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अंतरराष्ट्रीय तापनाभिकीय प्रायोगिक संयंत्र

सूची अंतरराष्ट्रीय तापनाभिकीय प्रायोगिक संयंत्र

आई। टी.ई.आर निर्वात वैसल के प्रतिरूप का चित्र; जिसमें डाईवर्टर कैसेट्स की अंदरूनी सतहों पर ४४० ब्लैंकेट्स जुड़े दिख रहे हैं। अंतर्राष्ट्रीय तापनाभिकीय प्रायोगिक संयंत्र (अंग्रेज़ी:इंटरनेशनल थर्मोन्यूक्लियर एक्सपेरिमेंटल रिएक्टर (आईटीईआर)) ऊर्जा की कमी की समस्या से निबटने के लिए भारत सहित विश्व के कई राष्ट्रों द्वारा अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी के सहयोग से मिलकर बनाया जा रहा संलयन नाभिकीय प्रक्रिया पर आधारित ऐसा विशाल रिएक्टर है, जो कम ईंधन की सहायता से ही अपार ऊर्जा उत्पन्न करेगा। सस्ती, प्रदूषणविहीन और असीमित ऊर्जा पैदा करने की दिशा में हाइड्रोजन बम के सिद्धांत पर इस नाभिकीय महापरियोजना को प्रयोग के तौर पर शुरू किया गया है। इसमें संलयन से उसी प्रकार से ऊर्जा मिलेगी जैसे पृथ्वी को सूर्य या अन्य तारों से मिलती है। .

51 संबंधों: ऊर्जा, चीन, टोकामाक, दक्षिण कोरिया, दक्षिण अफ्रीका, दैनिक भास्कर, नाभिकीय शृंखला अभिक्रिया, नाभिकीय संलयन, नवभारत टाइम्स, प्लाज्मा अनुसंधान संस्थान, पृथ्वी, फ़्रान्स, भारत, यूरेनियम, यूरोप, यूरोपीय संघ, रूस, लार्ज हैड्रॉन कोलाइडर, शिलारस, समय लाइव, संयुक्त राज्य, स्विट्ज़रलैण्ड, सूर्य, सोवियत संघ, हाइड्रोजन, जापान, ईन्धन, विद्युत, वॉयस ऑफ़ अमेरिका, गाँधीनगर, ग्रीनहाउस प्रभाव, कनाडा, कार्बन डाईऑक्साइड, किलोग्राम, अन्तर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा अभिकरण, अमर उजाला, अंग्रेज़ी भाषा, १३ सितम्बर, १४ मार्च, १७ नवम्बर, १९८५, १९९९, २ दिसम्बर, २००३, २००५, २००६, २००८, २००९, २१ नवम्बर, २८ जून, ..., ६ दिसम्बर सूचकांक विस्तार (1 अधिक) »

ऊर्जा

दीप्तिमान (प्रकाश) ऊर्जा छोड़ता हैं। भौतिकी में, ऊर्जा वस्तुओं का एक गुण है, जो अन्य वस्तुओं को स्थानांतरित किया जा सकता है या विभिन्न रूपों में रूपांतरित किया जा सकता हैं। किसी भी कार्यकर्ता के कार्य करने की क्षमता को ऊर्जा (Energy) कहते हैं। ऊँचाई से गिरते हुए जल में ऊर्जा है क्योंकि उससे एक पहिये को घुमाया जा सकता है जिससे बिजली पैदा की जा सकती है। ऊर्जा की सरल परिभाषा देना कठिन है। ऊर्जा वस्तु नहीं है। इसको हम देख नहीं सकते, यह कोई जगह नहीं घेरती, न इसकी कोई छाया ही पड़ती है। संक्षेप में, अन्य वस्तुओं की भाँति यह द्रव्य नहीं है, यद्यापि बहुधा द्रव्य से इसका घनिष्ठ संबंध रहता है। फिर भी इसका अस्तित्व उतना ही वास्तविक है जितना किसी अन्य वस्तु का और इस कारण कि किसी पिंड समुदाय में, जिसके ऊपर किसी बाहरी बल का प्रभाव नहीं रहता, इसकी मात्रा में कमी बेशी नहीं होती। .

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चीन

---- right चीन विश्व की प्राचीन सभ्यताओं में से एक है जो एशियाई महाद्वीप के पू‍र्व में स्थित है। चीन की सभ्यता एवं संस्कृति छठी शताब्दी से भी पुरानी है। चीन की लिखित भाषा प्रणाली विश्व की सबसे पुरानी है जो आज तक उपयोग में लायी जा रही है और जो कई आविष्कारों का स्रोत भी है। ब्रिटिश विद्वान और जीव-रसायन शास्त्री जोसफ नीधम ने प्राचीन चीन के चार महान अविष्कार बताये जो हैं:- कागज़, कम्पास, बारूद और मुद्रण। ऐतिहासिक रूप से चीनी संस्कृति का प्रभाव पूर्वी और दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों पर रहा है और चीनी धर्म, रिवाज़ और लेखन प्रणाली को इन देशों में अलग-अलग स्तर तक अपनाया गया है। चीन में प्रथम मानवीय उपस्थिति के प्रमाण झोऊ कोऊ दियन गुफा के समीप मिलते हैं और जो होमो इरेक्टस के प्रथम नमूने भी है जिसे हम 'पेकिंग मानव' के नाम से जानते हैं। अनुमान है कि ये इस क्षेत्र में ३,००,००० से ५,००,००० वर्ष पूर्व यहाँ रहते थे और कुछ शोधों से ये महत्वपूर्ण जानकारी भी मिली है कि पेकिंग मानव आग जलाने की और उसे नियंत्रित करने की कला जानते थे। चीन के गृह युद्ध के कारण इसके दो भाग हो गये - (१) जनवादी गणराज्य चीन जो मुख्य चीनी भूभाग पर स्थापित समाजवादी सरकार द्वारा शासित क्षेत्रों को कहते हैं। इसके अन्तर्गत चीन का बहुतायत भाग आता है। (२) चीनी गणराज्य - जो मुख्य भूमि से हटकर ताईवान सहित कुछ अन्य द्वीपों से बना देश है। इसका मुख्यालय ताइवान है। चीन की आबादी दुनिया में सर्वाधिक है। प्राचीन चीन मानव सभ्यता के सबसे पुरानी शरणस्थलियों में से एक है। वैज्ञानिक कार्बन डेटिंग के अनुसार यहाँ पर मानव २२ लाख से २५ लाख वर्ष पहले आये थे। .

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टोकामाक

KSTAR टोकामक टोकामाक में चुम्बकीय क्षेत्र एवं विद्युत-धारा की स्थिति एवं दिशा टोकामक (अंग्रेजी: TOKAMACA; रूसी: токамак) गरम प्लाज्मा को एक निश्चित आयतन में बनाये रखने (confinement) के लिये डिजाइन की गयी एक विशेष विधि एवं संयन्त्र का नाम है। सबसे पहले इसका विकास सन् १९५० में रूस के वैज्ञानिकों ने किया था। आजकल भारत सहित जापान, रूस, फ्रांस, यूके, अमेरिका और जर्मनी में कई टोकामाक कार्यरत हैं। यह 'फ्यूजन रिएक्टर' के निर्माण के लिए जरूरी है। इसकी सहायता से छल्लाकार (toroidal) चुम्बकीय क्षेत्र निर्मित होता है। भारत में आदित्य और एसएसटी-१ नामक दो टोकामाक गांधीनगर के प्लाज्मा अनुसंधान संस्थान में कार्यरत हैं। .

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दक्षिण कोरिया

दक्षिण कोरिया (कोरियाई: 대한민국 (देहान् मिन्गुक), 大韩民国 (हंजा)), पूर्वी एशिया में स्थित एक देश है जो कोरियाई प्रायद्वीप के दक्षिणी अर्धभाग को घेरे हुए है। 'शान्त सुबह की भूमि' के रूप में ख्यात इस देश के पश्चिम में चीन, पूर्व में जापान और उत्तर में उत्तर कोरिया स्थित है। देश की राजधानी सियोल दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा महानगरीय क्षेत्र और एक प्रमुख वैश्विक नगर है। यहां की आधिकारिक भाषा कोरियाई है जो हंगुल और हंजा दोनो लिपियों में लिखी जाती है। राष्ट्रीय मुद्रा वॉन है। उत्तर कोरिया, इस देश की सीमा से लगता एकमात्र देश है, जिसकी दक्षिण कोरिया के साथ २३८ किलिमीटर लम्बी सीमा है। दोनो कोरियाओं की सीमा विश्व की सबसे अधिक सैन्य जमावड़े वाली सीमा है। साथ ही दोनों देशों के बीच एक असैन्य क्षेत्र भी है। कोरियाई युद्ध की विभीषिका झेल चुका दक्षिण कोरिया वर्तमान में एक विकसित देश है और सकल घरेलू उत्पाद (क्रय शक्ति) के आधार पर विश्व की तेरहवीं और सकल घरेलू उत्पाद (संज्ञात्मक) के आधार पर पन्द्रहवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है।कोरिया मे १५ अंतराष्ट्रीय बिमानस्थल है और करीब ५०० विश्वविद्यालय है लोग बिदेशो यहा अध्ययन करने आते है। यहा औद्योगिक विकास बहुत हुऐ है और कोरिया मे चीन सहित १५ देशो के लोग रोजगार अनुमति प्रणाली(EPS) के माध्यम से यहा काम करते है। जिसमे दक्षिण एशिया के ४ देशो नेपाल बांग्लादेश श्रीलंका पाकिस्तान है। .

