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अंतर्राष्ट्रीय खगोलीय संघ

सूची अंतर्राष्ट्रीय खगोलीय संघ

अंतर्राष्ट्रीय खगोलीय संघ का चिह्न अंतर्राष्ट्रीय खगोलीय संघ (International Astronomical Union (IAU)), पेशेवर खगोलशास्त्रियों का एक संगठन है। इसका केंद्रीय सचिवालय पैरिस, फ़्रांस में है। इस संघ का ध्येय खगोलशास्त्र के क्षेत्र में अनुसन्धान और अध्ययन को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बढ़ावा देना है। जब भी ब्रह्माण्ड में कोई नई वस्तु पाई जाती है तो खगोलीय संघ द्वारा दिए गए नाम ही अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मान्य होते हैं। .

69 संबंधों: ऍनसॅलअडस (उपग्रह), ऍरिस (बौना ग्रह), ऐन्तलिया तारामंडल, डिस्नोमिया (उपग्रह), तारामंडल, त्रिशंकु तारामंडल, त्रिकोण तारामंडल, दक्षिण ध्रुव-ऐटकेन घाटी, दक्षिण मीन तारामंडल, दक्षिणकिरीट तारामंडल, देवयानी तारामंडल, ध्रुवमत्स्य तारामंडल, नरतुरंग तारामंडल, परकार तारामंडल, पर्णिन अश्व तारामंडल, पहलवान तारामंडल, पुनर्वसु-पॅलक्स तारा, प्राग सम्मेलन, प्रकाश-वर्ष, प्लूटो (बौना ग्रह), पृथ्वी-समीप वस्तु, ब्रह्मा तारामंडल, बीटा रीजियो, भट्टी तारामंडल, महाश्वान तारामंडल, माकेमाके (बौना ग्रह), मिथोन (चंद्रमा), मकर तारामंडल, मेष तारामंडल, ययाति तारामंडल, लायरा तारामंडल, शनि के छल्ले, शर्मिष्ठा तारामंडल, शिशुमार तारामंडल, शिशुग्रह, शुक्र, सर्प तारामंडल, सर्पधारी तारामंडल, स्थिति कोण, स्रोतास्विनी तारामंडल, सौर मण्डल की छोटी वस्तुएँ, सूंस तारामंडल, हंस तारामंडल, हउमेया (बौना ग्रह), हीन ग्रह नामांकन, हीन ग्रह केन्द्र, हीनश्वान तारामंडल, जलसर्प तारामंडल, विश्वकद्रु तारामंडल, वुल्फ़-रायेट तारा, ..., वृषपर्वा तारामंडल, वृक तारामंडल, वेदी तारामंडल, ख़रगोश तारामंडल, खगोलशास्त्र से सम्बन्धित शब्दावली, ग्रह, ग्वाला तारामंडल, ओलम्पस मोन्स, कबूतर तारामंडल, कुम्भ तारामंडल, अमरपक्षी तारामंडल, अरुण (ग्रह), अल्फ़ा अरायटिस तारा, अल्फा रीजियो, अश्वशाव तारामंडल, उत्तरकिरीट तारामंडल, ५०००० क्वावार, ९०३७७ सेडना, 132524 एपीएल सूचकांक विस्तार (19 अधिक) »

ऍनसॅलअडस (उपग्रह)

२६ अगस्त १९८१ को वॉयेजर द्वितीय यान द्वारा ली गयी ऍनसॅलअडस की तस्वीर ऍनसॅलअडस के दक्षिणी ध्रुव के पास के "शेर धारियाँ" क्षेत्र में पानी और बर्फ़ उगलते हुए ऊंचे फुव्वारे ऍनसॅलअडस के दक्षिणी ध्रुव के पास की "शेर धारियाँ" इस तस्वीर में साफ़ नज़र आ रही हैं ऍनसॅलअडस हमारे सौर मण्डल के छठे ग्रह शनि का छठा सब से बड़ा उपग्रह है। ऍनसॅलअडस आकार में बहुत छोटा है - इसका व्यास (डायामीटर) केवल ४०० किमी है, जो शनि के सब से बड़े चद्रमा, टाइटन, का सिर्फ़ दसवाँ है। इस छोटे आकार के बावजूद इसकी सतह पर टीले-खाइयों से लेकर उल्कापिंडों के प्रहार से बने हुए गड्ढों तक तरह-तरह की चीजें देखी जाती हैं। ऍनसॅलअडस की सतह पर अधिकतर पानी की बर्फ़ की एक मोटी तह फैली हुई है। इस बर्फ़ीली सतह की वजह से ऍनसॅलअडस का ऐल्बीडो (सफ़ेदपन या चमकीलापन) १.३८ है, जो सौर मण्डल की किसी भी अन्य ज्ञात वस्तु से अधिक है। अंतर्राष्ट्रीय खगोलीय संघ ने इस उपग्रह की सतह पर मौजूद बहुत से आकारों के नाम आलिफ़ लैला की कहानियों के पात्रों पर रखे हैं, जैसे की समरक़न्द खाइयाँ, अलादीन गड्ढा, सरान्दीब मैदान, वग़ैराह। .

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ऍरिस (बौना ग्रह)

हबल अंतरिक्ष दूरबीन द्वारा ली गई ऍरिस और डिस्नोमिया की तस्वीर - ऍरिस बड़ा वाला गोला है ऍरिस हमारे सौर मण्डल का सब से बड़ा ज्ञात बौना ग्रह है। अंतर्राष्ट्रीय खगोलीय संघ द्वारा रखा गया इसका औपचारिक नाम "१३६११९ ऍरिस" है। ऍरिस हमारे सौर मण्डल में सूरज की परिक्रमा करती सभी ज्ञात खगोलीय वस्तुओं में से नौवी सबसे बड़ी वस्तु है। इसका व्यास (डायामीटर) २,३००-२,४०० किमी अनुमानित किया जाता है। इसका द्रव्यमान (मास) यम (प्लूटो) से २७% ज़्यादा और पृथ्वी के द्रव्यमान का केवल ०.२७% है। ऍरिस की खोज सन् २००५ में की गयी थी। यह एक वरुण-पार वस्तु है (यानि वरुण (नॅप्टयून) की कक्षा से भी बाहार है)। ऍरिस सूरज से बेहद दूर है और काइपर घेरे से भी बाहर एक बिखरे चक्र नाम के क्षेत्र में स्थित है। २०११ में यह सूरज से ९६.६ खगोलीय इकाई की दूरी पर था, जो प्लूटो से भी तीन गुना अधिक है। ऍरिस के इर्द-गिर्द इसका उपग्रह डिस्नोमिया परिक्रमा करता है। आज की तारीख़ में ऍरिस और डिस्नोमिया हमारे सौर मण्डल की सब से दूरी पर स्थित प्राकृतिक वस्तुएँ हैं। .

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ऐन्तलिया तारामंडल

ऐन्तलिया तारामंडल ऐन्तलिया (अंग्रेज़ी: Antlia) दक्षिणी आकाश में स्थित एक तारामंडल है। इसके तारे काफ़ी धुंधले हैं और इस तारामंडल को 18वी सदी में एक फ़्रांसिसी खगोलशास्त्री ने घोषित किया था। यूनानी भाषा में "ऐन्तलिया" (ἀντλία) शब्द का अर्थ पम्प (pump) होता है और इसके नामकरण के समय के आसपास ही यूरोप में हवाई पम्प का आविष्कार हुआ था। ऐन्तलिया तारामंडल अंतर्राष्ट्रीय खगोलीय संघ द्वारा जारी की गई 88 तारामंडलों की सूची में शामिल है। .

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डिस्नोमिया (उपग्रह)

ऍरिस बड़ा गोला है और डिस्नोमिया उसके ऊपर छोटा-सा गोला है, ऊपर बाँहिनी तरफ दूर सूरज चमक रहा है डिस्नोमिया हमारे सौर मण्डल के सब से बड़े ज्ञात बौने ग्रह ऍरिस का इकलौता ज्ञात उपग्रह है। अंतर्राष्ट्रीय खगोलीय संघ द्वारा रखा गया इसका औपचारिक नाम "(१३६११९) ऍरिस १ डिस्नोमिया" है। इसका व्यास (डायामीटर) १००-२५० किमी अनुमानित किया जाता है। ऍरिस और डिस्नोमिया दोनों की खोज सन् २००५ में की गयी थी। दोनों ही वरुण-पार वस्तुएँ हैं, यानि वरुण (नॅप्टयून) की कक्षा से भी बाहार हैं। ये दोनों सूरज से बेहद दूर हैं और काइपर घेरे से भी बाहर एक बिखरे चक्र नाम के क्षेत्र में स्थित हैं। २०११ में ऍरिस और डिस्नोमिया सूरज से ९६.६ खगोलीय इकाई की दूरी पर थे, जो प्लूटो से भी तीन गुना अधिक है। आज की तारीख़ में ऍरिस और डिस्नोमिया हमारे सौर मण्डल की सब से दूरी पर स्थित प्राकृतिक वस्तुएँ हैं। .

