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डेनमार्क ओपेन

सूची डेनमार्क ओपेन

डेनमार्क ओपेन, जिसे पहले डैनिश ओपेन के नाम से भी जाना जाता था, एक वार्षिक बैडमिंटन प्रतियोगिता है जिसका आयोजन डैनमार्क्स बैडमिंटन फोर्बंड द्वारा डेनमार्क में होता है। .

12 संबंधों: डेनमार्क, द्वितीय विश्वयुद्ध, प्रकाश पादुकोण, बैडमिंटन, लिएम स्वी किंग, लिन डान, ली चोंग वेई, ली झुइरुई, साइना नेहवाल, वांग झिन (बैडमिंटन), वांग यिहान, कोपनहेगन

डेनमार्क

डेनमार्क या डेनमार्क राजशाही (डैनिश: Danmark या Kongeriget Danmark) स्कैंडिनेविया, उत्तरी यूरोप में स्थित एक देश है। इसकी भूसीमा केवल जर्मनी से मिलती है, जबकी उत्तरी सागर और बाल्टिक सागर इसे स्वीडन से अलग करते हैं। यह देश जूटलैंड प्रायद्वीप पर हज़ारों द्वीपों में फैला हुआ है। डेनमार्क ने लंबे समय तक बाल्टिक सागर को जाने वाले मार्गों को नियंत्रित किया है और इस जलराशी को डैनिश खाड़ी के नाम से जाना जाता है। इसके छोटे आकार के विपरीत इसकी समुद्री सीमा बहुत लम्बी है लगभग ७,३१४ किमी। डेनमार्क अधिकांशतः एक समतल देश है और समुद्र तल से अधिकतम ऊँचाई वाला स्थान केवल १७० मीटर ऊँचा है। फ़रो द्वीप समूह और ग्रीनलैंड डेनमार्क के अधीनस्थ है। २००८ के वैश्विक शांति सूचकांक के अनुसार डेनमार्क, आइसलैंड के बाद विश्व का सबसे शांत देश है। २००८ के ही भ्रष्टाचार दृष्टिकोण सूचकांक के अनुसार यह विश्व के सबसे कम भ्रष्ट देशों में से है और न्यूज़ीलैंड और स्वीडन के साथ पहले स्थान पर है। मोनोक्ल पत्रिका के २००८ के एक सर्वेक्षण के अनुसार इसकी राजधानी कॉपनहेगन रहने योग्य सर्वाधिक उपयुक्त नगर है। वर्ष २००९ में देश की अनुमानित जनसंख्या ५५,१९,२५९ है। .

