लोगो
यूनियनपीडिया
संचार
Google Play पर पाएं
नई! अपने एंड्रॉयड डिवाइस पर डाउनलोड यूनियनपीडिया!
मुक्त
ब्राउज़र की तुलना में तेजी से पहुँच!
 

एबरडीन की अर्थव्यवस्था

सूची एबरडीन की अर्थव्यवस्था

एबरडीन, स्काॅटलैंड का सबसे विशाल नगर एवं इस नाते से यह स्काॅटलैंड की अर्थव्यवस्था का एक अती महत्वपूर्ण अंग है। परंपरागत रूप से, एबरडीन में मछली पकड़ने, कपड़ा मिलों, जहाज निर्माण और कागज बनाने के काम होते रहे हैं। इन उद्योगों का बड़े पैमाने पर प्रतिस्थापन किया जा चुका है। पिछले तीन दशकों से एबरडीन के आर्थिक विकास में आयी जबर्दस्त तेजी के लिए काफी हद तक जिम्मेदार इलेक्ट्रॉनिक्स डिजाइन और विकास उद्योग में उच्च प्रौद्योगिकी विकास, कृषि व मछली पकड़ने के क्षेत्र में अनुसंधान तथा तेल उद्योग अब एबरडीन की अर्थव्यवस्था के प्रमुख हिस्सा बन चुके हैं। बीसवीं सदी के अंतिम चरण में उत्तरी सागर में महत्वपूर्ण तेल भंडार की खोज के बाद से एबरडीन यूरोप के पेट्रोलियम उद्योग का केंद्र बन गया। यहाँ का पेट्रोलियम उद्योग शहर की अर्थव्यवस्था का अत्यंत महत्वपूर्ण अंग है। खरीदारी के मामले में स्कॉटलैंड में यह शहर तीसरे स्थान पर है। यूनियन स्ट्रीट और जॉर्ज स्ट्रीट पारंपरिक खरीदारी के इलाके हैं, अब अन्य शॉपिंग केंद्र भी बनाये गये हैं, इनमें सेंट निकोलस एंड बॉन एकॉर्ड तथा ट्रिनिटी शॉपिंग सेंटर उल्लेखनीय हैं। यूनियन स्क्वायर नामक का एक नया खुदरा केंद्र अक्टूबर 2009 के सितंबर के अंतिम चरण तथा अक्टूबर के प्रारंभ में पूरा हो गया। प्रमुख खुदरा पार्क शहर से दूर हैं, जिनमे बेरीडेन रिटेल पार्क, किटीब्र्युस्टर रिटेल पार्क और बीच बुलवार्ड रिटेल पार्क शामिल हैं। मार्च 2004 में, एबरडीन को फेयरट्रेड फाउंडेशन की ओर से फेयरट्रेड नगर का अवार्ड मिला। ड्यूंडी के साथ, यह अवार्ड पाने वाला स्कॉटलैंड का पहला शहर बना। गतिशील और तेजी से बढ़ रहा इलेक्ट्रॉनिक्स डिजाइन और विकास उद्योग भी है। .

9 संबंधों: एडिनबर्ग की अर्थव्यवस्था, एबरडीन में परिवहन, एबरडीन का पेट्रोलियम उद्योग, एबरडीन के हरित क्षेत्र, शिलारस, स्कॉट्लैण्ड, काग़ज़, अर्थव्यवस्था, उत्तरी सागर