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तारामंडल

मृगशीर्ष या ओरायन (शिकारी तारामंडल) एक जाना-माना तारामंडल है - पीली धारी के अन्दर के क्षेत्र को ओरायन क्षेत्र बोलते हैं और उसके अंदर वाली हरी आकृति ओरायन की आकृति है खगोलशास्त्र में तारामंडल आकाश में दिखने वाले तारों के किसी समूह को कहते हैं। इतिहास में विभिन्न सभ्यताओं नें आकाश में तारों के बीच में कल्पित रेखाएँ खींचकर कुछ आकृतियाँ प्रतीत की हैं जिन्हें उन्होंने नाम दे दिए। मसलन प्राचीन भारत में एक मृगशीर्ष नाम का तारामंडल बताया गया है, जिसे यूनानी सभ्यता में ओरायन कहते हैं, जिसका अर्थ "शिकारी" है। प्राचीन भारत में तारामंडलों को नक्षत्र कहा जाता था। आधुनिक काल के खगोलशास्त्र में तारामंडल उन्ही तारों के समूहों को कहा जाता है जिन समूहों पर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अंतर्राष्ट्रीय खगोलीय संघ में सहमति हो। आधुनिक युग में किसी तारों के तारामंडल के इर्द-गिर्द के क्षेत्र को भी उसी तारामंडल का नाम दे दिया जाता है। इस प्रकार पूरे खगोलीय गोले को अलग-अलग तारामंडलों में विभाजित कर दिया गया है। अगर यह बताना हो कि कोई खगोलीय वस्तु रात्री में आकाश में कहाँ मिलेगी तो यह बताया जाता है कि वह किस तारामंडल में स्थित है।, Neil F. Comins, pp.

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त्रिशंकु तारामंडल

त्रिशंकु (क्रक्स) तारामंडल त्रिशंकु तारामंडल त्रिशंकु या क्रक्स (अंग्रेज़ी: Crux) तारामंडल अंतर्राष्ट्रीय खगोलीय संघ द्वारा जारी की गई ८८ तारामंडलों की सूची का सब से छोटा तारामंडल है। अंग्रेज़ी में इसे कभी-कभी "सदर्न क्रॉस" (Southern cross, दक्षिणी काँटा) के नाम से भी जाना जाता है। यह भारत में सर्दियों और बसंत के मौसम में गुजरात से दक्षिणी क्षेत्रों में देखा जा सकता है, लेकिन उत्तर भारत से नहीं। पृथ्वी के दक्षिणी गोलार्ध (हेमिसफ़ेयर) से यह किसी भी मौसम में देखा जा सकता है। .

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त्रिकोण तारामंडल

त्रिकोण तारामंडल त्रिकोण या ट्राऐंगुलम (अंग्रेज़ी: Triangulum) खगोलीय गोले के उत्तरी भाग में स्थित एक छोटा-सा तारामंडल है जो अंतर्राष्ट्रीय खगोलीय संघ द्वारा जारी की गई ८८ तारामंडलों की सूची में शामिल है। दूसरी शताब्दी ईसवी में टॉलमी ने जिन ४८ तारामंडलों की सूची बनाई थी यह उनमें भी शामिल था। इसका नाम इसके तीन सबसे रोशन तारों से आता है जिनको कालपनिक लकीरों से जोड़ने से एक पतला सा समद्विबाहु (आसोसिलीज़) त्रिकोण बनता है। .

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दक्षिण ध्रुव-ऐटकेन घाटी

दक्षिण ध्रुव-ऐटकेन घाटी चंद्रमा के विमुख फलक पर स्थित एक विशाल प्रहार क्रेटर है। तकरीबन 2,500 किमी (1,600 मील) चौड़ा और 13 किमी (8.1 मील) गहरा, यह सौरमंडल के ज्ञात सबसे बड़े प्रहार क्रेटरों में से एक है। चंद्रमा पर मान्यता प्राप्त यह सबसे बड़ी, सबसे पुरानी और सबसे गहरी घाटी है। यह विमुख फलक की दो रचनाओं पर नामित हुआ था; उत्तरी छोर पर स्थित क्रेटर ऐटकेन एवं दूसरे छोर पर स्थित दक्षिणी चंद्र ध्रुव। इस घाटी की बाह्य परिधि चंद्रमा के दक्षिणी भुजा पर स्थित पहाड़ों की एक विशाल श्रृंखला के रूप में पृथ्वी से देखी जा सकती है, जिसे कभी "लिबनिट्ज पर्वत" कहा गया, हालांकि यह नाम अंतर्राष्ट्रीय खगोलीय संघ द्वारा आधिकारिक तौर पर नहीं माना गया है। .

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दक्षिण मीन तारामंडल

दक्षिण मीन तारामंडल दक्षिण मीन या पाइसिस ऑस्ट्राइनस तारामंडल खगोलीय मध्य रेखा से दक्षिण में स्थित एक तारामंडल है। यह मीन तारामंडल के पास है लेकिन उस से दक्षिण में है। दूसरी शताब्दी ईसवी में टॉलमी ने जिन ४८ तारामंडलों की सूची बनाई थी यह उनमें से एक है और अन्तर्राष्ट्रीय खगोलीय संघ द्वारा जारी की गई ८८ तारामंडलों की सूची में भी यह शामिल है। फ़ुमलहौत इसका सब से रोशन तारा है। .

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दक्षिणकिरीट तारामंडल

दक्षिणकिरीट (कोरोना ऑस्ट्रेलिस) तारामंडल दक्षिणकिरीट तारामंडल में R CrA तारे का क्षेत्र दक्षिणकिरीट या कोरोना ऑस्ट्रेलिस एक तारामंडल है। दूसरी शताब्दी ईसवी में टॉलमी ने अपनी ४८ तारामंडलों की सूची में इसे शामिल किया था और अंतर्राष्ट्रीय खगोलीय संघ द्वारा जारी की गई ८८ तारामंडलों की सूची में भी यह शामिल है। इसे "दक्षिणकिरीट" इसलिए बुलाया जाता है ताकि इसे उत्तरकिरीट तारामंडल से भिन्न बताया जा सके। .

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देवयानी तारामंडल

देवयानी तारामंडल बेटा ऐन्ड्रौमिडे (β And) उर्फ़ मिराक तारा देवयानी या ऐन्ड्रौमेडा एक तारामंडल है जो अंतर्राष्ट्रीय खगोलीय संघ द्वारा जारी की गई ८८ तारामंडलों की सूची में शामिल है। दूसरी शताब्दी ईसवी में टॉलमी ने जिन ४८ तारामंडलों की सूची बनाई थी यह उनमें भी शामिल था। देवयानी तारामंडल खगोलीय गोले के उत्तरी भाग में स्थित है। एण्ड्रोमेडा आकाशगंगा भी आकाश में इसी तारामंडल के क्षेत्र में नज़र आती है। .

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ध्रुवमत्स्य तारामंडल

ध्रुवमत्स्य तारामंडल ध्रुव तारे के बहु तारा मण्डल का एक काल्पनिक चित्र ध्रुवमत्स्य या अरसा माइनर एक तारामंडल है जो अंतर्राष्ट्रीय खगोलीय संघ द्वारा जारी की गई ८८ तारामंडलों की सूची में शामिल है। दूसरी शताब्दी ईसवी में टॉलमी ने जिन ४८ तारामंडलों की सूची बनाई थी यह उनमें भी शामिल था। ध्रुवमत्स्य तारामंडल खगोलीय गोले के उत्तरी भाग में स्थित है। ध्रुव तारा भी आकाश में इसी तारामंडल के क्षेत्र में नज़र आती है। .

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नरतुरंग तारामंडल

नरतुरंग तारामंडल नरतुरंग (संस्कृत अर्थ: नर और घोड़े का मिश्रण) या सॅन्टौरस खगोलीय गोले के दक्षिणी भाग में स्थित एक तारामंडल है जो अंतर्राष्ट्रीय खगोलीय संघ द्वारा जारी की गई ८८ तारामंडलों की सूची में शामिल है। दूसरी शताब्दी ईसवी में टॉलमी ने जिन ४८ तारामंडलों की सूची बनाई थी यह उनमें भी शामिल था। पुराने यूनानी ग्रंथों में इसे एक आधे आदमी और आधे घोड़े के शरीर वाले प्राणी के रूप में दर्शाया जाता था। पृथ्वी से सूरज के बाद सबसे नज़दीकी तारा, मित्रक (अल्फ़ा सॅन्टौरी) इसी तारामंडल में स्थित है। .

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परकार तारामंडल

परकार तारामंडल परकार या सरसिनस (अंग्रेज़ी: Circinus) खगोलीय गोले के दक्षिणी भाग में स्थित एक छोटा-सा तारामंडल है। इसकी परिभाषा १८वी सदी में की गई थी। अंतर्राष्ट्रीय खगोलीय संघ द्वारा जारी की गई ८८ तारामंडलों की सूची में भी यह शामिल है। .

