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आरेनिअस समीकरण

सूची आरेनिअस समीकरण

आरेनिअस समीकरण (Arrhenius equation) रासायनिक अभिक्रियाओं की गत्गति पर ताप के प्रभव को बताने वाला एक सूत्र है। इसे १८८९ में स्वान्ते आरेनियस ने सुझाया था। रासायनिक क्रिया में ताप आणिवक गति की माप होता है। अत: क्रिया के ताप में वृद्धि से क्रियागति की ऊर्जा में भी वृद्धि होती है और क्रियागति की ऊर्जा में वृद्धि होने से क्रियागति में तीव्रता आती है। आरिनियस (Arrhenius) के सिद्धांत के अनुसार ताप तथा सक्रियण ऊर्जा के साथ क्रियागति में वृद्धि का निम्नांकित संबंध होता है: इस समीकरण में k क्रियागति स्थिरांक, A अनुपाती स्थिरांक, Ea सक्रियण ऊर्जा, T ताप (Kelvin) तथा R सार्वत्रिक गैस नियतांक को व्यक्त करता है। क्रिया में ताप के अल्प परिवर्तन की परिस्थिति में A तथा Ea प्राय: स्थिरांक होते हैं। .

1 संबंध: रासायनिक गतिकी

रासायनिक गतिकी

अभिक्रिया की गति सांद्रण बढ़ने पबढ़ती है - इस परिघटना को संघ्ट्ट के सिद्धान्त (कोलिजन थिअरी) के द्वारा समझा जा सकता है। आधुनिक रासायनिक एवं औद्योगिक ज्ञान के विकास के साथ ही साथ रासायनिक गतिकी (केमिकल काइनेटिक्स) या 'अभिक्रिया गतिविज्ञान' (Reaction, Kinetics) का शीघ्रता से विकास हुआ है। इसके फलस्वरूप रासायनिक प्रतिक्रिया गतिविज्ञान केवल प्रयोगशालाओं में सीमित न रहकर अब औद्योगिक संयंत्र का एक अंग बन गया है। अनेक रासायनिक क्रियाओं के द्वारा ओद्यौगिक उत्पादन किया जाता है। अत: रासायनिक उद्योग में इन क्रियाओं का अत्यंत महत्व होता है। आधुनिक युग में रासायनिक क्रियाओं के केवल प्रारंभिक ज्ञान से रासायनिक उद्योगों की स्थापना एवं विकास संभव नहीं है, विशेषत: जब कम लागत के उत्पादन पर अत्याधिक बल दिया जाता है। अत: आधुनिक काल में प्रतिक्रिया गतिविज्ञान का गहन अध्ययन केवल प्रयोगशाला का विषय न होकर औद्योगिक क्षेत्र का प्रमुख विषय बन गया है। प्रतिक्रिया गतिविज्ञान के विषयक्षेत्र में वृद्धि एवं विकास का प्रमुख कारण ऊष्मा-गति-विज्ञान का विकास है। .

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