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आर्द्र अर्ध-कटिबन्धीय जलवायु

सूची आर्द्र अर्ध-कटिबन्धीय जलवायु

संसार के ''आर्द्र अर्ध-कटिबन्धीय जलवायु '' क्षेत्र आर्द्र अर्ध-कटिबन्धीय जलवायु (अंग्रेज़ी:Humid subtropical climate) (कोप्पन जलवायु वर्गीकरण Cwa के अनुसार) पृथ्वी पर एक जलवायु क्षेत्र होता है, जिसमें उष्ण, आर्द्र ग्रीष्म काल एवं ठंडे शीतकाळ होते हैं। इस प्रकार के जलवायु में मौसम की विस्तृत श्रेणी आती है और शब्द- अर्ध-कटिबंधीय शीतकालीन जलवायु के लिये एक मिथ्या नाम हो सकता है। इस क्षेत्र के अधिकांश स्थानों सभी ऋतुओं में अच्छी मात्रा में वर्षा (और क्भी हिमपात भी) हो सकती है। इसके साथ पछवा हवाएं अच्छे आंधी-तूफान भी पश्चिम से पूर्व की ओर ला सकती हैं। अधिकांश ग्रीष्मकालीन वर्षाएं दामिनी कड़कने के संग आंधियां और कई बार कटिबन्धीय तूफान या चक्रवात आदि भी लाती हैं। .

13 संबंधों: न्यूर्क, न्यू जर्सी, फ़ूझोउ, बासुडिह, ब्राज़ील, मरुस्थलीकरण, मिल्कीपुर, रुद्रपुर, सूझोऊ, हांगझोऊ, वाराणसी, गोल्ड कोस्ट, क्वींसलैंड, काशीपुर का भूगोल, काशीपुर, उत्तराखण्ड

न्यूर्क, न्यू जर्सी

न्यूर्क न्यू जर्सी, संयुक्त राज्य का सबसे बड़ा शहर और एसेक्स काउंटी की काउंटी सीट है। न्यूर्क की आबादी 278,154, संयुक्त राज्य अमेरिका का जनगणना ब्यूरो 17 अगस्त 2009 को पुनः प्राप्त.

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फ़ूझोउ

फ़ूझोउ के कुछ नज़ारे फ़ूझोउ (福州, Fuzhou) जनवादी गणराज्य चीन के दक्षिण-पूर्वी फ़ूज्यान प्रांत की राजधानी और सबसे बड़ा शहर है। यह चीन की प्रशासन प्रणाली के अनुसार एक उपप्रांतीय शहर (प्रीफ़ेक्चर, दिजी) का दर्जा रखता है। फ़ूझोउ मीन दोंग भाषा क्षेत्र का सांस्कृतिक केंद्र माना जाता है।, James Stuart Olson, Greenwood Publishing Group, 1998, ISBN 978-0-313-28853-1 सन् २०१० की जनगणना में इसकी आबादी ७१,१५,३७० अनुमानित की गई थी जिनमें से ४४,०८,०७६ शहरी इलाक़े में और बाक़ी इर्द-गिर्द के देहाती क्षेत्रों में बस रहे थे। .

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बासुडिह

बासुडिह भारत में झारखंड प्रान्त का एक ‎गाँव है। जो जामतारा जिला के अन्तरगत आते हैं। .

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ब्राज़ील

ब्रास़ील (ब्राज़ील) दक्षिण अमरीका का सबसे विशाल एवं महत्त्वपूर्ण देश है। यह देश ५० उत्तरी अक्षांश से ३३० दक्षिणी अक्षांश एवँ ३५० पश्चिमी देशान्तर से ७४० पश्चिमी देशान्तरों के मध्य विस्तृत है। दक्षिण अमरीका के मध्य से लेकर अटलांटिक महासागर तक फैले हुए इस संघीय गणराज्य की तट रेखा ७४९१ किलोमीटर की है। यहाँ की अमेज़न नदी, विश्व की सबसे बड़ी नदियों मे से एक है। इसका मुहाना (डेल्टा) क्षेत्र अत्यंत उष्ण तथा आर्द्र क्षेत्र है जो एक विषुवतीय प्रदेश है। इस क्षेत्र में जन्तुओं और वनस्पतियों की अतिविविध प्रजातियाँ वास करती हैं। ब्राज़ील का पठार विश्व के प्राचीनतम स्थलखण्ड का अंग है। अतः यहाँ पर विभिन्न भूवैज्ञानिक कालों में अनेक प्रकार के भूवैज्ञानिक संरचना सम्बंधी परिवर्तन दिखाई देते हैं। ब्राज़ील के अधिकांश पूर्वी तट एवं मध्य अमेरिका की खोज अमेरिगो वाससक्की ने की एवं इसी के नाम से नई दुनिया अमेरिका कहलाई। सन् १५०० के बाद यहाँ उपनिवेश बनने आरंभ हुए। यहाँ की अधिकांश पुर्तगाली बस्तियों का विकास १५५० से १६४० के मध्य हुआ। २४ जनवरी १९६४ को इसका नया संविधान बना। इसकी प्रमुख भाषा पुर्तगाली है। .

