3 संबंधों: दुर्बल हाइपर आवेश, बेरिऑन संख्या, X (आवेश)।
दुर्बल हाइपर आवेश
दुर्बल हाइपर कण भौतिकी में दुर्बल हाइपर आवेश एक संरक्षित क्वांटम संख्या है जो विद्युत आवेश और दुर्बल समभारिक प्रचक्रण के तृतीय घटक में संबंध स्थापित करता है तथा प्रबल अन्योन्य क्रियाओं के समभारिक प्रचक्रण के लिए गेल-मान-निशिजमा सूत्र (Gell-Mann–Nishijima formula) के समान होता है (जो संरक्षित नहीं रहता)। इसे अक्सर YW द्वारा निरूपित किया जाता है और यह गेज सममिति (gauge symmetry) U(1) के समान होत है। .
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बेरिऑन संख्या
कण भौतिकी में बेरिऑन संख्या निकाय की लगभग संरक्षित क्वान्टम संख्या है। जहाँ nq क्वार्क की एक संख्या है और n प्रतिक्वार्क की एक संख्या है। बेरिऑनों (तीन क्वार्क) की बेरिऑन संख्या +1, मेसॉनों (एक क्वार्क, एक प्रतिक्वार्क) की बेरिऑन संख्या 0 (शून्य) और प्रतिबेरिऑनों (तीन प्रतिक्वार्क) की बेरिऑन संख्या −1 होती है। इतर हैड्रॉन जैसे पेन्टाक्वार्क (चार क्वार्क, एक प्रति क्वार्क) और चतुष्क्वार्क (दो क्वार्क, दो प्रतिक्वार्क) को भी उनकी बेरिऑन संख्या के आधार पर बेरिऑनों एवं मेसॉनों के रूप में वर्गीकृत किया जाता है। .
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X (आवेश)
कण भौतिकी में, X-आवेश (अथवा साधारणतया X) SO(10) महा एकीकृत सिद्धांत से सम्बध एक संरक्षित क्वान्टम संख्या है। X बेरिऑन संख्या B और लेप्टॉन संख्या L के अन्तर (''B'' − ''L'') से सम्बंधित है और दुर्बल हाइपर आवेश YW से निम्न संबंध है: .
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