एडिनबर्ग की अर्थव्यवस्था

एडिनबर्ग, स्काॅटलैंड की राजधानी, उसके दूसरा सबसे बड़ा नगर एवं यहाँ की अर्थव्यवस्था का बतौर बिजलीघर है। बलकी, यह पूरे युनाइटेड किंग्डम की अर्थव्यवस्था का एक बेहद महत्वपूर्ण अंश है। एडिनबर्ग हमेशा से ही ब्रिटेन के सबसे समृद्ध क्षेत्रों में शुमार रहा है, एवं यहाँ की अर्थव्यवस्था, लंडन के बाहर, सबसे मज़बूत अर्थव्यवस्था है। साथ ही पेशेवरों की संख्या के मामले में भी एडिनबर्ग सबसे आगे है, यहाँ की 45% आबादी के पास डिग्री-स्तर या पेशेवर-स्तर की योग्यता है। सेंटर फ़ाॅर इंटरनेशनल काॅम्पेटिटिवनेस(अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धी केंद्र) के आँकड़ों के अनुसार यह आर्थिक तोमर पर सबसे प्रतिस्पर्धी शहर भी है। 2012-13 के फ़ाइनैन्शियल टाइम्स एफ़डीआई मैगज़ीन पुरस्कारों में इसे यूरोप का भविष्य में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश हेतु सर्वोत्तम बड़ा शहर एवं सर्वोत्तम बड़ा शहर, प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की रणनीति हेतु के नामों से नवाज़ा गया था। .

नई!!: एबरडीन की अर्थव्यवस्था और एडिनबर्ग की अर्थव्यवस्था · और देखें »

एबरडीन में परिवहन

एबरडीन मैं भी किसी भी विशाल नगर की तरह ही एक विस्तृत एवम व्यापक परिवहन व्यवस्था है। एबरडीन की परिवहन व्यवस्था जटिल एवं बड़े पैमाने पर फैली हुई है, जो इसे वायु, रेल, सड़क व अन्य परिवहन मार्गो द्वारा स्कॉटलैंड, यूनाइटेड किंगडम एवं विश्व के अन्य नगरों व क्षेत्रों से जोड़ती है। शहर के लिए अति महत्वपूर्ण होने के बावजूद भी इस पर काफी समय तक उपयुक्त राजनैतिक तवज्जो नहीं दी जा रही थी, अतः यह काफी समय तक अल्पनिवेश एवं उपयुक्त इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी से पीड़ित थी। यद्यपि, हाल ही में इस क्षेत्र पर राजनैतिज्ञों का ध्यान गया है और मौजूदा समय में इस पर अब पूर्वत्यावश्यक तवज्जो दी जा रही है। .

नई!!: एबरडीन की अर्थव्यवस्था और एबरडीन में परिवहन · और देखें »

एबरडीन का पेट्रोलियम उद्योग

तेल और गैस ड्रिलिंग रिग एबरडीन कोस्ट एबरडीन में, परंपरागत रूप से, मछली पकड़ने, कपड़ा मिलों, जहाज निर्माण और कागज बनाने के काम होते रहे हैं। इन उद्योगों का बड़े पैमाने पर प्रतिस्थापन किया जा चुका है। पिछले तीन दशकों से एबरडीन के आर्थिक विकास में आयी जबर्दस्त तेजी के लिए काफी हद तक यहाँ के इलेक्ट्रॉनिक्स डिजाइन और विकास उद्योग में उच्च प्रौद्योगिकी विकास, व अन्य उद्योगों के साथ विशेष रूप से यहाँ के तेल उद्योग जिम्मेदार है। पेट्रोलियम उद्योग अब एबरडीन की अर्थव्यवस्था के प्रमुख हिस्सा बन चुके हैं। बीसवीं सदी के अंतिम चरण में उत्तरी सागर में महत्वपूर्ण तेल भंडार की खोज के बाद से एबरडीन यूरोप के पेट्रोलियम उद्योग का केंद्र बन गया। विश्व में दूसरे सबसे बड़े हेलीपोर्ट और समुद्र में तेल निकालने के लिए एक महत्वपूर्ण जहाज बंदरगाह सेवा के कारण एबरडीन को अक्सर ऑयल कैपिटल ऑफ़ यूरोप भी कहा जाता है। आने वाले वर्षों में तेल आपूर्ति के कम होते जाने की संभावना को देखते हुए एबरडीन को.

