लोगो
यूनियनपीडिया
संचार
Google Play पर पाएं
नई! अपने एंड्रॉयड डिवाइस पर डाउनलोड यूनियनपीडिया!
मुक्त
ब्राउज़र की तुलना में तेजी से पहुँच!
 

निर्माण सामग्री

सूची निर्माण सामग्री

बहुत से प्राकृतिक पदार्थ (मिट्टी, बालू, लकड़ी, चट्टानें, पत्तियाँ, आदि) निर्माण के लिये प्रयुक्त होते रहे हैं। इसके अलावा अब अनेक प्रकार के कृत्रिम या मानव-निर्मित पदार्थ भी निर्माण के लिये प्रयोग किये जाने लगे हैं; जैसे सीमेंट, इस्पात, अलुमिनियम, आदि। .

20 संबंधों: ठोस, धातु, परतदार पत्थर, प्लास्टिक, फुटबॉल, बलुआ पत्थर, बजरी, बेसाल्ट, भारत, मृत्तिकाशिल्प, लकड़ी, शैल, संगमर्मर, सीमेंट, हरसौंठ, ईंट, खपरैल और चौके, ग्रेनाइट, गृहनिर्माण के सामान, कांच

ठोस

ठोस (solid) पदार्थ की एक अवस्था है, जिसकी पहचान पदार्थ की संरचनात्मक दृढ़ता और विकृति (आकार, आयतन और स्वरूप में परिवर्तन) के प्रति प्रत्यक्ष अवरोध के गुण के आधार पर की जाती है। ठोस पदार्थों में उच्च यंग मापांक और अपरूपता मापांक होते है। इसके विपरीत, ज्यादातर तरल पदार्थ निम्न अपरूपता मापांक वाले होते हैं और श्यानता का प्रदर्शन करते हैं। भौतिक विज्ञान की जिस शाखा में ठोस का अध्ययन करते हैं, उसे ठोस-अवस्था भौतिकी कहते हैं। पदार्थ विज्ञान में ठोस पदार्थों के भौतिक और रासायनिक गुणों और उनके अनुप्रयोग का अध्ययन करते हैं। ठोस-अवस्था रसायन में पदार्थों के संश्लेषण, उनकी पहचान और रासायनिक संघटन का अध्ययन किया जाता है। .

नई!!: निर्माण सामग्री और ठोस · और देखें »

धातु

'धातु' के अन्य अर्थों के लिए देखें - धातु (बहुविकल्पी) ---- '''धातुएँ''' - मानव सभ्यता के पूरे इतिहास में सर्वाधिक प्रयुक्त पदार्थों में धातुएँ भी हैं लुहार द्वारा धातु को गर्म करने पर रसायनशास्त्र के अनुसार धातु (metals) वे तत्व हैं जो सरलता से इलेक्ट्रान त्याग कर धनायन बनाते हैं और धातुओं के परमाणुओं के साथ धात्विक बंध बनाते हैं। इलेक्ट्रानिक मॉडल के आधार पर, धातु इलेक्ट्रानों द्वारा आच्छादित धनायनों का एक लैटिस हैं। धातुओं की पारम्परिक परिभाषा उनके बाह्य गुणों के आधार पर दी जाती है। सामान्यतः धातु चमकीले, प्रत्यास्थ, आघातवर्धनीय और सुगढ होते हैं। धातु उष्मा और विद्युत के अच्छे चालक होते हैं जबकि अधातु सामान्यतः भंगुर, चमकहीन और विद्युत तथा ऊष्मा के कुचालक होते हैं। .

नई!!: निर्माण सामग्री और धातु · और देखें »

परतदार पत्थर

स्लेट से बनी छत स्लेट (Slate) महीन कणों वाला रूपान्तरित शैल है। यह बेलबूटेदार (foliated) और समांगी (homogeneous) होती है। श्रेणी:निर्माण सामग्री श्रेणी:कुट्टिम .