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मरुस्थलीकरण

चिली के नोर्टे चिको में बकरी पालन आम है, लेकिन यह गंभीर कटाव और मरुस्थलीकरण पैदा करता है। लिमारी नदी की ऊपरी छवि मरुस्थलीकरण ज़मीन का क्षरण है, जो शुष्क और अर्द्ध-नम क्षेत्रों में विभिन्न कारकों की वजह से होता है: जिनमें विविध जलवायु और मानवीय गतिविधियांनिक मिडेलटन और डेविड थॉमस, वर्ल्ड एटलस ऑफ़ डिसर्टिफिकेशन: द्वितीय संस्करण, 1997 भी शामिल है। मरुस्थलीकरण मुख्यतः मानव निर्मित गतिविधियों के परिणाम स्वरूप होता है: विशेष तौर पर ऐसा अधिक चराई, भूमिगत जल के अत्यधिक इस्तेमाल और मानवीय एवं औद्योगिक कार्यों के लिए नदियों के जल का रास्ता बदलने की वजह से है और यह सारी प्रक्रियाएं मूलतः अधिक आबादी की वजह से संचालित होती हैं। मरुस्थलीकरण का सबसे गहरा प्रभाव है जैव विविधता और उत्पादक क्षमता में कमी, उदाहरण के लिए संक्रमण से झाड़ियों से भरे ज़मीनों के गैर देशीय चरागाह में तब्दील होना.

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मिल्कीपुर

मिल्कीपुर भारतवर्ष के उत्तरी राज्य उत्तर प्रदेश के फ़ैज़ाबाद जिले का एक कस्बा, विधानसभा क्षेत्र तथा तहसील है। तथा फ़ैज़ाबाद से रायबरेली राजमार्ग पर स्थित है। २००१ में इसकी जनसंख्या १,७६४ तथा साक्षरता दर ५२% थी। मिल्कीपुर थाना और तहसील मुख्यालय मिल्कीपुर केंद्र से ५ किलोमीटर उत्तर में इनायतनगर नामक स्थान पर स्थित है। मिल्कीपुर तहसील में स्थित नरेन्द्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मिल्कीपुर केंद्र से लगभग १० किलोमीटर दक्षिण में कुमारगंज नामक कस्बे में स्थित है। जिसके वर्तमान M.L.A बाबा गोरखनाथ है सन (2017-2022 .

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रुद्रपुर

रुद्रपुर भारत के उत्तराखण्ड राज्य में उधम सिंह नगर जनपद का एक नगर है। जनसंख्या के आधार पर यह कुमाऊँ का दूसरा, जबकि उत्तराखण्ड का पांचवां सबसे बड़ा नगर है। इस नगर की स्थापना कुमाऊँ के राजा रुद्र चन्द ने सोलहवीं शताब्दी में की थी, और तब यह तराई क्षेत्र के लाट (अधिकारी) का निवास स्थल हुआ करता था। यह दिल्ली तथा देहरादून से २५० किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। रुद्रपुर उत्तराखण्ड का एक प्रमुख औद्योगिक और शैक्षणिक केंद्र होने के साथ साथ उधम सिंह नगर जनपद का मुख्यालय भी है। .

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सूझोऊ

चित्र:Flag of the People's Republic of China.svg सूझोऊ (苏州, Suzhou) जनवादी गणराज्य चीन के पूर्वी भाग में स्थित जिआंगसु प्रांत का एक मुख्य शहर है। यह शंघाई के पड़ौस में यांग्त्से नदी की डेल्टा (नदीमुख) के क्षेत्र में ताइहू झील के किनारे स्थित है। यह चीन की प्रशासन प्रणाली के अनुसार एक उपप्रांतीय शहर (प्रीफ़ेक्चर, दिजी) का दर्जा रखता है। सन् २०१० की जनगणना में इसके पूरे क्षेत्र की आबादी १ करोड़ अनुमानित की गई थी जिनमें से लगभग ४० लाख शहरी इलाक़े में बसे हुए थे। सूझोऊ की स्थापना ५१४ ईसापूर्व में हुई थी और यह २,५०० साल का इतिहास रखता है। इस शहर की नहरें, पगोडा, पत्थर के पुल और बाग़-बग़ीचे इसे चीन के सबसे बड़े पर्यटक स्थलों में से एक बनाते हैं। चीन के सोंग राजवंश के ज़माने से यह चीन के रेशम कारोबार का भी एक प्रमुख केंद्र रहा है।, Michael Marmé, Stanford University Press, 2005, ISBN 978-0-8047-3112-6 .

