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आगरा का किला

सूची आगरा का किला

आगरा का किला एक यूनेस्को द्वारा घोषित विश्व धरोहर स्थल है। यह किला भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के आगरा शहर में स्थित है। इसके लगभग 2.5 किलोमीटर उत्तर-पश्चिम में ही विश्व प्रसिद्ध स्मारक ताज महल मौजूद है। इस किले को कुछ इतिहासकार चारदीवारी से घिरी प्रासाद महल नगरी कहना बेहतर मानते हैं। यह भारत का सबसे महत्वपूर्ण किला है। भारत के मुगल सम्राट बाबर, हुमायुं, अकबर, जहांगीर, शाहजहां और औरंगज़ेब यहां रहा करते थे, व यहीं से पूरे भारत पर शासन किया करते थे। यहां राज्य का सर्वाधिक खजाना, सम्पत्ति व टकसाल थी। यहाँ विदेशी राजदूत, यात्री व उच्च पदस्थ लोगों का आना जाना लगा रहता था, जिन्होंने भारत के इतिहास को रचा। .

23 संबंधों: ताजमहल, ताजमहल के मूल एवं वास्तु, तख़्त-ए-ताऊस, फ़तेहपुर सीकरी, भारत में स्थित विश्व विरासत स्थल, भारत के दुर्ग, भारत के विश्व धरोहर स्थल, भारतीय दुर्ग, भारतीय दुर्गों की सूची, मुसम्मन बुर्ज, लाल क़िला, लाल किला (बहुविकल्पी), लाल किला, आगरा, सोमनाथ मन्दिर, जहाँगीर महल, गतिमान एक्सप्रेस, आगरा, आगरा का इतिहास, आगरा का किला, आगरा के दर्शनीय स्थल, किला, कोहिनूर हीरा, अरबस्क

ताजमहल

ताजमहल (تاج محل) भारत के आगरा शहर में स्थित एक विश्व धरोहर मक़बरा है। इसका निर्माण मुग़ल सम्राट शाहजहाँ ने, अपनी पत्नी मुमताज़ महल की याद में करवाया था। ताजमहल मुग़ल वास्तुकला का उत्कृष्ट नमूना है। इसकी वास्तु शैली फ़ारसी, तुर्क, भारतीय और इस्लामी वास्तुकला के घटकों का अनोखा सम्मिलन है। सन् १९८३ में, ताजमहल युनेस्को विश्व धरोहर स्थल बना। इसके साथ ही इसे विश्व धरोहर के सर्वत्र प्रशंसा पाने वाली, अत्युत्तम मानवी कृतियों में से एक बताया गया। ताजमहल को भारत की इस्लामी कला का रत्न भी घोषित किया गया है। साधारणतया देखे गये संगमर्मर की सिल्लियों की बडी- बडी पर्तो से ढंक कर बनाई गई इमारतों की तरह न बनाकर इसका श्वेत गुम्बद एवं टाइल आकार में संगमर्मर से ढंका है। केन्द्र में बना मकबरा अपनी वास्तु श्रेष्ठता में सौन्दर्य के संयोजन का परिचय देते हैं। ताजमहल इमारत समूह की संरचना की खास बात है, कि यह पूर्णतया सममितीय है। इसका निर्माण सन् १६४८ के लगभग पूर्ण हुआ था। उस्ताद अहमद लाहौरी को प्रायः इसका प्रधान रूपांकनकर्ता माना जाता है। .

