2 संबंधों: नियंत्रण प्रौद्योगिकी, सुदृढ़ नियंत्रण।
नियंत्रण प्रौद्योगिकी
अंतरिक्ष उडानों में नियंत्रण प्रणाली का बहुत महत्वपूर्ण भूमिका होती है। नियंत्रण प्रौद्योगिकी (Control engineering), इंजीनियरी की वह विधा (discipline) है जो विविध प्रकार के तंत्रों को मॉडल करने, उनके गतिक व्यवहार का विश्लेषण करने तथा नियंत्रण सिद्धान्त का उपयोग करते हुए समुचित नियंत्रक प्रणाली (कन्ट्रोल सिस्टम) की रचना करने से सम्बन्धित है। नियंत्रक (कन्ट्रोलर) या कम्पन्सेटर की डिजाइन, कन्ट्रोल प्रणाली का सबसे महत्वपूर्ण भाग है। .
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सुदृढ़ नियंत्रण
नियंत्रण सिद्धान्त में सुदृढ़ नियंत्रण (robust control) से तात्पर्य नियंत्रक डिजाइन की उस प्रणाली से है जिसमें प्रक्रम (या प्लान्ट) से सम्बन्धित अनिश्चितताओं का विशेष ध्यान रखा जाता है। दूसरे शब्दों में, सुदृढ़ नियंत्रण की विधियाँ ऐसे डिजाइन की गयीं हैं कि अनिश्चितताएँ या व्यवधान यदि एक दी गयी सीम में रहें तो नियन्त्रण प्रणाली ठीक से काम करेगी। आरम्भिक काल की बोडे तथा अन्य लोगों की नियन्त्रक डिजाइन की विधियाँ काफी सुदृढ़ थीं। किन्तु १९६० और १९७० के दशक में स्टेट-स्पेस विधियों से नियन्त्रक डिजाइन की शुरुवात हुई जो कभी-कभी सुदृढ नहीं होतीं हैं। इसलिए उनमें अनुसंधान की आवश्यकता अनुभव की गयी और इस प्रकार 'सुदृढ़ नियंत्रण' के सिद्धान्त का जन्म हुआ। सुदृढ़ नियन्त्रण का जन्म १९८० के दशक में हुआ और इसने १९९० के दशक में प्रौढ़ता हासिल की। आज भी यह एक सक्रिय विषय है। यदि सुदृढ़ नियन्त्रण की तुलना अनुकूली नियन्त्रण से करें तो हम देखते हैं कि सुदृढ़ नियन्त्रण एक 'स्थैतिक' नियन्त्रण है जबकि अनुकूली नियन्त्रण परिवर्तनों को मापकर उसके अनुसार अपने को बदल लेता है। सुदृढ़ नियन्त्रक यह मानकर डिजाइन किया जाता है कि कुछ चर अज्ञात ही रहेंगे किन्तु एक सीमा के अन्दर। श्रेणी:नियंत्रण सिद्धान्त.
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