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वेगा 1 और शुक्र

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

वेगा 1 और शुक्र के बीच अंतर

वेगा 1 vs. शुक्र

वेगा 1 (Vega 1), (वेगा 2 के साथ) एक सोवियत अंतरिक्ष अन्वेषी व वेगा कार्यक्रम का हिस्सा है। यह अंतरिक्ष यान पहले के वेनेरा यान का विस्तार था। वे बाबाकीन अंतरिक्ष केंद्र द्वारा रचे गए और खिम्की पर लेवोच्कीन द्वारा 5VK के रूप में निर्मित किए गए थे। यान बड़े जुड़वां सौर पैनलों द्वारा संचालित किए गए थे और और उपकरणों ने एक डिश एंटीना, कैमरा, स्पेक्ट्रोमीटर, इंफ्रारेड साउंडर, मैग्नेटोमीटर और प्लाज्मा अन्वेषी को शामिल किया था। वेगा 1 और 2 दोनों तीन अक्षों पर स्थिर अंतरिक्ष यान थे। अंतरिक्ष यान हैली धूमकेतु से धूल संरक्षण के लिए एक भरपूर दोहरे ढाल से लैस थे। श्रेणी:अंतरिक्ष यान श्रेणी:अंतरिक्ष परियोजना श्रेणी:मई २०१३ के लेख जिनमें स्रोत नहीं हैं. शुक्र (Venus), सूर्य से दूसरा ग्रह है और प्रत्येक 224.7 पृथ्वी दिनों मे सूर्य परिक्रमा करता है। ग्रह का नामकरण प्रेम और सौंदर्य की रोमन देवी पर हुआ है। चंद्रमा के बाद यह रात्रि आकाश में सबसे चमकीली प्राकृतिक वस्तु है। इसका आभासी परिमाण -4.6 के स्तर तक पहुँच जाता है और यह छाया डालने के लिए पर्याप्त उज्जवलता है। चूँकि शुक्र एक अवर ग्रह है इसलिए पृथ्वी से देखने पर यह कभी सूर्य से दूर नज़र नहीं आता है: इसका प्रसरकोण 47.8 डिग्री के अधिकतम तक पहुँचता है। शुक्र सूर्योदय से पहले या सूर्यास्त के बाद केवल थोड़ी देर के लए ही अपनी अधिकतम चमक पर पहुँचता है। यहीं कारण है जिसके लिए यह प्राचीन संस्कृतियों के द्वारा सुबह का तारा या शाम का तारा के रूप में संदर्भित किया गया है। शुक्र एक स्थलीय ग्रह के रूप में वर्गीकृत है और समान आकार, गुरुत्वाकर्षण और संरचना के कारण कभी कभी उसे पृथ्वी का "बहन ग्रह" कहा गया है। शुक्र आकार और दूरी दोनों मे पृथ्वी के निकटतम है। हालांकि अन्य मामलों में यह पृथ्वी से एकदम अलग नज़र आता है। शुक्र सल्फ्यूरिक एसिड युक्त अत्यधिक परावर्तक बादलों की एक अपारदर्शी परत से ढँका हुआ है। जिसने इसकी सतह को दृश्य प्रकाश में अंतरिक्ष से निहारने से बचा रखा है। इसका वायुमंडल चार स्थलीय ग्रहों मे सघनतम है और अधिकाँशतः कार्बन डाईऑक्साइड से बना है। ग्रह की सतह पर वायुमंडलीय दबाव पृथ्वी की तुलना मे 92 गुना है। 735° K (462°C,863°F) के औसत सतही तापमान के साथ शुक्र सौर मंडल मे अब तक का सबसे तप्त ग्रह है। कार्बन को चट्टानों और सतही भूआकृतियों में वापस जकड़ने के लिए यहाँ कोई कार्बन चक्र मौजूद नही है और ना ही ज़ीवद्रव्य को इसमे अवशोषित करने के लिए कोई कार्बनिक जीवन यहाँ नज़र आता है। शुक्र पर अतीत में महासागर हो सकते हैलेकिन अनवरत ग्रीनहाउस प्रभाव के कारण बढ़ते तापमान के साथ वह वाष्पीकृत होते गये होंगे |B.M. Jakosky, "Atmospheres of the Terrestrial Planets", in Beatty, Petersen and Chaikin (eds), The New Solar System, 4th edition 1999, Sky Publishing Company (Boston) and Cambridge University Press (Cambridge), pp.

