लोगो
यूनियनपीडिया
संचार
Google Play पर पाएं
नई! अपने एंड्रॉयड डिवाइस पर डाउनलोड यूनियनपीडिया!
मुक्त
ब्राउज़र की तुलना में तेजी से पहुँच!
 

अरुण (ग्रह)

सूची अरुण (ग्रह)

अरुण (Uranus), या यूरेनस हमारे सौर मण्डल में सूर्य से सातवाँ ग्रह है। व्यास के आधार पर यह सौर मण्डल का तीसरा बड़ा और द्रव्यमान के आधार पर चौथा बड़ा ग्रह है। द्रव्यमान में यह पृथ्वी से १४.५ गुना अधिक भारी और अकार में पृथ्वी से ६३ गुना अधिक बड़ा है। औसत रूप में देखा जाए तो पृथ्वी से बहुत कम घना है - क्योंकि पृथ्वी पर पत्थर और अन्य भारी पदार्थ अधिक प्रतिशत में हैं जबकि अरुण पर गैस अधिक है। इसीलिए पृथ्वी से तिरेसठ गुना बड़ा अकार रखने के बाद भी यह पृथ्वी से केवल साढ़े चौदह गुना भारी है। हालांकि अरुण को बिना दूरबीन के आँख से भी देखा जा सकता है, यह इतना दूर है और इतनी माध्यम रोशनी का प्रतीत होता है के प्राचीन विद्वानों ने कभी भी इसे ग्रह का दर्जा नहीं दिया और इसे एक दूर टिमटिमाता तारा ही समझा। १३ मार्च १७८१ में विलियम हरशल ने इसकी खोज की घोषणा करी। अरुण दूरबीन द्वारा पाए जाने वाला पहला ग्रह था। हमारे सौर मण्डल में चार ग्रहों को गैस दानव कहा जाता है, क्योंकि इनमें मिटटी-पत्थर की बजाय अधिकतर गैस है और इनका आकार बहुत ही विशाल है। अरुण इनमे से एक है - बाकी तीन बृहस्पति, शनि और वरुण (नॅप्टयून) हैं। इनमें से अरुण की बनावट वरुण से बहुत मिलती-जुलती है। अरुण और वरुण के वातावरण में बृहस्पति और शनि के तुलना में बर्फ़ अधिक है - पानी की बर्फ़ के अतिरिक्त इनमें जमी हुई अमोनिया और मीथेन गैसों की बर्फ़ भी है। इसलिए कभी-कभी खगोलशास्त्री इन दोनों को "बर्फ़ीले गैस दानव" नाम की श्रेणी में डाल देते हैं। सौर मण्डल के सारे ग्रहों में से अरुण का वायुमण्डल सब से ठण्डा पाया गया है और उसका न्यूनतम तापमान -४९ कैल्विन (यानी -२२४° सेण्टीग्रेड) देखा गया है। इस ग्रह में बादलों की कई तहें देखी गई हैं। मानना है के सब से नीचे पानी के बादल हैं और सब से ऊपर मीथेन गैस के बादल हैं। यह भी माना जाता है कि यदि किसी प्रकार अरुण के बिलकुल बीच जाकर इसका केन्द्र देखा जा सकता तो वहाँ बर्फ़ और पत्थर पाए जाते। .

27 संबंधों: टाइटेनिआ (उपग्रह), ऍचडी १०१८०, ऍरिअल (उपग्रह), तत्वों की सूची (प्रतीक के क्रम में), न्यू होराइज़न्स, नौवां ग्रह, पक (उपग्रह), फलज्योतिष, बृहस्पति (ग्रह), मिरैन्डा (उपग्रह), शनि (ग्रह), सौर मण्डल, वरुण (ग्रह), विलियम हरशॅल, वॉयेजर द्वितीय, ग्रह, गैस दानव, ओबेरॉन (उपग्रह), अपसौरिका, अम्ब्रिअल (उपग्रह), अरुण, अरुण के प्राकृतिक उपग्रह, अवर एवं वरिष्ठ ग्रह, उपग्रही छल्ला, १०१९९ करिक्लो, १९८९, २२ नवम्बर

टाइटेनिआ (उपग्रह)

