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आशुलिपि

सूची आशुलिपि

डच आशुलिपि (ग्रूट पद्धति से) आशुलिपि (Shorthand) लिखने की एक विधि है जिसमें सामान्य लेखन की अपेक्षा अधिक तीव्र गति से लिखा जा सकता है। इसमें छोटे प्रतीकों का उपयोग किया जाता है। आशुलिपि में लिखने की क्रिया आशुलेखन (stenography) कहलाती है। स्टेनोग्राफी से आशय है तेज और संक्षिप्त लेखन। इसे हिन्दी मे 'शीघ्रलेखन' या 'त्वरालेखन' भी कहते हैं। लिखने और बोलने की गति में अंतर है। साधारण तौर पर जिस गति से कुशल से कुशल व्यक्ति हाथ से लिखता है, उससे चौगुनी, पाँचगुनी गति से वह संभाषण करता है। ऐसी स्थिति में वक्ता के भाषण अथवा संभाषण को लिपिबद्ध करने में विशेष रूप से कठिनाई उपस्थित हो जाती है। इसी कठिनाई को हल करने के लिये त्वरालेखन के आविष्कार की आवश्यकता पड़ी। .

5 संबंधों: नागरीप्रचारिणी सभा, निडर नाडिया, भारत की राजभाषा के रूप में हिन्दी, लेखांकन का इतिहास, स्टेग्नोग्राफ़ी

नागरीप्रचारिणी सभा

नागरीप्रचारिणी सभा, हिंदी भाषा और साहित्य तथा देवनागरी लिपि की उन्नति तथा प्रचार और प्रसार करनेवाली भारत की अग्रणी संस्था है। भारतेन्दु युग के अनंतर हिंदी साहित्य की जो उल्लेखनीय प्रवृत्तियाँ रही हैं उन सबके नियमन, नियंत्रण और संचालन में इस सभा का महत्वपूर्ण योग रहा है। .

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निडर नाडिया

मेरी एन इवांस उर्फ मेरी इवांस वाडिया उर्फ निडर नाडिया (8 जनवरी 1908 – 9 जनवरी, 1996) भारतीय फिल्मजगत की एक अभिनेत्री और स्टंट नायिका थीं, जिन्हें 1935, tifr.res.in; accessed 22 November 2015.

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भारत की राजभाषा के रूप में हिन्दी

हिन्दी को भारत की राजभाषा के रूप में १४ सितम्बर सन् १९४९ को स्वीकार किया गया। इसके बाद संविधान में अनुच्छेद ३४३ से ३५१ तक राजभाषा के साम्बन्ध में व्यवस्था की गयी। इसकी स्मृति को ताजा रखने के लिये १४ सितम्बर का दिन प्रतिवर्ष हिन्दी दिवस के रूप में मनाया जाता है। धारा ३४३(१) के अनुसार भारतीय संघ की राजभाषा हिन्दी एवं लिपि देवनागरी है। संघ के राजकीय प्रयोजनों के लिये प्रयुक्त अंकों का रूप भारतीय अंकों का अंतरराष्ट्रीय स्वरूप (अर्थात 1, 2, 3 आदि) है। हिन्दी भारत की राष्ट्रभाषा नहीं है क्योंकि भारत का संविधान में कोई भी भाषा को ऐसा दर्जा नहीं दिया गया था। संसद का कार्य हिंदी में या अंग्रेजी में किया जा सकता है। परन्तु राज्यसभा के सभापति महोदय या लोकसभा के अध्यक्ष महोदय विशेष परिस्थिति में सदन के किसी सदस्य को अपनी मातृभाषा में सदन को संबोधित करने की अनुमति दे सकते हैं। किन प्रयोजनों के लिए केवल हिंदी का प्रयोग किया जाना है, किन के लिए हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं का प्रयोग आवश्यक है और किन कार्यों के लिए अंग्रेजी भाषा का प्रयोग किया जाना है, यह राजभाषा अधिनियम 1963, राजभाषा नियम 1976 और उनके अंतर्गत समय समय पर राजभाषा विभाग, गृह मंत्रालय की ओर से जारी किए गए निदेशों द्वारा निर्धारित किया गया है। .

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लेखांकन का इतिहास

भारत में लेखांकन का इतिहास भारत के वेदों से जानकारी मिलती है के विश्व को लिखांकन का ज्ञान भारत ने दिया | अथर्वेद में विक्रय शब्द हा जिसका मतलब सलेस होता है तथा शुल्क भी ऋग्वेद से लिया हुआ शब्द है जिस का भाव कीमत होता है | धर्म सूत्र का मतलब टैक्स होता है .

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स्टेग्नोग्राफ़ी

स्टेग्नोग्राफ़ी, गुप्त संदेश कुछ इस तरीक़े से लिखने की कला और विज्ञान है कि प्रेषक और अभीष्ट प्राप्तकर्ता के अलावा किसी और को संदेश के अस्तित्व के बारे में संदेह नहीं होता, जो कि अस्पष्टता के माध्यम से एक सुरक्षा है। स्टेग्नोग्राफ़ी शब्द मूलतः ग्रीक भाषा का है, जिसका अर्थ है "प्रच्छन्न लेखन".

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यहां पुनर्निर्देश करता है:

त्वरालेखन, स्टेनोग्राफी

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