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पर्णिन अश्व तारामंडल

पर्णिन अश्व तारामंडल पर्णिन अश्व या पॅगासस (अंग्रेज़ी: Pegasus) तारामंडल पृथ्वी के उत्तरी भाग से आकाश में नज़र आने वाला एक तारामंडल है। दूसरी शताब्दी ईसवी में टॉलमी ने जिन ४८ तारामंडलों की सूची बनाई थी यह उनमें से एक है और अंतर्राष्ट्रीय खगोलीय संघ द्वारा जारी की गई ८८ तारामंडलों की सूची में भी यह शामिल है। पुरानी खगोलशास्त्रिय पुस्तकों में इसे अक्सर एक परों वाले घोड़े के रूप में दर्शाया जाता था। प्राचीन यूनानी कथाओं में पॅगासस एक पंखदार उड़ने वाला घोड़ा था। संस्कृत में "पर्ण" का मतलब "पंख" या "पत्ता" होता है, "पर्णिन" का मतलब "पंखवाला" होता है और "अश्व" का मतलब "घोड़ा" होता है। कुछ स्रोतों ने इस तारामंडल को "हयशिर" का भी नाम दिया है, जो रामायण में चर्चित एक दिव्यास्त्र का नाम था। .

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पहलवान तारामंडल

पहलवान तारामंडल अँधेरी रात में पहलवान तारामंडल का दृश्य - लक़ीरें काल्पनिक हैं और तारों के साथ उनके बायर नाम लिखे हुए हैं पहलवान या हरक्यूलीज़ (अंग्रेज़ी: Hercules) तारामंडल अंतर्राष्ट्रीय खगोलीय संघ द्वारा घोषित तारामंडलों में से पाँचवा सबसे बड़ा तारामंडल है। दूसरी शताब्दी ईसवी में टॉलमी ने जिन ४८ तारामंडलों की सूची बनाई थी यह उनमें से एक है और अंतर्राष्ट्रीय खगोलीय संघ द्वारा जारी की गई ८८ तारामंडलों की सूची में भी यह शामिल है। इसका नाम प्राचीन यूनानी कथा साहित्य के एक पात्र "हरक्यूलीज़" पर रखा गया है और पुरानी खगोलशास्त्रिय पुस्तकों में इसे अक्सर एक पहलवान के रूप में दर्शाया जाता था। .

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पुनर्वसु-पॅलक्स तारा

पुनर्वसु-पॅलक्स और सूरज की तुलना - पुनर्वसु-पॅलक्स एक नारंगी रंग का दानव तारा है पुनर्वसु-पॅलक्स या सिर्फ़ पॅलक्स, जिसका बायर नाम "बेटा जॅमिनोरम" (β Geminorum या β Gem) है, मिथुन तारामंडल का सब से रोशन तारा है। यह पृथ्वी से दिखने वाले सत्रहवा सब से रोशन तारा है। प्राचीन भारत में इसे और पुनर्वसु-कैस्टर तारे को मिलकर पुनर्वसु नक्षत्र बनता था। पुनर्वसु-पॅलक्स पृथ्वी से लगभग 34 प्रकाश वर्ष की दूरी पर हैं। इसके इर्द-गिर्द एक ग़ैर-सौरीय ग्रह परिक्रमा करता हुआ पाया गया है। पुनर्वसु-पॅलक्स एक नारंगी दानव तारा है। .

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प्राग सम्मेलन

प्राग सम्मेलन, सौरमंडल में ग्रहों को नई परिभाषा देने के लिए 15-24 अगस्त, 2006 को चेक गणराज्य की राजधानी प्राग में अंतर्राष्ट्रीय खगोलीय संघ द्वारा एक आयोजित किया गया एक सम्मेलन था। इस सम्मेलन में कुल 75 देशों के 2500 से अधिक खगोलविदों ने भाग लिया। सम्मेलन में एक प्रस्ताव पारित किया गया जिसके द्वारा प्लूटो को खगोलविदों ने ग्रहों के परिवार से अलग कर दिया और उसे बौने ग्रह की श्रेणी में रखा गया, जिससे ग्रहों की संख्या 9 से घटकर 8 रह गयी। यह सम्मेलन 10 दिन तक चला। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने इसे अपमानजनक बताते हुए इसका विरोध किया था। .

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प्रकाश-वर्ष

प्रकाश वर्ष (चिन्ह:ly) लम्बाई की मापन इकाई है। यह लगभग 950 खरब (9.5 ट्रिलियन) किलोमीटर के अन्दर होती है। यहां एक ट्रिलियन 1012 (दस खरब, या अरब पैमाने) के रूप में लिया जाता है। अन्तर्राष्ट्रीय खगोलीय संघ के अनुसार, प्रकाश वर्ष वह दूरी है, जो प्रकाश द्वारा निर्वात में, एक वर्ष में पूरी की जाती है। यह लम्बाई मापने की एक इकाई है जिसे मुख्यत: लम्बी दूरियों यथा दो नक्षत्रों (या ता‍रों) बीच की दूरी या इसी प्रकार की अन्य खगोलीय दूरियों को मापने मैं प्रयोग किया जाता है। .

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प्लूटो (बौना ग्रह)

यम या प्लूटो सौर मण्डल का दुसरा सबसे बड़ा बौना ग्रह है (सबसे बड़ा ऍरिस है)। प्लूटो को कभी सौर मण्डल का सबसे बाहरी ग्रह माना जाता था, लेकिन अब इसे सौर मण्डल के बाहरी काइपर घेरे की सब से बड़ी खगोलीय वस्तु माना जाता है। काइपर घेरे की अन्य वस्तुओं की तरह प्लूटो का अकार और द्रव्यमान काफ़ी छोटा है - इसका आकार पृथ्वी के चन्द्रमा से सिर्फ़ एक-तिहाई है। सूरज के इर्द-गिर्द इसकी परिक्रमा की कक्षा भी थोड़ी बेढंगी है - यह कभी तो वरुण (नॅप्टयून) की कक्षा के अन्दर जाकर सूरज से ३० खगोलीय इकाई (यानि ४.४ अरब किमी) दूर होता है और कभी दूर जाकर सूर्य से ४५ ख॰ई॰ (यानि ७.४ अरब किमी) पर पहुँच जाता है। प्लूटो काइपर घेरे की अन्य वस्तुओं की तरह अधिकतर जमी हुई नाइट्रोजन की बर्फ़, पानी की बर्फ़ और पत्थर का बना हुआ है। प्लूटो को सूरज की एक पूरी परिक्रमा करते हुए २४८.०९ वर्ष लग जाते हैं। .

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पृथ्वी-समीप वस्तु

४३३ इरोस, एक पृथ्वी-समीप वस्तु ४१७९ तूतातिस, एक ४ किमी लम्बा पृथ्वी-समीप क्षुद्रग्रह पृथ्वी-समीप वस्तु (Near-Earth object) हमारे सौर मंडल में मौजूद ऐसी वस्तुओं को कहा जाता है जो सूरज के इर्द-गिर्द ऐसी कक्षा (ऑरबिट) में परिक्रमा कर रही हो जो उसे समय-समय पर पृथ्वी के समीप ले आती हो। अंतर्राष्ट्रीय खगोलीय संघ की परिभाषा के अनुसार ऐसी वस्तुओं को ही पृथ्वी-समीप कहा जाता है जो अपनी परिक्रमा-पथ में किसी बिन्दु पर सूरज से १.३ खगोलीय ईकाई की दूरी या उस से भी समीप आती हो। सन् २०१५ तक ज्ञात​ पृथ्वी-समीप वस्तुओं की सूची में १०,००० से अधिक पृथ्वी-समीप क्षुद्रग्रह (ऐस्टेरोयड), पृथ्वी-समीप धूमकेतु, सूरज की परिक्रमा करते कई अंतरिक्ष यान और पृथ्वी से दिख सकने वाले उल्का शामिल हैं। वैज्ञानिक मत अब यह बात स्वीकारता है कि ऐसी पृथ्वी-समीप वस्तुएँ हमारे ग्रह से अरबों वर्षों से टकराती आई हैं और उनके इन प्रहारों से पृथ्वी पर अक्सर महान बदलाव आएँ हैं। .

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ब्रह्मा तारामंडल

ब्रह्मा (ऑराइगा) तारामंडल ब्रह्मा या ऑराइगा (अंग्रेज़ी: Auriga) तारामंडल खगोलीय गोले के उत्तरी भाग में दिखने वाला एक तारामंडल है। दूसरी शताब्दी ईसवी में टॉलमी ने जिन ४८ तारामंडलों की सूची बनाई थी यह उनमें से एक है और अंतर्राष्ट्रीय खगोलीय संघ द्वारा जारी की गई ८८ तारामंडलों की सूची में भी यह शामिल है। इस तारामंडल का सब से रोशन तारा ब्रह्मह्रदय (अग्रेज़ी: Capella, कपॅल्ला) है। पुरानी यूनानी खगोलशास्त्रिय पुस्तकों में इसे अक्सर एक रथ चला रहे व्यक्ति के रूप में दर्शाया जाता था जिसने अपने कंधे पर एक बकरी पकड़ी हुई है और जिसकी गोद में दो और छोटी बकरियाँ खड़ी हैं। .

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बीटा रीजियो

बीटा रीजियो (Beta Regio), "ज्वालामुखी उदय" के रूप में जाना गया शुक्र ग्रह का एक क्षेत्र है। 3000 किलोमीटर आकलित,.

