लोगो
यूनियनपीडिया
संचार
Google Play पर पाएं
नई! अपने एंड्रॉयड डिवाइस पर डाउनलोड यूनियनपीडिया!
मुक्त
ब्राउज़र की तुलना में तेजी से पहुँच!
 

रोहिलखन्ड मंडल और संयुक्त प्रान्त आगरा व अवध

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

रोहिलखन्ड मंडल और संयुक्त प्रान्त आगरा व अवध के बीच अंतर

रोहिलखन्ड मंडल vs. संयुक्त प्रान्त आगरा व अवध

वर्तमान उत्तर प्रदेश के क्षेत्रों के मानचित्र में रोहिलखंड का स्थान रोहिलखंड मंडल ब्रिटिश भारत के प्रान्त यूनाइटेड प्रौविन्सेज़ ऑफ़ ऐग्रा ऐण्ड औध के 9 प्रशासनिक मंडलों में से एक था। इसमें रोहिलखंड क्षेत्र के जिले शामिल थे। . संयुक्त प्रान्त आगरा व अवध (अंग्रेजी: United Provinces of Agra and Oudh; उच्चारण: यूनाईटेड प्राॅविन्सेज़ ऑफ ऐग्रा ऐण्ड औध) ब्रिटिश भारत में स्वाधीनता से पूर्व एकीकृत प्रान्त का नाम था जो 22 मार्च 1902 को आगरा व अवध नाम की दो प्रेसीडेंसी को मिलाकर बनाया गया था। उस समय सामान्यतः इसे संयुक्त प्रान्त (अंग्रेजी में यू॰पी॰) के नाम से भी जानते थे। यह संयुक्त प्रान्त लगभग एक शताब्दी 1856 से 1947 तक अस्तित्व में बना रहा। इसका कुल क्षेत्रफल वर्तमान भारतीय राज्यों उत्तर प्रदेश और उत्तराखण्ड के संयुक्त क्षेत्रफल के बराबर था। जिसे आजकल उत्तर प्रदेश या अंग्रेजी में यू॰पी॰ कहते हैं उसमें ब्रिटिश काल के दौरान रामपुर व टिहरी गढ़वाल जैसी स्वतन्त्र रियासतें भी शामिल थीं। 25 जनवरी 1950 को भारतीय संविधान की घोषणा से एक दिन पूर्व सरदार बल्लभ भाई पटेल ने इन सभी रियासतों को मिलाकर इसे उत्तर प्रदेश नाम दिया था। 3 जनवरी 1921 को जो राज्य पूर्णत: ब्रिटिश भारत का अंग बन गया था उसे स्वतन्त्र भारत में 20वीं सदी के जाते-जाते सन् 2000 में पुन: विभाजित कर उत्तरांचल (और बाद में उत्तराखण्ड) राज्य को स्थापित किया गया। .

रोहिलखन्ड मंडल और संयुक्त प्रान्त आगरा व अवध के बीच समानता

रोहिलखन्ड मंडल और संयुक्त प्रान्त आगरा व अवध आम में 5 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): बदायूँ जिला, बरेली जिला, बिजनौर जिला, ब्रिटिश राज, मुरादाबाद जिला

बदायूँ जिला

बदौन भारतीय राज्य उत्तर प्रदेश का एक जिला है। जिले का मुख्यालय बदायूँ है। क्षेत्रफल - वर्ग कि.मी.

बदायूँ जिला और रोहिलखन्ड मंडल · बदायूँ जिला और संयुक्त प्रान्त आगरा व अवध · और देखें »

बरेली जिला

बरेली भारतीय राज्य उत्तर प्रदेश का एक जिला है। जिले का मुख्यालय बरेली है। क्षेत्रफल - वर्ग कि॰मी॰ जनसंख्या - (2001 जनगणना) साक्षरता - ७५% एस॰टी॰डी॰ कोड - 0581 ज़िलाधिकारी - (अगस्त 2016 में)-गौरव दयाल समुद्र तल से उचाई - अक्षांश - उत्तर देशांतर - पूर्व औसत वर्षा - १३०० मि॰मी॰ बरेली उत्तर प्रदेश का एक ज़िला है। यह प्रदेश के पश्चिमी भाग मे उत्तरान्चल से सटा हुआ है। पहले यह रोहिल्ला नवाबो की राजधानी थी। बरेली ज़िले मे छह तहसीले हैं - बरेली, फरीदपुर, आंवला, नवावगंज, बहेङी, मीरगंज। .

