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इंग्लैंड के हेनरी अष्टम्

सूची इंग्लैंड के हेनरी अष्टम्

हेनरी अष्टम (28 जून 1491-28 जनवरी 1547) 21 अप्रैल 1509 से अपनी मृत्यु तक इंग्लैंड के राजा थे। वे लॉर्ड ऑफ आयरलैंड (बाद में किंग ऑफ आयरलैंड) तथा फ्रांस के साम्राज्य के दावेदार थे। हेनरी ट्यूडर राजघराने के दूसरे राजा थे, जो कि अपने पिता हेनरी सप्तम के बाद इस पद पर आसीन हुए। अपने छः विवाहों के अलावा, हेनरी अष्टम चर्च ऑफ इंग्लैंड को रोमन कैथोलिक चर्च से पृथक करने में उनके द्वारा निभाई गई भूमिका के लिये भी जाने जाते हैं। रोम के साथ हेनरी के संघर्षों का परिणामस्वरूप पोप के प्रभुत्व से चर्च ऑफ इंग्लैंड का पृथक्करण हुआ और मठों का विघटन हो गया और उन्होंने स्वयं को चर्च ऑफ इंग्लैंड के सर्वोच्च प्रमुख (Supreme Head of the Church of England) के रूप में स्थापित कर लिया। उन्होंने धार्मिक आयोजनों व रस्मों को बदल दिया तथा मठों का दमन किया और साथ ही वे कैथलिक धर्मशास्त्र की मूल-शिक्षाओं के समर्थक बने रहे, यहां तक कि रोमन कैथलिक चर्च के साथ उनके निष्कासन के बाद भी। वेल्स ऐक्ट्स (Wales Acts) 1535-1542 के कानूनों के साथ हेनरी ने इंग्लैंड और वेल्स के वैधानिक मिलन का निर्देशन किया। अपनी युवावस्था में हेनरी एक आकर्षक और करिश्माई पुरुष थे, शिक्षित व परिपूर्ण.

21 संबंधों: टावर ऑफ़ लण्डन, टेनिस, एडवर्ड ६, इंग्लैंड का राजा, एरागॉन की कैथरीन, एलिज़ाबेथ प्रथम, ऐनी बोलिन, पैलेस ऑफ़ वेस्ट्मिन्स्टर, ब्रिटिश राजतंत्र, ब्रिटेन के शाही निवासों की सूची, मुकुटों का एकीकरण, मैरी ट्यूडर, फ्रांस की रानी, मैरी १ (स्कॉटलैंड की रानी), मैरी १, इंग्लैंड की रानी, यूनाइटेड किंगडम के शाही राजघराने, लेडी जेन ग्रे, सेंट जेम्स पैलेस, वेस्ट्मिन्स्टर ऍबी, गैलिक आयरलैंड, आयरलैंड की जागीरदारी, अंग्रेज शासकों की सूची, अंग्रेज़

टावर ऑफ़ लण्डन

ब्रिटेन की राजधानी लंदन के मध्य में टेम्स नदी के किनारे बने इस भव्य क़िले का निर्माण सन् 1078 में विलियम ने कराया था। इसके निर्माण में लगे पत्थर फ़्रांस से मंगाए गए थे। इसके परिसर में कई इमारतें हैं। एक समय यह ब्रिटेन का शाही महल था। इसी परिसर में राजसी बंदियों के लिए कारागार भी था। यह किला अनेक मृत्युदंड तथा हत्याओं का साक्षी रहा है। हेनरी अष्टम ने अपनी रानी ऐन बोलिन का 1536 में यहीं सर क़लम कराया था। वर्तमान समय में ब्रिटेन का राजपरिवार इस क़िले में नहीं रहता है लेकिन उनके शाही जवाहरात यहीं सुरक्षित रखे गए हैं। .

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टेनिस

टेनिस खेल 2 टीमों के बीच गेंद से खेले जाने वाला एक खेल है जिसमें कुल 2 खिलाडी (एकल मुकाबला) या ४ खिलाड़ी (युगल) होते हैं। टेनिस के बल्ले को टेनिस रैकट और मैदान को टेनिस कोर्ट कहते है। खिलाडी तारो से बुने हुए टेनिस रैकट के द्वारा टेनिस गेंद जोकि रबर की बनी, खोखली और गोल होती है एवम जिस के ऊपर महीन रोए होते है को जाल के ऊपर से विरोधी के कोर्ट में फेकते है। टेनिस की शुरूआत फ्रांस में मध्य काल में हुई मानी जाती है। उस समय यह खेल इन-डोर यानि छत के नीचे हुआ करता था। इंगलैड में 19वीं शताब्दी के अंतिम वर्षो में लान टेनिस, यानि छत से बाहर उद्यान में खेले जाने वाले का जन्म हुआ और बाद में सारे विश्व में लोकप्रिय हुआ। आज यह खेल ओलम्पिक में शामिल है और विश्व के सभी प्रमुख देशों के करोड़ों लोगो में काफी लोकप्रिय है। टेनिस की विश्व स्तर पर चार प्रमुख स्पर्धाए होती है जिन्हे ग्रेन्ड स्लेम कहा जाता है - हर साल जनवरी में ऑस्ट्रेलिया की ऑस्ट्रेलियन ओपन, मई में फ़्रांस की फ़्रेन्च ओपन और उसके दो हफ़्तों के बाद लंदन की विम्बलडन, सितम्बर में अमेरिका में होने वाली स्पर्धा को अमेरिकन ओपन (संक्षेप में यूएस ओपन) कहा जाता है। विम्बलडन एक घास के कोर्ट पर खेला जाता है। फ्रेंच ओपन मिट्टी के आंगन (क्ले कोर्ट) पर खेला जाता है। यूएस ओपन और ऑस्ट्रेलियन ओपन के मिश्रित कोर्ट पर खेला जाता है। .