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दक्षिण अफ्रीका

कोई विवरण नहीं।

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दैनिक भास्कर

दैनिक भास्‍कर भारत का एक प्रमुख हिंदी दैनिक समाचारपत्र है। भारत के 12 राज्‍यों (व संघ-क्षेत्रों) में इसके 37 संस्‍करण प्रकाशित हो रहे हैं। भास्कर समूह के प्रकाशनों में दिव्य भास्कर (गुजराती) और डीएनए (अंग्रेजी) और पत्रिका अहा ज़िंदगी भी शामिल हैं। 2015 में यह देश का सबसे अधिक पढ़ा जाने वाला अखबार बना। .

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नाभिकीय शृंखला अभिक्रिया

नाभिकीय विखण्डन का एक सम्भावित चित्र जब कोई नाभिकीय अभिक्रिया औसतन उसी तरह की एक या एक से अधिक अन्य नाभिकीय अभिक्रियाओं को सम्भव करती है तो इसे नाभिकीय शृंखला अभिक्रिया (nuclear chain reaction) कहते हैं। इसका परिणाम यह होता है कि यह अभिक्रिया स्वयंचालित (self-propagating) या स्वावलम्बी (self sustaining) हो जाती है। 235U आदि भारी नाभिकों का विखण्डन (fission) नाभिकीय शृंखला अभिक्रिया का प्रमुख उदाहरण है। परमाणु बम एवं परमाणु भट्ठी इसी अभिक्रिया के परिणामस्वरूप कार्य करते हैं। इसी प्रकार दो हल्के नाभिकों जैसे 2H एवं 3H के संलयन (fusion) की अभिक्रिया भी एक नाभिकीय शृंखला अभिक्रिया है। यही शृंखला अभिक्रिया सूर्य की गर्मी एवं उर्जा का कारण है। .

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नाभिकीय संलयन

publisher.

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नवभारत टाइम्स

नवभारत टाइम्स दिल्ली और मुंबई से प्रकाशित होने वाला एक दैनिक समाचार पत्र है। इसकी प्रकाशक कम्पनी बेनेट, कोलमैन एवं कम्पनी है, जो द टाइम्स ऑफ इंडिया, द इकोनॉमिक्स टाइम्स, महाराष्ट्र टाइम्स जैसे दैनिक अखबारों एवं फ़िल्मफ़ेर व फेमिना जैसी पत्रिकाओं का प्रकाशन भी करती है। नवभारत टाइम्स इस समूह के सबसे पुराने प्रकाशनों में से एक है। दिल्ली में करीब 4.23 लाख की प्रसार संख्या और 19.7 लाख की पाठक संख्या के साथ यह अखबार राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में छाया हुआ है। हिन्दी मुम्बई में चौथे नम्बर की भाषा मानी जाती है, इसके बावजूद ग्रेटर मुम्बई क्षेत्र में नवभारत टाइम्स की प्रसार संख्या 1.3 लाख और पाठक संख्या 4.7 लाख है। इन दोनों शहरों में शुरू से ही नवभारत टाइम्स प्रथम स्थान पर है। .

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प्लाज्मा अनुसंधान संस्थान

प्लाज्मा अनुसंधान संस्थान (Institute for Plasma Research (IPR)) भारत में प्लाज्मा से सम्बन्धित अनुसंधान का स्वायत्त संस्थान है। यह गुजरात के गांधीनगर में स्थित है। इस संस्थान को वित्तपोषण (फण्डिंग) मुख्यत: भारत के परमाणु उर्जा विभाग से मिलती है। यह संस्थान मौलिक प्लाज़्मा भौतिकी, चुम्बकीय परिसीमित तापीय प्लाज़्मा तथा औद्योगिक प्रयोग के लिए प्लाज़्मा तकनीकों जैसे प्लाज़्मा विज्ञान के विभिन्न पक्षों पर अनुसंधान करने वाली एक स्वायत भौतिकी अनुसंधान संस्थान है। मौलिक अनुसंधान के अतिरिक्त संस्थान में अभी स्थिर अवस्था सुपरंडिक्टिंग टोकामॉक (SST-1) के निर्माण की प्रक्रिया प्रगति पर है। प्लाज्मा अनुसंधान संस्थान देश का एकमात्र संस्थान है जो पदार्थ की प्लाज्मा अवस्था के विभिन्न वैज्ञानिक पहलुओं के अध्ययन एवं प्लाज्मा पर आधारित तकनीकों के विकास के लिए सम्पूर्ण रूप से समर्पित है। इस संस्थान की स्थापना भारत सरकार के वैज्ञानिक एवं तकनीकी विभाग द्वारा सन 1986 में की गई थी, लेकिन सन 1996 से यह परमाणु उर्जा विभाग के प्रशासनिक नियंत्रण में एक स्वायत संस्थान के रूप में कार्यरत है। ईटर- अंतर्राष्टीय ताप नाभिकीय प्रायोगिक रिएक्टर, एक अंतर्राष्टीय संगठन द्वारा निर्मित किया जा रहा है। इस संगठन के सहयोगी सदस्य देश यूरोपीय संघ, चीन, जापान, भारत, सोवियत संघ, कोरिया गणराज्य तथा संयुक्त राज्य अमेरिका हैं। ईटर द्वारा नाभिकीय संलयन से उर्जा के नये स्रोत की खोज की जायेगी। इसका मुख्य उद्देश्य आरोपित उर्जा से लगभग दस गुना उर्जा उत्पन करना है। भारत ईटर मशीन निर्माण और संचालन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगा। भारतीय प्लाज्मा परिषद एवं राष्टीय संलयन कार्यक्रम के तत्वावधान में प्लाज्मा अनुसंधान संस्थान, गांधीनगर में आयोजित इस सम्मेलन का लक्ष्य एकदम स्पष्ट था कि परमाणु उर्जा विभाग की विभिन्न इकाइयों एवं भारत के अन्य प्रतिष्ठित वैज्ञानिकों को अपने विचार हिन्दी में प्रकट करने के लिए मंच प्रदान करना था जो सफल रहा। यह सम्मेलन निश्चित रूप से प्लाज्मा संस्थान के वैज्ञानिको को दीर्घकालीन संयुक्त उद्यम तथा नये वैज्ञानिक सहयोग स्थापित करने को प्रेरित करेगा। .

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पृथ्वी

पृथ्वी, (अंग्रेज़ी: "अर्थ"(Earth), लातिन:"टेरा"(Terra)) जिसे विश्व (The World) भी कहा जाता है, सूर्य से तीसरा ग्रह और ज्ञात ब्रह्माण्ड में एकमात्र ग्रह है जहाँ जीवन उपस्थित है। यह सौर मंडल में सबसे घना और चार स्थलीय ग्रहों में सबसे बड़ा ग्रह है। रेडियोधर्मी डेटिंग और साक्ष्य के अन्य स्रोतों के अनुसार, पृथ्वी की आयु लगभग 4.54 बिलियन साल हैं। पृथ्वी की गुरुत्वाकर्षण, अंतरिक्ष में अन्य पिण्ड के साथ परस्पर प्रभावित रहती है, विशेष रूप से सूर्य और चंद्रमा से, जोकि पृथ्वी का एकमात्र प्राकृतिक उपग्रह हैं। सूर्य के चारों ओर परिक्रमण के दौरान, पृथ्वी अपनी कक्षा में 365 बार घूमती है; इस प्रकार, पृथ्वी का एक वर्ष लगभग 365.26 दिन लंबा होता है। पृथ्वी के परिक्रमण के दौरान इसके धुरी में झुकाव होता है, जिसके कारण ही ग्रह की सतह पर मौसमी विविधताये (ऋतुएँ) पाई जाती हैं। पृथ्वी और चंद्रमा के बीच गुरुत्वाकर्षण के कारण समुद्र में ज्वार-भाटे आते है, यह पृथ्वी को इसकी अपनी अक्ष पर स्थिर करता है, तथा इसकी परिक्रमण को धीमा कर देता है। पृथ्वी न केवल मानव (human) का अपितु अन्य लाखों प्रजातियों (species) का भी घर है और साथ ही ब्रह्मांड में एकमात्र वह स्थान है जहाँ जीवन (life) का अस्तित्व पाया जाता है। इसकी सतह पर जीवन का प्रस्फुटन लगभग एक अरब वर्ष पहले प्रकट हुआ। पृथ्वी पर जीवन की उत्पत्ति के लिये आदर्श दशाएँ (जैसे सूर्य से सटीक दूरी इत्यादि) न केवल पहले से उपलब्ध थी बल्कि जीवन की उत्पत्ति के बाद से विकास क्रम में जीवधारियों ने इस ग्रह के वायुमंडल (the atmosphere) और अन्य अजैवकीय (abiotic) परिस्थितियों को भी बदला है और इसके पर्यावरण को वर्तमान रूप दिया है। पृथ्वी के वायुमंडल में आक्सीजन की वर्तमान प्रचुरता वस्तुतः जीवन की उत्पत्ति का कारण नहीं बल्कि परिणाम भी है। जीवधारी और वायुमंडल दोनों अन्योन्याश्रय के संबंध द्वारा विकसित हुए हैं। पृथ्वी पर श्वशनजीवी जीवों (aerobic organisms) के प्रसारण के साथ ओजोन परत (ozone layer) का निर्माण हुआ जो पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र (Earth's magnetic field) के साथ हानिकारक विकिरण को रोकने वाली दूसरी परत बनती है और इस प्रकार पृथ्वी पर जीवन की अनुमति देता है। पृथ्वी का भूपटल (outer surface) कई कठोर खंडों या विवर्तनिक प्लेटों में विभाजित है जो भूगर्भिक इतिहास (geological history) के दौरान एक स्थान से दूसरे स्थान को विस्थापित हुए हैं। क्षेत्रफल की दृष्टि से धरातल का करीब ७१% नमकीन जल (salt-water) के सागर से आच्छादित है, शेष में महाद्वीप और द्वीप; तथा मीठे पानी की झीलें इत्यादि अवस्थित हैं। पानी सभी ज्ञात जीवन के लिए आवश्यक है जिसका अन्य किसी ब्रह्मांडीय पिण्ड के सतह पर अस्तित्व ज्ञात नही है। पृथ्वी की आतंरिक रचना तीन प्रमुख परतों में हुई है भूपटल, भूप्रावार और क्रोड। इसमें से बाह्य क्रोड तरल अवस्था में है और एक ठोस लोहे और निकल के आतंरिक कोर (inner core) के साथ क्रिया करके पृथ्वी मे चुंबकत्व या चुंबकीय क्षेत्र को पैदा करता है। पृथ्वी बाह्य अंतरिक्ष (outer space), में सूर्य और चंद्रमा समेत अन्य वस्तुओं के साथ क्रिया करता है वर्तमान में, पृथ्वी मोटे तौर पर अपनी धुरी का करीब ३६६.२६ बार चक्कर काटती है यह समय की लंबाई एक नाक्षत्र वर्ष (sidereal year) है जो ३६५.२६ सौर दिवस (solar day) के बराबर है पृथ्वी की घूर्णन की धुरी इसके कक्षीय समतल (orbital plane) से लम्बवत (perpendicular) २३.४ की दूरी पर झुका (tilted) है जो एक उष्णकटिबंधीय वर्ष (tropical year) (३६५.२४ सौर दिनों में) की अवधी में ग्रह की सतह पर मौसमी विविधता पैदा करता है। पृथ्वी का एकमात्र प्राकृतिक उपग्रह चंद्रमा (natural satellite) है, जिसने इसकी परिक्रमा ४.५३ बिलियन साल पहले शुरू की। यह अपनी आकर्षण शक्ति द्वारा समुद्री ज्वार पैदा करता है, धुरिय झुकाव को स्थिर रखता है और धीरे-धीरे पृथ्वी के घूर्णन को धीमा करता है। ग्रह के प्रारंभिक इतिहास के दौरान एक धूमकेतु की बमबारी ने महासागरों के गठन में भूमिका निभाया। बाद में छुद्रग्रह (asteroid) के प्रभाव ने सतह के पर्यावरण पर महत्वपूर्ण बदलाव किया। .

