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एनटीपीसी कहलगांव

सूची एनटीपीसी कहलगांव

एनटीपीसी कहलगांव (कहलगांव सुपर थर्मल पावर स्टेशन) बिहार के भागलपुर जिले के कहलगांव में स्थित है। बिजली संयंत्र एनटीपीसी के कोयला आधारित बिजली संयंत्रों में से एक है। बिजली संयंत्र के लिए कोयले को पूर्वी कोलफील्ड्स लिमिटेड के राजमहल कोलफील्ड से भेजा जाता है। बिजली संयंत्र के लिए पानी का स्रोत गंगा नदी है। .

10 संबंधों: एनटीपीसी बाढ़, एनटीपीसी रामगुंडम, एनटीपीसी औरंगाबाद, झारखण्ड, बिहार, भारत, भागलपुर, राष्ट्रीय तापविद्युत निगम लिमिटेड, सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड, कहलगाँव प्रखण्ड (भागलपुर)

एनटीपीसी बाढ़

बाढ़ सुपर थर्मल पावर स्टेशन या एनटीपीसी बाढ़ भारतीय बिहार राज्य में स्थित है। एनटीपीसी बाढ़ पटना जिले में राष्ट्रीय राजमार्ग -31 पर बारह सब-डिवीजन के पूर्व में केवल चार किलोमीटर पूर्व में स्थित है। इस परियोजना को मेगा पावर प्रोजेक्ट नाम दिया गया है, और इसका स्वामित्व भारतीय ऊर्जा कंपनी नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन है। बीएचईएल द्वारा निर्मित 1,320 मेगावाट (2x660 मेगावाट) बार चरण -2 परिचालन चालू है जबकि रूसी फर्म टेक्नोप्रोमक्सपोर्ट (टीपीई) द्वारा 1,980 मेगावाट (3x660 मेगावॉट) बार चरण -1 का निर्माण किया जा रहा है। .

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एनटीपीसी रामगुंडम

एन टी पी सी रामगुंडम्, तेलंगाना के पेड्डापल्लि जिले में स्थित २६०० मेगावाट का ताप विद्युत संयंत्र है। यह नेशनल थर्मल पावर कार्पोरेशन के अन्तर्गत है। वर्तमान समय में दक्षिण भारत का यह सबसे बड़ा विद्युत संयंत्र है। यह भारत का प्रथम आईएसओ 14001 प्रमाणित 'सुपर थर्मल पोवर स्टेशन' है। .

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एनटीपीसी औरंगाबाद

नबीनगर सुपर थर्मल पावर प्रोजेक्ट बिहार के औरंगाबाद जिले के नबीनगर तालुक में माजियान और अंकोरहा गांवों में स्थित एक कोयला आधारित थर्मल पावर प्लांट है। इसे 1989 में बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री सत्येंद्र नारायण सिन्हा ने संकल्पित किया था, जिन्होंने स्थापित करने का प्रस्ताव भेजा था। बिहार के औरंगाबाद जिले के नबीनगर में भारत के तत्कालीन प्रधान मंत्री राजीव गांधी के लिए एनटीपीसी की सुपर थर्मल पावर प्रोजेक्ट; लेकिन परियोजना कमजोर हो गई क्योंकि निम्नलिखित राज्य सरकारें इसका पालन करने में नाकाम रहीं। 2007 में, मनमोहन सिंह की सरकार ने आखिरकार मंजूरी का टिकट लगाया। पावर प्लांट का स्वामित्व नबीनगर पावर जेनरेटिंग कंपनी है - शुरुआत में एनटीपीसी लिमिटेड और बिहार स्टेट पावर होल्डिंग कंपनी लिमिटेड के बीच 50:50 संयुक्त उद्यम। नबीनगर संयंत्र में 4380 मेगावॉट (660 मेगावाट X 6) की क्षमता होगी। यह देश की तीसरी सबसे बड़ी परियोजना होगी। वर्तमान में देश की सबसे बड़ी बिजली परियोजना विंध्याचल महा ताप विद्युत गृह(4760 मेगावाट,सिंगरौली) जबकि दूसरी बड़ी परियोजना बलार (महाराष्ट्र) में है। शुरुआत में परियोजना की पीढ़ी की क्षमता 3960 मेगावॉट थी, लेकिन 2016 में उत्पादन क्षमता 4380 मेगावाट तक बढ़ी थी। यह सुपर थर्मल पावर प्रोजेक्ट 3,200 एकड़ में फैला हुआ है, जिसमें टाउनशिप के लिए 144 एकड़ भूमि और रेल गलियारे के निर्माण के लिए 63 एकड़ जमीन शामिल है। 17 अप्रैल 2018 को, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में बिहार राज्य कैबिनेट ने नबीनगर पावर जनरेटिंग कंपनी को राष्ट्रीय थर्मल पावर कॉरपोरेशन को सौंपने की मंजूरी दे दी। 15 मई 2018 को, बिहार सरकार ने थर्मल प्लांट को 33-वर्षीय पट्टे के लिए राष्ट्रीय थर्मल पावर कॉरपोरेशन को सौंपने के लिए समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। नबीनगर संयंत्र के यूनिट -1 के लिए, बिहार को संयंत्र से उत्पन्न बिजली का 71% मिलेगा, जबकि यूपी को 8%, सिक्किम 1% और पश्चिम बंगाल 9% मिलेगा। .

