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राष्ट्रमण्डल प्रजाभूमि

सूची राष्ट्रमण्डल प्रजाभूमि

राष्ट्रमण्डल प्रजाभूमि या राष्ट्रमण्डल प्रदेश, जिन्हें अंग्रेज़ी में कॉमनवेल्थ रॆयल्म कहा जाता है, राष्ट्रों के राष्ट्रमण्डल के उन १६ सार्वभौमिक राष्ट्रों को कहा जाता है, जिनपर एक ही शासक, महारानी एलिज़ाबेथ द्वि॰ का राज है। ये सारे देश एक ही राजसत्ता, शासक, राजपरिवार और उत्तराधिकार क्रम को साँझा करते हैं। इस व्यवस्था की शुरुआत १९३१ की वेस्टमिंस्टर की संविधि के साथ हुई थी, जिसके द्वारा ब्रिटेन के तत्कालीन डोमीनियन, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, न्यूज़ीलैण्ड, आयरिश मुक्त राज्य और न्यूफाउण्डलैण्ड को ब्रिटिश राष्ट्रमण्डल के बराबर के सदस्य होने के साथ ही पूर्ण या पूर्णात्मत वैधिक स्वतंत्रता प्रदान की गयी थी। द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद से, विश्व भर में विस्तृत, ब्रिटिश साम्राज्य के तमाम देशों को एक डोमिनियन के रूप में स्वाधीनता प्रदान कर दी गयी। जिनमे से कुछ राज्यों ने पूर्णतः स्वाधीन होने के बावजूद राजतंत्र के प्रति अपनी वफ़ादारी को बरक़रार रखा, जबकि कुछ राज्यों ने ब्रिटिश राजतंत्र को नाममात्र प्रमुख मानने से इनकार कर स्वयं को गणतांत्रिक राज्य घोषित कर दिया। आज, विश्व बाहर में कुल १६ ऐसे राज्य हैं जो स्वयं को महारानी एलिज़ाबेथ द्वितीय के एक प्रजाभूमि के रूप में पहचान करव्वते हैं। .

93 संबंधों: ऍक्ट ऑफ़ सेटलमेंट, १७०१, एलिज़ाबेथ द्वितीय, डेविड कैमरन, तुवालुवी राजतंत्र, तुवालू, त्रिनिदाद और टोबैगो, दक्षिण अफ़्रीका, द्वितीय विश्वयुद्ध, नाईजीरिया, न्यायपालिका, न्यूज़ीलैण्ड, न्यूज़ीलैण्ड का राजतंत्र, पापुआ न्यू गिनी, पापुआ न्यू गिनी का राजतंत्र, पाकिस्तान अधिराज्य, फ़िजी, फ़्रान्सीसी भाषा, बहामास, बहामियाई राजतंत्र, बारबाडोस, बारबाडोस का राजतंत्र, बिल ऑफ़ राइट्स, १६८९, ब्रिटिश राजतंत्र, ब्रिटिश राजपरिवार, ब्रिटिश राजसत्ता का अनुक्रम, ब्रिटिश साम्राज्य, ब्रिटेन, ब्रिटेन के शासक, बेलीज़, बेलीज़ियाइ राजतंत्र, भारत, भारत का संविधान, भारत के महाराज्यपाल, भारतीय अधिराज्य, मलावी, माल्टा, मॉरिशस, युगाण्डा, यूनाईटेड किंगडम की सरकार, यूनाइटेड किंगडम, राष्ट्रमण्डल प्रजाभूमि, राष्ट्रमण्डल के प्रमुख, राष्ट्रमंडल (बहुविकल्पी शब्द), राष्ट्रकुल, रॉयल मैरेजेज़ ऍक्ट, १७७२, श्रीलंका, सन्त विन्सेण्ट और ग्रेनाडाइन्स, सम्प्रभु राज्य, सामंतवाद, सिएरा लियोन, ..., संसदीय प्रणाली, सेण्ट लूसिया, सेण्ट किट्स और नेविस, सेंट लूसिया का राजतंत्र, सेंट विंसेंट और ग्रेनेडाइंस का राजतंत्र, सेंट किट्स और नेविस का राजतंत्र, सोफ़िया, हॅनोवर की निर्वाचिका, सोलोमन द्वीप, सोलोमन द्वीप का राजतंत्र, जनमत-संग्रह, जमैकन राजतंत्र, जमैका, जेम्स प्रथम, घाना, विधानपालिका, विधानमण्डल, विधिक व्यक्तित्व, विलय के अधिनियम, १७०७, वेस्टमिंस्टर की संविधि, १९३१, वेस्ट्मिन्स्टर ऍबी, गणराज्य, गयाना, गाम्बिया, ग्रेनाडा, ग्रेनेडा का राजतंत्र, गौरवशाली क्रांति, ऑस्ट्रेलिया, ऑस्ट्रेलियाई राजतंत्र, आयरिश मुक्त राज्य, इंग्लैण्ड राज्य, इंग्लैंड का गिरिजाघर, कनाडा, कार्यकारिणी (सरकार), कैनेडियाइ राजतंत्र, कैंटरबरी के आर्चबिशप, कीनिया, अण्टीगुआ और बारबुडा का राजतंत्र, अण्टीगुआ और बारबूडा, अध्यक्षीय प्रणाली, अंग्रेज़ी भाषा, उत्तराधिकार परिषद्, उपलक्षण, १९३१ सूचकांक विस्तार (43 अधिक) »

ऍक्ट ऑफ़ सेटलमेंट, १७०१

ऍक्ट ऑफ़ सेटलमेंट(Act of Settlement) अर्थात् समाधान का अधिनियम, इंग्लैंड की संसद द्वारा सन् १७०१ में पारित एक अधिनियम था, जिसे अंग्रेजी और आयरिश राजमुकुटों पर उत्तराधिकार की समस्या का समाधान करने हेतु पारित किया गया था। इस अधिनियम को ब्रिटिश राजतंत्र के इतिहास के सबसे महत्वपूर्ण विधानों में से एक माना जाता है। इस अधिनियम द्वारा, उत्तराधिकार के समाधान के रूप में, अंग्रेजी राजसत्ता के वारिस होने के हक़ को, हनोवर की निर्वाचिता, सोफ़िया(स्कॉटलैंड के जेम्स सष्टम की पौत्री) और उनके वंश की पुरुष-रेखा के जायज़, ग़ैर-रोमन कैथोलिक वंशजों को सौंप दिया था। इस अधिनियम के मौलिक दस्तावेज़ हनोवर के लोअर सैक्सन स्टेट पुरालेखागार में संरक्षित हैं। इस अधिनियम को विलियम तृतीय और रानी मैरी द्वितीय, और मैरी की बहन रानी ऐनी के कोई जीवित संतान उत्पन्न नहीं कर पाने, तथा स्टुअर्ट घराने के सभी सदस्यों के कैथोलिक धर्म होने के कारण किया गया था। सोफ़िया की वंशरेखा, स्टुअर्ट घराने की अवर्तम् रेखा थी, परंतु उसके सरे सदस्य वश्वास्पात्र प्रोटेस्टेंट थे। सोफ़िय का निधन, 8 जून 1714 को, 1 अगस्त 1714 को रानी ऐनी के देहांत से पहले ही होगई, जिसके पश्चात्, ज्याॅर्ज प्रथम ने सिंहासन पर विराज कर हनोवर वंश की शुरूआत की। इस अधिनियम ने स्काटलैंड और इंग्लैंड के विलय कर यय ग्रेट ब्रिटेन की स्थापना करने में अहम भूमिका निभाई थी। सन 1603 से ही दोनों देशों ने एक ही शासक को साझा किया था, परंतु दो भिन्न सारकारें थीं और ये दो वभक्त रूप से शासित देश थे। अंग्रेज़ी संसद के मुकाबले, स्काॅटियाई संसद, स्टुअर्ट घराने को, जरने स्काॅटलैंड पर इंग्लैण्ड पर हुकूमत करने से कहीं पहले से स्काॅटलैंड पर शासन करते आ रही थी, का त्याग करने का अधिक पक्ष में नहीं थी। एॅक्ट ऑफ़ सेटलमेंट को मंजूरी देने हेतु अंग्रेजी संसद का स्काॅटियाई संसद पर दबाव, इन दोनों देशों के संसदीय विलय का एक अतिमहत्वपूर्ण कारणों में से एक था। इस एॅक्ट के अंतर्गत, हर वो व्यक्ति, जो कि कैथलिक था, या किसी कैथोलिक व्यक्ति के संग विवाहित था, सिंहासन पर अधिकार से आजीवन वंजित होता है। साथ ही यह अधिनियम, विदेशियों का ब्रिटिश सर्कार में हस्तक्षेप तथा शासक का संसदीय कार्यों में हस्तक्षेप पर काफी रोक व सीमाएँ लगता है। हालांकि, इन विधानों में, बाद में, आवश्यक संशोधन भी लाए गए हैं। बिल ऑफ़ राइट्स, 1689 समेत, एॅक्ट ऑफ सेटलमेंट, ब्रिटेन और अन्य राष्ट्रमंडल प्रदेशों के साझा सिंहासन पर उत्तराधिकार के क्रम को अनुशासित करनेवाले मुख्यतम् विधानों में से एक है। इसे साँझा सिंहासन रखनेवाले देश की संसद द्वारा किसी अन्य संसद द्वारा पलटा नहीं जा सकता है, और रीतिनुसार, साआरे राष्ट्रमंडल प्रदेशों की स्वीकृति से ही इसे पलटा जा सकता है। पर्थ समझौते के पश्चात्‌, इसे संशोधित करने के विधानों को साथे प्रदेशों में 26 मार्च 2015 को पारित किया गया, जिसके बाद, कैथोलिक व्यक्ति के संग विवाहित व्यक्ति, उत्तराधिकार के लिए सक्षम हैं। .

