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अचार

सूची अचार

आम का चार अचार (भारतीय अचार) बहुत से फलों एवं मसालों से बना एक स्वादिष्ट चटपटा व्यंजन है जो प्राय: दूसरे पकवानों के साथ खाया जाता है। पूरे भारतवर्ष के रसोई में अचार का अद्वितीय स्थान है। हिन्दुस्तान में अचार के अनेका-नेक प्रकार फलों एवं शब्जियों से बनाए जाते है। .

18 संबंधों: चुकंदर, नेपाल, पटना, पाकशास्त्र, बिहारशरीफ, मुरब्बा, राप्ती अंचल, सरसों, संख्यावाची विशिष्ट गूढ़ार्थक शब्द, हिलसा, बिहार, खाद्य परिरक्षण, गलगल, आन्ध्र प्रदेश, आमड़ा, आमकटना, कमरख, करोंदा, अचार बनाना

चुकंदर

चुकंदर एक मूसला जड़ वाला वनस्पति है। यह बीटा वल्गैरिस नामक जाति के पौधे होते हैं जिन्हें मनुष्यों ने शताब्दियों से कृषि में पाला है और कई नस्लों में विकसित करा है। इसकी मूसला जड़ अक्सर हलकी-मीठी होती है और उसका रंग लाल, जामुनी, पीला या श्वेत होता है। .

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नेपाल

नेपाल, (आधिकारिक रूप में, संघीय लोकतान्त्रिक गणराज्य नेपाल) भारतीय उपमहाद्वीप में स्थित एक दक्षिण एशियाई स्थलरुद्ध हिमालयी राष्ट्र है। नेपाल के उत्तर मे चीन का स्वायत्तशासी प्रदेश तिब्बत है और दक्षिण, पूर्व व पश्चिम में भारत अवस्थित है। नेपाल के ८१ प्रतिशत नागरिक हिन्दू धर्मावलम्बी हैं। नेपाल विश्व का प्रतिशत आधार पर सबसे बड़ा हिन्दू धर्मावलम्बी राष्ट्र है। नेपाल की राजभाषा नेपाली है और नेपाल के लोगों को भी नेपाली कहा जाता है। एक छोटे से क्षेत्र के लिए नेपाल की भौगोलिक विविधता बहुत उल्लेखनीय है। यहाँ तराई के उष्ण फाँट से लेकर ठण्डे हिमालय की श्रृंखलाएं अवस्थित हैं। संसार का सबसे ऊँची १४ हिम श्रृंखलाओं में से आठ नेपाल में हैं जिसमें संसार का सर्वोच्च शिखर सागरमाथा एवरेस्ट (नेपाल और चीन की सीमा पर) भी एक है। नेपाल की राजधानी और सबसे बड़ा नगर काठमांडू है। काठमांडू उपत्यका के अन्दर ललीतपुर (पाटन), भक्तपुर, मध्यपुर और किर्तीपुर नाम के नगर भी हैं अन्य प्रमुख नगरों में पोखरा, विराटनगर, धरान, भरतपुर, वीरगंज, महेन्द्रनगर, बुटवल, हेटौडा, भैरहवा, जनकपुर, नेपालगंज, वीरेन्द्रनगर, त्रिभुवननगर आदि है। वर्तमान नेपाली भूभाग अठारहवीं सदी में गोरखा के शाह वंशीय राजा पृथ्वी नारायण शाह द्वारा संगठित नेपाल राज्य का एक अंश है। अंग्रेज़ों के साथ हुई संधियों में नेपाल को उस समय (१८१४ में) एक तिहाई नेपाली क्षेत्र ब्रिटिश इंडिया को देने पड़े, जो आज भारतीय राज्य हिमाचल प्रदेश, उत्तराखण्ड तथा पश्चिम बंगाल में विलय हो गये हैं। बींसवीं सदी में प्रारंभ हुए जनतांत्रिक आन्दोलनों में कई बार विराम आया जब राजशाही ने जनता और उनके प्रतिनिधियों को अधिकाधिक अधिकार दिए। अंततः २००८ में जनता द्वारा चुने गए प्रतिनिधि माओवादी नेता प्रचण्ड के प्रधानमंत्री बनने से यह आन्दोलन समाप्त हुआ। लेकिन सेना अध्यक्ष के निष्कासन को लेकर राष्ट्रपति से हुए मतभेद और टीवी पर सेना में माओवादियों की नियुक्ति को लेकर वीडियो फुटेज के प्रसारण के बाद सरकार से सहयोगी दलों द्वारा समर्थन वापस लेने के बाद प्रचण्ड को इस्तीफा देना पड़ा। गौरतलब है कि माओवादियों के सत्ता में आने से पहले सन् २००६ में राजा के अधिकारों को अत्यंत सीमित कर दिया गया था। दक्षिण एशिया में नेपाल की सेना पांचवीं सबसे बड़ी सेना है और विशेषकर विश्व युद्धों के दौरान, अपने गोरखा इतिहास के लिए उल्लेखनीय रहे हैं और संयुक्त राष्ट्र शांति अभियानों के लिए महत्वपूर्ण योगदानकर्ता रही है। .