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ताजमहल के मूल एवं वास्तु

ताजमहल, भारत का चित्र ताजमहल मुगल वास्तुकला का सर्वाधिक परिष्कृत एवं उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत करता है। इसका उद्गम भारत के बडे़ भूभाग पर शासन करने वाले मुगल साम्राज्य की इस्लामी संस्कृति एवं इतिहास की बदलती परिस्थितियों पर आधारित है। एक विचलित मुगल बादशाह शाहजहाँ ने एक मकबरा अपनी प्यारी पत्नी मुमताज महल की स्मृति में उसके मरणोपरांत बनवाया था। आज यह एक सर्वाधिक प्रसिद्ध, प्रशंसित एवं पहचानी जाने वाली इमारत बन चुका है। जहाँ इसका श्वेत संगमर्मर गुम्बद वाला भाग, इस इमारत का मुख्य भाग है, वहीं इसकी पूर्ण इमारत समूह बाग, बगीचों सहित 22.44 हेक्टेयर में विस्तृत है, एवं इसमें सम्मिलित हैं अन्य गौण मकबरे, जल आपूर्ति अवसंरचना एवं ताजगंज की छोटी बस्ती, साथ ही नदी के उत्तरी छोर पर माहताब बाग भी इसके अभिन्न अंग हैं। इसका निर्माण 1632 ई. (1041 हिजरी अनुसार) में यमुना नदी के दक्षिणी किनारे पर, भारत के अग्रबाण, (अब आगरा नगर में) आरम्भ हुआ, और 1648 ई (1058 AH) में पूर्ण हुआ था। इसके आकार की अभिकल्पना मुमताज महल के स्वर्ग में आवास की पार्थिव नकल एवं बादशाह के अधिप्रचार उपकरण के रूप में की गई थी। असल में ताजमहल को किसने अभिकल्पित किया, इसके बारे में कई भ्रांतियाँ हैं। हालांकि यह सिद्ध है, कि एक बड़े वास्तुकारों एवं निर्माण विशेषज्ञों के समूह समेत बादशाह स्वयं भी सक्रिय रूप से इसमें शामिल था। उस्ताद अहमद लाहौरी को एक प्रधान वास्तुकार के रूप में इसके श्रेय का सर्वाधिक उपयुक्त व्यक्ति माना जाता है।।; पूर्विका; संकल्पना, प्रतीकवाद एवं भावांतरण; वास्तुकार एवं कारीगर; स्थल;16वीं–17वीं शताब्दी में आगरा .

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तख़्त-ए-ताऊस

मयूर सिंहासन पर आसीन शाहजहाँ का चित्र तख़्त-ए-ताऊस(تخت طاووس, अर्थात्‌ मयूर सिंहासन) वह प्रसिद्ध सिंहासन है जिसे मुगल बादशाह शाहजहाँ ने बनवाया था। पहले यह आगरे के किले में था। वहाँ से दिल्ली के लाल किले में स्थानान्तरित किया गया था। यहाँ से इस सिहांसन को ईरान का शासक नादिरशाह लूट कर ले गया था। इसका 'मयूर सिंहासन' नाम इसलिए पड़ा क्योंकि इसके पिछले भाग में नाचते हुए दो मोरों को दर्शाया गया है। सन् १७४७ में नादिरशाह की हत्या के समय अचानक यह सिंहासन गायब हो गया और उसका अता-पता नहीं चला और यह आज भी लापता है। .

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फ़तेहपुर सीकरी

फतेहपुर सीकरी (فتحپور سیکری), एक नगर है जो कि आगरा जिला का एक नगरपालिका बोर्ड है। यह भारत के उत्तर प्रदेश राज्य में स्थित है,। यह यहाँ के मुगल साम्राज्य में अकबर के राज्य में 1571 से 1585 तक, फिर इसे खाली कर दिया गया, शायद पानी की कमी के कारण। यह सिकरवार राजपूत राजा की रियासत थी जो बाद में इसके आसपास खेरागढ़ और मध्यप्रदेश के मुरैना जिले में बस गए ।फतेहपुर सीकरी हिंदू और मुस्लिम वास्‍तुशिल्‍प के मिश्रण का सबसे अच्‍छा उदाहरण है। फतेहपुर सीकरी मस्जिद के बारे में कहा जाता है कि यह मक्‍का की मस्जिद की नकल है और इसके डिजाइन हिंदू और पारसी वास्‍तुशिल्‍प से लिए गए हैं। मस्जिद का प्रवेश द्वार ५४ मीटर ऊँचा बुलंद दरवाजा है जिसका निर्माण 1573 ई० में किया गया था। मस्जिद के उत्तर में शेख सलीम चिश्‍ती की दरगाह है जहाँ नि:संतान महिलाएँ दुआ मांगने आती हैं। आंख मिचौली, दीवान-ए-खास, बुलंद दरवाजा, पांच महल, ख्‍वाबगाह, अनूप तालाब फतेहपुर सीकरी के प्रमुख स्‍मारक हैं। .

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भारत में स्थित विश्व विरासत स्थल

युनेस्को अनुसार भारत में स्थित विश्व विरासत स्थल (विश्व सम्पदा स्थल) इस प्रकार है-.