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एलिज़ाबेथ द्वितीय

एलिज़ाबेथ द्वितीय (Elizabeth II) (एलिजाबेथ ऐलैग्ज़ैण्ड्रा मैरी, जन्म: २१ अप्रैल १९२६) यूनाइटेड किंगडम, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, न्यूज़ीलैण्ड, जमैका, बारबाडोस, बहामास, ग्रेनेडा, पापुआ न्यू गिनी, सोलोमन द्वीपसमूह, तुवालू, सन्त लूसिया, सन्त विन्सेण्ट और ग्रेनाडाइन्स, बेलीज़, अण्टीगुआ और बारबूडा और सन्त किट्स और नेविस की महारानी हैं। इसके अतिरिक्त वह राष्ट्रमण्डल के ५४ राष्ट्रों और राज्यक्षेत्रों की प्रमुख हैं और ब्रिटिश साम्राज्ञी के रूप में, वह अंग्रेज़ी चर्च की सर्वोच्च राज्यपाल हैं और राष्ट्रमण्डल के सोलह स्वतन्त्र सम्प्रभु देशों की संवैधानिक महारानी हैं। एलिज़ाबेथ को निजी रूप से पर घर पर शिक्षित किया गया था। उनके पिता, जॉर्ज षष्ठम को १९३६ में ब्रिटेन और ब्रिटिश उपनिवेश भारत का सम्राट बनाया गया था। ६ फरवरी १९५२ को अपने राज्याभिषेक के बाद एलिज़ाबेथ राष्ट्रकुल की अध्यक्ष व साथ स्वतंत्र देशों यूनाइटेड किंगडम, पाकिस्तान अभिराज्य, ऑस्ट्रेलिया, न्यूज़ीलैंड, कनाडा, दक्षिण अफ्रीका व सिलोन की शासक रानी बन गयीं। उनका राज्याभिषेक समारोह अपने तरह का पहला ऐसा राज्याभिषेक था जिसका दूरदर्शन पर प्रसारण हुआ था। 1956 से 1992 के दौरान विभिन्न देशों को स्वतंत्रता मिलते रहने से उनकी रियासतों की संख्या कम होती गई। वह विश्व में सबसे वृद्ध शासक और ब्रिटेन पर सबसे ज्यादा समय तक शासन करने वाली रानी है। ९ सितम्बर २०१५ को उन्होंने अपनी परदादी महारानी विक्टोरिया के सबसे लंबे शासनकाल के कीर्तिमान को तोड़ दिया व ब्रिटेन पर सर्वाधिक समय तक शासन करने वाली व साम्राज्ञी बन गयीं। एलिज़ाबेथ का जन्म लंदन में ड्यूक जॉर्ज़ षष्टम व राजमाता रानी एलिज़ाबेथ के यहाँ पैदा हुईं व उनकी पढाई घर में ही हुई। उनके पिता ने १९३६ में एडवर्ड ८ के राज-पाठ त्यागने के बाद राज ग्रहण किया। तब वह राज्य की उत्तराधिकारी हो गयी थीं। उन्होंने दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान जनसेवाओं में हिस्सा लेना शुरु किया व सहायक प्रादेशिक सेवा में हिस्सा लिया। १९४७ में उनका विवाह राजकुमार फिलिप से हुआ जिनसे उनके चार बच्चे, चार्ल्स, ऐने, राजकुमार एँड्रयू और राजकुमार एडवर्ड हैं। एलिज़ाबेथ के शासन के दौरान यूनाइटेड किंगडम में कई महत्वपूर्ण बदलाव हुए, जैसे अफ्रीका की ब्रिटिश उपनिवेशीकरण से स्वतंत्रता, यूके की संसद की शक्तियों का वेल्स, स्कॉटलैंड, इंग्लैंड व आयरलैंड की संसदों में विभाजन इत्यादि। अपने शासनकाल के दौरान उन्होंने विभिन्न युद्धों के दौरान अपने राज्य का नेतृत्व किया। .

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डेविड कैमरन

डैविड विलियम डोनाल्ड कैमरन (जन्म ९ अक्तूबर, १९६६) २०१० से जुलाई २०१६ तक संयुक्त राजशाही के प्रधान मंत्री रह चुके हैं। वे कंज़र्वेटिव पार्टी के नेता थे तथा ये विटने से संसद सदस्य थे। यूरोपीय संघ की सदस्यता पर हुए जनमत संग्रह में जनता ने संघ को छोड़ने का निर्णय दिया तो उन्होंने इस्तीफे की घोषणा कर दी। कैमरन ने ब्रेज़नोज़ महाविद्यालय, ऑक्स्फ़ोर्ड से दर्शनशास्त्र, अर्थशास्त्र एवं राजनीतिशास्त्र (पीपीई) विषय में १९८८ में प्रथम श्रेणी (ऑनर्स) में स्नातक किया है। इन्हें इनके पढ़ाने वाले प्रोफ़ेसर वर्नॉन बोगडेनॉर "समर्थतम छात्रों में से एक" कहा करते थे। अपने ऑक्सफोर्ड प्रवास काल में ये बुलिंग्डब क्लब के सदस्य रहे थे। इन्हॊने कंज़र्वेटिव अनुसंधान विभाग ज्वाइन किया और नॉर्मन लेमाउण्ट एवं माईकल हावर्ड के विशेष सलाहकार बने। फ़िर ये कार्ल्टन कम्युनिकेशंस के कारपोरेट मामलों के निदेशक पद पर सात वर्ष तक आसीन रहे। कैमरन पहली बार संसद के लिये १९९७ में स्टैफ़्फ़ोर्ड निर्वाचन क्षेत्र से मैदान में आए। ये यूरोस्केप्टिक मंच पर अपनी पार्टी से उसकी एकल-यूरोपीय मुद्रा (यूरो) में ब्रिटिश सदस्यता विरोधी विचारधारा के कारण उससे अलग हो गए। हालांकि राष्ट्रीय औसत वोटों से कुछ न्यून रहने पर वे हारे भी। इसके बाद उनको संसद सदस्यता हेतु प्रथम विजय २००१ के आम चुनावों में ऑक्स्फ़ोर्डशायर की विट्टने निर्वाचन क्षेत्र से मिली। तब इन्हें आधिकारिक विपक्ष का स्थान मिला। २००५ के आम चुनावों में नीति समन्वय अध्यक्ष भी बने। अपनी युवा एवं उदारवादी प्रत्याशी की छवि के कारण ही २००५ में इन्होंने कंज़र्वेटिव पार्टी के चुनावों में विजय पाई। तब ये प्रथम बार ब्रिटेन के प्रधान मंत्रीबने। .

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तुवालुवी राजतंत्र

तुवालुवी राजतंत्र, तुवालू की संवैधानिक राजतंत्र है। तुवालू के एकाधिदारुक को तुवालू और संयुक्त राजशाही समेत कुल १५ प्रजाभूमियों, का सत्ताधारक एकराजीय संप्रभु होने का गौरव प्राप्त है। वर्तमान सत्ता-विद्यमान शासक, ६ फरवरी वर्ष १९५२ से महारानी एलिजाबेथ द्वितीय हैं। अन्य राष्ट्रमण्डल देशों के सामान ही तुवालू की राजनीतिक व्यवस्था वेस्टमिंस्टर प्रणाली पर आधारित है, जिसमें राष्ट्रप्रमुख का पद नाममात्र होता है, और वास्तविक प्रशासनिक शक्तियां शासनप्रमुख पर निहित होते हैं। तुवालू सैद्धांतिक रूप से एक राजतंत्र है, और तुवालू के शासक के पदाधिकारी इसके राष्ट्रप्रमुख होते हैं, हालाँकि शासक की सारी संवैधानिक शक्तियों का अभ्यास, उनके प्रतिनिधि के रूप में, तुवालू के गवर्नर-जनरल करते हैं। अधिराट् यदी स्त्री हो तो उन्हें " तुवालू की रानी" के नाम हे संबोधित किया जाता है, और एक पुरुष अधिराट् को " तुवालू के राजा के नाम से संबोधित किया जाता है। .

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तुवालू

तुवालू (पूर्व में इलाइस आईलैंड) प्रशांत महासागर में हवाई और आस्ट्रेलिया के बीच स्थित एक पोलिनेशियाई द्वीपीय देश है। इसके निकटवर्ती देश किरिबाती, समोआ और फिजी हैं। यह देश चार द्वीप और और पांच एटाल से मिलकर बना है। 12,373 लोगों की जनसंख्या के साथ यह दुनिया का तीसरा कम जनसंख्या वाला संप्रभु देश है, इससे कम आबादी वाले देशों में केवल वेटिकन और नारु ही हैं। क्षेत्रफल के लिहाज से महज 26 वर्ग किमी के दायरे के साथ यह दुनिया का चौथा सबसे छोटा देश है, केवल वेटिकन सिटी (0.44 वर्ग किमी), मोनाको (1.95 वर्ग किमी) और नारु (21 वर्ग किमी) इससे छोटे हैं। यह द्वीपीय देश 19वीं शताब्दी के अंत में युनाइटेड किंगडम के प्रभाव क्षेत्र में आया। 1892 से लेकर 1916 तक यह ब्रिटेन का संरक्षित क्षेत्र और 1916 से 1974 के बीच यह गिल्बर्ट और इलाइस आईलैंड कालोनी का हिस्सा था। 1974 में स्थानीय रहवासियों ने अलग ब्रिटिश निर्भर क्षेत्र के रूप में रहने के पक्ष में मतदान किया। 1978 में तुवालू राष्ट्रकुल का पूर्ण स्वतंत्र देश के रूप में हिस्सा बन गया। श्रेणी:ओशिआनिया श्रेणी:ओशिआनिया के देश श्रेणी:देश.