नई!!: निर्माण सामग्री और परतदार पत्थर · और देखें »

प्लास्टिक

विभिन्न प्रकार के प्लास्टिक से निर्मित घरेलू वस्तुएँ प्लास्टिक (Plastic), शंश्लेषित अथवा अर्धशंश्लेषित कार्बनिक ठोस पदार्थों के एक बड़े समूह का सामान्य नाम है। इससे बहुत सारे औद्योगिक उत्पाद निर्मित होते हैं। प्लास्टिक प्रायः उच्च अणुभार वाले बहुलक होते हैं जिनमें मूल्य कम करने या अधिक कार्यक्षम बनाने के लिये कुछ अन्य पदार्थ भी मिश्रित किये जा सकते है। प्लास्टिक पदार्थ और प्लास्टिक (पदार्थों के एक गुण) अलग-अलग हैं। एक गुण के रूप में प्लास्टिक उन पदार्थों की विशेषता का द्योतक है जो अधिक खींचने या तानने (विकृति पैदा करने) से स्थायी रूप से अपना रूप बदल देते हैं और अपने मूल स्वरूप में नहीं लौट पाते। .

नई!!: निर्माण सामग्री और प्लास्टिक · और देखें »

फुटबॉल

एसोसिएशन फुटबॉल जिसे आमतौर पर सिर्फ फुटबॉल (अंग्रेजी: फुट: पाद या पग, बॉल: गेंद) या सॉकर कहा जाता है, दुनिया के सबसे लोकप्रिय खेलों में से एक है। यह एक सामूहिक खेल है और इसे ग्यारह खिलाड़ियों के दो दलों के बीच खेला जाता हैं। फुटबॉल को सामान्यत: एक आयताकार घास या कृत्रिम घास के मैदान पर खेला जाता है जिसके दोनों छोरों पर एक एक गोल होता है। खिलाड़ियों द्वारा विरोधी दल के गोल में चालाकी से गेंद को डालना ही इस खेल का उद्देश्य है। खेल में गोलरक्षक ही एक मात्र ऐसा खिलाड़ी होता है जिसे गेंद को रोकने के लिए अपना हाथ इस्तेमाल करने की अनुमति होती है। दल के बाकी खिलाड़ी आमतौर पर गेंद को मारने (किक या पदाघात) के लिये अपने पैर का इस्तेमाल करते हैं तथा कभी कभी हवा में गेंद को रोकने के लिए वे अपने धड़ या फिर सिर का इस्तेमाल करते हैं। जो दल खेल के अंत या समय समाप्ति तक ज्यादा गोल करता है, विजयी रहता है। खेल के अंत यानि समय समाप्ति तक यदि स्कोर बराबर रहे तो उस मुकाबले को बराबर या ड्रा घोषित करना, या खेल को अतिरिक्त समय में ले जाना और/या पेनाल्टी शूट आउट के द्वारा हार जीत का फैसला करना सब प्रतियोगिता के स्वरुप पर निर्भर करता है। आधुनिक फुटबॉल को इंग्लैंड में द फुटबॉल एसोसिएशन (फुटबॉल संघ) के गठन के साथ कूटबद्ध किया गया और जिसके 1863 में बने लॉज़ ऑफ द गेम (खेल के कानून) के आधार पर ही आज फुटबॉल खेली जाती है। अंतरराष्ट्रीय आधार पर फुटबॉल का नियंत्रण Fédération Internationale de Football Association (फेडरेशन इंटरनेशनेल डी फुटबॉल एसोसिएशन) या एसोसिएशन फुटबॉल का अंतरराष्ट्रीय महासंघ जिसे संक्षेप में FIFA या फीफा कहा जाता है। फुटबॉल की सबसे प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय और लोकप्रिय प्रतियोगिता फीफा विश्व कप है, जिसका आयोजन हर चौथे वर्ष किया जाता है। इस प्रतियोगिता को व्यापक रूप से पूरे विश्व में देखा जाता है और इसके दर्शक ग्रीष्मकालीन ओलम्पिक खेलों को मिले दर्शकों से लगभग दुगने होते हैं। .