वॉयेजर द्वितीय यान द्वारा ली गयी एक टाइटेनिआ की तस्वीर टाइटेनिआ अरुण (युरेनस) ग्रह का सब से बड़ा उपग्रह है। माना जाता है के यह चन्द्रमा बर्फ़ और पत्थर की लगभग बराबर मात्राओं से रचा हुआ है - इसकी सतह बर्फ़ीली है और अन्दर का हिस्सा पत्थरीला है। कुछ वैज्ञानिको की सोच है के बाहरी बर्फ़ और अंदरूनी पत्थर के बीच में एक पानी की तह होने की सम्भावना है, लेकिन इस बात का अभी कोई पक्का सबूत नहीं मिला है। सतही बर्फ़ में कुछ पदार्थों के मिले होने के कारण इस उपग्रह का रंग थोड़ा लाल प्रतीत होता है। इसकी सतह पर अंतरिक्ष से गिरे हुए उल्कापिंडों की वजह से बहुत से बड़े गढ्ढे भी हैं, जिनमें से एक भयंकर गढ्ढे का व्यास ३२६ किमी है। फिर भी देखा गया है के अरुण के एक अन्य उपग्रह ओबेरॉन पर इस से भी ज़्यादा गढ्ढे हैं। वैज्ञानिक अनुमान लगते हैं की टाइटेनिआ पर शायद काफ़ी भूकम्पों के आने से बहुत से गढ्ढे भरे जा चुके हैं और अब नज़र नहीं आते। वॉयेजर द्वितीय यान के जनवरी १९८६ में अरुण के पास से गुज़रने पर टाइटेनिआ की बहुत से तस्वीरें ली गयी जिनके ज़रिये इसकी सतह के लगभग ४०% हिस्से के नक्शे बनाए जा चुके हैं। .

नई!!: अरुण (ग्रह) और टाइटेनिआ (उपग्रह) · और देखें »

ऍचडी १०१८०

ऍचडी १०१८० तारा ऍचडी १०१८० के ग्रहीय मंडल का काल्पनिक वीडियो चित्रकार की कल्पना से बनी तस्वीर जिसमें ऍचडी १०१८० डी (d) ग्रह से उसका तारा देखा जा रहा है - इसमें ऍचडी १०१८० बी (b) और ऍचडी १०१८० सी (c) भी छोटे-से दूर नज़र आ रहे हैं ऍचडी १०१८० (HD 10180) पृथ्वी से अनुमानित १२७ प्रकाश वर्ष दूर नर जलसर्प तारामंडल के क्षेत्र में स्थित एक G1V श्रेणी का सूर्य-जैसा मुख्य अनुक्रम तारा है। इसके इर्द-गिर्द कम-से-कम ७ ग़ैर-सौरीय ग्रह परिक्रमा करते हुए ज्ञात हुए हैं और सम्भव है कि इन ग्रहों की कुल संख्या ९ भी हो। अभी तक यह सभी ज्ञात ग्रहीय मंडलों में सबसे अधिक ग्रहों वाला मंडल है और इसमें सम्भवतः हमारे सौर मंडल से भी ज़्यादा ग्रह हैं।, Mikko Tuomi, Astronomy & Astrophysics (Journal), 6 अप्रैल 2012 .

नई!!: अरुण (ग्रह) और ऍचडी १०१८० · और देखें »

ऍरिअल (उपग्रह)

वॉयेजर द्वितीय यान द्वारा १९८६ को ली गयी एक ऍरिअल की तस्वीर ऍरिअल अरुण (युरेनस) ग्रह का एक उपग्रह है। अकार में यह अरुण का चौथा सब से बड़ा उपग्रह है। ऍरिअल अरुण के सारे उपग्रहों में से सब से अधिक चमकदार है। अरुण के अन्य बड़े चंद्रमाओं की तरह, ऍरिअल भी बर्फ़ और पत्थर का बना हुआ है। इसकी सतह बर्फ़ीली और अन्दर का केंद्रीय भाग पत्थरीला है। इसकी सतह बहुत ऊबड़-खाबड़ है और उसपर ऊंचे टीले और गहरी खाइयाँ दोनों दिखाई देती हैं। वॉयेजर द्वितीय यान के १९८६ में अरुण के पास से गुज़रने पर ऍरिअल की सतह के लगभग ३५% हिस्से के नक्शे बनाए जा चुके हैं। फ़िलहाल ऍरिअल का अध्ययन करने के लिए कोई और अंतरिक्ष यान भेजने की कोई योजना नहीं है। हालांकि अरुण के सारे बड़े उपग्रहों पर भूकम्पों के सुराग मिलते हैं, लेकिन ऐसा प्रतीत होता है के ऍरिअल पर आये हुए भूकंप सब से ताज़ा हैं। .

नई!!: अरुण (ग्रह) और ऍरिअल (उपग्रह) · और देखें »

तत्वों की सूची (प्रतीक के क्रम में)

तत्वों की आवर्त सारणी ये सूची रासायनिक तत्त्वों के रासायनिक चिह्न अनुसार है: .

नई!!: अरुण (ग्रह) और तत्वों की सूची (प्रतीक के क्रम में) · और देखें »