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एडवर्ड ६, इंग्लैंड का राजा

एडवर्ड षष्टम, Edward VI (12 अक्टूबर 1537 – 6 जुलाई 1553) 28 जनवरी 1547 से अपनी मृत्यु तक आयरलैंड और इंग्लैंड का राजा था। २० फरवरी को ९ वर्ष की उम्र में उसका राज्याभिषेक किया गया था। हेनरी ८ और जेन सीमोर का पुत्र एडवर्ड ट्यूडर राजवंश का तीसरा शासक सम्राट था। प्रोटेस्टैंट विचारों के तहत शिक्षित होने और बड़ा होने वाला भी वो इंग्लैंड का पहला राजा था। एक किशोर होने के नाते एडवर्ड के शासनकाल में उसका साम्राज्य वास्तव में एक राज अधिकारी द्वारा शासित होता था। राज्याधिकारियों की इस समिति के पहले अध्यक्ष उसके मामा एडवर्ड सीमोर (1547–1549), और बाद में जॉन डुडली थे। एडवर्ड का शासनकाल इंग्लैंड में आर्थिक और सामाजिक विसंगतियों के लिये याद किया जाता है जिसके परिणामस्वरूप 1549 में वहाँ दंगे और विद्रोह होने लगे थे। स्कॉटलैंड के साथ एक बहुत ही महंगी लड़ाई जो पहले तो सफल रही लेकिन बाद में समझौतों और सेनाओं को पीछे खींचने पर और पिता द्वारा विजित बोलोग्न को शांति की स्थापना के लिये वापस फ्रांस को देने पर खत्म हुई। गिरिजाघर का आधिकारिक रूप से प्रोटेस्टैंट गिरिजाघर के रूप में पहचाना जाना भी एडवर्ड के ही शासनकाल में हुआ जो धार्मिक कार्यों में बहुत रूचि लेता था। हालांकि उसके पिता हेनरी अष्टम ने रोमन कैथोलिक गिरिजाघर और अंग्रेजी गिरिजाघर के बीच संबंध विच्छेद करवा दिया था लेकिन उसने कभी भी वहाँ पर कैथोलिक मान्यताओं व समारोहों के प्रचलन को बंद नहीं करवाया था। एडवर्ड के राज में प्रोटेस्टैंट विचारधारा को आधिकारिक मान्यता दी गई, पादरियों को अनिवार्य ब्र्हमचर्य से मुक्ति और अनिवार्य सामूहिक प्रार्थनाओं की समाप्ति के नियम बनाए गये। इन सुधारों के निर्माता कैंटरबरी के शीर्ष पादरी थॉमस क्रैनमर थे जिनकी लिखी पुस्तक आम प्रार्थना की पुस्तक (बुक ऑफ़ कॉमन प्रेयर) का उपयोग आज भी किया जाता है। फरवरी 1553 में 15 की उम्र में एडवर्ड बीमार पड़ गया। जब ऐसा लगा की उसकी बीमारी गंभीर है और वो नहीं बचेगा तब तब उसने अपनी सलाहकार समिति के साथ मिलकर तीसरा उत्तराधिकार कानून में परिवर्तन करने के लिये "उत्तराधिकार के लिये इच्छापत्र" तैयार किया जिसमें मैरी के सत्ता ग्रहण करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया ताकि देश बापस कैथोलिक धर्म की ओर ना जाए। एडवर्ड ने अपनी बुआ मैरी ट्यूडर की नातिन लेडी जेन ग्रे, को अपना उत्तराधिकारी बना दिया और अपनी सौतेली बहनों मैरी १ और एलिज़ाबेथ प्रथम को उत्तराधिकार पंक्ति से हटा दिया। हालांकि एडवर्ड की मृत्यु के पश्चात इस फैसले को चुनौती दी गई और जेन को १३ दिनों के अंदर मैरी ने पदच्युत कर दिया। इसलिये जेन को नौ दिनों की रानी भी कहा जाता है। रानी के तौर पर मैरी ने एडवर्ड द्वारा किये गये सभी प्रोटेस्टैंट बदलावों को पलट दिया जो कि बाद में 1559 के एलिज़ाबेथ के धार्मिक समाधान (एलिज़बेथिअन रिलीज़ियस सेटलमेंट) का आधार बने। .

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एरागॉन की कैथरीन

एरागॉन की कैथरीन (कैस्टिलियाई: कैटालीना; ऐसे भी लिखते हैं Katherine of Aragon, 16 दिसम्बर 1485 – 7 जनवरी 1536) जून १५०९ से मई १५३३ ई॰ तक हेनरी अष्टम की पहली पत्नी के तौर पर इंग्लैंड की पटरानी थीं। रानी बनने से पहले वह हेनरी के बड़े भाई आर्थर की पत्नी के तौर पर वेल्स की राजकुमारी रह चुकी थीं। कैस्टिले की इसाबेल प्रथम और एरागॉन के राजा फर्डीनंड द्वितीय की बेटी कैथरीन का तीन वर्ष की उम्र में अंग्रेजी सिंहासन के उत्तराधिकारी व हेनरी सप्तम के पुत्र आर्थर के साथ विवाह तय कर दिया गया था। उनकी शादी सन 1501 में हुई और आर्थर पांच महीने बाद ही मर गया। यूरोपीय इतिहास में पहली महिला राजदूत बनने वाली कैथरीन को 1507 ई॰ में इंग्लैंड में स्पेन के राजदूत का दर्ज़ा मिला। इसके बाद कैथरीन ने आर्थर के छोटे भाई और 1509 में राजा बने हेनरी सप्तम से विवाह कर लिया। 1513 ई॰ में छ: महीनों के लिये जब हेनरी फ्रांस की यात्रा पर थे तब उन्होंने इंग्लैंड का शासन भी संभाला था। उस वक्त इंग्लैंड ने फ्लॉडॅन का युद्ध जीता जिसमें कैथरीन ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 1525 तक हेनरी रानी की परिचारिका ऐनी बोलिन के प्रति आसक्त हो चुका था और कोई जीवित पुरूष संतान ना पैदा कर पाने की वजह से कैथरीन से अलग होना चाहता था। आरंभ में तो दोनों का दांपत्य जीवन सुखद रहा, पर शीघ्र ही राजनीति उसके आड़े आई। हेनरी व ऐन द्वारा उसके विवाहविच्छेद के अनेक प्रयास किए गए और २३ मई १५३३ को अंतत: आर्कविशप थॉमस क्रैनमर ने उसके विवाह को अवैध घोषित किया और १० अगस्त को वह रानी के पद से वंचित कर दी गई। हेनरी अष्टम ने एनी बोलेन से विवाह कर लिया था। फलत: कैथरीन धार्मिक जीवन व्यतीत करने लगी। साथ ही आजीवन वह अपने विवाह की अवैधता तथा एनी बोलेन के शिशु के राज्याधिकार की वैधता स्वीकार कर लेने से इनकार करती रही। फलत: उसे मार डालने की धमकी दी जाने लगी और उससे उसकी बेटी मेरी छीन ली गई और उसे किमबोल्टन के किले में नज़रबंद कर दिए गया। एक रानी को मिलने वाले सभी अधिकार उससे छीन लिये गये, एकाकी जीवन व्यतीत करते हुए फलत: उसका स्वास्थ्य खराब हो गया और ८ जनवरी १५३६ को उसकी मृत्यु हुई। वह अपनी प्रजा के बीच एक बेहद लोकप्रिय रानी थी और उसकी दुखद परिस्थियों में हुई मृत्य ने अंग्रेजी प्रज़ा को घोर निराशा और दुख में डाल दिया। जुआन लुईस वाइव्स द्वारा लिखित विवादास्पद पुस्तक द एज़ुकेशन ऑफ़ क्रिस्चियन वूमेन, जो महिला के शिक्षा अधिकारों की वकालत करती है कैथरीन को ही समर्पित थी और उन्होंने ही उसका विमोचन किया था। कैथरीन के व्यक्तित्व का प्रभाव आमजन पर इतना गहरा था कि उनके दुश्मन थॉमस क्रॉमवेल ने एक बार कहा कि अगर महिला होने की बात छोड़ दी जाए तो वो इतिहास के सभी नायकों से श्रेष्ठ साबित होंगी। उन्होंने सफलतापूर्वक शैतानी मई दिवस (एविल मे डे) में भाग लेने वालों के लिये उनके परिवारों की खातिर क्षमा याचना की। गरीबों के लिये जनसेवा के विभिन्न नि:शुल्क कार्यक्रम शुरु करने के लिये उन्हें पूरे साम्राज्य में बहुत ख्याति मिली। वह मानवतावाद की प्रमुख पक्षधर और प्रख्यात विद्वानों तोटेरडम का इरासमस और थॉमस मोर की मित्र भी थीं। .