नई!!: एबरडीन की अर्थव्यवस्था और एबरडीन का पेट्रोलियम उद्योग · और देखें »

एबरडीन के हरित क्षेत्र

एबरडीन लंबे समय से अपने 45 पार्कों और बगीचों के लिए प्रसिद्ध रहा है। साथ ही, शहर भर में फूलों की बहार के लिए भी यह मशहूर है। शहर में बीस लाख गुलाब, एक करोड दस लाख डैफोडिल्स और तीस लाख क्रोकस के पौधे हैं। शहर ने रॉयल हौर्टीकल्चर सोसायटी का ब्रिटेन इन ब्लूम 'सर्वश्रेष्ठ शहर' अवार्ड दस बार जीता है, समग्र स्कॉटलैंड में ब्लूम प्रतियोगिता बीस बार और 1968 से हरेक साल बड़ा शहर श्रेणी का पुरस्कार जीता है। नौ साल तक लगातार जीतने के बाद, दूसरे शहरों को मौका देने के लिए, एबरडीन को ब्रिटेन इन ब्लूम प्रतियोगिता से प्रतिबंधित कर दिया गया। इस शहर ने 2006 में स्कॉटलैंड इन ब्लूम "सर्वश्रेष्ठ शहर" पुरस्कार के साथ-साथ इंटरनेशनल सिटीज इन ब्लूम अवार्ड भी जीता.

नई!!: एबरडीन की अर्थव्यवस्था और एबरडीन के हरित क्षेत्र · और देखें »

शिलारस

बिना साफ़ किया शिलारस (कच्चा शिलारस) शिलारस (पेट्रोलियम) एक अत्यधिक उपयोगी पदार्थ हैं, जिसका उपयोग देनिक जीवन में बहुत अधिक होता हैं। शिलारस वास्तव में उदप्रांगारों का मिश्रण होता है। इसका निर्माण भी कोयले की तरह वनस्पतियों के पृथ्वी के नीचे दबने तथा कालांतर में उनके ऊपर उच्च दाब तथा ताप के आपतन के कारण हुआ। प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले शिलारस को अपरिष्कृत तेल (Crude Oil) कहते हैं जो काले रंग का गाढ़ा द्रव होता है। इसके प्रभाजी आसवन (फ्रैक्शनल डिस्टिलेशन) से केरोसिन, पेट्रोल, डीज़ल, प्राकृतिक गैस, वेसलीन,तारकोल ल्यूब्रिकेंट तेल इत्यादि प्राप्त होते हैं। दरअसल जब तेल के भंडार पृथ्वी पर कहीं ढूंढे जाते हैं, तब यह गाढ़े काले रंग का होता है। जिसे क्रूड ऑयल कहा जाता है और इसमें उदप्रांगारों की बहुलता होती है। उदप्रांगारों की खासियत यह होती है कि इनमें मौजूद हाइड्रोजन और प्रांगार के अणु एक दूसरे से विभिन्न श्रृंखलाओं में बंधे होते हैं। ये श्रृंखलाएं तरह-तरह की होती हैं। यही श्रृंखलाएं विभिन्न प्रकार के तेल उत्पादों का स्रोत होती हैं। इनकी सबसे छोटी श्रृंखला मिथेन नामक प्रोडक्ट का आधार बनती है। इनमें लंबी श्रृंखलाओं वाले उदप्रांगारों ठोस जैसे कि मोम या टार नामक उत्पाद का निर्माण करते हैं। सछिद्र चट्टान (4) में शिलारस स्थित है। जब पृथ्वी से तेल खोद कर निकाला जाता है उस वक्त अपरिष्कृत तेल (क्रूड ऑयल) ठोस रूप में होता है। इससे तेल के विभिन्न रूप पाने के लिए अपरिष्कृत तेल में मौजूद उदप्रांगार के विभिन्न चेन को अलग करना पड़ता है। उदप्रांगार के विभिन्न चेनों को अलग करने की प्रक्रिया रासायनिक क्रांस जोड़ने उदप्रांगार कहलाती है। जिसे हम शोधन प्रक्रिया के नाम से जानते हैं। यह शोधन प्रक्रिया शोधन कारखानें (रिफाइनरीज) में होती है। एक तरह से यह शोधन बेहद आसान भी होता है और मुश्किल भी। यह सरल तब होता है जब क्रूड ऑयल में पाए जाने वाले उदप्रांगारों के बारे में पता हो और मुश्किल तब जब इसकी जानकारी नहीं होती है। दरअसल हर प्रकार के उदप्रांगारों का क्वथनांक के, अलग-अलग होता है इस तरह आसवन की प्रक्रिया से उन्हें आसानी से अलग किया जा सकता है। तेल शोधक कारखाना की पूरी प्रक्रिया में यह एक महत्वपूर्ण चरण होता है। दरअसल अपरिष्कृत तेल को अलग-अलग तापमान पर गर्म करके वाष्प एकत्रित करके तथा उसे दोबारा संघनित करके उदप्रांगार की अलग-अलग चेन निकाल ली जाती हैं। तेल शोधक कारखाना (ऑयल रिफाइनरी) में शोधन का यह सबसे सामान्य और पुराना तरीका है। उबलते तापमान का उपयोग करने वाली इस विधि को प्रभाजी आसवन कहते हैं। आसवन का एक तरीका यह भी होता है कि उदप्रांगार की एक लंबी चेन को जैसे का तैसा निकाल लेने के बजाए उसे छोटी-छोटी चेन्स में तोड़कर निकाल लिया जाता है। इस प्रक्रिया को रासायनिक प्रसंस्करण कहते हैं। तो बच्चे अब आप समझ गए होंगे कि पेट्रोल और कैरोसिन के अलावा दूसरे ईंधन कैसे बनते हैं। इस सारी प्रक्रिया में तेल शोधक कारखाना की अहम भूमिका हो .

