हममें से अधिकतर लोगों ने लियो टॉल्स्टॉय, उमर ख़य्याम, मोपासाँ आदि के साहित्य का रसास्वादन किया है, मगर इस साहित्य को हम तक पहुँचाने वाले अनुवादकों के बारे में कितने लोग जानते हैं? रूस, जापान, जर्मनी जैसे देशों के तकनीकी ज्ञान से हमारा परिचय कराने वाले अनुवादकों के योगदान को कितना महत्व दिया गया है? इन प्रश्नों का एकमात्र उत्तर है - "बहुत कम"! श्रेणी:अनुवाद श्रेणी:चित्र जोड़ें.
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