग एवं नूरजहां तथा जहांगीर के मकबरे मुगलकालीन स्थापत्य की उपस्थिती एवं उसकी अहमियत का आभास करवाता है। महत्वपूर्ण ब्रिटिश कालीन भवनों में लाहौर उच्च न्यायलय जनरल पोस्ट ऑफिस, इत्यादि मुगल एवं ब्रिटिश स्थापत्य का मिलाजुला नमूना बनकर लाहौर में शान से उपस्थित है एवं ये सभी महत्वपूर्ण पर्यटक स्थल के रूप में लोकप्रिय हैं। मुख्य तौर पर लाहौर में पंजाबी को मातृ भाषा के तौर पर इस्तेमाल की जाती है हलाकि उर्दू एवं अंग्रेजी भाषा भी यहां काफी प्रचलन में है एवं नौजवानों में काफी लोकप्रिय है। लाहौर की पंजाबी शैली को लाहौरी पंजाबी के नाम से भी जाना जाता है जिसमे पंजाबी एवं उर्दू का काफी सुंदर मिश्रण होता है। १९९८ की जनगणना के अनुसार शहर की आबादी लगभग ७ लाख आंकी गयी थी जिसके जून २००६ में १० लाख होने की उम्मीद जतायी गयी थी। इस अनुमान के मुताबिक लाहौर दक्षिण एशिया में पांचवी सबसे बडी आबादी वाला एवं दुनिया में २३वीं सबसे बडी आबादी वाला शहर है।.

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लिन डान

लिन डान (जन्म अक्टूबर 14, 1983 लोंग्यान, फुजिआन) चीन से एक पेशेवर बैडमिंटन खिलाड़ी हैं। वह दो बार के ओलम्पिक स्वर्ण पदक विजेता हैं, पांच बार के विश्व विजेता हैं, और पांच बार के ऑल इंग्लैंड विजेता हैं। कई लोगों द्वारा सर्वकालिक महान एकल बैडमिंटन खिलाडी के रूप में पहचाने गये, 28 वर्ष की ही उम्र में लिन ने बैडमिंटन जगत के सभी ९ मुख्य खिताब जीतकर सुपर ग्रैंड स्लैम जीत लिया था। ओलम्पिक खेल, विश्व प्रतियोगिताएँ, विश्व कप, थॉमस कप, सुदिरमान कप, सुपर सीरीज़ मास्टर्स फ़ाइनल्स, ऑल इंग्लैंड ओपेन, एशियाई खेल, और एशियाई प्रतियोगिताएँ जीतकर ऐसा करने वाले वो पहले और एकमात्र खिलाड़ी बने हुए हैं। वह पहले पुरुष बैडमिंटन खिलाडी भी हैं जिन्होंने ओलम्पिक पुरुष एकल का स्वर्ण पदक लगातार दो बार पहले 2008 और बाद में 2012 में जीता है। २००४ में ऑल इंग्लैंड ओपेन जीतने पर लिन डान को प्रतिद्वंदी पीटर गेड ने "सुपर डान" के नाम से नवाज़ा। इसके बाद से ही यह नाम उनके लिये उनके प्रशंसकों व मीडिया द्वारा उन्हें पुकारने या पहचानने के लिये किया जाता है। Lin has been in a relationship with झी झिंगफैंग, herself a former world champion, since 2003.

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लियाम प्लंकेट

लियाम एडवर्ड प्लंकेट (जन्म ६ अप्रैल १९८५) एक इंग्लैंड क्रिकेट टीम के खिलाड़ी है जो दाएं हाथ के तेज गेंदबाजी करते है। वह वर्तमान में यॉर्कशायर के लिए खेलते है, जो पहले डरहम काउंटी क्रिकेट क्लब और डॉल्फ़िन (बाद में दक्षिण अफ़्रीकी घरेलू क्रिकेट में) के लिए खेलते थे। .

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लियोनेल मेस्सी

लियोनेल आंद्रेस मेस्सी (जन्म 24 जून 1987) अर्जेंटीना के फ़ुटबॉल खिलाड़ी हैं, जो इस समय ला लिगा टीम बार्सिलोना और अर्जेंटीना की राष्ट्रीय टीम के लिए खेलते हैं। मेस्सी को अपनी पीढ़ी के सर्वश्रेष्ठ फ़ुटबॉल खिलाड़ियों में से एक माना जाता है, जिसने 21 साल की उम्र में ही कई बैलन डी'ऑर और FIFA वर्ष का विश्व खिलाड़ी नामांकन प्राप्त किए। उनकी खेल शैली और क्षमता की वजह से, फ़ुटबॉल के दिग्गज डिएगो मारडोना के साथ उनकी तुलना की जाने लगी, जिन्होंने ख़ुद मेस्सी को अपना "उत्तराधिकारी" घोषित किया है। मेस्सी ने कम उम्र में ही फ़ुटबॉल खेलना शुरू किया और जल्द ही बार्सिलोना ने उनकी क्षमता पहचान ली। उन्होंने 2000 में रोसारियो-आधारित न्यूवेल्स ओल्ड बॉय्स युवा दल को छोड़ा और अपने परिवार के साथ यूरोप आए, चूंकि बार्सिलोना ने उनके विकास हार्मोन की कमी के लिए इलाज की पेशकश की। 2004-05 सीज़न में पहली बार मैदान में उतरते हुए, उन्होंने सबसे कम उम्र के लीग खेल खेलने वाले फ़ुटबॉलर का ला लिगा रिकॉर्ड तोड़ दिया और साथ ही, सबसे कम उम्र के लीग गोल स्कोर करने वाले बने। मेस्सी के प्रथम प्रदर्शन के दौरान बार्सिलोना ने ला लिगा जीता और 2006 में दोहरा लीग और UEFA चैंपियन्स लीग जीतने के साथ ही, जल्द ही प्रमुख सम्मान मिलने लगे। 2006-07 उनकी सफलता का सीज़न था: एल क्लासिको में लगातार तीन गोल करते हुए और 26 लीग मैचों में 14 गोल की फ़िनिशिंग के साथ, उन्होंने नियमित रूप से फ़र्स्ट टीम में जगह बनाई। संभवतः 2008-09 का सीज़न उनका सबसे सफल सीज़न था, जिसमें मेस्सी 38 गोल करते हुए तिगुने विजय अभियान का अभिन्न अंग बने। मेस्सी, 2005 FIFA वर्ल्ड यूथ चैम्पियनशिप में छह गोल के साथ, जिसमें अंतिम खेल के दो गोल शामिल हैं, शीर्ष स्कोरर बने। उसके शीघ्र बाद, वे अर्जेंटीना के वरिष्ठ अंतर्राष्ट्रीय टीम के एक सदस्य के रूप में स्थापित हुए.

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लिवरपूल

लिवरपूल का एक दृश्य। लिवरपूल मर्सीसाइड,इंग्लैंड में एक नगर का नाम है। यह जहाज़ कारखानों और विश्व प्रसिद्द पॉप ग्रुप द बिटल्स के लिये प्रसिद्द है। यह अपनी फुटबाल टीमों लिवरपूल एफ़.सी. और एवरटन एफ.सी. के लिये भी जाना जाता है। .

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लिवरपूल स्कूल ऑफ़ ट्रॉपिकल मेडिसिन

लिवरपूल स्कूल ऑफ़ ट्रॉपिकल मेडिसिन की स्थापना 12 नवम्बर 1898 में इंग्लैंड में हुई थी। यह अपनी तरह का पहला विद्दालय था। इसकी स्थापना के लिये सर अल्फ्रेड लेविस ने £350 का दान दिया था। इस विद्दालय के कई योगदान हैं विशेषतः मलेरिया के संबध में। जिसके लिया रोनाल्ड रॉस को 1902 का चिकित्सा नोबेल मिला। वर्तमान में इसका मुख्य कार्य क्षेत्र गरीबी के रोग है। अक्टुबर 2005 में बिल गेट्स नें इस विद्दालय को £28000000 का अनुदान दिया। श्रेणी:ब्रिटेन श्रेणी:मलेरिया.

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लिंकिन पार्क

लिंकिन पार्क अगौरा हिल्स, कैलिफ़ोर्निया से एक अमेरिकी रॉक बैंड है। 1996 में स्थापित, बैंड ने 60 मिलियन से अधिक एल्बम बेचे हैं और दो ग्रैमी पुरस्कार जीते हैं। उसे अपनी पहली एल्बम, हायब्रिड थीयरी से ही मुख्य धारा में सफलता हासिल हुई, जो 2005 में आरआईएए (RIAA) द्वारा हीरक के रूप में प्रमाणित की गई। इसके बाद के स्टूडियो एल्बम मिटिओरा ने बैंड की सफलता को जारी रखा, जो 2003 में बिलबोर्ड 200 एल्बम चार्ट में चोटी पर रही और वे दुनिया भर में व्यापक दौरे और सहायतार्थ प्रदर्शनों के साथ आगे बढ़े। 2003 में, एमटीवी2 ने लिंकिन पार्क को म्यूज़िक वीडियो युग के छठवें स्थान पर सर्वाधिक महान और ओएसिस और कोल्डप्ले के पीछे, नई सदी के सर्वश्रेष्ठ में तीसरे स्थान पर नामित किया। हाइब्रिड थिअरी और मीटियोरा में नु मेटल और रैप रॉक शैलियों को रेडियो के अनुकूल, लेकिन सघन-स्तरित शैली में अपनाने के बाद,MSN म्यूज़िक, 14 जून 2007 को पुनःप्राप्त बैंड ने अपने अगले स्टूडियो एल्बम मिनट्स टू मिडनाइट में अन्य शैलियों पर प्रयोग शुरू किया। एल्बम बिलबोर्ड चार्ट में सबसे ऊपर रहा और उस वर्ष के किसी भी एल्बम के लिए, तीसरा सर्वेश्रेष्ठ सप्ताह साबित हुआ।Billboard.com, 28 मई 2007 को पुनःप्राप्तउनका नया अल्बम अ थाउज़ंड सन्स ८ सितंबर २०१० को रिलीज़ किया गया। उन्होंने कई अन्य कलाकारों के साथ मिल कर, विशेष रूप से रैपर जे-ज़ी के साथ, अपने मैशप एल्बम कोलिशन कोर्स और कई अन्य कलाकारों के साथ रीएनिमेशन पर काम किया। वे विश्व में सहस्राब्दि के बाद बनी ऐसी संगीत रचनाएं रही हैं, जिनकी दुनिया भर में 50 मिलियन रिकॉर्डों से अधिक की बिक्री हुई है। .

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लज़ान्या

एक थाली पर रखा लज़ान्या जिसमें पास्ता की लहरदार परत दिखाई दे रही है। लज़ान्या (बहुवचन लज़ान्ये) एक बेहतरीन इतालवी पास्ता कैसरोल पकवान है जिसमें एक के बाद एक पास्ता, चीज़, सॉस और प्रायः अन्य सामग्रीयों की परतें होती हैं। इतालावी व्यंजनों की विशिष्टता के अनुसार, इसके कई क्षेत्रीय रूप मौजूद हैं। कुछ क्षेत्रों में, विशेष रूप से इटली के दक्षिणी क्षेत्रों में इस्तेमाल किये जाने वाले सॉस के या तो साधारण टमाटर सॉस होने की संभावना होती है या रागु होने की, जबकि अन्य क्षेत्रों में, विशेष रूप से उत्तरी इटली में, बेच्मेल सॉस का उपयोग किया जाता है। यह शब्द पकवान और पास्ता की परत, दोनों के लिए इस्तेमाल किया जाता है। लज़ान्या एकवचन शब्द है, जबकि लज़ान्ये इसका बहुवचन है। ब्रिटेन में इस पकवान के लिए इसके बहुवचन नाम (लज़ान्ये) का ही प्रयोग किया जाता है। लज़ान्या शब्द, जो मूल रूप से एक खाना पकाने के बर्तन को कहते हैं, अब केवल व्यंजन को ही वर्णित करता है। .

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लंदन

लंदन (London) संयुक्त राजशाही और इंग्लैंड की राजधानी और सबसे अधिक आबादी वाला शहर है। ग्रेट ब्रिटेन द्वीप के दक्षिण पूर्व में थेम्स नदी के किनारे स्थित, लंदन पिछली दो सदियों से एक बड़ा व्यवस्थापन रहा है। लंदन राजनीति, शिक्षा, मनोरंजन, मीडिया, फ़ैशन और शिल्पी के क्षेत्र में वैश्विक शहर की स्थिति रखता है। इसे रोमनों ने लोंड़िनियम के नाम से बसाया था। लंदन का प्राचीन अंदरुनी केंद्र, लंदन शहर, का परिक्षेत्र 1.12 वर्ग मीटर (2.9 किमी2) है। 19वीं शताब्दी के बाद से "लंदन", इस अंदरुनी केंद्र के आसपास के क्षेत्रों को मिला कर एक महानगर के रूप में संदर्भित किया जाने लगा, जिनमें मिडलसेक्स, एसेक्स, सरे, केंट, और हर्टफोर्डशायर आदि शमिल है। जिसे आज ग्रेटर लंदन नाम से जानते है, एवं लंदन महापौर और लंदन विधानसभा द्वारा शासित किया जाता हैं। कला, वाणिज्य, शिक्षा, मनोरंजन, फैशन, वित्त, स्वास्थ्य देखभाल, मीडिया, पेशेवर सेवाओं, अनुसंधान और विकास, पर्यटन और परिवहन में लंदन एक प्रमुख वैश्विक शहर है। यह दुनिया का सबसे बड़ा वित्तीय केंद्र के रूप में ताज पहनाया गया है और दुनिया में पांचवां या छठा सबसे बड़ा महानगरीय क्षेत्र जीडीपी है। लंदन एक है विश्व सांस्कृतिक राजधानी। यह दुनिया का सबसे अधिक का दौरा किया जाने वाला शहर है, जो अंतरराष्ट्रीय आगमन द्वारा मापा जाता है और यात्री ट्रैफिक द्वारा मापा जाने वाला विश्व का सबसे बड़ा शहर हवाई अड्डा है। लंदन विश्व के अग्रणी निवेश गंतव्य है, किसी भी अन्य शहर की तुलना में अधिक अंतरराष्ट्रीय खुदरा विक्रेताओं और अल्ट्रा हाई-नेट-वर्थ वाले लोगों की मेजबानी यूरोप में लंदन के विश्वविद्यालय उच्च शिक्षा संस्थानों का सबसे बड़ा केंद्र बनते हैं। 2012 में, लंदन तीन बार आधुनिक ग्रीष्मकालीन ओलंपिक खेलों की मेजबानी करने वाला पहला शहर बन गया। लंदन में लोगों और संस्कृतियों की विविधता है, और इस क्षेत्र में 300 से अधिक भाषाएं बोली जाती हैं। इसकी 2015 कि अनुमानित नगरपालिका जनसंख्या (ग्रेटर लंदन के समरूपी) 8,673,713 थी, जो कि यूरोपीय संघ के किसी भी शहर से सबसे बड़ा, और संयुक्त राजशाही की आबादी का 12.5% ​​हिस्सा है। 2011 की जनगणना के अनुसार 9,787,426 की आबादी के साथ, लंदन का शहरी क्षेत्र, पेरिस के बाद यूरोपीय संघ में दूसरा सबसे अधिक आबादी वाला है। शहर का महानगरीय क्षेत्र यूरोपीय संघ में 13,879,757 जनसंख्या के साथ सबसे अधिक आबादी वाला है, जबकि ग्रेटर लंदन प्राधिकरण के अनुसार शहरी-क्षेत्र की आबादी के रूप में 22.7 मिलियन है। 1831 से 1925 तक लंदन विश्व के सबसे अधिक आबादी वाला शहर था। लंदन में चार विश्व धरोहर स्थल हैं: टॉवर ऑफ़ लंदन; किऊ गार्डन; वेस्टमिंस्टर पैलेस, वेस्ट्मिन्स्टर ऍबी और सेंट मार्गरेट्स चर्च क्षेत्र; और ग्रीनविच ग्रीनविच वेधशाला (जिसमें रॉयल वेधशाला, ग्रीनविच प्राइम मेरिडियन, 0 डिग्री रेखांकित, और जीएमटी को चिह्नित करता है)। अन्य प्रसिद्ध स्थलों में बकिंघम पैलेस, लंदन आई, पिकैडिली सर्कस, सेंट पॉल कैथेड्रल, टावर ब्रिज, ट्राफलगर स्क्वायर, और द शर्ड आदि शामिल हैं। लंदन में ब्रिटिश संग्रहालय, नेशनल गैलरी, प्राकृतिक इतिहास संग्रहालय, टेट मॉडर्न, ब्रिटिश पुस्तकालय और वेस्ट एंड थिएटर सहित कई संग्रहालयों, दीर्घाओं, पुस्तकालयों, खेल आयोजनों और अन्य सांस्कृतिक संस्थानों का घर है। लंदन अंडरग्राउंड, दुनिया का सबसे पुराना भूमिगत रेलवे नेटवर्क है। .

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लंदन स्टॉक एक्स्चेंज

लंदन स्टॉक एक्सचेंज (LSE) लंदन, इंग्लैंड में स्थित एक शेयर बाजार है। 1801 में स्थापित यह शेयर बाजार दुनिया के पुराने और बड़े स्टाक एक्सचेंजों में से एक है। यहां ब्रिटेन के अलावा दुनिया के दूसरे हिस्सों में स्थित कंपनियां सूचीबद्ध हैं। श्रेणी:लंदन श्रेणी:स्टॉक एक्स्चेंज.

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लंदन हीथ्रो विमानक्षेत्र

लंदन हीथ्रो विमानक्षेत्र या हीथ्रो इंग्लैंड की राजधानी लंदन को सेवा देने वाला प्रधान विमानक्षेत्र है। यह पश्चिम लंदन के हिलिंग्डन में स्थापित है और यात्री यातायात संख्या के आंकड़ों के अनुसार संयुक्त राजशाही का व्यस्ततम विमानक्षेत्र एवं विश्व का तृतीय व्यस्ततम विमानक्षेत्र (२०१२ के अनुसार) है जहां विश्व के किसी भी अन्य विमानक्षेत्र की तुलना में सर्वाधिक अन्तर्राष्ट्रीय यात्री आवागमन संपन्न होता है। यात्री यातायात के अनुसार ही यह यूरोपीय संघ में व्यस्ततम विमानक्षेत्र तथा विमान यातायात आंकड़ों के अनुसार यूरोप का तृतीय व्यस्ततम विमानक्षेत्र है जहां से अधिक संख्या वाले विमानक्षेत्रों में पैरिस चार्ल्स डि गॉल एवं फ़्रैक्फ़र्ट विमानक्षेत्र ही आते हैं। हीथ्रो लंदन का प्रमुख विमानक्षेत्र है। इससे पूर्व यहां आर.ए.एफ़.

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लुईस माउंटबेटन, बर्मा के पहले अर्ल माउंटबेटन

लुइस फ्रांसिस एल्बर्ट विक्टर निकोलस जॉर्ज माउंटबेटन, बर्मा के पहले अर्ल माउंटबेटन, बेड़े के एडमिरल, केजी, जीसीबी, ओएम, जीसीएसआई, जीसीआईई, जीसीवीओ, डीएसओ, पीसी, एफआरएस (पूर्व में बैटनबर्ग के राजकुमार लुइस, 25 जून 1900 - 27 अगस्त 1979), एक ब्रिटिश राजनीतिज्ञ और नौसैनिक अधिकारी व राजकुमार फिलिप, एडिनबर्ग के ड्यूक (एलिजाबेथ II के पति) के मामा थे। वह भारत के आखिरी वायसरॉय (1947) थे और स्वतंत्र भारतीय संघ के पहले गवर्नर-जनरल (1947-48) थे, जहां से 1950 में आधुनिक भारत का गणतंत्र उभरेगा। 1954 से 1959 तक वह पहले सी लॉर्ड थे, यह पद उनके पिता बैटनबर्ग के राजकुमार लुइस ने लगभग चालीस साल पहले संभाला था। 1979 में उनकी हत्या प्रोविजनल आयरिश रिपब्लिकन आर्मी (आईआरए) ने कर दी, जिसने आयरलैंड रिपब्लिक की स्लीगो काउंटी में मुल्लाग्मोर में उनकी मछली मरने की नाव, शैडो V में बम लगा दिया था। वह बीसवीं सदी के मध्य से अंत तक ब्रिटिश साम्राज्य के पतन के समय के सबसे प्रभावशाली और विवादित शख्सियतों में से एक थे। .

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लुईस हैमिल्टन

लुईस कार्ल डेविडसन हैमिल्टन MBE (इंग्लैंड के हर्टफोर्डशायर के स्टेवेनेज में 7 जनवरी 1985 में जन्म) फॉर्मूला वन रेसिंग के ब्रिटिश ड्राइवर हैं, जो वर्तमान में मैकलेरन मर्सिडीज टीम के लिए रेसिंग करते हैं और फार्मुला वन के आज तक के सबसे युवा विश्व चैम्पियन हैं। दस वर्ष की उम्र में हैमिल्टन ने ऑटोस्पोर्ट पुरस्कार समारोह में मैकलेरन टीम के प्रमुख रोन डेनिस से संपर्क किया और उनसे कहा कि, "एक दिन मैं आपके लिए रेस करना चाहता हूं...मैं मैकलेरन के लिए रेस करना चाहता हूं.

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लुइस कैरल

लुइस कैरल चार्ल्स लटविज डॉजसन (अंग्रेज़ी: Charles Lutwidge Dodgson) (27 जनवरी, 1832 - 14 जनवरी, 1898), या उसका पेन नाम लुइस कैरल (अंग्रेज़ी: Lewis Carroll), एक अंग्रेज़ लेखक, गणितज्ञ, न्याय शास्त्री,दार्शनिक, एंग्लिकन पुरोहित और फ़ोटो खींचने वाला था। उसके सबसे प्रसिद्ध साहित्यों ऐलिसस अडवेंचर्स इन वंडरलैंड और उसके दूसरे भाग थ्रू द लूकिंग-ग्लास और कविताओं द हंटिंग ऑफ़ द शार्क और जैबरवॉकी हैं। उसके सब साहित्य के प्रकार साहित्यिक बकवास सोचकर हैं। .

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लैब्राडोर रेटरिएवेर

लैब्राडोर कुत्ता, या सिर्फ लैब्राडोर, एक प्रकार का शिकारी कुता है।, 'The American Kennel Club', Retrieved May 29, 2014 लैब्राडोर कनाडा में सबसे लोकप्रिय नस्लों, 'The American Kennel Club', Retrieved May 29, 2014 में से एक है,, 'The American Kennel Club', Retrieved May 29, 2014 यूनाइटेड किंगडम, 'The American Kennel Club', Retrieved May 29, 2014और संयुक्त राज्य अमेरिका, 'The American Kennel Club', Retrieved May 29, 2014, 'The American Kennel Club', Retrieved May 29, 2014।कई देशों में एक पसंदीदा विकलांगता की सहायता की जाती है, लैब्राडोरस को अक्सर अंधा, ऑटिज़्म वाले लोगों, चिकित्सा के रूप में कार्य करने या कानून प्रवर्तन और अन्य आधिकारिक एजेंसियों के लिए स्क्रीनिंग और पता लगाने का काम करने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है।, 'The American Kennel Club', Retrieved May 29, 2014 इसके अतिरिक्त, वे खेल और शिकार कुत्ते के रूप में बेशकीमती हैं।, 'The American Kennel Club', Retrieved May 29, 2014 1880 के दशक के दौरान, माल्म्स्बरी के तीसरे अर्ल, बुक्कलेच के 6 वें ड्यूक और घर के 12 वें अर्ल ने आधुनिक लैब्राडोर नस्ल को विकसित और स्थापित करने के लिए सहयोग किया।वंश को आधुनिक लैब्रेडर्स के पूर्वजों माना जाता है।, 'The American Kennel Club', Retrieved May 29, 2014, 'The American Kennel Club', Retrieved May 29, 2014 .

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लैंकाशायर काउंटी क्रिकेट क्लब

लैंकाशिर काउंटी क्रिकेट क्लब अठारह में से एक है प्रथम श्रेणी काउंटी क्लबों के भीतर घरेलू क्रिकेट की संरचना इंग्लैंड और वेल्स। यह प्रतिनिधित्व करता है के लंकाशायर। क्लब के सीमित ओवरों की टीम लंकाशायर लाइटनिंग ', अंग्रेजी बिजली बिजली जो काउंटी में किया गया था के लिए एक संदर्भ में कहा जाता है। के लिए एक उत्तराधिकारी के रूप में 1864 में स्थापित मैनचेस्टर क्रिकेट क्लब, लंकाशायर में निभाई है ओल्ड ट्रैफर्ड तब से और स्थापना के समय से प्रमुख का दर्जा दिया गया है, यानी एक 'अनौपचारिक' के रूप में वर्गीकृत ' प्रथम श्रेणी 1894 1865 (पहला मैच) से पर्याप्त सूत्रों ने टीम; .

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लूई वीटॉन

लूई वीटॉन मालटियर -सामान्यतः लूई वीटॉन के नाम से जाना जाता है, (आमतौर पर अंग्रेजी में रुपान्तरित), या संक्षेप में एलवी (LV)- एक फ्रेंच फैशन हाउस है जिसकी स्थापना 1854 में हुई थी। यह लेबल अपने एलवी (LV) मोनोग्राम के कारण अच्छी तरह से जाना जाता है, जो अपने अधिकतर उत्पादों पर लगा होता है, जिनमें लक्ज़री संदूकों और चमड़े के उत्पादों से लेकर तैयार कपड़े, जूते, घड़ियां, गहने, सहायक सामग्रियां, धूप के चश्मे और किताबें शामिल हैं। लूई वीटॉन दुनिया के प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय फैशन हाउसों में से एक है। लूई वीटॉन अपने उत्पादों को उच्च स्तरीय डिपार्टमेण्ट स्टोर्स के छोटे बुटिक्स में और अपने वेबसाइट के ई-कामर्स विभाग के जरिए बेचता था। .

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लेडी लुईज़ विन्ज़र

लेडी लुईस विंड्सर, (ब्रिटिश उच्चारण:लुईज़ विन्ज़र्, पूरा नाम:लुईस ऐलिस एलिज़ाबेथ मैरी माउण्टबैटन-विंड्सर) वेसेक्स के अर्ल, राजकुमार एडवर्ड और काउंटेस, सारा की पहली संतान और एकलौती पुत्री हैं। वह महारानी एलिज़ाबेथ द्वितीय का सबसे छोटी पोती हैं। लुईज़ का जन्म ८ नवंबर २००३ में फ़ॉर्मली पार्क अस्पताल, सरी, इंग्लैंड में हुआ था। उनका बपतिस्मा संस्कार २४ अप्रैल २००४ को विंडसर कासल, बर्कशायर में किया गया था। अपने जन्म के समय वे अपनी दादी, रानी एलिज़ाबेथ द्वितीय के बाद ब्रिटिश सिंघासन पर उत्तराधिकार के अनुक्रम में आठवें स्थान पर थीं; अपने छोटे भाई जेम्स के जन्म के बाद वे नौवें स्थान पर चली गयीं, तथा कैम्ब्रिज के राजकुमार जॉर्ज और राजकुमारी शार्लट के जन्म के बाद, वर्त्तमान समय में वो ग्यारहवें स्थान पर हैं। वे अपनी छोटे भाई और माता-पिता के साथ बॅगशॉट् पार्क, सरी में रहती हैं। File:Countess of Wessex and daughter.JPG|लेडी लुईस, अपनी माँ, सोफ़ी, वेसेक्स की काउंटेस के साथ, ट्रूपिंग ऑफ़ कलर्स समारोह, २०१३ में .

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लेबर पार्टी

लेबर पार्टी ब्रिटेन की एक सेंटर - लेफ्ट यानि (उदार वामपंथी विचारधारा वाली) राजनीतिक पार्टी है। इसका जन्म उन्नीसवीं शताब्दी के मजदूर संगठनो के आंदोलन और समाजवादी राजनैतिक दलों के उदय के साथ हुआ जिसे उदार गिरिजाघर (ब्रॉड चर्च) कह के परिभाषित किया गया। इस दल की विचारधारा बहुत विस्तृत है जिसमें प्रखर समाजवाद से लेकर उदारवादी समाजवादी लोकतंत्र की विचारधारा शामिल हैं। १९०० में बनने के बाद लेबर पार्टी ने शुरुवाती १९२० के आम चुनावों में उस समय की लिब्रल पार्टी की जगह ले ली और रामसे मैक्डोनाल्ड के नेतृत्व में १९२४ और १९२९-३१ के दौरान अल्पमत की सरकारें बनाईं। १९४०-४५ के दौरान यह दल चर्चिल युद्ध मंत्रालय (Churchill war ministry) का हिस्सा रहा जिसके बाद इसने क्लीमेंट ऐट्टली के नेतृत्व में बहुमत की सरकार बनाई। लेबर दल १९६४-७० के दौरान हैरॉल्ड विल्सन के नेतृत्व वाले पहले विल्सन मंत्रीमंडल का भी हिस्सा रहा। इसके बाद 1974 से 1979, पहले विल्सन और फिर जेम्स कैलेघन के नेतृत्व में सरकार में रही। लेबर पार्टी 1997 और 2010 के दौरान टोनी ब्लेयर और गौर्डन ब्राउन के नेतृत्व में १७९ सीटों से घटकर २००१ के आम चुनावों में १६७ और फिर २००५ के चुनावों में ६६ सीटों के साथ अंतिम स्थान पर आती रही। २०१० के आम चुनावों में २५८ सीटें और २०१५ के आम चुनावों में २३२ सीटें जीतकर यह पार्टी अब ब्रिटेन की संसद में आधिकारिक विपक्ष की भूमिका निभा रही है। वेल्श के सदन में लेबर पार्टी की अल्पमत की सरकार है जबकि स्कॉटिश संसद में यह मुख्य विपक्ष की भूमिका में है और यूरोपीय संसद में इसके २० सांसद हैं जो प्रोग्रेसिव एलाएंस ऑफ सोसलिस्ट्स एंड डेमोक्रेट्स समूह के साथ बैठते हैं। लेबर दल यूरोपीय समाजवादी दल और प्रोग्रेसिव एलाएंस (अंतर्राष्ट्रीय) का एक पूर्णकालिक सदस्य है। और सोशलिस्ट इंटरनैशनल में पर्यवेक्षक की भूमिका निभा रहा है। दल के वर्तमान नेता हैरिएट हर्मन हैं जो ८ मई २०१५ को एड मिलिबैंड के त्यागपत्र देने के बाद चुने गए हैं। .

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लॉर्ड डलहौजी

लॉर्ड डलहौजी भारत में ब्रिटिश राज का गवर्नर जनरल था और उसका प्रशासन चलाने का तरीका साम्राज्यवाद से प्रेरित था। उसके काल मे राज्य विस्तार का काम अपने चरम पर था। .

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लॉर्ड लिटन

लॉर्ड लिटन लार्ड लिटन भारत का वाइसराय था। उसको ब्रिटिश भारत का सबसे अधिक प्रतिक्रियावादी गवर्नर जनरल माना गया है। उसका उद्देश्य उभरती भारतीय राष्ट्रवाद की भावना का दमन करना था। .

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लोलार्ड

लोलार्ड (Lollard, Lollardi या Loller) चौदहवीं शताब्दी में उत्पन्न इंग्लैंड के सामाजिक तथा धार्मिक आंदोलन के अनुयायियों का अपमानजनक (मुँहबोला)नाम है। ये लोग प्रायः अशिक्षित थे या केवल अंग्रेजी भाषा में शिक्षित थे। वे जान विक्लिफ की शिक्षा से प्रेरणा लेकर चर्च की भू-संपत्ति, पुरोहितों के ब्रह्मचर्य, पूजापद्धति के आडंबर, पापस्वीकरण (कनफेशन) की प्रथा आदि के विरोध में प्रचार करने लगे। उनकी शिक्षा थी कि प्रत्येक युद्ध, बाइबिल की शिक्षा के विरुद्ध, अन्यायपूर्ण है और राजा की महिमा बढ़ाने के उद्देश्य से हत्या तथा गरीबों के शोषण का साधनमात्र है। विक्लिफ (सन् १३२०-१३८४ ई.) की मृत्यु के बाद यह आंदोलन विशेष रूप से सफल रहा और चर्च के संगठन को चुनौती देने लगा। सन् १४०१ ई. से राजा मृत्युदंड, कैद आदि के द्वारा उसे मिटाने का प्रयास करने लगा। इसके फलस्वरूप लोलार्डों का प्रकट आंदोलन तो समाप्तप्राय हो गया किंतु वह लुके छिपे जारी रहा और १६वीं शताब्दी में प्रोटेस्टैंट विचारों के प्रचार में सहायक सिद्ध हुआ। श्रेणी:इंग्लैण्ड में धर्मसुधार.

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लीड्स

लीड्स इंग्लैंड के वेस्ट यॉर्कशायर का एक शहर और महानगरीय प्रशासनिक प्रभाग है। 2001 में लीड्स के मुख्य शहरी उपखंड की आबादी 443,247 थी जबकि पूरे शहर की जनसंख्या थी। लीड्स वेस्ट यॉर्कशायर शहरी क्षेत्र का सांस्कृतिक, आर्थिक और व्यावसायिक केंद्र है जिसकी जनसंख्या 2001 की जनगणना में 1.5 मिलियन थी और लीड्स का शहरी क्षेत्र जिसके महत्वपूर्ण भाग में लीड्स का एक आर्थिक क्षेत्र शामिल है, इसकी जनसंख्या 2.9 मिलियन थी। लीड्स व्यवसाय, कानूनी एवं वित्तीय सेवाओं के लिए लंदन के बाहर ब्रिटेन का सबसे बड़ा केंद्र है। ऐतिहासिक रूप से लीड्स यॉर्कशायर की वेस्ट राइडिंग का एक भाग है जिसके इतिहास का विवरण पांचवीं सदी में दर्ज पाया जा सकता है जब एल्मेट का साम्राज्य "लोइडिस" के वनों से घिरा हुआ था, जिससे लीड्स नाम की उत्पत्ति हुई है। इस नाम का प्रयोग सदियों से कई प्रशासनिक संस्थाओं के लिए किया जा रहा है। इसका नाम 13वीं सदी में एक छोटे से जागीर संबंधी नगर से कई स्वरूपों में बदलते हुए वर्तमान महानगरीय प्रशासनिक प्रभाग से जुड़े नाम के रूप में रूपांतरित हुआ है। 17वीं और 18वीं सदियों में लीड्स ऊन के उत्पादन और व्यापार का एक प्रमुख केंद्र बन गया था। फिर औद्योगिक क्रांति के दौरान लीड्स एक प्रमुख औद्योगिक केंद्र के रूप में विकसित हुआ; ऊन अभी भी एक प्रमुख उद्योग था लेकिन पटसन, इंजीनियरिंग, लोहे की ढलाई, छपाई और अन्य उद्योग महत्वपूर्ण थे। 16वीं सदी में आयरे नदी की घाटी में एक संक्षिप्त बाजार शहर से लीड्स का विस्तार आसपास के गांवों को अपने अंदर समाहित करते हुए 20वीं सदी के मध्य तक एक घनी आबादी वाले शहरी केंद्र के रूप में हो गया। इस क्षेत्र में सार्वजनिक परिवहन, रेल और सड़क के संचार नेटवर्क लीड्स को केंद्रित कर बनाए गए हैं और अन्य देशों के नगरों एवं शहरों के साथ जोड़ने की कई व्यवस्थाएं की गयी हैं। लीड्स के शहरी क्षेत्र की भागीदारी में इसकी सौंपी गयी भूमिका क्षेत्रीय आर्थिक विकास के लिए शहर के महत्त्व को पहचान दिलाती है। .

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लीड्स कैसल

लीड्स कैसल। इंग्लैंड में मैडस्टोन, कैंट में यह कैसल ९०० वर्षों से अधिक पुराना है। इस कैसल के चारों ओर नहर है। इस कैसल ने राजा हेनरी अष्टम की खूब मेजबानी की है। इसे इंग्लैंड के सबसे लोकप्रिय पर्यटक आकर्षणों में से एक माना जाता है। इस कैसल के लिए १९२६ में बोली लगी थी। उस समय ओलिव विल्सन फिल्मर नामक महिला ने विलियम रैंडोल्फ ह‌र्स्ट को पछाडकर ८,७३,००० डॉलर में इसे खरीदा था। आज की दरों पर देखें तो यह राशि एक करोड डॉलर से अधिक रही होगी। फिल्मर ने अपनी बाकी बची संपत्ति का उपयोग इस कैसल और उसके आसपास के क्षेत्र को सुंदर बनाने में खर्च कर दिया। आज यहां जाने पर यह सुंदरता देखते ही बनती है, जिसपर फ्रांसीसी झलक स्पष्ट रूप से दिखाई देती है। यहां के पक्षी और फूल, दोनों सुंदरता में चार चांद लगाते हैं। बेहद अनूठे पक्षियों के लिए यहां अलग से पक्षीखाना है। उल्लू व बाज जैसे पक्षियों के विशेष शो यहां होते हैं। उन्हें प्रक्षिक्षित करने की कला भी यहां सिखाई जाती है। कई प्रकार के बगीचे यहां हैं, कुछ कैसल के भीतर तो कुछ उसके आसपास के क्षेत्र में। यहां प्रवेश के लिए लिया जाने वाला २५.२५ डॉलर का शुल्क एक वर्ष तक वैध रहता है। यहां संघ्रालय है और पूरे वर्षभर कोई न कोई आयोजन चलते रहते हैं। कांफ्रेंस, पार्टियों, भोज, विवाह आदि के लिए तो यह विशेष रूप से लोकप्रिय है। रोमांच प्रेमियों के लिए हॉट एयर बैलूनिंग की सुविधा भी यहां है। यहां पूरे वर्षभर जाया जा सकता है। यहां ठहरने के लिए सारी सुविधाओं से युक्त तीन ऐतिहासिक कॉटेज भी हैं। .

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लीला सेठ

लीला सेठ (20 अक्टूबर 1930 – 5 मई 2017) भारत में उच्च न्यायालय की मुख्य न्यायाधीश बनने वाली पहली महिला थीं। दिल्ली उच्च न्यायालय की पहली महिला न्यायाधीश बनने का श्रेय भी उन्ही को ही जाता है। वे देश की पहली ऐसी महिला भी थीं, जिन्होंने लंदन बार परीक्षा में शीर्ष स्थान प्राप्त किया। .

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लीसेस्टर

लीसेस्टर (Leicester) इंग्लैण्ड के ईस्ट मिडलैण्ड्स का एक नगर एवं एकल प्राधिकार क्षेत्र (unitary authority area) है। .

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लीओपोल्ड प्रथम (बेल्जियम)

लीओपोल्ड प्रथम (१७९०-१८६५) जर्मन राजकुमार एवं बेल्जियम का राजा था। १८३० में बेल्जियम के स्वतन्त्र होने के बाद वह बेल्जियम का प्रथम राजा बना। उसने जुलाई १८३१ से लेकर दिसम्बर १८६५ तक शासन किया। लीओपोल्ड प्रथम का जन्म १८ दिसंबर, १७९० को कोबर्ग में हुआ था। १८ वर्ष की अवस्था में रूस की सेना में प्रविष्ट होकर १८१३-१४ में नेपोलियन के विरुद्ध लड़ा। उसने इंग्लैंड के राजा जार्ज चतुर्थ की पुत्री शर्लाट से विवाह किया। १८१७ में शर्लाट की मृत्यु हो गई किंतु वह इंग्लैंड में ही रहा। इससे उसे ब्रिटेन की संसदीय प्रणाली का पूरा ज्ञान हो गया। १८३० में उसे यूनान का राजा बनाने का प्रस्ताव रखा गया जिसे उसने अस्वीकार कर दिया। वियना सम्मेलन में (१८१५) हॉलैंड और बेल्जियम को मिलाकर हॉलैंड के राजा के अधीन एक देश बना दिया गया परंतु यह प्रबंध सफल न हो सका क्योंकि दोनों देशों की संस्कृतियाँ भिन्न-भिन्न थीं। हॉलैंड के निवासी प्रोटेस्टेंट और व्यापारी, वेल्जियम के निवासी कैथलिक और किसान थे। १८३० में बेल्जियम निवासियों ने विद्रोह किया। १८३१ ई. में यूरोपीय शक्तियों ने बेल्जियम को स्वतंत्र राज्य घोषित किया और लीओपोल्ड को वहाँ का शासक चुना। थोड़े दिन पश्चात् उसने फ्रांस के राजा लुई फ़िलिप की पुत्री से विवाह किया। इससे फ्रांस उसका सहायक हो गया। वह बेल्जियम का संवैधानिक शासक बना; देश की शासनसत्ता जनता के प्रति उत्तरदायी मंत्रिमंडल के हाथ में रही। १८४८ में जब यूरोप के सभी देशों में क्रांतियाँ हुई, लीओपोल्ड की बुद्धिमत्ता के कारण बेल्जियम में कोई गड़बड़ न हुई। लीओपोल्ड उदार विचारों का योग्य और बुद्धिमान व्यक्ति था। उसी के प्रयत्न से बेल्जियम का समझौता संभव हुआ क्योंकि हॉलैंड और फ्रांस दोनों ही बेल्जियम की स्वतंत्रता में बाधक थे। उसके राज्यकाल में बेल्जियम में कला, विज्ञान और शिक्षा की पर्याप्त उन्नति हुई। उसकी मृत्यु १० दिसंबर, १८६५ को हुई। श्रेणी:बेल्जियम.

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शतरंज

शतरंज (चैस) दो खिलाड़ियों के बीच खेला जाने वाला एक बौद्धिक एवं मनोरंजक खेल है। किसी अज्ञात बुद्धि-शिरोमणि ने पाँचवीं-छठी सदी में यह खेल संसार के बुद्धिजीवियों को भेंट में दिया। समझा जाता है कि यह खेल मूलतः भारत का आविष्कार है, जिसका प्राचीन नाम था- 'चतुरंग'; जो भारत से अरब होते हुए यूरोप गया और फिर १५/१६वीं सदी में तो पूरे संसार में लोकप्रिय और प्रसिद्ध हो गया। इस खेल की हर चाल को लिख सकने से पूरा खेल कैसे खेला गया इसका विश्लेषण अन्य भी कर सकते हैं। शतरंज एक चौपाट (बोर्ड) के ऊपर दो व्यक्तियों के लिये बना खेल है। चौपाट के ऊपर कुल ६४ खाने या वर्ग होते है, जिसमें ३२ चौरस काले या अन्य रंग ओर ३२ चौरस सफेद या अन्य रंग के होते है। खेलने वाले दोनों खिलाड़ी भी सामान्यतः काला और सफेद कहलाते हैं। प्रत्येक खिलाड़ी के पास एक राजा, वजीर, दो ऊँट, दो घोडे, दो हाथी और आठ सैनिक होते है। बीच में राजा व वजीर रहता है। बाजू में ऊँट, उसके बाजू में घोड़े ओर अंतिम कतार में दो दो हाथी रहते है। उनकी अगली रेखा में आठ पैदल या सैनिक रहते हैं। चौपाट रखते समय यह ध्यान दिया जाता है कि दोनो खिलाड़ियों के दायें तरफ का खाना सफेद होना चाहिये तथा वजीर के स्थान पर काला वजीर काले चौरस में व सफेद वजीर सफेद चौरस में होना चाहिये। खेल की शुरुआत हमेशा सफेद खिलाड़ी से की जाती है। .

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शब्दकोश

शब्दकोश (अन्य वर्तनी:शब्दकोष) एक बडी सूची या ऐसा ग्रंथ जिसमें शब्दों की वर्तनी, उनकी व्युत्पत्ति, व्याकरणनिर्देश, अर्थ, परिभाषा, प्रयोग और पदार्थ आदि का सन्निवेश हो। शब्दकोश एकभाषीय हो सकते हैं, द्विभाषिक हो सकते हैं या बहुभाषिक हो सकते हैं। अधिकतर शब्दकोशों में शब्दों के उच्चारण के लिये भी व्यवस्था होती है, जैसे - अन्तर्राष्ट्रीय ध्वन्यात्मक लिपि में, देवनागरी में या आडियो संचिका के रूप में। कुछ शब्दकोशों में चित्रों का सहारा भी लिया जाता है। अलग-अलग कार्य-क्षेत्रों के लिये अलग-अलग शब्दकोश हो सकते हैं; जैसे - विज्ञान शब्दकोश, चिकित्सा शब्दकोश, विधिक (कानूनी) शब्दकोश, गणित का शब्दकोश आदि। सभ्यता और संस्कृति के उदय से ही मानव जान गया था कि भाव के सही संप्रेषण के लिए सही अभिव्यक्ति आवश्यक है। सही अभिव्यक्ति के लिए सही शब्द का चयन आवश्यक है। सही शब्द के चयन के लिए शब्दों के संकलन आवश्यक हैं। शब्दों और भाषा के मानकीकरण की आवश्यकता समझ कर आरंभिक लिपियों के उदय से बहुत पहले ही आदमी ने शब्दों का लेखाजोखा रखना शुरू कर दिया था। इस के लिए उस ने कोश बनाना शुरू किया। कोश में शब्दों को इकट्ठा किया जाता है। .

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शातोब्रिआँ

शातोब्रिआँ शातोब्रिआँ (François-René, vicomte de Chateaubriand; फ्रेंच उच्चारण: ​; 1768-1848) फ्रांस के लेखक, राजनेता, इतिहासकार तथा राजनयिक थे। वे फ्रांसीसी साहित्य में रोमांटिसिज्म (Romanticism) के संस्थापक माने जाते हैं। .

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शान्ति स्वरूप भटनागर

सर शांति स्वरूप भटनागर, OBE, FRS (२१ फरवरी १८९४ – १ जनवरी १९५५) जाने माने भारतीय वैज्ञानिक थे। इनका जन्म शाहपुर (अब पाकिस्तान में) में हुआ था। इनके पिता परमेश्वरी सहाय भटनागर की मृत्यु तब हो गयी थी, जब ये केवल आठ महीने के ही थे। इनका बचपन अपने ननिहाल में ही बीता। इनके नाना एक इंजीनियर थे, जिनसे इन्हें विज्ञान और अभियांत्रिकी में रुचि जागी। इन्हें यांत्रिक खिलौने, इलेक्ट्रानिक बैटरियां और तारयुक्त टेलीफोन बनाने का शौक रहा। इन्हें अपने ननिहाल से कविता का शौक भी मिला और इनका उर्दु एकांकी करामाती प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पाया था। भारत में स्नातकोत्तर डिग्री पूर्ण करने के उपरांत, शोध फ़ैलोशिप पर, ये इंगलैंड गये। इन्होंने युनिवर्सिटी कालेज, लंदन से १९२१ में, रसायन शास्त्र के प्रोफ़ैसर फ़्रेड्रिक जी डोन्नान की देख रेख में, विज्ञान में डाक्टरेट की उपाधि प्राप्त की। भारत लौटने के बाद, उन्हें बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय से प्रोफ़ैसर पद हेतु आमंत्रण मिला। सन १९४१ में ब्रिटिश सरकार द्वारा इनकी शोध के लिये, इन्हें नाइटहुड से सम्मानित किया गया। १८ मार्च १९४३ को इन्हें फ़ैलो आफ़ रायल सोसायटी चुना गया। इनके शोध विषय में एमल्ज़न, कोलाय्ड्स और औद्योगिक रसायन शास्त्र थे। परन्तु इनके मूल योगदान चुम्बकीय-रासायनिकी के क्षेत्र में थे। इन्होंने चुम्बकत्व को रासायनिक क्रियाओं को अधिक जानने के लिये औजार के रूप में प्रयोग किया था। इन्होंने प्रो॰ आर.एन.माथुर के साथ भटनागर-माथुर इन्टरफ़ेयरेन्स संतुलन का प्रतिपादन किया था, जिसे बाद में एक ब्रिटिश कम्पनी द्वारा उत्पादन में प्रयोग भी किया गया। इन्होंने एक सुन्दर कुलगीत नामक विश्वविद्यालय गीत की रचना भी की थी। इसका प्रयोग विश्वविद्यालय में कार्यक्रमों के पहले होता आया है। भारत के प्रधान मंत्री जवाहर लाल नेहरू वैज्ञानिक प्रसार के प्रबल समर्थक थे। १९४७ में, भारतीय स्वतंत्रता के उपरांत, वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) की स्थापना, श्री भटनागर की अध्यक्षता में की गयी। इन्हें सी.एस.आई.आर का प्रथम महा-निदेशक बनाया गया। इन्हें शोध प्रयोगशालाओं का जनक कहा जाता है व भारत में अनेकों बड़ी रासायनिक प्रयोगशालाओं के स्थापन हेतु स्मरण किया जाता है। इन्होंने भारत में कुल बारह राष्ट्रीय प्रयोगशालाएं स्थापित कीं, जिनमें प्रमुख इस प्रकार से हैं.

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शिवनारायण चन्द्रपॉल

शिवनारायण चंद्रपॉल (अंग्रेजी: Shivnarine Chanderpaul) (जन्म: १६ अगस्त १९७४) एक वेस्ट इंडीज़ क्रिकेट टीम के बल्लेबाज़ है। इनका जन्म वेस्ट इंडीज़ के गुयाना में हुआ था। चंद्रपॉल विशेष रूप से टेस्ट क्रिकेट के लिए जाने जाते हैं। इन्होंने अपना पहला टेस्ट १७ मार्च १९९४ में इंग्लैंड के खिलाफ खेला था। .

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शिवराम कश्यप

शिवराम कश्यप (सन् १८८२ - १९३४), भारतीय वनस्पतिविज्ञानी थे। अभिनेत्री कामिनी कौशल इनकी पुत्री थीं। .

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शिखा पांडे

शिखा पांडे (जन्म 12 मई, 1989) एक भारतीय क्रिकेटर है।  वह करीमनगर, गोवा में पैदा हुई थी। उन्होंने 9 मार्च 2014 को बांग्लादेश के कॉक्स बाजार क्रिकेट स्टेडियम में बांग्लादेश के खिलाफ खेलते हुए अपने अंतरराष्ट्रीय ट्वेंटी 20 (टी -20) की शुरुआत की।  उसी वर्ष अगस्त में, उन्होंने क्रमशः वर्म्सली और स्कारबोरो में इंग्लैंड के खिलाफ खेलते हुए एकदिवसीय अंतर्राष्ट्रीय वनडे (वनडे) और टेस्ट क्रिकेट की शुरुआत की। 27 नवंबर 2014 तक उन्होंने भारत के लिए दो टेस्ट, तीन वनडे और छह टी -20 खेल खेले हैं। .

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शंकर अन्तर्राष्ट्रीय गुड़िया संग्रहालय, नई दिल्ली

शंकर अन्तर्राष्ट्रीय गुड़िया संग्रहालय नई दिल्ली में स्थित है। इस संग्रहालय की स्थापना मशहूर कार्टूनिस्ट के शंकर पिल्लई-(१९०२-१९८९) ने की थी। यहाँ विभिन्न परिधानों में सजी गुड़ियों का संग्रह विश्व के सबसे बड़े संग्रहों में से एक है। यह संग्रहालय बहादुर शाह जफर मार्ग पर चिल्ड्रन बुक ट्रस्ट के भवन में स्थित है। इस गुड़िया घर के निर्माण के पीछे एक रोचक घटना है। जवाहरलाल नेहरू जब देश के प्रधानमंत्री थे तो देश के प्रसिद्ध कार्टूनिष्ट के० शंकर पिल्लै उनके साथ जाने वाले पत्रकारों के दल के सदस्य थे। वे हर विदेश यात्रा में नेहरू जी के साथ जाया करते थे। कार्टूनिष्ट के० शंकर पिल्लै की रुचि गुड़ियों में थी। वे प्रत्येक देश की तरह-तरह की गुड़ियाँ एकत्र किया करते थे। धीरे-धीरे उनके पास ५०० तरह की गुड़ियाँ इकट्ठी हो गईं। वे चाहते थे कि इन गुड़ियों को देश भर के बच्चे देखें। उन्होंने जगह-जगह अपने कार्टूनों की प्रदर्शनी के साथ-साथ इन गुड़ियों की भी प्रदर्शनी लगाई। बार-बार गुड़ियों को लाने ले जाने में कई गुड़ियाँ टूट फूट जाती थीं। एक बार पं० नेहरू अपनी बेटी इन्दिरा गाँधी के साथ प्रदर्शनी देखने गए। गुड़ियों को देखकर वे बहुत खुश हुए। उसी समय शंकर ने गुड़ियों को लाने ले जाने में होने वाली परेशानी की ओर नेहरू जी का ध्यान खींचा। चाचा नेहरू ने गुड़ियों के लिए एक स्थाई घर का सुझाव दिया। दिल्ली में जब चिल्ड्रन्स बुक ट्रस्ट के भवन का निर्माण हुआ तो उसके एक भाग में गुड़ियों के लिए उनका घर बनाया गया। इस तरह दुनिया भर की गुड़ियों को रहने के लिए एक अनोखा घर मिल गया। दिल्ली में बहादुरशाह जफर मार्ग पर बने इस संग्रहालय का नाम "गुड़िया घर" है। यहाँ विभिन्न परिधानों में सजी गुडि़यों का संग्रह विश्व के सबसे बड़े संग्रहों में से एक है। ५१८४.५ वर्ग फुट आकार वाले इस संग्रहालय में १००० फीट की लम्बाई में दीवारों पर १६० से अधिक काँच के केस बने हुए हैं। यह संग्रहालय दो हिस्सों में बँटा है। एक हिस्से में यूरोपियन देशों, इंग्लैंड, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, राष्ट्र मंडल देशों की गुडि़याँ रखी गई हैं। दूसरे भाग में एशियाई देशों, मध्यपूर्व, अफ्रीका और भारत की गुडि़याँ प्रदर्शित की गई हैं। इन गुड़ियों को खूब सजाकर रखा गया है। इस गुड़िया घर का प्रारम्भ १००० गुड़ियों से हुआ था। वर्तमान समय में यहाँ ८५ देशों की करीब ६५०० गुडि़यों का संग्रह देखा जा सकता है। यह संग्रहालय सुबह १० बजे से शाम ६ बजे तक दर्शकों के लिए खुला रहता है। प्रवेश शुल्क बड़ों के लिए १५ रुपए प्रति व्यक्ति तथा बच्चों के लिए ५ रुपए है। बच्चे यदि २० के समूह में गुड़िया घर देखने आयें तो प्रति बच्चे के लिए टिकिट का मूल्य मात्र ३ रुपए है। सोमवार को गुड़िया घर बंद रहता है। .

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शुबमन गिल

शुबमन गिल (जन्म ०८ सितम्बर १९९९) एक भारतीय क्रिकेट खिलाड़ी है फरवरी 2017 में इन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ भारतीय अंडर-19 टीम की जीत का हिस्सा थे। इन्होंने 25 फरवरी 2017 को 2016-17 में विजय हजारे ट्रॉफी में पंजाब के लिए अपनी लिस्ट ए क्रिकेट की शुरुआत की थी। इन्होंने 2017-18 में रणजी ट्रॉफी में पंजाब के लिए अपना प्रथम श्रेणी क्रिकेट मैच बाद में उसी महीने, इन्होंने अपने दूसरे प्रथम श्रेणी मैच में अपना पहला शतक बनाया। दिसंबर 2017 में, इन्हें 2018 आईसीसी अंडर-19 क्रिकेट विश्व कप के लिए भारतीय अंडर-१९ क्रिकेट टीम के उपकप्तान के रूप में नामित किया गया था। .

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श्यामाप्रसाद मुखर्जी

डॉ॰ श्यामाप्रसाद मुखर्जी (जन्म: 6 जुलाई 1901 - मृत्यु: 23 जून 1953) शिक्षाविद्, चिन्तक और भारतीय जनसंघ के संस्थापक थे। .

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श्यामजी कृष्ण वर्मा

Nizil Shah) श्यामजी कृष्ण वर्मा (जन्म: 4 अक्टूबर 1857 - मृत्यु: 30 मार्च 1930) क्रान्तिकारी गतिविधियों के माध्यम से भारत की आजादी के संकल्प को गतिशील करने वाले अध्यवसायी एवं कई क्रान्तिकारियों के प्रेरणास्रोत थे। वे पहले भारतीय थे, जिन्हें ऑक्सफोर्ड से एम॰ए॰ और बार-ऐट-ला की उपाधियाँ मिलीं थीं। पुणे में दिये गये उनके संस्कृत के भाषण से प्रभावित होकर मोनियर विलियम्स ने वर्माजी को ऑक्सफोर्ड में संस्कृत का सहायक प्रोफेसर बना दिया था। उन्होंने लन्दन में इण्डिया हाउस की स्थापना की जो इंग्लैण्ड जाकर पढ़ने वाले छात्रों के परस्पर मिलन एवं विविध विचार-विमर्श का एक प्रमुख केन्द्र था। .

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श्रेयस अय्यर

श्रेयस संतोष अय्यर (जन्म; ०६ दिसम्बर १९९४) एक क्रिकेट खिलाड़ी है जो मुंबई की क्रिकेट टीम के लिए खेलते है और भारतीय राष्ट्रीय क्रिकेट टीम के लिए एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट और ट्वेन्टी-२० अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलते है। ये एक दाएं हाथ के बल्लेबाज और दाएं हाथ के एक वैकल्पिक ऑफ ब्रेक गेंदबाज हैं। ये २०१४ के आईसीसी अंडर -१९ क्रिकेट विश्व कप में भारत की अंडर -१९ क्रिकेट टीम के लिए खेले थे। जबकि उन्होंने २०१४ सीज़न के दौरान इंग्लैंड में ट्रेंट ब्रिज क्रिकेट टीम का भी प्रतिनिधित्व किया। इसके अलावा ये इंडियन प्रीमियर लीग में दिल्ली डेयरडेविल्स के लिए भी खेलते हैं। .

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श्रीरंगपट्ट्नम

श्रीरंगपट्ट्नम (also spelled Shrirangapattana; anglicized to Seringapatam during the British Raj) भारतीय के राज्य कर्नाटक के मांड्य जिला में एक शहर है। यह मैसूर शहर के पास स्थित है। .

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शैंपू

शैम्पू एक बालों की देखभाल संबंधी उत्पाद है, जिसे बालों से तेल, मिट्टी, त्वचा कण, रूसी, पर्यावरण प्रदूषक और अन्य संदूषण कणों जो बालों में फंस जाते हैं को हटाने के लिए प्रयोग किया जाता है। शैम्पू, जब पानी में घुलकर झाग बनाता है, तब एक पृष्ठसक्रियकारक (सरफेक्टैन्ट) के रूप में कार्य करता है और जब यह बालों और सिर की सफाई करता है तो प्राकृतिक तेलों (सीबम) जो बालों को चिकना बनाता है को भी हटा सकता है। शैम्पू के प्रयोग के बाद अक्सर कंडीशनर को बालों में लगाया जाता है, जो बालों को काढ़ना और उनकी सज्जा करना सुगम बनाता है। .

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शेफ़ील्ड

शेफ़ील्ड साउथ यॉर्कशायर, इंग्लैंड का एक महानगरीय क्षेत्र और एक शहर है। इसका नाम शेफ़ नदी से व्युत्पन्न है, जो इस शहर से होकर बहती है। ऐतिहासिक रूप से यह यॉर्कशायर के वेस्ट राइडिंग का एक भाग था, अब यह शहर अपनी अधिकांशतः औद्योगिक जड़ों से विकसित होकर और अधिक विस्तृत आर्थिक आधार को समावेशित करता है। शेफ़ील्ड शहर की जनसंख्या है और यह आठ विशाल स्थानीय अंग्रेजी शहरों में से एक है जो इंग्लिश कोर सिटीज़ ग्रुप के निर्माण में योगदान करता है। 19वीं शताब्दी के दौरान, शेफ़ील्ड को स्टील उत्पादन हेतु अंतर्राष्ट्रीय ख्याति मिली.

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शॉपिंग मॉल

टोरंटो, ओन्टारियो, कनाडा के टोरोंटो ईटॉन सेंटर का आंतरिक भाग. मॉल में प्रयुक्त ट्राली की कतार शॉपिंग मॉल, शॉपिंग सेंटर या शॉपिंग परिसर एक या अधिक ऐसे भवन हैं जो व्यापारियों का प्रतिनिधित्व करने वाले दुकानों के कॉम्पलेक्स का रूप धारण करते हैं, जिसमें पार्किंग क्षेत्र के साथ एक इकाई से दूसरी इकाई में आसानी से चल कर जाने के लिए रास्ते होते हैं - पारंपरिक बाज़ार का एक आधुनिक, भीतरी (इनडोर) संस्करण.

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शीना बोरा हत्याकांड

शीना बोरा मुंबई मेट्रो वन में काम करती थी और इंद्राणी मुखर्जी व सिद्धार्थ दास की बेटी थी। यह चर्चा का विषय है कि सिद्धार्थ दास या कोई अन्य व्यक्ति शीना का पिता है। शीना 24 अप्रैल 2012 से लापता थी। पुलिस ने इस पर इंद्राणी मुखर्जी और संजीव खन्ना (शीना के दूसरे सौतेले पिता) को ड्राईवर के साथ गिरफ्तार कर लिया। .

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सचिन तेंदुलकर

सचिन रमेश तेंदुलकर (अंग्रेजी उच्चारण:, जन्म: २४ अप्रैल १९७३) क्रिकेट के इतिहास में विश्व के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज़ौं में गिने जाते हैं। भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित होने वाले वह सर्वप्रथम खिलाड़ी और सबसे कम उम्र के व्यक्ति हैं। राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित एकमात्र क्रिकेट खिलाड़ी हैं। सन् २००८ में वे पद्म विभूषण से भी पुरस्कृत किये जा चुके है। सन् १९८९ में अन्तर्राष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण के पश्चात् वह बल्लेबाजी में कई कीर्तिमान स्थापित किए हैं। उन्होंने टेस्ट व एक दिवसीय क्रिकेट, दोनों में सर्वाधिक शतक अर्जित किये हैं। वे टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज़्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज़ हैं। इसके साथ ही टेस्ट क्रिकेट में १४००० से अधिक रन बनाने वाले वह विश्व के एकमात्र खिलाड़ी हैं। एकदिवसीय मैचों में भी उन्हें कुल सर्वाधिक रन बनाने का कीर्तिमान प्राप्त है।    उन्होंने अपना पहला प्रथम श्रेणी क्रिकेट मैच मुम्बई के लिये १४ वर्ष की उम्र में खेला था। उनके अन्तर्राष्ट्रीय खेल जीवन की शुरुआत १९८९ में पाकिस्तान के खिलाफ कराची से हुई। सचिन क्रिकेट जगत के सर्वाधिक प्रायोजित खिलाड़ी हैं और विश्व भर में उनके अनेक प्रशंसक हैं। उनके प्रशंसक उन्हें प्यार से भिन्न-भिन्न नामों से पुकारते हैं जिनमें सबसे प्रचलित लिटिल मास्टर व मास्टर ब्लास्टर है। क्रिकेट के अलावा वह अपने ही नाम के एक सफल रेस्टोरेंट के मालिक भी हैं। तत्काल में वह राज्य सभा के सदस्य हैं, सन् २०१२ में उन्हें राज्य सभा के सदस्य के रूप में नामित किया गया था। क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर पर फिल्म ‘सचिन: ए बिलियन ड्रीम्स’ बनी। इस फ़िल्म का टीज़र भी बहुत रोमांचक हैं। टीजर में एक ऐसे इंसान को उसी की कहानी सुनाते हुए देखेंगे जो एक शरारती बच्चे से एक हीरो बनकर उभरता है। ख़ुद सचिन तेंदुलकर का भी ये मानना है कि क्रिकेट खेलने से अधिक चुनौतीपूर्ण अभिनय करना है।सचिन – ए बिलियन ड्रीम्स’ का निर्माण रवि भगचंदका ने किया है और इसका निर्देशन जेम्स अर्सकिन ने। .

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सफ़ेद हाथी (White elephant)

थाई कला में 19 वीं सदी का एक सफ़ेद हाथी सफ़ेद हाथी एक मुहावरा है जिसका प्रयोग एक ऐसी बहुमूल्य वस्तु के लिए किया जाता है जिसका मालिक न तो उससे छुटकारा पा सकता है और जिसकी लागत (विशेष रूप से रखरखाव की लागत) का अनुपात उसकी उपयोगिता या उसके मूल्य से अधिक होता है। .

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सब टीवी

सब टीवी एक हिन्दी टी वी चैनल है। इसकी शुरुआत 23 अप्रैल 1999 में श्री अधिकारी ब्रदर्स ने एक सामान्य मनोरंजक चैनल के रूप में की। 2003 में यह चैनल हास्य केन्द्रित हो गया। मार्च 2005 में सब टी वी को सोनी टी वी ने ग्रहण कर लिया और युवा केन्द्रित हो गया। जून 2008 में चैनल ने फिर से हास्य केन्द्रित होने की घोषणा की। यह एक हास्य पूर्ण टी वी चैनल है। यह सोनी का एक नया चेनल है। .

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समरसेट काउंटी क्रिकेट क्लब

१९१२ साल का समरसेट काउंटी क्रिकेट क्लब के खिलाडियाँ। समरसेट काउंटी क्रिकेट क्लब अठारह में से एक है प्रथम श्रेणी काउंटी क्लबों के भीतर घरेलू क्रिकेट की संरचना इंग्लैंड और वेल्स। यह प्रतिनिधित्व करता है ऐतिहासिक काउंटी के समरसेट। क्लब के सीमित ओवरों की टीम पूर्व में समरसेट घुड़सवार फ़ौज था, लेकिन अब के रूप में समरसेट केवल जाना जाता है। समरसेट के प्रारंभिक इतिहास में अपनी स्थिति के बारे में बहस से जटिल है। यह आमतौर पर एक के रूप में माना जाता है नाबालिग काउंटी 1875 में इसकी नींव 1890 तक से, के अलावा 1882 1885 सीजन के लिए जब यह पर्याप्त स्रोतों से माना जाता है से किया गया है करने के लिए एक 'अनौपचारिक' ' प्रथम श्रेणी टीम। वहाँ रहे हैं, तथापि, शामिल डब्ल्यू दो मैचों जी ग्रेस 1879 और 1881 के जो कुछ अधिकारियों द्वारा प्रथम श्रेणी में माना जाता है। 1891 में, समरसेट काउंटी चैम्पियनशिप है, जो सिर्फ एक आधिकारिक तौर पर मान्यता प्राप्त प्रतियोगिता बन गया था, और अनाधिकारिक प्रथम श्रेणी के 1891 से 1894 है में शामिल हो गए।.

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समाजशास्त्र

समाजशास्त्र मानव समाज का अध्ययन है। यह सामाजिक विज्ञान की एक शाखा है, जो मानवीय सामाजिक संरचना और गतिविधियों से संबंधित जानकारी को परिष्कृत करने और उनका विकास करने के लिए, अनुभवजन्य विवेचनगिडेंस, एंथोनी, डनेर, मिशेल, एप्पल बाम, रिचर्ड.

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समाजवाद

समाजवाद (Socialism) एक आर्थिक-सामाजिक दर्शन है। समाजवादी व्यवस्था में धन-सम्पत्ति का स्वामित्व और वितरण समाज के नियन्त्रण के अधीन रहते हैं। आर्थिक, सामाजिक और वैचारिक प्रत्यय के तौर पर समाजवाद निजी सम्पत्ति पर आधारित अधिकारों का विरोध करता है। उसकी एक बुनियादी प्रतिज्ञा यह भी है कि सम्पदा का उत्पादन और वितरण समाज या राज्य के हाथों में होना चाहिए। राजनीति के आधुनिक अर्थों में समाजवाद को पूँजीवाद या मुक्त बाजार के सिद्धांत के विपरीत देखा जाता है। एक राजनीतिक विचारधारा के रूप में समाजवाद युरोप में अठारहवीं और उन्नीसवीं सदी में उभरे उद्योगीकरण की अन्योन्यक्रिया में विकसित हुआ है। ब्रिटिश राजनीतिक विज्ञानी हैरॉल्ड लॉस्की ने कभी समाजवाद को एक ऐसी टोपी कहा था जिसे कोई भी अपने अनुसार पहन लेता है। समाजवाद की विभिन्न किस्में लॉस्की के इस चित्रण को काफी सीमा तक रूपायित करती है। समाजवाद की एक किस्म विघटित हो चुके सोवियत संघ के सर्वसत्तावादी नियंत्रण में चरितार्थ होती है जिसमें मानवीय जीवन के हर सम्भव पहलू को राज्य के नियंत्रण में लाने का आग्रह किया गया था। उसकी दूसरी किस्म राज्य को अर्थव्यवस्था के नियमन द्वारा कल्याणकारी भूमिका निभाने का मंत्र देती है। भारत में समाजवाद की एक अलग किस्म के सूत्रीकरण की कोशिश की गयी है। राममनोहर लोहिया, जय प्रकाश नारायण और नरेन्द्र देव के राजनीतिक चिंतन और व्यवहार से निकलने वाले प्रत्यय को 'गाँधीवादी समाजवाद' की संज्ञा दी जाती है। समाजवाद अंग्रेजी और फ्रांसीसी शब्द 'सोशलिज्म' का हिंदी रूपांतर है। 19वीं शताब्दी के पूर्वार्ध में इस शब्द का प्रयोग व्यक्तिवाद के विरोध में और उन विचारों के समर्थन में किया जाता था जिनका लक्ष्य समाज के आर्थिक और नैतिक आधार को बदलना था और जो जीवन में व्यक्तिगत नियंत्रण की जगह सामाजिक नियंत्रण स्थापित करना चाहते थे। समाजवाद शब्द का प्रयोग अनेक और कभी कभी परस्पर विरोधी प्रसंगों में किया जाता है; जैसे समूहवाद अराजकतावाद, आदिकालीन कबायली साम्यवाद, सैन्य साम्यवाद, ईसाई समाजवाद, सहकारितावाद, आदि - यहाँ तक कि नात्सी दल का भी पूरा नाम 'राष्ट्रीय समाजवादी दल' था। समाजवाद की परिभाषा करना कठिन है। यह सिद्धांत तथा आंदोलन, दोनों ही है और यह विभिन्न ऐतिहासिक और स्थानीय परिस्थितियों में विभिन्न रूप धारण करता है। मूलत: यह वह आंदोलन है जो उत्पादन के मुख्य साधनों के समाजीकरण पर आधारित वर्गविहीन समाज स्थापित करने के लिए प्रयत्नशील है और जो मजदूर वर्ग को इसका मुख्य आधार बनाता है, क्योंकि वह इस वर्ग को शोषित वर्ग मानता है जिसका ऐतिहासिक कार्य वर्गव्यवस्था का अंत करना है। .

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समुद्री बीमा

समुद्री बीमा जहाजों, कार्गो, टर्मिनलों और ऐसे किसी भी परिवहन या कार्गों की हानि या क्षति की भरपाई करता है जिसके द्वारा मूल स्थल से गंतव्य स्थल तक संपत्ति का स्थानान्तरण, अधिग्रहण, या नियंत्रण किया जाता है। यहां चर्चित कार्गो बीमा समुद्री बीमा की एक उप-शाखा है, हालांकि समुद्री बीमा में तत्वारी एवं अपतटीय अनावृत संपत्ति (कंटेनर टर्मिनल, बंदरगाह, तेल प्लेटफार्म, पाइपलाइन); जहाज का ढांचा; समुद्री दुर्घटना; और समुद्री देयता भी शामिल है। .

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समीर सोनी

समीर सोनी (जन्म: लंदन, इंग्लैण्ड में) ब्रितानी फ़िल्म एवं टेलीविजन अभिनेता तथा पूर्व मॉडल हैं। भारतीय मूल के सोनी ने नेवी अधिकारी पर आधारित धारावाहिक समंदर से अभिनय की शुरूआत की थी। वर्ष १९९६ में उन्होंने दूरदर्शन धारावाहिक ए माउथफुल ऑफ़ स्काई में अभिनय किया। उन्होंने फ़िल्मों में पदार्पण फ़िल्म चाइना गेट से किया जिसमें उन्होंने कैमियो भूमिका निभाई है। वर्ष २००३ में सोनी बाग़बान फ़िल्म में अभिनय किया। इसी वर्ष उन्होंने टेलीविजन धारावाहिक जस्सी जैसी कोई नहीं में भी अभिनय किया। सोनी २०१० में बिग बॉस के चतुर्थ संस्करण में एक प्रतिभागी के रूप में चुने गये।http://entertainment.oneindia.in/celebs/sameer-soni/biography.html .

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सय्यीदा वारसी

सय्यीदा हुसैन वारसी (उर्दू) पाकिस्तानी मूल की एक बरतानवी राजनेत्री हैं। उनको 28 मार्च 1971 इंग्लिस्तान के उत्तरी क्षेत्र वेस्ट यॉर्कशायर के एक शहर ड्यूज़बरी में पैदा हुईं। सय्यीदा वारसी ने बरतानिया की शासन करने वाली पार्टी कंज़र्वेटिव पार्टी की अध्यक्ष (चैअरपर्सन) और भूतपूर्व प्रधानमंत्री डेविड कैमरून की कैबिनेट सदस्य रह चुकी हैं। वे इन उपाधियों को हासिल करने वाली पहली मुसलमान, एशियाई और पाकिस्तानी औरत हैं। इसी के साथ वे बरतानवी हाउस ऑफ़ लॉर्ड्ज़ की सदस्य हैं। संसद की इस संस्था की सदस्य के तौर पर उन्हें बैरोनेस सय्यीदा वारसी कहा जाता है। .

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सरबजीत सिंह

सरबजीत सिंह (1963 - 2 मई 2013) एक भारतीय नागरिक थे जिन्हें पाकिस्तान ने जासूसी और आतंकवाद के आरोप लगाकर सजा और प्रताड़ना दी। वे १९९० से पाकिस्तान के कोट लखपत जेल, में थे जहाँ उसी जेल के कैदियों ने हमला करके उन्हें मार दिया। .

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सर्गी ब्रिन

सर्गी मिखायलोविच ब्रिन (Серге́й Миха́йлович Брин) जन्म - 21 अगस्त 1973, एक रूसी अमेरिकी कंप्यूटर वैज्ञानिक, सॉफ्टवेयर डेवलपर और उद्यमी हैं जिन्हें लैरीपेज के साथ गूगल, इंक.

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सरोजिनी नायडू

महात्मा गांधी के साथ सरोजिनी नायडू सरोजिनी नायडू (१३ फरवरी १८७९ - २ मार्च १९४९) का जन्म भारत के हैदराबाद नगर में हुआ था। इनके पिता अघोरनाथ चट्टोपाध्याय एक नामी विद्वान तथा माँ कवयित्री थीं और बांग्ला में लिखती थीं। बचपन से ही कुशाग्र-बुद्धि होने के कारण उन्होंने १२ वर्ष की अल्पायु में ही १२हवीं की परीक्षा अच्छे अंकों के साथ उत्तीर्ण की और १३ वर्ष की आयु में लेडी ऑफ दी लेक नामक कविता रची। वे १८९५ में उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए इंग्लैंड गईं और पढ़ाई के साथ-साथ कविताएँ भी लिखती रहीं। गोल्डन थ्रैशोल्ड उनका पहला कविता संग्रह था। उनके दूसरे तथा तीसरे कविता संग्रह बर्ड ऑफ टाइम तथा ब्रोकन विंग ने उन्हें एक सुप्रसिद्ध कवयित्री बना दिया। १८९८ में सरोजिनी नायडू, डॉ॰ गोविंदराजुलू नायडू की जीवन-संगिनी बनीं। १९१४ में इंग्लैंड में वे पहली बार गाँधीजी से मिलीं और उनके विचारों से प्रभावित होकर देश के लिए समर्पित हो गयीं। एक कुशल सेनापति की भाँति उन्होंने अपनी प्रतिभा का परिचय हर क्षेत्र (सत्याग्रह हो या संगठन की बात) में दिया। उन्होंने अनेक राष्ट्रीय आंदोलनों का नेतृत्व किया और जेल भी गयीं। संकटों से न घबराते हुए वे एक धीर वीरांगना की भाँति गाँव-गाँव घूमकर ये देश-प्रेम का अलख जगाती रहीं और देशवासियों को उनके कर्तव्य की याद दिलाती रहीं। उनके वक्तव्य जनता के हृदय को झकझोर देते थे और देश के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर करने के लिए प्रेरित कर देते थे। वे बहुभाषाविद थी और क्षेत्रानुसार अपना भाषण अंग्रेजी, हिंदी, बंगला या गुजराती में देती थीं। लंदन की सभा में अंग्रेजी में बोलकर इन्होंने वहाँ उपस्थित सभी श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया था। अपनी लोकप्रियता और प्रतिभा के कारण १९२५ में कानपुर में हुए कांग्रेस अधिवेशन की वे अध्यक्षा बनीं और १९३२ में भारत की प्रतिनिधि बनकर दक्षिण अफ्रीका भी गईं। भारत की स्वतंत्रता-प्राप्ति के बाद वे उत्तरप्रदेश की पहली राज्यपाल बनीं। श्रीमती एनी बेसेन्ट की प्रिय मित्र और गाँधीजी की इस प्रिय शिष्या ने अपना सारा जीवन देश के लिए अर्पण कर दिया। २ मार्च १९४९ को उनका देहांत हुआ। १३ फरवरी १९६४ को भारत सरकार ने उनकी जयंती के अवसर पर उनके सम्मान में १५ नए पैसे का एक डाकटिकट भी जारी किया। .

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सरी काउंटी क्रिकेट क्लब

सरी काउंटी क्रिकेट क्लब अठारह में से एक है प्रथम श्रेणी काउंटी क्लबों के भीतर घरेलू क्रिकेट की संरचना इंग्लैंड और वेल्स।.

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सलमा याक़ूब

सलमा याक़ूब (जन्म: 1971) पाकिस्तानी मूल की ब्रिटिश नागरिक एवं राजनेत्री हैं। वे रिस्पेक्ट पार्टी की भूतपूर्व नेत्री व पूर्व बर्मिंघम सिटी पार्षद थीं। वर्तमान में वे बर्मिंघम स्टॉप द वॉर गठबंधन व बर्मिंघम केंद्रीय मस्जिद के लिए प्रवक्ता हैं। 11 सितंबर 2012 में याक़ूब ने बयान में पुष्टि की कि उन्होंने रिस्पेक्ट पार्टी को छोड़ दी थी। .

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सलमा ज़ैदी

सलमा ज़ैदी (15 नवंबर 1950-30 मार्च 2015) एक भारतीय महिला पत्रकार और अनुवादक थीं। वे बीबीसी से लंबे समय तक जुड़ी रहीं हैं और हिंदी भाषा में डिजिटल दुनिया में काम कर रही चंद महिलाओं में शुमार थीं। उन्होंने बीबीसी में अपनी पारी की शुरुआत बीबीसी हिंदी रेडियो से की थी। बाद में वे बीबीसी हिंदी ऑनलाइन की प्रमुख बनीं। बीबीसी में उन्होंने महिलाओं, अल्पसंख्यकों और बच्चों से जुड़े विषयों पर विशेष काम किया। .

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सलमा आग़ा

सलमा आग़ा पाकिस्तान में जन्मी एक ब्रितानी गायिका, अभिनेत्री और फ़िल्म निर्माता हैं जिन्होंने 1980 और 1990 के दशकों के दौरान हिन्दी सिनेमा में काम किया। .

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सलीम मलिक

सलीम मलिक (अंग्रेजी: Saleem Malik) (जन्म;१६ अप्रैल १९६३) (सलिम मलिक के नाम से भी जाना जाता है) एक पूर्व पाकिस्तानी क्रिकेट खिलाड़ी है जो १९८१/८२ और १९९९ के बीच पाक टीम के लिए खेला करते थे, साथ ही एक समय पर इन्होंने पाकिस्तानी क्रिकेट टीम का नेतृत्व किया गया था। ये एक दाएं हाथ वाले मध्य क्रम के बल्लेबाज थे और मुख्य रूप से एक विकेट-कीपर की भूमिका निभाते थे। इसके अलावा उनकी लटका गेंदबाजी भी काफी प्रभावी थी। १०० से अधिक टेस्ट खेलने के बावजूद ये क्रिकेट के इतिहास में नीचे ही रहे क्योंकि २१वीं शताब्दी के शुरूआती दौर में इन पर मैच फिक्सिंग के लिए कई अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट पर प्रतिबंध लगाया गया था। सलीम पूर्व पाकिस्तानी क्रिकेट खिलाड़ी इजाज अहमद के भाई हैं। इन्होंने १२ टेस्ट में पाकिस्तान का नेतृत्व किया, जिसमें ७ मैचों में जीत भी मिली थी जबकि एक दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में इन्होंने ३४ बार अपने देश का नेतृत्व किया और उनमें से २१ को जीत पाकिस्तान जीत पाया था। .

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साबुन

तरह-तरह के सजावटी साबुन साबुन उच्च अणु भार वाले कार्बनिक वसीय अम्लों के सोडियम या पोटैशियम लवण है। मृदु साबुन का सूत्र C17H35COOK एवं कठोर साबुन का सूत्र C17H35COONa है। साबुनीकरण की क्रिया में वनस्पति तेल या वसा एवं कास्टिक सोडा या कास्टिक पोटाश के जलीय घोल को गर्म करके रासायनिक प्रतिक्रिया के द्वारा साबुन का निर्माण होता तथा ग्लीसराल मुक्त होता है। साधारण तापक्रम पर साबुन नरम ठोस एवं अवाष्पशील पदार्थ है। यह कार्बनिक मिश्रण जल में घुलकर झाग उत्पन्न करता है। इसका जलीय घोल क्षारीय होता है जो लाल लिटमस को नीला कर देता है। .

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सामाजिक डार्विनवाद

सामाजिक डार्विनवाद (Social Darwinism) सन् १८७० के बाद इंग्लैण्ड और संयुक्त राज्य अमेरिका में जन्मे अनेकों सामाजिक सिद्धान्तों का आधुनिक नाम है जिनके अनुसार किसी सामाज में शक्तिशाली लोगों का प्रभाव व धन बिना रोकटोक बढ़ते रहना चाहिये जबकि निर्बलों का कम होते जाना चाहिये। .

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सामाजिक गतिशीलता

व्यक्तियों, परिवारों या अन्य श्रेणी के लोगों का समाज के एक वर्ग (strata) से दूसरे वर्ग में गति सामाजिक गतिशीलता (Social mobility) कहलाती है। इस गति के परिणामस्वरूप उस समाज में उस व्यक्ति या परिवार की दूसरों के सापेक्ष सामाजिक स्थिति (स्टैटस) बदल जाता है। .

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सामंतवाद

अपने प्रतिज्ञाओं के लिए रोलाण्ड शारलेमेन; चेनसन डे गेस्टे, c.14th.c. की एक पांडुलिपि से सामंतवाद (Feudalism / फ्युडलिज्म) मध्यकालीन युग में इंग्लैंड और यूरोप की प्रथा थी। इन सामंतों की कई श्रेणियाँ थीं जिनके शीर्ष स्थान में राजा होता था। उसके नीचे विभिन्न कोटि के सामंत होते थे और सबसे निम्न स्तर में किसान या दास होते थे। यह रक्षक और अधीनस्थ लोगों का संगठन था। राजा समस्त भूमि का स्वामी माना जाता था। सामंतगण राजा के प्रति स्वामिभक्ति बरतते थे, उसकी रक्षा के लिए सेना सुसज्जित करते थे और बदले में राजा से भूमि पाते थे। सामंतगण भूमि के क्रय-विक्रय के अधिकारी नहीं थे। प्रारंभिक काल में सामंतवाद ने स्थानीय सुरक्षा, कृषि और न्याय की समुचित व्यवस्था करके समाज की प्रशंसनीय सेवा की। कालांतर में व्यक्तिगत युद्ध एवं व्यक्तिगत स्वार्थ ही सामंतों का उद्देश्य बन गया। साधन-संपन्न नए शहरों के उत्थान, बारूद के आविष्कार, तथा स्थानीय राजभक्ति के स्थान पर राष्ट्रभक्ति के उदय के कारण सामंतशाही का लोप हो गया।.

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साम्राज्यवाद

सन १४९२ से अब तक के उपनिवेशी साम्राज्य विश्व के वे क्षेत्र जो किसी न किसी समय ब्रितानी साम्राज्य के भाग थे। साम्राज्यवाद (Imperialism) वह दृष्टिकोण है जिसके अनुसार कोई महत्त्वाकांक्षी राष्ट्र अपनी शक्ति और गौरव को बढ़ाने के लिए अन्य देशों के प्राकृतिक और मानवीय संसाधनों पर अपना नियंत्रण स्थापित कर लेता है। यह हस्तक्षेप राजनीतिक, आर्थिक, सांस्कृतिक या अन्य किसी भी प्रकार का हो सकता है। इसका सबसे प्रत्यक्ष रूप किसी क्षेत्र को अपने राजनीतिक अधिकार में ले लेना एवं उस क्षेत्र के निवासियों को विविध अधिकारों से वंचित करना है। देश के नियंत्रित क्षेत्रों को साम्राज्य कहा जाता है। साम्राज्यवादी नीति के अन्तर्गत एक राष्ट्र-राज्य (Nation State) अपनी सीमाओं के बाहर जाकर दूसरे देशों और राज्यों में हस्तक्षेप करता है। साम्राज्यवाद का विज्ञानसम्मत सिद्धांत लेनिन ने विकसित किया था। लेनिन ने 1916 में अपनी पुस्तक "साम्राज्यवाद पूंजीवाद का अंतिम चरण" में लिखा कि साम्राज्यवाद एक निश्चित आर्थिक अवस्था है जो पूंजीवाद के चरम विकास के समय उत्पन्न होती है। जिन राष्ट्रों में पूंजीवाद का चरमविकास नहीं हुआ वहाँ साम्राज्यवाद को ही लेनिन ने समाजवादी क्रांति की पूर्ववेला माना है। चार्ल्स ए-बेयर्ड के अनुसार "सभ्य राष्ट्रों की कमजोर एवं पिछड़े लोगों पर शासन करने की इच्छा व नीति ही साम्राज्यवाद कहलाती है।" .

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सायकिल

भीतरी नली में हवा भरने के लिए बुड के हवा वाल्ब का बहुधा प्रयोग होता है, जिसकी बनावट चित्र 13.

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सारा, यॉर्क की डचेस

सारा, यॉर्क की डचेस, (पूरा नाम:सारा मार्गरेट(फर्ग्यूसन); जन्म:१५ अक्टूबर १९५९) एक ब्रिटिश लेखक, दानकर्ता, सार्वजनिक वक्ता, टीवी व्यक्तियत्व और फ़िल्म निर्माता हैं। उन्हें अक्सर उनके उपनाम फर्जी(Fergie) के नाम से जाना जाता है। वो महारानी एलिज़ाबेथ द्वितीय और राजकुमार फ़िलिप, एडिनबर्ग के ड्यूक के पुत्र राजकुमार एंड्रू, यॉर्क के ड्यूक के तलाकशुदा पूर्व पत्नी हैं। वो मेजर रोनाल्ड फर्ग्यूसन और उनकी पत्नी सूज़न की छोटी पुत्री हैं। उनका जन्म २५ अक्टूबर १९५९ को लंदन, इंग्लैंड में हुआ था। राजकुमार एंड्रू से उनका विवाह २३ जुलाई १९८६ को हुआ था। उनके विवाह पर एंड्रू को योक् के ड्यूक के खिताब से नवाज़ा गया था, जिसके कारण वे यॉर्क की डचेस बन गयी(तलख के बाद अविवाहित रहने के कारण यह उपदि अभी भी उनके साथ है)। सारा और राजकुमार की दो पुत्रियाँ हैं, राजकुमारी बियैट्रिस और राजकुमारी यूजीनी, जोकि वर्त्तमान समय में ब्रिटिश सिंघासन के उत्तराधिकार के अनुक्रम में क्रमशः सातवें और आठवें स्थान पर हैं। राजकुमार एंड्रू के साथ उनका तलाक़ ३० मई १९९६ को हुआ था। सारा कई किताबों की लेखक रह चुकी है, जिमें अधिकांश, बच्चों और युवाओं के लिए लिखी गयी हैं। साथ ही उन्हों ने कई दानकार्यों और चैरिटी कार्यक्रमों में हिस्सा लिया है, और लगातार ऐसा कार्यों को सकरांमत समर्थन भी देती रहीं हैं। .

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सार्वजनिक संस्थान

सार्वजनिक संस्थान (पब्लिक कार्पोरेशन्स) सार्वजनिक संस्थान विधायक निर्मित संस्था है जो सामाजिक, वाणिज्यिक, आर्थिक या विकास संबंधी कार्यों को राज्य के लिए अथवा उसकी ओर से चलाती है। इसका अपना कोष है और व्यवस्था के आंतरिक मामलों में यह अंशत: स्वायत्त होती है। इस प्रकार के संस्थान के लिए विभिन्न नाम प्रयुक्त हुए हैं, यथा-गवर्नमेंट कारपोरेशन, स्टेच्युटरी कारपोरेशन, क्वासी गवर्नमेंटल बाडीज़ इत्यादि। किंतु सार्वजनिक संस्था ही अब सामान्यत: प्रयुक्त होता है। .

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साहित्य में नोबेल विजेताओं की सूची

ये साहित्य में नोबेल पुरस्कार विजेताओं की सूची है: .

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सावित्री देवी मुखर्जी

सावित्री देवी मुखर्जी (30 सितंबर 1905 - 22 अक्टूबर 1982) यूनानी-फ्रांसीसी लेखक मैक्सिमियानी पोर्टास का उपनाम था (मैक्सिमिन पोर्टा भी लिखा गया) (1998).

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साइमन हॅकिन

साइमन हॅकिन एक ब्रिटिश विद्युत (इलेक्ट्रिकल) इंजीनियर हैं, जो अपने रडार व संचार में अनुप्रयोगों की प्रमुखता वाले अनुकूली संकेत प्रसंस्करण संबंधित अग्रणी कार्य के लिए विख्यात हैं। .

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साउथहैंपटन

साउथहैंपटन इंगलैंड के दक्षिण तट पर हैंपशाएर की रसमी काउंटी में सब से बड़ा शहर है जो लंदन से ७५ मील दक्षिण-पश्चिम में और पोर्ट्समाउथ से 19 मील उत्तर-पश्चिम में स्थित है। यह टैस्ट और इतचन नदियों के मेल पर स्थित साउथहैंपटन वाटर के सब से उत्तरी बिंदु पर स्थित है और हैंबल दरिया शहरी क्षेत्र के दक्षिण से इस में आ मिलता है। .

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सिटी ऑफ़ वेस्टमिंस्टर

सिटी ऑफ़ वेस्टमिंस्टर (अंग्रेज़ी: City of Westminster) लंदन का एक बरो है। यह क्षेत्र, लंदन शहर के मध्य में, थेम्स नदी के किनारे स्थित है। यह ऐतिहासिक इलाका, मध्यकाल से ही, पूरे इंग्लैंड और संयुक्त अधिराज्य का राजनैतिक केंद्र रहा है। ब्रिटिश राजतंत्र और ब्रिटिश सरकार से संबंधित अनेक महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक इमारतें स्थित हैं, जिनमें:ब्रिटिश शासक का आधिकारिक निवास, बकिंघम पैलेस, वेस्ट्मिन्स्टर पैलेस(ब्रिटिश संसद भवन), सेंट जेम्स पैलेस, वेस्ट्मिन्स्टर ऍबी और ब्रिटिश प्रधानमंत्री का आधिकारिक निवास, 10 डाउनिंग स्ट्रीट शामिल हैं। यह थेम्स के बाएँ तीर पर अवस्थित है। कुछ बगीचों और उद्यानों के अलावा, इस क्षेत्र का जनघनत्व काफ़ी अधिक है। .

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सिल्यूरियन

सिल्यूरियन (Silurian) एक भूगर्भीय युग एवं प्रणाली का नाम है जो ऑडोविशन कल्प के अन्त (लगभग 443.4 ± 1.5 मिलियन वर्ष पूर्व) से आरम्भ होकर डिवोनी कल्प के आरम्भ तक (लगभग 419.2 ± 3.2 मिलियन वर्ष पूर्व) तक विस्तृत है। सिल्यूरियन प्रणाली का नामकरण मरचीसन (Murchison) ने सन्‌ १८३५ में इंग्लैंड के वेल्स प्रांत के आदिवासियों के नाम के आधार पर किया। उसने इसका स्थान पुराजीव कल्प आर्डोविसियन (Ordovician) और डेवोनियम (Devoniam) काल के बीच में रखा। शनै: शनै: संसार के अन्य भागों में भी ऐसे स्तर मिले और इस प्रकार सिल्यूरियन प्रणाली पुराजीवकल्प के एक युग के रूप में स्तर-शैल-विद्या में आ गई। .

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सिली द्वीपसमूह

सिली द्वीपसमूह (अंग्रेज़ी: Isles of Scilly, आइल्स ऑफ़ सिली) ब्रिटेन के दक्षिण-पश्चिमी छोर पर स्थित कॉर्नवाल की नोख के तट से समुद्र में कुछ आगे अवस्थित एक द्वीपसमूह है। यह इंग्लैंड और संयुक्त राजशाही का दक्षिणतम तथा इंग्लैंड का पश्चिमतम बिंदु है। इस पूरे द्वीपसमूह की कुल आबादी सन् २०११ के आंकड़े के अनुसार २,२०३ है। यह कॉर्नवाल की रुढ़िस्पद काउंटी का हिस्सा है। हालाँकि १८८० से इस द्वीप की अपनी स्वाम का एक स्थानीय प्रशासन है, जिसे काउंटी कॉउंसिल का दर्ज प्राप्त है। इस द्वीप की अधिकांश भूमि कॉर्नवाल की डची के स्वामित्व के अधीन आती है। अर्थव्यवस्था का लिहाज़ से, पर्यटन यहाँ का सबसे अहम उद्योग है, इस द्वीप को बीच रिसोर्ट में चोट्टियां बिताने औसत समुद्र तट का तुत्फ उठाने के लिए जाना जाता है। पर्यटन के अलावा, कृषि भी स्थानीय अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। .

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सिवोई थिएटर

सिवोई थिएटर एक नाटकघर जो चर्च स्ट्रीट, मॉनमाउथ, मॉनमाउथशायर, दक्षिण पूर्व वेल्स में स्थित है। नाटकघर को वर्ष 1928 में परंपरागत शैली में पुर्नसुसज्जित किया गया था और यह प्रसिद्धरूप से वेल्स में सबसे पुराना कार्यकरण थिएटर स्थल है। इस नाटकघर की 360 सीटों की क्षमता है और निवर्तमान समय में यह एक चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा संचालित होता है।.

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सिंटेल

सिंटेल, इनकोर्पोरेटेड (Syntel, Inc.) सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) एवं नॉलेज प्रॉसेस आउटसोर्सिंग (केपीओ-KPO) संबंधी समाधानों का एक वैश्विक प्रदाता है, जिसके वैश्विक विकास केंद्र भारत एवं संयुक्त राज्य अमेरिका में हैं। सिंटेल की स्थापना ट्रॉय, मिशिगन में 1980 में मिशिगन विश्वविद्यालय के स्टीफन एम.

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सिंह (पशु)

सिंह (पेन्थेरा लियो) पेन्थेरा वंश की चार बड़ी बिल्लियों में से एक है और फेलिडे परिवार का सदस्य है। यह बाघ के बाद दूसरी सबसे बड़ी सजीव बिल्ली है, जिसके कुछ नरों का वजन २५० किलोग्राम से अधिक होता है। जंगली सिंह वर्तमान में उप सहारा अफ्रीका और एशिया में पाए जाते हैं। इसकी तेजी से विलुप्त होती बची खुची जनसंख्या उत्तर पश्चिमी भारत में पाई जाती है, ये ऐतिहासिक समय में उत्तरी अफ्रीका, मध्य पूर्व और पश्चिमी एशिया से गायब हो गए थे। प्लेइस्तोसेन के अंतिम समय तक, जो लगभग १०,००० वर्ष् पहले था, सिंह मानव के बाद सबसे अधिक व्यापक रूप से फैला हुआ बड़ा स्तनधारी, भूमि पर रहने वाला जानवर था। वे अफ्रीका के अधिकांश भाग में, पश्चिमी यूरोप से भारत तक अधिकांश यूरेशिया में और युकोन से पेरू तक अमेरिका में पाए जाते थे। सिंह जंगल में १०-१४ वर्ष तक रहते हैं, जबकि वे कैद मे २० वर्ष से भी अधिक जीवित रह सकते हैं। जंगल में, नर कभी-कभी ही दस वर्ष से अधिक जीवित रह पाते हैं, क्योंकि प्रतिद्वंद्वियों के साथ झगड़े में अक्सर उन्हें चोट पहुंचती है। वे आम तौर पर सवाना और चारागाह में रहते हैं, हालांकि वे झाड़ी या जंगल में भी रह सकते हैं। अन्य बिल्लियों की तुलना में सिंह आम तौर पर सामाजिक नहीं होते हैं। सिंहों के एक समूह जिसे अंग्रेजी मे प्राइड कहॉ जाता में सम्बन्धी मादाएं, बच्चे और छोटी संख्या में नर होते हैं। मादा सिंहों का समूह प्रारूपिक रूप से एक साथ शिकार करता है, जो अधिकांशतया बड़े अनग्युलेट पर शिकार करते हैं। सिंह शीर्ष का और कीस्टोन शिकारी है, हालांकि वे अवसर लगने पर मृतजीवी की तरह भी भोजन प्राप्त कर सकते हैं। सिंह आमतौर पर चयनात्मक रूप से मानव का शिकार नहीं करते हैं, फिर भी कुछ सिंहों को नर-भक्षी बनते हुए देखा गया है, जो मानव शिकार का भक्षण करना चाहते हैं। सिंह एक संवेदनशील प्रजाति है, इसकी अफ्रीकी रेंज में पिछले दो दशकों में इसकी आबादी में संभवतः ३० से ५० प्रतिशत की अपरिवर्तनीय गिरावट देखी गयी है। ^ डाटाबेस प्रवेश में एस बात का एक लंबा औचित्य सम्मिलित है कि यह प्रजाति संवेदनशील क्यों है। क्यों इस प्रजाति की दुर्दशा का एक भी सम्मिलित है सिंहों की संख्या नामित सरंक्षित क्षेत्रों और राष्ट्रीय उद्यानों के बहार अस्थिर है। हालांकि इस गिरावट का कारण पूरी तरह से समझा नहीं गया है, आवास की क्षति और मानव के साथ संघर्ष इसके सबसे बड़े कारण हैं। सिंहों को रोमन युग से पिंजरे में रखा जाता रहा है, यह एक मुख्य प्रजाति रही है जिसे अठारहवीं शताब्दी के अंत से पूरी दुनिया में चिडिया घर में प्रदर्शन के लिए रखा जाता रहा है। खतरे में आ गयी एशियाई उप प्रजातियों के लिए पूरी दुनिया के चिड़ियाघर प्रजनन कार्यक्रमों में सहयोग कर रहे हैं। दृश्य रूप से, एक नर सिंह अति विशिष्ट होता है और सरलता से अपने अयाल (गले पर बाल) द्वारा पहचाना जा सकता है। सिंह, विशेष रूप से नर सिंह का चेहरा, मानव संस्कृति में सबसे व्यापक ज्ञात जंतु प्रतीकों में से एक है। उच्च पाषाण काल की अवधि से ही इसके वर्णन मिलते हैं, जिनमें लॉसकाक्स और चौवेत गुफाओं की व नक्काशियां और चित्रकारियां सम्मिलित हैं, सभी प्राचीन और मध्य युगीन संस्कृतियों में इनके प्रमाण मिलते हैं, जहां ये ऐतिहासिक रूप से पाए गए। राष्ट्रीय ध्वजों पर, समकालीन फिल्मों और साहित्य में चित्रकला में, मूर्तिकला में और साहित्य में इसका व्यापक वर्णन पाया जाता है। .

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सिंगर कप 1995-96

1996 सिंगर कप एक त्रिकोणीय क्रिकेट टूर्नामेंट था जिसे 1 और 7 अप्रैल 1996 के बीच सिंगापुर में आयोजित किया गया था। इस प्रतियोगिता में भारत, श्रीलंका और पाकिस्तान की राष्ट्रीय क्रिकेट टीमों को शामिल किया गया था। टूर्नामेंट पाकिस्तान ने जीता, जिसने 7 अप्रैल को फाइनल में श्रीलंका को हराया था। .

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सिंगापुर का इतिहास

सिंगापुर के इतिहास का विवरण 11वीं सदी से उपलब्ध है। 14वीं सदी के दौरान श्रीविजयन राजकुमार परमेश्वर के शासनकाल में इस द्वीप का महत्त्व बढ़ना शुरु हुआ और यह एक महत्वपूर्ण बंदरगाह बन गया, लेकिन दुर्भाग्यवश 1613 में पुर्तगाली हमलावरों द्वारा इसे नष्ट कर दिया गया। आधुनिक सिंगापुर के इतिहास की शुरुआत 1819 में हुई, जब एक अंग्रेज सर थॉमस स्टैमफोर्ड रैफल्स द्वारा इस द्वीप पर एक ब्रिटिश बंदरगाह की स्थापना की गयी। ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन के तहत दक्षिण-पूर्व एशिया में भारत-चीन व्यापार और भंडारगृह (एंट्रीपोट) व्यापार, दोनों के एक केंद्र के रूप में इसका महत्त्व काफी बढ़ गया और यह बड़ी तेजी से एक प्रमुख बंदरगाह शहर में तब्दील हो गया। द्वितीय विश्व युद्घ के समय जापानी साम्राज्य ने सिंगापुर को अपने अधीन कर लिया और 1942 से 1945 तक इसे अपने अधीन रखा। युद्ध समाप्त होने के बाद सिंगापुर वापस अंग्रेजों के नियंत्रण में चला गया और स्व-शासन के अधिकार के स्तर को वढ़ाया गया और अंततः 1963 में फेडरेशन ऑफ मलाया के साथ सिंगापुर का विलय कर मलेशिया का निर्माण किया गया। हालांकि, सामाजिक अशांति और सिंगापुर की सत्तारूढ़ पीपुल्स एक्शन पार्टी तथा मलेशिया की एलायंस पार्टी के बीच विवादों के परिणाम स्वरूप सिंगापुर को मलेशिया से अलग कर दिया गया। 9 अगस्त 1965 को सिंगापुर एक स्वतंत्र गणतंत्र बन गया। गंभीर बेरोजगारी और आवासीय संकट का सामना करने के कारण, सिंगापुर ने एक आधुनिकीकरण कार्यक्रम पर काम करना शुरू कर दिया जिसमें विनिर्माण उद्योग की स्थापना, बड़े सार्वजनिक आवासीय एस्टेट के विकास और सार्वजनिक शिक्षा पर भारी निवेश करने पर ध्यान केंद्रित किया गया। आजादी के बाद से सिंगापुर की अर्थव्यवस्था में प्रति वर्ष औसतन नौ प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी है। 1990 के दशक तक यह एक अत्यंत विकसित मुक्त बाजार अर्थव्यवस्था, सुदृढ़ अंतरराष्ट्रीय व्यावसायिक संबंध और जापान के बाहर एशिया में सर्वोच्च प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद के साथ दुनिया के सबसे समृद्ध देशों में से एक बन गया था। .