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पटना

पटना (पटनम्) या पाटलिपुत्र भारत के बिहार राज्य की राजधानी एवं सबसे बड़ा नगर है। पटना का प्राचीन नाम पाटलिपुत्र था। आधुनिक पटना दुनिया के गिने-चुने उन विशेष प्राचीन नगरों में से एक है जो अति प्राचीन काल से आज तक आबाद है। अपने आप में इस शहर का ऐतिहासिक महत्व है। ईसा पूर्व मेगास्थनीज(350 ईपू-290 ईपू) ने अपने भारत भ्रमण के पश्चात लिखी अपनी पुस्तक इंडिका में इस नगर का उल्लेख किया है। पलिबोथ्रा (पाटलिपुत्र) जो गंगा और अरेन्नोवास (सोनभद्र-हिरण्यवाह) के संगम पर बसा था। उस पुस्तक के आकलनों के हिसाब से प्राचीन पटना (पलिबोथा) 9 मील (14.5 कि॰मी॰) लम्बा तथा 1.75 मील (2.8 कि॰मी॰) चौड़ा था। पटना बिहार राज्य की राजधानी है और गंगा नदी के दक्षिणी किनारे पर अवस्थित है। जहां पर गंगा घाघरा, सोन और गंडक जैसी सहायक नदियों से मिलती है। सोलह लाख (2011 की जनगणना के अनुसार 1,683,200) से भी अधिक आबादी वाला यह शहर, लगभग 15 कि॰मी॰ लम्बा और 7 कि॰मी॰ चौड़ा है। प्राचीन बौद्ध और जैन तीर्थस्थल वैशाली, राजगीर या राजगृह, नालन्दा, बोधगया और पावापुरी पटना शहर के आस पास ही अवस्थित हैं। पटना सिक्खों के लिये एक अत्यंत ही पवित्र स्थल है। सिक्खों के १०वें तथा अंतिम गुरु गुरू गोबिंद सिंह का जन्म पटना में हीं हुआ था। प्रति वर्ष देश-विदेश से लाखों सिक्ख श्रद्धालु पटना में हरमंदिर साहब के दर्शन करने आते हैं तथा मत्था टेकते हैं। पटना एवं इसके आसपास के प्राचीन भग्नावशेष/खंडहर नगर के ऐतिहासिक गौरव के मौन गवाह हैं तथा नगर की प्राचीन गरिमा को आज भी प्रदर्शित करते हैं। एतिहासिक और प्रशासनिक महत्व के अतिरिक्त, पटना शिक्षा और चिकित्सा का भी एक प्रमुख केंद्र है। दीवालों से घिरा नगर का पुराना क्षेत्र, जिसे पटना सिटी के नाम से जाना जाता है, एक प्रमुख वाणिज्यिक केन्द्र है। .