न्यू होराइज़न्स

न्यू होराइज़न्स (अंग्रेज़ी: New Horizons, हिंदी अर्थ: "नए क्षितिज") अमेरिकी अंतरिक्ष अनुसन्धान संस्था नासा का एक अंतरिक्ष शोध यान है जो हमारे सौर मंडल के बाहरी बौने ग्रह यम (प्लूटो) के अध्ययन के लिये छोड़ा गया था। इस यान का प्रक्षेपण 19 जनवरी 2006 किया गया था जो नौ वर्षों के बाद 14 जुलाई 2015 को प्लूटो के सबसे नजदीक से होकर गुजरा। यह प्लूटो और उसके पांचों ज्ञात उपग्रहों - शैरन, निक्स, हाएड्रा, स्टायक्स और ऍस/२०११ पी १ (S/2011 P 1) के आँकड़े भेजेगा। इसके बाद अगर कोई अन्य काइपर घेरे की वस्तु देखने योग्य मिलती है तो संभव है की इस यान के द्वारा उसके पास से भी निकलकर जानकारी और तस्वीरें हासिल की जा सकें। न्यू होराइजन्स यान को रॉकेट के ऊपर लगाकर १९ जनवरी २००६ को छोड़ा गया था। ७ अप्रैल २००६ को इसने मंगल ग्रह की कक्षा (ऑरबिट) पार की, २८ फ़रवरी २००७ को बृहस्पति ग्रह की, ८ जून २००८ को शनि ग्रह की और १८ मार्च २०११ को अरुण ग्रह (यूरेनस) की। इसे छोड़ने की गति किसी भी मानव कृत वस्तु से अधिक रही थी - अपने आखरी रॉकेट के बंद होने तक इसकी रफ़्तार १६.२६ किलोमीटर प्रति सैकिंड पहुँच चुकी थी। .

नई!!: अरुण (ग्रह) और न्यू होराइज़न्स · और देखें »

नौवां ग्रह

नौवां ग्रह (Planet Nine) एक सम्भावित ग्रह है जो शायद हमारे सौर मंडल के बाहरी भाग में काइपर घेरे से भी आगे स्थित हो। कई खगोलशास्त्रियों ने कुछ वरुण-पार वस्तुओं की विचित्र कक्षाओं (अरबिटों) का अध्ययन कर के यह प्रस्ताव दिया है कि इन कक्षाओं के पीछे सूरज से सुदूर क्षेत्र में परिक्रमा करते हुए एक बड़े आकार के ग्रह का गुरुत्वाकर्षक प्रभाव ही हो सकता है। उनका कहना है कि यह एक महापृथ्वी श्रेणी का ग्रह होगा और इसका द्रव्यमान (मास) हमारी पृथ्वी से लगभग १० गुना अधिक हो सकता है। इसके पास हाइड्रोजन और हीलियम का बना एक घना वायुमंडल हो सकता है और सम्भव है कि यह इतना दूर हो कि इसे सूरज की एक परिक्रमा करने के लिये १५,००० से २०,००० वर्ष लग जाएँ। .

नई!!: अरुण (ग्रह) और नौवां ग्रह · और देखें »

पक (उपग्रह)

वॉयेजर द्वितीय यान द्वारा २४ जनवरी १९८६ को ली गयी एक पक की तस्वीर पक अरुण (युरेनस) ग्रह का एक उपग्रह है। १९८५ तक पक वैज्ञानिकों के लिए अज्ञात था और इसके अस्तित्व का तब पता चला जब अरुण के पास से गुज़रते हुए वॉयेजर द्वितीय यान की खींची गयी तस्वीरों में यह नज़र आया। पक का अकार लगभग गोले जैसा है लेकिन पूरा गोला नहीं है। इसपर अंतरिक्ष से गिरे हुए उल्कापिंडों की वजह से बहुत से बड़े गढ्ढे हैं। .

नई!!: अरुण (ग्रह) और पक (उपग्रह) · और देखें »

फलज्योतिष

फलज्योतिष astrology का भारत की परम्परा में नाम है। .

नई!!: अरुण (ग्रह) और फलज्योतिष · और देखें »

बृहस्पति (ग्रह)