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हांगझोऊ

हांगझोउ के कुछ नज़ारे हांगझोऊ (杭州, Hangzhou) जनवादी गणराज्य चीन के पूर्वी भाग में स्थित झेजियांग प्रांत की राजधानी और सबसे बड़ा शहर है। यह चीन की प्रशासन प्रणाली के अनुसार एक उपप्रांतीय शहर (प्रीफ़ेक्चर, दिजी) का दर्जा रखता है। सन् २०१० की जनगणना में इसकी आबादी ८७,००,४०० अनुमानित की गई थी। सन् २००३ की जनगणना में हांगझोऊ नगर पालिका क्षेत्र में ४२.२७ लाख लोग रहते थे जिनमें से १९.१ लाख केन्द्रीय हांगझोऊ के छह शहरी ज़िलों में निवास कर रहे थे। हांगझोऊ यांग्त्से नदी की डेल्टा (नदीमुख) का एक मुख्य शहर है और शंघाई से १८० किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम में हांगझोऊ खाड़ी पर स्थित है। यह पिछले १००० वर्षों से एक महत्वपूर्ण और विकसित नगर रहा है। हांगझोऊ अपनी प्राकृतिक सुन्दरता के लिए जाना जाता है और इसकी पश्चिमी झील एक मशहूर पर्यटक स्थल है।, Simon Foster, Jen Lin-Liu, Sharon Owyang, Sherisse Pham, Beth Reiber, Lee Wing-sze, John Wiley & Sons, 2010, ISBN 978-0-470-52658-3,...

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वाराणसी

वाराणसी (अंग्रेज़ी: Vārāṇasī) भारत के उत्तर प्रदेश राज्य का प्रसिद्ध नगर है। इसे 'बनारस' और 'काशी' भी कहते हैं। इसे हिन्दू धर्म में सर्वाधिक पवित्र नगरों में से एक माना जाता है और इसे अविमुक्त क्षेत्र कहा जाता है। इसके अलावा बौद्ध एवं जैन धर्म में भी इसे पवित्र माना जाता है। यह संसार के प्राचीनतम बसे शहरों में से एक और भारत का प्राचीनतम बसा शहर है। काशी नरेश (काशी के महाराजा) वाराणसी शहर के मुख्य सांस्कृतिक संरक्षक एवं सभी धार्मिक क्रिया-कलापों के अभिन्न अंग हैं। वाराणसी की संस्कृति का गंगा नदी एवं इसके धार्मिक महत्त्व से अटूट रिश्ता है। ये शहर सहस्रों वर्षों से भारत का, विशेषकर उत्तर भारत का सांस्कृतिक एवं धार्मिक केन्द्र रहा है। हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत का बनारस घराना वाराणसी में ही जन्मा एवं विकसित हुआ है। भारत के कई दार्शनिक, कवि, लेखक, संगीतज्ञ वाराणसी में रहे हैं, जिनमें कबीर, वल्लभाचार्य, रविदास, स्वामी रामानंद, त्रैलंग स्वामी, शिवानन्द गोस्वामी, मुंशी प्रेमचंद, जयशंकर प्रसाद, आचार्य रामचंद्र शुक्ल, पंडित रवि शंकर, गिरिजा देवी, पंडित हरि प्रसाद चौरसिया एवं उस्ताद बिस्मिल्लाह खां आदि कुछ हैं। गोस्वामी तुलसीदास ने हिन्दू धर्म का परम-पूज्य ग्रंथ रामचरितमानस यहीं लिखा था और गौतम बुद्ध ने अपना प्रथम प्रवचन यहीं निकट ही सारनाथ में दिया था। वाराणसी में चार बड़े विश्वविद्यालय स्थित हैं: बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ, सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ हाइयर टिबेटियन स्टडीज़ और संपूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय। यहां के निवासी मुख्यतः काशिका भोजपुरी बोलते हैं, जो हिन्दी की ही एक बोली है। वाराणसी को प्रायः 'मंदिरों का शहर', 'भारत की धार्मिक राजधानी', 'भगवान शिव की नगरी', 'दीपों का शहर', 'ज्ञान नगरी' आदि विशेषणों से संबोधित किया जाता है। प्रसिद्ध अमरीकी लेखक मार्क ट्वेन लिखते हैं: "बनारस इतिहास से भी पुरातन है, परंपराओं से पुराना है, किंवदंतियों (लीजेन्ड्स) से भी प्राचीन है और जब इन सबको एकत्र कर दें, तो उस संग्रह से भी दोगुना प्राचीन है।" .

