शिया इस्लाम और हसन इब्न अली के बीच समानता
शिया इस्लाम और हसन इब्न अली आम में 6 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): फ़ातिमा, मुहम्मद, राशिदून ख़लीफ़ा, हुसैन इब्न अली, ख़िलाफ़त, अली इब्न अबी तालिब।
फ़ातिमा
फ़ातिमा बिन्ते मुहम्मद (Fāṭimah bint Muḥammad) (فاطمة;; especially colloquially: जन्म c. 605 या 615Ordoni (1990) pp.42-45 – मृत्यु 28 अगस्त 632)फ़ातिमा को हज़रत फ़ातिमा ज़हरा सलामुल्लाह अलैहा कहा जाता है। उनकी उपाधियां ज़हरा, सिद्दीक़ा, ताहिरा, ज़ाकिरा, राज़िया, मरज़िया, मुहद्देसा व बतूल हैं। वे हज़रत मुहम्मद और खतीजा की पुत्री अली की पत्नी, हसन और हुसैन की मां थीं। अहले बैत की सदस्य थीं। "Fatimah", Encyclopaedia of Islam.
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मुहम्मद
हज़रत मुहम्मद (محمد صلی اللہ علیہ و آلہ و سلم) - "मुहम्मद इब्न अब्दुल्लाह इब्न अब्दुल मुत्तलिब" का जन्म सन ५७० ईसवी में हुआ था। इन्होंने इस्लाम धर्म का प्रवर्तन किया। ये इस्लाम के सबसे महान नबी और आख़िरी सन्देशवाहक (अरबी: नबी या रसूल, फ़ारसी: पैग़म्बर) माने जाते हैं जिन को अल्लाह ने फ़रिश्ते जिब्रईल द्वारा क़ुरआन का सन्देश' दिया था। मुसलमान इनके लिये परम आदर भाव रखते हैं। .
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राशिदून ख़लीफ़ा
खलीफ़ा राशिदून: (خلیفۃ راشدون) - रुष्द व हिदायत पाये खलीफ़ा। सुन्नी मुसलमानों के लिए पैगम्बर मुहम्मद की मृत्यु के बाद, सन् ६३२ से लकर सन् ६६१ के मध्य के खलीफ़ा (प्रधानों) को राशिदून या अल खलीफ़ उर्र-राशिदून (सही दिशा में चलते हुए) कहते हैं। कार्यकाल के अनुसार ये चार खलीफ़ा हैं। (इब्न माजा, अबी दाऊद).
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हुसैन इब्न अली
इमाम हुसैन (अल हुसैन बिन अली बिन अबी तालिब, यानि अबी तालिब के पोते और अली के बेटे अल हुसैन, 626 AH -680 AH) अली रदियल्लाहु के दूसरे बेटे थे और इस कारण से पैग़म्बर मुहम्मद के नाती। आपका जन्म मक्का में हुआ। आपकी माता का नाम फ़ातिमा ज़हरा था | इमाम हुसैन को इस्लाम में एक शहीद का दर्ज़ा प्राप्त है। शिया मान्यता के अनुसार वे यज़ीद प्रथम के कुकर्मी शासन के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाने के लिए सन् 680 AH में कुफ़ा के निकट कर्बला की लड़ाई में शहीद कर दिए गए थे। उनकी शहादत के दिन को आशूरा (दसवाँ दिन) कहते हैं और इस शहादत की याद में मुहर्रम (उस महीने का नाम) मनाते हैं। .
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ख़िलाफ़त
इस्लाम की विजय यात्रा मुहम्मद साहब की मृत्यु के बाद इस्लाम के प्रमुख को खलीफ़ा कहते थे। इस विचारधारा को खिलाफ़त कहा जाता है। प्रथम चार खलीफाओं को राशिदुन कहते हैं। उम्मयद, अब्बासी और फ़ातिमी खलीफा क्रमशः दमिश्क, बग़दाद और काहिरा से शासन करते थे। इसके बाद उस्मानी (ऑटोमन तुर्क) खिलाफ़त आया। मुहम्मद साहब के नेतृत्व में अरब बहुत शक्तिशाली हो गए थे। उन्होंने एक बड़े साम्राज्य पर अधिकार कर लिया था जो इससे पहले अरबी इतिहास में शायद ही किसी ने किया हो। खलीफ़ा बनने का अर्थ था - इतने बड़े साम्राज्य का मालिक। अतः इस पद को लेकर विवाद होना स्वाभाविक था। .
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अली इब्न अबी तालिब
अली इब्ने अबी तालिब (अरबी: علی ابن ابی طالب) का जन्म 17 मार्च 600 (13 रजब 24 हिजरी पूर्व) मुसलमानों के तीर्थ स्थल काबा के अन्दर हुआ था। वे पैगम्बर मुहम्मद (स.) के चचाजाद भाई और दामाद थे और उनका चर्चित नाम हज़रत अली है। वे मुसलमानों के खलीफा के रूप में जाने जाते हैं। उन्होंने 656 से 661 तक राशिदून ख़िलाफ़त के चौथे ख़लीफ़ा के रूप में शासन किया, और शिया इस्लाम के अनुसार वे632 to 661 तक पहले इमाम थे। इसके अतिरिक्त उन्हें पहला मुस्लिम वैज्ञानिक भी माना जाता है। उन्होंने वैज्ञानिक जानकारियों को बहुत ही रोचक ढंग से आम आदमी तक पहुँचाया था। .
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शिया इस्लाम और हसन इब्न अली के बीच तुलना
शिया इस्लाम 38 संबंध है और हसन इब्न अली 8 है। वे आम 6 में है, समानता सूचकांक 13.04% है = 6 / (38 + 8)।
संदर्भ
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