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झारखण्ड

झारखण्ड यानी 'झार' या 'झाड़' जो स्थानीय रूप में वन का पर्याय है और 'खण्ड' यानी टुकड़े से मिलकर बना है। अपने नाम के अनुरुप यह मूलतः एक वन प्रदेश है जो झारखंड आंदोलन के फलस्वरूप सृजित हुआ। प्रचुर मात्रा में खनिज की उपलबध्ता के कारण इसे भारत का 'रूर' भी कहा जाता है जो जर्मनी में खनिज-प्रदेश के नाम से विख्यात है। 1930 के आसपास गठित आदिवासी महासभा ने जयपाल सिंह मुंडा की अगुआई में अलग ‘झारखंड’ का सपना देखा.

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बिहार

बिहार भारत का एक राज्य है। बिहार की राजधानी पटना है। बिहार के उत्तर में नेपाल, पूर्व में पश्चिम बंगाल, पश्चिम में उत्तर प्रदेश और दक्षिण में झारखण्ड स्थित है। बिहार नाम का प्रादुर्भाव बौद्ध सन्यासियों के ठहरने के स्थान विहार शब्द से हुआ, जिसे विहार के स्थान पर इसके अपभ्रंश रूप बिहार से संबोधित किया जाता है। यह क्षेत्र गंगा नदी तथा उसकी सहायक नदियों के उपजाऊ मैदानों में बसा है। प्राचीन काल के विशाल साम्राज्यों का गढ़ रहा यह प्रदेश, वर्तमान में देश की अर्थव्यवस्था के सबसे पिछड़े योगदाताओं में से एक बनकर रह गया है। .

