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अस्कोट

सूची अस्कोट

अस्कोट, पिथौरागढ़ जिला, उत्तराखंड में स्थित एक क्षेत्र है। यह कुमाऊँ मण्डल में आता है। .

4 संबंधों: भारत के अभयारण्य, सुदूर-पश्चिमाञ्चल विकास क्षेत्र, अस्कोट राज्य, उत्तराखण्ड के राज्य राजमार्गों की सूची

भारत के अभयारण्य

भारत में 500 से अधिक प्राणी अभयारण्य हैं, जिन्हें वन्य जीवन अभयारण्य (IUCN श्रेणी IV सुरक्षित क्षेत्र) कहा जाता है। इनमें से 28 बाघ अभयारण्य बाघ परियोजना द्वारा संचालित हैं, जो बाघ-संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण हैं। कुछ वन्य अभयारण्यों को पक्षी-अभयारण्य कहा जाता रहा है, (जैसे केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान) जब तक कि उन्हें राष्ट्रीय उद्यान का दर्ज़ा नहीं मिल गया। कई राष्ट्रीय उद्यान पहले वन्य जीवन अभयारण्य ही थे। कुछ वन्य जीवन अभयारण्य संरक्षण हेतु राष्ट्रीय महत्व रखते हैं, अपनी कुछ मुख्य प्राणी प्रजातियों के कारण। अतः उन्हें राष्ट्रीय वन्य जीवन अभयारण्य कहा जाता है, जैसे.

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सुदूर-पश्चिमाञ्चल विकास क्षेत्र

सुदूर-पश्चिमांचल विकास क्षेत्र नेपाल का एक प्रान्त है जो नेपाल के पाँच विकास क्षेत्रों में से एक विकास क्षेत्र है। यह नेपाल के सबसे पश्चिम में स्थित है। इस के पूर्व में नेपाल का मध्य-पश्चिमांचल विकास क्षेत्र तथा पश्चिम में भारत का राज्य उत्तराखण्ड तथा उत्तर में चीन का तिब्बत तथा दक्षिण में भारत का उत्तर प्रदेश स्थित है। सुदूर-पश्चिमांचल विकास क्षेत्र का मुख्यालय दिपायल में स्थित है। इस प्रान्त में २ अंचल तथा ९ जिलें हैं। सुदूर पश्चिमांचल विकास क्षेत्र का क्षेत्रफल १९,५३९ किमी२ है जिसमें २ अंचल सेती अंचल और महाकाली अंचल हैं। इस क्षेत्र में ९ जिलें हैं जिसका क्षेत्रीय मुख्यालय दिपायल, डोटी जिले में है। सुदूर-पश्चिमांचल राजधानी से सुदूर है और विकास के लिए एक चुनौती है। इस क्षेत्र में करीब ४४% लोग पहाड़ों पर और ४९% लोग हिमालयी परिवेश में रहते हैं जो गरीबी रेखा से नीचे की जिंदगी गुजर-बसर करते हैं। इस क्षेत्र में आधारभूत सेवाएँ सीमित हैं और कठिन भौगोलिक परिवेश के कारण आधारभूत सेवाओं को इस क्षेत्र में लोगों तक पहुँचाना एक चुनौती है। इस क्षेत्र में सामाजिक-आर्थिक संरचनाएं बड़ी ही कठिन है और यहाँ लैंगिक और जातिय भेद-भाव चारो तरफ विद्यमान है। पारम्परिक प्रणाली धर्म के साथ जुड़े हुए हैं, संस्कृति और रिती-रिवाज का भी विकास पर बहुत बड़ा प्रभाव है। नेपाल का यह सुदूर क्षेत्र कभी डोटी कहलाता था, कुछ लोगों का मानना है कि डोटी शब्द 'दो वती' से आया है जिसका अर्थ बताते हैं: दो नदियों के बिच का भू-भाग। कुछ लोग ये भी मानते हैं कि ये नाम हिन्दू भगवान देव और आतवी से आया है जिसका मतलब है: पुनः उत्पत्ति। १३ वीं शताब्दी में जब कत्युरी राज-शासन का पतन हो गया तब निरंजन मल्ल देव ने डोटी राज्य की स्थापना की। डोटीयाली और कुमाऊनी इस क्षेत्र में बोली जाती है। देउडा, झोडा, छपेली, छालिया, भाडा आदि यहाँ के पारंपरिक नृत्य हैं और गौरा या गमारा यहाँ का सब से बड़ा त्यौहार है। .

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अस्कोट राज्य

अस्कोट राज्य (1279-1967) उत्तर भारत में स्थित एक राज्य था। इसकी स्थापना 1279 में कत्यूरी राजवंश के वंशज, अभयपाल ने की थी। करीब 900 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैले अस्कोट के शासकों को राजवार कहा जाता था और इसकी राजधानी वर्तमान अस्कोट शहर से ढाई किमी दूर लखनपुर में थी। राज्य के कुल देवता नारिंग देवल थे। कहा जाता था कि पूर्वकाल में खस राजाओं के 80 कोट (किले) होने की वजह से इस स्थान को अस्कोट कहा जाने लगा। वर्ष 1279 में इन खस राजाओं को पराजित कर अभयपाल ने लखनपुर कोट में अपनी राजधानी स्थापित की। 16 शताब्दी के मध्य तक अभयपाल के वंशजों ने निर्विघ्न अस्कोट पर राज किया। 1588 में राजवार रायपाल की मृत्यु के बाद अस्कोट पर अल्मोड़ा के राजा रुद्र चंद ने कब्जा कर लिया। उन्होंने 300 रुपये का वार्षिक कर लगाकर अस्कोट को अपना सामंती राज्य बना दिया। वर्ष 1615 में तत्कालीन राजा महेंद्र पाल प्रथम ने अस्कोट में राजमहल का निर्माण कराया। 1742 में गोरखाओं ने आक्रमण करके राज्य को अपने अधीन कर लिया। उन्होंने वार्षिक कर को बढ़ाकर 2000 रुपये कर दिया था। ब्रिटिश काल में अस्कोट को रियासत का दर्जा दिया गया। करीब 400 वर्ग किलोमीटर तक फैली इसकी सीमाओं के तहत 142 गांव थे। आजादी के 20 साल बाद, 11 नवंबर 1967 को भारत सरकार ने इस रियासत को अपने अधीन ले लिया। रियासत के अंतिम राजा टिकेंद्र पाल थे। .

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उत्तराखण्ड के राज्य राजमार्गों की सूची

निम्नलिखित सूची उत्तराखण्ड राज्य के राज्य राजमार्गों की है: .

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