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अक्षरग्राम नेटवर्क

सूची अक्षरग्राम नेटवर्क

अक्षरग्राम नेटवर्क हिन्दी चिट्ठाकारों एवं तकनीकिज्ञों का एक गैरलाभकारी सामुदायिक स्वयंसेवक समूह है जो कि कम्प्यूटर एवं इण्टरनेट पर हिन्दी के प्रयोग को बढ़ावा देने हेतु कार्य करता है। यह समूह हिन्दी चिट्ठाकारी से सम्बंथित विभिन्न सेवाएँ संचालित करता है। शुरुआती दिनों में इण्टरनेट पर हिन्दी के प्रचार-प्रसार में इस समूह ने महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसकी विभिन्न सेवाओं नारद, सर्वज्ञ, परिचर्चा आदि ने नए चिट्ठाकारों को स्थापित होने में काफी सहायता की। .

9 संबंधों: नारद (ब्लॉग ऍग्रीगेटर), निरन्तर, परिचर्चा फोरम, भारतीय चिट्ठाजगत, सर्वज्ञ विकि, संस्कृत चिट्ठाजगत, हिन्दी चिट्ठाजगत, हिन्दी कम्प्यूटिंग का इतिहास, इण्डिक कम्प्यूटिंग

नारद (ब्लॉग ऍग्रीगेटर)

नारद एक पुराना एवं अपने समय का सर्वाधिक लोकप्रिय हिन्दी ब्लॉग ऍग्रीगेटर है। यह हिन्दी चिट्ठाजगत में प्रकाशित सभी प्रविष्टियों को एक ही जगह एकीकृत रूप में दिखाने का उपाय है जहाँ पाठक पंजीकृत ब्लॉग में चिट्ठाकारों द्वारा लिखे गये ताजा चिट्ठों की जानकारी व झलक पा सकते हैं। .

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निरन्तर

right निरंतर हिन्दी चिट्ठाकारों के एक समूह द्वारा प्रकाशित विश्व की पहली ज्ञात हिन्दी ब्लॉगज़ीन और जाल-पत्रिका थी। गैरपेशेवर प्रकाशकों द्वारा निकाली जाने वाली इस पत्रिका के प्रकाशकों का दावा था कि यह पाठकों को प्रकाशित लेखों पर त्वरित टिप्पणी करने का मौका देती है। निरंतर की स्थापना 2005 में की गई, पहले यह पंकज नरूला द्वारा स्थापित अक्षरग्राम डोमेन के अंतर्गत प्रकाशित होती थी परंतु बाद में अपने ही डोमेन से प्रकाशित होने लगी। जाल पर हिन्दी के बढ़ते प्रयोग के मद्देनज़र यह प्रयास शुरु किया गया था। निरंतर से जुड़े लोग वैसे तो चिट्ठाकारी से जुड़े थे पर यह पत्रिका उनके औपचारिक लेखन को प्रस्तुत करने का एक मंच बनी। अगस्त 2005 में निरंतर का प्रकाशन 6 अंकों के उपरांत बंद हो गया था। 1 साल बाद अगस्त 2006 में इसका प्रकाशन नये कलेवर में दुबारा शुरु हुआ और अगस्त, अक्टूबर व दिसम्बर में तीन अंक प्रकाशित होने के बाद बंद हो गया। मई 2007 से जुलाई 2008 के मध्य इसके अंक यदा कदा पुनः प्रकाशित हुये। पत्रिका के कुल दस अंक प्रकाशित हुये हैं। जनवरी 2009 में निरंतर पत्रिका को बंद कर इसके प्रकाशन मंडल ने इसे एक नई जालपत्रिका सामयिकी में सामहित करने की घोषणा की। निरंतर के मानद मुख्य संपादक हैं अनूप शुक्ला। पत्रिका का प्रकाशन व प्रबंध संपादन इसके संस्थापक देबाशीष चक्रवर्ती करते हैं। निरंतर के कोर संपादन टीम में शामिल हैं डॉ सुनील दीपक, रविशंकर श्रीवास्तव, रमण कौल, अतुल अरोरा, प्रत्यक्षा, शशि सिंह, ईस्वामी, पंकज नरूला, जीतेन्द्र चौधरी और आलोक कुमार। .

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परिचर्चा फोरम

परिचर्चा अक्षरग्राम नेटवर्क द्वारा संचालित इण्टरनेट की पहली हिन्दी फोरम (बुलेटिन बोर्ड) थी जो पूर्णतया देवनागरी लिपि में थी। .

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भारतीय चिट्ठाजगत

भारतीय चिट्ठाजगत से आशय है भारतीयों या भारतवंशी चिट्ठाकारों द्वारा लिखे जाने वाले चिट्ठों का ऑनलाइन समुदाय जो कि बृहतर चिट्ठाजगत का एक भाग है। .