बरेली जिला और रोहिलखन्ड मंडल · बरेली जिला और संयुक्त प्रान्त आगरा व अवध · और देखें »

बिजनौर जिला

बिजनौर भारतीय राज्य उत्तर प्रदेश का एक जिला है। जिले का मुख्यालय बिजनौर है। क्षेत्रफल - वर्ग कि.मी.

बिजनौर जिला और रोहिलखन्ड मंडल · बिजनौर जिला और संयुक्त प्रान्त आगरा व अवध · और देखें »

ब्रिटिश राज

ब्रिटिश राज 1858 और 1947 के बीच भारतीय उपमहाद्वीप पर ब्रिटिश द्वारा शासन था। क्षेत्र जो सीधे ब्रिटेन के नियंत्रण में था जिसे आम तौर पर समकालीन उपयोग में "इंडिया" कहा जाता था‌- उसमें वो क्षेत्र शामिल थे जिन पर ब्रिटेन का सीधा प्रशासन था (समकालीन, "ब्रिटिश इंडिया") और वो रियासतें जिन पर व्यक्तिगत शासक राज करते थे पर उन पर ब्रिटिश क्राउन की सर्वोपरिता थी। .

ब्रिटिश राज और रोहिलखन्ड मंडल · ब्रिटिश राज और संयुक्त प्रान्त आगरा व अवध · और देखें »