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एलिज़ाबेथ प्रथम

एलिज़ाबेथ प्रथम (Elizabeth I, जन्म: ७ सितम्बर १५३३, मृत्यु: २४ मार्च १६०३) इंग्लैंड और आयरलैंड की महारानी थीं, जिनका शासनकाल १७ नवम्बर १५५८ से उनकी मौत तक चला। यह ब्रिटेन के ट्युडर राजवंश की पाँचवी और आख़री सम्राट थीं। इन्होनें कभी शादी नहीं की और न ही इनकी कोई संतान हुई इसलिए इन्हें "कुंवारी रानी" (virgin queen, वर्जिन क्वीन) के नाम से भी जाना जाता था। यह ब्रिटेन के सम्राट हेनरी अष्टम की बेटी होने के नाते जन्म पर एक राजकुमारी थीं, लेकिन इनके जन्म के ढाई साल बाद ही इनकी माता, ऐन बोलिन (Anne Boleyn) को मार दिया गया और इन्हें नाजायज़ घोषित कर दिया गया। १५५३ तक इनके सौतेले भाई एडवर्ड ६ के शासनकाल के बाद इनकी बहन मैरी १ ने शासन संभाला। मैरी के संतानरहित होने के बाद एलिज़ाबेथ ने १७ नवंबर १५५८ को अंग्रेजी सिंहासन की बागडोर संभाली। इन्होने अपने इर्द-गिर्द बहुत से समझदार व्यक्तियों को मंत्री-परिषद में रखा जिस से ब्रिटेन सुव्यवस्थित हुआ। इन्होनें इंग्लैंड में "इंग्लिश प्रोटेस्टैंट चर्च" की नींव रखी और स्वयं को उसका अध्यक्ष बना लिया। इस से वे ब्रिटेन की राजनैतिक नेता और धार्मिक नेता दोनों बन गई। इस से रोमन कैथोलिक शाखा का पोप नाराज़ हो गया। वह ब्रिटेन को धार्मिक मामलों में अपने अधीन एक कैथोलिक राष्ट्र मानता था। उसने १५७० में यह आदेश दिया की ब्रिटेन के नागरिकों को एलिज़ाबेथ से वफ़ादारी करने की कोई आवश्यकता नहीं है। इस से ब्रिटेन के कैथोलिक समुदाय से एलिज़ाबेथ के ख़िलाफ़ बहुत से हमले हुए और कई विद्रोह भड़के, लेकिन एलिज़ाबेथ अपने मंत्रियों की गुप्तचर सेवा की मदद से सत्ता पर बनी रहीं। १५८८ में पोप के आग्रह पर स्पेन (जो एक कैथोलिक राष्ट्र था) ने ब्रिटेन पर एक समुद्री जहाज़ों का बड़ा लेकर आक्रमण करने की कोशिश करी। इस आक्रमण को "स्पेनी अर्माडा" कहा जाता है। एलिज़ाबेथ की नौसेना ने उसे हरा दिया और यह जीत इंग्लैण्ड की सब से ऐतिहासिक जीतों में से एक मानी जाती है। एलिज़ाबेथ के शासनकाल को एलिज़ाबेथेन एरा यानी एलिज़ाबेथ का युग के नाम से भी जाना जाता है। वो अपने शासन में अपने पिता व भाई बहन के मुकाबले ज्यादा उदार थीं। उनकी बहन मैरी ने सैकणों प्रोटेस्टैंटों को मरवा दिया था जिसकी वजह से उसे खूनी मैरी के नाम से भी जाना जाता है। एलिज़ाबेथ ने ऐसा कोई काम नहीं किया। वह लोकप्रिय शासक के रूप में जानी जाती थीं। एलिज़ाबेथ के काल में ब्रिटिश साहित्य और नाटककार फले-फूले, जिनमें विलियम शेक्सपीयर और क्रिस्टोफ़र मार्लोवे के नाम सब से नुमाया हैं। उनके दौर में ब्रिटेन के नौसैनिक दूर-दूर खोज-यात्राओं में निकले। फ़्रांसिस ड्रेक ने उत्तर अमेरिका की यात्रा करी। माना जाता है कि उनके ४४ साल के राज से ब्रिटेन में एक शक्तिशाली राष्ट्रीय भावना फैल गई जिसने आगे चलकर ब्रिटेन को विश्व का सब से शक्तिशाली देश बनने में योगदान दिया। वह ऐसे समय में अपना सिंहासन बचाते हुए लंबे समय तक एक सफल शासन दे सकीं जब पड़ोसी राज्यों के शासक अंदरूनी विवादों में उलझे रहे और अपनी सत्ता गंवाते रहे, जैसे कि उनकी भतीजी व स्कॉटलैंड की रानी मैरी जिसे उन्होंने अपने खिलाफ षडयंत्र रचने के अपराध में १५६८ में मृत्युदंड दे दिया। कुछ इतिहासकार उन्हें चिड़चिड़ा व जल्द कोई फैसला ना ले पाने वाला शासक मानते हैं और उन्हें उनकी काबिलियत से ज्यादा भाग्यशाली बताते हैं। .