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त्रिनिदाद और टोबैगो

त्रिनिदाद और टोबैगो आधिकारिक रूप से त्रिनिदाद और टोबैगो गणराज्य कैरिबियाई सागर में स्थित, पूरी तरह से द्विपों पर स्थित देश है। यह दक्षिण कैरिबिया में, वेनेज़ुएला के उत्तर-पूर्व में है। इसकी जलसीमा बारबाडोस से उत्तर-पूर्व में, गयाना से दक्षिण-पूर्व में तथा वेनेज़ुएला से दक्षिण और पश्चिम में जलसीमा साझा करती है। इस देश का क्षेत्रफल ५,१३० वर्ग किलोमीटर है। इस द्वीप समूह में दो मुख्य द्वीप है- त्रिनिदाद और टोबैगो। इन मुख्य द्वीपों के अलावा कई छोटे-छोटे द्वीप हैं। त्रिनिदाद, देश के ९४% क्षेत्र और ९६% आबादी के साथ, देश का सबसे बड़ा और सबसे ज्यादा जनसँख्या वाला द्वीप है। त्रिनिदाद द्वीप, १४९८ में कोलंबस के आगमन से लेकर १८ फ़रवरी १७९७ में स्पैनिश गवर्नर के ब्रिटेन को आत्मसमर्पण तक, स्पेन के अधीन था। इस दौरान टोबैगो द्वीप पर स्पैनिश, ब्रिटिश, फ्रेंच, डच, कौरलैंड का शासन रहा। सन १८०२ मई त्रिनिदाद और टोबैगो को एमिएन्ज़ की संधि के तहत ब्रिटेन को सौंप दिया गया था। १९६२ में इसे आज़ादी मिली और १९७६ में यह गणराज्य बना। इसकी अर्थव्यवस्था अन्य अंग्रेजी भाषी केरिबियन देशों से उलट मुख्यतः उद्योगों पर आधारित है। इस देश की सरकार ने देश का बहुत अच्छी तरह से आर्थिक विकास किया। २००३-२००८ के बीच देश की विकास दर ७% थी। यह कैरीबिया की आर्थिक शक्ति है। .

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दक्षिण अफ़्रीका

दक्षिण अफ़्रीका (साउथ अफ़्रीका भी कहा जाता है, अंग्रेज़ी उच्चारण: साउथ् ऍफ़्रिक) अफ़्रीका महाद्वीप के दक्षिणी छोर पर स्थित एक गणराज्य है। इसकी सीमाएँ उत्तर में नामीबिया, बोत्सवाना और ज़िम्बाब्वे और उत्तर-पूर्व में मोज़ाम्बिक़ और स्वाज़ीलैंड के साथ लगती हैं, जबकि लेसूथो एक स्वतंत्र देश है, जो पूरी तरह से दक्षिण अफ़्रीका से घिरा हुआ है। आधुनिक मानव की बसाहट दक्षिण अफ़्रीका में एक लाख साल पुरानी है। यूरोपीय लोगों के आगमन के दौरान क्षेत्र में रहने वाले बहुसंख्यक स्थानीय लोग आदिवासी थे, जो अफ़्रीका के विभिन्न क्षेत्रों से हजार साल पहले आए थे। 4थी-5वीं सदी के दौरान बांतू भाषी आदिवासी दक्षिण को ओर बढ़े और दक्षिण अफ़्रीका के वास्तविक निवासियों, खोई सान लोगों, को विस्थापित करने के साथ-साथ उनके साथ शामिल भी हो गए। यूरोपीय लोगों के आगमन के दौरान कोसा और ज़ूलु दो बड़े समुदाय थे। केप समुद्री मार्ग की खोज के करीबन डेढ़ शताब्दी बाद 1962 में डच ईस्ट इंडिया कंपनी ने उस जगह पर खानपान केंद्र (रिफ्रेशमेंट सेंटर) की स्थापना की, जिसे आज केप टाउन के नाम से जाना जाता है। 1806 में केप टाउन ब्रिटिश कॉलोनी बन गया। 1820 के दौरान बुअर (डच, फ्लेमिश, जर्मन और फ्रेंच सेटलर्ज़) और ब्रिटिश लोगों के देश के पूर्वी और उत्तरी क्षेत्रों में बसने के साथ ही यूरोपीय बसाहट में वृद्धि हुई। इसके साथ ही क्षेत्र पर क़ब्ज़े के लिए कोसा, जुलू और अफ़्रिकानरों के बीच झड़पें भी बढ़ती गई। हीरे और बाद में सोने की खोज के साथ ही 19वीं सदी में द्वंद शुरू हो गया, जिसे अंग्रेज़-बुअर युद्ध के नाम से जाना जाता है। हालाँकि ब्रिटिश ने बुअरों पर युद्ध में जीत हासिल कर ली थी, लेकिन 1910 में दक्षिण अफ़्रीका को ब्रिटिश डोमिनियन के तौर पर सीमित स्वतंत्रता प्रदान की। 1961 में दक्षिण अफ़्रीका को गणराज्य का दर्जा मिला। देश के भीतर और बाहर विरोध के बावजूद सरकार ने रंगभेद की नीति को जारी रखा। 20वीं सदी में देश की दमनकारी नीतियों के विरोध में बहिष्कार करना शुरू किया। काले दक्षिण अफ़्रीकी और उनके सहयोगियों के सालों के अंदरुनी विरोध, कार्रवाई और प्रदर्शन के परिणामस्वरूप आख़िरकार 1990 में दक्षिण अफ़्रीकी सरकार ने वार्ता शुरू की, जिसकी परिणति भेदभाव वाली नीति के ख़त्म होने और 1994 में लोकतांत्रिक चुनाव से हुई। देश फिर से राष्ट्रकुल देशों में शामिल हुआ। दक्षिण अफ़्रीका, अफ़्रीका में जातीय रूप से सबसे ज़्यादा विविधताओं वाला देश है और यहाँ अफ़्रीका के किसी भी देश से ज़्यादा सफ़ेद लोग रहते हैं। अफ़्रीकी जनजातियों के अलावा यहाँ कई एशियाई देशों के लोग भी हैं जिनमे सबसे ज़्यादा भारत से आये लोगों की संख्या है। .

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द्वितीय विश्वयुद्ध

द्वितीय विश्वयुद्ध १९३९ से १९४५ तक चलने वाला विश्व-स्तरीय युद्ध था। लगभग ७० देशों की थल-जल-वायु सेनाएँ इस युद्ध में सम्मलित थीं। इस युद्ध में विश्व दो भागों मे बँटा हुआ था - मित्र राष्ट्र और धुरी राष्ट्र। इस युद्ध के दौरान पूर्ण युद्ध का मनोभाव प्रचलन में आया क्योंकि इस युद्ध में लिप्त सारी महाशक्तियों ने अपनी आर्थिक, औद्योगिक तथा वैज्ञानिक क्षमता इस युद्ध में झोंक दी थी। इस युद्ध में विभिन्न राष्ट्रों के लगभग १० करोड़ सैनिकों ने हिस्सा लिया, तथा यह मानव इतिहास का सबसे ज़्यादा घातक युद्ध साबित हुआ। इस महायुद्ध में ५ से ७ करोड़ व्यक्तियों की जानें गईं क्योंकि इसके महत्वपूर्ण घटनाक्रम में असैनिक नागरिकों का नरसंहार- जिसमें होलोकॉस्ट भी शामिल है- तथा परमाणु हथियारों का एकमात्र इस्तेमाल शामिल है (जिसकी वजह से युद्ध के अंत मे मित्र राष्ट्रों की जीत हुई)। इसी कारण यह मानव इतिहास का सबसे भयंकर युद्ध था। हालांकि जापान चीन से सन् १९३७ ई. से युद्ध की अवस्था में था किन्तु अमूमन दूसरे विश्व युद्ध की शुरुआत ०१ सितम्बर १९३९ में जानी जाती है जब जर्मनी ने पोलैंड पर हमला बोला और उसके बाद जब फ्रांस ने जर्मनी पर युद्ध की घोषणा कर दी तथा इंग्लैंड और अन्य राष्ट्रमंडल देशों ने भी इसका अनुमोदन किया। जर्मनी ने १९३९ में यूरोप में एक बड़ा साम्राज्य बनाने के उद्देश्य से पोलैंड पर हमला बोल दिया। १९३९ के अंत से १९४१ की शुरुआत तक, अभियान तथा संधि की एक शृंखला में जर्मनी ने महाद्वीपीय यूरोप का बड़ा भाग या तो अपने अधीन कर लिया था या उसे जीत लिया था। नाट्सी-सोवियत समझौते के तहत सोवियत रूस अपने छः पड़ोसी मुल्कों, जिसमें पोलैंड भी शामिल था, पर क़ाबिज़ हो गया। फ़्रांस की हार के बाद युनाइटेड किंगडम और अन्य राष्ट्रमंडल देश ही धुरी राष्ट्रों से संघर्ष कर रहे थे, जिसमें उत्तरी अफ़्रीका की लड़ाइयाँ तथा लम्बी चली अटलांटिक की लड़ाई शामिल थे। जून १९४१ में युरोपीय धुरी राष्ट्रों ने सोवियत संघ पर हमला बोल दिया और इसने मानव इतिहास में ज़मीनी युद्ध के सबसे बड़े रणक्षेत्र को जन्म दिया। दिसंबर १९४१ को जापानी साम्राज्य भी धुरी राष्ट्रों की तरफ़ से इस युद्ध में कूद गया। दरअसल जापान का उद्देश्य पूर्वी एशिया तथा इंडोचायना में अपना प्रभुत्व स्थापित करने का था। उसने प्रशान्त महासागर में युरोपीय देशों के आधिपत्य वाले क्षेत्रों तथा संयुक्त राज्य अमेरीका के पर्ल हार्बर पर हमला बोल दिया और जल्द ही पश्चिमी प्रशान्त पर क़ब्ज़ा बना लिया। सन् १९४२ में आगे बढ़ती धुरी सेना पर लगाम तब लगी जब पहले तो जापान सिलसिलेवार कई नौसैनिक झड़पें हारा, युरोपीय धुरी ताकतें उत्तरी अफ़्रीका में हारीं और निर्णायक मोड़ तब आया जब उनको स्तालिनग्राड में हार का मुँह देखना पड़ा। सन् १९४३ में जर्मनी पूर्वी युरोप में कई झड़पें हारा, इटली में मित्र राष्ट्रों ने आक्रमण बोल दिया तथा अमेरिका ने प्रशान्त महासागर में जीत दर्ज करनी शुरु कर दी जिसके कारणवश धुरी राष्ट्रों को सारे मोर्चों पर सामरिक दृश्टि से पीछे हटने की रणनीति अपनाने को मजबूर होना पड़ा। सन् १९४४ में जहाँ एक ओर पश्चिमी मित्र देशों ने जर्मनी द्वारा क़ब्ज़ा किए हुए फ़्रांस पर आक्रमण किया वहीं दूसरी ओर से सोवियत संघ ने अपनी खोई हुयी ज़मीन वापस छीनने के बाद जर्मनी तथा उसके सहयोगी राष्ट्रों पर हमला बोल दिया। सन् १९४५ के अप्रैल-मई में सोवियत और पोलैंड की सेनाओं ने बर्लिन पर क़ब्ज़ा कर लिया और युरोप में दूसरे विश्वयुद्ध का अन्त ८ मई १९४५ को तब हुआ जब जर्मनी ने बिना शर्त आत्मसमर्पण कर दिया। सन् १९४४ और १९४५ के दौरान अमेरिका ने कई जगहों पर जापानी नौसेना को शिकस्त दी और पश्चिमी प्रशान्त के कई द्वीपों में अपना क़ब्ज़ा बना लिया। जब जापानी द्वीपसमूह पर आक्रमण करने का समय क़रीब आया तो अमेरिका ने जापान में दो परमाणु बम गिरा दिये। १५ अगस्त १९४५ को एशिया में भी दूसरा विश्वयुद्ध समाप्त हो गया जब जापानी साम्राज्य ने आत्मसमर्पण करना स्वीकार कर लिया। .