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भारत के दुर्ग

यह सूची भारत में स्थित दुर्गों की है:-.

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भारत के विश्व धरोहर स्थल

यूनेस्को द्वारा विश्व विरासत घोषित किए गए भारतीय सांस्‍कृतिक और प्राकृतिक स्‍थलों की सूची - .

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भारतीय दुर्ग

सभी राजाओं की राजधानी एक दुर्ग होती थी जिसके चारों ओर नगर बस जाता था। यह स्थिति दक्षिण एशिया के अनेक नगरों में देखी जा सकती है, जैसे दिली, आअगरा, लाहौर, पुणे, कोलकाता, मुम्बई आदि। भारत के दो दुर्ग यूनेस्को की विश्व विरासत की सूची में सम्मिलित हैं- आगरे का किला और लाल किला। भटिण्डा स्थित किला मुबारक भारत का सबसे प्राचीन किला है जो अब भी बचा हुआ है। इसका निर्माण कुषाण साम्राज्य के समय लगभग १०० ई में हुआ था। कांगड़ा दुर्ग जो कांगड़ा वंश द्वारा महाभारत युद्ध के बाद निर्मित किया गया था, य वंश अब भी बचा हुआ है। इस दुर्ग के विषय में सिकन्दर महान के लिपिकों ने लिखा है। अतः यह सर्वाधिक प्राचीन दुर्ग था। .

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भारतीय दुर्गों की सूची

यहाँ भारत स्थित दुर्गों की सूची दी गयी है। .

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मुसम्मन बुर्ज

मुसम्मन बुर्जआगरा का किला में स्थित खूबसूरती से तराशी गई यह इमारत दीवान-ए-खास के पास स्थित है। यही वह जगह है जहां औरंगजेब की कैद में शाहजहां ने अपनी जिंदगी के आखिरी सात साल बिताए। माना जाता है कि यहां से ताज का सबसे सुंदर नजारा दिखाई पड़ता है जो अधिक प्रदूषण के कारण अब अधिक स्‍पष्‍ट नहीं होता। यह दीवान-ए-खास के निकट अष्टकोणीय भवन है। यह वही स्थान है जहां औरंगजेब ने अपने पिता शाहजहां को कैद रखा था। विश्वदाय आगरा किला स्थित मुसम्मन बुर्ज पिछले कई वर्षो से आम पर्यटकों के लिए बंद है। इससे पहले किला भ्रमण को जाने वाला प्रत्येक पर्यटक बुर्ज पर जरूर जाता था, क्योंकि यहां से ताजमहल ऐन सामने नजर आता है। लेकिन अब गेट पर ताला लटका रहता है। इस मामले में एएसआई का कहना है कि बुर्ज के नीचे बहुत गहरी खाई है और यहां कोई हादसा हो सकता है। इसी आशंका के चलते अधीक्षण पुरातत्वविद के स्तर से विवेकाधिकार के तहत इसे बंद करने का निर्णय लिया गया है। .

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लाल क़िला

लाल किला या लाल क़िला, दिल्ली के ऐतिहासिक, क़िलेबंद, पुरानी दिल्ली के इलाके में स्थित, लाल रेत-पत्थर से निर्मित है। इस किले को पाँचवे मुग़ल बाद्शाह शाहजहाँ ने बनवाया था। इस के किले को "लाल किला", इसकी दीवारों के लाल रंग के कारण कहा जाता है। इस ऐतिहासिक किले को वर्ष २००७ में युनेस्को द्वारा एक विश्व धरोहर स्थल चयनित किया गया था। .

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लाल किला (बहुविकल्पी)

लाल किला कई स्थानों पर निर्मित है.