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द्वितीय विश्वयुद्ध

द्वितीय विश्वयुद्ध १९३९ से १९४५ तक चलने वाला विश्व-स्तरीय युद्ध था। लगभग ७० देशों की थल-जल-वायु सेनाएँ इस युद्ध में सम्मलित थीं। इस युद्ध में विश्व दो भागों मे बँटा हुआ था - मित्र राष्ट्र और धुरी राष्ट्र। इस युद्ध के दौरान पूर्ण युद्ध का मनोभाव प्रचलन में आया क्योंकि इस युद्ध में लिप्त सारी महाशक्तियों ने अपनी आर्थिक, औद्योगिक तथा वैज्ञानिक क्षमता इस युद्ध में झोंक दी थी। इस युद्ध में विभिन्न राष्ट्रों के लगभग १० करोड़ सैनिकों ने हिस्सा लिया, तथा यह मानव इतिहास का सबसे ज़्यादा घातक युद्ध साबित हुआ। इस महायुद्ध में ५ से ७ करोड़ व्यक्तियों की जानें गईं क्योंकि इसके महत्वपूर्ण घटनाक्रम में असैनिक नागरिकों का नरसंहार- जिसमें होलोकॉस्ट भी शामिल है- तथा परमाणु हथियारों का एकमात्र इस्तेमाल शामिल है (जिसकी वजह से युद्ध के अंत मे मित्र राष्ट्रों की जीत हुई)। इसी कारण यह मानव इतिहास का सबसे भयंकर युद्ध था। हालांकि जापान चीन से सन् १९३७ ई. से युद्ध की अवस्था में था किन्तु अमूमन दूसरे विश्व युद्ध की शुरुआत ०१ सितम्बर १९३९ में जानी जाती है जब जर्मनी ने पोलैंड पर हमला बोला और उसके बाद जब फ्रांस ने जर्मनी पर युद्ध की घोषणा कर दी तथा इंग्लैंड और अन्य राष्ट्रमंडल देशों ने भी इसका अनुमोदन किया। जर्मनी ने १९३९ में यूरोप में एक बड़ा साम्राज्य बनाने के उद्देश्य से पोलैंड पर हमला बोल दिया। १९३९ के अंत से १९४१ की शुरुआत तक, अभियान तथा संधि की एक शृंखला में जर्मनी ने महाद्वीपीय यूरोप का बड़ा भाग या तो अपने अधीन कर लिया था या उसे जीत लिया था। नाट्सी-सोवियत समझौते के तहत सोवियत रूस अपने छः पड़ोसी मुल्कों, जिसमें पोलैंड भी शामिल था, पर क़ाबिज़ हो गया। फ़्रांस की हार के बाद युनाइटेड किंगडम और अन्य राष्ट्रमंडल देश ही धुरी राष्ट्रों से संघर्ष कर रहे थे, जिसमें उत्तरी अफ़्रीका की लड़ाइयाँ तथा लम्बी चली अटलांटिक की लड़ाई शामिल थे। जून १९४१ में युरोपीय धुरी राष्ट्रों ने सोवियत संघ पर हमला बोल दिया और इसने मानव इतिहास में ज़मीनी युद्ध के सबसे बड़े रणक्षेत्र को जन्म दिया। दिसंबर १९४१ को जापानी साम्राज्य भी धुरी राष्ट्रों की तरफ़ से इस युद्ध में कूद गया। दरअसल जापान का उद्देश्य पूर्वी एशिया तथा इंडोचायना में अपना प्रभुत्व स्थापित करने का था। उसने प्रशान्त महासागर में युरोपीय देशों के आधिपत्य वाले क्षेत्रों तथा संयुक्त राज्य अमेरीका के पर्ल हार्बर पर हमला बोल दिया और जल्द ही पश्चिमी प्रशान्त पर क़ब्ज़ा बना लिया। सन् १९४२ में आगे बढ़ती धुरी सेना पर लगाम तब लगी जब पहले तो जापान सिलसिलेवार कई नौसैनिक झड़पें हारा, युरोपीय धुरी ताकतें उत्तरी अफ़्रीका में हारीं और निर्णायक मोड़ तब आया जब उनको स्तालिनग्राड में हार का मुँह देखना पड़ा। सन् १९४३ में जर्मनी पूर्वी युरोप में कई झड़पें हारा, इटली में मित्र राष्ट्रों ने आक्रमण बोल दिया तथा अमेरिका ने प्रशान्त महासागर में जीत दर्ज करनी शुरु कर दी जिसके कारणवश धुरी राष्ट्रों को सारे मोर्चों पर सामरिक दृश्टि से पीछे हटने की रणनीति अपनाने को मजबूर होना पड़ा। सन् १९४४ में जहाँ एक ओर पश्चिमी मित्र देशों ने जर्मनी द्वारा क़ब्ज़ा किए हुए फ़्रांस पर आक्रमण किया वहीं दूसरी ओर से सोवियत संघ ने अपनी खोई हुयी ज़मीन वापस छीनने के बाद जर्मनी तथा उसके सहयोगी राष्ट्रों पर हमला बोल दिया। सन् १९४५ के अप्रैल-मई में सोवियत और पोलैंड की सेनाओं ने बर्लिन पर क़ब्ज़ा कर लिया और युरोप में दूसरे विश्वयुद्ध का अन्त ८ मई १९४५ को तब हुआ जब जर्मनी ने बिना शर्त आत्मसमर्पण कर दिया। सन् १९४४ और १९४५ के दौरान अमेरिका ने कई जगहों पर जापानी नौसेना को शिकस्त दी और पश्चिमी प्रशान्त के कई द्वीपों में अपना क़ब्ज़ा बना लिया। जब जापानी द्वीपसमूह पर आक्रमण करने का समय क़रीब आया तो अमेरिका ने जापान में दो परमाणु बम गिरा दिये। १५ अगस्त १९४५ को एशिया में भी दूसरा विश्वयुद्ध समाप्त हो गया जब जापानी साम्राज्य ने आत्मसमर्पण करना स्वीकार कर लिया। .