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फ़्रान्स

फ़्रान्स,या फ्रांस (आधिकारिक तौर पर फ़्रान्स गणराज्य; फ़्रान्सीसी: République française) पश्चिम यूरोप में स्थित एक देश है किन्तु इसका कुछ भूभाग संसार के अन्य भागों में भी हैं। पेरिस इसकी राजधानी है। यह यूरोपीय संघ का सदस्य है। क्षेत्रफल की दृष्टि से यह यूरोप महाद्वीप का सबसे बड़ा देश है, जो उत्तर में बेल्जियम, लक्ज़मबर्ग, पूर्व में जर्मनी, स्विट्ज़रलैण्ड, इटली, दक्षिण-पश्चिम में स्पेन, पश्चिम में अटलांटिक महासागर, दक्षिण में भूमध्यसागर तथा उत्तर पश्चिम में इंग्लिश चैनल द्वारा घिरा है। इस प्रकार यह तीन ओर सागरों से घिरा है। सुरक्षा की दृष्टि से इसकी स्थिति उत्तम नहीं है। लौह युग के दौरान, अभी के महानगरीय फ्रांस को कैटलिक से आये गॉल्स ने अपना निवास स्थान बनाया। रोम ने 51 ईसा पूर्व में इस क्षेत्र पर कब्जा कर लिया गया। फ्रांस, गत मध्य युग में सौ वर्ष के युद्ध (1337 से 1453) में अपनी जीत के साथ राज्य निर्माण और राजनीतिक केंद्रीकरण को मजबूत करने के बाद एक प्रमुख यूरोपीय शक्ति के रूप में उभरा। पुनर्जागरण के दौरान, फ्रांसीसी संस्कृति विकसित हुई और एक वैश्विक औपनिवेशिक साम्राज्य स्थापित हुआ, जो 20 वीं सदी तक दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी थी। 16 वीं शताब्दी में यहाँ कैथोलिक और प्रोटेस्टैंट (ह्यूजेनॉट्स) के बीच धार्मिक नागरिक युद्धों का वर्चस्व रहा। फ्रांस, लुई चौदहवें के शासन में यूरोप की प्रमुख सांस्कृतिक, राजनीतिक और सैन्य शक्ति बन कर उभरा। 18 वीं शताब्दी के अंत में, फ्रेंच क्रांति ने पूर्ण राजशाही को उखाड़ दिया, और आधुनिक इतिहास के सबसे पुराने गणराज्यों में से एक को स्थापित किया, साथ ही मानव और नागरिकों के अधिकारों की घोषणा के प्रारूप का मसौदा तैयार किया, जोकि आज तक राष्ट्र के आदर्शों को व्यक्त करता है। 19वीं शताब्दी में नेपोलियन ने वहाँ की सत्ता हथियाँ कर पहले फ्रांसीसी साम्राज्य की स्थापना की, इसके बाद के नेपोलियन युद्धों ने ही वर्तमान यूरोप महाद्वीपीय के स्वरुप को आकार दिया। साम्राज्य के पतन के बाद, फ्रांस में 1870 में तृतीय फ्रांसीसी गणतंत्र की स्थापना हुई, हलाकि आने वाली सभी सरकार लचर अवस्था में ही रही। फ्रांस प्रथम विश्व युद्ध में एक प्रमुख भागीदार था, जहां वह विजयी हुआ, और द्वितीय विश्व युद्ध में मित्र राष्ट्र में से एक था, लेकिन 1940 में धुरी शक्तियों के कब्जे में आ गया। 1944 में अपनी मुक्ति के बाद, चौथे फ्रांसीसी गणतंत्र की स्थापना हुई जिसे बाद में अल्जीरिया युद्ध के दौरान पुनः भंग कर दिया गया। पांचवां फ्रांसीसी गणतंत्र, चार्ल्स डी गॉल के नेतृत्व में, 1958 में बनाई गई और आज भी यह कार्यरत है। अल्जीरिया और लगभग सभी अन्य उपनिवेश 1960 के दशक में स्वतंत्र हो गए पर फ्रांस के साथ इसके घनिष्ठ आर्थिक और सैन्य संबंध आज भी कायम हैं। फ्रांस लंबे समय से कला, विज्ञान और दर्शन का एक वैश्विक केंद्र रहा है। यहाँ पर यूरोप की चौथी सबसे ज्यादा सांस्कृतिक यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल मौजूद है, और दुनिया में सबसे अधिक, सालाना लगभग 83 मिलियन विदेशी पर्यटकों की मेजबानी करता है। फ्रांस एक विकसित देश है जोकि जीडीपी में दुनिया की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था तथा क्रय शक्ति समता में नौवीं सबसे बड़ा है। कुल घरेलू संपदा के संदर्भ में, यह दुनिया में चौथे स्थान पर है। फ्रांस का शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल, जीवन प्रत्याशा और मानव विकास की अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग में अच्छा प्रदर्शन है। फ्रांस, विश्व की महाशक्तियों में से एक है, वीटो का अधिकार और एक आधिकारिक परमाणु हथियार संपन्न देश के साथ ही यह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्यों में से एक है। यह यूरोपीय संघ और यूरोजोन का एक प्रमुख सदस्यीय राज्य है। यह समूह-8, उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो), आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (ओईसीडी), विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) और ला फ्रैंकोफ़ोनी का भी सदस्य है। .

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भारत

भारत (आधिकारिक नाम: भारत गणराज्य, Republic of India) दक्षिण एशिया में स्थित भारतीय उपमहाद्वीप का सबसे बड़ा देश है। पूर्ण रूप से उत्तरी गोलार्ध में स्थित भारत, भौगोलिक दृष्टि से विश्व में सातवाँ सबसे बड़ा और जनसंख्या के दृष्टिकोण से दूसरा सबसे बड़ा देश है। भारत के पश्चिम में पाकिस्तान, उत्तर-पूर्व में चीन, नेपाल और भूटान, पूर्व में बांग्लादेश और म्यान्मार स्थित हैं। हिन्द महासागर में इसके दक्षिण पश्चिम में मालदीव, दक्षिण में श्रीलंका और दक्षिण-पूर्व में इंडोनेशिया से भारत की सामुद्रिक सीमा लगती है। इसके उत्तर की भौतिक सीमा हिमालय पर्वत से और दक्षिण में हिन्द महासागर से लगी हुई है। पूर्व में बंगाल की खाड़ी है तथा पश्चिम में अरब सागर हैं। प्राचीन सिन्धु घाटी सभ्यता, व्यापार मार्गों और बड़े-बड़े साम्राज्यों का विकास-स्थान रहे भारतीय उपमहाद्वीप को इसके सांस्कृतिक और आर्थिक सफलता के लंबे इतिहास के लिये जाना जाता रहा है। चार प्रमुख संप्रदायों: हिंदू, बौद्ध, जैन और सिख धर्मों का यहां उदय हुआ, पारसी, यहूदी, ईसाई, और मुस्लिम धर्म प्रथम सहस्राब्दी में यहां पहुचे और यहां की विविध संस्कृति को नया रूप दिया। क्रमिक विजयों के परिणामस्वरूप ब्रिटिश ईस्ट इण्डिया कंपनी ने १८वीं और १९वीं सदी में भारत के ज़्यादतर हिस्सों को अपने राज्य में मिला लिया। १८५७ के विफल विद्रोह के बाद भारत के प्रशासन का भार ब्रिटिश सरकार ने अपने ऊपर ले लिया। ब्रिटिश भारत के रूप में ब्रिटिश साम्राज्य के प्रमुख अंग भारत ने महात्मा गांधी के नेतृत्व में एक लम्बे और मुख्य रूप से अहिंसक स्वतन्त्रता संग्राम के बाद १५ अगस्त १९४७ को आज़ादी पाई। १९५० में लागू हुए नये संविधान में इसे सार्वजनिक वयस्क मताधिकार के आधार पर स्थापित संवैधानिक लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित कर दिया गया और युनाईटेड किंगडम की तर्ज़ पर वेस्टमिंस्टर शैली की संसदीय सरकार स्थापित की गयी। एक संघीय राष्ट्र, भारत को २९ राज्यों और ७ संघ शासित प्रदेशों में गठित किया गया है। लम्बे समय तक समाजवादी आर्थिक नीतियों का पालन करने के बाद 1991 के पश्चात् भारत ने उदारीकरण और वैश्वीकरण की नयी नीतियों के आधार पर सार्थक आर्थिक और सामाजिक प्रगति की है। ३३ लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल के साथ भारत भौगोलिक क्षेत्रफल के आधार पर विश्व का सातवाँ सबसे बड़ा राष्ट्र है। वर्तमान में भारतीय अर्थव्यवस्था क्रय शक्ति समता के आधार पर विश्व की तीसरी और मानक मूल्यों के आधार पर विश्व की दसवीं सबसे बडी अर्थव्यवस्था है। १९९१ के बाज़ार-आधारित सुधारों के बाद भारत विश्व की सबसे तेज़ विकसित होती बड़ी अर्थ-व्यवस्थाओं में से एक हो गया है और इसे एक नव-औद्योगिकृत राष्ट्र माना जाता है। परंतु भारत के सामने अभी भी गरीबी, भ्रष्टाचार, कुपोषण, अपर्याप्त सार्वजनिक स्वास्थ्य-सेवा और आतंकवाद की चुनौतियां हैं। आज भारत एक विविध, बहुभाषी, और बहु-जातीय समाज है और भारतीय सेना एक क्षेत्रीय शक्ति है। .