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सज्जन सिंह रंगरूट

सज्जन सिंह रंगरूट  एक आगामी भारतीय पंजाबी फ़िल्म है। फ़िल्म को हिन्दी और अंग्रेज़ी में डब होने की उम्मीद है। .

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संभ्रांत वर्ग

संभ्रांत वर्ग या ऍलीट​ (elite) समाजशास्त्र और राजनीति में किसी समाज या समुदाय में उस छोटे से गुट को कहते हैं जो अपनी संख्या से कहीं ज़्यादा धन, राजनैतिक शक्ति या सामाजिक प्रभाव रखता है।, Yitzhak Sternberg, BRILL, 2002, ISBN 978-90-04-12873-6,...

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संयुक्त राजशाही का शाही कुलांक

250px यूनाइटेड किंगडम का शाही कुल-चिन्ह (Royal coat of arms of the United Kingdom) ब्रिटिश सम्राट, वर्तमान समय में एलिज़ाबेथ द्वितीय, का आधिकारिक कुल-चिन्ह है। यह चिन्ह महारानी द्वारा यूनाइटेड किंगडम सभी आधिकारिक प्रयोजनों में प्रयोग में लाया जाता है, तथा इसे आधिकारिक तौर पर आर्म्स ऑफ़ डोमिनियन (Arms of Dominion) के नाम से जाना जाता है। इस चिन्ह से प्रेरित कई प्रकार के चिन्ह शाही परिवार के अन्य सदस्य और ब्रिटिश सरकार देश से सम्बन्धित अपने प्रशासनिक कार्यो में इस्तेमाल करती है। स्कॉटलैंड में इसका एक अलग संस्करण इस्तेमाल किया जाता है तथा उस से प्रेरित एक अन्य चिन्ह को स्कॉटिश सरकार इस्तेमाल करती है। शाही चिन्ह की ढाल चार भागों में बटी हुई है, जिस के पहले व चौथे भाग में इंग्लैंड का प्रतिनिधित्व करते हुए तीन अंग्रेज़ी शेर हैं, दूसरे भाग में फूलों की मेंड़ के साथ स्कॉटलैंड का प्रतिनिधित्व करता हुआ अनियंत्रित शेर है तथा तीसरे भाग में उत्तरी आयरलैंड का प्रतिनिधित्व करता हुआ क्लैरसच (हार्प) है। ढाल को शाही मुकुट पहने हुए अंग्रेज़ी शेर और जंजीर से बंधे स्कॉटिश यूनिकॉर्न ने संभाला हुआ है। .

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संयुक्त राज्य परंपरागत इकाइयाँ

U.S. परंपरागत इकाइयाँ, जिन्हें संयुक्त राज्य में अंग्रेज़ी इकाइयां या इम्पीरियल इकाइयाँ भी कहा जाता है (ब्रिटिश साम्राज्य के सन्दर्भ में) (परन्तु ब्रिटिश मानक हेतु देखें अंग्रेजी इकाइयाँ) या मानक इकाइयाँ, यह मापन इकाइयाँ वर्तमान में संयुक्त राज्य में प्रयोग हो रही हैं। यह कु्छ मामलों में SI इकाइयों से भिन्न, कुछ में इसके साथ हैं। सभी इकाइयाँ SI मूल इकाइयों में परिभाषित हैं, परन्तु इनके अंतरण अनुपात सुविधाजनक नहीं हैं। .

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संयुक्त राज्य की स्वतंत्रता का घोषणापत्र

अमेरिकी स्वतंत्रता की घोषणा का अन्तिम दस्तावेज़ कांग्रेस को सौंपते हुए '''अमेरिका की स्वतंत्रता की घोषणा''' का मूल दस्तावेज अमेरिकी स्वतंत्रता की घोषणा (Declaration of Independence) एक राजनैतिक दस्तावेज है जिसके आधार पर इंग्लैण्ड के १३ उत्तर-अमेरिकी उपनिवेशों ने 4 जुलाई 1776 ई. को स्वयं को इंग्लैण्ड से स्वतंत्र घोषित कर लिया। इसके बाद से ४ जुलाई को यूएसए में राष्ट्रीय अवकाश रहता है। अमरीका के निवासियों ने ब्रिटिश शासनसत्ता के अधिकारों और अपनी कठिनाइयों से मुक्ति पाने के लिए जो संघर्ष सन् 1775 ई. में आरंभ किया था वह दूसरे ही वर्ष स्वतंत्रता संग्राम में परिणत हो गया। इंगलैंड के तत्कालीन शासक जॉर्ज तृतीय की दमननीति से समझौते की आशा समाप्त हो गई और शीघ्र ही पूर्ण संबंधविच्छेद हो गया। इंगलैंड से आए हुए उग्रवादी युवक टॉमस पेन ने अपनी पुस्तिका "कॉमनसेंस" द्वारा स्वतंत्रता की भावना को और भी प्रज्वलित किया। 7 जून, 1776 ई. को वर्जीनिया के रिचर्ड हेनरी ली ने प्रायद्वीपी कांग्रेस में यह प्रस्ताव रखा कि उपनिवेशों को स्वतंत्र होने का अधिकार है। इस प्रस्ताव पर वादविवाद के उपरांत "स्वतंत्रता की घोषणा" तैयार करने के लिए 11 जून को एक समिति बनाई गई, जिसने यह कार्य थॉमस जेफ़रसन को सौंपा। जेफ़रसन द्वारा तैयार किए गए घोषणापत्र में ऐडम्स और फ्रैंकलिन ने कुछ संशोधन कर उसे 28 जून को प्रायद्वीपी कांग्रेस के समक्ष रखा और 2 जुलाई को यह बिना विरोध पास हो गया। जेफ़रसन ने उपनिवेशों के लोगों की कठिनाइयों और आवश्यकताओं का ध्यान रखकर नहीं, अपितु मनुष्य के प्राकृतिक अधिकारों के दार्शनिक सिद्धांतों को ध्यान में रखकर यह घोषणापत्र तैयार किया था जिसके निम्नांकित शब्द अमर हैं: इस घोषणापत्र में कुछ ऐसे महत्व के सिद्धांत रखे गए जिन्होंने विश्व की राजनीतिक विचारधारा में क्रांतिकारी परिवर्तन किए। समानता का अधिकार, जनता का सरकार बाने का अधिकार और अयोग्य सरकार को बदल देने अथवा उसे हटाकर नई सरकार की स्थापना करने का अधिकार आदि ऐसे सिद्धांत थे जिन्हें सफलतापूर्वक क्रियात्मक रूप दिया जा सकेगा, इसमें उस समय अमरीकी जनता को भी संदेह था परंतु उसने इनको सहर्ष स्वीकार कर सफलतापूर्वक कार्यरूप में परिणत कर दिखाया। जेफ़रसन ने ब्रिटिश दार्शनिक जॉन लॉक के "जीवन, स्वतंत्रता और संपत्ति" के अधिकार के सिद्धांत को भी थोड़े संशोधन के साथ स्वीकार किया। उसने संपत्ति को ही सुख का साधन न मानकर उसे स्थान पर "सुख की खोज" का अधिकार माँगकर अमरीकी जनता को वस्तुवादिता से बचाने की चेष्टा की, परंतु उसे कितनी सफलता मिली इसमें संदेह है। .

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संयुक्त राज्य अमेरिका की कैबिनेट

यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ़ अमेरिका का बैठक कैबिनेट प्रेजिडेंट बराक ओबामा के शासकीय के नीचे। मोटे अक्षरसंयुक्त राज्य अमेरीका की कैबिनेट वहां के संघीय सरकार की कार्यपालिका से नामित सबसे वरिष्ट अधिकारियों से निर्मित है। लोकतांत्रिक शासित देश होने के कारण संयुक्त राज्य अमेरीका में भी शासनतंत्र में कैबिनेट को स्थान प्राप्त है। किंतु वहाँ उसका रूप इंग्लैंड तथा राष्ट्रमंडलीय देशों के कैबिनेट से सर्वथा भिन्न है। वहाँ कैबिनेट के सदस्य संसद् (कांग्रेस) के किसी सदन के सदस्य नहीं होते और न वे सदन में अपनी बातें उपस्थित कर सकते हैं। सदन के प्रति उनका कोई उत्तरदायित्व नहीं होता है। वे मात्र राष्ट्रपति के उत्तरदायी होते हैं। किंतु इंग्लैंड की ही तरह यहाँ भी कैबिनेट की कोई चर्चा शासन विधान में नहीं है। उसका संघटन और विकास व्यवहार और परंपरा के रूप में ही हुआ है। सामूहिक रूप से कैबिनेट न तो वैध है और न उसे किसी प्रकार का अधिकार प्राप्त है। सर्वप्रथम राष्ट्रपति वाशिंगटन ने अपने तीन प्रमुख प्रशासकों तथा अटार्नी जनरल को, जिसे उस समय तक विभागीय प्रधान का महत्व प्राप्त नहीं था, अपने गुप्त परार्मशदाता को मान्यता प्रदान की। उस समय तक उसे कैबिनेट जैसी संस्था का रूप प्राप्त न था। धीरे धीरे वे अन्य विभागीय अध्यक्षों को इस परार्मश में सम्मिलित करने लगे, और १७७३ में पहली बार राष्ट्रपति के सलाहकारों को 'कैबिनेट' के नाम से पुकारा गया। यह कैबिनेट ऐसा कोई कार्य नहीं कर सकती जिसे राष्ट्रपति उससे सलाह लिए बिना भी कर सकता हो। तथापि इस कैबिनेट की बैठक नियमित रूप से सप्ताह में एक बार होती है और इसकी बैठक की बात न प्रकाशित की जाती है और न उसका कोई लिखित विवरण रखा जाता है। इस बैठक में केवल उन्हीं बातों पर विचार होता है जिन पर राष्ट्रपति विचार करना चाहता है। सामान्यत प्रशासन की नीतिसंबंधी महत्व की बातों अथवा उन बातों पर विचार होता है जिन्हें राष्ट्रपति अथावा कैबिनेट का सदस्य संसद (कांग्रेस) विचारार्थ उपस्थित करना चाहता है। .

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संज्ञाहरणविज्ञानी

संज्ञाहरणविज्ञानी (('एनेस्थेटिस्ट' (ब्रिटिश अँग्रेजी), या 'एनेस्थेसीओलोजिस्ट ' (अमेरिकन अँग्रेजी)), उस चिकित्सक को कहते हैं जो संज्ञाहरण (anesthesia) और पराशल्य चिकित्सा (perioperative medicine) का विशेषज्ञ हो। वैसे इंग्लैंड में, "निश्चेतक" की श्रेणी में दोनों तरह के चिकित्सक सम्मिलित किए जाते हैं. यह श्रोत बतलाता है की 'निश्चेतक" वह विशेषज्ञ है जो प्रारंभिक चिकित्सा शिक्षा प्राप्त करने के बाद, निश्चेतना में किसी मान्यता प्राप्त पूर्णकालिक कार्यक्रम, जोकि सामान्यतः चार वर्षों का हो सकता है के द्वारा यह प्रवीणता प्राप्त करता है। निश्चेतना परिचारिका वह परिचारिका है जिसे निश्चेतना देने के लिए विशेष रूप से शिक्षित किया जाता है। यह शिक्षा 2-3 वर्षों की होती है और स्नातक होने के बाद दी जाती है। इन्हे किसी निश्चेतक के मार्गदर्शन में कार्य करना पड़ता है। निश्चेतक या तो स्वयं निश्चेतना दे सकता है या "निश्चेतक परिचारिका" या "निश्चेतक सहायक" के साथ एक समूह बनाकर। .

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संघरक्षित

संघरक्षित (जन्म: 26 अगस्त, 1925 मूल नाम Dennis Philip Edward Lingwood) एक बौद्ध शिक्षक एवं लेखक हैं। वे 'त्रिरत्न बौद्ध कम्युनिटी' के संस्थापक हैं जो २०१० तक 'वेस्टर्न बुद्धिस्ट ऑर्डर' (FWBO) के नाम से जाना जाता था। .

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संविधानवाद

संयुक्त राज्य के संविधान पर हस्ताक्षर के समय का दृष्य (१९४० में निर्मित चित्र) संविधानवाद (Constitutionalism) का सामान्य अर्थ यह विचार है कि सरकार की सत्ता संविधान से उत्पन्न होती है तथा इसी से उसकी सीमा भी तय होती है। संविधानवाद सरकार के उस स्वरूप को कहते हैं जिसमें संविधान की प्रमुख भूमिका होती है। अधिकारियों को मनमाने निर्णय की छूट होने के स्थान पर 'कानून के राज्य' का पक्ष लेना ही संविधानवाद है। संविधानवाद की मूल भावना यह है कि सरकारी अधिकारी कुछ भी, और किसी भी तरीके से, करने के लिये स्वतंत्र नहीं हैं बल्कि उन्हें अपनी शक्ति की सीमाओं के अन्दर रहते हुए ही कार्य करने की आजादी (या बन्धन) है और वह भी संविधान में वर्णित प्रक्रिया (procedures) के अनुसार। ऐतिहासिक प्रक्रिया के परिणाम स्वरूप ही संविधानिक राज्यों का जन्म हुआ। मनुष्य द्वारा राजसत्ता के अत्याचार व दुरूपयोग के बचने के प्रयास के परिणाम स्वरूप संविधानवाद का जन्म हुआ। आधुनिक संविधानवाद के विस्तृत आधार हैं, किन्तु इसका मूल आधार ‘‘विधि का शासन’’ ही माना जाता है। प्राचीन काल से ही ऐसे विविध विचारो पर चिन्तन किया जाता रहा हैं जो राजसत्ता को प्रभावी ढ़ंग से नियंत्रित कर सके एवं उसके सद्-प्रयोग में सहायक बन सके। इस दृष्टिकोण से प्राचीनकाल से ही राजसत्ता एवं नैतिक अभिबन्धनों एवं धार्मिक मान्यताओं के साथ ही शाश्वत विधि, प्राकृतिक विधि, दैवीय विधि एवं मानवीय विधि के रूप में विभिन्न उपायों पर विचार करने की लम्बी परम्परा दीख पड़ती हैं। .

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संवैधानिक उपचार

मनुष्य को विधिप्रदत्त अनेक अधिकार प्राप्त हैं। मनुष्य जाति, समय समय पर, उन अधिकारों के प्रवर्तन के लिये अनेक विधिक उपायों (legal rights) की उद्भावना करती आई है। भारत में विधिक उपायों का स्थूल विभाजन दो श्रेणियों में किया जा सकता है -.

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संगीत गोष्ठी

पहले गायक या वादक अपने गायन या वादन का प्रदर्शन राजाओं या रईसों के सम्मुख करता था अथवा किसी धार्मिक उत्सव के समय मंदिरों में करता था। कभी-कभी वह मेले इत्यादि में भी जाकर अपनी कला का प्रदर्शन करता था। किंतु उसके पास ऐसा कोई साधन नहीं था जिसके द्वारा वह संगीत के एक पूर्वनिर्धारित कार्यक्रम को जनता के सामने प्रस्तुत कर सके। यूरोप में इंग्लैंड, फ्रांस, जर्मनी, इटली, इत्यादि देशों में संगीतगोष्ठी का आयोजन प्रारंभ हुआ। इसे "कंसर्ट" (concert) कहते हैं। संगीत सभाएँ या संगीत विद्यालय अथवा कुछ व्यवसायी लोगों ने संगीतगोष्ठी का आयोजन प्रारंभ किया। किसी अच्छे कलाकार या कलाकारों के गायन वादन का कार्यक्रम किसी बड़े भवन में संपन्न होता था। इस संगीतगोष्ठी में जनता का प्रवेश टिकट या चंदे के द्वारा होने लगा। इस प्रकार की संगीतगोष्ठियाँ अमरीका और अन्य देशों में प्रारंभ हुई। बड़े बड़े नगरों में इस प्रकार की गोष्ठियों के लिए विशाल गोष्ठीभवन (concert hall) या सभाभवन (Auditorium) बन गए। भारत में इस प्रकार की संगीतगोष्ठी का आयोजन बंबई, पूना, कलकत्ता इत्यादि बड़े नगरों में प्रारंभ हो गया है। इन संगीतगोष्ठियों के अतिरिक्त भारत में कई स्थानों में संगीतोत्सव या संगीतपरिषदों का आयोजन भी होता है जिनमें बहुत से कलाकार एकत्र होते है और उनका कार्यक्रम प्रस्तुत किया जाता है। इनमें श्रोताओं का प्रवेश टिकट द्वारा होता है। यूरोप के 18वीं शती में संगीतगोष्ठी के आयोजन और प्रबंध के लिए बहुत सी संस्थाएँ स्थापित हो गई। ये संस्थाएँ संगीतगोष्ठियों का आयोजन करने लगीं और संचित द्रव्य में से कलाकार तथा आयोजन और प्रबंध के लिए एक भाग लेने लगीं। सामंतों और रईसों का आश्रय समाप्त होने पर कलाकारों के कार्यक्रम के आयोजन के लिए स्थान स्थान पर संस्थाएँ स्थापित होने लगी और 19वीं शती तक इन संस्थाओं ने एक अंतरराष्ट्रीय व्यवसाय का रूप धारण कर लिया। संगीतगोष्ठी के अर्थ के अतिरिक्त फ्रांस, जर्मनी और इटली में कंसर्ट एक विशिष्ट वाद्य-संगीत-प्रबंध के अर्थ में भी प्रयुक्त होता है। श्रेणी:संगीत.

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संकेतन

संकेतन (Signalling), या संकेत संप्रेषण, का युद्ध में दीर्घ काल से प्रयोग हो रहा है। साधारण जीवन में भी संदेश भेजने की आवश्यकता बहुधा पड़ती ही है, पर सेना की एक टुकड़ी से दूसरी को, अथवा एक पोत से अन्य को, सूचनाएँ, आदेश आदि भेजने के कार्य का महत्व विशेष है। इसके लिए प्रत्येक संभव उपाय काम में लाए जाते हैं। पैदल और घुड़सवार, संदेशवाहकों के सिवाय, प्राचीन काल में झंडियों, प्रकाश तथा धुएँ द्वारा संकेतों से संदेश भेजने के प्रमाण मिलते हैं। अफ्रीका में यही कार्य नगाड़ों से लिया जाता रहा है। आधुनिक काल में संकेतन का उपयोग सड़कों पर आवागमन तथा रेलगाड़ियों के नियंत्रण में भी किया जा रहा है। .

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सुदर्शन कुल

सुदर्शन कुल (ऐमेरिलिडैसी / Amaryllidaceae) फूलों का एक कुल (family) है। इस कुल में बहुत सी (एक हजार से कुछ ऊपर ही) जातियाँ हैं और इस कुल के पुष्प लिली से बहुत मिलते-जुलते हैं। सुदर्शन कुल के पुष्प उष्ण तथा उपोष्ण देशों में पाए जाते हैं। अधिकांश में कंद होता है। कई में लिली के समान पुष्प फूलते हैं। इस कुल के कुछ पौधों के (जैसे ऐमारिलिस बेलाडोना और बूफेन डिस्टिका के) कंद अत्यंत विषैले होते हैं। इस कुल में पीला डैफोडिल और श्वेत स्नोड्राप इंग्लैंड में बहुत प्रसिद्ध हैं। .

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सुभाष चन्द्र बोस

सुभाष चन्द्र बोस (बांग्ला: সুভাষ চন্দ্র বসু उच्चारण: शुभाष चॉन्द्रो बोशु, जन्म: 23 जनवरी 1897, मृत्यु: 18 अगस्त 1945) जो नेता जी के नाम से भी जाने जाते हैं, भारत के स्वतन्त्रता संग्राम के अग्रणी नेता थे। द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान, अंग्रेज़ों के खिलाफ लड़ने के लिये, उन्होंने जापान के सहयोग से आज़ाद हिन्द फौज का गठन किया था। उनके द्वारा दिया गया जय हिन्द का नारा भारत का राष्ट्रीय नारा बन गया है। "तुम मुझे खून दो मैं तुम्हे आजादी दूंगा" का नारा भी उनका था जो उस समय अत्यधिक प्रचलन में आया। कुछ इतिहासकारों का मानना है कि जब नेता जी ने जापान और जर्मनी से मदद लेने की कोशिश की थी तो ब्रिटिश सरकार ने अपने गुप्तचरों को 1941 में उन्हें ख़त्म करने का आदेश दिया था। नेता जी ने 5 जुलाई 1943 को सिंगापुर के टाउन हाल के सामने 'सुप्रीम कमाण्डर' के रूप में सेना को सम्बोधित करते हुए "दिल्ली चलो!" का नारा दिया और जापानी सेना के साथ मिलकर ब्रिटिश व कामनवेल्थ सेना से बर्मा सहित इम्फाल और कोहिमा में एक साथ जमकर मोर्चा लिया। 21 अक्टूबर 1943 को सुभाष बोस ने आजाद हिन्द फौज के सर्वोच्च सेनापति की हैसियत से स्वतन्त्र भारत की अस्थायी सरकार बनायी जिसे जर्मनी, जापान, फिलीपींस, कोरिया, चीन, इटली, मान्चुको और आयरलैंड ने मान्यता दी। जापान ने अंडमान व निकोबार द्वीप इस अस्थायी सरकार को दे दिये। सुभाष उन द्वीपों में गये और उनका नया नामकरण किया। 1944 को आजाद हिन्द फौज ने अंग्रेजों पर दोबारा आक्रमण किया और कुछ भारतीय प्रदेशों को अंग्रेजों से मुक्त भी करा लिया। कोहिमा का युद्ध 4 अप्रैल 1944 से 22 जून 1944 तक लड़ा गया एक भयंकर युद्ध था। इस युद्ध में जापानी सेना को पीछे हटना पड़ा था और यही एक महत्वपूर्ण मोड़ सिद्ध हुआ। 6 जुलाई 1944 को उन्होंने रंगून रेडियो स्टेशन से महात्मा गांधी के नाम एक प्रसारण जारी किया जिसमें उन्होंने इस निर्णायक युद्ध में विजय के लिये उनका आशीर्वाद और शुभकामनायें माँगीं। नेताजी की मृत्यु को लेकर आज भी विवाद है। जहाँ जापान में प्रतिवर्ष 18 अगस्त को उनका शहीद दिवस धूमधाम से मनाया जाता है वहीं भारत में रहने वाले उनके परिवार के लोगों का आज भी यह मानना है कि सुभाष की मौत 1945 में नहीं हुई। वे उसके बाद रूस में नज़रबन्द थे। यदि ऐसा नहीं है तो भारत सरकार ने उनकी मृत्यु से सम्बंधित दस्तावेज़ अब तक सार्वजनिक क्यों नहीं किये? 16 जनवरी 2014 (गुरुवार) को कलकत्ता हाई कोर्ट ने नेताजी के लापता होने के रहस्य से जुड़े खुफिया दस्तावेजों को सार्वजनिक करने की माँग वाली जनहित याचिका पर सुनवाई के लिये स्पेशल बेंच के गठन का आदेश दिया। .

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सुरेंद्रनाथ बैनर्जी

सर सुरेन्द्रनाथ बैनर्जी (10 नवम्बर 1848 - 6 अगस्त 1925) ब्रिटिश राज के दौरान प्रारंभिक दौर के भारतीय राजनीतिक नेताओं में से एक थे। उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय समिति की स्थापना की, जो प्रारंभिक दौर के भारतीय राजनीतिक संगठनों में से एक था और बाद में वह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता बन गए। वह राष्ट्रगुरू (राष्ट्र के शिक्षक) के नाम से भी जाने जाते थे, जो उन्हें उपाधि के रूप में दी गई थी। .

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सुल्तानगंज

सुल्तानगंज (अंग्रेजी: Sultanganj) भारत के बिहार राज्य के भागलपुर जिला में स्थित एक ऐतिहासिक स्थल है। यह गंगानदी के तट पर बसा हुआ है। यहाँ बाबा अजगबीनाथ का विश्वप्रसिद्ध प्राचीन मन्दिर है। उत्तरवाहिनी गंगा होने के कारण सावन के महीने में लाखों काँवरिये देश के विभिन्न भागों से गंगाजल लेने के लिए यहाँ आते हैं। यह गंगाजल झारखंड राज्य के देवघर स्थित बाबा बैद्यनाथ को चढाते हैं। बाबा बैद्यनाथ धाम भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिंगों में एक माना जाता है। सुल्तानगन्ज हिन्दू तीर्थ के अलावा बौद्ध पुरावशेषों के लिये भी विख्यात है। सन १८५३ ई० में रेलवे स्टेशन के अतिथि कक्ष के निर्माण के दौरान यहाँ से मिली बुद्ध की लगभग ३ टन वजनी ताम्र प्रतिमा आज बर्मिन्घम म्यूजियम में रखी है। .

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सुविज्ञ शर्मा

सुविज्ञ शर्मा (जन्म २८ जुलाई, १९८३) एक भारतीय कलाकार, चित्रकार, फ़ैशन डिज़ाइनर और उद्यमी हैं, जिन्हें अपनी मिनिएचर पेंटिंग्स (लघु-चित्रों), तंजौर पेंटिंग, फ्रेस्को कला और सजीव चित्रों के लिए जाना जाता है। भारत के प्रसिद्ध वास्तुकला धरोहर स्थानों जैसे जयपुर में सिटी पैलेस एवं जामा मस्जिद सहित अनगिनत पुनर्नवीकरण और फ्रेस्को पेंटिंग प्रोजेक्ट्स का श्रेय इनको जाता है। इन्हें प्रतिष्ठित भारत गौरव सम्मान, २०१२ से सम्मानित किया गया है। इनकी कलाकृतियाँ भारत के कई प्रसिद्ध घरानों, जैसे कि बजाज, बिड़ला और सिंघानिया, अंबानी, पिरामल, मित्तल और बर्मन के निजी संग्रह में एक प्रतिष्ठित स्थान रखती हैं। वे भारत में लघु कला की विरासत को विकसित करने और बढ़ावा देने वाले एकमात्र कलाकार हैं। इनकी कलाकृतियाँ मारवाड़ इंडिया, सोसायटी, हैलो, सैवी, डीएनए, मिड डे, और टाइम्स ऑफ इंडिया आदि कई प्रतिष्ठित पत्रिकाओं और समाचार पत्रों में चित्रित की गई हैं। सुविज्ञ शर्मा की कलाकृतियों को कई रंग शालाओ और संग्रहालयों में प्रदर्शित किया जा चुका है, जिनमें सिंगापुर आर्ट म्युजियम, सिमरोज़ा आर्ट गैलरी, चित्रकूट आर्ट गैलरी, चेन्नई आर्ट गैलरी, अर्टिसन्स आर्ट गैलरी एवं इंडिया हैबिटैट सेन्टर सम्मलित हैं। सितंबर, २०१४ में, सुविज्ञ शर्मा ने २४ कैरेट सोने से अलंकृत औपनिवेशिक स्टांप पेपर चित्र प्रस्तुत करता हुआ अपना कलासंग्रह, एन आर्ट कलेक्टर्स पैराडाइज़, प्रदर्शित किया, जिसका अनावरण बॉलीवुड अभिनेत्री रानी मुखर्जी द्वारा किया गया है। १८ अक्टूबर २०१५ को, सुविज्ञ का नवीनतम कला संग्रह फॉरएवर इटरनल पिचवई, का अनावरण अभिनेत्री कंगना रनौत द्वारा किया गया। .

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सुगत मित्रा

सुगत मित्रा (जन्म: 12 फ़रवरी 1952), शैक्षिक प्रौद्योगिकी के न्यूकैसल विश्वविद्यालय, इंग्लैंड में शिक्षा, संचार और भाषा विज्ञान के स्कूल में प्रोफेसर हैं। यह अपनी "होल इन वॉल" (हिन्दी:दीवार में छेद) परियोजना के कारण प्रसिद्ध हैं। यह व्यापक रूप से साक्षरता और शिक्षा पर अपने कार्य में उद्धृत हैं। ये एनआईआईटी में मुख्य वैज्ञानिक हैं। ये टेड पुरस्कार २०१३ के विजेता हैं। .

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स्टानली बाल्डविन

इंग्लैंड के प्रधान मन्त्री।.

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स्टोन कोल्ड स्टीव ऑस्टिन

स्टीव ऑस्टिन (जन्म स्टीवन जेम्स ऐंडरसन, बाद में स्टीवन जेम्स विलियम्स; 18 दिसम्बर 1964),Steve Austin. ''The Stone Cold Truth'' (p.10, 12-13), एक अमेरिकी फिल्म और टेलीविजन अभिनेता और सेवानिवृत्त पेशेवर पहलवान बेहतर उसके रिंग नेम "स्टोन कोल्ड" स्टीव ऑस्टिनद्वारा जाना जाता है। ऑस्टिन ऐसी विश्व कुश्ती चैम्पियनशिप (WCW), चरम कुश्ती चैम्पियनशिप (ECW) और सबसे मशहूर, विश्व कुश्ती महासंघ (डब्लू डब्लू एफ) के रूप में कई अच्छी तरह से ज्ञात कुश्ती पदोन्नति के लिए मल्लयुद्ध। कंपनी के इतिहास में, सबसे लोकप्रिय और लाभदायक पहलवान के रूप में विन्स मैकमोहन WWE (पूर्व डब्ल्यूडब्ल्यूएफ) के अध्यक्ष द्वारा वर्णित वह मध्य-करने के लिए-1990 के दशक के दौरान के रूप में "स्टोन ठंड" स्टीव ऑस्टिन, जो नियमित रूप से मैकमोहन, उसके मालिक ललकारा एक अनुचित, बीयर पीने antihero डबल्यू डबल्यू एफ में महत्वपूर्ण मुख्यधारा लोकप्रियता हासिल की। इस अवज्ञा अक्सर ऑस्टिन flipping बंद करके मैकमोहन दिखाया गया था और उसे पत्थर ठंडी Stunnerके साथ, अपने खत्म करने के कदमincapacitating.

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स्टीफन हॉकिंग

स्टीफन विलियम हॉकिंग (८ जनवरी १९४२– १४ मार्च २०१८)), एक विश्व प्रसिद्ध ब्रितानी भौतिक विज्ञानी, ब्रह्माण्ड विज्ञानी, लेखक और कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में सैद्धांतिक ब्रह्मांड विज्ञान केन्द्र (Centre for Theoretical Cosmology) के शोध निर्देशक थे। .

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स्टीफन वॉलफ्रेम

स्टीफन वॉल्फ्रेम (जन्म २९ अगस्त १९५९) एक ब्रिटिश भैतिकशास्त्री, सॉफ्टवेयर विकासकर्ता, गणितज्ञ, लेखक और व्यापारी हैं। इन्हें इनके कणीय भौतिकी, कॉस्मोलॉजी, सेलुलर ऑटोमेटा, कंप्यूटेश्नल कॉम्प्लेक्सिटी सिद्धांत, कंप्यूटर बीजगणित और वोलफ्रेम अल्फ़ा के लिये जाना जाता है। .

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स्टीव ओ' कीफ़े

स्टीफन नॉर्मन ओ'कीफ़े (अंग्रेजी:Stephen Norman John O'Keefe) (जन्म ९ दिसम्बर १९८४ मलेशिया में) एक ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट खिलाड़ी है और वर्तमान में घरेलू क्रिकेट में न्यू साउथ वेल्स के कप्तान भी है। ओ'कीफ़े ने अपना पहला प्रथम श्रेणी मैच न्यू साउथ वेल्स के लिए तस्मानिया के नवम्बर २००५ खिलाफ खेला था। जिसमें उन्होंने अपना पहला रन छक्का लगाकर लिया था और उस मैच में २ विकेट भी लिए और बल्लेबाजी करते हुए १० रन भी बनाए थे। ओ'कीफ़े ने अपने ट्वेन्टी-ट्वेन्टी कैरियर की शुरुआत इंग्लैंड के दौरे पर की थी। .

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स्टीवन जेरार्ड

स्टीवन जॉर्ज जेरार्ड, MBE (जन्म - 30 मई 1980), एक इंग्लिश फुटबॉल खिलाड़ी हैं जो इंग्लिश प्रीमियर लीग के क्लब लिवरपूल और इंग्लैण्ड की राष्ट्रीय टीम के लिए खेलते हैं। उन्होंने अपने कॅरिअर का अधिकांश खेल एक केंद्रीय मिडफ़ील्ड भूमिका में ही खेला है; हालांकि, 2007 में लिवरपूल में फर्नान्डो टोर्रेस के आगमन के बाद उन्हें मुख्य रूप से उनकी क्लब टीम के लिए एक दूसरे स्ट्राइकर के रूप में 2006 के बाद से इंग्लैण्ड के लिए एक विंगर के रूप में इस्तेमाल किया गया है। ऐनफील्ड में अपना सम्पूर्ण कॅरिअर बिताने वाले जेरार्ड ने 1998 में अपने खेल का शुभारम्भ किया और सत्र 2000-01 में पहली टीम में अपनी स्थिति मज़बूत की और 2003 में सामी हाइपिया के बाद लिवरपूल टीम के कप्तान का पदभार संभाला.

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स्पा

गोवा, भारत में आयुर्वेदिक स्पा. स्पा शब्द जल चिकित्सा से जुड़ा हुआ है, जिसे स्नान चिकित्सा के रूप में भी जाना जाता है। स्पा शहर या स्पा सैरगाह (रिजॉर्ट्स) (गर्म पानी के झरने वाली सैरगाहों सहित) आमतौर विभिन्न स्वास्थ्य उपचारों की पेशकश करते हैं। प्रागैतिहासिक काल से ही यह विश्वास किया जाता है कि खनिज जल में शरीर का उपचार करने की शक्तियां मौजूद होती हैं। इस तरह के व्यवहार दुनिया भर में लोकप्रिय हैं, लेकिन विशेष रूप से यूरोप और जापान में इसका व्यापक प्रसार हैं। दिवस स्पा भी काफी लोकप्रिय हैं और इससे विभिन्न व्यक्तिगत देखभाल उपचार की पेशकश की जाती है। .

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स्पेन राष्ट्रीय फुटबॉल टीम

स्पेन राष्ट्रीय फुटबॉल टीम (Selección de fútbol de España), अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल प्रतियोगिताओं में स्पेन का प्रतिनिधित्व करती है और और राजसी स्पेनिश फुटबॉल महासंघ (आरएफईएफ) द्वारा नियंत्रित किया जाती है। स्पेनिश पक्ष आमतौर पर ला फुरिअ रोजा (लाल रोष) के रूप में जाना जाता है। स्पेन स्पेनिश फुटबॉल महासंघ पहले 1909 में स्थापित किया गया था, भले ही 1904 में फीफा के सदस्य बने। स्पेन 2010 के विश्व कप और यूरो 2012 जीतने के बाद मौजूदा विश्व कप और यूरोपीय चैंपियन हैं। यह वरिष्ठ और युवा टीमों में 73 अंतरराष्ट्रीय खिताब की कुल जीता है। स्पेन इस समय के साथ नाबाद सबसे लगातार 29 प्रतिस्पर्धी मैचों के लिए रिकॉर्ड रखती है। .

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स्पेन का स्वतंत्रता संग्राम

०२ मई १८०८: फ्रांसिस्को डी गोया द्वारा १८१४ में चित्रित 'The Charge of the Mamelukes' नेपोलियन बोनापार्ट के साम्राज्य तथा स्पेन, ब्रिटेन और पुर्तगाल की सम्मिलित सेनाओं के बीच हुआ युद्ध स्पेन का स्वतंत्रता संग्राम (स्पेनी भाषा:Guerra de la Independencia Española) या प्रायद्वीपीय युद्ध (Peninsular War) (1807–1814) कहलाता है। स्पेन ने समय-समय पर फ्रांस को सहायता दी थी। इस समय स्पेन का शासक चार्ल्स चतुर्थ था किन्तु उसके निष्क्रिय शासन के स्थान पर जनमत उसके पुत्र राजकुमार फर्डिनेण्ड को शासक बनान चाहती थी। अतः चार्ल्स ने फर्डिनेण्ड के पक्ष में पद त्याग दिया। इसी समय नेपोलियन ने फर्डिनेण्ड को एक तरह से नजरबन्द कर अपने भाई नेपल्स के राजा जोजफ को स्पेन का राजा बनाया (1808) और नेपल्स अपने बहनोई म्यूरा को दे दिया। वस्तुतः पुर्तगाल में फ्रांस व स्पेन के संयुक्त अभियान के कारण नेपोलियन को फ्रांसीसी सेनाएँ स्पेन में भेजने का अवसर मिल गया और मौका देख उसने स्पने पर अधिकार कर लिया। नेपोलियन के इस कदम से स्पेनिश जनता अपमानित महसूस कर रही थी। स्पेनवासियों में राष्ट्रीय भावना का संचार हुआ और पूरा राष्ट्र नेपोलियन के विरूद्ध उठ खड़ा हुआ। जगह-जगह प्रबंध समितियाँ स्थापित की जाने लगी, 'पोप के शत्रु' के विनाश का अच्छा अवसर देखते हुए कैथोलिक पादरियों ने लोगों को उकसाना शुरू किया। Zunta नामक संगठन ने गुरिल्ला पद्धति से लड़ने के लिए लोगों को प्रशिक्षित करना आरंभ कर दिया। स्पेन की जनता की नजर में नेपोलियन राष्ट्रीय एकता का संहारक और राजमुकुट का विनाशक था। अतः उन्होंने गुरिल्ला युद्ध शुरू कर दिया। यह युद्ध 1808 से 1814 तक चलता रहा। जुलाई 1808 में बेलन के युद्ध में फ्रांसीसी सेना पराजित हुई। स्थल में, नेपोलियन की सेना की यह प्रथम पराजय थी। स्पेनवासियों का उत्साह बढ़ा और पूरे यूरोप में सनसनी फैल गई। जोजेफ स्पेन छोड़ भाग खड़ा हुआ। ऐसी स्थिति में नेपोलियन ने स्पेन पर हमला किया और उसे पराजित कर पुनः जोजफ को सिंहासन पर बैठाया। स्पेन में फंसे रहने के कारण साम्राज्य पर वह ध्यान नहीं दे पाया। 1809 ई. में यूरोपीय गतिविधयों के कारण नेपोलियन को एक बड़ी सेना स्पेन में छोड़ मध्य यूरोप की ओर जाना पड़ा। इसके बाद उसका स्पेन आना संभव नहीं हुआ। स्पेन में राष्ट्रवादी पुनः सक्रिय हो गए और जोजफ का शासन लड़खड़ाने लगा। इंग्लैण्ड ने स्पेन का समर्थन देकर कई स्थानों पर फ्रांसीसी सेना को परास्त किया और अंततः स्पेन फ्रांसीसी आधिपत्य से मुक्त हुआ। स्पेन का युद्ध नेपोलियन के लिए अत्यंत विनाशकारी साबित हुआ। एक तरफ इसने जहाँ नेपोलियन के लाखों सैनिकों व योग्य सेनापतियों को नष्ट कर दिया तो दूसरी तरफ युद्ध में व्यस्त रहने के कारण शेष यूरोप की ओर ध्यान भी नहीं दे सका। स्पेन की विजय ने नेपोलियन की अपराजेयता के मिथक को तोड़ा और यूरोप में सोई राष्ट्रीयता की भावना को जगाया। इसी राष्ट्रवाद की भावना से पे्ररित होकर आगे आस्ट्रिया ने फ्रांस के विरूद्ध युद्ध की घोषणा कर दी। इस प्रकार स्पेनिश युद्ध के संदर्भ में नेपोलियन का यह कहना ठीक है कि स्पेन के नासूर ने मुझे बर्बाद कर दिया। .

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स्पेन्सर पेर्सिवल

इंग्लैंड के प्रधान मन्त्री।.

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स्पेन्सर काम्पटन

इंग्लैंड के प्रधान मन्त्री। .

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स्पेनी गृहयुद्ध

स्पेन का गृहयुद्ध (स्पेनी भाषा: Guerra Civil Española), 1936 से 1939 तक चला। यह युद्ध स्पेन के रिपब्लिकनों और राष्ट्रवादियों के बीच हुआ। इसे प्रायः लोकतन्त्र तथा फासीवाद के बीच युद्ध माना जाता है किन्तु अनेक इतिहासकार मानते हैं कि यह युद्ध वस्तुतः वामपंथी क्रांतिकारियों एवं दक्षिणपन्थी प्रतिक्रान्तिकारियों के बीच हुआ था। इस युद्ध में अन्ततः राष्ट्रवादियों की विजय हुई और उसके पश्चात फ्रैकों अगले ३६ वर्षों तक (१९७५ में अपनी मृत्यु तक) स्पेन का शासक बना रहा। पापुलर फ्रंट के सत्तासीन होने के साथ एवं उनकी दक्षिणपंथी एवं मध्यमार्गियों के विरूद्ध अपनायी गयी नीतियों के कारण स्पेन गृहयुद्ध के कगार पर खड़ा हो गया। दक्षिणपंथी जनलर सांजुर्जो ने हिटलर से भेंटकर सहायता का आश्वासन प्राप्त किया। 12 जुलाई, 1936 ई. को दक्षिणपंथियों ने पुलिस अधिकारी केस्टिलो की हत्या कर दी। 13 जुलाई को इस घटना से उत्तेजित हो वामपंथियों ने एक दक्षिणपंथी सेनाधिकारी काल्वो सोटेलो की हत्या कर दी। इस प्रकार स्पेन में गृह युद्ध छिड़ गया। 17 जुलाई को मोरक्को में स्थित स्पेनी सेनाओं ने जनरल फ्रांकों के नेतृत्व में विद्रोह का बिगुल फूँक दिया। दक्षिणपंथी सैन्य अधिकारियों ने भी सशस्त्र संघर्ष छेड़ दिया। बाद में दक्षिणपंथियों का नेतृत्व भी जनरल फ्रांकों द्वारा संभाल लिया गया। इन विद्रोहियों को सैन्य अधिकारियों के साथ-साथ राजतंत्रवादियों, फासिस्ट एवं चर्च का भी समर्थन प्राप्त था। इटली एवं जर्मनी से भी इन्हें मदद मिल रही थी। गृह युद्ध के दौरान ही सितंबर, 1936 ई. में वामपंथी फ्रांसिस्को लार्गा केवेलरो ने नवीन मंत्रिमण्डल का गठन कर उसमें समाजवादियों एवं साम्यवादियों को भी सम्मिलित किया। केवेलरों ने मजदूरों एवं कृषकों का भी सहयोग प्राप्त किया, परंतु नवंबर, 1936 ई.

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स्पेनी आर्मडा

स्पेनी आर्मडा (या अजेय आर्मडा; स्पेनी: Grande y Felicísima Armada) स्पेन की १३० जहाजों वाली एक नौसेना थी जिसे अगस्त १५८८ में इंग्लैण्ड को जीतने के लिये रवाना किया गया था। मेडिना सिडोनिया के ड्यूक इसके कमाण्डर थे। इसका उद्देश्य इंग्लैण्ड की रानी एलिजाबेथ प्रथम को सत्ताच्युत करना था। किन्तु यह आर्मडा पराजित हुआ और इस जीत से इंग्लैण्ड की नौसेना की धाक जम गयी। .

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स्मृति मंधाना

स्मृति मंधाना एक भारतीय महिला क्रिकेट खिलाड़ी है, जों भारतीय महिला क्रिकेट टीम के लिए खेलती है। यह मुख्य रूप से दाहिने हाथ से बल्लेबाजी करती है जिन्होंने २०१७ के महिला क्रिकेट विश्व कप में दो शतक भी लगाये थे। इनका जन्म मुंबई, महाराष्ट्र में १८ जुलाई १९९६ को हुआ था। .

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स्वचालित गणक मशीन

यू.एस की एक एनसीआर पर्सोनास 75-सीरीज़ आंतरिक, बहुप्रकार्य एटीएम मशीन ट्राईटॉन ब्राण्ड एटीएम मशीन स्वचालित गणक मशीन (अंग्रेज़ी:आटोमेटिड टैलर मशीन, लघु:एटीएम) को आटोमेटिक बैंकिंग मशीन, कैश पाइंट, होल इन द वॉल, बैंनकोमैट जैसे नामों से यूरोप, अमेरिका व रूस आदि में जाना जाता है। यह मशीन एक ऐसा दूरसंचार नियंत्रित व कंप्यूटरीकृत उपकरण है जो ग्राहकों को वित्तीय हस्तांतरण से जुड़ी सेवाएं उपलब्ध कराता है।। हिन्दुस्तान लाइव। 21 जनवरी 2010 इस हस्तांतरण प्रक्रिया में ग्राहक को कैशियर, क्लर्क या बैंक टैलर की मदद की आवश्यकता नहीं होती है। खुदरा यानि रिटेल बैंकिंग के क्षेत्र में एटीएम बनाने का विचार समांनातर तौर जापान, स्वीडन, अमेरिका और इंग्लैंड में जन्मा और विकसित हुआ। हालांकि सबसे पहले इसका प्रयोग कहां शुरू हुआ यह अभी तय नहीं हो पाया है। .

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स्वशासन

स्वशासन या 'होम रूल' (Home rule) का अर्थ है - राज्य के किसी अंग (प्रशासनिक प्रभाग) द्वारा कुछ शक्तियों का उपभोग जो केन्द्रीय शासन द्वारा उसे प्रदान की जांय। इंग्लैण्ड के सन्दर्भ में होम रूल का अर्थ आयरलैण्ड, स्कॉटलैण्ड, वेल्स और उत्तरी आयरलैण्ड आदि को अपना शासन करने का अधिकार या स्वतन्त्रता देना था। यूएसए के सन्दर्भ में होम रूल का अर्थ अलग है। किन्तु होम रूल की तुलना 'संघवाद' से नहीं की जा सकती। .

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स्वामी विवेकानन्द

स्वामी विवेकानन्द(স্বামী বিবেকানন্দ) (जन्म: १२ जनवरी,१८६३ - मृत्यु: ४ जुलाई,१९०२) वेदान्त के विख्यात और प्रभावशाली आध्यात्मिक गुरु थे। उनका वास्तविक नाम नरेन्द्र नाथ दत्त था। उन्होंने अमेरिका स्थित शिकागो में सन् १८९३ में आयोजित विश्व धर्म महासभा में भारत की ओर से सनातन धर्म का प्रतिनिधित्व किया था। भारत का आध्यात्मिकता से परिपूर्ण वेदान्त दर्शन अमेरिका और यूरोप के हर एक देश में स्वामी विवेकानन्द की वक्तृता के कारण ही पहुँचा। उन्होंने रामकृष्ण मिशन की स्थापना की थी जो आज भी अपना काम कर रहा है। वे रामकृष्ण परमहंस के सुयोग्य शिष्य थे। उन्हें प्रमुख रूप से उनके भाषण की शुरुआत "मेरे अमरीकी भाइयो एवं बहनों" के साथ करने के लिये जाना जाता है। उनके संबोधन के इस प्रथम वाक्य ने सबका दिल जीत लिया था। कलकत्ता के एक कुलीन बंगाली परिवार में जन्मे विवेकानंद आध्यात्मिकता की ओर झुके हुए थे। वे अपने गुरु रामकृष्ण देव से काफी प्रभावित थे जिनसे उन्होंने सीखा कि सारे जीव स्वयं परमात्मा का ही एक अवतार हैं; इसलिए मानव जाति की सेवा द्वारा परमात्मा की भी सेवा की जा सकती है। रामकृष्ण की मृत्यु के बाद विवेकानंद ने बड़े पैमाने पर भारतीय उपमहाद्वीप का दौरा किया और ब्रिटिश भारत में मौजूदा स्थितियों का पहले हाथ ज्ञान हासिल किया। बाद में विश्व धर्म संसद 1893 में भारत का प्रतिनिधित्व करने, संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए कूच की। विवेकानंद के संयुक्त राज्य अमेरिका, इंग्लैंड और यूरोप में हिंदू दर्शन के सिद्धांतों का प्रसार किया, सैकड़ों सार्वजनिक और निजी व्याख्यानों का आयोजन किया। भारत में, विवेकानंद को एक देशभक्त संत के रूप में माना जाता है और इनके जन्मदिन को राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है। .

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स्कून का पत्थर

स्कून का पत्थर की एक नकली कॉपी स्कून का पत्थर एक लम्बा लाल रंग का बलुआ पत्थर (यानि सैंडस्टोन) है जिसे सदियों से स्कॉट्लैंड के राजाओं के राज्याभिषेक के लिए प्रयोग किया जाता था और सन् 1296 के बाद ब्रिटेन (मय स्कॉट्लैंड और इंग्लैंड) के सम्राटों के राज्याभिषेकों के लिए भी इस्तेमाल किया गया है। इसे अंग्रेज़ी में "स्टोन ऑफ़ स्कून" (Stone of Scone) या "स्टोन ऑफ़ डॅस्टिनि" (Stone of Destiny, भाग्य का पत्थर) का पत्थर कहा जाता है और स्कॉट्लैंड की गेलिक भाषा में "An Lia Fàil" लिखा जाता है। इसकी लम्बाई 26 इंच, चौड़ाई 16.75 इंच और ऊँचाई 10.5 इंच है और इसका वज़न 152 किलोग्राम है। इसकी ऊपरी सतह पर तराशे जाने के कुछ निशान हैं। पत्थर के दोनों तरफ लोहे की एक-एक कड़ी है, जो शायद इसे उठाकर हिलाने में आसानी होने के लिए लगवाई गई थीं। .

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स्कॉट्लैण्ड

स्काटलैंड यूनाइटेड किंगडम का एक देश है। यह ग्रेट ब्रिटेन का उत्तरी भाग है। यह पहाड़ी देश है जिसका क्षेत्रफल ७८,८५० वर्ग किमी है। यह इंगलैंड के उत्तर में स्थित है। यहां की राजधानी एडिनबरा है। ग्लासगो यहाँ का सबसे बड़ा शहर है। स्कॉटलैण्ड की सीमा दक्षिण में इंग्लैंड से सटी है। इसके पूरब में उत्तरी सागर तथा दक्षिण-पश्चिम में नॉर्थ चैनेल और आयरिश सागर हैं। मुख्य भूमि के अलावा स्कॉटलैण्ड के अन्तर्गत ७९० से भी अधिक द्वीप हैं। यूँ तो स्कॉटलैंड यूनाइटेड किंगडम के अधीन एक राज्य है लेकिन यहाँ का अपना मंत्रिमंडल है। यहाँ की मुद्रा का रंग और उस पर बने चित्र भी लंदन के पौंड से कुछ अलग है। लेकिन उनकी मान्यता और मूल्य दोनों ही पौंड के समान है। यहाँ घूमने और लोगों से बात करने पर पता चलता है कि यहाँ के लोग इंग्लैंड सरकार से थोड़े से खफा रहते हैं। .

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स्कॉट्लैण्ड राज्य

स्कॉटलैण्ड राजशाही(Kinrick o Scotland; Rìoghachd na h-Alba), सामान्यतः स्कॉटलैंड पश्चिमोत्तर यूरोप खण्ड पर स्थित एक पूर्व ऐतिहासिक राज्य था, परंपरानुसार कहा जाता है की उसकी स्थापना सन् ८४३ में हुई थी। १७०७ में स्कॉटलैंड ने इंग्लैण्ड राज्य के साथ सम्मिलित होकर संयुक्त, ग्रेट ब्रिटेन राज्य स्थापित किया। ९वीं शताब्दी में स्थापना से १८वीं शताब्दी में इंग्लैण्ड के साथ विलय के बीच, स्कॉटलैंड की अधिकारभूमि बढ़ती-घटती रही परंतु प्रभावी रूप से यह राज्य, अपनी अस्तित्व के दौरान, मूलतः ग्रेट ब्रिटेन द्वीप की उत्तरी तियाही भाग पर अवस्थित था। यह पूर्व, पश्चिम और उत्तर दिशा में समुद्र तट से घिरा था और दक्षिण में इसकी इंग्लैण्ड के साथ भूमिगत सीमा थी। ऐतिहासिक रूप से स्कॉटलैंड ने इंग्लैण्ड द्वारा अनेक आक्रमण झेले थे, परंतु रोबर्ट प्र॰ के नेतृत्व में स्कॉटलैंड ने एक सफल स्वतंत्रता युद्ध लड़ा और पूरे उत्तर मध्यकाल के दौरान एक विभक्त राज्य के रूप में स्थापित रहा। वर्ष १६०३ में, इंग्लैंड की रानी एलिज़ाबेथ प्रथम के निधन पश्चात, स्कॉटलैंड के राजा जेम्स प्रथम, इंग्लैंड के सिंघासन के भी वारिस बने, तथा स्कॉटलैंड, इंग्लैंड के साथ एक व्यक्तिगत संयुक्ति की स्थिति में आगयी। वर्ष १७०७ में इन दोनों देशों ने सम्मिलित रूप से आपस में विलय कर संयुक्त ग्रेट ब्रिटेन राज्य स्थापित किया। १४८२ में इंग्लैण्ड द्वारा बर्विक के क़िले पर अंग्रेज़ी कब्ज़े के बाद से, इस राज्य की सीमाएँ वर्त्तमान स्कॉटलैंड की सीमाओं के समान था। .

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सैन होज़े, कैलिफोर्निया

सैन होज़े (जिसका स्पेनिश में अर्थ है - सेंट जोसफ) कैलिफोर्निया का तीसरा सबसे बड़ा शहर, संयुक्त राज्य अमेरिका का दसवां सबसे बड़ा शहर और सांता क्लारा काउंटी का काउंटी सीट है। यह देश के 31वें सबसे बड़े महानगरीय क्षेत्र का एक ऐंकर है जो सैन फ्रांसिस्को खाड़ी के दक्षिणी छोर पर स्थित है। सैन होज़े कभी एक छोटा सा कृषि शहर था जहां 1950 के दशक से अब तक बड़ी तेज़ी से विकास हुआ है। जनसंख्या, भूमि क्षेत्र, एवं औद्योगिक विकास की दृष्टि से सैन होज़े खाड़ी क्षेत्र का सबसे बड़ा शहर है। 1 जनवरी 2010 तक इसकी अनुमानित जनसंख्या 1,023,083 थी। सैन होज़े की नींव 29 नवम्बर 1777 को नुएवा कैलिफोर्निया के स्पेनिश कॉलोनी के पहले कस्बे, एल पुएब्लो डी सैन होज़े डी ग्वाडालूप (El पुएब्लो de San José de Guadalupe), के रूप में रखी गई, जो बाद में अल्टा कैलिफोर्निया बना.

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सैन्य विज्ञान

सैन्य विज्ञान (Military Science) के अन्तर्गत युद्ध एवं सशस्त्र संघर्ष से सम्बन्धित तकनीकों, मनोविज्ञान एवं कार्य-विधि (practice) आदि का अध्ययन किया जाता है। भारत सहित दुनिया के कई प्रमुख देश जैसे अमेरिका, इजराइल, जर्मनी, पाकिस्तान, आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैण्ड, रूस, इंगलैंड, चीन, फ्रांस, कनाडा, जापान, सिंगापुर, मलेशिया में सैन्य विज्ञान विषय को सुरक्षा अध्ययन (Security Studies), रक्षा एवं सुरक्षा अध्ययन (Defence and Security Studies), रक्षा एवं स्त्रातेजिक अध्ययन (Defence and Strategic studies), सुरक्षा एवं युद्ध अध्ययन नाम से भी अध्ययन-अध्यापन किया जाता है। सैन्य विज्ञान ज्ञान की वह शाखा है जिसमें सैनिक विचारधारा, संगठन सामग्री और कौशल का सामाजिक संदर्भ में अध्ययन किया जाता है। आदिकाल से ही युद्ध की परम्परा चली आ रही है। मानव जाति का इतिहास युद्ध के अध्ययन के बिना अधूरा है और युद्ध का इतिहास उतना ही पुराना है जितनी मानव जाति की कहानी। युद्ध मानव सभ्यता के विकास के प्रमुख कारणों में से एक हैं। अनेक सभ्यताओं का अभ्युदय एवं विनाश हुआ, परन्तु युद्ध कभी भी समाप्त नहीं हुआ। जैसे-जैसे सभ्यता का विकास हुआ वैसे-वैसे नवीन हथियारों के निर्माण के फलस्वरूप युद्ध के स्वरूप में परिवर्तन अवश्य आया है। सैन्य विज्ञान के अन्तर्गत युद्ध एवं सशस्त्र संघर्ष से सम्बन्धित तकनीकों, मनोविज्ञान एवं कार्य-विधि आदि का अध्ययन किया जाता है। सैन्य विज्ञान के निम्नलिखित छः मुख्य शाखायें हैं.

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सैन्सी हीरा

सैन्सी हीरा विश्व के बड़े आकार के हीरों में से है। इस हीरे का नाम इसके एक स्वामी सीग्नियुर डि सैन्सी के नाम पर पड़ा, जो १६ वीं शताब्दी में तुर्की में फ़्रान्सीसी राजदूत था। इस हीरे का प्रथम स्वामी चार्ल्स बोल्ड था, जो बुर्गुण्डी का ड्यूक था और उसने यह हीरा १४७७ में हुए एक युद्ध में खो दिया। उसने यह हीरा फ़्रान्सीसी राजा, हेनरी तृतीय को उधार दिया, जिसे राजा ने अपने मुकुट पर लगाया जिसे वह अपने गंजेपन को छिपाने के लिए पहना करता था। फ़्रान्स के एक अन्य राजा हेनरी पंचम ने भी सैन्सी से यह हीरा उधार लिया, लेकिन १६६४ में इस हीरे को इंग्लैण्ड के जेम्स प्रथम को बेच दिया गया। सन १६६८ में, इंग्लैण्ड का राजा जेम्स द्वितीय इस हीरे को लेकर पेरिस भाग गया और उसके बाद यह हीरा गायब हो गया और उसके बाद बहुत समय तक यह अज्ञात रहा। अब यह हीरा पैरिस के लोउव्र में है। सैन्सी का भार ५५ कैरट है जो इसे विश्व के बड़े हीरो में छोटे आकार का हीरा बनाता है। .

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सैम राइली

श्रेणी:अमेरिकी अभिनेता.

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सैमुएल जॉनसन

सैमुएल जॉन्सन सैमुएल जॉन्सन (Samuel Johnson; 18 सितम्बर 1709 – 13 दिसम्बर 1784)) अंग्रेजी कवि, निबन्धकर, आलोचक थे। इन्हें प्रायः 'डॉ जॉन्सन' कहा जाता है। १८ वीं शताब्दी में अलेक्जैंडर पोप के बाद डॉ जॉन्सन इंग्लैंड की साहित्यिक गतिविधि को विशेष प्रभावित किया। उन्होंने न तो प्रचुर मात्रा में ही लिखा और न निबंधों एवं कतिपय आलोचनात्मक रचनाओं के अतिरिक्त कविता, नाटक या अन्य क्षेत्रों में किए गए उनके साहित्य प्रयासों का आज कोई विशेष महत्व ही है, फिर भी उनके गंभीर व्यक्तित्व का प्रभाव उस समय के अधिकांश छोटे बड़े लेखकों पर पड़ा। .

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सैमुअल बॉर्न

सैमुअल बॉर्न (अंग्रेजी: Samuel Bourne), (30 अक्टूबर 1834 - 24 अप्रैल 1912) एक ब्रिटिश छायाकार (फोटोग्राफर) थे जिन्हें उनके भारत में सात साल के यानि 1863 से लेकर 1870 तक किए गये सर्जनात्मक काम के लिए जाना जाता है। इन्होने चार्ल्स शेफर्ड के साथ मिलकर बॉर्न एंड शेफर्ड (अंग्रेजी: Bourne & Shepherd) नामक कंपनी की स्थापना पहले सन 1863 में शिमला में और बाद में कोलकाता (कलकत्ता) में की थी; यह कंपनी आज भी मौजूद है। .

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सैम्युअल टेलर कॉलरिज

सैम्युअल टेलर कॉलरिज (Samuel Taylor Coleridge; (जन्म २१ अक्टूबर १७७२ -मृत्यु २५ जुलाई १८३४) एक अंग्रेज़ कवि, दार्शनिक व रोमांस लेखक थे जिन्होंने अपने मित्र विलियम वर्ड्सवर्थ के साथ मिलकर इंग्लैण्ड में रोमांस हलचल की शुरुआत व लेक पोएट्स की स्थापना की थी। वे अपनी कविताओं द राइम ऑफ़ द एन्शियंट मेरिनर और कुबला खान के लिए जाने जाते है। श्रेणी:अंग्रेज़ी भाषा के कवि श्रेणी:मृत लोग.

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सैयद अहमद ख़ान

सर सैयद अहमद ख़ान (उर्दू:, 17 अक्टूबर 1817 - 27 मार्च 1898) हिन्दुस्तानी शिक्षक और नेता थे जिन्होंने भारत के मुसलमानों के लिए आधुनिक शिक्षा की शुरुआत की। उन्होने मुहम्मदन एंग्लो-ओरिएण्टल कालेज की स्थापना की जो बाद में विकसित होकर अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय बना। उनके प्रयासों से अलीगढ़ क्रांति की शुरुआत हुई, जिसमें शामिल मुस्लिम बुद्धिजीवियों और नेताओं ने भारतीय मुसलमानों को हिन्दुओं से अलग करने का काम किया और पाकिस्तान की नींव डाली। सय्यद अहमद खान ईस्ट इण्डिया कम्पनी में काम करते हुए काफ़ी प्रसिद्ध हुए। सय्यद अहमद १८५७ के प्रथम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के समय ब्रिटिश साम्राज्य के वफादार बने रहे और उन्होने बहुत से यूरोपियों की जान बचायी। बाद में उस संग्राम के विषय में उन्होने एक किताब लिखी: असबाब-ए-बग़ावत-ए-हिन्द, जिसमें उन्होने ब्रिटिश सरकार की नीतियों की आलोचना की। ये अपने समय के सबसे प्रभावशाली मुस्लिम नेता थे। उनका विचार था कि भारत के मुसलमानों को ब्रिटिश सरकार के प्रति वफ़ादार नहीं रहना चाहिये। उन्होने उर्दू को भारतीय मुसलमानों की सामूहिक भाषा बनाने पर ज़ोर दिया। .

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सैंड्रिंघम हाउस

सैंड्रिंघम हाउस, नॉर्फ़ोक, इंग्लैंड में, सैंड्रिंघम गाँव के पास स्थित एक मुल्की मकान है। यह संपत्ति कुल २०,००० एकर की ज़मीन पर फैली हुई है, और रानी एलिज़ाबेथ द्वी॰ की निजी संपत्ति है, नाकि अन्य महलों की तरह राजमुकुट की। यह प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर नॉर्फ़ोक कोस्ट इलाके में रॉयल सैंड्रिंघम एस्टेट में स्थित है। .

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सैक्सन

जर्मनी के तीन आधुनिक राज्य 'सैक्सोनी कहलाते हैं। लोवर सैक्सोनी, सैक्सोनी-अन्हाल्ट तथा स्वतंत्र राज्य सैक्सोनी (क्रमशः उत्तर से दक्षिण की तरफ) रोमन शासकों के लौट जाने के बाद ब्रिटेन पर जर्मनी आदि देशों के जिन लोगों ने आक्रमण किए वे सैक्सन (लैटिन: Saxones, पुरानी अंग्रेजी: Seaxe, Old Saxon: Sahson, Low German: Sassen, जर्मन: Sachsen, डच: Saksen) कहलाए। इनमें ऐंग्ल, सैक्सन तथा जूट्स नामक निम्न वर्गीय जर्मन मूल की जातियाँ थीं जो डेनमार्क, जर्मनी और हालैंड से ४०० ई. में ब्रिटेन आए थे और इन्हें इंग्लैंड पर विजय पाने के लिए सेल्ट लोगों से १५० वर्षों तक युद्ध करना पड़ा था। सेल्ट जाति के लोगों को भागकर वेल्ज के पर्वतों में शरण लेनी पड़ी जहाँ उनकी भाषा अब भी जीवित है। .

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सूचकाक्षर

बोलने तथा लिखने में सुविधा और समय तथा श्रम की बचत करने के उद्देश्य से कभी-कभी किसी बड़े अथवा क्लिष्ट शब्द के स्थान पर उस शब्द के किसी ऐसे सरल, सुबोध एवं संक्षिप्त रूप का प्रयोग किया जाता है जिससे श्रोताओं और पाठकों को पूरे शब्द (या मूल शब्द) का बोध सरलता से हो जाए। शब्दों के ऐसे संक्षिप्त रूप को सूचकाक्षर (याने ऐब्रिविएशन, Abbreviationing) कहते हैं। बड़े अथवा क्लिष्ट शब्दों को संक्षिप्त या सरल बनाने की इस क्रिया में प्राय: मूल शब्द के प्रथम दो, तीन या अधिक अक्षर और यदि मूल शब्द (नाम) कई शब्दों के मेल से बना हो तो उन शब्दों के प्रथम अक्षर लेकर उन्हें अलग-अलग अक्षरों या एक स्वतंत्र शब्द के रूप में प्रयुक्त किया जाता है। इस प्रकार बनाए गए सूचकाक्षरों का प्रयोग कभी-कभी इतना अधिक होने लगता है कि मूल शब्द का प्रयोग प्राय: बिल्कुल ही बंद हो जाता है और सूचकाक्षर लिखित भाषा का अंग बनकर उस मूल शब्द का रूप ले लेता है। इसका एक सरल उदाहरण "यूनेस्को" है जो वस्तुत: "यूनाइटेड नेशंस एज्युकेशनल, साइंटिफिक ऐंड कल्चरल आर्गेनिजेशन" इस लंबे नाम में प्रयुक्त पाँच मुख्य शब्दों के प्रथम अक्षरों के मेल से बना है। इसी प्रकार अंग्रेजी में एक बहुप्रचलित शब्द "मिस्टर" (Mister) है, जिसे शायद ही कभी पूरे रूप में लिखा जाता हो। जब कभी किसी भी प्रसंग में उक्त शब्द लिखना होता है तो पूरा शब्द न लिखकर केवल उसके सूचकाक्षर Mr.

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सूफ़ियन शरीफ़

कोई विवरण नहीं।

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सूखा

अकाल भोजन का एक व्यापक अभाव है जो किसी भी पशुवर्गीय प्रजाति पर लागू हो सकता है। इस घटना के साथ या इसके बाद आम तौर पर क्षेत्रीय कुपोषण, भुखमरी, महामारी और मृत्यु दर में वृद्धि हो जाती है। जब किसी क्षेत्र में लम्बे समय तक (कई महीने या कई वर्ष तक) वर्षा कम होती है या नहीं होती है तो इसे सूखा या अकाल कहा जाता है। सूखे के कारण प्रभावित क्षेत्र की कृषि एवं वहाँ के पर्यावरण पर अत्यन्त प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। इससे स्थानीय अर्थव्यवस्था डगमगा जाती है। इतिहास में कुछ अकाल बहुत ही कुख्यात रहे हैं जिसमें करोंड़ों लोगों की जाने गयीं हैं। अकाल राहत के आपातकालीन उपायों में मुख्य रूप से क्षतिपूरक सूक्ष्म पोषक तत्व जैसे कि विटामिन और खनिज पदार्थ देना शामिल है जिन्हें फोर्टीफाइड शैसे पाउडरों के माध्यम से या सीधे तौर पर पूरकों के जरिये दिया जाता है।, बीबीसी न्यूज़, टाइम सहायता समूहों ने दाता देशों से खाद्य पदार्थ खरीदने की बजाय स्थानीय किसानों को भुगतान के लिए नगद राशि देना या भूखों को नगद वाउचर देने पर आधारित अकाल राहत मॉडल का प्रयोग करना शुरू कर दिया है क्योंकि दाता देश स्थानीय खाद्य पदार्थ बाजारों को नुकसान पहुंचाते हैं।, क्रिश्चियन साइंस मॉनिटर लंबी अवधि के उपायों में शामिल हैं आधुनिक कृषि तकनीकों जैसे कि उर्वरक और सिंचाई में निवेश, जिसने विकसित दुनिया में भुखमरी को काफी हद तक मिटा दिया है।, न्यूयॉर्क टाइम्स, 9 जुलाई 2009 विश्व बैंक की बाध्यताएं किसानों के लिए सरकारी अनुदानों को सीमित करते हैं और उर्वरकों के अधिक से अधिक उपयोग के अनापेक्षित परिणामों: जल आपूर्तियों और आवास पर प्रतिकूल प्रभावों के कारण कुछ पर्यावरण समूहों द्वारा इसका विरोध किया जाता है।, न्यूयॉर्क टाइम्स, 2 दिसम्बर 2007, दी अटलांटिक .

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सेंट पॉल कैथेड्रल (अम्बाला)

सेंट पॉल कैथेड्रल भारत के राज्य हरियाणा के अम्बाला जिले की अम्बाला छावनी में स्थित एक गिरजाघर है, यह इस क्षेत्र के सबसे पुराने गिरजाघरों में से एक है। 1965 के भारत-पाक युद्ध के दौरान पाकिस्तानी विमानों द्वारा की गयी बमबारी में इस गिरजाघर की इमारत का अधिकांश नष्ट हो गया और आज सिर्फ गिरजाघर का बुर्ज (टॉवर) ही बचा है। आज इसके पादरी-निवास (पार्सनेज) के एक हिस्से की प्रतिष्ठा करके उसे गिरजाघर की तरह प्रयोग किया जा रहा है। बमबारी में क्षतिग्रस्त होने से पहले यह एक बेहद आलीशान इमारत थी और इसका परिसर 21 एकड़ में फैला था जिसका अधिकतर हिस्सा आज भारतीय वायु सेना ने एक विद्यालय तथा अन्य सुविधाओं के निर्माण के लिए अधिग्रहीत कर लिया है और आज यह वायु सेना स्कूल के परिसर में स्थित है। .

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सेंट लॉरेंस मैदान

सेंट लॉरेंस मैदान.

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सेंट जेम्स पैलेस

सेंट जेम्स का महल (St James's Palace) यूनाइटेड किंगडम की साम्राज्ञी का आधिकारिक निवास स्थान है। विभिन्न शाही निवास के महलों में यह बेहद प्रमुख और वरिष्ठ है। सिटी ऑफ़ वेस्टमिंस्टर में अवस्थित यह महल फिलहाल साम्राज्ञी का वास्तविक निवास स्थल तो नहीं है लेकिन ब्रिटिश शाही परिवार और उत्तराधिकार निर्धारण समिति के प्रमुख मिलन स्थलों में से एक है। एक अस्पताल की भूमि पर इंग्लैंड के हेनरी अष्टम द्वारा बनवाया गया यह महल संत जेम्स द लेस को समर्पित था। ट्यूडर और स्टुअर्ट शासन के दौरान व्हाइटहाल का महल के बाद यह दूसरा सबसे प्रमुख महल और शाही निवास था। इस महल का महत्व हैनोवर सम्राटों के शासनकाल के काल में बढा लेकिन एक बार फिर बकिंघम पैलेस के हाथों अठ्ठारहवीं और उन्नीसवीं शताब्दी में अपना प्रमुख स्थान गवाँ बैठा। दशकों तक मात्र आधिकारिक और औपचारिक अवसरों पर इस्तेमाल होने के बाद १८३७ ई. में महारानी विक्टोरिया ने इसे आधिकारिक रूप से इन्हीं कार्यों के लिये अधिकृत कर दिया। आज ये तमाम शाही कार्यालयों के लिये इस्तेमाल होता है। .

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सेंट जॉर्ज पार्क स्टेडियम

यह एक प्रमुख खेल का मैदान हैं। .

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सेंट कैथरीन कॉलेज, ऑक्सफोर्ड

सेंट कैथरीन कॉलेज (जिसे अक्सर कॉलेज के सदस्यों द्वारा कैटज़ कहा जाता है) इंग्लैंड के ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के घटक महाविद्यालयों में से एक है। इसका आदर्श वाक्य नोवा एट वेटा है, जिसका अनुवाद है: "दोनों नए और पुराने चीजें" |.

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सोडियम

सोडियम (Sodium; संकेत, Na) एक रासायनिक तत्त्व है। यह आवर्त सारणी के प्रथम मुख्य समूह का दूसरा तत्व है। इस समूह में में धातुगण विद्यमान हैं। इसके एक स्थिर समस्थानिक (द्रव्यमान संख्या २३) और चार रेडियोसक्रिय समस्थानिक (द्रव्यमन संख्या २१, २२, २४, २४) ज्ञात हैं। .

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सोफ़िया, हॅनोवर की निर्वाचिका

फ़ाल्ज़ की राजकुमारी, सोफ़िया(जर्मन:Sophie, Prinzessin von der Pfalz) जिन्हें अधिक प्रचलित रूप से सोफ़िया ऑफ़ हॅनोवर अर्थात् "हनोवर की सोफ़िया" के नाम से जाना जाता है, का जन्म १७ अक्टूबर १६३० को हेग, नीदरलैण्ड में हुआ था। वे फ़्रेडरिक पंचम, निर्वाचक फ़ाल्ज़ तथा स्कॉटलैंड और इंग्लैंड के राजा, जेम्स (षष्टम् और प्रथम) की पुत्री, एलिज़ाबेथ स्टुअर्ट, की सबसे छोटी पुत्री थी। उनकी पर्वरिश डच गणराज्य में हुई थी। १६५८ में उनका विवाह बर्नस्विक-लूनबर्ग के ड्यूक, अर्नेस्ट ऑगस्टस के साथ हुआ, जिन्हें बाद में पवित्र रोमन साम्राज्य में निर्वाचक का दर्ज प्राप्त हुआ, जिसके कारण सोफ़िया को हनोवर की निर्वाचिका की उपादि प्राप्त हुई। एक ऐसा ख़िताब, जिसके नाम से उन्हें बेहतर जाना जाता है। इंग्लैण्ड में गौरवशाली क्रांति के पश्चात पारित हुए ऍक्ट ऑफ़ सेटलमेंट, १७०१ के अंतर्गत उन्हें, जेम्स प्रथम की पोती होने के नाते, अंग्रेज़ी सिंघासन का एकमात्र वैध वारिस तथा उन्हें और उनके आगामी प्रोटोस्टेंट वंश को इंग्लैंड की राजगद्दी का उत्तराधिकारी घोषित कर दिया गया था। हालाँकि उनके सिंघासन विराजने से दो महीने पूर्व ही मृत्यु हो गयी; अतः सिंघासन पर उनका अधिकार, विधि द्वारा उनके ज्येष्ठ पुत्र, जॉर्ज लुइस, हनोवर के निर्वाचक के पास चला गया, जिन्होंने १ अगस्त १७१४ को इंग्लैंड के राजा जॉर्ज प्रथम के रूप में सिंघासन पर विराजमान होकर, इंग्लैंड और स्कॉटलैंड में हनोवर वंश के राज को शुरू किया। ऐसा, तत्कालीन राजा विलियम तृतीय और रानी मैरी द्वितीय, और मैरी की बहन रानी ऐनी के कोई जीवित संतान उत्पन्न नहीं कर पाने, तथा स्टुअर्ट घराने के अन्य सभी सदस्यों के कैथोलिक धर्म होने के कारण किया गया था। .

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सोफ़ी, वेसेक्स की काउंटेस

सोफ़ी, वेसेक्स की काउंटेस,(सोफ़ी हेलेन) महारानी एलिज़ाबेथ द्वितीय और राजकुमार फ़िलिप के सबसे छोटे पुत्र, राजकुमार एडवर्ड, वेसेक्स के अर्ल की धर्मपत्नी है। उनका जन्म २० जनवरी १९६५ को हुआ था, और राजकुमार से विवाह से पहले वे पब्लिक रिलेशन्स में काम करती थी। उमके दो संतान हैं, जेम्स और लुईस, जो क्रमशः, ब्रिटिश सिंघासन के अनुक्रम में दसवें और ग्यारहवें स्थान पर हैं। .

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सोफी चौधरी

सोफी चौधरी (जन्म सोफिया चौधरी, 8 फ़रवरी 1981) एक ब्रितानी फ़िल्म अभिनेत्री और गायिका हैं। वो प्राथमिक रूप से भारतीय फ़िल्मों में और पूर्व एमटीवी इण्डिया वीजे और सामयिक मॉडल और टेलीविजन प्रस्तोता हैं। .

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सोफी टर्नर

सोफी टर्नर एक अंग्रेजी अभिनेत्री है। उसे उसके गेम ऑफ थरोंज़ में निभाए किरदार सांसा स्टार्क के लिए जाना जाता है। .

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सोहैल तनवीर

सोहैल तनवीर (Sohail Tanvir /سہیل تنویر') (जन्म १२ दिसम्बर १९८४,रावलपिंडी,पंजाब,पाकिस्तान) एक पाकिस्तानी क्रिकेट खिलाड़ी है जो वनडे,टेस्ट क्रिकेट और ट्वेन्टी ट्वेन्टी प्रारूप में खेलते है। तनवीर बाएं हाथ के तेज गेंदबाज है जबकि बल्लेबाजी में भी अच्छा काम करते है इसलिए ये हरफनमौला की श्रेणी में आते है। .

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सोहो (लंदन)

सोहो (अंग्रेज़ी: Soho) मध्य लन्दन, इंग्लैण्ड में सिटी ऑफ़ वेस्टमिंस्टर बरो में स्थित एक क्षेत्र है।.

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सीता कोलमैन-कामुला

सेता कोलमैन-कामुला (जन्म १९५०) एक भारतीय केमिस्ट, पर्यावरणविद् और उद्यमी है। प्लास्टिक के विकास के पेट्रोकेमिकल उद्योग में २५ से अधिक वर्षों तक काम करने के बाद, उन्होंने २००५ में पर्यावरण सलाहकार फर्म शुरू किया। .

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सीमा तोमर

सीमा तोमर एक भारतीय ट्रैप निशानेबाज और अंतर्राष्ट्रीय खेल संघ द्वारा आयोजित विश्व कप में कोई मेडल जीतने वाली एकमात्र भारतीय महिला हैं। इस प्रतियोगिता में उन्होंने रजत पदक (सिल्वर मेडल) हासिल किया था। वह पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बागपत जिले के जोहरी गांव से संबंध रखती हैं। उनके परिवार में हर तीसरी महिला निशानेबाज है और उनकी मां प्रकाशी तोमर देश की सबसे बुजुर्ग महिला निशानेबाज हैं। तोमर निशानेबाजी के क्षेत्र में राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर एक जाना पहचाना नाम हैं। वर्तमान में वह भारतीय सेना में कार्यरत हैं। .

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सीमा मल्होत्रा

सीमा मल्होत्रा (अँग्रेजी: Seema Malhotra, जन्म: 7 अगस्त 1972), ब्रिटेन के फेल्थम एंड हेस्टन सीट से सांसद हैं और भारतीय मूल की ब्रिटेन में पहली शैडो मंत्री हैं। वे किसी भी पार्टी से शैडो मंत्री बनने वाली ब्रिटेन की पहली सांसद हैं। वे लेबर पार्टी से जुड़ी हैं। लेबर पार्टी ने घरेलू हिंसा और उससे संबंधित मुद्दों से निपटने के लिए और महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ हिंसा को रोकने के लिए उन्हें इस पद पर नियुक्त किया है। शैडो मंत्री संसद में मुख्य विपक्षी पार्टी का एक सदस्य होता है, जिसे अगर उसकी पार्टी सत्ता में आती है तो मंत्री पद दिया जाता है। 13 सितंबर, 2015 को उन्हें लेबर पार्टी के नेता जेरेमी कोर्बिन द्वारा ‘ट्रेजरी की शैडो चीफ सेक्रेटरी’ नियुक्त किया गया है। .

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सीआईडी (धारावाहिक)

सीआईडी सोनी चैनल पर प्रसारित होने वाला हिन्दी भाषा का एक धारावाहिक है, जिसे भारत का सबसे लंबा चलने वाला धारावाहिक होने का श्रेय प्राप्त है। अपराध व जासूसी शैली पर आधारित इस धारावाहिक में शिवाजी साटम, दयानन्द शेट्टी और आदित्य श्रीवास्तव मुख्य किरदार निभा रहे हैं। इसके सर्जक, निर्देशक और लेखक बृजेन्द्र पाल सिंह हैं। इसका निर्माण फायरवर्क्स नामक कंपनी ने किया है जिसके संस्थापक बृजेन्द्र पाल सिंह और प्रदीप उपूर हैं। २१ जनवरी १९९८ से शुरु होकर यह धारावाहिक अब तक लगातार चल रहा है। इसका प्रसारण प्रत्येक शनिवार और रविवार को रात १० बजे होता है। इसका पुनः प्रसारण सोनी पल चैनल पर रात ९ बजे होता है जिसमें इसके पुराने प्रकरण दिखाये जाते हैं। इस धारावाहिक ने २१ जनवरी २०१८ को अपने प्रसारण के २० वर्ष पूर्ण किये और २१वें वर्ष में प्रवेश किया। इससे पहले, २७ सितम्बर २०१३ को इस धारावाहिक ने अपनी १०००वीं कड़ी पूरी की। इस धारावाहिक को कई अन्य भाषाओं में भी भाषांतरित किया गया है। .

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सी॰ डी॰ देशमुख

सी॰ डी॰ देशमुख (पूरा नाम: चिन्तामणि द्वारकानाथ देशमुख, जन्म: 14 जनवरी 1896, मृत्यु: 2 अक्टूबर 1982) भारतीय रिजर्व बैंक के पहले भारतीय गवर्नर थे, जिन्हें 1943 में ब्रिटिश राज द्वारा नियुक्त किया गया। ब्रिटिश राज ने उन्हें सर की उपाधि दी थी। इसके पश्चात् उन्होंने केंद्रीय मंत्रिमंडल में भारत के तीसरे वित्त मंत्री के रूप में भी सेवा की। .

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सी॰ के॰ नायडू

कोट्टेरी कनकैया नायडू ((३१ अक्टूबर १८९५- १४ नवम्बर १९६७) भारतीय क्रिकेट टीम के पहले टेस्ट क्रिकेट मैचों के कप्तान थे। इन्होंने लंबे समय तक प्रथम श्रेणी क्रिकेट खेला था। इन्होंने लगभग १९५८ तक प्रथम श्रेणी क्रिकेट खेला और अंतिम बार ६८ साल की उम्र में १९६३ में क्रिकेट खेला था। सन १९२३ में इंदौर के होल्कर के शासक ने होल्कर के कैप्टन बनने के लिए भी आमंत्रित किया था। आर्थर गल्लीगां के नेतृत्व में मेरीलेबोन क्रिकेट क्लब (एमसीसी) ने भारत का दौरा किया था और मैच मुम्बई के बॉम्बे जिमखाना पर खेला गया था। जिसमें हिंदुओ की ओर से सी के नायडू ने ११६ मिनट में १५३ रनों की पारी भी खेली थी। उस मैच में इन्होंने ११ छक्के भी लगाए थे जिसमें एक छक्का बॉम्बे जिमखाना की छत पर जाकर गिरा था। इसके बाद एमसीसी ने इन्हें चांदी का एक बैट पुरस्कार में दिया था। नायडू को भारत सरकार ने १९५६ में भारत के द्वितीय सर्वोच्च पुरस्कार पद्म भूषण से सम्मानित किया था। .

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हनटिंग्टन रोग

हनटिंग्टन रोग, कोरिया, या विकार (HD), एक ऐसा तंत्रिका-अपजननात्मक आनुवंशिक विकार है जो मांसपेशियों के समन्वय को प्रभावित करता है और संज्ञानात्मक रोगह्रास और मनोभ्रंश की ओर ले जाता है। यह आम तौर पर अधेड़ अवस्था में दिखाई देने लगता है। HD कोरिया नामक असाधारण अनायास होने वाली छटपटाहट का अत्यधिक सामान्य आनुवंशिक कारण है और यह एशिया या अफ़्रीका की तुलना में पश्चिमी यूरोपीय मूल के लोगों में बहुत ज़्यादा आम है। यह रोग व्यक्ति के हनटिंग्टन नामक जीन की दो प्रतियों में से किसी एक पर अलिंगसूत्र संबंधी प्रबल उत्परिवर्तन द्वारा होता है, यानी इस रोग से पीड़ित माता-पिता के किसी भी बच्चे को वंशानुगत रूप से इस रोग को पाने का 50% ख़तरा रहता है। दुर्लभ स्थितियों में, जहां दोनों माता-पिता में एक प्रभावित जीन है, या माता-पिता में किसी एक की दो प्रतियां प्रभावित हैं, तो यह जोखिम काफी बढ़ जाता है। हनटिंग्टन रोग के शारीरिक लक्षण नवजात अवस्था से लेकर बुढ़ापे तक किसी भी उम्र में प्रकट हो सकते हैं, लेकिन आम तौर पर यह 35 और 44 साल की उम्र के बीच प्रकट होता है। लगभग 6% मामले अगतिक-अनम्य संलक्षण सहित 21 साल की उम्र से पहले शुरू हो जाते हैं; वे तेजी से बढ़ते हैं और इनमें थोड़ी भिन्नता होती है। इसके रूपांतरण को किशोर (जूवनाइल), अगतिक-अनम्य (अकाइनेटिक-रिजिड) या HD के वेस्टफ़ाल रूपांतरण के रूप में वर्गीकृत किया गया है। हनटिंग्टन जीन सामान्य रूप से एक प्रोटीन के लिए आनुवांशिक जानकारी प्रदान करता है, जो "हनटिंग्टन" कहलाता है। हनटिंग्टन जीन कोड का उत्परिवर्तन एक अलग प्रकार के प्रोटीन रूप का संकेत देता है, जिसकी उपस्थिति से मस्तिष्क के विशिष्ट हिस्से क्रमिक रूप से क्षतिग्रस्त होने लगते है। यह किस तरीके से होता है इसे अब तक पूरी तरह नहीं समझा जा सका है। आनुवंशिक परीक्षण विकास के किसी भी चरण में कराई जा सकती है, लक्षण की शुरुआत से पहले भी.

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हरबर्ट स्पेंसर

अन्य व्यक्तियों के लिये हरबर्ट स्पेंसर (बहुविकल्पी) देखें। ---- हरबर्ट स्पेंसर (27 अप्रैल 1820-8 दिसम्बर 1903) विक्टोरियाई काल के एक अंग्रेज़ दार्शनिक, जीव-विज्ञानी, समाजशास्री और प्रसिद्ध पारंपरिक उदारवादी राजनैतिक सिद्धांतकार थे। स्पेंसर ने भौतिक विश्व, जैविक सजीवों, मानव मन, तथा मानवीय संस्कृ्ति व समाजों की क्रमिक विकास के रूप में उत्पत्ति की एक सर्व-समावेशक अवधारणा विकसित की.

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हरमनप्रीत कौर

हरमनप्रीत कौर (जन्म: ८ मार्च १९८९) एक हरफनमौला भारतीय महिला क्रिकेट खिलाड़ी हैं। २०१७ में इन्हें प्रतिष्ठित अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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हरसिल

हरसिल, भारत के उत्तराखण्ड राज्य के गढ़वाल के उत्तरकाशी जिले में उत्तरकाशी-गंगोत्री मार्ग के मध्य स्थित एक ग्राम और कैण्ट क्षेत्र है। यह स्थान गंगोत्री को जाने वाले मार्ग पर भागीरथी नदी के किनारे स्थित है। हरसिल समुद्र तल से ७,८६० फुट की ऊंचाई पर स्थित है। यहां से ३० किलोमीटर की दूरी पर स्थित है गंगोत्री राष्ट्रीय उद्यान जो १,५५३ वर्ग किमी के क्षेत्र में फैला है। .

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हरिसिंह गौर

सागर विश्वविद्यालय के संस्थापक '''डॉ हरिसिंह गौर''' डॉ॰ हरिसिंह गौर, (२६ नवम्बर १८७० - २५ दिसम्बर १९४९) सागर विश्वविद्यालय के संस्थापक, शिक्षाशास्त्री, ख्यति प्राप्त विधिवेत्ता, न्यायविद्, समाज सुधारक, साहित्यकार (कवि, उपन्यासकार) तथा महान दानी एवं देशभक्त थे। वह बीसवीं शताब्दी के सर्वश्रेष्ठ शिक्षा मनीषियों में से थे। वे दिल्ली विश्वविद्यालय तथा नागपुर विश्वविद्यालय के उपकुलपति रहे। वे भारतीय संविधान सभा के उपसभापति, साइमन कमीशन के सदस्य तथा रायल सोसायटी फार लिटरेचर के फेल्लो भी रहे थे।उन्होने कानून शिक्षा, साहित्य, समाज सुधार, संस्कृति, राष्ट्रीय आंदोलन, संविधान निर्माण आदि में भी योगदान दिया। उन्होने अपनी गाढ़ी कमाई से 20 लाख रुपये की धनराशि से 18 जुलाई 1946 को अपनी जन्मभूमि सागर में सागर विश्वविद्यालय की स्थापना की तथा वसीयत द्वारा अपनी पैतृक सपत्ति से 2 करोड़ रुपये दान भी दिया था। इस विश्वविद्यालय के संस्थापक, उपकुलपति तो थे ही वे अपने जीवन के आखिरी समय (२५ दिसम्बर १९४९) तक इसके विकास व सहेजने के प्रति संकल्पित रहे। उनका स्वप्न था कि सागर विश्वविद्यालय, कैम्ब्रिज तथा ऑक्सफोर्ड जैसी मान्यता हासिल करे। उन्होंने ढाई वर्ष तक इसका लालन-पालन भी किया। डॉ॰ सर हरीसिंह गौर एक ऐसा विश्वस्तरीय अनूठा विश्वविद्यालय है, जिसकी स्थापना एक शिक्षाविद् के द्वारा दान द्वारा की गई थी। .

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हरगोविन्द खुराना

हरगोविंद खुराना (जन्म: ९ जनवरी १९२२ मृत्यु ९ नवंबर २०११) एक नोबेल पुरस्कार से सम्मानित भारतीय वैज्ञानिक थे। हरगोविंद खुराना एक भारतीय अमेरिकी जैव रसायनज्ञ थे। विस्कॉन्सिन विश्वविद्यालय,अमरीका में अनुसन्धान करते हुए, उन्हें १९६८ में मार्शल डब्ल्यू निरेनबर्ग और रॉबर्ट डब्ल्यू होली के साथ फिजियोलॉजी या मेडिसिन के लिए नोबेल पुरस्कार सयुक्त रूप से मिला,उनके द्वारा न्यूक्लिक एसिड में न्यूक्लियोटाइड का क्रम खोजा गया, जिसमें कोशिका के अनुवांशिक कोड होते हैं और प्रोटीन के सेल के संश्लेषण को नियंत्रित करता है । हरगोविंद खुराना और निरेनबर्ग को उसी वर्ष कोलंबिया विश्वविद्यालय से लुइसा ग्रॉस हॉर्वित्ज़ पुरस्कार भी दिया गया था। ब्रिटिश भारत में पैदा हुए, हरगोविंद खुराना ने उत्तरी अमेरिका में तीन विश्वविद्यालयों के संकाय में कार्य किया। वह १९६६ में संयुक्त राज्य अमेरिका के नागरिक बन गए और १९८७ में विज्ञान का राष्ट्रीय पदक प्राप्त किया। .

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हर्बर्ट बेकर

सर हर्बर्ट बेकर (9 जून 1862–4 फ़रवरी 1946) एक ब्रिटिश शिल्पकार थे जिनका दो दशक तक दक्षिण अफ़्रीकी वास्तुकला में बहुत महत्वपूर्ण योगदान था। उनका जन्म और निधन कोबम, केंट में आउलेट्स में हुआ था, और उनकी समाधि वेस्टमिन्स्टर ऐबी में है। दक्षिण अफ़्रीका में उनके द्वारा बनाए गए गिरिजाघरों, विद्यालयों और घरों में से प्रमुख हैं प्रिटोरिया की यूनिअन इमारतें, जोहान्सबर्ग का सेंट जॉन्ज़ कॉलेज, केप टाउन की ख्रौत स्कुअर रियासत में स्थित विनबर्ग बॉयज़ हाई सकूल, और बॉश्खेनदाल में शैम्पेन होम्सटेड और रोड्ज़ कॉटेज।Boschendal 2007.

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हर्शल गिब्स

हर्शल हरमन गिब्स (जन्म 23 फ़रवरी 1974, दक्षिण अफ्रीका के केप टाउन में), दक्षिण अफ्रीकी क्रिकेटर हैं जो विशेष रूप से एक बल्लेबाज हैं। गिब्स ने स्कूली शिक्षा सेंट जोसेफ मरिस्ट कॉलेज से और फिर रोंड़ेबोश में दिओससन कॉलेज (Diocesan college) से प्राप्त की.

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हरेश बुधरानी

हरेश किशिनचंद बुधरानी (Haresh Kishinchand Budhrani), क्वींस काउंसेल, भारतीय मूल के जिब्राल्टेरियन बैरिस्टर हैं। इन्होंने अपनी शिक्षा इंग्लैंड के शैक्षणिक संस्थानो से प्राप्त करी थी तथा अगस्त 1975 में बैरिस्टर बन गए। यह 2004 तक हिन्दू मर्चेंट्स एसोसिएशन ऑफ़ जिब्राल्टर के अध्यक्ष रहे थे। यह जिब्राल्टर संसद में सितम्बर 2004 से अक्टूबर 2012 तक स्पीकर थे। इस पद पर रहते हुए इनके ऊपर व्यापार कर सम्बन्धी हेराफेरी का आरोप लगा था। .

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हरीलाल गान्धी

हरीलाल गान्धी का जन्म 1888 को महात्मा गान्धी के पहले पुत्र के रूप मे हुआ, हरिलाल उच्च शिक्षा के लिए इंग्लैंड जाना चाहते थे और वकालत करना चाहते थे, परन्तु बापू का मानना था की, पश्चिमी शिक्षा के द्वारा भारत में ब्रिटिश प्रशासन का विरोध करना सही नहीं होगा, विरोध स्वरुप हरिलाल ने 1911 में अपने पारिवारिक रिश्ते तोड़ दिए.

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हार्ड रॉक कैफे

हार्ड रॉक कैफे थीम रेस्तरां की एक श्रृंखला है जिसकी स्थापना 1971 में अमेरिका के पीटर मॉर्टन और आइज़ैक टाइग्रेट द्वारा की गई थी। 1979 में, कैफे ने अपनी दीवारों को रॉक एंड रोल के यादगार से भरना शुरू किया, एक परंपरा जिसका विस्तार इस श्रृंखला में दूसरों के लिए भी किया गया.

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हार्ले-डेविडसन

हार्ले-डेविडसन (पूर्व में HDI), जिसे संक्षिप्त में अक्सर H-D या हार्ले कहते हैं, एक अमेरिकी मोटरसाइकिल निर्माता है। 20 वीं सदी के पहले दशक के दौरान मिलवॉकी, विस्कॉन्सिन में स्थापित यह उन दो बड़े अमेरिकी मोटर साइकिल निर्माताओं में एक है जो भयावह मंदी के दौर में भी बचा रहा। http://www.popularmechanics.com/automotive/new_cars/1268626.html?page.

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हाईग्रोव हाउस

हाईग्रोव हाउस(Highgrove House), राजकुमार चार्ल्स, वेल्स के राजकुमार और कैमिला, कॉर्नवाल की डचेस का पारिवारिक आवास है। यह इंग्लैंड के ग्लॉस्टर्शायर में स्थित है। इसे १८वीं सदी में बनवाया गया था, और १९८० में कॉर्नवाल की डची द्वारा खरीदे जाने से पहले भी इसके मालिक अनेक बार बदल चुके थे। इस घर में प्रवेश करने के बाद, चार्ल्स ने इस जॉर्जियन शैली का भवन को नवशास्त्रीय शैली में परिवर्तित करवाया। इस भवन औ एस्टेट की देखरेख और प्रबंधन, डची द्वारा किया जाता है। इस खूबसूरत बगीचों से भरे शाही आवास को देखने प्रतिवर्ष औसतन ३०,००० आगंतुक आते हैं। इस घर और इसके बागीचों को चार्ल्स के प्राकृतिक सिद्धान्तों पर चलाया जाता है, और इसपर अनेक टेलिविझ़न कार्यक्रम और किताब भी लिखे जा चुके हैं। चार्ल्स अक्सर यहाँ पर अपने चैरिटी के कार्यक्रम आयोजित करते हैं। .

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हिन्द स्वराज

हिन्द स्वराज, गांधीजी द्वारा रचित एक पुस्तक का नाम है। मूल रचना सन १९०९ में गुजराती में थी। यह लगभग तीस हजार शब्दों की लघु पुस्तिका है जिसे गाँधीजी ने अपनी इंग्लैण्ड से दक्षिण अफ्रीका की यात्रा के समय पानी के जहाज में लिखी। यह इण्डियन ओपिनिअन में सबसे पहले प्रकाशित हुई जिसे भारत में अंग्रेजों ने यह कहते हुए प्रतिबन्धित कर दिया कि इसमें राजद्रोह-घोषित सामग्री है। इस पर गांधीजी ने इसका अंग्रेजी अनुवाद भी निकाला ताकि बताया जा सके कि इसकी सामग्री राजद्रोहात्मक नहीं है। अन्ततः २१ दिसम्बर सन १९३८ को इससे प्रतिबन्ध हटा लिया गया। हिन्द स्वराज का हिंदी और संस्कृत सहित कई भाषाओं में अनुवाद उपलब्ध है। संस्कृत अनुवाद डॉ प्रवीण पंड्या ने किया। हिंद स्वराज में गहरा सभ्यता विमर्श है। .

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हिन्द-यूरोपीय भाषा-परिवार

हिन्द - यूरोपीय भाषाओं देश बोल रही हूँ. गाढ़े हरे रंग के देश में जो बहुमत भाषा हिन्द - यूरोपीय परिवार हैं, लाइट ग्रीन एक देश वह जिसका आधिकारिक भाषा हिंद- यूरोपीय है, लेकिन अल्पसंख्यकों में है। हिन्द-यूरोपीय (या भारोपीय) भाषा-परिवार संसार का सबसे बड़ा भाषा परिवार (यानी कि सम्बंधित भाषाओं का समूह) हैं। हिन्द-यूरोपीय (या भारोपीय) भाषा परिवार में विश्व की सैंकड़ों भाषाएँ और बोलियाँ सम्मिलित हैं। आधुनिक हिन्द यूरोपीय भाषाओं में से कुछ हैं: हिन्दी, उर्दू, अंग्रेज़ी, फ़्रांसिसी, जर्मन, पुर्तगाली, स्पैनिश, डच, फ़ारसी, बांग्ला, पंजाबी, रूसी, इत्यादि। ये सभी भाषाएँ एक ही आदिम भाषा से निकली है, उसे आदिम-हिन्द-यूरोपीय भाषा का नाम दे सकता है। यह संस्कृत से बहुत मिलती-जुलती थी, जैसे कि वह सांस्कृत का ही आदिम रूप हो। .

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हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन स्टेडियम

हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन स्टेडियम (Himachal Pradesh Cricket Association Stadium) जिसे एचपीसीए क्रिकेट स्टेडियम के संक्षिप्त नाम से जाना जाता है यह एक क्रिकेट स्टेडियम है जो भारतीय राज्य हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला क्षेत्र में स्थित है। धर्मशाला तिब्बत के दलाई लामा के कारण जाना जाता है। यहाँ पर पहला वनडे मैच २७ जनवरी २०१३ को भारत और इंग्लैंड के बीच खेला गया था जबकि पहला ट्वेन्टी-ट्वेन्टी मुकाबला २ अक्तूबर २०१५ को भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच खेला गया था। .

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हिंदुस्तान युनिलिवर लिमिटेड

हिंदुस्तान युनिलिवर लिमिटेड एक इंग्लैंड की कंपनी यूनीलीवर का एक भाग है, जो भारत में व्यापार करने के लिए यूनीलीवर ने भारत में पंजीकृत कराया। इसका मुख्यालय लंदन, इंग्लैंड में हैं। इसका भारत में मुख्य कार्यालय मुम्बई में है। इसका 67% लाभांश इंग्लैंड में जाता है। .