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भट्टी तारामंडल

भट्टी (फ़ॉरनैक्स) तारामंडल भट्टी तारामंडल में दिखने वाला ग़ैर-सौरीय ग्रह हिप १३०४४ बी क्षीरमार्ग (हमारी आकाशगंगा) में नहीं जन्मा था (काल्पनिक चित्र) बिग बैंग महाविस्फोट में हुए ब्रह्माण्ड के जन्म के ५० करोड़ वर्षों के अन्दर-अन्दर दिखती होगी भट्टी या फ़ॉरनैक्स खगोलीय गोले के दक्षिणी भाग में स्थित एक छोटा-सा तारामंडल है। इसकी परिभाषा १८वीं सदी में की गई थी और अब यह अंतर्राष्ट्रीय खगोलीय संघ द्वारा जारी की गई ८८ तारामंडलों की सूची में शामिल है। .

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महाश्वान तारामंडल

महाश्वान तारामंडल (हिन्दी नामों के साथ) (क्लिक करके देखें) आसमान के इस चित्र के बीच में महाश्वान तारामंडल एक कुत्ते के रूप में दिख रहा है; सबसे रोशन तारा कुत्ते की नाक पर मौजूद व्याध तारा है महाश्वान (संस्कृत अर्थ: बड़ा कुत्ता) या कैनिस मेजर एक तारामंडल है जो अंतर्राष्ट्रीय खगोलीय संघ द्वारा जारी की गई ८८ तारामंडलों की सूची में शामिल है। दूसरी शताब्दी ईसवी में टॉलमी ने जिन ४८ तारामंडलों की सूची बनाई थी यह उनमें भी शामिल था। पुरानी खगोलशास्त्रिय पुस्तकों में इसे अक्सर शिकारी तारामंडल के शिकारी के पीछे चलते हुए एक कुत्ते के रूप में दर्शाया जाता था। रात के आसमान का सबे रोशन तारा, व्याध तारा, भी इसमें शामिल है और चित्रों में काल्पनिक कुत्ते की नाक पर स्थित है। .

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माकेमाके (बौना ग्रह)

माकेमाके का काल्पनिक चित्रण हबल अंतरिक्ष दूरबीन से ली गई माकेमाके की तस्वीर माकेमाके हमारे सौर मण्डल के काइपर घेरे में स्थित एक बौना ग्रह है। अंतर्राष्ट्रीय खगोलीय संघ द्वारा रखा गया इसका औपचारिक नाम "१३६४७२ माकेमाके" है। यह हमारे सौर मण्डल का तीसरा सब से बड़ा बौना ग्रह है और इसका औसत व्यास (डायामीटर) १,३६० से १,४८० किमी के आसपास अनुमानित है, यानि यम (प्लूटो) का लगभग तीन-चौथाई। माकेमाके का कोई ज्ञात उपग्रह नहीं, जो काइपर घेरे की बड़ी वस्तुओं में असामान्य बात है। इसकी खोज २००५ में हुई थी। .

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मिथोन (चंद्रमा)

मिथोन (Methone) (यूनानी: Μεθώνη), शनि का एक छोटा सा प्राकृतिक उपग्रह है। यह माइमस और ऍनसॅलअडस की कक्षाओं के बीच स्थित है। मिथोन को सर्वप्रथम कैसिनी इमेजिंग टीम द्वारा देखा गया तथा अस्थायी पदनाम दिया गया। यह सेटर्न XXXII तौर पर भी नामित है। कैसिनी अंतरिक्ष यान ने मिथोन की दो यात्राएँ की है और उसकी इससे निकटतम पहुँच 20 मई 2012 को 1900 किमी (1,181 मील) बनी थी। मिथोन नाम 21 जनवरी 2005 को आईएयू के ग्रहीय प्रणाली नामकरण पर कार्यकारी समूह द्वारा अनुमोदित हुआ था। इसकी 2006 में आईएयू महासभा में पुष्टि हुई थी। .

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मकर तारामंडल

मकर तारामंडल बिना दूरबीन के रात में मकर तारामंडल की एक तस्वीर (जिसमें काल्पनिक लक़ीरें डाली गयी हैं) मकर या कैप्रिकॉर्न (अंग्रेज़ी: Capricorn या Capricornus) तारामंडल राशिचक्र का एक तारामंडल है। पुरानी खगोलशास्त्रिय पुस्तकों में इसे अक्सर एक सींगों वाले बकरे के रूप में या एक ऐसे जीव के रूप में जो आधा बकरा और एक शार्क मछली हो दर्शाया जाता था। आकाश में इसके पश्चिम में धनु तारामंडल होता है और इसके पूर्व में कुम्भ तारामंडल। दूसरी शताब्दी ईसवी में टॉलमी ने जिन ४८ तारामंडलों की सूची बनाई थी यह उनमें से एक है और अंतर्राष्ट्रीय खगोलीय संघ द्वारा जारी की गई ८८ तारामंडलों की सूची में भी यह शामिल है। मकर तारामंडल आकाश में काफ़ी धुंधला नज़र आता है और कर्क तारामंडल के बाद राशिचक्र का दूसरा सब से धुंधला तारामंडल है। .

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मेष तारामंडल

मेष तारामंडल बिना दूरबीन के रात में मेष तारामंडल की एक तस्वीर (जिसमें काल्पनिक लक़ीरें डाली गयी हैं) मेष या एरीज़ (अंग्रेज़ी: Aries) तारामंडल राशिचक्र का एक तारामंडल है। दूसरी शताब्दी ईसवी में टॉलमी ने जिन ४८ तारामंडलों की सूची बनाई थी यह उनमें से एक है और अंतर्राष्ट्रीय खगोलीय संघ द्वारा जारी की गई ८८ तारामंडलों की सूची में भी यह शामिल है। पुरानी खगोलशास्त्रिय पुस्तकों में इसे अक्सर एक भेड़े (पुरुष भेड़) के रूप में दर्शाया जाता था। .

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ययाति तारामंडल

ययाति (पर्सियस) तारामंडल अलग़ोल (बेटा परसई) तारे की चमक तब घटती है जब मुख्य तारे के आगे एक कम रोशन साथी तारा आ जाता है ययाति या पर्सियस (अंग्रेज़ी: Perseus) तारामंडल खगोलीय गोले के उत्तरी भाग में दिखने वाला एक तारामंडल है। दूसरी शताब्दी ईसवी में टॉलमी ने जिन ४८ तारामंडलों की सूची बनाई थी यह उनमें से एक है और अंतर्राष्ट्रीय खगोलीय संघ द्वारा जारी की गई ८८ तारामंडलों की सूची में भी यह शामिल है। ययाति तारामंडल में अलग़ोल (बायर नाम: β Per) नाम का मशहूर परिवर्ती तारा स्थित है। वार्षिक पर्सिड उल्कापिंडों की बौछार भी आकाश के इसी क्षेत्र में होती है। .

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लायरा तारामंडल

लायरा तारामंडल लायरा तारामंडल का एक और चित्र लायरा एक तारामंडल है जो अंतर्राष्ट्रीय खगोलीय संघ द्वारा जारी की गई ८८ तारामंडलों की सूची में शामिल है। दूसरी शताब्दी ईसवी में टॉलमी ने जिन ४८ तारामंडलों की सूची बनाई थी यह उनमें भी शामिल था। इसका मुख्य तारा अभिजीत है जो रात्री के आसमान का पाँचवा सब से रोशन तारा है। .

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शनि के छल्ले

शनि के छल्लों की तस्वीर - बाहरी "ए" छल्ले और भीतरी "बी" छल्ले के बीच की कैसिनी दरार साफ़ नज़र आ रही है शनि के छल्ले हमारे सौर मण्डल के सबसे शानदार उपग्रही छल्लों का गुट हैं। यह छोटे-छोटे कणों से लेकर कई मीटर बड़े अनगिनत टुकड़ों से बने हुए हैं जो सारे इन छल्लों का हिस्सा बने शनि की परिक्रमा कर रहें हैं। यह सारे टुकड़े अधिकतर पानी की बर्फ़ के बने हुए हैं जिनमें कुछ-कुछ धुल भी मिश्रित है। यह सारे छल्ले एक चपटे चक्र में एक के अन्दर एक हैं। इस चक्र में छल्लों के बीच कुछ ख़ाली छल्ले-रुपी अंतराल या दरारे भी हैं। इन में से कुछ दरारे तो इस चक्र में परिक्रमा करते हुए उपग्रहों ने बना लीं हैं: जहाँ इनकी परिक्रमा की कक्षाएँ हैं वहाँ इन्होने छल्लों में से मलबा हटा दिया है। लेकिन कुछ दरारों के कारण अभी वैज्ञानिकों को ज्ञात नहीं हैं। .

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शर्मिष्ठा तारामंडल

शर्मिष्ठा तारामंडल शर्मिष्ठा तारामंडल एक कुर्सी पर बैठी स्त्री के काल्पनिक रूप में (सन् १८२५ में खेंचा गया चित्र) शर्मिष्ठा (संस्कृत अर्थ: सुंदरी) या कैसिओपिया एक तारामंडल है जो अंतर्राष्ट्रीय खगोलीय संघ द्वारा जारी की गई ८८ तारामंडलों की सूची में शामिल है। दूसरी शताब्दी ईसवी में टॉलमी ने जिन ४८ तारामंडलों की सूची बनाई थी यह उनमें भी शामिल था। उत्तर आकाश में सप्तऋषि के बाद सबसे आसानी से पहचाना जाने वाला नक्षत्र है यह । ध्रुव तारे से अगर आप एक सीधी रेखा खींचें तो वह शर्मिष्ठा के पहले दो तारों से मिल जाएगी। भारतीय मिथकों में शर्मिष्ठा दैत्यों के राजा वृषपर्व की पुत्री के रूप में वर्णित की गयी है। पुराने यूनानी ग्रंथों में इसका नाम कैसिओपिया नाम की सुन्दर पर घमंडी रानी पर रखा गया जो अपनी सुन्दरता की डींगे हांका करती थी। .