बृहस्पति सूर्य से पांचवाँ और हमारे सौरमंडल का सबसे बड़ा ग्रह है। यह एक गैस दानव है जिसका द्रव्यमान सूर्य के हजारवें भाग के बराबर तथा सौरमंडल में मौजूद अन्य सात ग्रहों के कुल द्रव्यमान का ढाई गुना है। बृहस्पति को शनि, अरुण और वरुण के साथ एक गैसीय ग्रह के रूप में वर्गीकृत किया गया है। इन चारों ग्रहों को बाहरी ग्रहों के रूप में जाना जाता है। यह ग्रह प्राचीन काल से ही खगोलविदों द्वारा जाना जाता रहा है तथा यह अनेकों संस्कृतियों की पौराणिक कथाओं और धार्मिक विश्वासों के साथ जुड़ा हुआ था। रोमन सभ्यता ने अपने देवता जुपिटर के नाम पर इसका नाम रखा था। इसे जब पृथ्वी से देखा गया, बृहस्पति -2.94 के सापेक्ष कांतिमान तक पहुंच सकता है, छाया डालने लायक पर्याप्त उज्जवल, जो इसे चन्द्रमा और शुक्र के बाद आसमान की औसत तृतीय सर्वाधिक चमकीली वस्तु बनाता है। (मंगल ग्रह अपनी कक्षा के कुछ बिंदुओं पर बृहस्पति की चमक से मेल खाता है)। बृहस्पति एक चौथाई हीलियम द्रव्यमान के साथ मुख्य रूप से हाइड्रोजन से बना हुआ है और इसका भारी तत्वों से युक्त एक चट्टानी कोर हो सकता है।अपने तेज घूर्णन के कारण बृहस्पति का आकार एक चपटा उपगोल (भूमध्य रेखा के पास चारों ओर एक मामूली लेकिन ध्यान देने योग्य उभार लिए हुए) है। इसके बाहरी वातावरण में विभिन्न अक्षांशों पर कई पृथक दृश्य पट्टियां नजर आती है जो अपनी सीमाओं के साथ भिन्न भिन्न वातावरण के परिणामस्वरूप बनती है। बृहस्पति के विश्मयकारी 'महान लाल धब्बा' (Great Red Spot), जो कि एक विशाल तूफ़ान है, के अस्तित्व को १७ वीं सदी के बाद तब से ही जान लिया गया था जब इसे पहली बार दूरबीन से देखा गया था। यह ग्रह एक शक्तिशाली चुम्बकीय क्षेत्र और एक धुंधले ग्रहीय वलय प्रणाली से घिरा हुआ है। बृहस्पति के कम से कम ६४ चन्द्रमा है। इनमें वो चार सबसे बड़े चन्द्रमा भी शामिल है जिसे गेलीलियन चन्द्रमा कहा जाता है जिसे सन् १६१० में पहली बार गैलीलियो गैलिली द्वारा खोजा गया था। गैनिमीड सबसे बड़ा चन्द्रमा है जिसका व्यास बुध ग्रह से भी ज्यादा है। यहाँ चन्द्रमा का तात्पर्य उपग्रह से है। बृहस्पति का अनेक अवसरों पर रोबोटिक अंतरिक्ष यान द्वारा, विशेष रूप से पहले पायोनियर और वॉयजर मिशन के दौरान और बाद में गैलिलियो यान के द्वारा, अन्वेषण किया जाता रहा है। फरवरी २००७ में न्यू होराएज़न्ज़ प्लूटो सहित बृहस्पति की यात्रा करने वाला अंतिम अंतरिक्ष यान था। इस यान की गति बृहस्पति के गुरुत्वाकर्षण का इस्तेमाल कर बढाई गई थी। इस बाहरी ग्रहीय प्रणाली के भविष्य के अन्वेषण के लिए संभवतः अगला लक्ष्य यूरोपा चंद्रमा पर बर्फ से ढके हुए तरल सागर शामिल हैं। .

नई!!: अरुण (ग्रह) और बृहस्पति (ग्रह) · और देखें »

मिरैन्डा (उपग्रह)

मिरैन्डा की सतह बहुत ही ऊबड़-खाबड़ है मिरैन्डा अरुण (युरेनस) ग्रह के पांच गोल अकार वाले बड़े प्राकृतिक उपग्रहों में से सब से छोटा और अरुण की सब से क़रीबी परिक्रमा करते हुआ उपग्रह है। ध्यान रहे के इस से छोटे अरुण के इर्द-गिर्द २० से अधिक अन्य उपग्रह भी हैं, लेकिन वे गोल की बजाए बेढंगे अकार के हैं। इसकी खोज १६ फ़रवरी १९४८ में जॅरार्ड काइपर ने दूरबीन से की थी। मिरैंडा की पास से तस्वीरें केवल वॉयेजर द्वितीय यान के जनवरी १९८६ में अरुण के पास से गुज़रने पर लीं गयी थीं। मिरैंडा की सतह देखने में ऊबड़-खाबड़ लगती है और वैज्ञानिकों का मानना है के वह अधिकतर जमे हुए पानी की बर्फ़ की बनी हुई है। यह भी सोच है के मिरैंडा के अन्दर पत्थर भी मौजूद हैं। इस चन्द्रमा की गहरी खाइयों को देखकर लगता है के अतीत में इसपर बहुत भूकंप आते थे जिस वजह से इसकी ज़मीन इतनी टूटी और टेढ़ी-मेढ़ी है। .

नई!!: अरुण (ग्रह) और मिरैन्डा (उपग्रह) · और देखें »

शनि (ग्रह)