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हिंग्लिश

हिंग्लिश, शब्दों "हिन्दी तथा "इंग्लिश" का मिश्रण है जिसका अर्थ है दोनों भाषाओं का एक वाक्य में इकट्ठे प्रयोग करना। इसका प्रयोग अधिकतर भारत के हिन्दी-भाषी राज्यों के शहरी तथा अर्ध-शहरी क्षेत्रों में देखी जाता है जो कि टेलीविजन, मोबाइल फोन तथा मौखिक सम्पर्क के जरिये धीरे-धीरे ग्रामीण तथा दूर-दराज के क्षेत्रों में भी फैल रही है तथा धीरे-धीरे वर्नाकुलर स्थिति को प्राप्त हो रही है। कई बोलने वाले जानते ही नहीं कि वे हिन्दी वाक्यों में अंग्रेजी शब्द या अंग्रेजी वाक्यों में हिन्दी शब्द घुसा रहे हैं। डेविड क्रिस्टल जो कि यूनिवर्सिटी ऑफ वेल्स में एक ब्रिटिश भाषा-विज्ञानी हैं, ने २००४ में परिकलन किया कि ३५० मिलियन पर, विश्व के हिंग्लिश बोलने वाले जल्दी ही मूल अंग्रेजी बोलने वालों से अधिक हो जायेंगे। स्तम्भकार देवयानी चौबल पहली लेखिका थीं जिन्होंने अपने लेखन में हिंग्लिश का प्रयोग किया। फिर लेखिका शोभा डे ने अपनी किताबों तथा भारतीय पत्रिका स्टारडस्ट के कॉलमों में हिंग्लिश तत्वों का प्रयोग करना शुरु किया। सलमान रुश्दी तथा उपमन्यु चटर्जी अन्य लेखक हैं जिन्होंने अपने उपन्यासों में हिंग्लिश का बहुतायत से प्रयोग किया है। २००५ में, बलजिन्दर कौर महल (पेन नाम बी॰ के॰ महल) ने कॉलिन्स द्वारा प्रकाशित द क्वीन्स हिंग्लिश: हाउ टू स्पीक पुक्का नामक किताब लिखी। हिंग्लिश इंग्लैण्ड में बोली जाने वाली अंग्रेजी को भी प्रभावित कर रही है। भारतीय अप्रवासियों तथा उनके ऑफ्सप्रिंग्स के द्वारा प्रयोग किये जाने वाले शब्द तथा ऍक्सप्रैशन इंग्लैण्ड की बोलचाल की अंग्रेजी में अपनाये गये हैं। .

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हंफ्री डेवी

हंफ्री डेवी (१७ दिसम्बर १७७८ - २९ मई १८२९) एक ब्रिटिश रासायनज्ञ थे। ने कोयला की खोनों में जलाने के सुरक्षा दीप का आविष्कार किया। इसके अलावा इन्होंने इलेक्ट्रोलिसिस, सोडियम, पोटैशियम, कैल्शियम, मैग्नीशियम, बेरियम, बोरोन के भी आविष्कार या खोजें कीं। श्रेणी:रसायन शास्त्र.

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ह्यू जैकमैन

ह्यू माइकल जैकमैन (जन्म 12 अक्टूबर 1968) एक ऑस्ट्रेलियाई अभिनेता और निर्माता हैं, जो फिल्म, संगीत, थिएटर और टीवी से जुड़े हुए हैं.

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हैमलेट

हैमलेट (Hamlet) शेक्सपियर का एक दु:खांत नाटक है, जिसका अभिनय सर्वप्रथम सन् १६०३ ई. तथा प्रकाशन सन् १६०४ ई. के लगभग हुआ था। .

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हैम्पशायर काउंटी क्रिकेट क्लब

हैम्पशायर काउंटी क्रिकेट क्लब अठारह में से एक है प्रथम श्रेणी काउंटी क्लबों के भीतर घरेलू क्रिकेट की संरचना इंग्लैंड और वेल्स। यह प्रतिनिधित्व करता है के हैम्पशायर। हैम्पशायर टीमों पहले संगठनों द्वारा गठित मुख्यतः Hambledon क्लब, हमेशा प्रमुख स्थिति थी और इसलिए काउंटी क्लब स्थापना के समय से तदनुसार दर्जा दिया गया था, यानी एक 'अनौपचारिक' ' प्रथम वर्ग क्योंकि कई सत्रों के लिए खराब प्रदर्शन के पर्याप्त सूत्रों 1863 से 1885 तक टीम द्वारा, हैम्पशायर तो नौ सीजन के लिए अपनी स्थिति को खो दिया है, जब तक यह 1895 में काउंटी चैम्पियनशिप में आमंत्रित किया गया था।.

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हैरल्ड द्वितीय

हैरल्ड द्वितीय या हैरल्ड गॉडविनसन, इंग्लैंड राज्य के अंतिम आंग्ल-सैक्सन राजा थे। उन्होंने ६ जनवरी १०६६ से १४ ओक्टूबर १०६६ में हैस्टिंग्स् की लड़ाई में अपनी मृत्यु तक अंग्रेज़ी राजशाही पर हुकूमत की थी। १४ अक्टूबर १०६६ को इंग्लैंड पर नॉर्मन आक्रमण के दौरान हैस्टिंग्स् में नॉर्मन आक्रमणकारियों के खिलाफ़ लड़ते हुए, युद्धभूमि में उनकी मृत्यु होगयी थी। उनकी मृत्यु ने इंग्लैंड पर आंग्ल-सैक्सन राज का अंत कर दिया, और विलियम द कॉंकरर के नेतृत्व में इंग्लैंड पर नॉर्मन राज शुरू हुआ। हैरल्ड, एक शक्तिशाली अर्ल और एक रसूख़दार आंग्ल-सैक्सन परिवार के सदस्य थे, जिसके संबंध, राजा क्नुट् के साथ थे। एडवर्स द कंफ़ेसर की मृत्यु के बाद, उन्हें अगला राजा चुना गया था। ऐसा माना जाता है की उनका राज्याभिषेक वेस्टमिंस्टर ऐबी में किया गया था, हालाँकि इसके कोई प्रमाण मौजूद नहीं हैं। सितम्बर महीने के अंतिम दिनों में उन्होंने सिंघासन के एक प्रतिद्वंदी दावेदार को सफलतापूर्वक रूप से पराजित कर दिया, परंतु इस विजय के दो सप्ताह बाद, दक्षिण की और से कूच कर रही विलयम विजयी की सेना के हाथों हैस्टिंग्स में उन्हें स्वयं पराजय और मृत्यु का सामना करना पड़ा। .

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हैरोल्ड लॉस्की

हैरोल्ड जोसेफ लॉस्की (सन १९३६ में) हैरोल्ड जोसेफ लॉस्की (Laski, Harold Joseph) (30 जून 1893 – 24 मार्च 1950) ब्रिटेन के राजनीतिक सिद्धान्तकार, अर्थशास्त्री, लेखक एवं प्रवक्ता थे। वे राजनीति में सक्रिय रहे तथा १९४५-४६ में ब्रिटेन के मजदूर दल (लेबर पार्टी) के अध्यक्ष रहे। वे १९२६ से १९५० तक लन्दन अर्थशास्त्र स्कूल में प्राध्यापक रहे। .

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हैल बेरी

हैल बेरी (जन्म - 14 अगस्त 1966) एक अमेरिकी अभिनेत्री, पूर्व फ़ैशन मॉडल और ब्यूटी क्वीन हैं.

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हैलोवीन

हैलोवीन या Hollowe'en एक अवकाश है, जो 31 अक्टूबर की रात को मनाया जाता है। (October 31).

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हैंड्स फ्री

सैब ९-५ कार में लगी हैंड्स फ्री मोबाइल किट हैंड्स फ्री युक्तियाँ, ऐसे उपकरण होते हैं, जो उपभोक्ता को बिना मोबाइल फोन को हाथ में लिए बात कर पाने में सक्षम कर पाती हैं। ये युक्तियाँ, हैंडबैंड की तरह होती है, जिसमें मुंह के पास एक माइक्रोफोन लगा होता है, जिससे उपभोक्ता अपनी बात कह सकते है और कान के पास लगे दूसरे हैडबैंड से बात सुन सकते है। ये युक्तियाँ आकार, क्षमता, परास (रेंज), कनेक्शन, फोन और फीचर के अनुसार कई प्रकार की होती हैं। फोन के अनुरूप ढला होना इनका प्रमुखतम कारक होता है।|हिन्दुस्तान लाइव। १० मार्च २०१० यही इसका मोबाइल फोन के संग प्रयोग होना या न होना निश्चित करता है। साधारण हैंड्सफ्री युक्तियों में हैंडसेट होता है, लेकिन बाजार में मिलने वाली हैंड्सफ्री युक्तियों में स्पीकर फोन लगे होते हैं। हैंड्स फ्री युक्ति की सहायता से फोन से बात करते समय अन्य काम भी कर सकते हैं। बात करते समय कंप्यूटर पर लिख सकते हैं या कागज पर अंकित भी सकते हैं। खासकर गाड़ी ड्राइविंग करते समय भी हैंड्सफ्री युक्ति की सहायता से बात कर सकते हैं। ये युक्तियाँ इन्फ्रा-रेड या ब्लूटूथ द्वारा मोबाइल फोन से जुड़ी रहती हैं। .

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हेडिंग्ले क्रिकेट ग्राउंड

हेडिंग्ले क्रिकेट ग्राउंड इंग्लैंड का अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट मैच है। यह बहुत पुराना क्रिकेट मैदान है जहाँ साल १८९९ में पहला टेस्ट क्रिकेट मैच खेला गया था। जबकि १९७३ में इंग्लैंड क्रिकेट टीम और वेस्टइंडीज क्रिकेट टीम के मध्य खेला गया था। इस ऐतिहासिक मैदान में दर्शकों की क्षमता १७,५०० है। .

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हेद्रिअन

हेद्रिअन की प्रतिमा हेद्रिअन (७६ - १३८) ११७ ई से १३८ ई तक रोमन सम्राट था। हेद्रिअन का जन्म २४ जनवरी, सन् ७६ को हुआ। वह मूलत: स्पेनी था और त्राजन से उसका दूर का संबंध था। सन् ८५ में पिता की मृत्य के पश्चात् वह रोम के भावी सम्राट् त्राजन के संरक्षण में रहने लगा। बाद के पाँच वर्षों तक वह रोम में रहा। १५ वर्ष की उम्र में अपने जन्मस्थान को वापस लौट आया और सैनिक के रूप में उसके जीवन का आरंभ हुआ। सन् ९३ में त्राजन ने उसे रोम बुला लिया। सन् ९५ में एक ट्रिब्यून के रूप में बुडापेस्ट में उसकी नियुक्ति हुई, जहाँ से चार साल बाद वह रोम वापस चला आया। सन् १०० में महारानी पोलटिना ने उसका विवाह त्राजन की भतीजी विबिया साबिना से करा दिया। सन् १०१ में वह अर्थसचिव, १०५ में लोकाधिकारी और १०६ में प्रीतर बनाया गया। अपनी सख्त बीमारी के कारण जब त्राजन पूर्व से लौट आया तब उसने हेद्रिअन को सीरिया का गवर्नर और वहाँ का सेनापति नियुक्त किया। सन् ११७ में त्राजन ने उसे गोद लेकर अपना उत्तराधिकार को मान्यता प्रदान कर दी। वह उस समय रोम साम्राज्य की गद्दी पर बैठा जब वह चारों ओर गंभीर संकटों से घिरा हुआ था। शासनारूढ़ होने के बाद हेद्रिअन महान् प्रशासक सिद्ध हुआ। उसने सिनेट से मैत्रीपूर्ण व्यवहार रखनेवाली त्राजन की नीति को बरकरार रखा लेकिन उसी के साथ नौकरशाही को भी बढ़ावा दिया। साम्राज्य की सुख समृद्धि में उसकी रुचि का पता इसी से चलता है कि उसने दो बार पूरे साम्राज्य का विस्तृत भ्रमण किया था। स्काटलैंड की घुसपैठ से इंग्लैंड की रक्षा करने के लिए उसने १२१ - २२२ में इंग्लैंड के उत्तर में एक दीवाल का निर्माण करवाया जो हेद्रिअन दीवाल के रूप में प्रसिद्ध है और जिसके अवशेष अब भी वर्तमान हैं। उसने सीमांत प्रतिरक्षा को सुदृढ़ बनाया। अनेक शहर और कस्बे बसाए गए। सरकारी सहायता द्वारा सार्वजनिक निर्माण के कार्य संपन्न हुए। उसने किसानों के ऊपर से कर हटा दिया और 'रोमन ला' को व्यस्थित रूप दिया। हेद्रिअन प्रतिभासंपन्न, प्रखरबुद्धि और आकर्षक व्यक्तित्व का आदमी था। वह ग्रीक सभ्यता का प्रशंसक था और उसमें अद्भुत कृतत्व शक्ति थी। ऐसा प्रसिद्ध है कि वह एक ही समय लिख, पढ़, बोल और डिक्टेट करा सकता था। उसने अपनी एक आत्मकथा भी लिखी थी, जो अब प्राप्त नहीं है। कहा जाता है, अपने शासन के अंतिम दिनों में वह बहुत निराश हो गया और उसने तीन बार आत्महत्या करने का प्रयत्न किया। १० जुलाई, १३८ को उसकी मृत्यु हो गई। रोम में टाइबर नदी के किनारे उसकी शानदार मजार अब भी विद्यमान है। श्रेणी:रोमन सम्राट.

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हेनरी (इकाई)

एक प्रेरण कुंडली. हेनरी (चिन्ह: H) प्रेरकत्व की SI इकाई है.

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हेनरी टामस कोलब्रुक

हेनरी टामस कोलब्रुक हेनरी टामस कोलब्रुक (१७६५-१८३७ ई.)। इंग्लैंड के प्रख्यात प्राच्य विद्याविशारद तथा गणितज्ञ थे। उन्हें 'यूरोप का प्रथम महान संस्कृत विद्वान' माना जाता है। .

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हेनरी पेल्हम

इंग्लैंड के प्रधान मन्त्री।.

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हेनरी आडिंगटन

इंग्लैंड के प्रधान मन्त्री।.

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हेनरी काम्पबेल-बानरमान

हेनरी काम्पबेल-बानरमान इंग्लैंड के प्रधान मन्त्री।.

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हेनरी कैवेंडिश

हेनरी कैवेंडिश (10 अक्टूबर 1731 - 24 फ़रवरी 1810) एक ब्रिटिश प्राकृतिक दार्शनिक, वैज्ञानिक, और एक महत्वपूर्ण प्रायोगिक और सैद्धांतिक रसायनज्ञ और भौतिक विज्ञानी था। कैवेंडिश उसकी हाइड्रोजन की खोज या जिन्हें वह "ज्वलनशील हवा" कहा करते थे के लिए विख्यात है।Cavendish, Henry (1766).

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हेरोल्ड माकमिलन

इंग्लैंड के प्रधान मन्त्री।.

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हेरोल्ड विल्सन

इंग्लैंड के प्रधान मन्त्री।.

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हेग

हेग (Hague) या द हेग नीदरलैंड के पश्चिमी भाग में एम्सटर्डम के ३० मील दक्षिण पश्चिम में स्थित दक्षिणी हालैंड नामक प्रदेश की राजधानी है। यों तो एम्सटर्डम को राष्ट्रीय राजधानी होने का गौरव प्राप्त है फिर भी हेग की नीदरलैंड्स की वास्तविक राजधानी है क्योंकि संसद एवं राष्ट्राध्यक्ष का आवास यही है। यह यूरोप के सुंदर एवं आकर्षक नगरों में से एक है। १२४८ ई० में काउंट विलियम ने यहाँ आखेट के लिए एक किले का निर्माण कराया। इस किले के चारों ओर नगर का विकास हुआ है। किले की समीपवर्ती क्षेत्र को "विनेनहाफ" कहते हैं। यह नगर सुंदर भवनों एवं उद्यानों के लिए विख्यात है। रिडर जाल या "हाल ऑव नाइट्स" में प्रति वर्ष तीसरे मंगलवार को संसद का उद्घाटन करने महारानी पधारती हैं। यहाँ बहुत से संग्रहालय हैं जिनमें चित्रों एवं पांडुलिपियों का मीरमानी वेस्ट्रीनलेनम (Meermanno Westreenlanum) संग्रहालय महत्वपूर्ण है। ग्रोटेकेर्क एवं गोथिक गिरजाघर, ललितकला अकादमी, रायल पुस्तकालय एवं प्रासाद तथा पीस पैलेस दर्शनीय स्थल हैं। अमन महल (अंग्रेज़ी: Peace Palace) हेग में आलमी अदालत या अंतरराष्ट्रीय न्यायालय है। आधुनिक भवनों में शेल एवं के.

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हेंड्रिक लारेंज़

हेंड्रिक ऐंतूँ लारेंज़ (Hendrik Antoon Lorentz, सन् १८५३-१९२८) प्रसिद्ध डच भौतिकीविद् थे जिन्हें १९०२ का भौतिकी का नोबेल पुरस्कार दिया गया। .

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हॉकी विश्वकप

हॉकी विश्व कप एक अंतर्राष्ट्रीय मैदानी हॉकी प्रतियोगिता है जिसे अंतरराष्ट्रीय हॉकी महासंघ (एफ आई एच) द्वारा संचालित किया जाता है। इस प्रतियोगिता की शुरुवात 1971 में हुए थी। पहली दो प्रतियोगिता 2 वर्षों के अंतराल से आयोजित की गयीं, परन्तु बाद में इस अंतराल को चार वर्ष कर दिया गया। अतः अब इस प्रतियोगिता को 1975 के पश्चात से प्रति चार वर्षों में आयोजित किया जाता है। पुरुष विश्वकप के अलावा महिला विश्वकप का भी आयोजन किया जाता है जिसकी 1974 से शुरुवात हुए। महिला विश्व कप महिला अंतराष्ट्रीय हॉकी महासंघ के तत्वधान में आयोजित किया जाता है। सबसे ज्यादा बार विश्वकप पाकिस्तान ने (चार बार) जीता है। भारत ने केवल एक विश्वकप 1975 में जीता था। भारत में आयोजित विश्वकप 2010 में ऑस्ट्रेलिया ने विजय प्राप्त की। विश्वकप 2014 नीदरलैंड में और विश्वकप 2018 भारत में आयोजित होगा। .

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होम रूल आन्दोलन

अखिल भारतीय होम रूल लीग का ध्वज होम रूल आन्दोलन अखिल भारतीय होम रूल लीग, एक राष्ट्रीय राजनीतिक संगठन था जिसकी स्थापना 1916 में बाल गंगाधर तिलक द्वारा भारत में स्वशासन के लिए राष्ट्रीय मांग का नेतृत्व करने के लिए "होम रूल" के नाम के साथ की गई थी। भारत को ब्रिटिश राज में एक डोमिनियन का दर्जा प्राप्त करने के लिए ऐसा किया गया था। उस समय ब्रिटिश साम्राज्य के भीतर ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, दक्षिण अफ्रीका, न्यूजीलैंड और न्यूफ़ाउंडलैंड डोमिनियन के रूप में स्थापित थे। प्रथम विश्वयुद्ध की आरम्भ होने पर भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के नरमपंथियों ने ब्रिटेन की सहायता करने का निश्चय किया। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के इस निर्णय के पीछे संभवतः ये कारण था कि यदि भारत ब्रिटेन की सहायता करेगा तो युद्ध के पश्चात ब्रिटेन भारत को स्वतंत्र कर देगा। परन्तु शीघ्र ही भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस को ये अनुमान हो गया कि ब्रिटेन ऐसा कदापि नहीं करेगा और इसलिए भारतीय नेता असंतुष्ट होकर कोई दूसरा मार्ग खोजने लगे। यही असंतुष्टता ही होम रूल आन्दोलन के जन्म का कारण बनी। 1915 ई. से 1916 ई. के मध्य दो होम रूल लीगों की स्थापना हुई। 'पुणे होम रूल लीग' की स्थापना बाल गंगाधर तिलक ने और 'मद्रास होम रूल लीग' की स्थापना एनी बेसेंट ने की। होम रूल लीग भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की सहायक संस्था की भांति कार्यरत हो गयी। इस आन्दोलन का उद्देश्य स्व-राज्य की प्राप्ति था परन्तु इस आन्दोलन में शस्त्रों के प्रयोग की अनुमति नहीं थी। होम रूल आन्दोलन के दौरान बाल गंगाधर तिलक और एनी बेसेंट ने 1917 में एक ध्वज बनाया। इस ध्वज पर पांच लाल और चार हरी तिरक्षी पट्टियाँ बनीं थी। सात तारों को भी इस पर अंकित किया गया था, किन्तु यह ध्वज लोगों के बीच ज्यादा प्रसिद्ध नहीं हुआ। 1920 में, अखिल भारतीय होम रूल लीग ने महात्मा गांधी को इसके अध्यक्ष के रूप में निर्वाचित किया। एक वर्ष में ये संगठन एक संयुक्त भारतीय राजनीतिक मोर्चे के लिए भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में विलय हो गया और इसका स्वयं का अस्तित्व खत्म हो गया। .

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जम्मू

जम्मू (جموں, पंजाबी: ਜੰਮੂ), भारत के उत्तरतम राज्य जम्मू एवं कश्मीर में तीन में से एक प्रशासनिक खण्ड है। यह क्षेत्र अपने आप में एक राज्य नहीं वरन जम्मू एवं कश्मीर राज्य का एक भाग है। क्षेत्र के प्रमुख जिलों में डोडा, कठुआ, उधमपुर, राजौरी, रामबन, रियासी, सांबा, किश्तवार एवं पुंछ आते हैं। क्षेत्र की अधिकांश भूमि पहाड़ी या पथरीली है। इसमें ही पीर पंजाल रेंज भी आता है जो कश्मीर घाटी को वृहत हिमालय से पूर्वी जिलों डोडा और किश्तवार में पृथक करता है। यहाम की प्रधान नदी चेनाब (चंद्रभागा) है। जम्मू शहर, जिसे आधिकारिक रूप से जम्मू-तवी भी कहते हैं, इस प्रभाग का सबसे बड़ा नगर है और जम्मू एवं कश्मीर राज्य की शीतकालीन राजधानी भी है। नगर के बीच से तवी नदी निकलती है, जिसके कारण इस नगर को यह आधिकारिक नाम मिला है। जम्मू नगर को "मन्दिरों का शहर" भी कहा जाता है, क्योंकि यहां ढेरों मन्दिर एवं तीर्थ हैं जिनके चमकते शिखर एवं दमकते कलश नगर की क्षितिजरेखा पर सुवर्ण बिन्दुओं जैसे दिखाई देते हैं और एक पवित्र एवं शांतिपूर्ण हिन्दू नगर का वातावरण प्रस्तुत करते हैं। यहां कुछ प्रसिद्ध हिन्दू तीर्थ भी हैं, जैसे वैष्णो देवी, आदि जिनके कारण जम्मू हिन्दू तीर्थ नगरों में गिना जाता है। यहाम की अधिकांश जनसंख्या हिन्दू ही है। हालांकि दूसरे स्थान पर यहां सिख धर्म ही आता है। वृहत अवसंरचना के कारण जम्मू इस राज्य का प्रमुख आर्थिक केन्द्र बनकर उभरा है। .

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जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ़्रंट

जेकेएलएफ़ का चिह्न, स्वतंत्र कश्मीर के लिए एक प्रसावित परचम जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ़्रंट (जेकेएलएफ़, अंग्रेज़ी: Jammu Kashmir Liberation Front - JKLF) जम्मू और कश्मीर में एक राजनीतिक संगठन है जिसका स्थापना अमानुल्लाह ख़ान और मक़बूल भट्ट ने किया है। यह मूलतः प्लेबिसाइट फ़्रंत की मिलिटेंट शाखा थी लेकिन 29 मई, 1977 को बर्मिंघम, इंग्लिस्तान में यह जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ़्रंट में परिवर्तित हो गया। उस समय से 1994 तक यह एक सक्रिय मिलिटेंत संगठन रहा है। संयुक्त राजशाही, यूरोप, संयुक्त राज्य और मध्य-पूर्व के कई नगरों में इस संगठन की शाखाएँ मौजूद हैं। 1982 में पाक-अधिकृत कश्मीर के आज़ाद कश्मीर क्षेत्र में इसकी एक शाखा स्थापित हुई थी; जबकि 1987 में भारत-अधिकृत कश्मीर की कश्मीर घाटी में इसकी एक शाखा स्थापित हुई। 1994 के बाद कश्मीर घाटी में मौजूद जेकेएलएफ़ के सैन्य बलों ने यासीन मलिक के नेतृत्व में 'अनिश्चितकालीन युद्धविराम' का ऐलान किया था, और कथित तौर पर इसकी सैन्य शाखा विघटित हुई। इसके नए उद्देश्य पूर्व जम्मू और कश्मीर रियासत के संपूर्ण क्षेत्र की स्वतंत्रता के लिए राजनीतिक संघर्ष करना है। पाकिस्तान में स्थित जेकेएलएफ़ की शाखा इस नए उद्देश्य से असहमत थे और नतीजे में ये घाटी में स्थित शाखा से अलग हुए। 2005 में दोनों समूहों फिर से एकजुट हुआ और अंततः संगठन का मूल पहचान बरक़रार रखा गया था। हालांकि जेकेएलएफ़ के केवल मुसलमान सदस्य हैं, किन्तु फ़्रंट का दावा है कि संगठन धारणात्मक रूप से धर्मनिरपेक्ष है। इसका अंतिम लक्ष्य एक धर्मनिरपेक्ष और स्वतंत्र कश्मीर है जो दोनों भारत और पाकिस्तान से मुक्त है।, UNHCR,2003-08-07 पाकिस्तानी सेना से हथियार और प्रशिक्षण प्राप्त करने के बावजूद, यह संगठन पाकिस्तान को एक 'क़ब्ज़ा करने वाली शक्ति' के रूप में मानता है और आज़ाद कश्मीर में यह पाकिस्तान के ख़िलाफ़ राजनीतिक संघर्ष भी करता है। .

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जयन्त विष्णु नार्लीकर

जयन्त विष्णु नार्लीकर जयन्त विष्णु नार्लीकर (मराठी: जयन्त विष्णु नारळीकर; जन्म 19 जुलाई 1938) प्रसिद्ध भारतीय भौतिकीय वैज्ञानिक हैं जिन्होंने विज्ञान को लोकप्रिय बनाने के लिए अंग्रेजी, हिन्दी और मराठी में अनेक पुस्तकें लिखी हैं। ये ब्रह्माण्ड के स्थिर अवस्था सिद्धान्त के विशेषज्ञ हैं और फ्रेड हॉयल के साथ भौतिकी के हॉयल-नार्लीकर सिद्धान्त के प्रतिपादक हैं। .

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जयपुर

जयपुर जिसे गुलाबी नगर के नाम से भी जाना जाता है, भारत में राजस्थान राज्य की राजधानी है। आमेर के तौर पर यह जयपुर नाम से प्रसिद्ध प्राचीन रजवाड़े की भी राजधानी रहा है। इस शहर की स्थापना १७२८ में आमेर के महाराजा जयसिंह द्वितीय ने की थी। जयपुर अपनी समृद्ध भवन निर्माण-परंपरा, सरस-संस्कृति और ऐतिहासिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है। यह शहर तीन ओर से अरावली पर्वतमाला से घिरा हुआ है। जयपुर शहर की पहचान यहाँ के महलों और पुराने घरों में लगे गुलाबी धौलपुरी पत्थरों से होती है जो यहाँ के स्थापत्य की खूबी है। १८७६ में तत्कालीन महाराज सवाई रामसिंह ने इंग्लैंड की महारानी एलिज़ाबेथ प्रिंस ऑफ वेल्स युवराज अल्बर्ट के स्वागत में पूरे शहर को गुलाबी रंग से आच्छादित करवा दिया था। तभी से शहर का नाम गुलाबी नगरी पड़ा है। 2011 की जनगणना के अनुसार जयपुर भारत का दसवां सबसे अधिक जनसंख्या वाला शहर है। राजा जयसिंह द्वितीय के नाम पर ही इस शहर का नाम जयपुर पड़ा। जयपुर भारत के टूरिस्ट सर्किट गोल्डन ट्रायंगल (India's Golden Triangle) का हिस्सा भी है। इस गोल्डन ट्रायंगल में दिल्ली,आगरा और जयपुर आते हैं भारत के मानचित्र में उनकी स्थिति अर्थात लोकेशन को देखने पर यह एक त्रिभुज (Triangle) का आकार लेते हैं। इस कारण इन्हें भारत का स्वर्णिम त्रिभुज इंडियन गोल्डन ट्रायंगल कहते हैं। भारत की राजधानी दिल्ली से जयपुर की दूरी 280 किलोमीटर है। शहर चारों ओर से दीवारों और परकोटों से घिरा हुआ है, जिसमें प्रवेश के लिए सात दरवाजे हैं। बाद में एक और द्वार भी बना जो 'न्यू गेट' कहलाया। पूरा शहर करीब छह भागों में बँटा है और यह १११ फुट (३४ मी.) चौड़ी सड़कों से विभाजित है। पाँच भाग मध्य प्रासाद भाग को पूर्वी, दक्षिणी एवं पश्चिमी ओर से घेरे हुए हैं और छठा भाग एकदम पूर्व में स्थित है। प्रासाद भाग में हवा महल परिसर, व्यवस्थित उद्यान एवं एक छोटी झील हैं। पुराने शह के उत्तर-पश्चिमी ओर पहाड़ी पर नाहरगढ़ दुर्ग शहर के मुकुट के समान दिखता है। इसके अलावा यहां मध्य भाग में ही सवाई जयसिंह द्वारा बनावायी गईं वेधशाला, जंतर मंतर, जयपुर भी हैं। जयपुर को आधुनिक शहरी योजनाकारों द्वारा सबसे नियोजित और व्यवस्थित शहरों में से गिना जाता है। देश के सबसे प्रतिभाशाली वास्तुकारों में इस शहर के वास्तुकार विद्याधर भट्टाचार्य का नाम सम्मान से लिया जाता है। ब्रिटिश शासन के दौरान इस पर कछवाहा समुदाय के राजपूत शासकों का शासन था। १९वीं सदी में इस शहर का विस्तार शुरु हुआ तब इसकी जनसंख्या १,६०,००० थी जो अब बढ़ कर २००१ के आंकड़ों के अनुसार २३,३४,३१९ और २०१२ के बाद ३५ लाख हो चुकी है। यहाँ के मुख्य उद्योगों में धातु, संगमरमर, वस्त्र-छपाई, हस्त-कला, रत्न व आभूषण का आयात-निर्यात तथा पर्यटन-उद्योग आदि शामिल हैं। जयपुर को भारत का पेरिस भी कहा जाता है। इस शहर के वास्तु के बारे में कहा जाता है कि शहर को सूत से नाप लीजिये, नाप-जोख में एक बाल के बराबर भी फ़र्क नहीं मिलेगा। .

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जयपुर जिला

- जयपुर (राजस्थानी: जैपर) जिसे गुलाबी नगर के नाम से भी जाना जाता है, भारत में राजस्थान राज्य की राजधानी है। आमेर के तौर पर यह जयपुर नाम से प्रसिद्ध प्राचीन रजवाड़े की भी राजधानी रहा है। इस शहर की स्थापना १७२८ में आंबेर के महाराजा जयसिंह द्वितीय ने की थी। जयपुर अपनी समृद्ध भवन निर्माण-परंपरा, सरस-संस्कृति और ऐतिहासिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है। यह शहर तीन ओर से अरावली पर्वतमाला से घिरा हुआ है। जयपुर शहर की पहचान यहाँ के महलों और पुराने घरों में लगे गुलाबी धौलपुरी पत्थरों से होती है जो यहाँ के स्थापत्य की खूबी है। १८७६ में तत्कालीन महाराज सवाई रामसिंह ने इंग्लैंड की महारानी एलिज़ाबेथ प्रिंस ऑफ वेल्स युवराज अल्बर्ट के स्वागत में पूरे शहर को गुलाबी रंग से आच्छादित करवा दिया था। तभी से शहर का नाम गुलाबी नगरी पड़ा है। शहर चारों ओर से दीवारों और परकोटों से घिरा हुआ है, जिसमें प्रवेश के लिए सात दरवाजे हैं। बाद में एक और द्वार भी बना जो न्यू गेट कहलाया। पूरा शहर करीब छह भागों में बँटा है और यह १११ फुट (३४ मी.) चौड़ी सड़कों से विभाजित है। पाँच भाग मध्य प्रासाद भाग को पूर्वी, दक्षिणी एवं पश्चिमी ओर से घेरे हुए हैं और छठा भाग एकदम पूर्व में स्थित है। प्रासाद भाग में हवा महल परिसर, व्यवस्थित उद्यान एवं एक छोटी झील हैं। पुराने शह के उत्तर-पश्चिमी ओर पहाड़ी पर नाहरगढ़ दुर्ग शहर के मुकुट के समान दिखता है। इसके अलावा यहां मध्य भाग में ही सवाई जयसिंह द्वारा बनावायी गईं वेधशाला, जंतर मंतर, जयपुर भी हैं। जयपुर को आधुनिक शहरी योजनाकारों द्वारा सबसे नियोजित और व्यवस्थित शहरों में से गिना जाता है। शहर के वास्तुकार विद्याधर भट्टाचार्य का नाम आज भी प्रसिद्ध है। ब्रिटिश शासन के दौरान इस पर कछवाहा समुदाय के राजपूत शासकों का शासन था। १९वीं सदी में इस शहर का विस्तार शुरु हुआ तब इसकी जनसंख्या १,६०,००० थी जो अब बढ़ कर २००१ के आंकड़ों के अनुसार २३,३४,३१९ हो चुकी है। यहाँ के मुख्य उद्योगों में धातु, संगमरमर, वस्त्र-छपाई, हस्त-कला, रत्न व आभूषण का आयात-निर्यात तथा पर्यटन आदि शामिल हैं। जयपुर को भारत का पेरिस भी कहा जाता है। इस शहर की वास्तु के बारे में कहा जाता है, कि शहर को सूत से नाप लीजिये, नाप-जोख में एक बाल के बराबर भी फ़र्क नही मिलेगा। .

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जयपुर/आलेख

देखें:पूर्ण लेख → जयपुर जयपुर जिसे गुलाबी नगरी के नाम से भी जाना जाता है, भारत में राजस्थान राज्य की राजधानी है। महान वास्तुविद.

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जर्मनी राष्ट्रीय फुटबॉल टीम

जर्मनी राष्ट्रीय फुटबॉल टीम (Die deutsche Fußballnationalmannschaft) 1908 के बाद से अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल प्रतियोगिताओं में जर्मनी का प्रतिनिधित्व करती है। यह जर्मन फुटबॉल एसोसिएशन (डीएफबी) द्वारा नियंत्रित की जाती है, जो 1900 में स्थापित किया गया था। 1950 से 1990 तक, यह अनिवार्य रूप से पश्चिमी जर्मनी की टीम थी। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद, मित्र देशों द्वारा कब्जे और विभाजन के तहत, दो अन्य अलग राष्ट्रीय टीमों को भी फीफा द्वारा मान्यता दी गयी थी: सारलैंड टीम (1950-1956) और पूर्वी जर्मन टीम (1952-1990)। दोनों टीमों का अंत में मौजूदा टीम के साथ विलय हो गया। जर्मनी वर्तमान विश्व कप चैंपियन है तथा अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में सबसे सफल राष्ट्रीय टीमों में से एक है, कुल चार विश्व कप की जीत (1954, 1974, 1990, 2014) और कुल तीन यूरोपीय चैंपियनशिप की जीत (1972, 1980, 1996)। वे तीन बार यूरोपीय चैंपियनशिप में उपविजेता थे, चार बार विश्व कप में उपविजेता और चार बार विश्व कप में तीसरे स्थान पर अाये। पूर्वी जर्मनी की टीम ने 1976 में ओलंपिक स्वर्ण जीता था। जर्मनी एकमात्र ऐसा देश है जिसने पुरुषों और महिलाओं के विश्व कप दोनों जीते हैं और 2017 कन्फेडरेशंस कप के बाद यह ब्राजील, अर्जेंटीना और फ्रांस के साथ-साथ केवल चार देशों में से एक बन गया - फीफा द्वारा मान्यता प्राप्त सभी तीन सबसे महत्वपूर्ण पुरुषों के खिताब जीतने के लिए: विश्व कप, कन्फेडरेशंस कप, और ओलंपिक टूर्नामेंट। उन्होंने अपनी संबंधित महाद्वीपीय चैंपियनशिप (अर्जेंटीना और ब्राजील के लिए कोपा अमरीका और फ्रांस और जर्मनी के लिए यूईएफए यूरोपीय चैंपियनशिप) भी जीती है। 2014 फीफा विश्व कप के अंत में, जर्मनी ने रिकॉर्ड 2205 अंकों के साथ इतिहास में किसी भी राष्ट्रीय फुटबॉल टीम की सर्वोच्च एलो रेटिंग अर्जित की। जर्मनी भी एकमात्र यूरोपीय राष्ट्र है जिसने अमेरिका में फीफा विश्व कप जीता है। राष्ट्रीय टीम का वर्तमान प्रबंधक जोआचिम लोव है। .

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जर्मनी का इतिहास

प्राचीन रोमन डैन्यूब नदी के उत्तर में रहने वाले "बर्बर कबीलों" वाले देशों को गेर्मानिया (Germania) कहा करते थे, जिसके नाम पर अंग्रेज़ी शब्द 'Germany' पड़ा। ये कबीले 'पुरानी जर्मन भाषा' की बोलियाँ बोलते थे। धीरे-धीरे इनका ईसाईकरण हुआ और जर्मन देश ईसाई पवित्र रोमन साम्राज्य का केन्द्र बन गया। दूसरी शताब्दी ईसा पूर्व में पश्चिमी यूरोप में जर्मन जातियों के अभ्युदय का उल्लेख मिलता है। कुछ जातियाँ जैसे अलामन्नी (Alamanni) बरगंडियाई (Burgundians), फ्रांक (Franks) लंबार्ड (Lombards) ओस्ट्रोगोथ (Ostrogoths) और विज़ीगोथ (Visigoths) पूर्व में राइन नदी के मुहाने, पश्चिम में एल्बे नदी और दक्षिण में उत्तरी इटली के भागों के बीच धीरे-धीरे बसीं। उनमें से कुछ ने इटली पर आक्रमण किया और रोम साम्राज्य का विनाश किया, अन्य फ्रांस और ब्रिटेन में बस गई। राइन नदी के दोनों ओर का क्षेत्र कुछ दिन विवाद में रहने के पश्चात्‌ फ्रांकों के रोमन सम्राट् शार्लमेन द्वारा नवीं शताब्दी में अधिकृत किया गया। लेकिन शताब्दी के अंतिम दिनों जर्मन साम्राज्य तीन भागों में बँट गया। सैस्कन सम्राट् ओटो प्रथम ने 962 ई. में इटली और जर्मनी को एक सूत्र में बाँधा। आगे चलकर अशांतिपूर्ण स्थिति उत्पन्न हुई। फ्रैडरिक द्वितीय ने अपने शासन को सिसली में ही केंद्रित रखा, इस प्रकार जर्मनी लगभग उपेक्षित रहा। 1273 में हप्सबर्ग का रुडाल्फ सम्राट् निर्वाचित हुआ, किंतु उसके लिये भी बड़े साम्राज्य को कायम रखना असाध्य हो गया था। रोमन साम्राज्य जिस समय लड़खड़ा रहा था, इंग्लैंड, फ्रांस ओर स्पेन शक्तिशाली राज्य बन रहे थे। जर्मनी उस समय समृद्ध था- इसके विरुद्ध उपर्युक्त तीनों राज्यों ने संधि की। लेकिन जर्मनी की राजनैतिक अस्थिरता के कारण वहाँ 16वीं शताब्दी में मार्टिन लूथर के नेतृत्व में आंदोलन हुआ। अंत में इस आंदोलन ने 30 वर्षीय धर्मयुद्ध (1618-1648) का रूप लिया। इसमें जर्मनी के लगभग 300 टुकड़े हुए। 18वीं शताब्दी में इन छोटी-छोटी स्वतंत्र इकाइयों ने प्रशा में अत्यधिक उन्नति की। फ्रांसीसी क्रांति ओर नेपोलियन के युद्धों के समय से जर्मनी में राष्ट्रीयता की चेतना का आविर्भाव हुआ। यह चेतना आगे चलकर उदारवादी आंदोलन के रूप में बदली। 1871 में तत्कालीन चाँसलर ओटाबान बिसमार्क ने आस्ट्रिया, डेनमार्क और फ्रांस से युद्ध करके जर्मन राज्य को संगठित किया। फ्रांस की पराजय के बाद जर्मनी ने सैनिक, औद्योगिक और आर्थिक क्षेत्रों में तेजी से प्रगति की। विसमार्क ने इस स्थिति में अन्य यूरोपीय शक्तियों से संबंध स्थापित किया। 1888 ई. में विलियम द्वितीय सम्राट् हुआ। देश की अंतर्राष्ट्रीय स्थिति में पुन: अशांति उत्पन्न हुई, जिसने 20वीं शताब्दी में प्रथम विश्वयुद्ध का रूप लिय। इस युद्ध में जर्मन सेनाएँ पराजित हुई। इस पराजय से उत्पन्न आर्थिक और सामाजिक अव्यवस्थाओं तथा 'मित्र राष्ट्रों' की 'वार्सा-संधि' के अनुसार आर्थिक दबावों की परिस्थिति में एडाल्फ हिटलर तथा नेशनल सोशलिस्ट पार्टी (नाजी दल) ने 1933 में जर्मनी की सत्ता ग्रहण की। प्रथम विश्वयुद्ध के बाद वीमर (Weimer) संविधान के अनुसार गणराज्य घोषित जर्मनी में हिटलर ने अपना अधिनायकत्व स्थापित किया। उसने अपने शासनकाल में जर्मनी को सभी क्षेत्रों में सुदृढ़ किया। उसकी साम्राज्यवादी नीति ने, जिससे उसने यूरोप का बड़ा भाग 1939 तक कुछ संधियों से और कुछ सैनिक तरीकों से जर्मनी में जोड़ लिया, द्वितीय विश्वयुद्ध की परिस्थितियाँ मित्र राष्ट्रों के समक्ष आत्मसमर्पण करना पड़ा। रूस, ब्रिटेन, संयुक्तराज्य अमरीका और फ्रांस ने जर्मनी के चार भाग करके परस्पर बाँट लिए। 1949 में शांति समझौते के अनुसार जर्मनी की फेडरल जर्मन रिपब्लिक (पश्चिमी) और जर्मन डिमाक्रेटिक रिपब्लिक (पूर्वी) दो भाग हुए। पूर्वी भाग, जिसमें पूर्वी प्रशा भी संमिलित है, जो कि 1937 के पूर्व जर्मनों के और अब पोलैंड और रूस के अधिकार में हैं। 1990 में कम्युनिस्ट पूर्वी जर्मनी की मार्क्सवादी सरकार ढह गयी और जर्मनी का वापिस एकीकरण हुआ। .

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जरी

१९वीं शताब्दी के अन्त या २०वीं शताब्दी के आरम्भ की भारतीय साड़ी जिसमें रेशम के साथ जरी मिश्रित है। जरी, सोने का पानी चढ़ा हुआ चाँदी का तार है तथा इस तार से बने वस्त्र भी जरी कहलाते हैं। जरी वस्त्र सोरे, चाँदी तथा रेशम अथवा तीनों प्रकार के तारों के मिश्रण से बनता है। इन तारों की सहायता से बेलबूटे तथा उभाड़दार अभिकल्प बनाए जाते हैं। बुनकर बुनाई के समय इन तारों का उपयोग अतिरिक्त बाने के रूप में करता है और इनसे केवल अभिकल्प ही बनाए जाते हैं। भारतीय किमखाब और पर्शियन सुनहले तारों तथा रेशम के वस्त्र को भी लोग जरी कहते हैं, किंतु वस्तुत: ये जरी नहीं हैं, क्योंकि इन वस्त्रों में जरीवाली सजावट नहीं होती। लगभग तीन सौ वर्ष पूर्व पर्शिया, सीरिया, उत्तरी अफ्रीका तथा दक्षिणी यूरोप में सुनहले तारों का वस्त्र अंशत: जरी होता था। इंग्लैंड, फ्रांस, रोम, चीन, तथा जापान में जरी का प्रचलन प्राचीन काल से है। भारत का जरी उद्योग प्राचीन काल से विश्वविख्यात रहा है ओर यहाँ के बने जरी वस्त्रों को धारण कर देश विदेश के नृपति अपने को गौरवान्वित समझते रहे हैं। काशी जरी उद्योग का केंद्र रहा है। बनारस की प्रसिद्ध बनारसी सड़ियाँ और दुपट्टे शताब्दियों से लोकप्रिय रहे हैं। आज इनकी खपत, अमरीका, ब्रिटेन और रूस आदि देशों में क्षिप्र गति से वृद्धि प्राप्त कर रही है। गुजरात वर्तमान भारतीय जरी तार उद्योग का केंद्र है। इसके पूर्व काशी ही इसका केंद्र था। पहले चाँदी के तारों को सोने की पतली पत्तरों पर खींचकर सुनहला बनाया जाता था, किंतु विज्ञान को उन्नति ने इस श्रमसाध्य विधि के स्थान पर विद्युद्विश्लेषण विधि प्रदान की है। विदेश से आनेवाले जरी के तार इसी विधि द्वारा सुनहले बनाए जाते हैं और भारतीय विधि से बने तारों की अपेक्षा सस्ते भी होते हैं। अब जरी शब्द का व्यवहार उभाड़दार अभिकल्प के बने सूत वस्त्रों के लिए भी होने लगा है। इन वस्त्रों के अंतर्गत पर्दे तथा बच्चों एवं स्त्रियों के पहनने के वस्त्र आते हें सूती जरी वस्त्र दोनों ओर एकसा या उल्टा सीधा होता है। इसके उल्टा सीधा होने पर ताने बाने कई रंग, विभिन्न संख्या और कई किस्म के हो सकते हैं। पर्दे के ताने-बाने की संख्या और किस्म में पहनने के वस्त्र की अपेक्षा कम विषमता होती है। श्रेणी:वस्त्र.

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ज़फ़र अंसारी

ज़फ़र शहान अंसारी (Zafar Shahaan Ansari/ظفر انصاری) (जन्म १० दिसम्बर १९९१) एक इंग्लैंड क्रिकेट टीम के पूर्व क्रिकेटर है जो वनडे,टेस्ट क्रिकेट खेलते हैं इन्होंने अपने टेस्ट कैरियर की शुरुआत बांग्लादेश क्रिकेट टीम के खिलाफ २८ अक्तूबर २०१६ को की थी इसके बाद भारतीय क्रिकेट टीम के खिलाफ भारत–इंग्लैंड श्रृंखला में भी खेलने का मौका मिला जिसके बाद 25 वर्ष की आयु में अप्रैल 2017 को क्रिक्रेट सभी पूरुपो से संन्यास ले लिया था। ये एक स्पिन गेंदबाज और बल्लेबाज थे यानी इंग्लैंड के एक हरफनमौला खिलाड़ी थे। .

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जाँ फ्रॉइसार

जाँ फ्रॉइसार (Jean Froissart; लगभग १३३८–१४१० ई.) एक मध्यकालीन फ्रांसीसी लेखक तथा दरबारी इतिहासकार था। उसके द्वारा रचित इतिहास, शताब्दियों तक १४वीं शताब्दी में इंग्लैण्ड और फ्रांस के शौर्यपूर्ण उदय की गाथा बने रहे। उसके द्वारा रचित इतिहास सौ वर्षीय युद्ध के पूर्वार्ध के लिये एक महत्वपूर्ण स्रोत है। आरंभ में वह एक व्यापारी के यहाँ नौकरी किया करता था। बाद में ज्ञान प्राप्त करने की लगन पैदा हुई और उसने नौकरी छोड़ दी। पढ़े लिखों के बीच उसका उठना बैठना आरंभ हो गया। कविता से प्रेम उसे शुरू ही से था, यहाँ बढ़ावा मिला और वह कविता करने लगा। दुनिया घूमने की चाह पैदा हुई और १८ वर्ष की अवस्था में इंग्लैंड पहुंचकर रानी फिलिप्पा के राजदरबारियों में सम्मिलित हो गया। वहाँ उसकी प्रशंसा में कविताएँ लिखीं। भ्रमण करने की इच्छा हुई। १३६० में फ्रांस में था। १३६१ में पाँच वर्ष की अनुपस्थिति के बाद फिर इंग्लैंड पहुँचा। रानी फिलिप्पा से प्रोत्साहन पाकर स्कॉटलैंड का भ्रमण किया। १३६६ में 'ब्लैंक प्रिंस' के साथ फ्रांस गया। १३६८ में इटली में भ्रमण किया। यूरोप के कई एक राजदरबारों में रहा। इस प्रकार उसने अपनी 'क्रॉनिकल्स' (Chronicles) नामक पुस्तक के लिए सामग्री एकत्र की। इस पुस्तक में इसने १३२६ से १४०० ई. तक के युद्धों का वर्णन किया है। उसके कई भाग हैं जो समय समय पर अलग अलग लिखे गए। उसने लड़ाई के संबंध में जो लिखा सो है ही, लेकिन भौगोलिक संबंध में भी इस पुस्तक की महत्ता बढ़ जाती है। जिन जिन देशों में वह फिरा, उनका पूर्ण रूप से वर्णन किया है। उसकी पुस्तक के अंतिम भाग में क्रूसेड का भी वर्णन है। श्रेणी:इतिहासकार.

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जादू (भ्रमजाल/इंद्रजाल)

जादू - अपसामान्य या आनुष्ठानिक जादू से विभेद करने के लिए जिसे अक्सर "मंचीय जादू" कहा जाता है- एक प्रदर्शन कला है जो हाथ की सफाई के मंचन द्वारा या विशुद्ध रूप से प्राकृतिक साधनों का उपयोग करते हुए प्रकटतः असंभव या अलौकिक करतबों के भ्रम जाल की रचना द्वारा दर्शकों का मनोरंजन करती है। इन करतबों को जादुई हाथकी सफाई, प्रभाव या भ्रम जाल कहा जाता है। वह व्यक्ति जो ऐसे भ्रम जालों का प्रदर्शन करता है एक जादूगर या ऐंद्रजालिक कहलाता है। कुछ कलाकारों को उनके द्वारा प्रस्तुत किए जाने वाले जादुई प्रभावों के प्रकार को प्रतिबिंबित करते नामों से भी पुकारा जाता है, जैसे मायावी, बाजीगर, परामनोवैज्ञानिक, या बच निकलनेवाला कलाकार.

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जायफल

गोवा में मिरिस्टिका फ्रेग्रंस वृक्ष वृक्ष पर जायफल (केरल) जायफल (वानस्पतिक नाम: Myristica fragrans; संस्कृत: जातीफल) एक सदाबहार वृक्ष है जो इण्डोनेशिया के मोलुकास द्वीप (Moluccas) का देशज है। इससे दो मसाले प्राप्त होते हैं - जायफल (nutmeg) तथा जावित्री (mace)। यह चीन, ताइवान, मलेशिया, ग्रेनाडा, केरल, श्रीलंका, और दक्षिणी अमेरिका में खूब पैदा होता है। मिरिस्टिका नामक वृक्ष से जायफल तथा जावित्री प्राप्त होती है। मिरिस्टका की अनेक जातियाँ हैं परंतु व्यापारिक जायफल अधिकांश मिरिस्टिका फ्रैग्रैंस से ही प्राप्त होता है। मिरिस्टिका प्रजाति की लगभग ८० जातियाँ हैं, जो भारत, आस्ट्रेलिया तथा प्रशंत महासागर के द्वीपों में उपलब्ध हैं। यह पृथग्लिंगी (डायोशियस, dioecious) वृक्ष है। इसके पुष्प छोटे, गुच्छेदार तथा कक्षस्थ (एक्सिलरी, axillary) होते हैं। मिरिस्टिका वृक्ष के बीज को जायफल कहते हैं। यह बीज चारों ओर से बीजोपांग (aril) द्वारा ढँका रहता है। यही बीजोपांग व्यापारिक महत्व का पदार्थ जावित्री है। इस वृक्ष का फल छोटी नाशपाती के रूप का १ इंच से डेढ़ इंच तक लंबा, हल्के लाल या पीले रंग का गूदेदा होता है। परिपक्व होने पर फल दो खंडों में फट जाता है और भीतर सिंदूरी रंग का बीजोपांग या जावित्री दिखाई देने लगती है। जावित्री के भीतर गुठली होती है, जिसके काष्ठवत् खोल को तोड़ने पर भीतर जायफल (nutmeg) प्राप्त होता है। जायफल तथा जावित्री व्यापार के लिये मुख्यत: पूर्वी ईस्ट इंडीज से प्राप्त होता हैं। जायफल का वृक्ष समुद्रतट से ४००-५०० फुट तक की ऊँचाई पर उष्णकटिबंध की गरम तथा नम घाटियों में पैदा होता है। इसकी सफलता के लिये जल-निकास-युक्त गहरी तथा उर्वरा दूमट मिट्टी उपयुक्त है। इसके वृक्ष ६-७ वर्ष की आयु प्राप्त होने पर फूलते-फलते हैं। फूल लगने के पहले नर या मादा वृक्ष का पहचाना कठिन होता है। ग्रैनाडा (वेस्ट इंडीज) में साधारणत: नर तथा मादावृक्ष ३: १ के अनुपात में पाए जाते हैं जमैका के वनस्पति उद्यान में जायफल के छोटे पौधों पर मादावृक्ष की टहनी कलम करके मादा वृक्ष की संख्यावृद्धि में सफलता प्राप्त की गई है। .

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जार्ज ग्रेनविल

इंग्लैंड के प्रधान मन्त्री।.

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जार्ज कानिंग

जार्ज कानिंग जार्ज कानिंग इंग्लैंड के प्रधान मन्त्री (1827)।.

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जाह्न स्टुवर्ट

इंग्लैंड के प्रधान मन्त्री।.

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जाकिन्तो बेनावेन्ते

जाकिन्तो बेनावेन्ते (1866-1954) स्पेनिश नाटककार थे। 1922 ई० में साहित्य में नोबेल पुरस्कार विजेता। .

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जिब्राल्टर में शिक्षा

जिब्राल्टर में शिक्षा मुख्यतः इंग्लैंड की शिक्षा संरचना पर आधारित है जिसमें त्रि-स्तरीय शिक्षा प्रणाली का प्रयोग होता है। जिब्राल्टर सरकार का शिक्षा एवं प्रशिक्षण विभाग देश में शिक्षा व इस से सम्बंधित संस्थाओं के विकास के लिए उत्तरदायी है। इसके अलावा मंत्रालय देश में शिक्षा सम्बन्धित नीतियाँ बनाने व उन्हें लागू करने तथा देश के सभी विद्यालयों के प्रशासन और निरीक्षण के लिए भी उत्तरदायी है। मंत्रालय निवर्तमान समय में गिल्बर्ट लिकाडी के पास है तथा निदेशक का पद इस समय रिक्त है। .

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जिब्राल्टर में क्रिकेट

यूरोपा पॉईंट पर चलता क्रिकेट का खेल जिब्राल्टर औबेरियन प्रायद्वीप और यूरोप के दक्षिणी छोर पर भूमध्य सागर के प्रवेश द्वार पर स्थित एक स्वशासी ब्रिटिश विदेशी क्षेत्र है। 6.843 वर्ग किलोमीटर (2.642 वर्ग मील) में फैले इस देश की सीमा उत्तर में स्पेन से मिलती है। जिब्राल्टर ऐतिहासिक रूप से ब्रिटेन के सशस्त्र बलों के लिए एक महत्वपूर्ण आधार रहा है और शाही नौसेना का एक आधार है। जिब्राल्टर में विभिन्न प्रकार के खेल जिब्राल्टर की जनता के रोजमर्रा जीवन का अहम हिस्सा हैं। यहाँ विशेष रूप से फुटबॉल, क्रिकेट और बास्केटबॉल जैसे खेल ज्यादा लोकप्रिय हैं। क्रिकेट यहाँ ब्रिटिश सैनिकों द्वारा लाया गया था। जिब्राल्टर का वातावरण इस खेल के लिए काफ़ी अनुकूल है। क्रिकेट बल्ले और गेंद का एक दलीय खेल है जिसकी शुरुआत दक्षिणी इंग्लैंड में हुई थी। इसका सबसे प्राचीन निश्चित-संदर्भ 1598 का मिलता है और अब यह 100 से भी अधिक देशों में खेला जाता है। क्रिकेट के कई रूप हैं; इसका उच्चतम स्तर टॅस्ट क्रिकेट है, जिसमें वर्तमान प्रमुख राष्ट्रीय टीमें भारत, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका, इंग्लैण्ड, श्रीलंका, वेस्टइंडीज, न्यूजीलैण्ड, पाकिस्तान व बांग्लादेश हैं। जिब्राल्टर राष्ट्रीय क्रिकेट टीम जिब्राल्टर का अन्तराष्ट्रीय क्रिकेट में प्रतिनिधित्व करने वाली टीम है। टीम अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद की वर्ष 1969 से सहयोगी सदस्य है। टॅस्ट क्रिकेट नहीं खेलने वाली यूरोपीय टीमों में जिब्राल्टर की टीम इस समय छठे स्थान पर है। .

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जिब्राल्टर राष्ट्रीय क्रिकेट टीम

जिब्राल्टर राष्ट्रीय क्रिकेट टीम ब्रिटिश प्रवासी शासित प्रदेश जिब्राल्टर का अन्तराष्ट्रीय क्रिकेट में प्रतिनिधित्व करने वाली टीम है। टीम अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद की वर्ष 1969 से सहयोगी सदस्य है। टॅस्ट क्रिकेट नहीं खेलने वाली यूरोपीय टीमों में जिब्राल्टर की टीम इस समय छठे स्थान पर है। .

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जिब्राल्टर क्रॉनिकल

जिब्राल्टर क्रॉनिकल (Gibraltar Chronicle) ब्रिटिश प्रवासी क्षेत्र जिब्राल्टर में 1801 से प्रकाशित होने वाला एक राष्ट्रीय अख़बार है। यह 1821 में दैनिक बन गया था। यह जिब्राल्टर का सबसे पुराना स्थापित दैनिक अख़बार है तथा इसके साथ ही यह लगातार छपने वाला दुनिया का दूसरा सबसे पुराना अंग्रेज़ी भाषा का अख़बार भी है। इसका संपादकीय कार्यालय वाटरगेट हाउस में है और छपाई का काम न्यू हार्ब्र्स औद्योगिक क्षेत्र में होता है। .

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जिम लेकर

जेम्स जिम चार्ल्स लेकर (Jim Laker)(०९ फरवरी १९२२ – २३ अप्रैल १९८६) एक पूर्व क्रिकेट खिलाड़ी थे जो इंग्लैंड की राष्ट्रीय क्रिकेट टीम के लिए खेलते थे। १९५० वे दशक में ये १९५६ में यह लेकर मैच के लिए काफी लोकप्रिय हो गए यानी १९५६ में इन्होंने ओल्ड ट्रैफर्ड क्रिकेट मैदान,मैनचेस्टर में ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम के खिलाफ एक ही टेस्ट मैच में कुल १९ विकेट लिए थे और वो मैच इंग्लैंड जीता था। लेकर ने अपने क्रिकेट कैरियर १९४८ से १९५९ तक कुल ४६ टेस्ट मैच खेले थे जिसमें २१.२४ की गेंदबाजी औसत से कुल १९३ विकेट लिए थे। जबकि इन्होंने अपने प्रथम श्रेणी क्रिकेट में १८.४१ की औसत से कुल १,९४४ विकेट लिए। लेकर का जन्म फ्रीज़िंगहाल,ब्रैडफोर्ड,वेस्ट राइडिंग ऑफ़ यॉर्कशायर,इंग्लैंड में हुआ था,ये मुख्य रूप से ऑफ़ स्पिन गेंदबाजी करते थे। इन्होंने १९५६ में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट क्रिकेट में सबसे अच्छा प्रदर्शन करके क्रिकेट जगत में एक नया रिकॉर्ड बनाया जिसमें इन्होंने गेंदबाजी करते हुए १९ विकेट लिए थे। .

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जिग्मे खेसर नामग्याल वांग्चुक

जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक (जन्म २१ फरवरी १९८०) भूटान के पांचवें राजा एवं वांगचुक वंश के मुखिया हैं। वे किसी भी देश के सबसे कम उम्र के राष्ट्राध्यक्ष हैं। श्री खेसर भूटान के राजा जिग्मे सिंघे वांगचुक एवं उनकी तीसरी पत्नी रानी अशी के सबसे बडे़ पुत्र हैं। .

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जवाहरलाल नेहरू

जवाहरलाल नेहरू (नवंबर १४, १८८९ - मई २७, १९६४) भारत के प्रथम प्रधानमन्त्री थे और स्वतन्त्रता के पूर्व और पश्चात् की भारतीय राजनीति में केन्द्रीय व्यक्तित्व थे। महात्मा गांधी के संरक्षण में, वे भारतीय स्वतन्त्रता आन्दोलन के सर्वोच्च नेता के रूप में उभरे और उन्होंने १९४७ में भारत के एक स्वतन्त्र राष्ट्र के रूप में स्थापना से लेकर १९६४ तक अपने निधन तक, भारत का शासन किया। वे आधुनिक भारतीय राष्ट्र-राज्य – एक सम्प्रभु, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष, और लोकतान्त्रिक गणतन्त्र - के वास्तुकार मानें जाते हैं। कश्मीरी पण्डित समुदाय के साथ उनके मूल की वजह से वे पण्डित नेहरू भी बुलाएँ जाते थे, जबकि भारतीय बच्चे उन्हें चाचा नेहरू के रूप में जानते हैं। स्वतन्त्र भारत के प्रथम प्रधानमन्त्री का पद सँभालने के लिए कांग्रेस द्वारा नेहरू निर्वाचित हुएँ, यद्यपि नेतृत्व का प्रश्न बहुत पहले 1941 में ही सुलझ चुका था, जब गांधीजी ने नेहरू को उनके राजनीतिक वारिस और उत्तराधिकारी के रूप में अभिस्वीकार किया। प्रधानमन्त्री के रूप में, वे भारत के सपने को साकार करने के लिए चल पड़े। भारत का संविधान 1950 में अधिनियमित हुआ, जिसके बाद उन्होंने आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक सुधारों के एक महत्त्वाकांक्षी योजना की शुरुआत की। मुख्यतः, एक बहुवचनी, बहु-दलीय लोकतन्त्र को पोषित करते हुएँ, उन्होंने भारत के एक उपनिवेश से गणराज्य में परिवर्तन होने का पर्यवेक्षण किया। विदेश नीति में, भारत को दक्षिण एशिया में एक क्षेत्रीय नायक के रूप में प्रदर्शित करते हुएँ, उन्होंने गैर-निरपेक्ष आन्दोलन में एक अग्रणी भूमिका निभाई। नेहरू के नेतृत्व में, कांग्रेस राष्ट्रीय और राज्य-स्तरीय चुनावों में प्रभुत्व दिखाते हुएँ और 1951, 1957, और 1962 के लगातार चुनाव जीतते हुएँ, एक सर्व-ग्रहण पार्टी के रूप में उभरी। उनके अन्तिम वर्षों में राजनीतिक मुसीबतों और 1962 के चीनी-भारत युद्ध में उनके नेतृत्व की असफलता के बावजूद, वे भारत के लोगों के बीच लोकप्रिय बने रहें। भारत में, उनका जन्मदिन बाल दिवस के रूप में मनाया जाता हैं। .

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जग्गी वासुदेव

जग्गी वासुदेव (जन्म: 5 सितम्बर, 1957) एक योगी, सद्गुरु और दिव्‍यदर्शी हैं। उनको 'सद्गुरु' भी कहा जाता है। वह ईशा फाउंडेशन (अंग्रेजी: Isha Foundation) नामक लाभरहित मानव सेवी संस्‍थान के संस्थापक हैं। ईशा फाउंडेशन भारत सहित संयुक्त राज्य अमेरिका, इंग्लैंड, लेबनान, सिंगापुर और ऑस्ट्रेलिया में योग कार्यक्रम सिखाता है साथ ही साथ कई सामाजिक और सामुदायिक विकास योजनाओं पर भी काम करता है। इसे संयुक्त राष्ट्र के आर्थिक और सामाजिक परिषद (अंग्रेजी: ECOSOC) में विशेष सलाहकार की पदवी प्राप्‍त है। उन्होने ८ भाषाओं में १०० से अधिक पुस्तकों की रचना की है। .

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जंक फूड

चीटोज़ को भी जंक खाद्य श्रेणी में स्थान मिला है, क्योंकि ये औद्योगिक रसोई में ही निर्मित होते हैं व पैक किये जाते हैं लूथर बर्गर, बेकन चीज़ बर्गर में डोनट का प्रयोग होने पर भी उच्च शर्करा और वसा मात्रा होने से जंक खाद्य में रखा गया है जंक फूड आमतौर पर विश्व भर में चिप्स, कैंडी जैसे अल्पाहार को कहा जाता है। बर्गर, पिज्जा जैसे तले-भुने फास्ट फूड को भी जंक फूड की संज्ञा दी जाती है तो कुछ समुदाय जाइरो, तको, फिश और चिप्स जैसे शास्त्रीय भोजनों को जंक फूड मानते हैं। इस श्रेणी में क्या-क्या आता है, ये कई बार सामाजिक दर्जे पर भी निर्भर करता है। उच्चवर्ग के लिए जंक फूड की सूची काफी लंबी होती है तो मध्यम वर्ग कई खाद्य पदार्थो को इससे बाहर रखते हैं। कुछ हद तक यह सही भी है, खासकर शास्त्रीय भोजन के मामले में। सदियों से पारंपरिक विधि से तैयार होने वाले ये खाद्य पदार्थ पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं। संजय गांधी स्नातकोत्तर अनुसंधान संस्थान के एंडोक्राइनोलॉजी विभाग के प्रोफेसर डॉ॰ सुशील गुप्ता के अनुसार जंक फूड आने से पिछले दस सालों में मोटापे से ग्रस्त रोगियों की संख्या काफी बढ़ी है। इनमें केवल बच्चे ही नहीं बल्कि युवा वर्ग भी शामिल है।। जोश १८।।१९ मार्च,२००८। इंडो-एशियन न्यूज सर्विस। अनुपमा त्रिपाठी। इसी संस्थान के गैस्ट्रोएंट्रोलाजी विभाग के प्रोफेसर जी.

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जङ्गबहादुर राणा

महाराजा जंगबहादुर कुंवर राणाजी (1816-1877; जङ्गबहादुर राणा) जो जंगबहादुर राणा के नाम से प्रसिद्ध हैं, नेपाल के पहले राणा प्रधानमन्त्री तथा राणा राजवंश के संस्थापक थे। उनका वास्तविक नाम वीर नरसिंह कुँवर था। इनके शासनकाल में नेपाल ने अंग्रजो से लड़ाई में खोया हुआ जमीन का कुछ हिस्सा (बांके, बर्दिया, कैलाली, कंचनपुर) वापस हासिल किया। जंगबहादुर राणा के जन्म क्षत्रिय कुंवर भारदार परिवार के काजी बालनरसिंह कुँवर और थापा वंशके गणेश कुमारी के पुत्र के रूपमें हुआ । वे नेपाल के प्रसिद्ध मुख्तियार (प्रधानमंत्री) भीमसेन थापा के सहोदर भाइ काजी नैनसिंह थापा के भ्रातृपौत्र थे। उनकी नानी रणकुमारी पांडे नेपालके प्रसिद्ध भारदार पाँडे वंश के काजी रणजीत पांडे के पुत्री हैं । ये अपने पूर्वजों की अपेक्षा स्थायी शासन की स्थापना करने में सफल रहे। इन्हें अपने मामा माथवरसिंह थापा के मंत्रित्वकाल में सेनाध्यक्ष तथा प्रधानमंत्री का पद सौंपा गया किंतु शीघ्र ही उन्होंने रानी राज्य लक्ष्मी के आदेश में मामा माथवरसिंहकी छलपूर्वक हत्या कर दी और चौतारिया फत्तेजंग शाह ने नया मंत्रिमंडल बनाया । इस नए मंत्रिमंडल में इन्हें सैन्य विभाग सौंपा गया। दूसरे वर्ष 1846 ई. में शासन में एक संघर्ष छिड़ा। फलस्वरूप फतेहजंग और उनके साथ के 32 अन्य प्रधान व्यक्तियों की कुटिलतापूर्वक हत्या कर दी गई। महारानी द्वारा राणा की नियुक्ति सीधे प्रधान मंत्री पद पर की गई। शीघ्र ही महारानी का विचार परिवर्तित हुआ और उनकी हत्या के षड्यंत्र भी रचे गए। परंतु रानी की योजना असफल रही। फलत: राजा और रानी दोनों को ही भारत में शरण लेनी पड़ी। अब राणा के मार्ग से सारी बाधाएँ परे हट चुकी थीं। शासन को व्यवस्थित और नियंत्रित करने में इन्हें पूर्ण सफलता मिली। यहाँ तक कि जनवरी, 1850 में वे निश्चिंत होकर इंग्लैंड गए और 6 फ़रवरी 1851 तक वहीं रहे। लौटने पर इन्होंने अपने विरुद्ध रची गई हत्या की कुटिल योजनाओं को पूर्णत: विफल कर दिया। इसके बाद आप दंडसंहिता के सुधार कार्यों में तथा तिब्बत के साथ होनेवाले छिटपुट संघर्षों में उलझे रहे। इसी बीच उन्हें भारतीय सिपाही विद्रोह की सूचना मिली। राणा ने विद्रोहियों से किसी प्रकार की बातचीत का विरोध किया और जुलाई, 1857 को सेना की एक टुकड़ी गोरखपुर भेजी। यही नहीं, दिसंबर में इन्होंने 14,000 गोरखा सिपाहियों की एक सेना लखनऊ की ओर भी भेजी थी जिसने 11 मार्च 1858 को लखनऊ की घेरेबंदी में सहयोग दिया। जंगबहादुर राणा को इस कार्य के लिए जी.बी.सी.

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जुडास प्रीस्ट

जुडास प्रीस्ट बर्मिंघम के ग्रेमी पुरस्कार विजेता एक इग्लिश हैवी मेटल बैंड हैं, जिनका गठन 1969 में हुआ था। जुडास प्रीस्ट की मुख्य लाइन अप में गायक रोब हलफोर्ड, गिटारवादक ग्लेन टिपटान, के.के. डाउनिंग और बासिस्ट इयान हिल शामिल हैं। हालांकि बैंड के पिछले वर्षों में कई ड्रमर आए, फिर भी स्कोट ट्रेविस 1989 से अपने स्थान को बनाए हुए हैं। उन्हें, कई हैवी मेटल संगीतकारों और बैंड के ऊपर एक प्रभाव के रूप में उद्धृत किया जाता है। एक निश्चित हैवी मेटल बैंड के रूप में उनकी लोकप्रियता और स्तर के कारण उन्हें "मेटल गॉड्स" का उपनाम दिया गया, जो उनके इसी नाम के एक गीत से प्रेरित है। उन्होंने 35 लाख से भी अधिक एल्बमों को दुनिया भर में बेचा है। .

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ज्ञानचन्द्र घोष

ज्ञानचंद्र घोष (1894 - 1959 ई) भारत के एक अग्रगण्य वैज्ञानिक थे। .

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ज्योति बसु

ज्योति बसु (बंगला: জ্যোতি বসু) (८ जुलाई १९१४ - १७ जनवरी २०१०) भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के जानेमाने राजनेता थे। वे सन् १९७७ से लेकर २००० तक पश्चिम बंगाल राज्य के मुख्यमंत्री रहकर भारत के सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री बने रहने का कीर्तिमान स्थापित किए। वे सन् १९६४ से सन् २००८ तक सीपीएम पॉलित ब्यूरो के सदस्य रहे। .

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जैव संरक्षण

जैव संरक्षण, प्रजातियां, उनके प्राकृतिक वास और पारिस्थितिक तंत्र को विलोपन से बचाने के उद्देश्य से प्रकृति और पृथ्वी की जैव विविधता के स्तरों का वैज्ञानिक अध्ययन है। यह विज्ञान, अर्थशास्त्र और प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन के व्यवहार से आहरित अंतरनियंत्रित विषय है। शब्द कन्सर्वेशन बॉयोलोजी को जीव-विज्ञानी ब्रूस विलकॉक्स और माइकल सूले द्वारा 1978 में ला जोला, कैलिफ़ोर्निया स्थित कैलिफ़ोर्निया विश्वविद्यालय में आयोजित सम्मेलन में शीर्षक के तौर पर प्रवर्तित किया गया। बैठक वैज्ञानिकों के बीच उष्णकटिबंधीय वनों की कटाई, लुप्त होने वाली प्रजातियों और प्रजातियों के भीतर क्षतिग्रस्त आनुवंशिक विविधता पर चिंता से उभरी.

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जैक प्रेगेर

जैक प्रेगेर (जन्म 25 जुलाई 1930 को मैन्चेस्टर, इंग्लैंड के एक यहूदी परिवार में हुआ) एक ब्रिटिश डॉक्टर हैं जो चिकित्सा उपचार के साथ-साथ पेशेवर प्रशिक्षण सुविधा भारत के शहर कोलकाता और पश्चिमी बंगाल की गरीब जनता को 1972 से प्रदान करते आ रहे हैं। इसी लक्ष्य के तहत उन्होंने कोलकाता रेस्क्यू नामक संस्था भी बनाई है। जैक ने छोटी-सी उम्र में न्याय का अर्थ समझ लिया था जब बालक अवस्था में उन्होंने अपनी फ़्रांस में जन्मी मौसी को हिटलर की सेना के हाथों जान गवाँते देखा था। जैक ने सेंट एडमंड हॉल, ऑक्स्फ़ोर्ड से स्नतक की शिक्षा पूरी की। यहीं से स्नातकोत्तर में अन्होंने अर्थशास्त्र और राजनीति शास्त्र पढ़े। इसके पश्चात कुछ वर्षों के लिए वह वेल्स में किसान के रूप में काम करते रहे। फिर उन्होंने अपने खेत को बेचकर डॉक्टर बनने का निर्णय लिया। 1965 में उन्हें डबलिन के रॉयल कॉलेज ऑफ़ सरजिन्स में प्रवेश मिला। उस समय उनकी आयु 35 वर्ष की थी। .

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जैक बॉल

जैकब टिमोथी (Jacob Timothy) या (जैक बॉल) (जन्म १४ मार्च १९९१) एक इंग्लैंड क्रिकेट टीम के क्रिकेट खिलाड़ी है जो दाईने हाथ से बल्लेबाजी करते है जबकि ये एक गेंदबाज भी है और राइट आर्म फास्ट बोलिंग करते हैं। बॉल का जन्म मेन्सफील्ड,नॉटिंघमशायर,इंग्लैंड में हुआ था। जैक बॉल ने अपने टेस्ट क्रिकेट की शुरुआत १४ जुलाई २०१६ को पाकिस्तान क्रिकेट टीम के खिलाफ की थी जबकि एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की शुरुआत बांग्लादेश क्रिकेट टीम के खिलाफ १२ अक्तूबर २०१६ को की थी। .

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जैक्विलीन बिसेट

जैक्विलीन बिसेट (Jacqueline Bisset) (जन्म 13 सितम्बर 1944) एक अंग्रेज अभिनेत्री हैं। यह चार गोल्डन ग्लोब अवार्ड्स और एक एमी अवार्ड के लिए नामित हो चुकी हैं। इन्हें बुलेट (1968), एयरपोर्ट (1970), द डीप (1977) व क्लास (1983) जैसी फिल्मों और टी वी श्रृंखला निप/टक में इनकी भूमिकाओं के लिए जाना जाता है। इन्होंने कई फ्रेंच प्रस्तुतियों में भी काम किया है तथा ला सेरेमोनी (1995) में इनके कैथरीन नाम के किरदार के लिए इनका सीज़र पुरस्कार के लिए नामांकन भी हुआ। 2010 में इन्हें लीजन ऑफ ऑनर से सम्मानित किया गया था। .

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जूलियन असांजे

जूलियन पॉल असांजे (जन्म: ३ जुलाई १९७१), विकिलीक्स के संस्थापक हैं। विकिलीक्स पर काम करने से पहले वे एक कंप्यूटर प्रोग्रामर और हैकर थे। विकिलीक्स पर उनके किये कार्यों के लिए २००८ में उन्हें इकॉनोमिस्ट फ्रीडम ऑफ़ एक्सप्रेशन अवार्ड और २०१० में सेम एडम्स अवार्ड प्रदान किया गया। उन्होने इराक युद्ध से जुड़े लगभग चार लाख दस्तावेज़ अपनी वेबसाइट पर जारी किए थे जिसमें अमेरिका, इंग्लैंड एवं नाटो की सेनाओं के गंभीर युद्ध अपराध करने के अकाट्य प्रमाण मौजूद थे। अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा तक ने उन्हें इसके ख़िलाफ़ चेतावनी दी थी। इसके पश्चात गिरफ्तारी के डर से उन्हें छिप-छिप कर जीवन बिताना पड़ा। एक साक्षात्कार में असांजे ने कहा कि वह झूठे नामों से होटलों में रह रहे हैं, अपने बालों को दूसरे रंगों में रंग रहे हैं और क्रेडिट कार्ड के स्थान पर नकद राशि का उपयोग कर रहे हैं। इसके लिए अक्सर उन्हें अपने दोस्तों से पैसे उधार लेने पड़ते हैं। ३० नवम्बर २०१० को अंतरराष्ट्रीय लोक अभियोजन अधिकारी ने असांजे के ख़िलाफ़ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया, उनके खिलाफ यौन अपराधों का मुकदमा दर्ज किया गया। ७ दिसम्बर २०१० को असांजे को लंदन में गिरफ्तार कर लिया गया। .

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जेन आस्टिन

जेन ऑस्टिन जेन आस्टिन (Jane Austen; 16 दिसम्बर 1775 – 18 जुलाई 1817) एक अंग्रेजी उपन्यासकार थीं। .

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जेम्स चतुर्थ

जेम्स ५ (जन्म;१७ मार्च १४७३ – निधन ०९ सितम्बर १५१३) स्कॉटलैंड के राजा थे जिन्होंने स्कॉटलैंड पर शासन किया था। इनके पिता जेम्स ३ थे और इनके उत्तराधिकारी जेम्स ५ रहे थे। इन्होंने ११ जून १४८८ से देहांत तक शासन किया था। जेम्स ५ का राज्याभिषेक २४ जून १४८८ को हुआ था,ये कैथोलिक रोमन धर्म के राजा थे। .

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जेम्स चैडविक

१९३५ नोबेल पुरस्कार भौतिक शास्त्र विजेता .

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जेम्स टॉड

जेम्स टॉड (लेफ्टिनेंट-कर्नल जेम्स टॉड; 20 मार्च 1782 – 18 नवम्बर 1835)ब्रिटिश ईस्ट इण्डिया कम्पनी के एक अधिकारी तथा भारतविद थे। इंग्लेंड निवासी जेम्स टाॅड वर्ष 1817-18 में पश्चिमी राजपूत राज्यों के पाॅलिटिकल एजेंट बन कर उदयपुर आए। इन्होंने 5 वर्ष तक राजस्थान की इतिहास-विषयक सामग्री एकत्र की एवं इंग्लैंड जा कर वर्ष 1829 में "एनल्स एंड एंटीक्विटीज ऑफ राजस्थान अथवा सेंट्रल एंड वेस्टर्न राजपूत स्टेट्स आॅफ इंडिया" है। इस रचना में सर्वप्रथम 'राजस्थान' शब्द का प्रयोग हुआ। कर्नल जेम्स टॉड को राजस्थान के इतिहास-लेखन का पितामह माना जाता है। उनका नाम और काम, इतिहास और यात्रा-साहित्य - दोनों के अध्येताओं में बड़े सम्मान से लिया जाता है। .

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जेम्स एंडरसन

जेम्स माइकल "जिमी" एंडरसन (जन्म 30 जुलाई 1982 में बर्नले, लैंकाशिर) एक अंग्रेज क्रिकेट खिलाड़ी हैं। यह लैंकाशिर काउंटी क्रिकेट क्लब के लिए प्रथम-श्रेणी क्रिकेट खेलतें हैं। इन्होने 2002 से 2003 की अवधि के दौरान इंग्लैंड क्रिकेट टीम में कदम रखा था, तथा अब-तक 50 से अधिक टेस्ट व 100 से अधिक एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैचों में अपनी टीम का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। .

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जेम्स थार्नहिल

जेम्स थार्नहिल का आत्मचित्र जेम्स थार्नहिल (Sir James Thornhill; १६७५-७६ -- १७३४) ग्रैंड बरोक परंपरा का एकमात्र ब्रिटिश सज्जा चित्रकार था। सेंट पाल के गिरजाघर की गुंबद में उसने सेंट पाल के जीवन से संबंधित आठ पैनेल बनाये (१७१५-१७)। ग्रीनिच अस्पताल के प्रमुख भवन में उसने ऐतिहासिक नायकों के चित्र बनाए (१७०८-१७२७); हैंप्टन कोर्ट की छत को सुसज्जित किया (१७१५)। सन् १७११ ईo में वह नीदरलैंड तथा १७१७ में फ्रांस में रहा। १७२० में उसने 'सार्जेट पेंटर' और नाइटहुड का पद प्राप्त किया। १७२२ में पार्लिमेंट का सदस्य बना। १७२३ में वह रायल सोसाइटी का फेलो (सदस्य) माना गया। थार्नहिल पहला चित्रकार है जिसने इतनी इज्जत पाई। सज्जाकारी में अन्य देशों से आये कलाकारों से मुकाबला करनेवाला पूरे इंग्लैंड में वह प्रथम कलाकार था। बाद में प्रसिद्धि प्राप्त करनेवाला चित्रकार हागर्थ उसी का दामाद था। श्रेणी:चित्रकार.

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जेम्स द्वितीय

जेम्स द्वितीय (१६३३-१७०१) ग्रेट ब्रिटेन तथा आयरलैंड का शासक (१६८५-८८) था। वह चार्ल्स प्रथम तथा हेनरिटा मेरिया की द्वितीय संतान था। वह १६४३ ई॰ में आर्क ड्यूक बना था। वह योग्य सैनिक, साहसी एवं दृढ़ निश्चय व्यक्ति था, किंतु उसमें दूरदर्शिता की न्यूनता, धर्मान्धता, तथा अनैतिकता थी। अपने पिता की फाँसी के थोड़े समय ही पूर्व वह हालैंड भागा, फिर फ्रांस चला गया। १६५९ ई॰ में उसने एन हाइड से विवाह किया जिससे उसकी दो लड़कियाँ मेरी और एन उत्पन्न हुईं, जो आगे चलकर क्रमश: इंग्लैंड की रानी हुईं। उसकी द्वितीय पत्नी मेरी ऑव मांडेना से १८६६ में एक पुत्र हुआ जो 'ओल्ड प्रिटेंडर' के नाम से प्रसिद्ध हुआ। राजतंत्र की पुन: स्थापना के उपरांत जेम्स लॉर्ड हाई ऐडमिरल नियुक्त हुआ। १६८५ ई॰ में गद्दी पर बैठा और ड्यूक ऑव आरगाइल तथा मनमथ के विद्रोहों को दबाया। कैथालिक के रूप में तथा निरंकुश शासन का संकल्प कर लेने के कारण उसने अपने स्वेच्छानुसार के द्वारा इंग्लैंड के कानूनों का नियमित अतिक्रमण आरंभ किया। जेम्स ने कैथोलिकों का प्रवेश सेना एवं विश्वविद्यालयों में कराया। एक स्थायी सेना की रचना के साथ साथ उसने इंग्लैंड के कानूनों को स्थगित एवं रद्द करने का अधिकार ग्रहण किया। उसकी इंडलजेंस की प्रथम घोषणा ने १६८७ ई॰ में कैथोलिको एवं डिसेंटर्स के विरुद्ध लगाए सारे दंड-विधानों को स्थगित कर दिया जिससे एक राष्ट्रीय चेतना फैल गई। उसकी इंडलजेंस की दूसरी घोषणा का विरोध सात बिशपों ने किया जिनपर मुकदमा चलाया गया। जब वे मुक्त किए गए तो लोगों ने करतल ध्वनि द्वारा इसका स्वागत किया। जेम्स के पुत्र उत्पन्न होने पर प्रोटेस्टेंट विलियम ऑव ओरंज, जो जेम्स का दामाद था, इंगलैंड की गद्दी पर बैठने के लिए भी आमंत्रित किया गया। विलियम के आने पर इंगलैंड की सेना भी उसके साथ हो गई और जेम्स फ्रांस भागा। इंगलैंड की गद्दी को पुन: प्राप्त करने के लिए जेम्स ने १६९० ई॰ में आयरलैंड में एक असफल विद्रोह किया। ६ सितंबर १७०१ ई॰ को सेंट जर्मेंन में जेम्स की मृत्यु हो गई। श्रेणी:इंग्लैंड का इतिहास श्रेणी:ब्रिटेन के शासक.

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जेम्स पॅटिन्सन

वह तेज गेंदबाजी कर विकेट चटका रहा था, यह देखना शानदार था। इंडियन प्रीमियर लीग में उसे कोलकाता नाइट राइडर्स ने खरीदा था, लेकिन क्योंकि कोलकाता पहले से ही एक सितारा जड़ित टीम थी और केवल चार विदेशी खिलाड़ियों को खिलवाने के नियम ने उसके मौको को चोट पहुनचाई। वह ऑस्ट्रेलियाई टीम का खोज था। वह इंग्लैंड में २०१३ एशेज के दौरान घायल हो गया था। उसे २०१३ में कप्तान ने २०१४ जनवरी से एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच के लिए छोड़ दिया था क्युन्कि वह इंग्लैंड में वनडे मैच का विजेता टीम बनना चाहता था। उसे इस फरवरी दक्षिण अफ्रीकी श्रृंखला के लिए चयन किया। वह ऑस्ट्रेलिया के सबसे अच्छे तेज गेंदबाजी प्रतिभाओं में से एक है। ऑस्ट्रेलिया के पूर्व टेस्ट तेज गेंदबाज ब्रेट ली ने नए गेंदबाज जेम्स पैटिनसन की जमकर प्रशंसा की है। श्रेणी:ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट खिलाड़ी श्रेणी:1990 में जन्मे लोग श्रेणी:ऑस्ट्रेलियाई वनडे क्रिकेट खिलाड़ी श्रेणी:ऑस्ट्रेलियाई टेस्ट क्रिकेट खिलाड़ी श्रेणी:जीवित लोग.

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जेम्स ब्लंट

जेम्स ब्लंट, (जन्मतः जेम्स हिलियर ब्लॉन्ट; 22 फ़रवरी 1974 को जन्मे) ग्रैमी एवार्ड के लिये नामांकित अंग्रेज़ गायक-गीतकार द्वारा अपनाया गया स्टेज नेम (मंच नाम) है। अपने पहले एल्बम बैक टू बेडलैम ' और "यू'आर ब्यूटीफुल" तथा "गुडबाय माय लवर" जैसे गानों के रिलीज होने के साथ 2005 में उन्हें प्रसिद्धि प्राप्त हुई.

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जेम्स माउण्टबैटन-विंड्सर, वाइकाउंट सेवर्न

जेम्स, वाइसकाउंट सेवर्न (पूरा नाम:जेम्स ऐलेग्ज़ैंडर फ़िलिप थ़ीओ माउण्टबेटन-विन्ज़र) वेसेक्स के अर्ल और काउंटेस के छोटा और एकलौता पुत्र है। वह महारानी एलिज़ाबेथ द्वितीय का सबसे छोटा पोत है। जेम्स का जन्म १७ दिसंबर २००७ में फ़ॉर्मली पार्क अस्पताल, सरी, इंग्लैंड में हुआ था। उनका बपतिस्मा संस्कार १९ अप्रैल २००८ को विंडसर कासल, बर्कशायर में किया गया था। अपने जन्म के समय वो अपनी दादी, रानी एलिज़ाबेथ द्वितीय के बाद ब्रिटिश सिंघासन पर उत्तराधिकार के अनुक्रम में आठवें स्थान पर थे; कैम्ब्रिज के राजकुमार जॉर्ज और राजकुमारी शार्लट के जन्म के बाद, वर्त्तमान समय में वो दसवें स्थान पर हैं। वो अपनी बड़ी बहन और माता-पिता के साथ बॅगशॉट् पार्क, सरी में रहते हैं। .

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जेम्स मिल

जेम्स मिल जेम्स मिल (1773-1836) स्कॉटलैण्ड के इतिहासकार, राजनीतिज्ञ, दार्शनिक एवं मनोवैज्ञानिक थे। डेविड रिकार्डो के साथ उन्हें क्लासिकल अर्थशास्त्र का जनक माना जाता है। वे जॉन स्टूवर्ट मिल के पिता थे। .

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जेम्स राम्ज़ी माकडानल्ड

इंग्लैंड के प्रधान मन्त्री।.

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जेम्स कालहन

इंग्लैंड के प्रधान मन्त्री।.

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जेम्स २

जेम्स २ और ७ इंग्लैंड और आयरलैंड का राजा था। जेम्स ७ के नाम से वह १६५५ से १६८८ तक स्कॉटलैंड का राजा भी था। १६८८ को हुई क्रान्ति में वह पद छोड़ दिया। वह इग्लैंड, आयरलैंड और स्कॉटलैंड के अंतिम रोमन काथलिक सम्राट था। जेम्स २ चार्लस १ का बेटा था। अपने भाई चार्लस २ की मृत्यु के बाद वह सिंहासन चढ़ गया। जेम्स संसद के साथ अपने संघर्ष के लिए सबसे अधिक जाने जाते हैं। .

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जेरेमी बेन्थम

जेरेमी बेंथम जेरेमी बेन्थम (Jeremy Bentham) (15 फ़रवरी 1748 – 6 जून 1832) इंग्लैण्ड का न्यायविद, दार्शनिक तथा विधिक व सामाजिक सुधारक था। वह उपयोगितावाद का कट्टर समर्थक था। वह प्राकृतिक विधि तथा प्राकृतिक अधिकार के सिद्धान्तों का कट्टर विरोधी था। सन् १७७६ में उसकी 'शासन पर स्फुट विचार' (Fragment on Government) शीर्षक पुस्तक प्रकाशित हुई। इसमें उसने यह मत व्यक्त किया कि किसी भी कानून की उपयोगिता की कसौटी यह है कि जिन लोगों से उसका संबंध हो, उनके आनंद, हित और सुख की अधिक से अधिक वृद्धि वह करे। उसकी दूसरी पुस्तक 'आचार और विधान के सिद्धांत' (Introduction to Principles of Morals and Legislation) १७८९ में निकली जिसमें उसके उपयोगितावाद का सार मर्म सन्निहित है। उसने इस बात पर बल दिया कि 'अधिकतम व्यक्तियों का अधिकतम सुख' ही प्रत्येक विधान का लक्ष्य होना चाहिए। 'उपयोगिता' का सिद्धांत वह अर्थशास्त्र में भी लागू करना चाहता था। उसका विचार था कि प्रत्येक व्यक्ति को, किसी भी तरह के प्रतिबंध के बिना, अपना हित संपन्न करने की स्वतंत्रता रहनी चाहिए। सूदखोरी के समर्थन में उसने एक पुस्तक 'डिफेंस ऑव यूज़री' (Defence of Usury) सन् १७८७ में लिखी थी। उसने गरीबों संबंधी कानून (पूअर लाँ) में सुधार करने के लिए जो सुझाव दिए, उन्हीं के आधार पर सन् १८३४ में उसमें कई संशोधन किए गए। पार्लियामेंट में सुधार कराने के संबंध में भी उसने एक पुस्तक लिखी थी (१८१७)। इसमें उसने सुझाव दिया था कि मतदान का अधिकार प्रत्येक वयस्क व्यक्ति को मिलना चाहिए और चुनाव प्रति वर्ष किया जाना चाहिए। उसने बंदीगृहों के सुधार पर भी बल दिया। और १८११ में 'दंड और पुरस्कार' (Punishments and Rewards) शीर्षक एक पुस्तक लिखी। .

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जेरेमी आयरन्स

जेरेमी जॉन आयरन्स (जन्म: 19 सितंबर 1948) एक इंग्लिश अभिनेता है। ब्रिस्टल ओल्ड विक थिएटर स्कूल में प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद, आयरन्स ने 1969 में मंच पर अपना अभिनय करियर शुरू किया और तब से कई वेस्ट एंड थिएटर प्रोडक्शंस में दिखाई दिये, जिसमें शीतकालीन कथा, मैकबेथ, मच एडो अबाउट, द टमिंग ऑफ द शू, गॉडस्पेल, रिचर्ड द्वितीय, और एम्बर इत्यादि प्रमुख हैं। 1984 में, उन्होंने टॉम स्टॉपपार्ड की द रियल थिंग में अपनी ब्रॉडवे की शुरुआत की और सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के लिए टोनी पुरस्कार प्राप्त किया। .

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जेसन स्टेथम

जेसन स्टेथम (Jason Statham, जन्म १२ सितंबर १९६७) एक अंग्रेज़ फ़िल्म अभिनेता व जों गाय रिची की जुर्म पर आधारित फ़िल्में, रिवॉल्वर, स्नैच और लॉक, स्टॉक एंड स्मोकिंग बैरल्स में भूमिकाओं के लिए जाने जाते हैं। स्टेथम ने द इटालियन जॉब जैसी कई अमरीकी फ़िल्मों में सह-कलाकार की भूमिका निभाई है व द ट्रांसपोर्टर, डेथ रेस, क्रैंक, द बैंक जॉब और वॉर शामिल है। स्टेथम द एक्सपेंडेबल्स में सिल्वेस्टर स्टेलोन, अर्नोल्ड श्वार्ज़नेगर, ब्रूस विलिस, जेट ली और डॉल्फ लुण्डग्रिन के साथ भी नज़र आए है। वे अक्सर अपने साहसिक दृश्य खुद ही करते हैं। इनकी सब फिल्मे अच्छी है .

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जेसी जे

जेसिका एलेन कोर्निश (मार्च 1988 जन्म 27),जेसी जे एक अंग्रेजी गायक और गीतकार है। .

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जे॰ जे॰ थॉमसन

जोसेफ़ जॉन थॉमसन (१८ दिसम्बर १८५६ - ३० अगस्त १९४०) अंग्रेज़ भौतिक विज्ञानी थे। वो रॉयल सोसायटी ऑफ़ लंदन के निर्वाचित सदस्य थे। एक विख्यात वैज्ञानिक थे। उन्हौंने इलेक्ट्रॉन की खोज की थी। थॉमसन गैसों में बिजली के चालन पर अपने काम के लिए भौतिकी में 1906 नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किये गए। उनके सात छात्रों में उनके बेटे जॉर्ज पेजेट थॉमसन सहित सभी भौतिक विज्ञान में या तो रसायन शास्त्र में नोबेल पुरस्कार विजेता बने। उनका रिकॉर्ड केवल जर्मन भौतिकशास्त्री अर्नाल्ड सोम्मेरफील्ड के बराबर है। .

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जॉन ऐडम्स

जॉन ऐडम्स जॉन ऐडम्स (१७३५-१८२६) प्रसिद्ध विद्वान्, सफल विधिज्ञ तथा संयुक्त राज्य अमेरिका के दूसरे राष्ट्रपति थे। इनका कार्यकाल १७९७ से १८०१ तक था। ये फ़ेडरलिस्ट पार्टी से थे। .

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जॉन डाल्टन

जॉन डाल्टन (६ सितंबर, १७६६ - ७ जुलाई, १८४४) एक अंग्रेज़ वैज्ञानिक थे। इन्होंने पदार्थ की रचना सम्बन्धी सिद्धान्त का प्रतिपादन किया जो 'डाल्टन के परमाणु सिद्धान्त' के नाम से प्रचलित है। डाल्टन का जन्म सन् १७६६ में इंग्लैंड के एक गरीब जुलाहा-परिवार में हुआ था। बारह वर्ष की आयु में उन्होंने एक शिक्षक के रूप में अपनी जीविका शुरू की। सात साल बाद वह एक स्कूल के प्रिंसिपल बन गए। सन् १७९३ में जॉन कालेज में गणित, भौतिकी एवं रसायन शास्त्र पढ़ाने वेफ लिए मैनचेस्टर चले गए। वहाँ पर उन्होंने अपने जीवन का अधिकांश समय शिक्षण एवं शोधकार्य में व्यतीत किया। सन 1808 में इन्होंने अपने परमाणु सिद्धांत को प्रस्तुत किया, जो द्रव्यों के अध्ययन के लिए एक महत्वपूर्ण सिद्धांत साबित हुआ। .

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जॉन डे (छापने वाला)

जॉन डे (अंग्रेज़ी: John Day या Daye, लगभग 1522 – 23 जुलाई, 1584) एक अंग्रेज़ी प्रोटेस्टैंट छापने वाला था, जॉन फ़ॉक्स का Actes and Monuments को छापने लिए सबसे विख्यात। डे आदि में मुख्य धर्मीय काम छापते थे, बहुधा एक विवादास्पद nature का, लेकिन बाद में वह थोड़ा उसके समय का सबसे बड़ा और प्रावैधिक कठिन परियोजना करते थे। उसके छपाई का लाक्षणिक (technical) उत्तमता उसके व्यवसाय विद्या को match करते थे: कोर्ट में शक्तिमान आकृति का सम्बन्ध द्वारा, डे भिन्न लाभकर एकाधिकार को सुरक्षित कर सकते थे, जो उसके करियर के नखसिख से hold करते थे। .

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जॉन बन्यन

जॉन बन्यन जॉन बन्यन (John Bunyan; १६२८ - १६८८) अंग्रेज इसाई लेखक एवं धर्मोपदेशक थे। उनकी 'द पिल्ग्रिम्स प्रोग्रेस' (The Pilgrim's Progress) नामक कृति सम्भवतः सर्वाधिक प्रसिद्ध प्रकाशित इसाई रूपक (allegory) है। इसके अलावा उन्होने लगभग ६०० और पुतकें लिखीं। जॉन बन्यन का जीवन एक ऐसे विनम्र एवं कृतसंकल्प व्यक्ति की कहानी है जिसने अपनी आत्मा के अधिवेशन का अनुसरण किया, परंतु कठोर संसार में जहाँ व्यवहारवाद एवं विधान धार्मिक जीवन तथा आचार का निर्धारण करते हैं, यातनाएँ झेलीं। .

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जॉन बुल

प्रथम विश्व युद्ध भर्ती पोस्टर जॉन बुल सामान्य तौर पे ब्रिटेन और विशेष रूप से इंग्लैंड का मनुष्यगुणारोप है, इसका प्रयोग खासकर राजनीतिक कार्टूनों और इसी प्रकार के ग्राफिक कार्यों में सर्वाधिक होता है। इसे आम तौर पर एक मोटा, मध्यम आयु वर्ग, ग्रामवासी, हंसमुख, हक़ीक़ी आदमी के रूप में दिखाया जाता है। बुल का आविष्कार स्कॉटिश गणितज्ञ और चिकित्सक जॉन अर्बाथ्न्ट द्वारा किया गया था। .

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जॉन मार्ले

जान मॉर्ले (John Morley; १८३८ - १९२३) ब्रिटेन का पत्रकार, लेखक और कूटनीतिज्ञ था। मॉर्ले का जन्म २४ दिसंबर, १८३८ को लंकाशायर के ब्लैकबर्न नगर में हुआ। उसने १८५९ में आक्सफोर्ड के लिंकन कालेज से बी० ए० की उपाधि प्राप्त की। इस वर्ष ही वह लंदन नगर आया और मृतप्राय लिटरेरी गजट का संपादक नियुक्त हुआ। साहित्य और राजनीति मार्ले के प्रिय विषय थे। उसके तथ्ययुक्त विचारपूर्ण लेखों ने उसको शीघ्र ही प्रसिद्ध कर दिया। मिलिटरी गजट का प्रकाशन कुछ समय बाद बंद हो गया किंतु मार्ले के साहित्यिक जीवन की ठोस नींव इस काल में पड़ गई। वह १८६७ में फोर्टनाइटली रिव्यू का संपापदक नियुक्त हुआ और १८८३ तक इस पद पर कार्य करता रहा। इस बीच उसने १८६८ से १८७० तक दैनिक मार्निग स्टार और १८८० से १८८३ तक पाल माल गजट का भी संपादन किया। १८८३ से १८८५ तक वह मेंकमिलंस मैगज़ीन का संपादक रहा। सुप्रसिद्ध साहित्यिक और राजनीतिक पुरूषों के जीवनकार्यों का उसने विशेष अध्ययन किया और उनकी जीवनियाँ लिखीं। 'एडमंड बर्क'- एक ऐतिहासिक अध्ययन का प्रकाशन १८६७ में हुआ। फ्रांस के वोल्तेर, रूसो, दिदेरी और विश्वकोशकारों तथा इंग्लैंड के रिचर्ड काबडेन की जीवनियाँ इस काल में प्रकाशित हुईं। १८७४ में उसका प्रसिद्ध निबंध 'कंप्रोमाइज' प्रकाशित हुआ। इस निबंध ने मार्ले को दार्शनिकों की पंक्ति में स्थान दिला दिया। वालपोल, आलिवर क्रामवेल और ग्लेडस्टन की जीवनियाँ १८८९, १९०० और १९०३ में प्रकाशित हुई। मॉर्ले की अन्य दो प्रसिद्ध कृतियाँ 'स्टडीज इन लिटरेचर' और 'द स्टडी आव लिटरेचर' भी शताब्दी के अंतिम दशक में प्रकाशित हुई। मॉर्ले ने १८६९ में अपने नगर से और १८८० में वेस्टमिस्टर से पार्लमेंट में पहुँचने का असफल प्रयत्न किया। १८८३ में वह न्यूकासिल आन टाइन से पार्लमेंट का सदस्य चुन लिया गया। इसी वर्ष उसकी अध्यक्षता में लीड्स में उदारदल का वृहत् सम्मेलन हुआ। प्रतिनिधि व्यवस्था और निर्वाचन पद्धति में सुधार के संबंध में सम्मेलन के महत्वपूर्ण निर्णयों ने उदारदल के प्रभाव में वृद्धि की। मॉर्ले ने समान निर्वाचन क्षेत्रों, नगरों और काउंटियों में समान मताधिकार योग्यता तथा सदस्यों को वेतन देने के पक्ष में देश भर में जनमत तैयार किया। आयरलैण्ड के राष्ट्रीय आंदोलन के प्रति भी मॉर्ले की पूर्ण सहानुभूति थी। उस देश को स्वशासन का अधिकार देने के प्रश्न पर वह ग्लैडस्टन के विचारों से सहमत था। ग्लैडस्टन ने उसको १८८६ ई० में आयर्लैंड का सचिव नियुक्त किया। बहुमत द्वारा समर्थन के अभाव में आयर्लैंड के प्रश्न पर छह मास में ही सरकार की पराजय हो गई पर मॉर्ले अपने क्षेत्र से फिर चुन लिया गया। १८९२ में उदार दल की सरकार बनने पर प्रधान मंत्री ग्लेडस्टन ने मॉर्ले को दुबारा आयर्लैंड का सचिव नियुक्त किया। आयर्लैंड की समस्या को हल करने में मार्लै को सफलता नहीं मिली। दल के मतभेदश् ने इस संबंध के कानून को पार्लमेंट में स्वीकृत नहीं होने दिया। १८९५ में उदार दल की सरकार भंग हो गई और अगले दस वर्षो तक शासनसूत्र अनुदार दल के हाथ में रहा। मॉर्ले ने इस अवधि में कई उत्तम रचनाएँ देश को दीं। १९०२ में एंड्रू कार्नेगी ने लार्ड एक्टन का मूल्यवान् पुस्तकालय खरीदकर मॉर्ले को भेंट किया। मॉर्ले ने उसे केंब्रिज विश्वविद्यालय को सौंप दिया। १९०५ में उदार दल की सरकार बनने पर मॉर्ले भारत सचिव के पद पर नियुक्त हुआ। भारत के राष्ट्रीय आंदोलन को दबाने के लिये उसने १९०७ में कठोर कानून की सृष्टि की। देश की एकता के लिये घातक सांप्रदायिक निर्वाचन प्रणाली के जन्मदाता १९०९ के कानून की रचना में उसका प्रमुख हाथ था। ब्लेमबर्न के वाइकाउंट का पद देकर १९०८ में सरकार ने मॉर्ले का सम्मान किया। तबसे जीवन के अंतिम दिन तक वह लार्ड सभा का सदस्य रहा। १९०९ में उसके विशेष प्रयत्न से लार्ड सभा ने अर्थबिल पर स्वीकृति दी थी। १९१० से १९१४ तक कौंसिल के प्रेसीडेंट का पद भी उसने सँभाला। मॉर्ले शांतिवादी था। १९१४ में प्रथम विश्वयुद्ध प्रारंभ होने पर उसने स्वयं ही लार्ड प्रेसीडेंट का पद त्याग दिया। १९१७ में उसके संस्मरण प्रकाशित हुए। २३ सितंबर, १९२३ को विल्लेडन में उसकी मृत्यु हुई। श्रेणी:यूके के उदार दल के एमपी.

