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शाहजहाँपुर जिला

सूची शाहजहाँपुर जिला

शाहजहाँपुर जिला (अंग्रेजी: Shahjahanpur district) भारतीय राज्य उत्तर प्रदेश का एक जिला है जिसका मुख्यालय शाहजहाँपुर है। यह एक ऐतिहासिक क्षेत्र है जिसकी पुष्टि भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण विभाग द्वारा यहाँ के कुछ उत्साही व प्रमुख व्यक्तियों के माध्यन से कराये गये उत्खनन में मिले सिक्कों, बर्तनों व अन्य बस्तुओं के सर्वेक्षण से हुई है। उत्तर वैदिक काल से लेकर वर्तमान समय की वस्तुस्थितियों तक इस जिले की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि सदैव ही चर्चा में रही है। भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में सन् १८५७ के प्रथम स्वातन्त्र्य समर से लेकर १९२५ के काकोरी काण्ड तथा १९४२ के भारत छोड़ो आन्दोलन तक इस जिले की प्रमुख भूमिका रही है। इसे शहीद गढ़ या शहीदों की नगरी के नाम से भी जाना जाता है। शाहजहांपुर को 2018 में उत्तर प्रदेश का 17 वां नगर निगम का दर्जा मिला है । .

29 संबंधों: दामोदर स्वरूप 'विद्रोही', नई दिल्ली, प्रेमकृष्ण खन्ना, बरेली, भारत, भारत छोड़ो आन्दोलन, भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण विभाग, भारतीय स्वतन्त्रता आन्दोलन, मदनलाल वर्मा 'क्रान्त', मुरारी शर्मा, राम प्रसाद 'बिस्मिल', राजबहादुर 'विकल', रेलवे स्टेशन, रोशन सिंह, शाहजहाँपुर जिला, श्रीपेरंबदुर, जलालाबाद (शाहजहाँपुर), ज़िला, वैदिक सभ्यता, गजेटियर, इतिहास, काकोरी काण्ड, कुर्रिया कलाँ, अमेठी, अशफ़ाक़ुल्लाह ख़ाँ, अंग्रेज़ी भाषा, उत्तर प्रदेश, १९९५, १९९८

दामोदर स्वरूप 'विद्रोही'

दामोदर स्वरूप 'विद्रोही' (जन्म:2 अक्टूबर 1928 - मृत्यु: 11 मई 2008) अमर शहीदों की धरती के लिये विख्यात शाहजहाँपुर जनपद के चहेते कवियों में थे। यहाँ के बच्चे-बच्चे की जुबान पर विद्रोही जी का नाम आज भी उतना ही है जितना कि तब था जब वे जीवित थे। विद्रोही की अग्निधर्मा कविताओं ने उन्हें कवि सम्मेलन के अखिल भारतीय मंचों पर स्थापित ही नहीं किया अपितु अपार लोकप्रियता भी प्रदान की। उनका एक मुक्तक तो सर्वाधिक लोकप्रिय हुआ: सम्पूर्ण हिन्दुस्तान में उनकी पहचान वीर रस के सिद्धहस्त कवि के रूप में भले ही हुई हो परन्तु यह भी एक सच्चाई है कि उनके हृदय में एक सुमधुर गीतकार भी छुपा हुआ था। गीत, गजल, मुक्तक और छन्द के विधान पर उनकी जबर्दस्त पकड़ थी। भ्रष्टाचार, शोषण, अत्याचार, छल और प्रवचन के समूल नाश के लिये वे ओजस्वी कविताओं का निरन्तर शंखनाद करते रहे। उन्होंने चीन व पाकिस्तान युद्ध और आपातकाल के दिनों में अपनी आग्नेय कविताओं की मेघ गर्जना से देशवासियों में अदम्य साहस का संचार किया। हिन्दी साहित्य के आकाश में स्वयं को सूर्य-पुत्र घोषित करने वाले यशस्वी वाणी के धनी विद्रोही जी भौतिक रूप से भले ही इस नश्वर संसार को छोड़ गये हों परन्तु अपनी कालजयी कविताओं के लिये उन्हें सदैव याद किया जायेगा। .

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नई दिल्ली

नई दिल्ली भारत की राजधानी है। यह भारत सरकार और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार के केंद्र के रूप में कार्य करता है। नई दिल्ली दिल्ली महानगर के भीतर स्थित है, और यह दिल्ली संघ राज्य क्षेत्र के ग्यारह ज़िलों में से एक है। भारत पर अंग्रेज शासनकाल के दौरान सन् 1911 तक भारत की राजधानी कलकत्ता (अब कोलकाता) था। अंग्रेज शासकों ने यह महसूस किया कि देश का शासन बेहतर तरीके से चलाने के लिए कलकत्ता की जगह यदि दिल्‍ली को राजधानी बनाया जाए तो बेहतर होगा क्‍योंकि य‍ह देश के उत्तर में है और यहां से शासन का संचालन अधिक प्रभावी होगा। इस पर विचार करने के बाद अंग्रेज महाराजा जॉर्ज पंचम ने देश की राजधानी को दिल्‍ली ले जाने के आदेश दे दिए। वर्ष 2011 में दिल्ली महानगर की जनसंख्या 22 लाख थी। दिल्ली की जनसंख्या उसे दुनिया में पाँचवीं सबसे अधिक आबादी वाला, और भारत का सबसे बड़ा महानगर बनाती है। क्षेत्रफल के अनुसार भी, दिल्ली दुनिया के बड़े महानगरों में से एक है। मुम्बई के बाद, वह देश का दूसरा सबसे अमीर शहर है, और दिल्ली का सकल घरेलू उत्पाद दक्षिण, पश्चिम और मध्य एशिया के शहरों में दूसरे नम्बर पर आता है। नई दिल्ली अपनी चौड़ी सड़कों, वृक्ष-अच्छादित मार्गों और देश के कई शीर्ष संस्थानो और स्थलचिह्नों के लिए जानी जाती है। 1911 के दिल्ली दरबार के दौरान, 15 दिसम्बर को शहर की नींव भारत के सम्राट, जॉर्ज पंचम ने रखी, और प्रमुख ब्रिटिश वास्तुकार सर एड्विन लुट्यन्स और सर हर्बर्ट बेकर ने इसकी रूपरेखा तैयार की। ब्रिटिश भारत के गवर्नर जनरल लॉर्ड इर्विन द्वारा 13 फ़रवरी 1931 को नई दिल्ली का उद्घाटन हुआ। बोलचाल की भाषा में हालाँकि दिल्ली और नयी दिल्ली यह दोनों नाम राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के अधिकार क्षेत्र को संदर्भित करने के लिए के प्रयोग किये जाते हैं, मगर यह दो अलग-अलग संस्था हैं और नयी दिल्ली, दिल्ली महानगर का छोटा सा हिस्सा है। .