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नाईजीरिया

thumb फेडेरल रिपब्लिक ऑफ नाईजीरिया या नाईजीरिया संघीय गणराज्य पश्चिम अफ्रीका का एक देश है। इसकी सीमाएँ पश्चिम में बेनीन, पूर्व में चाड, उत्तर में hiकैमरून और दक्षिण में गुयाना की खाड़ी से लगती हैं। इस देश के बड़े शहरों में राजधानी अबुजा, भूतपूर्व राजधानी लागोस के अलावा इबादान, कानो, जोस और बेनिन शहर शामिल हैं। नाइजीरिया पश्चिमी अफ्रीका का एक प्रमुख देश है। पूरे अफ्रीका महाद्वीप में इस देश की आबादी सबसे अधिक है। नाइजीरिया की सीमा पश्चिम में बेनिन, पूर्व में चाड और कैमरून और उत्तर में नाइजर से मिलती हैं। .

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न्यायपालिका

न्यायपालिका (Judiciary या judicial system या judicature) किसी भी जनतंत्र के तीन प्रमुख अंगों में से एक है। अन्य दो अंग हैं - कार्यपालिका और व्यवस्थापिका। न्यायपालिका, संप्रभुतासम्पन्न राज्य की तरफ से कानून का सही अर्थ निकालती है एवं कानून के अनुसार न चलने वालों को दण्डित करती है। इस प्रकार न्यायपालिका विवादों को सुलझाने एवं अपराध कम करने का काम करती है जो अप्रत्यक्ष रूप से समाज के विकास का मार्ग प्रशस्त करता है। शक्तियों के पृथक्करण के सिद्धान्त के अनुरूप न्यायपालिका स्वयं कोई नियम नहीं बनाती और न ही यह कानून का क्रियान्यवन कराती है। सबको समान न्याय सुनिश्चित करना न्यायपालिका का असली काम है। न्यायपालिका के अन्तर्गत कोई एक सर्वोच्च न्यायालय होता है एवं उसके अधीन विभिन्न न्यायालय (कोर्ट) होते हैं। .

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न्यूज़ीलैण्ड

न्यूज़ीलैंड प्रशान्त महासागर में ऑस्ट्रेलिया के पास स्थित देश है। ये दो बड़े द्वीपों से बना है। न्यूजीलैंड (माओरी भाषा में: Aotearoa आओटेआरोआ) दक्षिण पश्चिमि पेसिफ़िक ओशन में दो बड़े द्वीप और अन्य कई छोटे द्वीपों से बना एक देश है। न्यूजीलैंड के ४० लाख लोगों में से लगभग तीस लाख लोग उत्तरी द्वीप में रहते हैं और दस लाख लोग दक्षिणि द्वीप में। यह द्वीप दुनिया के सबसे बडे द्वीपों में गिने जाते हैं। अन्य द्वीपों में बहुत कम लोग रहतें हैं और वे बहुत छोटे हैं। इनमें मुख्य है.

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न्यूज़ीलैण्ड का राजतंत्र

न्यूज़ीलैण्ड का राजतंत्र, न्यूज़ीलैण्ड की संवैधानिक राजतंत्र है। न्यूज़ीलैण्ड के एकाधिदारुक को न्यूज़ीलैण्ड और संयुक्त राजशाही समेत कुल १५ प्रजाभूमियों, का सत्ताधारक एकराजीय संप्रभु होने का गौरव प्राप्त है। वर्तमान सत्ता-विद्यमान शासक, ६ फरवरी वर्ष १९५२ से महारानी एलिजाबेथ द्वितीय हैं। अन्य राष्ट्रमण्डल देशों के सामान ही न्यूज़ीलैण्ड की राजनीतिक व्यवस्था वेस्टमिंस्टर प्रणाली पर आधारित है, जिसमें राष्ट्रप्रमुख का पद नाममात्र होता है, और वास्तविक प्रशासनिक शक्तियां शासनप्रमुख पर निहित होते हैं। न्यूज़ीलैण्ड सैद्धांतिक रूप से एक राजतंत्र है, और न्यूज़ीलैण्ड के शासक के पदाधिकारी इसके राष्ट्रप्रमुख होते हैं, हालाँकि शासक की सारी संवैधानिक शक्तियों का अभ्यास, उनके प्रतिनिधि के रूप में, न्यूज़ीलैण्ड के गवर्नर-जनरल करते हैं। अधिराट् यदी स्त्री हो तो उन्हें " न्यूज़ीलैण्ड की रानी" के नाम हे संबोधित किया जाता है, और एक पुरुष अधिराट् को " न्यूज़ीलैण्ड के राजा" के नाम से संबोधित किया जाता है। .

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पापुआ न्यू गिनी

कोई विवरण नहीं।

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पापुआ न्यू गिनी का राजतंत्र

पापुआ न्यू गिनी राजतंत्र, पापुआ न्यू गिनी की संवैधानिक राजतंत्र है। पापुआ न्यू गिनी के एकाधिदारुक को पापुआ न्यू गिनी और संयुक्त राजशाही समेत कुल १५ प्रजाभूमियों, का सत्ताधारक एकराजीय संप्रभु होने का गौरव प्राप्त है। वर्तमान सत्ता-विद्यमान शासक, ६ फरवरी वर्ष १९५२ से महारानी एलिजाबेथ द्वितीय हैं। अन्य राष्ट्रमण्डल देशों के सामान ही पापुआ न्यू गिनी की राजनीतिक व्यवस्था वेस्टमिंस्टर प्रणाली पर आधारित है, जिसमें राष्ट्रप्रमुख का पद नाममात्र होता है, और वास्तविक प्रशासनिक शक्तियां शासनप्रमुख पर निहित होते हैं। पापुआ न्यू गिनी सैद्धांतिक रूप से एक राजतंत्र है और पापुआ न्यू गिनी के शासक के पदाधिकारी इसके राष्ट्रप्रमुख होते हैं, हालाँकि शासक की सारी संवैधानिक शक्तियों का अभ्यास, उनके प्रतिनिधि के रूप में, पापुआ न्यू गिनी के गवर्नर-जनरल करते हैं। अधिराट् यदी स्त्री हो तो उन्हें "पापुआ न्यू गिनी की रानी" के नाम हे संबोधित किया जाता है, और एक पुरुष अधिराट् को "पापुआ न्यू गिनी के राजा के नाम से संबोधित किया जाता है। .

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पाकिस्तान अधिराज्य

पाकिस्तानी अधिराज्य (ﻣﻤﻠﮑﺖِ ﭘﺎﮐﺴﺘﺎﻥ., मुम्लिक़ात्'ए पाकिस्तान; পাকিস্তান অধিরাজ্য, पाकिस्तान ओधिराज्जो) नवनिर्मित देश, पाकिस्तान की स्वायत्त्योपनिवेशिय अवस्था थी। इस शासनप्रणाली के तहत पाकिस्तान को भारत विभाजन के बाद, ब्रिटिश साम्राज्य का एक स्वशासित व स्वतंत्र इकाइ(अधिराज्य) के रूप मे स्थापित किया गया था। पाकिस्तानी अधिराज्य की स्थापना भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम १९४७ के तहत ब्रिटिश भारत के विभाजन के बाद तथाकथित तौर पर भारतिय उपमहाद्वीप की मुस्लिम आबादी के लिए हुआ था। एसकी कुल भूभाग मौजूदा इस्लामिक गणराज्य पाकिस्तान व बांग्लादेश के बराबर थी। 1956 में पाकिस्तान का पहला संविधान के लागू होने के साथ ही "पाकिस्तान अधिराज्य" की विस्थापना हो गई जब अधिराजकिय राजतांत्रिक व्यवस्था को इस्लामिक गणराज्य से बदल दिया गया। इस व्यवस्था के तहत पाकिस्तान ब्रिटिश हुक़ूमत से स्वतंत्र हो गया एवं ब्रिटिश राष्ट्रमंडल का हिस्सा होने के नाते अन्य ब्रिटिश स्वायत्त्योपनिवेशों की ही तरह, ब्रिटेन के राजा(ततकालीन जार्ज षष्ठम) को पाकिस्तान के राजा का प्रभार भी सौंप दिया गया, हालांकी, (तथ्यस्वरूप) पाकिस्तान के राजा का लग-भग सारा संवैधानिक व कार्याधिकार पाकिस्तान में उनके प्रतिनिधी पाकिस्तान के महाराज्यपाल (गवर्नर-जनरल) के अधिकार में था। ऐसी व्यवस्था सारे ब्रिटिश-स्वायत्त्योपनिवेशों में रहती है। पाकिस्तान अधिराज्य कुल 9 सालों तक, १९४७ से १९५६ तक अस्तित्व में रहा था, जिस बीच 4 महाराज्यपालों की नियुक्ती हुई थी। भारत विभाजन व स्वतंत्रता के बाद संयुक्त राष्ट्र में ब्रिटिश भारत की सदस्यता भारतीय अधिराज्य को दे दी गई जबकी पाकिस्तान ने नई सदस्यता प्राप्त की। .