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जॉन मिल्स

जॉन मिल्स (John Mills; 1717 – 1786 or 1796) विश्वकोशकार था जिसने इनसाइक्लोपीदी नामक फ्रांसीसी विश्वकोश का सम्पादन किया। मूलतः वह इंग्लैण्ड के कृषि से सम्बन्धित विषयों पर लिखता था। मिल्स ने सेलियस (Sellius) के साथ मिलकर चैम्बर्स इनसाइक्लोपीडिया के लेखों का अंग्रेजी से फ्रेंच अनुवाद का प्रस्ताव रखा था। किन्तु मिल्स का फ्रेंच ज्ञान अपर्याप्त था। प्रकाशक एण्द्री ली ब्रेटोन उसके कार्य से बहुत निराश हुआ और उसको मारा-पीटा। मिल्स ने ब्रेटोन पर मुकदमा चलाया किन्तु निर्णय ब्रेटोन के पक्ष में गया। ब्रेटोन ने मिल्स के स्थान पर ज्याँ पाल (Jean Paul de Gua de Malves), को नियुक्त किया और फिर उसके स्थान पर डेनिश दिट्रॉयट को। श्रेणी:विश्वकोशकार.

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जॉन मेजर

जॉन मेजर (अंग्रेज़ी: John Major) इंग्लैंड के प्रधान मन्त्री (1990-1997)। .

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जॉन स्टूवर्ट मिल

जॉन स्टूवर्ट मिल (सन १८६५ में) जॉन स्टूवर्ट मिल (John Stuart Mill) (1806 - 1873) प्रसिद्ध आर्थिक, सामाजिक, राजनैतिक, एवं दार्शनिक चिन्तक तथा प्रसिद्ध इतिहासवेत्ता और अर्थशास्त्री जेम्स मिल का पुत्र। .

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जॉन विलियम स्ट्रट, रेले के तृतीय बैरन

जॉन विलियम स्ट्रट (१२ नवंबर, १८४२ - ३० जून, १९१९, लॉर्ड रैली के नाम से ख्यात) एक वैज्ञानिक थे जो अपनी वंशानुगत पदवी के मुताबिक रैली के तृतीय बैरन थे। इनको भौतिकी में ध्वनि तरंगों तथा स्कैटरिंग पर किए गए काम के लिए जाना जाता है। सन् १९०४ में इन्हें भौतिकी का नोबेल पुरस्कार भी मिला था। .

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जॉन आस्टिन

जॉन ऑस्टिन जॉन आस्टिन (John Austin; ३ मार्च सन्‌ १७९० - १८५९) एक अंग्रेज न्यायज्ञ थे। उन्होने विधि के दर्शन तथा विधिशास्त्र पर बहुत अधिक लिखा है। उन्होने विधिक प्रत्यक्षवाद के सिद्धान्त के विकास में उल्लेखनीय योगदान दिया। .

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जॉन इवलिन

जॉन इवलिन जॉन इवलिन (John Evelyn; १६२०-१७०६) एक अंग्रेज लेखक थे। इनका जन्म सरे प्रदेश के एक ऐसे कुलीन परिवार में हुआ था जिसके वंशज दीर्घकाल से इंग्लैंड के नरेशों तथा विधान के सबल समर्थक रहे। राजभक्ति की इस वंशपरंपरा के अनुसार ही युवक इवलिन को आक्सफोर्ड विश्वविद्यालय छोड़ने के साथ ही सन् १६४२ में भयंकर गृहयुद्ध की भड़कती अग्निज्वाला में चार्ल्स प्रथम की विजय के लिए कूदना पड़ा। परंतु वर्ष के अंतिम चरण में उन्होंने स्वदेश छोड़कर हालैंड को प्रस्थान किया। कई वर्षो तक वे यूरोप के विभिन्न देशों में भ्रमण करते रहे और इस यात्रा से उपलब्ध अनुभवों का प्रयोग उन्होंने अपनी प्रसिद्ध 'डायरी' में यथास्थान किया। डायरी का आंरभ १६४२ से हुआ और १७०६ तक की प्रसिद्ध घटनाओं का इसमें उल्लेख है। सन् १६५२ ई. में वे स्वदेश लौटे और सेज़ कोर्ट नामक स्थान पर स्थायी रूप से बस गए। यहीं पर 'सिल्वा' तथा 'स्कल्प्चुरा' नामक दो ग्रंथों में उन्होंने अपने बागवानी तथा गृह-निर्माण-कला संबंधी गहन ज्ञान का परिचय दिया। सन् १६६० में वे 'रायल सोसायटी' के सदस्य हुए और कुछ समय तक इसके स्थानापन्न मंत्री भी रहे। १६८५ से १६८७ तक 'कमिश्नर ऑव प्रीवी सील' के सम्मानित पद को भी उन्होंने सुशोभित किया और १६९५ से १७०३ ई. तक ग्रिनिच हास्पिटल के कोषाध्यक्ष भी रहे। जॉन इवलिन प्रसिद्ध डायरी लेखक सैमुएल पेप्स के घनिष्ठ मित्रों में थे परंतु उनका स्वभाव तथा चरित्र पेप्स महोदाय से बिलकुल भिन्न था। इनके व्यक्तित्व में उत्कट राजभक्ति, विशुद्ध धार्मिकता तथा विवेकशील दार्शनिकता का सुखद सम्मिश्रण था। चार्ल्स द्वितीय के शासन काल में भी, जब अनैतिकता का बोलबाला था और कामिनी तथा सुरा की भोगलिप्सा प्राय: संक्रामक रोग सी हो गई थी, इवलिन महोदय ने अपने को व्याधिमुक्त ही रखा। उनकी प्रतिभा बहुमुखी थी और वे शुद्ध मनोरंजन तथा सामाजिक जीवन की विविधता एवं बहुरसता के हार्दिक प्रेमी थे। उनकी डायरी में वह रस तथा रंग नहीं है जो सैमुएल पेप्स की सफल लेखनी ने संचारित किया है, परंतु उसमें इंग्लैंड के एक तूफानी युग के विभिन्न पहलुओं के विशद चित्र अंकित हैं। 'डायरी' में उनके महान् व्यक्तित्व के साथ ही प्रकांड पांडित्य का साक्षात्कार होता है। पेप्स महोदय की तरह उन्होंने अपने अनुभवों को विशृंखल नहीं छोड़ा है, अपितु कुशल कलाकार के समान एक अंश को दूसरे से गुंफित कर दिया है। पंरतु उनकी गद्यशैली सरल तथा स्पष्ट होते हुए भी रसहीन तथा कई स्थलों पर शुष्क प्रतीत होती है। श्रेणी:अंग्रेज लेखक.

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जॉनी बैरस्टो

जोनाथन मार्स जॉनी बैरस्टो (Jonathan Marc) (जन्म २६ सितम्बर १९८९) एक क्रिकेट खिलाड़ी है जो इंग्लैंड की राष्ट्रीय क्रिकेट टीम इंग्लैंड क्रिकेट टीम के लिए खेलते है तथा ये एक विकेट-कीपर और बल्लेबाज है जो घरेलू क्रिकेट में यॉर्कशायर के लिए खेलते है। बैरस्टो दाईने हाथ से बल्लेबाजी करते हैं। ये पूर्व इंग्लैंड क्रिकेटर डेविड बैरस्टो के द्वितीय पुत्र है। .

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जॉनी ली मिलर

जोनाथन "जॉनी" ली मिलर (Jonathan "Jonny" Lee Miller) (जन्म 15 नवम्बर 1972) एक अंग्रेज़ अभिनेता हैं। शुरुआती दिनों के दौरान इन्हें सर्वाधिक 1996 की फ़िल्मों ट्रेनस्पॉटिंग और हैकर्स में इनकी भूमिकाओं के लिए जाना जाता था। मिलर वर्ष 2008 तक कम सार्वजनिक विख्याति के साथ फ़िल्मों और रंगमंच में लगातार काम करतें रहें, 2008 में इन्होंने अमेरिकी टीवी सीरीज एली स्टोन के दो सत्रों में अभिनय किया इसके बाद ही यह ब्रॉडवे नाटक आफ्टर मिस जूली और बीबीसी निर्मित एम्मा में प्रमुख भूमिकाओं में नज़र आए। 2010 में यह शोटाइम श्रृंखला डेक्सटर के पांचवें सत्र के मुख्य प्रतिपक्षी जॉर्डन चेस की भूमिका में दिखें। 2011 में इन्होंने बेनेडिक्ट कंबरबैच के साथ रॉयल नेशनल थिएटर में आयोजित फ्रेंकस्टीन नाटक में अभिनय किया। मई 2011 में घोषणा की गई थी कि यह टिम बर्टन की फ़िल्म डार्क शैडोज़ में रोजर कोलिन्स का किरदार निभाएंगे। .

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जॉनी वॉकर (व्हिस्की)

जॉनी वॉकर डिएगो के स्कॉच व्हिस्की का एक ब्रांड है एवं इसका उत्पादन स्कॉटलैंड के किल्मरनॉक, आयरशायर में होता है। यह दुनिया भर में मिश्रित स्कॉच व्हिस्की का सर्वाधिक वितरित ब्रांड है, जो तकरीबन हर देश में बेचा जाता है और जिसका सालाना विक्रय 130 मिलियन बोतलों से भी ज्यादा है। .

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जॉर्ज बूल

जॉर्ज बूल (George Boole) (०२ नवम्बर १८१५ - ०८ दिसम्बर १८६४) ब्रिटेन के एक गणितज्ञ एवं दार्शनिक थे। वे तर्कशास्त्र को एक बीजगणितीय रूप देने के लिये प्रसिद्ध हैं। बूल का बीजगणित, आधुनिक संगणक-गणित का आधार सिद्ध हुआ है। आज उनका यह योगदान इतना महान और महत्वपूर्ण दिखता है कि संगणक विज्ञान के जन्मदाताओं में उनकी गणना की जाती है। (जबकि उनके युग में कम्प्यूटर का कहीं अता-पता नहीं था) .

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जॉर्ज सेंट्स्बरी

जॉर्ज सेंट्स्बरी २३ अक्टूबर, १८४५ - २८ जनवरी, १९३३), अंग्रेज़ी भाषा के एक लेखक एवं आलोचक थे। .

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जॉगिंग

महिला एक कुत्ते के साथ जॉगिंग करती हुई जॉगिंग दौड़ का ही एक रूप है जिसमें व्यक्ति धीमी गति से और इत्मीनान से लगातार दौड़ता रहता है। इसका मुख्य उद्देश्य शरीर की फिटनेस को बढ़ाना है। इससे शरीर पर वह तनाव उत्पन्न नहीं होता है जो तेज गति से दौड़ने के कारण पैदा होता है। .

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जो रूट

जो रूट (अंग्रेजी:Joseph Edward "Joe" Root (जन्म ३० दिसम्बर १९९०) इंग्लैंड की राष्ट्रीय क्रिकेट टीम इंग्लैंड क्रिकेट टीम के खिलाड़ी है जो विशेषतः बल्लेबाज़ी करते हैं । ये दाहिने हाथ से बल्लेबाज़ी करते हैं और इन्होंने अपने टेस्ट क्रिकेट की शुरुआत १३ दिसम्बर २०१२ में की थी। .

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जोन ऑफ़ आर्क

संत जोन ऑफ़ आर्क या ऑर्लियन्स की कन्या (फ्रांसीसी: Jeanne d'Arc, ज़ॉन द'आर्क); लगभग १४१२ – ३० मई १४३१) फ्रांस की वीरांगना थीं, जिन्हें रोमन कैथोलिक चर्च में संत माना जाता है। ये पूर्वी फ्रांस के एक किसान परिवार में जन्मी थीं। १२ वर्ष की आयु से इन्हें ईश्वरीय संदेश मिलने शुरु हुए कि किस तरह फ्रांस से अंग्रेजों को निकाल बाहर किया जाए। इन्हीं दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए इन्होंने फ्रांस की सेना का नेतृत्व किया और कई महत्वपूर्ण लड़ाइयाँ जीतीं, जिनके चलते चार्ल्स सप्तम फ्रांस की राजगद्दी पर बैठ पाए। ये फ्रांस के संरक्षक संतों में से एक हैँ। जोन का कहना था कि इन्हें ईश्वर से आदेश मिले कि वे अपनी जन्मभूमि को अंग्रेजों से मुक्त कराएँ। सौ वर्षों के युद्ध के अंतिम वर्षों में इंग्लैण्ड ने फ्रांस के काफी भूभाग पर कब्जा कर लिया था। फ्रांस के वैध राजा चार्ल्स सप्तम का राज्याभिषेक भी नहीं हो पाया था। जोन ने जब चार्ल्स को बताया कि ईश्वरीय संदेश के अनुसार ऑर्लियन्स में फ्रांस की जीत निश्चित है, तो चार्ल्स ने जोन को ऑर्लियन्स की घेराबंदी तोड़ने के लिए भेज दिया। ऑर्लियन्स पहुँच कर जोन ने हतोत्साहित सेनापतियों को उत्साह दिलाया और नौ दिन के अंदर-अंदर घेराबंदी को तोड़ डाला। इसके बाद इन्होंने फ्रांस की सेना की सावधानी से काम लेने की नीति को बदल दिया और अपने स्फूर्त नेतृत्व से कई और लड़ाइयाँ जीतीं। अंततः इनके कहे अनुसार रैम में चार्ल्स सप्तम का राज्याभिषेक हुआ। कॉम्पियैन में इन्हें अंग्रेजों ने पकड़ लिया और चुड़ैल करार देते हुए जीवित जला दिया। उस समय ये केवल १९ साल की थीं। २४ साल बाद चार्ल्स सप्तम के अनुरोध पर पोप कॅलिक्स्टस तृतीय ने इन्हें निर्दोष ठहराया और शहीद की उपाधि से सम्मानित किया। १९०९ में इन्हें धन्य घोषित किया गया और १९२० में संत की उपाधि प्रदान की गई। पाश्चात्य संस्कृति में जोन ऑफ़ आर्क की बहुत महत्ता है। नेपोलियन से लेकर आधुनिक नेताओं तक, सब फ्रांसीसी राजनेता जोन का आह्वान करते आए हैं। बहुत से लेखकों ने इनके जीवन से प्रेरित हो साहित्य रचा है, जिनमें शामिल हैं- विलियम शेक्सपियर, वोल्टेयर, फ्रेडरिक शिलर, जिसेप वर्दी, प्योत्र ईलिच चाइकौव्स्की, मार्क ट्वेन, बर्तोल्त ब्रैच्त और जॉर्ज बर्नार्ड शॉ। इसके अलावा इनपर बहुत सी फिल्में, वृत्तचित्र, वीडियो गेम और नृत्य भी बने हैं। .

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जोशिया जॉन गुडविन

जोशिया जॉन गुडविन एक आशुलिपिक एवं सम्पादक थे। उसका जन्म 20 सितम्बर, 1870 को इंग्लैंड के बैथेस्टोन में हुआ था। वे स्वामी विवेकानन्द के आशुलिपिक थे, स्वामीजी विश्वप्रसिद्ध भाषण लिखने का श्रेय जोशिया जॉन गुडविन को जाता है। गुडविन ने स्वामी जी के भाषणों के साथ उनके कई भाषाओं में पत्र भी लिखे। गुडविन 99 प्रतिशत शुद्धता के साथ 200 शब्द प्रति मिनट लिखते थे, और इस विशेषता को देखते हुए स्वामी विवेकानन्द के 1895 में न्यूयार्क प्रवास के दौरान उन्हें उचित पारिश्रमिक पर निजी आशुलिपिक नियुक्त किया था। लेकिन स्वामी जी के भाषण सुनते-सुनते गुडविन उनके शिष्य बन गए। और वे अपनी सेवाएँ निःशुल्क देने लगे। जनवरी 1897 में वे स्वामी जी के साथ कोलकाता आ गये। तब से वे स्वामी विवेकानंद के साथ रहे। उन्होंने ‘ब्रह्मवादिन’ नामक पत्रिका के प्रकाशन में भी सहयोग दिया। मद्रास (अब चेनई) की गरम जलवायु से जब उनका स्वास्थ्य बिगड़ने लगा, वे ऊटी आ गये। वहीं 2 जून, 1898 को 28 वर्ष की आयु में उनका देहांत हो गया।.

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जोस बटलर

जोसेफ़ चार्ल्स बटलर या जोस बटलर (जन्म ०८ सितम्बर १९९०,टाउंटन,समरसेट,इंग्लैंड) एक अंतर्राष्ट्रीय स्तर के क्रिकेट खिलाड़ी है जो इंग्लैंड की राष्ट्रीय क्रिकेट टीम के लिए एक दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय,टेस्ट क्रिकेट और ट्वेन्टी-ट्वेन्टी प्रारूप में खेलते है। बटलर दाईने हाथ के एक बल्लेबाज है जो कि विकेट कीपिंग भी करते हैं। साथ ही बटलर इंडियन प्रीमियर लीग में भी खेलते है जो कि मुम्बई इंडियन्स टीम का हिस्सा है। .

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जोसेप प्ला

जोसेप प्ला (8 मार्च 1897 – 23 अप्रैल 1981) स्पेनी कैटलन पत्रकार और प्रसिद्ध लेखक थे। पत्रकार के तौर पर इन्होंने फ्रांस, इटली, इंग्लैंड, जर्मनी और रूस जैसे देशों में रह कर पत्रकारिता की थी। .

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जोज़फ अर्नाल्ड ट्वानबी

जोज़फ अर्नाल्ड ट्वानबी के चाचा और समाजशास्त्रीर्थशास्त्री के लिये देखें - अर्नाल्ड ट्वानबी ---- जोज़फ अर्नाल्ड तॉयनबी जोज़फ अर्नाल्ड ट्वानबी (14 अप्रैल 1889 – 22 अक्टूबर 1975)) विश्वविख्यात अंग्रेज इतिहासकार थे। आक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से उच्च शिक्षा प्राप्त कर उन्होंने वहाँ और लंदन विश्वविद्यालय में इतिहास के अध्यापन का कार्य किया और विद्या के क्षेत्र में कीर्ति अर्जित की। परराष्ट मंत्रालय के शोध विभाग के संचालक आदि महत्वपूर्ण पदों पर रहकर उन्होंने सरकरी सेवा भी की। पेरिस शांति संमेलन (1946) में भाग लेनेवाले इंग्लैंड के वे सदस्य भी थे। लंदन जन्मे तॉयनबी ऑक्सोफ़र्ड के विनचेस्टर कॉलेज और बल्लीओल कॉलेज में शिक्षा से ग्रहण की। एक छात्र के रूप में परिश्रमी और प्रतिभाशाली टॉयनबी शुरू से इतिहासकार बनना चाहते थे। उन्हें लगता था कि इतिहास के धरातल पर दुनिया में न जाने कितना काम करना अभी बाकी है। 1912 में उन्होंने बल्लीओल कॉलेज में एक शिक्षक के रूप काम करना शुरू किया। प्रथम विश्वयुद्ध के दौरान ब्रिटिश कार्यालय के राजनीतिक खुफ़िया विभाग के लिए तथा 1919 में पेरिस शांति सम्मेलन के लिए एक प्रतिनिधि के रूप में कार्य किया। किंतु ट्वनबी ने सबसे बड़ी प्रतिष्ठा महान सार्वत्रिक इतिहासकार के रूप में पाई है। संसार की प्रमुख भाषाओं की विशिष्ट जानकारी की कुंजियों से अनंत ज्ञानराशि के तहखानों में पैठकर उसे प्रकाश में लाने की अपूर्व क्षमता के साथ ही स्वतंत्र विचारक एवं मौलिक स्रष्टा की गरिमा भी उनमें विद्यमान है। उनकी अमर कृति "ए स्टडी ऑव हिस्टरी" (10 जिल्द, 1934-1954) इस शताब्दी का अत्यंत प्रभावशाली ऐतिहासिक अध्ययन है। इनमें विश्व की 26 सभ्यताओं के विकास, ह्रास और पतन का गवेषणात्मक विवेचन किया गया है। ट्वानबी ने आधुनिक पश्चिमी सभ्यता को भी तटस्थ होकर विचारने की चेष्टा की है। किंतु उनका ऐतिहासिक विश्लेषण मुख्यत: धार्मिक दृष्टि से प्रभावित है और उन्हें इतिहास में जीव की ईश्वर की ओर प्रगति दिखाई देती है। उनके विचार में पश्चिमी सभ्यता की रक्षा ईसाई धार्मिक भावना के पुन:जागरण से ही संभव हो सकती है। उनक यह निष्कर्ष सर्वमान्य तो नहीं है, किंतु विश्व की ऐतिहासिक घटनाओं एवं प्रवृत्तियों की उनकी सभी व्याख्याओं को अकेला चुनौती देनेवाला कोई बिरला ही विद्वान् हो सकता है। "ए स्टडी ऑव हिस्टी" की सभी जिल्दों को प्राय: बिना ऊबे हुए पढ़ सकना कठिन है और साधारणतया सोमरविल को दो जिल्दोंवाला उसका संक्षिप्त संस्करण ही प्रचलित है। ट्वानबी की अन्य पुस्तकों में 'नैशनैलटी ऐंड वार' (1915), 'दि न्यू यूरोप' (1915), 'सिविलिजेशन ऑन ट्रायल' (1941), 'दि वल्ड्र ऐंड दि वेस्ट' (1952), 'एन हिस्टोरियंज ऐप्रोच टु रेलिजन' (1956) इत्यादि उल्लेखनीय हैं। .

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ईडविग, इंग्लैंड का राजा

ईडविग, 'Eadwig, अन्य वर्तनी ऍडविग, ऍडवी (मृत्यु 1 अक्टूबर 959), सामान्यत: जिसे द ऑल फेयर (भोलाभाला) भी कहते हैं, ९५५ ई. से ९५९ ई. में अपनी मृत्यु तक अंग्रेजों का राजा था। एडमंड प्रथम और उनकी रानी शाफ्ट्सबरी की ऍल्फगिफु का ज्येष्ठ पुत्र ईडविग अपने चाचा ईडरेड की मृत्यु के पश्चात सन ९५५ में इंग्लैंड का राजा बना। उसका लघु शासन गिरिजाघर के पादरियों और अन्य कुलीन व्यक्तियों जैसे डंस्टन और प्रमुख पादरी ओडा के साथ झगडों के कारण प्रख्यात रहा। ईडविग की चार वर्षों के लघु शासन के बाद सन् 959 में मृत्यु हो गयी। उसे राजधानी विनचेस्टर में दफनाया गया। उसका भाई शांतिदूत एडगर उसका उत्तराधिकारी बना। .

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ईयन विल्मट

सर इयन विल्मट(Sir Ian Wilmut; जन्मतिथी:७ जुलाई १९४४) एक ब्रिटिश शोधकर्ता एवं जीववैज्ञानिक एवं स्काॅटलैंड के एडिनबर्ग विश्वविद्यालय के सेंटर फ़ाॅर रीजेनरेटिव मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष हैं, जिन्हें बेहतर रूप से, 1997 में डाॅली (भेड़) के प्रतिरूपण में महत्वपूर्ण भागिदारी के लिये जाना जाता है(उन्हों ने इस योजना पर काम कर रहे वैज्ञानिकों का नेत्रित्व किया था)। डाॅली, वयस्क दैहिक कोशिका द्वारा प्रतिरूपित पहली स्तनपायी थी। .

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ईसाई समाजवाद

ईसाई समाजवाद (Christian socialism) मजहबी समाजवाद का एक रूप है जो ईसा मसीह की शिक्षाओं पर आधारित है। .

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ईस्ट मिडलैंड्स

ईस्ट मिडलैंड्स इंग्लैंड के नौ आधिकारिक क्षेत्रों में से एक है। क्षेत्र या रीज़न सांख्यिकीय उद्देश्यों के लिए इंग्लैंड की प्रथम स्तर की खण्डीय इकाई है। ईस्ट मिडलैंड्स में पारंपरिक मिडलैंड्स क्षेत्र का पूर्वी भाग आता है और नॉटिंघमशायर, डर्बीशायर, लेस्टरशायर, रटलैंड, नॉर्थहैम्पटनशायर काउंटियों के साथ-साथ लिंकनशायर काउंटी का ज्यादातर हिस्सा इसी क्षेत्र में आता है। .

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ईस्ट ऑफ़ इंग्लैंड

ईस्ट ऑफ़ इंग्लैंड इंग्लैंड के नौ आधिकारिक क्षेत्रों में से एक है। क्षेत्र या रीज़न सांख्यिकीय उद्देश्यों के लिए इंग्लैंड की प्रथम स्तर की खण्डीय इकाई है। यह 1994 में बनाया गया था और 1999 के आंकड़ों के लिए अपनाया गया। इसमें बेडफ़र्डशायर, केमब्रिजशायर, हर्टफ़र्डशायर, एसेक्स, नॉर्फ़क और सफ़क समारोहिक काउंटियाँ आती हैं। क्षेत्र में सबसे अधिक आबादी एसेक्स में निवास करती है। .

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ईंट

शीर्षों और चौखटों के वैकल्‍पिक विधियों के साथ रखा गया अंग्रेजी बंध पत्र में पुरानी ईंट की दीवार ऐतिहासिक नत्चितोचेस, लुइसियाना में ईंट से निर्मिति केन नदी के साथ सामने की गली चिनाई के कार्य में उपयोग किया जाने वाला ईंट मिट्टी का ब्लॉक है, जिन्हें सामान्‍यत: विभिन्‍न प्रकार के गारे का उपयोग कर चिना जाता है। .

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घड़ी

एक घड़ी घड़ी वह यंत्र है जो संपूर्ण स्वयंचालित प्रणाली द्वारा किसी न किसी रूप में वर्तमान समय को प्रदर्शित करती है। घड़ियाँ कई सिद्धान्तों से बनायी जाती हैं। जैसे धूप घड़ी, यांत्रिक घड़ी, एलेक्ट्रॉनिक घड़ी आदि अधिकतर घड़ियों में नियमित रूप से आवर्तक (recurring) क्रियाएँ उत्पन्न करने की स्वयंचालित व्यवस्था होती है, जैसे लोलक का दोलन, सर्पिल कमानियों (spiral springs) तथा संतुलन चक्रों (balancewheels) को दोलन, दाबविद्युत् मणिभों (piezo-electric crystals) का दोलन, अथवा उच्च आवृत्तिवाले संकेतों की परमाणुओं की मूलअवस्था की अतिसूक्ष्म संरचना (hyperfine structure) से तुलना इत्यादि। प्राचीन काल में धूप के कारण पड़नेवाली किसी वृक्ष अथवा अन्य स्थिर वस्तु की छाया के द्वारा समय के अनुमान किया जाता था। ऐसी धूपधड़ियों का प्रचलन अत्यंत प्राचीन काल से होता आ रहा है जिनमें आकाश में सूर्य के भ्रमण के करण किसी पत्थर या लोहे के स्थिर टुकड़े की परछाई की गति में होनेवाले परिवर्तन के द्वारा "घड़ी" या "प्रहर" का अनुमान किया जाता था। बदली के दिनों में, अथवा रात में, समय जानने के लिय जल घड़ी का आविष्कार चीन देशवासियों ने लगभग तीन हजार वर्ष पहले किया था। कालांतर में यह विधि मिस्रियों, यूनानियों एवं रोमनों को भी ज्ञात हुई। जलघड़ी में दो पात्रों का प्रयोग होता था। एक पात्र में पानी भर दिया जाता या और उसकी तली में छेद कर दिया जाता था। उसमें से थोड़ा थोड़ा जल नियंत्रित बूँदों के रूप में नीचे रखे हुए दूसरे पात्र में गिरता था। इस पात्र में एकत्र जल की मात्रा नाप कर समय अनुमान किया जाता था। बाद में पानी के स्थान पर बालू का प्रयोग होने लगा। इंग्लैंड के ऐल्फ्रेड महान ने मोमबत्ती द्वारा समय का ज्ञान करने की विधि आविष्कृत की। उसने एक मोमबत्ती पर, लंबाई की ओर समान दूरियों पर चिह्र अंकित कर दिए थे। प्रत्येक चिह्र तक मोमबत्ती के जलने पर निश्चित समय व्यतीत होने का ज्ञान होता था। यांत्रिक घड़ियों में अनेक पहिए होते हैं, जो किसी कमानी, लटकते हुए भार अथवा अन्य उपायों द्वारा चलाए जाते हैं। इन्हें किसी दोलनशील व्यवस्था द्वारा इस प्रकार निंयत्रित किया जाता है कि इनकी गति समांग (uniform) होती है। इनके साथ ही इसमें घंटी या घंटा (gong) भी होता है, जो निश्चित अवधियों पर स्वयं ही बज उठता है और समय की सूचना देता है। .

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वनस्पति (फ्लोरा)

एक द्वीप की वनस्पति के योजनाबद्ध सरलीकृत - इनकी सभी संयंत्र प्रजातियां, बॉक्स बनाकर हाइलाइट की गई हैं। वनस्पति विज्ञान में, अंग्रेज़ी शब्द flora (बहुवचन:floras या florae) के दो अर्थ हैं: एक वनस्पति (फ्लोरा) (स्मॉल 'एफ') को आम तौर पर किसी विशेष क्षेत्र में प्राकृतिक रूप से उत्पन्न हुई वनस्पति या स्थानीय वनस्पति के वर्णन के लिए संदर्भित किया जाता है, जबकि फ्लोरा (कैपिटल 'F') पुस्तक या अन्य कार्य जिसमें वनस्पतियों और पौधों के रेखा चित्र के साथ विभिन्न प्रकार के पौधों की पहचान और विवरण होते हैं उनके लिए संदर्भित किए जाते हैं। वनस्पति के अध्ययन के साथ वनस्पति को तैयार करना फ्लोरिस्टिक्स कहलाता है। वनस्पति शब्द लैटिन भाषा के फ्लोरा से आया है, रोमन पुराण में फूलों की देवी को फ्लोरा कहते हैं। तदनुसार पशुवर्ग (फौना) शब्द का प्रयोग जीव जन्तुओं के लिए होता है। वनस्पति, जीव और अन्य जीवन जैसे कवक सामूहिक रूप से बायोटा कहलाते हैं। कुछ उत्कृष्ट और आधुनिक बनस्पतियां नीचे सूचीबद्ध हैं। .

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वरिकशायर काउंटी क्रिकेट क्लब

वरिकशायर काउंटी क्रिकेट क्लब अठारह में से एक है प्रथम श्रेणी काउंटी क्लबों के भीतर घरेलू क्रिकेट की संरचना इंग्लैंड और वेल्स। श्रेणी:क्रिकेट क्लब.

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वाणिज्यिक क्रांति

विश्व के आर्थिक इतिहास में वाणिज्यिक क्रांति (Commercial Revolution) उस अवधि को कहते हैं जिसमें आर्थिक प्रसार, उपनिवेशवाद और व्यापारवाद (mercantilism) का जोर रहा। यह अवधि लगभग सोलहवीं शती से आरम्भ होकर अट्ठारहवीं शती के आरम्भ तक मानी जाती है। इसके बाद की अवधि में औद्योगिक क्रान्ति हुई। .

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वायलिन

बेला या वायलिन (violin) विश्व के सबसे लोकप्रिय वाद्ययंत्र में से एक है जिसका प्रयोग पाश्चात्य संगीत से लेकर हर तरह के संगीत में किया जाता है।तारवाले वाद्ययंत्रों (जैसे सारंगी, सितार आदि) में बेला सबसे छोटा, परंतु ऊँचे तारत्ववाला वाद्ययंत्र है। .

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वाराणसी

वाराणसी (अंग्रेज़ी: Vārāṇasī) भारत के उत्तर प्रदेश राज्य का प्रसिद्ध नगर है। इसे 'बनारस' और 'काशी' भी कहते हैं। इसे हिन्दू धर्म में सर्वाधिक पवित्र नगरों में से एक माना जाता है और इसे अविमुक्त क्षेत्र कहा जाता है। इसके अलावा बौद्ध एवं जैन धर्म में भी इसे पवित्र माना जाता है। यह संसार के प्राचीनतम बसे शहरों में से एक और भारत का प्राचीनतम बसा शहर है। काशी नरेश (काशी के महाराजा) वाराणसी शहर के मुख्य सांस्कृतिक संरक्षक एवं सभी धार्मिक क्रिया-कलापों के अभिन्न अंग हैं। वाराणसी की संस्कृति का गंगा नदी एवं इसके धार्मिक महत्त्व से अटूट रिश्ता है। ये शहर सहस्रों वर्षों से भारत का, विशेषकर उत्तर भारत का सांस्कृतिक एवं धार्मिक केन्द्र रहा है। हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत का बनारस घराना वाराणसी में ही जन्मा एवं विकसित हुआ है। भारत के कई दार्शनिक, कवि, लेखक, संगीतज्ञ वाराणसी में रहे हैं, जिनमें कबीर, वल्लभाचार्य, रविदास, स्वामी रामानंद, त्रैलंग स्वामी, शिवानन्द गोस्वामी, मुंशी प्रेमचंद, जयशंकर प्रसाद, आचार्य रामचंद्र शुक्ल, पंडित रवि शंकर, गिरिजा देवी, पंडित हरि प्रसाद चौरसिया एवं उस्ताद बिस्मिल्लाह खां आदि कुछ हैं। गोस्वामी तुलसीदास ने हिन्दू धर्म का परम-पूज्य ग्रंथ रामचरितमानस यहीं लिखा था और गौतम बुद्ध ने अपना प्रथम प्रवचन यहीं निकट ही सारनाथ में दिया था। वाराणसी में चार बड़े विश्वविद्यालय स्थित हैं: बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ, सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ हाइयर टिबेटियन स्टडीज़ और संपूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय। यहां के निवासी मुख्यतः काशिका भोजपुरी बोलते हैं, जो हिन्दी की ही एक बोली है। वाराणसी को प्रायः 'मंदिरों का शहर', 'भारत की धार्मिक राजधानी', 'भगवान शिव की नगरी', 'दीपों का शहर', 'ज्ञान नगरी' आदि विशेषणों से संबोधित किया जाता है। प्रसिद्ध अमरीकी लेखक मार्क ट्वेन लिखते हैं: "बनारस इतिहास से भी पुरातन है, परंपराओं से पुराना है, किंवदंतियों (लीजेन्ड्स) से भी प्राचीन है और जब इन सबको एकत्र कर दें, तो उस संग्रह से भी दोगुना प्राचीन है।" .

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वारेन हेस्टिंग्स

वारेन हेस्टिंग्स (6 दिसंबर 1732 – 22 अगस्त 1818), एक अंग्रेज़ राजनीतिज्ञ था, जो  फोर्ट विलियम प्रेसीडेंसी (बंगाल) का प्रथम गवर्नर तथा बंगाल की सुप्रीम काउंसिल का अध्यक्ष था और इस तरह 1773 से 1785 तक वह भारत का प्रथम वास्तविक (डी-फैक्टो) गवर्नर जनरल रहा। 1787 में भ्रष्टाचार के मामले में उस पर महाभियोग चलाया गया लेकिन एक लंबे परीक्षण के बाद उसे 1795 में अंततः बरी कर दिया गया। 1814 में उसे प्रिवी काउंसिलर बनाया गया। .

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वाल्टर स्काट

वाल्टर स्कॉट सर वाल्टर स्काट (Sir Walter Scott, 1st Baronet, FRSE; १७७१ - १८३२ ई.) अंग्रेजी के प्रसिद्ध ऐतिहासिक उपन्यासकार, नाटककार तथा कवि थे। स्कॉट अंग्रेजी भाषा के प्रथम साहित्यकार थे जिन्हें अपने जीवनकाल में ही अन्तरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त हो गयी थी। .

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वास्तुकला का इतिहास

वास्तुकला किसी स्थान को मानव के लिए वासयोग्य बनाने की कला है। अत: कालांतर में यह चाहे जितनी जटिल हो गई हो, इसका आरंभ मौसम की उग्रता, वन्य पशुओं के भय और शत्रुओं के आक्रमण से बचने के प्रारंभिक उपायों में ही हुआ होगा। मानव सभ्यता के इतिहास का भी कुछ ऐसा ही आरंभ है। इसीलिए विद्वानों ने इसे मानव सभ्यता का "योजक मसाला" कहा है। .

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वाहितमल उपचार

मलजल प्रशोधन का उद्देश्य - समुदायों के लिए कोई मुसीबत पैदा किए बिना या नुकसान पहुंचाए बिना निषकासनयोग्य उत्प्रवाही जल को उत्पन्न करना और प्रदूषण को रोकना है।1 मलजल प्रशोधन, या घरेलू अपशिष्ट जल प्रशोधन, अपवाही (गन्दा जल) और घरेलू दोनों प्रकार के अपशिष्ट जल और घरेलू मलजल से संदूषित पदार्थों को हटाने की प्रक्रिया है। इसमें भौतिक, रासायनिक और जैविक संदूषित पदार्थों को हटाने की भौतिक, रासायनिक और जैविक प्रक्रियाएं शामिल हैं। इसका उद्देश्य एक अपशिष्ट प्रवाह (या प्रशोधित गन्दा जल) और एक ठोस अपशिष्ट या कीचड़ का उत्पादन करना है जो वातावरण में निर्वहन या पुनर्प्रयोग के लिए उपयुक्त होता है। यह सामग्री अक्सर अनजाने में कई विषाक्त कार्बनिक और अकार्बनिक यौगिकों से संदूषित हो जाती है। .

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वाइटहॉल पैलस

वाइटहॉल पैलेस या पैलेस ऑफ़ वाइटहॉल(Palace of Whitehall, ब्रिटिश उच्चारण:प़ॅलॆस् ऑफ़ व़ाइठ्हाॅल़्) (अर्थात, वाइटहॉल का महल), लंदन के वेस्टमिंस्टर शहर में स्थित एक पूर्व राजमहल था। यह महल 1530 से 1698 तक, अंग्रेजी राजाओं और, लंदन में, क्वींस का मुख्य राजनिवास हुआ करता था। दुर्भाग्यवश १६९८ में एक भीषण आग के कारण यह महल पूरी तरह से नष्ट हो गया था। उस आग में महल के इनिगो जोन्स के 1622 के बैंक्वेट हॉल(दावत घर) को छोड़कर पूरा महल नष्ट हो गया। आग से पहले, यह महल यूरोप में सबसे बड़ा महल हुआ करता था। उस समय, इस महल में कुल 1500 कमरे हुआ करते थे, और एक समय में यह दुनिया की सबसे बड़ी इमारत हुआ करता था। महल के स्थान पर आज अनेक सरकारी भवन व कार्यालय हैं, इतना की, ब्रिटेन में अक्सर सरकार का बोध करने के लिए "वाइटहॉल" शब्द को एक उपलक्षण के रूप में भी उपयोग किया जाता है। इन सरकारी इमारतों के अलावा इस स्थान से "वाइटहॉल रोड" नमक एक सड़क भी गुज़रती है, जिसका नाम इस पूवस्थित महल के नाम पर रखा गया है। .

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विट्ठल भाई पटेल

विट्ठल भाई पटेल विट्ठल भाई पटेल (१८७१ - १९३३) भारत के प्रख्यात विधानवेत्ता, वक्तृत्वकला के आचार्य और भारतीय स्वतंत्रता आन्दोलन के देश-विदेश में प्रचारक, प्रवर्तक थे। वे सरदार वल्लभ भाई पटेल के बड़े भाई थे। .

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विद्याधर सूरजप्रसाद नैपाल

वी एस नाइपॉल या विद्याधर सूरजप्रसाद नैपालका जन्म १७ अगस्त सन १९३२ को ट्रिनिडाड के चगवानस (Chaguanas) में हुआ। उनहे नुतन अंग्रेज़ी छंद का गुरु कहा जाता है। वे कई साहित्यिक पुरस्कार से सम्मानित किये जा चुके हे, इनमे जोन लिलवेलीन रीज पुरस्कार (१९५८), दी सोमरसेट मोगम अवाङँ (१९८०), दी होवथोरडन पुरस्कार (1964), दी डबलु एच स्मिथ साहित्यिक अवाङँ (१९६८), दी बुकर पुरस्कार (१९७१), तथा दी डेविड कोहेन पुरस्कार (१९९३) ब्रिटिश साहित्य मे जीवन परयंत कायँ के लिए, प्रमुख है। वी एस नैपाल को २००१ मे साहित्य मे नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया। २००८ मे दी टाईम्स ने वी एस नैपाल को अपनी ५० महान ब्रिटिश साहित्यकारो की सुची मे सातवां स्थान दिया। .

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विधिक व्यक्तित्व

विधि या कानून जिन एककों को मुकादमा चलाने या जिनपर मुकदमा चलवाने की सुविधा देता है, उन्हें विधिक व्यक्तित्व (Legal personality) प्राप्त होता है। विविध संस्थाओं को बहुत समय पूर्व से ऐसा व्यक्तित्व प्राप्त था। विधिक व्यक्तित्व की प्रथा का उदय प्राचीन रोम में हुआ। वैसे ग्रीस (534 ई. पू.), फिनीशिया (900 ई. पू.) तथा बेवीलोनिया (2200 ई. पू.) में यह प्रचलित थी। विधिक व्यक्तित्व सब व्यक्तियों को प्राप्त नहीं होता, क्योंकि सब मुकदमा चलाने या चलवाने के योग्य नहीं होते। प्राचीन काल में विदेशियों को ऐसे कोई अधिकार नहीं दिए जाते थे और दासों को तो चल संपत्ति ही माना जाता था। शिशुओं और पागलों का तो अब भी सीमित व्यक्तित्व होता है। न्यूयॉर्क की विधि के अनुसार जन्म कैदवाला कैदी एक प्रकार से मत ही माना जाता है। दूसरी ओर कुछ समाजों में गर्भस्थ शिशु को भी विधिक व्यक्तित्व मिल जाता है। कुछ में मानवसमूह को या फर्म को या मूर्ति जैसे निर्जीव पदार्थ को भी यह व्यक्तित्व प्रदान कर दिया जाता है। मध्य युग तक तो पक्षी और पशु भी यूरोप में अपराधी के रूप में विधि द्वारा दंडित किए जाते थे। .

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विधेयक

संसद में 'बिल' का प्रयोग। 'विधेयक' अंग्रेजी के बिल (Bill) का हिन्दी रूपान्तरण है। इस लेख में 'बिल' शब्द का प्रयोग 'संसद द्वारा पारित विधि' के संबंध में किया गया है। इंग्लैंड की संसद ही आधुनिक काल में संसदीय पद्धति की जन्मदात्री है। इंग्लैंड के राजा हेनरी षष्ठ के काल से पहले राजनियम बनाने की प्रथा दूसरे प्रकार की थी। पार्लमेंट राजा के पास प्रार्थनापत्र भेजती थी कि राजा अमुक नियम बनाए। परंतु धीरे-धीरे राजनियम बनाने का प्रथा दूसरे प्रकार की थी। अपने हाथ में लेना शुरू किया और ब्रिटिश संसद ही पूर्णतया विधि बनाने की अधिकारिणी हो गई। इस प्रथा का अनुसरण संसार की सभी विधायिनी सभाओं ने किया है। बिल या विधेयक एक प्रस्ताव होता है जिसे विधि का स्वरूप देना होता है। कुछ देशों में, जैसे इंग्लैंड या भारत में, विधेयकों की दो श्रेणियाँ होती हैं- सार्वजनिक तथा असार्वजनिक विधेयक। इसके अतिरिक्त यदि कोई विधेयक सरकार द्वारा प्रेषित होता है तो उसे सरकारी विधेयक कहते हैं। सरकारी विधेयक दो प्रकार के होते हैं। सामान्य सार्वजनिक विधेयक तथा धन विधेयक। पर जब संसद का कोई साधारण सदस्य सार्वजनिक विधेयक प्रस्तुत करता है तब इसे प्राइवट सदस्य का सार्वजनिक विधेयक कहते हैं। सार्वजनिक तथा असार्वजनिक विधेयकों को पारित करने की प्रक्रिया में अंतर होता है। संयुक्तराष्ट्र अमेरिका में सार्वजनिक या असार्वजनिक विधेयक जैसे भेद नहीं हैं। साधारणतया संसद के दोनों सदनों में समान कार्यविधि की व्यवस्था होती है। प्रत्येक विधेयक को कानून बनने से पहले प्रत्येक सदन में अलग-अलग पांच स्थितियों से गुजरना पड़ता है और उसके तीन वाचन (Reading) होते हैं। पाँचों स्थितियाँ इस प्रकार हैं पहला वाचन, दूसरा वाचन, प्रवर समिति की स्थिति, प्रतिवेदन काल (report stage) तथा तीसरा वाचन। जब दोनों सदनों में इन पाँचों स्थितियों से विधेयक गुजर कर बहुमत से प्रत्येक सदन में पारित हो जाता है तब विधेयक सर्वोच्च कार्यपालिका के हस्ताक्षर के लिए भेजा जाता है। सर्वोच्च कार्यपालिका की अनुमति के बिना कोई विधेयक कानून नहीं बन सकता। अत: किसी भी विधेयक को विधि में परिणत होने के लिए सर्वप्रथम यह आवश्यक है कि वह दोनों सभाओं द्वारा स्वीकृत हो। इसके उपरांत सर्वोच्च कार्यपालिका की, हस्ताक्षर सहित, स्वीकृत भी अनिवार्य है। .

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विनिमय दर

विनिमय दर दो अलग अलग मुद्राओं की सापेक्ष कीमत होती है, अर्थात एक मुद्रा के पदों में दूसरी मुद्रा के मूल्य की माप है। किन्हीं दो मुद्राओं के मध्य विनिमय की दर उनकी पारस्परिक माँग(Demand) और आपूर्ति के आधार पर निर्धारित होती है। .

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विन्सटन चर्चिल

विन्सटन चर्चिल विन्सटन चर्चिल(30 नवंबर, 1874-24 जनवरी, 1965) अंग्रेज राजनीतिज्ञ। द्वितीय विश्वयुद्ध, 1940-1945 के समय इंगलैंड के प्रधानमंत्री था। चर्चिल प्रसिद्ध कूटनीतिज्ञ और प्रखर वक्ता था। वो सेना में अधिकारी रह चुका था, साथ ही वह इतिहासकार, लेखक और कलाकार भी था। वह एकमात्र प्रधानमंत्री था जिसे नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। अपने आर्मी कैरियर के दौरान चर्चिल भारत, सूडान और द्वितीय विश्वयुद्ध में अपना जौहर दिखाया था। उसने युद्ध संवाददाता के रूप में ख्याति पाई थी। प्रथम विश्वयुद्ध के दौरान उसने ब्रिटिश सेना में अहम जिम्मेदारी संभाली थी। राजनीतिज्ञ के रूप में उन्होंने कई पदों पर कार्य किया। विश्वयुद्ध से पहले वे गृहमंत्रालय में व्यापार बोर्ड के अध्यक्ष रहे। प्रथम विश्व युद्ध के दौरान वे लॉर्ड ऑफ एडमिरिल्टी बने रहे। युद्ध के बाद उन्हें शस्त्र भंडार का मंत्री बनाया गया। 10 मई 1940 को उन्हें युनाइटेड किंगडम का प्रधानमंत्री बनाया गया और उन्होंने धूरी राष्ट्रों के खिलाफ लड़ाई जीती। चर्चिल प्रखर वक्ता थे। .

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विन्सेंट वैन गो

विन्सेंट विलेम वैन गो (डच: Vincent Willem van Gogh, ३० मार्च १८५३ – २९ जुलाई १८९०) नीदरलैण्ड के अत्यंत प्रतिभावान चित्रकार थे जिनकी पर-प्रभाववादी चित्रकारी ने २०वीं शताब्दी की आधुनिक कला पर अमिट छाप छोड़ी है। इनके चित्र विशद रंगों और संवेदनाओं से भरे हैं। जीवनभर इन्हें कोई सम्मान नहीं मिला, बल्कि मानसिक रोगों से लड़ते रहे, अपना कान तक काट डाला और अंततः ३७ वर्ष की आयु में गोली मार कर आत्महत्या कर ली। मृत्योपरांत इनकी ख्याति बढ़ती ही गई और आज इन्हें संसार के महानतम चित्रकारों में गिना जाता है और आधुनिक कला के संस्थापकों में से एक माना जाता है। वैन गो ने २८ वर्ष की आयु में चित्रकारी करना शुरु किया और जीवन के अंतिम दो वर्षों में अपनी सबसे महत्त्वपूर्ण रचनाएं बनाईं। ९ साल के समय में इन्होंने २००० से अधिक चित्र बनाए जिनमें लगभग ९०० तैल-चित्र शामिल हैं। इनके द्वारा रचित स्वयं-चित्र, परिदृश्य, छवियाँ और सूरजमुखी विश्व की सबसे प्रसिद्ध और महंगी कलाकृतियों में शामिल हैं। वैन गो ने अपने वयस्क जीवन की शुरुआत की कलाकृतियों के व्यापारियों के साथ काम करते हुए और द हेग, लंदन और पैरिस के बीच काफी घूमे। इसके बाद इन्होंने इंग्लैण्ड में कुछ समय पढ़ाया भी। इनकी कामना थी पादरी बनने की और इसी मकसद से इन्होंने १८७९ से बेल्जियम की एक खान में मिशनरी का काम करना शुरु किया। इसी दौरान इन्होंने आस-पास के लोगों के चित्र बनाना शुरु किया और १८८५ में अपनी पहली मुख्य रचना आलूहारी (The Potato Eaters, द पोटेटो ईटर्स) बनाई। उस समय ये अपने चित्रों में मलिन रंगों का उपयोग करते थे। मार्च १८८६ में ये कलाकार बनने का ध्येय लेकर पैरिस पहुंचे और इनका सामना हुआ फ्रांसीसी प्रभाववादी कलाकारों से। कुछ समय बाद विन्सेंट वैन गो दक्षिणी फ्रांस पहुंचे, जहाँ की चकाचौंध धूप इन्हें बहुत सुहाई। तबसे इनके चित्रों में चमकीले रंगों का प्रयोग बढ़ना शुरु हुआ। आर्ल में रहते हुए इन्होंने अपनी निराली शैली विकसित की जिससे आज इनकी पहचान होती है। इनके मानसिक रोगों का इनकी कला पर क्या प्रभाव डाला इसपर बहुत चर्चा हुई है। आजकल यह माना जाता है कि ये परिपूर्ण कलाकार थे जो अपने रोग के कारण नष्ट हुए समय को लेकर निराश रहते थे। .

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विम (धोने का उत्पाद)

विम इंग्लैंड की कंपनी यूनीलीवर बनती है। यह मुख्य रूप से यूरोपीय देशों में बिकता है। यह बर्तन धोने का साबुन आदि बनाती है। इसके अलावा यह कनाडा आदि देशों में भी जाता है। .

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विमानक्षेत्रों की सूची IATA कोड अनुसार: B

कोई विवरण नहीं।

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विमानक्षेत्रों की सूची IATA कोड अनुसार: C

कोई विवरण नहीं।

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विमानक्षेत्रों की सूची IATA कोड अनुसार: D

कोई विवरण नहीं।

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विमानक्षेत्रों की सूची IATA कोड अनुसार: I

I.

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विमानक्षेत्रों की सूची IATA कोड अनुसार: L

L.

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विमानक्षेत्रों की सूची IATA कोड अनुसार: N

N.

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विमानक्षेत्रों की सूची IATA कोड अनुसार: Q

Q.

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विमानक्षेत्रों की सूची IATA कोड अनुसार: S

S.

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विमानक्षेत्रों की सूची IATA कोड अनुसार: U

U.

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विमानक्षेत्रों की सूची ICAO कोड अनुसार: E

Format of entries is.

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वियना कांग्रेस

वियना कांग्रेस (Jean-Baptiste Isabey द्वारा निर्मित चित्र, 1819) वियना की कांग्रेस (Viena Congress) यूरोपीय देशों के राजदूतों का एक सम्मेलन था, जो सितंबर 1814 से जून 1815 को वियना में आयोजित किया गया था। इसकी अध्यक्षता ऑस्ट्रियाई राजनेता मेटरनिख ने की। कांग्रेस का मुख्य उद्देश्य फ्रांसीसी क्रांतिकारी युद्ध, नेपोलियन युद्ध और पवित्र रोमन साम्राज्य के विघटन से उत्पन्न होने वाले कई मुद्दों एवं समस्याओं को हल करने का था। नैपोलियन को वाटरलू की पराजय के पश्चात् सेंट हेलेना द्वीप निर्वासित कर दिया गया, तत्पश्चात् आस्ट्रिया की राजधानी वियना में यूरोप की विजयी शक्तियां 1815 में एकत्रित हुई। उद्देश्य था, यूरोप के उस मानचित्र को पुनर्व्यवस्थित करना जिसे नेपोलियन ने अपने युद्ध और विजयों से उलट-पटल दिया था। वस्तुतः आस्ट्रिया के चांसलर मेटरनिख ने नेपोलियन के विरूद्ध मोर्चा बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, इसीलिए उसकी पहल पर आस्ट्रिया की राजधानी वियना में कांगे्रस बुलाई गई थी। इस सम्मेलन में यूरोप के कई छोटे-छोटे देश शामिल हुए किन्तु नीति निर्माण के संबंध में चार मुख्य देशों के प्रतिनिधियों की भूमिका महत्वपूर्ण रही। ये नेता थे- आस्ट्रिया का चांसलर मेटरनिक, रूस का जार एलेक्जेंडर, इंग्लैंड का विदेश मंत्री लॉर्ड कैसलरे तथा फ्रांसीसी विदेश मंत्री तैलरा। .

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विलय के अधिनियम, १७०७

ऍक्ट्स ऑफ यूनियन अर्थात विलय के अधिनियम, तत्कालीन अंग्रेज़ी और स्कॉटिश राजशाही के सांसदों द्वारा पारित दो भिन्न अधिनियमों का नाम है, जिनके बदौलत सन 1707 में इंग्लैंड और स्कॉटलैंड की राजशाहीयाँ, जो उस समय दो भिन्न सांसदों समेत, अलग-अलग रियासतें हुआ करती थी, का, ग्रेट ब्रिटेन नमक, एक देश के रूप में विलय हो गया था। इन दो अधिनियमों का नाम था:यूनियन विथ स्कॉटलैंड एक्ट, जिसे अंग्रेजी संसद में १७०६ में पारित किया गया था, और यूनियन विद इंग्लैंड ऍक्ट जिसे स्कॉटिश संसद में १७०७ में पारित किया गया था। यह अधिनियम दोनों सांसदों के प्रतिनिधियों द्वारा 22 जुलाई १७०६ को हस्ताक्षर किए गए विलय की संधि(ट्रीटी ऑफ़ यूनियन) को लागू करने के लिए पारित किए गए थे। उस समय तक स्कॉटलैंड और इंग्लैंड करीब १०० सालों से एक ही शासक को साझा कर रहे थे। यह सिलसिला 1603 में स्कॉटलैंड के जेम्स षष्टम् द्वारा अपनी चचेरी बहन इंग्लैंड की एलिजाबेथ प्रथम की मृत्यु के बाद अंग्रेजी सिंहासन को उत्तराधिकृत करने तथा दोनों राजमुकुटों के विलय द्वारा शुरू हुआ था। हालाँकि, इसे राजमुकुटों का विलय कहा गया था, परंतु वास्तविक तौर पर, दो भिन्न राजमुकुट थे जिन्हें एक की सर पर सुशोभित किया गया था, अर्थात हालाँकि दोनों देशों के शासक एक ही थे, परंतु दोनों की सरकार और साहसं व्यवस्था बिलकुल विभक्त और भिन्न था। अतः इन दोनों राष्ट्रों का एक ही देश में विलय करवाने क्व प्रयास एक से अधिक बार, १६०६, १६६७ और १६८९ में किया गया था, परंतु १८वीं सदी से पहले तक इस सुझाव को दोनों पक्षों की राजनीतिक व्यवस्थापिक का सकार्थक समर्थन नहीं मिल सका था। ये अधिनियम १ मई १७०७ से लागु हुए। उस दिन से स्कोटियाई संसद और अंग्रेज़ी संसद का विलय होकर ग्रेट ब्रिटेन की संसद की स्थापना हुई। साथ ही इंग्लैंड और स्कॉटलैंड के विलय से ग्रेट ब्रिटेन की स्थापना हुई। इस विलायकृत संसद का आसान लंदन का वेस्टमिंस्टर का महल था, जिसमें पूर्वतः अंग्रेज़ी संसद बैठ करती थी। इस विलय को अक्सर न केवल ब्रिटेन के, बल्कि पूरे यूरोप की राजनीतिक इतिहास के सबसे महत्वपूर्ण ऐतिहासिक घटनाओं में से एक मन जाता है। .

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विलियम टर्नर

जोजेफ मैलार्ड विलियम टर्नर (1775-1851) इंगलैण्ड के सफल एवं संपन्न चित्रकार थे। उन्होंने अपनी सारी संपत्ति कला और कलाकारों के हितार्थ समर्पित कर दी। .

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विलियम टेंपिल

विलियम टेम्पिल सर विलियम बार्ट टेंपिल, (Sir William Temple, 1st Baronet; १६२८ - १६९९) अंग्रेज राजनीतिज्ञ और निबन्धकार थे। .

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विलियम द कॉङ्करर

सन् 1620 में बनाया गया विलियम विजयी का एक चित्र जो उनके शक्ल-सूरत के लिखित विवरण के आधार पर बनाया गया था इंग्लैण्ड के विलियम प्रथम (अनुमानित जन्म: सन् 1028, देहांत: 9 सितम्बर 1087) जिसे आम तौर पर विलियम द कॉंकरर (अंग्रेज़ी: William the Conquerer) यानी विलियम विजयी भी कहते हैं इंग्लैण्ड का पहला नॉर्मन राजा था। इंग्लैण्ड फ़तेह करने से पहले उसे विलियम हरामी (William the Bastard, विलियम द बासटर्ड) के नाम से भी जाना जाता था क्योंकि उसके माँ-बाप एक दुसरे से शादीशुदा नहीं थे। सन् 1066 में उसने फ़्रांस से 696 जहाज़ों पर सेना लेकर इंग्लिश चैनल का समुद्री रास्ता पार करके इंग्लैण्ड पर धावा बोला। वहाँ उसने कई जंगे लड़ी जिनमें से "हेस्टिंग्स का युद्ध" बहुत मशहूर है। कुछ विद्रोहों को कुचलने के बाद उसने ब्रिटेन को पराजित कर दिया और वहाँ नॉर्मन राज का काल शुरू किया। क्योंकि नॉर्मन लोग फ़्रांसिसी भाषा की एक उपभाषा बोलते थे, इसलिए इसके बाद अंग्रेज़ी में बहुत से फ़्रांसिसी के शब्द आ गए जिस से आधुनिक अंग्रेज़ी प्राचीन अंग्रेज़ी से शब्दावली के हिसाब से बहुत अलग हो गयी। .

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विलियम पिट्ट १

इंग्लैंड के प्रधान मन्त्री।.

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विलियम पिट्ट २

इंग्लैंड के प्रधान मन्त्री।.

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विलियम पेट्टी

इंग्लैंड के प्रधान मन्त्री।.

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विलियम पेटी

सर विलियम पेटी (Sir William Petty) (२६ मई १६२३- १६ दिसम्बर १६८७) अंग्रेज अर्थशास्त्री, वैज्ञानिक और दार्शनिक थे। वे सर्वप्रथम ओलिवर क्रॉमवेल और आयरलैंड की सेवाओं के कारण प्रसिद्ध हुए। वे चार्ल्स-२ और जेम्स-२ के दौर में भी महत्वपूर्ण बने रहे। वे इंग्लैंड की संसद औ्र रॉयल सोसायटी के चार्टर सदस्य भी रहे। वे सबसे ज्यादा अपने अर्थशास्त्र के सिद्धांतों औ्र पोलिटिकल अर्थमेटिक की प्रविधियों के कारण स्मरणीय हैं। श्रेणी:अर्थशास्त्री.

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विलियम बेण्टिंक

इंग्लैंड के प्रधान मन्त्री।.

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विलियम लाम्ब

इंग्लैंड के प्रधान मन्त्री।.

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विलियम हेनरी ब्रैग

सर विलियम हेनरी ब्रैग (William Henry Bragg; 1862 - 1942), ब्रिटिश भौतिकीविद् थे तथा नोबेल पुरस्कार विजेता थे। इनका जन्म इंग्लैंड के कंबरलैंड काउंटी में स्थित विग्टन नामक ग्राम में हुआ था। आपकी शिक्षा केंब्रिज के ट्रिनिटी कॉलेज में पूर्ण हुई तथा आप ऐडिलेड (दक्षिणी ऑस्ट्रेलिया) में गणित तथा भौतिकी के प्रोफेसर नियुक्त हुए। यहाँ इन्होंने रेडियोऐक्टिवता पर अनुसंधान आरंभ किए। इन अनुसंधानों से ये प्रसिद्ध हो गए। सन् 1909 में आप लीड्स में कैवेंडिश प्रोफेसर तथा सन् 1915 में लंदन युनिवर्सिटी के क्वेन प्रोफेसर नियुक्त हुए। अपने पुत्र सर विलियम लॉरेंस ब्रैग के सहयोग से आपने एक्स-रे-स्पेक्ट्रोमीटर का विकास किया तथा इस यंत्र की सहायता से परमाणुओं और क्रिस्टलों के विन्यासों को स्पष्ट किया। सन् 1915 में इन्हें तथा इनके उपर्युक्त पुत्र को संयुक्त रूप से भौतिकी का नोबेल पुरस्कार और कोलंबिया विश्वविद्यालय का बारनर्ड स्वर्णपदक प्रदान किया गया। प्रथम विश्वयुद्ध के समय पनडुब्बी नावों का पता लगाने की समस्याओं के संबंध में ब्रिटिश नौसेना को आपने सहायता दी। आप सन् 1928-29 में ब्रिटिश ऐसोसिएशन फॉर दि ऐडवान्स्मेंट ऑव सायंस के तथा सन् 1935-40 तक रॉयल सोसायटी के प्रेसिडेंट थे। रेडियोऐक्टिविटी तथा क्रिस्टल विज्ञान पर अनेक प्रकाशनों के सिवाय ध्वनि, प्रकाश तथा प्रकृति संबंधी आपके अन्य ग्रंथ भी हैं। .

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विलियम वर्द्स्वर्थ

विलियम वर्द्स्व्र्थ (७ अप्रैल,१७७०-२३ अप्रैल १८५०) एक प्रमुख रोमचक कवि थे और उन्होने सैम्युअल टेलर कॉलरिज कि सहायता से अंरेज़ि सहित्य में सयुक्त प्रकाशन गीतात्मक गथागीत के साथ रोमन्चक युग क आरम्भ किया। वर्द्स्वर्थ कि प्रसिध रचना 'द प्रेल्युद' हे जो कि एक अर्ध-आत्म चरितात्मक कवित माना जाता है। वर्द्स्वर्थ १८४३ से १८५० में अप्नि म्रित्यु तक ब्रिटेन के महाकवि थे। .

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विलियम विण्डम ग्रेन्विल

इंग्लैंड के प्रधान मन्त्री।.

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विलियम विलसन हन्टर

विलियम विलसन हन्टर (जन्म- 15 जुलाई 1840 ई., मृत्यु- 6 फ़रवरी 1900 ई.) उच्च कोटि के शिक्षाविद, ग्रन्थकार, सांख्यिकीविज्ञ थे जो पेशेवर रूप से भारत में अंग्रेज अधिकारी के रूप में कार्यरत थे। .

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विलियम विल्सन (तैराकी)

"तैराकी की कला सिखाने वाले एक सफ़ल अध्यापक को शिक्षा अथवा विज्ञान की तरह उतनी ही सोच, परिश्रम एवं निरंतर अभ्यास लगाना चाहिए।" (चित्र संदर्भ: अंतर्राष्ट्ररीय स्विमिंग हॉल ऑफ़ फ़ेम) विलियम विलसन (जन्म १३ नवंबर, १८४४ लंदन, इंगलैंड में – मृत्यु १ जून, १९१२ in ग्लासगो, स्कॉटलैंड) स्कॉटिश मूल के १९वीं शताब्दी के पत्रकार, तैराकी प्रशिक्षक एवं कोच, तथा प्रतियोगी तैराकी की वैज्ञानिक तकनीकों के योगदानकर्ता थे। १८८३ में उन्होंने दी स्विमिंग इंस्ट्रक्टर प्रकाशित की, जो कि स्ट्रोक की दक्षता, सुरक्षा तथा प्रशिक्षण की आधुनिक अवधारणाओं को परिभाषित करने वाली पहली पुस्तकों में से एक थी। .

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विलियम वेब एलिस कप

विलियम वेब एलिस कप, रग्बी यूनियन विश्व कप के विजेता को दी जाती है। इस कप का नाम विलियम वेब एलिस के नाम पर है, जो एक लोकप्रिय मिथक के अनुसार प्रसिद्ध रग्बी स्कूल के छात्र थे और एक फुटबॉल मैच के दौरान गेंद को उठा कर रग्बी खेल का आविष्कार किया। (ISBN 9780714653532) ट्रॉफी 38 सेंटीमीटर उंची और 4.5 किलो वजन है, और चांदी से बनी है। यह कप पहली बार न्यूज़ीलैंड ने १९८७ रग्बी यूनियन विश्व कप जीत कर प्राप्त किया था। कप को "बिल" उपनाम से भी बुलाया जाता है। .

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विलियम ग्लाडस्टोन

विलियम ग्लाडस्टोन इंग्लैंड के प्रधान मन्त्री। ये उदारवादी माने जाते थे.

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विलियम ऑफ़ ओक्क्हम

विलियम ऑफ़ ओच्क्हम (also Occam, from; 1287 – 1347) एक अंग्रेजी दार्शनिक और थेअलोजियन था। ऐसा माना जाता है कि इनका जन्म ओच्क्हम में हुआ था जो की सरी में एक छोटा सा गाँव है। He is considered to be one of the major figures of medieval thought and was at the centre of the major intellectual and political controversies of the fourteenth century.

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विलियम काबेट

विलियम काबेट (William Cobbett; १७६२ - १८३५) इंग्लैण्ड के कृषक, पत्रकार और पम्फलेटिअर (pamphleteer) थे। 'रूरल राइड्स' उनकी प्रसिद्ध पुस्तक है। विलियम कॉबेट का संघर्षमय जीवन ऐसे काल में व्यतीत हुआ था, जो इंग्लैंड ही नहीं, समस्त पाश्चात्य श्वेत जाति के इतिहास में क्रांतिपूर्ण युग माना जाता है। इसी काल में अमरीका का स्वातंत्र्य संग्राम हुआ और फ्रांस में राजनीतिक क्रांति का विस्फोट; इसके बाद ही नेपोलियन का उदय हुआ और समस्त यूरोप में उसकी विजयवाहिनी ने आतंकपूर्ण वातावरण पैदा कर दिया। इन विप्लवात्मक परिवर्तनों का इंग्लैंड के राजनीतिक तथा सामाजिक जीवन पर गहरा असर पड़ा और इसके फलस्वरूप पार्लियामेंट संबंधी सुधारों का क्रम आरंभ हुआ। परंतु इससे अधिक महत्वपूर्ण वह आर्थिक तथा औद्योगिक क्रांति थी जो इंग्लैंड की परंपरागत ग्राम तथा कृषि व्यवस्था का कलेवर ही ध्वस्त करने पर उतारू थी। पूँजीपतियों की लोलुपता तथा कुचक्रों के फलस्वरूप भूस्वामियों, कृषकों तथा भूमिहीन श्रमिकों का ह्रास और औद्योगिक जमींदारियों का विस्तार हो रहा था। विलियम काबेट ने अपने लंबे जीवनकाल में इन घातक परिवर्तनों का भरपूर विरोध किया क्योंकि इससे राष्ट्रीय शक्ति के मूल स्रोतों का ही शोषण हो रहा था। वे स्वयं कृषक वर्ग के प्रतिनिधि थे। उनका जन्म सन् १७६२ में फार्नहैम गाँव के एक कृषक परिवार में हुआ था और उनका बचपन कृषि संबंधी परिश्रमों तथा मनोरंजनों के बीच व्यतीत हुआ। इसी समय उनके हृदय में प्रकृतिप्रेम का भी बीजारोपण हुआ जो उत्तरोत्तर बढ़ता हुआ उनके लेखों में काव्यमय होकर प्रस्फुटित हुआ। इनकी शिक्षा सुव्यवस्थित रूप से नहीं हो पाई परंतु विद्याप्रेम इनका जन्मजात गुण था और बचपन ही में अपने जेब की समस्त पूँजी स्विफ़्ट के प्रसिद्ध ग्रंथ 'ए टेल ऑव ए टब' पर लगाकार इन्होंने इसका आश्चर्यजनक परिचय दिया। स्वच्छंद स्वभाव का यह नवयुवक गाँव के संकीर्ण दायरे में बँधकर रहना पसंद न कर सका; इसलिए घर से भागकर यह सेना में भर्ती हुआ और कालांतर में अमरीका के संघर्षपूर्ण वातावरण का अंग बन गया। आठ वर्षों तक काबेट ने अमरीका में उदार तथा प्रगतिशील सिद्धांतों का निर्बाध रूप से प्रतिपादन किया, फलस्वरूप उन्हें 'पीटर पारक्युपाइन' का सार्थक उपनाम दिया गया। परंतु इसके साथ ही साथ वे अपने देश की राजनीतिक संस्थाओं का भी जोरदार समर्थन करते रहे। स्वदेश लौटने पर टोरी दल ने उनकी प्रतिभा को क्रय करने का भगीरथ प्रयत्न किया परंतु काबेट किसी भी मूल्य पर बिकने के लिए तैयार नहीं हुए। सन् १८०२ ई. में उन्होंने 'द पोलिटिकल रजिस्टर' नामक प्रसिद्ध पत्रिका का संपादन आरंभ किया और वैधानिक सुधारों के पक्ष में अपनी भावपूर्ण लेखनी को सर्वदा के लिए समर्पित कर दिया। सन् १८३२ में ओल्ढम क्षेत्र से वे पार्लियामेंट के सदस्य चुने गए और वहाँ के कृषकों तथा श्रमिकों का आजीवन समर्थन करते रहे। कई बार सरकार से लोहा लेकर वे उसके कोपभाजन भी बने पंरतु उनका उत्साह अदम्य था और कंटकाकीर्ण मार्ग पर चलने में वे काफी अभ्यस्त थे। सन् १८३५ में वे अस्वस्थ हुए परंतु मृत्यु काल तक लिखते तथा काम करते रहे। विलियम काबेट के लेखों का संग्रह ५० मोटी जिल्दों में हुआ है, जिनमें 'काटेज इकानोमी', 'ऐडवाइस टु यंग मेन', 'रूरल राइड्स' तथा 'लिगेसी टु वर्कर्स' विशेष उल्लेखनीय हैं। इन लेखों में विविध विषयों का समावेश है परंतु इनके दो केंद्रबिंदु हैं—राजनीति तथा ग्राम्य जीवन संबंधी प्रकृतिसौंदर्य। राजनीतिक लेखों में उन्होंने अन्याय तथा कुरीतियों के प्रति विदग्ध लेखनी का संचालन कर अपनी स्वाभाविक उग्रता तथा संघर्षप्रियता का परिचय दिया, परंतु 'रूरल राइड्स' के पृष्ठों में उनके प्रकृतिप्रेम तथा काव्यमयी प्रतिभा की सुखद अभिव्यक्ति हुई है। उनकी ख्याति का स्थायी आधारस्तंभ इन्हीं साहित्यिक लेखों में क्योंकि उनके राजनीतिक तथा सामजिक विचार ऐतिहासिक महत्व के ही रह गए हैं। समाजसुधारक के रूप में उनका दृष्टिकोण प्रगतिशील नहीं था। रस्किन तथा मारिस के समान वे मध्यकालीन समाजव्यवस्था के समर्थक थे, जिसमें समस्त गाँव एक कुटुंब के समान रहता था और पारिवारिक जीवन परिश्रमजन्य सुखसाधनों से संपन्न था। .

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विलियम कैरी (मिशनरी)

विलियम कैरी (17 अगस्त 1761 - 9 जून 1834) एक अंग्रेजी बैप्टिस्ट मिशनरी और सुधरे हुए बैप्टिस्ट मंत्री थे जिन्हें "आधुनिक मिशन का जनक " कहा जाता है। कैरी, बैप्टिस्ट मिशनरी सोसाइटी के संस्थापकों में से एक थे। भारत के श्रीरामपुर की डेनिश कॉलोनी के एक मिशनरी के रूप में उन्होंने बंगला, संस्कृत और कई अन्य भाषाओँ और बोलियों में बाइबिल का अनुवाद किया। .

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विलियम केवन्डिश

इंग्लैंड के प्रधान मन्त्री।.

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विल्फ्रेड रोड्स

विल्फ्रेड रोड्स (Wilfred Rhodes; 29 अक्टूबर 1877 - 8 जुलाई 1973) अंग्रेज पेशेवर क्रिकेटर थे जिन्होंने 1899 से 1930 तक इंग्लैंड के लिये 58 टेस्ट खेलें। टेस्ट में रोड्स ने 127 विकेट लिए और 2325 रन बनाए। वह टेस्ट मैचों में 1000 रन और 100 विकेट का डबल पूरा करने वाले पहले अंग्रेज खिलाड़ी बने थे। उन के पास सबसे अधिक प्रथम श्रेणी क्रिकेट मैच खेलने का (1,110 मैच) और सबसे ज्यादा विकेट (4204) लेने का विश्व रिकॉर्ड है। 1930 में अपने अंतिम टेस्ट में रोड्स की उम्र 52 वर्ष और 165 दिन थी। जितने भी खिलाड़ियों ने टेस्ट मैच खेला है उनमें ये सबसे ज्यादा उम्र है। विल्फ्रेड ने अपने कैरियर की शुरुआत यॉर्कशायर के लिए बाएं हाथ के स्पिन गेंदबाज के रूप में की थी जो उपयोगी बल्लेबाजी भी कर लेते थे। हालांकि, प्रथम विश्व युद्ध के आते-आते उन्होंने बल्लेबाजी कौशल इस कदर तक विकसित कर लिया था कि वो जैक हॉब्स के साथ इंग्लैंड की पारी की शुरुआत करने लगे थे। 1920 के दशक भर में वह ऑलराउंडर के रूप में खेलें। 1930 के क्रिकेट सत्र के बाद उन्होंने संन्यास ले लिया। 1949 में उन्हें मेरीलेबोन क्रिकेट क्लब (एमसीसी) की मानद सदस्यता दी गई थी। .

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विल्फ्रेड ओवेन

प्रथम विश्व युद्ध के खिलाफ एक जानी-मानी आवाज के रूप में विख्यात विल्फ्रेड एडवर्ड साल्टर ओवेन (१८९३-१९१८) का जन्म वेल्श की सीमा पर ओस्वेस्ट्री में हुआ। उनका लालन पालन बर्केनहेड और श्रेसबरी में हुआ। .

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विश्लेषणात्मक विधिशास्त्र

विशिष्ट अर्थ में विधिशास्त्र को तीन भागों में विभाजित किया गया है जिन्हें सामण्ड ने क्रमशः विश्लेषणात्मक विधिशास्त्र (Analytical Jurisprudence), ऐतिहासिक विधिशास्त्र (Historical Jurisprudence) एवं नैतिक विधिशास्त्र (Ethical Jurisprudence) कहा है। उल्लेखनीय है कि विधि के विविध पहलुओं में इतना घनिष्ठ सम्बन्ध है कि इनका पृथक विवेचन करने से विधिशास्त्र का विषय ही अपूर्ण रह जायेगा। अतः विधिशास्त्र के अध्ययन के लिये इन तीनों का समावेश आवश्यक है। विश्लेषणात्मक विधिशास्त्र से आशय विधि के प्राथमिक सिद्धान्तों का विश्लेषण करना है। इस विश्लेषण में उनके ऐतिहासिक उद्गम अथवा विकास या नैतिक महत्व आदि का निरूपण नहीं किया जाता है। विधिशास्त्र की इस शाखा के प्रणेता जॉन ऑस्टिन थे जिन्होंने विधि-विज्ञान की विभिन्न समस्याओं के प्रति इस शाखा के विचारों का प्रतिपादन अपने सुप्रसिद्ध ग्रन्थ ‘प्राविन्स ऑफ ज्यूरिसप्रुडेन्स डिटरमिन्ड’ में किया जो सर्वप्रथम सन् 1832 में प्रकाशित हुई थी। इस शाखा के अन्य समर्थक मार्कबी (Markby), एमॉस (Amos), हॉलैण्ड (Holland) तथा सामण्ड (Salmond) हैं। .

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विश्व डाक दिवस

विश्व डाक दिवस ९ अक्टूबर को मनाया जाता है। ९ अक्टूबर 1874 को ’’यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन’’ के गठन हेतु बर्न, स्विटजरलैण्ड में 22 देशों ने एक संधि पर हस्ताक्षर किया था इसीकारण विश्व डाक दिवस मनाने के लिए यह दिन चुना गया।1 जुलाई, 1876 को भारत यूनीवर्सल पोस्टल यूनियन का सदस्य बना तथा भारत में पहली बार वर्ष 1766 में डाक व्‍य‍वस्‍था की शुरूआत की गई, वर्तमान में भारतीय डाक विभाग की स्थिति इस प्रकार से है 150 वर्षों से अधिक पुरानी इस संस्था में डेढ़ लाख से अधिक पोस्ट ऑफिस है जिनमें से 89.87% ग्रामीण क्षेत्रों में है तथा औसतन 21.23 वर्ग किलोमीटर में यह लगभग 8086 जनसंख्या को अपनी सेवाएं प्रदान करता है। भारत में एक विभाग के रूप में इसकी स्थापना 1 अक्तूबर, 1854 को हुई।भारतीय डाक विभाग 9 से 14 अक्टूबर के बीच विश्व डाक सप्ताह मनाता है।वर्ष 1766 में भारत में पहली बार डाक व्यवस्था का प्रारंभ हुआ,वारेन हेस्टिंग्स में कोलकाता में प्रथम डाकघर वर्ष 1774 को स्थापित किया। भारत में सन 1852 में प्रथम बार चिट्ठी पर डाक टिकट लगाने की शुरुआत हुई तथा महारानी विक्टोरिया के चित्र वाला डाक टिकट 1 अक्टूबर सन 1854 को जारी किया गया। भारत में अब तक का सबसे बड़ा डाक टिकट पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी पर 20 अगस्त सन 1991 को जारी किया गया था। ब्रिटेन में डाक विभाग की स्थापना वर्ष 1516 में हुई थी ब्रिटेन में इसे रॉयल मेल के नाम से जाना जाता है जिसका मुख्यालय इंग्लैंड में बनाया गया है। अमेरिकी डाक विभाग को यूएस मेल के नाम से जाना जाता है जिसकी स्थापना वर्ष 1775 में हुई थी। फ्रांस के डाक विभाग को ला पोस्ट ए के नाम से जाना जाता है वर्ष 1576 में स्थापित डाक विभाग का मुख्यालय फ्रांस की राजधानी पेरिस में है। डूटस्चे पोस्ट के नाम से जानी जाने वाली जर्मन डाक विभाग का हेड क्वार्टर बॉन में बना हुआ है। दक्षिणी एशियाई देशों में स्थित पत्र .

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विश्व बैडमिंटन संघ

विश्व बैडमिंटन संघ (Badminton World Federation) (बीडब्ल्युएफ) बैडमिंटन के खेल के प्रबंधन के लिये अंतरराष्ट्रीय संस्था है जिसे अंतरराष्ट्रीय ओलम्पिक कमेटी से मान्यता प्राप्त है। इसकी स्थापना १९३४ में इंटरनैशनल बैडमिंटन फ़ेडरेशन के नाम से ९ सदस्य देशों (कनाडा, डेनमार्क, इंग्लैंड, फ्रांस, आयरलैंड, नीदरलैंड, न्यूज़ीलैंड, स्कॉटलैंड और वेल्स) के साथ हुई। तब से अब तक बीडब्ल्युएफ १७६ देशों में अपने पाँव पसार चुका है। २४ सितम्बर २००६ को मैड्रिड में आयोजित एक सामान्य सभा में बैडमिंटन वर्ल्ड फ़ेडरेशन नाम अपनाने का फैसला लिया गया। स्थापना के वक्त इसका मुख्यालय चेल्टेन्हैम, यूके में था लेकिन १ अक्टूबर २००५ को इसे कुआलाल्मपुर स्थानांतरित कर दिया गया। इसके वर्तमान अध्यक्ष पॉल एरिक हैं। .

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विश्व मेलों की सूची

यहाँ पर विश्व मेलों (world's fairs) की सूची दी जा रही है। इसमें तिथि के साथ-साथ उस समय बनाये गये उल्लेखनीय स्थायी भवनों आदि का भी विवरण दिया गया है। 1750s - 1790s - 1800s - 1820s - 1840s - 1850s - 1860s - 1870s - 1880s - 1890s - 1900s - 1910s - 1920s - 1930s - 1940s - 1950s - 1960s - 1970s - 1980s - 1990s - 2000s - 2010s - 2020s .

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विश्व में ईसाई धर्म

ईसाई धर्म; में लगभग 2.4 अरब अनुयायी हैं, जो कि लगभग 7.2 अरब लोगों में से हैं।.

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विश्व इस्लामी मिशन

विश्व इस्लामी मिशन (वर्ल्ड इस्लामिक मिशन) सूफ़ीवाद से प्रेरित सुन्नी मुसलमानों का अन्तराष्ट्रीय संगठन है। इसकी स्थापना 1972 में शाह अहमद नूरानी सिद्दीकी, सैयद माहरूफ हुसैन शाह, शाह आरिफ़ कादरी नौशाही और अल्लामा अर्शादुल कादरी द्वारा इस्लामी पवित्र शहर मक्का में हुई थी। वर्ल्ड इस्लामिक मिशन का विकास विश्व के कई देशों के मुसलमानों को इस्लामी शिक्षा प्रदान करने के लिए हुआ है। संगठन का कार्यालय इंग्लैंड के मैनचेस्टर शहर में है तथा यह विश्व के कम से कम 24 देशों में सक्रिय है। .

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विश्व के व्यस्ततम विमानक्षेत्र यात्री संख्या अनुसार

ACI's final full year figures are as follows.

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विश्व के आश्चर्य

समय-समय पर विश्व के आश्चर्य सबसे शानदार मानव निर्मित निर्माण और दुनिया में प्राकृतिक धरोहर की सूची को सदियों से संकलित किया गया है। प्राचीन विश्व के सात आश्चर्य,प्राचीन पुरातनता के सबसे उल्लेखनीय मानव निर्मित कृतियों की पहली ज्ञात सूची है, और उनपर किताबें यूनानी दृष्टि-संत के बीच लोकप्रिय आधारित था और केवल भूमध्य के आसपास स्थित निर्माण शामिल है। जो सात की संख्या में चुना गया था क्योंकि यूनानियों ने इसे माना और बहुतो द्वारा इसे प्रतिनिधित्व किया गाया। इसी तरह के कई सूचियाँ मध्ययुगीन दुनिया और आधुनिक दुनिया के लिए बनायीं गयीं है .

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विश्व की मुद्राएँ

विश्व की कुछ प्रमुख मुद्राएँ निम्नलिखित हैं:-.

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विश्वनाथ प्रसाद तिवारी

डॉ॰ विश्वनाथ प्रसाद तिवारी (जन्म १९४०) प्रसिद्ध हिन्दी साहित्यकार हैं और २०१३ से २०१७ तक की अवधि के लिए साहित्य अकादमी के अध्यक्ष हैं। वे गोरखपुर से प्रकाशित होने वाली 'दस्तावेज' नामक साहित्यिक त्रैमासिक पत्रिका के संस्थापक-संपादक हैं। यह पत्रिका रचना और आलोचना की विशिष्ट पत्रिका है, जो 1978 से नियमित प्रकाशित हो रही है। सन् २०११ में उन्हें व्यास सम्मान प्रदान किया गया। .

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विश्वनाथ शर्मा

जनरल विश्वनाथ शर्मा, पीवीएसएम, एवीएसएम, एडीसी भारतीय सेना के 15 वें सेनाध्यक्ष थे । वह स्वतंत्र भारत के पहले मरणोपरांत परम वीर चक्र के प्राप्तकर्ता मेजर सोम नाथ शर्मा और भारतीय सेना के प्रमुख अभियंता लेफ्टिनेंट जनरल सुरेंद्र नाथ शर्मा के छोटे भाई हैं। दोनों भाइयों ने प्रिंस ऑफ वेल्स के रॉयल इंडियन मिलिटरी कॉलेज, देहरादून में शिक्षा प्राप्त की थी । शर्मा,भारतीय सैन्य अकादमी, देहरादून में पांचवें नियमित पाठ्यक्रम में शामिल होने के लिए गए और उन्हें 4 जून 1 9 50 को 16 वें लाइट कैवेलरी में कमीशन किया गया। उन्होंने लाहौर सेक्टर में पाकिस्तान के खिलाफ 1 9 65 के युद्ध में लड़ा। उन्होंने 66 वें बख्तरबंद रेजिमेंट और बाद में एक विद्रोह प्रभावित क्षेत्र में माउंटेन ब्रिगेड का नेतृत्व किया । प्रतिष्ठित सेवा के लिए अति विशिष्ट सेवा पदक से सम्मानित किया गया, जनरल शर्मा ने 1 जून 1 9 87 को पूर्वी कमान के जीओसी-इन-सी के रूप में कार्यभार संभाला और उन्हें 25 जुलाई 1 9 87 को राष्ट्रपति को मानद सेना एडीसी नियुक्त किया गया। उन्होंने 1 मई 1 9 88 को चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ का पद ग्रहण किया । वे 30 जून 1 99 0 को सेवानिवृत्त हुए। .

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विश्वमारी

विश्वमारी (यूनानी (ग्रीक) शब्द πᾶν पैन "सब" + δῆμος डेमोस "लोग" से), संक्रामक रोगों की एक महामारी है जो मानव आबादी के माध्यम से एक विशाल क्षेत्र, उदाहरण के लिए, एक महाद्वीप, या यहां तक कि दुनिया भर में भी फ़ैल रहा है। एक व्यापक स्थानिक रोग जो इस दृष्टि से स्थिर होता है कि इससे कितने लोग बीमार हो रहे हैं, एक विश्वमारी नहीं है। इसके अलावा, फ्लू विश्वमारियों में मौसमी फ्लू को तब तक शामिल नहीं किया जाता है जब तक मौसम का फ्लू एक विश्वमारी न हो। सम्पूर्ण इतिहास में चेचक और तपेदिक जैसी असंख्य विश्वमारियों का विवरण मिलता है। अधिक हाल की विश्वमारियों में एचआईवी (HIV) विश्वमारी और 2009 की फ्लू विश्वमारी शामिल है। .

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विश्वयुद्धों के मध्य की अवधि

१९२९ से १९३९ के बीच यूरोप का मानचित्र प्रथम विश्वयुद्ध 1919 ई. को समाप्त हुआ एवं इसके ठीक 20 वर्ष बाद 1939 ई. में द्वितीय विश्वयुद्ध आंरभ हो गया। इन दो विश्वयुद्धों के मध्य विश्व राजनीतिक का कई कटु अनुभवों से सामना हुआ। प्रथम विश्वयुद्ध की विभीषिका से यूरोपीय राजनीतिज्ञों ने कोई सबक नहीं सीखा। शांति की स्थापना हेतु आदर्शवादी बातें तो बहुत की गईं मगर व्यवहार में उनका पालन नहीं किया गया। अमेरिकी राष्ट्रपति वुड्रो विल्सन के 14 सूत्रों से प्रतीत होता था कि, उन पर अमल कर विश्व शांति की स्थापन का मार्ग प्रशस्त हो सकता है। पेरिस शांति सम्मेलन के दौरान जिस तरह फ्रांस के प्रधानमंत्री क्लीमेंशों ने विल्सन की आदर्शवादी बातों का उपहास उड़ाया, उससे पता चलता है कि पेरिस शांति सम्मेलन के प्रतिनिधि विश्व शांति की स्थापना को लेकर दृढ़ प्रतिज्ञ नहीं है। यही कारण था कि राष्ट्रसंघ की धज्जियाँ उड़ा दीं गयीं। इंग्लैण्ड एवं फ्रांस मूकदर्शक बने देखते रहे। प्रथम विश्वयुद्ध के पश्चात् विश्व राजनीतिज्ञों ने निःशस्रीकरण की दिशा में सराहनीय प्रयास किये। इसके अलावा भी शांति स्थापना की दिशा में पहल की। जर्मनी ने हिटलर का उदय विश्व इतिहास को प्रभावित करने वाली सर्वप्रमुख घटना थी। उसका उदय 1919 ई. की वार्साय की संधि द्वारा जर्मनी के हुए अपमान का बदला लेने के लिए ही हुआ था। वार्साय की संधि की अपमानजनक धाराओं को देखकर मार्शल फौच ने तो 1919 में ही भविष्यवाणी कर दी थी यह कोई शांति संधि नहीं यह तो 20 वर्ष के लिए युद्धविराम मात्र है। मार्शल फौच की उक्त भविष्यवाणी अंततः हिटलर ने सत्य सिद्ध करा दी। .

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विश्वज्ञानकोश

विश्वज्ञानकोश, विश्वकोश या ज्ञानकोश (Encyclopedia) ऐसी पुस्तक को कहते हैं जिसमें विश्वभर की तरह तरह की जानने लायक बातों को समावेश होता है। विश्वकोश का अर्थ है विश्व के समस्त ज्ञान का भंडार। अत: विश्वकोश वह कृति है जिसमें ज्ञान की सभी शाखाओं का सन्निवेश होता है। इसमें वर्णानुक्रमिक रूप में व्यवस्थित अन्यान्य विषयों पर संक्षिप्त किंतु तथ्यपूर्ण निबंधों का संकलन रहता है। यह संसार के समस्त सिद्धांतों की पाठ्यसामग्री है। विश्वकोश अंग्रेजी शब्द "इनसाइक्लोपीडिया" का समानार्थी है, जो ग्रीक शब्द इनसाइक्लियॉस (एन .

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विश्वविद्यालय

विश्वविद्यालय (युनिवर्सिटी) वह संस्था है जिसमें सभी प्रकार की विद्याओं की उच्च कोटि की शिक्षा दी जाती हो, परीक्षा ली जाती हो तथा लोगों को विद्या संबंधी उपाधियाँ आदि प्रदान की जाती हों। इसके अंतर्गत विश्वविद्यालय के मैदान, भवन, प्रभाग, तथा विद्यार्थियों का संगठन आदि भी सम्मिलित हैं। .

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विजय माल्या

subhash singh (जन्म 18 दिसम्बर, 1955) एक भारतीय व्यापारी और राज्य सभा से सांसद भी हैं। वे यूबी समूह और किंगफिशर एयरलाइंस के अध्यक्ष व उद्योगपति विट्ठल माल्या के बेटे हैं। वर्ष 2008 में लगभग ₹72 अरब रुपये के संपत्ति के साथ यह विश्व के 962वें सबसे धनी लोगों में शामिल हुए। इसी समय इनका भारत में सबसे धनी लोगों में 42वां स्थान था। विजय माल्या ने देश की बैंको से करीब 9000 करोड़ रुपये धोखाधड़ी से चुराए। आजकल भारत सरकार ने विभिन्न भारतीय बैंको के 9000 करोड हड़पकर भाग जाने के कारण विजय माल्या को भगोड़ा घोषित किया है। भगोड़ा विजय माल्या पैसे न लौटाने औऱ कार्यवाही से भयभीत होकर ब्रिटेन में जा छुपा है। .

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विजेन्द्र सिंह

विजेन्द्र सिंह बैनीवाल एक भारतीय पेशेवर मुक्केबाज़ है। .

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विंडसर कासल

विंड्सर कासल(Windsor Castle, ब्रिटिश उच्चारण:व़िन्ज़र् खास्ल्) अर्थात् विंड्सर किला, इंग्लैंड के बर्कशायर काउंटी के विंड्सर नामक स्थान में स्थित एक शाही किला है। यह वर्त्तमान समय में विश्व का विशालतम् रिहाइशी किला है, और इसे महारानी एलिज़ाबेथ द्वितीय द्वारा छुट्टियों में रहने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। लंदन के बकिंघम पैलेस के माफ़िक़ इस पर स्वामित्व भी ब्रिटिश राजमुकुट के पास है। इस आलिशान एवं ऐतिहासिक किले का अंग्रेज़ी तथा ब्रिटिश राजपरिवार के साथ बेहद लंबा एवं गहरा रिश्ता रहा है। इस किले को प्राथमिक तौर पर 11वीं सदी में इंग्लैंड पर नॉर्मल आक्रमण के दौरान, नॉर्मन सेना ने नेता विलियम द कॉंकरर ने बनवाया गया था। हेनरी प्रथम के समय से ही इस महल को इंग्लिस्तान तथा ब्रिटेन के सभी शासकों द्वारा उपयोग किया जाता रहा है और यह यूरोप का सबसे लंबे समय तक इस्तेमाल होने वाला किला है। इस महल को विश्व भर में अपनी आलिशान राजकीय महलों की वास्तुकला के लिए जाना जाता है जिसके लिए यह प्राथमिक आधुनिक काल के दौरान से ही प्रशंसा का पात्र रही है। यह किला, थेम्स नदीके पास एक पहाड़ी ऊंचाईपर स्थितहै और मूलतः इसे थेम्सके इस, सामरिक तौरपर, महत्वपूर्ण क्षेत्रपर नॉर्मल वर्चस्व बनाए रखनेहेतु बनाया गयाथा। इसे मूलतः मॉट एंड बेली शैलीमें एक पहाड़ीपर तीन प्रकोष्ठोंके साथ बनाया गयाथा, जिसे धीरे-धीरे पथरीली किलेबंदीसे बदल दिया गया। 13वीं सदीके शुरुआतमें इस किलेने प्रथम बैरन युद्धके दौरान लंबी घेराबंदीका भी सामना कियाथा। राजा हेनरी तृतीयने उसी सदीके मध्यमें इस किलेके भीतर एक अत्यंत आलीशान शाही महल बनवाया, जिसे एडवर्ड तृतीयने औरभी शानदार बनानेमें अपना योगदान दिया। एडवर्डद्वारा कियागया यह उदारीकरण-योजना, मध्यकालीन इंग्लैंडका बहुमूल्यतम् गैर-धार्मिक निर्माणयोजना बानी। एडवर्ड द्वारा बनाया गया डिजाइन पूरे शून्य कालके दौरान बरकरार रहा। इसबीच राजा हेनरी अष्टम और रानी एलिजाबेथ प्रथम ने इस किले का शाही दरबार, राजकीय मनोरंजन और अन्य महत्वपूर्ण राजनीतिक कार्यके लिए इस महल का अघिक उपयोग करना शुरू कर दिया। इस किलेने अंग्रेजी ग्रह युद्धकी उथल-पुथलका समयभी देखा, जब संसदीय बलों द्वारा इस महल को सैन्य मुख्यालय के रूप में इस्तेमाल किया गया था। साथ ही राजा चार्ल्स प्रथम को इसी महल में बंदी बना के रखा गया था। १६६० में राजतंत्र के पुनर्स्थापन के बाद चार्ल्स द्वितीय द्वारा इस किले का नवनिर्माण किया गया, इसमें शानदार बरूक शैली की इंटीरियर कलाकारी को जोड़ा गया, जिन्हें आज भी माना जाता है। 18वीं सदी में नज़रअंदाज़गी के बाद जॉर्ज तृतीय और चतुर्थ ने चार्ल्स द्वितीय के महल को नवनिर्मित करवाया जिसके कारण महलों की वर्तमान सजावट की गई, तत्पश्चात महारानी विक्टोरियाने भी कई छोटे-मोटे निर्माण करवाएं। द्वितीय विश्वयुद्ध में इस महल को शाही परिवार की पनाहगाह के रूप में इस्तेमाल किया गया था। आज के समय, इस किलेमें करीब 500 लोग रहते और काम करते हैं और यह विश्व का सबसे बड़ा रिहायशी एवं कार्यशील किला है। .

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विंड्सर, बर्कशायर

विंड्सर या विंज़र, बर्कशायर, इंग्लैंड में स्टिंग एक क़स्बा है, जिसे विश्वभर में विंडसर कासल के लिए जाना जाता है, जोकि ब्रिटिश शाही परिवार का गृहनिवास और एक शाही निवास है। यह नगर चारिंग क्रॉस, लंदन से २३ मील पश्चिम की ओर स्थित है। यह थेम्स नदी के ठीक दक्षिण की ओर अवस्थित है, जिसके दूसरे पार, ईटन क़स्बा स्थित है। पुरातन गाँव, ओल्ड विंड्सर, इस जगह से २ मील दक्षिण पर स्थित है, हालांकि पिछले करीब ३०० सालों से इन कसबे को विंडसर के नाम से ही जाना जाता है, परंतु उससे पहले, इन दोनों को अलग करने हेतु इसे न्यू विंड्सर कहा जाता था। .

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विंदालू

विंदालू एक भारतीय करी व्यंजन है जो गोवा और कोंकण प्रांत में लोकप्रिय है। भारत के बाहर, यह पकवान इंग्लैंड के ब्रिटिश-एशियाई खाने में तीखे रूप में भी बनाया जाता है। .

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विक्टर इमानुएल द्वितीय

विक्तर इमनुएल द्वितीय विक्तर एमानुएल द्वितीय (Victor Emanuel II; इतालवी: Vittorio Emanuele Maria Alberto Eugenio Ferdinando Tommaso; १८२० - १८७८) वर्तमान इटली के 'जनक' (Father of the Fatherland; इतालवी: Padre della Patria) माने जाते हैं। उनका नाम जर्मनी के प्रिंस बिस्मार्क और भारत के सरदार पटेल के दर्जे का माना जाता है। इन्होंने अनेक राज्यों में विभक्त देश को एक कर वर्तमान इटली का रूप दिया, सीमावर्ती प्रबल देशों से उसे निर्भय बनाया और उसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठा दिलायी। .

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विकेट-कीपर

सामान्य स्थिति में एक विकेट कीपर, गेंद का सामना करने तैयारी में.इस कीपर एक माध्यम तेज गेंदबाज या स्पिन गेंदबाज के लिए विकेट के "नजदीक खड़ा" है विकेट-कीपिंग दस्ताने का एक जोड़ा। कीपर को गेंद पकड़ने में मदद करने वाली जाली को अंगूठे और तर्जनी के बीच देखा जा सकता है भारत के महेंद्र सिंह धोनी 2008 में चेन्नई में खेले गए एक मैच के दौरान एक दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाज को सफलतापूर्वक स्टंप आउट करते हुए। 2005 में एडम गिलक्रिस्ट शेन वार्न के सामने खड़े हैं। एंड्रयू स्ट्रॉस बल्लेबाजी कर रहे हैं। क्रिकेट के खेल में विकेट-कीपर (विकेटकीपर के तौर पर भी कहा जाता है और कई बार संक्षेप में कीपर भी कहा जाता है) क्षेत्ररक्षण करने वाले दल का वह खिलाड़ी है जो विकेट या स्टंप्स के पीछे वर्तमान में स्ट्राइक पर मौजूद बल्लेबाज के पीछे खड़ा होता है। क्षेत्ररक्षण करने वाले दल के सदस्यों में सिर्फ विकेट-कीपर को ही अपने पैरों में गार्ड और दस्ताने पहनने की अनुमति होती है। मुख्य रूप से यह एक विशेषज्ञ की भूमिका है, हालाँकि कभी-कभी उसे गेंदबाजी के लिए भी कहा जाता है, ऐसी स्थिति में क्षेत्ररक्षण दल के किसी अन्य सदस्य को कुछ समय के लिए विकेट कीपर की भूमिका निभानी पड़ती है। क्रिकेट के नियमों में कीपर की भूमिका नियम 40 से नियंत्रित होती है। .

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व्हिस्की

व्हिस्की का एक गिलास व्हिस्की किण्वित अनाज मैश से आसवित एक प्रकार का मादक पेय है। इसके विभिन्न प्रकारों के लिए विभिन्न अनाजों का इस्तेमाल किया जाता है, जिसमें शामिल हैं जौ, राई, मॉल्ट राई, गेहूं और मक्का (मकई).