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भारत

भारत (आधिकारिक नाम: भारत गणराज्य, Republic of India) दक्षिण एशिया में स्थित भारतीय उपमहाद्वीप का सबसे बड़ा देश है। पूर्ण रूप से उत्तरी गोलार्ध में स्थित भारत, भौगोलिक दृष्टि से विश्व में सातवाँ सबसे बड़ा और जनसंख्या के दृष्टिकोण से दूसरा सबसे बड़ा देश है। भारत के पश्चिम में पाकिस्तान, उत्तर-पूर्व में चीन, नेपाल और भूटान, पूर्व में बांग्लादेश और म्यान्मार स्थित हैं। हिन्द महासागर में इसके दक्षिण पश्चिम में मालदीव, दक्षिण में श्रीलंका और दक्षिण-पूर्व में इंडोनेशिया से भारत की सामुद्रिक सीमा लगती है। इसके उत्तर की भौतिक सीमा हिमालय पर्वत से और दक्षिण में हिन्द महासागर से लगी हुई है। पूर्व में बंगाल की खाड़ी है तथा पश्चिम में अरब सागर हैं। प्राचीन सिन्धु घाटी सभ्यता, व्यापार मार्गों और बड़े-बड़े साम्राज्यों का विकास-स्थान रहे भारतीय उपमहाद्वीप को इसके सांस्कृतिक और आर्थिक सफलता के लंबे इतिहास के लिये जाना जाता रहा है। चार प्रमुख संप्रदायों: हिंदू, बौद्ध, जैन और सिख धर्मों का यहां उदय हुआ, पारसी, यहूदी, ईसाई, और मुस्लिम धर्म प्रथम सहस्राब्दी में यहां पहुचे और यहां की विविध संस्कृति को नया रूप दिया। क्रमिक विजयों के परिणामस्वरूप ब्रिटिश ईस्ट इण्डिया कंपनी ने १८वीं और १९वीं सदी में भारत के ज़्यादतर हिस्सों को अपने राज्य में मिला लिया। १८५७ के विफल विद्रोह के बाद भारत के प्रशासन का भार ब्रिटिश सरकार ने अपने ऊपर ले लिया। ब्रिटिश भारत के रूप में ब्रिटिश साम्राज्य के प्रमुख अंग भारत ने महात्मा गांधी के नेतृत्व में एक लम्बे और मुख्य रूप से अहिंसक स्वतन्त्रता संग्राम के बाद १५ अगस्त १९४७ को आज़ादी पाई। १९५० में लागू हुए नये संविधान में इसे सार्वजनिक वयस्क मताधिकार के आधार पर स्थापित संवैधानिक लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित कर दिया गया और युनाईटेड किंगडम की तर्ज़ पर वेस्टमिंस्टर शैली की संसदीय सरकार स्थापित की गयी। एक संघीय राष्ट्र, भारत को २९ राज्यों और ७ संघ शासित प्रदेशों में गठित किया गया है। लम्बे समय तक समाजवादी आर्थिक नीतियों का पालन करने के बाद 1991 के पश्चात् भारत ने उदारीकरण और वैश्वीकरण की नयी नीतियों के आधार पर सार्थक आर्थिक और सामाजिक प्रगति की है। ३३ लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल के साथ भारत भौगोलिक क्षेत्रफल के आधार पर विश्व का सातवाँ सबसे बड़ा राष्ट्र है। वर्तमान में भारतीय अर्थव्यवस्था क्रय शक्ति समता के आधार पर विश्व की तीसरी और मानक मूल्यों के आधार पर विश्व की दसवीं सबसे बडी अर्थव्यवस्था है। १९९१ के बाज़ार-आधारित सुधारों के बाद भारत विश्व की सबसे तेज़ विकसित होती बड़ी अर्थ-व्यवस्थाओं में से एक हो गया है और इसे एक नव-औद्योगिकृत राष्ट्र माना जाता है। परंतु भारत के सामने अभी भी गरीबी, भ्रष्टाचार, कुपोषण, अपर्याप्त सार्वजनिक स्वास्थ्य-सेवा और आतंकवाद की चुनौतियां हैं। आज भारत एक विविध, बहुभाषी, और बहु-जातीय समाज है और भारतीय सेना एक क्षेत्रीय शक्ति है। .

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भागलपुर

भागलपुर बिहार प्रान्त का एक शहर है। गंगा के तट पर बसा यह एक अत्यंत प्राचीन शहर है। पुराणों में और महाभारत में इस क्षेत्र को अंग प्रदेश का हिस्सा माना गया है। भागलपुर के निकट स्थित चम्पानगर महान पराक्रमी शूरवीर कर्ण की राजधानी मानी जाती रही है। यह बिहार के मैदानी क्षेत्र का आखिरी सिरा और झारखंड और बिहार के कैमूर की पहाड़ी का मिलन स्थल है। भागलपुर सिल्क के व्यापार के लिये विश्वविख्यात रहा है, तसर सिल्क का उत्पादन अभी भी यहां के कई परिवारों के रोजी रोटी का श्रोत है। वर्तमान समय में भागलपुर हिन्दू मुसलमान दंगों और अपराध की वजह से सुर्खियों में रहा है। यहाँ एक हवाई अड्डा भी है जो अभी चालू नहीं है। यहाँ का निकटतम हवाई अड्डा गया और पटना है। रेल और सड़क मार्ग से भी यह शहर अच्छी तरह जुड़ा है। प्राचीन काल के तीन प्रमुख विश्‍वविद्यालयों यथा तक्षशिला, नालन्‍दा और विक्रमशिला में से एक विश्‍वविद्यालय भागलपुर में ही था जिसे हम विक्रमशिला के नाम से जानते हैं। पुराणों में वर्णित समुद्र मंथन में प्रयुक्‍त मथान अर्थात मंदराचल तथा मथानी में लपेटने के लिए जो रस्‍सा प्रयोग किया गया था वह दोनों ही उपकरण यहाँ विद्यमान हैं और आज इनका नाम तीर्थस्‍थ‍लों के रूप में है ये हैं बासुकीनाथ और मंदार पर्वत। पवित्र् गंगा नदी को जाह्नवी के नाम से भी जाना जाता है। जिस स्‍थान पर गंगा को यह नाम दिया गया उसे अजगैवी नाथ कहा जाता है यह तीर्थ भी भागलपुर में ही है। प्रसिद्ध गाँधीवादी विचारक तथा पूर्व सांसद प्रो.