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सर्वज्ञ विकि

सर्वज्ञ विकि का लोगो सर्वज्ञ हिन्दी चिट्ठाकारों का एक सामुदायिक विकि है। यह हिन्दी भाषा, हिन्दी ब्लॉगिंग तथा हिन्दी कम्प्यूटिंग पर केन्द्रित है। यह अक्षरग्राम नेटवर्क द्वारा संचालित किया जाता है। .

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संस्कृत चिट्ठाजगत

संस्कृत चिट्ठाजगत से आशय है संस्कृत भाषी चिट्ठों का ऑनलाइन समुदाय, जो कि बृहतर भारतीय चिट्ठाजगत का एक भाग है। शास्त्री नित्यगोपाल कटारे संस्कृत भाषा के प्रथम चिट्ठाकार माने जाते हैं। उनका चिट्ठा संस्कृत का अब तक का प्रथम ज्ञात संस्कृत चिट्ठा है। आरम्भ में संस्कृत टाइपिंग की जटिलताओं के चलते काफी कम लोग संस्कृत में लिखते थे। धीरे-धीरे संस्कृत चिट्ठों की संख्या बढ़ने लगी। सन २००९ में संस्कृत चिट्ठों की संख्या कुछ बढ़ी। इसका कारण विविध ब्लॉगिंग सेवाओं में इण्डिक यूनिकोड का समर्थन आना, नए संस्कृत टंकण औजारों का आना आदि रहा। वर्तमान में सक्रिय-निष्क्रिय मिलाकर लगभग १५ के करीब संस्कृत चिट्ठे हैं। अधिकतर संस्कृत चिट्ठे संस्कृत भाषा के पठन-पाठन सम्बन्धी प्रकृति के हैं। आरंभिक समय में संस्कृत चिट्ठाकारों की कम संख्या को देखते हुए आरम्भिक चिट्ठाकारों ने इस माध्यम के प्रचार के लिये अनेक समुदाय बनाए ताकि संस्कृत चिट्ठाकारी का प्रचार किया जा सके। .

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हिन्दी चिट्ठाजगत

हिन्दी चिट्ठाकार समुदाय का प्रचलित लोगो हिन्दी चिट्ठाजगत से आशय है हिन्दी भाषी चिट्ठों का ऑनलाइन समुदाय जो कि बृहतर भारतीय चिट्ठाजगत का एक भाग है। .

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हिन्दी कम्प्यूटिंग का इतिहास

सबसे पहले हिन्दी टाइप शायद वर्डस्‍टार (वर्जन III प्लस) जैसे एक शब्द संसाधक ‘अक्षर’ में आया। फिर विंडोज़ आया और पेजमेकर व वेंचुरा का समय आया। इस सारी यात्रा में कम्प्‍यूटर केवल प्रिटिंग की दुनिया की सहायता भर कर रहा था। यूनिकोड के आगमन एवं प्रसार के पश्चात हिन्दी कम्प्यूटिंग प्रिंटिंग तक सीमित न रहकर संगणन के विभिन्न पहलुओं तक पहुँच गयी। अब भाषायी संगणन के सभी क्षेत्रों में हिन्दी अपनी पहुँच बना रही है। हिन्दी कम्प्यूटिंग को वर्तमान स्थिति तक पहुँचाने में सरकार, अनेक संस्थाओं, समूहों एवं प्रोग्रामरों-डैवलपरों का योगदान रहा। .

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इण्डिक कम्प्यूटिंग

इण्डिक कम्प्यूटिंग का अर्थ है इण्डिक अर्थात भारतीय भाषाओं एवं लिपियों में कम्प्यूटिंग (संगणन)। इसमें शामिल है कम्प्यूटर एवं वॅब ऍप्लीकेशनों का स्थानीकरण, भारतीय भाषाओं लिपियों में डेटाबेस प्रबन्धन तथा सॉफ्टवेयर डेवलपमेण्ट यथा इनपुट मॅथड, ओसीआर, वर्तनी जाँचक, वाक से पाठ तथा पाठ से वाक आदि का विकास। आजकल अधिकतर भारतीय भाषायें कम्प्यूटर एवं इणटरनेट पर कार्य करने के लिये यूनिकोड का प्रयोग करती हैं। अधिकतर नये सॉफ्टवेयर एवं वेब सेवायें इण्डिक यूनिकोड का समर्थन करते हैं। यूनिकोड के नवीनतम संस्करण ५.० में अधिकतर भारतीय भाषाओं को कूटबद्ध किया जा चुका है। इण्डिक कम्प्यूटिंग सम्बंधी अनेक परियोजनायें चल रही हैं। इनमें राजकीय क्षेत्र की कम्पनियाँ, कुछ स्वयंसेवक समूह तथा कई लोग व्यक्तिगत रूप से योगदान दे रहे हैं। .

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