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आईआरएनएसएस-1जी

सूची आईआरएनएसएस-1जी

आईआरएनएसएस-1जी 1ए, 1बी, 1सी, 1डी,1ई, व 1एफ़ के बाद सातवाँ भारतीय नौवहन (नेविगेशन) उपग्रह है। यह उपग्रह आईआरएनएसएस सीरीज़ का सातवाँ और आखरी उपग्रह था परन्तु 1ए उपग्रह की परमाणु घड़ी ख़राब होने के बाद आईआरएनएसएस-1एच को आठवे उपग्रह के तौर पर लॉन्च किया गया। यह उपग्रह भारतीय क्षेत्र में नेविगेशन सेवायें प्रदान करेगा। .

2 संबंधों: भारतीय क्षेत्रीय नौवहन उपग्रह प्रणाली, आईआरएनएसएस-1एच

भारतीय क्षेत्रीय नौवहन उपग्रह प्रणाली

भारतीय क्षेत्रीय नौवहन उपग्रह प्रणाली (Indian Regional Navigational Satellite System) अथवा इंडियन रीजनल नैविगेशन सैटेलाइट सिस्टम-आईआरएनएसएस भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा विकसित, एक क्षेत्रीय स्वायत्त उपग्रह नौवहन प्रणाली है जो पूर्णतया भारत सरकार के अधीन है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसका नाम भारत के मछुवारों को समर्पित करते हुए नाविक रखा है। इसका उद्देश्य देश तथा देश की सीमा से 1500 किलोमीटर की दूरी तक के हिस्से में इसके उपयोगकर्ता को सटीक स्थिति की सूचना देना है। सात उपग्रहों वाली इस प्रणाली में चार उपग्रह ही निर्गत कार्य करने में सक्षम हैं लेकिन तीन अन्य उपग्रह इसकी द्वारा जुटाई गई जानकारियों को और सटीक बनायेगें। हर उपग्रह की कीमत करीब 150 करोड़ रुपए के करीब है। वहीं पीएसएलवी-एक्सएल प्रक्षेपण यान की लागत 130 करोड़ रुपए है। .

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आईआरएनएसएस-1एच

आईआरएनएसएस-1एच,1ए, 1बी, 1सी, 1डी,1ई, 1एफ़ व 1जी के बाद आठवां भारतीय नौवहन (नेविगेशन) उपग्रह है। यह उपग्रह आईआरएनएसएस सीरीज़ का उपग्रह है, जो भारतीय क्षेत्र में नेविगेशन सेवायें प्रदान करने के लिए छोड़ा गया था। वजन के कारण सैटलाइट की रफ्तार में एक किलोमीटर/ सेकंड की कमी आ गई जिस कारण यह विफल रहा। इसरो सैटलाइट सेंटर के पूर्व डायरेक्टर एसके शिवकुमार ने बताया कि लॉन्च वीइकल अपने डिजाइन के अनुसार एक टन ज्यादा वजन लेकर जा रहा था जिसके कारण हीट शील्ड इससे अलग नहीं हो पाया। इस कारण रॉकेट की गति भी प्रभावित हुई। .

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यहां पुनर्निर्देश करता है:

IRNSS-1G

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