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फ़िजी

फ़िजी जो कि आधिकारिक रूप से फ़िजी द्वीप समूह गणराज्य (फ़िजीयाई: Matanitu Tu-Vaka-i-koya ko Viti) के नाम से जाना जाता है, दक्षिण प्रशान्त महासागर के मेलानेशिया मे एक द्वीप देश है। यह न्यू ज़ीलैण्ड के नॉर्थ आईलैण्ड से करीब २००० किमी उत्तर-पूर्व मे स्थित है। इसके समीपवर्ती पड़ोसी राष्ट्रों मे पश्चिम की ओर वनुआतु, पूर्व में टोंगा और उत्तर मे तुवालु हैं। १७वीं और १८वीं शताब्दी के दौरान डच एवं अंग्रेजी खोजकर्तओं ने फ़िजी की खोज की थी। १९७० तक फ़िजी एक अंग्रेजी उपनिवेश था। प्रचुर मात्रा मे वन, खनिज एवं जलीय स्रोतों के कारण फ़िजी प्रशान्त महासागर के द्वीपों मे सबसे उन्नत राष्ट्र है। वर्तमान मे पर्यटन एवं चीनी का निर्यात इसके विदेशी मुद्रा के सबसे बड़े स्रोत हैं। यहाँ की मुद्रा फ़िजी डॉलर है। फ़िजी के अधिकांश द्वीप १५ करोड़ वर्ष पूर्व आरम्भ हुए ज्वालामुखीय गतिविधियों से गठित हुए। इस देश के द्वीपसमूह में कुल ३२२ द्वीप हैं, जिनमें से १०६ स्थायी रूप से बसे हुए हैं। इसके अतिरिक्त यहाँ लगभग ५०० क्षुद्र द्वीप हैं जो कुल मिला कर १८,३०० वर्ग किमी के क्षेत्रफल का निर्माण करते हैं। द्वीपसमूह के दो प्रमुख द्वीप विती लेवु और वनुआ लेवु हैं जिन पर देश की लगभग ८,५०,००० आबादी का ८७% निवास करती है। .

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फ़्रान्सीसी भाषा

फ़्रांसीसी भाषा (फ़्रांसीसी: français उच्चारण: फ़्रांसे) एक रोमांस भाषा है जो विश्वभर में लगभग ९ करोड़ लोगों द्वारा प्रथम भाषा के रूप में बोली जाती है। मूल रूप से इस भाषा को बोलने वाले अधिकांश लोग फ़्राँस में रहते हैं जहाँ इस भाषा का जन्म हुआ था। इस भाषा को बोलने वाले अन्य क्षेत्र ये हैं- अधिकांश कनाडा, बेल्जियम, स्विटज़रलैंड, अफ़्रीकी फ़्रेंकोफ़ोन, लक्ज़म्बर्ग और मोनाको। फ्रांसी भाषा १९ करोड़ लोगों द्वारा दूसरी भाषा के रूप में और अन्य २० करोड़ द्वारा अधिग्रहित भाषा के रूप में बोली जाती है। विश्व के ५४ देशों में इस भाषा को बोलने वालों की अच्छी भली संख्या है। फ़्रांसीसी रोमन साम्राज्य की लैटिन भाषा से निकली भाषा है, जैसे अन्य राष्ट्रीय भाषाएँ - पुर्तगाली, स्पैनिश, इटालियन, रोमानियन और अन्य अल्पसंख्यक भाषाएँ जैसे कैटेलान इत्यादि। इस भाषा के विकासक्रम में इसपर मूल रोमन गौल की कैल्टिक भाषाओं और बाद के रोमन फ़्रैकिश आक्रमणकारियों की जर्मनेक भाषा का प्रभाव पड़ा। यह २९ देशों में एक आधिकारिक भाषा है, जिनमें से अधिकांशतः ला फ़्रेंकोफ़ोनी नामक फ़्रांसीसी भाषी देशों के समुह से हैं। यह सयुंक्त राष्ट्र की सभी संस्थाओं की और अन्य बहुत से अंतर्राष्ट्रीय संगठनों की भी आधिकारिक भाषा है। यूरोपीय संघ के अनुसार, उसके २७ सदस्य राष्ट्रों के १२.९ करोड़ (४९,७१,९८,७४० का २६%) लोग फ़्रांसीसी बोल सकते हैं, किसमें से ६.५ करोड़ (१२%) मूलभाष्ई हैं और ६.९ करोड़ (१४%) इसे दूसरी भाषा के रूप में बोल सकते हैं, जो इसे अंग्रेज़ी और जर्मन के बाद संघ की तीसरी सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा बनाता है। इसके अतिरिक्त २० वीं शताब्दी के प्रारंभ में अंग्रेज़ी के अधिरोहण से पहले, फ़्रांसीसी यूरोपीय और औपनिवेशिक शक्तियों के मध्य कूटनीति और संवाद की प्रमुख भाषा थी और साथ ही साथ यूरोप के शिक्षित वर्ग की बोलचाल की भाषा भी थी। .

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बहामास

बहामस, आधिकारिक रूपतः बहामस राष्ट्रमण्डल, २९ द्वीप, ६६१ टापूऔर २,३८७ छोट टापू के मेल से बना एक है। यह उत्तर अमेरिका महाद्वीप में केरिबियन क्षेत्र में स्थित है। .

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बहामियाई राजतंत्र

बहामियाई राजतंत्र, बहामाज़ राष्ट्रमण्डल की संवैधानिक राजतंत्र है। बहामाज़ के एकाधिदारुक को बहामाज़ और संयुक्त राजशाही समेत कुल १५ प्रजाभूमियों, का सत्ताधारक एकराजीय संप्रभु होने का गौरव प्राप्त है। वर्तमान सत्ता-विद्यमान शासक, ६ फरवरी वर्ष १९५२ से महारानी एलिजाबेथ द्वितीय हैं। अन्य राष्ट्रमण्डल देशों के सामान ही बहामाज़ की राजनीतिक व्यवस्था वेस्टमिंस्टर प्रणाली पर आधारित है, जिसमें राष्ट्रप्रमुख का पद नाममात्र होता है, और वास्तविक प्रशासनिक शक्तियां शासनप्रमुख पर निहित होते हैं। बहामाज़ राष्ट्रमण्डल सैद्धांतिक रूप से एक राजतंत्र है, और बहामाज़ के शासक के पदाधिकारी इसके राष्ट्रप्रमुख होते हैं, हालाँकि शासक की सारी संवैधानिक शक्तियों का अभ्यास, उनके प्रतिनिधि के रूप में, बहामाज़ के गवर्नर-जनरल करते हैं। अधिराट् यदी स्त्री हो तो उन्हें " बहामाज़ की रानी" के नाम हे संबोधित किया जाता है, और एक पुरुष अधिराट् को " बहामाज़ के राजा के नाम से संबोधित किया जाता है। .

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बारबाडोस

प्रशांत महासागर के पश्चिमी हिस्से में कैरेबियन द्वीप पर स्थित इस देश को अंग्रेजों ने अफ्रीका और भारत से गन्ना उत्पादन के लिए लाए गए गुलामों की मदद से आबाद किया था। महज 430 वर्ग किमी में फैले इस द्वीप के आस-पास के देश में पश्चिम में सेंट विंसेंट व द ग्रेनाजिनस और सेंट लुसिया और दक्षिण में त्रिनिदाद और टोबैगो हैं। उष्णकटिबंधीय जलवायु वाले इस देश में प्रशांत महासागर में चलने वाली हवाएं वातावरण को शीतल बनाए रखती हैं। सामाजिक और राजनीतिक सुधारों की धीमी शुरुआत के बावजूद आज मानव विकास सूची में इस देश का स्थान ऊपर के 75 देशों में आता है। श्रेणी:देश श्रेणी:उत्तर अमेरिका.

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बारबाडोस का राजतंत्र

बार्बाडोसियाई राजतंत्र, बारबाडोस की संवैधानिक राजतंत्र है। बारबाडोस एकाधिदारुक को बारबाडोस और संयुक्त राजशाही समेत कुल १५ प्रजाभूमियों, का सत्ताधारक एकराजीय संप्रभु होने का गौरव प्राप्त है। वर्तमान सत्ता-विद्यमान शासक, ६ फरवरी वर्ष १९५२ से महारानी एलिजाबेथ द्वितीय हैं। अन्य राष्ट्रमण्डल देशों के सामान ही बारबाडोस की राजनीतिक व्यवस्था वेस्टमिंस्टर प्रणाली पर आधारित है, जिसमें राष्ट्रप्रमुख का पद नाममात्र होता है, और वास्तविक प्रशासनिक शक्तियां शासनप्रमुख पर निहित होते हैं। बारबाडोस सैद्धांतिक रूप से एक राजतंत्र है, और और बारबाडोस के शासक के पदाधिकारी इसके राष्ट्रप्रमुख होते हैं, हालाँकि शासक की सारी संवैधानिक शक्तियों का अभ्यास, उनके प्रतिनिधि के रूप में, बारबाडोस के गवर्नर-जनरल करते हैं। अधिराट् यदी स्त्री हो तो उन्हें " बारबाडोस की रानी" के नाम हे संबोधित किया जाता है, और एक पुरुष अधिराट् को " बारबाडोस के राजा के नाम से संबोधित किया जाता है। .

