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गंडभेरुंड

सूची गंडभेरुंड

गंडभेरुंड गंडभेरुंड एक काल्पनिक पक्षी जिसका अंकन भारतीय कला में पाया जाता है। इसके एक धड़ गरुड़ के सदृश होता है। यह अपने दोनों चोंच तथा पंजे में हाथी दबोचे अंकित किया जाता है। इसका प्राचीनतम अंकन विजयनगर के आरंभकालिक कतिपय सिक्कों पर पाया जाता है दक्षिण के शैव मंदिरों में उत्सव मूर्तियों के रूप में गंडभेरुंड देखने में आता है। मैसूर रियासत के राजचिन्ह के रूप में इस प्रतीक का प्रयोग हुआ है। इस पक्षी के संबंध में जनश्रुति है कि हिरण्यकश्यप के मारने के पश्चात् भी जब नृसिंह का क्रोध शांत नहीं हुआ तब गंडभेरुंड उन्हें अपने पंजे में दबोच कर आकाश में ले उड़ा था। .

8 संबंधों: नरसिंह, पक्षी, भारतीय कला, मुद्रा (भाव भंगिमा), हाथी, हिरण्यकशिपु, विजयनगर, गरुड़

नरसिंह

प्रहलाद एवं उसकी माता '''नरसिंहावतार''' को हिरण्यकश्यप के वध के समय नमन करते हुए नरसिंह नर + सिंह ("मानव-सिंह") को पुराणों में भगवान विष्णु का अवतार माना गया है। जो आधे मानव एवं आधे सिंह के रूप में प्रकट होते हैं, जिनका सिर एवं धड तो मानव का था लेकिन चेहरा एवं पंजे सिंह की तरह थे वे भारत में, खासकर दक्षिण भारत में वैष्णव संप्रदाय के लोगों द्वारा एक देवता के रूप में पूजे जाते हैं जो विपत्ति के समय अपने भक्तों की रक्षा के लिए प्रकट होते हैं। .

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पक्षी

pages.

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भारतीय कला

अजन्ता गुफा में चित्रित '''बोधि''' नृत्य करती हुई अप्सरा (१२वीं शताब्दी) भारतीय कला का एक नमूना - '''बनीठनी'''; किशनगढ़, जयपुर, राजस्थान कला, संस्कृति की वाहिका है। भारतीय संस्कृति के विविध आयामों में व्याप्त मानवीय एवं रसात्मक तत्व उसके कला-रूपों में प्रकट हुए हैं। कला का प्राण है रसात्मकता। रस अथवा आनन्द अथवा आस्वाद्य हमें स्थूल से चेतन सत्ता तक एकरूप कर देता है। मानवीय संबन्धों और स्थितियों की विविध भावलीलाओं और उसके माध्यम से चेतना को कला उजागार करती है। अस्तु चेतना का मूल ‘रस’ है। वही आस्वाद्य एवं आनन्द है, जिसे कला उद्घाटित करती है। भारतीय कला जहाँ एक ओर वैज्ञानिक और तकनीकी आधार रखती है, वहीं दूसरी ओर भाव एवं रस को सदैव प्राणतत्वण बनाकर रखती है। भारतीय कला को जानने के लिये उपवेद, शास्त्र, पुराण और पुरातत्त्व और प्राचीन साहित्य का सहारा लेना पड़ता है। .

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मुद्रा (भाव भंगिमा)

---- एक मुद्रा (संस्कृत: मुद्रा, (अंग्रेजी में: "seal", "mark," या "gesture")) हिंदू धर्म और बौद्ध धर्म में एक प्रतीकात्मक या आनुष्ठानिक भाव या भाव-भंगिमा है। जबकि कुछ मुद्राओं में पूरा शरीर शामिल रहता है, लेकिन ज्यादातर मुद्राएं हाथों और उंगलियों से की जाती हैं। एक मुद्रा एक आध्यात्मिक भाव-भंगिमा है और भारतीय धर्म तथा धर्म और ताओवाद की परंपराओं के प्रतिमा शास्त्र व आध्यात्मिक कर्म में नियोजित प्रामाणिकता की एक ऊर्जावान छाप है। नियमित तांत्रिक अनुष्ठानों में एक सौ आठ मुद्राओं का प्रयोग होता है। योग में, आम तौर पर जब वज्रासन की मुद्रा में बैठा जाता है, तब सांस के साथ शामिल शरीर के विभिन्न भागों को संतुलित रखने के लिए और शरीर में प्राण के प्रवाह को प्रभावित करने के लिए मुद्राओं का प्रयोग प्राणायाम (सांस लेने के योगिक व्यायाम) के संयोजन के साथ किया जाता है। नवंबर 2009 में राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी में प्रकाशित एक शोध आलेख में दिखाया गया है कि हाथ की मुद्राएं मस्तिष्क के उसी क्षेत्र को उत्तेजित या प्रोत्साहित करती हैं जो भाषा की हैं। .

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हाथी

अफ़्रीकी हाथी का कंकाल हाथी जमीन पर रहने वाला एक विशाल आकार का प्राणी है। यह जमीन पर रहने वाला सबसे विशाल स्तनपायी है। यह एलिफैन्टिडी कुल और प्रोबोसीडिया गण का प्राणी है। आज एलिफैन्टिडी कुल में केवल दो प्रजातियाँ जीवित हैं: ऍलिफ़स तथा लॉक्सोडॉण्टा। तीसरी प्रजाति मैमथ विलुप्त हो चुकी है।जीवित दो प्रजातियों की तीन जातियाँ पहचानी जाती हैं:- ''लॉक्सोडॉण्टा'' प्रजाति की दो जातियाँ - अफ़्रीकी खुले मैदानों का हाथी (अन्य नाम: बुश या सवाना हाथी) तथा (अफ़्रीकी जंगलों का हाथी) - और ऍलिफ़स जाति का भारतीय या एशियाई हाथी।हालाँकि कुछ शोधकर्ता दोनों अफ़्रीकी जातियों को एक ही मानते हैं,अन्य मानते हैं कि पश्चिमी अफ़्रीका का हाथी चौथी जाति है।ऍलिफ़ॅन्टिडी की बाकी सारी जातियाँ और प्रजातियाँ विलुप्त हो गई हैं। अधिकतम तो पिछले हिमयुग में ही विलुप्त हो गई थीं, हालाँकि मैमथ का बौना स्वरूप सन् २००० ई.पू.

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हिरण्यकशिपु

भगवान नृसिंह द्वारा हिरण्यकशिपु का वध हिरण्यकशिपु एक असुर था जिसकी कथा पुराणों में आती है। उसका वध नृसिंह अवतारी विष्णु द्वारा किया गया। यह हिरण्यकरण वन नामक नामक स्थान का राजा था जोकि वर्तमान में भारत देश के राजस्थान राज्य मेे स्थित है जिसे हिण्डौन के नाम से जाना जाता है। हिरण्याक्ष उसका छोटा भाई था जिसका वध वाराह ने किया था। .

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विजयनगर

विजयनगर साम्राज्य की राजधानी; अब यह हम्पी (पम्पा से निकला हुआ) नगर है। .

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गरुड़

गरुड़ हिंदू मान्यताओं के अनुसार गरुड़ पक्षियों के राजा और भगवान विष्णु के वाहन हैं। गरुड़ कश्यप ऋषि और उनकी दूसरी पत्नी विनता की सन्तान हैं। .

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