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प्रेमकृष्ण खन्ना

प्रेमकृष्ण खन्ना (अंग्रेजी: Prem Krishna Khanna, जन्म: २ फ़रवरी १८९४ मृत्यु:३ अगस्त १९९३) हिन्दुस्तान रिपब्लिकन ऐसोसिएशन के एक प्रमुख सदस्य थे। शाहजहाँपुर के रेल विभाग में ठेकेदार (काण्ट्रेक्टर) थे। इन्हें ब्रिटिश सरकार ने माउजर पिस्तौल का लाइसेन्स दे रखा था। सुप्रसिद्ध क्रान्तिकारी राम प्रसाद 'बिस्मिल' से इनकी घनिष्ठ मित्रता थी। क्रान्तिकारी कार्यों के लिये वे इनका माउजर प्राय: माँग कर ले जाया करते थे। यही नहीं, आवश्यकता पडने पर कभी कभी इनके लाइसेन्स पर कारतूस भी खरीद लिया करते थे। काकोरी काण्ड में प्रयुक्त माउजर पिस्तौल के कारतूस इन्हीं के शस्त्र-लाइसेन्स पर खरीदे गये थे जिसके पर्याप्त साक्ष्य मिल जाने के कारण इन्हें ५ वर्ष की कठोर कैद की सजाभुगतनी पडी थी। २ वर्ष तक काकोरी-काण्ड का मुकदमा चला अत: कुल मिलाकर सन १९२५ से १९३२ तक ७ वर्ष कारागार में बिताये। छूटकर आये तो आजीवन अविवाहित रहकर देश-सेवा का व्रत ले लिया। ४० वर्षाँ तक कांग्रेस की कार्यकारिणी के सदस्य रहे। कांग्रेस के टिकट पर कई वर्ष (१९६२ से १९७१ तक) लोकसभा के सांसद भी रहे। ३ अगस्त १९९३ को शाहजहाँपुर के जिला अस्पताल में उस समय प्राणान्त हुआ जब जीवन का शतक पूर्ण करने में मात्र ६ महीने शेष रह गये थे। बडे ही जीवट के व्यक्ति थे। .

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बरेली

बरेली उत्तरी भारत में उत्तर प्रदेश राज्य के बरेली जिले में स्थित एक शहर है। यह उत्तर प्रदेश में आठवां सबसे बड़ा महानगर, और भारत का ५०वां सबसे बड़ा शहर है। रामगंगा नदी के तट पर बसा यह शहर रोहिलखंड के ऐतिहासिक क्षेत्र की राजधानी था। .

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भारत

भारत (आधिकारिक नाम: भारत गणराज्य, Republic of India) दक्षिण एशिया में स्थित भारतीय उपमहाद्वीप का सबसे बड़ा देश है। पूर्ण रूप से उत्तरी गोलार्ध में स्थित भारत, भौगोलिक दृष्टि से विश्व में सातवाँ सबसे बड़ा और जनसंख्या के दृष्टिकोण से दूसरा सबसे बड़ा देश है। भारत के पश्चिम में पाकिस्तान, उत्तर-पूर्व में चीन, नेपाल और भूटान, पूर्व में बांग्लादेश और म्यान्मार स्थित हैं। हिन्द महासागर में इसके दक्षिण पश्चिम में मालदीव, दक्षिण में श्रीलंका और दक्षिण-पूर्व में इंडोनेशिया से भारत की सामुद्रिक सीमा लगती है। इसके उत्तर की भौतिक सीमा हिमालय पर्वत से और दक्षिण में हिन्द महासागर से लगी हुई है। पूर्व में बंगाल की खाड़ी है तथा पश्चिम में अरब सागर हैं। प्राचीन सिन्धु घाटी सभ्यता, व्यापार मार्गों और बड़े-बड़े साम्राज्यों का विकास-स्थान रहे भारतीय उपमहाद्वीप को इसके सांस्कृतिक और आर्थिक सफलता के लंबे इतिहास के लिये जाना जाता रहा है। चार प्रमुख संप्रदायों: हिंदू, बौद्ध, जैन और सिख धर्मों का यहां उदय हुआ, पारसी, यहूदी, ईसाई, और मुस्लिम धर्म प्रथम सहस्राब्दी में यहां पहुचे और यहां की विविध संस्कृति को नया रूप दिया। क्रमिक विजयों के परिणामस्वरूप ब्रिटिश ईस्ट इण्डिया कंपनी ने १८वीं और १९वीं सदी में भारत के ज़्यादतर हिस्सों को अपने राज्य में मिला लिया। १८५७ के विफल विद्रोह के बाद भारत के प्रशासन का भार ब्रिटिश सरकार ने अपने ऊपर ले लिया। ब्रिटिश भारत के रूप में ब्रिटिश साम्राज्य के प्रमुख अंग भारत ने महात्मा गांधी के नेतृत्व में एक लम्बे और मुख्य रूप से अहिंसक स्वतन्त्रता संग्राम के बाद १५ अगस्त १९४७ को आज़ादी पाई। १९५० में लागू हुए नये संविधान में इसे सार्वजनिक वयस्क मताधिकार के आधार पर स्थापित संवैधानिक लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित कर दिया गया और युनाईटेड किंगडम की तर्ज़ पर वेस्टमिंस्टर शैली की संसदीय सरकार स्थापित की गयी। एक संघीय राष्ट्र, भारत को २९ राज्यों और ७ संघ शासित प्रदेशों में गठित किया गया है। लम्बे समय तक समाजवादी आर्थिक नीतियों का पालन करने के बाद 1991 के पश्चात् भारत ने उदारीकरण और वैश्वीकरण की नयी नीतियों के आधार पर सार्थक आर्थिक और सामाजिक प्रगति की है। ३३ लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल के साथ भारत भौगोलिक क्षेत्रफल के आधार पर विश्व का सातवाँ सबसे बड़ा राष्ट्र है। वर्तमान में भारतीय अर्थव्यवस्था क्रय शक्ति समता के आधार पर विश्व की तीसरी और मानक मूल्यों के आधार पर विश्व की दसवीं सबसे बडी अर्थव्यवस्था है। १९९१ के बाज़ार-आधारित सुधारों के बाद भारत विश्व की सबसे तेज़ विकसित होती बड़ी अर्थ-व्यवस्थाओं में से एक हो गया है और इसे एक नव-औद्योगिकृत राष्ट्र माना जाता है। परंतु भारत के सामने अभी भी गरीबी, भ्रष्टाचार, कुपोषण, अपर्याप्त सार्वजनिक स्वास्थ्य-सेवा और आतंकवाद की चुनौतियां हैं। आज भारत एक विविध, बहुभाषी, और बहु-जातीय समाज है और भारतीय सेना एक क्षेत्रीय शक्ति है। .

