2 संबंधों: सन्धिपाद, सहस्रपाद।
सन्धिपाद
आर्थ्रोपोडा संघ के प्राणी सन्धिपाद (अर्थोपोडा) प्राणी जगत का सबसे बड़ा संघ है। पृथ्वी पर सन्धिपाद की लगभग दो तिहाई जातियाँ हैं, इसमें कीट भी सम्मिलित हैं। इनका शरीर सिर, वक्ष और उदर में बँटा रहता है। शरीर के चारों ओर एक खोल जैसी रचना मिलती है। प्रायः सभी खंडों के पार्श्व की ओर एक संधियुक्त शाखांग होते हैं। सिर पर दो संयुक्त नेत्र होते हैं। ये जन्तु एकलिंगी होते हैं और जल तथा स्थल दोनों स्थानों पर मिलते हैं। तिलचट्टा, मच्छर, मक्खी, गोजर, झिंगा, केकड़ा आदि इस संघ के प्रमुख जन्तु हैं। .
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सहस्रपाद
मिलिपीड सहस्रपाद आर्थोपोडा संघ का एक प्राणी है। इसका शरीर लंबा एवं खण्डयुक्त तथा काइटिन के बाह्य कंकाल से ढका होता है। सिर पर एक जोड़ी श्रृंगिकाएँ होती हैं। धड़ के प्रत्येक खण्ड में दो जोड़े संधियुक्त पैर होते हैं। इसमें श्वसन अंग वायुनलियाँ हैं। .
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