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वाद्य यन्त्र और स्वरित्र

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

वाद्य यन्त्र और स्वरित्र के बीच अंतर

वाद्य यन्त्र vs. स्वरित्र

एक वाद्य यंत्र का निर्माण या प्रयोग, संगीत की ध्वनि निकालने के प्रयोजन के लिए होता है। सिद्धांत रूप से, कोई भी वस्तु जो ध्वनि पैदा करती है, वाद्य यंत्र कही जा सकती है। वाद्ययंत्र का इतिहास, मानव संस्कृति की शुरुआत से प्रारंभ होता है। वाद्ययंत्र का शैक्षणिक अध्ययन, अंग्रेज़ी में ओर्गेनोलोजी कहलाता है। केवल वाद्य यंत्र के उपयोग से की गई संगीत रचना वाद्य संगीत कहलाती है। संगीत वाद्य के रूप में एक विवादित यंत्र की तिथि और उत्पत्ति 67,000 साल पुरानी मानी जाती है; कलाकृतियां जिन्हें सामान्यतः प्रारंभिक बांसुरी माना जाता है करीब 37,000 साल पुरानी हैं। हालांकि, अधिकांश इतिहासकारों का मानना है कि वाद्य यंत्र के आविष्कार का एक विशिष्ट समय निर्धारित कर पाना, परिभाषा के व्यक्तिपरक होने के कारण असंभव है। वाद्ययंत्र, दुनिया के कई आबादी वाले क्षेत्रों में स्वतंत्र रूप से विकसित हुए. अनुनादी बक्से के उपर स्थापित '''स्वरित्र''' स्वरित्र (tuning fork) एक सरल युक्ति है जो मानक आवृत्ति की ध्वनि पैदा करने के काम आती है। संगीत के क्षेत्र में इसका उपयोग एक मानक पिच (pitch) उत्पादक के रूप में अन्य वाद्य यंत्रों को ट्यून करने में होती है। यह देखने में अंग्रेजी के यू आकार वाले फोर्क की तरह होता है। यह प्रायः इस्पात या किसी अन्य प्रत्यास्थ धातु का बना होता है। इसे किसी वस्तु के उपर ठोकने पर एक निश्चित आवृत्ति की ध्वनि उत्पन्न होती है। इसके द्वारा उत्पन्न ध्वनि की आवृत्ति इसके फोर्कों की लम्बाई तथा फोर्कों के प्रत्यास्थता पर निर्भर करती है। .

वाद्य यन्त्र और स्वरित्र के बीच समानता

वाद्य यन्त्र और स्वरित्र आम में एक बात है (यूनियनपीडिया में): संगीत

संगीत

नेपाल की नुक्कड़ संगीत-मण्डली द्वारा पारम्परिक संगीत सुव्यवस्थित ध्वनि, जो रस की सृष्टि करे, संगीत कहलाती है। गायन, वादन व नृत्य ये तीनों ही संगीत हैं। संगीत नाम इन तीनों के एक साथ व्यवहार से पड़ा है। गाना, बजाना और नाचना प्रायः इतने पुराने है जितना पुराना आदमी है। बजाने और बाजे की कला आदमी ने कुछ बाद में खोजी-सीखी हो, पर गाने और नाचने का आरंभ तो न केवल हज़ारों बल्कि लाखों वर्ष पहले उसने कर लिया होगा, इसमें संदेह नहीं। गान मानव के लिए प्राय: उतना ही स्वाभाविक है जितना भाषण। कब से मनुष्य ने गाना प्रारंभ किया, यह बतलाना उतना ही कठिन है जितना कि कब से उसने बोलना प्रारंभ किया। परंतु बहुत काल बीत जाने के बाद उसके गान ने व्यवस्थित रूप धारण किया। जब स्वर और लय व्यवस्थित रूप धारण करते हैं तब एक कला का प्रादुर्भाव होता है और इस कला को संगीत, म्यूजिक या मौसीकी कहते हैं। .

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वाद्य यन्त्र और स्वरित्र के बीच तुलना

वाद्य यन्त्र 67 संबंध है और स्वरित्र 6 है। वे आम 1 में है, समानता सूचकांक 1.37% है = 1 / (67 + 6)।

संदर्भ

यह लेख वाद्य यन्त्र और स्वरित्र के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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