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वैयक्तिक विधि

विधि या कानून को वैयक्तिक विधि (Personal law) और प्रादेशिक विधि - इन दो प्रवर्गों में विभक्त किया जा सकता है। वैयक्तिक विधि से तात्पर्य उस विधि से है जो केवल किसी व्यक्तिविशेष अथवा व्यक्तियों के वर्ग पर लागू हो चाहे वे व्यक्ति कहीं पर भी रहते हों। यह विधि प्रादेशिक विधि से भिन्न है जो केवल एक निश्चित प्रदेश के भीतर सब व्यक्तियों पर समान रूप से लागू होती है। वैयक्तिक विधि की वह प्रणाली भारत में वारेन हेस्टिग्ज ने प्रारंभ की थी। उन्होंने कुछ तरह के दीवानी मामलों में हिंदुओं के लिए हिंदू विधि तथा मुसलमानों के लिए मुस्लिम विधि विहित की थी। यह व्यवस्था आज भी विद्यमान है और हिंदू विधि विवाह, दत्तकग्रहण, संयुक्त परिवार, ऋण, बँटवारा, दाय तथा उत्तराधिकार, स्त्रीधन, पोषण और धार्मिक धर्मस्वों के मामलों में हिंदुओं पर लागू है। .

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वैलेंटाइन दिवस

वैलेंटाइन दिवस या संत वैलेंटाइन दिवस (Valentine's Day), एक अवकाश दिवस है, जिसे 14 फ़रवरी को अनेकों लोगों द्वारा दुनिया भर में मनाया जाता है। अंग्रेजी बोलने वाले देशों में, ये एक पारंपरिक दिवस है, जिसमें प्रेमी एक दूसरे के प्रति अपने प्रेम का इजहार वैलेंटाइन कार्ड भेजकर, फूल देकर, या मिठाई आदि देकर करते हैं। ये छुट्टी शुरुआत के कई क्रिश्चियन शहीदों में से दो, जिनके नाम वैलेंटाइन थे, के नाम पर रखी गयी हैउच्च मध्य युग में, जब सभ्य प्रेम की परंपरा पनप रही थी, जेफ्री चौसर के आस पास इस दिवस का सम्बन्ध रूमानी प्रेम के साथ हो गया। ये दिन प्रेम पत्रों के "वैलेंटाइन" के रूप में पारस्परिक आदान प्रदान के साथ गहरे से जुड़ा हुआ है। आधुनिक वैलेंटाइन के प्रतीकों में शामिल हैं दिल के आकार का प्रारूप, कबूतर और पंख वाले क्यूपिड का चित्र.19वीं सदी के बाद से, हस्तलिखित नोट्स की जगह बड़े पैमाने पर बनाने वाले ग्रीटिंग कार्ड्स ने ले ली है। ग्रेट ब्रिटेन में उन्नीसवीं शताब्दी में वैलेंटाइन का भेजा जाना एक फैशन था और, 1847 में, एस्थर हौलैंड ने अपने वोर्सेस्टर, मैस्साचुसेट्स स्थित घर में ब्रिटिश मॉडलों पर आधारित घर में ही बने कार्ड्स द्वारा एक सफल व्यवसाय विकसित कर लिया था। 19 वीं सदी के अमेरिका में वैलेंटाइन कार्ड की लोकप्रियता जहां कई वैलेंटाइन कार्ड अब सामान्य ग्रीटिंग कार्ड प्यार की घोषणाओं के बजाय, संयुक्त राज्य अमेरिका में छुट्टियों के भविष्य व्यावसायीकरण के एक अग्रदूत था रहे हैं। अमेरिका ने ग्रीटिंग कार्ड एसोसिएशन का अनुमान है कि लगभग एक अरब वैलेंटाइन हर साल पूरी दुनिया में भेजे जाते हैं, जिसके कारण,क्रिसमस के बाद, इस छुट्टी को कार्ड भेजने वाले दूसरे सबसे बड़े दिवस के रूप में जाना जाता है। एसोसिएशन का अनुमान है कि औसतन अमरीका में पुरुष महिलाओं के मुकाबले दुगना पैसा खर्चा करते हैं। .

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वैस्ट मिडलैंड्स

वैस्ट मिडलैंड्स इंग्लैंड के नौ आधिकारिक क्षेत्रों में से एक है। क्षेत्र या रीज़न सांख्यिकीय उद्देश्यों के लिए इंग्लैंड की प्रथम स्तर की खण्डीय इकाई है। वैस्ट मिडलैंड्स में पारंपरिक मिडलैंड्स क्षेत्र का पश्चिमी भाग आता है। यूनाईटेड किंगडम का दूसरा सबसे अधिक आबादी वाला शहर बर्मिंघम इसी क्षेत्र में हैं। .

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वैस्टसाइड स्कूल

वैस्टसाइड स्कूल (Westside School), बोलचाल की भाषा में सिर्फ़ वैस्टसाइड, ब्रिटिश प्रवासी शासित प्रदेश जिब्राल्टर में स्थित लड़कियों का एक व्यापक विद्यालय है। विद्यालय की स्थापना वर्ष 1982 में गर्ल्स कोम्प्रेहेंसिव स्कूल की तीन शाखाओं को आपस में मिला कर हुई थी जो स्वयं भी चार विभिन्न विद्यालयों का समामेलन था। माध्यमिक शिक्षा उप्लब्ध कराने वाला वैस्टसाइड स्कूल सम्पूर्ण जिब्राल्टर में केवल दूसरा विद्यालय है, दूसरा माध्यमिक स्तर का विद्यालय बेसाइड कोम्प्रेहेंसिव स्कूल जो लड़को का व्यापक विद्यालय है तथा वैस्टसाइड से दस वर्ष पहले 1972 में चार पृथक विद्यालयों को मिला कर स्थापित हुआ था। .

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वैस्पाज़िअन्

वैस्पाज़िअन की मुर्ति मोटे अक्षर'वैस्पाज़िअन् (१८ नवम्बर ०९ - २९ जून ७९; शासनकाल: ७०-७९)) रोमन साम्राज्य का अत्यंत प्रभावशाली सम्राट था। वह बहादुर सैनिक, कुशल शासक, तथा चरित्रवान, ईमानदार, हँसमुख, मिलनसार और उदार व्यक्ति था। उसके समय में रोमन साम्राज्य का पहला सुप्रसिद्ध इतिहास लिखा गया। अपने सरल और मितव्ययी जीवन से उसने रोमन सामंतों और जनता के जीवन में बड़ा सुधार किया और सादगी से रहना सिखाया। उसका पूरा नाम टाइटस फ्लैवियस वैस्पाज़िअन था। उसका जन्म मामूली साहूकार के घर में हुआ था और उसका जीवन बहादुर सैनिक के रूप में शुरू हुआ। इसी हैसियत से वह जर्मनी, इंग्लैंड, अफ्रीका, यूनान और मिस्र गया। बड़ा यश पैदा किया। १ जुलाई ६९ ई. को मिस्र में रोमन सेनाओं ने उसको सम्राट् घोषित किया। अन्य स्थानों की सेनाओं ने भी उसके प्रति वफादारी की शपथ ली। उनके द्वारा ही वह रोमन साम्राज्य का शासक बनाया गया। उसने शीघ्र ही शासन सुधार की घोषणा करके अपने को लोकप्रिय बना लिया। गाल प्रदेश के विद्रोह को दबाकर जर्मन सीमाओं को सुरक्षित बनाया। जेरूसलम में भी रोमन साम्राज्य की स्थिति को सुरक्षित बनाया। जैनूस के मंदिर को बंद करके अपने शासन काल के ९ वर्ष में वहाँ रोमन आधिपत्य कायम रखा। ७८ ई. में इंग्लैंण्ड के वेल्स और आंग्लेसी द्वीप में रोमन साम्राज्य का विस्तार किया। सन् ७० में उसने रोम में प्रवेश किया। वह घरेलू युद्ध में आग की भेंट हो चुका था। उसका पुनर्निमाण कर उसको सुंदर एवं वैभवशाली बनाया। उसका सबसे बड़ा काम सिनेट के सहयोग से रोमन साम्राज्य की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ बनाना, सेनाओं का पुनर्गठन कर उसमें फैली हुई अनैतिकता को दूर करना, साम्राज्य के अंतर्गत प्रदेशों को उन्नत बनाना और पिछड़े हुए प्रदेशों में रोमन संस्कृति का प्रसार करना था। एक रोमन सरदार की लड़की प्लेविया डामाटिला से उसका विवाह हुआ। उसके दो पुत्र हुए और दोनों रोमन साम्राज्य के सम्राट हुए। श्रेणी:रोमन साम्राज्य.

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वैक्युम क्लीनर

घर पर उपयोग के लिए कनस्तर वैक्युम क्लीनर. एक वैक्युम क्लीनर, जो हूवर (एक प्रजातिगत ट्रेडमार्क) या स्वीपर के भी नाम से जाना जाता है और आमतौर पर यह वैक्युम क्लीनर कहलाता है, एक ऐसा उपकरण है जो आमतौर पर फर्श से धूल और गंदगी खींचने के लिए आंशिक वैक्युम का निर्माण करता है और इसके लिए वायु पंप का इस्तेमाल होता है। बाद में निपटान के लिए गंदगी को या तो डस्टबैग द्वारा इकट्ठा किया जाता है या चक्रवात द्वारा.

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वैकौण्ट पामर्स्टन

thumb इंग्लैंड के प्रधान मन्त्री।.

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वेटिंग फ़ॉर गोडोट

वेटिंग फॉर गोडोट शमूएल बेकेट द्वारा रचित एक बेतुका नाटक है, जिसमें दो मुख्य पात्र व्लादिमीर और एस्ट्रागन एक अन्य काल्पनिक पात्र गोडोट के आने की अंतहीन व निष्फल प्रतीक्षा करते हैं। इस नाटक के प्रीमियर से अब तक गोडोट की अनुपस्थिति व अन्य पहलुओं को लेकर अनेक व्याख्यायें की जा चुकी हैं। इसे "बीसवीं सदी का सबसे प्रभावशाली अंग्रेजी भाषा का नाटक" भी बुलाया जा चुका है। असल में वेटिंग फॉर गोडोट बेकेट के ही फ्रेंच नाटक एन अटेंडेंट गोडोट का उनके स्वयं के द्वारा ही किया गया अंग्रेजी अनुवाद है तथा अंग्रेजी में इसे दो भागों की त्रासदी-कॉमेडी का उप-शीर्षक दिया गया है".

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वेद कृष्णमूर्ति

वेद कृष्णमूर्ति (जन्म 16 अक्टूबर, 1992 चिकमगलूर, कर्नाटक में) एक भारतीय क्रिकेटर है। उन्होंने 30 जून, 2011 को डर्बी में इंग्लैंड महिलाओं के खिलाफ एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अपना पहला प्रदर्शन किया। वह एक दाएं हाथ के बल्लेबाज हैं और दाएं-हाथ के लेगब्रेक गेंदबाज़ हैं।  नवंबर 2015 में, उन्हें बी-ग्रेड अनुबंध सूची में नामित किया गया था, यह पहली बार थी कि बीसीसीआई ने महिला खिलाड़ियों के लिए अनुबंध की पेशकश की । .

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वेधशाला

ऐल्प्स की पहाड़ियो पर स्थित स्फ़िंक्स् वेधशाला ऐसी एक या एकाधिक बेलनाकार संरचनाओं को आधुनिक वेधशाला (Observatory) कहते हैं जिनके ऊपरी सिर पर घूमने वाला अर्धगोल गुंबद स्थित होता है। इन संरचनाओं में आवश्यकतानुसार अपवर्तक या परावर्तक दूरदर्शक रहता है। दूरदर्शक वस्तुत: वेधशाला की आँख होता है। खगोलीय पिंडों का ज्ञान प्राप्त करने के लिए आँकड़े एकत्रित करके उनका अध्ययन और विश्लेषण करने में इनका उपयोग होता है। कई वेधशालाएँ ऋतु की पूर्व सूचनाएँ भी देती हैं। कुछ वेधशालाओं में भूकंपविज्ञान और पार्थिव चुंबकत्व के संबंध में भी कार्य होता है। .

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वेम्बली स्टेडियम

वेम्बली स्टेडियम जिसे कई बार केवल वेम्बली भी कहा जाता है वेम्बली, लंदन में स्थित फुटबॉल स्टेडियम है। इसकी क्षमता ९०,००० है। यह 2007 में खोला गया था और पिछले पुराना वेम्बली स्टेडियम की साइट पर बनाया गया था। स्टेडियम में आम तौर पर प्रमुख फुटबॉल मैचों जैसे एफए कप फाइनल, लीग कप फाइनल और इंग्लैंड राष्ट्रीय फ़ुटबॉल टीम के घरेलू मैचों की मेजबानी होती है। यह यूरोप का दूसरा सबसे बड़ा स्टेडियम है, केवल बार्सिलोना के कैम्प नोऊ के पीछे। 2012 के लंदन ओलिंपिक खेलों में, स्टेडियम ने फुटबॉल मैचों की मेजबानी की। हालाँकि, यह एक फुटबॉल स्टेडियम है लेकिन यहाँ बहुत सारे अन्य खेल भी आयोजित होते हैं। यहाँ रग्बी लीग मैचों का आयोजन भी हुआ है और 2007 के बाद से प्रतिवर्ष इसने छल्लेञे कप के फाइनल मैचों की मेजबानी की है। स्टेडियम ने यहाँ तक कि रग्बी यूनियन के मैचों की मेजबानी की है। 2007 के बाद से, प्रतिवर्ष स्टेडियम एनएफएल के 1 नियमित सत्र मैचों की मेजबानी की है। .

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वेस्टमिंस्टर ब्रिज

(as seen from the London Eye observation wheel) | official_name .

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वेस्ट्मिन्स्टर ऍबी

वेस्ट्मिन्स्टर ऍबी, (Westminster Abbey, सामान्य वर्तनी: वेस्टमिंस्टर ऐबी), जिसे पहले आधिकारिक रूप से अंग्रेज़ी में कॉलेजिएट चर्च ऑफ़ सेण्ट पीटर ऍट् वेस्ट्मिन्स्टर(वेस्टमिंस्टर में स्थित संत पीटर का कॉलेजिएट चर्च) का नाम दिया गया था, वेस्टमिंस्टर शहर, लंदन में स्थित एक विशाल, मुख्यत: गोथिक मठ व गिरिजाघर है। यह वेस्टमिंस्टर महल से पश्चिम में स्थित है। यह यूनाइटेड किंगडम के सबसे माननीय पूजा स्थलों में से एक है व ग्रेट ब्रिटेन के शाही परिवार के राज्याभिषेक का परम्परागत स्थल है। 1540 से 1556 तक इस मठ को कैथेड्रल का महत्व हासिल था। हालांकि 1560 से यह भवन मठ या कैथेड्रल नहीं रह गयी और सिर्फ़ शाही निजी संपत्ति ही कही जाती थी। "शाही निजी संपत्ति" – वो संपत्तियाँ थीं जो सीधे सम्राट के प्रति जवाबदेह थीं और सम्राट की जिम्मेदारी थीं। यह भवन वास्तविक मठ व गिरिजाघर है। 1080 में पहली बार सुलकार्ड द्वारा बताई गई परंपरा के अनुसार लंदन के थोर्नी द्वीप पर सातवीं शताब्दी में लंदन के पादरी मेलिटस के जमाने में एक गिरिजाघर का निर्माण हुआ था। वर्तमान गिरिजाघर का निर्माण सन् 1245 में हेनरी अष्टम के आदेश पर शुरु हुआ था।.

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वेई नदी

वेई नदी (River Wye, Afon Gwy) संयुक्त राजशाही की पांचवी सबसे लंबी नदी है और इंग्लैण्ड व वेल्स की सीमा को बांटती है। यह प्रकृति संरक्षण और पुनर्निर्माण के लिए महत्वपूर्ण है। .

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वेंकटरामन रामकृष्णन

वेंकटरामन "वेंकी" रामकृष्णन (வெங்கட்ராமன் ராமகிருஷ்ணன்) (जन्म: १९५२, तमिलनाडु) एक जीव वैज्ञानिक हैं। इनको २००९ के रसायन विज्ञान के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। इन्हें यह पुरस्कार कोशिका के अंदर प्रोटीन का निर्माण करने वाले राइबोसोम की कार्यप्रणाली व संरचना के उत्कृष्ट अध्ययन के लिए दिया गया है। इनकी इस उपलब्धि से कारगर प्रतिजैविकों को विकसित करने में मदद मिलेगी। इसराइली महिला वैज्ञानिक अदा योनोथ और अमरीका के थॉमस स्टीज़ को भी संयुक्त रूप से इस सम्मान के लिए चुना गया। तीनों वैज्ञानिकों ने त्रि-आयामी चित्रों के ज़रिए दुनिया को समझाया कि किस तरह राइबोसोम अलग-अलग रसायनों के साथ प्रतिक्रिया करते हैं, इसके लिए उन्होंने एक्स-रे क्रिस्टलोग्राफ़ी का सहारा लिया जो राइबोसोम्ज़ की हज़ारों गुना बड़ी छवि सामने लाता है। वर्तमान में श्री वेंकटरामन् रामकृष्णन् ब्रिटेन के प्रतिष्ठित कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से जुड़े हैं एवं विश्वविद्यालय की एमआरसी लेबोरेट्रीज़ ऑफ़ म्यलूकुलर बायोलोजी (पेशीय जीवविज्ञान की एमआरसी प्रयोगशाला) के स्ट्रकचरल स्टडीज़ (संरचनात्मक अध्ययन) विभाग के प्रमुख वैज्ञानिक हैं। वेंकी के नाम से मशहूर वेंकटरामन सातवें भारतीय एवं तीसरे तमिल मूल के व्यक्ति हैं जिनको नोबल पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। इनकी प्रारंभिक शिक्षा तमिलनाडु के चिदंबरम में हुई .

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वॉर्सेस्टर

वॉर्सेस्टर.

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वोडाफ़ोन (भारत)

वोडाफ़ोन (भारत) इंग्लैंड की एक दूरसंचार कंपनी वोडाफ़ोन है जो भारत में एक भारतीय कंपनी हच एस्सार को खरीदने के बाद भारत में अपना कारोबार स्थापित कर रही है। .

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वोदका

रूस के मंद्रोगी का वोडका संग्रहालय वोडका (रूसी शब्द водка, вода + ка से) http://www.britannica.com/EBchecked/topic/631781/vodka, एक साफ़ द्रव है जिसका अधिकांश भाग जल और इथेनॉल है जिसे अनाज (आम तौर पर राई या गेहूं), आलू या मीठे चुकंदर के शीरे जैसे किसी किण्वित पदार्थ से आसवन की प्रक्रिया — प्रायः एकाधिक आसवन की प्रक्रिया — द्वारा शुद्ध किया जाता है। इसमें अन्य प्रकार के पदार्थ जैसे अनचाही अशुद्धता या स्वाद की मामूली मात्रा भी शामिल रह सकती है। आमतौर पर वोडका में अल्कोहोल की मात्रा 35% से 50% आयतन के अनुपात में रहती है। क्लासिक रूसी, लिथुआनिया और पोलिश वोडका में 40% (80 प्रूफ) है। वोडका का उत्पादन अलेक्जेंडर III द्वारा 1894 में शुरू किया गया था जिसके लिए रूसी मानकों को श्रेय दिया जा सकता है।मास्को में वोडका संग्रहालय के अनुसार, रूसी रसायनज्ञ दमित्री मेनडिलिव (आवर्त सारणी (periodic table) के विकास में अपने कार्य के लिए अधिक प्रसिद्ध) ने सही प्रतिशत 38% बताया था। हालांकि, उस समय अल्कोहोल की उग्रता शक्ति के आधार पर कर (टैक्स) लगता था परन्तु कर की सरल गणना करने के लिए इस प्रतिशत को पूर्णांक बनाते हुए 40 कर दिया गया। कुछ सरकारों ने अल्कोहोल के लिए मद्यसार की एक न्यूनतम सीमा तय की जिसे 'वोडका' कहा जाने लगा.

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वोले शोयिंका

वोले शोयिंकावोले शोयिंका-(पूरा नाम अकिन्वान्डे ओलुवोले शोयिंका)(१३ जुलाई १९३४-) १९८६ में साहित्य के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित अफ्रीका के पहले साहित्यकार हैं। उनका जन्म ओगुन राज्य में स्थिति अव्योकुटा कस्बे में हुआ था। इनके पिता एनिओला शोंयिंका एक अध्यापक थे और मां आयोडेले (इया) ओलुवोले अपनी दुकान चलाती थीं। इस दम्पति ने ईसाई धर्म को स्वीकार कर लिया था इसलिए बालक शोयिंका का बपतिस्मा संस्कार हुआ। लेकिन बचपन से ही बालक शोयिंका पर अपने दादा के मूल योरूबा प्रकृति धर्म (एनिमिज्म) पर अटल रहने का गहरा प्रभाव पड़ा। इसी के फलस्वरूप उनके मन मनुष्य के प्रति अगाध आस्था जनमी। आगे चलकर योरूबा जनजाति की भाषा और संस्कृति से अभिन्न जुड़ाव का उनकी सृजनात्मकता में अद्भुद उपयोग हुआ। युवा होते-होते १९६३ में वोले शोयिंका ने ईसाई धर्म सार्वजनिक रूप से परित्याग करके प्रकृति धर्म में आस्था व्यक्ति की और उनकी पुर्नस्थापना के लिए प्रयत्नशील हो गए। रायल कोर्ट थियेटर लंदन में प्ले-रीडर के रूप में जीवन आरम्भ करके वह नाइजीरिया के कई विश्वविद्यालयों में अंग्रेजी साहित्य और नाट्य कला के प्राध्यापक रहे। कालान्तर में लेगान विश्वविद्यालय घाना और शेफील्ड विश्वविद्यालय इंग्लैण्ड में विजिटिंग प्रोफेसर और चर्चित कालेज कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय इंगलैण्ड व कॉर्नेल विश्वविद्यालय अमरीका के फैलो बने। अपनी प्रतिबद्धताओं और अभिव्यक्ति के कारण कई बार जेल यात्रा करनी पड़ी। अश्वेत अफ्रीका की परंपरा, संस्कृति और धार्मिक विश्वास में युगों-युगों से रचे-बसे मिथकों की काव्यात्मकता और उनकी नई रचनात्मक सम्भावनाओं को शोयिंका ने ही पहली बार पहचाना। प्राचीन यूनानी मिथकों की आधुनिक यूरोपीय व्याख्या से प्रेरित हो उन्होंने योरूबा देवमाला की सर्वथा नई दृष्टि से देखा। साहित्य और कला के अपार रचना-सामर्थ्य को प्रतिबिम्बित करने वाले योरूबा देवता ओगुन इस नव्य दृष्टिकोण को रेखांकित करती है। उनकी कविताओं के अनुवाद हिंदी में भी पढ़े जा सकते हैं। .

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वी फॉर वेंडेट्टा

वी फॉर वेंडेट्टा के एलन मूरद्वारा लिखित और डेविड लॉयड द्वारा चित्रों में व्याख्यायित हास्य पुस्तकों की दस अंकों वाली एक श्रृंखला है, जिसमें 1990 के दशकों के बारे में 1980 के दशकों में ही युनाइटेड किंगडम के मनहूस भविष्य की कल्पना सचित्र दर्शायी गई है। एक रहस्यमय क्रांतिकारी जो अपने आपको "वी" कहता है, अधिनायकवादी सरकार को तबाह कर देने के लिए काम करता है और उनलोगों को बुरी तरह प्रभावित करता है जिनसे उसका सामना होता है। यह श्रृंखला एक सीमित परमाणु युद्ध जिसने संसार के लगभग अधिकांश हिस्से को तबाह कर दिया है, के पश्चात् निकट-भविष्य वाले ब्रिटेन का चित्र दर्शाती हैं। इस भविष्य में, "नॉर्सफायर" नामक एक फासीवादी पार्टी सत्तारूढ़ शक्ति के रूप में उभर कर सामने आती है। "वी", एक अराजकतावादी क्रांतिकारी एक गाय फॉक्स के वेश में मुखौटा पहने, सरकार गिरा देने के लिए एक व्यापक, हिंसक, एवं नाटकीय अभियान आरंभ कर देता है। 2006 में वार्नर ब्रदर्स ने इस पर आधारित एक फ़िल्म रिलीज़ की। .

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वी के कृष्ण मेनन

वेंङालिल कृष्णन कृष्ण मेनोन (വി., ३ मई १८९६ - ६ अक्टूबर १९७४), जिन्हें सामान्यतः कृष्ण मेनोन कहा जाता है, एक भारतीय राष्ट्रवादी, राजनीतिज्ञ, कूटनीतिज्ञ, तथा सन् १९५७ से १९६२ तक भारत के रक्षा मंत्री थे। .

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वीयर नदी

वीयर (Wear) उत्तर-पश्चिमी इंग्लैण्ड में बहने वाली एक नदी का नाम है। यह नदी पेन्नीज (Pennines) से निकलकर पूर्व की ओर बहती हुई सुन्दरलैण्ड (Sunderland) में उत्तरी सागर में मिल जाती है। .

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खेल जगत २०१०

इन्हें भी देखें 2010 भारत 2010 विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी 2010 साहित्य संगीत कला 2010 खेल जगत 2010 .

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गणित का इतिहास

ब्राह्मी अंक, पहली शताब्दी के आसपास अध्ययन का क्षेत्र जो गणित के इतिहास के रूप में जाना जाता है, प्रारंभिक रूप से गणित में अविष्कारों की उत्पत्ति में एक जांच है और कुछ हद तक, अतीत के अंकन और गणितीय विधियों की एक जांच है। आधुनिक युग और ज्ञान के विश्व स्तरीय प्रसार से पहले, कुछ ही स्थलों में नए गणितीय विकास के लिखित उदाहरण प्रकाश में आये हैं। सबसे प्राचीन उपलब्ध गणितीय ग्रन्थ हैं, प्लिमपटन ३२२ (Plimpton 322)(बेबीलोन का गणित (Babylonian mathematics) सी.१९०० ई.पू.) मास्को गणितीय पेपाइरस (Moscow Mathematical Papyrus)(इजिप्ट का गणित (Egyptian mathematics) सी.१८५० ई.पू.) रहिंद गणितीय पेपाइरस (Rhind Mathematical Papyrus)(इजिप्ट का गणित सी.१६५० ई.पू.) और शुल्बा के सूत्र (Shulba Sutras)(भारतीय गणित सी. ८०० ई.पू.)। ये सभी ग्रन्थ तथाकथित पाईथोगोरस की प्रमेय (Pythagorean theorem) से सम्बंधित हैं, जो मूल अंकगणितीय और ज्यामिति के बाद गणितीय विकास में सबसे प्राचीन और व्यापक प्रतीत होती है। बाद में ग्रीक और हेल्लेनिस्टिक गणित (Greek and Hellenistic mathematics) में इजिप्त और बेबीलोन के गणित का विकास हुआ, जिसने विधियों को परिष्कृत किया (विशेष रूप से प्रमाणों (mathematical rigor) में गणितीय निठरता (proofs) का परिचय) और गणित को विषय के रूप में विस्तृत किया। इसी क्रम में, इस्लामी गणित (Islamic mathematics) ने गणित का विकास और विस्तार किया जो इन प्राचीन सभ्यताओं में ज्ञात थी। फिर गणित पर कई ग्रीक और अरबी ग्रंथों कालैटिन में अनुवाद (translated into Latin) किया गया, जिसके परिणाम स्वरुप मध्यकालीन यूरोप (medieval Europe) में गणित का आगे विकास हुआ। प्राचीन काल से मध्य युग (Middle Ages) के दौरान, गणितीय रचनात्मकता के अचानक उत्पन्न होने के कारण सदियों में ठहराव आ गया। १६ वीं शताब्दी में, इटली में पुनर् जागरण की शुरुआत में, नए गणितीय विकास हुए.

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गणेश प्रसाद

गणेशप्रसाद (1876 - 1935 ई.) भारतीय गणितज्ञ। इनका जन्म 15 नवम्बर 1876 ई. का बलिया (उत्तर प्रदेश) में हुआ। इनकी आरंभिक शिक्षा बलिया और उच्च शिक्षा म्योर सेंट्रल कालेज, इलाहाबाद में हुई। 1898 ई. में इन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से डी.

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गाँव

मध्य भारत का एक गाँव कैसल नाला, विल्टशायर, इंग्लैंड के गाँव के मुख्य सड़क पर. Masouleh गाँव, Gilan प्रांत, ईरान. Saifi गाँव के केंद्र Ville, बेरूत, लेबनान में मुख्य चौराहे Lötschental घाटी, स्विट्जरलैंड में एक अल्पाइन गाँव. ग्राम या गाँव छोटी-छोटी मानव बस्तियों को कहते हैं जिनकी जनसंख्या कुछ सौ से लेकर कुछ हजार के बीच होती है। प्राय: गाँवों के लोग कृषि या कोई अन्य परम्परागत काम करते हैं। गाँवों में घर प्राय: बहुत पास-पास व अव्यवस्थित होते हैं। परम्परागत रूप से गाँवों में शहरों की अपेक्षा कम सुविधाएं (शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य आदि की) होती हैं।इसे संस्कृत में ग्राम, गुजराती में गाम(गुजराती:ગામ), पंजाबी में पिंड कहते हैं। .

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गिरीश कर्नाड

गिरीश कार्नाड (जन्म 19 मई, 1938 माथेरान, महाराष्ट्र) भारत के जाने माने समकालीन लेखक, अभिनेता, फ़िल्म निर्देशक और नाटककार हैं। कन्नड़ और अंग्रेजी भाषा दोनों में इनकी लेखनी समानाधिकार से चलती है। 1998 में ज्ञानपीठ सहित पद्मश्री व पद्मभूषण जैसे कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों के विजेता कार्नाड द्वारा रचित तुगलक, हयवदन, तलेदंड, नागमंडल व ययाति जैसे नाटक अत्यंत लोकप्रिय हुये और भारत की अनेकों भाषाओं में इनका अनुवाद व मंचन हुआ है। प्रमुख भारतीय निदेशको - इब्राहीम अलकाजी, प्रसन्ना, अरविन्द गौड़ और बी.वी. कारंत ने इनका अलग- अलग तरीके से प्रभावी व यादगार निर्देशन किया हैं। .

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गजट

गजट 'संवादपत्र' (newspaper) का पर्याय तथा समानार्थक एवं बहुप्रयुक्त प्राचीन शब्द। गजट सामयिक घटनाओं का सारसंग्रह होता है। यह 'आदि समाचारपत्र' का एक भेद है जिसका नामकरण और प्रकाशन, वेनिस की सरकार द्वारा सन् 1566 में गजट के रूप में हुआ। 1665 में इंग्लैंड में आक्सफर्ड गज़ट प्रकाशित हुआ जो अगले वर्ष 'लंदन गज़ट' हो गया। वह ब्रिटिश सरकार का राजकीय मुखपत्र है। स्थानीय तथा प्रादेशिक समाचारों के ऐसे प्रकाशन समाचारपत्रों की ही श्रेणी में आते हैं, जैसे पालमाल गज़ट, सेंट जेम्स गज़ट, वेस्टमिंस्टा गज़ट आदि जो आज भी अस्तित्व में हैं। भारतीय पत्रकारिता के इतिहास में प्रारंभिक अखबारों के बीच यही नाम प्रचलित हुआ, जैसे बंगाल गज़ट (1780), हिकी गज़ट (1780), इंडियन गज़ट (1780), मद्रास गज़ट (1795) आदि। इस प्रकार गज़ट प्रांतीय अखबारों का सूचक पद रहा है। भारतीय समाचारपत्र के लिए गज़ट शब्द का प्रयोग 20वीं शताब्दी के आरंभ तक बहुतायत से मिलता है किंतु अब यह नाम अप्रचलित है। सिविल मिलिटरी गज़ट, मसूरी गज़ट आदि इने गिने अंग्रेजी पत्र इसके अपवाद हैं। इसके विपरीत गज़ट ईस्ट इंडिया कंपनी के शासनकाल से ही विधिप्रारूपों, विभागीय सूचनाओं और विज्ञप्तियों के शासकीय प्रकाशनों के लिए प्रयुक्त होता आया है, जैसे उत्तरप्रद्रेश गज़ट, बिहार गज़ट आदि। इस दृष्टि से किसी प्रकार की स्वतंत्र अथवा वैयक्तिक सूचनाओं और राजपत्रों के लिए यह नाम रूढ़ है और अपनी इन विशेषताओं के कारण गज़ट आधुनिक समचारपत्र से भिन्न हो जाता है। इसे हम सरकारी और प्रशासकीय सूचनाओं तथा कार्यों का विवरणपत्र कह सकते हैं। श्रेणी:संचार.

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गुन्नार म्यर्दल

गुन्नार म्यर्दल कार्ल गुन्नार म्यदाल (Karl Gunnar Myrdal; स्विडी भाषा:; ६ दिसम्बर १८९८ - १७ मई १९८७) एक स्वीडिश अर्थशास्त्री, राजनेता और नोबेल विजेता थे। १९७४ में, फ्रेडरिक हायेक के साथ अर्थशास्त्र के क्षेत्र में मुद्रा और आर्थिक विचलन के सिद्धांत के क्षेत्र में अग्रणी काम और आर्थिक, सामाजिक और संस्थागत के लिए घटना के तीक्ष्ण विश्लेषण के लिए नोबेल पुरस्कार प्रदान किया गया। इन्हें वर्ष १९८१ में इनकी पत्नी अल्वा म्यर्दल के साथ जवाहर लाल नेहरू पुरस्कार प्रदान किया गया था। .

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गुप्त लेखन

गुप्त लेखन संवाद लिखने की ऐसी पद्धति जिसे व्यक्तिविशेष के सिवाय दूसरा न समझ सके। गुप्त लेखन दृश्य तथा अदृश्य दो प्रकार का होता है। गुप्त लेखन में संवाद बीजांक (Cipher) या कूट (Code) द्वारा प्रेषित किया जाता है। कूट पद्धति में प्रेषक तथा आदाता कूट पुस्तक का प्रयोग करते हैं। पुस्तक के द्वारा अक्षरों के समूह या किसी शब्द से गुप्त संवाद जान लिया जाता है। संदेश को यथासंभव छोटा बनाने के लिये तार या केबुल तार में प्राय: कूट का प्रयोग किया जाता है। व्यापारिक संस्थाएँ, जिनकी शाखाएँ विदेशों में फैली होती हैं, प्राय: निजी कूट पुस्तक का उपयोग करती हैं। कूट पुस्तक का सेना में बड़ा महत्व है। यदि सैनिक अधिकारी कूट का प्रयोग न कर दमक ज्योति, ध्वजसंकेत या शाब्दिक संदेश भेजे तो वह असुरक्षित तथा बिलंबगामी हो जायगा। कूट को रहस्य बनाए रखने के लिये आवश्यक है कि कूट पुस्तक कुछ ही अत्यंत विशवासपात्र व्यक्तियों के पास हो। किंतु कूट को बीजांकित करने से रहस्य प्रकट नहीं होता। संदेश को बीजांकित करने का अभिप्राय है संदेश को दूसरे अक्षरों या संकेत में लिखना, या अक्षरों के क्रम में परिवर्तन करना। बीजांकित संदेश पढ़ने के लिए कुंजी आवश्यक है। बीजांकन की सरलतम पद्धति प्रतिस्थापन सारणी है। वर्णमाला का प्रत्येक अक्षर किसी दूसरे अक्षर से व्यक्त किया जाता है। प्रेषक यदि चाहे तो आदाता को पहले से सूचित कर सारणी में हेर फेर कर सकता है। बीजांकप्रतिस्थापन की एक और सरल पद्धति प्लेफेयर (Playfair) है, जिनमें प्रेषक तथा आदाता को संकेत शब्द का ज्ञान होना ही संवाद समझने के लिए पर्याप्त होता है। .

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गुलदाउदी

गुलदाउदी (Chrysanthemum) एक बारहमासी सजावटी फूलों का पौधा है। इसकी लगभग 30 प्रजातियों पाई जाती हैं। मुख्यतः यह एशिया और पूर्वोत्तर यूरोप मे पाया जाता है। ग्रीक भाषा के (Anemone) अनुसार क्राइसैंथिमम शब्द का अर्थ स्वर्णपुष्प है। इस जाति का पुष्प छोटा तथा सम्मित एनीमोन सदृश होता है। बेंथैम तथा हूकर (Bentham and Hooker, 1862-93) के वनस्पति-विभाजन-क्रम के आधार पर गुलदाऊउदी का स्थान नीचे दिए हुए क्रम के अनुसार निर्धारित होता है: वर्ग द्विदलीय (Dicotyledon) गैमोपेटैली (Gamopetalae) श्रेणी इनफेरी (Inferae) आर्डर ऐस्टरेलीज़ (Asterales) कुल कॉम्पॉज़िटी (Compositae) जीनस क्राइसैंथिमम .

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गुलाबों का युद्ध

गुलाबों का युद्ध (War of the Roses) ब्रिटेन में घटित हुआ था। यॉर्क और लैंकॅस्टर राजवंश लड़े थे इंग्लैण्ड के सिंहासन के लिए। अंत में टूडर राजवंश बनाया गया था।.

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गुल्येल्मो मार्कोनी

गुल्येल्मो मार्कोनी गूल्येलमो मार्कोनी (Guglielmo Morconi; २५ अप्रैल १८७४ - २० जुलाई १९३७) इटली का अन्वेषक था जिसने लम्बी दूरी तक रेडियो संचार (बिना तार के संकेत भेजना) के क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभायी। उसने एक नियम दिया जिसे 'मार्कोनी नियम' कहते हैं। उसने रेडियो टेलीग्राफ का विकास भी किया। .

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गुंडप्पा विश्वनाथ

गुंडप्पा विश्वनाथ एक पूर्व भारतीय क्रिकेटर हैं। उन्होंने 1967 में अपने पहले प्रथम श्रेणी मैच में 230 रन बनाए थे। .

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ग्रेट ब्रिटेन

ग्रेट ब्रिटेन (अंग्रेज़ी: Great Britain ब्रिटन्) अथवा ब्रिटेन यूरोप में स्थित एक द्वीप है। यह द्वीप, संयुक्त राजशाही देश का सबसे बड़ा हिस्सा है। इंग्लैंड, स्कॉटलैंड और वेल्स इसी द्वीप पर स्थित हैं। ग्रेट ब्रिटेन यूरोप महाद्वीप के उत्तर-पश्चिम स्थित यह बृहत्‌ द्वीप है जिसमें स्कॉटलैंड, वेल्स तथा इंग्लैंड संम्मिलित हैं। 1282 ई. में इग्लैंड ने वेल्स पर विजय प्राप्त की तथा 1707 ई. में स्कॉटलैंड विधानत: इंग्लैड में मिला गया। इन संयुक्त राज्यों का नाम तभी से (1707 ई.) ग्रेट ब्रिटेन पड़ गया। ग्रेट ब्रिटेन प्राचीन रोमन ब्रिटैनिया मेजर शब्द का अनुवाद है। .

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ग्रेट ब्रिटेन राजशाही

ग्रेट ब्रिटेन राजशाही या ग्रेट ब्रिटेन राजतंत्र, आधिकारिक रूपसे:ग्रेट ब्रिटेन, पश्चिमी यूरोप में १ मई १७०७ से १३ दिसंबर १८०० तक विद्यमान, यूनाइटेड किंगडम का पूरक राज्य था। ग्रेट ब्रिटेन की स्थापना १७०६ को अंग्रेज़ी राजशाही और स्कोटियाई राजशाही के बीच तय किये गए विलयके समझौतेका १७०७में विलय के अधिनियमों के रूपमें पारित होनेके कारण हुआ था। इन अधिनोइयमोंके कारण, पूर्व आंग्ल राजतंत्र और स्कॉट राजतंत्रका एक शासक, एक संसद तथा एक व्यवस्था के साथ, एकही राजतांत्रिक इकाईके रूपमें विलय होगया, जिसका विस्तार पूरे ग्रेट ब्रिटेन और उसके निकट के द्वीपों पर अधिपत्य था। इस राजतंत्र का अधिआसन, लंदन का वेस्टमिंस्टर शहर था। यह एक पूर्णतः एकात्मक राज्य राज्य था, और इसकी राजनीतिक व्यवस्था में स्कॉटलैंड और इंग्लैंड के बीच किसी प्रकार का संघीय या महासंघिया संबंध नहीं था। इंग्लैंड और स्कॉटलैंड (और आयरलैंड) सन् १६०३ में एलिज़ाबेथ प्र॰ के देहांत पश्चात् जेम्स प्रथम की सिंघासन-उत्तराधिकृति से एक व्यक्तिगत विलय की स्थिती में थे। हालाँकि, इंग्लैंड और आयरलैंड का विलय हो गया था, परंतु आईरिस राज्य, ग्रेट ब्रिटेन का हिस्सा नहीं था, और वह एक स्वतंत्र प्रदेश था। १ जनवरी १८०१, को ग्रेट ब्रिटेन राजशाही का आयरिश राजशाही के साथ विलय होगया और ग्रेट ब्रिटेन और आयरलैंड की संयुक्त राजशाही की स्थापना हुई। १९२२ में, आयरलैंड का पांच-छ्याई भाग, इस संयुक्त राजशाही से निकल गया और इस राज्य का पुनःनामकरण कर, इसका नाम ग्रेट ब्रिटेन और उत्तरी आयरलैंड की संयुक्त राजशाही कर दिया गया, जोकि आज विद्यमान है। इस संयुक्त राज्य के शुरूआती वर्ष, जकॉबियाइ जागरणों से भरे थे, जो १७४६ में स्टुअर्टवंशी चार्ल्स एडवर्ड स्टुअर्ट की हार के साथ समाप्त हुए। तत्पश्चात् १७६३ में सप्तवर्षीय युद्ध में विजय ने सर्वप्रथम वैश्विक शक्ति के रूप में स्थापित कर दिया, जोकि अगले १०० वर्षों में इतिहास के बृहत्तम् साम्राज्य के रूप में विकसित हुई। .

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ग्रेटर लंदन

ग्रेटर लंदन एक इंग्लैंड का काउंटी है और टॉप-लेवल प्रशासनिक प्रभाग है, जो लंदन को cover करता है। लंदन, या ग्रेटर लंदन, इंग्लैंड का एक क्षेत्र है जो लंदन की प्रशासनिक सीमाएं बनाता है। यह ३३ स्थानीय सरकार जिलों में आयोजित किया जाता है:३२ लंदन बोरो(जो ग्रेटर लंदन की औपचारिक काउंटी बनाता है)और लंदन शहर(जो एक अलग काउंटी है लेकिन अभी भी इस क्षेत्र का हिस्सा है)। साउथवार्क में स्थित ग्रेटर लंदन प्राधिकरण, पूरे क्षेत्र में सामरिक स्थानीय सरकार के लिए जिम्मेदार है और इसमें लंदन के मेयर और लंदन विधानसभा शामिल हैं। ग्रेटर लंदन की काउंटी १ अप्रैल १९६५ को लंदन सरकार अधिनियम १९६३ के माध्यम से बनाई गई थी। प्रशासनिक रूप से, ग्रेटर लंदन पहले १९६३ और १९८६ के बीच ग्रेटर लंदन परिषद के तहत एक सुई जनरेश कौंसिल क्षेत्र के रूप में स्थापित किया गया था। इस क्षेत्र को १९९४ में एक क्षेत्र के रूप में पुन:स्थापित किया गया था और २००० में गठन किया गया ग्रेटर लंदन प्राधिकरण। .

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ग्रेस रोड

ग्रेस रोड ग्रेस रोड लीसेस्टर, इंग्लैंड, लीसेस्टरशायर काउंटी क्रिकेट क्लब के लिए घर में एक क्रिकेट ग्राउंड है। श्रेणी:क्रिकेट क्लब.

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ग्रीनहाउस

रूस के सेंट पीटर्सबर्ग वानस्पतिक उद्यान स्थित विक्टोरिया अमेज़ोनिका (विशाल आमेज़न वॉटर लिली). बेल्जियम, ब्रसेल्स, लेकेन के रॉयल ग्रीनहॉउसेस.19 वीं शताब्दी के ग्रीनहॉउस वास्तुकला का एक उदाहरण कॉर्नवॉल, इंग्लैंड में इडेन परियोजना, युनाइटेड किंगडम का सबसे बड़ा ग्रीनहॉउस ला मोजोनेरा, अल्मेरिया, अंडालुसिया, स्पेन. अल्मेरिया के तट पर स्थित ग्रीन हॉउसेस हरितगृह या ग्रीनहाउस (ग्लासहाउस भी कहा जाता है) एक इमारत है, जहां पौधे उगाये जाते हैं। ग्रीनहाउस विभिन्न तरह की आवरण सामग्रियों जैसे कांच या प्लास्टिक की छत और अक्सर कांच या प्लास्टिक की दीवारों के साथ बनी एक संरचना है; यह गर्म होता है, क्योंकि सूर्य द्वारा भेजे जा रहे दृश्य सौर विकिरण को पौधों, मिट्टी और भवन के भीतर स्थित अन्य चीजों द्वारा अवशोषित किया जाता है। कांच इस विकिरण के लिए पारदर्शी है। ग्रीनहाउस के भीतर गरम संरचनाएं और पौधे इस ऊर्जा को फिर से अवरक्त में विकीर्ण करते हैं, जिससे कांच आंशिक रूप से अपारदर्शी हो जाता है और वह ऊर्जा ग्रीनहाउस के भीतर कैद हो जाती है। हालांकि, प्रवाह के कारण उष्मा का कुछ नुकसान होता है, लेकिन इससे ग्रीन हाउस के अंदर ऊर्जा (और इस तरह तापमान) में विशुद्ध वृद्धि होती है। गर्म आंतरिक सतहों के ताप से गरम हुई हवा को छत और दीवार द्वारा ईमारत के अन्दर बरकरार रखा जाता है। इन संरचनाओं का आकार छोटे से शेड से लेकर बहुत बड़ी इमारतों तक हो सकता हैं। ग्रीनहाउस को कांच के ग्रीनहाउस और प्लास्टिक ग्रीनहाउस के रूप में विभाजित किया जा सकता है। प्लास्टिक में ज्यादातर पीई (PE) फिल्म और पीसी (PC) या पीएमएमए (PMMA) की कई दीवारों वाली चादरें प्रयुक्त की जाती है। कांच के व्यावसायिक ग्रीनहाउस में अक्सर सब्जियों या फूलों के लिए उच्च तकनीक वाली उत्पादन सुविधाएं होती हैं। कांच के ग्रीनहाउस स्क्रीनिंग स्थापना, गर्म करने, ठंडा करने, प्रकाशमान करने जैसे उपकरणों से परिपुर्ण होते हैं और यह एक कंप्यूटर द्वारा स्वचालित रूप से नियंत्रित हो सकता है। ग्रीनहाउस के लिए इस्तेमाल किया कांच हवा के प्रवाह के लिए एक बाधा के रूप में काम करता है और इसका प्रभाव ग्रीनहाउस के भीतर ऊर्जा को बांधकर रखने के रूप में पड़ता है, जो पौधों और इसके अंदर की जमीन दोनों को गर्म करता है। यह जमीन के पास की हवा को गर्म करता है और इस हवा को उपर उठने और बहकर दूर चले जाने से रोका जाता है। एक ग्रीनहाउस की छत के पास एक छोटी सी खिड़की खोलकर इसका प्रदर्शन किया जा सकता है: क्योंकि तापमान उल्लेखनीय रूप से काफी नीचे आ जाता है। यह सिद्धांत ठंडा करने की ऑटोवेंट स्वचालित प्रणाली पर आधारित है। एक अति लघु ग्रीनहाउस एक ठंडे फ्रेम के रूप में जाना जाता है। .

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ग्रीनविच मीन टाइम

अमास को अंतर्रराष्ट्रीय मानक समय (ग्रीनविच मीन टाईम) के नाम से जाना जाता है। इस समय का निर्धारण इंग्लैंड के ग्रीनविच में स्थित वेधशाला से होता है। इसी समय को मानक मानकर संसार के विभिन्न देशों में समय क्षेत्र के अनुसार समय का निर्धारण होता है। .

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ग्लेडविन जेब

हुबर्ट माईल्स ग्लेडविन जेब, प्रथम बैरन ग्लेडविन, सेंट माइकल और सेंट जॉर्ज के आदेश और रॉयल विक्टोरियन आदेश (GCVO) के आधार पर नामाकरण, जाने जाते हैं ग्लेडविन जेब के नाम से (जन्म: 25 अप्रैल 1900; मृत्यु: 24 अक्टूबर 1996), एक प्रमुख ब्रिटिश प्रशासनिक अधिकारी, राजनयिक और राजनेता के रूप में विश्वसनीय रहते हुये संयुक्त राष्ट्र के अगले प्रथम महासचिव के चुनाव तक कार्यवाहक। .

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गौरवशाली क्रांति

गौरवपूर्ण क्रान्ति (The Glorious Revolution) या सन् १६८८ की क्रान्ति के द्वारा इंग्लैण्ड का राजा जेम्स द्वितीय को राजसिंहासन गवांना पड़ा। 18वीं सदी में विश्व में तीन प्रमुख क्रांतियां हुईं। ये भिन्न-भिन्न देशों में अवश्य हुई किन्तु इनके परिणाम एवं प्रभाव विश्व पर दूरगामी हुए। इन क्रांतियों में सर्वप्रथम इंग्लैंड में घटित वैभवपूर्ण क्रांति (1688 ई.) है। इसे 'गौरवशाली क्रांति' अथवा 'रक्तहीन क्रांति' भी कहा जाता है क्योंकि इस क्रांति में किसी भी पक्ष के व्यक्ति के रक्त की एक बूंद भी नहीं निकली और केवल प्रदर्शन एवं वार्तालाप से ही क्रांति सफल हो गई। 1688 ई. में इंग्लैण्ड में हुई इस रक्तहीन क्रांति ने अमेरिका (इंग्लैंड का उपनिवेश) में भी स्वतंत्रता की मांग बुलंद की। अमेरिका में शासन ब्रिटिश संसद द्वारा चलाया जाता था जो अमेरिकावासियों को सहन न था। वे स्वतंत्र रूप से शासन करना चाहते थे। अतः अमेरिकी उपनिवेश ने अपनी स्वतंत्रता के लिए जो संघर्ष किया वही अमेरिकी क्रांति कहलाता है। ये क्रांति 1776 ई. में हुई। उपरोक्त दो क्रांतियों के परिणाम एवं प्रभाव स्वरूप यूरोप में भी क्रांति का दौर प्रारंभ हुआ। 18वीं सदी में यूरोपीय देशों में फ्रांस की सामाजिक एवं आर्थिक स्थिति अत्यंत जर-जर थी। शासक कुलीन तथा पादरी वर्ग केवल अपनी विलासिता पर ही ध्यान देते थे। जनता एवं जनहित के कार्यो तथा प्रशासन में उनकी कोई रूचि नहीं थी। वे केवल श्रमिकों एवं कृषकों का शोषण करते थे। ऐसी परिस्थिति में फ्रांस में बुद्धिजीवी वर्ग का उदय हुआ जिन्होंने जनता को उनके अधिकारों के परिचित कराया। इस प्रकार शासक, कुलीन तथा चर्च के विरूद्ध कृषकों, श्रमिकों तथा बुद्धिजीवियों के द्वारा फ्रांस में जो क्रांति हुई वही 1789 की फ्रांसीसी क्रांति कहलाती है। इसके प्रभाव दूरगामी हुए। यहां तक की भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में भी इस क्रांति का महत्व है। .

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गृहयुद्धों की सूची

यहां विश्व में घटित गृहयुद्धों की सूची(civil war) दी गयी है। जब किसी राष्ट्र के अंदर ही दो या दो से अधिक समूह उस देश की सत्ता से ही हथियारबन्द युद्ध कर रहे हों तो इस प्रकार के युद्ध को गृहयुद्ध कहा गया हैं। .

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गैलिक आयरलैंड

गेलिक आयरलैंड या आयरलैंड की सेल्टिक सभ्यता, आयरलैंड द्वीप की देशज गेलिक लोगों द्वारा विकिसित राजनैतिक व सामाजिक व्यवस्था की सभ्यता को कहा जाता है, यह प्रागैतिहासिक काल से १७वीं सदी की शुरुआत तक आयरलैंड द्वीप पर अस्तित्व में रही। इस दौरान आयरलैंड अनेक छोटे-बड़े राज्यों और जागीरों में बँटा हुआ था, जिनपर विभिन्न गाइल् राजनों का राज था। समाज कुल-समूहों में विभाजित था और, बाकी के तत्कालीन यूरोप के समान, कुलीनता के आधार पर अनुक्रमित भी था(प्राचीन भारत में वर्ण-व्यवस्था के समान)। नॉर्मन आक्रमण से पूर्व, गेलिक समाज की अर्थव्यवस्था मूलतः पशुचारण पर आधारित थी, और साधारण रूप से मुद्रा का उपयोग नहीं होता था। इस काल के दौरान आयरिश लोगोंकी पारंपरिक पोशाक, संगीत, नृत्य, खेल, वास्तु औए कला का विकास हुआ था, जोकि बाद में एंग्लो-सैक्सन शैली के साथ मिल गया। १६वीं सदी के अंतिम वर्षों के समय, इंग्लैंड राजशाही ने आयरलैंड पर पूरी तरह कब्ज़ा कर लिया और इसी के साथ गेलिक आयरलैंड का अंत हो गया। .

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गैस टर्बाइन

एक प्रकार की गैस टर्बाइन और उसके विभिन्न भाग: A-प्रोपेलर, B-गीयर, C-कंप्रेसर, D-ज्वालक (कंबस्टर), E-टर्बाइन, F-निकास गैस टर्बाइन (gas turbine) एक प्रकार का अंतर्दहन इंजन है जो घूमने के लिए आवश्यक ऊर्जा ज्वलनशील गैस के प्रवाह से प्राप्त करता है और इसी कारण इसे 'दहन टर्बाइन' (combustion turbine) भी कहा जाता है। चूंकि टरबाइन की गति घूर्णी (रोटरी) होती है, यह विद्युत जनित्र को घुमाने के लिए विशेष रूप से उपयुक्त है। यूएसए की लगभग ९० प्रतिशत विद्युत ऊर्जा भाप टरबाइनों के सहारे ही पैदा की जाती है (१९९६)। भाप टरबाइन की दक्षता अन्य ऊष्मा इंजनों से अधिक होती है। अधिक दक्षता भाप के प्रसार के लिए कई चरणों का प्रयोग करने से प्राप्त होती है। 'गैस टरबाइन' की विभिन्न परिभाषाएँ दी जाती हैं। विस्तृत परिभाषा के अनुसार गैस टरबाइन वह मूल चालक (prime mover) है जिसके संपूर्ण उष्मीय चक्र में कार्यकारी तरल गैसीय अवस्था में ही बना रहता है एवं जिसके सभी यंत्रांगों की गति परिभ्रमी होती है। संकीर्ण परिभाषा के अनुसार इस शब्द का प्रयोग सिर्फ उस मुख्य टरबाइन अंग के लिये किया जाता है जिसका माध्यम गरम वायु होती है। कुछ विद्वानों के मतानुसार गैस टरबाइन वह यंत्र है जिसमें प्रवाह प्रक्रम अविरत रहता है एवं शक्ति टरबाइन द्वारा प्राप्त होती है। .

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गैसनिर्माण

गैसनिर्माण दो उद्देश्यों से होता है। कुछ गैसें प्रकाश उत्पन्न करने के लिये बनाई जाती हैं। ऐसी गैसों को "प्रदीपक गैस" कहते हैं। कुछ गैसें ईंधन के लिये बनाई जाती हैं। ऐसी गैसों को "तापन गैस" कहते हैं। दोनों किस्म की गैसें "दाह्म गैस" हैं। इन्हें "औद्योगिक गैस" भी कहते हैं। गैसनिर्माण के एक संयंत्र की रूपरेखा (IGCC .

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गूगल धरती

गूगल अर्थ वास्तविक भूमंडल (virtual globe) चित्रण का एक ऐसा कार्यक्रम है जिसे प्रारम्भ में अर्थ व्यूअर नाम दिया गया, तथा इसे कीहोल, इंक (Keyhole, Inc) द्वारा तैयार किया गया है, जो 2004 में गूगल द्वारा अधिगृहीत की गई एक कंपनी है। यह कार्यक्रम उपग्रह चित्रावली (satellite imagery), हवाई छायांकन (aerial photography) तथा भौगोलिक सूचना प्रणाली (GIS) त्रि आयामी (3D) भूमंडल से प्राप्त चित्रों का अध्यारोपण (superimposition) करते हुए धरती का चित्रण करता है। यह तीन विभिन्न अनुज्ञप्तियों के अधीन उपलब्ध है: गूगल अर्थ, सीमित कार्यात्मकता के साथ एक मुक्त संस्करण; गूगल अर्थ प्लस ($ २० प्रति वर्ष), जो अतिरिक्त विशेषताओं से युक्त है तथा गूगल अर्थ प्रो ($ ४०० प्रति वर्ष), जो कि वाणिज्यिक कार्यों में उपयोग हेतु तैयार किया गया है। २००६ में इस उत्पाद का नाम बदलकर गूगल अर्थ कर दिया गया, जो कि वर्तमान में माइक्रोसॉफ्ट विन्डोज़ (Microsoft Windows) २००० (2000), एक्स पी अथवा विस्ता, मैक ओएस एक्स (Mac OS X) १०.३.९ तथा उससे अधिक, लिनुक्स(१२ जून, २००६ को जारी) तथा फ्री BSD (FreeBSD) से युक्त निजी कंप्यूटरों (personal computer) पर उपयोग के लिए उपलब्ध है। गूगल अर्थ फायरफॉक्स, आई ई 6 (IE6) अथवा आई ई 7 (IE7) के लिए एक ब्राउज़र प्लगइन (02 जून, 2008 को जारी) के रूप में भी उपलब्ध है। एक अद्यतन कीहोल आधारित क्लाइंट को जारी करने के साथ, गूगल ने अपने वेब आधारित प्रतिचित्रण सॉफ़्टवेयर में अर्थ डेटाबेस की चित्रावली भी शामिल की है। वर्ष २००६ के मध्य जनता के लिए गूगल अर्थ जारी होने के साथ २००६ तथा २००७ के बीच आभासी भूमंडल (virtual globes) पर मीडिया कवरेज में दस गुना से भी अधिक की वृद्धि हुई तथा भूस्थानिक (geospatial) तकनीकों तथा अनुप्रयोगों में जनता की रूचि बढ़ गई। .

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गॅटकॉम्ब पार्क

गॅटकॉम्ब पार्क, ग्लॉस्टरशायर, इंग्लैंड में स्थित ऐनी, प्रिंसेस रॉयल का ग्राम्य निवास है। इसे उत्तर १८वीं सदी में बनवाया गया था। इसके डिज़ाइन को जॉर्ज बसेवि नामक एक वास्तुकार ने तैयार किया था। वर्त्तमान तौर पर यह एक ग्रेड-२ सूचित भवन है। हालाँकि, इसे शाही निवास होने का दर्ज प्राप्त है, परंतु यह मुकुटिया संपदा नहीं है। इसे राजकुमारी द्वारा निजी रूप से खरीद गया है। यह बाथ स्टोन की संरचना है, और इसमें पाँच मुख्य शयनकक्ष, दो अतिरिक्त शयनकक्ष, चार रिसेप्शन रूम, एक पुस्तकालय, एक बिलियर्ड रूम, एक कंज़र्वेटरी और कुछ स्टाफ कमरे हैं।Gatcombe Park (House), Grade II* listing .

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गोथनबर्ग

गोथनबर्ग (अंग्रेजी: Gothenburg; स्विडिश: Göteborg; उच्चारण: / योतबर्य) स्वीडन के कैटेगैट जिले में स्थित एक बंदरगाह है, जो यटा (Gota) नदी के तट पर मुहाने से आठ किमी भीतर स्थित है। सर्वप्रथम १६०३ ई. में चहारदीवारियों से घिरे हुए एक किले के रूप में, नगर का प्रादुर्भाव हुआ। किंतु डेनिस लोगों ने कालामार की लड़ाई में इसे नष्ट कर दिया। पुन: १६१९ ई. में गुस्तवस एदाल्फस ने नगर की नींव डाली। बंदरगाह का विकास १८वीं शताब्दी के अंत में हुआ जब इंग्लैंड के व्यापारियों ने यहाँ मछलियों का डिपो खोला। १८३२ ई. में यटा नहर तथा पश्चिम रेलवे खुल जाने से यहाँ का व्यापार तथा आबादी तीव्र गति से बढ़ी। गोथनबर्ग स्वीडन का प्रथम बंदरगाह तथा दूसरा प्रधान नगर है। १९२२ ई. से यह करमुक्त बंदरगाह हो गया है। यहाँ पानी का जहाज बनाने का बहुत बड़ा केंद्र है। सूती मिलें, रसायनक कागज, चमड़े, शराब तथा लकड़ी के बहुत से कारखाने हैं। नगर पूर्ण विकसित तथा आधुनिक ढंग का है जो प्रमुख शिक्षाकेंद्रों, व्यवसायों तथा धार्मिक संस्थाओं से परिपूर्ण है। श्रेणी:विश्व के नगर.

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गोपाल कृष्ण गोखले

गोपाल कृष्ण गोखले गोपाल कृष्ण गोखले (9 मई 1866 - फरवरी 19, 1915) भारत एक स्वतंत्रता सेनानी, समाजसेवी, विचारक एवं सुधारक थे। महादेव गोविंद रानाडे के शिष्य गोपाल कृष्ण गोखले को वित्तीय मामलों की अद्वितीय समझ और उस पर अधिकारपूर्वक बहस करने की क्षमता से उन्हें भारत का 'ग्लेडस्टोन' कहा जाता है। वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में सबसे प्रसिद्ध नरमपंथी थे। चरित्र निर्माण की आवश्यकता से पूर्णत: सहमत होकर उन्होंने 1905 में सर्वेन्ट्स ऑफ इंडिया सोसायटी की स्थापना की ताकि नौजवानों को सार्वजनिक जीवन के लिए प्रशिक्षित किया जा सके। उनका मानना था कि वैज्ञानिक और तकनीकी शिक्षा भारत की महत्वपूर्ण आवश्यकता है। स्व-सरकार व्यक्ति की औसत चारित्रिक दृढ़ता और व्यक्तियों की क्षमता पर निर्भर करती है। महात्मा गांधी उन्हें अपना राजनीतिक गुरु मानते थे। .

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गोलीय निर्देशांक पद्धति

गोलीय निर्देशांक (''r'', ''θ'', ''φ'') भौतिकी में आमतौर पर प्रयोग होते हैं: त्रिज्या दूरी 'r', ध्रुवीय कोण 'θ' (थीटा) और दिगंश कोण 'φ' (फ़ाई). कभी-कभी 'r' के स्थान पर 'ρ' (रो) का चिह्न इस्तेमाल होता है अक्षांश-रेखांश (लैटिट्यूड-लॉन्गिट्यूड) प्रणाली एक गोलीय निर्देशांक पद्धति है गोलीय निर्देशांक पद्धति (अंग्रेजी: spherical coordinate system) तीन आयामों (डायमेंशनों) वाले दिक् (स्पेस) में प्रयोग होने वाली ऐसी निर्देशांक पद्धति होती है जिसमें उस दिक् में मौजूद किसी भी बिंदु का स्थान तीन अंकों से निर्धारित हो जाता है:, Ian P. Howard, Brian J. Rogers, pp.

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गीत सेठी

भारत के गीत श्रीराम सेठी (जन्म 17 अप्रैल 1961) इंग्लिश बिलियर्ड्स के एक पेशेवर खिलाड़ी हैं जिनका 1990 के अधिकांश दशक में इस खेल में प्रभुत्व रहा था। वे स्नूकर (एक्स-प्रो) के भी उल्लेखनीय शौकिया (एमेच्योर) खिलाड़ी हैं। वे छह बार पेशेवर स्तर और तीन बार शौकिया वर्ल्ड चैम्पियनशिप जीत चुके हैं और इंग्लिश बिलियर्ड्स में उनके नाम दो विश्व रिकॉर्ड दर्ज हैं। उन्होंने प्रकाश पादुकोण के साथ मिलकर ओलंपिक गोल्ड क्वेस्ट की स्थापना की जो भारत में खेलों को बढ़ावा देने वाली एक संस्था है। .

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ऑस्ट्रिया

ऑस्ट्रिया (जर्मन: Österreich एओस्तेराइख़, अर्थात पूर्वी राज्य) मध्य यूरोप में स्थित एक स्थल रुद्ध देश है। इसकी राजधानी वियना है। इसकी (मुख्य- और राज-) भाषा जर्मन भाषा है। देश का ज़्यादातर हिस्सा ऐल्प्स पर्वतों से ढका हुआ है। यूरोपीय संघ के इस देश की मुद्रा यूरो है। इसकी सीमाएं उत्तर में जर्मनी और चेक गणराज्य से, पूर्व में स्लोवाकिया और हंगरी से, दक्षिण में स्लोवाकिया और इटली और पश्चिम में स्विटजरलैंड और लीश्टेनश्टाइन से मिलती है। इस देश का उद्भव नौवीं शताब्दी के दौरान ऊपरी और निचले हिस्से में आबादी के बढ़ने के साथ हुआ। Ostarrichi शब्द का पहले पहल इस्तेमाल 996 में प्रकाशित आधिकारिक लेख में किया गया, जो बाद में Österreich एओस्तेराइख़ में बदल गया। आस्ट्रिया में पूर्वी आल्प्स की श्रेणियाँ फैली हुई हैं। इस पर्वतीय देश का पश्चिमी भाग विशेष पहाड़ी है जिसमें ओट्जरस्टुवार्ड, जिलरतुल आल्प्स (१,२४६ फुट) आदि पहाड़ियाँ हैं। पूर्वी भाग की पहाड़ियां अधिक ऊँची नहीं हैं। देश के उत्तर पूर्वी भाग में डैन्यूब नदी पश्चिम से पूर्व को (३३० किमी लंबी) बहती है। ईन, द्रवा आदि देश की सारी नदियां डैन्यूब की सहायक हैं। उत्तरी पश्चिमी सीमा पर स्थित कांस्टैंस, दक्षिण पूर्व में स्थित न्यूडिलर तथा अतर अल्फ गैंग, आसे आदि झीलें देश की प्राकृतिक शोभा बढ़ाती हैं। आस्ट्रिया की जलवायु विषम है। यहां ग्रर्मियों में कुछ अधिक गर्मी तथा जाड़ों में अधिक ठंडक पड़ती है। यहां पछुआ तथा उत्तर पश्चिमी हवाओं से वर्षा होती है। आल्प्स की ढालों पर पर्याप्त तथा मध्यवर्ती भागों में कम पानी बरसता है। यहाँ की वनस्पति तथा पशु मध्ययूरोपीय जाति के हैं। यहाँ देश के ३८ प्रतिशत भाग में जंगल हैं जिनमें ७१ प्रतिशत चीड़ जाति के, १९ प्रतिशत पतझड़ वाले तथा १० प्रतिशल मिश्रित जंगल हैं। आल्प्स के भागों में स्प्रूस (एक प्रकार का चीड़) तथा देवदारु के वृक्ष तथा निचले भागों में चीड़, देवदारु तथा महोगनी आदि जंगली वृक्ष पाए जाते हैं। ऐसा कहा जाता है कि आस्ट्रिया का प्रत्येक दूसरा वृक्ष सरो है। इन जंगलों में हिरन, खरगोश, रीछ आदि जंगली जानवर पाए जाते हैं। देश की संपूर्ण भूमि के २९ प्रतिशत पर कृषि होती है तथा ३० प्रतिशत पर चारागाह हैं। जंगल देश की बहुत बड़ी संपत्ति है, जो शेष भूमि को घेरे हुए है। लकड़ी निर्यात करनेवाले देशों में आस्ट्रिया का स्थान छठा है। ईजबर्ग पहाड़ के आसपास लोहे तथा कोयले की खानें हैं। शक्ति के साधनों में जलविद्युत ही प्रधान है। खनिज तैल भी निकाला जाता है। यहां नमक, ग्रैफाइट तथा मैगनेसाइट पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है। मैगनेसाइट तथा ग्रैफाइट के उत्पादन में आस्ट्रिया का संसार में क्रमानुसार दूसरा तथा चौथा स्थान है। तांबा, जस्ता तथा सोना भी यहां पाया जाता है। इन खनिजों के अतिरिक्त अनुपम प्राकृतिक दृश्य भी देश की बहुत बड़ी संपत्ति हैं। आस्ट्रिया की खेती सीमित है, क्योंकि यहां केवल ४.५ प्रतिशत भूमि मैदानी है, शेष ९२.३ प्रतिशत पर्वतीय है। सबसे उपजाऊ क्षेत्र डैन्यूब की पार्श्ववर्ती भूमि (विना का दोआबा) तथा वर्जिनलैंड है। यहां की मुख्य फसलें राई, जई (ओट), गेहूँ, जौ तथा मक्का हैं। आलू तथा चुकंदर यहां के मैदानों में पर्याप्त पैदा होते हैं। नीचे भागों में तथा ढालों पर चारेवाली फसलें पैदा होती हैं। इनके अतिरिक्त देश के विभिन्न भागों में तीसी, तेलहन, सन तथा तंबाकू पैदा किया जाता है। पर्वतीय फल तथा अंगूर भी यहाँ होता है। पहाड़ी क्षेत्रों में पहाड़ों को काटकर सीढ़ीनुमा खेत बने हुए हैं। उत्तरी तथा पूर्वी भागों में पशुपालन होता है तथा यहाँ से वियना आदि शहरों में दूध, मक्खन तथा चीज़ पर्याप्त मात्रा में भेजा जाता है। जोरारलबर्ग देश का बहुत बड़ा संघीय पशुपालन केंद्र है। यहां बकरियां, भेड़ें तथा सुअर पर्याप्त पाले जाते हैं जिनसे मांस, दूध तथा ऊन प्राप्त होता है। आस्ट्रिया की औद्योगिक उन्नति महत्वपूर्ण है। लोहा, इस्पात तथा सूती कपड़ों के कारखाने देश में फैले हुए हैं। रासायनिक वस्तुएँ बनाने के बहुत से कारखाने हैं। यहाँ धातुओं के छोटे मोटे सामान, वियना में विविध प्रकार की मशीनें तथा कलपुर्जे बनाने के कारखाने हैं। लकड़ी के सामान, कागज की लुग्दी, कागज एवं वाद्यतंत्र बनाने के कारखाने यहां के अन्य बड़े धंधे हैं। जलविद्युत् का विकास खूब हुआ है। देश को पर्यटकों का भी पर्याप्त लाभ होता है। पहाड़ी देश होने पर भी यहाँं सड़कों (कुल सड़कें ४१,६४९ कि.मी.) तथा रेलवे लाइनों (५,९०८ कि.मी.) का जाल बिछा हुआ है। वियना यूरोप के प्राय: सभी नगरों से संबद्ध है। यहां छह हवाई अड्डे हैं जो वियना, लिंज, सैल्बर्ग, ग्रेज, क्लागेनफर्ट तथा इंसब्रुक में हैं। यहां से निर्यात होनेवाली वस्तुओं में इमारती लकड़ी का बना सामान, लोहा तथा इस्पात, रासायनिक वस्तुएं और कांच मुख्य हैं। विभिन्न विषयों की उच्चतम शिक्षा के लिए आस्ट्रिया का बहुत महत्व है। वियना, ग्रेज तथा इंसब्रुक में संसारप्रसिद्ध विश्वविद्यालय हैं। आस्ट्रिया में गणतंत्र राज्य है। यूरोप के ३६ राज्यों में, विस्तार के अनुसार, आस्ट्रिया का स्थान १९वाँ है। यह नौ प्रांतों में विभक्त है। वियना प्रांत में स्थित वियना नगर देश की राजधानी है। आस्ट्रिया की संपूर्ण जनसंख्या का १/४ भाग वियना में रहता है जो संसार का २२वाँ सबसे बड़ा नगर है। अन्य बड़े नगर ग्रेज, जिंज, सैल्जबर्ग, इंसब्रुक तथा क्लाजेनफर्ट हैं। अधिकांश आस्ट्रियावासी काकेशीय जाति के हैं। कुछ आलेमनों तथा बवेरियनों के वंशज भी हैं। देश सदा से एक शासक देश रहा है, अत: यहां के निवासी चरित्रवान् तथा मैत्रीपूर्ण व्यवहारवाले होते हैं। यहाँ की मुख्य भाषा जर्मन है। आस्ट्रिया का इतिहास बहुत पुराना है। लौहयुग में यहाँ इलिरियन लोग रहते थे। सम्राट् आगस्टस के युग में रोमन लोगों ने देश पर कब्जा कर लिया था। हूण आदि जातियों के बाद जर्मन लोगों ने देश पर कब्जा कर लिया था (४३५ ई.)। जर्मनों ने देश पर कई शताब्दियों तक शासन किया, फलस्वरूप आस्ट्रिया में जर्मन सभ्यता फैली जो आज भी वर्तमान है। १९१९ ई. में आस्ट्रिया वासियों की प्रथम सरकार हैप्सबर्ग राजसत्ता को समाप्त करके, समाजवादी नेता कार्ल रेनर के प्रतिनिधित्व में बनी। १९३८ ई. में हिटलर ने इसे महान् जर्मन राज्य का एक अंग बना लिया। द्वितीय विश्वयुद्ध में इंग्लैंड आदि देशों ने आस्ट्रिया को स्वतंत्र करने का निश्चय किया और १९४५ ई. में अमरीकी, ब्रितानी, फ्रांसीसी तथा रूसी सेनाओं ने इसे मुक्त करा लिया। इससे पूर्व अक्टूबर, १९४३ ई. की मास्को घोषणा के अंतर्गत ब्रिटेन, अमरीका तथा रूस आस्ट्रिया को पुन: एक स्वतंत्र तथा प्रभुसत्तासंपन्न राष्ट्र के रूप में प्रतिष्ठित कराने का अपना निश्चय व्यक्त कर चुके थे। २७ अप्रैल, १९४५ को डा.

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ऑक्सफ़र्ड विश्वविद्यालय

ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय का प्रवेश समारोह, शेल्डोनिअन थिएटर (2003) यूनिवर्सिटी ऑफ़ ऑक्सफ़र्ड या हिंदी में ऑक्सफ़र्ड विश्वविद्यालय (अंग्रेज़ी: University of Oxford यूनिवर्सिटि ऑफ ऑक्स्फोर्ड, संक्षेप में ऑक्सॉन), ऑक्सफोर्ड, इंग्लैंड, में स्थित, इंगलैंड का सबसे पुराना विश्वविद्यालय है। इसके साथ 39 कॉलेज संबद्ध हैं, जिनमें काफी बड़ी संख्या में स्नातक और परास्नातक विषयों की पढाई कराई जाती हैं। इसमें 18000 से ज्यादा छात्र पढ़ाई कर रहे हैं, जिनमें से एक चौथाई विदेशी छात्र हैं। .

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ऑक्सफ़ोर्ड

ऑक्स्फ़ोर्ड, इंग्लैंड के ऑक्सफोर्डशायर का मुख्य नगर है। यहाँ विश्वविख्यात आक्सफोर्ड विश्वविद्यालय है, जो यहां का प्राचीनतम अंग्रेज़ी का विश्वविद्यालय है। यह लंदन से पश्चिमोत्तर पश्चिम दिशा में रेल और संड़क मार्गों से क्रमशः ६३ मील और ५१ मील की दूरी पर, टेम्स नदी और उसकी सहायक चारवेल नदी के बीच के कंकरीले मैदान में स्थित है। टेम्स नदी के किनारे का क्षेत्र द आइसिस कहलाता है। क्षेत्रफल ८७.८५ वर्ग कि॰मी॰ है। नगर की विशेषता मध्यकालीन विश्वविद्यालय से है। यहां की जनसंख्या १,६५,००० के अंदर है जिसमें १,५१,००० लोग जिले की सीमा के भीतर ही रहते हैं। पूर्वकाल में यह नगर एक दीवार से घिरा था। इस दीवार के अवशेष न्यू कालेज के उद्यान में आज भी विद्यमान हैं। यहाँ का बोडलियन पुस्तकालय भवन देखने योग्य है। रैडक्लिफ कैमरा, क्लैरेंडन भवन और ४००० की दर्शक दीर्घा वाला शैलडोनियन व्याख्यान भवन, अन्य महत्वपूर्ण भवन हैं। इस नगर के अनेक विद्यालय भवनों में क्राइस्ट चर्च, मर्टन कालेज, न्यू कालेज, आल सोल्स-कालेज और सेंट जोंस उल्लेखनीय हैं। ऑक्सफोर्ड नगर में उद्योग धंधे अधिक महत्वूपर्ण नहीं हैं। शराब, बिजली का सामान, दस्ताने, कागज और साइकिल उद्योग उल्लेखनीय हैं। इनके अतिरिक्त विश्वविद्यालय से संबंधित उद्योगों में ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय प्रेस महत्वपूर्ण है। .

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ओलम्पिक पार्क

ओलम्पिक पार्क एक खेल परिसर है जो लंदन, यूनाइटेड किंगडम में स्थित है। इसका निर्माण 2012 ग्रीष्मकालीन ओलम्पिक और 2012 ग्रीष्मकालीन पैरालम्पिक खेलों के लिए किया गया था। यह शहर के पूर्व में उपनगर स्ट्रैटफ़ोर्ड के समीप है। यहाँ खिलाड़ीयों के लिए खेल गाँव होने के साथ-साथ विभिन्नखेलों के लिए आयोजन स्थल भी हैं, जैसे ओलम्पिक स्टेडियम व लंदन एक्वेटिक्स सैंटर। खेलों के पश्चात यह एलिजाबेथ द्वितीय की हीरक जयंती के पुण्यस्मरण में क्वीन एलिजाबेथ ओलम्पिक पार्क के नाम से जाना जाएगा। .

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ओलम्पिक स्टेडियम (लंदन)

ओलम्पिक स्टेडियम ओलम्पिक पार्क, लंदन, इंग्लैंड में स्थित स्टेडियम है। 2011 में बनके तैयार हुआ यह स्टेडियम 2012 ग्रीष्मकालीन ओलम्पिक का मुख्य केंद्र है। 2005 में लंदन को ओलम्पिक खेलों की मेजबानी मिली थी इसके बाद 2007 में खेलों के उद्घाटन व समापन समारोह सहित एथलेटिक्स प्रतिस्पर्धाओं की मेजबानी के लिए लंदन के स्ट्रैटफ़ोर्ड जिले की मार्शगेट लेन पे ओलम्पिक स्टेडियम का निर्माण कार्य शुरू हुआ। खेलों के लिए 80,000 दर्शकों के बैठने की क्षमता रखने वाले इस स्टेडियम का निर्माण चार साल बाद 2011 में जा के खत्म हुआ। इस क्षमता के साथ स्टेडियम अस्थायी तौर पे सम्पूर्ण ब्रिटेन में वेम्बली स्टेडियम व ट्विकनम स्टेडियम के पश्चात तीसरा सबसे बड़ा स्टेडियम बना गया। .

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ओलिवर ट्विस्ट

ओलिवर ट्विस्ट; या दी पैरिश बॉय'स प्रोग्रेस (सामान्यतः जिसे ओलिवर ट्विस्ट कहते है) (1838) चार्ल्स डिकेंस का दूसरा उपन्यास है। यह उपन्यास ओलिवर ट्विस्ट नाम के एक लड़के के बारे में है जो कार्यशाला से भाग जाता है और उसकी मुलाकात लंदन में जेबकतरों के गिरोह से होती है। यह उपन्यास दिक्केंस के सबसे प्रसिद्ध कार्यों में से एक है और कई फिल्म और टेलीविजन रूपांतरों का विषय रहा है। .

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औद्योगिक क्रांति

'''वाष्प इंजन''' औद्योगिक क्रांति का प्रतीक था। अट्ठारहवीं शताब्दी के उत्तरार्ध तथा उन्नीसवीं शताब्दी के पूर्वार्ध में कुछ पश्चिमी देशों के तकनीकी, सामाजिक, आर्थिक एवं सांस्कृतिक स्थिति में काफी बड़ा बदलाव आया। इसे ही औद्योगिक क्रान्ति (Industrial Revolution) के नाम से जाना जाता है। यह सिलसिला ब्रिटेन से आरम्भ होकर पूरे विश्व में फैल गया। "औद्योगिक क्रांति" शब्द का इस संदर्भ में उपयोग सबसे पहले आरनोल्ड टायनबी ने अपनी पुस्तक "लेक्चर्स ऑन दि इंड्स्ट्रियल रिवोल्यूशन इन इंग्लैंड" में सन् 1844 में किया। औद्योगिक क्रान्ति का सूत्रपात वस्त्र उद्योग के मशीनीकरण के साथ आरम्भ हुआ। इसके साथ ही लोहा बनाने की तकनीकें आयीं और शोधित कोयले का अधिकाधिक उपयोग होने लगा। कोयले को जलाकर बने वाष्प की शक्ति का उपयोग होने लगा। शक्ति-चालित मशीनों (विशेषकर वस्त्र उद्योग में) के आने से उत्पादन में जबरदस्त वृद्धि हुई। उन्नीसवी सदी के प्रथम् दो दशकों में पूरी तरह से धातु से बने औजारों का विकास हुआ। इसके परिणामस्वरूप दूसरे उद्योगों में काम आने वाली मशीनों के निर्माण को गति मिली। उन्नीसवी शताब्दी में यह पूरे पश्चिमी यूरोप तथा उत्तरी अमेरिका में फैल गयी। अलग-अलग इतिहासकार औद्योगिक क्रान्ति की समयावधि अलग-अलग मानते नजर आते हैं जबकि कुछ इतिहासकार इसे क्रान्ति मानने को ही तैयार नहीं हैं। अनेक विचारकों का मत है कि गुलाम देशों के स्रोतों के शोषण और लूट के बिना औद्योगिक क्रान्ति सम्भव नही हुई होती, क्योंकि औद्योगिक विकास के लिये पूंजी अति आवश्यक चीज है और वह उस समय भारत आदि गुलाम देशों के संसाधनों के शोषण से प्राप्त की गयी थी। .

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औसत आयकर

आधुनिक आयकर की स्थापना के समय की तारीख आम तौर पर 1799 के रूप में स्वीकार किया जाता है, डॉ Beeke, ब्रिस्टल के डीन के सुझाव पर है। यह आयकर के अपने बजट में छोटी प्रधानमंत्री विलियम पिट ने ग्रेट ब्रिटेन में पेश किया गया था दिसम्बर 1798, फ्रेंच क्रांतिकारी युद्ध के लिए हथियारों और उपकरणों के लिए भुगतान करने के लिए। पिट के नए स्नातक की उपाधि (प्रगतिशील) आयकर £ 60 (2015 के रूप में £ 5641) से अधिक आय पर पौंड (1/120) में 2 पुराने पेंस की एक लेवी में शुरू हुआ, और 2 शिलिंग की एक अधिकतम में तक बढ़ाया पर £ 200 की आय पर पाउंड (10%)। पिट नए आयकर £ 10 मिलियन एक साल बढ़ा होगा, लेकिन 1799 के लिए वास्तविक प्राप्तियों £ 6,000,000 से अधिक केवल एक छोटे totaled कि आशा व्यक्त की। यह एमियेन्ज़ की शांति के दौरान हेनरी अद्दिन्गतटोन द्वारा समाप्त कर दिया गया था, जब पिट आयकर, 1799-1802 लगाया गया था। अद्दिन्गतटोन कैथोलिक मुक्ति के ऊपर पिट के इस्तीफे के बाद, 1801 में प्रधानमंत्री के रूप में कार्यभार संभाल लिया था। फ्रांस के साथ शत्रुता शुरू किया जब आयकर 1803 में अद्दिन्गतटोन द्वारा पेश किया गया था, लेकिन यह फिर से वाटरलू की लड़ाई के बाद 1816, एक वर्ष में समाप्त कर दिया गया था। यह केवल युद्धों के वित्तपोषण के लिए इस्तेमाल किया जाना चाहिए जो सोचा कर के विरोधियों, इसके निरसन के साथ नष्ट कर के सभी रिकॉर्ड करना चाहता था। रिकॉर्ड्स सार्वजनिक रूप से राजकोष के चांसलर द्वारा जला दिया गया, लेकिन प्रतियां कर अदालत के तहखाने में बनाए रखा गया। ग्रेट ब्रिटेन और आयरलैंड का यूनाइटेड किंगडम में, आयकर 1841 के आम चुनाव में आयकर का विरोध किया था, एक रूढ़िवादी के रूप में, आयकर अधिनियम 1842 पील द्वारा सर रॉबर्ट पील द्वारा पुनः शुरू किया है, लेकिन एक बढ़ते बजट घाटे को एक नया स्रोत की आवश्यकता थी निधियों की। अद्दिन्गतटोन के मॉडल के आधार पर नए आयकर, £ 150 (2015 के रूप में 12,611 £) से ऊपर की आय पर लगाया गया था, । पंच कार्टून (1907); यूनाइटेड किंगडम में लेबर पार्टी द्वारा प्रस्तावित 1907 आयकर के पंच पाठकों के बीच अलोकप्रियता को दिखाता है। एक समिति इस मामले की जांच करने के लिए यूसुफ ह्यूम के तहत 1851 में गठन किया है, लेकिन एक स्पष्ट सिफारिश तक पहुँचने में असफल रहा था। मुखर आपत्ति के बावजूद, विलियम ग्लैडस्टोन 1852 से राजकोष के चांसलर, प्रगतिशील आयकर रखा है, और क्रीमियन युद्ध की लागत को कवर करने के लिए इसे बढ़ा दिया। 1860 के दशक तक, प्रगतिशील कर अंग्रेजी वित्तीय प्रणाली की अनिच्छा से स्वीकार कर लिया तत्व बन गया था। अमेरिका की संघीय सरकार अमेरिकी नागरिक युद्ध में युद्ध के प्रयास के लिए भुगतान में मदद करने के लिए, 5 अगस्त, 1861 को, पहला व्यक्तिगत आयकर लगाया -। (2015 डॉलर में $ 21,070) (अमेरिका पर सभी आय $ 800 के 3%) इस टैक्स को निरस्त कर दिया और में एक और आयकर द्वारा बदल दिया गया था 1862 यह केवल पहला शांतिकाल आयकर विल्सन-गोर्मन टैरिफ के माध्यम से पारित किया गया था कि 1894 में किया गया था। दर परिवारों के कम से कम 10% किसी भी भुगतान करना होगा जिसका मतलब था $ 4000 (2015 डॉलर में $ 109,400), से अधिक आय पर 2% थी। आयकर के प्रयोजन के टैरिफ में कटौती से खो जाएगा कि राजस्व के लिए बनाने के लिए किया गया था। 1913 में, संयुक्त राज्य अमेरिका के संविधान में सोलहवीं संशोधन आयकर अमेरिका कर प्रणाली में एक स्थायी दृढ़ बनाया है। वित्त वर्ष 1918 में पहली बार के लिए वार्षिक आंतरिक राजस्व संग्रह 1920 से $ 5400000000 करने के लिए बढ़ रहे हैं, अरब डॉलर के निशान पारित.

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आनन्‍द केंटिश कुमारस्‍वामी

आनन्द कुमारस्वामी आनन्‍द कुमारस्‍वामी (तमिल:ஆனந்த குமாரசுவாமி; १८७७-१९४७) श्री लंका के सुविख्यात कलामर्मज्ञ एवं भारत-चिन्तक तमिल थे। .

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आनुपातिक प्रतिनिधान

आनुपातिक प्रतिनिधित्व (Proportional representation) शब्द का अभिप्राय उस निर्वाचन प्रणाली से है जिसका उद्देश्य लोकसभा में जनता के विचारों की एकताओं तथा विभिन्नताओं को गणितरूपी यथार्थता से प्रतिबिंबित करना है। 19वीं शताब्दी के संसदीय अनुभव ने परंपरागत प्रतिनिधित्व की प्रणाली के कुछ स्वाभाविक दोषों पर प्रकाश डाला। सरल बहुतमत तथा अपेक्षाकृत मताधिकीय पद्धति (सिंपुल मेजारिटी ऐंड रिलेटिव मेजारिटी सिस्टम) के अंतर्गत प्रत्येक निर्वाचनक्षेत्र में एक या अनेक सदस्य बहुमत के आधार पर चुने जाते हैं। अर्थात् इस प्रणाली में इस बात को कोई महत्व नहीं दिया जाता कि निर्वाचित सदस्यों के प्राप्त मतों तथा कुल मतों में क्या अनुपात है। .

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आफसेट छपाई

अखबार छापने वाली एक आफसेट मशीन (मांट्रियल, 1939) MAN रोनाल्ड आफसेट प्रेस (१९८० में निर्मित, एकवर्णी प्रेस) आफसेट मुद्रण या आफसेट छपाई, मुद्रण की एक सामान्य विधि है। इस पद्धति में छपाई का डिजाइन फोटोग्राफिक विधि से तैयार होता है l लिथोग्रफिक से ही आफसेट प्रिंटिंग का विकास हुआ l ऑफसेट प्रेस का विकास दो चरणों में हुआ-.

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आयरन मेडेन

आयरन मेडेन पूर्वी लंदन के लेटन का एक इंगलिश हेवी मेटल बैंड है, जिसका गठन 1975 में हुआ। बैंड का निर्देशन संस्थापक, बासिस्ट और गीतकार स्टीव हैरिस करते हैं। अपनी स्थापना के बाद से इस समूह के कुल 30 ऐल्बम रिलीज हो चुके हैं, जिनमें 14 स्टूडियो ऐल्बम, 7 लाइव ऐल्बम, 4 EPS और चार संकलन शामिल हैं। ब्रिटिश हेवी मेटल बैंड की नयी लहर पैदा करने में अग्रणी रहे आयरन मेडेन ने 1980 के दशक के प्रारंभ में कामयाबी पायी और कई लाइनअप परिवर्तनों के बाद कई प्लैटिनम और गोल्ड ऐल्बमों की श्रृंखला जारी की.

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आयरलैंड क्रिकेट टीम का इंग्लैंड दौरा 2017

आयरलैण्ड क्रिकेट टीम का इंग्लैंड दौरा मई 2017 में हुआ था, जिसमें दो एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय (वनडे) मैचों का आयोजन किया गया था।२०१७ आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी के मैच इंग्लैंड की तैयारी का हिस्सा हैं, जिसे जून में इंग्लैंड और वेल्स में इसका आयोजन किया जाएगा। यह पहली बार था, जब दोनों टीमों ने इंग्लैंड में एक-दूसरे के साथ खेले हैं। इंग्लैंड ने श्रृंखला 2-0 से जीती। .

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आयरलैंड की जागीरदारी

आयरलैंड की जागीरदारी(आयरिश:Tiarnas na hÉireann) ११७७ से १५४२ के बीच आयरलैंड में विद्यमान सामंतवादी काल था, जोकि आयरलैंड पर नोएमन आक्रमण के बाद इंग्लैण्ड के राजा के अंदर शुरू हुआ था। इस काल के दौरान इंग्लैण्ड के राजा को आयरलैंड के अधिपति का दर्ज प्राप्त था, और आयरलैंड की ज़मीन पर इंग्लैंड के राजा के अधीन अनेक नॉर्मन सामंतों और जागीरदारों का कब्ज़ा था। आधिकारिक रूप से इस जागीरदारी को एक पेपल संपदा के रूप में, इंग्लैंड के राजा के अंतर्गत आधिकारित किया गया था। हालाँकि, सैद्धान्तिक रूप से इस जागीर की भूमि पूरे आयरलैंड द्वीप पर थी, परंतु वास्तविक रूप से पूरे द्वीप पर राजा का संपूर्ण कब्ज़ा नहीं था, और ऐसे अनेक क्षेत्र थे, जिनपर स्थानीय गैलिक सरदारों और अधिपतिगण का कब्ज़ा था। अंग्रेज़ी हुकूमत के अधीन क्षेत्र का आकार अनेकों बार घटता-बढ़ता था, तथा कई क्षेत्र अंग्रेजों की पहुँच से पूर्णतः बहार थे। सामंतवाद की ढीली व्यवस्था के कारण नॉर्मन सामंतों को काफी कार्यकारी स्वतंत्रता प्राप्त थी, और कई सामंतों ने स्वयं के लिए ज़मींदारी सामान अधिकार जमा लिया था। और स्थानीय गैलिक राजाओं की सामान शक्ति हासिल कर ली थी। .

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आयोग

कोई कर्तव्य या दायित्व किसी व्यक्ति को सौंपने की क्रिया, या इस प्रकार सौंपा हुआ कार्य या दायित्व, अथवा विशेष रूप से कोई अधिकार, या प्रपत्र जो इस प्रकार के अधिकार किसी व्यक्ति को किसी पद पर कार्य करने के लिए प्रदान करता है, आयोग (कमिशन) कहलाता है। इस प्रकार यह शब्द सेना पर प्रभुत्व हेतु ऐसी लिखित अधिकार के लिए प्रयुक्त होता है जो किसी राष्ट्र का सर्वोच्च शासक, अथवा राष्ट्रपति, सशस्त्र सेना के प्रमुख सेनापति के रूप में पदाधिकारियों को प्रदान करता है। इस शब्द का उपयोग इसी प्रकार के अन्य ऐसे अधिकारपत्रों के हेतु भी होता है जो शांतिव्यवस्था के लिए आवश्यक होते हैं।.

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आर्थर नेविल चाम्बरलेन

इंग्लैंड के प्रधान मन्त्री।.

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आर्थर लेवेलिन बाशम

आर्थर लेवेलिन बाशम (Arthur Llewellyn Basham; 24 मई, 1914 – 27 जनवरी, 1986) प्रसिद्ध इतिहासकार, भारतविद तथा अनेकों पुस्तकों के रचयिता थे। १९५० और १९६० के दशक में 'स्कूल ऑफ ओरिएण्टल ऐण्ड अफ्रिकन स्टडीज' के प्रोफेसर के रूप में उन्होने अनेकों भारतीय इतिहासकारों को पढ़ाया, जिनमें आर एस शर्मा, रोमिला थापर तथा वी एस पाठक प्रमुख हैं। इंग्लैंड में पैदा हुए और पले-बढ़े बाशम को मुख्यतः प्राचीन भारत की संस्कृति पर लिखी उनकी अत्यंत लोकप्रिय और कालजयी रचना द वंडर दैट वाज़ इण्डिया: अ सर्वे ऑफ़ कल्चर ऑफ़ इण्डियन सब-कांटिनेंट बिफ़ोर द कमिंग ऑफ़ द मुस्लिम्स (1954) के लिए जाना जाता है। इतिहास-लेखन में वस्तुनिष्ठता के पैरोकार बाशम ने किसी ऐतिहासिक निर्णय पर पहुँचने के पूर्व इतिहासकार के लिए आवश्यक दृष्टि पर प्रकाश डालते हुए अपने एक लेख में सुझाया है कि अपनी अभिधारणा सिद्ध करने के लिए इतिहासकार को बड़े पैमाने पर स्रोतों का प्रयोग करना चाहिए। लेकिन साथ ही उसे एक ऐसे बैरिस्टर की भूमिका से बचना भी चाहिए जिसका उद्देश्य केवल अपने पक्ष में फैसला करवाना होता है। बाशम हर ऐसी बात पर बल देने के पक्ष में नहीं थे जो इतिहासकार के तर्क को मजबूत बनाती हो या सर्वाधिक सकारात्मक आलोक में इसकी व्याख्या करती हो। न ही वे दूसरे पक्ष के सभी साक्ष्यों को दरकिनार करने की कोशिश करते थे। वस्तुतः, बाशम इस मान्यता में विश्वास रखते थे कि इतिहासकार की दृष्टि बैरिस्टर की नहीं जज की तरह होनी चाहिए, एक ऐसे जज की जो अपना निर्णय सुनाने से पहले सभी पक्षों को नज़र में रखते हुए बिना किसी पक्षपात के एक वस्तुनिष्ठ निष्कर्ष पर पहुँचता है। .

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आर्थर जेम्स बाल्फोर

इंग्लैंड के प्रधान मन्त्री।.

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आर्थर वेलेज़्ली

इंग्लैंड के प्रधान मन्त्री।.

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आर्थर कॉनन डॉयल

सर आर्थर इग्नाशियस कॉनन डॉयल, डीएल (22 मई 1859 - जुलाई 7, 1930) एक स्कॉटिश चिकित्सक और लेखक थे जिन्हें अधिकतर जासूस शरलॉक होम्स की उनकी कहानियों (इन कहानियों को आम तौर पर काल्पनिक अपराध कथा के क्षेत्र में एक प्रमुख नवप्रवर्तन के तौर पर देखा जाता है) और प्रोफ़ेसर चैलेंजर के साहसिक कारनामों के लिए जाना जाता है। वह विज्ञान कल्पना कथाएँ, ऐतिहासिक उपन्यासों, नाटकों और रोमांस, कविता और विभिन्न कल्पना साहित्य के एक विपुल लेखक थे। वे एक सफल लेखक थे जिनकी अन्य रचनाओं में काल्पनिक विज्ञान कथाएं, ऐतिहासिक उपन्यास, नाटक एवं रोमांस, कविता और गैर-काल्पनिक कहानियां शामिल हैं। .

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आशुलिपि

डच आशुलिपि (ग्रूट पद्धति से) आशुलिपि (Shorthand) लिखने की एक विधि है जिसमें सामान्य लेखन की अपेक्षा अधिक तीव्र गति से लिखा जा सकता है। इसमें छोटे प्रतीकों का उपयोग किया जाता है। आशुलिपि में लिखने की क्रिया आशुलेखन (stenography) कहलाती है। स्टेनोग्राफी से आशय है तेज और संक्षिप्त लेखन। इसे हिन्दी मे 'शीघ्रलेखन' या 'त्वरालेखन' भी कहते हैं। लिखने और बोलने की गति में अंतर है। साधारण तौर पर जिस गति से कुशल से कुशल व्यक्ति हाथ से लिखता है, उससे चौगुनी, पाँचगुनी गति से वह संभाषण करता है। ऐसी स्थिति में वक्ता के भाषण अथवा संभाषण को लिपिबद्ध करने में विशेष रूप से कठिनाई उपस्थित हो जाती है। इसी कठिनाई को हल करने के लिये त्वरालेखन के आविष्कार की आवश्यकता पड़ी। .

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आईएसओ ४२१७

Exchange rates display at a Bureau de change listing currency names in English and their ISO 4217 codes. This list displays the United Kingdom as 'England', one of its constituent countries, in addition to displaying the Republic of China as 'Taiwan' and South Korea as 'Korea'. € आईएसओ ४२१७ (अंग्रेज़ी:ISO 4217) एक अंतर्राष्ट्रीय मानक है, जो तीन-अक्षरीय मुद्रा कूट बताता है। इसको अंतर्राष्ट्रीय मानक संगठन द्वारा मानकीकृत किया गया है। .

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आईसीसी चैंपियन्स ट्रॉफ़ी

आईसीसी चैंपियन्स ट्रॉफ़ी (अंग्रेज़ी: ICC Champions Trophy), विश्व क्रिकेट परिषद (आईसीसी) द्वारा आयोजित की जाने वाली एक द्विवार्षिक प्रतियोगिता है। इसे क्रिकेट के विश्व कप के बाद सबसे बड़ी प्रतियोगिता के रूप में देखा जाता है और कुछ लोग इसे मिनी विश्व कप भी कहते हैं। १९९८ से शुरु होकर अभी तक कुल ८ बार इस प्रतियोगिता का आयोजन किया गया है जिसे, समयवार क्रम में, दक्षिण अफ्रीका, न्यूजीलैंड, भारत तथा श्रीलंका (अनिर्णीत), वेस्ट इंडीज़, ऑस्ट्रेलिया, भारत व पाकिस्तान ने जीता है। टूर्नामेंट के आठ संस्करणों में कुल मिलाकर तेरह टीमों ने भाग लिया, जिसमें आठ ने 2017 में आखिरी संस्करण में भाग लिया। आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के तीन प्रारूपों में से प्रत्येक के लिए केवल एक शिखर टूर्नामेंट रखने के आईसीसी के लक्ष्य के अनुरूप रखा गया था। .

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आईसीसी महिला ट्वेंटी-20 विश्व कप

आईसीसी महिला विश्व ट्वेंटी-20 महिलाओं की टी-20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के लिए द्विवार्षिक अंतरराष्ट्रीय चैम्पियनशिप है। घटना शासी निकाय खेल से आयोजित किया जाता है, अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के पहले संस्करण के साथ 2009 में इंग्लैंड में आयोजित किया जा रहा। पहले तीन टूर्नामेंटों के लिए, वहाँ आठ प्रतिभागियों थे, लेकिन इस संख्या के बाद 2014 संस्करण से दस करने के लिए उठाया गया है। प्रत्येक टूर्नामेंट में टीमों की एक निर्धारित संख्या स्वचालित रूप से चुने जाते हैं, ट्वेंटी-20 विश्व कप क्वालीफायर के द्वारा निर्धारित शेष टीमों के साथ। ऑस्ट्रेलिया, ट्वेंटी-20 विश्व कप में सबसे सफल टीम है, जबकि 2016 में सबसे हाल के टूर्नामेंट में वेस्ट इंडीज ने जीती, तीन टूर्नामेंट जीत चुके हैं। .