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यूरेनियम

यूरेनियम आवर्त सारणी की एक अंतर्वर्ती श्रेणी, ऐक्टिनाइड श्रेणी (actinide series), का तृतीय तत्व है। इस श्रेणी में आंतरिक इलेक्ट्रॉनीय परिकक्षा (5 परिकक्षा) के इलेक्ट्रॉन स्थान लेते हैं। प्रकृति में पाए गए तत्वों में यह सबसे भारी तत्व है। कुछ समय पहले तक इस तत्व को छठे अंतर्वर्ती समूह का अंतिम तत्व माना जाता था। .

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यूरोप

यूरोप पृथ्वी पर स्थित सात महाद्वीपों में से एक महाद्वीप है। यूरोप, एशिया से पूरी तरह जुड़ा हुआ है। यूरोप और एशिया वस्तुतः यूरेशिया के खण्ड हैं और यूरोप यूरेशिया का सबसे पश्चिमी प्रायद्वीपीय खंड है। एशिया से यूरोप का विभाजन इसके पूर्व में स्थित यूराल पर्वत के जल विभाजक जैसे यूराल नदी, कैस्पियन सागर, कॉकस पर्वत शृंखला और दक्षिण पश्चिम में स्थित काले सागर के द्वारा होता है। यूरोप के उत्तर में आर्कटिक महासागर और अन्य जल निकाय, पश्चिम में अटलांटिक महासागर, दक्षिण में भूमध्य सागर और दक्षिण पश्चिम में काला सागर और इससे जुड़े जलमार्ग स्थित हैं। इस सबके बावजूद यूरोप की सीमायें बहुत हद तक काल्पनिक हैं और इसे एक महाद्वीप की संज्ञा देना भौगोलिक आधार पर कम, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक आधार पर अधिक है। ब्रिटेन, आयरलैंड और आइसलैंड जैसे देश एक द्वीप होते हुए भी यूरोप का हिस्सा हैं, पर ग्रीनलैंड उत्तरी अमरीका का हिस्सा है। रूस सांस्कृतिक दृष्टिकोण से यूरोप में ही माना जाता है, हालाँकि इसका सारा साइबेरियाई इलाका एशिया का हिस्सा है। आज ज़्यादातर यूरोपीय देशों के लोग दुनिया के सबसे ऊँचे जीवनस्तर का आनन्द लेते हैं। यूरोप पृष्ठ क्षेत्रफल के आधार पर विश्व का दूसरा सबसे छोटा महाद्वीप है, इसका क्षेत्रफल के १०,१८०,००० वर्ग किलोमीटर (३,९३०,००० वर्ग मील) है जो पृथ्वी की सतह का २% और इसके भूमि क्षेत्र का लगभग ६.८% है। यूरोप के ५० देशों में, रूस क्षेत्रफल और आबादी दोनों में ही सबसे बड़ा है, जबकि वैटिकन नगर सबसे छोटा देश है। जनसंख्या के हिसाब से यूरोप एशिया और अफ्रीका के बाद तीसरा सबसे अधिक आबादी वाला महाद्वीप है, ७३.१ करोड़ की जनसंख्या के साथ यह विश्व की जनसंख्या में लगभग ११% का योगदान करता है, तथापि, संयुक्त राष्ट्र के अनुसार (मध्यम अनुमान), २०५० तक विश्व जनसंख्या में यूरोप का योगदान घटकर ७% पर आ सकता है। १९०० में, विश्व की जनसंख्या में यूरोप का हिस्सा लगभग 25% था। पुरातन काल में यूरोप, विशेष रूप से यूनान पश्चिमी संस्कृति का जन्मस्थान है। मध्य काल में इसी ने ईसाईयत का पोषण किया है। यूरोप ने १६ वीं सदी के बाद से वैश्विक मामलों में एक प्रमुख भूमिका अदा की है, विशेष रूप से उपनिवेशवाद की शुरुआत के बाद.

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यूरोपीय संघ

यूरोपियन संघ (यूरोपियन यूनियन) मुख्यत: यूरोप में स्थित 28 देशों का एक राजनैतिक एवं आर्थिक मंच है जिनमें आपस में प्रशासकीय साझेदारी होती है जो संघ के कई या सभी राष्ट्रो पर लागू होती है। इसका अभ्युदय 1957 में रोम की संधि द्वारा यूरोपिय आर्थिक परिषद के माध्यम से छह यूरोपिय देशों की आर्थिक भागीदारी से हुआ था। तब से इसमें सदस्य देशों की संख्या में लगातार बढोत्तरी होती रही और इसकी नीतियों में बहुत से परिवर्तन भी शामिल किये गये। 1993 में मास्त्रिख संधि द्वारा इसके आधुनिक वैधानिक स्वरूप की नींव रखी गयी। दिसम्बर 2007 में लिस्बन समझौता जिसके द्वारा इसमें और व्यापक सुधारों की प्रक्रिया 1 जनवरी 2008 से शुरु की गयी है। यूरोपिय संघ सदस्य राष्ट्रों को एकल बाजार के रूप में मान्यता देता है एवं इसके कानून सभी सदस्य राष्ट्रों पर लागू होता है जो सदस्य राष्ट्र के नागरिकों की चार तरह की स्वतंत्रताएँ सुनिश्चित करता है:- लोगों, सामान, सेवाएँ एवं पूँजी का स्वतंत्र आदान-प्रदान.

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रूस

रूस (रूसी: Росси́йская Федера́ция / रोस्सिज्स्काया फ़ेदेरात्सिया, Росси́я / रोस्सिया) पूर्वी यूरोप और उत्तर एशिया में स्थित एक विशाल आकार वाला देश। कुल १,७०,७५,४०० किमी२ के साथ यह विश्व का सब्से बड़ा देश है। आकार की दृष्टि से यह भारत से पाँच गुणा से भी अधिक है। इतना विशाल देश होने के बाद भी रूस की जनसंख्या विश्व में सातवें स्थान पर है जिसके कारण रूस का जनसंख्या घनत्व विश्व में सब्से कम में से है। रूस की अधिकान्श जनसंख्या इसके यूरोपीय भाग में बसी हुई है। इसकी राजधानी मॉस्को है। रूस की मुख्य और राजभाषा रूसी है। रूस के साथ जिन देशों की सीमाएँ मिलती हैं उनके नाम हैं - (वामावर्त) - नार्वे, फ़िनलैण्ड, एस्टोनिया, लातविया, लिथुआनिया, पोलैण्ड, बेलारूस, यूक्रेन, जॉर्जिया, अज़रबैजान, कजाकिस्तान, चीन, मंगोलिया और उत्तर कोरिया। रूसी साम्राज्य के दिनों से रूस ने विश्व में अपना स्थान एक प्रमुख शक्ति के रूप में किया था। प्रथम विश्वयुद्ध के बाद सोवियत संघ विश्व का सबसे बड़ा साम्यवादी देश बना। यहाँ के लेखकों ने साम्यवादी विचारधारा को विश्व भर में फैलाया। द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद सोवियत संघ एक प्रमुख सामरिक और राजनीतिक शक्ति बनकर उभरा। संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ इसकी वर्षों तक प्रतिस्पर्धा चली जिसमें सामरिक, आर्थिक, राजनैतिक और तकनीकी क्षेत्रों में एक दूसरे से आगे निकलने की होड़ थी। १९८० के दशक से यह आर्थिक रूप से क्षीण होता चला गया और १९९१ में इसका विघटन हो गया जिसके फलस्वरूप रूस, सोवियत संघ का सबसे बड़ा राज्य बना। वर्तमान में रूस अपने सोवियत संघ काल के महाशक्ति पद को पुनः प्राप्त करने का प्रयास कर रहा है। यद्यपि रूस अभी भी एक प्रमुख देश है लेकिन यह सोवियत काल के पद से भी बहुत दूर है। .