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शिशुमार तारामंडल

शिशुमार (ड्रेको) तारामंडल हबल अंतरिक्ष दूरबीन द्वारा खींची गई शिशुमार तारामंडल में स्थित पी॰जी॰सी॰ ३९०५८ नामक बौनी गैलेक्सी की तस्वीर शिशुमार या ड्रेको तारामंडल खगोलीय गोले के उत्तरी भाग में दिखने वाला एक तारामंडल है, जिसके तारे पृथ्वी के उत्तरी गोलार्ध (हॅमिस्फ़्येअर) में रहने वाले बहुत से स्थानों पर परिध्रुवीय हैं (यानि हर रात को पूरी रात के लिए नज़र आते हैं)। यह अंतर्राष्ट्रीय खगोलीय संघ द्वारा जारी की गई ८८ तारामंडलों की सूची में शामिल है और दूसरी शताब्दी ईसवी में टॉलमी ने जिन ४८ तारामंडलों की सूची बनाई थी उनमें भी शामिल था। .

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शिशुग्रह

हबल अंतरिक्ष दूरबीन द्वारा HD १४१९४३ और HD १९१०८९ नामक दो कम उम्र के तारों के इर्द-गिर्द के मलबा चक्र शिशुग्रह (planetesimal) उन ठोस वस्तुओं को कहते हैं जो किसी तारे के इर्द-गिर्द के आदिग्रह चक्र या मलबा चक्र में बन रही होती हैं। .

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शुक्र

शुक्र (Venus), सूर्य से दूसरा ग्रह है और प्रत्येक 224.7 पृथ्वी दिनों मे सूर्य परिक्रमा करता है। ग्रह का नामकरण प्रेम और सौंदर्य की रोमन देवी पर हुआ है। चंद्रमा के बाद यह रात्रि आकाश में सबसे चमकीली प्राकृतिक वस्तु है। इसका आभासी परिमाण -4.6 के स्तर तक पहुँच जाता है और यह छाया डालने के लिए पर्याप्त उज्जवलता है। चूँकि शुक्र एक अवर ग्रह है इसलिए पृथ्वी से देखने पर यह कभी सूर्य से दूर नज़र नहीं आता है: इसका प्रसरकोण 47.8 डिग्री के अधिकतम तक पहुँचता है। शुक्र सूर्योदय से पहले या सूर्यास्त के बाद केवल थोड़ी देर के लए ही अपनी अधिकतम चमक पर पहुँचता है। यहीं कारण है जिसके लिए यह प्राचीन संस्कृतियों के द्वारा सुबह का तारा या शाम का तारा के रूप में संदर्भित किया गया है। शुक्र एक स्थलीय ग्रह के रूप में वर्गीकृत है और समान आकार, गुरुत्वाकर्षण और संरचना के कारण कभी कभी उसे पृथ्वी का "बहन ग्रह" कहा गया है। शुक्र आकार और दूरी दोनों मे पृथ्वी के निकटतम है। हालांकि अन्य मामलों में यह पृथ्वी से एकदम अलग नज़र आता है। शुक्र सल्फ्यूरिक एसिड युक्त अत्यधिक परावर्तक बादलों की एक अपारदर्शी परत से ढँका हुआ है। जिसने इसकी सतह को दृश्य प्रकाश में अंतरिक्ष से निहारने से बचा रखा है। इसका वायुमंडल चार स्थलीय ग्रहों मे सघनतम है और अधिकाँशतः कार्बन डाईऑक्साइड से बना है। ग्रह की सतह पर वायुमंडलीय दबाव पृथ्वी की तुलना मे 92 गुना है। 735° K (462°C,863°F) के औसत सतही तापमान के साथ शुक्र सौर मंडल मे अब तक का सबसे तप्त ग्रह है। कार्बन को चट्टानों और सतही भूआकृतियों में वापस जकड़ने के लिए यहाँ कोई कार्बन चक्र मौजूद नही है और ना ही ज़ीवद्रव्य को इसमे अवशोषित करने के लिए कोई कार्बनिक जीवन यहाँ नज़र आता है। शुक्र पर अतीत में महासागर हो सकते हैलेकिन अनवरत ग्रीनहाउस प्रभाव के कारण बढ़ते तापमान के साथ वह वाष्पीकृत होते गये होंगे |B.M. Jakosky, "Atmospheres of the Terrestrial Planets", in Beatty, Petersen and Chaikin (eds), The New Solar System, 4th edition 1999, Sky Publishing Company (Boston) and Cambridge University Press (Cambridge), pp.

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सर्प तारामंडल

सर्प तारामंडल सर्प या सरपॅन्स (अंग्रेज़ी: Serpens, यूनानी: Ὄφις) तारामंडल पृथ्वी के उत्तरी भाग से नज़र आने वाला एक तारामंडल है। दूसरी शताब्दी ईसवी में टॉलमी ने जिन ४८ तारामंडलों की सूची बनाई थी यह उनमें से एक है और अंतर्राष्ट्रीय खगोलीय संघ द्वारा जारी की गई ८८ तारामंडलों की सूची में भी यह शामिल है। इसके दो हिस्से हैं - "सर्प सिर" (Serpens Caput) जो पश्चिम में दिखता है और "सर्प दुम" (Serpens Cauda) जो पूर्व में दिखता है। इन दोनों हिस्सों के बीच में सर्पधारी तारामंडल (Ophiuchus, Ὀφιοῦχος, ऑफ़ीयूकस) आता है। .

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सर्पधारी तारामंडल

सर्पधारी तारामंडल सर्पधारी या ऑफ़ीयूकस (अंग्रेज़ी: Ophiuchus, यूनानी: Ὀφιοῦχος) तारामंडल पृथ्वी के उत्तरी भाग से नज़र आने वाला एक बड़ा तारामंडल है। दूसरी शताब्दी ईसवी में टॉलमी ने जिन ४८ तारामंडलों की सूची बनाई थी यह उनमें से एक है और अंतर्राष्ट्रीय खगोलीय संघ द्वारा जारी की गई ८८ तारामंडलों की सूची में भी यह शामिल है। आकाश में यह सर्प तारामंडल के दो हिस्सों - "सर्प सिर" (Serpens Caput) और "सर्प दुम" (Serpens Cauda) - के बीच में स्थित होता है। पुरानी खगोलशास्त्रिय पुस्तकों में इसे अक्सर एक सर्प को बीच से उठाते हुए एक आदमी की तरह दर्शाया जाता था। .

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स्थिति कोण

स्थिति कोण (position angle) खगोलशास्त्र में आकाश में कोणों को मापने की सर्वसम्मत विधि है। अंतर्राष्ट्रीय खगोलीय संघ की परिभाषा के अनुसार यह आकाश में किसी बिन्दु का उत्तरी खगोलीय ध्रुव से वामावर्त्त (काउंटरक्लॉकवाइज़) दिशा में मापा गया कोण है। .

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स्रोतास्विनी तारामंडल

स्रोतास्विनी तारामंडल ऍप्सिलन ऍरिडानी तारे के इर्द-गिर्द परिक्रमा करता बृहस्पति-जैसा ग्रह - काल्पनिक चित्र स्रोतास्विनी (संस्कृत अर्थ: नहर, नदी या प्रवाह) या इरिडनस एक तारामंडल है जो अंतर्राष्ट्रीय खगोलीय संघ द्वारा जारी की गई ८८ तारामंडलों की सूची में शामिल है। दूसरी शताब्दी ईसवी में टॉलमी ने जिन ४८ तारामंडलों की सूची बनाई थी यह उनमें भी शामिल था। .

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सौर मण्डल की छोटी वस्तुएँ

१८ किमी लम्बा क्षुद्रग्रह ९५१ गैस्प्रा औपचारिक रूप से "सौर मण्डल की छोटी वस्तु" की श्रेणी में आता है सौर मण्डल की छोटी वस्तुएँ खगोलीय वस्तुओं की एक श्रेणी है जो २००६ में अंतर्राष्ट्रीय खगोलीय संघ ने स्थापित की थी। इस परिभाषा में हमारे सौर मण्डल में मौजूद वे सारी वस्तुएँ आती हैं जो न तो ग्रह हैं, न बौना ग्रह हैं और न ही किसी ग्रह या बौना ग्रह के उपग्रह हैं। इस नयी श्रेणी में अधिकतर क्षुद्रग्रहों, वरुण-पार वस्तुओं और धूमकेतुओं का शुमार होता है। इसमें वे सारे हीन ग्रह भी शामिल हैं जिन्हें बौना ग्रह का दर्जा न मिला हो। तो उन हीन ग्रहों की फ़हरिस्त जिन्हें सौर मण्डल की छोटी वस्तुओं में गिना जाता है कुछ इस प्रकार है -.