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भारत छोड़ो आन्दोलन

बंगलुरू के बसवानगुडी में दीनबन्धु सी एफ् अन्ड्रूज का भाषण भारत छोड़ो आन्दोलन, द्वितीय विश्वयुद्ध के समय ८ अगस्त १९४२ को आरम्भ किया गया था|यह एक आन्दोलन था जिसका लक्ष्य भारत से ब्रितानी साम्राज्य को समाप्त करना था। यह आंदोलन महात्मा गांधी द्वारा अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के मुम्बई अधिवेशन में शुरू किया गया था। यह भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के दौरान विश्वविख्यात काकोरी काण्ड के ठीक सत्रह साल बाद ९ अगस्त सन १९४२ को गांधीजी के आह्वान पर समूचे देश में एक साथ आरम्भ हुआ। यह भारत को तुरन्त आजाद करने के लिये अंग्रेजी शासन के विरुद्ध एक सविनय अवज्ञा आन्दोलन था। क्रिप्स मिशन की विफलता के बाद महात्मा गाँधी ने ब्रिटिश शासन के खिलाफ़ अपना तीसरा बड़ा आंदोलन छेड़ने का फ़ैसला लिया। 8 अगस्त 1942 की शाम को बम्बई में अखिल भारतीय काँगेस कमेटी के बम्बई सत्र में 'अंग्रेजों भारत छोड़ो' का नाम दिया गया था। हालांकि गाँधी जी को फ़ौरन गिरफ़्तार कर लिया गया था लेकिन देश भर के युवा कार्यकर्ता हड़तालों और तोड़फ़ोड़ की कार्रवाइयों के जरिए आंदोलन चलाते रहे। कांग्रेस में जयप्रकाश नारायण जैसे समाजवादी सदस्य भूमिगत प्रतिरोधि गतिविधियों में सबसे ज्यादा सक्रिय थे। पश्चिम में सतारा और पूर्व में मेदिनीपुर जैसे कई जिलों में स्वतंत्र सरकार, प्रतिसरकार की स्थापना कर दी गई थी। अंग्रेजों ने आंदोलन के प्रति काफ़ी सख्त रवैया अपनाया फ़िर भी इस विद्रोह को दबाने में सरकार को साल भर से ज्यादा समय लग गया। .

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भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण विभाग

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग, भारत सरकार के संस्कृति विभाग के अन्तर्गत एक सरकारी एजेंसी है, जो कि पुरातत्व अध्ययन और सांस्कृतिक स्मारकों के अनुरक्षण के लिये उत्तरदायी होती है। इसकी वेबसाइट के अनुसार, ए.एस.

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भारतीय स्वतन्त्रता आन्दोलन

* भारतीय स्वतंत्रता आन्दोलन राष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय आह्वानों, उत्तेजनाओं एवं प्रयत्नों से प्रेरित, भारतीय राजनैतिक संगठनों द्वारा संचालित अहिंसावादी और सैन्यवादी आन्दोलन था, जिनका एक समान उद्देश्य, अंग्रेजी शासन को भारतीय उपमहाद्वीप से जड़ से उखाड़ फेंकना था। इस आन्दोलन की शुरुआत १८५७ में हुए सिपाही विद्रोह को माना जाता है। स्वाधीनता के लिए हजारों लोगों ने अपने प्राणों की बलि दी। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने १९३० कांग्रेस अधिवेशन में अंग्रेजो से पूर्ण स्वराज की मांग की थी। .

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मदनलाल वर्मा 'क्रान्त'

मदनलाल वर्मा 'क्रान्त' (जन्म: २० दिसम्बर १९४७, शाहजहाँपुर) मूलत: हिन्दी के कवि तथा लेखक हैं। इसके अतिरिक्त उन्होंने उर्दू, संस्कृत तथा अंग्रेजी में भी कविताएँ लिखी हैं। क्रान्तिकारी राम प्रसाद 'बिस्मिल' के व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाशित "सरफरोशी की तमन्ना" उनकी उल्लेखनीय पुस्तक है। "क्रान्तिकारी हिन्दी साहित्य में राष्ट्रीय चेतना" विषय पर अतिविशिष्ट अनुसन्धान के लिये उन्हें भारत सरकार ने वर्ष २००४ में हिन्दी साहित्य की "सीनियर फैलोशिप" प्रदान की। .