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ऐनी बोलिन

ऐनी बोलिन या (c.1501/1507 - 19 मई 1536) 1533 से 1536 तक इंग्लैंड के हेनरी अष्टम की दूसरी पत्नी और अपने आप में स्वंय और अपने वंशजों के लिए प्रथम मारकेस ऑफ़ पेमब्रोक थी। ऐनी के साथ हेनरी की शादी और उसके बाद उसके वध ने उसे धार्मिक और राजनीतिक उथल-पुथल जो अंग्रेज़ी सुधारान्दोलन का प्रारम्भ था, का महत्वपूर्ण व्यक्तित्व बना दिया.

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पैलेस ऑफ़ वेस्ट्मिन्स्टर

पैलेस ऑफ वेस्टमिन्स्टर, जिसका अर्थ है वेस्टमिंस्टर का महल और जिसे हाउस ऑफ पार्लियामेंट या वेस्टमिन्स्टर पैलेस के नाम से भी जाना जाता है, ब्रिटेन की संसद के दो सदनों का सभा स्थल है। इनमें से एक है ''हाउस ऑफ लॉर्ड्स'' और दूसरा है ''हाउस ऑफ कॉमन्स''। यह लंदन शहर के हृदय माने जाने वाले वेस्टमिन्स्टर शहर में थेम्स नदी के उत्तरी किनारे पर स्थित है। यह सरकारी भवन वाइटहॉल और डाउन स्ट्रीट तथा ऐतिहासिक स्थल वेस्टमिन्स्टर ऐबी के करीब है। यह नाम निम्न दो में से किसी एक संरचना को संदर्भित कर सकता है, द ओल्ड पैलेस, जो एक मध्यकालीन इमारत है जो कि 1834 में ही नष्ट हो गई थी और उसके स्थान पर बनने वाला न्यू पैलेस जो आज भी मौजूद है। लेकिन इसकी मूल शैली और शाही ठाठबाट पूर्ववत बनी हुई है। इस जगह पर पहला शाही महल ग्यारहवीं शताब्दी में बनाया गया था और 1512 में इस इमारत के नष्ट होने से पहले वेस्टमिन्स्टर ही लंदन के राजा का प्राथमिक लंदन निवास था। इसके बाद से ही यह संसद भवन के रूप में कार्य कर रहा है। 13 वीं शताब्दी से यहां संसद की सभाएं होती हैं और शाही न्याय पीठ एवं वेस्टमिन्स्टर हॉल भी यहीं पर है। पुनः पूरी भव्यता से बनाये गये इस संसद भवन में 1834 में भयानक आग लग गई। इस आग से जो इमारते बच गईं उनमें शामिल हैं वेस्टमिन्स्टर हॉल, द क्लॉइस्टर्स ऑफ सेंट स्टीफन्स, चैपल ऑफ सेंट मैरी अंडरक्राफ्ट और जूअल टॉवर.