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सूंस तारामंडल

सूंस (डॅल्फ़ाइनस) तारामंडल हबल अंतरिक्ष दूरबीन द्वारा खींची गई सूंस तारामंडल में दिखने वाले ऍन॰जी॰सी॰ ६९३४ नामक गोल तारागुच्छ की तस्वीर सूंस या डॅल्फ़ाइनस तारामंडल खगोलीय गोले के उत्तरी भाग में दिखने वाला एक तारामंडल है जो खगोलीय मध्यरेखा के काफ़ी समीप पड़ता है। यह अंतर्राष्ट्रीय खगोलीय संघ द्वारा जारी की गई ८८ तारामंडलों की सूची में शामिल है और दूसरी शताब्दी ईसवी में टॉलमी ने जिन ४८ तारामंडलों की सूची बनाई थी उनमें भी शामिल था। .

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हंस तारामंडल

हंस तारामंडल हंस या सिग्नस (अंग्रेज़ी: Cygnus) तारामंडल हमारी आकाशगंगा क्षीरमार्ग (मिल्की वे) के चपटे चक्र में स्थित एक तारामंडल है। दूसरी शताब्दी ईसवी में टॉलमी ने जिन ४८ तारामंडलों की सूची बनाई थी यह उनमें से एक है और अंतर्राष्ट्रीय खगोलीय संघ द्वारा जारी की गई ८८ तारामंडलों की सूची में भी यह शामिल है। इसे कभी-कभी उत्तरी शूल (उत्तरी क्रॉस) बुलाया जाता है। पुरानी खगोलशास्त्रिय पुस्तकों में इसे अक्सर एक हंस के रूप में दर्शाया जाता था। .

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हउमेया (बौना ग्रह)

हउमेया और उसके उपग्रहों (हिइआका और नामाका) का काल्पनिक चित्रण हउमेया हमारे सौर मण्डल के काइपर घेरे में स्थित एक बौना ग्रह है। अंतर्राष्ट्रीय खगोलीय संघ द्वारा रखा गया इसका औपचारिक नाम "१३६१०८ हउमेया" है। यह हमारे सौर मण्डल का चौथा सब से बड़ा बौना ग्रह है और इसका द्रव्यमान यम (प्लूटो) का एक-तिहाई है। हउमेया का औसत व्यास (डायामीटर) लगभग १,४३६ किमी है। इसकी खोज २००४ में की गयी थी। हउमेया का आकार सारे ज्ञात बौने ग्रहों में अनूठा है - जहाँ बाक़ी सब गोल हैं यह एक पिचका हुआ गोला है। हउमेया की चौड़ाई उसकी लम्बाई से दो गुना ज़्यादा है। इसके इस अजीब आकार के साथ-साथ इसमें कुछ और भी भिन्नताएँ हैं - यह बहुत तेज़ी से अपने घूर्णन अक्ष (ऐक्सिस) पर घूमता है और इसका घनत्व बाहरी सौर मण्डल के अन्य बौने ग्रहों से अधिक है। इन विशेषताओं को देखकर लगता है के हउमेया अतीत में किसी भयंकर टकराव का नतीजा है। .

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हीन ग्रह नामांकन

हीन ग्रह नामांकन (Minor planet designation) अंतर्राष्ट्रीय खगोलीय संघ के हीन ग्रह केन्द्र की एक प्रक्रिया है जिसके द्वारा बौने ग्रहों और, धूमकेतुओं के अलावा, सौर मंडल की क्षुद्रग्रहों जैसी सभी अन्य छोटी वस्तुओं को एक औपचारिक नाम दिया जाता है। यह नामांकन एक संख्या और एक नाम को मिलाकर किया जाता है। आम तौर पर यह नाम किसी वस्तु के पाए जाने के बाद उसकी कक्षा का अध्ययन करने के उपरांत दिया जाता है। उस से पहले वस्तु को अनौपचारिक नाम से बुलाया जाता है। .

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हीन ग्रह केन्द्र

हीन ग्रह केन्द्र (Minor Planet Center या MPC) अंतर्राष्ट्रीय खगोलीय संघ के अंतर्गत काम करने वाली एक संस्था है जिसका काम विश्व-स्तर पर हीन ग्रह, क्षुद्रग्रह और धूमकेतुओं से सम्बन्धित जानकारी एकत्रित करके उनकी कक्षाओं का अनुमान लगाना और इस सारी जानकारी को हीन ग्रह परिपत्रों (Minor Planet Circulars) के ज़रिये दुनिया-भर के खगोलशास्त्रियों तक पहुँचाना है। जब किसी नये हीन ग्रह की खोज होती है तो उसका औपचारिक रूप से हीन ग्रह नामांकन (Minor planet designation) भी यही संस्था करती है। .

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हीनश्वान तारामंडल

हीनश्वान तारामंडल हीनश्वान (संस्कृत अर्थ: छोटा कुत्ता) या कैनिस माइनर एक तारामंडल है जो अंतर्राष्ट्रीय खगोलीय संघ द्वारा जारी की गई ८८ तारामंडलों की सूची में शामिल है। दूसरी शताब्दी ईसवी में टॉलमी ने जिन ४८ तारामंडलों की सूची बनाई थी यह उनमें भी शामिल था। पुरानी खगोलशास्त्रिय पुस्तकों में इसे और महाश्वान तारामंडल को अक्सर शिकारी तारामंडल के शिकारी के पीछे चलते हुए दो कुत्तों के रूप में दर्शाया जाता था। रात के आसमान का सातवा सब से रोशन तारा, प्रोसीयन, भी इसमें शामिल है। .

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जलसर्प तारामंडल

जलसर्प तारामंडल जलसर्प तारामंडल में ऍम८३ नामक डन्डीय सर्पिल आकाशगंगा है जलसर्प या हाइड्रा एक तारामंडल है जो अंतर्राष्ट्रीय खगोलीय संघ द्वारा जारी की गई ८८ तारामंडलों की सूची में शामिल है और उस सूची का खगोलीय गोले में सब से बड़े क्षेत्र वाला तारामंडल है। दूसरी शताब्दी ईसवी में टॉलमी ने जिन ४८ तारामंडलों की सूची बनाई थी यह उनमें भी शामिल था। .

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विश्वकद्रु तारामंडल

विश्वकद्रु तारामंडल कोर करोली द्वितारा विश्वकद्रु या कैनीज़ विनैटिसाए (अंग्रेज़ी: Canes Venatici) खगोलीय गोले के उत्तरी भाग में स्थित एक छोटा-सा तारामंडल है। इसकी परिभाषा १७वी सदी में योहानॅस हॅवॅलियस (Johannes Hevelius) नामक जर्मन खगोलशास्त्री ने की थी। अंतर्राष्ट्रीय खगोलीय संघ द्वारा जारी की गई ८८ तारामंडलों की सूची में भी यह शामिल है। इस तारामंडल के तारे धुंधले होने से दूसरी शताब्दी ईसवी में टॉलमी ने अपनी ४८ तारामंडलों की सूची में इसे अलग स्थान देने के बजाए इसे आकाश में इसके पड़ोस में स्थित सप्तर्षि तारामंडल का ही भाग बना डाला था। .

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वुल्फ़-रायेट तारा

डब्ल्यू॰आर॰ १२४ नामक एक वुल्फ़-रायेट तारा और उसके इर्द-गिर्द की नीहारिका वुल्फ़-रायेट तारे वह बड़ी आयु के भीमकाय तारे होते हैं जो स्वयं से उत्पन्न तारकीय आंधी के कारण तेज़ी से द्रव्यमान (मास) खो रहे होते हैं। इनसे उभरने वाली आंधी की गति २,००० किलोमीटर प्रति सैकिंड तक की होती है। हमारा सूरज हर वर्ष लगभग १०-१४ सौर द्रव्यमान (यानि सूरज के द्रव्यमान के सौ खरबवे हिस्से के बराबर) खोता है। इसकी तुलना में वुल्फ़-रायेट तारे हर वर्ष १०-५ सौर द्रव्यमान (यानि सूरज के द्रव्यमान के दस हज़ारवे हिस्से के बराबर) खोते हैं। ऐसे तारों का सतही तापमान बहुत अधिक होता है: २५,००० से ५०,००० कैल्विन तक। अक्सर ऐसे तारों के इर्द-गिर्द इनके आंधी से नीहरिकाएँ (नेब्युला) बन जाते हैं। .

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वृषपर्वा तारामंडल

वृषपर्वा (सिफ़ियस) तारामंडल वृषपर्वा या सिफ़ियस (अंग्रेज़ी: Cepheus) तारामंडल खगोलीय गोले के उत्तरी भाग में दिखने वाला एक तारामंडल है। दूसरी शताब्दी ईसवी में टॉलमी ने जिन ४८ तारामंडलों की सूची बनाई थी यह उनमें से एक है और अंतर्राष्ट्रीय खगोलीय संघ द्वारा जारी की गई ८८ तारामंडलों की सूची में भी यह शामिल है। "वृषपर्वा" का नाम दैत्यों के एक राजा पर रखा गया है, जबकि अंग्रेज़ी नाम "सिफ़ियस" इथियोपिया के एक मिथिक राजा पर रखा गया है। .