नई!!: निर्माण सामग्री और फुटबॉल · और देखें »

बलुआ पत्थर

बलुआ पत्थर का शैल बालुकाश्म या बलुआ पत्थर (सैण्डस्टोन) ऐसी दृढ़ शिला है जो मुख्यतया बालू के कणों का दबाव पाकर जम जाने से बनती है और किसी योजक पदार्थ से जुड़ी होती है। बालू के समान इसकी रचना में भी अनेक पदार्थ विभिन्न मात्रा में हो सकते हैं, किंतु इसमें अधिकांश स्फटिक ही होता है। जिस शिला में बालू के बहुत बड़े बड़े दाने मिलते हैं, उसे मिश्रपिंडाश्म और जिसमें छोटे छोटे दाने होते हैं उसे बालुमय शैल या मृण्मय शैल कहते हैं। .

नई!!: निर्माण सामग्री और बलुआ पत्थर · और देखें »

बजरी

छोटे पत्थर जिनको कंकड़ कहा जा सकता है। छोटे-छोटे कंकड़ बहुत छोटे पत्थर को कंकड़ कहते हैं। शैलों के छोटे-छोटे टुकड़ों को बजरी या 'कंकड़' (Gravel) कहते हैं। यहेक महत्वपूर्ण वाणिज्यिक पदार्थ है जो बहुत से कार्यों में प्रयुक्त होता है। यह सड़कों के उपरी तल पर बिछाने, प्लेटफॉर्म बनाने, कंक्रीट के निर्माण आदि के काम आता है। .

नई!!: निर्माण सामग्री और बजरी · और देखें »

बेसाल्ट

बेसाल्ट चट्टान का एक नमूना बेसाल्ट या बसाल्ट (अंग्रेज़ी: Basalt) एक प्रकार की बहिर्भेदी (ज्वालामुखीय) आग्नेय चट्टान है। इसका निर्माण बेसाल्टी लावा के धरातल पर आकार तेजी से जमने की वजह से होता है और इसी कारण यह कणविहीन या गैर-रवेदार रूप में पायी जाती है। .

नई!!: निर्माण सामग्री और बेसाल्ट · और देखें »