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पाकशास्त्र

खाना बनाते दो रसोइये कच्चे भोज्य पदार्थों को खाने योग्य बनाने की कला को पाकक्रिया (cooking) कहते हैं। बहुत सी वस्तुएँ कच्ची खाई जा सकती हैं और वे इसी रूप में खाने पर विशेष लाभप्रद भी होती हैं, परंतु बहुत सी वस्तुएँ ऐसी हैं जो कच्ची नहीं खाई जा सकती। कुस्वाद एवं हानिकारक होना दोनों ही इसके कारण हैं। कच्चा आलू, जमीकंद, केला आदि, कुस्वाद होते हैं। समस्त अनाज कच्चा खाने पर हानि पहुँचाते हैं। श्वेतसार से युक्त वस्तुएँ पकाकर खाने पर ही लाभप्रद होती हैं। उनका श्वेतसार पककर ही सुपाच्य होता है। ऐसे कच्चे भोज्य पदार्थ दो प्रकार से खाने योग्य बनाए जा सकते हैं, एक तो पकाकर, दूसरे सुरक्षित करके। .

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बिहारशरीफ

बिहारशरीफ बिहार के नालंदा जिले का मुख्यालय है। .

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मुरब्बा

आड़ू (पीच) का मुरब्बा मुरब्बा परम्परागत रूप से मीठा होता है। यह भारत और पाकिस्तान में काफी प्रचलित है। .

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राप्ती अंचल

राप्ती अंचल मध्यपस्चिमान्चल नेपाल में पड़ता है, इस अन्चल में दांग, रोल्पा रूकुम, प्युठान व सल्यान जिले पडते है, भित्री मधेस कहेजाने वाला दांग उपत्यका इसी अंचलमे पड़ता है, इस अंचलकी पुर्वमे लुंबिनी अंचल, उत्तर, पुर्वमे धवलागिरी अंचल व उत्तरमे कर्णाली अंचल पश्चिम में भेरी अंचल व दक्षिण में भारतीय राज्य उत्तरप्रदेश पडताहै। .

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सरसों

भारतीय सरसों के पीले फूल सरसों क्रूसीफेरी (ब्रैसीकेसी) कुल का द्विबीजपत्री, एकवर्षीय शाक जातीय पौधा है। इसका वैज्ञानिक नाम ब्रेसिका कम्प्रेसटिस है। पौधे की ऊँचाई १ से ३ फुट होती है। इसके तने में शाखा-प्रशाखा होते हैं। प्रत्येक पर्व सन्धियों पर एक सामान्य पत्ती लगी रहती है। पत्तियाँ सरल, एकान्त आपाती, बीणकार होती हैं जिनके किनारे अनियमित, शीर्ष नुकीले, शिराविन्यास जालिकावत होते हैं। इसमें पीले रंग के सम्पूर्ण फूल लगते हैं जो तने और शाखाओं के ऊपरी भाग में स्थित होते हैं। फूलों में ओवरी सुपीरियर, लम्बी, चपटी और छोटी वर्तिकावाली होती है। फलियाँ पकने पर फट जाती हैं और बीज जमीन पर गिर जाते हैं। प्रत्येक फली में ८-१० बीज होते हैं। उपजाति के आधार पर बीज काले अथवा पीले रंग के होते हैं। इसकी उपज के लिए दोमट मिट्टी उपयुक्त है। सामान्यतः यह दिसम्बर में बोई जाती है और मार्च-अप्रैल में इसकी कटाई होती है। भारत में इसकी खेती पंजाब, उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल और गुजरात में अधिक होती है। .