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बिल ऑफ़ राइट्स, १६८९

बिल ऑफ़ राइट्स, यानि अधिकाओं का विधेयक, इंग्लैंड की संसद द्वारा १६ दिसंबर १६८९ में पारित एक अधिनियम था, जो संवैधानिक मामलों और नागरिक अधिकारों को स्थापित करता है। यह विधेयक मूलतः, कन्वेन्शन पार्लियामेंट(अनधिकृत-आहूत संसद) द्वारा राजा विलियम और रानी मैरी द्वितीय के समक्ष, फ़रवरी १६८९ को पेश किये गए डिक्लेरेशन ऑफ़ राइट्स(अधिकारों का घोषणापत्र) का ही एक सांविधिक रूप में पुनःकथित अवतार था। इसे इंग्लैंड के गौरवशाली क्रांति के बाद लाया गया था। इस डिक्लेरेशन द्वारा कन्वेंशन पार्लियामेंट ने विलियम और मैरी को इंग्लैंड पर साँझा रूप से शासन करने के लिए आमंत्रित किया था। बिल ऑफ़ राइट्स, संप्रभु के अधिकारों की सीमाएं तय करती है, और साथ ही संसद के अधिकारों को भी अंकित करती है। संसद के लिए निर्धारित किये गए अधिकारों में, नियमित संसदीय सत्र, मुक्त चुनाव और संसद में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता जैसे अदिकार शामिल किये गए थे। इसके अलावा यह कई नागरिक अधिकारों को भी स्थापित करता है, जिनमें, क्रूर और असामान्य दण्ड प्रदान करने पर रोक, और न्यायिक दायरे में प्रोटोस्टेंट लोगों को आत्मरक्षा हेतु शस्त्र रखने की अनुमति शामिल हैं। इसके अलावा यह, निष्कासित शासक, इंग्लैंड के जेम्स द्वितीय के अनेक "दुष्कर्मों" को अंकित करता है, और उनकी निंदा करता है। इस विधेयक में दिए गए प्रावधान, प्रसिद्ध राजनीतिक दार्शनिक, जॉन लॉक के विचारों को प्रदर्शित करते हैं, और पारित होने के साथ ही यह विचार, शीघ्र ही पूरे इंग्लैंड में लोकप्रिय हो गए। साथ ही यह राजमुकुट पर, संसद द्वारा प्रतिनिधित, जनता की मनोकामना के समकक्ष कार्य करने हेतु कई संवैधानिक आवश्यक्ताओं को अंकित करता है। ब्रिटेन में, मैगन कार्टा और कुछ अन्य अधिनियमों समेत, ब्रिटेन के असंहितबद्ध संविधान के मूल एवम् सबसे महत्वपूर्ण दस्तावेज़ों में से एक माना जाता है। साथ ही इस बिल को अमेरिकी अधिकार विधेयक की प्रेरणा भी माना जाता है। ऍक्ट ऑफ़ सेटलमेंट, १७०१ के साथ, बिल ऑफ़ राइट्स, ब्रिटेन समेत, तमाम १५ राष्ट्रमण्डल प्रदेशों में आज की तिथि तक लागू है। २०११ के पर्थ समझौते के बाद, इन दोनों को संशोधित करने हेतु विधान, सारे राष्ट्रमण्डल प्रदेशों में २६ मार्च २०१५ से पारित किया गया। इस अधिनियम का पूरा शीर्षक मूल में इस प्रकार दिया हुआ है- प्रजा के अधिकारों और स्वतंत्रता की घोषणा तथा सिंहासन का उत्तराधिकार व्यवस्थित करने वाला अधिनियम। ब्रिटिश लोकसभा द्वारा नियुक्त एक समिति ने अधिकार की घोषणा नामक जो पत्रक प्रस्तुत किया था और जिसे राजदंपति ने 19 फ़रवरी 1689 को अपनी स्वीकृति दी थी वही घोषणा इस अधिनियम की पूर्ववर्ती थी और इसकी धाराएँ प्रायः पूर्णतः उसके अनुरूप थीं। अधिकार की घोषणा में उन शर्तों का भी परिगणन था जिनके अनुसार राजदंपति को उत्तराधिकार मिला था और जिनका पालन करने की उन्होंने शपथ ली थी। इन दोनों अधिनियमों का प्रधान महत्व अंग्रेजी संविधान में राजकीय उत्तराधिकार निश्चित करने में है। .

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ब्रिटिश राजतंत्र

ब्रिटिश एकराट्तंत्र अथवा ब्रिटिश राजतंत्र(British Monarchy, ब्रिटिश मोनार्की, ब्रिटिश उच्चारण:ब्रिठिश मॉंनाऱ्क़़ी), वृहत् ब्रिटेन और उत्तरी आयरलैंड की संयुक्त राजशाही की संवैधानिक राजतंत्र है। ब्रिटिश एकाधिदारुक को संयुक्त राजशाही समेत कुल १५ राष्ट्रमण्डल प्रदेशों, मुकुटिया निर्भर्ताओं और समुद्रपार प्रदेशों के राजमुकुटों सत्ताधारक एकराजीय संप्रभु होने का गौरव प्राप्त है। वर्तमान सत्ता-विद्यमान शासक, ६ फरवरी वर्ष १९५२ से महारानी एलिजाबेथ द्वितीय हैं जब उन्होंने अपने पिता जॉर्ज षष्ठम् से राजगद्दी उत्तराधिकृत की थी। संप्रभु और उसके तत्काल परिवार के सदस्य देश के विभिन्न आधिकारिक, औपचारिक और प्रतिनिधि कार्यों का निर्वाह करते हैं। सत्ताधारी रानी/राजा पर सैद्धांतिक रूप से एक संवैधानिक शासक के अधिकार निहित है, परंतु सदियों पुराने आम कानून के कारण संप्रभु अपने अधिकतर शक्तियों का अभ्यास केवल संसद और सरकार के विनिर्देशों के अनुसार ही कार्यान्वित करने के लिए बाध्य हैं। इस कारण से, इसे वास्तविक तौर पर एक संसदीय सम्राज्ञता मानी जाता है। संसदीय शासक होने के नाते, शासक के अधिकतर अधिकार, निष्पक्ष तथा गैर-राजनैतिक कार्यों तक सीमित हैं। सम्राट, शासक और राष्ट्रप्रमुख होने के नाते उनके अधिकतर संवैधानिक शासन तथा राजनैतिक-शक्तियों का अभ्यय वे सरकार और अपने मंत्रियों की सलाह और विनिर्देशों पर ही करते हैं। परंपरानुसार शासक, ब्रिटेन के सशस्त्र बाल के अधिपति होते हैं। हालाँकि, संप्रभु के समस्त कार्य-अधिकारों का अभ्यय शासक के राज-परमाधिकार द्वारा होता है। वर्ष १००० के आसपास, इंग्लैंड और स्कॉटलैंड के राज्यों में कई छोटे प्रारंभिक मध्ययुगीन राज्य विकसित हुए थे। इस क्षेत्र में आंग्ल-सैक्सन लोगों का वर्चस्व इंग्लैंड पर नॉर्मन विजय के दौरान १०६६ में समाप्त हो गया, जब अंतिम आंग्ल-सैक्सन राजा हैरल्ड द्वितीय की मृतु हो गयी थी और अंग्रेज़ी सत्ता विजई सेना के नेता, विलियम द कॉंकरर और उनके वंशजों के हाथों में चली गयी। १३वीं सदी में इंग्लैंड ने वेल्स की रियासत को अवशोषित किया तथा मैग्ना कार्टा द्वारा संप्रभु के क्रमिक निःशक्तकरण की प्रक्रिया शुरू हुई। १६०३ में स्कॉटलैंड के राजा जेम्स चतुर्थ, अंग्रेजी सिंहासन पर जेम्स प्रथम के नाम से विराजमान होकर जो दोनों राज्यों को एक व्यक्तिगत संघ की स्थिति में ला खड़ा किया। १६४९ से १६६० के लिए अंग्रेज़ी राष्ट्रमंडल के नाम से एक क्षणिक गणतांत्रिक काल चला, जो तीन राज्यों के युद्ध के बाद अस्तिव में आया, परंतु १६६० के बाद राजशाही को पुनर्स्थापित कर दिया गया। १७०७ में परवर्तित एक्ट ऑफ़ सेटलमेंट, १७०१, जो आज भी परवर्तित है, कॅथॉलिक व्यक्तियों तथा कैथोलिक व्यक्ति संग विवाहित व्यक्तियों को अंग्रज़ी राजसत्ता पर काबिज़ होने से निष्कर्षित करता है। १७०७ में अंग्रेज़ी और स्कॉटियाई राजशाहियों के विलय से ग्रेट ब्रिटेन राजशही की साथपना हुई और इसी के साथ अंग्रज़ी और स्कोटिश मुकुटों का भी विलय हो गया और संयुक्त "ब्रिटिश एकराट्तंत्र" स्थापित हुई। आयरिश राजशही ने १८०१ में ग्रेट ब्रिटेन राजशाही के साथ जुड़ कर ग्रेट ब्रिटेन और आयरलैंड की संयुक्त राजशाही की स्थापना की। ब्रिटिश एकराट्, विशाल ब्रिटिश साम्राज्य के नाममात्र प्रमुख थे, जो १९२१ में अपने वृहत्तम् विस्तार के समय विष के चौथाई भू-भाग पर राज करता था। १९२२ में आयरलैंड का पाँच-छ्याई हिस्सा आयरिश मुक्त राज्य के नाम से, संघ से बहार निकल गया। बॅल्फोर घोषणा, १९२६ ने ब्रिटिश डोमिनिओनों के औपनिवेशिक पद से राष्ट्रमंडल के भीतर ही विभक्त, स्वशासित, सार्वभौमिक देशों के रूप में परिवर्तन को मान्य करार दिया। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद ब्रिटिश साम्राज्य सिमटता गया, और ब्रिटिश साम्राज्य के अधिकतर पूर्व उपनिवेश व प्रदेश स्वतंत्र हो गए। जो पूर्व उपनिवेश, ब्रिटिश शासक को अपना शासक मानते है, उन देशों को ब्रिटिश राष्ट्रमण्डल प्रमंडल या राष्ट्रमण्डल प्रदेश कहा जाता है। इन अनेक राष्ट्रों के चिन्हात्मक समानांतर प्रमुख होने के नाते, ब्रिटिश एकराट् स्वयं को राष्ट्रमण्डल के प्रमुख के ख़िताब से भी नवाज़ते हैं। हालांकि की शासक को ब्रिटिश शासक के नाम से ही संबोधित किया जाता है, परंतु सैद्धान्तिक तौर पर सारे राष्ट्रों का संप्रभु पर सामान अधिकार है, तथा राष्ट्रमण्डल के तमाम देश एक-दुसरे से पूर्णतः स्वतंत्र और स्वायत्त हैं। .