शनि (Saturn), सूर्य से छठां ग्रह है तथा बृहस्पति के बाद सौरमंडल का सबसे बड़ा ग्रह हैं। औसत व्यास में पृथ्वी से नौ गुना बड़ा शनि एक गैस दानव है। जबकि इसका औसत घनत्व पृथ्वी का एक आठवां है, अपने बड़े आयतन के साथ यह पृथ्वी से 95 गुने से भी थोड़ा बड़ा है। इसका खगोलिय चिन्ह ħ है। शनि का आंतरिक ढांचा संभवतया, लोहा, निकल और चट्टानों (सिलिकॉन और ऑक्सीजन यौगिक) के एक कोर से बना है, जो धातु हाइड्रोजन की एक मोटी परत से घिरा है, तरल हाइड्रोजन और तरल हीलियम की एक मध्यवर्ती परत तथा एक बाह्य गैसीय परत है। ग्रह अपने ऊपरी वायुमंडल के अमोनिया क्रिस्टल के कारण एक हल्का पीला रंग दर्शाता है। माना गया है धातु हाइड्रोजन परत के भीतर की विद्युतीय धारा, शनि के ग्रहीय चुंबकीय क्षेत्र को उभार देती है, जो पृथ्वी की तुलना में कमजोर है और बृहस्पति की एक-बीसवीं शक्ति के करीब है। बाह्य वायुमंडल आम तौर पर नीरस और स्पष्टता में कमी है, हालांकि दिर्घायु आकृतियां दिखाई दे सकती है। शनि पर हवा की गति, 1800 किमी/घंटा (1100 मील) तक पहुंच सकती है, जो बृहस्पति पर की तुलना में तेज, पर उतनी तेज नहीं जितनी वह नेप्च्यून पर है। शनि की एक विशिष्ट वलय प्रणाली है जो नौ सतत मुख्य छल्लों और तीन असतत चाप से मिलकर बनी हैं, ज्यादातर चट्टानी मलबे व धूल की छोटी राशि के साथ बर्फ के कणों की बनी हुई है। बासठ चन्द्रमा ग्रह की परिक्रमा करते है; तिरेपन आधिकारिक तौर पर नामित हैं। इनमें छल्लों के भीतर के सैकड़ों " छोटे चंद्रमा" शामिल नहीं है। टाइटन, शनि का सबसे बड़ा और सौरमंडल का दूसरा सबसे बड़ा चंद्रमा है। यह बुध ग्रह से बड़ा है और एक बड़े वायुमंडल को संजोकर रखने वाला सौरमंडल का एकमात्र चंद्रमा है। .

नई!!: अरुण (ग्रह) और शनि (ग्रह) · और देखें »

सौर मण्डल

सौर मंडल में सूर्य और वह खगोलीय पिंड सम्मलित हैं, जो इस मंडल में एक दूसरे से गुरुत्वाकर्षण बल द्वारा बंधे हैं। किसी तारे के इर्द गिर्द परिक्रमा करते हुई उन खगोलीय वस्तुओं के समूह को ग्रहीय मण्डल कहा जाता है जो अन्य तारे न हों, जैसे की ग्रह, बौने ग्रह, प्राकृतिक उपग्रह, क्षुद्रग्रह, उल्का, धूमकेतु और खगोलीय धूल। हमारे सूरज और उसके ग्रहीय मण्डल को मिलाकर हमारा सौर मण्डल बनता है। इन पिंडों में आठ ग्रह, उनके 166 ज्ञात उपग्रह, पाँच बौने ग्रह और अरबों छोटे पिंड शामिल हैं। इन छोटे पिंडों में क्षुद्रग्रह, बर्फ़ीला काइपर घेरा के पिंड, धूमकेतु, उल्कायें और ग्रहों के बीच की धूल शामिल हैं। सौर मंडल के चार छोटे आंतरिक ग्रह बुध, शुक्र, पृथ्वी और मंगल ग्रह जिन्हें स्थलीय ग्रह कहा जाता है, मुख्यतया पत्थर और धातु से बने हैं। और इसमें क्षुद्रग्रह घेरा, चार विशाल गैस से बने बाहरी गैस दानव ग्रह, काइपर घेरा और बिखरा चक्र शामिल हैं। काल्पनिक और्ट बादल भी सनदी क्षेत्रों से लगभग एक हजार गुना दूरी से परे मौजूद हो सकता है। सूर्य से होने वाला प्लाज़्मा का प्रवाह (सौर हवा) सौर मंडल को भेदता है। यह तारे के बीच के माध्यम में एक बुलबुला बनाता है जिसे हेलिओमंडल कहते हैं, जो इससे बाहर फैल कर बिखरी हुई तश्तरी के बीच तक जाता है। .

नई!!: अरुण (ग्रह) और सौर मण्डल · और देखें »

वरुण (ग्रह)

वरुण, नॅप्टयून या नॅप्चयून हमारे सौर मण्डल में सूर्य से आठवाँ ग्रह है। व्यास के आधार पर यह सौर मण्डल का चौथा बड़ा और द्रव्यमान के आधार पर तीसरा बड़ा ग्रह है। वरुण का द्रव्यमान पृथ्वी से १७ गुना अधिक है और अपने पड़ौसी ग्रह अरुण (युरेनस) से थोड़ा अधिक है। खगोलीय इकाई के हिसाब से वरुण की कक्षा सूरज से ३०.१ ख॰ई॰ की औसत दूरी पर है, यानि वरुण पृथ्वी के मुक़ाबले में सूरज से लगभग तीस गुना अधिक दूर है। वरुण को सूरज की एक पूरी परिक्रमा करने में १६४.७९ वर्ष लगते हैं, यानि एक वरुण वर्ष १६४.७९ पृथ्वी वर्षों के बराबर है। हमारे सौर मण्डल में चार ग्रहों को गैस दानव कहा जाता है, क्योंकि इनमें मिटटी-पत्थर की बजाय अधिकतर गैस है और इनका आकार बहुत ही विशाल है। वरुण इनमे से एक है - बाकी तीन बृहस्पति, शनि और अरुण (युरेनस) हैं। इनमें से अरुण की बनावट वरुण से बहुत मिलती-जुलती है। अरुण और वरुण के वातावरण में बृहस्पति और शनि के तुलना में बर्फ़ अधिक है - पानी की बर्फ़ के अतिरिक्त इनमें जमी हुई अमोनिया और मीथेन गैसों की बर्फ़ भी है। इसलिए कभी-कभी खगोलशास्त्री इन दोनों को "बर्फ़ीले गैस दानव" नाम की श्रेणी में डाल देते हैं। .