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मुरारी शर्मा

मुरारी शर्मा (अंग्रेजी: Murari Sharma, जन्म: १ जनवरी १९०१, मृत्यु: २ अप्रैल १९८२) विश्वविख्यात काकोरी काण्ड में प्रत्यक्ष रूप से हिस्सा लेने वाले क्रान्तिकारी थे जिन्हें अन्त तक पुलिस गिरफ्तार नहीं कर पायी। इनका वास्तविक नाम मुरारीलाल गुप्त था परन्तु मुरारी शर्मा के छद्म नाम से इन्होंने हिन्दुस्तान रिपब्लिकन ऐसोसिएशन की सदस्यता ली, काकोरी काण्ड में भाग लिया और फरार हो गये। यह रहस्योद्घाटन उनके यशस्वी पुत्र दामोदर स्वरूप 'विद्रोही' ने १९ जून १९९७ को हिन्दी अकादमी, दिल्ली द्वारा राजेन्द्र भवन दिल्ली में आयोजित "राम प्रसाद 'बिस्मिल' जयन्ती" समारोह में बोलते हुए किया था। मुरारीलाल जी कुछ दिनों दिल्ली जाकर छिपे रहे फिर शाहजहाँपुर जनपद स्थित अपने गाँव मुडिया पँवार चले गये। आप पक्के आर्य समाजी थे कभी भी रिक्शे पर नहीं बैठे। कहा करते थे इसे आदमी खींचता है मैं एक आदमी होकर एक आदमी से अपना बोझा उठवाऊँ यह नहीं हो सकता। २ अप्रैल १९८२ को आपने अपने घर पर स्वेच्छा से प्राण त्याग दिये। .

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राम प्रसाद 'बिस्मिल'

राम प्रसाद 'बिस्मिल' (११ जून १८९७-१९ दिसम्बर १९२७) भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन की क्रान्तिकारी धारा के एक प्रमुख सेनानी थे, जिन्हें ३० वर्ष की आयु में ब्रिटिश सरकार ने फाँसी दे दी। वे मैनपुरी षड्यन्त्र व काकोरी-काण्ड जैसी कई घटनाओं में शामिल थे तथा हिन्दुस्तान रिपब्लिकन ऐसोसिएशन के सदस्य भी थे। राम प्रसाद एक कवि, शायर, अनुवादक, बहुभाषाभाषी, इतिहासकार व साहित्यकार भी थे। बिस्मिल उनका उर्दू तखल्लुस (उपनाम) था जिसका हिन्दी में अर्थ होता है आत्मिक रूप से आहत। बिस्मिल के अतिरिक्त वे राम और अज्ञात के नाम से भी लेख व कवितायें लिखते थे। ज्येष्ठ शुक्ल एकादशी (निर्जला एकादशी) विक्रमी संवत् १९५४, शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के शाहजहाँपुर में जन्मे राम प्रसाद ३० वर्ष की आयु में पौष कृष्ण एकादशी (सफला एकादशी), सोमवार, विक्रमी संवत् १९८४ को शहीद हुए। उन्होंने सन् १९१६ में १९ वर्ष की आयु में क्रान्तिकारी मार्ग में कदम रखा था। ११ वर्ष के क्रान्तिकारी जीवन में उन्होंने कई पुस्तकें लिखीं और स्वयं ही उन्हें प्रकाशित किया। उन पुस्तकों को बेचकर जो पैसा मिला उससे उन्होंने हथियार खरीदे और उन हथियारों का उपयोग ब्रिटिश राज का विरोध करने के लिये किया। ११ पुस्तकें उनके जीवन काल में प्रकाशित हुईं, जिनमें से अधिकतर सरकार द्वारा ज़ब्त कर ली गयीं। --> बिस्मिल को तत्कालीन संयुक्त प्रान्त आगरा व अवध की लखनऊ सेण्ट्रल जेल की ११ नम्बर बैरक--> में रखा गया था। इसी जेल में उनके दल के अन्य साथियोँ को एक साथ रखकर उन सभी पर ब्रिटिश राज के विरुद्ध साजिश रचने का ऐतिहासिक मुकदमा चलाया गया था। --> .

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राजबहादुर 'विकल'

काव्यपाठ करते हुए विकल जी की एक भावमुद्रा राजबहादुर 'विकल' (जन्म: 2 जुलाई 1924 - म्रत्यु: 15 अक्टूबर 2009) वीर रस के सिद्धहस्त कवियों में थे। विकल उनका उपनाम था जिसका शाब्दिक अर्थ होता है बेचैन आत्मा। निस्संदेह उनके शरीर में किसी शहीद की बेचैन आत्मा प्रविष्ट हो गयीं थी। काकोरी शहीद इण्टर कालेज जलालाबाद (शाहजहाँपुर) में काफी समय तक अध्यापन करते रहने के कारण उन्हें विकल जलालाबादी के नाम से भी जाना जाता था। "दुनिया मत पन्थ बने, इसका, अपने हाथों निपटारा है। रणभेरी के स्वर में गरजो, पूरा कश्मीर हमारा है।" इन पंक्तियों से अवाम को झकझोर कर रख देने वाले आग्नेय कवि राजबहादुर 'विकल' का जीवन-दीप सन् 2009 की दीपावली को उस समय बुझ गया जब पूरा देश रोशनी में नहा रहा था। उन्होंने 85 वर्ष का यशस्वी जीवन पाया। .

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रेलवे स्टेशन

रेलवे स्टेशन रेलगाड़ियों के रुकने का एवं यात्रियों के लिए ट्रैन या रेल पर चढ़ने उतरने का स्थान होता है।। श्रेणी:रेलवे.

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रोशन सिंह

रोशन सिंह (जन्म:१८९२-मृत्यु:१९२७) ठाकुर रोशन सिंह (१८९२ - १९२७) भारत के स्वतन्त्रता संग्राम के एक क्रान्तिकारी थे। असहयोग आन्दोलन के दौरान उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में हुए गोली-काण्ड में सजा काटकर जैसे ही शान्तिपूर्ण जीवन बिताने घर वापस आये कि हिन्दुस्तान रिपब्लिकन ऐसोसियेशन में शामिल हो गये। यद्यपि ठाकुर साहब ने काकोरी काण्ड में प्रत्यक्ष रूप से भाग नहीं लिया था फिर भी आपके आकर्षक व रौबीले व्यक्तित्व को देखकर काकोरी काण्ड के सूत्रधार पण्डित राम प्रसाद बिस्मिल व उनके सहकारी अशफाक उल्ला खाँ के साथ १९ दिसम्बर १९२७ को फाँसी दे दी गयी। ये तीनों ही क्रान्तिकारी उत्तर प्रदेश के शहीदगढ़ कहे जाने वाले जनपद शाहजहाँपुर के रहने वाले थे। इनमें ठाकुर साहब आयु के लिहाज से सबसे बडे, अनुभवी, दक्ष व अचूक निशानेबाज थे। .