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संख्यावाची विशिष्ट गूढ़ार्थक शब्द

हिन्दी भाषी क्षेत्र में कतिपय संख्यावाची विशिष्ट गूढ़ार्थक शब्द प्रचलित हैं। जैसे- सप्तऋषि, सप्तसिन्धु, पंच पीर, द्वादश वन, सत्ताईस नक्षत्र आदि। इनका प्रयोग भाषा में भी होता है। इन शब्दों के गूढ़ अर्थ जानना बहुत जरूरी हो जाता है। इनमें अनेक शब्द ऐसे हैं जिनका सम्बंध भारतीय संस्कृति से है। जब तक इनकी जानकारी नहीं होती तब तक इनके निहितार्थ को नहीं समझा जा सकता। यह लेख अभी निर्माणाधीन हॅ .

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हिलसा, बिहार

हिलसा (Hilsa, ہِلسا) भारत के बिहार राज्य स्थित नालंदा जिले के अंतर्गत एक अनुमंडल है। यह बिहार की राजधानी पटना के लगभग 45 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व में स्थित है। यह अनेक स्वाधीनता सेनानीयों की जन्मभूमि और भारतीय स्वतंत्रता के संघर्ष के दौर में एक प्रमुख केंद्र रहा है। .

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खाद्य परिरक्षण

विभिन्न संरक्षित खाद्य पदार्थ कनाडा का विश्व युद्ध प्रथम के समय का पोस्टर जो लोगों को सर्दियों के लिए भोजन संरक्षित करने के लिए प्रोत्साहित करता है। खाद्य परिरक्षण खाद्य को उपचारित करने और संभालने की एक ऐसी प्रक्रिया है जिससे उसके खराब होने (गुणवत्ता, खाद्यता या पौष्टिक मूल्य में कमी) की उस प्रक्रिया को रोकता है या बहुत कम कर देता है, जो सूक्ष्म जीवाणुओं द्वारा होती या तेज कर दी जाती है। यद्दपि कुछ तरीकों में, सौम्य बैक्टीरिया, जैसे खमीर या कवक का प्रयोग किया जाता है ताकि विशेष गुण बढ़ाए जा सके और खाद्य पदार्थों को संरक्षित किया जा सके (उदाहरण के तौर पर पनीर और शराब).

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गलगल

नीबू की अनेक जातियों में एक जातिविशेष को गलगल, जंबीर अथवा दंतशठ, जंबीरी नीबू या पहाड़ी कागजी, इडलिंबू तथा लेमन (Lemon) कहते हैं। यह निंबुकुल रूटेसिई (Rutaceae) के सिट्रस मेडिवा वार लिमोनम (Citrus medica var limonum) नामक छोटे वृक्ष का फल है, जो पंजाब में पठानकोट के आसपास अधिक पैदा होता है। इसमें पत्तियों के नाल लगभग पंखहीन, फल मध्यम परिमाण के, अंडाकार (ovoid), पीले, चूचुकवत (mammillate) और मोटे छिलकेवाले होते हैं और उनकी मज्जा प्रचुर और आम्लिक होती है। जंबीरी नीबू आयुर्वेद में अम्ल, गुरू पित्तकारक तथा तृष्णा, शूल, वमन, श्वास, वात, कफ और विबंध को दूर करनेवाला माना जाता है। फल का उपयोग लेमनेड, मुरब्बा, शरबत, चटनी एवं अचार बनाने और व्यंजनों को सुस्वादु करने में होता है। इसका निचोड़ा हुआ रस शीतल, झागदार पेय तैयार करने के काम आता है। इसमें स्कर्वीनाशक विटामिन सी अधिक रहता है। फलत्वक् दीपक, पाचक और वायुनाशक होता है और इससे लेमन तैल तथा टिंक्चर आदि बनाए जाते हैं। .