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ब्रिटिश राजतंत्र

ब्रिटिश एकराट्तंत्र अथवा ब्रिटिश राजतंत्र(British Monarchy, ब्रिटिश मोनार्की, ब्रिटिश उच्चारण:ब्रिठिश मॉंनाऱ्क़़ी), वृहत् ब्रिटेन और उत्तरी आयरलैंड की संयुक्त राजशाही की संवैधानिक राजतंत्र है। ब्रिटिश एकाधिदारुक को संयुक्त राजशाही समेत कुल १५ राष्ट्रमण्डल प्रदेशों, मुकुटिया निर्भर्ताओं और समुद्रपार प्रदेशों के राजमुकुटों सत्ताधारक एकराजीय संप्रभु होने का गौरव प्राप्त है। वर्तमान सत्ता-विद्यमान शासक, ६ फरवरी वर्ष १९५२ से महारानी एलिजाबेथ द्वितीय हैं जब उन्होंने अपने पिता जॉर्ज षष्ठम् से राजगद्दी उत्तराधिकृत की थी। संप्रभु और उसके तत्काल परिवार के सदस्य देश के विभिन्न आधिकारिक, औपचारिक और प्रतिनिधि कार्यों का निर्वाह करते हैं। सत्ताधारी रानी/राजा पर सैद्धांतिक रूप से एक संवैधानिक शासक के अधिकार निहित है, परंतु सदियों पुराने आम कानून के कारण संप्रभु अपने अधिकतर शक्तियों का अभ्यास केवल संसद और सरकार के विनिर्देशों के अनुसार ही कार्यान्वित करने के लिए बाध्य हैं। इस कारण से, इसे वास्तविक तौर पर एक संसदीय सम्राज्ञता मानी जाता है। संसदीय शासक होने के नाते, शासक के अधिकतर अधिकार, निष्पक्ष तथा गैर-राजनैतिक कार्यों तक सीमित हैं। सम्राट, शासक और राष्ट्रप्रमुख होने के नाते उनके अधिकतर संवैधानिक शासन तथा राजनैतिक-शक्तियों का अभ्यय वे सरकार और अपने मंत्रियों की सलाह और विनिर्देशों पर ही करते हैं। परंपरानुसार शासक, ब्रिटेन के सशस्त्र बाल के अधिपति होते हैं। हालाँकि, संप्रभु के समस्त कार्य-अधिकारों का अभ्यय शासक के राज-परमाधिकार द्वारा होता है। वर्ष १००० के आसपास, इंग्लैंड और स्कॉटलैंड के राज्यों में कई छोटे प्रारंभिक मध्ययुगीन राज्य विकसित हुए थे। इस क्षेत्र में आंग्ल-सैक्सन लोगों का वर्चस्व इंग्लैंड पर नॉर्मन विजय के दौरान १०६६ में समाप्त हो गया, जब अंतिम आंग्ल-सैक्सन राजा हैरल्ड द्वितीय की मृतु हो गयी थी और अंग्रेज़ी सत्ता विजई सेना के नेता, विलियम द कॉंकरर और उनके वंशजों के हाथों में चली गयी। १३वीं सदी में इंग्लैंड ने वेल्स की रियासत को अवशोषित किया तथा मैग्ना कार्टा द्वारा संप्रभु के क्रमिक निःशक्तकरण की प्रक्रिया शुरू हुई। १६०३ में स्कॉटलैंड के राजा जेम्स चतुर्थ, अंग्रेजी सिंहासन पर जेम्स प्रथम के नाम से विराजमान होकर जो दोनों राज्यों को एक व्यक्तिगत संघ की स्थिति में ला खड़ा किया। १६४९ से १६६० के लिए अंग्रेज़ी राष्ट्रमंडल के नाम से एक क्षणिक गणतांत्रिक काल चला, जो तीन राज्यों के युद्ध के बाद अस्तिव में आया, परंतु १६६० के बाद राजशाही को पुनर्स्थापित कर दिया गया। १७०७ में परवर्तित एक्ट ऑफ़ सेटलमेंट, १७०१, जो आज भी परवर्तित है, कॅथॉलिक व्यक्तियों तथा कैथोलिक व्यक्ति संग विवाहित व्यक्तियों को अंग्रज़ी राजसत्ता पर काबिज़ होने से निष्कर्षित करता है। १७०७ में अंग्रेज़ी और स्कॉटियाई राजशाहियों के विलय से ग्रेट ब्रिटेन राजशही की साथपना हुई और इसी के साथ अंग्रज़ी और स्कोटिश मुकुटों का भी विलय हो गया और संयुक्त "ब्रिटिश एकराट्तंत्र" स्थापित हुई। आयरिश राजशही ने १८०१ में ग्रेट ब्रिटेन राजशाही के साथ जुड़ कर ग्रेट ब्रिटेन और आयरलैंड की संयुक्त राजशाही की स्थापना की। ब्रिटिश एकराट्, विशाल ब्रिटिश साम्राज्य के नाममात्र प्रमुख थे, जो १९२१ में अपने वृहत्तम् विस्तार के समय विष के चौथाई भू-भाग पर राज करता था। १९२२ में आयरलैंड का पाँच-छ्याई हिस्सा आयरिश मुक्त राज्य के नाम से, संघ से बहार निकल गया। बॅल्फोर घोषणा, १९२६ ने ब्रिटिश डोमिनिओनों के औपनिवेशिक पद से राष्ट्रमंडल के भीतर ही विभक्त, स्वशासित, सार्वभौमिक देशों के रूप में परिवर्तन को मान्य करार दिया। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद ब्रिटिश साम्राज्य सिमटता गया, और ब्रिटिश साम्राज्य के अधिकतर पूर्व उपनिवेश व प्रदेश स्वतंत्र हो गए। जो पूर्व उपनिवेश, ब्रिटिश शासक को अपना शासक मानते है, उन देशों को ब्रिटिश राष्ट्रमण्डल प्रमंडल या राष्ट्रमण्डल प्रदेश कहा जाता है। इन अनेक राष्ट्रों के चिन्हात्मक समानांतर प्रमुख होने के नाते, ब्रिटिश एकराट् स्वयं को राष्ट्रमण्डल के प्रमुख के ख़िताब से भी नवाज़ते हैं। हालांकि की शासक को ब्रिटिश शासक के नाम से ही संबोधित किया जाता है, परंतु सैद्धान्तिक तौर पर सारे राष्ट्रों का संप्रभु पर सामान अधिकार है, तथा राष्ट्रमण्डल के तमाम देश एक-दुसरे से पूर्णतः स्वतंत्र और स्वायत्त हैं। .

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ब्रिटेन के शाही निवासों की सूची

यह ब्रिटेन के राजकीय निवासों की सूची है, इस पृष्ठ पर ब्रिटिश राजपरिवार के सदस्यों के विभिन्न राजकीय निवासों व महलों को सूचीबद्ध किया गया है, तथा पारंपरिक रूप से राजकितुंब के उस भवन में रहने का समय भी दिया गया है। ब्रिटेन में सारे राजकीय निवास, महल व किले, शासक की निजी संपत्ति नहीं होती है, सारे राजकीय निवास विधिक रूप से राजमुकुट की संपत्ति होते हैं, जिन्हें क्राउन एस्टेट कहा जाता है, इन्हें आधिकारिक तौर पर शासक के विश्वास में आवंटित किया जाता है। शासक स्वेच्छा से इन्हें बेच नहीं सकते हैं। इसके अलावा शासक व राजकुटुंब, निजी तौर पर महल को खरीद सकते है, या उत्तराधिकृत कर सकते हैं। .

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मुकुटों का एकीकरण

जेम्स ६ और १। मुकुटों का एकीकरण यानि Union of the Crowns (Aonadh nan Crùintean; Union o the Crouns) स्कॉटलैंड के राजा जेम्स ६ का २४ मार्च १६०३ ई. को अंग्रेजी सिंहासन व आयरलैंड के साम्राज्य पर अवरोहण व नतीजतन तीनों देशों के वैश्विक कूटनीतियों व संबंधों का एक सम्राट के अंतर्गत एकीकरण था। मुकुटों का एकीकरण ट्यूडर राजघराने से संबधित इंग्लैंड की अंतिम रानी एलिज़ाबेथ प्रथम की मृत्यु के बाद हुआ था जो जेम्स की अविवाहित व वंशहीन बुआ थीं। जेम्स के एकीकृत वृहद ब्रिटेन (ग्रेट ब्रिटेन) बनाने के अथक प्रयासों के बाद भी यह एकीकरण व्यक्तिगत या वंशानुगत एकीकरण ही रहा क्योंकि स्कॉटलैंड का सिंहासन ब्रिटेन से अलग ही रहा। हालांकि उसपर शासन जेम्स का ही था। इसके अनुसार स्कॉटलैंड और इंग्लैंड अलग देश बने रहे जबकि आयरलैंड के साथ उन तीनों देशों का शासक एक ही रहा। अंतिम स्कॉट रानी ऐने के समय में एकीकरण कानून, १७०७ के पारित होने के बाद स्कॉटलैंड इंग्लैंड व वेल्स के साथ मिलकर ग्रेट ब्रिटेन का हिस्सा हो गया। इसके बाद से इन तीनों क्षेत्रों को सम्मिलित रूप से ग्रेट ब्रिटेन कहा जाने लगा। .