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शाहजहाँपुर जिला

शाहजहाँपुर जिला (अंग्रेजी: Shahjahanpur district) भारतीय राज्य उत्तर प्रदेश का एक जिला है जिसका मुख्यालय शाहजहाँपुर है। यह एक ऐतिहासिक क्षेत्र है जिसकी पुष्टि भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण विभाग द्वारा यहाँ के कुछ उत्साही व प्रमुख व्यक्तियों के माध्यन से कराये गये उत्खनन में मिले सिक्कों, बर्तनों व अन्य बस्तुओं के सर्वेक्षण से हुई है। उत्तर वैदिक काल से लेकर वर्तमान समय की वस्तुस्थितियों तक इस जिले की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि सदैव ही चर्चा में रही है। भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में सन् १८५७ के प्रथम स्वातन्त्र्य समर से लेकर १९२५ के काकोरी काण्ड तथा १९४२ के भारत छोड़ो आन्दोलन तक इस जिले की प्रमुख भूमिका रही है। इसे शहीद गढ़ या शहीदों की नगरी के नाम से भी जाना जाता है। शाहजहांपुर को 2018 में उत्तर प्रदेश का 17 वां नगर निगम का दर्जा मिला है । .

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श्रीपेरंबदुर

श्रीपेरंबदुर ("திருபெரும்புதூர்") भारतीय राज्य तमिलनाडु में स्थित एक नगर है। यह चेन्नई से ४० किमी दक्षिण में स्थित है। श्रेणी:तमिलनाडु श्रेणी:तमिल नाडु के शहर.

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जलालाबाद (शाहजहाँपुर)

जलालाबाद (शाहजहाँपुर) (अंग्रेजी: Jalalabad (Shahjahanpur), उर्दू: جلال آباد (Jalālābād) शाहजहाँपुर जिले का एक प्रमुख ऐतिहासिक नगर है जिसकी देखरेख यहाँ की नगरपालिका करती है। यह नगर भारतवर्ष के राज्य उत्तर प्रदेश के अन्तर्गत आता है। जलालाबाद सिर्फ़ एक नगर ही नहीं बल्कि शाहजहाँपुर जिले की तहसील भी है। .

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ज़िला

भारत के नागालैंड राज्य के ज़िले ज़िला (district, डिस्ट्रिक्ट​) कई देशों में पाई जाने वाली एक प्रशासनिक ईकाई होती है। ज़िलों के आकार में जगह-जगह का भारी अंतर होता है - कहीं तो कुछ गाँव जोड़कर ही ज़िला बनता है जबकि अन्य स्थानों पर विशाल भूक्षेत्र एक ही ज़िले में सम्मिलित होते हैं। भारत में हर ज़िला कई तालुकाओं, तहसीलों या प्रखण्डों को जोड़कर बनता है और कई ज़िलों को जोड़कर एक राज्य बनता है।, United Nations Human Settlements Programme, pp.

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वैदिक सभ्यता

प्राचीन भारत वैदिक सभ्यता प्राचीन भारत की सभ्यता है जिसमें वेदों की रचना हुई। भारतीय विद्वान् तो इस सभ्यता को अनादि परम्परा आया हुआ मानते हैं | पश्चिमी विद्वानो के अनुसार आर्यों का एक समुदाय भारत मे लगभग 1500 इस्वी ईसा पूर्व आया और उनके आगमन के साथ ही यह सभ्यता आरंभ हुई थी। आम तौर पर अधिकतर विद्वान वैदिक सभ्यता का काल 1500 इस्वी ईसा पूर्व से 500 इस्वी ईसा पूर्व के बीच मे मानते है, परन्तु नए पुरातत्त्व उत्खननो से मिले अवशेषों मे वैदिक सभ्यता के कई अवशेष मिले हैं जिससे आधुनिक विद्वान जैसे डेविड फ्राले, तेलगिरी, बी बी लाल, एस र राव, सुभाष काक, अरविन्दो यह मानने लगे है कि वैदिक सभ्यता भारत मे ही शुरु हुई थी और ऋग्वेद का रचना शुंग काल में हुयी, क्योंकि आर्यो के भारत मे आने का न तो कोई पुरातत्त्व उत्खननो से प्रमाण मिला है और न ही डी एन ए अनुसन्धानो से कोई प्रमाण मिला है इस काल में वर्तमान हिंदू धर्म के स्वरूप की नींव पड़ी थी जो आज भी अस्तित्व में है। वेदों के अतिरिक्त संस्कृत के अन्य कई ग्रंथो की रचना भी इसी काल में हुई थी। वेदांगसूत्रौं की रचना मन्त्र ब्राह्मणग्रंथ और उपनिषद इन वैदिकग्रन्थौं को व्यवस्थित करने मे हुआ है | अनन्तर रामायण, महाभारत,और पुराणौंकी रचना हुआ जो इस काल के ज्ञानप्रदायी स्रोत मानागया हैं। अनन्तर चार्वाक, तान्त्रिकौं,बौद्ध और जैन धर्म का उदय भी हुआ | इतिहासकारों का मानना है कि आर्य मुख्यतः उत्तरी भारत के मैदानी इलाकों में रहते थे इस कारण आर्य सभ्यता का केन्द्र मुख्यतः उत्तरी भारत था। इस काल में उत्तरी भारत (आधुनिक पाकिस्तान, बांग्लादेश तथा नेपाल समेत) कई महाजनपदों में बंटा था। .