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लाल किला, आगरा

कोई विवरण नहीं।

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सोमनाथ मन्दिर

सोमनाथ मन्दिर भूमंडल में दक्षिण एशिया स्थित भारतवर्ष के पश्चिमी छोर पर गुजरात नामक प्रदेश स्थित, अत्यन्त प्राचीन व ऐतिहासिक सूर्य मन्दिर का नाम है। यह भारतीय इतिहास तथा हिन्दुओं के चुनिन्दा और महत्वपूर्ण मन्दिरों में से एक है। इसे आज भी भारत के १२ ज्योतिर्लिंगों में सर्वप्रथम ज्योतिर्लिंग के रूप में माना व जाना जाता है। गुजरात के सौराष्ट्र क्षेत्र के वेरावल बंदरगाह में स्थित इस मन्दिर के बारे में कहा जाता है कि इसका निर्माण स्वयं चन्द्रदेव ने किया था, जिसका उल्लेख ऋग्वेद में स्पष्ट है। यह मंदिर हिंदू धर्म के उत्थान-पतन के इतिहास का प्रतीक रहा है। अत्यंत वैभवशाली होने के कारण इतिहास में कई बार यह मंदिर तोड़ा तथा पुनर्निर्मित किया गया। वर्तमान भवन के पुनर्निर्माण का आरंभ भारत की स्वतंत्रता के पश्चात् लौहपुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल ने करवाया और पहली दिसंबर 1995 को भारत के राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा ने इसे राष्ट्र को समर्पित किया। सोमनाथ मंदिर विश्व प्रसिद्ध धार्मिक व पर्यटन स्थल है। मंदिर प्रांगण में रात साढ़े सात से साढ़े आठ बजे तक एक घंटे का साउंड एंड लाइट शो चलता है, जिसमें सोमनाथ मंदिर के इतिहास का बड़ा ही सुंदर सचित्र वर्णन किया जाता है। लोककथाओं के अनुसार यहीं श्रीकृष्ण ने देहत्याग किया था। इस कारण इस क्षेत्र का और भी महत्व बढ़ गया। सोमनाथजी के मंदिर की व्यवस्था और संचालन का कार्य सोमनाथ ट्रस्ट के अधीन है। सरकार ने ट्रस्ट को जमीन, बाग-बगीचे देकर आय का प्रबन्ध किया है। यह तीर्थ पितृगणों के श्राद्ध, नारायण बलि आदि कर्मो के लिए भी प्रसिद्ध है। चैत्र, भाद्रपद, कार्तिक माह में यहां श्राद्ध करने का विशेष महत्व बताया गया है। इन तीन महीनों में यहां श्रद्धालुओं की बडी भीड़ लगती है। इसके अलावा यहां तीन नदियों हिरण, कपिला और सरस्वती का महासंगम होता है। इस त्रिवेणी स्नान का विशेष महत्व है। .

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जहाँगीर महल

जहांगीर महलआगरा किले में स्थित जहांगीर महल का निर्माण अकबर ने कराया था। आगरा किले में यह सबसे बड़ा आवासीय भवन है। इस भवन में हिन्दू और एशियाई वास्तुकला का बेहतरीन मिश्रण देखने को मिलता है। .

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गतिमान एक्सप्रेस

गतिमान एक्सप्रेस भारत में सबसे तेज़ गति से चलने वाली रेलगाड़ी है जो दिल्ली और आगरा के बीच चलती है। यह 160 किमी प्रति घंटा (99 मील प्रति घंटा) तक की गति से चलती है और फिलहाल भारत की सबसे तेज़ रेलगाड़ी है।यह रेलगाड़ी एक तरफ जाने में 188 किलोमीटर दूरी तय करती है जिसमें 100 मिनट का समय लेती है। यह आगरा छावनी व हजरत निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन के बीच चलती है। .

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आगरा

आगरा उत्तर प्रदेश प्रान्त का एक महानगर, ज़िला शहर व तहसील है। विश्व का अजूबा ताजमहल आगरा की पहचान है और यह यमुना नदी के किनारे बसा है। आगरा २७.१८° उत्तर ७८.०२° पूर्व में यमुना नदी के तट पर स्थित है। समुद्र-तल से इसकी औसत ऊँचाई क़रीब १७१ मीटर (५६१ फ़ीट) है। आगरा उत्तर प्रदेश का तीसरा सबसे बड़ा शहर है। .