भारत

भारत (आधिकारिक नाम: भारत गणराज्य, Republic of India) दक्षिण एशिया में स्थित भारतीय उपमहाद्वीप का सबसे बड़ा देश है। पूर्ण रूप से उत्तरी गोलार्ध में स्थित भारत, भौगोलिक दृष्टि से विश्व में सातवाँ सबसे बड़ा और जनसंख्या के दृष्टिकोण से दूसरा सबसे बड़ा देश है। भारत के पश्चिम में पाकिस्तान, उत्तर-पूर्व में चीन, नेपाल और भूटान, पूर्व में बांग्लादेश और म्यान्मार स्थित हैं। हिन्द महासागर में इसके दक्षिण पश्चिम में मालदीव, दक्षिण में श्रीलंका और दक्षिण-पूर्व में इंडोनेशिया से भारत की सामुद्रिक सीमा लगती है। इसके उत्तर की भौतिक सीमा हिमालय पर्वत से और दक्षिण में हिन्द महासागर से लगी हुई है। पूर्व में बंगाल की खाड़ी है तथा पश्चिम में अरब सागर हैं। प्राचीन सिन्धु घाटी सभ्यता, व्यापार मार्गों और बड़े-बड़े साम्राज्यों का विकास-स्थान रहे भारतीय उपमहाद्वीप को इसके सांस्कृतिक और आर्थिक सफलता के लंबे इतिहास के लिये जाना जाता रहा है। चार प्रमुख संप्रदायों: हिंदू, बौद्ध, जैन और सिख धर्मों का यहां उदय हुआ, पारसी, यहूदी, ईसाई, और मुस्लिम धर्म प्रथम सहस्राब्दी में यहां पहुचे और यहां की विविध संस्कृति को नया रूप दिया। क्रमिक विजयों के परिणामस्वरूप ब्रिटिश ईस्ट इण्डिया कंपनी ने १८वीं और १९वीं सदी में भारत के ज़्यादतर हिस्सों को अपने राज्य में मिला लिया। १८५७ के विफल विद्रोह के बाद भारत के प्रशासन का भार ब्रिटिश सरकार ने अपने ऊपर ले लिया। ब्रिटिश भारत के रूप में ब्रिटिश साम्राज्य के प्रमुख अंग भारत ने महात्मा गांधी के नेतृत्व में एक लम्बे और मुख्य रूप से अहिंसक स्वतन्त्रता संग्राम के बाद १५ अगस्त १९४७ को आज़ादी पाई। १९५० में लागू हुए नये संविधान में इसे सार्वजनिक वयस्क मताधिकार के आधार पर स्थापित संवैधानिक लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित कर दिया गया और युनाईटेड किंगडम की तर्ज़ पर वेस्टमिंस्टर शैली की संसदीय सरकार स्थापित की गयी। एक संघीय राष्ट्र, भारत को २९ राज्यों और ७ संघ शासित प्रदेशों में गठित किया गया है। लम्बे समय तक समाजवादी आर्थिक नीतियों का पालन करने के बाद 1991 के पश्चात् भारत ने उदारीकरण और वैश्वीकरण की नयी नीतियों के आधार पर सार्थक आर्थिक और सामाजिक प्रगति की है। ३३ लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल के साथ भारत भौगोलिक क्षेत्रफल के आधार पर विश्व का सातवाँ सबसे बड़ा राष्ट्र है। वर्तमान में भारतीय अर्थव्यवस्था क्रय शक्ति समता के आधार पर विश्व की तीसरी और मानक मूल्यों के आधार पर विश्व की दसवीं सबसे बडी अर्थव्यवस्था है। १९९१ के बाज़ार-आधारित सुधारों के बाद भारत विश्व की सबसे तेज़ विकसित होती बड़ी अर्थ-व्यवस्थाओं में से एक हो गया है और इसे एक नव-औद्योगिकृत राष्ट्र माना जाता है। परंतु भारत के सामने अभी भी गरीबी, भ्रष्टाचार, कुपोषण, अपर्याप्त सार्वजनिक स्वास्थ्य-सेवा और आतंकवाद की चुनौतियां हैं। आज भारत एक विविध, बहुभाषी, और बहु-जातीय समाज है और भारतीय सेना एक क्षेत्रीय शक्ति है। .

नई!!: निर्माण सामग्री और भारत · और देखें »

मृत्तिकाशिल्प

चीनी पोर्सलीन का पात्र (किंग वंश, १८वीं शती) खपरैल मेक्सिको से प्राप्त योद्धा की मृतिकाशिल्प (तीसरी शती ईसापूर्व से चौथी शती ई के बीच) मृत्तिकाशिल्प 'सिरैमिक्स' (ceramics) का हिन्दी पर्याय है। ग्रीक भाषा के 'कैरेमिक' का अर्थ है - 'कुंभकार का शिल्प'। अमरीका में मृद भांड, दुर्गलनीय पदार्थ, कांच, सीमेंट, एनैमल तथा चूना उद्योग मृत्तिकाशिल्प के अंतर्गत हैं। गढ़ने तथा सुखाने के बाद अग्नि द्वारा प्रबलित मिट्टी या अन्य सुधट्य पदार्थ की निर्मिति को यूरोप में 'मृत्तिका शिल्प उत्पादन' कहते हैं। मृत्पदार्थो के निर्माण, उनके तकनीकी लक्षण तथा निर्माण में प्रयुक्त कच्चे माल से संबंधित उद्योग को हम मृत्तिकाशिल्प या सिरैमिक्स कहते हैं। मिट्टी के उत्पाद अनेक क्षेत्रों में, जैसे भवन निर्माण तथा सजावट, प्रयोगशाला, अस्पताल, विद्युत उत्पादन और वितरण, जलनिकास मलनिर्यास, पाकशाला, ऑटोमोबाइल तथा वायुयान आदि में काम आते हैं। .