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वृक तारामंडल

वृक (या लूपस) तारामंडल वृक (संस्कृत अर्थ: भेड़िया) या लूपस खगोलीय गोले के दक्षिणी भाग में स्थित एक तारामंडल है जो अंतर्राष्ट्रीय खगोलीय संघ द्वारा जारी की गई ८८ तारामंडलों की सूची में शामिल है। दूसरी शताब्दी ईसवी में टॉलमी ने जिन ४८ तारामंडलों की सूची बनाई थी यह उनमें भी शामिल था। आकाश में यह नरतुरंग और वॄश्चिक तारामंडल के बीच में स्थित है। .

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वेदी तारामंडल

वेदी तारामंडल वेदी या ऍअरा (अंग्रेज़ी: Ara) खगोलीय गोले के दक्षिणी भाग में वॄश्चिक और दक्षिण त्रिकोण तारामंडल के बीच स्थित एक तारामंडल है जो अंतर्राष्ट्रीय खगोलीय संघ द्वारा जारी की गई ८८ तारामंडलों की सूची में शामिल है। दूसरी शताब्दी ईसवी में टॉलमी ने जिन ४८ तारामंडलों की सूची बनाई थी यह उनमें भी शामिल था। इसके कुछ मुख्य रोशन तारों को कालपनिक लकीरों से जोड़ने पर एक पूजा की वेदी का चित्र बनता है जिसपर इसका नाम पड़ा है। .

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ख़रगोश तारामंडल

ख़रगोश तारामंडल ख़रगोश या लीपस (अंग्रेज़ी: Lepus) तारामंडल खगोलीय मध्य रेखा और शिकारी तारामंडल से बिलकुल दक्षिण में स्थित एक तारामंडल है। दूसरी शताब्दी ईसवी में टॉलमी ने जिन ४८ तारामंडलों की सूची बनाई थी यह उनमें से एक है और अंतर्राष्ट्रीय खगोलीय संघ द्वारा जारी की गई ८८ तारामंडलों की सूची में भी यह शामिल है। पुरानी खगोलशास्त्रिय पुस्तकों में इसे अक्सर एक ख़रगोश के रूप में दर्शाया जाता था जिसका पीछा पड़ौसी शिकारी तारामंडल की काल्पनिक शिकारी की आकृति कर रही था। .

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खगोलशास्त्र से सम्बन्धित शब्दावली

यह पृष्ठ खगोलशास्त्र की शब्दावली है। खगोलशास्त्र वह वैज्ञानिक अध्ययन है जिसका सबंध पृथ्वी के वातावरण के बाहर उत्पन्न होने वाले खगोलीय पिंडों और घटनाओं से होता है। .

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ग्रह

हमारे सौरमण्डल के ग्रह - दायें से बाएं - बुध, शुक्र, पृथ्वी, मंगल, बृहस्पति, शनि, युरेनस और नेप्चून सौर मंडल के ग्रहों, सूर्य और अन्य पिंडों के तुलनात्मक चित्र सूर्य या किसी अन्य तारे के चारों ओर परिक्रमा करने वाले खगोल पिण्डों को ग्रह कहते हैं। अंतर्राष्ट्रीय खगोलीय संघ के अनुसार हमारे सौर मंडल में आठ ग्रह हैं - बुध, शुक्र, पृथ्वी, मंगल, बृहस्पति, शनि, युरेनस और नेप्चून। इनके अतिरिक्त तीन बौने ग्रह और हैं - सीरीस, प्लूटो और एरीस। प्राचीन खगोलशास्त्रियों ने तारों और ग्रहों के बीच में अन्तर इस तरह किया- रात में आकाश में चमकने वाले अधिकतर पिण्ड हमेशा पूरब की दिशा से उठते हैं, एक निश्चित गति प्राप्त करते हैं और पश्चिम की दिशा में अस्त होते हैं। इन पिण्डों का आपस में एक दूसरे के सापेक्ष भी कोई परिवर्तन नहीं होता है। इन पिण्डों को तारा कहा गया। पर कुछ ऐसे भी पिण्ड हैं जो बाकी पिण्डों के सापेक्ष में कभी आगे जाते थे और कभी पीछे - यानी कि वे घुमक्कड़ थे। Planet एक लैटिन का शब्द है, जिसका अर्थ होता है इधर-उधर घूमने वाला। इसलिये इन पिण्डों का नाम Planet और हिन्दी में ग्रह रख दिया गया। शनि के परे के ग्रह दूरबीन के बिना नहीं दिखाई देते हैं, इसलिए प्राचीन वैज्ञानिकों को केवल पाँच ग्रहों का ज्ञान था, पृथ्वी को उस समय ग्रह नहीं माना जाता था। ज्योतिष के अनुसार ग्रह की परिभाषा अलग है। भारतीय ज्योतिष और पौराणिक कथाओं में नौ ग्रह गिने जाते हैं, सूर्य, चन्द्रमा, बुध, शुक्र, मंगल, गुरु, शनि, राहु और केतु। .

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ग्वाला तारामंडल

ग्वाला या बोओटीस तारामंडल ग्वाला या बोओटीस (अंग्रेज़ी: Boötes) तारामंडल खगोलीय गोले के उत्तरी भाग में दिखने वाला एक तारामंडल है। यह 0° और +60° के झुकाव और 13 से 16 घंटे के दायां आरोहण पर स्थित है। दूसरी शताब्दी ईसवी में टॉलमी ने जिन ४८ तारामंडलों की सूची बनाई थी यह उनमें से एक है और अंतर्राष्ट्रीय खगोलीय संघ द्वारा जारी की गई ८८ तारामंडलों की सूची में भी यह शामिल है। इस तारामंडल में आकाश का तीसरा सब से रोशन तारा, स्वाती (आर्कट्युरस), सम्मिलित है। पुरानी खगोलशास्त्रिय पुस्तकों में इसे अक्सर एक ग्वाले या चरवाहे के रूप में दर्शाया जाता था, जिसके हाथ में दो कुत्तों के पत्ते हैं। .

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ओलम्पस मोन्स

ओलम्पस मोन्स (Olympus Mons) (लैटिन: माउंट ओलम्पस), मंगल ग्रह पर एक बड़ा ज्वालामुखी पहाड़ है। करीबन २२ कि॰मी॰ (१४ मील) की उंचाई के साथ,Plescia, J. B. (2004).

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कबूतर तारामंडल

कबूतर तारामंडल कबूतर या कोलम्बा (अंग्रेज़ी: Columba) खगोलीय गोले पर महाश्वान और ख़रगोश तारामंडलों के दक्षिण में स्थित एक छोटा और धुंधला-सा तारामंडल है। इसकी परिभाषा सन् १५९२ में पॅट्रस प्लैंकियस (Petrus Plancius) नामक डच खगोलशास्त्री ने की थी। अंतर्राष्ट्रीय खगोलीय संघ द्वारा जारी की गई ८८ तारामंडलों की सूची में भी यह शामिल है। .

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कुम्भ तारामंडल

कुम्भ तारामंडल बिना दूरबीन के रात में कुम्भ तारामंडल की एक तस्वीर (जिसमें काल्पनिक लक़ीरें डाली गयी हैं) कुम्भ या अक्वेरियस (अंग्रेज़ी: Aquarius) तारामंडल राशिचक्र का एक तारामंडल है। पुरानी खगोलशास्त्रिय पुस्तकों में इसे अक्सर एक भिश्ती के रूप में, एक बासन के रूप में या एक बासन उठाती हुई कन्या के रूप में दर्शाया जाता था। आकाश में इसके पश्चिम में मकर तारामंडल होता है और इसके पूर्व में मीन तारामंडल। दूसरी शताब्दी ईसवी में टॉलमी ने जिन ४८ तारामंडलों की सूची बनाई थी यह उनमें से एक है और अंतर्राष्ट्रीय खगोलीय संघ द्वारा जारी की गई ८८ तारामंडलों की सूची में भी यह शामिल है। .

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अमरपक्षी तारामंडल

अमरपक्षी (फ़ीनिक्स) तारामंडल अमरपक्षी या फ़ीनिक्स तारामंडल एक छोटा-सा तारामंडल है। इसके अधिकतर तारे बहुत धुंधले हैं और इसमें +५ मैग्नीट्यूड की चमक (सापेक्ष कान्तिमान) से अधिक रोशनी रखने वाले केवल दो तारे हैं। इसकी परिभाषा सन् १५९७-९८ में पॅट्रस प्लैंकियस (Petrus Plancius) नामक डच खगोलशास्त्री ने की थी। अंतर्राष्ट्रीय खगोलीय संघ द्वारा जारी की गई ८८ तारामंडलों की सूची में भी यह शामिल है। .

