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विष्णु नारायण भातखंडे और संगीत

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

विष्णु नारायण भातखंडे और संगीत के बीच अंतर

विष्णु नारायण भातखंडे vs. संगीत

पंडित विष्णु नारायण भातखंडे (१० अगस्त, 1860 – १९ सितंबर, १९३६) हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत के विद्वान थे। आधुनिक भारत में शास्त्रीय संगीत के पुनर्जागरण के अग्रदूत हैं जिन्होंने शास्त्रिए संगीत के विकास के लिए भातखंडे संगीत-शास्त्र की रचना की तथा कई संस्थाएँ तथा शिक्षा केन्द्र स्थापित किए। इन्होंने इस संगीत पर प्रथम आधुनिक टीका लिखी थी। उन्होने संगीतशास्त्र पर "हिंदुस्तानी संगीत पद्धति" नामक चार भागों में प्रकाशित किया और ध्रुपद, धमार, तथा ख्यात का संग्रह करके "हिंदुस्तानी संगीत क्रमीक" नामक ग्रंथ के छह भाग . नेपाल की नुक्कड़ संगीत-मण्डली द्वारा पारम्परिक संगीत सुव्यवस्थित ध्वनि, जो रस की सृष्टि करे, संगीत कहलाती है। गायन, वादन व नृत्य ये तीनों ही संगीत हैं। संगीत नाम इन तीनों के एक साथ व्यवहार से पड़ा है। गाना, बजाना और नाचना प्रायः इतने पुराने है जितना पुराना आदमी है। बजाने और बाजे की कला आदमी ने कुछ बाद में खोजी-सीखी हो, पर गाने और नाचने का आरंभ तो न केवल हज़ारों बल्कि लाखों वर्ष पहले उसने कर लिया होगा, इसमें संदेह नहीं। गान मानव के लिए प्राय: उतना ही स्वाभाविक है जितना भाषण। कब से मनुष्य ने गाना प्रारंभ किया, यह बतलाना उतना ही कठिन है जितना कि कब से उसने बोलना प्रारंभ किया। परंतु बहुत काल बीत जाने के बाद उसके गान ने व्यवस्थित रूप धारण किया। जब स्वर और लय व्यवस्थित रूप धारण करते हैं तब एक कला का प्रादुर्भाव होता है और इस कला को संगीत, म्यूजिक या मौसीकी कहते हैं। .

विष्णु नारायण भातखंडे और संगीत के बीच समानता

विष्णु नारायण भातखंडे और संगीत आम में एक बात है (यूनियनपीडिया में): हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत

हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत

हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत भारतीय शास्त्रीय संगीत के दो प्रमुख शैली में से एक है। दूसरी प्रमुख शैली है - कर्नाटक संगीत। यह एक परम्प्रिक उद्विकासी है जिसने 11वीं और 12वीं शताब्दी में मुस्लिम सभ्यता के प्रसार ने भारतीय संगीत की दिशा को नया आयाम दिया। यह दिशा प्रोफेसर ललित किशोर सिंह के अनुसार यूनानी पायथागॉरस के ग्राम व अरबी फ़ारसी ग्राम के अनुरूप आधुनिक बिलावल ठाठ की स्थापना मानी जा सकती है। इससे पूर्व काफी ठाठ शुद्ध मेल था। किंतु शुद्ध मेल के अतिरिक्त उत्तर भारतीय संगीत में अरबी-फ़ारसी अथवा अन्य विदेशी संगीत का कोई दूसरा प्रभाव नहीं पड़ा। "मध्यकालीन मुसलमान गायकों और नायकों ने भारतीय संस्कारों को बनाए रखा।" राजदरबार संगीत के प्रमुख संरक्षक बने और जहां अनेक शासकों ने प्राचीन भारतीय संगीत की समृद्ध परंपरा को प्रोत्साहन दिया वहीं अपनी आवश्यकता और रुचि के अनुसार उन्होंने इसमें अनेक परिवर्तन भी किए। हिंदुस्तानी संगीत केवल उत्तर भारत का ही नहीं। बांगलादेश और पाकिस्तान का भी शास्त्रीय संगीत है। .

विष्णु नारायण भातखंडे और हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत · संगीत और हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत · और देखें »

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विष्णु नारायण भातखंडे और संगीत के बीच तुलना

विष्णु नारायण भातखंडे 22 संबंध है और संगीत 47 है। वे आम 1 में है, समानता सूचकांक 1.45% है = 1 / (22 + 47)।

संदर्भ

यह लेख विष्णु नारायण भातखंडे और संगीत के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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