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गोल्ड कोस्ट, क्वींसलैंड

गोल्ड कोस्ट ऑस्ट्रेलियाई राज्य क्वींसलैंड में एक शहर है। यह राज्य का दूसरा सबसे अधिक आबादी वाला शहर है और देश का छठा सबसे अधिक आबादी वाला शहर है। यह देश का सबसे अधिक जनसंख्या वाला गैर-राजधानी शहर भी है। यह अपने उपोष्णकटिबंधीय मौसम, फेनिल समुद्र तट, नहर और जलमार्ग प्रणालियां, गगनचुंबी इमारतों को छूनेवाले क्षितिज, नाइटलाइफ और घने वर्षा-वनों के कारण गोल्ड कोस्ट एक प्रमुख पर्यटन स्थलकहलाया जाता है। गोल्ड कोस्ट 2018 राष्ट्रमंडल खेलों के लिए एक उम्मीदवार शहर भी है। .

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काशीपुर का भूगोल

काशीपुर, भारत के उत्तराखण्ड राज्य के उधम सिंह नगर जनपद का एक महत्वपूर्ण पौराणिक एवं औद्योगिक शहर है। .

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काशीपुर, उत्तराखण्ड

काशीपुर भारत के उत्तराखण्ड राज्य के उधम सिंह नगर जनपद का एक महत्वपूर्ण पौराणिक एवं औद्योगिक शहर है। उधम सिंह नगर जनपद के पश्चिमी भाग में स्थित काशीपुर जनसंख्या के मामले में कुमाऊँ का तीसरा और उत्तराखण्ड का छठा सबसे बड़ा नगर है। भारत की २०११ की जनगणना के अनुसार काशीपुर नगर की जनसंख्या १,२१,६२३, जबकि काशीपुर तहसील की जनसंख्या २,८३,१३६ है। यह नगर भारत की राजधानी, नई दिल्ली से लगभग २४० किलोमीटर, और उत्तराखण्ड की अंतरिम राजधानी, देहरादून से लगभग २०० किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। काशीपुर को पुरातन काल से गोविषाण या उज्जयनी नगरी भी कहा जाता रहा है, और हर्ष के शासनकाल से पहले यह नगर कुनिन्दा, कुषाण, यादव, और गुप्त समेत कई राजवंशों के अधीन रहा है। इस जगह का नाम काशीपुर, चन्दवंशीय राजा देवी चन्द के एक पदाधिकारी काशीनाथ अधिकारी के नाम पर पड़ा, जिन्होंने इसे १६-१७ वीं शताब्दी में बसाया था। १८ वीं शताब्दी तक यह नगर कुमाऊँ राज्य में रहा, और फिर यह नन्द राम द्वारा स्थापित काशीपुर राज्य की राजधानी बन गया। १८०१ में यह नगर ब्रिटिश शासन के अंतर्गत आया, जिसके बाद इसने १८१४ के आंग्ल-गोरखा युद्ध में कुमाऊँ पर अंग्रेजों के कब्जे में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। काशीपुर को बाद में कुमाऊँ मण्डल के तराई जिले का मुख्यालय बना दिया गया। ऐतिहासिक रूप से, इस क्षेत्र की अर्थव्यस्था कृषि तथा बहुत छोटे पैमाने पर लघु औद्योगिक गतिविधियों पर आधारित रही है। काशीपुर को कपड़े और धातु के बर्तनों का ऐतिहासिक व्यापार केंद्र भी माना जाता है। आजादी से पहले काशीपुर नगर में जापान से मखमल, चीन से रेशम व इंग्लैंड के मैनचेस्टर से सूती कपड़े आते थे, जिनका तिब्बत व पर्वतीय क्षेत्रों में व्यापार होता था। बाद में प्रशासनिक प्रोत्साहन और समर्थन के साथ काशीपुर शहर के आसपास तेजी से औद्योगिक विकास हुआ। वर्तमान में नगर के एस्कॉर्ट्स फार्म क्षेत्र में छोटी और मझोली औद्योगिक इकाइयों के लिए एक इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल एस्टेट निर्माणाधीन है। भौगोलिक रूप से काशीपुर कुमाऊँ के तराई क्षेत्र में स्थित है, जो पश्चिम में जसपुर तक तथा पूर्व में खटीमा तक फैला है। कोशी और रामगंगा नदियों के अपवाह क्षेत्र में स्थित काशीपुर ढेला नदी के तट पर बसा हुआ है। १८७२ में काशीपुर नगरपालिका की स्थापना हुई, और २०११ में इसे उच्चीकृत कर नगर निगम का दर्जा दिया गया। यह नगर अपने वार्षिक चैती मेले के लिए प्रसिद्ध है। महिषासुर मर्दिनी देवी, मोटेश्वर महादेव तथा मां बालासुन्दरी के मन्दिर, उज्जैन किला, द्रोण सागर, गिरिताल, तुमरिया बाँध तथा गुरुद्वारा श्री ननकाना साहिब काशीपुर के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल हैं। .

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