नई!!: निर्माण सामग्री और मृत्तिकाशिल्प · और देखें »

लकड़ी

कई विशेषताएं दर्शाती हुई लकड़ी की सतह काष्ठ या लकड़ी एक कार्बनिक पदार्थ है, जिसका उत्पादन वृक्षों(और अन्य काष्ठजन्य पादपों) के तने में परवर्धी जाइलम के रूप में होता है। एक जीवित वृक्ष में यह पत्तियों और अन्य बढ़ते ऊतकों तक पोषक तत्वों और जल की आपूर्ति करती है, साथ ही यह वृक्ष को सहारा देता है ताकि वृक्ष खुद खड़ा रह कर यथासंभव ऊँचाई और आकार ग्रहण कर सके। लकड़ी उन सभी वानस्पतिक सामग्रियों को भी कहा जाता है, जिनके गुण काष्ठ के समान होते हैं, साथ ही इससे तैयार की जाने वाली सामग्रियाँ जैसे कि तंतु और पतले टुकड़े भी काष्ठ ही कहलाते हैं। सभ्यता के आरंभ से ही मानव लकड़ी का उपयोग कई प्रयोजनों जैसे कि ईंधन (जलावन) और निर्माण सामग्री के तौर पर कर रहा है। निर्माण सामग्री के रूप में इसका उपयोग मुख्य रूप भवन, औजार, हथियार, फर्नीचर, पैकेजिंग, कलाकृतियां और कागज आदि बनाने में किया जाता है। लकड़ी का काल निर्धारण कार्बन डेटिंग और कुछ प्रजातियों में वृक्षवलय कालक्रम के द्वारा किया जाता है। वृक्ष वलयों की चौड़ाई में साल दर साल होने वाले परिवर्तन और समस्थानिक प्रचुरता उस समय प्रचलित जलवायु का सुराग देते हैं। विभिन्न प्रकार के काष्ठ .

नई!!: निर्माण सामग्री और लकड़ी · और देखें »

शैल

कलराडो स्प्रिंग्स कंपनी का गार्डेन ऑफ् गॉड्स में स्थित ''संतुलित शैल'' कोस्टा रिका के ओरोसी के निकट की चट्टानें पृथ्वी की ऊपरी परत या भू-पटल (क्रस्ट) में मिलने वाले पदार्थ चाहे वे ग्रेनाइट तथा बालुका पत्थर की भांति कठोर प्रकृति के हो या चाक या रेत की भांति कोमल; चाक एवं लाइमस्टोन की भांति प्रवेश्य हों या स्लेट की भांति अप्रवेश्य हों, चट्टान अथवा शैल (रॉक) कहे जाते हैं। इनकी रचना विभिन्न प्रकार के खनिजों का सम्मिश्रण हैं। चट्टान कई बार केवल एक ही खनिज द्वारा निर्मित होती है, किन्तु सामान्यतः यह दो या अधिक खनिजों का योग होती हैं। पृथ्वी की पपड़ी या भू-पृष्ठ का निर्माण लगभग २,००० खनिजों से हुआ है, परन्तु मुख्य रूप से केवल २० खनिज ही भू-पटल निर्माण की दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं। भू-पटल की संरचना में ऑक्सीजन ४६.६%, सिलिकन २७.७%, एल्यूमिनियम ८.१ %, लोहा ५%, कैल्सियम ३.६%, सोडियम २.८%, पौटैशियम २.६% तथा मैग्नेशियम २.१% भाग का निर्माण करते हैं। .

नई!!: निर्माण सामग्री और शैल · और देखें »

संगमर्मर

ताजमहल, एक विश्व प्रसिद्ध स्मारक, जो कि प्रेम हेतु सृजित है, एक संगमरमर में तराशी कलाकृति रोमन देवी, वीनस की मूर्ती संगमरमर या सिर्फ मरमर (फारसी:سنگ مرمر) एक कायांतरित शैल है, जो कि चूना पत्थर के कायांतरण का परिणाम है। यह अधिकतर कैलसाइट का बना होता है, जो कि कैल्शियम कार्बोनेट (CaCO3) का स्फटिकीय रूप है। यह शिल्पकला के लिये निर्माण अवयव हेतु प्रयुक्त होता है। इसका नाम फारसी से निकला है, जिसका अर्थ है मुलायम पत्थर। संग-पत्थर, ए-का, मर्मर-मुलायम .