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आईसीसी विश्व क्रिकेट लीग

आईसीसी विश्व क्रिकेट लीग (एसोसिएट या संबद्ध स्थिति का) टेस्ट दर्जा बिना राष्ट्रीय टीमों के लिए अंतरराष्ट्रीय एक दिवसीय क्रिकेट टूर्नामेंट के एक श्रृंखला है, अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद द्वारा किया जाता है। आईसीसी के सभी सहयोगी और संबद्ध सदस्यों लीग प्रणाली है, जो डिवीजनों के बीच एक संवर्धन और निर्वासन संरचना सुविधाओं में प्रतिस्पर्धा करने के लिए पात्र हैं। लीग प्रणाली के दो मुख्य उद्देश्य हैं: विश्व कप है कि सभी सहयोगी और संबद्ध सदस्यों द्वारा पहुँचा जा सकता है के लिए एक योग्यता प्रणाली प्रदान करते हैं और अंतरराष्ट्रीय एक दिवसीय इसी तरह के मानकों की टीमों के खिलाफ मैच खेलने के लिए इन पक्षों के लिए एक अवसर के रूप में करने के लिए। उद्घाटन आईसीसी विश्व क्रिकेट लीग 2007-09 में टीमें 2007 विश्व कप के लिए योग्यता टूर्नामेंट में उनके प्रदर्शन के आधार पर डिवीजनों में आवंटित किए गए थे; डिवीजन वन में छह प्रारंभिक टीमों टीमों कि 2007 के विश्व कप के लिए योग्य थे। प्रारंभिक श्रृंखला क्षेत्रीय क्वालिफायर और 2007 में एक प्रथम श्रेणी के साथ शुरू हुआ, और 2009 आईसीसी विश्व कप क्वालीफायर के साथ समाप्त हो गया। इस स्तर पर, वहाँ केवल पाँच डिवीजनों थे। दूसरे चक्र तीन अतिरिक्त डिवीजनों के साथ 2009 में शुरू हुआ। .

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आईसीसी विश्व क्रिकेट लीग 2012-18

2012-18 आईसीसी विश्व क्रिकेट लीग आईसीसी विश्व क्रिकेट लीग के चल रहे तीसरे सत्र है। आईसीसी विश्व क्रिकेट लीग 2007-09 के दौरान विभिन्न लीग की स्थापना के बाद, प्रतियोगिता के आठ डिवीजनों की रचना की थी लेकिन 2014 में, आईसीसी डिवीजन 7 और 8 डिवीजन कम हो गई। इसके अलावा, क्षेत्रीय टूर्नामेंट योग्यता की एक श्रृंखला खेला जाएगा। डिवीजनों, मोटे तौर पर लगातार क्रम में खेला जाएगा साथ कम डिवीजनों पहले खेला था। प्रत्येक प्रभाग से शीर्ष दो निम्न, उच्च विभाजन करने के लिए पदोन्नति हासिल है, जिसका अर्थ है कि कुछ टीमों के टूर्नामेंट के दौरान एक से अधिक विभाजन में खेलेंगे होगा। पहला टूर्नामेंट, सितंबर 2012 में, समोआ में 2012 आईसीसी विश्व क्रिकेट लीग डिवीजन आठ था। 28 जनवरी 2015, आईसीसी ने घोषणा की है कि प्रमुख सहयोगी दो पक्षों, आयरलैंड और अफगानिस्तान, 2019 विश्व कप तक की अवधि के लिए आईसीसी वनडे चैम्पियनशिप के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। इस पदोन्नति की गारंटी दोनों अंतिम क्रिकेट विश्व कप क्वालीफायर के लिए सहयोगी पक्षों प्रविष्टि, और वनडे चैम्पियनशिप के माध्यम से सीधे क्वालीफाई करने का अवसर। एक परिणाम के रूप में, दोनों टीमों के विश्व क्रिकेट लीग एक दिवसीय कार्यक्रम से हटा दिया गया है, और केन्या और नेपाल, जो विश्व क्रिकेट लीग चैम्पियनशिप दिनों के लिए पदोन्नति पर बाहर याद किया था इससे पहले, चैम्पियनशिप के लिए प्रोत्साहित किया गया। .

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आईसीसी अवॉर्ड्स

Mr Skym urf Yuvraj Kashyap has you known gaddi nasheen Yuvraj Shah ji he is about (d.o.b:-1998 08 15) he is father's gaddi nasheen Shri bodh Raj ji and mother nilam .

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आविष्कार और आविष्कारक

आविष्कार और आविष्कारक नामक इस सूची में आविष्कार, आविष्कारक, वर्ष और देश का नाम दिए गए हैं। .

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आगस्टस हेनरी फिट्ज़्राय

इंग्लैंड के प्रधान मन्त्री।.

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आंतोन मेंग्स राफेल

'''आंतोन मेंग्स राफेल''' का स्वचित्र (सेल्फ-पोर्ट्रेट) 300px आंतोन मेंग्स राफेल (Anton Raphael Mengs, 1728 - 1779)) जर्मनी का चित्रकार था। .

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आंग्ल-नॉरमन साहित्य

रोमन विजय के बहुत पहले आर्यों के कुछ प्रारंभिक कबीले इंग्लैंड के दक्षिण एवं दक्षिण पश्चिम भागों में बस चुके थे। इन कबीलों में पहले तो गॉल तथा ब्राइटन आए, फिर रोमन आए। तत्पश्चात् सैक्सन और डेन आए और अंत में नॉर्मन आए। इतिहास से हमें लोगों के स्थानांतरण की कथा मालूम पड़ती है। इन स्थानांतरणों के अनेक कारण हैं, लेकिन फिर भी हम उन्हें ढूंढ़ने का प्रयत्न करते हैं और विश्लेषण के बाद हम ऐसे तथ्य पाते हैं जिनकी व्याख्या नहीं की जा सकती। जो लोग शताब्दियों से एक स्थान पर सुख दु:ख झेलते हुए रहते आए हैं वे अचानक विचित्र आकांक्षाओं से प्रेरित होकर बड़े-बड़े पहाड़ों, तीव्रगामी नदियों और वीरान रेगिस्तानों को पार करने के लिए कटिबद्ध हो जाते हैं। इसके पीछे आर्थिक एवं भौगोलिक (ऋतु संबंधी) कारण हैं, किंतु कुछ और भी बातें हैं जो इनसे भिन्न हैं। चंगेज खां की भांति एक बड़ा नेता उठ खड़ा होता है और लोगों में एक नया जोश का दौर आ जाता है। उनमें अस्थिरता हो जाती है। वे अपने पुराने घरों में बैठै-बैठै कुपित और विचलित हो उठते हैं। यही बात जर्मनिक कबीले के साथ घटी थी। वे योद्धा थे। वे लंबे तड़गे, चौडी हड्डियों तथा नीली आँखों वाले क्रूर व्यक्ति थे। वे रोमन सैन्यदल के विरुद्ध लोहा लेते रहे तथा शताब्दियों के कठिन संग्राम के बाद, अंत में, रोमन प्रतिरक्षा के कवच को भेदते हुए समस्त पश्चिमी यूरोप में फैल गए। ये भयंकर विजेता तरंगों की भाँति अपने सुनसान और उजाड़ घरों से बाहर की ओर पश्चिम के हरे भरे संसार में आ निकले। जिन्होंने उनका प्रतिरोध किया वे नष्ट हो गए और जिन्होंने उनके प्रभुत्व को स्वीकार किया वे या तो दास थे या गँवार। इसके तुरंत बाद अपनी लंबी काली नावों पर सवार होकर इंगलिश चैनल नामक क्षुब्ध जलरेखा को उन्होंने पार किया और श्येनाक्ष कप्तानों के नेतृत्व में उत्तरी सागर में भी आगे बढ़े। फिर, विशेष नरसंहार के पश्चात् इंग्लैंड की उस जनता पर अधिकार जमाया जो रोमनों के आने के बाद यत्र-तत्र बड़ी असहाय स्थिति में रह गई थी। वे दक्षिण के समृद्ध भागों में, वहाँ के मूल निवासियों को मार भगाकर, जा बसे। भयानक और हिंस्र होते हुए भी वे व्यवहारत:अपने में एक दूसरे के प्रति काफी निष्ठावान् थे। स्त्रियों के प्रति सम्मान की भावना रखते थे। वस्तुत: सैक्सन घरों में स्त्रियों को बहुत सी सुविधाएँ प्राप्त थीं और इस स्थिति को बदलने में सदियाँ लग गईं। सैक्सन भूस्वामियों का जीवन अन्यदेशीय वीर युग के भूस्वामियों के जीवन के पर्याप्त समान था। सायंकाल जब कबीलों के सरदार भवनों में बैठकर मोटी रोटियाँ मांस के साथ खाते रहते थे, उसी समय चारण आते और प्राचीन वीरों यथा विडिसिथ और बियोउल्फ की गाथाएँ गाकर सुनाते थे। बियोउल्फ एक शक्तिशाली योद्धा था जो साहसिक अभियानों का अन्वेषी था। राजा राथगर का वह कृपापात्र बना, क्योंकि उन दिनों उसकी रियासत ग्रैडेन नामक दैत्य से आक्रांत थी। इसका कोई साहित्यिक सौष्ठव नहीं था, किंतु इसमें एक शक्ति और अभिव्यक्ति की क्षमता थी तथा आदिम मानवों के गुहाचित्रों की सी स्पष्टता थी। होमर युग की अपेक्षा इसमें अधिक प्रारंभिकता थी। वन्य हिंसक कल्पना होते हुए भी इसमें यत्र तत्र बौद्धिक (स्टोइक) पूर्णता थी। सैक्सन जाति का यह वास्तविक चित्र माना जा सकता है-उस जाति का जो स्वभाव से मनहूस और क्रूरता से चिह्नित थी, जो हँस भी नहीं सकती थी। वे सभी अपने देश की अंधकारयम ठंडी शीत ऋतुओं की याद दिलाते हैं। बियोडल्फ तथा बिडसिथ दोनों उस जाति की महान गाथाएँ हैं जिनमें कालांतर में अनेक प्रक्षिप्त अंश जुड़ते गए अंत में ईसाकाल में लिखित रूप में आए। इसीलिए इसपर ईसाई भावनाओं का हल्का रंग चढ़ा हुआ है। किंतु प्रथम आँग्ल-सैक्सन लेखक है एस साधु, केडमन। उसकी कविताएँ बाइबिल से अनूदित हैं। लेकिन उसमें पर्याप्त स्वच्छंदता बरती गई है, क्योंकि केडमन स्वयं लातीनी भाषा से अनभिज्ञ था। इस समय जो भाषा विकसित हुई थी और जिसे हम आँग्ल-सैक्सन कहते हैं वह जर्मनिक भाषा थी जो वास्तव में जूट्स और फ्रीलैंडर्स कबीलों की भाषा से थोड़ी ही भिन्न थी। केल्टिक भाषा तथा लातीनी और गिरजाघरों की लातीनी के संपर्क में आने पर ही इसमें कुछ परिवर्तन हुआ और शीघ्र ही इसकी संश्लेषणात्मक विशेषताओं को स्थान देना आरंभ हुआ। इसमें मूल धातुएँ तो ज्यों की त्यों रह गई, किंतु उप सर्गादि बदलने आरंभ हो गए। आँग्ल-सैक्सन साहित्य कविताओं से समृद्ध था जिनमें से अधिकतर मौखिक होने के कारण नष्ट हो गए और कुछ काल के थपेड़ों में बह गए, किंतु बची खुची कविताएँ अपनी विशेषताओं का परिचय देती हैं। इसमें केवल भव्यता थी, छंद संबंधी उसके प्रयोग बलाघातयुक्त एवं श्लेषात्मक होते थे। इसमें योगिक शब्दों का प्रयोग होता था। किंतु इसमें एक दुर्लभ स्पष्टता एवं सादगी वर्तमान थी, यद्यपि वह गीतिमयता एवं भव्यता से रहित होती थी। आँग्ल-सैक्सनों का अपना कुछ गद्य साहित्य भी था। यह मुख्यत: तथ्यकथन के रूप में था और राजा अलफ्रेड महान की कृतियाँ भी इसमें सम्मिलित थीं। सन् 1066 में एक घटना घटी जिसने इंग्लैंड के भाग्य को बदल दिया। विजेता विलियम, जो नार्मनों का सरदार तथा मूलत: जर्मनिक कबीले का था, अपने बंधुओं से विलग हो गया, क्योंकि उन्होंने लातीनी संस्कृति अपना ली थी। अत: वह सामने आया और इंग्लैंड की जीत लिया। इनकी भाषा नॉर्मन-फ्रेंच थी और लगभग 14वीं सदी के अंत तक फ्रांसीसी कुलीनों एवं राजदरबारों की भाषा बनी रही। 15वीं सदी बाद तक अधिकतर अंग्रेज, जो संयुक्त रूप से उस समय नॉर्मन और सैक्सन थे, फ्रांसीसी तथा अंग्रेजी दोनों का उपयोग करते थे। 1300 से 1400 तक अंग्रेजी भाषा में अनेक त्वरित परिवर्तन हुए। असभ्यों एवं बदमाशों की भाषा से बदलकर यह पार्लियामेंट की भाषा बनी और अंत में एलिजाबेथ युग के पूर्व में हुए महान कवि चॉसर की भी यही भाषा थी। चॉसर को निश्चित रूप से कुछ साहित्यिक रूपों को अंतिम आकार देने का श्रेय है, यद्यपि ये रूप किसी न किसी रूप में वर्तमान थे। चॉसर ने कोई नई भाषा नही गढ़ी, केवल लंदन की भाषा पर अपनी निजी छाप लगा दी। चॉसर-पूर्व-पद्यों की तिथि निश्चित करना कठिन है। उनमें से कुछ तो पांडुलिपियों के रूप में वितरित किए गए थे और कुछ स्मृति एवं मौखिक पाठ के आधार पर चल रहे थे। इससे कोई इतना सोच सकता है कि ये पद्य अधिकतर 13वीं सदी में और मुख्यत: उस सदी के उत्तरार्ध में लिखे गए थे। कभी कभी हम उसके अप्रत्याशित सौंदर्य के एक गीत में आश्चर्यजनक ताजगी का अनुभव करते हैं। जैसे- Summer is a comen in londe sing cuckoo (कोयल गाती है कि धरती पर ग्रीष्म आ रहा है) कुछ तो आँग्ल-सैक्सन कल्पना के निबिड़ अंधकार से बिलकुल ही भिन्न हैं। यही कुछ ऐसी वस्तु है जो नॉर्मनों ने इंग्लैंड को दी-वह था जीवनोल्लास और थी निरीक्षण एवं मूल्याँकन की क्षमता। केल्टिक कल्पना तथा रहस्यवाद से सैक्सन रीतिबद्धता और घनत्व का मेल और फिर नॉर्मनों की जीवन के शिवतत्वों के प्रति प्रेमभावना का अनुलेप-यही कुछ ऐसी चीजें हैं जो इंग्लैंड के साहित्य को इतना महान बना देती हैं। यह सब कुछ बहुत निष्प्राण रूप में आया है, फिर भी इसमें अंग्रेजों के स्वभाव के वे प्रमुख गुण अभिव्यक्त हैं जो उनके साहित्य में प्रतिबिंबित होते हैं। नॉर्मनों तथा सैक्सनों के पारस्परिक विलयन की प्रारंभिक अवस्था में दोनों के साहित्य कुछ एक दूसरे से पृथक् थे अथवा कहा जा सकता है कि बड़े भद्दे तौर पर मिले थे। किंतु विलियन के पूर्ण होने के तुरंत बाद ही काफी संख्या में लंबी कविताएँ लिखी गई। पुरानी केल्टिक गाथाएँ, जो राजा आर्थर से संबंधित थीं, फ्रांसीसी भाषा में महान आर्थर संबंधी स्वच्छंदतावादी साहित्य बन गई। सर गवायन और "हरित योद्धा" (ग्रीन नाइट) जैसी रोमानी अथवा "मोती" जैसी सुंदर कोमल विषय वस्तुवाली एवं करूणापूर्ण कविताएँ पढ़कर कोई भी यह अनुभव करता है कि इन कविताओं के, विशेषत: आर्थर संबंधी रोमानी कथाओं के माध्यम से एक नए ढंग की राष्ट्रीयता अभिव्यक्त की जा रही है। राजा आर्थर एक राष्ट्रनायक का रूप धारण कर लेता है। केवल राजा आर्थर के धुंधले राष्ट्रनायकत्व में ही हम कोमलता एवं गहराई की भावना से ओतप्रोत नहीं होते बल्कि रिचर्ड रोल के गीतों में भी हम एक नई जिंदादिली ग्रहण कर सकते हैं। रिचर्ड रोल इंग्लैंड के मध्यकालीन रहस्यवादियों में सबसे बड़ा था। वह 1350 में चल बसा। अधिकांश लेखक उत्तर के अथवा मरसिया के थे। किंतु अब हम लंदन के अभ्युदय का धन्यवाद दिए बिना न रहेंगे। लंदन की भाषा प्रमुख हो चली और यहाँ इन कवियों के नाम उल्लेखनीय समझे जाएँगे: लैग्लैंड, गोवर और चॉसर। ये सभी समसामयिक थे। यद्यपि लैग्लैंड अधिक वयस्क था, तथापि वह गोवर और चॉसर से अधिकतर मिलता रहा होगा, क्योंकि लंदन उस समय अल्प विस्तृत और घनी आबादीवाला प्रदेश था। कवि के रूप में लैग्लैंड ने बहुत कुछ खोया। उसकी मौलिक प्रतिभा एवं महानता लुप्त हो चुकी थी, क्योंकि जान पड़ता है, उसकी पांडुलिपियाँ बहुत हाथों में पड़ी, इससे कविताओं के मौलिक रूप नष्ट हो गए और अब कोई बहुत दक्ष संपादक ही उनको अंतिम शुद्ध रूप देने की आशा कर सकता है, क्योंकि ध्यानपूर्वक पढ़ने पर यह स्पष्ट हो जाता है कि कवि अपनी रचनाओं में सर्वागपूर्ण था और उन पुनरूक्तियों और व्यर्थ की कवित्वहीन पंक्तियों से सर्वथा रहित था जिन्हें बाद को लोगों ने जोड़ दिया था। दूसरा दोष यह था कि उसने आँग्ल-सैक्सन छंदों को, उसकी श्लेषात्मकता और बलाघात के साथ ग्रहण कर लिया था। उसने ऐसा बहुत कम अनुभव किया कि आँग्ल-सैक्सन भाषा की प्राचीन विशेषताएँ मृतप्राय हो रही थीं इसलिए भाषा की रूपसज्जा में आपातत: परिवर्तन आवश्यक था। और यदि उनका साहित्य आज उतना नहीं पढ़ा जाता जितना पढ़ा जाना चाहिए (क्योंकि रूढ़िवादी आवरण के साथ उसमें तीक्ष्ण व्यंग्य है), तो उसका कारण केवल उनके छंद हैं जो पाठकों को अपनी सामान्य पहुँच के बाहर प्रतीत होते हैं। उनकी श्लेषात्मकता में गति भरने और गौरव लाने की शक्ति नहीं है। गोवर में हमें ऐसी काव्यात्मकता का दर्शन होता है जो थोड़ी गंभीर है। लातीनी, फ्रांसीसी और अंग्रेजी, तीनों में इसकी अच्छी गति थी। ध्यान देने योग्य मुख्य बात यह है कि वह अपनी ही मातृभाषा अंग्रेजी में, जो कि उस समय इन तीनों में सबसे अशक्त थी, विश्वस्त नहीं प्रतीत होता है। यद्यपि इसकी अंग्रेजी शैली चॉसर की भांति प्रसाद एवं लालित्यपूर्ण नहीं है तो भी सरल है और यदि वह "नैतिक" धारणाओं से थोड़ा बहुत ग्रस्त होता तो वैसी ही अच्छी रचनाएँ दे सकता था। फिर भी चॉसर का एक अलग ही संसार था। वह शायद लैग्लैंड से बहुत छोटा था, किंतु लगता है कि वह एक अलग ही दुनिया में रहता था। लैग्लैंड एक उत्प्रेरित मध्यकालीन कवि था और चॉसर में आधुनिक साहित्य की पहली वास्तविक आवाज थी। सचमुच यह एक दीर्घ प्रशिक्षणकाल था जिसमें उसने फ्रांसीसी पद्य के परंपरागत स्वच्छंदतावाद का अनुसरण किया। फ्रांसीसी कवियों, यथा ज्याँ द म्युंग, गिलेम द लारिस (Jean de Mung, Gullame de Lorris) को अनूदित किया। बोकाशियो पेत्रार्क और दांते जैसे महान इतालीय साहित्यकों के पथ पर चला। किंतु इन औपचारिक रचनाओं में भी कुछ ऐसी बातें थीं जो कवि की भावी महानता प्रकट करती थीं। केवल इतना ही नहीं था कि वह फ्रांसीसी पद्य के नमूने पर आठ मात्राओंवाले पद्य सरलतापूर्वक गढ़ लेता था बल्कि यत्र तत्र किसी प्रकार का निरीक्षण अथवा बिंब यह भी बताते थे कि आगे कौन सी चीज विकसित होनेवाली है। लेकिन कैंटरबरी टेल्स की भांति मूल्यवान् सामग्री इनमें अप्राप्य थी। यह आधुनिक काल की सर्वप्रथम प्रामाणिक चीज थी। उसका एक अंश ही कवि की प्रतिभा का द्योतक है। कैंटरबरी की तीर्थयात्रा के लिए यात्रियों की एक दल में इकट्ठे होने जैसी एक सामान्य घटना बहुत साधारण सी प्रतीत होती है, जो मध्यकालीन अंग्रेज तीर्थयात्रियों के लिए स्वाभाविक भी थी, किंतु ऐसे विषय का यह एक सुंदर चयन तथा उत्कृष्ट कला का उदाहरण है। केवल एक ही झोंके में चॉसर ने मध्यकालीन इंग्लैंड के जीवन का एक महत्वपूर्ण अंश लेकर और उसमें स्वाभाविकता तथा नाटकीयता का नियोजन करते हुए आधुनिक युगीन ढंग से उसे अपनी निराली शैली में उद्घाटित किया। इसमें चॉसर ने बड़ा भव्य संसार चित्रित किया है। इन तीर्थयात्रियों में ऐसे स्त्री पुरूष हैं जो अपनी एक सच्ची प्रतिकृति (टाइप) रखते हैं और वे स्वयं अपने आप भी वैसी ही दृढ़ता के साथ सच्चे हैं। यह एक आदर्श मिश्रण है जिसमें सम्मानित योद्धा, सुशीला प्रियोरेस (Prioress), चालाक चिकित्सक बाथ की बहुविवाहिता वाचाल पत्नी, बहस करनेवाला "रसोइया", नीच अफसर (रीव), बादमाश, घृणित "सम्मन तामील करनेवाला", "मस्त फ्रायर" अथवा आक्सेन फोर्ड का क्लार्क, सच्चे विश्वास से दीप्त नि:सृत उद्ववेग, सभी घुले मिले हैं। वैविध्य का कितना सुंदर सामंजस्य है जो समस्त मध्यकालीन इंग्लैंड के समाज को ऐसी स्पष्टता के साथ चित्रित करता है जो सदैव अमर रहेगा। चॉसर की सफलता के कौन से कारण हैं? उत्तर में कहा जाएगा, उसकी महान प्रतिभा। किंतु महान प्रतिभा एक बड़ा गोलमोल शब्द है। इसमें असंख्य गुणों का समावेश है जो हर नई पीढ़ी के महान प्रतिभा संबंधी गुणों की कल्पना से एकदम उसी रूप में मेल नहीं खाते। महान प्रतिभा अपनी किरणें भविष्य के गर्भ में फेंकती है और उसका संदेश इस भांति संप्रेषित होता है कि लोग उसे पूरे तौर से समझ नही पाते। इसलिए चॉसर ने अपने समसामयिकों के विपरीत जनता की भाषा अपनाई, किंतु नए छंद का चुनाव जनरुचि से विपरीत था। उसने सर्वप्रथम फ्रांसीसी कवियों का अनुकरण किया और आठ मात्रावाली द्विपदियों को सरलतापूर्वक लिखा। किंतु उसे मालूम था कि यह अंग्रेजी के अनुकूल नहीं पड़ता, क्योंकि इस प्रकार की लघु माप फ्रांसीसी भाषा की प्रतिभाओं के ही अनुकूल है और क्योंकि उसकी ध्वनि में संबद्धता तथा एक स्वर के लोप का अधिक्य है। किंतु आँग्ल-सैक्सन पृष्ठभूमि के नाते अंग्रेजी में गति लाने के लिए कुछ अधिक स्थान की आवश्यकता रहती है। चॉसर ने पेंटामीटर नामक छंद दिया जो अंग्रेजी पद्य की बड़ी उपलब्धि है। नॉर्मनों ओर सैक्सनों का पारस्परिक विलयन सर्वप्रथम चॉसर में ही परिलक्षित होता है। वस्तुत: यही अंग्रेजी का आदिकवि हैं जिसने उस काल की नई भाषा अंग्रेजी में अपने गीत गाए। .

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आइस स्केटिंग

आस्ट्रिया में आउटडोर आइस स्केटिंग आइस स्केटिंग यानि बर्फ पर स्केटिंग का अर्थ है बर्फ पर आइस स्केट्स की मदद से चलना.

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आइज़क न्यूटन

सर आइज़ैक न्यूटन इंग्लैंड के एक वैज्ञानिक थे। जिन्होंने गुरुत्वाकर्षण का नियम और गति के सिद्धांत की खोज की। वे एक महान गणितज्ञ, भौतिक वैज्ञानिक, ज्योतिष एवं दार्शनिक थे। इनका शोध प्रपत्र "प्राकृतिक दर्शन के गणितीय सिद्धांतों "" सन् १६८७ में प्रकाशित हुआ, जिसमें सार्वत्रिक गुर्त्वाकर्षण एवं गति के नियमों की व्याख्या की गई थी और इस प्रकार चिरसम्मत भौतिकी (क्लासिकल भौतिकी) की नींव रखी। उनकी फिलोसोफी नेचुरेलिस प्रिन्सिपिया मेथेमेटिका, 1687 में प्रकाशित हुई, यह विज्ञान के इतिहास में अपने आप में सबसे प्रभावशाली पुस्तक है, जो अधिकांश साहित्यिक यांत्रिकी के लिए आधारभूत कार्य की भूमिका निभाती है। इस कार्य में, न्यूटन ने सार्वत्रिक गुरुत्व और गति के तीन नियमों का वर्णन किया जिसने अगली तीन शताब्दियों के लिए भौतिक ब्रह्मांड के वैज्ञानिक दृष्टिकोण पर अपना वर्चस्व स्थापित कर लिया। न्यूटन ने दर्शाया कि पृथ्वी पर वस्तुओं की गति और आकाशीय पिंडों की गति का नियंत्रण प्राकृतिक नियमों के समान समुच्चय के द्वारा होता है, इसे दर्शाने के लिए उन्होंने ग्रहीय गति के केपलर के नियमों तथा अपने गुरुत्वाकर्षण के सिद्धांत के बीच निरंतरता स्थापित की, इस प्रकार से सूर्य केन्द्रीयता और वैज्ञानिक क्रांति के आधुनिकीकरण के बारे में पिछले संदेह को दूर किया। यांत्रिकी में, न्यूटन ने संवेग तथा कोणीय संवेग दोनों के संरक्षण के सिद्धांतों को स्थापित किया। प्रकाशिकी में, उन्होंने पहला व्यवहारिक परावर्ती दूरदर्शी बनाया और इस आधार पर रंग का सिद्धांत विकसित किया कि एक प्रिज्म श्वेत प्रकाश को कई रंगों में अपघटित कर देता है जो दृश्य स्पेक्ट्रम बनाते हैं। उन्होंने शीतलन का नियम दिया और ध्वनि की गति का अध्ययन किया। गणित में, अवकलन और समाकलन कलन के विकास का श्रेय गोटफ्राइड लीबनीज के साथ न्यूटन को जाता है। उन्होंने सामान्यीकृत द्विपद प्रमेय का भी प्रदर्शन किया और एक फलन के शून्यों के सन्निकटन के लिए तथाकथित "न्यूटन की विधि" का विकास किया और घात श्रृंखला के अध्ययन में योगदान दिया। वैज्ञानिकों के बीच न्यूटन की स्थिति बहुत शीर्ष पद पर है, ऐसा ब्रिटेन की रोयल सोसाइटी में 2005 में हुए वैज्ञानिकों के एक सर्वेक्षण के द्वारा प्रदर्शित होता है, जिसमें पूछा गया कि विज्ञान के इतिहास पर किसका प्रभाव अधिक गहरा है, न्यूटन का या एल्बर्ट आइंस्टीन का। इस सर्वेक्षण में न्यूटन को अधिक प्रभावी पाया गया।.

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आइजक डिज़रेली

आइजक डिज़रेली (Isaac D'Israeli; 11 मई 1766 – 19 जनवरी 1848) ब्रितानी लेखक तथा विद्वान थे। वे ब्रिटेन के प्रधानमन्त्री बेंजामिन डिसरायली के पिता थे। आइजक डिज़रेली एक स्पेनी यहूदी के पुत्र थे। उनका जन्म एनफील्ड में हुआ। उनके पिता सन् १७४८ में वेनिस से आकर इंग्लैंड में बस गये थे। पिता अपने लड़के को वाणिज्य व्यापार में लगाना चाहता था किंतु युवक डिजरेली इसके विरुद्ध था। उसने इस विषय पर एक लंबी कविता लिखी जिनमें व्यापार व्यवसाय के प्रति उसका विरोध स्पष्ट प्रकट होता था। फ्रांस की यात्रा के समय उसने कुछ समय पेरिस की साहित्यक मंडली में बिताया। १७८८ में लंदन लौटने के बाद उसने 'जेंटिलमैंस मैगजीन' में एक कविता लिखी जिससे प्रभावित होकर एच.

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आइवर ग्रत्तन-गिनीज

आइवर ओवेन ग्रत्तन-गिनीज (23 जून 1941 – 12 दिसम्बर 2014) गणित और तर्कशास्त्र के इतिहासकार थे। .

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इटली राष्ट्रीय फुटबॉल टीम

इटली राष्ट्रीय फुटबॉल टीम (Nazionale italiana di calcio), अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल प्रतियोगिताओं में इटली का प्रतिनिधित्व करती है और और इतालवी फुटबॉल महासंघ (एफआईजीसी) द्वारा नियंत्रित किया जाती है। इटली दुनिया में सबसे अच्छा राष्ट्रीय टीमों में से एक मानी जाती है। 4 विश्व कप जीतने के द्वारा, यह विश्व कप के इतिहास में दूसरी सबसे सफल राष्ट्रीय टीम है। राष्ट्रीय फुटबॉल टीम "अज़्ज़ुरि" (नीले) के रूप में जानी जाती है, यह इटली का प्रतिनिधित्व इतालवी राष्ट्रीय टीमों और एथलीटों के पारंपरिक रंग है, रंग पारंपरिक रूप से 1861 में जो एकीकृत इटली शाही वंश से जुड़ा हुआ है और इतालवी राष्ट्रपति का आधिकारिक रंग के रूप में बनाए रखा है। .

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इनसाइक्लोपीदी

इनसाइक्लोपीदी का शीर्षक पृष्ट इनसाइक्लोपीदी (Encyclopédie) फ्रांस में 1751 एवं 1772 के बीच प्रकाशित एक सामान्य विश्वकोश था। इसका पूरा नाम Encyclopédie, ou dictionnaire raisonné des sciences, des arts et des métiers (हिन्दी: विश्वकोश, या विज्ञान, कला और शिल्प का सुनियोजित कोश) था। इनसाइक्लोपीदी कई दृष्टियों से नयापन लिए हुए थी। यह पहला विश्वकोश था जिसमें बहुत से नामित योगकर्ताओं के लेख सम्मिलित किए गये थे। यह पहला सामान्य विश्वकोश था जिसने 'यांत्रिक कलाओं' पर ध्यान दिया था। किन्तु इन सब बातों से परे इनसाइक्लोपीदी इसलिए भी प्रसिद्ध है कि इसने की ज्ञानोदय (इनलाइटमेन्ट) का विचार प्रस्तुत किया। देनिश दिदेरो ने 'इन्साक्लोपीदी' नामक लेख में लिखा था कि इसका उद्देश्य लोगों के सोचने के तरीके में ही परिवर्तन ला देना है। उसकी इच्छा थी कि विश्व के सारे ज्ञान को इनसाइक्लोपीदी में समेट दिया जाय और वर्तमान तथा भावी पीढ़ियों में यह ज्ञान फैल जाय। इसकी रचना "चैंबर्स साइक्लोपीडिया" के फ्रेंच अनुवाद के रूप में अंग्रेज विद्वान् जॉन मिल्स द्वारा उसके फ्रांस आवासकाल में प्रारंभ हुई, जिसे उसने मॉटफ़ी सेल्स की सहायता से सन् 1745 में समाप्त किया। पर वह इसे प्रकाशित न कर सका और इंग्लैंड वापस चला गया। इसके संपादन हेतु एक-एक कर कई विद्वानों की सेवाएँ प्राप्त की गईं और अनेक संघर्षों के पश्चात् यह विश्वकोश प्रकाशित हो सका। इनसाइक्लोपीदी अठारहवीं शती की महत्तम साहित्यिक उपलब्धि है। यह मात्र संदर्भ ग्रंथ नहीं था; यह निर्देश भी प्रदान करता था। यह आस्था और अनास्था का विचित्र संगम था। इसने उस युग के सर्वाधिक शक्तिसंपन्न चर्च और शासन पर प्रहार किया। संभवत: अन्य कोई ऐसा विश्वकोश नहीं है, जिसे इतना राजनीतिक महत्व प्राप्त हो और जिसने किसी देश के इतिहास और साहित्य पर क्रांतिकारी प्रभाव डाला हो। पर इन विशिष्टताओं के होते हुए भी यह विश्वकोश उच्च कोटि की कृति नहीं है। इसमें स्थल-स्थल पर त्रुटियाँ एवं विसंगतियाँ थीं। यह लगभग समान अनुपात में उच्च और निम्न कोटि के निबंधों का मिश्रण था। इस विश्वकोश की कटु आलोचनाएँ भी हुईं। दिदेरो और अ’लम्बर्त ने तय किया कि उनका इनसाइक्लोपीदी समस्त ज्ञान का दस्तावेज़ीकरण करेगा, सभी तरह की कलाओं और हस्तकौशल को गम्भीर अध्ययन का विषय मानते हुए उनके बारे में जानकारियाँ देगा, ज्ञान की विभिन्न शाखाओं के वर्गीकरण और उनके अंतर-संबंधों पर विशेष ध्यान देगा और ज्ञानोदय से उद्भूत विचारों की रोशनी में चिंतन-मनन की सामान्य विधियों को स्थायी रूप से बदलने का प्रयास करेगा। पहले तीनों लक्ष्य तो हैरिस और चेम्बर्स ने भी वेधने की कोशिश की थी लेकिन यह चौथा मकसद कुछ ख़ास तरह का था। सम्पादक-द्वय चाहते थे कि मध्ययुगीन तत्त्वमीमांसा ख़ारिज करके इंद्रियानुभववाद की रोशनी में वैज्ञानिक चिंतन की अनिवार्यता स्थापित की जाए, ताकि भविष्य की पीढ़ियाँ नये तरह से सोचने के लिए मजबूर हो जाएँ। उनके लिए इंद्रियानुभववाद का सीधा मतलब था इंद्रियों को सभी तरह के ज्ञान का एकमात्र प्रामाणिक स्रोत मानना और तब तक किसी भी दावे को ज्ञान की संज्ञा न देना जब तक वह अनुभव और प्रयोग की कसौटी पर खरा न साबित हो जाए। पाँच इंद्रियों के माध्यम से प्राप्त अनुभव पर ज़ोर देने वाले इस सिद्धांत के मुताबिक ज्ञान की प्रमाण- पुष्टि भी इंद्रियजनित प्रेक्षणीय अनुभव से ही होनी चाहिए थी। इंद्रियानुभववाद की जड़ें इस विचार में निहित थीं कि यह जगत केवल उतना ही है जितना वह हमें अपने बारे में बताने के लिए तैयार है। इसलिए इस जगत का हमें तटस्थ रूप से बिना किसी राग-द्वेष के प्रेक्षण करना चाहिए। प्रेक्षणीय सूचना प्राप्त करने के रास्ते में डाली गयी कोई भी बाधा ज्ञान को विकृत करके उसे मनमानी कल्पना का शिकार बना देगी। इंद्रियानुभववाद के गर्भ से ही प्रेक्षण, अनुभव और प्रयोग के वे आग्रह निकले जिन्होंने आगे चल कर आगमनात्मक तर्कपद्धति को प्रमुखता देते हुए विज्ञान के दर्शन पर अमिट छाप छोड़ी। मानवीय इंद्रियजनित अनुभव को ज्ञानमीमांसक प्राथमिकता मिलने के सामाजिक, राजनीतिक और नैतिक फलितार्थ होने लाज़मी थे। मनुष्य और उसके इहलौकिक संसार को सभी तरह के चिंतन और समझ के केंद्र में आ जाना था। इनसाइक्लोपीदी का पाठक उस जिज्ञासु के रूप में सामने आया जो दावा कर सकता था कि उसमें तथ्य को मिथ्या से अलग करके जाँचने-परखने की क्षमता है। यह पाठक अपने इस मूल्य-निर्णय के लिए किसी उच्चतर प्राधिकार द्वारा थमाये गये प्रमाण की आवश्यकता से इनकार करने वाला था। स्वाभाविक तौर पर आँसिएँ रेज़ीम की नुमाइंदगी करने वाली तत्कालीन सामाजिक और राजकीय व्यवस्था इस नये ज्ञान और उसके आधार पर बनने वाले नये व्यक्ति में निहित सम्भवानाओं के प्रति किसी किस्म की गफ़लत में नहीं रह सकती थी। उसने जल्दी ही भाँप लिया कि दिदेरो और अ’लम्बर्त जिस ज्ञान-कोश का खण्ड दर खण्ड प्रकाशन करते जा रहे हैं, वह अंततः राजशाही की वैधता के क्षय का ख़ामोश औज़ार साबित होगा। इसी के परिणामस्वरूप केवल तीन साल के भीतर 1751 में पेरिस के आर्कबिशप ने इनसाइक्लोपीदी की भर्त्सना की और अगले साल रॉयल कौंसिल ऑफ़ स्टेट ने उसके प्रकाशन को प्रतिबंधित कर दिया। 1759 में पेरिस की संसद ने भी ज्ञान- कोश रचने की इस परियोजना की निंदा की और एक आदेश के ज़रिये वे तमाम सुविधाएँ वापस ले ली गयीं जो दिदेरो और द’अलम्बर्त को मिली हुई थीं। इस तरह 1766 तक कोश रचने का यह प्रोजेक्ट सरकारी दमन का शिकार हो कर ठप पड़ा रहा। इस कोश के लेखकों में रूसो और कोंदोर्स जैसी हस्तियाँ शामिल थीं। अंततः सत्रह खण्डों में पूरे हुए इस विशाल ज्ञान-कोश ने फ़्रांसीसी और अमेरिकी क्रांतियों की नेतृत्वकारी हस्तियों के चिंतन पर निर्णायक असर डाला। बेंजामिन फ़्रैंकलिन, जॉन ऐडम्स और थॉमस जेफ़रसन ने न केवल व्यक्तिगत रूप से इस कोश  को ख़रीदा, बल्कि अपने राजनीतिक-बौद्धिक दायरों में इसे पढ़ने की सिफ़ारिश भी की। अगले दो सौ साल तक इनसाइक्लोपीदी की आधारभूत अवधारणाओं ने समाज- विज्ञानों के विमर्श को अपनी पकड़ में बनाये रखा। इसकी प्रतिक्रिया भी हुई। कोई बीस साल बाद स्कॉटलैण्ड में इनसाइक्लोपीडिया ब्रिटैनिका का पहला संस्करण प्रकाशित हुआ, जो घोषित रूप से दिदेरो और अ’लम्बर्त के कोश को ‘विधर्मी’ और ‘अप्रामाणिक’ मान कर उसके जवाब के तौर पर रचा गया था। इनसाइक्लोपीदी को विधर्मी इसलिए कहा गया था कि वह मानवीय ज्ञान के स्रोतों की नयी परिभाषा करने में लगा हुआ था और वह अप्रामाणिक इसलिए करार दिया गया कि दिदेरो और अ’लम्बर्त की लेखक-मण्डली फ़्रांस की मशहूर बौद्धिक हस्तियों से बनी थी और सम्पादक-द्वय उनके द्वारा लिखी गयी लम्बी-लम्बी प्रविष्टियों में उल्लखित तथ्यों की सच्चाई सुनिश्चित करने के फेर में नहीं पड़े थे। .

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इनविक्टस

इनविक्टस (Invictus) ब्रिटिश कवि विलियम अर्नस्ट हॅन​ली (१८४९-१९०३) द्वारा लिखित एक छोटी अंग्रेज़ी-भाषा की कविता है। 'इनविक्टस' लातिनी भाषा का शब्द है और इसका अर्थ है 'अजेय', यानि 'जो कभी हराया न जा सके'। कुछ समीक्षकों ने इस कविता के प्रकाशन के बाद कहा की 'इनविक्टस शब्द हर उस आदमी का नारा है जो जीवन की मुश्किलों को आँख दिखाता है और उनका निडरता से सामना करता है।', Brett McKay, Kate McKay, pp.

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इनक्यूबस

इनक्यूबस कैलिफोर्निया के कालाबसस का एक अमेरिकी रॉक बैंड है। इस बैंड की स्थापना 1991 में गायक ब्रैंडन बॉयड, मुख्य गिटारवादक माइक आइन्ज़िगर और ड्रमवादक जोस पसिलास ने उस समय की जब उन्होंने हाई स्कूल में दाखिला लिया था। बासवादक एलेक्स "डिर्क लांस" कैटुनिख और गेविन "डीजे लीफ" कोपेल के शामिल होने पर बैंड का विस्तार हुआ जिनमें से दोनों की जगह अंत में क्रमशः बासवादक बेन केनी और डीजे किल्मोर को शामिल किया गया। बहु-प्लेटिनम बिक्री तक पहुंचने के साथ-साथ कई अत्यधिक सफल एकलों को रिलीज़ करके इनक्यूबस ने आलोचकों की प्रशंसा के साथ-साथ वाणिज्यिक सफलता भी प्राप्त कर ली है। बैंड ने रचनात्मक ढंग से शाखाओं की तरह फैलना शुरू कर दिया और अपने 1999 एल्बम मेक योरसेल्फ की रिलीज़ के साथ मुख्यधारा की मान्यता हासिल की। 2001 में, "ड्राइव" नामक एकल और अपने अनुवर्ती एल्बम, मॉर्निंग व्यू, की सफलता के साथ इनक्यूबस एक बहुत ज्यादा कामयाब बैंड बन गया। उनकी नवीनतम स्टूडियो एल्बम, लाइट ग्रेनेड्स, ने 2006 में #1 पर शुरुआत की और अमेरिका में इसने स्वर्ण की प्रमाणिकता प्राप्त की है। इनक्यूबस ने जून 2009 में अपनी पहली सबसे बड़ी हिट्स एल्बम मोनुमेंट्स एण्ड मेलोडीज़ को रिलीज़ किया और इसके साथ संयुक्त राज्य अमेरिका और कनाडा का दौरा किया। .

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इन्दिरा गांधी

युवा इन्दिरा नेहरू औरमहात्मा गांधी एक अनशन के दौरान इन्दिरा प्रियदर्शिनी गाँधी (जन्म उपनाम: नेहरू) (19 नवंबर 1917-31 अक्टूबर 1984) वर्ष 1966 से 1977 तक लगातार 3 पारी के लिए भारत गणराज्य की प्रधानमन्त्री रहीं और उसके बाद चौथी पारी में 1980 से लेकर 1984 में उनकी राजनैतिक हत्या तक भारत की प्रधानमंत्री रहीं। वे भारत की प्रथम और अब तक एकमात्र महिला प्रधानमंत्री रहीं। .

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इमरान ख़ान

इमरान ख़ान नियाजी عمران خان نیازی (जन्म 25 नवम्बर 1952) एक सेवानिवृत्त पाकिस्तानी क्रिकेटर हैं, जिन्होंने बीसवीं सदी के उत्तरार्द्ध के दो दशकों में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट खेला और 1990 के दशक के मध्य से राजनीतिज्ञ हो गए। वर्तमान में, अपनी राजनीतिक सक्रियता के अलावा, ख़ान एक धर्मार्थ कार्यकर्ता और क्रिकेट कमेंटेटर भी हैं। ख़ान, 1971-1992 तक पाकिस्तानी क्रिकेट टीम के लिए खेले और 1982 से 1992 के बीच, आंतरायिक कप्तान रहे। 1987 के विश्व कप के अंत में, क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद, उन्हें टीम में शामिल करने के लिए 1988 में दुबारा बुलाया गया। 39 वर्ष की आयु में ख़ान ने पाकिस्तान की प्रथम और एकमात्र विश्व कप जीत में अपनी टीम का नेतृत्व किया। उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में 3,807 रन और 362 विकेट का रिकॉर्ड बनाया है, जो उन्हें 'आल राउंडर्स ट्रिपल' हासिल करने वाले छह विश्व क्रिकेटरों की श्रेणी में शामिल करता है। अप्रैल 1996 में ख़ान ने पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (न्याय के लिए आंदोलन) नाम की एक छोटी और सीमांत राजनैतिक पार्टी की स्थापना की और उसके अध्यक्ष बने और जिसके वे संसद के लिए निर्वाचित केवल एकमात्र सदस्य हैं। उन्होंने नवंबर 2002 से अक्टूबर 2007 तक नेशनल असेंबली के सदस्य के रूप में मियांवाली का प्रतिनिधित्व किया। ख़ान ने दुनिया भर से चंदा इकट्ठा कर, 1996 में शौकत ख़ानम मेमोरियल कैंसर अस्पताल और अनुसंधान केंद्र और 2008 में मियांवाली नमल कॉलेज की स्थापना में मदद की। .

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इम्रे लक़तोस

इम्रे लक़तोस विज्ञान के दार्शनिक थे। ये हंगरियन मूल के थे। .

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इयान बेल

इयान रोनाल्ड बेल इयान रोनाल्ड बेल एमबीई (MBE) (जन्म 11 अप्रैल 1982 को) इंग्लैंड के एक टेस्ट क्रिकेटर हैं। वे वारविकशायर काउंटी क्रिकेट क्लब के लिए काउंटी क्रिकेट भी खेलते हैं। वे दाहिने हाथ के उच्च/मध्यम क्रम के बल्लेबाज हैं, जिन्हें द टाइम्स ने "खूबसूरत तलवार" जैसा और सामयिक दाएं हाथ के मध्यम तेज गेंदबाज के रूप में वर्णित किया है। उन्हें अपनी तीक्ष्ण सजगता और मैदान पर गेंद पकड़ने के करीबी क्षेत्रों में मैदान पर डटे रहने वाले के रूप में बताया गया है। बेल इंग्लैंड के लिए टेस्ट और एक दिवसीय अंतराष्ट्रीय दोनों मैचों में खेलते हैं और बारह टेस्ट शतक बना चुके हैं। 2006 में नए साल की सम्मान सूची में इयान बेल को 2005 में सफल एशेज दौरे में उनकी भूमिका के लिए एमबीई (MBE) से सम्मानित किया गया और नवंबर 2006 में इंटरनेशनल क्रिकेट कौंसिल ने उन्हें प्रतिष्ठित साल के उभरते हुए खिलाड़ी के रूप में सम्मानित किया। 2008 और 2009 के दौरान वे कभी-कभी ही इंग्लैंड टीम के सदस्य होते थे, लेकिन 2009 में एशेज के दौरान उन्होंने टेस्ट टीम में जगह बनाई, जिसमें इंग्लैंड जीता और उसके बाद के वर्ष में कई एकदिवसीय मैचों में खेले। 2010 के दौरान अगली सर्दियों में पहला एशेज शतक, जिसने इंग्लैंड एशेज जीतने में मदद की, लगाने के पहले उन्होंने वारविकशायर की कप्तानी की और सीबी 40 फाइनल में जीत हासिल की.

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इज़ाडोरा डंकन

इज़ाडोरा डंकन। इज़ाडोरा डंकन (अंग्रेज़ी: Isadora Duncan)(२६ मई, १८७७ - १४ सितंबर, १९२७) एक अमेरिकी नर्तकी थीं। उनका पूरा नाम था ऐंगिला इज़ाडोरा डंकन और उनका जन्म सेन फ़्रांसिस्को, कैलिफ़ोर्निया में हुआ था। इज़ाडोरा डंकन को कई लोग आधुनिक नृत्य की जननी मानते हैं। यद्यपि अपने जीवन के बाद के वर्षों में वह अमेरिका में केवल न्यूयार्क में प्रसिद्ध हुईं, लेकिन उन्होंने पूरे यूरोप का मनोरंजन किया। नृत्य ही नहीं, जीवन में भी प्रयोगों की पक्षधर इज़ाडोरा की आत्मकथा माय लाइफ पढ़ने के बाद कला को समर्पित स्त्री के सभी पहलू उजागर होते हैं, साथ ही मन में प्रश्न उठता है, क्या कलाकार स्त्री एक सामान्य सहज जीवन नहीं जी सकती। इज़ाडोरा ने अपने समय से बहुत आगे जाकर जो प्रयोग किए, वह तत्कालीन समय के आलोचकों-कट्टरपंथियों को रास नहीं आए। इसके पश्चात भी इंग्लैंड के प्रसिद्ध नृत्य समीक्षक रिचर्ड ऑस्टिन ने माना कि वह विश्व की महानतम नृत्यांगनाओं में से एक थीं, जो स्वयं भी नहीं समझ पाती थी कि वह क्या नृत्य कर रही हैं। उनके माता-पिता आइरिश मूल के थे, लेकिन वे अलग हो गए थे। मां संगीत जानती थीं और पियानोवादन ही उनकी आजीविका का साधन बना। अभावग्रस्त जीवन ने उन्हें पारंपरिक तौर पर शिक्षा-दीक्षा की आज्ञा नहीं दी। इस प्रकार नृत्य उनके अपनी परिश्रम, क्षमताओं व आंतरिक अनुभूतियों की देन था। उनका सपना था-ऐसे नृत्य विद्यालय की स्थापना करना जहां दुनिया भर के बच्चे प्रशिक्षण ले सकें, पर आर्थिक परेशानियों व शिष्याओं की भद्दता ने उनका सपना पूरा नहीं होने दिया। १९१३ में हुई एक दुर्घटना में उन्होंने अपने दोनों बच्चों को खो दिया। इसके बाद उन्होंने फिर एक बच्चे को जन्म दिया, किंतु वह भी जन्म के कुछ देर बाद ही मर गया। इन त्रासदियों ने इज़ाडोरा को भीतर तक हिला दिया। इस बीच उनका अपना स्वास्थ्य बहुत गिर गया। खुले हाथों खर्च करने वाली इज़ाडोरा अपने अंतिम दिनों में बहुत तंगहाली में रहीं। १४ सितंबर १९२७ को लगभग ५० वर्ष की आयु में इज़ाडोरा ने जीवन की अंतिम सांसें लीं। .

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इगु़नोडोन

इगु़नोडोन (Iguanodon) जिसका अर्थ है -एक प्रकार की बड़ी निरामिप या वनस्पति भोजी छिपकली जो अब प्रस्तरित रूप में ही मिलती है। अंग्रेजी भूविज्ञानी गिदोन मान्टेन द्वारा 1825 में नाम, इगु़नोडोन सेकंड औपचारिक रूप से मेगालोशोरस के बाद नाम, डायनासोर था। साथ मेगालोशोरस और Hylaeosaurus साथ, यह एक तीन पीढ़ी की मूल रूप से Dinosauria परिभाषित किया था। एक बड़े, भारी herbivore, इगु़नोडोन Iguanodontia के एक सदस्य बतख बिल हडरासोर के साथ साथ, इस जीनस के वर्गीकरण के लिए अध्ययन के एक विषय के रूप में नई प्रजाति का नाम है या लंबे समय से चली आ रही हैं अन्य पीढ़ी को reassigned हो रहा है। इगु़नोडोन के वैज्ञानिक समझ के समय के साथ विकसित किया गया है। इगु़नोडोन कि नई जानकारी जीवाश्म से प्राप्त किया गया है। इस जीनस के कई नमूने, सहित लगभग दो प्रसिद्ध bonebeds से पूरा कंकाल, शोधकर्ताओं ने सूचित रहने वाले पशु के कई पहलुओं के बारे में खाना, चाल और सामाजिक व्यवहार सहित परिकल्पना बनाने के लिए अनुमति दी है। पहले वैज्ञानिक रूप से अच्छी तरह से ज्ञात डायनासोर के रूप में, इगु़नोडोन डायनासोर के जनता की धारणा में एक छोटे लेकिन उल्लेखनीय जगह है, अपनी कलात्मक प्रतिनिधित्व अपने अवशेषों की नई व्याख्या के जवाब में काफी बदल रहा है। .

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इंटेलिजेंस ब्यूरो

खुफिया ब्यूरो (Khufīya Bureau) जिसे IB (आईबी) के रूप में भी जाना जाता है, भारत की आंतरिक खुफिया एजेंसी है और ख्यात रूप से दुनिया की सबसे पुरानी खुफिया एजेंसी है। इसे 1947 में गृह मंत्रालय के अधीन केन्द्रीय खुफिया ब्यूरो के रूप में पुनर्निर्मित किया गया। इसके गठन की धारणा के पीछे यह तथ्य हो सकता है कि 1885 में, मेजर जनरल चार्ल्स मैकग्रेगर को शिमला में ब्रिटिश इंडियन आर्मी के खुफिया विभाग का क्वार्टरमास्टर जनरल और प्रमुख नियुक्त किया गया। उस वक्त इसका उद्देश्य था अफगानिस्तान में रूसी सैनिकों की तैनाती पर निगरानी रखना, क्योंकि 19वीं सदी के उत्तरार्ध में इस बात का डर था कि कहीं रूस उत्तर-पश्चिम की ओर से ब्रिटिश भारत पर आक्रमण ना कर दे। 1909 में, भारतीय अराजकतावादी गतिविधियों के पनपने की प्रतिक्रिया में इंग्लैंड में भारतीय राजनीतिक खुफिया कार्यालय की स्थापना की गई, जिसे बाद में 1921 से इंडियन पॉलिटिकल इंटेलिजेंस (आईपीआई) कहा गया। यह सरकार द्वारा संचालित निगरानी एजेंसी थी। आईपीआई को संयुक्त रूप से भारत कार्यालय और भारत सरकार द्वारा चलाया जाता था और भारत कार्यालय के नागरिक और न्यायिक विभाग सचिव और भारत में इंटेलिजेंस ब्यूरो निदेशक (डीआईबी) को संयुक्त रूप से रिपोर्ट भेजी जाती थी और यह स्कॉटलैंड यार्ड और MI5 के साथ करीबी संपर्क बनाए रखता था। .

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इंडिया'ज़ रॉ स्टार

इंडिया'ज़ रॉ स्टार (हिन्दी- "भारत का कोरा सितारा") सांईबाबा टेलीफिल्म्स द्वारा निर्मित एक भारतीय टेलीविजन रिएलिटी संगीत प्रतियोगिता है। इसका पहला सत्र (सीज़न) २४ अगस्त २०१४ से ३० नवम्बर २०१४ तक स्टार प्लस-हिंदी टीवी चैनल पर चला। कार्यक्रम की प्रस्तुतकर्ता भारतीय टेलीविजन अभिनेत्री गौहर खान हैं। यो यो हनी सिंह ने कार्यक्रम में निर्णयकर्ता की भूमिका निभाई है। पहले सत्र के विजेता ऋतुराज मोंहन्ती रहे। .

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इंस्ट्रुमेंट ऑव गवर्नमेंट

इंस्ट्रुमेंट ऑव गवर्नमेंट (Instrument of government) (1653) इंग्लैंड के उस संविधान का नाम जिसको राजतंत्र की समाप्ति के चार वर्ष बाद कुछ प्रमुख सैनिक अधिकारियों ने प्रस्तुत किया था। यह इंग्लैंड का प्रथम और एकमात्र लिखित संविधान है। इस संविधान में विधिनिर्माण और प्रशासन के लिए दो पृथक्‌ परिषदों-पार्लियामेंट और कौंसिल-तथा प्रमुख अधिकारी लार्ड प्रोटेक्टर और पार्लामेंट विधिनिर्माण के सर्वोच्च अधिकारी थे। प्रशासन का प्रमुख अधिकारी लार्ड प्रोटेक्टर था। प्रशासनकार्य में उसकी सहायता के लिए 13 से लेकर 21 सदस्यों तक की कौंसिल की व्यवस्था संविधान में थी। लार्ड प्रोटेक्टर और पहली कौंसिल के सदस्यों का नामोल्लेख भी संविधान में था। इंग्लैंड और आयरलैंड तीनों देशों के लिए वेस्टमिनिस्टर (लंदन) में 460 सदस्यों की एक सदनात्मक पार्लियामेंट की व्यवस्था थी। पार्लियामेंट का कार्यकाल, सदस्यों और निर्वाचकों की योग्यता, सेना का व्यय, आय के साधन, धर्मव्यवस्था, लार्ड प्रोटेक्टर के अधिकार, राज्य के मौलिक सिद्धांत आदि का भी उल्लेख था। आरंभ से ही इस संविधान का विरोध हुआ और पाँच वर्ष में ही इसका जीवन समाप्त हो गया। .

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इंग्लैण्ड पर नॉर्मन विजय

नॉर्मनों की सेना ने ११वीं शदी में इंग्लैण्ड पर आक्रमण किया और उस पर अधिकार कर लिया। इसमें ब्रेटोन तथा फ्रेंच सैनिक भी शामिल थे। इसका नेतृत्व ड्यूक विलियम द्वितीय ने किया था। श्रेणी:इंग्लैण्ड का इतिहास.

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इंग्लैण्ड राष्ट्रीय रग्बी यूनियन टीम

इंग्लैण्ड राष्ट्रीय रग्बी यूनियन टीम, इंग्लैण्ड की पुरुषों की राष्ट्रीय रग्बी यूनियन टीम है। .

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इंग्लैण्ड राष्ट्रीय रग्बी लीग टीम

इंग्लैण्ड राष्ट्रीय रग्बी लीग टीम, इंग्लैण्ड की पुरुषों की राष्ट्रीय रग्बी लीग टीम है। .

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इंग्लैण्ड राज्य

इंग्लैण्ड राजशाही(Kingdom of England) यानि आंग्ल राजतांत्रिक राज्य, जिसे आम वार्ता में केवल इंग्लैण्ड(ब्रिटिश उच्चारण:इंग्लॆन्ड्) कहा जाता था, ग्रेट ब्रिटेन द्वीप पर स्थित एक पूर्व सार्वभौमिक एकराष्टिय राजतांत्रिक राज्य था। इंग्लैंड का उदय १०वीं शताब्दी में विभिन्न आंग्ल-सैक्सन रजवाड़ों में से हुआ था, यह १७०७ में स्कॉटलैंड राजशाही के साथ विलय तथा ग्रेट ब्रिटेन राजशाही की स्थापना तक असतित्व में रहा। ११वीं सदी में वर्त्तमान फ्रांस के नॉरमेंडी के तट से नार्मन लोगों ने आक्रमण कर इंग्लैंड पर विजय प्राप्त कर लिया था, जिस समय इंग्लैंड की राजधानी को विंचेस्टर से लंदन हस्तांतरित कर दिया गया था। अपने इतिहास के दौरान, इंग्लैंड पर चार विभिन्न वंशों का राज रहा था:नॉर्मन वंश १०६६-११५४, प्लैंटेजेनट वंश ११५४-१४८५, ट्यूडर वंश १४८५-१६०३ और स्टुअर्ट वंश १६०३-१७१४, हालाँकि इन सब को विभक्त राजवंश माना जाता है, परंतु ये सारे घराने, अंत्यतः नॉर्मनों के ही वंशज हैं। नार्मन शासन की शुरुआत के बाद से एंग्लो-सैक्सन भाषा(पुरानी अंग्रेज़ी) में फ़्रांसिस भाषा का प्रभाव अत्यंत बढ़ गया और आधुनिक अंग्रेज़ी विकसित हुई। १३वीं सदी के अंत तक इंग्लैंड ने वेल्स रियासत पर अपना अधिकार जमा लिया और १६वीं सदी में वेल्स को इंग्लैंड में पूर्णतः विलीन कर लिया गया। वेल्स पर अधिक्रमण ने इंग्लैंड को यूरोप के एक प्रमुख सैन्य शक्ति के रूप में स्थापित कर दिया। ट्यूडर काल ने अंग्रेज़ी नवजागरण के काल को देखा, जोकि अंग्रेज़ी भाषा और संस्कृति के लिहाज़ से सबसे महत्वपूर्ण काल था। राजा हेनरी अष्टम् के राज ने अंग्रेज़ी पुनःस्थापन के काल को देखा, और तत्पश्चात उनकी पुत्री एलिज़ाबेथ प्र॰ के राज में पारित एलिज़ाबेथन धार्मिक समाधान ने चर्च ऑफ़ इंग्लैंड की स्वायत्तता पुनःस्थापि की, और इसने इंग्लैंड को एक प्राथमिक यूरोपीय महाशक्ति के रूप में स्थापित कर दिया। एलिज़ाबेथन युग में इंग्लैंड ने नई दुनिया(अमरीकी महाद्वीप) के बड़े हिस्से पर अपना अधिकार स्थापित किया और अपने उपनिवेश स्थापित किये, जिसके साथ आगामी ब्रिटिश साम्राज्य की नीव पड़ी। इंग्लैंड में मैग्ना कार्टा और बिल ऑफ़ राइट्स, १६८९ जैसे ऐतिहासिक विधान पारित हुए, जिसके बदौलत संसद की शक्ति बढ़ती गयी, और शासक की शक्तियों व अधिकारों पर अनेक सीमाएँ और अंकुश लगाए गए, जोकि आगे जाकर एक विशेष प्रशासनिक व्यवस्था के रूप में विकसित हुई, जिसे वेस्टमिंस्टर प्रणाली कहा जाता है। १६०३ में रानी एलिज़ाबेथ के निधन के पश्चात स्कॉटलैंड के राजा जेम्स षष्टम् ने इंग्लैंड के सिंघासन को उत्तराधिकृत किया, और इस के साथ इंग्लैंड, स्कॉटलैंड और आयरलैंड के साथ व्यक्तिगत विलय की स्थिति में आ गया, तथा स्टुअर्ट वंश के राज का प्रारम्भ हुआ। स्टुअर्ट काल में, अंग्रेज़ी गृह युद्ध हुआ, जोकि चार्ल्स प्रथम के प्राणदंड के साथ समाप्त हुआ, परंतु इस गृहयुद्ध ने शासक के शासनाधिकार पर अनेक अंकुश लगा दिए, और शासक को संसद की स्वीकृति के बिना शासन करने से वंचित कर दिया। १ मई १७०७ को, विलय के अधिनियमों के तहत इंग्लैंड का स्कॉटलैंड के साथ विलय होगया और संयुक्त ग्रेट ब्रिटेन राजशाही की स्थापम हुई। .

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इंग्लैंड महिला क्रिकेट टीम

इंग्लैण्ड महिला क्रिकेट टीम इंग्लैंड की एक अंतरराष्ट्रीय महिला क्रिकेट टीम है जो आईसीसी की पूर्ण सदस्य है। इनका संचालन इंग्लैंड और वेल्स क्रिकेट बोर्ड करता है। इंग्लैंड ने अपना पहला टेस्ट क्रिकेट मैच २८ दिसम्बर १९३४ को ऑस्ट्रेलियाई महिला क्रिकेट टीम के खिलाफ ब्रिस्बेन में खेला था। इनके अलावा पहला एक दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय मुकाबला इंटरनेशनल ११ के खिलाफ २३ जून १९७३ को होव में खेला था और पहला ट्वेन्टी-ट्वेन्टी मैच ०५ अगस्त २००४ को न्यूजीलैंड महिला क्रिकेट टीम के खिलाफ होव में ही खेला गया था। .

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इंग्लैंड का बैंक

सन् १८९० से १९०० के बीच बैंक ऑफ इंग्लैण्ड इंग्लैंड का बैंक (bank of England) इंग्लैंड का केंद्रीय बैंक है। अंशधारियों के बैंक के रूप में इसकी स्थापना पार्लिमेंट के एक विशिष्ट कानून द्वारा सन्‌ 1844 में हुई थी। सन्‌ 1946 में सरकार ने एक कानून द्वारा इसका राष्ट्रीयकरण कर दिया। बैंक के प्रबंधसंचालन के लिए एक प्रबंधकारिणी समिति है जिसे 'कोर्ट' कहते हैं। कोर्ट में एक गर्वनर, एक डिप्टी गवर्नर तथा 16 संचालक होते हैं। इन सबकी नियुक्ति इंग्लैंड की महारानी द्वारा की जाती है। गवर्नर तथा डिप्टी गवर्नर की कार्यविधि पाँच वर्ष और संचालकों की कार्यावधि चार वर्ष होती है पर इन्हें पुन: नियुक्त भी किया जा सकता है। 'कोर्ट' की बैठक प्रति सप्ताह सामान्यत: गुरुवार को होनी अनिवार्य है और तभी बैंक दर की घोषणा की जाती है। आंतरिक व्यवस्था के लिए बैंक का कार्य अनेक विभागों में विभक्त है। प्रत्येक विभाग की व्यवस्था विभागाध्यक्ष के अतिरिक्त प्रबंध संचालकों तथा गवर्नर और डिप्टी गवर्नर के अधीन होती है। बैंक के लगभग 7,000 कर्मचारी उसकी दैनिक कार्यवाही सँभालते हैं। निरीक्षण एवं कायन्विन के हेतु बैंक में कई स्थायी समितियाँ हैं जिनमें से प्रत्येक को बैंक की क्रियाओं का नीतिनिर्धारण संबंधी भार सँभालना पड़ता है। ट्रेजरी समिति (Treasury Committee) सबसे अधिक महत्वपूर्ण स्थायी समिति है जिसमें गवर्नर, डिप्टी गवर्नर तथा 'कोर्ट' द्वारा निर्वाचित पाँच संचालक सदस्य होते हैं। बैंक की केंद्रीय संबंधी नीति का निर्धारण ट्रेजरी समिति की स्वीकृति द्वारा ही होता है। देश का केंद्रीय बैंक होने के कारण, बैंक ऑव इंग्लैंड सरकार का बैंकर, एजेंट तथा परामर्शदाता है। सरकारी कोष इसी बैंक में जमा रहता तथा सार्वजनिक ऋण की व्यवस्था भी इसी बैंक के अधीन है। देश में नोट जारी करने का एकाधिकार भी इसी बैंक को प्राप्त है। बैंक ऑव इंग्लैंड देश में 'बैंकों के बैंक' के रूप में भी काम करता है। देश के अन्य बैंक अपने अपने लेखे बैंक ऑव इंग्लैंड में खोलते तथा उनमें निर्धारित राशि जमा करते हैं जिससे केंद्रीय बैंक को देश में प्रत्यय नियंत्रण (Credit Control) का एक साधन मिल जाता है और वह समय पर इन बैंकों की सहायता भी कर सकता है। इसी प्रकार देश के कटौती गृह (Discount Houses), जो लंदन मुद्रामंडी की अपनी विशेषता है, इसी बैंक में अपने अपने लेखे खोलकर राशि जमा रखते और आवश्यकतानुसार ऋण लेते हैं। इन कटौती गृहों के लिए बैंक ॲाव इंग्लैंड 'अंतिम ऋणदाता' (Lender of Last Resort) का काम करता है। देश की मुद्रामंडी के साथ सरकार का संपर्क बैंक ऑव इंग्लैंड के माध्यम द्वारा ही बना रहता है। मौद्रिक एवं साख संबंधी कोई भी सरकारी नीति एवं निर्णय इसी बैंक के माध्यम द्वारा देश के बैंकों तक पहुँचता है। अन्य देशों के साथ इंग्लैंड की सरकार के मौद्रिक संबंधों के संदर्भ में भी बैंक ऑव इंग्लैंड कुछ महत्वपूर्ण योग देता है, जैसे, विनिमय समकारी लेखे (Exchange Euqalization Accounts) का संचालन विदेशी विनिमय की व्यवस्था, स्टर्लिंग क्षेत्रीय तथा अन्य देशों के केंद्रीय बैंकों के साथ संपर्क रखना तथा अंतर्राष्ट्रीय मौद्रिक संस्थाओं में इंग्लैंड का प्रतिनिधित्व करना। बैंक ऑव इंग्लैंड अपने देश की मौद्रिक प्रणाली का निर्माता, प्रबंधक एवं संरक्षक है। .

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इंग्लैंड का गिरिजाघर

चर्च ऑफ इंग्लैंड (Church of England) इंग्लैंड में आधिकारिक तौर पर स्थापित ईसाई चर्च है और विश्वव्यापी ऐग्लिकन कॉमयूनियन का मातृ चर्च है। चर्च स्वयं को पश्चिमी ईसाइयत की परंपरा के अंतर्गत समझता है और अपनी औपचारिक स्थापना सेंट ऍगस्टीन ऑफ कैंटरबरी द्वारा 597 ई. में इंग्लैंड के मिशन के समय से बताता है। .

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इंग्लैंड क्रिकेट टीम का भारत दौरा 1951-52

इंग्लैंड से एक क्रिकेट टीम मेरिलबोन क्रिकेट क्लब (एमसीसी) द्वारा आयोजित 5 अक्टूबर 1951 से 2 मार्च 1952 भारत का दौरा किया था। इस दौरे के दौरान इंग्लैंड टीम भी खेला प्रथम श्रेणी सीलोन में पाकिस्तान मैच और। टेस्ट मैचों में पक्ष "इंग्लैंड" के रूप में जाना जाता था; अन्य मैचों में यह रूप में "एमसीसी" में जाना जाता था। टेस्ट श्रृंखला 1-1 से ड्रॉ किया गया था, तीन मैचों ड्रॉ किया जा रहा है। .

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इंग्लैंड के हेनरी अष्टम्

हेनरी अष्टम (28 जून 1491-28 जनवरी 1547) 21 अप्रैल 1509 से अपनी मृत्यु तक इंग्लैंड के राजा थे। वे लॉर्ड ऑफ आयरलैंड (बाद में किंग ऑफ आयरलैंड) तथा फ्रांस के साम्राज्य के दावेदार थे। हेनरी ट्यूडर राजघराने के दूसरे राजा थे, जो कि अपने पिता हेनरी सप्तम के बाद इस पद पर आसीन हुए। अपने छः विवाहों के अलावा, हेनरी अष्टम चर्च ऑफ इंग्लैंड को रोमन कैथोलिक चर्च से पृथक करने में उनके द्वारा निभाई गई भूमिका के लिये भी जाने जाते हैं। रोम के साथ हेनरी के संघर्षों का परिणामस्वरूप पोप के प्रभुत्व से चर्च ऑफ इंग्लैंड का पृथक्करण हुआ और मठों का विघटन हो गया और उन्होंने स्वयं को चर्च ऑफ इंग्लैंड के सर्वोच्च प्रमुख (Supreme Head of the Church of England) के रूप में स्थापित कर लिया। उन्होंने धार्मिक आयोजनों व रस्मों को बदल दिया तथा मठों का दमन किया और साथ ही वे कैथलिक धर्मशास्त्र की मूल-शिक्षाओं के समर्थक बने रहे, यहां तक कि रोमन कैथलिक चर्च के साथ उनके निष्कासन के बाद भी। वेल्स ऐक्ट्स (Wales Acts) 1535-1542 के कानूनों के साथ हेनरी ने इंग्लैंड और वेल्स के वैधानिक मिलन का निर्देशन किया। अपनी युवावस्था में हेनरी एक आकर्षक और करिश्माई पुरुष थे, शिक्षित व परिपूर्ण.

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इंग्लैंड के जिले

इंग्लैंड के जिले इंग्लैंड के उपखंड का प्रकार हैं जिनका इस्तेमाल स्थानीय सरकार के उद्देश्यों के लिए किया जाता है। इस समय इंग्लैंड में 326 जिलें हैं जिनमें 36 महानगरीय बरो, 32 लंदन बरो, 201 गैर-महानगरीय बरो और 55 एकात्मक प्राधिकरण के साथ-साथ सिटी ऑफ़ लंदन और सिसिली के द्वीप समूह भी शामिल हैं जो इनमें से किसी विशेष श्रेणी के अंतर्गत नहीं आते। .

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इंग्लैंड के क्षेत्र

इंग्लैंड के क्षेत्र यूनाइटेड किंगडम सरकार द्वारा प्रयोग में लाए जाने वाले उप-राष्ट्रीय विभाजन की उच्चतम श्रेणी है। वर्ष 1994 से 2011 के बीच नौ क्षेत्रों ने यूनाइटेड किंगडम सरकार की नीतियों के कार्यान्वयन में एक प्रशासनिक भूमिका निभाई थी। हर क्षेत्र का अपना सरकारी कार्यालय होता था। क्षेत्रीय मंत्रियों को 2010 में बनी गठबंधन सरकार द्वारा पुनर्नियुक्त नहीं किया गया और सरकारी कार्यालयों को 2011 में समाप्त कर दिया गया। .

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इकाई पग-फलन

इकाई पग-फलन इकाई पग-फलन (unit step function) या हेविसाइड पग-फलन (Heaviside step function) एक असतत फलन है, जिसका मान स्वतंत्र चर के ऋणात्मक मान के लिये शून्य होता है तथा धनात्मक मान के लिये एक होता है। इसे प्रायः H या u या θ से निरूपित किया जाता है। H(0) का मान क्या हो, इसका अधिक महत्व नहीं है। यह फलन नियंत्रण सिद्धान्त तथा संकेत प्रसंस्करण में बहुत प्रयुक्त होता है। इसके अलावा संरचना इंजीनियरी में भी विभिन्न प्रकार के लोड वितरणों के गणितीय निरूपण के लिये इसका उपयोग किया जाता है। किया जाता है। इसका नाम इंग्लैण्ड के बहुज्ञ ओलिवर हेविसाइड (Oliver Heaviside) के नाम पर रखा गया है। हेविसाइड फलन, डिरैक डेल्टा फलन का समाकल है: H′ .

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इक्का

ताश की गड्डी के चार इक्के इक्का ताश का एक पत्ता है। एक ताश की गड्डी में ऐसे चार इक्के होते हैं (चिडी, हुकुम, पान, ईंट)। अधिकतर हुकुम इक्के को काफ़ी सजावट के साथ छापा जाता है। हुकुम का इक्का स्कॉटलैंड के राजा जेम्स VI और इंगलैंड के I की आवश्यक्ता के अनुसार पहली बार सजावट के साथ छापा गया था जिन पर छपाई घर की मुहर छपी होती थी। उस काल में यह ज़रुरी था जिससे उस छपाई घर ने नया कर भरा है या नहीं पता चलता था। हालांकि यह कर 1960 में रद्द कर दिया गया परन्तु सजावट की प्रथा आज भी चालू है। इक्का शब्द का अर्थ हिन्दी में "एक" होता है और इसके अंग्रेज़ी शब्द ऐस (Ace) का लैटिन भाषा में अर्थ "एक चिज़" होता है जो एक छोटे रोमन सिक्के से लिया गया है। ताश में शामिल करने से पहले इसका अर्थ पासे के उस सिरे से था जिसपे केवल एक निशान होता था। पासे का एक अंक, जो सबसे कम पारी की कीमत थी, इस कारण इसे बुरा शगुन माना जाता था, परन्तु ताश में इक्का सबसे बड़ा पत्ता होने के कारण इसका अर्थ बदल कर "उत्कृष्ट" या "बेहतरीन" बन गया। आज इक्का शब्द टेनिस में उस शॉट के लिए प्रयोग होता है जो सर्व करते वक्त बिना रोके निकल जाए। अन्य उपयोगों में यह बेहतरीन लडाकू विमान चालक या ऐसे इंसान के लिए लागू होता है जो अपने काम में महारत रखता हो। .

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कचरा पात्र

इंग्लैण्ड में गोलाकार आकृति में रखे गये कचरा पात्र (Waste container) कचरा पात्र जिसे अंग्रेजी:en:Waste container या Dustbin कहते हैं। इसमें कचरा डाला जाता है। ये ज्यादातर रबर का ही होता है। कचरा पात्र के डिब्बे (Box) .

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कप्तान जैक स्पैरो

कैप्टेन जैक स्पैरो पटकथा लेखकों टेड इलियट और टेरी रोज़ियो द्वारा रचित एवं जॉनी डेप द्वारा अभिनीत एक काल्पनिक पात्र है। उन्हें फिल्म Pirates of the Caribbean: The Curse of the Black Pearl (2003) में पहली बार पेश किया गया है। वे डेड मैन्स चेस्ट (2006) और ऐट वर्ल्ड्स एंड (2007) सिक्वलों में दिखाई दिए और आगामी फिल्म ऑन स्ट्रेंजर टाइड्स (2011) में दिखाई देंगे। शुरुआत में जैक स्पैरो की कल्पना इलियट और रोज़ियो द्वारा एक सहायक पात्र के रूप में की गयी थी लेकिन फिल्मों में जैक एक मुख्य नायक की तरह काम करता है। उसे अभिनेता जॉनी डेप ने जीवंत किया जिन्होंने उसके चरित्र चित्रण का आधार रोलिंग स्टोन्स के गिटारवादक कीथ रिचर्ड्स को बनाया। पाइरेट्स ऑफ द कैरेबियन श्रृंखला एक डिज्नी थीम पार्क की सवारी से प्रेरित थी और 2006 में जब इस सवारी का पुनरोद्धार किया गया, तब जैक स्पैरो के पात्र को इसमें पेश किया गया। जैक स्पैरो बच्चों की एक पुस्तक श्रृंखला Pirates of the Caribbean: Jack Sparrow का भी विषय है, जो अपनी किशोरावस्था के वर्षों के बारे में बताता है और यह पात्र कई वीडियो गेमों में भी दिखाई देता है। फिल्मों के सन्दर्भ में स्पैरो सेवन सीज के पाइरेट लॉर्ड्स, ब्रेदर्न कोर्ट में से एक है। वह विश्वासघाती हो सकता है, लेकिन हथियार या सेना के बजाय ज्यादातर बुद्धि और बातचीत का उपयोग करके बचता रहता है, वह अत्यंत खतरनाक परिस्थितियों में बचकर भाग निकलना पसंद करता है और जब आवश्यक हो तभी लड़ाई लड़ता है। स्पैरो को उसके जहाज, ब्लैक पर्ल को उसके पहले विद्रोही साथी हेक्टर बारबोसा से वापस पाने की कोशिश करते हुए पेश किया गया है और वह ईस्ट इंडिया ट्रेडिंग कंपनी से लड़ते हुए महानतम डेवी जोन्स के खून का कर्ज चुकाने से बचने की कोशिश करता है। .

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कबाल

किसी समिति के आपसी संबंधों में गुप्त षड्यंत्र के लिए कबाल (Cabal) शब्द का प्रयोग किया जाता है। इंग्लैंड का चार्ल्स द्वितीय, पाँच अंतरंग मंत्रियों के परामर्श से कूटनीति के गुप्त मामले तथा महत्वपूर्ण विदेशी मामलों को तय किया करता था। ये पाँच मंत्री थे-क्लिफ़र्ड, आर्लिग्टन, बकिंघम, आशले और लाडरडेले। इन्हीं पाँचों के नामों के पहले अक्षरों को मिलाकर कबाल शब्द निर्मित हुआ है, साधारणत: ऐसा माना जाता है; किंतु है यह संयोग मात्र, क्योंकि इस शब्द की व्युत्पत्ति फ्रेंच शब्द कबाल (Cabale) से हुई है। कबाल, कैबिनेट का पूर्ववर्ती माना जाता है। कबाल की शक्ति देखकर राज्य के अन्य व्यक्ति इससे ईर्ष्या करने लगे तथा कबाल शब्द का प्रयोग कुत्सित भाव से होने लगा। श्रेणी:राजनैतिक शब्दावली.

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कबूस बिन सईद अल सईद

सैय्यद कबूस बिन सईद अल सईद; Qaboos bin Said Al Said: (जन्म 18 नवंबर 1940) ओमान के सुल्तान है। 1970 में एक घरेलू तख्तापलट में अपने पिता, सैद बिन तेमूर को को ओमान की सत्ता से हटाने के बाद ओमान के शासक बने। वह अल बुई सईद वंश के संस्थापक की 14 वीं पीढ़ी के वंशज हैं। 1970 के बाद से वह ओमान के शासक है जो सबसे लंबे समय तक शासन करने वाले अरब नेता हैं। .

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कमलानाथ

कमलानाथ शर्मा (के.एन.शर्मा भी) जलविज्ञान, सिंचाई तथा जल-निकास, एवं जल-विद्युत अभियांत्रिकी के अन्तरराष्ट्रीय विशेषज्ञ, वैदिक ग्रंथों में जलविज्ञान, पर्यावरण आदि विषयों के लेखक, साहित्यकार, तथा हिंदी के जानेमाने व्यंग्य लेखक और कहानीकार हैं। जलविज्ञान, जल-विद्युत अभियांत्रिकी व विश्व खाद्यान्न में उल्लेखनीय योगदान के अतिरिक्त के॰एन॰शर्मा ने वेदों, उपनिषदों आदि वैदिक वाङ्मय में जल, पर्यावरण, पारिस्थितिकी आदि पर भी शोध करके प्रचुरता से लिखा है। हिंदी साहित्य में साठ के दशक से कमलानाथ के नाम से उनके व्यंग्य तथा कहानियां भी देश की विभिन्न पत्रिकाओं में छपते रहे हैं। अपने कार्यकाल के दौरान आपने विश्व के लगभग सभी देशों की यात्रा की, वहां के सिंचाई, जलनिकास, जलविज्ञान आदि के विकास में योगदान दिया तथा अनेक अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं के कार्यक्रमों तथा परियोजनाओं से संबद्ध रहे। .

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करण कपूर

करण कपूर (जन्म १८ जनवरी १९६२) भारतीय मूल के एक पूर्व फ़िल्म अभिनेता और मॉडल हैं। वे बॉलीवुड अभिनेता शशि कपूर और उनकी दिवंगत पत्नी, ब्रिटिश अभिनेत्री जेनिफर केंडल के बेटे हैं। उनके दादा पृथ्वीराज कपूर थे और उनके चाचा हैं: राज कपूर और शम्मी कपूर। उनके बड़े भाई कुणाल कपूर और बहन संजना कपूर ने भी कुछ फिल्मों में अभिनय किया है, लेकिन वे उनके जैसे सफल नहीं हुए। उनके नाना-नानी, जेफ़री केंडल और लौरा केंडल भी अभिनेता थे, जिन्होंने अपने थिएटर समूह "शेक्सपीराना" के साथ भारत और एशिया का दौरा किया करते थे और नाटक शेक्सपियर ऍण्ड शॉ का प्रदर्शन करते। बाद में करण ने फोटोग्राफी की ओर रुख़ किया और इस ही पेशे को अपनाने का फैसला किया, हालांकि उन्होंने एक अभिनेता के रूप में भी काम किया है। एक हालिया साक्षात्कार में करण का कहना था कि अभिनय से जुड़े एक बहुत प्रसिद्ध बॉलीवुड परिवार का हिस्सा रहने के बावजूद वे बचपन से ही हमेशा फोटोग्राफी में दिलचस्पी रखते हैं। .

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कस्तूरबा गांधी

कस्तूरबा गांधी (1869-1944), महात्मा गांधी की पत्नी जो भारत में बा के नाम से विख्यात है। कस्तूरबा गाँधी का जन्म 11 अप्रैल सन 1869 ई. में महात्मा गाँधी की तरह काठियावाड़ के पोरबंदर नगर में हुआ था। इस प्रकार कस्तूरबा गाँधी आयु में गाँधी जी से 6 मास बड़ी थीं। कस्तूरबा गाँधी के पिता 'गोकुलदास मकनजी' साधारण स्थिति के व्यापारी थे। गोकुलदास मकनजी की कस्तूरबा तीसरी संतान थीं। उस जमाने में कोई लड़कियों को पढ़ाता तो था नहीं, विवाह भी अल्पवय में ही कर दिया जाता था। इसलिए कस्तूरबा भी बचपन में निरक्षर थीं और सात साल की अवस्था में 6 साल के मोहनदास के साथ उनकी सगाई कर दी गई। तेरह साल की आयु में उन दोनों का विवाह हो गया। बापू ने उन पर आरंभ से ही अंकुश रखने का प्रयास किया और चाहा कि कस्तूरबा बिना उनसे अनुमति लिए कहीं न जाएं, किंतु वे उन्हें जितना दबाते उतना ही वे आज़ादी लेती और जहाँ चाहतीं चली जातीं। .

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कारा ब्लैक

श्रेणी:टेनिस खिलाड़ी श्रेणी:महिला टेनिस खिलाड़ी.

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कार्निवल

कोलोन, जर्मनी में रोसेनमोंटाग परेड में कार्निवल झांकियां. कार्निवल एक उत्सव का मौसम है जो लेंट से ठीक पहले पड़ता है; मुख्य कार्यक्रम आमतौर फरवरी के दौरान होते हैं। कार्निवल में आमतौर पर एक सार्वजनिक समारोह या परेड शामिल होता है जिसमें सर्कस के तत्त्व, मुखौटे और सार्वजनिक खुली पार्टियां की जाती हैं। समारोह के दौरान लोग अक्सर सजते संवरते हैं या बहुरुपिया बनते हैं, जो दैनिक जीवन के पलटाव को दर्शाता है। कार्निवल एक त्योहार है जिसे पारंपरिक रूप से रोमन कैथोलिक में आयोजित किया जाता है और एक हद तक पूर्वी रूढ़िवादी समाजों में भी.

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कार्ब्युरेटर

बेन्डिक्स-टेक्निको का १-बैरेल वाला डाउनड्राफ्ट कार्ब्युरेटर मॉडल BXUV-3 कार्ब्युरेटर (अंग्रेज़ी:carburetor या carburettor) एक ऐसी यांत्रिक युक्ति है जो आन्तरिक दहन इंजन के लिये हवा और द्रव ईंधन को मिश्रित करती है। इसका आविष्कार कार्ल बेन्ज़ ने सन 1885 के पहले किया था। बाद में 1886 में इसे पेटेंट भी कराया गया। कार्ल बेन्ज़ मर्सिडीज़ बेन्ज़ के संस्थापक हैं। इसका अधिक विकास हंगरी के अभियांत्रिक जैनोर सोएन्स्का और डोनैट बैन्की ने 1893 में किया था।.

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काशीपुर का इतिहास

काशीपुर, भारत के उत्तराखण्ड राज्य के उधम सिंह नगर जनपद का एक महत्वपूर्ण पौराणिक एवं औद्योगिक शहर है। .

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काशीपुर, उत्तराखण्ड

काशीपुर भारत के उत्तराखण्ड राज्य के उधम सिंह नगर जनपद का एक महत्वपूर्ण पौराणिक एवं औद्योगिक शहर है। उधम सिंह नगर जनपद के पश्चिमी भाग में स्थित काशीपुर जनसंख्या के मामले में कुमाऊँ का तीसरा और उत्तराखण्ड का छठा सबसे बड़ा नगर है। भारत की २०११ की जनगणना के अनुसार काशीपुर नगर की जनसंख्या १,२१,६२३, जबकि काशीपुर तहसील की जनसंख्या २,८३,१३६ है। यह नगर भारत की राजधानी, नई दिल्ली से लगभग २४० किलोमीटर, और उत्तराखण्ड की अंतरिम राजधानी, देहरादून से लगभग २०० किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। काशीपुर को पुरातन काल से गोविषाण या उज्जयनी नगरी भी कहा जाता रहा है, और हर्ष के शासनकाल से पहले यह नगर कुनिन्दा, कुषाण, यादव, और गुप्त समेत कई राजवंशों के अधीन रहा है। इस जगह का नाम काशीपुर, चन्दवंशीय राजा देवी चन्द के एक पदाधिकारी काशीनाथ अधिकारी के नाम पर पड़ा, जिन्होंने इसे १६-१७ वीं शताब्दी में बसाया था। १८ वीं शताब्दी तक यह नगर कुमाऊँ राज्य में रहा, और फिर यह नन्द राम द्वारा स्थापित काशीपुर राज्य की राजधानी बन गया। १८०१ में यह नगर ब्रिटिश शासन के अंतर्गत आया, जिसके बाद इसने १८१४ के आंग्ल-गोरखा युद्ध में कुमाऊँ पर अंग्रेजों के कब्जे में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। काशीपुर को बाद में कुमाऊँ मण्डल के तराई जिले का मुख्यालय बना दिया गया। ऐतिहासिक रूप से, इस क्षेत्र की अर्थव्यस्था कृषि तथा बहुत छोटे पैमाने पर लघु औद्योगिक गतिविधियों पर आधारित रही है। काशीपुर को कपड़े और धातु के बर्तनों का ऐतिहासिक व्यापार केंद्र भी माना जाता है। आजादी से पहले काशीपुर नगर में जापान से मखमल, चीन से रेशम व इंग्लैंड के मैनचेस्टर से सूती कपड़े आते थे, जिनका तिब्बत व पर्वतीय क्षेत्रों में व्यापार होता था। बाद में प्रशासनिक प्रोत्साहन और समर्थन के साथ काशीपुर शहर के आसपास तेजी से औद्योगिक विकास हुआ। वर्तमान में नगर के एस्कॉर्ट्स फार्म क्षेत्र में छोटी और मझोली औद्योगिक इकाइयों के लिए एक इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल एस्टेट निर्माणाधीन है। भौगोलिक रूप से काशीपुर कुमाऊँ के तराई क्षेत्र में स्थित है, जो पश्चिम में जसपुर तक तथा पूर्व में खटीमा तक फैला है। कोशी और रामगंगा नदियों के अपवाह क्षेत्र में स्थित काशीपुर ढेला नदी के तट पर बसा हुआ है। १८७२ में काशीपुर नगरपालिका की स्थापना हुई, और २०११ में इसे उच्चीकृत कर नगर निगम का दर्जा दिया गया। यह नगर अपने वार्षिक चैती मेले के लिए प्रसिद्ध है। महिषासुर मर्दिनी देवी, मोटेश्वर महादेव तथा मां बालासुन्दरी के मन्दिर, उज्जैन किला, द्रोण सागर, गिरिताल, तुमरिया बाँध तथा गुरुद्वारा श्री ननकाना साहिब काशीपुर के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल हैं। .

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कासलरे

कासलरे का चित्र कैसलरे (Robert Stewart, 2nd Marquess of Londonderry; १८ जून १७६९ - १२ अगस्त १८२२) ब्रिटिश-आयरी राजनयज्ञ था। वह लार्ड कासलरे (Lord Castlereagh /ˈkɑːsəlreɪ/ KAR-sul-RAY) के नाम से प्रसिद्ध है। कासलरे 1812 से 1822 तक इंग्लैण्ड का विदेश मन्त्री रहा। इंग्लैण्ड और आयरलैण्ड के मेल के समय वह इंग्लैण्ड की ओर से आयरलैण्ड के लिए सेक्रेटरी नियुक्त था। रिश्वत आदि देकर आयरलैण्ड के लोगों को आयरलैण्ड और इंग्लैण्ड के एकीकरण के लिए तैयार करवाने में उसका ही हाथ था। वह कैथोलिक लोगों को कुछ अंश तक धार्मिक स्वतन्त्रता देने के हक में था। वह कुछ समय के लिए युद्ध मन्त्री और फिर बस्तियों का मन्त्री रहा। 1807 ई0 में उसने सेना का पुनर्संगठन किया परन्तु उसके द्वारा सेना का पुनर्निर्माण पुरानी सेना के आधार पर ही किया गया था। 1809 ई0 में उसने अपने पद से त्याग-पत्र दे दिया और कैनिंग से मुकाबला किया। 1812 ई0 में वह विदेश मन्त्री (Foreign Secretary) बन गया और 1822 ई0 में आत्महत्या करने तक वह इसी पद पर रहा। .

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काज़ुओ इशिगुरो

काज़ुओ इशिगुरो ओबीई FRSA FRSL (カズオ・イシグロ या; जन्म 8 नवंबर 1954) एक ब्रिटिश उपन्यासकार, पटकथा लेखक, और लघु कहानी लेखक है। वह  नागासाकी, जापान में पैदा हुआ था; उसका परिवार 1960 में  इंग्लैंड में स्थानांतरित कर गया था, जब वह पांच साल का था। ईशिगुरु ने 1978 में अंग्रेजी और दर्शन में स्नातक की डिग्री के साथ केंट विश्वविद्यालय से स्नातक की उपाधि प्राप्त की और 1980 में ईस्ट एंग्लिया के रचनात्मक लेखन पाठ्यक्रम विश्वविद्यालय से मास्टर की उपाधि प्राप्त की। इशिगुरो को अंग्रेजी भाषाई दुनिया में मशहूर समकालीन कथालेखकों में से एक माना जाते है, इन्होनें चार मैन बुकर पुरस्कार नामांकन और 1989 के अपने उपन्यास 'The Remains of the Day' के लिए एक पुरस्कार भी जीत चुके हैं। उनका 2005 का उपन्यास, नेवर लेट मी गो, को 2005 के सर्वश्रेष्ठ उपन्यास के रूप में टाइम मैग्जिन द्वारा नामित किया गया था और 1923 से 2005 तक 100 सर्वश्रेष्ठ अंग्रेजी-भाषा के उपन्यासों की सूची में शामिल किया गया था। 2017 में, स्वीडिश अकादमी ने इशिगुरो को साहित्य में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया, जिसमें उन्होंने एक लेखक के रूप में उनके प्रशस्ति पत्र में "महान भावनात्मक बल के उपन्यासों में, दुनिया के साथ संबंध के हमारे विवेकपूर्ण भावनाओं को गहराई से खोल कर रख दिया" लिखा था। .

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काउण्टी

इंग्लैण्ड की काउंटियाँ (ज़िले) काउंटी (अंग्रेज़ी: County) कई अंग्रेज़ी-भाषी देशों समेत विश्व का बहुत से देशों के एक प्रशासनिक विभाग को कहते हैं जो लगभग ज़िले के बराबर होते हैं। ब्रिटेन, संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, न्यू ज़ीलैंड, लाइबेरिया, नोर्वे, स्वीडन और कुछ अन्य देशों में काउंटियाँ एक अहम प्रशासनिक विभाग हैं। चीन जैसे भी कुछ देश हैं जिनमें स्थानीय भाषा में तो ज़िलों को कुछ और कहा जाता है लेकिन अंग्रेज़ी-अनुवाद में इन्हें काउंटी कहते हैं। चीन में ज़िलों का चीनी नाम 'शिअन' (县 या 縣, xiàn) है लेकिन इन्हें अंग्रेज़ी में 'काउंटी' कहते हैं। .

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काउंटी चैम्पियनशिप

काउंटी चैम्पियनशिप इंग्लैंड और वेल्स में घरेलू प्रथम श्रेणी क्रिकेट प्रतियोगिता है। प्रतियोगिता में अठारह ऐतिहासिक काउंटियों के नाम पर रखे क्लब भाग लेते हैं। इंग्लैंड से सत्रह और वेल्स से एक क्लब होते हैं। यह 1890 से निरंतर चल रही प्रतियोगिता है (विश्वयुद्ध की अवधि को छोड़कर)। .

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काउंटी क्रिकेट ग्राउंड, ब्रिस्टल

काउंटी क्रिकेट ग्राउंड,ब्रिस्टल या ब्रिस्टल क्रिकेट ग्राउंड इंग्लैंड का एक क्रिकेट मैदान है जो ब्रिस्टल नामक स्थान पर स्थित है। यह ब्रिस्टल,इंग्लैंड का प्रमुख मैदान है। २०१९ क्रिकेट विश्व कप के कुछ मैच यहां पर खेले जाएंगे। ब्रिस्टल स्टेडियम पर पहला एक दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय का मुकाबला १९८३ में न्यूजीलैंड क्रिकेट टीम और श्रीलंका क्रिकेट टीम के बीच खेला गया था। जबकि पहला ट्वेन्टी-ट्वेन्टी क्रिकेट का मैच २००६ में इंग्लैंड क्रिकेट टीम और पाकिस्तान क्रिकेट टीम के बीच खेला गया था। .

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काउंटी क्रिकेट ग्राउंड,डर्बी

कोई विवरण नहीं।

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किंडरगार्टन (बालवाड़ी)

अफगानिस्तान में एक किंडरगार्टन कक्षा किंडरगार्टन (जर्मन, शाब्दिक अर्थ "बच्चों का बगीचा") छोटे बच्चों के लिए शिक्षा का एक रूप है जो घरेलू शिक्षा से बदल कर अधिक औपचारिक स्कूली शिक्षा में संक्रमित हो गया है। एक और परिभाषा, जो प्रारंभिक बचपन की शिक्षा और प्रीस्कूल को बताती है, के अनुसार यह 6 और 7 साल से कम उम्र के बच्चों का पूर्व (प्री)- और आकस्मिक शिक्षण है। बच्चों को रचनात्मक खेल और सामाजिक बातचीत के माध्यम से ज्ञान दिया जाता है और उनमें बुनियादी कुशलताओं का विकास किया जाता है, साथ ही कभी कभी थोड़ी बहुत औपचारिक शिक्षा भी दी जाती है। अधिकांश देशों में बालवाड़ी (Kindergarten) प्रारंभिक बचपन की शिक्षा की प्रीस्कूल प्रणाली का हिस्सा है बच्चे आमतौर पर दो साल से सात साल की उम्र के बीच किसी भी समय में बालवाड़ी जाते हैं। यह स्थानीय प्रणाली पर निर्भर करता है। संयुक्त राज्य अमेरिका और एन्ग्लोफोन कनाडा और ऑस्ट्रेलिया के हिस्सों (न्यू साउथ वेल्स, तस्मानिया और ऑस्ट्रेलियन केपिटल टेरिटरी) में शिक्षा के पहले साल, या प्राथमिक स्कूल, (कनाडा में, पहले दो साल) के वर्णन के लिए किंडरगार्टन शब्द का उपयोग प्रतिबंधित है। इनमें से कुछ देशों में यह आवश्यक है, की अभिभावक अपने बच्चों को निर्धारित उम्र में ही (आमतौर पर, 5 साल की उम्र में) किंडरगार्टन भेजें.

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किंग लीयर (शेक्सपीयर कृत)

तूफान में किंग लियर और मूर्ख किंग लियर (King Lear), इंगलैंड के प्राचीन इतिहास से संबंधित शेक्स्पियर का एक दु:खांत नाटक (ट्रेजेडी) है। इसका प्रथम अभिनय सन् १६०६ ई. तथा प्रथम प्रकाशन सन् १६०८ ई. में हुआ। इस कृति में दैवी और आसुरी प्रवृत्तियों का घोर संघर्ष व्यक्त किया गया है। इस नाटक से करुणा और भय की तीव्र अनुभूति होती है। काव्यात्मक प्रभाव के लिए यह अनुपम है। .

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किंग्स हेड होटल

किंग्स हेड होटल ग्लेनडोवर स्ट्रीट, एजिननकोर्ट स्क्वायर, मॉनमाउथ, वेल्स में स्थित एक होटल है, जिसकी इमारत संयुक्त राजशाही की ग्रेड द्वितीय सूचीबद्ध इमारतों में से एक है। होटल नगर परिषद के कार्यालय शायर हॉल के सामने स्थित है। इसका निर्माण सत्रहवीं सदी के मध्य में हुआ था और मॉनमाउथ में एक प्रमुख सराय के रूप में प्रसिद्धरूप से 1645 में इसका इंग्लैंड के चार्ल्स प्रथम द्वारा दौरा किया गया था। इसकी इमारत का मुहार काले व सफेद रंगो से रंजित पत्थरों से बना हुआ है। वर्तमान समय में होटल जे डी वेदरस्पून पब श्रृंखला का हिस्सा है तथा मॉनमाउथ हेरिटेज ट्रेल में सूचीबद्ध 24 इमारतों में से एक है। वर्ष 2011 से होटल शहर के स्थानीय क्रिकेट क्लब मॉनमाउथ क्रिकेट क्लब को प्रायोजित करता है। यहाँ एक दीवार पर क्लब की फ्रेम में लगी कमीज़ और नोटिसबोर्ड है, तथा क्लब अपनी मासिक बैठकों को पब में आयोजित करता है। .

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कंपनी

समवाय या कंपनी (Company), व्यापारिक संगठन का एक रूप है। संयुक्त राज्य अमेरिका में कंपनी एक निगम होता है- जिसका आशय एक संघ, संगठन, भागीदारी से हो सकता है और ये एक औद्योगिक उद्देश्य से जुड़ी होनी चाहिये। 'कम्पनी' शब्द लैटिन भाषा से लिया गया है जिसका अर्थ 'साथ-साथ' है। प्रारम्भ में कम्पनी, ऐसे व्यक्तियों के संघ को कहा जाता था जो अपना खाना साथ-साथ खाते थे। इस खाने पर व्यवसाय की बातें भी होती थी। आजकल कम्पनियों का आशय ऐसे संघ से हो गया जिसमें संयुक्त पूंजी होती है। कम्पनी का आशय कम्पनी अधिनियम के अधीन निर्मित एक 'कृत्रिम व्यक्ति' से है, जिसका अपने सदस्यों से पृथक अस्तित्व एवं अविच्छिन्न उत्तराधिकार होता है। साधारणतः ऐसी कम्पनी का निर्माण किसी विशेष उद्देश्य की प्राप्ति के लिए होता है और जिसकी एक सार्वमुद्रा (common seal) होती है। गौरव श्याम शुक्ल के अनुसार, .

