5 संबंधों: पियेर सिमों लाप्लास, पूर्ण वर्ग बनाना, लजान्द्र रूपान्तर, जेड रूपान्तर, इकाई पग-फलन।
पियेर सिमों लाप्लास
पियेर सिमों लाप्लास पियेर सिमों लाप्लास (Pierre Simon Laplace, १७४९ ई. - १८२७ ई.) फ्रांसीसी गणितज्ञ, भौतिकशास्त्री तथा खगोलविद थे। लाप्लास का जन्म २८ मार्च १७४९ ई., को एक दरिद्र किसान के परिवार में हुआ। इनकी शिक्षा धनी पड़ोसियों की सहायता से हुई। .
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पूर्ण वर्ग बनाना
आरम्भिक बीजगणित में द्विघात बहुपद ax^2 + bx + c\,\! को a(x - h)^2 + k\, के रूप में बदलने को पूर्ण वर्ग बनाना (Completing the square) कहते हैं। यहाँ h तथा k का मान x से स्वतंत्र है। नीचे पूर्ण वर्ग बनाने के कुछ उदाहरण दिये हैं- x^2 + 6x + 11 \,&.
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लजान्द्र रूपान्तर
लजान्द्र रूपान्तर की ज्यामितीय व्याख्या गणित में किसी वास्तविक मान वाले, तथा सभी बिन्दुओं पर अवकलनीय फलन f तथा g में निम्नलिखित सम्बन्ध हो तो g को f का लजान्द्र रूपान्तर (LegendreTransform) कहा जाता है। इस रूपान्तर का नाम फ्रांसीसी गणितज्ञ आद्रियें मारि लजान्द्र (Adrien-Marie Legendre) के नाम पर पड़ा है। जहाँ D, अवकलज (डिफरेंशियल) का प्रतीक है तथा दाहिनी ओर आने वाला -1, प्रतिलोम फलन को सूचित कर रहा है। यह आसानी से दिखाया जा सकता है कि g, f का लजान्द्र रूपान्तर हो तो f, g का लजान्द्र रूपान्तर होगा उदाहरण के लिये, फलन f(x).
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जेड रूपान्तर
गणित एवं संकेत प्रसंस्करण में जेड रूपान्तर (Z-transform) किसी डिस्क्रीट टाइम-डोमेन संकेत को समिश्र (कम्प्लेक्स) आवृत्ति-डोमेन में बदलता है। डिस्क्रीट टाइम-डोमेन संकेत से तात्पर्य ऐसे संकेत से है जो केवल कुछ निश्चित समयों पर अशून्य मान रखता है, शेष समय वह शून्य रहता है। जेड-रूपान्तर को लाप्लास रूपान्तर का विविक्त-समय अनुरूप (discrete-time equivalent) के रूप में समझा जा सकता है। इसका उपयोग आंकिक संकेत प्रसंस्करण (डीएसपी) एवं आंकिक नियंत्रण (डिजिटल कन्ट्रोल) में किया जाता है। .
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इकाई पग-फलन
इकाई पग-फलन इकाई पग-फलन (unit step function) या हेविसाइड पग-फलन (Heaviside step function) एक असतत फलन है, जिसका मान स्वतंत्र चर के ऋणात्मक मान के लिये शून्य होता है तथा धनात्मक मान के लिये एक होता है। इसे प्रायः H या u या θ से निरूपित किया जाता है। H(0) का मान क्या हो, इसका अधिक महत्व नहीं है। यह फलन नियंत्रण सिद्धान्त तथा संकेत प्रसंस्करण में बहुत प्रयुक्त होता है। इसके अलावा संरचना इंजीनियरी में भी विभिन्न प्रकार के लोड वितरणों के गणितीय निरूपण के लिये इसका उपयोग किया जाता है। किया जाता है। इसका नाम इंग्लैण्ड के बहुज्ञ ओलिवर हेविसाइड (Oliver Heaviside) के नाम पर रखा गया है। हेविसाइड फलन, डिरैक डेल्टा फलन का समाकल है: H′ .