नई!!: निर्माण सामग्री और संगमर्मर · और देखें »

सीमेंट

सीमेंट का उपयोग। सीमेंट आधुनिक भवन निर्माण मे प्रयुक्त होने वाली एक प्राथमिक सामग्री है। सीमेंट मुख्यतः कैल्शियम के सिलिकेट और एलुमिनेट यौगिकों का मिश्रण होता है, जो कैल्शियम ऑक्साइड, सिलिका, एल्यूमीनियम ऑक्साइड और लौह आक्साइड से निर्मित होते हैं। सीमेंट बनाने कि लिये चूना पत्थर और मृत्तिका (क्ले) के मिश्रण को एक भट्ठी में उच्च तापमान पर जलाया जाता है और तत्पश्चात इस प्रक्रिया के फल:स्वरूप बने खंगर (क्लिंकर) को जिप्सम के साथ मिलाकर महीन पीसा जाता है और इस प्रकार जो अंतिम उत्पाद प्राप्त होता है उसे साधारण पोर्टलैंड सीमेंट (सा.पो.सी.) कहा जाता है। भारत में, सा.पो.सी.

नई!!: निर्माण सामग्री और सीमेंट · और देखें »

हरसौंठ

हरसौंठ हरसौंठ (जिप्सम) (Ca SO4, 2H2o) एक तहदार खनिज है जिसे 'सैलैनाइट' भी कहते हैं। रासायनिक संरचना की दृष्टि से यह कैल्सियम का सल्फेट है, जिसमें जल के भी दो अणु रहते हैं। गरम करने से जल के अणु निकल जाते हैं और यह अजल हो जाता है। आकृति में यह दानेदार संगमर्मर सदृश होता है। ऐसे हरसौंठ को सेलेनाइट या सेलखड़ी (अलाबास्टर) कहते हैं। नमक की खानों में नमक के साथा हरसौंठ भी मिला रहता है। समुद्र के पानी में भी हरसौंठ रहता है। समुद्री पानी को सुखाने पर जो लवण प्राप्त होते हैं उनमें हरसौंठ के मणिभ पाए जाते हैं। .

नई!!: निर्माण सामग्री और हरसौंठ · और देखें »

ईंट

शीर्षों और चौखटों के वैकल्‍पिक विधियों के साथ रखा गया अंग्रेजी बंध पत्र में पुरानी ईंट की दीवार ऐतिहासिक नत्चितोचेस, लुइसियाना में ईंट से निर्मिति केन नदी के साथ सामने की गली चिनाई के कार्य में उपयोग किया जाने वाला ईंट मिट्टी का ब्लॉक है, जिन्हें सामान्‍यत: विभिन्‍न प्रकार के गारे का उपयोग कर चिना जाता है। .

नई!!: निर्माण सामग्री और ईंट · और देखें »

खपरैल और चौके

खपरैल से निर्मित छत खपरैल एवं चौके (टाइल) प्रायः छतों, फर्श, एवं दीवारों को ढकने के काम आते हैं। इन्हें किसी सिरैमिक, पत्थर, धातु या कांच जैसी कठिनाई से घिसने वाले पदार्थ से बनाया जाता है। .

नई!!: निर्माण सामग्री और खपरैल और चौके · और देखें »

