3 संबंधों: यूरोप, संयुक्त अरब अमीरात, अबु धाबी अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र।
यूरोप
यूरोप पृथ्वी पर स्थित सात महाद्वीपों में से एक महाद्वीप है। यूरोप, एशिया से पूरी तरह जुड़ा हुआ है। यूरोप और एशिया वस्तुतः यूरेशिया के खण्ड हैं और यूरोप यूरेशिया का सबसे पश्चिमी प्रायद्वीपीय खंड है। एशिया से यूरोप का विभाजन इसके पूर्व में स्थित यूराल पर्वत के जल विभाजक जैसे यूराल नदी, कैस्पियन सागर, कॉकस पर्वत शृंखला और दक्षिण पश्चिम में स्थित काले सागर के द्वारा होता है। यूरोप के उत्तर में आर्कटिक महासागर और अन्य जल निकाय, पश्चिम में अटलांटिक महासागर, दक्षिण में भूमध्य सागर और दक्षिण पश्चिम में काला सागर और इससे जुड़े जलमार्ग स्थित हैं। इस सबके बावजूद यूरोप की सीमायें बहुत हद तक काल्पनिक हैं और इसे एक महाद्वीप की संज्ञा देना भौगोलिक आधार पर कम, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक आधार पर अधिक है। ब्रिटेन, आयरलैंड और आइसलैंड जैसे देश एक द्वीप होते हुए भी यूरोप का हिस्सा हैं, पर ग्रीनलैंड उत्तरी अमरीका का हिस्सा है। रूस सांस्कृतिक दृष्टिकोण से यूरोप में ही माना जाता है, हालाँकि इसका सारा साइबेरियाई इलाका एशिया का हिस्सा है। आज ज़्यादातर यूरोपीय देशों के लोग दुनिया के सबसे ऊँचे जीवनस्तर का आनन्द लेते हैं। यूरोप पृष्ठ क्षेत्रफल के आधार पर विश्व का दूसरा सबसे छोटा महाद्वीप है, इसका क्षेत्रफल के १०,१८०,००० वर्ग किलोमीटर (३,९३०,००० वर्ग मील) है जो पृथ्वी की सतह का २% और इसके भूमि क्षेत्र का लगभग ६.८% है। यूरोप के ५० देशों में, रूस क्षेत्रफल और आबादी दोनों में ही सबसे बड़ा है, जबकि वैटिकन नगर सबसे छोटा देश है। जनसंख्या के हिसाब से यूरोप एशिया और अफ्रीका के बाद तीसरा सबसे अधिक आबादी वाला महाद्वीप है, ७३.१ करोड़ की जनसंख्या के साथ यह विश्व की जनसंख्या में लगभग ११% का योगदान करता है, तथापि, संयुक्त राष्ट्र के अनुसार (मध्यम अनुमान), २०५० तक विश्व जनसंख्या में यूरोप का योगदान घटकर ७% पर आ सकता है। १९०० में, विश्व की जनसंख्या में यूरोप का हिस्सा लगभग 25% था। पुरातन काल में यूरोप, विशेष रूप से यूनान पश्चिमी संस्कृति का जन्मस्थान है। मध्य काल में इसी ने ईसाईयत का पोषण किया है। यूरोप ने १६ वीं सदी के बाद से वैश्विक मामलों में एक प्रमुख भूमिका अदा की है, विशेष रूप से उपनिवेशवाद की शुरुआत के बाद.
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संयुक्त अरब अमीरात
संयुक्त अरब अमीरात मध्यपूर्व एशिया में स्थित एक देश है। सन् १८७३ से १९४७ तक यह ब्रिटिश भारत के अधीन रहा। उसके बाद इसका शासन लंदन के विदेश विभाग से संचालित होने लगा। १९७१ में फारस की खाड़ी के सात शेख राज्यों आबू धाबी, शारजाह, दुबई, उम्म अल कुवैन, अजमान, फुजइराह तथा रस अल खैमा को मिलाकर स्वतंत्र संयुक्त अरब अमीरात की स्थापना हुई। इसमें रास अल खैमा १९७२ में शामिल हुआ। 19वीं सदी में यूनाइटेड किंगडम और अनेक अरब शेखों के बीच हुई संधि की वजह से 1971 से पहले संयुक्त अरब अमीरात को युद्धविराम संधि राज्य के नाम से जाना जाता था। इसके अलावा क्षेत्र के अमीरात की वजह से 18वीं शताब्दी से लेकर 20वीं शताब्दी के शुरुआत तक इसे पायरेट कोस्ट के नाम से भी जाना जाता था। 1971 के संविधान के आधार पर संयुक्त अरब अमीरात की राजनैतिक व्यवस्था आपस में जुड़े कई प्रबंधकीय निकायों से मिलकर बनी है। इस्लाम देश का राष्ट्रीय धर्म और अरबी राष्ट्रीय भाषा है। तेल भंडार के मामले में दुनिया का छठवां सबसे बड़ा देश संयुक्त अरब अमीरात की अर्थव्यवस्था मध्यपूर्व में सबसे विकसित है। .
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अबु धाबी अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र
अबु धाबी अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र (مطار أبو ظبي الدولي) संयुक्त अरब अमीरात काई राजधानी अबु धाबी क एक विमानक्षेत्र है। यात्री संख्या (+34% in Q1:2008), नये वायुसेवा संचालक एवं अवसंरचना विकास की मद में देखें तो यह विश्व के तीव्रता से बढ़ते हुए विमानक्षेत्रों में से एक है। यह विमानक्षेत्र अरबी दिर्हम २.२ करोड़ (US$68 लाख) के विस्तार योजना के अधीन है। जनवरी २०१२ के आंकड़ों के अनुसार यहां ५३ वायुसेवाओं द्वारा विश्व के ४९ देशों के ८५ गंतव्यों को सेवाएं उपलब्ध करायीऒ जाती है। यह विमानक्षेत्र सं.अमीरात का दूसरा सबसे बड़ा विमानक्षेत्र है, जहां से वर्ष २०१० में १ करोड़ यात्रियों को सेवाएं दी गयीं। यहां तीन प्रयोहनीय यात्री टर्मिनल हैं – टर्मिनल 1, टर्मिनल 2, एवं टर्मिनल 3 जो के प्रचालन क्षेत्र में विस्तृत हैं। यहां के टर्मिनलों में अधिकांश क्षेत्र पर एत्तिहाद एयरवेज़, जो एमिरेट्स के बाद संयुक्त अरब अमीरात की दूसरी सबसे बड़ी वायुवाहिका सेवा है, का ही वर्चस्व है। यहां का नया टर्मिनल 3 जो अरब दिर्हम १ अरब (US$27 करोड़) की ल्गत से बनकर तैयार हुआ है, का विकास मिडफ़ील्ड टर्मिनल की २०१४ में खुलने से पूर्व यात्री संख्या को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है। अधिकांशतः एत्तिहाद एयरवेज़ द्वारा प्रयोगनीय इस टर्मिनल ने विमानक्षेत्र की यात्री क्षमता ७० लाख यात्री प्रतिवर्ष को बढ़ाकर १.२ करोड़ याट्री प्रतिवर्ष तक पहुंचा दिया है। इसमें ३० नये विमान द्वार भी जोड़े गए हैं, जिनमें से १२ एयरबस ३८० के संगत हैं। .
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