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मैरी ट्यूडर, फ्रांस की रानी

मैरी ट्यूडर (18 मार्च 1496 – 25 जून 1533), 1514 में 3 महीने के लिये फ्रांस की रानी थी। वह इंग्लैंड के राजा हेनरी अष्टम की बहन थी। मैरी फ्रांस के लुई बारहवें की, जो उनसे 30 वर्ष से अधिक वरिष्ठ थे, तीसरी पत्नी बन गई। उनकी मृत्यु के बाद उन्होनें चार्ल्स ब्रैंडन, सफ़ोल्क के पहले ड्यूक से शादी कर ली। मैरी की दूसरी शादी से चार बच्चे हुए। .

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मैरी १ (स्कॉटलैंड की रानी)

कोई विवरण नहीं।

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मैरी १, इंग्लैंड की रानी

मैरी प्रथम (18 फरवरी 1516 – 17 नवंबर 1558), इंग्लैंड और आयरलैंड की जुलाई 1553 से अपनी मृत्यु तक रानी थीं। अपने शासनकाल में प्रोटेस्टैंटों को दी गई मौत की जघन्य सजाओं ने उन्हें खूनी मैरी यानि "Bloody Mary" के नाम से भी बदनाम कर दिया। बचपन पार कर युवा होने वाली मैरी हेनरी अष्टम और उनकी पहली पत्नी एरागॉन की कैथरीन की एकमात्र संतान थीं। उनसे छोटे सौतेले भाई एडवर्ड ६ (हेनरी और जेन सेमोर के पुत्र) अपने पिता के बाद 1547 में अंग्रेजी सिंहासन के उत्तराधिकारी बने। 1553 में एडवर्ड के बीमार पड़ने पर उसने मैरी को धार्मिक मतभिन्नता की वजह से सिंहासन के उत्तराधिकार सूची से हटाने की कोशिश की। उसकी मृत्यु पर पहले उसकी बुआ लेडी जेन ग्रे को सर्वप्रथम रानी घोषित किया गया। मैरी ने पूर्वी एंग्लिया में एक सैन्य बल इकट्ठा किया और जेन को सफलतापूर्वक हटा दिया और जिसे अंतत: मौत की सजा दे दी गई। जेन के शासन के विवादत दावों साम्राज्ञी मटिल्डा के अलावा— इंग्लैंड की पहली रानी शासक थीं। 1554 में मैरी ने स्पेन के फिलिप २ से शादी करके 1556 में हैब्स्बर्ग स्पेन की पटरानी भी बनीं। ट्यूडर राजवंश के चौथे शासक के रूप में मैरी को इंग्लैंड में अपने सौतेले भाई और प्रोटेस्टैंट विचारों वाले एडवर्ड ६ के छोटे से शासनकाल के खत्म होने के बाद रोमन कैथोलिक धर्म की पुनर्स्थापना के लिये जाना जाता है। अपने पांच वर्षों के कार्यकाल के दौरान मैरी ने 280 प्रोटेस्टैंटों को जिंदा जलवा दिया। रोमन कैथोलिक धर्म का उनका पुनर्स्थापन उनकी सौतेली बहन और 1558 में उनकी मृत्यु के बाद इंग्लैंड पर राज करने वाली हेनरी व एन बोलिन की संतान एलिज़ाबेथ प्रथम ने पलट दिया। Waller, p. 16; Whitelock, p. 9 before Mary's birth, four previous pregnancies had resulted in a stillborn daughter and three short-lived or stillborn sons, including Henry, Duke of Cornwall.

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यूनाइटेड किंगडम के शाही राजघराने

ब्रिटिश द्वीप समूह का नक्शा (उपग्रह चित्र) इस पृष्ठ में यूनाइटेड किंगडम के विभिन्न राजघरानों व उनके शासन की संक्षिप्त सूची है। ध्यान रहे, यूके के राजघरानों को ब्रिटिश राजघराने भी कहते हैं क्यूंकि ये सब ब्रिटिश द्वीप समूह में थे। लेकिन इन सभी ने इंग्लैंड पर शासन किया हो यह जरूरी नहीं हैं।.

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लेडी जेन ग्रे

लेडी जेन ग्रे (–), को लेडी जेन डुडली या नौ दिनों की रानी, भी कहा जाता है एक कुलीन घराने की अंग्रेज महिला थी और वास्तविकता में 10 जुलाई से 19 जुलाई 1553 ई॰ तक इंग्लैंड की रानी थीं। अपनी नानी मैरी ट्यूडर के जरिये हेनरी ७, इंग्लैंड का राजा की वंशज जेन एडवर्ड षष्टम की बुआ की बेटी थीं। मई 1553 में उन्होंने एडवर्ड के मुख्य मंत्री जॉन डुडली के पुत्र लॉर्ड गिल्डफोर्ड डुडली से विवाह कर लिया था। जब 15 वर्षीय राजा एडवर्ड जून 1553 में मृत्युशैय्या पर था तब उसने अपनी फुफेरी बहन जेन को अपनी वसीयतनामे में अपना उत्तराधिकारी घोषित कर दिया। इस तरह से उसकी सौतेली बहनों मैरी १ और एलिज़ाबेथ प्रथम को उत्तराधिकार की पंक्ति से हटा दिया जो उनके पिता हेनरी ८ ने उन्हें तीसरा उत्तराधिकार कानून के तहत उनको दिया हुआ था। ९ दिन बाद 19 जुलाई 1553 को जब रानी की सलाहकार समिति प्रिवि काउंसिल ने अपना मन बदल के कैथोलिक विचारों वाली मैरी को समर्थन करना प्रारंभ कर दिया तो जेन को पदच्युत करके मैरी को रानी घोषित कर दिया गया और एडवर्ड की वसीयत को अमान्य कर दिया गया। नवम्बर में जेन को देशद्रोह का दोषी घोषित करके लंदन टावर मृत्युदंड देने के लिये ले जाया गया लेकिन बाद में उसे क्षमा कर दिया गया। लेकिनजनवरी और फरवरी 1554 में व्याट का विद्रोह जो कि रानी मैरी के स्पेन के फिलिप द्वितीय से विवाह के खिलाफ हुआ था की वजह से जेन और उसके पति दोनों की मृत्यु का कारण बना। लेडी जेन ग्रे एक बहुत ही प्रतिभाशाली और मानवतावादी शिक्षा प्राप्त महिला थीं और अपने जमाने कि सर्वाधिक पढी-लिखी महिलाओं में गिनी जाती थीं। दृढ प्रोटेस्टैंट विचारधारा वाली जेन को मरणोपरान्त राजनीति पीड़ित व सुधारवादी शहीद का दर्ज़ा मिला। .