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गजेटियर

गजेटियर (Gazzeteer) मूलतः अँगरेज़ प्रशासकों की जानकारी और सुविधा के लिए आविष्कृत बहुप्रयुक्त वह ग्रन्थ-परम्परा है जिसमें एक क्षेत्र विशेष की सम्पूर्ण प्रामाणिक भौगोलिक, सांस्कृतिक, समाज-संबंधी जानकारियों का यथासंभव सचित्र संचयन होता है ताकि उसके अध्ययन से सभी बुनियादी जानकारियां, उस क्षेत्र में नए आने वाले पाठक तक को एक ही जगह उपलब्ध हो जाएँ। गज़ेटियर एक क्षेत्र-विशेष का वर्णनात्मक विवरण है जिसमें प्रायः अकारादि क्रम से वहां के इतिहास, भूगोल, जलवायु, अवस्थिति, वर्षा, जनसँख्या, साक्षरता, उद्योग-धंधों, आर्थिक गतिविधियों, नगरों, जातियों, भाषा-साहित्य-संस्कृति आदि आदि अनेकानेक बातों का का उचित आंकड़ों सहित 'निरपेक्ष' उल्लेख होता है। पहले इसका रूप स्थानीय अथवा प्रादेशिक था, लेकिन १९वीं शताब्दी में समस्त संसार के उर्पुक्त विषयों से संबंधित हो गया और इस ढंग के अनेक कोश अद्यावधि प्रकाशित हो चुके हैं। वर्ष २०१० में केंद्र सरकार के स्तर पर गजेटियर-पुनर्लेखन की योजना कार्यान्वित किये जाने की खबर आयी थी जैसा ४-२-१०१० को दैनिक हिंदुस्तान में प्रकाशित इस समाचार से ज्ञात होता है- "देश भर में गजेटियर को नए सिरे से बनाने के लिए सरकार ने तैयारियों को शुरु कर दिया है। केंद्रीय गृह सचिव जीके पिल्लई की अध्यक्षता में सरकार ने एक कमेटी का गठन किया है जो कि राष्ट्रीय स्तर पर शुरु किए गए इस प्रोजेक्ट की देखरेख करेगी। पिल्लई ने देश के मुख्य सचिवों को सरकार की इस प्रोजेक्ट की जानकारी देते हुए कहा है कि इस दिशा में तेजी से काम करना होगा। पिल्लई ने अपनी चिट्ठी में लिखा है कि देश में कई नए राज्य और कई जिलों का गठन कर लिया गया है, लेकिन इनके गजेटियर नहीं बनाए गए हैं। गजेटियर जिले और राज्यों के बारे में सरकारी दस्तावेज है, जो कि सबसे प्रामाणिक माने जाते हैं। गजेटियर में न सिर्फ जिलों का इतिहास होता है बल्कि उस जिले के बारे में एक एक जानकारी होती है। पिल्लई ने कहा है कि राष्ट्र्रीय स्तर पर इस दिशा में काम करने के लिए नेशनल इनफारमेटिक्स सेंटर (एनआईसी) से मिलकर काम किया जा रहा है इसलिए राज्यों को अपने स्तर पर एनआईसी के साथ मिल कर काम शुरु करना होगा। उन्होंने कहा है कि योजना के पहले चरण में सभी गजेटियर को वेबसाइट पर भी डालना होगा तकि लोगों को इससे आसानी हो सके। गजेटियर को बनाने की परंपरा को ब्रिटिश शासन में शुरु किया गया था। गजेटियर में इलाके की सामाजिक, आर्थिक व भौगोलिक जानकारी होती है। ब्रिटिश शासन में पहला गजेटियर इंपीरियर गजेटियर ऑफ इंडिया के नाम से सन 1881 में प्रकाशित किया गया था। सर विलियम हंटर ने इसकी योजना को तैयार किया था और 1869 में इस पर काम शुरु किया गया था। देश में उस समय के प्रशासकीय ढांचे के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए इसके बाद में सन 1908, 1909, व 1931 में एडीशन प्रकाशित किए गए थे। इसके बाद प्रादेशिक स्तर पर भी इन्हें तैयार किया गया था। इससे पूर्व भारत में गजेटियर की शुरूआत सन् 1815 से देखने को मिलती है, जब वाल्टर हेमिल्टन ने ‘ईस्ट इंडिया गजेटियर’ प्रकाशित किया। सन् 1828 में इसका फिर दूसरा संस्करण निकला। यह दो वोल्यूम में था। इसके बाद सन् 1854 में गजेटियर आॅफ टेरिटरी का प्रकाशन हुआ। किन्तु इस दिशा में वास्तविक प्रगति अब भी प्रतीक्षित है | .

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इतिहास

बोधिसत्व पद्मपनी, अजंता, भारत। इतिहास(History) का प्रयोग विशेषत: दो अर्थों में किया जाता है। एक है प्राचीन अथवा विगत काल की घटनाएँ और दूसरा उन घटनाओं के विषय में धारणा। इतिहास शब्द (इति + ह + आस; अस् धातु, लिट् लकार अन्य पुरुष तथा एक वचन) का तात्पर्य है "यह निश्चय था"। ग्रीस के लोग इतिहास के लिए "हिस्तरी" (history) शब्द का प्रयोग करते थे। "हिस्तरी" का शाब्दिक अर्थ "बुनना" था। अनुमान होता है कि ज्ञात घटनाओं को व्यवस्थित ढंग से बुनकर ऐसा चित्र उपस्थित करने की कोशिश की जाती थी जो सार्थक और सुसंबद्ध हो। इस प्रकार इतिहास शब्द का अर्थ है - परंपरा से प्राप्त उपाख्यान समूह (जैसे कि लोक कथाएँ), वीरगाथा (जैसे कि महाभारत) या ऐतिहासिक साक्ष्य। इतिहास के अंतर्गत हम जिस विषय का अध्ययन करते हैं उसमें अब तक घटित घटनाओं या उससे संबंध रखनेवाली घटनाओं का कालक्रमानुसार वर्णन होता है। दूसरे शब्दों में मानव की विशिष्ट घटनाओं का नाम ही इतिहास है। या फिर प्राचीनता से नवीनता की ओर आने वाली, मानवजाति से संबंधित घटनाओं का वर्णन इतिहास है।Whitney, W. D. (1889).

