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भारतीय संसद और लोकलुभावनवाद

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

भारतीय संसद और लोकलुभावनवाद के बीच अंतर

भारतीय संसद vs. लोकलुभावनवाद

संसद भवन संसद (पार्लियामेंट) भारत का सर्वोच्च विधायी निकाय है। यह द्विसदनीय व्यवस्था है। भारतीय संसद में राष्ट्रपति तथा दो सदन- लोकसभा (लोगों का सदन) एवं राज्यसभा (राज्यों की परिषद) होते हैं। राष्ट्रपति के पास संसद के दोनों में से किसी भी सदन को बुलाने या स्थगित करने अथवा लोकसभा को भंग करने की शक्ति है। भारतीय संसद का संचालन 'संसद भवन' में होता है। जो कि नई दिल्ली में स्थित है। लोक सभा में राष्ट्र की जनता द्वारा चुने हुए प्रतिनिधि होते हैं जिनकी अधिकतम संख्या ५५२ है। राज्य सभा एक स्थायी सदन है जिसमें सदस्य संख्या २५० है। राज्य सभा के सदस्यों का निर्वाचन / मनोनयन ६ वर्ष के लिए होता है। जिसके १/३ सदस्य प्रत्येक २ वर्ष में सेवानिवृत्त होते है। . लोकलुभावनवाद (Populism) वह राजनीतिक दर्शन है जिसमें नेता या राजनीतिक दल साधारण लोगों को किसी वास्तविक या काल्पनिक संभ्रांत वर्ग के विरुद्ध संघर्ष करवा कर उन्हें अधिकार, धन या सम्मान दिलवाने का दावा करता है।Cas Mudde, "The populist zeitgeist." Government and opposition 39.4 (2004): 542–563 at p. 560.

भारतीय संसद और लोकलुभावनवाद के बीच समानता

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संदर्भ

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