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राष्ट्रीय तापविद्युत निगम लिमिटेड

एनटीपीसी लिमिटेड (पूर्व नाम - राष्ट्रीय तापविद्युत निगम) भारत की सबसे बड़ी विद्युत उत्पादक कम्पनी है। सन् 2016 में के लिए विश्‍व की 2000 सबसे बड़ी कंपनियों में एनटीपीसी का 400 वां स्‍थान है। मई, 2010 को एनटीपीसी यह प्रतिष्ठा प्राप्त करने वाली सम्मानित चार कंपनियों में से, एक महारत्न कंपनी बन गई। यह भारत की सार्वजनिक क्षेत्र की कम्पनी है जो मुम्बई स्टॉक विनिमय (Bombay Stock Exchange) में पंजीकृत है। इसमें वर्तमान में भारत सरकार का हिस्सा ८९.५% है। इसकी स्थापना ०७ नवम्बर १९७५ को हुई थी। कंपनी की कुल संस्‍थापित क्षमता 50,750 मेगावॉट (संयुक्‍त उद्यम सहित) है जिसमें पूरे भारत में स्थित 19 कोयला आधारित और 7 गैस आधारित स्‍टेशन शामिल हैं। संयुक्‍त उद्यम के तहत 9 स्‍टेशन कोयला आधारित हैं तथा 11 अक्षय ऊर्जा परियोजनाएं भी हैं। कंपनी ने वर्ष 2032 तक 1,28,000 मेगावाट की स्थापित विद्युत् क्षमता पैदा करने का लक्ष्य रखा है। इस क्षमता में विविध मिश्रित ईंधन होंगे जिसमे 56% कोयला, 16% गैस, 11% परमाणु ऊर्जा, और हाइड्रो सहित 17% नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत होंगे। वर्ष 2032 तक, गैर जीवाश्म ईंधन आधारित उत्पादन क्षमता एनटीपीसी की पोर्टफोलियो का लगभग 30% होगी। कंपनी में कुल राष्‍ट्रीय क्षमता की 17.73 प्रतिशत हिस्‍सेदारी है, यह उच्‍च दक्षता पर अपना ध्‍यान केन्द्रित करने के कारण कुल विद्युत उत्‍पादन में 25.91 प्रतिशत का योगदान देता है। एनटीपीसी का मुख्य काम तापविद्युत संयंत्रों का प्रौद्योगिकी, निर्माण एवं संचालन है। यह भारत एवं विदेश की विद्युत उत्पादक कम्पनियों को तकनीकी सलाह भी देती है। एनटीपीसी का जब उत्तर प्रदेश में सिंगरौली में पहला पिटहैड सुपर थर्मल पावर प्रोजेक्ट का निर्माण शुरू हुआ उस दिन से आज तक एनटीपीसी ने एक लंबी दूरी तय की है। .

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सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड

राँची स्थित '''दरभंगा भवन''' जो सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड का मुख्यालय है। सेण्ट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड (Central Coalfields Limited (CCL)), कोल इण्डिया लिमिटेड की सहायक कम्पनी है जो भारत के केन्द्रीय प्रभाग की खानों का प्रबन्धन करती है। इसका मुख्यालय 'दरभंगा भवन' राँची, झारखण्ड है। सेन्ट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड वर्ष 2007 से श्रेणी 1 मिनीरत्न कंपनी है। वर्ष 2009-10 के दौरान कंपनी का कोयला उत्पादन उच्चतम स्तर 47.08 मिलियन टन पहुंच गया तथा पेड-अप कैपिटल रू० 940 करोड़ के विरूद्घ नेटवर्थ रू० 2644 करोड़ हो गया। सीसीएल की स्‍थापना (सर्वप्रथम एनसीडीसी लिमिटेड) एक नवम्बर 1975 को सीआईएल की पांच सहायक कंपनियों में सेएक सहायक कंपनी के रूप में हुई। कोलइंडिया लिमिटेड कोयला हेतु देश की प्रथम नियंत्रक कंपनी है। अभी सीआईएल की आठ सहायक कम्पनियॉं हैं। .

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कहलगाँव प्रखण्ड (भागलपुर)

कहलगाँव भागलपुर, बिहार का एक प्रखण्ड है। .

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