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अनुरूप संकेत

सूची अनुरूप संकेत

अनुरूप संकेत या एनालॉग सिग्नल (अंग्रेजी:Analog signal), एक सतत संकेत है जिसका समय परिवर्ती गुण (चर) किसी अन्य समय परिवर्ती राशि को निरूपित करता है, यानि यह उस दूसरे समय परिवर्ती संकेत के अनुरूप होता है। उदाहरण के लिए, एक अनुरूप श्रव्य संकेत (एनालॉग ऑडियो सिग्नल) में, संकेत की तात्कालिक वोल्टता (वोल्टेज) ध्वनि तरंगों के दाब के साथ लगातार बदलती रहती है। यह एक अंकीय संकेत (डिजिटल सिग्नल) से भिन्न होता है, जिसमें एक सतत राशि का निरूपण एक असतत फलन द्वारा किया जाता है जो परिमित संख्या के मूल्यों मे से सिर्फ एक को ही ले सकता है। आमतौर पर अनुरूप संकेत, विद्युत संकेतों को संदर्भित करता है, तथापि, यांत्रिक, वायवीय, हाइड्रोलिक और अन्य प्रणालियां भी अनुरूप संकेतों की वाहक हो सकती हैं। .

4 संबंधों: प्रकाश-विलगक, मॉडुलन, विद्युत संकेत, अंकीय संकेत

प्रकाश-विलगक

कुछ प्रकाश-युग्मक एक प्रकाश-युग्मक की क्रियाविधि इलेक्ट्रॉनिकी में प्रकाश-विलगक (opto-isolator) वह इलेक्ट्रॉनिक अवयव है जो किसी विद्युत संकेत को प्रकाश के माध्यम से एक परिपथ से दूसरे परिपथ में भेज सकता है, जो पहले परिपथ से विलगित (आइसोलेटेड) हो। इस प्रकार यह दो अलग-अलग वोल्तता पर स्थित परिपथों के बीच संकेतों का आदान-प्रदान कर सकता है। इस प्रकार इसका कार्य एक विलगक (आइसोलेटर) का है। किन्तु इसे प्रकाश-युग्मक (optocoupler या photocoupler) भी कहते हैं क्योंकि यह परस्पर विलगित दो परिपथों को संकेत द्वारा 'जोड़ने' का काम भी करता है। वाणिज्यिक रूप से उपलब्ध प्रकाश-विलगक १० हजार वोल्ट तक विलगन प्रदान करते हैं तथा 10 kV/μs तक के वोल्टेज परिवर्तन सह सकते हैं। सबसे सामान्य प्रकाश-विलगक में एक प्रकाश उत्सर्जक डायोड (LED) तथा एक फोटोट्रान्जिस्टर होता है। ये दोनों एक ही अपारदर्शी पैकेज के अन्दर निर्मित होते हैं। प्रायः प्रकाश-विलगकों का उपयोग अंकीय संकेतों (on-off) के संचार के लिये किया जाता है किन्तु कुछ विधियों का उपयोग करके इन्हें अनुरूप संकेतों के साथ भी काम में लिया जा सकता है। .

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मॉडुलन

मॉडुलन (मॉड्युलेशन) एक वेवफॉर्म के संबंध में दूसरे वेवफॉर्म से अलग करने की प्रक्रिया है। दूरसंचार में अधिमिश्रण का इस्तेमाल संदेश भेजने के लिए होता है, लेकिन एक संगीतकार स्वर-सामंजस्य के लिए किसी वाद्ययन्त्र के स्वर की मात्रा, उसका समय या टाइमिंग और स्वराघात को अलग करने में इसका उपयोग करता है। अक्सर उच्च आवृति सीनूसोइड वेवफॉर्म का इस्तेमाल लो-फ्रीक्वेंसी संकेत के कैरियर संकेत के रूप में होता है। साइन वेव के तीन प्रमुख मापदंड हैं - उसका अपना आयाम ("मात्रा"), उसके चरण ("समय") और उसकी आवृत्ति ("पिच"), एक मॉड्युलेटेड सिंग्नल प्राप्त करने के लिए इन सभी संचार संकेत (संकेत) को कम फ्रीक्वेंसी के आधार पर संशोधित किया जा सकता है। जो उपकरण अधिमिश्रण को अंजाम देता है मॉड्युलेटर कहलाता है और जो उपकरण विपरीत क्रिया करता है डिमॉड्युलेटर (लेकिन कभी-कभी संसूचक या डिमोड) कहलाता है। जो उपकरण दोनों ही तरह का कार्य कर सकता है वह मॉडेम कहलाता है (जिसे संक्षेप में "मॉड्युलेटर- डिमॉड्युलेटर").

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विद्युत संकेत

संचार, संकेत प्रसंस्करण और सामान्य रूप से विद्युत इंजीनियरी के सन्दर्भ में समय के साथ परिवर्तनशील या अवकाश के साथ परिवर्तनशील (spatial-varying) कोई भी राशि संकेत (signal) कहलाती है। उदाहरण के लिये किसी तापयुग्म से प्राप्त वोल्टता एक संकेत है जो तापमान की सूचना देती है। .

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अंकीय संकेत

अंकीय संकेत (अंग्रेज़ी:Digital signal) असतत् संकेत है जिसका समय परिवर्ती गुण (चर) किसी अन्य समय परिवर्ती राशि को निरूपित नहीं करता है। .

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