नई!!: एबरडीन की अर्थव्यवस्था और शिलारस · और देखें »

स्कॉट्लैण्ड

स्काटलैंड यूनाइटेड किंगडम का एक देश है। यह ग्रेट ब्रिटेन का उत्तरी भाग है। यह पहाड़ी देश है जिसका क्षेत्रफल ७८,८५० वर्ग किमी है। यह इंगलैंड के उत्तर में स्थित है। यहां की राजधानी एडिनबरा है। ग्लासगो यहाँ का सबसे बड़ा शहर है। स्कॉटलैण्ड की सीमा दक्षिण में इंग्लैंड से सटी है। इसके पूरब में उत्तरी सागर तथा दक्षिण-पश्चिम में नॉर्थ चैनेल और आयरिश सागर हैं। मुख्य भूमि के अलावा स्कॉटलैण्ड के अन्तर्गत ७९० से भी अधिक द्वीप हैं। यूँ तो स्कॉटलैंड यूनाइटेड किंगडम के अधीन एक राज्य है लेकिन यहाँ का अपना मंत्रिमंडल है। यहाँ की मुद्रा का रंग और उस पर बने चित्र भी लंदन के पौंड से कुछ अलग है। लेकिन उनकी मान्यता और मूल्य दोनों ही पौंड के समान है। यहाँ घूमने और लोगों से बात करने पर पता चलता है कि यहाँ के लोग इंग्लैंड सरकार से थोड़े से खफा रहते हैं। .