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लार्ज हैड्रॉन कोलाइडर

लार्ज हैड्रॉन कोलाइडर या वृहद हैड्रॉन संघट्टक (Large Hadron Collider; LHC के रूप में संक्षेपाक्षरित) विश्व का सबसे विशाल और शक्तिशाली कण त्वरक है। यह सर्न की महत्वाकांक्षी परियोजना है। यह जेनेवा के समीप फ़्रान्स और स्विट्ज़रलैण्ड की सीमा पर ज़मीन के नीचे स्थित है। इसकी रचना २७ किलोमीटर परिधि वाले एक छल्ले-नुमा सुरंग में हुई है, जिसे आम भाषा में लार्ड ऑफ द रिंग कहा जा रहा है। इसी सुरंग में इस त्वरक के चुम्बक, संसूचक (डिटेक्टर), बीम-लाइन एवं अन्य उपकरण लगे हैं। सुरंग के अन्दर दो बीम पाइपों में दो विपरीत दिशाओं से आ रही ७ TeV (टेरा एले़ट्रान वोल्ट्) की प्रोट्रॉन किरण-पुंजों (बीम) को आपस में संघट्ट (टक्कर) किया जायेगा जिससे वही स्थिति उत्पन्न की जायेगी जो ब्रह्माण्ड की उत्पत्ति के समय बिग बैंग के रूप में हुई थी। ग्यातव्य है कि ७ TeV उर्जा वाले प्रोटॉन का वेग प्रकाश के वेग के लगभग बराबर होता है। एल एच सी की सहायता से किये जाने वाले प्रयोगों का मुख्य उद्देश्य स्टैन्डर्ड मॉडेल की सीमाओं एवं वैधता की जाँच करना है। स्टैन्डर्ड मॉडेल इस समय कण-भौतिकी का सबसे आधुनिक सैद्धान्तिक व्याख्या या मॉडल है। १० सितंबर २००८ को पहली बार इसमें सफलता पूर्वक प्रोटान धारा प्रवाहित की गई। इस परियोजना में विश्व के ८५ से अधिक देशों नें अपना योगदान किया है। परियोजना में ८००० भौतिक वैज्ञानिक कार्य कर रहे हैं जो विभिन्न देशों, या विश्वविद्यालयों से आए हैं। प्रोटॉन बीम को त्वरित (accelerate) करने के लिये इसके कुछ अवयवों (जैसे द्विध्रुव (डाइपोल) चुम्बक, चतुर्ध्रुव (quadrupole) चुमबक आदि) का तापमान लगभग 1.90केल्विन या -२७१.२५0सेन्टीग्रेड तक ठंडा करना आवश्यक होता है ताकि जिन चालकों (conductors) में धारा बहती है वे अतिचालकता (superconductivity) की अवस्था में आ जांय और ये चुम्बक आवश्यक चुम्बकीय क्षेत्र उत्पन्न कर सकें।"".

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शिलारस

बिना साफ़ किया शिलारस (कच्चा शिलारस) शिलारस (पेट्रोलियम) एक अत्यधिक उपयोगी पदार्थ हैं, जिसका उपयोग देनिक जीवन में बहुत अधिक होता हैं। शिलारस वास्तव में उदप्रांगारों का मिश्रण होता है। इसका निर्माण भी कोयले की तरह वनस्पतियों के पृथ्वी के नीचे दबने तथा कालांतर में उनके ऊपर उच्च दाब तथा ताप के आपतन के कारण हुआ। प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले शिलारस को अपरिष्कृत तेल (Crude Oil) कहते हैं जो काले रंग का गाढ़ा द्रव होता है। इसके प्रभाजी आसवन (फ्रैक्शनल डिस्टिलेशन) से केरोसिन, पेट्रोल, डीज़ल, प्राकृतिक गैस, वेसलीन,तारकोल ल्यूब्रिकेंट तेल इत्यादि प्राप्त होते हैं। दरअसल जब तेल के भंडार पृथ्वी पर कहीं ढूंढे जाते हैं, तब यह गाढ़े काले रंग का होता है। जिसे क्रूड ऑयल कहा जाता है और इसमें उदप्रांगारों की बहुलता होती है। उदप्रांगारों की खासियत यह होती है कि इनमें मौजूद हाइड्रोजन और प्रांगार के अणु एक दूसरे से विभिन्न श्रृंखलाओं में बंधे होते हैं। ये श्रृंखलाएं तरह-तरह की होती हैं। यही श्रृंखलाएं विभिन्न प्रकार के तेल उत्पादों का स्रोत होती हैं। इनकी सबसे छोटी श्रृंखला मिथेन नामक प्रोडक्ट का आधार बनती है। इनमें लंबी श्रृंखलाओं वाले उदप्रांगारों ठोस जैसे कि मोम या टार नामक उत्पाद का निर्माण करते हैं। सछिद्र चट्टान (4) में शिलारस स्थित है। जब पृथ्वी से तेल खोद कर निकाला जाता है उस वक्त अपरिष्कृत तेल (क्रूड ऑयल) ठोस रूप में होता है। इससे तेल के विभिन्न रूप पाने के लिए अपरिष्कृत तेल में मौजूद उदप्रांगार के विभिन्न चेन को अलग करना पड़ता है। उदप्रांगार के विभिन्न चेनों को अलग करने की प्रक्रिया रासायनिक क्रांस जोड़ने उदप्रांगार कहलाती है। जिसे हम शोधन प्रक्रिया के नाम से जानते हैं। यह शोधन प्रक्रिया शोधन कारखानें (रिफाइनरीज) में होती है। एक तरह से यह शोधन बेहद आसान भी होता है और मुश्किल भी। यह सरल तब होता है जब क्रूड ऑयल में पाए जाने वाले उदप्रांगारों के बारे में पता हो और मुश्किल तब जब इसकी जानकारी नहीं होती है। दरअसल हर प्रकार के उदप्रांगारों का क्वथनांक के, अलग-अलग होता है इस तरह आसवन की प्रक्रिया से उन्हें आसानी से अलग किया जा सकता है। तेल शोधक कारखाना की पूरी प्रक्रिया में यह एक महत्वपूर्ण चरण होता है। दरअसल अपरिष्कृत तेल को अलग-अलग तापमान पर गर्म करके वाष्प एकत्रित करके तथा उसे दोबारा संघनित करके उदप्रांगार की अलग-अलग चेन निकाल ली जाती हैं। तेल शोधक कारखाना (ऑयल रिफाइनरी) में शोधन का यह सबसे सामान्य और पुराना तरीका है। उबलते तापमान का उपयोग करने वाली इस विधि को प्रभाजी आसवन कहते हैं। आसवन का एक तरीका यह भी होता है कि उदप्रांगार की एक लंबी चेन को जैसे का तैसा निकाल लेने के बजाए उसे छोटी-छोटी चेन्स में तोड़कर निकाल लिया जाता है। इस प्रक्रिया को रासायनिक प्रसंस्करण कहते हैं। तो बच्चे अब आप समझ गए होंगे कि पेट्रोल और कैरोसिन के अलावा दूसरे ईंधन कैसे बनते हैं। इस सारी प्रक्रिया में तेल शोधक कारखाना की अहम भूमिका हो .

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समय लाइव

समय लाइव एक हिन्दी टी वी चैनल है। यह एक समाचार चैनल है। श्रेणी:भारत में हिन्दी टी वी चैनल.

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संयुक्त राज्य

संयुक्त राज्य अमेरिका (United States of America) (यू एस ए), जिसे सामान्यतः संयुक्त राज्य (United States) (यू एस) या अमेरिका कहा जाता हैं, एक देश हैं, जिसमें राज्य, एक फ़ेडरल डिस्ट्रिक्ट, पाँच प्रमुख स्व-शासनीय क्षेत्र, और विभिन्न अधिनस्थ क्षेत्र सम्मिलित हैं। 48 संस्पर्शी राज्य और फ़ेडरल डिस्ट्रिक्ट, कनाडा और मेक्सिको के मध्य, केन्द्रीय उत्तर अमेरिका में हैं। अलास्का राज्य, उत्तर अमेरिका के उत्तर-पश्चिमी भाग में स्थित है, जिसके पूर्व में कनाडा की सीमा एवं पश्चिम मे बेरिंग जलसन्धि रूस से घिरा हुआ है। वहीं हवाई राज्य, मध्य-प्रशान्त में स्थित हैं। अमेरिकी स्व-शासित क्षेत्र प्रशान्त महासागर और कॅरीबीयन सागर में बिखरें हुएँ हैं। 38 लाख वर्ग मील (98 लाख किमी2)"", U.S. Census Bureau, database as of August 2010, excluding the U.S. Minor Outlying Islands.