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कुँवर महाराजसिंह

सर कुँवर महाराजसिंह (1878, कपूरथला – 6 June 1959 लखनऊ) बम्बई के प्रथम भारतीय गवर्नर थे। उनका जन्म १७ मई, १८७८ को पंजाब के कपूरथला में हुआ। उनके पिता बहुत बड़े जमींदार थे। उनकी उच्च शिक्षा अधिकतर इंग्लैंड मे हुई। हैरो स्कूल मे शिक्षा प्राप्त करने के बाद उन्होंने ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से एमo एo की डिग्री प्राप्त की। भारत लौट आने पर उनकी नियुक्ति पुरी के डिप्टी कमिश्नर के पद पर हुई। कुछ ही वर्ष बाद वह कमिश्नर बनाए गए। जब वह इलाहाबाद के कमिश्नर थे, भारत सरकार ने उनको जोधपुर का मुख्य मंत्री बनाकर भेजा। अगस्त, १९३२ से जनवरी १९३५ तक वे वहाँ रहे। दक्षिण अफ्रीका में उन्होंने भारतीयों की दशा में विशेष सुधार करवाया। सरकार ने उनको `सर` की उपाधि दी। १९३५ में दक्षिण अफ्रीका से लौटने पर वे संयुक्त प्रांत की सरकार में गृह सदस्य बनाए गए। जब १९३७ में कांग्रेस सरकार स्थापित हुई तो उसने उन्हें कई समितियों का सदस्य बनाया और उनसे कठिन समस्याओं पर बराबर परामर्श लेती रही। १९४८ में सरकार ने उन्हें बंबई का प्रथम भारतीय गवर्नर बनाया। वह भारतीय ईसाई समाज के सर्वश्रेष्ठ नेता थे। १९४७ में उन्होंने ईसाइयों के लिये अलग स्थान न माँगकर भारतीयवासियों के साथ ही रहना स्वीकार किया। उन्होंने सदैव प्रत्येक भारतीय ईसाई को देशभक्त बनने की सलाह दी। अपने जीवनकाल में उन्होंने तथा रानी महाराजसिंह ने ईसाई लड़के लड़कियों को शिक्षा और नौकरियाँ दिलवाने में बड़ी सहायता की। ६ जून, १९५९ को बंबई में उनकी मृत्यु हुई। श्रेणी:मुम्बई के गवर्नर.

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कुणाल नय्यर

कुणाल नय्यर (जन्म ३० अप्रैल १९८१) एक भारतीय अभिनेता है। उनकी परवरिश नई दिल्ली में हुई थी। 1999 में कुणाल नय्यर यूनिवर्सिटी ऑफ पोर्टलैंड से साइंस में ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल करने के लिए अमेरिका चले गए। इसके बाद साल 2004 में हॉलीवुड फिल्म 'S.C.I.E.N.C.E' से कुणाल ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत की। वे सीबीएस के धारावाहिक द बिग बैंग थीअरी में राजेश कूथ्रापल्ली की भूमिका के लिए जाने जाते हैं। .

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कुत्तों की नस्लों की सूची

चिहुआहुआ मिक्स (सबसे छोटा कुत्ता) के साथ ग्रेट डेन (सबसे बड़ा कुत्ता) हज़ारों सालों से कुत्तों का चयनात्मक तौर पर प्रजनन किया जाता रहा है। कभी एक ही वंश के कुत्तों के अन्तःप्रजनन द्वारा तो कभी बहुत अलग नस्ल के कुत्तों के मिश्रण द्वारा। यह प्रक्रिया आज भी जारी है। इस प्रक्रिया के परिणामस्वरूप संकर बीज की तरह विविध प्रकार के कुत्ते पैदा हो रहे हैं मसलन चिहुअहुआ से लेकर ग्रेट डेन तक। देखा जाये तो पृथ्वी पर कुत्ता ही एक ऐसा जानवर है, जिसके रूप-रंग में व्यापक भिन्नता पायी जाती है। यह सब कुत्तों के डीएनए में मनुष्य जाति की अपेक्षा लगभग दुगुने क्रोमोज़ोम होने की वजह से हुआ है। यह कुत्तों का डीएनए ही है जो उनके शारीरिक गठन और रूप-रंग की अत्यधिक विस्तृत भिन्नता को अनुमत करता है। .

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कुशल पाल सिंह

कुशाल पाल सिंह या के.पी.सिंह, भारत की सबसे बडी रियल्टी कंपनी डी. एल. एफ. लिमिटेड के अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी है। .

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क्यानाइट

काइआनाइट काइआनाइट (Kyanite) अथवा साइआनाइट (Cyanite) एक खनिज है जो प्राय: ऐल्यूमिनियम सिलिकेट (Al2 Si O5) है। यह नीले चिपट त्रिप्रवणिक (triclinic) मणिभों और मणिभ समुदाय के रूप में प्राप्त होता है। इसके निक्षेप सिंहभूमि जिले के उत्तरी भाग में खर्सवान में लप्साबुरू नामक स्थान पर स्थित हैं। इसके अतिरिक्त बाडिया, बाकरा, उपेरबेदा, मोहनपुर, उपारसोली आदि में भी इसका खनन किया जाता है। लप्साबुरू के काइआनाइट निक्षेप संसार के सर्वाधिक विशाल निक्षेप हैं। उड़ीसा में बोनाई तथा ढेनकनाल आदि स्थानों में काइआनाइट के कुछ लघु निक्षेप मिले हैं। आंध्र प्रदेश के नेल्लोर जिले तथा मध्य प्रदेश के भंडारा जिले में काइआनाइट युक्त कुछ शिलाएँ प्राप्त हुई हैं। खर्सवान, सरायकेला, घाटशिला (बिहार) तथा मैसूर के निक्षेपों में आजकल खनन कार्य किया जा रहा है। भारत से इंग्लैंड, अमरीका, बेल्जियम तथा जर्मनी आदि देशों को काइआनाइट भेजा जाता है। गत वर्षों से भारत में भी तापरोधी उपकरणों में इसका उपयोग होने लगा है, जिससे भविष्य में देश की आंतरिक माँग में वृद्धि होने की पूर्ण संभावना है। काइआनाइट में अनेक गुण होने के कारण इसका उपयोग तापरोधक के अतिरिक्त सीमेंट तथा मिट्टी के बरतनों, गैस तथा तेल के तंदूरों (ovens), वकभांडों (retorts), घरियों (cruclbles) अपवारित भट्ठियों (muffle furnaces) तथा अनेक प्रकार के छोटे-छोटे उद्योगों में किया जाता है। .

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क्यू क्रिकेट क्लब ग्राउंड

क्यू क्रिकेट क्लब ग्राउंड एक क्रिकेट मैदान है। यह क्यू, लंदन, इंग्लैंड में स्थित है। यहाँ रिकॉर्ड किया हुआ सबसे पहला मैच 1730 में खेला गया था। स्थानीय घरेलू क्रिकेट में यह क्यू क्रिकेट क्लब का मैदान है। श्रेणी:लंदन के क्रिकेट मैदान.

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क्रिश्चियन बॅल

क्रिश्चियन चार्ल्स फिलिप बॅल (जन्म: 30 जनवरी 1974) एक अंग्रेज अभिनेता हैं। ये मुख्यतः अमेरिकी फ़िल्मों में उनकी भूमिकाओं के लिए जाने जाते हैं, बॅल ब्लॉकबस्टर फ़िल्मों और स्वतंत्र निर्माताओ तथा कला घरों द्वारा निर्मित छोटी परियोजनाओं में अभिनय कर चुके हैं। बॅल सबसे पहले चौदह वर्ष की आयु में लोगों की नजरों में आए जब उन्होंने स्टीवन स्पिलबर्ग की एम्पायर ऑफ़ द सन (1987) में काम किया। जे.जी.

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क्रिस वोक्स

क्रिस्टोफर रोजर वोक्स (जन्म ०२मार्च १९८९) एक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खिलाड़ी है जो इंग्लैंड की राष्ट्रीय क्रिकेट टीम के लिए खेलते हैं। वोक्स मुख्यतः गेंदबाजी ही करते है। इन्होंने अपने टेस्ट कैरियर की शुरुआत ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट टीम के खिलाफ २०१३ की एशेज श्रृंखला के दौरान की थी। जनवरी २०१८ में इन्हें २०१८ इंडियन प्रीमियर लीग की नीलामी में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर ने खरीदा है। .

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क्रिस गेल

क्रिस्टोफर हेनरी गेल (जन्म किंग्स्टन, जमैका में 21 सितंबर 1979) वेस्ट इंडीज के एक क्रिकेट खिलाड़ी हैं, जो वेस्ट इंडीज क्रिकेट टीम के कप्तान हैं और जमैका के लिए घरेलू क्रिकेट खेलते हैं। वह एक हार्ड-हिटिंग बाएं हाथ के सलामी बल्लेबाज हैं, जिनके पास कई प्रकार के शोट्स हैं और वह उपयोगी अंशकालीन दाई बाह की ऑफ स्पिन गेंदबाज़ी करते हैं। गेल एक सफल एक दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी हैं, जिन्होंने अपने देश के लिए 200 से अधिक पेशियां दी हैं और 19 शतक.

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क्रिसटीन ट्रूमैन

श्रेणी:टेनिस खिलाड़ी श्रेणी:महिला टेनिस खिलाड़ी.

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क्रिसमस

क्रिसमस या बड़ा दिन ईसा मसीह या यीशु के जन्म की खुशी में मनाया जाने वाला पर्व है। यह 25 दिसम्बर को पड़ता है और इस दिन लगभग संपूर्ण विश्व मे अवकाश रहता है। क्रिसमस से 12 दिन के उत्सव क्रिसमसटाइड की भी शुरुआत होती है। एन्नो डोमिनी काल प्रणाली के आधार पर यीशु का जन्म, 7 से 2 ई.पू.

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क्रिकेट विश्व कप में भारत

भारतीय क्रिकेट टीम दो बार क्रिकेट विश्व कप में विजेता रह चूका है जिसमें पहली बार १९८३ क्रिकेट विश्व कप तथा दूसरी बार २०११ क्रिकेट विश्व कप में महेंद्र सिंह धोनी तथा कपिल देव की कप्तानी में जीत मिली। इनके अलावा २००३ क्रिकेट विश्व कप में उपविजेता रहा। १९८७,१९९६ तथा २०१५ में सेमीफाइनल में पहुंचा। इनके अलावा १९९९ क्रिकेट विश्व कप में सुपर सिक्स में पहुंचा तथा चार बार १९७५, १९७९, १९९३ और २००७ में नॉकआउट में पहुंचा था। भारत ने २०१५ क्रिकेट विश्व कप के अनुसार भारत ने विश्व कप में ४६ मैच जीते है जबकि २७ मैचों में हार मिली है और एक मैच टाई रहा है तथा कुछ मैच बारिश के कारण बिना परिणाम के रहे है। .

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क्रिकेट विश्व कप के फाइनल मैचों की सूची

क्रिकेट विश्व कप की शुरुआत १९७५ में हुई थी और २०१५ का २०१५ का विश्व कप जोड़कर अभी तक ११ विश्व कप हो चुके है, जिसमें पहला १९७५ में इंग्लैंड में खेला गया। जिसमें वेस्टइंडीज क्रिकेट टीम ने १७ रनों से फाइनल मैच जीता था। पहले तीन क्रिकेट विश्व कप का आयोजनकर्ता इंग्लैंड रहा है और तीनों मैचों के फाइनल मैच लॉर्ड्स क्रिकेट ग्राउंड,लंदन में खेला गया था। अभी तक हुए ११ विश्व कप में ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट टीम ने अकेले ५ विश्व कप के फाइनल मैच जीते है जबकि भारत और वेस्टइंडीज ने २ - २ तथा श्रीलंका और पाकिस्तान ने १ - १ फाइनल जीता। .

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क्रिकेट का इतिहास

क्रिकेट के खेल का इतिहास 16 वीं शताब्दी से आज तक अत्यन्त विस्तृत रूप में विद्यमान है, अंतरराष्ट्रीय मैच1844 के बाद खेला गया, यद्यपि आधिकारिक रूप से अंतरराष्ट्रीय टेस्ट क्रिकेट (Test cricket) 1877 से प्रारम्भ हुए.

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क्रिकेट के नियम

क्रिकेट के नियम मैरीलिबोन क्रिकेट क्लब (एमसीसी) द्वारा स्थापित नियमों का एक समूह है जो निष्पक्षता और एकरूपता सुनिश्चित करने के लिए दुनिया भर के क्रिकेट के नियमों की व्याख्या करता है। वर्तमान में 42 कानून हैं जो इस खेल को खेलने के विषय में जानकारी देते हैं, जिनमें किसी टीम के जीतने तथा बल्लेबाज के आउट होने के तरीकों से लेकर पिच को तैयार करने तथा उसके रख-रखाव तक के सभी पहलुओं की जानकारी शामिल है। एमसीसी इंग्लैंड के लंदन में स्थित एक निजी क्लब है और अबू इस खेल का अधिकारिक प्रबंध निकाय नहीं है; हालांकि एमसीसी इस खेल के नियमों का कॉपीराइट अपने पास बरकरार रखे हुए हैं और केवल एमसीसी ही इन नियमों को बदल सकता है, यद्यपि आजकल आम तौर पर केवल खेल की वैश्विक नियामक संस्था इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (आईसीसी) के साथ विचार विमर्श के बाद ही ऐसा किया जाता है। 'क्रिकेट उन गिने-चुने खेलों में से एक है जिसके लिए नियामक सिद्धांतों को 'नियमों' या 'विनियमों' की बजाय 'क़ानून' के रूप में संदर्भित किया जाता है। हालांकि विशेष प्रतियोगिताओं के लिए कानूनों का पूरक तैयार करने और/या इनमें भिन्नता के लिए विनियमों पर सहमती बनायी जा सकती है। .

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क्रुप

क्रुप का प्रतीक: तीन छल्ले। आजकल ये तीन छल्ले थिसेनक्रुप (ThyssenKrupp) के लोगो में विद्यमान हैं। क्रुप (Krupp) एक जर्मन व्यवसायी परिवार जो लोहे और इस्पात के सामान तथा शस्त्रास्त्र (ammunition and armaments) तैयार करनेवाले यूरोप के सबसे बड़े और प्रसिद्ध कारखाने का स्वामी रहा। इस परिवार के व्यापारिक समूह का नाम फ्रीड्रिख क्रुप एजी (Friedrich Krupp AG) है। इस परिवार की उन्नति तथा अवनति जर्मनी के राजनीतिक उत्थान तथा पतन से संबंधित रही है। लोहे तथा इस्पात के व्यापार से क्रुप परिवार का संबंध यों तो १६वीं शताब्दी से ही रहा है, किंतु १९वीं तथा २०वीं शताब्दियों में जर्मन इस्पात की उन्नति तथा विश्वव्यापक युद्धों से यह परिवार मुख्यत: संबद्ध था। .

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क्रूसेड

'''एन्टिओक का कब्जा''', प्रथम क्रूसयुद्ध के समय के मध्ययुगीय चित्रकर्म से लिया गया यूरोप के ईसाइयों ने 1095 और 1291 के बीच अपने धर्म की पवित्र भूमि फिलिस्तीन और उसकी राजधानी जेरूसलम में स्थित ईसा की समाधि का गिरजाघर मुसलमानों से छीनने और अपने अधिकार में करने के प्रयास में जो युद्ध किए उनको सलीबी युद्ध, ईसाई धर्मयुद्ध, क्रूसेड (crusades) अथवा क्रूश युद्ध कहा जाता है। इतिहासकार ऐसे सात क्रूश युद्ध मानते हैं। .

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क्रोएशिया राष्ट्रीय फुटबॉल टीम

क्रोएशिया राष्ट्रीय फुटबॉल टीम (क्रोएशियाई: हरवत्स्का नोगोमेटना रिप्रेज़ेंटाइजा), अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल में क्रोएशिया का प्रतिनिधित्व करती है। फुटबॉल टीम को देश के शासी निकाय क्रोएशियाई फुटबॉल संघ द्वारा नियंत्रित किया जाता है। एक फीफा-स्वीकृत राष्ट्रीय टीम ने 1940 और 1944 के बीच उन्नीस मैत्रीपूर्ण मैचों में अल्पकालिक राष्ट्र बनोविना के क्रोएशिया और स्वतंत्र राज्य क्रोएशिया का प्रतिनिधित्व किया था। इस टीम को 1945 में भंग कर दिया गया क्योंकि क्रोएशिया, एसएफआर युगोस्लाविया का एक संघीय गणराज्य बन गया था, और इस प्रकार प्रतिस्पर्धी मैचों के लिए एक अलग टीम बनाने के लिए अपात्र था। 1990 तक, स्थानीय खिलाड़ियों ने इसके बजाय युगोस्लाविया राष्ट्रीय फुटबॉल टीम के लिए खेला। आधुनिक क्रोएशियाई टीम का गठन 1990 में युगोस्लाविया से देश की स्वतंत्रता से कुछ समय पहले हुआ था, और 1993 तक फीफा और यूईएफए दोनों ने इसे मान्यता दे दी थी।.

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क्रीमिया का युद्ध

क्रीमिया युद्ध का रूसी भाषा में बना नक्शा। उत्तर-पूर्व में रूस और दक्षिण में तुर्की हैं। क्रीमिया का युद्ध (जुलाई, 1853 - सितंबर, 1855) तक काला सागर के आसपास चला युद्ध था, जिसमें फ्रांस, ब्रिटेन, सारडीनिया, तुर्की ने एक तरफ़ तथा रूस ने दूसरी तरफ़ से लड़ा था। 'क्रीमिया की लड़ाई' को इतिहास के सर्वाधिक मूर्खतापूर्ण तथा अनिर्णायक युद्धों में से एक माना जाता है। युद्ध का कारण स्लाववादी राष्ट्रीयता की भावना थी। इसके अतिरिक्त दूसरे तरफ़ तुर्की के धार्मिक अत्याचार भी कारण बने, किंतु बेहद खून खराबे के बाद भी नतीजा कुछ भी नहीं निकला। यह युद्ध कदाचित् अकारण लड़ा गया था फिर भी यूरोपीय इतिहास में इसका विशेष महत्व आँका जाता है। उन दिनों यूरोपीय देशों में लोगों की यह धारणा हो गई थी कि रूस के पास इतने अधिक शस्त्रास्त्र हैं कि वह अजेय है। उससे लोग आतंकित थे। कुस्तंतुनिया की ओर राज्यविस्तार करने की रूस की नीति पीटर महान् के समय से ही चली आ रही थी। अपनी इस राज्यविस्तार की आकांक्षापूर्ति के लिये वह कोई न कोई बहाना ढूँढ़ता रहता था। इस युद्ध को पहला ऐसा युद्ध माना जाता है जिसमें जनता को प्रतिदिन की लड़ाई की ख़बर मिली। द टाइम्स अख़बार के विलियम रसेल और रोजर फ़ेंटन ने पत्र में इस लड़ाई का विवरण दिया था। .

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क्लाइव ओवेन

क्लाइव ओवेन (3 अक्टूबर 1964 को जन्में) एक ब्रिटिश अभिनेता हैं, जिन्होनें टेलीविजन, रंगमंच और फिल्मों में काम किया है। ITV श्रृंखला चान्सर में 1990 से 1991 तक मुख्य भूमिका निभाकर उन्होंने यूनाइटेड किंगडम में पहली बार अपनी पहचान बनाई। तत्पश्चात उन्होंने फिल्म क्लोज़ माई आइज़ (1991) में अपनी भूमिका के लिए प्रशंसा प्राप्त की इसके बाद उन्होंने फिल्म क्रोपियर (1998) में एक संघर्षरत लेखक की भूमिका के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ध्यान आकर्षित किया। 2005 में, ओवेन ने एक गोल्डन ग्लोब और एक BAFTA पुरस्कार जीता और वे क्लोज़र (2004) नामक नाटक में अपनी भूमिका के लिए सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता के अकादमी पुरस्कार के लिए नामित हुए.

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क्ष-किरण

एक्स-रे विद्युत चुम्बकीय वर्णक्रम का हिस्सा हैं। क्ष-विकिरण (एक्स-रे से निर्मित) विद्युत चुम्बकीय विकिरण का एक रूप है। एक्स-रे का तरंग दैर्घ्य 0.01 से 10 नैनोमीटर तक होता है, जिसकी आवृत्ति 30 पेटाहर्ट्ज़ से 30 एग्ज़ाहर्ट्ज़ (3 × 1016 हर्ट्ज़ से 3 × 1019 हर्ट्ज़ (Hz)) और ऊर्जा 120 इलेक्ट्रो वोल्ट से 120 किलो इलेक्ट्रो वोल्ट तक होती है। एक्स-रे का तरंग दैर्ध्य, पराबैंगनी किरणों से छोटा और गामा किरणों से लम्बा होता है। कई भाषाओं में, एक्स-विकिरण को विल्हेम कॉनराड रॉन्टगन के नाम पर रॉन्टगन विकिरण कहा जाता है, जिन्हें आम तौर पर इसके आविष्कारक होने का श्रेय दिया जाता है और जिन्होंने एक अज्ञात प्रकार के विकिरण को सूचित करने के लिए इसे एक्स-रे नाम दिया था।नॉवेलाइन, रॉबर्ट.

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क्वींस पार्क

क्वींस पार्क इंग्लैंड में स्थित एक काउंटी क्रिकेट मैदान है। यह रानी विक्टोरिया द्वारा वर्ष 1887 में शहर के मध्य में बनाया गया था। यह चारों ओर से बड़े बड़े पेड़ों से ढका रहता है। यह वर्ष 1898 से 1998 तक डर्बीशायर के साथ खेलता रहा और उसके बाद लगभग 8 वर्षों तक गायब रहा। वर्ष 2006 में इसने पुनः वापसी की। यह एक बहुत छोटा मैदान है, जो बारिश के बाद सूखने में काफी समय लेता है। .

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कृष्णकुमार माथुर

कृष्णकुमार माथुर (१८९३ - १९३६ ई०) प्रसिद्ध भारतीय भूविज्ञानी तथा विख्यात शिक्षाविशारद थे। .

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कैट स्टीवंस

युसुफ इस्लाम (जन्म - स्टीवंस डेमेट्रे जॉर्जियो; 21 जुलाई 1948, लन्दन, इंग्लैण्ड), जिन्हें मूल रूप से और आम तौर पर उनके पूर्व मंच नाम कैट स्टीवंस द्वारा जाना जाता है, एक ब्रिटिश संगीतकार हैं। वह एक गायक-गीतकार, बहु-वाद्ययंत्रवादक, शिक्षक, लोकहितैषी और इस्लाम के प्रमुख नवधर्मी हैं। 1970 के दशक के आरंभिक दौर में रिकॉर्ड किए गए उनके एल्बमों, टी फॉर द टिलरमैन और टीज़र एण्ड द फायरकैट, में से दोनों को संयुक्त राज्य अमेरिका में रिया (RIAA) द्वारा ट्रिपल प्लेटिनम की प्रमाणिकता दी गई थी; उनके 1972 के एल्बम, कैच बुल ऐट फोर के रिलीज़ होने के बाद पहले दो सप्ताह में ही इसकी आधी मिलियन प्रतियां बिक गईं और लगातार तीन सप्ताह तक बिलबोर्ड (Billboard) का नंबर-एक एलपी (LP) बना रहा। उन्होंने "द फर्स्ट कट इज द डीपेस्ट" के लिए लगातार दो वर्षों में दो एस्कैप (ASCAP) साँगराइटिंग अवार्ड भी हासिल किया है, जो चार अलग-अलग कलाकारों का एक हिट एकल है। दिसंबर 1977 में, स्टीवंस जब अपनी प्रसिद्धि के चरम पर थे, तब उन्होंने अपना धर्म बदल कर इस्लाम धर्म के अनुयायी बन गए और इसके अगले वर्ष अपना नाम बदलकर एक मुस्लिम नाम, युसुफ इस्लाम रख लिया। 1979 में, उन्होंने दान-धर्म के उद्देश्य से अपने सभी गिटारों को नीलाम कर दियाइस कहानी को वास्तव में 3 दिसम्बर 2006 को प्रसारित किया गया था। और मुस्लिम समुदाय को अपना शैक्षिक और लोकहितैषी सहयोग प्रदान करने के लिए अपने आपको समर्पित करने के लिए उन्होंने अपना संगीत करियर छोड़ दिया.

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कैटरीना कैफ़

कैटरीना कैफ़ (जन्म: 16 जुलाई 1983) एक ब्रितानी भारतीय अभिनेत्री और मॉडल हैं जो मुख्य रूप से हिंदी फिल्म जगत में काम करती हैं, हालांकि उन्होनें कुछ तेलुगू और मलयालम फिल्मों में भी काम किया है। भारत की सबसे अधिक पारिश्रमिक पाने वाली अभिनेत्रियों में से एक होने के साथ-साथ, कैटरीना को सबसे आकर्षक हस्तियों में से एक के रूप में मीडिया में उद्धृत किया जाता है। एक सफल मॉडलिंग कैरियर के बाद, 2003 में कैटरीना ने व्यावसायिक रूप से असफल फ़िल्म बूम में एक भूमिका के साथ अपने अभिनय करियर की शुरुआत की थी। फलस्वरूप वह एक तेलुगू हिट फिल्म, रोमांटिक कॉमेडी मल्लीस्वारी में दिखाई दी। कैफ ने बाद में रोमांटिक कॉमेडी ''मैंने प्यार क्यूँ किया'' और नमस्ते लंदन के साथ बॉलीवुड में व्यावसायिक सफलता अर्जित की, जिनमें से बाद वाली के लिये उनके अभिनय की प्रशंसा हुई। इसके बाद उनकी कुछ और सफल फ़िल्में आईं जैसे ''पार्टनर'', ''वेलकम'', सिंह इज़ किंग। 2009 में आई फ़िल्म ''न्यू यॉर्क'' जिसके लिये उन्हें फिल्मफेयर में सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री पुरस्कार का नामांकन मिला, ने उनके करियर को नया मोड़ दिया। वह बाद में ''राजनीति'', ज़िंदगी न मिलेगी दोबारा, मेरे ब्रदर की दुल्हन और एक था टाइगर जैसी हिट फिल्मों में और अधिक प्रमुख भूमिकाओं में दिखीं। वो धूम 3 में संक्षिप्त भूमिका में दिखीं जिसने भारतीय फ़िल्मों में सबसे ज़्यादा कमाई की थी। अपने अभिनय कौशल के लिए समीक्षकों से मिश्रित समीक्षाएँ प्राप्त करने के बावजूद, उन्होनें अपने आप को हिंदी फिल्मों में व्यावसायिक रूप से एक सफल अभिनेत्री के रूप में स्थापित किया है। अभिनय के अलावा, कैटरीना स्टेज शो और अवार्ड कार्यक्रमों में भाग लेती हैं। वह विशेष रूप से अपने निजी जीवन के बारे में संरक्षित रहने के लिए जानी जाती हैं, जो व्यापक रूप से मीडिया जांच का विषय रहा हैं। .

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कैथरीन (इग्लैंड की महारानी)

कैथरीन (27 अक्टूबर 1401 – 3 जनवरी 1437) सन् १४२० से १४२२ तक इंग्लैण्ड की रानी थी। वह फ्रांस के चार्ल्स षष्ट की पुत्री तथा इंग्लैण्ड के हेनरी पंचम की पत्नी थी। उसकी बड़ी बहन इसाबेला १३९६ से १३९९ तक इंग्लैण्ड की महारानी थी। हेनरी पंचम और कैथरीन के विवाह का दृष्य .

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कैथरीन दे ब्रागान्ज़ा

कैथरीन दे ब्रागान्ज़ा (25 नवंबर, 1638 - 31 दिसंबर, 1705), पुर्तगाली: Catarina Henriqueta de Bragança) पुर्तगाली राजकुमारी और इंग्लैण्ड के राजा चार्ल्स द्वितीय की रानी थी। इनका जन्म पुर्तगाल में विला विसोज़ा में हुआ था। इनके पिता जॉन चतुर्थ के राजा बनने पर हुआन होसे दे आस्ट्रिया, फ्रांस्वा दे वेन्दोम, लुई चौदहवें और चार्ल्स द्वितीय के साथ इनके विवाह की बात चली। पिरेनेज़ की संधि के बाद जब फ्रांस ने पुर्तगाल को छोड़ दिया तो इन्हें पुर्तगाल और इंग्लैण्ड के बीच सम्बन्ध स्थापित करने का साधन माना जाने लगा। 1660 में जब चार्ल्स द्वितीय को शासन की बागडोर फ़िर से मिली तो इन दोनों का विवाह तय कर दिया गया। इंग्लैण्ड आने पर दो विवाह समारोह हुए- पहला कैथोलिक तरीके से गुप्त रूप से और दूसरा 21 मई, 1661 को, एंग्लिकन तरीके से बहुत धूमधाम से। इनके दहेज में चार्ल्स को बम्बई और टैन्जियर बन्दरगाह मिले और चार्ल्स द्वितीय ने बंबई ईस्ट इंडिया कंपनी को वार्षिक किराए पर दे दिया। भाषा अवरोध, चार्ल्स की बेवफाई और कैथोलिकों और एंग्लिकनों के बीच हो रहे संघर्ष की वजह से शुरू में कैथरीन को बहुत कठिनाइयाँ आईं। कैथोलिक होने के कारण इनपर कई बार आरोप लगाए गए, जिनमें से चार्ल्स को जहर देने की साज़िश शामिल है। ये सभी आरोप बेबुनियाद साबित हुए और चार्ल्स ने खुद हर कदम पर कैथरीन का समर्थन किया। चार्ल्स की मृत्यु के बाद इनकी कठिनाइयाँ और बढ़ने लगीं और अंततः मार्च 1692 में ये पुर्तगाल लौट गईं। वहाँ रहते हुए उसने पुर्तगाल ओर इंग्लैंड के राजनीतिक संबंध दृढ़ करने का प्रयास किया। १७०४ ई. में जब उसके भाई पुर्तगाल नरेश पेडरो द्वितीय बीमार पड़े तो वह पुर्तगाल के शासन की संरक्षिका बनाई गई और उसके इस शासनकाल में पुर्तगाल को स्पेन के विरूद्ध अनेक सफलता मिली। ३१ दिसम्बर १७०५ को उसकी मृत्यु हुई। मरते समय उसने अपनी सारी अर्जित संपत्ति अपने भाई को वसीयत कर दी थी। लिस्बन, पुर्तगाल में कैथरीन की प्रतिमा कैथरीन बहुत बार गर्भवती हुईं लेकिन कभी जीवित उत्तराधिकारी को जन्म नही दे पाईं। कैथरीन ने इंग्लैण्ड में चाय पीने का रिवाज शुरु किया। कहा जाता है कि नये यार्क के क्वीन्स इलाके का नाम इनपर रखा गया, लेकिन इसके समर्थन में ऐतिहासिक स्रोत नहीं मिले हैं। ब्रागान्ज़ा, कैथरीन दे ब्रागान्ज़ा, कैथरीन दे ब्रागान्ज़ा, कैथरीन दे.

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कैथरीन मैन्सफील्ड

कैथरीन मैन्सफील्ड (Katherine Mansfield) (१४ अक्टूबर, १८८८ - ९ जनवरी, १९२३) न्यूज़ीलैण्ड मूल की अत्यधिक ख्यातिप्राप्त आधुनिकतावादी अंग्रेजी कहानीकार थी। बैंकर पिता तथा अपेक्षाकृत संकीर्ण स्वभाव वाली माता की पुत्री कैथरीन नैसर्गिक रूप से ही स्वच्छंद स्वभाव वाली हुई। परंपरागत रूप से स्त्रियों का अनिश्चित भविष्य वाला जीवन उसमें आरंभ से ही विद्रोह का बीज-वपन करते रहा। अपने जीवन को अपेक्षित मोड़ न दे पाने के कारण उसका स्वभाव असंतुलित और जीवन अव्यवस्थित होते रहा। आरंभ में जीवन की कठोरताओं ने उसकी रचनाओं को भी कटुता तथा तीखे व्यंग्य से पूर्ण बनाया। काफी समय तक वह जीवन में उत्तमता एवं व्यवस्था के औचित्य को स्वीकार नहीं कर पायी। काफी बाद में चेखव के प्रभाव से उसने लेखन के साथ लेखक के जीवन में भी अच्छाई का महत्व समझा। कैथरीन आधुनिकतावादी कहानीकार थी तथा अपनी रचनाओं की भावात्मक शैली एवं प्रयुक्त प्रतीकात्मकता को यथासंभव यथार्थवादिता से किनारा नहीं करने देती थी। इसके साथ ही उसकी रचनाओं में आद्यन्त विद्यमान पठनीयता भी अतिरिक्त वैशिष्ट्य प्रदान करती है। .

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कैथरीन, कैम्ब्रिज की डचेस

कैथरीन, कैम्ब्रिज की डचेज़ (कैथरीन एलिजाबेथ "केट"; पूर्वकुलनाम: मिडलटन, जन्म 9 जनवरी 1982), राजकुमार विलियम, कैम्ब्रिज के ड्यूक की पत्नी हैं। विलियम सोलह स्वतंत्र सार्वभौम राज्यों की राजगद्दी की उत्तराधिकारियों की पंक्ति में अपने पिता चार्ल्स, वेल्स के युवराज के पश्चात दूसरे स्थान पर हैं। विलियम के उत्तराधिकार पर कैथरीन राजमहिषी बन जाएँगी। .

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कैबिनेट (सरकार)

किसी सरकार के उच्चस्तरीय नेताओं के समूह को कैबिनेट (cabinet) कहते हैं। प्रायः उन्हें 'मंत्री' (मिनिस्टर) कहा जाता है किन्तु कहीं-कहीं उन्हें 'सेक्रेटरी' भी कहा जाता है। कैबिनेट, इंग्लैंड की शासन व्यवस्था से विकसित शासन-व्यवस्था का प्रमुख एवं महत्वपूर्ण अंग है। इसका प्रचलन प्राय: उनसभी देशों में है जो ब्रिटिश कामनवेल्थ के सदस्य हैं। कुछ अन्य देशों में भी यह व्यवस्था प्रचलित है। भारत के केंद्रीय एवं प्रादेशिक शासन का भी यह अंग है। सामान्य रूप में संसद की लोकसभा (अथवा प्रादेशिक शासन में विधानसभा) में जिस दल का बहुमत हो या जो बहुमत प्राप्त कर सकता हो, उस दल या दलों के समूह के सदस्यों में से चुने हुए राजनीतिज्ञों का यह एक निकाय है। इसको सदन नहीं चुनता, बल्कि वे प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री द्वारा मनोनीत होते हैं। लोकसभा (अथवा विधानसभा) के द्वारा जनमत सरकार पर नियंत्रण रखता है और अपने बहुमत द्वारा लोकसभा (अथवा विधानसभा) सरकार पर नियंत्रण रखती है। किन्तु सरकार, कैबिनेट से बड़ा शासन निकाय है। सरकार में मंत्री, पार्लामेंटरी सचिव आदि वे सब सम्मिलित हैं जिनकी कार्यावधि राजनीतिक है। कैबिनेट अपेक्षाकृत महत्वपूर्ण मंत्रियों का अधिक छोटा समुदाय है जो देश (अथवा प्रदेश) के शासन के संबंध में सारे महत्वपूर्ण मामलों में नीति का निर्धारण और निर्णय करता है। इसका आकार सरकार के विविध विभागों के कार्यभार के अनुसार घटता बढ़ता और देश-देश में बदलता रहता है। कैबिनेट के सभी सदस्य संसद् (व्यवस्थापिका सभा) के सदस्य होते हैं या नियुक्ति के थोड़े समय के बाद ही उन्हें सदस्य निर्वाचित हो जाना अनिवार्य होता है। भारत में कभी-कभी विधान परिषद् में सरकार द्वारा मनोनीत सदस्यों को भी मंत्रीमंडल में ले लिया जाता है पर यह अपवाद स्वरूप ही। सरकार तब तक ही पदस्थ रह सकती है जबतक लोकसभा (अथवा विधानसभा) में उसे बहुमत का बल प्राप्त हो। यदि किसी महत्वपूर्ण समस्या पर उसकी पराजय हो जाए या वह व्यवस्थापिका सभा का विश्वास खो दे तो उसके लिये पदत्याग करना आवश्यक है। दलों के सुसंगठित होने ओर कठोर अनुशासन का पालन करने के कारण कैबिनेट का उत्तरदायित्व घट गया है। शासित होने के स्थान पर कैबिनेट बहुमत के द्वारा व्यवस्थापिका सभा पर शासन करती है; तथापि जनता के मन को अभिव्यक्त करने के मंच के नाते, लोकसभा (विधानसभा) का महत्व बना हुआ है। किन्तु देखा जाता है कि जनमत का कैबिनेट पर अधिक सीधा नियंत्रण है। कैबिनेट को व्यवस्थापिका सभा के प्रति अपील का अधिकार है- दूसरे शब्दों में सभा को भंग करने का अधिकार है। किन्तु, इस अधिकार का उपयोग किसी विशेष अवसर पर जनमत की अनुकूल लहर का लाभ उठाने के लिये अथवा निश्चित समय से पहले ही आम चुनाव कराने के लिये होता है। कैबिनेट प्रणाली में महत्वपूर्ण स्थिति प्रधानमंत्री (प्रदेशों में मुख्यमंत्री) की है। लास्की के शब्दों में वे बड़े अधिकारियों से उच्चतर किंतु निरंकुश शासक से कम है। सरकार के गठन का वह केंद्र है, उसके जीवन का केंद्र है, वह जो कुछ है उसके अनुरूप ही कैबिनेट को अपना रूप निर्धारित करना पड़ता है और वह उसके निर्देश में कार्य करती है। सर्वत्र प्रधानमंत्री (मुख्य मंत्री) वैधानिक प्रधान द्वारा मनोनीत होता है, वह चाहे राजा हो या राष्ट्रपति, गवर्नर जनरल हो या गवर्नर। व्यावहारिक रूप में यह मनोनयन राजनीतिक परिस्थितियों द्वारा है। मनोनीत व्यक्ति को अपने सहयोगियों को प्राप्त करने या लोकसभा को मान्य सरकार बनाने में समर्थ होना आवश्यक है। सामान्यत: बहुमतवाले दल के माने हुए नेता को सरकार बनाने के लिये निमंत्रित किया जाता है। उसमें वैधानिक प्रधान की रूचि-अरूचि का प्रश्न नहीं होता। किंतु विशेष परिस्थितियों में वैधानिक प्रधान सीमित निर्णय का ही प्रयोग कर सकता है। यह तब होता है जब प्रधानमंत्री (मुख्यमंत्री) अवकाश ग्रहण करता है या त्यागपत्र देता हे अथवा जब लोकसभा (विधानसभा) में कोई एक दल बहुमत में नहीं होता या राष्ट्रीय संकट के अवसर पर, जब एक दल की अपेक्षा सामान्त: मिली जुली सरकार अच्छी मानी जाती है। किंतु ऐसी अवस्थाओं में भी वैधानिक प्रधान का निर्णय नियंत्रित ही होता है। मनोनीत व्यक्ति के लिये ऐसी स्थिति में होना आवश्यक है कि वह ऐसी सरकार बना सके जो व्यवस्थापिका का समर्थन प्राप्त कर सके। कैबिनेट के सदस्यों से सर्वत्र अपेक्षा की जाती है कि वे संयुक्त रूप में काम करें। वह व्यवस्थापिका के, देश के और वैधानिक प्रधान के सामने अपने को एक संयुक्त रूप में प्रस्तुत करे। अत: पारस्परिक मतभेद कैबिनेट की बैठकों में गुप्त रूप से ठीक कर लिए जाते हैं। समस्त सदस्यों से अपेक्षा की जाती है कि वे कैबिनेट के सभी निर्णयों का अनुमोदन, यदि आवश्यक हो तो, भाषण और मतदान द्वारा करें। कैबिनेट का उत्तरदायित्व सामूहिक माना जाता है, यदि कोई मंत्री यदि अपने सहयोगियों के मत की अवहेलना कर स्वतंत्र रूप से कार्य करता है तो वह हटा दिया जाता है और त्यागपत्र देने पर विवश किया जाता है। कैबिनेट की एकता का प्रतीक और वैधानिक प्रधान से संपर्क रखने में मुख्य सूत्र प्रधान मंत्री (मुख्य मंत्री) को किसी सहयोगी से त्यागपत्र माँगने ओर कैबिनेट की एकता अक्षुण्ण बनाए रखने का अधिकार है। कैबिनेट प्रणाली वहाँ अधिक सफलतापूर्वक काम करती है जहाँ दो सुसंगठित दल हों- एक सत्तारूढ़ हो ओर दूसरा विरोध में हो और यह अनुभव करे कि यदि सरकार का पतन हुआ तो सरकार चलाने का उत्तरदायित्व उसपर आ सकता है। अत: वह पूरे उत्तरदायित्व के साथ शासन की कमजोरियों का उद्घाटन करता रहे। विरोधी पक्ष आलोचना के लिये आलोचना में नहीं पड़ता, प्रत्युत शासन का सुधार करने के विचार से ओर जनमत को अपने पक्ष में करने के लिये ताकि निर्वाचकों से दूसरे अवसर पर अपील करने में सफलता प्राप्त करे। विरोधी पक्ष के इस स्वरूप को संयुक्त राजशाही में मान्यता प्राप्त है और वह शासन तंत्र का उतना ही महत्वपूर्ण अंग है जितना बहुमतप्राप्त दल। परिणामत: वह 'हर मैजेस्टी' के विरोधी दल के नाम से पुकारा जाता है और उसके नेता को मान्यताप्राप्त जनसेवा का उत्तरदायित्वपूर्ण ढंग से निर्वाह करने के लिये सरकारी खजाने से नियमित वेतन मिलता है। इस परंपरा को भारत में भी अपनाया गया है ओर विरोध पक्ष के नेता को मंत्री के समान वेतन प्राप्त होता है। कैबिनेट सरकार वहाँ स्थायी नहीं हो पाती जहाँ दलों का बाहुल्य हो अथवा जहाँ ऐसे समूह हों जिन्हें 'स्प्लिंटर ग्रूप्स' कहा जाता है। .

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कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय

कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय (औमतौर पर केंब्रिज) इंग्लैंड के कैम्ब्रिज शहर में स्थित एक विश्वविद्यालय है। यह अंग्रेजीभाषी देशों में दूसरा सबसे पुराना और यूरोप में चौथा सबसे पुराना विश्वविद्यालय है। वर्तमान समय में इसके साथ 31 कॉलेज, 100 विभाग, फैकल्टीज और सिंडिकेट और 6 स्कूल संबद्ध हैं। इसमें 17000 छात्र एनरोल हैं, जिनमें 120 विभिन्न देशों के 1000 अंतरराष्ट्रीय छात्र शामिल हैं। 1209 में शहरवासियों से हुए विवाद की वजह से आक्सफोर्ड को छोड़ निकले प्रबुद्धजनों के संगठन ने इस विश्वविद्यालय की नीव रखी थी। आक्सफोर्ड और केम्ब्रिज विश्वविद्यालय को संयुक्त रूप से आक्सब्रिज कहा जाता है। बिट्रिश संस्कृति और इतिहास में घुलेमिले दोनों विश्वविद्यालय के बीच प्रतिद्वंदिता का एक लंबा इतिहास है। अकादमिक तौर पर कैंब्रिज विश्वविद्यालय की गणना दुनिया के पांच सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालयों में की जाती है। वर्ष 2009 तक इस विश्वविद्यालय की फेरहिस्त में 85 नोबल पुरस्कार विजेता शामिल हैं। विश्वविद्यालय, कैम्ब्रिज.

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कैम्ब्रिज के राजकुमार जॉर्ज

कैम्ब्रिज के राजकुमार जॉर्ज (Prince George of Cambridge) (जॉर्ज अलेक्ज़ेंडर लुई (अंग्रेज़ी: George Alexander Louis), जन्म: 22 जुलाई 2013) राजकुमार विलियम, कैम्ब्रिज के ड्यूक और उनकी पत्नी कैथरीन, कैम्ब्रिज की डचेस, के पुत्र और इसके साथ ही चार्ल्स, वेल्स के राजकुमार और उनकी पहली दिवंगत पत्नी डायना, वेल्स की राजकुमारी के एकमात्र पोते हैं। यह अपनी परदादी एलिजाबेथ II के पश्चात ब्रिटिश राजगद्दी के उत्तराधिकारियों की पंक्ति में अपने दादा और पिता के पश्चात तीसरे स्थान पर हैं। .

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कैरल

अगिनकोर्ट (Agincourt) का करोल् (१५वीं शताब्दी) साधारणत:, मनुष्य या पक्षी के आह्लादमय गान को करोल या कैरल (Carol) कहते हैं। किन्तु आजकल विशेषत: क्रिसमस का धार्मिक गान ही करोल कहलाता है। .

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कैरोलीन लीकी

कैरोलीन वूलमर लीकी (८ मार्च १८२७ - १२ जुलाई १८८१) अंग्रेजी भाषा की लेखिका थीं। उनकी कविताएँ और उपन्यास (द ब्रोड ऐरो) उनके जीवन अनुभवों पर आधारित हैं। उन्होंने १८४८ से १८५३ तक अपनी ज़िन्दगी तस्मानिया में बितायी। उनके द्वारा लिखे गए साहित्य सभी इन्ही पांच सालों के अनुभवों पर आधारित है। .

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कैलिको

कैलिको का नमूना मूलत: भारत के कालीकट नाम पर वहाँ से इंग्लैंड जानेवाले सूती वस्त्र को कैलिको कहते थे। अब साधारण बुनावट के सफेद सूती कपड़े को इंग्लैंड में कैलिको कहते हैं। कैलिको में अंतर्गत महीन से महीन मलमल से लेकर मोटे से मोटे मारकीन तक संमिलित है। साधारणत: कैलिको उन्हीं कपड़ों को कहते हैं जिनमें ताना और बाना एक मोटाई के रहते हैं। उसकी बुनावट में बाने को प्रत्येक धागा (सूत्र) ताने के धागों को एकांतरत: ऊपर चढ़कर और नीचे से होकर पार करता है। यदि ताने के धागों पर विचार किया जाए तो पता चलेगा कि ताने का प्रत्येक धागा भी बाने के धागों को एकातंरत: ऊपर चढ़कर और नीचे से होकर पार करता है। बदले बाने को ताने की अपेक्षा मोटा रखने से पॉपलिन नामक कपड़ा बनता है। बाने की अपेक्षा ताने को पर्याप्त मोटा रखने से रेप्प नामक कपड़ा बनता है, जो कुरसी की गद्दी आदि बनाने के काम आता है। अमरीका में कैलिको का अर्थ छींट माना जाता है। वहाँ स्त्रियों को परिहास में कैलिको कहते है, क्योंकि वे बहुधा छींट पहनती हैं। कैलिको.

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कैसर विल्हेम द्वितीय (जर्मनी)

विल्हेम द्वितीय या विलियम द्वितीय (जर्मन: Friedrich Wilhelm Viktor Albrecht von Preußen; अंगरेजी: Frederick William Victor Albert of Prussia; 27 जनवरी 1859 – 4 जून 1941) जर्मनी का अन्तिम सम्राट (कैसर) तथा प्रशा का राजा था जिसने जर्मन साम्राज्य एवं प्रशा पर १५ जून १८८८ से ९ नवम्बर १९१८ तक शासन किया। विलियम प्रथम की मृत्यु के उपरान्त उसका पुत्र फैड्रिक तृतीय जर्मनी के राजसिंहासन पर 9 मार्च 1888 ई. को आसीन हुआ। किन्तु केवल 100 दिन राज्य करने के बाद उसकी मृत्यु हो गई। उसकी मृत्यु होने पर उसका पुत्र विलियम द्वितीय राज्य सिंहासन पर आसीन हुआ। वह एक नवयुवक था। उसमें अनेक गुणों और दुर्गुणों का सम्मिश्रण था। वह कुशाग्र बुद्धि, महत्वकांक्षी आत्मविश्वासी तथा असाधारण नवयुवक था। वह स्वार्थी और घमण्डी था तथा उसका विश्वास राजा के दैवी सिद्धांत में था। किसी अन्य व्यक्ति के नियंत्रण में रहना उसको असह्य था जिसके कारण कुछ ही दिनों के उपरांत उसकी अपने चांसलर बिस्मार्क से अनबन हो गई। परिस्थितियों से बाध्य होकर बिस्मार्क को त्याग-पत्र देना पड़ा। बिस्मार्क के पतन के उपरांत विलियम ने समस्त सत्ता को अपने हाथों में लिया और उसके मंत्री आज्ञाकारी सेवक बन गये और वह स्वयं का शासन का कर्णधार बना। .

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कैंटरबरी टेल्स

कैंटरबरी टेल्स, (कैंटरबरी किस्से) इंग्लैंड के प्रसिद्ध कवि ज्योफ्रे चासर की अंतिम और सर्वोतम रचना है। यह कहानियों का संग्रह है (दो गद्य-रूप में, बाइस पद्य रूप में)। इससे अंग्रेजी साहित्य में आधुनिक अर्थ में जीवन के यथार्थ चित्रण की परंपरा का प्रारंभ होता है। इसमें कहानियों की उद्भावना स्वयं न करके समस्त यूरोपीय साहित्य तथा जनसाधारण में प्रचलित आख्यायिकाओं को इतिवृत्त का आधार बनाया गया है। इसी कारण उनमें विविधता है। जिस प्रकार कहानी कहनेवाले पात्रों में विविधता है, उसी प्रकार कहानियों में भी विभिन्न प्रकार की कहानियों को एक कड़ी में पिरोने की योजना चॉसर ने बड़ी चतुराई से बनाई है। कैंटरबरी टेल्स को अंग्रेजी साहित्य ही नही वरन यूरोपीय साहित्य की उत्कृष्ट रचनाओं में एक माना जाता है। .

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कैंटरबरी कैथेड्रल

कैंटरबरी कैथेड्रल, इंग्लैंड का सबसे पुरातन एवं सबसे मशहूर ईसाई गिर्जाघर है। यह भवन, एक विश्व धरोहर स्थल का हिस्सा है। यह कैंटरबरी के आर्चबिशप का नीज-आसान है, और चर्च ऑफ़ इंग्लैंड तथा विश्वविस्तृत आंगलिकाइ संप्रदाय का मातृगिर्जा है। कैंटरबरी के आर्चबिशप, वैश्विक आंगलिकाइ ऐक्य के चिन्हात्मक प्रमुख होते हैं। इस चर्च का पूरा आधिकारिक नाम है "कैथेड्रल ऍण्ड मेट्रोपोलिटिकल चर्च ऑफ़ क्राइस्ट ऍट कैंटरबरी".

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कैंटरबरी के ऑगस्टीन

ऑगस्टीन ऑफ़ कैंटरबरी, एक एक ईसाई धर्मप्रचारक और मुनि थे, जिन्होंने ६ठी शताब्दी में इंग्लैंड को ईसाई धर्म से परिचित कवायत, और इंग्लैंड में ईसाइयत के प्रवाह में महत्वपूर्ण किर्दार निभाया था। इस काम के लिए वे पोप द्वारा आदेशित किये गए थे। 567 में वे कैंटरबरी के पहले आर्चबिशप बने, और इंग्लैंड के चर्च को स्थापित किया। उन्हें मरणोपरांत संत की उपदि से नवाज़ा गया। .

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कैंटरबरी के आर्चबिशप

कैंटरबरी के आर्चबिशप, चर्च ऑफ़ इंग्लैण्ड के एक वरिष्ठ बिशप और प्रमुख होते हैं। वे विश्वविस्तृत आंगलिकाइ ऐक्य और आंगलिकाइ संप्रदाय के चिन्हनात्मक प्रमुख हैं(जैसे पोप रोमन कैथोलिक संप्रदाय के होते हैं)। तथा वे कैंटरबरी के बिशप-क्षेत्र के प्रदेशीय बिशप होते हैं। वर्त्तमान आर्चबिशप, परणपूज्य आर्चबिशप जस्टिन वेल्बी हैं, जिनका पदस्थापन २१ मार्च २०१३ को हुआ था। वेल्बी, १४०० वर्ष पुराने इस संसथान के १०५वें पदाधिकारी हैं। इस संसथान की शुरुआत कैंटरबरी के ऑगस्टीन के साथ हुई थी, जिन्हें ५९७ ई॰ में रोम से इंग्लैण्ड, ईसाइयत के प्रचार के लिए भेजा गया था। ६ठी शताब्दी में ऑगस्टीन से १६वीं शताब्दी तक, कैंटरबरी की आर्चबिशपी, रोम के गिर्जा के साथ एकमत की स्थिति में थी, परंतु अंग्रेज़ी सुधर के बाद, इंग्लैंड की चर्च ने, पोप और रोमन कैथोलिक चर्च के अधिकार से खुद को अलग कर लिया। सुधर से पहले तक, कैंटरबरी कैथेड्रल के बिशप के चुनाव की प्रक्रिया बदलते रहा करती थी:कभी चुनाव द्वारा या कभी पोप द्वारा, अन्यथा इंग्लैंड के शासक द्वारा। सुधरकाल के बाद से, चर्च ऑफ़ इंग्लैंड, मुख्यतः एक राजकीय गिर्जा की हैसियत रखता है, और तत्पश्चात्, आर्चबिशप के नामांकन का आधिकारिक अधिकार ब्रिटिश मुकुट के पास रहा है। वर्त्तमान समय में, कैंटरबरी के आर्चबिशप की नियुक्ति, ब्रिटिश संप्रभु द्वारा प्रधानमंत्री की सलाह पर होता है, जोकि दो नामों की अनुसूची में से अगले पदाधिकारी का चुनाव किया करते हैं। .

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केट मॉस

केट मॉस (Kate Moss) (जन्म 16 जनवरी 1974) एक अंग्रेज़ मॉडल हैं जिन्हें हेरोइन शैली की फ़ैशन प्रवृत्ति के लिए १९९० के दशक के उत्तरार्द्ध में प्रसिद्धि मिली। उन्हें मुख्यतः उनके परित्यक्त रूप के लिए जाना जाता है जो साइज ज़ीरो फैशन के लिए महत्वपूर्ण होता है। वो अपने विवादास्पद निजी जीवन, उच्च-स्तर के सम्बन्ध, पार्टी जीवन शैली और नशीली दवाओं के प्रयोग के लिए भी मसहूर हैं। २००७ में टाइम नामक पत्रिका ने उन्हें विश्व के १०० प्रभावशाली लोगों में चुना। 2012 में, प्रतिवर्ष $9.2 मिलियन कमाई के साथ उन्होंने फ़ोर्ब्स शीर्ष अर्जक मॉडल सूची में द्वितीय स्थान प्राप्त किया। .

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केट विंसलेट

केट एलिज़ाबेथ विंसलेट (जन्म, 5 अक्टूबर 1975), एक अंग्रेज़ अभिनेत्री और अनियमित गायिका हैं। विंसलेट ने अपने फ़िल्मी-जीवन की शुरूआत उन्नीस वर्ष की उम्र में पीटर जैक्सन की हेवेनली क्रीएचर्स (1994) से की.

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केन्द्रीय व्यवसायिक क्षेत्रों की सूची

केन्द्रीय व्यवसायिक क्षेत्रों की सूची में विभिन्न देशों के विभिन्न नगरों के केन्द्रीय व्यवसायिक क्षेत्र दिए गए हैं। .

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केन्सिंग्टन पैलस

केन्सिंग्टन पैलेस, लंदन के केन्सिंग्टन और चेल्सी के शाही बरो में स्थिति एक शाही निवास है। यह महल, १७वी सदी से ही ब्रिटिश शाही परिवार का निवास रहा है। यह वर्त्तमान समय में कैम्ब्रिज की डचेस और ड्यूक, प्रिंस हैरी, ग्लौकेस्टर की डचेस और ड्यूक, केंट की डचेस और ड्यूक तथा केंट के राजकुमार और राजकुमारी माइकल का आधिकारिक लंदन निवास है। आज, इस महल में सीमित सार्वजनिक दर्शन की अनुमति है, और राजकीय कक्ष, आम जनता के दर्शन हेतु खुले हैं, जबकि रिहाइशी क्षेत्र की प्राइवेसी बरकरार राखी गयी है। सार्वजिनक दर्शन हेतु क्षेत्र को हिस्टोरिक रॉयल पैलेसेज नामक एक गैर-सरकारी चैरिटी द्वारा प्रबंधित की जाती है, जबकि शाही गृहवास, शाही परिवार के निजी क्षेत्र की देखरेख करता है। .

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केशवचन्द्र सेन

समाज सुधारक '''केशवचन्द्र सेन''' केशवचन्द्र सेन (बंगला: কেশব চন্দ্র সেন केशोब चोन्दो शेन) (19 नवम्बर 1838 - 8 जनवरी 1884) बंगाल के हिन्दू दार्शनिक, धार्मिक उपदेशक एवं समाज सुधारक थे। 1856 मेंब्रह्मसमाज के अंतर्गत केशवचंद्र सेन के आगमन के साथ द्रुत गति से प्रसार पानेवाले इस आध्यात्मिक आंदोलन के सबसे गतिशील अध्याय का आरंभ हुआ। केशवचन्द्र सेन ने ही आर्यसमाज के संस्थापक स्वामी दयानन्द सरस्वती को सलाह दी की वे सत्यार्थ प्रकाश की रचना हिन्दी में करें। .

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केविन उलियेट

उलियेट, केविन उलियेट, केविन.

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कॉरपोरेट कानून

कॉरपोरेट कानून ("कंपनी" या "निगम" कानून) आधुनिक समय का सर्वाधिक प्रभावी प्रकार का व्यवसाय उपक्रम है। कॉरपोरेट कानून शेयरधारियों, निदेशकों, कर्मचारियों, ऋणदाताओं तथा अन्य हिस्साधारियों, जैसे उपभोक्ताओं, समुदायों तथा पर्यावरण फ़र्म के आंतरिक नियमों के तहत एक-दूसरे के बीच की अंतःक्रियाओं का अध्ययन होता है। कॉरपोरेट कानून विस्तृत कंपनी कानून (या व्यवसाय संघों के कानून) का एक हिस्सा होता है। अन्य प्रकार के व्यवसाय संघों में साझेदारी (अधिकतर कानून फ़र्मों की तरह), या ट्र्स्ट (जैसे कोई पेंशन फ़ंड) अथवा गारंटी द्वारा सीमित कंपनियां (जैसे कुछ विश्वविद्यालयों या चैरिटी) शामिल हो सकती हैं। कॉरपोरेट कानून उस बड़े व्यावसाय के बारे में होता है, जिसका उसके सदस्यों या शेयरधारकों, जो अपने स्टॉकों को निदेशक मंडल के प्रदर्शन के आधार पर खरीदते या बेचते हैं, के प्रति सीमित उत्तरदायित्व या असीमित उत्तरदायित्व वाला पृथक वैध व्यक्तित्व होता है। यह ऐसे फ़र्मों के साथ व्यापार करता है, जो किसी संप्रभु राज्य अथवा उनके उपराष्ट्रीय प्रांतों के कंपनी कानूनों के तहत निगमित अथवा पंजीकृत हों.

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कॉर्नवल

कॉर्नवल (अंग्रेज़ी: Cornwall) संयुक्त राजशाही में इंग्लैंड का एक काउंटी है, जो लगभग भारत के ज़िलों के बराबर का दर्जा है। भौगोलिक रूप से कॉर्नवल एक प्रायद्वीप है। इसके उत्तर व पश्चिम में केल्टिक सागर, दक्षिण में इंग्लिश चैनल और पूर्व में टेमार नदी के पार डेवन काउंटी है। कॉर्नवल में कॉर्निश लोग रहते हैं, जो बाकि इंग्लैंड के लोगों से भिन्न हैं और प्राचिन केल्टी राष्ट्रों में से एक हैं। इनके पूर्वज कॉर्निश भाषा बोलते थे लेकिन अब अधिकांश लोग अंग्रेज़ी बोलते हैं। फिर भी इस क्षेत्र की एक अलग सांस्कृतिक पहचान है और यहाँ के कुछ लोग इसे एक राजनैतिक स्वायत्त क्षेत्र बनाने की माँगे उठाते रहते हैं। .

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कॉलेज ग्राउंड, चेल्टेन्हम

कॉलेज ग्राउंड, चेल्टेन्हम कॉलेज ग्राउंड चेल्टेन्हम कॉलेज, इंग्लैंड के मैदान में एक क्रिकेट ग्राउंड है। कॉलेज ग्राउंड चेल्टेनहैम कॉलेज, इंग्लैंड के आधार पर एक क्रिकेट मैदान है। ग्लूस्टरशायर काउंटी क्रिकेट क्लब ने ३०० से अधिक प्रथम श्रेणी और ७० से अधिक सूची ए मैचों को खेले हैं। २००५ में इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच एक महिला वन डे इंटरनेशनल भी आयोजित किया गया था। उन्होंने १८७२ में पहली बार क्लास ग्राउंड की मेजबानी की, जब ग्लूस्टरशायर ने सरे खेला; ग्लूस्टरशायर ने एक पारी और ३७ रन से खेल जीता, जो कि डब्लू। जी। ग्रेस के १२-६३ के मैच के लिए काफी अधिक है। अगस्त १८७६ में, ग्रेस एक काउंटी मैच में ट्रिपल सैकड़ने वाला पहला आदमी बन गया, जब उन्होंने यॉर्कशायर के खिलाफ ३१८ रनों की पारी खेली; उन्होंने एक हफ्ते पहले कन्टरबरी में मैरीलेबोन क्रिकेट क्लब के सज्जनों के लिए सभी प्रथम श्रेणी क्रिकेट में पहला ट्रिपल सौ बना दिया था। श्रेणी:कॉलेज .

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कोपान

कोपान माया सभ्यता का महत्वपूर्ण स्थान है। यह पश्चिम हाण्डुरास में है। Location of Copán The kingdom, anciently named Xukpi (Corner-Bundle), flourished from the 5th century AD to the early 9th century, with antecedents going back to at least the 2nd century AD.

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कोलकाता

बंगाल की खाड़ी के शीर्ष तट से १८० किलोमीटर दूर हुगली नदी के बायें किनारे पर स्थित कोलकाता (बंगाली: কলকাতা, पूर्व नाम: कलकत्ता) पश्चिम बंगाल की राजधानी है। यह भारत का दूसरा सबसे बड़ा महानगर तथा पाँचवा सबसे बड़ा बन्दरगाह है। यहाँ की जनसंख्या २ करोड २९ लाख है। इस शहर का इतिहास अत्यंत प्राचीन है। इसके आधुनिक स्वरूप का विकास अंग्रेजो एवं फ्रांस के उपनिवेशवाद के इतिहास से जुड़ा है। आज का कोलकाता आधुनिक भारत के इतिहास की कई गाथाएँ अपने आप में समेटे हुए है। शहर को जहाँ भारत के शैक्षिक एवं सांस्कृतिक परिवर्तनों के प्रारम्भिक केन्द्र बिन्दु के रूप में पहचान मिली है वहीं दूसरी ओर इसे भारत में साम्यवाद आंदोलन के गढ़ के रूप में भी मान्यता प्राप्त है। महलों के इस शहर को 'सिटी ऑफ़ जॉय' के नाम से भी जाना जाता है। अपनी उत्तम अवस्थिति के कारण कोलकाता को 'पूर्वी भारत का प्रवेश द्वार' भी कहा जाता है। यह रेलमार्गों, वायुमार्गों तथा सड़क मार्गों द्वारा देश के विभिन्न भागों से जुड़ा हुआ है। यह प्रमुख यातायात का केन्द्र, विस्तृत बाजार वितरण केन्द्र, शिक्षा केन्द्र, औद्योगिक केन्द्र तथा व्यापार का केन्द्र है। अजायबघर, चिड़ियाखाना, बिरला तारमंडल, हावड़ा पुल, कालीघाट, फोर्ट विलियम, विक्टोरिया मेमोरियल, विज्ञान नगरी आदि मुख्य दर्शनीय स्थान हैं। कोलकाता के निकट हुगली नदी के दोनों किनारों पर भारतवर्ष के प्रायः अधिकांश जूट के कारखाने अवस्थित हैं। इसके अलावा मोटरगाड़ी तैयार करने का कारखाना, सूती-वस्त्र उद्योग, कागज-उद्योग, विभिन्न प्रकार के इंजीनियरिंग उद्योग, जूता तैयार करने का कारखाना, होजरी उद्योग एवं चाय विक्रय केन्द्र आदि अवस्थित हैं। पूर्वांचल एवं सम्पूर्ण भारतवर्ष का प्रमुख वाणिज्यिक केन्द्र के रूप में कोलकाता का महत्त्व अधिक है। .

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कोल्डप्ले

कोल्डप्ले एक ब्रिटिश ॲलटर्नेटिव रॉक बैंड जिसे गायक क्रिस मार्टिन और गिटारवादक जॉनी बकलैंड द्वारा 1996 में यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन में गठित किया गया था। .

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अदिति चौहान

अदिति चौहान एक भारतीय महिला पेशेवर फुटबॉलर है जो वेस्ट हैम यूनाइटेड लेडीज और भारत की महिला फुटबॉल टीम के लिए एक गोलकीपर के रूप में खेलती हैं। उनका जन्म २० नवम्बर १९९२ को हुआ था और बचपन से ही वह विभिन्न खेलों में शामिल है, उन्होंने कराटे और बास्केटबॉल में भाग लिया। बास्केटबॉल में अच्छा प्रयास दिखाने के बाद उन्हें युवा राज्य टीम के लिए चुना गया था। बास्केटबॉल के माध्यम से, चौहान ने बॉल की अच्छी पकड़ और अच्छे एथलेटिक निर्माण का विकास किया। और वह एक गोलकीपर के रूप में फुटबॉल टीम के लिए परीक्षण में भाग लेने के लिए अपने कोच द्वारा आश्वस्त हुई। और वह सफल हुई और १५ वर्ष की आयु में, दिल्ली यू 119 टीम के लिए उपस्थित हुई। उन्होंने लॉबबरो विश्वविद्यालय से खेल प्रबंधन में एमएससी पूरी की और उनकी फुटबॉल टीम का प्रतिनिधित्व भी किया। अगस्त २०१५ में, चौहान वेस्ट हैम यूनाइटेड लेडीज़ में शामिल हो गयी। उन्होंने १६ अगस्त २०१५ को कोवेंट्री देवियों द्वारा ०-५ की हार से अपनी शुरुआत की और ऐसा करने से इंग्लैंड में प्रतिस्पर्धात्मक रूप से खेलने के लिए भारत की राष्ट्रीय महिला टीम की पहली खिलाड़ी बन गई और अंग्रेजी लीग फुटबॉल में खेलने वाली पहली भारतीय महिला। अदिति चौहान को १७ साल की उम्र में भारत U19 पक्ष के साथ परीक्षण के लिए चुना गया था। और वह भारत की महिला टीम का हिस्सा थी जो श्रीलंका में २०१२ SAFF महिला चैंपियनशिप जीती थी। और वह इंग्लैंड में "एशियाई महिला फुटबॉलर" २०१५ वर्ष की पुरस्कार के पहले प्राप्तकर्ता थी। .

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अधिकार

अधिकार, किसी वस्तु को प्राप्त करने या किसी कार्य को संपादित करने के लिए उपलब्ध कराया गया किसी व्यक्ति की कानूनसम्मत या संविदासम्मत सुविधा, दावा या विशेषाधिकार है। कानून द्वारा प्रदत्त सुविधाएँ अधिकारों की रक्षा करती हैं। दोनों का अस्तित्व एक-दूसरे के बिना संभव नहीं। जहाँ कानून अधिकारों को मान्यता देता है वहाँ इन्हें लागू करने या इनकी अवहेलना पर नियंत्रण स्थापित करने की व्यवस्था भी करता है। .

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अधुना अख्तर

अधुना भाबनी (जिन्हें अपने शादी के नाम अधुना अख्तर से जाना जाता है) एक हेयर स्टाइलिस्ट हैं और टीएलसी पर आने वाले कार्यक्रम बी-ब्लंट की सह-आयोजक हैं   .

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अनसाइक्लोपीडिया

अनसाइक्लोपीडिया ("विषय-वस्तु रहित विश्वकोश") एक वेबसाइट है जो विकिपीडिया की हास्यानुकृति करता है। 2005 में मूल रूप से अंग्रेजी भाषा के विकी के रूप में स्थापित, यह परियोजना वर्त्तमान में 75 से अधिक भाषाओं में फैली हुई है। इसके अंग्रेजी संस्करण में 25,000 से अधिक पृष्ठों की विषय-वस्तु है, जो मात्र 26000 से अधिक पृष्ठों की विषय-वस्तु वाले पुर्तगाली डेसिक्लोपीडिया के बाद दूसरे स्थान पर है। हास्यानुकृति के माध्यम के रूप में विभिन्न हास्य शैलियों का प्रयोग किया जाता है जिसमे परिष्कृत व्यंग्य से लेकर बिलकुल आकस्मिक अपरिष्कृत व्यंग्योक्ति (कटाक्ष) तक शामिल हैं। विकिपीडिया के सामान, अनसाइक्लोपीडिया में इस संबंध में दिशानिर्देश होते हैं कि कौन सी विषय वस्तु स्वीकार्य है और कौन सी विषय वस्तु स्वीकार्य नहीं है और समय के साथ साइट के विस्तार होने से ये दिशानिर्देश उत्तरोत्तर अधिक कठोर बन गए हैं, हालांकि आधी विषय वस्तु अनुपयुक्त है। लोगों और स्थानों के संबंध में अपने लेखों के लिए इस साइट ने मीडिया का ध्यान आकृष्ट किया है। इसका प्रतीक चिह्न (लोगो), एक खोखला आलू है, जिसका नाम ज्ञान की देवी सोफिया के नाम पर रखा गया है, विकिपीडिया के विश्वस्तरीय प्रतीक चिह्न की हास्यानुकृति के रूप में कार्य करता है। .

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अनिल कुंबले

अनिल कुंबले भारत के क्रिकेट खिलाड़ी हैं। यह जिम लेकर के बाद विश्व के पहले ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्होंने टेस्ट क्रिकेट में एक पारी में 10 विकेट लिए हैं। अनिल कर्नाटक प्रदेश के बंगलोर नगर के निवासी हैं। इनके सम्मान में इस नगर के एक सबसे मुख्य चौराहे को अनिल कुंबले चौराहा का नाम दिया गया है। भारत की ओर से ५०० विकेट लेने वाले वह पहले खिलाड़ी हैं। ये भारतीय क्रिकेट टीम के कोच भी रह चुके हैं उन्होंने हाल ही में कप्तान विराट कोहली से मतभेदों के कारण इस्तीफा दे दिया .

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अनुजा पाटिल

अनुजा पाटिल (जन्म 28 जून 1992) महाराष्ट्र की एक क्रिकेटर हैं जिन्होंने भारत के लिए ट्वेंटी 20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले हैं। .

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अन्तरजाल का इतिहास

muki don सर्वप्रथम १९६२ में विश्वविद्यालय के जे सी आर लिकलिडर ने अभिकलित्र जाल तैयार किया था। वे चाहते थे कि अभिकलित्र का एक एसा जाल हो, जिससे आंकड़ो, क्रमादेश और सूचनायें भेजी जा सके। 1966 में डारपा (मोर्चाबंदी प्रगति अनुसंधान परियोजना अभिकरण) (en:DARPA) ने आरपानेट के रूप में अभिकलित्र जाल बनाया। यह जाल चार स्थानो से जुडा था। बाद में इसमें भी कई परिवर्तन हुए और 1972 में बाँब काँहन ने अन्तर्राष्ट्रीय अभिकलित्र संचार सम्मेलन ने पहला सजीव प्रदर्शन किया। 1 जनवरी 1983 को आरपानेट (en:ARPANET) पुनर्स्थापित हुआ TCP-IP। इसी वर्ष एक्टीविटी बोर्ड (IAB) का गठन हुआ।नवंबर में पहली प्रक्षेत्र नाम सेवा (DNS) पॉल मोकपेट्रीज द्वारा सुझाई गई। अंतरजाल सैनिक और असैनिक भागों में बाँटा गया| हालाँकि 1971 में संचिका अन्तरण नियमावली (FTP) विकसित हुआ, जिससे संचिका अन्तरण करना आसान हो गया। 1990 में टिम बर्नर्स ली ने विश्व व्यापी वेब (WWW) से परिचित कराया अमरीकी सेना की सूचना और अनुसंधान संबंधी आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए 1973 में ``यू एस एडवांस रिसर्च प्र्रोजेक्ट एजेंसी´´ ने एक कार्यक्रम की शुरुआत की। उस कार्यक्रम का उद्देश्य था कम्प्यूटरों के द्वारा विभिन्न प्रकार की तकनीकी और प्रौद्योगिकी को एक-दूसरे से जोड़ा जाए और एक `नेटवर्क´ बनाया जाए। इसका उद्देश्य संचार संबंधी मूल बातों (कम्यूनिकेशन प्रोटोकॉल) को एक साथ एक ही समय में अनेक कम्प्यूटरों पर नेटवर्क के माध्यम से देखा और पढ़ा जा सके। इसे ``इन्टरनेटिंग प्रोजेक्ट´´ नाम दिया गया जो आगे चलकर `इंटरनेट´ के नाम से जाना जाने लगा। 1986 में अमरीका की ``नेशनल सांइस फांउडेशन´´ ने ``एनएसएफनेट´´ का विकास किया जो आज इंटरनेट पर संचार सेवाओं की रीढ़ है। एक सैकण्ड में 45 मेगाबाइट संचार सुविधा वाली इस प्रौद्योगिकी के कारण `एनएसएफनेट´ बारह अरब -12 बिलियन- सूचना पैकेट्स को एक महीने में अपने नेटवर्क पर आदान-प्रदान करने में सक्षम हो गया। इस प्रौद्योगिकी को और अधिक तेज गति देने के लिए `नासा´ और उर्जा विभाग ने अनुसंधान किया और ``एनएसआईनेट´´ और `ईएसनेट´ जैसी सुविधाओं को इसका आधार बनाया। इन्टरनेट हेतु `क्षेत्रीय´ सहायता कन्सर्टियम नेटवर्कों द्वारा तथा स्थानीय सहायता अनुसंधान व शिक्षा संस्थानों द्वारा उपलब्ध कराई जाती है। अमरीका में फेडरल तथा राज्य सरकारों की इसमें अहम भूमिका है परन्तु उद्योगों का भी इसमें काफी हाथ रहा है। यूरोप व अन्य देशों में पारस्परिक अन्तर्राष्ट्रीय सहयोग व राष्ट्रीय अनुसंधान संगठन भी इस कार्य में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। 1991 के अन्त तक इन्टरनेट इस कदर विकसित हुआ कि इसमें तीन दर्जन देशों के 5 हजार नेटवर्क शामिल हो गए, जिनकी पहुंच 7 लाख कम्प्यूटरों तक हो गई। इस प्रकार 4 करोड़ उपभोक्ताओं ने इससे लाभ उठाना शुरू किया। इन्टरनेट समुदाय को अमरीकी फेडरल सरकार की सहायता लगातार उपलब्ध होती रही क्योंकि मूल रूप से इन्टरनेट अमरीका के अनुसंधान कार्य का ही एक हिस्सा था। आज भी यह अमरीकी अनुसंधान कार्यशाला का महत्त्वपूर्ण अंग है किन्तु 1980 के दशक के अन्त में नेटवर्क सेवाओं व इन्टरनेट उपभोक्ताओं में अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर अभूतपूर्व वृद्धि हुई और इसका इस्तेमाल व्यापारिक गतिविधियों के लिये भी किया जाने लगा। सच तो ये है कि आज की इन्टरनेट प्रणाली का बहुत बड़ा हिस्सा शिक्षा व अनुसंधान संस्थानों एवं विश्व-स्तरीय निजी व सरकारी व्यापार संगठनों की निजी नेटवर्क सेवाओं से ही बना है। .

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अन्वेषणों की समय-रेखा

यहाँ ऐतिहासिक दृष्टि से महत्त्वपूर्ण तकनीकी खोजों की समय के सापेक्ष सूची दी गयी है। .

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अपराध

अपराध या दंडाभियोग (crime) की परिभाषा भिन्न-भिन्न रूपों में की गई है; यथा,.

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अपशिष्ट प्रबंधन

बर्कशायर, इंग्लैंड में पहियों वाला कचरे का डब्बा अपशिष्ट प्रबंधन परिवहन (transport), संसाधन (processing), पुनर्चक्रण (recycling) या अपशिष्ट (waste) के काम में प्रयोग की जाने वाली सामग्री का संग्रह है। यह शब्द आम तौर पर उस सामग्री को इंगित करता है जो मानव गतिविधियों से बनती हैं और ये इसलिए किया जाता है ताकि मानव पर उस के स्वस्थ, पर्यावरण (environment) या सौंदर्यशास्त्र.

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अफ्रीका का विभाजन

स्वतन्त्र सन १८८१ और १९१४ के बीच यूरोपीय शक्तियों द्वारा अफ्रीकी भूभाग पर आक्रमण करके उस पर अधिकार, उपनिवेशीकरण, और उस भूभाग को हड़प लेने को अफ्रीका का विभाजन (Partition of Africa) कहते हैं। इसको अफ्रीका के लिये हाथापाई (Scramble for Africa) और अफ्रीका पर विजय (Conquest of Africa) भी कहते हैं। इस समयावधि को 'नव उपनिवेशवाद काल' कहते हैं। सन १८७० में अफ्रीका के केवल १० प्रतिशत भूभाग पर यूरोपीय शक्तियों का अधिकार था किन्तु १९१४ तक उसके ९० प्रतिशत भूभाग पर यूरोप का अधिकार हो गया था। इस समय केवल अबीसिनिया (इथियोपिया) और लाइबेरिया ही स्वतन्त्र बचे थे। सन १८८४ में सम्पन्न हुए बर्लिन सम्मेलन को प्रायः अफ्रीका के विभाजन का आरम्भिक बिन्दु माना जाता है। १९ शताब्दी के अन्तिम भाग में यूरोपीय साम्राज्यों के बीच जबरदस्त राजनीतिक एवं आर्थिक स्पर्धा होने के बावजूद अफ्रीका को शान्तिपूर्ण ढंग से बाँट लिया और इस बंटवारे ने उन्हें आपस में युद्धरत होने से भी बचा लिया। अफ्रीका का विभाजन यूरोप के इतिहास की एक अत्यंत रोमांचक घटना मानी गयी है। विभाजन के महत्वपूर्ण कार्य को अत्यंत शीघ्रता से संपादित किया गया। यद्यपि विभाजनकर्ता विभिन्न राष्ट्रों में आपस में अनेक मतान्तर थे किन्तु फिर भी बिना कोई युद्ध लड़े इस कार्य को शांतिपूर्ण ढंग से पूर्ण कर लिया गया। .

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अब्दुल हाफ़िज़ मोहम्मद बरकतउल्ला

अब्दुल हाफिज मोहम्मद बारकतुल्ला, जिन्हें मौलाना बरकतुलह (सी.7 जुलाई 1854 - 20 सितंबर 1 9 27) के रूप में सम्मानित किया गया था, पैन इस्लामिक आंदोलन के लिए सहानुभूति के साथ एक भारतीय क्रांतिकारी था। बरकातुल्ला का जन्म 7 जुलाई 1854 को मध्य प्रदेश के इट्रा मोहल्ला भोपाल में हुआ था। उन्होंने भारत के बाहर से लड़ा, भारत के स्वतंत्रता के लिए प्रमुख समाचार पत्रों में अग्निमय भाषण और क्रांतिकारी लेखन के साथ। वह भारत को स्वतंत्र देखने के लिए जीवित नहीं था 1 9 88 में, भोपाल विश्वविद्यालय का नाम बदलकर बरकातुल्ला विश्वविद्यालय रखा गया था। .

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अब्दुल्ला यूसुफ़ अली

अब्दुल्ला यूसुफ़ अली, (डिग्रियां: सीबीई, एमए, एलएलएम, एफआरएसए, एफआरएसएल) (उर्दू: عبدللہ یوسف علی) जन्म 14 अप्रैल 1872 - 10 दिसंबर 1953) एक ब्रिटिश-भारतीय बैरिस्टर और विद्वान थे, जिन्होंने इस्लाम के बारे में कई किताबें लिखीं और अंग्रेजी में कुरान का अनुवाद सबसे व्यापक रूप से जाना जाता है और अंग्रेजी भाषी दुनिया में उपयोग किया जाता है। प्रथम विश्व युद्ध के दौरान ब्रिटिश युद्ध के प्रयास के समर्थक, अली ने 1917 में सीबीआई को उस कारण से अपनी सेवाओं के लिए प्राप्त किया। 1953 में लंदन में उनकी मृत्यु हो गई। .

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अभद्र प्रदर्शन

अभद्र प्रदर्शन किसी सार्वजनिक जगह पर या सार्वजनिक रूप से किसी व्यक्ति द्वारा शरीर का कुछ भाग को दिखाना, जो सामाजिक रूप से भद्र नहीं होता अभद्र प्रदर्शन कहलाता है। इस पर बहुत कम अंतर से अन्य देशों में बदलाव है। लेकिन इस पर कानून केवल कुछ ही देशों में बना है। .

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अभोरर्स

इंगलैंड के इतिहास में सन् १६७९ में अभोरर्स (Abhorrers) नाम उन व्यक्तियों को दिया गया जिन्होने निम्नलिखित कार्यवाही का घृणात्मक विरोध (abhorrence) किया। प्रोटेस्टेंट मतावलंबी लार्ड चांसलर शैफ़्ट्सबरी ने कैथोलिक मत के प्रसार का अवरोध करने तथा यार्क के ड्यूक जेम्स का उत्तराधिकार अवैध घोषित करने के लिए आंदोलन संगठित किया। जेम्स को सिंहासन से वंचित करने के लिए पार्लियामेंट में एक्स्क्लूज़न बिल प्रस्तुत किया गया। बिल को विफल करने के लिए चार्ल्स द्वितीय ने १६७९ में पार्लियामेंट भंग कर दी, फिर उसी वर्ष अक्टूबर में नई निर्वाचित पार्लियामेंट भी वर्ष भर के लिए स्थगित कर दी। शैफ़्ट्सबरी के आंदोलन के फल स्वरूप अनेक व्यक्तियों ने पार्लियामेंट फिर से बुलाने के लिए सम्राट् के सम्मुख प्रार्थनापत्र भेजे। प्रतिकार रूप में सर जार्ज जेफ्री औऱ फ्रांसिस विथेंस ने सम्राट् के समक्ष इस कार्य का घृणात्मक विरोध (abhorrence) प्रदर्शित करते हुए निवेदनपत्र भेजा। इस समय चार्ल्स की लोकप्रियता में वृद्धि तथा शैफ़्ट्सबरी के अनुचित कार्यों के कारण जनता में से भी अनेक व्यक्तियों ने प्रार्थियों के विरुद्ध आवेदन किया। जिन व्यक्तियों ने इस प्रकार के घृणात्मक विरोध का प्रदर्शन किया था उन्हें अभोरर्स (Abhorrers) कहा गया। बाद में इन्हें व्यंग रूप में टोरी संज्ञा प्राप्त हुई, तथा प्रार्थी दल को ह्विग संज्ञा। अभोरर्स श्रेणी:चित्र जोड़ें.

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अमन हेयर

अमन हेयर (पूरा नाम: अमनदीप सिंह हेयर पंजाबी: ਅਮਨਦੀਪ ਸਿੰਘ ਹੇਅਰ) एक ब्रिटेन आधारित भंगड़ा गायक और गीतकार है। .

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अमाल सिल्वा

संपथवाडुगे रोहिता सिल्वा (जन्म; १२ दिसम्बर १९६०, मोरातुवा, श्रीलंका) एक पूर्व श्रीलंकाई क्रिकेट टीम के खिलाड़ी है, जिन्होंने १९८३ से १९८८ तक ९ टेस्ट और २० वनडे में खेले थे। ये एक बाएं हाथ के विकेटकीपर और बल्लेबाज थे और श्रीलंका के लिए बल्लेबाजी की शुरुआत भी किया करते थे। .

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अमेथिस्ट

अमेथिस्ट बैंगनी क़िस्म का स्फटिक है जिसका अक्सर गहनों में इस्तेमाल किया जाता है। इसका नाम प्राचीन यूनानी ἀ a- ("नहीं") और μέθυστος methustos ("मादकता") से आया है, इस विश्वास के संदर्भ में कि रत्न नशे से अपने मालिक की रक्षा करता है; प्राचीन यूनानी और रोमवासी अमेथिस्ट पहना करते थे और इस विश्वास के साथ उनसे मद्य पात्र बनाते थे कि वह मदहोशी को रोकेगा.

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अमेरिकन एक्सप्रेस

अमेरिकन एक्सप्रेस कंपनी, जिसे "एमेक्स" के रूप मे‍ भी जाना जाता है, विविध वैश्विक वित्तीय सेवा प्रदान करने वाली एक कंपनी है, जिसका मुख्यालय न्यूयॉर्क सिटी में है। 1850 में संस्थापित यह कंपनी, डॉव जोन्स इ‍डस्ट्रियल एवरेज़ के 30 घटकों में से एक है। कंपनी विशेषकर अपने क्रेडिट कार्ड, चार्ज कार्ड और व्यवसायों के लिए ट्रैवेलर्स चेक के लिए जानी जाती है। एमेक्स कार्ड,‍ संपूर्ण अमेरिका में एकमात्र ऐसी कार्ड जारी करने वाली कंपनी है, जो क्रेडिट कार्ड के कुल मूल्य के लगभग 24 प्रतिशत तक का लेनदेन करने की अनुमति देती है। ^ $ में.

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अमेरिकन स्टाफ़ोर्डशायर टेरियर

अमेरिकन स्टाफ़ोर्डशायर टरियर कुत्तो की एक मध्य आकार की छोटे बालो वाली नसल है जिसके की प्रारंभिक वंशज इंग्लैंड से थे। २०वि सदी की शुरूआती समय में इस नसल की इज्जत की जाने लगी और इसे अमेरिकन केंनल क्लब में अमेरिकन स्टाफ़ोर्डशायर के रूप में शामिल कर लिया गया। श्रेणी:श्वान श्रेणी:चित्र जोड़ें.

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अमेरिकी साहित्य

आधुनिक काल के अमेरिकी साहित्य ने विश्व साहित्य पर अपनी छाप डाल दी है। विशेषतः शैली और प्रयोग पर यहाँ से नए विचार निकल पूरे विश्व के साहित्य में अपनाए गए। 'अमरीका' से यहाँ तात्पर्य संयुक्त राज्य अमरीका से है जहाँ की भाषा अंग्रेजी है। अमरीका की तरह उसका साहित्य भी नया है। .

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अरविन्द घोष

अरविन्द घोष या श्री अरविन्द (बांग्ला: শ্রী অরবিন্দ, जन्म: १८७२, मृत्यु: १९५०) एक योगी एवं दार्शनिक थे। वे १५ अगस्त १८७२ को कलकत्ता में जन्मे थे। इनके पिता एक डाक्टर थे। इन्होंने युवा अवस्था में स्वतन्त्रता संग्राम में क्रान्तिकारी के रूप में भाग लिया, किन्तु बाद में यह एक योगी बन गये और इन्होंने पांडिचेरी में एक आश्रम स्थापित किया। वेद, उपनिषद ग्रन्थों आदि पर टीका लिखी। योग साधना पर मौलिक ग्रन्थ लिखे। उनका पूरे विश्व में दर्शन शास्त्र पर बहुत प्रभाव रहा है और उनकी साधना पद्धति के अनुयायी सब देशों में पाये जाते हैं। यह कवि भी थे और गुरु भी। .

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अर्थशास्त्र

---- विश्व के विभिन्न देशों की वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर (सन २०१४) अर्थशास्त्र सामाजिक विज्ञान की वह शाखा है, जिसके अन्तर्गत वस्तुओं और सेवाओं के उत्पादन, वितरण, विनिमय और उपभोग का अध्ययन किया जाता है। 'अर्थशास्त्र' शब्द संस्कृत शब्दों अर्थ (धन) और शास्त्र की संधि से बना है, जिसका शाब्दिक अर्थ है - 'धन का अध्ययन'। किसी विषय के संबंध में मनुष्यों के कार्यो के क्रमबद्ध ज्ञान को उस विषय का शास्त्र कहते हैं, इसलिए अर्थशास्त्र में मनुष्यों के अर्थसंबंधी कायों का क्रमबद्ध ज्ञान होना आवश्यक है। अर्थशास्त्र का प्रयोग यह समझने के लिये भी किया जाता है कि अर्थव्यवस्था किस तरह से कार्य करती है और समाज में विभिन्न वर्गों का आर्थिक सम्बन्ध कैसा है। अर्थशास्त्रीय विवेचना का प्रयोग समाज से सम्बन्धित विभिन्न क्षेत्रों में किया जाता है, जैसे:- अपराध, शिक्षा, परिवार, स्वास्थ्य, कानून, राजनीति, धर्म, सामाजिक संस्थान और युद्ध इत्यदि। प्रो.

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अर्नाल्ड ट्वानबी

प्रसिद्ध इतिहासकार और अर्नाल्ड ट्वानबी के भतीजे के लिये देखें - जोज़फ अर्नाल्ड ट्वानबी ---- अर्नाल्ड ट्वानबी अर्नाल्ड ट्वानबी (1852-1883) इंग्लैंड के आर्थिक इतिहासकार और सहृदय समाजसेवी थे। वे प्रसिद्ध शल्यचिकित्सक जोजफ ट्वानबी के द्वितीय पुत्र थे। .

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अर्ल रसेल

इंग्लैंड के प्रधान मन्त्री।.

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अर्ल ग्रे

इंग्लैंड के प्रधान मन्त्री।.

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अर्ल आफ डार्बी

इंग्लैंड के प्रधान मन्त्री।.

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अर्ल आफ रोज़बेरी

इंग्लैंड के प्रधान मन्त्री।.

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अर्ल आफ आबर्डीन

इंग्लैंड के प्रधान मन्त्री।.

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अल्फ्रेड टेनिसन

लॉर्ड टेनिसन अल्फ्रेड, लार्ड टेनिसन (Alfred Tennyson, 1st Baron Tennyson, FRS; 6 अगस्त 1809 – 6 अक्टूबर 1892) की गणना अंग्रेजी साहित्य के महाकवियों में की जाती है। रानी विक्टोरिया के राज्यकाल के अधिकांश अवधि में वे ग्रेट ब्रिटेन तथा आयरलैण्ड के राजकवि (Poet Laureate) थे। .

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अल्फ्रेड नार्थ ह्वाइटहेड

अल्फ्रेड नार्थ ह्वाइटहेड अल्फेड नार्थ ह्वाइटहेड (Alfred North Whitehead; १८६१ - १९४७) इंग्लैण्ड के गणितज्ञ एवं दार्शनिक थे। वे प्रक्रिया दर्शन (process philosophy) नामक दार्शनिक सम्प्रदाय के प्रमुख दार्शनिक हैं। .

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अल्फ्रेड मार्शल

अल्फ्रेड मार्शल अल्फ्रेड मार्शल (Alfred Marshall; 26 जुलाई 1842 – 13 जुलाई 1924) अपने समय के सबसे प्रभावशाली अर्थशास्त्री थे। उनकी 'प्रिंसिपल्स ऑफ इकनॉमिक्स' (१८९०) अनेकों वर्षों तक इंग्लैण्ड में अर्थशास्त्र की पाठ्यपुस्तक के रूप में पढ़ायी जाती रही। इसमें मांग और आपूर्ति, मार्जिनल युटिलिटी तथा उत्पादन लागत को व्यवस्थित रूप दिया। मार्शल की गणना अर्थशास्त्र के प्रमुख संस्थापकों में की जाती है। .

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अलेक्सांदर प्रथम

अलेक्सांदर प्रथम का रूपचित्र (पोरट्रेट) अलेक्सांदर प्रथम (Alexander I; रूसी: Александр Павлович, अलेक्सांदर पावलोविच; 23 दिसम्बर 1777 – 1 दिसम्बर 1825), रूस का ज़ार था। वह पाल प्रथम का पुत्र था। वह २३ मार्च १८०१ से १ दिसम्बर १८२५ तक रूस का सम्राट था। वह प्रथम रूसी राजा था जिसने पोलैण्ड पर शासन किया। वह फिनलैण्ड और लिथुवानिया का भी पहला रूसी ग्रण्ड ड्यूक था। .

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अशोक चक्रधर

डॉ॰ अशोक चक्रधर (जन्म ८ फ़रवरी सन् १९५१) हिंदी के विद्वान, कवि एवं लेखक है। हास्य-व्यंग्य के क्षेत्र में अपनी विशिष्ट प्रतिभा के कारण प्रसिद्ध वे कविता की वाचिक परंपरा का विकास करने वाले प्रमुख विद्वानों में से भी एक है। टेलीफ़िल्म लेखक-निर्देशक, वृत्तचित्र लेखक निर्देशक, धारावाहिक लेखक, निर्देशक, अभिनेता, नाटककर्मी, कलाकार तथा मीडिया कर्मी के रूप में निरंतर कार्यरत अशोक चक्रधर जामिया मिलिया इस्लामिया में हिंदी व पत्रकारिता विभाग में प्रोफेसर के पद से सेवा निवृत्त होने के बाद संप्रति केन्द्रीय हिंदी संस्थानतथा हिन्दी अकादमी, दिल्ली के उपाध्यक्ष पद पर कार्यरत हैं। 2014 में उन्हें पद्म श्री से सम्मानित किया गया। .

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अस्थिचिकित्सा

अस्थिचिकित्सक '''लोवर सर्विकल वर्टिब्रा''' के अस्थिभ्रंश जैसे अनेक कार्य करते हैं। टेक्सास रेल दायें एसिटनुलम का मरम्मत का काम अस्थिचिकित्सा (Osteopathy) शल्यतंत्र (surgery) का वह विभाग हैं, जिसमें अस्थि तथा संधियों के रोगों और विकृतियों या विरूपताओं की चिकित्सा का विचार किया जाता है। अतएव अस्थि या संधियों से संबंधित अवयव, पेशी, कंडरा, स्नायु तथा नाड़ियों के तद्गत विकारों का भी विचार इसी में होता है। .

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अस्पृश्यता

भारतीय संस्कृति का मूलमंत्र 'मानव-जाति से प्यार' ऊँच-नीच की भावना रूपी हवा के झोंके से यत्र-तत्र बिखर गया। ऊँच-नीच का भाव यह रोग है, जो समाज में धीरे धीरे पनपता है और सुसभ्य एवं सुसंस्कृत समाज की नींव को हिला देता है। परिणामस्वरूप मानव-समाज के समूल नष्ट होने की आशंका रहती है। अतः अस्पृश्यता मानव-समाज के लिए एक भीषण कलंक है। आज संसार के प्रत्येक क्षेत्र में चाहे वह राजनीतिक हो अथवा आर्थिक, धार्मिक हो या सामाजिक, सर्वत्र अस्पृश्यता के दर्शन किए जा सकते हैं। अमेरिका, इंग्लैंड, जापान आदि यद्यपि वैज्ञानिक दृष्तिकोण से विकसित और संपन्न देश हैं किंतु अस्पृश्यता के रोग में वे भी ग्रसित हैं। अमेरिका जैसे महान राष्ट्र में काले एवं गोरें लोगों का भेदभाव आज भी बना हुआ है। अस्पृश्यता .

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अहमद उमर सईद शेख़

अहमद उमर सईद शेख़ पाकिस्तानी मूल के ब्रिटिश आतंकवादी है। शेख ने 2002 में वॉल स्ट्रीट जर्नल के पत्रकार डेनियल पर्ल को पाकिस्तान में किडनैप करवाया और उनकी हत्या कर दी गई थी। उसी साल अदालत ने उमर को मौत की सज़ा सुनाई, लेकिन 16 साल बाद भी उसे फांसी नहीं दी जा सकी है और वो आज भी जिंदा है। पाकिस्तान मूल का उमर लंदन में पैदा हुआ। लंदन स्कूल ऑफ़ इकोनॉमिक्स में एडमिशन हुआ। लेकिन ये पढ़ाई छोड़ दी। वहां से वो चरमपंथ के रास्ते निकल गया। 1999 में जब इण्डियन एयरलाइंस फ्लाइट ८१४ को हाइजैक करके कंधार ले जाया गया था और हरकत-उल-मुजाहिदिन के जिन तीन आंतकियों को भारतीय जेलों से छुड़वा लिया गया था उनमें से एक ओमर भी था। बाद में 11 सितम्बर 2001 के हमले में अमेरिका में वर्ल्ड ट्रेड सेंटर में विमानों के जो हमले हुए उनमें भी ओमर का नाम आया। पाकिस्तान के पूर्व-राष्ट्रपति परवेज़ मुशर्रफ़ ने अपनी आत्मकथा ‘इन द लाइन ऑफ फायर’ में ओमर के डबल एजेंट होने का ज़िक्र किया है। .

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अवेंजर्स: एज ऑफ़ अल्ट्रॉन

अवेंजर्स: ऐज ऑफ़ अल्ट्रॉन (Avengers: Age of Ultron) 2015 में बनी अमेरिकी सुपर हीरो फिल्म है। ये 2012 की द अवेंजर्स की अगली कड़ी है। इसमें आयरन मैन (रॉबर्ट डॉनी जुनियर) है। इसमें थॉर (क्रिस हेम्सवर्थ), ब्लैक विडो (स्कारलेट जोहानसन), कैप्टेन अमेरिका (क्रिस इवांस), हॉक आइ (जेरेमी रेनर) और हल्क (मार्क रूफोलो) हैं। उनको चुनौती देने के लिए क्विकसिल्वर (एरन टेलर) और स्कारलेट विच (एलिजाबेथ ओल्सन) खलनायक की भूमिकाओं में हैं तो कृत्रिम बुद्धिमत्ता से युक्त अल्ट्रॉन भी। .

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अवेंजर्स: इन्फिनिटी वॉर

अवेंजर्स: इन्फिनिटी वॉर (Avengers: Infinity War) २०१८ की एक अमेरिकी सुपरहीरो फ़िल्म है, जो मार्वेल कॉमिक्स की सुपरहीरो टीम, अवेंजर्स पर आधारित है। इसका निर्माण मार्वल स्टूडियो ने किया है, और वितरण का काम वाल्ट डिज़्नी स्टुडियो मोशन पिक्चर्स कर रही है। यह २०१२ की फिल्म द अवेंजर्स और २०१५ की फिल्म अवेंजर्स: एज ऑफ़ अल्ट्रॉन की कड़ी में अगली फिल्म है, और साथ ही मार्वल सिनेमेटिक यूनिवर्स की १९वीं फिल्म है। इसकी पटकथा क्रिस्टोफर मार्कस और स्टीफन मैकफ़ेली ने लिखी है, और यह फिल्म एंथनी तथा जो रूसो द्वारा निर्देशित की गई है। पिछली एमसीयू फिल्मों से कई अभिनेता इस फिल्म में प्रमुख भूमिका निभाएंगे। अवेंजर्स: इन्फिनिटी वॉर में अवेंजर्स और गार्जियंस ऑफ द गैलेक्सी एक साथ मिलकर थैनॉस को रोकने की कोशिश करते हैं, जो अनन्तमणियों को इकट्ठा करने में लगा है। फिल्म की घोषणा अक्टूबर २०१४ में अवेंजर्स: इन्फिनिटी वॉर - भाग १ के रूप में की गई थी। अप्रैल २०१५ में रूसो बन्धु निर्देशित करने के लिए चुने गए, और मई तक मार्कस और मैकफेली ने फिल्म की पटकथा लिखने के अनुबंध पर हस्ताक्षर किए, जो कि जिम स्टार्लिन की १९९१ की "इन्फिनिटी गौंटलेट" कॉमिक और जोनाथन हिकमैन की २०१३ "इन्फिनिटी" कॉमिक से प्रेरित है। २०१६ में मार्वल ने औपचारिक तौर पर फिल्म का शीर्षक "अवेंजर्स: इन्फिनिटी वॉर" घोषित कर दिया। फिल्मांकन जनवरी २०१७ में जॉर्जिया के फेयेट काउंटी में स्थित पाइनवुड अटलांटा स्टूडियो में शुरू हुआ, और जुलाई २०१७ तक चलता रहा, जिसमे साथ साथ ही अगली कड़ी की शूटिंग भी निपटा ली गई। स्कॉटलैंड, इंग्लैंड, डाउनटाउन अटलांटा क्षेत्र और न्यूयॉर्क शहर में अतिरिक्त फिल्मांकन हुआ। लगभग ३२० मिलियन डॉलर के अनुमानित बजट के साथ, यह अब तक की सबसे महंगी फिल्मों में से एक है। अवेंजर्स: इन्फिनिटी वॉर का विश्व प्रीमियर २३ अप्रैल २०१८ को लॉस एंजेलिस में आयोजित किया गया, और २७ अप्रैल २०१८ को इसे संयुक्त राज्य अमेरिका में आईमैक्स और ३डी में रिलीज़ किया गया। फिल्म को समीक्षकों से सकारात्मक प्रतिक्रियाएं मिली, जिन्होंने कलाकारों, विसुअल इफेक्ट्स, कहानी के भावनात्मक वजन और एक्शन दृश्यों की सराहना की, हालांकि फिल्म के रनटाइम को कुछ आलोचना मिली। इस फिल्म ने दुनिया भर में २ बिलियन डॉलर से अधिक कमाई कर ली है, जिससे यह विश्व की चौथी सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म, और साथ ही २०१८ की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म, सबसे ज्यादा कमाई करने वाली सुपरहीरो फिल्म, और यूएस तथा कनाडा क्षेत्र में पांचवीं सर्वाधिक कमाई करने वाली फिल्म बन गई है। अपने पहले सप्ताहांत में फिल्म ने दुनिया भर में ६४१ मिलियन डॉलर, और संयुक्त राज्य अमेरिका और कनाडा में २५८ मिलियन डॉलर की कमाई की, जो दोनों ही क्षेत्रों के लिए उच्चतम है। ११ दिनों में १ बिलियन डॉलर के विश्वव्यापी सकल तक पहुंचकर यह इतिहास में ऐसा करने वाली सबसे तेज़ फिल्म है। इसका सीक्वल ३ मई २०१९ को जारी किया जाएगा। .