नई!!: अरुण (ग्रह) और वरुण (ग्रह) · और देखें »

विलियम हरशॅल

विलियम हरशॅल (१७३८-१८२२) ने युरेनस ग्रह की खोज की थी) सर फ़्रॅडरिक विलियम हरशॅल (अंग्रेज़ी: Frederick William Herschel, जन्म: १५ नवम्बर १७३८, देहांत: २५ अगस्त १८२२) एक जर्मनी में पैदा हुए ब्रिटिश खगोलशास्त्री और संगीतकार थे। १९ वर्ष की उम्र में वे जर्मनी छोड़कर ब्रिटेन में आ बसे। उन्होंने ही युरेनस ग्रह की खोज की थी। यह दूरबीन द्वारा पहचाना गया पहला ग्रह था। उन्होंने इसके अतिरिक्त युरेनस के दो उपग्रहों की और शनि के दो उपग्रहों की भी खोज की। हालांकि वे अपनी खगोलशास्त्रिय गतिविधियों के लिए ज़्यादा विख्यात हैं, उन्होंने अपने जीवनकाल में २४ संगीत की टुकड़ियां भी लिखीं। .

नई!!: अरुण (ग्रह) और विलियम हरशॅल · और देखें »

वॉयेजर द्वितीय

वायेजर द्वितीय एक अमरीकी मानव रहित अंतरग्रहीय शोध यान था जिसे वायेजर १ से पहले २० अगस्त १९७७ को अमरीकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा द्वारा प्रक्षेपित किया गया था। यह काफी कुछ अपने पूर्व संस्करण यान वायेजर १ के समान ही था, किन्तु उससे अलग इसका यात्रा पथ कुछ धीमा है। इसे धीमा रखने का कारण था इसका पथ युरेनस और नेपचून तक पहुंचने के लिये अनुकूल बनाना। इसके पथ में जब शनि ग्रह आया, तब उसके गुरुत्वाकर्षण के कारण यह युरेनस की ओर अग्रसर हुआ था और इस कारण यह भी वायेजर १ के समान ही बृहस्पति के चन्द्रमा टाईटन का अवलोकन नहीं कर पाया था। किन्तु फिर भी यह युरेनस और नेपच्युन तक पहुंचने वाला प्रथम यान था। इसकी यात्रा में एक विशेष ग्रहीय परिस्थिति का लाभ उठाया गया था जिसमे सभी ग्रह एक सरल रेखा मे आ जाते है। यह विशेष स्थिति प्रत्येक १७६ वर्ष पश्चात ही आती है। इस कारण इसकी ऊर्जा में बड़ी बचत हुई और इसने ग्रहों के गुरुत्व का प्रयोग किया था। .

नई!!: अरुण (ग्रह) और वॉयेजर द्वितीय · और देखें »

ग्रह

हमारे सौरमण्डल के ग्रह - दायें से बाएं - बुध, शुक्र, पृथ्वी, मंगल, बृहस्पति, शनि, युरेनस और नेप्चून सौर मंडल के ग्रहों, सूर्य और अन्य पिंडों के तुलनात्मक चित्र सूर्य या किसी अन्य तारे के चारों ओर परिक्रमा करने वाले खगोल पिण्डों को ग्रह कहते हैं। अंतर्राष्ट्रीय खगोलीय संघ के अनुसार हमारे सौर मंडल में आठ ग्रह हैं - बुध, शुक्र, पृथ्वी, मंगल, बृहस्पति, शनि, युरेनस और नेप्चून। इनके अतिरिक्त तीन बौने ग्रह और हैं - सीरीस, प्लूटो और एरीस। प्राचीन खगोलशास्त्रियों ने तारों और ग्रहों के बीच में अन्तर इस तरह किया- रात में आकाश में चमकने वाले अधिकतर पिण्ड हमेशा पूरब की दिशा से उठते हैं, एक निश्चित गति प्राप्त करते हैं और पश्चिम की दिशा में अस्त होते हैं। इन पिण्डों का आपस में एक दूसरे के सापेक्ष भी कोई परिवर्तन नहीं होता है। इन पिण्डों को तारा कहा गया। पर कुछ ऐसे भी पिण्ड हैं जो बाकी पिण्डों के सापेक्ष में कभी आगे जाते थे और कभी पीछे - यानी कि वे घुमक्कड़ थे। Planet एक लैटिन का शब्द है, जिसका अर्थ होता है इधर-उधर घूमने वाला। इसलिये इन पिण्डों का नाम Planet और हिन्दी में ग्रह रख दिया गया। शनि के परे के ग्रह दूरबीन के बिना नहीं दिखाई देते हैं, इसलिए प्राचीन वैज्ञानिकों को केवल पाँच ग्रहों का ज्ञान था, पृथ्वी को उस समय ग्रह नहीं माना जाता था। ज्योतिष के अनुसार ग्रह की परिभाषा अलग है। भारतीय ज्योतिष और पौराणिक कथाओं में नौ ग्रह गिने जाते हैं, सूर्य, चन्द्रमा, बुध, शुक्र, मंगल, गुरु, शनि, राहु और केतु। .