नई!!: एबरडीन की अर्थव्यवस्था और स्कॉट्लैण्ड · और देखें »

काग़ज़

कागज का पुलिन्दा चीन में कागज का निर्माण कागज एक पतला पदार्थ है जिस पर लिखा या प्रिन्ट किया जाता है। कागज मुख्य रूप से लिखने और छपाई के लिए प्रयुक्त होता है। यह वस्तुओं की पैकेजिंग करने के काम भी आता है। मानव सभ्यता के विकास में कागज का बहुत बड़ा योगदान है। गीले तन्तुओं (फाइबर्स्) को दबाकर एवं तत्पश्चात सुखाकर कागज बनाया जाता है। ये तन्तु प्राय: सेलुलोज की लुगदी (पल्प) होते हैं जो लकड़ी, घास, बांस, या चिथड़ों से बनाये जाते हैं। पौधों में सेल्यूलोस नामक एक कार्बोहाइड्रेट होता है। पौधों की कोशिकाओं की भित्ति सेल्यूलोज की ही बनी होतीं है। अत: सेल्यूलोस पौधों के पंजर का मुख्य पदार्थ है। सेल्यूलोस के रेशों को परस्पर जुटाकर एकसम पतली चद्दर के रूप में जो वस्तु बनाई जाती है उसे कागज कहते हैं। कोई भी पौधा या पदार्थ, जिसमें सेल्यूलोस अच्छी मात्रा में हो, कागज बनाने के लिए उपयुक्त हो सकता है। रुई लगभग शुद्ध सेल्यूलोस है, किंतु कागज बनाने में इसका उपयोग नहीं किया जाता क्योंकि यह महँगी होती है और मुख्य रूप से कपड़ा बनाने के काम में आती है। परस्पर जुटकर चद्दर के रूप में हो सकने का गुण सेल्यूलोस के रेशों में ही होता है, इस कारण कागज केवल इसी से बनाया जा सकता है। रेशम और ऊन के रेशों में इस प्रकार परस्पर जुटने का गुण न होने के कारण ये कागज बनाने के काम में नहीं आ सकते। जितना अधिक शुद्ध सेल्यूलोस होता है, कागज भी उतना ही स्वच्छ और सुंदर बनता है। कपड़ों के चिथड़े तथा कागज की रद्दी में लगभग शतप्रतिशत सेल्यूलोस होता है, अत: इनसे कागज सरलता से और अच्छा बनता है। इतिहासज्ञों का ऐसा अनुमान है कि पहला कागज कपड़ों के चिथड़ों से ही चीन में बना था। पौधों में सेल्यूलोस के साथ अन्य कई पदार्थ मिले रहते हैं, जिनमें लिग्निन और पेक्टिन पर्याप्त मात्रा में तथा खनिज लवण, वसा और रंग पदार्थ सूक्ष्म मात्राओं में रहते हैं। इन पदार्थों को जब तक पर्याप्त अंशतक निकालकर सूल्यूलोस को पृथक रूप में नहीं प्राप्त किया जाता तब तक सेल्यूलोस से अच्छा कागज नहीं बनाया जा सकता। लिग्निन का निकालना विशेष आवश्यक होता है। यदि लिग्निन की पर्याप्त मात्रा में सेल्यूलोस में विद्यमान रहती है तो सेल्यूलोस के रेशे परस्पर प्राप्त करना कठिन होता है। आरंभ में जब तक सेल्यूलोस को पौधों से शुद्ध रूप में प्राप्त करने की कोई अच्छी विधि ज्ञात नहीं हो सकी थी, कागज मुख्य रूप से फटे सूती कपड़ों से ही बनाया जाता था। चिथड़ों तथा कागज की रद्दी से यद्यपि कागज बहुत सरलता से और उत्तम कोटि का बनता है, तथापि इनकी इतनी मात्रा का मिल सकना संभव नहीं है कि कागज़ की हामरी पूरी आवश्यकता इनसे बनाए गए कागज से पूरी हो सके। आजकल कागज बनाने के लिए निम्नलिखित वस्तुओं का उपयोग मुख्य रूप से होता है: चिथड़े, कागज की रद्दी, बाँस, विभिन्न पेड़ों की लकड़ी, जैसे स्प्रूस और चीड़, तथा विविध घासें जैसे सबई और एस्पार्टो। भारत में बाँस और सबई घास का उपयोग कागज बनाने में मुख्य रूप से होता है। .