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अगम्यगमन

अगम्यगमन (Incest) अथवा कौटुम्बिक व्यभिचार वो होता है जब एक पुरुष किसी ऐसी महिला जो उसके खून के रिश्ते मे आती हो या उसके विवाह से सम्बंधित हो जैसे माँ, बहिन,पुत्री, भतीजी,साली, सास, चची,भाभी, बहु इत्यादि से सेक्सुअल सम्बन्ध बनता है उसे कोटुम्भिक व्यभिचार बोलते है। कोटुम्भिक व्याभिचार न केवल कानूनी दृष्टि से अपितु नैतिक दृष्टि से भी एक अपराध माना जाता है। कोटुम्भिक व्याभिचार मे किसी बालक के साथ किये गए सेक्सुअल एक्टिविटी को भी रखा जाता है (जब निष्क्रिय माध्यम(पीड़ित) अपराधी के रिश्तदार हो)।;विश्व मे स्थिति: इंग्लैंड तथा दुसरे कुछ पश्चिमी देशो मे इसे एक गंभीर अपराध माना जाता है। इस अपराध मे निष्क्रिय माध्यम का सहमति देना भी क्पोई मायने नहीं रखता था अपराधी पर मुकदमा चलता है।;भारत मे स्थिति: इंग्लैंड की तरह भारत मे इस तरह के अपराध के लिए कोई अलग से कानून नही बनाया गया व्यभिचार है भारत मे इस तरह के अपराध कोई मायने नहीं रखते जब तक वो धारा 376 (बलात्कार की श्रेणी) धारा 377 (अप्राक्र्तीक सेक्स / या अनल सेक्स अपराध की श्रेणी) या धारा 497 (Adultery/व्यभिचार ki श्रेणी) मे नहीं आता हो। श्रेणी:व्यभिचार श्रेणी:चित्र जोड़ें.

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अगाथा क्रिस्टी

अगाथा क्रिस्टी (1890-1976) (पूरा नाम अगाथा मैरी क्लरिस्सा क्रिस्टी, लेडी मैलोवैन/डेम अगाथा क्रिस्टी; Agatha Mary Clarissa, Lady Mallowan/Dame Agatha Christie) विश्वप्रसिद्ध अंग्रेज़ी उपन्यासकार थीं। वो अंग्रेजी अपराध उपन्यासकार, लघु कथा लेखिका, और नाटक रचनाकार थी। वह अपने 66 जासूसी उपन्यासों के लिए विशेष तौर पर जानी जाती हैं। इनके द्वारा रचित दो मुख्य पात्र हैं एर्क्यूल प्वारो और मिस मार्पल। इनकी प्रसिद्धि इस बात से ज़ाहिर होती है कि इनकी लिखित किताबें विलियम शेक्सपियर के अतिरिक्त विश्व के किसी और लखक की किताबों से अधिक बिकी हैं। 2006 तक विश्व की महानतम महिला लेखिकाओं में से एक गिनी जाने वाली अगाथा के उपन्यासों की एक अरब से भी अधिक प्रतिलिपियाँ बिक चुकी हैं, तथा 100 से भी अधिक भाषाओं में अनुवादित की गई हैं। .

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अंतर्शासन काल

शासन-अंतराल, राजा-अंतराल या शासन अंतर्काल या केवल अंतर्काल, किसी निरंतर व अविरल शासन व्यवस्था में अनिरंतर्ता या असातत्यता के काल को कहा जाता है। इस शब्द को किसी सरकार, राजतंत्र या संगठन में शीर्ष नेतृत्व के परिवर्तन के मध्य के समय के बोध के लिए भी उपयोग किया जा सकता है। किसी राजतांत्रिक व्यवस्था में एक शासक की मृत्यु या पदत्याग और उसके उत्तराधिकारी के राज्याभिषेक के बीच के काल को कहा जा सकता है, वहीँ किसी गणतांत्रिक व्यवस्था में एक राष्ट्रप्रमुख या शासनप्रमुख के पदत्याग और अगले पदाधिकारी के पदप्रवेश के बीच के समय को भी कहा जा सकता है। तथा एक विशेष प्रकार के शासन-व्यवस्था की निरंतरता के बीच किसी अन्य व्यवस्था के अनिरंतर्ता के काल को कहा जाता है। उदाहरणस्वरूप:वर्ष १५४० से १५५५ के बीच शेर शाह सूरी का राज, मुग़ल शासन का अंतर्काल था, उसी प्रकार १६४९ से १६५० के बीच अंग्रेज़ी गणसंघ और प्रोटेक्टरेट का गणतांत्रिक काल, इंग्लैंड, स्कॉटलैंड और आयरलैंड राजशाही में राजतांत्रिक शासन का अंतर्काल था। ऐतिहासिक तौर पर अमूमन ऐसा देखा गया है की लंबे अंतर्शासन काल, अस्त-व्यस्तता, अराजकता, उत्तराधिकार युद्ध और गृहयुद्ध जैसी परिस्थितियों से ग्रस्त होते हैं। एक विफल राज्य आमतौर पर अंतर्काल का हिस्सा होता है। संसदीय व्यवस्था में संसद के भंग होने और नवीन संसद के निर्वाचन के बीच के काल को अंतर्काल कहा जाता है। कई देशों में इस समय के दौरान एक अंतर्कालीन सरकार या सामायिक सरकार का शासन होता है, जिसे किसी न्यायाधीश या सभापति जैसे निष्पक्ष पदाधिकारी के नेतृत्व में निर्वाचन काल की अघुआई करने हेतु रखा जाता है। कई राजतांत्रिक देशों में ऐसे अंतर्काल से बचने के लिए, तत्क्षणिक उत्तराधिकार की व्यवस्था होती है, जिसके कारण, पूर्वशासक के निधन के साथ ही उनका उत्तराधिकारी, बिना किसी औपचारिकता या समारोह के, सिंघासन पर विराजमान हो जाता है, अतः तकनीकी तौर पर, ऐसी व्यवस्था में, सिंघासन कभी भी रिक्त नहीं रहता है। ऐसी व्यवस्था संयुक्त राजशाही तथा कुछ अन्य योरोपीय देशों में देखि जा सकती है। .

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अंतानिओ वेरिओ

एन्तानिओ वेरिओ अंतोनिओ वेरिओ (Varrio, Antonio, १६४०-१७०७) इटली का दरबारी चित्रकार था। फ्रांसीसी कला अकादमी से वह लगभग १६७१ ई. में इंग्लैंड आया। विंडसर तथा व्हाइट हाल के राजभवनों में उसे चित्र बनाने का काम दिया गया। बाद में उसने चैटसवर्थ तथा बर्ले में भी चित्र बनाए। १६९९ में वह क्वीन एन की आज्ञा से हैपटन कोर्ट के लिए चित्र बनाने में संलग्न हुआ। वेरिओ की चित्रकला अलंकरणप्रधान थी। वह गाढ़े चमकदार रंगों से तड़क-भड़कवाले चित्र बनाता था और चित्र के पात्रों की वेशभूषा को खूब अलंकृत कर चित्रित करता था। ऐसे चित्र उस समय इंग्लैड में नए-नए चले थे और साधारण दर्शकों का खूब मनोरंजन करते थे। .

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अंजुम चोपड़ा

अंजुम चोपड़ा (20 मई 1977) भारत की राष्ट्रीय महिला क्रिकेट टीम की सदस्य और भारतीय महिला क्रिकेट टीम की पूर्व कप्‍तान हैं। .

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अंग्रेज़

अंग्रेज़ (या फिरंगी) इंग्लैण्ड मूल अंग्रेज़ी भाषी लोगों को कहा जाता है। .

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अंग्रेजी नाटक

इब्सन के प्रचार ने अंग्रेजी नाटक को नई दिशा दी। उसके नाटकों की कुछ विशेषताएँ ये थीं- समाज और व्यक्ति की साधारण समस्याएँ; पुरानी नैतिकता की आलोचना; बाहरी संघर्षों के स्थान पर आंतरिक संघर्ष; रंगमंच पर यथार्थवाद; विवरणात्मक साज-सज्जा; स्वगत का बहिष्कार; बोलचाल की भाषा से निकटता; प्रतीकवाद। इब्सन के नाटक समस्या नाटक हैं। 20वीं शताब्दी के प्रारंभिक नाटककारों पर इब्सन के अतिरिक्त चेखव का भी गहरा असर पड़ा। ऐसे नाटककारों में सबसे प्रमुख शॉ और गाल्सवर्दी के अतिरिक्त ग्रैनबिल बार्कर, सेंट जॉन हैंकिन, जॉन मेसफील्ड, सेंट जॉन अर्विन, आर्नल्ड बेनेट इत्यादि हैं। इस युग में कॉमेडी ऑव मैनर्स की परंपरा भी विकसित हुई है। 19वीं शताब्दी के अंत में ऑस्कर वाइल्ड ने इसको पुनरुज्जीवित किया था। 20वीं शताब्दी में इसके प्रमुख लेखकों में शॉ, मॉम, लांसडेल, सेंट अर्विन, मुनरो, नोएल काअर्ड, ट्रैवर्स, रैटिगन इत्यादि हैं। समस्या नाटकों की परंपरा भा आगे बढ़ी है। उनके लेखकों में सबसे प्रसिद्ध ओफ़ कैसी के अतिरिक्त शेरिफ, मिल्न, प्रीस्टले और जॉन व्हॉन ड्रटेन हैं। इस युग के ऐतिहासिक नाटककारों में सबसे प्रसिद्ध डिं्रकवाटर, बैक्स और जेम्स ब्रिडी हैं। काव्य नाटकों का विकास भी अनेक लेखकों ने किया है। उनमें स्टीफेन फिलिप्स, येट्स, मेसफील्ड, डिं्रकवाटर, बाम्ली, फ्लेकर, अबरक्रुंबी, टी.एस.

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अंग्रेजी साहित्य

अंग्रेजी साहित्य के प्राचीन एवं अर्वाचीन काल कई आयामों में विभक्त किए जा सकते हैं। यह विभाजन केवल अध्ययन की सुविधा के लिए किया जाता है; इससे अंग्रेजी साहित्य प्रवाह को अक्षुण्णता पर कोई प्रभाव नहीं पड़ना चाहिए। प्राचीन युग के अंग्रेजी साहित्य के तीन स्पष्ट आयाम है: ऐंग्लो-सैक्सन; नार्मन विजय से चॉसर तक; चॉसर से अंग्रेजी पुनर्जागरण काल तक। .

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अंग्रेजी विधि

विश्व के वे क्षेत्र जहाँ पूर्णतः या आंशिक रूप से अंग्रेजी विधि चलती है इंग्लैण्ड और वेल्स की कानून प्रणाली को अंग्रेजी विधि (English law) कहा जाता है। अधिकांश राष्ट्रकुल देशों एवं संयुक्त राज्य अमेरिका की 'समान विधि' (common law) इसी प्रणाली पर आधारित है। जब वर्तमान राष्ट्रकुल देशों में ब्रितानी साम्राज्य था, उस समय ये कानून इन देशों में लागू किये गये और अब तक चल रहे हैं। .

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अंग्रेजी कहानी

कहानी की जड़ें हजारों वर्ष पूर्व धार्मिक गाथाओं और प्राचीन दंत कथाओं तक जाती है, किंतु आज के अर्थ में कहानी का आरंभ कुछ ही समय पूर्व हुआ। अंग्रेजी साहित्य में चॉसर की कहानियाँ अथवा जुलाहों के जीवन से संबंधित डेलानी की कहानियाँ पहले भी मिलती हैं, किंतु वास्तव में कहानी की लोकप्रियता 19वीं शताब्दी में बढ़ी। पत्र-पत्रिकाओं की स्थापना और आधुनिक जीवन की भाग-दौड़ के साथ कहानी का विकास हुआ। 18वीं शताब्दी में निबंध के साथ हमें कहानी के तत्व लिपटे हुए मिलते हैं। इस प्रकार की रचनाओं में सर रॉजर डि कवर्ली से संबद्ध स्केच उल्लेखनीय है। 19वीं शताब्दी में हमें पूर्णत: विकसित कहानी मिलती है। कहानी जीवन की एक झाँकी मात्र हमें देती है। उपन्यास से सर्वथा अलग इसका रूप है। कहानी की सबसे सफल परिभाषा जीवन का एक अंश है। स्कॉट और डिकेन्स ने कहानियाँ लिखी थीं। डिकेन्स ने अपना साहित्यिक जीवन ही ‘स्केचेज बाइ बौज़’नाम की रचना से शु डिग्री किया था, यद्यपि इनकी वास्तविक देन उपन्यास के क्षेत्र में है। ट्रोलोप और मिसेज़ गैस्केल ने भी कहानियाँ लिखी थीं, किंतु कहानी के सर्वप्रथम बड़े लेखक वाशिंगटन अरविग, हॉर्थार्न, ब्रेट हार्ट और पो अमरीका में हमें मिलते हैं। अरविंग (1783-1859) की ‘स्केच बुक’अपूर्व कहानियों का भांडार है। इनमें सबसे सफल ‘रिप वान विंकिल’है। हाथार्न (1804-64) की कहानियाँ हमें परीलोक के स्वप्न दिखाती हैं। ब्रेट हार्ट (1839-1902) की कहानियों में अमरीका की पश्चिम की बस्तियों के अव्यवस्थित जीवन का दिग्दर्शन है। पो (1809-1849) विश्व के सर्वश्रेष्ठ कहानी लेखक कहे जाते हैं। उनकी कहानियाँ भय, आतंक और आश्चर्य से पाठक को अभिभूत कर डालती है। इंग्लैंड में स्टीवेन्सन (1850-1894) ने कहानी की प्रौढ़ता प्रदान की। उनकी ‘मार्खेइम’, ‘विल ओ दि मिल’और ‘दि बाटल इम्प’आदि कहानियाँ सुप्रसिद्ध हैं। हेनरी जेम्स (1843-1916) उपन्यासों के अतिरिक्त कहानी लिखने में भी बहुत कुशल थे। मनोवैज्ञानिक विश्लेषण में उनकी सफलता अपूर्व थी। ऐंब्रोज़ बीअर्स (1842-1913) कोमल और संश्लिष्ट भावनाओं को व्यक्त करने में अत्यंत कुशल थे। कैथरीन मैन्सफ़ील्ड (1889-1923) सुकुमार क्षणों का चित्रण वुरुश के हल्के आघातों के समान करती है। 20वीं शताब्दी के सभी बड़े उपन्यासकारों ने कहानी को अपनाया। यह 19वीं सदी की परंपरा में ही एक आगे बढ़ा हुआ कदम था। टॉमस हार्डी की ‘वेसेक्स टेल्स’के समान एच.जी.

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अंग्रेजी उपन्यास

अंग्रेजी उपन्यास विश्व के महान साहित्य का विशिष्ट अंग है। फील्डिंग, जेन ऑस्टिन, जार्ज इलियट, मेरेडिथ, टॉमस हार्डी, हेनरी जेम्स, जॉन गाल्सवर्दी और जेम्स ज्वॉयस के समान उत्कृष्ट कलाकारों की कृतियों ने उसे समृद्ध किया है। अंग्रेजी उपन्यास जीवन पर मर्मभेदी दृष्टि डालता है, उसकी समुचित व्याख्या करता है, सामाजिक अनाचारों पर कठोर आघात करता है और जीवन के मर्म को ग्रहण करने का अप्रतिम प्रयास करता है। अंग्रेजी उपन्यास ने अमर पात्रों को एक लंबी पंक्ति भी विश्व साहित्य को दी है। वह इंग्लैंड के सामाजिक इतिहास को एक अपूर्व झाँकी प्रस्तुत करता है। अंग्रेजी उपन्यास की प्रेरणा के स्रोत मध्यकालीन ऐंग्लो-सैक्सन रोमांस थे, जिनकी अद्भुत घटनाओं और कथाओं ने परवर्ती कथाकारों की कल्पना को उड़ने के लिए पंख दिए। यह रोमांस जीवन की वास्तविकताओं के अतिरंजित चित्र थे और अलेक्सांदर अथवा ट्रॉय आदि के युद्धों से संबंध होते थे। ऐसे प्राचीन रोमांस आगे चलकर गद्य रूप में भी प्रस्तुत हुए। इनमें सर टॉमस मैलरी का ‘मौर्त द आर्थर’ (1484) विशेष उल्लेखनीय है। गद्य में कथा कहने का इंग्लैंड में यह पहला प्रयास था। अंग्रेजी उपन्यास के इतिहास में इसी प्रकार की अन्य कृतियाँ सर टॉमस मोर की ‘यूटोपिया’(1516) और सर फिलिप सिडनी की ‘आर्केडिया’(1590) थी। कुछ इतिहासकार जॉन लिली (1554-1606) के उपन्यास ‘यूफुइस’ (1580) को पहला अंग्रेजी उपन्यास कहते हैं। किस रचना को पहला अंग्रेजी उपन्यास कहा जाय, इस संबंध में बहुत कुछ मतभेद संभव है, किंतु अंग्रेजी उपन्यास के इतिहास में युफुइस का उल्लेख अनायास हो जाता है। इस उपन्यास की भाषा बहुत कुछ कृत्रिम और आलंकारिक है तथा अँग्रेजी गद्य के विकास पर इस शैली का बहुत प्रभाव पड़ा था। अंग्रेजी दरबारी जीवन का इस उपन्यास में सजीव और यथार्थ चित्रण है। एलिज़ाबेथ के युग में शेक्सपियर के पूर्ववर्ती लेखकों ने अनेक उपन्यास लिखे, जिनमें से कुछ ने शेक्सपियर को उनके नाटकों के कथानक भी प्रदान किए। ऐसी रचनाओं में रॉबर्ट ग्रीन (1562-92) को ‘पैडोस्टो’और टॉमस लॉज (1558-1625) की ‘रोज़ेलिंड’उल्लेखनीय है। टॉमस नैश (1567-1601) पहले अंग्रेजी कथाकार थे जिन्होंने यथार्थवाद और व्यंग को अपनाया। उनके उपन्यास ‘दि अन्फार्चुनेट ट्रैवेलर ऑर दि लाइफ ऑव जैक विल्टन’में जीवन के बहुरंगी चित्र हैं। कथा का नायक विल्टन देश-विदेशों में घूमता-फिरता है और कथानक घटनाओं के विचित्र जाल में गुँथा है। एलिज़ाबेथ युगीन लेखकों में टॉमस डेलानी (1543-1600) को भी उपन्यासकार कहा गया है। उनके उपन्यास ‘जैक ऑव न्यूवरी’में एक तरुण जुलाहे का वर्णन है जो अपने स्वामी की विधवा से विवाह करके समृद्ध जीवन बिताता है। 17वीं शताब्दी में रोमांस का पुनरुत्थान हुआ, ऐसी कथाओं का जिनका उपहास ‘डॉन क्विग्ज़ोट ’ में किया गया है। अंग्रेजी उपन्यास की इन रचनाओं का कोई विशेष महत्व नहीं है। अंग्रेजी उपन्यास में एक महत्त्वपूर्ण कदम जॉन बन्यन (1628-1688) का उपन्यास ‘दि पिलग्रिम्स प्रोग्रेस’था। यह कथा रूपक है जिसमें कथा नायक क्रिश्चियन अनेक बाधाओं का सामना करता हुआ अपने लक्ष्य तक पहुँचता है। डिफो (1661-1731) की रचनाओं का अंग्रेजी उपन्यास के विकास पर बहुत प्रभाव पड़ा। उन्होंने यथार्थवादी शैली को अपनाया और जीवन की गति की भाँति ही उनके उपन्यासों की गति थी। उनका उपन्यास ‘रॉबिन्सन क्रूसो’अत्यंत लोकप्रिय हुआ। इसके अतिरिक्त भी उन्होंने अनेक महत्त्वपूर्ण रचनाओं की सृष्टि की। स्विफ्ट (1667-1745) अपने उपन्यास ‘गुलिवर्स ट्रैवेल्स’में मानव जाति पर कठोर व्यंग प्रहार करते हैं, यद्यपि उस व्यंग को अनदेखा करके अनेक पीढ़ियों के पाठकों ने उनकी कथाओं का रस लिया है। 18वीं शताब्दी में इंग्लैंड में चार उपन्यासकारों ने अंग्रेजी उपन्यास को प्रगति का मार्गं दिखाया। रिचर्ड्सन (1689-1761) ने अपने उपन्यासों से मध्यम वर्ग के नए पाठकों को परितोष प्रदान किया। इनके तीन उपन्यासों के नाम हैं-‘पैमेला’, ‘क्लैरिसा हालों’और ‘सर चार्ल्स ग्रांडीसन’। रिचर्ड्सन की रचनाएँ भावुकता से भरी थीं और उनकी नैतिकता संदिग्ध थी। इन त्रुटियों की आलोचना के लिए फील्डिंग (1707-1754) ने अपने उपन्यास, ‘जोजेफ ऐंड्र्यूज’, ‘टाम जोन्स’, ‘एमिलिया’और ‘जोनेथन वाइल्ड’लिखे। इन रचनाओं ने अंग्रेजी उपन्यास को दृढ़ धरातल और विकास के लिए ठोस परंपरा प्रदान की। 18वीं शताब्दी में जिन चार उपन्यासकारों ने अंग्रेजी उपन्यास की विशेष समृद्ध किया उनमें दो अन्य नाम स्मॉलेट (1721-1771) और स्टर्न (1713-1768) के हैं। इस शताब्दी का एक और महत्त्वपूर्ण उपन्यास था गोल्डस्मिथ (1728-1774) का ‘दि विकार ऑव वेकफील्ड’। सर वाल्टर स्कॉट (1771-1832) और जेन मास्टिन (1775-1817) की कृतियाँ अंग्रेजी उपन्यास की निधि है। स्कॉट ने अंग्रेजी इतिहास का कल्पनारंजित और रोमानी चित्रण अपने उपन्यासों में किया। स्काटलैंड के जनजीवन का अनुपम अंकन भी हमें उनकी कृतियों में मिलता है। स्कॉट इंग्लैंड के सबसे सफल ऐतिहासिक उपन्यासकार है। उनकी रचनाओं में ‘आइवनहो’, ‘केनिथवर्थ’और ‘दि टैलिस्मान’की बहुत ख्याति है। जेन आस्टिन मध्यवर्गीय नारी जीवन की कुशल कलाकार हैं। वे व्यंग और निर्ममता से पात्रों को प्रस्तुत करती है। बाह्य जीपन का इतना सजीव अंकन साहित्य में दुर्लभ है। जेन ऑस्टिन की रचनाओं में ‘प्राइड ऐंड प्रेजुडिस’, ‘एमा’और ‘पर्सुएशन’ की विशेष ख्याति है। 19वीं शताब्दी के उत्तरार्ध में अंग्रेजी उपन्यास प्रगति के शिखर पर पहुँचा। यह डिफेन्स (1812-1870) और थैकरे (1811-1863) का युग है। इस युग के अन्य महान उपन्यासकार जॉर्ज इलियट, जॉर्ज मेरेडिक, ट्रोलोप, हेनरी जेम्स आदि है। डिकेन्स इंग्लैंड के सबसे अधिक लोकप्रिय उपन्यासकार है। उन्होंने पिकविक के समान अमर पात्रों की सृष्टि की जो अंग्रेजी के पाठकों की स्मृति में सदा के लिए घर कर चुके हैं। डिकेन्स ने अपने काल की कुरीतियों पर भी अपने साहित्य में कठोर प्रहार किया। उन्होंने बच्चों की वेदना को अपनी कृतियों में मार्मिक अभिव्यक्ति दी। कानून की उलझनों, सरकारी दफ्तरों केचक्र, फ़ैक्टरियों में मजदूरों के कष्ट आदि विषयों का भी डिकेन्स की कृतियों में सशक्त अंकन है। उनके उपन्यासों में ‘पिकनिक पेपर्स’, ‘ऑलिवर ट्विस्ट’, ‘ओल्ड क्यूरिऑसिटी शॉप’, ‘डेविड कॉपरफील्ड’, ‘ए टेल ऑव टू सिटीज’, ‘ग्रेट एक्सपेक्टेशन्स’, आदि विशेष महत्त्वपूर्ण है। डिकेन्स के समकालीन थैकरे ने अपने युग के महत्वाकांक्षी और पाखंडी लोगों पर अपनी कृतियों में कठोर प्रहार किए। थैकरे का साहित्य परिमाण में अपेक्षाकृत कम है, किंतु आधे दर्जन स्मरणीय उपन्यासों में उन्होंने बेकी शार्प और बिट्रिक्स जैसे पात्रों की विफलता का मार्मिक अंकन किया। थैैकरे के उपन्यासों में गहरी वेदना छिपी है। संसार उन्हें एक विराट् मेला प्रतीत होता था। उनके उपन्यासों में ‘वैनिटी फेयर’, ‘हेनरी एस्मंड’, ‘पेन्डेनिस’ तथा ‘दि न्यूकम्स’विशेष महत्त्वपूर्ण के हैं। विक्टोरिया युग में अनेक महत्त्वपूर्ण कलाकारों ने अंग्रेजी उपन्यास को समृद्ध किया। डिज़रेली (1804-1881) ने राजनीतिक उपन्यास लिखे, बुलबर लिटन (1803-1873) ने ‘दि लास्ट डेज़ ऑव पांपेई’के से सफल ऐतिहासिक उपन्यास लिखे। चार्ल्स किंग्सली (1891-1875) ने ‘वेस्टवर्ड’हो और ‘हिपैशिया’के से उत्कृष्ट ऐतिहासिक उपन्यास अंग्रेजी को दिए। इसी प्रकार चार्ल्स रोड (1814-1884), चार्लेट ब्रौन्टे (1816-1855), ऐमिली ब्रौन्टे (1818-1848), मिसेज गैस्केल (1810- 1865), विल्की कॉलिन्स (1824-1889) आदि के नाम अंग्रेजी उपन्यास के इतिहास में स्मरणीय है। जार्ज इलियट (1819-1880) की गणना इंग्लैंड के महान उपन्यासकारों में है, यद्यपि काल के प्रवाह ने आज उनकी कला का मूल्य कम कर दिया है। उनके विशेष सफल उपन्यासों में ‘साइलस मार्नर’, ‘ऐडम बीड’, ‘दि मिल ऑन दि फ्लास’और ‘रामोला’के नाम हैं। ऐंटनीट्रौलौप (1815-82) ने बारसेट नाम के क्षेत्र का अंतरंग चित्रण अपने उपन्यासों में किया और स्थानीय रंग का महत्व उपन्यास साहित्य में प्रतिष्ठित किया। मेरेडिथ (1828-1909) ने अपने पात्रों की मानसिक उलझनों की विशद व्याख्या अपने उपन्यासों में प्रस्तुत की। इनमें ‘इगोइस्ट’की बहुत ख्याति हुई। मनोवैज्ञानिक गुत्थियों को सुलझाने का प्रयास हेनरी जेम्स (1843-1916) की कला में उपन्यास को अंतर्मुखी रूप देता है। टॉमस हार्डी (1840-1928) विश्व के विधान पर कठोर आघात करते हैं और मनुष्य को जीवन शक्तियों के असहाय शिकार के रूप में प्रस्तुत करते हैं। हार्डी ने अंग्रेजी उपन्यास को गाढ़े क्षेत्रीय रंग में भी रँगा। उनके उपन्यासों में ‘दि रिटर्न ऑव दि नेटिव’, ‘दि मेयर ऑव कैस्टरब्रिज’, ‘टेस’ और ‘ज्यूड दि आब्सक्योर’ महत्त्वपूर्ण है। आधुनिक काल में एक ओर तो मनोविश्लेषणवाद का महत्व बढ़ा जिसके कारण अंग्रेजी उपन्यास में ‘चेतना के प्रवाह’नाम की प्रवृत्ति का उदय हुआ। दूसरी ओर जीवन के सूक्ष्म किंतु व्यापक रूप को समझने के प्रयास, का भी विकास हुआ। जेम्स ज्वॉयस (1882-1942) रचित ‘यूलिसीज़’उपन्यास मन के सूक्ष्म और महान व्यापारों का अध्ययन प्रस्तुत करता है। उन्हीं के समान वर्जीनिया वुल्फ (1882-1941) और डॉरोथी रिचर्ड्सन भी ‘चेतना के प्रवाह’की शैली को अपनाती है। एच.

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अक्टूबर २०१०

कोई विवरण नहीं।

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अक्रॉस द यूनिवर्स (फ़िल्म)

अक्रॉस द यूनिवर्स एक संगीतमय फिल्म है जिसके निर्देशक जूली टेमर, निर्माता रेवलूशन स्टूडियोज़ (Revolution Studios) और वितरक कोलंबिया पिक्चर्स (Columbia Pictures) हैं। इसे 12 अक्टूबर 2007 को संयुक्त राज्य अमेरिका में रिलीज़ किया गया था। इस फिल्म का स्क्रिप्ट एक असली कहानी पर आधारित है जिसका श्रेय टेमर, डिक क्लेमेंट और इयान ला फ्रेनाइस को दिया जाता है। इसमें वास्तव में द बीटल्स (The Beatles) के सदस्यों द्वारा रचित 34 संगीत रचनाएं शामिल हैं। टेमर द्वारा निर्देशित इस फिल्म के कलाकार - इवान राचेल वुड, जिम स्टर्गेस, जो एंडरसन और टी.वी.

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उच्छेदवाद

उच्छेदवाद आत्मा के भी नष्ट हो जाने का सिद्धांत है। प्राचीन काल में अजित केशकंबली के सिद्धांत को उच्छेदवाद के नाम से जाना जाता था। इस सिद्धांत के अनुसार मृत्यु के बाद कोई भी पदार्थ स्थायी नहीं रहता। शरीरस्थ सभी पदार्थों के अस्थायित्व में विश्वास करनेवाले इस मत की मान्यता थी कि मृत्युपरांत पृथ्वी, जल, तेज और वायु नामक चार तत्व अपने मूल तत्व में लीन हो जाते हैं। देह के भस्म हो जाने के बाद कुछ भी शेष नहीं रहता, आत्मा भी नहीं। आत्मा की सत्ता मिथ्या है। इस सिद्धांत का दूसरा नाम जड़वाद भी है। बुद्धकाल में इसका विरोधी मत शाश्वतवाद के नाम से प्रसिद्ध था जो पाँच तत्वों के साथ ही सुख, दु:ख एवं आत्मा को भी नित्य एवं अचल मानता था। यह मत प्रक्रुध कात्यायन के मत के रूप में विख्यात था। बुद्ध ने इन दोनों अंतों का त्याग कर मध्यम मार्ग का अनुसरण करने का उपदेश दिया था। उच्छेदवादी सिद्धांत प्राचीन भौतिकवाद में महत्वपूर्ण स्थान रखता है। इंग्लैंड के विचारक एडवर्ड ह्वाइट ने भी पाश्चात्य ढंग से उच्छेदवाद सिद्धांत का प्रतिपादन किया है। इसके अनुसार कुटिल और पापी लोग मृत्यु के साथ पूर्णत: विनष्ट हो जाते हैं, लेकिन सदाचारी व्यक्तियों के साथ ऐसा नहीं होता। धर्मशास्त्र और नीतिशास्त्र के अतिरिक्त इस सिद्धांत में दर्शन की पीठिका भी गृहीत है क्योंकि इसके प्रतिपादन के बीच एडवर्ड ह्वाइट ने कुछ दार्शनिक प्रश्नों को भी उठाया है। लेकिन दर्शन के क्षेत्र में इस सिद्धांत का विशेष महत्व नहीं है। श्रेणी:भारतीय दर्शन.

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उत्तर अफ़्रीका

उत्तर अफ़्रीका के देश (गहरे हरे रंग में) - हल्के हरे रंग के देश भी कभी-कभी उत्तर अफ़्रीका में माने जाते हैं तूनीशीया के सिदी बू सैद शहर की एक गली एटलस शृंखला के जबल तुबकल पहाड़ पर बर्फ़ तुनीसिया की एक बर्बर औरत (सन् 1900 के क़रीब ली गई तस्वीर) उत्तर अफ़्रीका (अरबी:, शुमाल अफ़्रीक़िया) अफ़्रीका के महाद्वीप का उत्तरी भाग है। इसके और उप-सहारा अफ़्रीका के दरमयान सहारा का विशाल रेगिस्तान आता है जो उत्तर अफ़्रीका और बाक़ी अफ़्रीका में इतना बड़ा फ़ासला बना देता है के उत्तर अफ़्रीका की जातियाँ, भाषाएँ, रीति-रिवाज, मौसम और जानवर बाक़ी अफ़्रीका के काफ़ी भिन्न हैं। संयुक्त राष्ट्र की परिभाषा के अनुसार उत्तर अफ़्रीका में सात राष्ट्र आते हैं: मोरक्को, अल्जीरिया, तूनीशीया, लीबिया, मिस्र, सूडान और पश्चिमी सहारा। इस भूभाग में कुछ छोटे-से स्पेन-नियंत्रित उत्तर अफ़्रीकी क्षेत्र भी आते हैं। उत्तर अफ़्रीका में अरबी, बर्बरी भाषाएँ और कुछ अन्य भाषाएँ बोली जाती हैं। मोरक्को, अल्जीरिया, तूनीशीया, लीबिया और मौरितानिया के समूह को "मग़रिब" भी कहा जाता है, जिसका अर्थ अरबी में (और हिन्दी-उर्दु में भी) "पश्चिमी" है। .

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उत्तर अमेरिका

उत्तर अमेरिका (अंग्रेजी: North America; स्पेनी: América del Norte; फ़्रान्सीसी: Amérique du Nord) महाअमेरिका (उत्तर और दक्षिण अमेरिका संयुक रूप से) का उत्तरी महाद्वीप है, जो पृथ्वी के उत्तरी गोलार्ध में स्थित है और पूर्णतः पश्चिमी गोलार्ध में आता है। उत्तर में यह आर्कटिक महासागर, पूर्व में उत्तरी अन्ध महासागर, दक्षिणपूर्व में कैरिबियाई सागर और पश्चिम में उत्तरी प्रशान्त महासागर से घिरा हुआ है। उत्तर अमेरिका का मुख्य भाग ४० उत्तरी अक्षांश से ८३० उत्तरी अक्षांश तथआ ५३० पश्चिमी देशान्तर से १६८० पश्चिमी देशान्तर के बीच स्थित है। इसका आकार त्रिभुज के समान है जिसका शीर्ष दक्षिण की ओर और आधार उत्तर की ओर है। उत्तर अमेरिका का कुल भूभाग २,४७,०९,००० वर्ग किलोमीटर है, पृथ्वी की कुल सतह का ४.८% या कुल भूभाग का १६.५%। जुलाई, २००८ तक, इसकी अनुमानित जनसंख्या ५२.९ करोड़ थी। क्षेत्रफल की दृष्टि से यह एशिया और अफ़्रीका के बाद विश्व का तीसरा सबसे बड़ा और जनसंख्या की दृष्टि से यह एशिया, अफ़्रीका और यूरोप के बाद चौथा सबसे बड़ा महाद्वीप है। .

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उत्तरी सागर

उत्तरी सागर अंध महासागर का एक सीमावर्ती समुद्र है जो संयुक्त राजशाही, स्कैंडेनेविया, जर्मनी, फ़्रांस, नीदरलैंड और बेल्जियम के बीच स्थित है। यह अंध महासागर के साथ दक्षिण में अंग्रेज़ी खाड़ी के द्वारा और उत्तर में नारवेयी सागर के द्वारा जुड़ा हुआ है। यह 970 कि॰मी॰ से लम्बा और 580 कि॰मी॰ चौड़ा है और क्षेत्रफल लगभग 750,000 वर्ग कि॰मी॰ है। उत्तरी सागर पूरब में यूरोप महाद्वीप और पश्चिम में ग्रेट ब्रिटेन से घिरा है। इकोसिना (१९२१) के अनुसार इसकी गहराई ३०८ फुट है। इस प्रकार यह एक उथला सागर है। इसका नितल उस महाद्वीपीय निधाय (कांटिनेंटल शेल्फ) का एक भाग है जिसके ऊपर ब्रिटिश द्वीपसमूह स्थित है। इस निधाय को ढाल (प्रवणता) उत्तर से दक्षिण तक प्राय: एक समान है। डॉगर बैंक्स नामक समुद्र में निमग्न बालू का मैदान उत्तरी सागर के मध्य में स्थित है। इंग्लैंड के समुद्रतट के समीप इस सागर की गहराई ६५ फुट है जो पूर्व की और बढ़कर १३० फुट हो जाती है। इस सागर की सामान्य लवणता ३४ से ३५ प्रति सहस्र है। उत्तरी सागर सूक्ष्म जीवों और पौधों में विशेष रूप से धनी है। इसलिए मछलियाँ इधर प्रचुर मात्रा में, अपने भोजन की खोज में, आकर्षित होती है। फलत: उत्तरी सागर विश्व का एक महत्वपूर्ण मत्स्य उत्पादक क्षेत्र है। मत्स्य के प्राप्तिस्थानों में डॉगर बैंक्स (शीतकाल में) और महाद्वीपीय समुद्रतट के समीप स्थित उथले समुद्र (ग्रीष्मकाल में) प्रमुख हैं। पकड़ी जानेवाली मछलियों में हेरिंग का अनुपात सबसे अधिक रहता है; इसके बाद क्रमानुसार हैडक, कॉड, प्लेस, ह्वाइटिंग, मैकेरल इत्यादि आती हैं। श्रेणी:यूरोप के सागर.

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उत्तरी सागर बाढ़ १९५३

उत्तरी सागर बाढ़, ३१ जनवरी से १ फरवरी, १९५३ को आया एक विनाशकारी तूफ़ान है जिससे तटीय यूरोपीय देशों जैसे इंग्लैंड, नीदरलैंड और बेल्जियम में हजारों लोग बाढ़ की चपेट में आकर मारे गए। डेनमार्क और फ्रांस में भी बाढ़ का प्रभाव देखा गया। ज्वार भाटे और तेज़ हवाओं के चलते समुद्र में ५.६ मीटर ऊँची लहरें उठीं जो तटीय देशों के सभी बाढ़ सुरक्षा प्रबंधों को तोड़ती हुई भीतर तक घुस गयी। आधिकारिक आँकड़ों के अनुसार नीदरलैंड में १,८३५ और ब्रिटेन में ३०७ लोग मारे गए। २८ पश्चिमी फ़्लैंडर्स, बेल्जियम में मारे गए थे। २३० से अधिक की क्षति उत्तरी यूरोपीय तटों के सामानांतर वाटरक्राफ्ट पर हुई और साथ ही उत्तरी सागर के गहरे जल में भी जब फैरी एम वी प्रिंसेस विक्टोरिया बेलफास्ट के पूर्व में स्थित उत्तरी चैनल में डूब गयी जिसमे १३३ लोग मारे गए और बहुत से जालदार जहाज़ भी डूब गए। .

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उपनिवेशवाद

उपनिवेशवाद के विरुद्ध संघर्ष के महान योद्धा '''महात्मा गाँधी''' किसी एक भौगोलिक क्षेत्र के लोगों द्वारा किसी दूसरे भौगोलिक क्षेत्र में उपनिवेश (कॉलोनी) स्थापित करना और यह मान्यता रखना कि यह एक अच्छा काम है, उपनिवेशवाद (Colonialism) कहलाता है। इतिहास में प्राय: पन्द्रहवीं शताब्दी से लेकर बीसवीं शताब्दी तक उपनिवेशवाद का काल रहा। इस काल में यूरोप के लोगों ने विश्व के विभिन्न भागों में उपनिवेश बनाये। इस काल में उपनिवेशवाद में विश्वास के मुख्य कारण थे -.

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उबर कप

उबर कप, जिसे कभी कभी महिलाओं की विश्व टीम प्रतियोगिता भी कहा जाता है एक बड़ी अंतरराष्ट्रीय बैडमिंटन प्रतियोगिता है जिसमें विभिन्न देशों की राष्ट्रीय महिला बैडमिंटन टीमें हिस्सा लेती हैं। पहली बार इसका आयोजन 1956–1957 में तीन वर्षों के अंतराल पर किया गया था। फिर 1984 से यह हर दो वर्षों के अंतराल पर होने लगी। इसका कार्यक्रम और आयोजन स्थल थॉमस कप के साथ मिला दिया गया जो पुरुष टीमों की वैश्विक प्रतियोगिता थी। उबर कप का नाम पूर्व ब्रिटिश महिला खिलाड़ी बेट्टी उबर के नाम पर पड़ा था जिन्होंने १९५० में पुरुषों के जैसी ही महिलाओं के लिये इस तरह की प्रतियोगिता के आयोजन की बात सोची थी। उन्होंने 1956–1957 के पहले प्रतियोगिता के लिये खिलाड़ियों का चुनाव भी किया जिसका आयोजन लंकाशायर, इंग्लैंड के लीथम सेंट ऐन्स में हुआ था। इस प्रतियोगिता का ढाँचा पुरुषों के थॉमस कप की ही तरह था। २०१४ की प्रतियोगिता में चीन की टीम सबसे सफल टीम रही जिसने यह खिताब सबसे ज्यादा १३ बार जीता। जापान ने पांच बार व इंडोनेशिया और अमेरिका ने ३-३ बार यह खिताब जीता। २०१६ की प्रतियोगिता कुन्शान, चीन में आयोजित की जानी है। .

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उभयउपांग-कुशलता

बाएं और दाहिने दोनों उपांगों (जैसे कि हाथ) से काम करने में समान रूप से निपुण होने की स्थिति को उभयउपांग-कौशल (या उभयहस्त-कौशल या सव्यसाची) कहते हैं। मिश्रित-प्रभुत्व की यह एक सबसे मशहूर किस्मों में से एक है। प्राकृतिक रूप से उभय-हस्तकुशल लोग या सव्यसाची दुर्लभ हैं, सौ में से सिर्फ एक ही व्यक्ति सव्यसाची हुआ करता है। प्रत्येक हाथ की चपलता की अवस्था आम तौर पर एक व्यक्ति की उभय-हस्तकौशलता निर्धारित करने का गुणात्मक कारक होती है। आधुनिक समय में, उभय-हस्तकुशल माने जाने वाले व्यक्तियों को पाया जाना अधिक आम बात हो गयी है, जो मूलतः बाएं-हाथ वाले होते हैं, लेकिन जो जानबूझकर उभय-हस्तकौशल बने या स्कूलों जैसे बचपन के संस्थानों में उन्हें सीखना पड़ा, जहां दाहिने-हाथ की आदतों पर अक्सर जोर दिया जाता है या उसकी जरूरत पडती है। इसके अलावा, प्रतिदिन के अनेक उपकरण (जैसे कि कनस्तर ओपनर और (कैंची)) असममात्रिक होते हैं और उन्हें दाहिने-हाथ वाले लोगों के लिए बनाया गया है। बाएं-हाथ के मॉडलों की दुर्लभता या अभाव के कारण बाएं हाथ वालों को उन्हें दाहिने हाथ से उपयोग करना सीखना पड़ता है। इस प्रकार, बाएं हाथ के लोगों द्वारा दाहिने-हाथ वालों की तुलना में अपने गैर-प्रमुख हाथ से मोटर कौशल विकसित करने के लिए कहीं अधिक प्रयास करने पड़ते हैं (जो कि बाएं-हाथ के उपकरण नहीं होते हैं).

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छत

टोक्यो में कुछ घरों की छतें वास्तुकला में छत किसी कमरे, मकान, स्थापत्य या अन्य जगह को ऊपर से ढकने के लिए बनाए गए ढाँचे को कहते हैं। छत के द्वारा किसी इमारत की धूप, वर्षा, बर्फ़, हवा-आंधी और अन्य मौसमी तत्वों से, व जानवरों और कीटों से रक्षा की जा सकती है।, David Johnston, Scott Gibson, Taunton Press, 2008, ISBN 978-1-56158-973-9,...

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१ फ़रवरी

1 फरवरी ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 32वां दिन है। साल मे अभी और 333 दिन बाकी है (लीप वर्ष मे 334)। .

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१ई+११ मी॰²

क्यूबा का क्षेत्रफल लगभग १,००,००० कि.मी२ है। विभिन्न भौगोलिक क्षेत्रों के परिमाण के क्रम समझने हेतु यहां १,००,००० वर्ग कि.मी से १०,००,००० वर्ग कि.मी के क्षेत्र दिये गए हैं।.

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१ई+८ मी॰²

Jersey, an island in the English Channel, is about 100 km2. To help compare different orders of magnitude and geographical regions, we list here areas between 100 km2 and 1000 km2। See also areas of other orders of magnitude.

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१ई+९ मी॰²

The Flevopolder in the Netherlands is about 1000 km². To help compare orders of magnitude of different geographical regions, we list here areas between 1,000 km2 and 10,000 km2.

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१० जनवरी

10 जनवरी ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 10वाँ दिन है। साल में अभी और 355 दिन बाकी है (लीप वर्ष में 356)। .

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१४ जनवरी

१४ जनवरी ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का १४वाँ दिन है। वर्ष में अभी और ३५१ दिन बाकी है (लीप वर्ष में ३५२)। .

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१४३९

1439 ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

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१५ सितम्बर

15 सितंबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 258वॉ (लीप वर्ष में 259 वॉ) दिन है। साल में अभी और 107 दिन बाकी है। .

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१५ जुलाई

१५ जुलाई ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का १९वॉ (लीप वर्ष मे १९७वॉ) दिन है। साल मे अभी और १६९ दिन बाकी है। .

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१५ अप्रैल

15 अप्रैल ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 105वॉ (लीप वर्ष मे 106 वॉ) दिन है। साल मे अभी और 260 दिन बाकी है। .

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१६ जुलाई

१६ जुलाई ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का १९७वॉ (लीप वर्ष में १९८ वॉ) दिन है। साल में अभी और १६८ दिन बाकी है। .

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१६६१

1661 ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

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१६६२

1662 ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

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१७ जुलाई

१७ जुलाई ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का १९८वॉ (लीप वर्ष में १९९वॉ) दिन है। वर्ष में अभी और १६७ दिन बाकी है। .

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१७१२

1712 ग्रेगोरी कैलंडर का एक अधिवर्ष है। .

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१७२५ तक क्रिकेट का इतिहास

क्रिकेट के ज्ञात मूल से लेकर इंग्लैंड का प्रमुख खेल बन जाने और अन्य देशों में इसकी शुरुआत किये जाने तक इस खेल के विकास के पदचिह्न 1725 तक क्रिकेट का इतिहास में दर्ज हैं। क्रिकेट पर पुराना निश्चित सन्दर्भ 1598 में मिलता है और इससे साफ हो जाता है कि क्रिकेट 1550 की सदी में खेला जाता था, लेकिन इसकी असली उत्पत्ति एक रहस्य ही है। एक निश्चित हद तक इतना कहा जा सकता है कि इसकी शुरूआत 1550 से पहले हुई थी, दक्षिण-पूर्व इंग्लैंड के केंट, ससेक्स, सरे में से कहीं से हुई, ज्यादा संभावना उस क्षेत्र से जो वेल्ड के रूप में जाना जाता है। दूसरे खेलों जैसे कि स्टूलबॉल और राउंडर्स की तरह, बल्लेबाज़, गेंदबाज़ और क्षेत्ररक्षकों के साथ क्रिकेट अपेक्षाकृत छोटे घास पर खेला जा सकता है, विशेष रूप से 1760 के दशक तक गेंद मैदान में दिया जाता था। इसलिए जंगलों की सफाई और जहां भेड़ चरते हैं, खेल के लिए उपयुक्त जगह हो सकती है। क्रिकेट के बारे में छिटपुट उपलब्ध जानकारी से पता चलता है कि मूल रूप से यह बच्चों का खेल था। इसके बाद 17वीं शताब्दी में इसे कर्मचारियों द्वारा अपना लिया गया। चार्ल्स प्रथम के शासनकाल के दौरान इसके संरक्षक और कभी-कभी खिलाड़ी के रूप में कुलीन वर्ग की दिलचस्पी इसमें बढ़ने लगी। उनके लिए इसमें सबसे बड़ा आकर्षण यह था कि इस खेल में जुआ खेलने की गुंजाइश थी और इसी कारण प्रत्यावर्तन के बाद के वर्षों में यह फैलता गया। हनोवेरियन शासन के समय से, क्रिकेट में निवेश ने पेशेवर खिलाड़ी और पहला प्रमुख क्लब तैयार किया, इस तरह लंदन और दक्षिण इंग्लैंड में यह खेल लोकप्रिय सामाजिक गतिविधि के रूप में स्थापित हुआ। इस बीच अंग्रेज़ उपनिवेशवादियों ने उत्तर अमेरिका और वेस्ट इंडीज में क्रिकेट की शुरुआत की; और ईस्ट इंडिया कंपनी के नाविक और व्यापारी इसे भारतीय उपमहाद्वीप ले गये। .

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१७५८

1758 ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

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१८ दिसम्बर

18 दिसंबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 352वॉ (लीप वर्ष मे 353 वॉ) दिन है। साल में अभी और 13 दिन बाकी है। .

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१८३९

1839 ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

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१८६५

1865 ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

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१९०५ की रूसी क्रांति

सन १९०५ में रूसी साम्राज्य के एक विशाल भाग में राजनीति एवं सामाजिक जनान्दोलन हुए जिन्हें १९०५ की रूसी क्रान्ति कहते हैं। यह क्रान्ति कुछ सीमा तक सरकार के विरुद्ध थी और कुछ सीमा तक दिशाहीन। श्रमिकों ने हड़ताल किये, किसान आन्दोलित हो उठे, सेना में विद्रोह हुआ। इसके फलस्वरूप कई संवैधानिक सुधार किये गये जिसमें मुख्य हैं- रूसी साम्राज्य के ड्युमा की स्थापना, बहुदलीय राजनीतिक व्यवस्था, १९०६ का रूसी संविधान। .

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१९२१

1921 ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

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१९२२

1922 ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

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१९२४

1924 ग्रेगोरी कैलंडर का एक अधिवर्ष है। .

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१९२६

१९२६ ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

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१९५६ यूरोपीय कप फाइनल

१९५६ यूरोपीय कप फाइनल अखिल यूरोपीय फुटबॉल प्रतियोगिता, अब यूरोपीय कप के रूप में जाना यूईएफए चैंपियंस लीग में पहले कभी अंतिम था। यह रियल मैड्रिड स्पेन और फ्रांस की स्टेड डी रैम्स के बीच था। यह 38,000 लोगों के सामने 13 जून 1956 पार्क डेस प्रिंसेस पेरिस में खेला गया था। मैच एक बेजोड़ लगातार पांच यूरोपीय कप खिताब रिकॉर्ड पर चला गया जो रियल मैड्रिड, को 4-3 से समाप्त हो गया.

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१९६३ यूरोपीय कप फाइनल

१९६३ यूरोपीय कप फाइनल वेम्बली स्टेडियम में आयोजित मिलान और बेनफिका के बीच एक फुटबॉल मैच था, लंदन, मई 1963 22 पर.

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१९६९

१९६९ ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

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१९७१ यूरोपीय कप फाइनल

१९७१ यूरोपीय कप फाइनल जून 1971, 2 पर, वेम्बली स्टेडियम में लंदन में आयोजित एक फुटबॉल मैच था, यूनान की पनथिनाकोस को 2-0 से नीदरलैंड्स की अजाक्स हरा दिया.

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१९७३ यूईएफए कप फाइनल

१९७३ यूईएफए कप फाइनल एक फुटबॉल मैच था जो इंग्लैंड के लिवरपूल और पश्चिम जर्मनी के बोरशिया मौनचेंगलाडबाख के बीच दो चरण मे खेला गया था। पहला चरण 10 मई 1973 को लिवरपूल के घरेलू स्टेडियम में खेला गया था, जो लिवरपूल ने 3-0 से जीता था और दूसरे चरण बोरशिया मौनचेंगलाडबाख के घरेलू मैदान पर 23 मई 1973 पर खेला गया था, जो मौनचेंगलाडबाख ने 2-0 से जीता था। इस परिणाम के साथ लिवरपूल कुल स्कोर 3-2 पर १९७३ का यूईएफए कप फाइनल जीता। और यह लिवरपूल की पहली यूरोपीय ट्रॉफी थी। .

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१९७५ क्रिकेट विश्व कप

१९७५ क्रिकेट विश्व कप, (आधिकारिक तौर पर प्रूडेंशियल कप) क्रिकेट विश्व कप का पहले संस्करण था। http://www.icc-cricket.com/cricket-world-cup/about/279/history  यह इंग्लैंड में 7-21 जून 1975 को आयोजित किया गया। http://www.espncricinfo.com/ci/engine/series/60793.html  टूर्नामेंट प्रूडेंशियल इंश्योरेंस कंपनी द्वारा प्रायोजित किया गया था और इसमे आठ टीमो ने भाग लिया था। प्रत्येक मैच 60 ओवर प्रति टीम का था और पारंपरिक सफेद कपड़ों में और लाल गेंदों के साथ खेला गया था और सरे मैच दिन के दौरान खेले गए थे। टूर्नामेंट का फाइनल वेस्ट इंडीज और ऑस्ट्रेलिया के बीच था, और वेस्ट इंडीज ने ऑस्ट्रेलिया को लॉर्ड्स मे खेले गए फाइनल मे 17 रन से पराजित कर पहला क्रिकेट विश्व कप जीता। http://www.espncricinfo.com/ci/engine/match/65049.html  .

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१९७५ क्रिकेट विश्व कप फाइनल

१९७५ क्रिकेट विश्व कप का फाइनल मैच ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट टीम बनाम वेस्टइंडीज क्रिकेट टीम के बीच लॉर्ड्स इंग्लैंड में २१ जून १९७५ को खेला गया था जिसमें वेस्टइंडीज ने ऑस्ट्रेलिया को १७ रनों से हराया था। उस समय ऑस्ट्रेलिया के कप्तान इयान चैपल थे और वेस्टइंडीज के कप्तान क्लाइव लॉयड थे। यह पहला क्रिकेट विश्व कप था। .

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१९७६ यूईएफए कप फाइनल

१९७६ यूईएफए कप फाइनल एक फुटबॉल मैच था जो इंग्लैंड के लिवरपूल और बेल्जियम के क्लब ब्रुग के बीच दो चरण मे खेला गया था। लिवरपूल समग्र पर 4-3 की जीत के बाद कप जीता। और लिवरपूल बहुत ही सुंदर खेल का प्रदर्शन किया है। .

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१९७८ यूरोपीय कप फाइनल

१९७८ यूरोपीय कप फाइनल वेम्बली स्टेडियम, लंदन, इंग्लैंड में 10 मई 1978 पर इंग्लैंड के लिवरपूल और बेल्जियम के क्लब ब्रुग के बीच एक संघ फुटबॉल मैच था। यह यूरोप के प्रमुख कप प्रतियोगिता, यूरोपीय कप के 1977-78 सत्र के अंतिम मैच था। लिवरपूल राज चैंपियन थे और उनके दूसरे यूरोपीय कप फाइनल में दिखाई दे रहे थे.

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१९७९ यूरोपीय कप फाइनल

१९७९ यूरोपीय कप फाइनल में इंग्लैंड के नॉटिंघम फॉरेस्ट हार स्वीडन के माल्मो एफएफ 1-0 के बीच खेला गया था कि मई 1979 30 पर ओलंपिया स्टेडियम, म्यूनिख में आयोजित एक फुटबॉल मैच था। .

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१९७९ क्रिकेट विश्व कप

१९७९ क्रिकेट विश्व कप, (आधिकारिक तौर पर प्रूडेंशियल कप) क्रिकेट विश्व कप का दूसरा संस्करण था। http://www.icc-cricket.com/cricket-world-cup/about/279/history यह इंग्लैंड में 9-23 जून 1979 को आयोजित किया गया। http://www.espncricinfo.com/ci/engine/series/60806.html टूर्नामेंट प्रूडेंशियल इंश्योरेंस कंपनी द्वारा प्रायोजित किया गया था और इसमे आठ टीमो ने भाग लिया था। प्रत्येक मैच 60 ओवर प्रति टीम का था और पारंपरिक सफेद कपड़ों में और लाल गेंदों के साथ खेला गया था और सरे मैच दिन के दौरान खेले गए थे। टूर्नामेंट का फाइनल वेस्ट इंडीज और इंग्लैंड के बीच था, और वेस्ट इंडीज ने इंग्लैंड को लॉर्ड्स मे खेले गए फाइनल मे 92 रन से पराजित कर अपना निरंतर दूसरा क्रिकेट विश्व कप जीता। http://www.espncricinfo.com/ci/engine/match/65063.html .

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१९७९ क्रिकेट विश्व कप फाइनल

The final of the 1979 ICC Cricket World Cup was played in Lord's, London on 23 June.

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१९८० यूरोपीय कप फाइनल

१९८० यूरोपीय कप फाइनल में इंग्लैंड के नॉटिंघम फॉरेस्ट 1-0 जर्मनी के हैम्बर्ग पराजित देखा कि, 28 मई 1980 पर सैंटियागो बर्नबू स्टेडियम, मैड्रिड में आयोजित एक फुटबॉल मैच था। 21 वें मिनट में, जॉन रॉबर्टसन नॉटिंघम फॉरेस्ट वापस करने वाली पीठ यूरोपीय कप खिताब देने के लिए, खेल का ही लक्ष्य के लिए हैम्बर्ग कीपर रुडोल्फ कर्गुस् पिछले एक शॉट निचोड़ा.

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१९८१ यूईएफए कप फाइनल

१९८१ यूईएफए कप फाइनल एक फुटबॉल मैच था, जो इंग्लैंड के इप्सविच टाउन और नीदरलैंड के एजेड के बीच दो चरण मे खेला गया था। इप्सविच टाउन फाइनल समग्र पर 5-4 से जीता। .

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१९८२ यूईएफए कप फाइनल

१९८२ यूईएफए कप फाइनल एक फुटबॉल मैच था, जो स्वीडन के आईएफके गोटेबोर्ग और पश्चिम जर्मनी के हैम्बर्गर के बीच दो चरण मे खेला गया था। गोटेबोर्ग फाइनल समग्र पर 4-0 से जीता। .

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१९८३ क्रिकेट विश्व कप

१९८३ क्रिकेट विश्व कप, (आधिकारिक तौर पर प्रूडेंशियल कप) क्रिकेट विश्व कप का तीसरा संस्करण था। http://www.icc-cricket.com/cricket-world-cup/about/279/history यह इंग्लैंड में ९-२५ जून १९८३ को आयोजित किया गया। http://www.espncricinfo.com/ci/engine/series/60832.html टूर्नामेंट प्रूडेंशियल इंश्योरेंस कंपनी द्वारा प्रायोजित किया गया था और इसमे आठ टीमो ने भाग लिया था। प्रत्येक मैच ६० ओवर प्रति टीम का था और पारंपरिक सफेद कपड़ों में और लाल गेंदों के साथ खेला गया था और सरे मैच दिन के दौरान खेले गए थे। टूर्नामेंट का फाइनल भारत और वेस्ट इंडीज के बीच था, और भारत ने वेस्ट इंडीज को लॉर्ड्स मे खेले गए फाइनल मे ४३ रन से पराजित कर अपना पहला क्रिकेट विश्व कप जीता। http://www.espncricinfo.com/ci/engine/match/65090.html .

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१९८३ क्रिकेट विश्व कप फाइनल

The final of the 1983 Prudential Cup was played between India and West Indies at the Lord's Cricket Ground on 25 June 1983.

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१९८४ यूरोपीय कप फाइनल

१९८४ यूरोपीय कप फाइनल स्टेडियो ऑलिम्पिको, रोम, इटली पर 30 मई 1984 पर इंग्लैंड के लिवरपूल और इटली के रोमा के बीच एक फुटबॉल मैच था। यह यूरोप के प्रमुख कप प्रतियोगिता, यूरोपीय कप के 1983-84 सत्र के अंतिम मैच था। लिवरपूल 1977, 1978 और 1981 में प्रतियोगिता जीत चुके हैं, उनके चौथे फाइनल में दिखाई दे रहे थे.

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१९८४ यूईएफए कप फाइनल

१९८४ यूईएफए कप फाइनल एक फुटबॉल मैच था, जो इंगलैंड के टॉटनहम हॉटस्पर और बेल्जियम के अन्देर्लेछ्त् के बीच दो चरण मे खेला गया था। फाइनल समग्र पर 2-2 से समाप्त हुआ, लेकिन अंत में टॉटनहम हॉटस्पर पेनल्टी शूटआउट पर फाइनल 4–3 से जीता। .

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१९८५ यूरोपीय कप फाइनल

१९८५ यूरोपीय कप फाइनल हेसल स्टेडियम, ब्रुसेल्स, बेल्जियम में 29 मई 1985 को इटली के जुवेंटस और इंग्लैंड के लिवरपूल के बीच एक फुटबॉल मैच था। यह यूरोपीय कप, यूरोप के प्रमुख कप प्रतियोगिता के 1984-85 के सीजन के अंतिम मैच था। लिवरपूल राज चैंपियन थे और 1977, 1978, 1981 और 1984 में प्रतियोगिता जीत चुके था, अपने पांचवें फाइनल में दिखाई दे रहे थे.

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१९८६ यूईएफए कप फाइनल

१९८६ यूईएफए कप फाइनल एक फुटबॉल मैच था, जो स्पेन के रियल मैड्रिड और जर्मनी के कोलोन के बीच दो चरण मे खेला गया था। रियल मैड्रिड फाइनल समग्र पर 5-3 से जीता। .

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१९९२ यूईएफए कप फाइनल

१९९२ यूईएफए कप फाइनल एक फुटबॉल मैच था, जो नीदरलैंड के अजाक्स और इटली के टोरिनो के बीच दो चरण मे खेला गया था। अजाक्स अवे गोल नियम पर 2-2 से जीत हासिल की। .

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१९९४ यूईएफए चैंपियंस लीग फाइनल

१९९४ यूईएफए चैंपियंस लीग फाइनल, इतालवी क्लब मिलान और स्पेन के क्लब बार्सिलोना के बीच एक फुटबॉल मैच था एथेंस, ग्रीस में एथेंस ओलंपिक स्टेडियम में 18 मई 1994 पर खेला.

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१९९६ क्रिकेट विश्व कप

१९९६ क्रिकेट विश्व कप, (आधिकारिक तौर पर विल्स विश्व कप) क्रिकेट विश्व कप का छठा संस्करण था। http://www.icc-cricket.com/cricket-world-cup/about/279/history यह पाकिस्तान, भारत और श्रीलंका में १४ फरवरी से १७ मार्च १९९६ को आयोजित किया गया। http://www.espncricinfo.com/ci/engine/series/60981.html टूर्नामेंट विल्स द्वारा प्रायोजित किया गया था और इसमे बारह टीमो ने भाग लिया था। प्रत्येक मैच ५० ओवर प्रति टीम का था और रंगीन कपड़ों में और सफेद गेंदों के साथ खेली गया था और अधिकतम मैच दूधिया रोशनी (फ्लडलाइट्स) के दौरान खेले गए थे। टूर्नामेंट का फाइनल श्रीलंका और ऑस्ट्रेलिया के बीच था, और श्रीलंका ने ऑस्ट्रेलिया को गद्दाफी स्टेडियम मे खेले गए फाइनल मे ७ विकेट से पराजित कर अपना पहला क्रिकेट विश्व कप जीता। http://www.espncricinfo.com/ci/engine/match/65192.html .

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२ सितम्बर

२ सितंबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का २४५वाँ (लीप वर्ष मे २४६वाँ) दिन है। वर्ष मे अभी और १२० दिन बाकी है। .

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२० नवंबर

२० नवंबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का ३२४वॉ (लीप वर्ष मे ३२५ वॉ) दिन है। साल मे अभी और ४१ दिन बाकी है। .

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२००० यूईएफए कप फाइनल

२००० यूईएफए कप फाइनल, 17 मई 2000 पर कोपेनहेगेन, डेनमार्क में पार्किंग स्टेडियम में हुए एक फुटबॉल मैच था। यह तुर्की के गालतासराय और इंग्लैंड के आर्सेनल के बीच खेला गया था। फाइनल अतिरिक्त समय के बाद 0-0 पर समाप्त हुआ, लेकिन अंत में गालतासराय पेनल्टी शूटआउट पर फाइनल 4–1 से जीता। गालतासराय एक यूरोपीय क्लब टूर्नामेंट जीतने वाले पहले तुर्की टीम हैं। .

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२००१ यूईएफए कप फाइनल

२००१ यूईएफए कप फाइनल, 16 मई 2001 पर डॉर्टमुंड, जर्मनी में वेस्टफेलिया स्टेडियम में हुए एक फुटबॉल मैच था। यह इंग्लैंड के लिवरपूल और स्पेन के देपोर्तिवो अलवीस के बीच खेला गया था। लिवरपूल अतिरिक्त समय के बाद स्वर्ण गोल पर 5-4 से जीत हसिल की। इस जीत के साथ वे यह कप तीसरी बार जीता, 1973 और 1976 में उनकी जीत के बाद। यह हेसल स्टेडियम दुर्घटना के बाद लिवरपूल का पहला यूरोपीय फाइनल था। .

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२००३ यूईएफए चैंपियंस लीग फाइनल

२००३ यूईएफए चैंपियंस लीग फाइनल 2002-03 यूईएफए चैंपियंस लीग के विजेता का फैसला करने के लिए 28 मई 2003 पर मैनचेस्टर, इंग्लैंड में ओल्ड ट्रैफर्ड में हुई एक फुटबॉल मैच था। जुवेंटस और मिलान: अंतिम मैच दो इतालवी टीमों के बीच था। खेल अतिरिक्त समय के बाद 0-0 समाप्त हो गया था के बाद मिलान मैच एक पेनाल्टी के माध्यम से शूट आउट जीता। यह मिलान यूरोपीय कप में उनकी छठी सफलता दी। .

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२००५ यूईएफए चैंपियंस लीग फाइनल

२००५ यूईएफए चैंपियंस लीग फाइनल 2004-05 यूईएफए चैंपियंस लीग, यूरोप के प्राथमिक क्लब फुटबॉल प्रतियोगिता का फाइनल मैच था। मॉडल मैच 25 मई 2005 पर इस्तांबुल, तुर्की में अतातुर्क ओलंपिक स्टेडियम में इंग्लैंड के लिवरपूल और इटली के मिलान के बीच लड़ा गया था। प्रतियोगिता में चार बार जीता था जो लिवरपूल, 1985 के बाद से अपने छठे फाइनल में प्रदर्शित होने और अपने पहले किए गए थे। प्रतियोगिता छह बार जीत हासिल की थी जो मिलन, तीन साल और दसवें समग्र में अपने दूसरे फाइनल में दिखाई दे रहे थे.

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२००५ यूईएफए कप फाइनल

२००५ यूईएफए कप फाइनल, 18 मई 2005 पर लिस्बन, पुर्तगाल में एस्टैडियो जोस अलवालाडे में हुए एक फुटबॉल मैच था। यह रूस के सीएसकेए मास्को और पुर्तगाल के स्पोर्टिंग सीपी के बीच खेला गया था। सीएसकेए मास्को ने यह फाइनल 3-1 से जीता। एस्टैडियो जोस अलवालाडे, स्पोर्टिंग सीपी का गृह स्टेडियम है, जो फाइनल में खेल रहे थे। सीएसकेए मास्को, यूईएफए कप जीतने वाले पहले रूसी पक्ष बन गया। .

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२००६ यूईएफए चैंपियंस लीग फाइनल

२००६ यूईएफए चैंपियंस लीग फाइनल बुधवार, 17 मई 2006 को सेंट डेनिस, पेरिस, फ्रांस, में स्टेड डी फ्रांस में इंग्लैंड की आर्सेनल और स्पेन के बार्सिलोना के बीच एक संघ फुटबॉल मैच था.

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२००६ यूईएफए कप फाइनल

२००६ यूईएफए कप फाइनल, 10 मई 2006 पर आइंटहॉवन, नीदरलैंड में फिलिप्स स्टेडीयन में हुए एक फुटबॉल मैच था। यह स्पेन के सेविला और इंगलैंड के मिडिल्सब्रा के बीच खेला गया था। सेविला ने यह फाइनल 4-0 से जीता। .

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२००७ यूईएफए चैंपियंस लीग फाइनल

२००७ यूईएफए चैंपियंस लीग के फाइनल में इटली के मिलान और इंग्लैंड के लिवरपूल के बीच एक संघ फुटबॉल मैच था ओलंपिक स्टेडियम, एथेंस, ग्रीस में 23 मई 2007 पर.

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२००९ यूईएफए चैंपियंस लीग फाइनल

२००९ यूईएफए चैंपियंस लीग फाइनल रोम, इटली में स्टैडियो ऑलिम्पिको में 27 मई 2009 को खेला गया.

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२००९ आईसीसी विश्व ट्वेन्टी २०

२००९ आईसीसी विश्व ट्वेन्टी २० ट्वेन्टी ट्वेन्टी क्रिकेट का आईसीसी विश्व ट्वेन्टी २० के तहत एक विश्वकप था जो जून २००९ में इंग्लैंड में आयोजित किया गया था। यह आईसीसी आईसीसी विश्व ट्वेन्टी २० का दूसरा संस्करण था। पहला विश्वकप २००७ में खेला गया था जिसमें भारत को विजय मिली थी। इसमें १२ टीमों ने भाग लिया था जिसमें ९ टीमें टेस्ट खेलती है। सभी मैच इंग्लैंड के ३ स्टेडियमों में खेले गए थे। .

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२००९ आईसीसी विश्व ट्वेन्टी २० फाइनल

साल २००९ के २००९ आईसीसी विश्व ट्वेन्टी २० का फाइनल मुकाबला श्रीलंका और पाकिस्तानी टीम के बीच २१ जून २००९ को इंग्लैंड के लॉर्ड्स क्रिकेट ग्राउंड पर खेला गया था। यह मुकाबला पाकिस्तान ८ विकेटों से जीता था। यह आईसीसी विश्व ट्वेन्टी २० का दूसरे संस्करण का फाइनल मैच था,पहला फाइनल मुकाबले में पाकिस्तान शामिल था लेकिन मैच भारत ने जीता था। .

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२०१०

वर्ष २०१० वर्तमान वर्ष है। यह शुक्रवार को प्रारम्भ हुआ है। संयुक्त राष्ट्र ने वर्ष २०१० को अंतराष्ट्रीय जैव विविधता वर्ष के रूप में मनाने का निर्णय लिया है। इन्हें भी देखें 2010 भारत 2010 विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी 2010 साहित्य संगीत कला 2010 खेल जगत 2010 .

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२०१० फीफा विश्व कप

२०१० फीफा विश्व कप १९वां फीफा विश्व कप है, जो ११ जून २०१० से ११ जुलाई २०१० के बीच दक्षिण अफ़्रीका में आयोजित किया जा रहा है। २०१० का फीफा विश्व कप उस योग्यता प्रक्रिया की परिणति होगी जो अगस्त २००७ में आरम्भ हुई थी और जिसमें फीफा की २०८ राष्ट्रीय टीमों में से २०४ सम्मिलित थीं। इस प्रकार, यह २००८ के ग्रीष्मकालीन ओलम्पिक की बराबरी पर है जिसमें सर्वाधिक टीमें प्रतिस्पर्धा करती हैं। यह पहली बार है जब यह प्रतियोगिता किसी अफ़्रीकी देश में आयोजित की जा रही है, जब दक्षिण अफ़्रीका ने मिस्र और मोरक्को को अखिल-अफ़्रीकी बोली प्रक्रिया में पछाड़ दिया। इस निर्णय के बाद अब केवल ओशियानिया फुटबॉल संघ ही एक ऐसा संघ है जिसने इस प्रतियोगिता की मेज़बानी नहीं की है। इटली पूर्वविजेता है, जिसने जर्मनी में आयोजित २००६ फीफा विश्व कप जीता था। फाइनल के लिए ड्रॉ ४ दिसंबर २००९ को केप टाउन में हुआ था। २०१० का विश्व कप की विजेता टीम रही स्पेन जिसने नीदरलैण्ड को फाइनल में हराकर यह कप जीता। .

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२०१० यूईएफए चैंपियंस लीग फाइनल

२०१० यूईएफए चैंपियंस लीग फाइनल 2009-10 यूईएफए चैंपियंस लीग के विजेताओं को निर्धारित करने के लिए 22 मई 2010 शनिवार, सैंटियागो बर्नबू स्टेडियम, में खेला एक फुटबॉल मैच था। बल्कि यह परंपरागत बुधवार की तुलना में, एक शनिवार को खेला जाएगा अंतिम पहला चैंपियंस लीग था। मैच तिगुना, पहले इटली या जर्मनी से या तो किसी भी टीम के द्वारा प्राप्त कभी नहीं एक करतब पूरा करने के लिए बेयर्न म्यूनिख को 2-0 से हराने वाले इंटरनेजियोनल, से जीता था। जीत 1964 और 1965 के बाद, इंटर मिलान को तीसरा यूरोपीय कप खिताब दिया था। .

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२०१० यूईएफए यूरोपा लीग फाइनल

२०१० यूईएफए यूरोपा लीग फाइनल 12 मई 2010 पर हैम्बर्ग, जर्मनी में वोल्क्स्पर्क्स्तदिओन् में हुए एक फुटबॉल मैच था, यह पूर्व में यूईएफए कप के रूप में जाना जाता था, यह संस्करण पुर्नोत्थान किया गया था और प्रतियोगिता का पहले सत्र था। यह स्पेन के एटलेटिको मैड्रिड और इंग्लैंड के फुल्हम के बीच खेला गया था। एटलेटिको मैड्रिड ने फाइनल अतिरिक्त समय में 2-1 से जीत लिया। .

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२०१० आईसीसी विश्व ट्वेन्टी २०

२०१० आईसीसी विश्व ट्वेन्टी २० आईसीसी विश्व ट्वेन्टी २० तीसरा संस्करण था। जो की वेस्ट इंडीज़ की मेजबानी में खेला गया था। इसकी शुरुआत ३० अप्रैल को हुई थी तथा फाइनल मैच १६ मई को खेला गया था। इस विश्व कप में कुल १२ टीमों ने माग लिया था। फाइनल मैच इंग्लैंड ने जीता था तथा इंग्लैंड के ही केविन पीटरसन को मैन ऑफ़ द टूर्नामेंट घोषित किया गया था। आईसीसी विश्व ट्वेन्टी २० की शुरुआत २००७ में हुई थी। जिसमें भारत को विजय मिली थी। .

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२०१० आईसीसी विश्व ट्वेन्टी २० फाइनल

आईसीसी विश्व ट्वेन्टी २० का तीसरा संस्करण २०१० में खेला गया था,इस विश्व कप की मेजबानी इंग्लैंड ने की थी। फाइनल मुकाबला ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच १६ मई २०१० को ब्रिजटाउन के केंसिंगटन ओवल मैदान में खेला गया था। इस विश्व कप का फाइनल मुकाबला इंग्लैंड क्रिकेट टीम ने ७ विकेटों से जीता था। इस मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए महज १४७ रन बनाए थे जवाब में इंग्लैंड की टीम ने १७वें ओवर में तीन विकेट खोकर मैच अपने नाम कर लिया था। .

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२०११ यूईएफए चैंपियंस लीग फाइनल

२०११ यूईएफए चैंपियंस लीग फाइनल यूईएफए चैंपियंस लीग के 2010-11 सत्र के विजेता का फैसला किया है कि लंदन के वेम्बली स्टेडियम में 28 मई 2011 पर खेला एक फुटबॉल मैच था.

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२०११ क्रिकेट विश्व कप

आईसीसी (ICC) क्रिकेट विश्व कप २०११, दसवां क्रिकेट विश्व कप था और इसकी मेजबानी टेस्ट क्रिकेट खेलने वाले तीन दक्षिण एशियाई देशों द्वारा की गई थी: भारत, श्रीलंका और बांग्लादेश.

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२०१२ यूईएफए चैंपियंस लीग फाइनल

२०१२ के यूईएफए चैंपियंस लीग फाइनल म्यूनिख में एलियांज एरीना, जर्मनी में जर्मनी के बेयर्न म्यूनिख और इंग्लैंड के चेल्सिया के बीच 19 मई 2012 शनिवार, को हुई थी जो एक फुटबॉल मैच था.

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२०१३ यूईएफए चैंपियंस लीग फाइनल

२०१३ यूईएफए चैंपियंस लीग फाइनल 2012-13 यूईएफए चैंपियंस लीग के अंतिम मैच था, यूरोप के प्रमुख क्लब फुटबॉल यूईएफए द्वारा आयोजित टूर्नामेंट और यह यूरोपीय चैंपियन क्लब 'कप से यूईएफए चैंपियंस लीग के लिए कर दिया गया था क्योंकि 21 वीं के मौसम के 58 वें सीजन.

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२०१३ यूईएफए यूरोपा लीग फाइनल

२०१३ यूईएफए यूरोपा लीग फाइनल 15 मई 2013 पर ऐम्स्टर्डैम, नीदरलैंड के एम्स्टर्डम एरेना में हुए एक फुटबॉल मैच था। यह इंग्लैंड के क्लब चेल्सिया और पुर्तगाल के क्लब बेनफिका के बीच खेला गया था। चेल्सिया ने फाइनल 2-1 से जीता लिया। यह उन्का इस प्रतियोगिता में पहला खिताब था। इस जीत के साथ, वे लगातार सत्रों में पहले यूईएफए चैंपियंस लीग और फिर यूईएफए यूरोपा लीग जीतने वाली पहली टीम बन गये। चेल्सिया इस जीत के बाद सभी प्रमुख यूईएफए क्लब खिताब जीतने के लिए, जुवेंटस, अजाक्स और बेयर्न म्यूनिख के बाद, चौथा क्लब बन गया। .

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२०१४ फीफा विश्व कप

२०१४ फीफा विश्व कप (फीफा विश्व कप का 20वां संस्करण) 12 जून 2014 से 13 जुलाई 2014 के बीच ब्राज़ील में हुआ एक अंतर्राष्ट्रीय पुरूष फुटबॉल टूर्नामेंट है। 1950 के बाद, ब्राजील इस प्रतियोगिता की मेज़बानी दूसरी बार कर रहा है। इसी के साथ मेक्सिको, इटली, फ्रांस और जर्मनी के बाद ब्राजील दो बार विश्व कप की मेजबानी करने वाला पांचवां देश बन गया है। साल 2014 का फीफा विश्व कप जर्मनी ने जीता है। बत्तीस देशों की टीमें फाइनल टूर्नामेंट में भाग लिया। सभी मैच ब्राजील के 12 विभिन्न शहरों में मैच खेले गए। अर्जेंटीना में आयोजित हुए 1978 विश्व कप के बाद से दक्षिण अमेरिका में आयोजित होने वाला यह पहला विश्व कप है। इससे पहले 2010 का टूर्नामेंट स्पेन ने जीता था। १३ जुलाई २०१४ को २०१४ फीफा विश्व कप के फाइनल में जर्मनी ने अर्जेण्टीना को अतिरिक्त समय के बाद 1-0 से पराजित किया, यह जर्मनी का चौथा खिताब है। .

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२०१४ आईसीसी विश्व ट्वेन्टी २० फाइनल

२०१४ आइसीसी विश्व ट्वेन्टी २० का फाइनल मैच ६ अप्रैल २०१४ को ढाका में शेर-ए-बांग्ला राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम में भारत और श्रीलंका के बीच खेला गया था। यह ५वां आईसीसी विश्व ट्वेंटी २० का संस्करण था। श्रीलंका ने २००९ और २०१२ में दो बार उप विजेता बनने के बाद इस मैच को छह विकेट से जीतकर पहली बार खिताब जीता। श्रीलंका भारत, पाकिस्तान, इंग्लैंड, वेस्ट इंडीज के बाद इस खिताब को जीतने वाली ५वीं टीम थी। इस मैच में स्टेडियम में, २५,००० दर्शकों ने देखने का आनन्द लिया था। .

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२०१५ यूईएफए यूरोपा लीग फाइनल

२०१५ यूईएफए यूरोपा लीग फाइनल, 27 मई 2015 पर वारसॉ, पोलैंड के नेशनल स्टेडियम में हुए एक फुटबॉल मैच था। यह स्पेन के क्लब सेविला और यूक्रेन के क्लब डिंप्रो डिंप्रोपेट्रोवस्क के बीच खेला गया था। सेविला ने फाइनल 3–2 से जीता लिया। यह उन्का इस प्रतियोगिता में एक रिकॉर्ड चौथा खिताब था और वे प्रतियोगिता के इतिहास में सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले क्लब बन गए। .

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२०१५ रग्बी यूनियन विश्व कप

२०१५ रग्बी यूनियन विश्व कप, रग्बी यूनियन विश्व कप का आठवाँ संस्करण था। http://www.rugbyworldcup.com/archive यह इंग्लैंड में १८ सितंबर से ३१ अक्टूबर २०१५ को आयोजित किया गया। इसमे बीस टीमो ने भाग लिया था। टूर्नामेंट का फाइनल न्यूज़ीलैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच था, और न्यूज़ीलैंड ने ऑस्ट्रेलिया को ट्विकेनहैम मे खेले गए फाइनल मे 34-17 से पराजित कर २०१५ रग्बी यूनियन विश्व कप जीता। यह न्यूज़ीलैंड की तीसरी विश्व कप जीत थी। वे विश्व कप वापस जीतने के लिए पहली टीम बन गए। .

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२०१५ क्रिकेट विश्व कप

आईसीसी (ICC) क्रिकेट विश्व कप २०१५, 11 वाँ आईसीसी क्रिकेट विश्व कप था, और इसकी मेजबानी ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड द्वारा मिलकर की गई। यह 2015 फ़रवरी 14 - मार्च 29 तक चला जिसके दौरान 49 मैच 14 स्थानों में खेले गए। 26 मैच ऑस्ट्रेलिया के एडिलेड, ब्रिस्बेन, कैनबरा, होबार्ट, मेलबोर्न, पर्थ और सिडनी में आयोजित किए गए तथा 23 मैच न्यूजीलैंड के ऑकलैंड, क्राइस्टचर्च, डुनेडिन, हैमिल्टन, नेपियर, नेल्सन और वेलिंग्टन में हुए। टूर्नामेंट का फाइनल मेलबोर्न क्रिकेट ग्रांउड पर खेला गया और इसे ऑस्ट्रेलिया ने जीता। .

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२०१६ यूईएफए चैंपियंस लीग फाइनल

२०१६ यूईएफए चैंपियंस लीग फाइनल, 2015–16 यूईएफए चैंपियंस लीग का अंतिम मैच था। यूईएफए द्वारा आयोजित यूरोप के इस प्रमुख क्लब फुटबॉल टूर्नामेंट का यह 61 वाँ और यूरोपीय चैंपियन क्लब कप से नाम परिवर्तन करके यूईएफए चैंपियंस लीग करने के बाद यह 24 वाँ संस्करण था। यह मिलानो, इटली में सैन सिरो द्वारा आयोजित किया गया, फाइनल मैच दो स्पेनी टीमों रियल मैड्रिड और एटलेटिको मैड्रिड के बीच था। फाइनल टूर्नामेंट के इतिहास में ऐसा दूसरी बार था कि फाइनल मे दोनों टीमें एक ही शहर से थी। इससे पहले 2014 के फाइनल मे भी यही दो टीमें थी। रियल मैड्रिड ने पेनाल्टी शूट आउट पर 5–3 के अंतर से यह मैच जीतकर रिकार्ड ग्यारहवीं बार यूरोपीय खिताब जीता। .

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२०१६ यूईएफए यूरोपा लीग फाइनल

२०१६ यूईएफए यूरोपा लीग फाइनल, 18 मई 2016 पर बासेल, स्विट्जरलैंड के सेंट जकोब-पार्क में हुए एक फुटबॉल मैच था। यह स्पेन के क्लब सेविला और इंगलैंड के क्लब लिवरपूल के बीच खेला गया था। सेविला ने फाइनल 3–1 से जीता लिया। यह उन्का इस प्रतियोगिता में एक रिकॉर्ड पांचवां खिताब था और वे प्रतियोगिता के इतिहास में सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले क्लब बन गए। .

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२०१७ यूईएफए यूरोपा लीग फाइनल

२०१७ यूईएफए यूरोपा लीग फाइनल, 24 मई 2017 पर सोलना, स्वीडन के फ्रेंडस एरिना में हुए एक फुटबॉल मैच था। यह नीदरलैंड के क्लब अजाक्स और इंगलैंड के क्लब मैनचेस्टर यूनाइटेड के बीच खेला गया था। मैनचेस्टर यूनाइटेड ने फाइनल 2–0 से जीता लिया। यह उन्का इस प्रतियोगिता में प्रथम खिताब था। .

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२०१७ आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी

२०१७ आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी एक दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट के प्रारूप के तहत क्रिकेट प्रतियोगिता है जो इंग्लैंड और वेल्स में आयोजित की गई। यह प्रतियोगिता ०१ जून से १८ जून २०१७ तक आयोजित की गई जिसमें कुल १५ मैच खेले जाएंगे। यह चैंपियंस ट्रॉफी का आठवाँ संस्करण था,जिसमें ८ टीमें हिस्सा ले रही है,जिसको दो - दो समूह में चार - चार टीमों में विभाजित किया गया था। वेस्टइंडीज क्रिकेट टीम इस बार नहीं खेल रही क्योंकि बांग्लादेश क्रिकेट टीम ने आईसीसी की वनडे रैंकिंग में बाजी मारी इस कारण बांग्लादेश इस ट्रॉफी में खेली। इस चैम्पियंस ट्रॉफी का फाइनल मुकाबला १८ जून को भारतीय क्रिकेट टीम और पाकिस्तान क्रिकेट टीम के मध्य खेला गया था जिसमें पाकिस्तान ने भारत को १८० रनों से हराकर पहली बार आईसीसी ट्रॉफी की विजेता टीम बनी। .

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२०१७ आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी फाइनल

२०१७ आईसीसी चैम्पियंस ट्रॉफी फाइनल जो कि २०१७ आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी का फाइनल मैच था जो भारतीय क्रिकेट टीम और पाकिस्तान क्रिकेट टीम के मध्य १८ जून २०१७ को इंग्लैंड के लंदन में स्थित द ओवल क्रिकेट मैदान पर खेला गया था जिसमें पाकिस्तान ने भारत को १८० रनों से ऐतिहासिक मैच हराया। .

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२०१८ फीफा विश्व कप

२०१८ फीफा विश्व कप (फीफा विश्व कप का 21वां संस्करण) 14 जून 2018 से 15 जुलाई 2018 के बीच रूस में एक अंतर्राष्ट्रीय पुरूष फुटबॉल टूर्नामेंट है। रूस इस प्रतियोगिता की मेज़बानी प्रथम बार कर रहा है। बत्तीस देशों की टीमें फाइनल टूर्नामेंट में भाग लिया। सभी मैच ब्राजील के 12 विभिन्न स्टेडियमों में मैच खेले गए। अर्जेंटीना में आयोजित हुए 2006 विश्व कप के बाद से यूरोप में आयोजित होने वाला यह पहला विश्व कप है। इससे पहले 2014 का टूर्नामेंट जर्मनी ने जीता था। १५ जुलाई २०१८ को २०१८ फीफा विश्व कप का फाइनल है। .

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२०१९ क्रिकेट विश्व कप

२०१९ क्रिकेट विश्व कप इंग्लैंड और वेल्स द्वारा आयोजित किया जाएगा। यह बारहवें क्रिकेट विश्व कप प्रतियोगिता होगी और पांचवीं बार यह इंग्लैंड और वेल्स में आयोजित किया जाएगा। .

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२२ जनवरी

22 जनवरी ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 22वाँ दिन है। साल में अभी और 343 दिन बाकी हैं (लीप वर्ष में 344)। .

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२७ मार्च

27 मार्च ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 86वॉ (लीप वर्ष मे 87 वॉ) दिन है। साल मे अभी और 279 दिन बाकी है। .

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२८ दिसम्बर

28 दिसंबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 362वॉ (लीप वर्ष मे 363 वॉ) दिन है। साल में अभी और 3 दिन बाकी है। .

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२८ अगस्त

28 अगस्त ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 240वॉ (लीप वर्ष में 241 वॉ) दिन है। साल में अभी और 125 दिन बाकी है। .

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३ जुलाई

३ जुलाई ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का १८४वॉ (लीप वर्ष में १८५वॉ) दिन है। वर्ष में अभी और १८१ दिन बाकी है। .

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४ दिसम्बर

4 दिसंबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 338वॉ (लीप वर्ष में 339 वॉ) दिन है। साल में अभी और 27 दिन बाकी है। .

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८ जुलाई

८ जुलाई ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का १८९वॉ (लीप वर्ष में १९० वॉ) दिन है। वर्ष में अभी और १७६ दिन बाकी है। .

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८ अक्तूबर

8 अक्टूबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 281वॉ (लीप वर्ष मे 282 वॉ) दिन है। साल मे अभी और 84 दिन बाकी है।.

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९ दिसम्बर

9 दिसंबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 343वॉ (लीप वर्ष मे 344 वॉ) दिन है। साल में अभी और 22 दिन बाकी है। .

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FA कप

द फुटबॉल एसोसिएशन चैलेंज कप, सामान्यतः FA कप के रूप में ज्ञात, अंग्रेज़ी फुटबॉल में एक नॉक-आउट कप प्रतियोगिता है, जिसका नाम फुटबॉल एसोसिएशन पर आधारित है जो इसका संचालन करता है। "FA कप" नाम, आम तौर पर अंग्रेज़ पुरुषों के टूर्नामेंट को संदर्भित करता है, हालांकि एक महिला टूर्नामेंट का भी आयोजन किया जाता है। इसका वर्तमान प्रायोजित नाम है FA कप स्पॉन्सर्ड बाई E.ON.

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1896 ग्रीष्मकालीन ओलम्पिक

1896 ग्रीष्मकालीन ओलम्पिक, जो आधिकारिक तौर पर पहले ओलम्पियाड खेल के रूप में जानी जाती है, एक बहु-खेल प्रतियोगिता थी जो यूनान की राजधानी एथेंस में 6 अप्रैल से 15 अप्रैल 1896 के बीच आयोजित हुई थी। यह आधुनिक युग में आयोजित होने वाली पहली अंतर्राष्ट्रीय ओलम्पिक खेल प्रतियोगिता थी। चूँकि प्राचीन यूनान ओलम्पिक खेलों का जन्मस्थान था, अतएव एथेंस आधुनिक खेलों के उद्घाटन के लिए उपयुक्त विकल्प माना गया था। यह सर्वसम्मति से जून 23, 1894, को पियरे डे कोबेर्टिन, फ्रांसीसी शिक्षाशास्त्री और इतिहासकार, द्वारा पेरिस में आयोजित एक सम्मेलन (कांग्रेस) के दौरान मेज़बान शहर के रूप में चुना गया था। अन्तर्राष्ट्रीय ओलम्पिक समिति (आईओसी) भी इस सम्मेलन के दौरान स्थापित की गई थी। अनेक बाधाओं और असफलताओं के बावजूद, 1896 ओलम्पिक का आयोजन एक बड़ी सफलता मानी गई थी। यह उस समय तक के किसी भी खेल आयोजन की सबसे बड़ी अंतर्राष्ट्रीय भागीदारी थी। 19वीं सदी में प्रयोग किया एकमात्र ओलम्पिक स्टेडियम, पानाथिनाइको स्टेडियम, किसी भी खेल प्रतिस्पर्धा को देखने के लिए आई सबसे बड़ी भीड़ से उमड़ गया था। यूनानियों के लिए सबसे मुख्य उनके देशवासी स्पिरिडिन लुई की मैराथन विजय थी। सबसे सफल प्रतियोगी जर्मन पहलवान और जिमनास्ट कार्ल शुमेन थे, जिन्होंने चार स्पर्धाओं में जीत अर्जित की थी। खेलों के पश्चात्, ग्रीस के राजा जॉर्ज और एथेंस में उपस्थित कुछ अमेरिकी प्रतिस्पर्धियों सहित कई प्रमुख व्यक्तित्वों द्वारा रिज़ कोबेर्टिन और आईओसी के समक्ष याचिका दायर की गई थी कि उत्तरगामी सभी खेल एथेंस में ही आयोजित किये जाएँ। परंतु, 1900 ग्रीष्मकालीन ओलम्पिक पेरिस के लिए पहले से ही योजनाबद्ध थे और 1906 इन्टरकेलेटिड खेलों को छोड़कर, ओलम्पिक 2004 के ग्रीष्मकालीन खेलों तक ग्रीस में वापस नहीं लौटे, कुछ 108 साल बाद। इन खेलों की प्रतिस्पर्धाओं और शख्सियतों के प्रतिवेश की कहानियों को 1984 एनबीसी लघु शृंखला (मिनीसीरीज़), द फ़र्स्ट ओलम्पिक: एथेंस, 1896, में इतिवृत्त किया गया था। इस लघु शृंखला में अभिनीत थे विलियम मिलीगन स्लोन के रूप में डेविड ऑग्डेन स्टायर्स और पियरे डे कोबेर्टिन के रूप में लुई जोर्डान। .

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1993 महिला क्रिकेट विश्व कप

1993 के महिला क्रिकेट विश्व कप एक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट टूर्नामेंट 20 जुलाई से 1 अगस्त 1993 तक इंग्लैंड में खेला गया था। दूसरी बार के लिए इंग्लैंड द्वारा होस्ट किया गया है, यह महिला क्रिकेट विश्व कप के पांचवें संस्करण था, और न्यूजीलैंड में पिछले 1988 विश्व कप के बाद चार साल में एक छोटे से आया था। टूर्नामेंट 60 ओवर खेले गए मैचों के साथ, अंतरराष्ट्रीय महिला क्रिकेट परिषद (IWCC) द्वारा आयोजित किया गया था। यह "एक जूते का फीता पर रन" था, और रद्द किया जा रहा है जब तक एक £ 90,000 दान खेल और कला के लिए फाउंडेशन से प्राप्त किया गया था के करीब था। श्रेणी:क्रिकेट विश्व कप.

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1999 क्रिकेट विश्व कप

१९९९ क्रिकेट विश्व कप, (आधिकारिक तौर पर आईसीसी क्रिकेट विश्व कप) क्रिकेट विश्व कप का सातवाँ संस्करण था। http://www.icc-cricket.com/cricket-world-cup/about/279/history यह इंगलैंड, स्कॉटलैंड, आयरलैंड, नीदरलैंड और वेल्स में १४ मई से २० जून १९९९ को आयोजित किया गया। http://www.espncricinfo.com/ci/content/series/61046.html?template.

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2002 हॉकी विश्वकप (पुरुष)

हॉकी विश्वकप (पुरुष) 2002 हॉकी विश्वकप का 10 वां संस्करण था, जो कुआलालम्पुर, मलेशिया में 24 फ़रवरी से 5 मार्च 2002 के बीच आयोजित किया गया। जर्मनी ने फाइनल में ऑस्ट्रेलिया को 2-1 से हारते हुए अपना पहला विश्वकप जीता। तीसरा स्थान नीदरलैंड ने कोरिया को ३-२ अतिरिक्त समय में स्वर्णिम गोल की मदद से प्राप्त किया। .

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2004 आईसीसी चैंपियन्स ट्रॉफ़ी

2004 आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी का आयोजन सितंबर 2004 में इंग्लैंड में हुआ था। तीन जगहों पर 16 दिनों में 15 टीमों में 12 टीमों की भागीदारी हुई: एजबस्टन, द रोझ बाउल और ओवल प्रतिस्पर्धा में शामिल देशों में दस टेस्ट देशों, केन्या (एकदिवसीय स्थिति) और - एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय एकदिवसीय मैच बनाकर - संयुक्त राज्य अमेरिका ने 2004 के आईसीसी छः राष्ट्र चैलेंज को मार्जिन के सबसे छोटे से जीतकर (क्वार्टर रन रेट में नीचे) कनाडा, नामीबिया, और नीदरलैंड्स जो हाल ही में 2003 क्रिकेट विश्व कप में खेला था)। आईसीसी चैंपियन्स ट्रॉफ़ी वेस्ट इंडीज द्वारा एक आउट-आउट ओवल भीड़ के सामने जीत गई थी। रामनरेश सरवान को टूर्नामेंट के प्लेयर नाम दिया गया था। .

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2006 हॉकी विश्वकप (पुरुष)

'हॉकी विश्वकप (पुरुष) 2006' हॉकी विश्वकप का 11 वां संस्करण था, जो मोंचेनग्लाडबाच, जर्मनी में 6 सितंबर से 17 सितंबर 2010 के बीच आयोजित किया गया। जर्मनी ने फाइनल में ऑस्ट्रेलिया को 4-3 से हारते हुए इस विश्वकप को जीता। यह जर्मनी का लगातार दूसरा खिताब था, इसके पहले 2002 में भी जर्मनी ने विश्वकप खिताब हासिल किया था। तीसरा स्थान स्पेन ने प्राप्त किया। .

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2010 हॉकी विश्वकप (पुरुष)

हॉकी विश्वकप (पुरुष) 2010 हॉकी विश्वकप का 12 वां संस्करण था, जो नई दिल्ली, भारत में 28 फरबरी 2010 से 13 मार्च 2010 के बीच आयोजित किया गया। ऑस्ट्रेलिया ने फाइनल में जर्मनी को 2-1 से हारते हुए इस विश्वकप को जीता। यह ऑस्ट्रेलिया का दूसरा खिताब था, इसके पहले १९८६ में भी ऑस्ट्रेलिया ने विश्वकप खिताब हासिल किया था। तीसरा स्थान नीदरलैंड ने प्राप्त किया। .

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2014 राष्ट्रमण्डल खेल

2014 राष्ट्रमण्डल खेल (आधिकारिक XX राष्ट्रमण्डल खेल) ग्लासगो, स्कॉटलैंड, में 23 जुलाई से 3 अगस्त 2014 के मध्य आयोजित हुआ। यह ओलंपिक व एशियाड खेलों के बाद तीसरा सबसे बड़ी बहु-खेल स्पर्धा है। यह स्कॉटलैंड में होने वाला अब तक का सबसे बड़ा बहु-खेल आयोजन रहा जिसमे 4,560 खिलाड़ी 17 विभिन्न खेलों में भाग लिया। स्कॉटलैंड में इससे पूर्व एडिनबरा में 1970 और 1986 के राष्ट्रमण्डल खेल आयोजित कर चुका है। इन खेलों ने संगठन, लोगों की उपस्तिथि तथा उत्साह के कारण काफी प्रशंसा पाई। राष्ट्रमण्डल खेल संघ के प्रमुख माइक हूपर ने इन खेलों की प्रशंसा करते हुए अब तक इतिहास का असाधारण खेल करार दिया। स्कॉटलैंड की धरती पर तीसरी बार आयोजित हुए इन खेलों में यूनाईटेड किंगडम के गृह देशों इंग्लैंड, वेल्स तथा मेजबान स्कॉटलैंड ने सबसे अधिक पदक पा कर सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया। इंग्लैंड ने 1986 के खेलों के बाद पदक तालिका में शीर्ष स्थान हासिल किया, जो कि स्कॉटलैंड में ही आयोजित हुए थे। किरिबाती ने राष्ट्रमण्डल खेल के इतिहास में अपना पहला पदक जीता, जो कि भारोत्तोलन की पुरुष 105 किग्रा स्पर्धा में स्वर्ण था। .

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2014 हॉकी विश्वकप (पुरुष)

हॉकी विश्वकप (पुरुष) 2014 हॉकी विश्वकप का 13 वां संस्करण था, जो हेग, नीदरलैंड में 31 मई से 15 जून 2014 तक क्योसेरा स्टेडियम में आयोजित किया गया। इसे "राबोबैंक हॉकी विश्व कप 2014" के नाम से भी जाना जाता है। इस स्पर्धा में कुल 12 टीमों ने भाग लिया। नीदरलैंड ने तीसरी बार इस स्पर्धा की मेजबानी की, इसके पहले 1973 एवं 1998 में मेजबानी कर चुका है। महिला हॉकी विश्वकप 2014 भी इसी के साथ नीदरलैंड में ही आयोजित किया गया। गत विजेता ऑस्ट्रेलिया ने फाइनल में नीदरलैंड को 6-1 से हराने के बाद तीसरी बार टूर्नामेंट जीत लिया। भारत की टीम तीन लगातार मैच हारने के साथ, अंतिम चार में जगह बनाने में नाकाम रही। .

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2016 में इंग्लैंड ए टीम त्रिकोणीय श्रृंखला

इंग्लैंड टीम त्रिकोणीय सीरीज एक लिस्ट ए क्रिकेट टूर्नामेंट जुलाई 2016 में इंग्लैंड में आयोजित होने वाली है। इंग्लैंड, पाकिस्तान और श्रीलंका के दूसरे स्तर अंतरराष्ट्रीय टीमों के टूर्नामेंट में भाग लेंगे। .

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2017 मैनचेस्टर एरेना बमबारी

22 मई 2017 को आंतकी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएसआईएस) ने ब्रिटेन के मैनचेस्टर में अमेरिकी पॉप स्टार एरियाना ग्रैंडे के म्यूजिक कंसर्ट को निशाना बनाया और हमलावर ने खुद को उड़ा लिया था जिसमें 22 लोगो की मौत हो गई और 59 से ज्यादा घायल हो गए थे। हमला स्थानिया समय के अनुसार रात लगभग साढ़े 10 बजे हुआ। तब भारत में सुबह के तीन बज रहे थे जिसकी जिम्मेदारी आंतकी संगठन आईएसआईएस ने ली थी। .

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2018 राष्ट्रमण्डल खेल

2018 राष्ट्रमण्डल खेल या 2018 कॉमनवेल्थ गेम्स गोल्ड कोस्ट, क्वींसलैंड, ऑस्ट्रेलिया, में 4 अप्रैल से 15 अप्रैल 2018 के मध्य में आयोजित हुआ। यह ओलंपिक व एशियाड खेलों के बाद तीसरा सबसे बड़ी बहु-खेल स्पर्धा है| ऑस्ट्रेलिया ने पांचवी बार, राष्ट्रमंडल खेलों की मेजबानी करी। .

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2018 हॉकी विश्वकप

2018 हॉकी वर्ल्ड कप(पुरुष) भारत में होगा, तथा महिला हॉकी वर्ल्ड कप की मेजबानी इंग्लैंड करेगा। इस चौदहवे विश्वकप में पुरुष और महिला दोनों वर्गों में कुल 16-16 टीमें भाग लेंगी। ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, भारत, मलेशिया और न्यूजीलैंड इन पाँच देशों ने इस टूर्नामेंट की मेजबानी के लिए मजबूत दावेदारी पेश की थी।इस प्रतियोगिता में भाग ले रहीं टीमों की संख्या विश्व कप-2018 में बड़ाई जा रही है इस से पहले होने वाले विश्वकप 2014 में 12 टीमें भाग लेंगी। .

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2022 राष्ट्रमण्डल खेल

2022 में राष्ट्रमंडल खेल बर्मिंघम, इंग्लैण्ड में आयोजित किया जायेगा। .

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यहां पुनर्निर्देश करता है:

England, इंगलैन्ड, इंगलैंड, इंग्लिस्तान, इंग्लैंड, इंग्लॅण्ड

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