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आगरा का इतिहास

आगरा एक ऐतिहासिक नगर है, जिसके प्रमाण यह अपने चारों ओर समेटे हुए है। इतिहास मे पहला ज़िक्र आगरा का महाभारत के समय से माना जाता है, जब इसे अग्रबाण या अग्रवन के नाम से संबोधित किया जाता था। कहते हैं कि पहले यह नगर आयॅग्रह के नाम से भी जाना जाता था। तौलमी पहला ज्ञात व्यक्ति था जिसने इसे आगरा नाम से संबोधित किया। आगरा शहर को सिकंदर लोदी ने सन् 1506 ई. में बसाया था। आगरा मुगल साम्राजय की चहेती जगह थी। आगरा 1526 से 1658 तक मुग़ल साम्राज्य की राजधानी रहा। आज भी आगरा मुग़लकालीन इमारतों जैसे - ताज महल, किला, फ़तेहपुर सीकरी आदि की वजह से एक विख्यात पर्यटन-स्थल है। ये तीनों इमारतें यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल की सुची में शामिल हैं। बाबर (मुग़ल साम्राज्य का जनक) ने यहाँ चौकोर (आयताकार एवं वर्गाकार) बाग़ों का निर्माण कराया।.

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आगरा का किला

आगरा का किला एक यूनेस्को द्वारा घोषित विश्व धरोहर स्थल है। यह किला भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के आगरा शहर में स्थित है। इसके लगभग 2.5 किलोमीटर उत्तर-पश्चिम में ही विश्व प्रसिद्ध स्मारक ताज महल मौजूद है। इस किले को कुछ इतिहासकार चारदीवारी से घिरी प्रासाद महल नगरी कहना बेहतर मानते हैं। यह भारत का सबसे महत्वपूर्ण किला है। भारत के मुगल सम्राट बाबर, हुमायुं, अकबर, जहांगीर, शाहजहां और औरंगज़ेब यहां रहा करते थे, व यहीं से पूरे भारत पर शासन किया करते थे। यहां राज्य का सर्वाधिक खजाना, सम्पत्ति व टकसाल थी। यहाँ विदेशी राजदूत, यात्री व उच्च पदस्थ लोगों का आना जाना लगा रहता था, जिन्होंने भारत के इतिहास को रचा। .

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आगरा के दर्शनीय स्थल

यमुना नदी के तट पर स्थित आगरा शहर ऐतिहासिक स्मारकों के लिए प्रसिद्ध है। सन् 1506 में सिकंदर लोधी ने मुगलों का राज्य स्थापित किया था। मुगलों के शासन के दौरान खूबसूरत स्मारक स्थापित किए गए थे जिन्हें देखने आज भी पर्यटक आगरा आते हैं। आगरा में हस्तशिल्प बहुत ही प्रसिद्ध है। यहाँ संगमरमर के पत्थरों पर सुंदर आकृतियाँ उकेरी गई हैं। गहने, तोहफे एवं अन्य चीजों को सुरक्षित रखने के लिए कुछ विशेष प्रकार के बॉक्स बनाए जाते हैं। जरदोजी से बनाए गए कपड़े पर्यटकों के मध्य बहुत ही लोकप्रिय हैं। सदर बाजार, किनारी बाजार, राजा-की-मंडी में विभिन्न प्रकार की आकर्षक और मनोहारी चीजें देखी जा सकती हैं। मिठाइयों में आगरा के पेठे एवं गजक बहुत ही प्रसिद्ध हैं। तिल एवं गुड़ से बनाई गई मिठाइयाँ बहुत ही स्वादिष्ट होती हैं। .

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किला

राजस्थान के '''कुम्भलगढ़ का किला''' - यह एशिया के सबसे बड़े किलों में से एक है। शत्रु से सुरक्षा के लिए बनाए जानेवाले वास्तु का नाम किला या दुर्ग है। इन्हें 'गढ़' और 'कोट' भी कहते हैं। दुर्ग, पत्थर आदि की चौड़ी दीवालों से घिरा हुआ वह स्थान है जिसके भीतर राजा, सरदार और सेना के सिपाही आदि रहते है। नगरों, सैनिक छावनियों और राजप्रासादों सुरक्षा के लिये किलों के निर्माण की परंपरा अति प्राचीन काल से चली आ रही है। आधुनिक युग में युद्ध के साधनों और रण-कौशल में वृद्धि तथा परिवर्तन हो जाने के कारण किलों का महत्व समाप्त हो गया है और इनकी कोई आवशकता नहीं रही। .