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आन्ध्र प्रदेश

आन्ध्र प्रदेश ఆంధ్ర ప్రదేశ్(अनुवाद: आन्ध्र का प्रांत), संक्षिप्त आं.प्र., भारत के दक्षिण-पूर्वी तट पर स्थित राज्य है। क्षेत्र के अनुसार यह भारत का चौथा सबसे बड़ा और जनसंख्या की दृष्टि से आठवां सबसे बड़ा राज्य है। इसकी राजधानी और सबसे बड़ा शहर हैदराबाद है। भारत के सभी राज्यों में सबसे लंबा समुद्र तट गुजरात में (1600 कि॰मी॰) होते हुए, दूसरे स्थान पर इस राज्य का समुद्र तट (972 कि॰मी॰) है। हैदराबाद केवल दस साल के लिये राजधानी रहेगी, तब तक अमरावती शहर को राजधानी का रूप दे दिया जायेगा। आन्ध्र प्रदेश 12°41' तथा 22°उ॰ अक्षांश और 77° तथा 84°40'पू॰ देशांतर रेखांश के बीच है और उत्तर में महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ और उड़ीसा, पूर्व में बंगाल की खाड़ी, दक्षिण में तमिल नाडु और पश्चिम में कर्नाटक से घिरा हुआ है। ऐतिहासिक रूप से आन्ध्र प्रदेश को "भारत का धान का कटोरा" कहा जाता है। यहाँ की फसल का 77% से ज़्यादा हिस्सा चावल है। इस राज्य में दो प्रमुख नदियाँ, गोदावरी और कृष्णा बहती हैं। पुदु्चेरी (पांडीचेरी) राज्य के यानम जिले का छोटा अंतःक्षेत्र (12 वर्ग मील (30 वर्ग कि॰मी॰)) इस राज्य के उत्तरी-पूर्व में स्थित गोदावरी डेल्टा में है। ऐतिहासिक दृष्टि से राज्य में शामिल क्षेत्र आन्ध्रपथ, आन्ध्रदेस, आन्ध्रवाणी और आन्ध्र विषय के रूप में जाना जाता था। आन्ध्र राज्य से आन्ध्र प्रदेश का गठन 1 नवम्बर 1956 को किया गया। फरवरी 2014 को भारतीय संसद ने अलग तेलंगाना राज्य को मंजूरी दे दी। तेलंगाना राज्य में दस जिले तथा शेष आन्ध्र प्रदेश (सीमांन्ध्र) में 13 जिले होंगे। दस साल तक हैदराबाद दोनों राज्यों की संयुक्त राजधानी होगी। नया राज्य सीमांन्ध्र दो-तीन महीने में अस्तित्व में आजाएगा अब लोकसभा/राज्यसभा का 25/12सिट आन्ध्र में और लोकसभा/राज्यसभा17/8 सिट तेलंगाना में होगा। इसी माह आन्ध्र प्रदेश में राष्ट्रपति शासन भी लागू हो गया जो कि राज्य के बटवारे तक लागू रहेगा। .

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आमड़ा

आमड़ा आमड़ा (संस्कृत: आम्रालक; वानस्पतिक नाम: Spondias Mangifera) एक फल है जो बहुत खट्टा होता है। इसका अचार डाला जाता है। इसको 'अमला' (आँवला, नहीं) भी कहा जाता है। श्रेणी:औषधीय पादप.

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आमकटना

आमकटना भारतीय खाना बनाने में इस्तेमाल होनेवाला उपकरण है। इसे अचार के लिए कच्चे आम (केरी) काटने के लिए प्रयोग करते हैं। इसमें एक लकड़ी का भारी तला होता है। इस के ऊपर एक मजबूत ब्लेड, हत्थे सहित लगा होता है। इसके बीच में आम को रखकर काटा जाता है। आमकटना .

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कमरख

पेड़ पर लगे हुए कमरख कमरख (Carambola या starfruit) एक फल है। यह स्वाद में खट्टा होता है और इसकी चटनी, अचार आदि बनाया जाता है। यह भारत, बंगलादेश, श्रीलंका, मलेशिया, इंडोनेशिया और फिलीपींस में पैदा होते हैं। इसके अलावा यह पेरू, कोलम्बिया, त्रिनिदाद, इक्वेटर, गुयाना, ब्राजील और संयुक्त राज्य अमेरिका में भी पैदा होता है। इसका फल प्रायः पाँच कोण के तारे जैसी आकृति का होता है। .