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स्विट्ज़रलैण्ड

स्विट्जरलैंड (जर्मन: (die) Schweiz (डी) श्वाइत्स, फ़्रांसिसी: (la) Suisse (ला) सुईस, लातिनी: Helvetia हेल्वेतिया) मध्य यूरोप का एक देश है। इसकी 60 % सरज़मीन ऐल्प्स पहाड़ों से ढकी हुई है, सो इस देश में बहुत ही ख़ूबसूरत पर्वत, गाँव, सरोवर (झील) और चारागाह हैं। स्विस लोगों का जीवनस्तर दुनिया में सबसे ऊँचे जीवनस्तरों में से एक है। स्विस घड़ियाँ, चीज़, चॉकलेट, बहुत मशहूर हैं। इस देश की तीन राजभाषाएँ हैं: जर्मन (उत्तरी और मध्य भाग की मुख्य भाषा), फ़्रांसिसी (पश्चिमी भाग) और इतालवी (दक्षिणी भाग) और एक सह-राजभाषा है: रोमांश (पूर्वी भाग)। इसके प्रान्त कैण्टन कहे जाते हैं। स्विट्स़रलैण्ड एक लोकतन्त्र है जहाँ आज भी प्रत्यक्ष लोकतन्त्र देखने को मिल सकता है। यहाँ कई बॉलीवुड फ़िल्म के गानों की शूटिंग होती है। लगभग 20 % स्विस लोग विदेशी मूल के हैं। इसके मुख्य शहर और पर्यटक स्थल हैं: ज़्यूरिख, जनीवा, बर्न (राजधानी), बासल, इंटरलाकेन, लोज़ान, लूत्सर्न, इत्यादि। यहाँ एक तरफ बर्फ के सुंदर ग्लेशियर हैं। ये ग्लेशियर साल में आठ महीने बर्फ की सुंदर चादर से ठके रहते हैं। तो वहीँ दूसरी तरफ सुंदर वादियाँ हैं जो सुंदर फूलों और रंगीन पत्तियों वाले पेड़ों से ढकीं रहती हैं। भारतीय निर्देशक यश चोपड़ा की फिल्मों में इस खूबसूरत देश के कई नयनाभिराम दृश्य देखने को मिलते हैं। .

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सूर्य

सूर्य अथवा सूरज सौरमंडल के केन्द्र में स्थित एक तारा जिसके चारों तरफ पृथ्वी और सौरमंडल के अन्य अवयव घूमते हैं। सूर्य हमारे सौर मंडल का सबसे बड़ा पिंड है और उसका व्यास लगभग १३ लाख ९० हज़ार किलोमीटर है जो पृथ्वी से लगभग १०९ गुना अधिक है। ऊर्जा का यह शक्तिशाली भंडार मुख्य रूप से हाइड्रोजन और हीलियम गैसों का एक विशाल गोला है। परमाणु विलय की प्रक्रिया द्वारा सूर्य अपने केंद्र में ऊर्जा पैदा करता है। सूर्य से निकली ऊर्जा का छोटा सा भाग ही पृथ्वी पर पहुँचता है जिसमें से १५ प्रतिशत अंतरिक्ष में परावर्तित हो जाता है, ३० प्रतिशत पानी को भाप बनाने में काम आता है और बहुत सी ऊर्जा पेड़-पौधे समुद्र सोख लेते हैं। इसकी मजबूत गुरुत्वाकर्षण शक्ति विभिन्न कक्षाओं में घूमते हुए पृथ्वी और अन्य ग्रहों को इसकी तरफ खींच कर रखती है। सूर्य से पृथ्वी की औसत दूरी लगभग १४,९६,००,००० किलोमीटर या ९,२९,६०,००० मील है तथा सूर्य से पृथ्वी पर प्रकाश को आने में ८.३ मिनट का समय लगता है। इसी प्रकाशीय ऊर्जा से प्रकाश-संश्लेषण नामक एक महत्वपूर्ण जैव-रासायनिक अभिक्रिया होती है जो पृथ्वी पर जीवन का आधार है। यह पृथ्वी के जलवायु और मौसम को प्रभावित करता है। सूर्य की सतह का निर्माण हाइड्रोजन, हिलियम, लोहा, निकेल, ऑक्सीजन, सिलिकन, सल्फर, मैग्निसियम, कार्बन, नियोन, कैल्सियम, क्रोमियम तत्वों से हुआ है। इनमें से हाइड्रोजन सूर्य के सतह की मात्रा का ७४ % तथा हिलियम २४ % है। इस जलते हुए गैसीय पिंड को दूरदर्शी यंत्र से देखने पर इसकी सतह पर छोटे-बड़े धब्बे दिखलाई पड़ते हैं। इन्हें सौर कलंक कहा जाता है। ये कलंक अपने स्थान से सरकते हुए दिखाई पड़ते हैं। इससे वैज्ञानिकों ने निष्कर्ष निकाला है कि सूर्य पूरब से पश्चिम की ओर २७ दिनों में अपने अक्ष पर एक परिक्रमा करता है। जिस प्रकार पृथ्वी और अन्य ग्रह सूरज की परिक्रमा करते हैं उसी प्रकार सूरज भी आकाश गंगा के केन्द्र की परिक्रमा करता है। इसको परिक्रमा करनें में २२ से २५ करोड़ वर्ष लगते हैं, इसे एक निहारिका वर्ष भी कहते हैं। इसके परिक्रमा करने की गति २५१ किलोमीटर प्रति सेकेंड है। Barnhart, Robert K. (1995) The Barnhart Concise Dictionary of Etymology, page 776.

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सोवियत संघ

सोवियत संघ (रूसी भाषा: Сове́тский Сою́з, सोवेत्स्की सोयूज़; अंग्रेज़ी: Soviet Union), जिसका औपचारिक नाम सोवियत समाजवादी गणतंत्रों का संघ (Сою́з Сове́тских Социалисти́ческих Респу́блик, Union of Soviet Socialist Republics) था, यूरेशिया के बड़े भूभाग पर विस्तृत एक देश था जो १९२२ से १९९१ तक अस्तित्व में रहा। यह अपनी स्थापना से १९९० तक साम्यवादी पार्टी (कोम्युनिस्ट पार्टी) द्वारा शासित रहा। संवैधानिक रूप से सोवियत संघ १५ स्वशासित गणतंत्रों का संघ था लेकिन वास्तव में पूरे देश के प्रशासन और अर्थव्यवस्था पर केन्द्रीय सरकार का कड़ा नियंत्रण रहा। रूसी सोवियत संघीय समाजवादी गणतंत्र (Russian Soviet Federative Socialist Republic) इस देश का सबसे बड़ा गणतंत्र और राजनैतिक, सांस्कृतिक और आर्थिक केंद्र था, इसलिए पूरे देश का गहरा रूसीकरण हुआ। यही कारण रहा कि विदेश में भी सोवियत संघ को अक्सर गलती से 'रूस' बोल दिया जाता था। .

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हाइड्रोजन

हाइड्रोजन पानी का एक महत्वपूर्ण अंग है शुद्ध हाइड्रोजन से भरी गैस डिस्चार्ज ट्यूब हाइड्रोजन (उदजन) (अंग्रेज़ी:Hydrogen) एक रासायनिक तत्व है। यह आवर्त सारणी का सबसे पहला तत्व है जो सबसे हल्का भी है। ब्रह्मांड में (पृथ्वी पर नहीं) यह सबसे प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। तारों तथा सूर्य का अधिकांश द्रव्यमान हाइड्रोजन से बना है। इसके एक परमाणु में एक प्रोट्रॉन, एक इलेक्ट्रॉन होता है। इस प्रकार यह सबसे सरल परमाणु भी है। प्रकृति में यह द्विआण्विक गैस के रूप में पाया जाता है जो वायुमण्डल के बाह्य परत का मुख्य संघटक है। हाल में इसको वाहनों के ईंधन के रूप में इस्तेमाल कर सकने के लिए शोध कार्य हो रहे हैं। यह एक गैसीय पदार्थ है जिसमें कोई गंध, स्वाद और रंग नहीं होता है। यह सबसे हल्का तत्व है (घनत्व 0.09 ग्राम प्रति लिटर)। इसकी परमाणु संख्या 1, संकेत (H) और परमाणु भार 1.008 है। यह आवर्त सारणी में प्रथम स्थान पर है। साधारणतया इससे दो परमाणु मिलकर एक अणु (H2) बनाते है। हाइड्रोजन बहुत निम्न ताप पर द्रव और ठोस होता है।।इण्डिया वॉटर पोर्टल।०८-३०-२०११।अभिगमन तिथि: १७-०६-२०१७ द्रव हाइड्रोजन - 253° से.

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जापान

जापान, एशिया महाद्वीप में स्थित देश है। जापान चार बड़े और अनेक छोटे द्वीपों का एक समूह है। ये द्वीप एशिया के पूर्व समुद्रतट, यानि प्रशांत महासागर में स्थित हैं। इसके निकटतम पड़ोसी चीन, कोरिया तथा रूस हैं। जापान में वहाँ का मूल निवासियों की जनसंख्या ९८.५% है। बाकी 0.5% कोरियाई, 0.4 % चाइनीज़ तथा 0.6% अन्य लोग है। जापानी अपने देश को निप्पॉन कहते हैं, जिसका मतलब सूर्योदय है। जापान की राजधानी टोक्यो है और उसके अन्य बड़े महानगर योकोहामा, ओसाका और क्योटो हैं। बौद्ध धर्म देश का प्रमुख धर्म है और जापान की जनसंख्या में 96% बौद्ध अनुयायी है। .

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ईन्धन

जलती हुई प्राकृतिक गैस ईधंन (Fuel) ऐसे पदार्थ हैं, जो आक्सीजन के साथ संयोग कर काफी ऊष्मा उत्पन्न करते हैं। 'ईंधन' संस्कृत की इन्ध्‌ धातु से निकला है जिसका अर्थ है - 'जलाना'। ठोस ईंधनों में काष्ठ (लकड़ी), पीट, लिग्नाइट एवं कोयला प्रमुख हैं। पेट्रोलियम, मिट्टी का तेल तथा गैसोलीन द्रव ईधंन हैं। कोलगैस, भाप-अंगार-गैस, द्रवीकृत पेट्रोलियम गैस और प्राकृतिक गैस आदि गैसीय ईंधनों में प्रमुख हैं। आजकल परमाणु ऊर्जा भी शक्ति के स्रोत के रूप में उपयोग की जाती है, इसलिए विखंडनीय पदार्थों (fissile materials) को भी अब ईंधन माना जाता है। वैज्ञानिक और सैनिक कार्यों के लिए उपयोग में लाए जानेवाले राकेटों में, एल्कोहाल, अमोनिया एवं हाइड्रोजन जैसे अनेक रासायनिक यौगिक भी ईंधन के रूप में प्रयुक्त होते हैं। इन पदार्थों से ऊर्जा की प्राप्ति तीव्र गति से होती है। विद्युत्‌ ऊर्जा का प्रयोग भी ऊष्मा की प्राप्ति के लिए किया जाता है इसलिए इसे भी कभी-कभी ईंधनों में सम्मिलित कर लिया जाता है। .

