3 संबंधों: भारतीय सिन्धु विद्यापीठ, भारतीय सिन्धी, भाई प्रताप दयालदास।
भारतीय सिन्धु विद्यापीठ
भारतीय सिन्धु विद्यापीठ या इण्डियन इंस्टीटयूट ऑफ सिन्धोलॉजी (I.I.S.) सिन्धी भाषा, साहित्य, संस्कृति, कला और शिक्षा के क्षेत्र में उन्नत अध्ययन एवं शोध का केन्द्र है। यह गुजरात के कच्छ के आदिपुर में स्थित है। इसकी स्थापना अक्टूबर, १९८९ में की गयी थी। सिन्धी समाज की सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित रखना एवं उसका निरन्तर विकास करना ही इस संस्थान का प्रमुख लक्ष्य है। सिन्धोलॉजी में प्राचीन सिंधी साहित्य, कला संस्कृति के संरक्षण-संवर्धन के कार्य अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर सराहे जाते हैं। नारायण श्याम, शेख अयाज समान सिन्धी विद्वानों की आवाज में भी रचनाएं संरक्षित है। साथ ही पाठकों के लिए उपलब्ध करवाई गई हैं। .
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भारतीय सिन्धी
सिन्धी (सिन्धी: سنڌي) उन लोगों को कहते हैं जिनका मूल सिन्ध है। वर्तमान समय में सिन्ध, पाकिस्तान का एक प्रान्त है किन्तु अंग्रेजों के काल में तथा उससे हजारों वर्ष पूर्व सिन्ध नाम का भौगोलिक क्षेत्र प्रसिद्ध था। १९४७ में भारत एवं पाकिस्तान के अलग होने पर सिन्ध के अधिकांश हिन्दुओं को सिन्ध छोड़कर भारत आना पड़ा। ये लोग भारत के विभिन्न भागों में बस गये। कुछ सिन्धी विश्व के अन्य देशों में जाकर बस गये। भारत में सिन्धी लोगों की प्रसिद्ध बस्तियाँ इन स्थानों पर हैं-.
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भाई प्रताप दयालदास
भाई प्रताप दयालदास एक भारतीय उद्यमी, और स्वतंत्रता सेनानी थे। वे आदिपुर शहर के संस्थापक थे। स्वतंत्रता संघर्ष के दिनों के बाद से भाई प्रताप सिंह का पंडित जवाहरलाल नेहरू, महात्मा गांधी और सरदार पटेल जैसे बड़े हस्तियों के साथ करीबी संबंध थे। इनका जन्म हैदराबाद, सिंध में 14 अप्रैल 1908 को हुआ था। भाई प्रताप अपनी समृद्धि के लिए जाने जाते थे और एक रईस परिवार से थे। .