नई!!: एबरडीन की अर्थव्यवस्था और काग़ज़ · और देखें »

अर्थव्यवस्था

अर्थव्यवस्था (Economy) उत्पादन, वितरण एवम खपत की एक सामाजिक व्यवस्था है। यह किसी देश या क्षेत्र विशेष में अर्थशास्त्र का गतित चित्र है। यह चित्र किसी विशेष अवधि का होता है। उदाहरण के लिए अगर हम कहते हैं ' समसामयिक भारतीय अर्थव्यवस्था ' तो इसका तात्पर्य होता है। वर्तमान समय में भारत की सभी आर्थिक गतिविधियों का वर्णन। अर्थव्यवस्था अर्थशास्त्र की अवधारणाओं और सिद्धांतों का व्यवहारिक कार्य रूप है। .

नई!!: एबरडीन की अर्थव्यवस्था और अर्थव्यवस्था · और देखें »

उत्तरी सागर

उत्तरी सागर अंध महासागर का एक सीमावर्ती समुद्र है जो संयुक्त राजशाही, स्कैंडेनेविया, जर्मनी, फ़्रांस, नीदरलैंड और बेल्जियम के बीच स्थित है। यह अंध महासागर के साथ दक्षिण में अंग्रेज़ी खाड़ी के द्वारा और उत्तर में नारवेयी सागर के द्वारा जुड़ा हुआ है। यह 970 कि॰मी॰ से लम्बा और 580 कि॰मी॰ चौड़ा है और क्षेत्रफल लगभग 750,000 वर्ग कि॰मी॰ है। उत्तरी सागर पूरब में यूरोप महाद्वीप और पश्चिम में ग्रेट ब्रिटेन से घिरा है। इकोसिना (१९२१) के अनुसार इसकी गहराई ३०८ फुट है। इस प्रकार यह एक उथला सागर है। इसका नितल उस महाद्वीपीय निधाय (कांटिनेंटल शेल्फ) का एक भाग है जिसके ऊपर ब्रिटिश द्वीपसमूह स्थित है। इस निधाय को ढाल (प्रवणता) उत्तर से दक्षिण तक प्राय: एक समान है। डॉगर बैंक्स नामक समुद्र में निमग्न बालू का मैदान उत्तरी सागर के मध्य में स्थित है। इंग्लैंड के समुद्रतट के समीप इस सागर की गहराई ६५ फुट है जो पूर्व की और बढ़कर १३० फुट हो जाती है। इस सागर की सामान्य लवणता ३४ से ३५ प्रति सहस्र है। उत्तरी सागर सूक्ष्म जीवों और पौधों में विशेष रूप से धनी है। इसलिए मछलियाँ इधर प्रचुर मात्रा में, अपने भोजन की खोज में, आकर्षित होती है। फलत: उत्तरी सागर विश्व का एक महत्वपूर्ण मत्स्य उत्पादक क्षेत्र है। मत्स्य के प्राप्तिस्थानों में डॉगर बैंक्स (शीतकाल में) और महाद्वीपीय समुद्रतट के समीप स्थित उथले समुद्र (ग्रीष्मकाल में) प्रमुख हैं। पकड़ी जानेवाली मछलियों में हेरिंग का अनुपात सबसे अधिक रहता है; इसके बाद क्रमानुसार हैडक, कॉड, प्लेस, ह्वाइटिंग, मैकेरल इत्यादि आती हैं। श्रेणी:यूरोप के सागर.

नई!!: एबरडीन की अर्थव्यवस्था और उत्तरी सागर · और देखें »

निवर्तमानआने वाली
अरे! अब हम फेसबुक पर हैं! »