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कोहिनूर हीरा

Glass replica of the Koh-I-Noor as it appeared in its original form, turned upside down कोहिनूर (फ़ारसी: कूह-ए-नूर) एक १०५ कैरेट (२१.६ ग्राम) का हीरा है जो किसी समय विश्व का सबसे बड़ा ज्ञात हीरा रह चुका है। कहा जाता है कि यह हीरा भारत की गोलकुंडा की खान से निकाला गया था। 'कोहिनूर' का अर्थ है- आभा या रोशनी का पर्वत। यह कई मुगल व फारसी शासकों से होता हुआ, अन्ततः ब्रिटिश शासन के अधिकार में लिया गया, व उनके खजाने में शामिल हो गया, जब ब्रिटिश प्रधान मंत्री, बेंजामिन डिजराएली ने महारानी विक्टोरिया को १८७७ में भारत की सम्राज्ञी घोषित किया। अन्य कई प्रसिद्ध जवाहरातों की भांति ही, कोहिनूर की भी अपनी कथाएं रही हैं। इससे जुड़ी मान्यता के अनुसार, यह पुरुष स्वामियों का दुर्भाग्य व मृत्यु का कारण बना, व स्त्री स्वामिनियों के लिये सौभाग्य लेकर आया। अन्य मान्यता के अनुसार, कोहिनूर का स्वामी संसार पर राज्य करने वाला बना। .

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अरबस्क

अरबस्क या इस्लामी कला अक्सर ज्यामितीय पुष्प या वनस्पति डिजाइनों के उपयोग को पुनरावृत्ति में अरबी के रूप में जाना जाता है। इस तरह की डिजाइन बेहद गैर- प्रतिनिधित्वकारी हैं, क्योंकि इस्लाम ने पूर्व-इस्लामी बुतपरस्त (मूर्तिपुज्य) धर्मों में पाए जाने वाले प्रतिनिधित्व के चित्रणों को मना किया है। इसके बावजूद, कुछ मुस्लिम समाजों में चित्रण कला की उपस्थिति है, खासकर लघु शैली जो फारस में और ऑटोमन साम्राज्य के तहत प्रसिद्ध थी, जिसमें लोगों और जानवरों के चित्रों को प्रदर्शित किया गया था, और धार्मिक अध्याय और इस्लामी परंपरागत कथाओं के चित्रण भी शामिल हैं। एक अन्य कारण है कि इस्लामी कला आम तौर पर अमूर्त है, अक्रांस, अक्रियाशील और अनन्त प्रकृति का प्रतीक है, जो कि अरबस्क द्वारा प्राप्त एक उद्देश्य है। इस्लामी शिलालेख इस्लामी कला में एक सर्वव्यापी सजावट है, और आमतौर पर कुरान अध्यायो के रूप में व्यक्त किया जाता है। इसमें शामिल दो मुख्य लिपियों में प्रतीकात्मक कुफिक और नास्क लिपि हैं, जो कि मस्जिदों की दीवारों और गुंबदों, मिनारो पर लिखी जाती है। इस्लामी वास्तुकला के भेदभाव की प्रस्तुतियों को हमेशा पुनरावृत्ति, विकिरण संरचनाओं और लयबद्ध, मीट्रिक पैटर्नों का आदेश दिया गया है। इस संबंध में फ्रैक्टल ज्यामिति एक प्रमुख उपयोगिता रही है, विशेष रूप से मस्जिदों और महलों के लिए। रूपांकनों के रूप में कार्यरत अन्य विशेषताओं में स्तभ, और मेहराब शामिल हैं, जो संयोजन और अन्तर्निर्मित होते हैं। इस्लामी वास्तुकला में गुंबदों की भूमिका काफी महत्वपूर्ण रही है। इसका उपयोग सबसे पहले 691 में मस्जिद अल-अक्सा के गुंबद के निर्माण के साथ, और 17 वीं सदी तक ताजमहल के साथ भी आवर्ती हो रहा है। और 19वीं शताब्दी के रूप में, इस्लामी गुम्बद को यूरोपीय वास्तुकला में शामिल किया गया था। File:Columns and decoration of the Upper gallery of Hagia Sophia.jpg|बीजान्टिन राजधानी और सजावट में हागिया सोफिया, सफेद संगमरमर, 6 सदी। File:Basilica of San Vitale - Lamb of God mosaic.jpg|बीजान्टिन मोज़ेक 6 सदी.

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यहां पुनर्निर्देश करता है:

लाल क़िला आगरा, आगरा किला, आगरे का किला, अंगूरी बाग

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