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विद्युत

वायुमण्डलीय विद्युत विद्युत आवेशों के मौजूदगी और बहाव से जुड़े भौतिक परिघटनाओं के समुच्चय को विद्युत (Electricity) कहा जाता है। विद्युत से अनेक जानी-मानी घटनाएं जुड़ी है जैसे कि तडित, स्थैतिक विद्युत, विद्युतचुम्बकीय प्रेरण, तथा विद्युत धारा। इसके अतिरिक्त, विद्युत के द्वारा ही वैद्युतचुम्बकीय तरंगो (जैसे रेडियो तरंग) का सृजन एवं प्राप्ति सम्भव होता है? विद्युत के साथ चुम्बकत्व जुड़ी हुई घटना है। विद्युत आवेश वैद्युतचुम्बकीय क्षेत्र पैदा करते हैं। विद्युत क्षेत्र में रखे विद्युत आवेशों पर बल लगता है। समस्त विद्युत का आधार इलेक्ट्रॉन हैं। इलेक्ट्रानों के हस्तानान्तरण के कारण ही कोई वस्तु आवेशित होती है। आवेश की गति ही विद्युत धारा है। विद्युत के अनेक प्रभाव हैं जैसे चुम्बकीय क्षेत्र, ऊष्मा, रासायनिक प्रभाव आदि। जब विद्युत और चुम्बकत्व का एक साथ अध्ययन किया जाता है तो इसे विद्युत चुम्बकत्व कहते हैं। विद्युत को अनेकों प्रकार से परिभाषित किया जा सकता है किन्तु सरल शब्दों में कहा जाये तो विद्युत आवेश की उपस्थिति तथा बहाव के परिणामस्वरूप उत्पन्न उस सामान्य अवस्था को विद्युत कहते हैं जिसमें अनेकों कार्यों को सम्पन्न करने की क्षमता होती है। विद्युत चल अथवा अचल इलेक्ट्रान या प्रोटान से सम्बद्ध एक भौतिक घटना है। किसी चालक में विद्युत आवेशों के बहाव से उत्पन्न उर्जा को विद्युत कहते हैं। .

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वॉयस ऑफ़ अमेरिका

वॉयस ऑफ़ अमेरिका (अंग्रेज़ी: Voice of America (VOA)) अमेरिकी सरकार की आधिकारिक मल्टीमीडिया प्रसारण सेवा है। यह एक अंतर्राष्ट्रीय प्रसारण सेवाओं में वॉयस आफ़ अमेरिका एक जाना-माना नाम है। अंग्रेज़ी के अतिरिक्त वीओए अन्य ४४ भाषाओं में भी प्रसारण करता है। इनमें से २५ भाषाओं पर दूरदर्शन पर भी प्रसारण होता है। आधिकारिक जालस्थल इस सेवा का मुख्य उद्देश्य दुनियाभर के लोगों को विश्व के बारे में अमेरिकी दृष्टिकोण से अवगत कराना है। इस सेवा के वांछित श्रोता मात्र अमेरिका में या अमेरिकी नागरिक ही नहीं है, वरन् पूरे विश्व में इस पर प्रसारित होने वाले कार्यक्रमों को सुना जाता है। विश्व में इस सेवा के १२.५ करोड़ श्रोता/उपयोक्ता है। वीओए से प्रतिसप्ताह लगभग १५०० घंटे के समाचार, ज्ञानवर्धक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों का प्रसारण किया जाता है। इस सेवा को उत्कृष्ट बनाने में १३०० कर्मचारियों का सहयोग होता है। वीओए का गठन १९४२ में युद्ध सूचना कार्यालय के अधीन किया गया था जिसका उद्देश्य उस समय यूरोप में चल रहे द्वितीय विश्व युद्ध के समाचारों का प्रसारण करना था। वीओए ने २१ फरवरी, १९४२ को प्रसारण आरम्भ किया। वीओए द्वारा लघुतरंग ट्रान्समीटर ट्रान्समीटरों से प्रसारण किया जाता है और वे कोलम्बिया बॉडकास्टिंग सिस्टम (सीबीएस) द्वारा उपयोग किये जाते हैं। वीओए ने १७ फरवरी, १९४७ को भूतपूर्व सोवियत संघ में भी रेडियो प्रसारण आरम्भ किया।शीत युद्ध के दौरान, वीओए को संयुक्त राज्य सूचना संस्था के अधीन रखा गया। १९८० के दशक में वीओए ने दूरदर्शन सेवा भी आरम्भ की और क्यूबा के लिए विशेष कार्यक्रमों का प्रसारण भी आरम्भ किया। वर्तमान में वीओए के २७ रेडियो प्रसारण स्टूडियो, ३३ प्रोडक्शन एवं रिकॉर्डिंग स्टूडियो, ३० व्यावसायिक मिक्सिंग एवं डबिंग स्टेशन, ४ दूरदर्शन स्टूडियो, २१ वीडियो संपादन सूट्स एवं मास्टर नियंत्रण, रिकॉर्डिंग, रीशिड्यूलिंग एवं फ़ीड इन्टेक की विभिन्न सुविधाएं हैं। इनका ३०,०००व र्ग फ़ीट का समाचार केन्द्र है जिसमें २४ घंटे, ३६५ दिन १५० से २०० समाचार रिपोर्टें प्रतिदिन सभी भाशाओं की सेवाओं एवं कार्यक्रमों के लिये कार्यरत हैं। यहां २२ अंतर्देशीय एवं १६ सूदूर संवाददातागण हैं, जिनके संग ९० अंशकालिक संवाददाता भी कार्यरत हैं, जिन्हें स्ट्रिंजर्स कहते हैं। वॉयस ऑफ अमेरिका की हिंदी सेवा को ५३ वर्षों की सेवा उपरांत ३० सितंबर २००८ को बंद कर दिया गया है। .

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गाँधीनगर

गाँधीनगर भारत के गुजरात प्रान्त की राजधानी है। यह भारत का दूसरा ऐसा शहर है जीसे पूरी तरह आयोजन से बसाया गया हे। इसे 'हरित नगर' (ग्रीन सीटी) कहा जाता है। सचिवालय और मंत्रियों के निवास भी यहाँ पर हैं। महात्मा गाँधी की याद में इस शहर का नाम 'गांधीनगर' रखा गया है। यहाँ के अधिकांश लोग सरकारी एवं प्राइवेट नौकरी करते हैं। यहाँ के लोग काफी शांत हैं। गांधीनगर अहमदाबाद शहर से 35 किलोमीटर पूर्वोत्तर में साबरमती नदी के दाएँ तट पर स्थित है। साबरमती नदी के पश्चिमी तट पर स्थित गुजरात की राजधानी गांधीनगर का नाम राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी के नाम पर रखा गया है। 649 वर्ग किलोमीटर में फैले गांधीनगर को चंडीगढ़ के बाद भारत का दूसरा नियोजित शहर माना जाता है। चंडीगढ़ को डिज़ाइन करने वाले फ्रेंच वास्तुशिल्प ली कोरबुसियन ने इस शहर को भी डिज़ाइन किया था। .

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ग्रीनहाउस प्रभाव

ग्रीनहाउस प्रभाव या हरितगृह प्रभाव (greenhouse effect) एक प्राकृतिक प्रक्रिया है जिसके द्वारा किसी ग्रह या उपग्रह के वातावरण में मौजूद कुछ गैसें वातावरण के तापमान को अपेक्षाकृत अधिक बनाने में मदद करतीं हैं। इन ग्रीनहाउस गैसों में कार्बन डाई आक्साइड, जल-वाष्प, मिथेन आदि शामिल हैं। यदि ग्रीनहाउस प्रभाव नहीं होता तो शायद ही पृथ्वी पर जीवन होता, क्योंकि तब पृथ्वी का औसत तापमान -18° सेल्सियस होता न कि वर्तमान 15° सेल्सियस। धरती के वातावरण के तापमान को प्रभावित करने वाले अनेक कारक हैं जिसमें से ग्रीनहाउस प्रभाव एक है। .