नई!!: अरुण (ग्रह) और ग्रह · और देखें »

गैस दानव

हमारे सौर मण्डल के चार गैस दानव - सूर्य के आगे दर्शाए गए गैस दानव उन ग्रहों को कहा जाता है जिनमें मिटटी-पत्थर की बजाय ज़्यादातर गैस ही गैस होती है और जिनका आकार बहुत ही विशाल होता है। हमारे सौर मण्डल में चार ग्रह इस श्रेणी में आते हैं - बृहस्पति, शनि, अरुण (युरेनस)) और वरुण (नॅप्टयून)। इनमें पायी जाने वाली गैस ज़्यादातर हाइड्रोजन और हीलियम होती है, हालाँकि इनमें अक्सर और गैसें भी मिलती हैं, जैसे कि अमोनिया। अन्य सौर मंडलों में बहुत से गैस दानव ग्रह पाए जा चुके हैं। .

नई!!: अरुण (ग्रह) और गैस दानव · और देखें »

ओबेरॉन (उपग्रह)

वॉयेजर द्वितीय यान द्वारा २४ जनवरी १९८६ को ली गयी एक ओबेरॉन की तस्वीर ओबेरॉन अरुण (युरेनस) ग्रह का एक उपग्रह है। अकार में यह अरुण का दूसरा सब से बड़ा उपग्रह है (पहला स्थान टाइटेनिआ को जाता है)। टाइटेनिआ की तरह, ओबेरॉन भी बर्फ़ और पत्थर की लगभग बराबर मात्राओं से बना हुआ है। इसकी सतह बर्फ़ीली और अन्दर का केंद्रीय भाग पत्थरीला है। संभव है के बाहरी बर्फ़ और अंदरूनी पत्थर के बीच में एक पानी की मोटी परत हो, लेकिन इसका पूरा प्रमाण अभी नहीं मिल पाया है। सतही बर्फ़ में अन्य पदार्थों के मिले होने के कारण इस उपग्रह का रंग थोड़ा लाल है। इसकी सतह पर अंतरिक्ष से गिरे हुए उल्कापिंडों की वजह से बहुत से बड़े गढ्ढे भी हैं, जिनमें से सब से बड़े गढ्ढे का व्यास २१० किमी है। वॉयेजर द्वितीय यान के जनवरी १९८६ में अरुण के पास से गुज़रने पर ओबेरॉन की सतह के लगभग ४०% हिस्से के नक्शे बनाए जा चुके हैं। अरुण के पांच बड़े चंद्रमाओं में से ओबेरॉन सब से अधिक दूरी पर अरुण की परिक्रमा करता है। .

नई!!: अरुण (ग्रह) और ओबेरॉन (उपग्रह) · और देखें »

अपसौरिका

250px अपसौरिका(अंग्रेज़ी:Perihelion पृथ्वी) के दीर्घवृत्ताकार पथ पर वह बिंदु है जहाँ इसकी आकर्षण के केंद्र (अर्थात् मोटे तौर पर सूर्य के केंद्र) से दूरी अधिकतम होती है। आकर्षण का यह केंद्र सामान्यतः निकाय का द्रव्यमान केंद्र होता है। .

नई!!: अरुण (ग्रह) और अपसौरिका · और देखें »

अम्ब्रिअल (उपग्रह)

वॉयेजर द्वितीय यान द्वारा १९८६ को ली गयी एक अम्ब्रिअल की तस्वीर अम्ब्रिअल अरुण (युरेनस) ग्रह का एक उपग्रह है। अकार में यह अरुण का तीसरा सब से बड़ा उपग्रह है। अम्ब्रिअल का रंग अरुण के सारे उपग्रहों में से सब से गाढ़ा है। अरुण के अन्य बड़े चंद्रमाओं की तरह, अम्ब्रिअल भी बर्फ़ और पत्थर का बना हुआ है। इसकी सतह बर्फ़ीली और अन्दर का केंद्रीय भाग पत्थरीला है। इसकी सतह पर अंतरिक्ष से गिरे हुए उल्कापिंडों की वजह से बहुत से बड़े गढ्ढे भी हैं, जिनका व्यास २१० किमी तक पहुँचता है। कुछ टीले और खाइयाँ भी देखी गयी हैं। वॉयेजर द्वितीय यान के १९८६ में अरुण के पास से गुज़रने पर अम्ब्रिअल की सतह के लगभग ४०% हिस्से के नक्शे बनाए जा चुके हैं। .