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सेंट जेम्स पैलेस

सेंट जेम्स का महल (St James's Palace) यूनाइटेड किंगडम की साम्राज्ञी का आधिकारिक निवास स्थान है। विभिन्न शाही निवास के महलों में यह बेहद प्रमुख और वरिष्ठ है। सिटी ऑफ़ वेस्टमिंस्टर में अवस्थित यह महल फिलहाल साम्राज्ञी का वास्तविक निवास स्थल तो नहीं है लेकिन ब्रिटिश शाही परिवार और उत्तराधिकार निर्धारण समिति के प्रमुख मिलन स्थलों में से एक है। एक अस्पताल की भूमि पर इंग्लैंड के हेनरी अष्टम द्वारा बनवाया गया यह महल संत जेम्स द लेस को समर्पित था। ट्यूडर और स्टुअर्ट शासन के दौरान व्हाइटहाल का महल के बाद यह दूसरा सबसे प्रमुख महल और शाही निवास था। इस महल का महत्व हैनोवर सम्राटों के शासनकाल के काल में बढा लेकिन एक बार फिर बकिंघम पैलेस के हाथों अठ्ठारहवीं और उन्नीसवीं शताब्दी में अपना प्रमुख स्थान गवाँ बैठा। दशकों तक मात्र आधिकारिक और औपचारिक अवसरों पर इस्तेमाल होने के बाद १८३७ ई. में महारानी विक्टोरिया ने इसे आधिकारिक रूप से इन्हीं कार्यों के लिये अधिकृत कर दिया। आज ये तमाम शाही कार्यालयों के लिये इस्तेमाल होता है। .

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वेस्ट्मिन्स्टर ऍबी

वेस्ट्मिन्स्टर ऍबी, (Westminster Abbey, सामान्य वर्तनी: वेस्टमिंस्टर ऐबी), जिसे पहले आधिकारिक रूप से अंग्रेज़ी में कॉलेजिएट चर्च ऑफ़ सेण्ट पीटर ऍट् वेस्ट्मिन्स्टर(वेस्टमिंस्टर में स्थित संत पीटर का कॉलेजिएट चर्च) का नाम दिया गया था, वेस्टमिंस्टर शहर, लंदन में स्थित एक विशाल, मुख्यत: गोथिक मठ व गिरिजाघर है। यह वेस्टमिंस्टर महल से पश्चिम में स्थित है। यह यूनाइटेड किंगडम के सबसे माननीय पूजा स्थलों में से एक है व ग्रेट ब्रिटेन के शाही परिवार के राज्याभिषेक का परम्परागत स्थल है। 1540 से 1556 तक इस मठ को कैथेड्रल का महत्व हासिल था। हालांकि 1560 से यह भवन मठ या कैथेड्रल नहीं रह गयी और सिर्फ़ शाही निजी संपत्ति ही कही जाती थी। "शाही निजी संपत्ति" – वो संपत्तियाँ थीं जो सीधे सम्राट के प्रति जवाबदेह थीं और सम्राट की जिम्मेदारी थीं। यह भवन वास्तविक मठ व गिरिजाघर है। 1080 में पहली बार सुलकार्ड द्वारा बताई गई परंपरा के अनुसार लंदन के थोर्नी द्वीप पर सातवीं शताब्दी में लंदन के पादरी मेलिटस के जमाने में एक गिरिजाघर का निर्माण हुआ था। वर्तमान गिरिजाघर का निर्माण सन् 1245 में हेनरी अष्टम के आदेश पर शुरु हुआ था।.

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गैलिक आयरलैंड

गेलिक आयरलैंड या आयरलैंड की सेल्टिक सभ्यता, आयरलैंड द्वीप की देशज गेलिक लोगों द्वारा विकिसित राजनैतिक व सामाजिक व्यवस्था की सभ्यता को कहा जाता है, यह प्रागैतिहासिक काल से १७वीं सदी की शुरुआत तक आयरलैंड द्वीप पर अस्तित्व में रही। इस दौरान आयरलैंड अनेक छोटे-बड़े राज्यों और जागीरों में बँटा हुआ था, जिनपर विभिन्न गाइल् राजनों का राज था। समाज कुल-समूहों में विभाजित था और, बाकी के तत्कालीन यूरोप के समान, कुलीनता के आधार पर अनुक्रमित भी था(प्राचीन भारत में वर्ण-व्यवस्था के समान)। नॉर्मन आक्रमण से पूर्व, गेलिक समाज की अर्थव्यवस्था मूलतः पशुचारण पर आधारित थी, और साधारण रूप से मुद्रा का उपयोग नहीं होता था। इस काल के दौरान आयरिश लोगोंकी पारंपरिक पोशाक, संगीत, नृत्य, खेल, वास्तु औए कला का विकास हुआ था, जोकि बाद में एंग्लो-सैक्सन शैली के साथ मिल गया। १६वीं सदी के अंतिम वर्षों के समय, इंग्लैंड राजशाही ने आयरलैंड पर पूरी तरह कब्ज़ा कर लिया और इसी के साथ गेलिक आयरलैंड का अंत हो गया। .