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ब्रिटिश राजपरिवार

ब्रिटिश राजपरिवार, ब्रिटिश संप्रभु के परिवार के सबसे करीबी सदस्यों के समूह को कहाजाता है। हालाँकि, ब्रिटेन में ऐसा कोई दृढ़ नियम या विधान नहीं है, जो यह सुनियोजित करता हो की किन व्यक्तियों को इस विशेष समूह में रखा जाए, नाही कोई ऐसा विधान है जो राजपरिवार को विस्तृत रूप से परिभाषित करता हो। बहरहाल, आम तौर पर उन व्यक्तियों को जिनपर हिज़/हर मैजेस्टी(HM) या हिज़/हर रॉयल हाइनेस(HRH) का संबोधन रखते हैं, को आम तौर पर राजपरिवार का सदस्य माना जाता है। इस मापदंड के आधार पर राज परिवार में, अधिराट्, उनके/उनकी सहचारी, पूर्व संप्रभु(ओं) की विधवा(एँ)/विधुरगण, वेल्स के राजकुमार के ज्येष्ठताम् पुत्र के संतान, तथा पूर्व शासक(ओं) के पुत्रों की धर्मपत्नियाँ या उनकी विधवाएँ और उनके पुरुष-रेखा के पौत्र शामिल होंगे। विभिन्न राष्ट्रमण्डल प्रदेशों के सन्दर्भ में, इसी(या इस के सामान) विशेष समूह के लिए भिन्न शब्दावली का उपयोग भी किया जा सकता है, उदाहरण के तौर पर, ऑस्ट्रेलिया में इस समूह को ऑस्ट्रेलियाई राजपरिवार कहा जाता है। राजपरिवार के कई सदस्यों के नाम पर आधिकारिक निवास भी आवंटित किये जाते है, जो इनका आधिकारिक निवास होता है, तथा, कई सादस्यों को निजी अधिकारिणी भी प्रदान की जाती है। राजपरिवार के निजी स्टाफ के वेतन का भुगतान, महारानी के कोष से किया जाता है। राजपरिवार के अधिकांश सदस्य किसी-न-किसी प्रकार से, विंडसॉर घराने से संबंध रखते हैं। राजपरिवार के वरिष्ठ सदस्य, आम तौर पर, कुलनाम नहीं रकजते हैं। .

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ब्रिटिश राजसत्ता का अनुक्रम

ब्रिटिश सिंहासन पर उत्तराधिकार का क्रम, ब्रिटिश समेत विश्व के १५ अन्य राष्ट्रमण्डल प्रदेशों की साँझा एकराट्तंत्र के राजगद्दी पर उत्तराधिकार के क्रम को परिभाषित करती है। यह उत्तराधिकार क्रम कई ऐतिहासिक संविधियाँ, संधियाँ, परंपराएँ, और अधिनियमों द्वारा निर्धारित की जाती है। साथ ही राष्ट्रमण्डल प्रजाभूमियों के साँझ राजतांत्रिक व्यवस्था के कारण, इस क्रम अथवा इससे संबंधित विधानों को समस्त राष्ट्रमण्डल प्रमंडलों की स्वीकृति द्वारा निर्धारत एवं परिवर्तित किया जाता है। वर्तमान में, राजपाट और सिंहासन के वारिस की प्राथमिकता में प्रथम स्थान पर वेल्स के राजकुमार, चार्ल्स हैं, तत्पश्चात् कैम्ब्रिज के ड्यूक, प्रिंस विलियम हैं, और उनके बाद, उनके ज्येष्ठ पुत्र कैम्ब्रिज के प्रिंस जॉर्ज तथा तजपश्चात् उनकी छोटी बहन प्रिंसेस शार्लट हैं। .

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ब्रिटिश साम्राज्य

ब्रिटिश साम्राज्य एक वैश्विक शक्ति था, जिसके अंतर्गत वे क्षेत्र थे जिनपर ग्रेट ब्रिटेन का अधिकार था। यह एक बहुत बड़ा साम्राज्य था और अपने चरम पर तो विश्व के कुल भूभाग और जनसंख्या का एक चौथाई भाग इसके अधीन था। उस समय लगभग ५० करोड़ लोग ब्रिटिश ताज़ के नियंत्रण में थे। आज इसके अधिकांश सदस्य राष्ट्रमण्डल के सदस्य हैं और इस प्रकार आज भी ब्रिटिश साम्राज्य का ही एक अंग है। ब्रिटिश साम्राज्य का सबसे महत्वपूर्ण भाग था ईस्ट इंडिया ट्रेडिंग कंपनी जो एक छोटे व्यापार के साथ आरंभ की गई थी और बाद में एक बहुत बड़ी कंपनी बन गई जिसपर बहुत से लोग निर्भर थे। यह विदेशी कालोनियों और व्यापार पदों के द्वरा 16 वीं और 17 वीं सदी में इंग्लैंड द्वारा स्थापित किया गया| १९२१ में ब्रिटिश साम्राज्य सर्वाधिक क्षेत्र में फैला हुआ था। .

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ब्रिटेन

ब्रिटेन शब्द का प्रयोग हालाँकि आम तौर पर हिंदी में संयुक्त राजशाही अर्थात् यूनाइटेड किंगडम देश का बोध करने के लिए होता है, परंतु इसका उपयोग अन्य सन्दर्भों के लिए भी हो सकता है.

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ब्रिटेन के शासक

जेम्स द्वितीय और सातवीं (१४ अक्टूबर १६३३ -16 सितम्बर १७०१) था आयरलैंड और इंग्लैंड के राजा जेम्स द्वितीय और स्कॉटलैंड के राजा के रूप में जेम्स VII, के रूप में जब तक वह 1688 की गौरवशाली क्रांति में अपदस्थ किया गया 6 फरवरी 1685 से। वह के राज्यों इंग्लैंड, स्कॉटलैंड और आयरलैंड पर राज करने के लिए अंतिम रोमन कैथोलिक सम्राट था। चार्ल्स का दूसरा जीवित बेटा मैं, वह अपने भाई, चार्ल्स द्वितीय की मौत पर सिंहासन चढ़ा। ब्रिटेन के कट्टर राजनीतिक अभिजात वर्ग के सदस्यों के तेजी से उसे समर्थक फ्रेंच और समर्थक कैथोलिक होने और एक सिंगे बनने पर डिजाइन होने का संदेह है। जब वह एक कैथोलिक वारिस का उत्पादन किया, अग्रणी रईसों पर अपने कट्टर दामाद और भतीजे विलियम ऑरेंज नीदरलैंड, जो उसने 1688 की गौरवशाली क्रांति में से एक आक्रमण सेना देश के लिए कहा जाता है। जेम्स इंग्लैंड भाग गया (और इस प्रकार छोड़ा है करने के लिए आयोजित किया गया था)। उन्होंने अपने ज्येष्ठ, कट्टर बेटी मरियम और उनके पति विलियम ऑरेंज के द्वारा प्रतिस्थापित किया गया था। जेम्स को पुनर्प्राप्त करने के लिए एक गंभीर प्रयास किया अपने मुकुट से विलियम और मरियम जब वह 1689 में आयरलैंड में उतरा। जुलाई 1690 में बलों के बोय्ने की लड़ाई में विलियम द्वारा जेकोबीन की हार के बाद, जेम्स फ्रांस करने के लिए लौट आए। वह बाहर एक भिखारी के रूप में अपने जीवन के बाकी रहते थे उनके चचेरे भाई और सहयोगी, राजा लुई XIV द्वारा प्रायोजित एक कोर्ट में। जेम्स अंग्रेजी संसद और हिंदी रोमन कैथोलिक और प्रोटेस्टेंट, अंगरेज़ी स्थापना की इच्छाओं के खिलाफ के लिए धार्मिक स्वतंत्रता बनाने के लिए अपने प्रयास के साथ अपने संघर्ष के लिए सबसे अच्छा जाना जाता है। हालांकि, वह भी स्कॉटलैंड में प्रेस्बिटेरियन का उत्पीड़न जारी रखा। संसद अन्य यूरोपीय देशों में होने वाली थी के विकास के लिए, साथ ही इंग्लैंड के चर्च की कानूनी सर्वोच्चता के नुकसान का विरोध किया, उनकी विपक्ष क्या वे माना जाता है के रूप में पारंपरिक अंग्रेजी स्वतंत्रताओं की रक्षा करने के लिए एक मार्ग के रूप में देखा। यह तनाव बनाया जेम्स के चार-वर्षीय शासनकाल एक अंग्रेजी संसद और मुकुट, उसके बयान, अधिकार का विधेयक के पारित होने, और उसकी बेटी और उसके पति राजा और रानी के रूप में के विलय में जिसके परिणामस्वरूप के बीच वर्चस्व के लिए संघर्ष। .

