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विधिक जागरूकता और साक्षरता

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

विधिक जागरूकता और साक्षरता के बीच अंतर

विधिक जागरूकता vs. साक्षरता

विधिक जागरूकता (Legal awareness) अथवा विधिक साक्षरता से आशय जनता को कानून से समब्न्धित सामान्य बातों से परिचित कराकर उनका सशक्तीकरण करना है। अभिगमन तिथि: १८ अप्रैल २०१४ विधिक जागरूकता से विधिक संस्कृति को बढ़ावा मिलता है, कानूनों के निर्माण में लोगों की भागीदारी बढ़ती है और कानून के शासन की स्थापना की दिशा में प्रगति होती है। पहले 'विधिक रूप से साक्षर' होने का अर्थ था - 'कानूनी दस्तावेजों, विचारों, निर्णयों, कानूनों आदि को लिख/पढ़ पाने की क्षमता'। किन्तु अब इसका अर्थ कानून से सम्बन्धित इतनी क्षमता से है जो किसी कानूनी समाज में अर्थपूर्ण जीवन जीने के लिए जरूरी हो। विधिक निरक्षरता से होने वाली कुछ हानियाँ-. साक्षरता का अर्थ है साक्षर होना अर्थात पढने और लिखने की क्षमता से संपन्न होना। अलग अलग देशों में साक्षरता के अलग अलग मानक हैं। भारत में राष्ट्रीय साक्षरता मिशन के अनुसार अगर कोई व्यक्ति अपना नाम लिखने और पढने की योग्यता हासिल कर लेता है तो उसे साक्षर माना जाता है। .

विधिक जागरूकता और साक्षरता के बीच समानता

विधिक जागरूकता और साक्षरता आम में 0 बातें हैं (यूनियनपीडिया में)।

सूची के ऊपर निम्न सवालों के जवाब

विधिक जागरूकता और साक्षरता के बीच तुलना

विधिक जागरूकता 3 संबंध है और साक्षरता 5 है। वे आम 0 में है, समानता सूचकांक 0.00% है = 0 / (3 + 5)।

संदर्भ

यह लेख विधिक जागरूकता और साक्षरता के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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