नई!!: अरुण (ग्रह) और अम्ब्रिअल (उपग्रह) · और देखें »

अरुण

अरुण प्रजापति कश्यप और विनता के पुत्र हैं। इनके ज्येष्ठ भ्राता गरुड़ हैं, जो कि पक्षियों के राजा हैं। अरुण को भगवान सूर्य देव का सारथी माना जाता है। रामायण में प्रसिद्ध सम्पाती और जटायु इन्हीं के पुत्र थे। .

नई!!: अरुण (ग्रह) और अरुण · और देखें »

अरुण के प्राकृतिक उपग्रह

ओबेरॉन हमारे सौर मण्डल के सातवे ग्रह अरुण (युरेनस) के २७ ज्ञात प्राकृतिक उपग्रह हैं।, ऍस ऍस शॅपर्ड, डेविड जॅविट, क्लेना जॅविट (२००५), खगोलशास्त्रिय पत्रिका (एस्ट्रोनॉमिकल जर्नल) १२९, पृष्ठ ५१८-५२५, Bibcode 2005AJ....129..518S.

नई!!: अरुण (ग्रह) और अरुण के प्राकृतिक उपग्रह · और देखें »

अवर एवं वरिष्ठ ग्रह

वें ग्रह जिनकी कक्षाएं पृथ्वी की अपेक्षा सूर्य से नजदीक स्थित है अवर ग्रह (Inferior planet) कहलाते है। इसके विपरीत जिनकी कक्षाएं पृथ्वी की अपेक्षा सूर्य से दूर है वरिष्ठ ग्रह (superior planet) कहलाते है। इस प्रकार, बुध व शुक्र अवर ग्रह है और मंगल, बृहस्पति, शनि, यूरेनस और नेप्च्यून वरिष्ठ ग्रह है। ध्यान रहे, यह वर्गीकरण आंतरिक व बाह्य ग्रह से अलग है जो उन ग्रहों के लिए नामित है जिनकी कक्षाएं क्रमशः क्षुद्रग्रह बेल्ट के भीतर और बाहर मौजूद है। "अवर ग्रह" लघु ग्रह या वामन ग्रह से भी बहुत अलग है। .

नई!!: अरुण (ग्रह) और अवर एवं वरिष्ठ ग्रह · और देखें »

उपग्रही छल्ला

हमारे सौर मण्डल के शनि ग्रह के मशहूर उपग्रहीय छल्ले बर्फ़ और धूल के बने हैं खगोलशास्त्र में उपग्रही छल्ला किसी ग्रह के इर्द गिर्द घूमता हुआ पत्थरों, धुल, बर्फ़ और अन्य पदार्थों का बना हुआ छल्ला होता है। हमारे सौर मण्डल में इसकी सबसे बड़ी मिसाल शनि की परिक्रमा करते हुए उसके छल्ले हैं। हमारे सौर मण्डल के अन्य तीन गैस दानव ग्रहों - बृहस्पति, अरुण और वरुण - के इर्द-गिर्द भी उपग्रहीय छल्ले हैं लेकिन उनकी संख्या और चौड़ाई शनि के छल्लों से कई कम है। .

नई!!: अरुण (ग्रह) और उपग्रही छल्ला · और देखें »

१०१९९ करिक्लो

अपने छल्लों के साथ करिक्लो का काल्पनिक चित्रण करिक्लो की सतह के पास से उसके छल्लों के दृश्य का एक और काल्पनिक चित्रण​ १०१९९ करिक्लो (10199 Chariklo) हमारे सौर मंडल का सबसे बड़ा ज्ञात किन्नर (हीन ग्रह) है। यह शनि और अरुण (युरेनस) की कक्षाओं (ऑरबिटों) के बीच में सूर्य की परिक्रमा करता है। करिक्लो की खोज सन् १९९७ में हुई थी। २०१४ में खगोलशास्त्रियों ने करिक्लो के इर्द-गिर्द दो छल्लों की खोज की घोषणा करी। इन छल्लों का नाम ओइयापोक (Oiapoque) और चुई (Oiapoque) रखा गया। .

नई!!: अरुण (ग्रह) और १०१९९ करिक्लो · और देखें »

१९८९

१९८९ ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

नई!!: अरुण (ग्रह) और १९८९ · और देखें »

२२ नवम्बर

२२ नवंबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का ३२६वॉ (लीप वर्ष मे ३२७ वॉ) दिन है। साल मे अभी और ३९ दिन बाकी हैं। .

नई!!: अरुण (ग्रह) और २२ नवम्बर · और देखें »

यहां पुनर्निर्देश करता है:

Uranus, युरेनस, यूरेनस, अरुण ग्रह

निवर्तमानआने वाली
अरे! अब हम फेसबुक पर हैं! »