वेगा 1 और शुक्र के बीच समानता

वेगा 1 और शुक्र आम में 3 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): हैली धूमकेतु, वेगा 2, अवरक्त

हैली धूमकेतु

(विकिपीडिया अंग्रेजी से अनुवादित) हैली धूमकेतु (आधिकारिक तौर पर नामित 1P/Halley) को एक लघु-अवधि धूमकेतु के रूप में बेहतर जाना जाता है। यह प्रत्येक ७५ से ७६ वर्ष के अंतराल में पृथ्वी से नजर आता है। हैली ही एक मात्र लघु-अवधि धूमकेतु है जिसे पृथ्वी से नग्न आँखों से साफ़-साफ़ देखा जा सकता है और यह नग्न आँखों से देखे जाने वाला एक मात्र धूमकेतु है जो मानव जीवन में दो बार दिखाई देता है। नग्न आँखों से दिखाई देने वाले अन्य धूमकेतु चमकदार और अधिक दर्शनीय हो सकते है लेकिन वह हजारों वर्षों में केवल एक बार दिखाई देते है। हैली के भीतरी सौरमंडल में लौटने पर इसका खगोलविज्ञानियों द्वारा २४० इ.पू.

वेगा 1 और हैली धूमकेतु · शुक्र और हैली धूमकेतु · और देखें »

वेगा 2

वेगा 2 (Vega 2), (वेगा 1 के साथ) एक सोवियत अंतरिक्ष अन्वेषी व वेगा कार्यक्रम का हिस्सा है। यह अंतरिक्ष यान पहले के वेनेरा यान का विस्तार था। वे बाबाकीन अंतरिक्ष केंद्र द्वारा रचे गए और खिम्की पर लेवोच्कीन द्वारा 5VK के रूप में निर्मित किए गए थे। यान बड़े जुड़वां सौर पैनलों द्वारा संचालित किए गए थे और और उपकरणों ने एक डिश एंटीना, कैमरा, स्पेक्ट्रोमीटर, इंफ्रारेड साउंडर, मैग्नेटोमीटर और प्लाज्मा अन्वेषी को शामिल किया था। वेगा 1 और 2 दोनों तीन अक्षों पर स्थिर अंतरिक्ष यान थे। अंतरिक्ष यान हैली धूमकेतु से धूल संरक्षण के लिए एक भरपूर दोहरे ढाल से लैस थे। श्रेणी:अंतरिक्ष यान श्रेणी:अंतरिक्ष परियोजना श्रेणी:मई २०१३ के लेख जिनमें स्रोत नहीं हैं.

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अवरक्त

दो व्यक्तियों की मध्य अधोरक्त (तापीय) प्रकाश में छाया चित्र अवरक्त किरणें, अधोरक्त किरणें या इन्फ़्रारेड वह विद्युत चुम्बकीय विकिरण है जिसका तरंग दैर्घ्य (वेवलेन्थ) प्रत्यक्ष प्रकाश से बड़ा हो एवं सूक्ष्म तरंग से कम हो। इसका नाम 'अधोरक्त' इसलिए है क्योंकि विद्युत चुम्बकीय तरंग के वर्णक्रम (स्पेक्ट्रम) में यह मानव द्वारा दर्शन योग्य लाल वर्ण से नीचे (या अध) होती है। इसका तरंग दैर्घ्य 750 nm and 1 mm के बीच होता है। सामान्य शारिरिक तापमान पर मानव शरीर 10 माइक्रॉन की अधोरक्त तरंग प्रकाशित कर सकता है। .

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सूची के ऊपर निम्न सवालों के जवाब

वेगा 1 और शुक्र के बीच तुलना

वेगा 1 11 संबंध है और शुक्र 142 है। वे आम 3 में है, समानता सूचकांक 1.96% है = 3 / (11 + 142)।

संदर्भ

यह लेख वेगा 1 और शुक्र के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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