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काकोरी काण्ड

काकोरी-काण्ड के क्रान्तिकारी सबसे ऊपर या प्रमुख बिस्मिल थे राम प्रसाद 'बिस्मिल' एवं अशफाक उल्ला खाँ नीचे ग्रुप फोटो में क्रमश: 1.योगेशचन्द्र चटर्जी, 2.प्रेमकृष्ण खन्ना, 3.मुकुन्दी लाल, 4.विष्णुशरण दुब्लिश, 5.सुरेशचन्द्र भट्टाचार्य, 6.रामकृष्ण खत्री, 7.मन्मथनाथ गुप्त, 8.राजकुमार सिन्हा, 9.ठाकुर रोशानसिंह, 10.पं० रामप्रसाद 'बिस्मिल', 11.राजेन्द्रनाथ लाहिडी, 12.गोविन्दचरण कार, 13.रामदुलारे त्रिवेदी, 14.रामनाथ पाण्डेय, 15.शचीन्द्रनाथ सान्याल, 16.भूपेन्द्रनाथ सान्याल, 17.प्रणवेशकुमार चटर्जी काकोरी काण्ड (अंग्रेजी: Kakori conspiracy) भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के क्रान्तिकारियों द्वारा ब्रिटिश राज के विरुद्ध भयंकर युद्ध छेड़ने की खतरनाक मंशा से हथियार खरीदने के लिये ब्रिटिश सरकार का ही खजाना लूट लेने की एक ऐतिहासिक घटना थी जो ९ अगस्त १९२५ को घटी। इस ट्रेन डकैती में जर्मनी के बने चार माउज़र पिस्तौल काम में लाये गये थे। इन पिस्तौलों की विशेषता यह थी कि इनमें बट के पीछे लकड़ी का बना एक और कुन्दा लगाकर रायफल की तरह उपयोग किया जा सकता था। हिन्दुस्तान रिपब्लिकन ऐसोसिएशन के केवल दस सदस्यों ने इस पूरी घटना को अंजाम दिया था। क्रान्तिकारियों द्वारा चलाए जा रहे आजादी के आन्दोलन को गति देने के लिये धन की तत्काल व्यवस्था की जरूरत के मद्देनजर शाहजहाँपुर में हुई बैठक के दौरान राम प्रसाद बिस्मिल ने अंग्रेजी सरकार का खजाना लूटने की योजना बनायी थी। इस योजनानुसार दल के ही एक प्रमुख सदस्य राजेन्द्रनाथ लाहिड़ी ने ९ अगस्त १९२५ को लखनऊ जिले के काकोरी रेलवे स्टेशन से छूटी "आठ डाउन सहारनपुर-लखनऊ पैसेन्जर ट्रेन" को चेन खींच कर रोका और क्रान्तिकारी पण्डित राम प्रसाद बिस्मिल के नेतृत्व में अशफाक उल्ला खाँ, पण्डित चन्द्रशेखर आज़ाद व ६ अन्य सहयोगियों की मदद से समूची ट्रेन पर धावा बोलते हुए सरकारी खजाना लूट लिया। बाद में अंग्रेजी हुकूमत ने उनकी पार्टी हिन्दुस्तान रिपब्लिकन ऐसोसिएशन के कुल ४० क्रान्तिकारियों पर सम्राट के विरुद्ध सशस्त्र युद्ध छेड़ने, सरकारी खजाना लूटने व मुसाफिरों की हत्या करने का मुकदमा चलाया जिसमें राजेन्द्रनाथ लाहिड़ी, पण्डित राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला खाँ तथा ठाकुर रोशन सिंह को मृत्यु-दण्ड (फाँसी की सजा) सुनायी गयी। इस मुकदमें में १६ अन्य क्रान्तिकारियों को कम से कम ४ वर्ष की सजा से लेकर अधिकतम काला पानी (आजीवन कारावास) तक का दण्ड दिया गया था। .

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कुर्रिया कलाँ

कुर्रिया कलाँ शाहजहाँपुर जिले का एक गाँव है । यहाँ पर काफी उन्नति है । यहाँ की ग्राम प्रधान श्रीमती सुधा मिश्रा हैं । यहाँ पर काली देवी का एक प्रसिद्ध मंदिर है ।.

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अमेठी

अमेठी भारत के उत्तर प्रदेश का एक प्रमुख शहर एवं राजनीतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण लोकसभा क्षेत्र है। अमेठी उत्तर प्रदेश का 72वां जिला है जिसे B.S.P. सरकार द्वारा आधिकारिक तौर पर 1 जुलाई 2010 को अस्तित्व में लाया गया था। अमेठी में सुल्तानपुर जिले की तीन तहसील मुसाफिरखाना, अमेठी, गौरीगंज तथा रायबरेली जिले की दो तहसील सलोन और तिलोई को मिला कर एक जिले का रूप दिया गया है। गौरीगंज शहर अमेठी जिले का मुख्यालय है। शुरुआत में इसका नाम छत्रपति साहूजी महाराज नगर था परन्तु इसे पुनः बदलकर अमेठी कर दिया गया है। अमेठी जिले का एक महत्वपूर्ण शहर व नगर निगम क्षेत्र है। इसे रायपुर-अमेठी भी कहा जाता है। यह भारत के गांधी परिवार की कर्मभूमि है। पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरु उनके पोते संजय गाँधी, राजीव गाँधी तथा उनकी पत्नी सोनिया गाँधी ने इस जिले का प्रतिनिधित्व किया है। 2014 आम चुनाव में राहुल गाँधी यहाँ से साँसद चुने गए। कोरवा अमेठी में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड की एक इकाई है जो भारतीय वायु सेना के लिए विमान बनाती है। अमेठी में इंडो गल्फ फर्टीलाइशर्स की एक खाद बनाने की इकाई भी मौजूद है।.

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अशफ़ाक़ुल्लाह ख़ाँ

अशफ़ाक़ उल्ला ख़ाँ, (उर्दू: اشفاق اُللہ خان, अंग्रेजी:Ashfaq Ulla Khan, जन्म:22 अक्तूबर १९००, मृत्यु:१९२७) भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम के एक प्रमुख क्रान्तिकारी थे। उन्होंने काकोरी काण्ड में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी। ब्रिटिश शासन ने उनके ऊपर अभियोग चलाया और १९ दिसम्बर सन् १९२७ को उन्हें फैजाबाद जेल में फाँसी पर लटका कर मार दिया गया। राम प्रसाद बिस्मिल की भाँति अशफ़ाक़ उल्ला ख़ाँ भी उर्दू भाषा के बेहतरीन शायर थे। उनका उर्दू तखल्लुस, जिसे हिन्दी में उपनाम कहते हैं, हसरत था। उर्दू के अतिरिक्त वे हिन्दी व अँग्रेजी में लेख एवं कवितायें भी लिखा करते थे। उनका पूरा नाम अशफ़ाक़ उल्ला ख़ाँ वारसी हसरत था। भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम के सम्पूर्ण इतिहास में बिस्मिल और अशफ़ाक़ की भूमिका निर्विवाद रूप से हिन्दू-मुस्लिम एकता का अनुपम आख्यान है। .