ग्रेनाइट

ग्रेनाइट पाषाण का निकट दृश्य ग्रैनाइट (Granite, कणाशम) मणिभीय दानेदार शिला है, जिसके प्रमुख अवयव स्फटिक (quartz) और फेल्स्पार (feldspar) हैं। यह आग्नेय (इग्नेयस) पाषाण है। 'ग्रैनाइट' शब्द का सर्वप्रथम उपयोग प्राचीन इटालियन संग्रहकर्ताओं ने किया था। रोम के शिल्पकार फ्लेमिनियस वेका के एक वर्णन में इसका प्रथम सन्दर्भ मिलता है। ग्रैनाइट पृथ्वी के प्रत्येक में पाया जाता है। भारत में भी यह प्रचुरता से मिलता है। मैसूर, उत्तर आरकट, मद्रास, राजपूताना, सलेम, बुंदेलखंड और सिंहभूमि में पर्याप्त प्राप्त होता है। हिमालय प्रदेशों में भी ग्रैनाइट शिलाएँ विद्यमान हैं। तमिलनाडु के तंजावुर नगर में स्थित वृहदेश्वर मंदिर विश्व का पहला ऐसा मंदिर है जो ग्रेनाइट पत्थर से बनाया गया है। .

नई!!: निर्माण सामग्री और ग्रेनाइट · और देखें »

गृहनिर्माण के सामान

प्राचीन समय से ही संसार के अनेक भागों में विविध प्रकार की शिलाएँ भवननिर्माण के कार्यों में आती रहीं हैं। भारत भी उन कतिपय देशों में हे जो इस कार्य में सहस्रों वर्षों से निपुण रहे हैं और आज भी विभिन्न प्रकार के पत्थरों से निर्मित्त अनेक भवन हमारी सभ्यता और संस्कृति का संदेश दे रहे हैं। मध्यकाल एवं आधुनिक काल में भी अनेक भवन इन पत्थरों से बनाए गए, जो सुंदरता के उत्कृष्ट उदाहरण हैं। भवननिर्माण में प्रयुक्त शिलाओं में कुछ विशेषताएँ होनी आवश्यक हैं, उदाहरणार्थ ऋतुक्षरण रोकने की क्षमता, खनन में सुगमता, वर्ण एवं सुंदरता आदि। निर्माणशिलाओं में निम्नांकित मुख्य है: .

नई!!: निर्माण सामग्री और गृहनिर्माण के सामान · और देखें »

कांच

स्वच्छ पारदर्शी कांच का बना प्रकाश बल्ब काच, काँच या कांच (glass) एक अक्रिस्टलीय ठोस पदार्थ है। कांच आमतौर भंगुर और अक्सर प्रकाशीय रूप से पारदर्शी होते हैं। काच अथव शीशा अकार्बनिक पदार्थों से बना हुआ वह पारदर्शक अथवा अपारदर्शक पदार्थ है जिससे शीशी बोतल आदि बनती हैं। काच का आविष्कार संसार के लिए बहुत बड़ी घटना थी और आज की वैज्ञानिक उन्नति में काच का बहुत अधिक महत्व है। किन्तु विज्ञान की दृष्टि से 'कांच' की परिभाषा बहुत व्यापक है। इस दृष्टि से उन सभी ठोसों को कांच कहते हैं जो द्रव अवस्था से ठण्डा होकर ठोस अवस्था में आने पर क्रिस्टलीय संरचना नहीं प्राप्त करते। सबसे आम काच सोडा-लाइम काच है जो शताब्दियों से खिड़कियाँ और गिलास आदि बनाने के काम में आ रहा है। सोडा-लाइम कांच में लगभग 75% सिलिका (SiO2), सोडियम आक्साइड (Na2O) और चूना (CaO) और अनेकों अन्य चीजें कम मात्रा में मिली होती हैं। काँच यानी SiO2 जो कि रेत का अभिन्न अंग है। रेत और कुछ अन्य सामग्री को एक भट्टी में लगभग 1500 डिग्री सैल्सियस पर पिघलाया जाता है और फिर इस पिघले काँच को उन खाँचों में बूंद-बूंद करके उंडेला जाता है जिससे मनचाही चीज़ बनाई जा सके। मान लीजिए, बोतल बनाई जा रही है तो खाँचे में पिघला काँच डालने के बाद बोतल की सतह पर और काम किया जाता है और उसे फिर एक भट्टी से गुज़ारा जाता है। .

नई!!: निर्माण सामग्री और कांच · और देखें »

निवर्तमानआने वाली
अरे! अब हम फेसबुक पर हैं! »