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अरुण (ग्रह)

अरुण (Uranus), या यूरेनस हमारे सौर मण्डल में सूर्य से सातवाँ ग्रह है। व्यास के आधार पर यह सौर मण्डल का तीसरा बड़ा और द्रव्यमान के आधार पर चौथा बड़ा ग्रह है। द्रव्यमान में यह पृथ्वी से १४.५ गुना अधिक भारी और अकार में पृथ्वी से ६३ गुना अधिक बड़ा है। औसत रूप में देखा जाए तो पृथ्वी से बहुत कम घना है - क्योंकि पृथ्वी पर पत्थर और अन्य भारी पदार्थ अधिक प्रतिशत में हैं जबकि अरुण पर गैस अधिक है। इसीलिए पृथ्वी से तिरेसठ गुना बड़ा अकार रखने के बाद भी यह पृथ्वी से केवल साढ़े चौदह गुना भारी है। हालांकि अरुण को बिना दूरबीन के आँख से भी देखा जा सकता है, यह इतना दूर है और इतनी माध्यम रोशनी का प्रतीत होता है के प्राचीन विद्वानों ने कभी भी इसे ग्रह का दर्जा नहीं दिया और इसे एक दूर टिमटिमाता तारा ही समझा। १३ मार्च १७८१ में विलियम हरशल ने इसकी खोज की घोषणा करी। अरुण दूरबीन द्वारा पाए जाने वाला पहला ग्रह था। हमारे सौर मण्डल में चार ग्रहों को गैस दानव कहा जाता है, क्योंकि इनमें मिटटी-पत्थर की बजाय अधिकतर गैस है और इनका आकार बहुत ही विशाल है। अरुण इनमे से एक है - बाकी तीन बृहस्पति, शनि और वरुण (नॅप्टयून) हैं। इनमें से अरुण की बनावट वरुण से बहुत मिलती-जुलती है। अरुण और वरुण के वातावरण में बृहस्पति और शनि के तुलना में बर्फ़ अधिक है - पानी की बर्फ़ के अतिरिक्त इनमें जमी हुई अमोनिया और मीथेन गैसों की बर्फ़ भी है। इसलिए कभी-कभी खगोलशास्त्री इन दोनों को "बर्फ़ीले गैस दानव" नाम की श्रेणी में डाल देते हैं। सौर मण्डल के सारे ग्रहों में से अरुण का वायुमण्डल सब से ठण्डा पाया गया है और उसका न्यूनतम तापमान -४९ कैल्विन (यानी -२२४° सेण्टीग्रेड) देखा गया है। इस ग्रह में बादलों की कई तहें देखी गई हैं। मानना है के सब से नीचे पानी के बादल हैं और सब से ऊपर मीथेन गैस के बादल हैं। यह भी माना जाता है कि यदि किसी प्रकार अरुण के बिलकुल बीच जाकर इसका केन्द्र देखा जा सकता तो वहाँ बर्फ़ और पत्थर पाए जाते। .

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अल्फ़ा अरायटिस तारा

मेष (एरीज़) तारामंडल में 'α' के चिह्न द्वारा नामांकित तारा है अल्फ़ा अरायटिस, जिसका बायर नाम भी यही (α Ari, α Arietis) है, मेष तारामंडल का सब से रोशन तारा है और पृथ्वी से दिखने वाले सभी तारों में से ४८वाँ सब से रोशन तारा है।, database entry, The Bright Star Catalogue, 5th Revised Ed.

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अल्फा रीजियो

अल्फा रीजियो (Alpha Regio), 22°S, 5°E पर केन्द्रित लगभग 1500 किलोमीटर तक फैला शुक्र ग्रह का एक क्षेत्र है। यह 1964 में डिक गोल्डस्टीन द्वारा खोजा गया और उन्ही के द्वारा नामित हुआ था। यह नाम 1976 और 1979 के मध्य अंतर्राष्ट्रीय खगोलीय संघ के ग्रहीय प्रणाली नामकरण (आईएयू/डब्ल्युजीपीएसएन) के कार्यकारी समूह द्वारा अनुमोदित हुआ था। शुक्र की स्थलाकृति स्त्रियों पर नामित की जाती है, या तो देवी पर या किसी महिला पर, लेकिन मैक्सवेल मोंटेस, अल्फा रीजियो और बीटा रीजियो इस नियम के तीन अपवाद हैं। वीनस एक्सप्रेस ऑर्बिटर द्वारा तैयार एक अवरक्त नक्शा दिखाता है कि अल्फा रीजियो पठार की चट्टाने रंग में हल्की है और ग्रह की बहुलता की तुलना में पुरानी लगती है। पृथ्वी पर, इस तरह की हल्के रंग की चट्टाने आमतौर पर ग्रेनाइट होती है और महाद्वीपों को बनाती हैं। .

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अश्वशाव तारामंडल

अश्वशाव (इक्वूलियस) तारामंडल अश्वशाव या इक्वूलियस एक छोटा-सा तारामंडल है जो अंतर्राष्ट्रीय खगोलीय संघ द्वारा जारी की गई ८८ तारामंडलों की सूची में शामिल है। त्रिशंकु तारामंडल के बाद यह इस सूची का दूसरा सब से छोटा तारामंडल है। दूसरी शताब्दी ईसवी में टॉलमी ने जिन ४८ तारामंडलों की सूची बनाई थी यह उनमें भी शामिल था। इसके सभी तारे काफ़ी धुंधले हैं और उनमें से कोई भी +३.९ मैग्नीट्यूड (चमक या सापेक्ष कान्तिमान) से अधिक रोशन नहीं है। ध्यान रहे कि मैग्नीट्यूड एक विपरीत माप होता है: यह जितना अधिक हो तारे की चमक उतनी ही कम होती है। .

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उत्तरकिरीट तारामंडल

उत्तरकिरीट (कोरोना बोरिऐलिस) तारामंडल आकाश में उत्तरकिरीट के तारों का एक चित्रण उत्तरकिरीट या कोरोना बोरिऐलिस खगोलीय गोले के उत्तरी भाग में स्थित एक छोटा-सा तारामंडल है। दूसरी शताब्दी ईसवी में टॉलमी ने अपनी ४८ तारामंडलों की सूची में इसे शामिल किया था और अंतर्राष्ट्रीय खगोलीय संघ द्वारा जारी की गई ८८ तारामंडलों की सूची में भी यह शामिल है। .

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५०००० क्वावार

हबल अंतरिक्ष दूरबीन द्वारा ली गई १६ तस्वीरों को मिलाकर बना क्वावार का चित्र क्वावार और उसके उपग्रह वेवोट का काल्पनिक चित्रण क्वावार, जिसका अंतर्राष्ट्रीय खगोलीय संघ द्वारा रखा गया इसका औपचारिक नाम ५०००० क्वावार (50000 Quaoar) है, हमारे सौर मण्डल के काइपर घेरे में स्थित यम (प्लूटो) से लगभग आधे आकार की एक खगोलीय वस्तु है। अंतर्राष्ट्रीय खगोलीय संघ के नियमों के तहत यदी ग्रह से छोटी कोई वस्तु इतना द्रव्यमान रखती हो कि स्वयं को गोलाकार कर सके तो उसे बौना ग्रह का दर्जा दिया जाता है। क्वावार पृथ्वी से इतना दूर है कि उसका आकार सही रूप से अनुमानित नहीं हो पाया है, इसलिये यह ज्ञात​ नहीं कि यह बौना ग्रह है या नहीं। क्वावार का एक वेवोट (Weywot) नाम का ज्ञात​ उपग्रह है। क्ववार की खोज २००२ में और उसके उपग्रह वेवोट की खोज २००७ में हुई थी। .

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९०३७७ सेडना

सेडना का एक काल्पनिक चित्रण। कक्षा (ऑरबिट) यहाँ लाल रंग में दर्शायी गई है। ११,४०० वर्षों की एक परिक्रमा में सेडना की सूरज से दूरी में महान उतार-चढ़ाव आते हैं। ९०२७७ सेडना (90377 Sedna) एक बहुत बड़ी नेप्चून-पार वस्तु है, जो सन् २०१२ में सूर्य से नेप्चून से भी लगभग तीन गुना दूर थी। स्पेक्ट्रोस्कोपी से पता चला है कि सेडना की सतह की संरचना इसी तरह की कुछ अन्य दूसरी नेप्चून-पार वस्तुओं के समान है, जो बड़े पैमाने पर जल, मीथेन और थोलिंस युक्त नाइट्रोजन बर्फ के एक मिश्रण से बनी हुई है। इसकी सतह सौरमंडल में सबसे अधिक लालिमायुक्त सतहों में से एक है। सेडना का ना तो द्रव्यमान ज्ञात है, ना इसका आकार अच्छी तरह से मालूम है और ना ही इसे आई'''.'''ए'''.'''यु'''.''' से एक बौने ग्रह के रूप में औपचारिक मान्यता मिली है, हालांकि कई खगोलविदों द्वारा इसे उनमे से एक माना जाता है। .

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132524 एपीएल

132524 एपीएल (जो कि पहले इसके अस्थायी उपाधि) से जाना जाता था एक छोटा क्षुद्रग्रह है। यह क्षुद्रग्रह (एस्टेरॉएड) जिसका व्यास लगभग २.३ किलोमीटर है। १३ जून २००६ को न्यू होराइज़न्स नामक अंतरिक्ष यान जो कि प्लूटो ग्रह की अपनी निर्धारित यात्रा पर था इससे लगभग १०१,८६७ कि॰मी॰ की दूरी पर ०४:०५ यूटीसी पर गुज़रा था। यान द्वारा लिए गये चित्र और आँकणे यह बताते हैं कि एपीएल एक एस-श्रेणी का क्षुद्रग्रह है जो कि मुख्यत: सिलिका जैसे पदार्थ से बनी हुई चट्टान है। न्यू होराइज़न्स के प्राथमिक निरीक्षक एलन स्टर्न ने इस क्षुद्रग्रह का जॉन्स हॉप्किन्स एप्लाइड फ़िजिक्स लैबोरेट्री जो कि इस मिशन को चला रही है के सदंर्भ में नामकरण किया। .

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