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अंग्रेज़ी भाषा

अंग्रेज़ी भाषा (अंग्रेज़ी: English हिन्दी उच्चारण: इंग्लिश) हिन्द-यूरोपीय भाषा-परिवार में आती है और इस दृष्टि से हिंदी, उर्दू, फ़ारसी आदि के साथ इसका दूर का संबंध बनता है। ये इस परिवार की जर्मनिक शाखा में रखी जाती है। इसे दुनिया की सर्वप्रथम अन्तरराष्ट्रीय भाषा माना जाता है। ये दुनिया के कई देशों की मुख्य राजभाषा है और आज के दौर में कई देशों में (मुख्यतः भूतपूर्व ब्रिटिश उपनिवेशों में) विज्ञान, कम्प्यूटर, साहित्य, राजनीति और उच्च शिक्षा की भी मुख्य भाषा है। अंग्रेज़ी भाषा रोमन लिपि में लिखी जाती है। यह एक पश्चिम जर्मेनिक भाषा है जिसकी उत्पत्ति एंग्लो-सेक्सन इंग्लैंड में हुई थी। संयुक्त राज्य अमेरिका के 19 वीं शताब्दी के पूर्वार्ध और ब्रिटिश साम्राज्य के 18 वीं, 19 वीं और 20 वीं शताब्दी के सैन्य, वैज्ञानिक, राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक प्रभाव के परिणाम स्वरूप यह दुनिया के कई भागों में सामान्य (बोलचाल की) भाषा बन गई है। कई अंतरराष्ट्रीय संगठनों और राष्ट्रमंडल देशों में बड़े पैमाने पर इसका इस्तेमाल एक द्वितीय भाषा और अधिकारिक भाषा के रूप में होता है। ऐतिहासिक दृष्टि से, अंग्रेजी भाषा की उत्पत्ति ५वीं शताब्दी की शुरुआत से इंग्लैंड में बसने वाले एंग्लो-सेक्सन लोगों द्वारा लायी गयी अनेक बोलियों, जिन्हें अब पुरानी अंग्रेजी कहा जाता है, से हुई है। वाइकिंग हमलावरों की प्राचीन नोर्स भाषा का अंग्रेजी भाषा पर गहरा प्रभाव पड़ा है। नॉर्मन विजय के बाद पुरानी अंग्रेजी का विकास मध्य अंग्रेजी के रूप में हुआ, इसके लिए नॉर्मन शब्दावली और वर्तनी के नियमों का भारी मात्र में उपयोग हुआ। वहां से आधुनिक अंग्रेजी का विकास हुआ और अभी भी इसमें अनेक भाषाओँ से विदेशी शब्दों को अपनाने और साथ ही साथ नए शब्दों को गढ़ने की प्रक्रिया निरंतर जारी है। एक बड़ी मात्र में अंग्रेजी के शब्दों, खासकर तकनीकी शब्दों, का गठन प्राचीन ग्रीक और लैटिन की जड़ों पर आधारित है। .

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उत्तर प्रदेश

आगरा और अवध संयुक्त प्रांत 1903 उत्तर प्रदेश सरकार का राजचिन्ह उत्तर प्रदेश भारत का सबसे बड़ा (जनसंख्या के आधार पर) राज्य है। लखनऊ प्रदेश की प्रशासनिक व विधायिक राजधानी है और इलाहाबाद न्यायिक राजधानी है। आगरा, अयोध्या, कानपुर, झाँसी, बरेली, मेरठ, वाराणसी, गोरखपुर, मथुरा, मुरादाबाद तथा आज़मगढ़ प्रदेश के अन्य महत्त्वपूर्ण शहर हैं। राज्य के उत्तर में उत्तराखण्ड तथा हिमाचल प्रदेश, पश्चिम में हरियाणा, दिल्ली तथा राजस्थान, दक्षिण में मध्य प्रदेश तथा छत्तीसगढ़ और पूर्व में बिहार तथा झारखंड राज्य स्थित हैं। इनके अतिरिक्त राज्य की की पूर्वोत्तर दिशा में नेपाल देश है। सन २००० में भारतीय संसद ने उत्तर प्रदेश के उत्तर पश्चिमी (मुख्यतः पहाड़ी) भाग से उत्तरांचल (वर्तमान में उत्तराखंड) राज्य का निर्माण किया। उत्तर प्रदेश का अधिकतर हिस्सा सघन आबादी वाले गंगा और यमुना। विश्व में केवल पाँच राष्ट्र चीन, स्वयं भारत, संयुक्त राज्य अमेरिका, इंडोनिशिया और ब्राज़ील की जनसंख्या उत्तर प्रदेश की जनसंख्या से अधिक है। उत्तर प्रदेश भारत के उत्तर में स्थित है। यह राज्य उत्तर में नेपाल व उत्तराखण्ड, दक्षिण में मध्य प्रदेश, पश्चिम में हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान तथा पूर्व में बिहार तथा दक्षिण-पूर्व में झारखण्ड व छत्तीसगढ़ से घिरा हुआ है। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ है। यह राज्य २,३८,५६६ वर्ग किलोमीटर के क्षेत्रफल में फैला हुआ है। यहाँ का मुख्य न्यायालय इलाहाबाद में है। कानपुर, झाँसी, बाँदा, हमीरपुर, चित्रकूट, जालौन, महोबा, ललितपुर, लखीमपुर खीरी, वाराणसी, इलाहाबाद, मेरठ, गोरखपुर, नोएडा, मथुरा, मुरादाबाद, गाजियाबाद, अलीगढ़, सुल्तानपुर, फैजाबाद, बरेली, आज़मगढ़, मुज़फ्फरनगर, सहारनपुर यहाँ के मुख्य शहर हैं। .

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१९९५

1995 ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

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१९९८

1999 ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

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