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प्रकाश पादुकोण

प्रकाश पडुकोण एक प्रसिद्ध भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी थे। इनका जन्म १० जून, १९५५ को हुआ था और वे कर्नाटक के रहने वाले थे। भारत में बैडमिंटन के कई महान एकल खिलाड़ी हुए हैं, लेकिन भारतीय बैडमिंटन के बारे में दुनिया के दृष्टिकोण पर सबसे गहरा असर पादुकोण ने डाला। इन्होंने ही सबसे पहले यह दिखाया था कि चीनियों का मुकाबला कैसे किया जा सकता है। नियंत्रण और सटिकता का इस्तेमाल करते हुए वे खेल को धीमा करके अपनी गति पर ले आते थे और उनकी चतुराई उन्हें डगमगा देती थी। १९८१ में कुआलालंपुर में विश्व कप फाइनल में हान जियान को १५-० से ध्वस्त कर दिए थे। ये लगातार नौ साल 1971 से 1979 तक वरिष्ठ राष्ट्रीय चैंपियन रहे | प्रसिद्ध हिन्दी फ़िल्म अभिनेत्री दीपिका पादुकोण इन्हीं की बेटी है। .

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बैडमिंटन

बैडमिंटन रैकेट से खेला जानेवाला एक खेल है, जो दो विरोधी खिलाडियों (एकल) या दो विरोधी जोड़ों (युगल) द्वारा नेट से विभाजित एक आयताकार कोर्ट में आमने-सामने खेला जाता है खिलाड़ी अपने रैकेट से शटलकॉक को मारकर के अपने विरोधी पक्ष के कोर्ट के आधे हिस्से में गिराकर प्वाइंट्स प्राप्त करते हैं। एक रैली तब समाप्त हो जाती है जब शटलकॉक मैदान पर गिर जाता है। प्रत्येक पक्ष शटलकॉक के उस पार जाने से पहले उस पर सिर्फ़ एक बार वार कर सकता है। शटलकॉक (या शटल) चिड़ियों के पंखों से बना प्रक्षेप्य है, जिसकी अनोखी उड़ान भरने की क्षमता के कारण यह अधिकांश रैकेट खेलों की गेंदों की तुलना में अलग तरह से उड़ा करती है। खासतौर पर, पंख कहीं ज़्यादा ऊंचाई तक खिंची जा सकती हैं, जिस कारण गेंद की तुलना में शटलकॉक कहीं अधिक तेज़ी से अवत्वरण करता है। अन्य रैकेट के खेलों की तुलना में शटलकॉक की शीर्ष गति बहुत अधिक होती है। चूंकि शटलकॉक की उड़ान हवा से प्रभावित होती है, इसीलिए बैडमिंटन प्रतिस्पर्धा इनडोर में ही खेलना अच्छा होता है। कभी-कभी मनोरंजन के लिए बगीचे या समुद्र तट पर भी खुले में बैडमिंटन खेला जाता है। सन् 1992 से, पांच प्रकार के आयोजनों के साथ बैडमिंटन एक ओलम्पिक खेल रहा है: पुरुषों और महिलाओं के एकल, पुरुषों और महिलाओं के युगल और मिश्रित युगल, जिसमें प्रत्येक जोड़ी में एक पुरूष और एक महिला होती है। खेल के उच्च स्तर पर, खेल उत्कृष्ट शारीरिक फिटनेस की मांग करता है: खिलाड़ियों को एरोबिक क्षमता, दक्षता, शक्ति, गति और दुरूस्तता की आवश्यकता होती है। यह एक तकनीकी खेल भी है, इसमें अच्छे संचालन समन्वय और परिष्कृत रैकेट जुम्बिशों के विकास की ज़रुरत होती है। .

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लिएम स्वी किंग

लिएम स्वी किंग (जन्म 28 फरवरी 1956 कुदुस में) एक भूतपूर्व इंडोनेशियाई बैडमिंटन खिलाड़ी हैं जो १९७० से मध्य-1980 के दशक तक सक्रिय रहे। उन्होंने ऑल इंग्लैंड ओपेन बैडमिंटन प्रतियोगिता 1978, 1979 और 1981 में तीन बार जीती। मॉर्टेन फ्रोस्ट (डेनमार्क), हान जिआन और लुआन जिआन (चीन) और प्रकाश पादुकोण (भारत), के समतुल्य वह अपने समय के शीर्षतम पुरुष बैडमिंटन खिलाड़ियों में एक गिने जाते थे। पुरुष एकल व युगल दोनों में ही वो अपने समय के शीर्ष पुरुष बैडमिंटन खिलाड़ी माने जाते थे। उन्हें उनके अति तीव्र गति वाले कूदकर मारे गये स्मैश शॉट के लिए भी जाना जाता था। .