मुरादाबाद जिला

मुरादाबाद शहर के लालबाग नामक स्थान पर श्री काली देवी जी का प्राचीन सिद्धपीठ श्री काली माता मन्दिर स्थित है । लगभग 400 वर्ष पूर्व ब्रिटिश शासन से भी पहले इस स्थान पर नागा बाबा मिश्री गिरी जी ने जो की बंगाल से आये थे, पूजा - पाठ के लिए रामगंगा के तट पर एक मठ का निर्माण करवाया । कालान्तर में नागा बाबा मिश्री गिरी जी के ब्रह्मलीन होने (गौलोकवास) के उपरान्त यह स्थान श्री श्री 1008 मिश्री गिरि जी का टीला प्राचीन सिद्धपीठ श्री काली माता के मन्दिर के रुप में विकसित हुआ । तभी से इस स्थान पर श्री काली माता के दो मन्दिर प्रमुख रूप से स्थित हैं जिन्हें क्रमश: छोटी काली माँ तथा बड़ी काली माँ के नाम से जाना जाता है । इन मन्दिरों की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यहाँ काली के अन्य मन्दिरों की भाँति पशु - बलि इत्यादि कर्मकाण्डों का प्रचलन नहीं है। बल्कि यहाँ बलि के स्थान पर नारियल चड़ाये जाते है । यहाँ की पूजा सात्विक है । इन दोनों मन्दिरों के निकट प्राचीन समय से वर्तमान में हुए 29 महात्माओं (नागा साधुओं) की समाधियाँ हैं एवं कुछ अन्य साधूओं को जल समाधि दी गयी थी। तथा प्राचीनकाल से आज तक सर्वप्रथम आरती माँ नौ देवी (छोटी काली माँ, जो रामगंगा से निकली थी) की होती है यह मन्दिर नीचे बना हुआ है अतः इस मन्दिर के बराबर में वर्तमान मे गुरुद्वारा स्थापित है। तत्पश्चात टीले पर विराजमान बड़ी काली माँ की आरती होती है, प्राचीनकाल मे नीचे मन्दिर से आरती होने के बाद यह आरती जमीन में बनीं सुरंग (गुफा) से गुजरकर ऊपर टीले वाली माँ काली की आरती के लिये जाया करती थी, परन्तु अब मन्दिर के बराबर में बनें गुरुद्वारे के Basement के कारण इस सुरंग को बंद कर दिया गया है। नौ देवी माँ की प्रतिमा के बराबर में माँ कामाख्या देवी का श्री विग्रह एवं शिवलिंग रूप मे नागा साधू जी की समाधि है एवं शनि देव शिला,नवग्रह देव, श्री वृहस्पतिदेव, हनुमान जी,श्री राम दरवार, शिव परिवार और गौशाला आदि स्थापित है। बड़ी काली माँ की प्रतिमा के साथ सिंह (शेर) है एवं पीछे सरस्वती माँ एवं दुर्गा जी का श्री विग्रह स्थापित है एवं साथ ही साथ श्री बटुक भैरवनाथ जी, कालका माई का धूना, श्री गुरुदत्तात्रेय जी का श्री विग्रह और गौशाला स्थापित है। श्री काली माता मन्दिर रामगंगा के तट पर स्थित है एवं मन्दिर के बराबर मे शमशान घाट है जिसमे महादेव जी का श्री विग्रह है। शमशान घाट के बराबर मे श्री महाकाल भैरवनाथ मन्दिर है जिसमे भैरोनाथ जी के साथ-साथ माँ तारारानी, माँ सरस्वती,संजीवनी बूटी लिये हनुमान जी एवं गुरु गौरखनाथ जी मुख्य रूप से विराजित है, श्री काली माता मन्दिर के सामने सिद्धपीठ श्री बाला जी हठीले हनुमान मन्दिर स्थापित है जिसमे श्री बाला जी महाराज जी के साथ-साथ माता अंजनी, माँ शेरावाली, श्री सीताराम जी, हनुमान जी, हाथी पर सवार गुरु वृहस्पतिदेव जी, श्री शिव परिवार और श्री भैरवनाथ जी मुख्य रूप से सुशोभित है एवं इन मन्दिरो के साथ ही साथ यहाँ श्री संतोषी माता मन्दिर, गंगा मन्दिर, महर्षि दयानंद सरस्वती आश्रम जो की डंडी साधुओं के द्वारा बनबाया गया था और यहाँ कामधेनु गौ माता का मन्दिर व गुरुद्वारा आदि है । लालबाग स्थित काली माता मन्दिर के बारे में मान्यता है कि भक्तगण यदि पवित्र हृदय से माँ की उपासना करें, तो उन्हें मनवांछित फल की प्राप्ति होती है । इसी मान्यतावश यहाँ विभिन्न पर्वों पर हजारों की संख्या में लोग श्री काली माँ की उपासना के लिए आते हैं । एवं यहाँ दूर दूर से श्रद्धालु आकर बच्चो के मुन्डन भी करवाते है। यह मन्दिर पंच दशनाम् जुना अखाड़ा 13 मढ़ी श्री श्री 1008 मिश्री गिरि जी का टीला प्राचीन सिद्धपीठ श्री काली माता मन्दिर लालबाग मुरादाबाद के नाम से प्रसिद्ध है। .

मुरादाबाद जिला और रोहिलखन्ड मंडल · मुरादाबाद जिला और संयुक्त प्रान्त आगरा व अवध · और देखें »

सूची के ऊपर निम्न सवालों के जवाब

रोहिलखन्ड मंडल और संयुक्त प्रान्त आगरा व अवध के बीच तुलना

रोहिलखन्ड मंडल 7 संबंध है और संयुक्त प्रान्त आगरा व अवध 75 है। वे आम 5 में है, समानता सूचकांक 6.10% है = 5 / (7 + 75)।

संदर्भ

यह लेख रोहिलखन्ड मंडल और संयुक्त प्रान्त आगरा व अवध के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

अरे! अब हम फेसबुक पर हैं! »