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कनाडा

कोई विवरण नहीं।

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कार्बन डाईऑक्साइड

कार्बन डाइआक्साइड (Carbon dioxide) (रासायनिक सूत्र CO2) एक रंगहीन तथा गन्धहीन गैस है जो पृथ्वी पर जीवन के लिये अत्यावश्यक है। धरती पर यह प्राकृतिक रूप से पायी जाती है। धरती के वायुमण्डल में यह गैस आयतन के हिसाब से लगभग 0.03 प्रतिशत होती है। कार्बन डाईऑक्साइड कार्बन डाइआक्साइड का निर्माण आक्सीजन के दो परमाणु तथा कार्बन के एक परमाणु से मिलकर हुआ है। सामान्य तापमान तथा दबाव पर यह गैसीय अवस्था में रहती है। वायुमंडल में यह गैस 0.03% 0.04% तक पाई जाती है, परन्तु मौसम में परिवर्तन के साथ वायु में इसकी सान्द्रता भी थोड़ी परिवर्तित होती रहती है। यह एक ग्रीनहाउस गैस है, क्योंकि सूर्य से आने वाली किरणों को तो यह पृथ्वी के धरातल पर पहुंचने देती है परन्तु पृथ्वी की गर्मी जब वापस अंतरिक्ष में जाना चाहती है तो यह उसे रोकती है। पृथ्वी के सभी सजीव अपनी श्वसन की क्रिया में कार्बन डाइआक्साइड का त्याग करते है। जबकि हरे पेड़-पौधे प्रकाश संश्लेषण की क्रिया करते समय इस गैस को ग्रहण करके कार्बोहाइड्रेट का निर्माण करते हैं। इस प्रकार कार्बन डाइआक्साइड कार्बन चक्र का प्रमुख अवयव है। कार्बन के रासायनिक यौगिकों को कार्बनिक यौगिक कहते हैं। प्रकृति में इनकी संख्या 10 लाख से भी अधिक है। जीवन पद्धति में कार्बनिक यौगिकों की बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका है। इनमें कार्बन के साथ-साथ हाइड्रोजन भी रहता है। ऐतिहासिक तथा परंपरा गत कारणों से कुछ कार्बन के यौगकों को कार्बनिक यौगिकों की श्रेणी में नहीं रखा जाता है। इनमें कार्बनडाइऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड प्रमुख हैं। सभी जैव अणु जैसे कार्बोहाइड्रेट, अमीनो अम्ल, प्रोटीन, आरएनए तथा डीएनए कार्बनिक यौगिक ही हैं। कार्बन और हाइड्रोजन के यौगिको को हाइड्रोकार्बन कहते हैं। मेथेन (CH4) सबसे छोटे अणुसूत्र का हाइड्रोकार्बन है। ईथेन (C2H6), प्रोपेन (C3H8) आदि इसके बाद आते हैं, जिनमें क्रमश: एक एक कार्बन जुड़ता जाता है। हाइड्रोकार्बन तीन श्रेणियों में विभाजित किए जा सकते हैं: ईथेन श्रेणी, एथिलीन श्रेणी और ऐसीटिलीन श्रेणी। ईथेन श्रेणी के हाइड्रोकार्बन संतृप्त हैं, अर्थात्‌ इनमें हाइड्रोजन की मात्रा और बढ़ाई नहीं जा सकती। एथिलीन में दो कार्बनों के बीच में एक द्विबंध (.

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किलोग्राम

एक किलोग्राम (साथ में क्रेडित कार्ड) यह चित्र, अन्तराष्ट्रीय मूलरूप किलोग्राम का एक कम्प्यूटर निर्मित चित्र है। इसके समीप रखा एक इंच का पैमाना है। इस भार को IPK भी कहते हैं। यह प्लैटिनम-इर्रीडियम मिश्रण का बना है और BIPM, सेवर्स, फ़्रांस में रखा है। किलोग्राम (चिन्ह: kg) भार की SI इकाई है। एक किलोग्राम की परिभाषानुसार,.

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अन्तर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा अभिकरण

अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा अभिकरण (अंग्रेज़ी:इंटरनेशनल एटॉमिक एनर्जी एजेंसी, लघुनाम:आईएईए) एक स्वायत्त विश्व संस्था है, जिसका उद्देश्य विश्व में परमाणु ऊर्जा का शांतिपूर्ण उपयोग सुनिश्चित करना है। यह परमाणु ऊर्जा के सैन्य उपयोग को किसी भी प्रकार रोकने में प्रयासरत रहती है। इस संस्था का गठन २९ जुलाई, १९५७ को हुआ था। इसका मुख्यालय वियना, आस्ट्रिया में है। संस्था ने १९८६ में रूस के चेरनोबल में हुई नाभिकीय दुर्घटना के बाद अपने नाभिकीय सुरक्षा कार्यक्रम को विस्तार दिया है। वर्तमान में इसके महासचिव मिस्र मूल के मोहम्मद अलबारदेई हैं। अलबारदेई को संयुक्त रूप से २००५ का शांति नोबेल पुरस्कार दिया गया। इसके सबसे पहले महासचिव डब्ल्यू स्टर्लिंग कोल (१९५७-१९६१) थे। आईएईए बोर्ड के ३५ सदस्य देशों में से २६ नाभिकीय आपूर्तिकर्ता समूह सदस्य देश हैं। आईएईए सीधे सीधे संयुक्त राष्ट्र संघ के अधीन नहीं है, लेकिन यह संयुक्त राष्ट्र महासभा और सुरक्षा परिषद को अपनी रिपोर्ट देती है। इस संस्था के मुख्यत: तीन अंग हैं-.

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अमर उजाला

अमर उजाला हिन्दी का एक प्रमुख दैनिक समाचार पत्र है। इसका प्रारम्भ पश्चिमी उत्तर प्रदेश के एक शहर आगरा से १८ अप्रैल सन १९४८ को हुआ था। .

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अंग्रेज़ी भाषा

अंग्रेज़ी भाषा (अंग्रेज़ी: English हिन्दी उच्चारण: इंग्लिश) हिन्द-यूरोपीय भाषा-परिवार में आती है और इस दृष्टि से हिंदी, उर्दू, फ़ारसी आदि के साथ इसका दूर का संबंध बनता है। ये इस परिवार की जर्मनिक शाखा में रखी जाती है। इसे दुनिया की सर्वप्रथम अन्तरराष्ट्रीय भाषा माना जाता है। ये दुनिया के कई देशों की मुख्य राजभाषा है और आज के दौर में कई देशों में (मुख्यतः भूतपूर्व ब्रिटिश उपनिवेशों में) विज्ञान, कम्प्यूटर, साहित्य, राजनीति और उच्च शिक्षा की भी मुख्य भाषा है। अंग्रेज़ी भाषा रोमन लिपि में लिखी जाती है। यह एक पश्चिम जर्मेनिक भाषा है जिसकी उत्पत्ति एंग्लो-सेक्सन इंग्लैंड में हुई थी। संयुक्त राज्य अमेरिका के 19 वीं शताब्दी के पूर्वार्ध और ब्रिटिश साम्राज्य के 18 वीं, 19 वीं और 20 वीं शताब्दी के सैन्य, वैज्ञानिक, राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक प्रभाव के परिणाम स्वरूप यह दुनिया के कई भागों में सामान्य (बोलचाल की) भाषा बन गई है। कई अंतरराष्ट्रीय संगठनों और राष्ट्रमंडल देशों में बड़े पैमाने पर इसका इस्तेमाल एक द्वितीय भाषा और अधिकारिक भाषा के रूप में होता है। ऐतिहासिक दृष्टि से, अंग्रेजी भाषा की उत्पत्ति ५वीं शताब्दी की शुरुआत से इंग्लैंड में बसने वाले एंग्लो-सेक्सन लोगों द्वारा लायी गयी अनेक बोलियों, जिन्हें अब पुरानी अंग्रेजी कहा जाता है, से हुई है। वाइकिंग हमलावरों की प्राचीन नोर्स भाषा का अंग्रेजी भाषा पर गहरा प्रभाव पड़ा है। नॉर्मन विजय के बाद पुरानी अंग्रेजी का विकास मध्य अंग्रेजी के रूप में हुआ, इसके लिए नॉर्मन शब्दावली और वर्तनी के नियमों का भारी मात्र में उपयोग हुआ। वहां से आधुनिक अंग्रेजी का विकास हुआ और अभी भी इसमें अनेक भाषाओँ से विदेशी शब्दों को अपनाने और साथ ही साथ नए शब्दों को गढ़ने की प्रक्रिया निरंतर जारी है। एक बड़ी मात्र में अंग्रेजी के शब्दों, खासकर तकनीकी शब्दों, का गठन प्राचीन ग्रीक और लैटिन की जड़ों पर आधारित है। .

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१३ सितम्बर

13 सितंबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 256वॉ (लीप वर्ष में 257 वॉ) दिन है। साल में अभी और 109 दिन बाकी है। .

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१४ मार्च

14 मार्च ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 73वॉ (लीप वर्ष में 74 वॉ) दिन है। साल में अभी और 292 दिन बाकी है। .

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१७ नवम्बर

१७ नवंबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का ३२१वॉ (लीप वर्ष मे ३२२ वॉ) दिन है। साल मे अभी और ४४ दिन बाकी है। .

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१९८५

1985 ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

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१९९९

१९९९ ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

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२ दिसम्बर

2 दिसंबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 336वॉ (लीप वर्ष मे 337 वॉ) दिन है। साल में अभी और 29 दिन बाकी है। .

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२००३

२००३ ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

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२००५

2005 ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

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२००६

२००६ ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। वर्ष २००६ रविवार से प्रारम्भ होने वाला वर्ष है। .

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२००८

२००८ ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

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२००९

२००९ ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। वर्ष २००९ बृहस्पतिवार से प्रारम्भ होने वाला वर्ष है। संयुक्त राष्ट्र संघ, यूनेस्को एवं आइएयू ने १६०९ में गैलीलियो गैलिली द्वारा खगोलीय प्रेक्षण आरंभ करने की घटना की ४००वीं जयंती के उपलक्ष्य में इसे अंतर्राष्ट्रीय खगोलिकी वर्ष घोषित किया है। .

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२१ नवम्बर

२१ नवम्बर ग्रीगोरी पंचाग का ३२५वां (लीप वर्ष में ३२६वां) दिन है। इसके बाद वर्षान्त तक ४० दिन और बचते हैं। .

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२८ जून

२८ जून ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का १७९वाँ (लीप वर्ष में १८० वाँ) दिन है। साल में अभी और १८६ दिन बाकी हैं। .

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६ दिसम्बर

६ दिसंबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का ३४०वॉ (लीप वर्ष में ३४१ वॉ) दिन है। अर्ष में अभी और २५ दिन बाकी है। .

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यहां पुनर्निर्देश करता है:

आईटीईआर, अंतर्राष्ट्रीय तापनाभिकीय प्रायोगिक संयंत्र, अंतर्राष्ट्रीय तापनाभिकीय संयंत्र

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