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लिन डान

लिन डान (जन्म अक्टूबर 14, 1983 लोंग्यान, फुजिआन) चीन से एक पेशेवर बैडमिंटन खिलाड़ी हैं। वह दो बार के ओलम्पिक स्वर्ण पदक विजेता हैं, पांच बार के विश्व विजेता हैं, और पांच बार के ऑल इंग्लैंड विजेता हैं। कई लोगों द्वारा सर्वकालिक महान एकल बैडमिंटन खिलाडी के रूप में पहचाने गये, 28 वर्ष की ही उम्र में लिन ने बैडमिंटन जगत के सभी ९ मुख्य खिताब जीतकर सुपर ग्रैंड स्लैम जीत लिया था। ओलम्पिक खेल, विश्व प्रतियोगिताएँ, विश्व कप, थॉमस कप, सुदिरमान कप, सुपर सीरीज़ मास्टर्स फ़ाइनल्स, ऑल इंग्लैंड ओपेन, एशियाई खेल, और एशियाई प्रतियोगिताएँ जीतकर ऐसा करने वाले वो पहले और एकमात्र खिलाड़ी बने हुए हैं। वह पहले पुरुष बैडमिंटन खिलाडी भी हैं जिन्होंने ओलम्पिक पुरुष एकल का स्वर्ण पदक लगातार दो बार पहले 2008 और बाद में 2012 में जीता है। २००४ में ऑल इंग्लैंड ओपेन जीतने पर लिन डान को प्रतिद्वंदी पीटर गेड ने "सुपर डान" के नाम से नवाज़ा। इसके बाद से ही यह नाम उनके लिये उनके प्रशंसकों व मीडिया द्वारा उन्हें पुकारने या पहचानने के लिये किया जाता है। Lin has been in a relationship with झी झिंगफैंग, herself a former world champion, since 2003.

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ली चोंग वेई

दातुक ली चोंग वेई (सरलीकृत चीनी: 李宗伟; जन्म 21 अक्टूबर 1982) मलेशियाई पेशेवर बैडमिंटन खिलाड़ी हैं। बुकित मर्ताजम के निवासी ली विश्व के सर्वश्रेष्ठ बैडमिंटन खिलाड़ियों में से एक हैं। एकल खिलाड़ी के रूप में ली 21 अगस्त 2008 से 14 जून तक 2012 लगातार 199 हफ्तों तक विश्व रैंकिंग में नंबर एक खिलाड़ी रहे। राशिद सीडक और रोसलिन हाशिम के पश्चात वे तीसरे ऐसे मलेशियाई खिलाड़ी हैं जिन्हें प्रथम रैंक प्राप्त हुई और पहले ऐसे मलेशियाई खिलाड़ी जो दो सप्ताह से अधिक इस स्थान पर काबिज रहे। .

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ली झुइरुई

ली शुइरुई (Li Xuirui) (जन्म: जनवरी २४, १९९१ चौंगक़्विंग में) चीन की एक महिला बैडमिंटन खिलाड़ी हैं और अपने समय की सफलतम खिलाड़ियों में गिनी जाती हैं। लंबे समय तक शीर्ष पर रहने के बाद अब वह विश्व की चौथे वरीयता की महिला एकल बैडमिंटन खिलाड़ी हैं और २०१२ की ओलम्पिक स्वर्ण पदक विजेता हैं। २०१३ विश्व बैडमिंटन प्रतियोगिता में वह उपविजेता रह चुकी हैं। .

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साइना नेहवाल

साइना नेहवाल (जन्म:१७ मार्च १९९०) भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी हैं। वर्तमान में वह दुनिया की शीर्ष वरीयता प्राप्त महिला बैडमिंटन खिलाडी हैं तथा इस मुकाम तक पहुँचने वाली वे प्रथम भारतीय महिला हैं। साथ ही एक महीने में तीसरी बार प्रथम वरीयता पाने वाली भी वो अकेली महिला खिलाडी हैं। लंदन ओलंपिक २०१२ मे साइना ने इतिहास रचते हुए बैडमिंटन की महिला एकल स्पर्धा में कांस्य पदक हासिल किया। बैडमिंटन मे ऐसा करने वाली वे भारत की पहली खिलाड़ी हैं। २००८ में बीजिंग में आयोजित हुए ओलंपिक खेलों मे भी वे क्वार्टर फाइनल तक पहुँची थी। वह बीडबल्युएफ विश्व कनिष्ठ प्रतियोगिता जीतने वाली पहली भारतीय हैं। वर्तमान में वह शीर्ष महिला भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी हैं और भारतीय बैडमिंटन लीग में अवध वैरियर्स की तरफ से खेलती हैं। साइना भारत सरकार द्वारा पद्म श्री और सर्वोच्च खेल पुरस्कार राजीव गाँधी खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित हो चुकीं हैं। .

