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संस्कृत नाटक और हिंदी रंगमंच

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

संस्कृत नाटक और हिंदी रंगमंच के बीच अंतर

संस्कृत नाटक vs. हिंदी रंगमंच

संस्कृत नाटक (कोडियट्टम) में सुग्रीव की भूमिका संस्कृत नाटक रसप्रधान होते हैं। इनमें समय और स्थान की अन्विति नही पाई जाती। अपनी रचना-प्रक्रिया में नाटक मूलतः काव्य का ही एक प्रकार है। सूसन के लैंगर के अनुसार भी नाटक रंगमंच का काव्य ही नहीं, रंगमंच में काव्य भी है। संस्कृत नाट्यपरम्परा में भी नाटक काव्य है और एक विशेष प्रकार का काव्य है,..दृश्यकाव्य। ‘काव्येषु नाटकं रम्यम्’ कहकर उसकी विशिष्टता ही रेखांकित की गयी है। लेखन से लेकर प्रस्तुतीकरण तक नाटक में कई कलाओं का संश्लिष्ट रूप होता है-तब कहीं वह अखण्ड सत्य और काव्यात्मक सौन्दर्य की विलक्षण सृष्टि कर पाता है। रंगमंच पर भी एक काव्य की सृष्टि होती है विभिन्न माध्यमों से, कलाओं से जिससे रंगमंच एक कार्य का, कृति का रूप लेता है। आस्वादन और सम्प्रेषण दोनों साथ-साथ चलते हैं। अनेक प्रकार के भावों, अवस्थाओं से युक्त, रस भाव, क्रियाओं के अभिनय, कर्म द्वारा संसार को सुख-शान्ति देने वाला यह नाट्य इसीलिए हमारे यहाँ विलक्षण कृति माना गया है। आचार्य भरत ने नाट्यशास्त्र के प्रथम अध्याय में नाट्य को तीनों लोकों के विशाल भावों का अनुकीर्तन कहा है तथा इसे सार्ववर्णिक पंचम वेद बतलाया है। भरत के अनुसार ऐसा कोई ज्ञान शिल्प, विद्या, योग एवं कर्म नहीं है जो नाटक में दिखाई न पड़े - . हिंदी रंगमंच से अभिप्राय हिंदी और उसकी बोलियों के रंगमंच से है। हिन्दी रंगमंच की जड़ें रामलीला और रासलीला से आरम्भ होती हैं। हिन्दी रंगमंच पर संस्कृत नाटकों का भी प्रभाव है। भारतेन्दु हरिश्चंद्र हिन्दी रंगमंच के पुरोधा हैं। .

संस्कृत नाटक और हिंदी रंगमंच के बीच समानता

संस्कृत नाटक और हिंदी रंगमंच आम में एक बात है (यूनियनपीडिया में): नाटक

नाटक

नाटक, काव्य का एक रूप है। जो रचना श्रवण द्वारा ही नहीं अपितु दृष्टि द्वारा भी दर्शकों के हृदय में रसानुभूति कराती है उसे नाटक या दृश्य-काव्य कहते हैं। नाटक में श्रव्य काव्य से अधिक रमणीयता होती है। श्रव्य काव्य होने के कारण यह लोक चेतना से अपेक्षाकृत अधिक घनिष्ठ रूप से संबद्ध है। नाट्यशास्त्र में लोक चेतना को नाटक के लेखन और मंचन की मूल प्रेरणा माना गया है। .

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संस्कृत नाटक और हिंदी रंगमंच के बीच तुलना

संस्कृत नाटक 53 संबंध है और हिंदी रंगमंच 9 है। वे आम 1 में है, समानता सूचकांक 1.61% है = 1 / (53 + 9)।

संदर्भ

यह लेख संस्कृत नाटक और हिंदी रंगमंच के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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