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करोंदा

करोंदा का पौधा करोंदा एक झाड़ी नुमा पौधा है। इसका वैज्ञानिक नाम कैरिसा कैरेंडस (Carissa carandus) है। करोंदा फलों का उपयोग सब्जी और अचार बनाने में किया जाता है। यह पौधा भारत में राजस्थान, गुजरात, उत्तर प्रदेश और हिमालय के क्षेत्रों में पाया जाता है। यह नेपाल और अफगानिस्तान में भी पाया जाता है। करोंदा फल यह पौधा बीज से अगस्त या सितम्बर में १.५ मीटर की दूरी पर लगाया जाता है। कटिंग या बडिंग से भी लगाया जा सकता है। दो साल के पौधे में फल आने लगते हैं। फूल आना मार्च के महीने में शुरू होता है और जुलाई से सितम्बर के बीच फल पक जाता है। .

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अचार बनाना

अचार बनाने के लिए एकत्रित किए गए खीरे (विशेष रूप से, घेर्किन). सीरिया के मध्य पूर्व शैली अचार. अचार बनाना, जिसे ब्राइनिंग या डिब्बाबंदी के नाम से भी जाना जाता है, लैक्टिक एसिड बनाने के लिए, या खाद्य पदार्थ को किसी अम्लीय घोल, सामान्यतः सिरका (एसेटिक एसिड) में मसाले लगाकर संग्रहीत करने के लिए लवण (नमक और पानी का घोल) में वातनिरपेक्ष किण्वन द्वारा खाद्य पदार्थ संरक्षित करने की एक प्रक्रिया है। इस प्रक्रिया के बाद तैयार होने वाले खद्य पदार्थ को अचार कहा जाता है। इस प्रक्रिया से खाद्य पदार्थ का स्वाद नमकीन या खट्टा हो जाता है। दक्षिण एशिया में, खाद्य तेलों का उपयोग सिरका के साथ अचार बनाने के माध्यम के रूप में किया जाता है। एक और ख़ास विशेषता यह है कि इसका pH, 4.6 से कम होता है, जो अधिकांश बैक्टीरिया को मारने के लिए पर्याप्त है। अचार बनाकर विकारी खाद्य पदार्थों को भी महीनों तक संरक्षित किया जा सकता है। सुक्ष्मजीवीरोधी जड़ी बूटियों और मसालें, जैसे सरसों के बीज, लहसुन दालचीनी या लौंग अक्सर लिलाए जाते हैं। अगर खाद्य पदार्थ में पर्याप्त नमी हो, तो अचार बनाने का लवण केवल सूखा नमक मिलाकर बनाया जा सकता है। उदाहरण के लिए, गोभी और कोरियाई किमची अतिरिक्त पानी से सब्जियों को बाहर निकालकर उनमें नमक लगाकर बनाया जाता है। लैक्टिक एसिड बैक्टीरिया से, कमरे के तापमान पर प्राकृतिक किण्वन आवश्यक अम्लता का निर्माण करता है। अन्य अचार सिरका में सब्जियों को रखकर बनाए जाते हैं। डिब्बाबंदी प्रक्रिया के विपरीत, अचार बनाने (जिसमें किण्वन शामिल है) के लिए सील किए जाने से पहले खाद्य पदार्थ को को पूरी तरह से रोगाणुहीन करने की आवश्यकता नहीं होती है। घोल की अम्लता या लवणता, किण्वन का तापमान और ऑक्सीजन का बहिष्करण जिस पर सूक्ष्मजीव हावी होते हैं, उत्पाद के स्वाद को निर्धारित करती है।मैकगी, हेरोल्ड (2004).

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