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आयरलैंड की जागीरदारी

आयरलैंड की जागीरदारी(आयरिश:Tiarnas na hÉireann) ११७७ से १५४२ के बीच आयरलैंड में विद्यमान सामंतवादी काल था, जोकि आयरलैंड पर नोएमन आक्रमण के बाद इंग्लैण्ड के राजा के अंदर शुरू हुआ था। इस काल के दौरान इंग्लैण्ड के राजा को आयरलैंड के अधिपति का दर्ज प्राप्त था, और आयरलैंड की ज़मीन पर इंग्लैंड के राजा के अधीन अनेक नॉर्मन सामंतों और जागीरदारों का कब्ज़ा था। आधिकारिक रूप से इस जागीरदारी को एक पेपल संपदा के रूप में, इंग्लैंड के राजा के अंतर्गत आधिकारित किया गया था। हालाँकि, सैद्धान्तिक रूप से इस जागीर की भूमि पूरे आयरलैंड द्वीप पर थी, परंतु वास्तविक रूप से पूरे द्वीप पर राजा का संपूर्ण कब्ज़ा नहीं था, और ऐसे अनेक क्षेत्र थे, जिनपर स्थानीय गैलिक सरदारों और अधिपतिगण का कब्ज़ा था। अंग्रेज़ी हुकूमत के अधीन क्षेत्र का आकार अनेकों बार घटता-बढ़ता था, तथा कई क्षेत्र अंग्रेजों की पहुँच से पूर्णतः बहार थे। सामंतवाद की ढीली व्यवस्था के कारण नॉर्मन सामंतों को काफी कार्यकारी स्वतंत्रता प्राप्त थी, और कई सामंतों ने स्वयं के लिए ज़मींदारी सामान अधिकार जमा लिया था। और स्थानीय गैलिक राजाओं की सामान शक्ति हासिल कर ली थी। .

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अंग्रेज शासकों की सूची

इंग्लैण्ड रियासत में राजतंत्र की शुरुवात अल्फ्रेड महान और समाप्ति महारानी ऐन, ग्रेट ब्रिटेन की महारानी से हुई जब वो १७०७ में इंग्लैंड की राजशाही के स्कॉटलैंड की राजशाही से विलय के बाद बने ग्रेट ब्रिटेन राजशाही की महारानी बनीं। महारानी ऐन के बाद के शासकों के लिये देखें ब्रिटेन के शासक। हालांकि कुछ इतिहासकारा कुछ अन्य राजाओं को भी इंग्लैंड का पहला राजा मानने का तर्क देते हैं जो आंग्ल-सैक्सनों के राज्यों पर नियंत्रण रखने का माद्दा व चाहत रखते थे। उदाहरण के तौर पर, ओफ्फा, मर्सिया का राजा और वेसेक्स का राजा एग्बर्ट को कभी-२ प्रसिध लेखकों द्वारा इंग्लैंड के राजा के रूप में निरूपित किया जाता है। लेकिन हर इतिहासकार इससे सहमत भी नहीं हैं। आठवीं शताब्दी के पूर्वार्ध में ओफ़्फा ने दक्षिणी इंग्लैंड पर आधिपत्य हासिल कर अलिया था लेकिन ये राज ७९६ ई॰ में उसकी मृत्यु के पहले ही खत्म हो गया।८२९ ई॰ में एग्बर्ट ने मर्सिया पर अधिकार कर लिया लेकिन जल्द ही इसे गँवा भी दिया। नवीं शताब्दी के अंत तक वेसेक्स सबसे प्रभावशाली आंग्ल-सैक्सन साम्राज्य था। इसका राजा अल्फ्रेड महान पश्चिमी मर्सिया का एक शक्तिशाली सामंत था। वह अपने लिये आंग्ल और सैक्सनों का राजा की उपाधि का प्रयोग करता था लेकिन उसने कभी भी पूर्वी और उत्तरी इंग्लैंड पर शासन नहीं किया। उसके बेटे एडवर्ड द एल्डर ने पूर्वी डेनलॉ पर विजय हासिल की लेकिन एडवर्ड का बेटे ऍथेल्स्तन ९२७ ई में नॉर्थम्ब्रिया पर विजय हासिल करके पूरे इंग्लैंड पर शासन करने वाला पहला राजा बना। आधुनिक इतिहासकारों ऍथेल्स्तन को ही इंग्लैंड का पहला राजा मानते हैं। वेल्स की रियासत का इंग्लैंड के साम्राज्य में रुडलैन का स्टैचुएट के अंतर्गत १२८४ में विलय कर दिया गया और १३०१ में राजा एडवर्ड प्रथम ने अपने ज्येष्ठ पुत्र, भविष्य के राजा एडवर्ड द्वितीय को वेल्स का राजकुमार के तौर पर प्रतिष्ठित किया। तभी से एडवर्ड तृतीय के अलावा अंग्रेज अधीराटों के सभी बड़े बेटों ने यह पद हासिल किया है। १६०३ ई में एलिज़ाबेथ प्रथम की निसंतान मृत्यु के बाद इंग्लैंड और स्कॉटलैंड के सिंहासनों का स्कॉटलैंड का जेम्स ६ के शासन में एक निजी एकीकरण कर दिया गया। शाही ऐलान के साथ जेम्स ने स्वयं को ग्रेट ब्रिटेन का राजा घोषित कर दिया लेकिन ग्रेट ब्रिटेन जैसे किसी भी साम्राज्य का कानूनी तौर पर निर्माण १७०७ तक नहीं हुआ था। महारानी ऐन के शासन काल में १७०७ में हुए विलय के अधिनियमों के बाद इंग्लैंड कानूनी तौर पर स्कॉटलैंड के साथ जुड़ गया और इस तरह ग्रेट ब्रिटेन राजशाही का गठन हुआ। १८०१ में विलय के अधिनियम के तहत आयरलैंड राजशाही जो हेनरी द्वि॰ के समय से अंग्रेजी शासन के अधीन था ग्रेट ब्रिटेन और आयरलैंड की संयुक्त राजशाही में शामिल हो गया और १९२२ में आयरिश मुक्त राज्य के बनने तक इसका हिस्सा रहा। चूंकि उत्तरी आयरलैंड यूके के साथ रहा इसलिये इसके बाद से इस साम्राज्य को यूनाइटेड किंगडम ऑफ ग्रेट ब्रिटेन एंड नॉर्दर्न आयरलैंड के नाम से जानते हैं। .

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अंग्रेज़

अंग्रेज़ (या फिरंगी) इंग्लैण्ड मूल अंग्रेज़ी भाषी लोगों को कहा जाता है। .

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यहां पुनर्निर्देश करता है:

हेनरी ८, इंग्लैंड के हेनरी अष्टम

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