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वांग झिन (बैडमिंटन)

वांग शिन (जन्म नवम्बर 10, 1985 शेनयांग, लिओनिंग) चीन की एक बैडमिंटन खिलाड़ी हैं जो कि पूर्व शीर्ष वरीय महिला खिलाड़ी भी रह चुकी हैं। उन्होंने 2012 ग्रीष्मकालीन ओलम्पिक में चीन का प्रतिनिधित्व करते हुए कांस्य पदक के मुकाबले तक बेहतरीन प्रदर्शन किया लेकिन घुटनों में चोटिल हो जाने की वजह से उन्हें बाहर होना पड़ा और कांस्य पदक का मैच भारत की साइना नेहवाल ने 21–18, 1–0 (आगे) अंकों से जीत लिया। .

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वांग यिहान

वांग यिहान (Wang Yihan) (जन्म जनवरी 18, 1988 शंघाई) चीन की एक पेशेवर महिला बैडमिंटन खिलाड़ी हैं और भूतपूर्व महिला एकल विश्व विजेता भी हैं। वांग ने अपने बैडमिंटन सफर की शुरुआत मात्र ९ वर्ष की उम्र में अपने प्रशिक्षक वांग पेंग्रेन की देखरेख में शुरु की। उन्हें चीन की कनिष्ठ टीम के लिए २००४ में चुना गया और २००६ में वरिष्ठ टीम में चुने जाने के बाद वह विश्व बैडमिंटन पटल पर छा गयीं। अक्टूबर २००९ तक वह शीर्ष महिला एकल बैडमिंटन खिलाड़ी बन चुकी थीं। वर्तमान में वह पूर्व ओलम्पिक स्वर्ण विजेता झांग निंग से प्रशिक्षण ले रही हैं। .

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कोपनहेगन

कोपनहेगन (डैनिश: København), डेनमार्क की राजधानी और सबसे बड़ा नगर है, जिसकी नगरीय जनसंख्या ११,६७,५६९ (२००९) और महानगरीय जनसंख्या १८,७५,१७९ (२००९) है। कोपेनहेगन जीलण्ड और अमागर द्वीपों पर बसा हुआ है। इस क्षेत्र के प्रथम लिखित दस्तावेज ११वीं सदी के हैं और कोपनहेगन १५वीं सदी के आरम्भ में और क्रिस्चियन चतुर्थ के शासनकाल में डेनमार्क की राजधानी बना। वर्ष २००० में ओरेसण्ड सेतु के पूरा होने के साथ ही कोपनहेगन ओरेसण्ड क्षेत्र का केन्द्र बन गया है। इस क्षेत्र में, कोपनहेगन और स्वीडन का माल्मो नगर मिलकर एक आम महानगरीय क्षेत्र बनने की प्रकिया में है। ५० किमी के अर्धव्यास में २७ लाख लोगों के साथ, कोपनहेगन उत्तरी यूरोप के सबसे सघन क्षेत्रों में से एक है। नॉर्डिक देशों में कोपनहेगन सर्वाधिक पधारा जाने वाला देश है जहाँ पर २००७ में १३ लाख विदेशी पर्यटक आए। कोपनहेगन को बारम्बार एक ऐसे नगर के रूप में पहचान मिली है जहाँ का जीवन स्तर विश्व में सर्वश्रेष्ठ में से एक है। यह दुनिया के सबसे पर्यावरण-अनुकूल नगरों में से एक माना जाता है। भीतरी बन्दरगाह का पानी इतना साफ़ है की उसमें तैरा जा सकता है और प्रतिदिन ३६% निवासी साइकिल से काम पर जाते हैं, यानी की प्रतिदिन ११ लाख किमी की साइकिल यात्रा यहाँ की जाती है। यहाँ कोपेनहेगन विश्वविद्यालय, इंस्टिट्यूट फ़ॉर थियोरेटिकल फ़िजिक्स (१९२० ई.), रॉयल डैनिश जीओग्राफ़िकल सोसायटी (१८७६ ई.), अनेक शिक्षण एवं गवेषणा संस्थाएँ तथा तीन प्रमुख संग्रहालय हैं। यहाँ के रॉयल पुस्तकालय में लगभग १५,००,००० पुस्तकें हैं। नगर में अनेक प्रमोद वन, झीलें एवं भव्य भवन हैं जिनका निर्माण क्रिश्चियन चतुर्थ (१५८८-१६४८ ई.) तथा फ्रेंडरिक पंचम (१७४६-१७६६ ई.) के शासनकाल में हुआ था। .

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