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बेलीज़

बेलीज़, पहले ब्रिटिश होंडुरास, मध्य अमेरिका के पूर्वी तट पर एक स्वतंत्र देश है। बेलीज के उत्तर में मैक्सिको, दक्षिण और पश्चिम में ग्वाटेमाला, और पूर्व में कैरेबियन सागर है। इसकी मुख्य भूमि लगभग 290 किमी (180 मील) लंबी और 110 किमी (68 मील) चौड़ी है। बेलीज का क्षेत्रफल 22,800 वर्ग किलोमीटर (8,800 वर्ग मील) तथा आबादी 368,310 (2015) है। यह मध्य अमेरिका में सबसे कम जनसंख्या घनत्व वाला देश है। देश की जनसंख्या वृद्धि दर 1.87% प्रति वर्ष (2015) इस क्षेत्र के अलावा पश्चिमी गोलार्ध में सबसे ऊंची है। बेलीज की स्थलीय और समुद्री प्रजातियों की बहुतायत और इसके पारिस्थितिक तंत्र की विविधता के कारण इसे विश्व स्तर पर महत्वपूर्ण मेसोअमेरिकन जैविक कॉरिडोर में एक महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है। बेलीज़ में एक विविध समाज है, जो कई समृद्ध संस्कृतियों और भाषाओं से मिलकर बना है जो कि उसके समृद्ध इतिहास को प्रतिबिंबित करते हैं। अंग्रेजी बेलीज की आधिकारिक भाषा है, जबकि बेलीज़ियन क्रियोल अनौपचारिक भाषा है। आबादी में अधिकतर लोग बहुभाषी है, स्पैनिश दूसरी बोली जाने वाली सबसे आम भाषा है। बेलीज के लैटिन अमेरिकी और कैरेबियाई क्षेत्र दोनों के साथ मजबूत संबंध होने के कारण इसे सेंट्रल अमेरिकन और कैरेबियन राष्ट्र दोनों में माना जाता है। यह कैरेबियाई समुदाय (कैरिकॉम), लैटिन अमेरिकी और कैरिबियन राज्यों (सीईएलएसी) का समुदाय, और केंद्रीय अमेरिकी एकीकरण प्रणाली (एसआईसीए) तीनों क्षेत्रीय संगठनों में पूर्ण सदस्यता रखने वाले एकमात्र देश है। बेलीज एक राष्ट्रमंडल क्षेत्र है, सम्राट और राज्य के प्रमुख के रूप में महारानी एलिजाबेथ द्वितीय हैं। बेलिज अपने सितंबर समारोह, इसके व्यापक प्रवाल भित्तियों और पेंटा संगीत के लिए जाना जाता है। बेलीज़ .

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बेलीज़ियाइ राजतंत्र

बेलीज़ का राजतंत्र, बेलीज़ की संवैधानिक राजतंत्र है। बेलीज़ एकाधिदारुक को बेलीज़ और संयुक्त राजशाही समेत कुल १५ प्रजाभूमियों, का सत्ताधारक एकराजीय संप्रभु होने का गौरव प्राप्त है। वर्तमान सत्ता-विद्यमान शासक, ६ फरवरी वर्ष १९५२ से महारानी एलिजाबेथ द्वितीय हैं। अन्य राष्ट्रमण्डल देशों के सामान ही बेलीज़ की राजनीतिक व्यवस्था वेस्टमिंस्टर प्रणाली पर आधारित है, जिसमें राष्ट्रप्रमुख का पद नाममात्र होता है, और वास्तविक प्रशासनिक शक्तियां शासनप्रमुख पर निहित होते हैं। बेलीज़ सैद्धांतिक रूप से एक राजतंत्र है, और और बेलीज़ के शासक के पदाधिकारी इसके राष्ट्रप्रमुख होते हैं, हालाँकि शासक की सारी संवैधानिक शक्तियों का अभ्यास, उनके प्रतिनिधि के रूप में, बेलीज़ के गवर्नर-जनरल करते हैं। अधिराट् यदी स्त्री हो तो उन्हें " बेलीज़ की रानी" के नाम हे संबोधित किया जाता है, और एक पुरुष अधिराट् को " बेलीज़ के राजा के नाम से संबोधित किया जाता है। .

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भारत

भारत (आधिकारिक नाम: भारत गणराज्य, Republic of India) दक्षिण एशिया में स्थित भारतीय उपमहाद्वीप का सबसे बड़ा देश है। पूर्ण रूप से उत्तरी गोलार्ध में स्थित भारत, भौगोलिक दृष्टि से विश्व में सातवाँ सबसे बड़ा और जनसंख्या के दृष्टिकोण से दूसरा सबसे बड़ा देश है। भारत के पश्चिम में पाकिस्तान, उत्तर-पूर्व में चीन, नेपाल और भूटान, पूर्व में बांग्लादेश और म्यान्मार स्थित हैं। हिन्द महासागर में इसके दक्षिण पश्चिम में मालदीव, दक्षिण में श्रीलंका और दक्षिण-पूर्व में इंडोनेशिया से भारत की सामुद्रिक सीमा लगती है। इसके उत्तर की भौतिक सीमा हिमालय पर्वत से और दक्षिण में हिन्द महासागर से लगी हुई है। पूर्व में बंगाल की खाड़ी है तथा पश्चिम में अरब सागर हैं। प्राचीन सिन्धु घाटी सभ्यता, व्यापार मार्गों और बड़े-बड़े साम्राज्यों का विकास-स्थान रहे भारतीय उपमहाद्वीप को इसके सांस्कृतिक और आर्थिक सफलता के लंबे इतिहास के लिये जाना जाता रहा है। चार प्रमुख संप्रदायों: हिंदू, बौद्ध, जैन और सिख धर्मों का यहां उदय हुआ, पारसी, यहूदी, ईसाई, और मुस्लिम धर्म प्रथम सहस्राब्दी में यहां पहुचे और यहां की विविध संस्कृति को नया रूप दिया। क्रमिक विजयों के परिणामस्वरूप ब्रिटिश ईस्ट इण्डिया कंपनी ने १८वीं और १९वीं सदी में भारत के ज़्यादतर हिस्सों को अपने राज्य में मिला लिया। १८५७ के विफल विद्रोह के बाद भारत के प्रशासन का भार ब्रिटिश सरकार ने अपने ऊपर ले लिया। ब्रिटिश भारत के रूप में ब्रिटिश साम्राज्य के प्रमुख अंग भारत ने महात्मा गांधी के नेतृत्व में एक लम्बे और मुख्य रूप से अहिंसक स्वतन्त्रता संग्राम के बाद १५ अगस्त १९४७ को आज़ादी पाई। १९५० में लागू हुए नये संविधान में इसे सार्वजनिक वयस्क मताधिकार के आधार पर स्थापित संवैधानिक लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित कर दिया गया और युनाईटेड किंगडम की तर्ज़ पर वेस्टमिंस्टर शैली की संसदीय सरकार स्थापित की गयी। एक संघीय राष्ट्र, भारत को २९ राज्यों और ७ संघ शासित प्रदेशों में गठित किया गया है। लम्बे समय तक समाजवादी आर्थिक नीतियों का पालन करने के बाद 1991 के पश्चात् भारत ने उदारीकरण और वैश्वीकरण की नयी नीतियों के आधार पर सार्थक आर्थिक और सामाजिक प्रगति की है। ३३ लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल के साथ भारत भौगोलिक क्षेत्रफल के आधार पर विश्व का सातवाँ सबसे बड़ा राष्ट्र है। वर्तमान में भारतीय अर्थव्यवस्था क्रय शक्ति समता के आधार पर विश्व की तीसरी और मानक मूल्यों के आधार पर विश्व की दसवीं सबसे बडी अर्थव्यवस्था है। १९९१ के बाज़ार-आधारित सुधारों के बाद भारत विश्व की सबसे तेज़ विकसित होती बड़ी अर्थ-व्यवस्थाओं में से एक हो गया है और इसे एक नव-औद्योगिकृत राष्ट्र माना जाता है। परंतु भारत के सामने अभी भी गरीबी, भ्रष्टाचार, कुपोषण, अपर्याप्त सार्वजनिक स्वास्थ्य-सेवा और आतंकवाद की चुनौतियां हैं। आज भारत एक विविध, बहुभाषी, और बहु-जातीय समाज है और भारतीय सेना एक क्षेत्रीय शक्ति है। .

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भारत का संविधान

भारत का संविधान, भारत का सर्वोच्च विधान है जो संविधान सभा द्वारा 26 नवम्बर 1949 को पारित हुआ तथा 26 जनवरी 1950 से प्रभावी हुआ। यह दिन (26 नवम्बर) भारत के संविधान दिवस के रूप में घोषित किया गया है जबकि 26 जनवरी का दिन भारत में गणतन्त्र दिवस के रूप में मनाया जाता है। भारत का संविधान विश्व के किसी भी गणतांत्रिक देश का सबसे लंबा लिखित संविधान है। .

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भारत के महाराज्यपाल

भारत के महाराज्यपाल या गवर्नर-जनरल (१८५८-१९४७ तक वाइसरॉय एवं गवर्नर-जनरल अर्थात राजप्रतिनिधि एवं महाराज्यपाल) भारत में ब्रिटिश राज का अध्यक्ष और भारतीय स्वतंत्रता उपरांत भारत में, ब्रिटिश सम्प्रभु का प्रतिनिधि होता था। इनका कार्यालय सन 1773 में बनाया गया था, जिसे फोर्ट विलियम की प्रेसीडेंसी का गवर्नर-जनरल के अधीन रखा गया था। इस कार्यालय का फोर्ट विलियम पर सीधा नियंत्रण था, एवं अन्य ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के अधिकारियों का पर्यवेक्षण करता था। सम्पूर्ण ब्रिटिश भारत पर पूर्ण अधिकार 1833 में दिये गये और तब से यह भारत के गवर्नर-जनरल बन गये। १८५८ में भारत ब्रिटिश शासन की अधीन आ गया था। गवर्नर-जनरल की उपाधि उसके भारतीय ब्रिटिश प्रांत (पंजाब, बंगाल, बंबई, मद्रास, संयुक्त प्रांत, इत्यादि) और ब्रिटिष भारत, शब्द स्वतंत्रता पूर्व काल के अविभाजित भारत के इन्हीं ब्रिटिश नियंत्रण के प्रांतों के लिये प्रयोग होता है। वैसे अधिकांश ब्रिटिश भारत, ब्रिटिश सरकार द्वारा सीधे शासित ना होकर, उसके अधीन रहे शासकों द्वारा ही शासित होता था। भारत में सामंतों और रजवाड़ों को गवर्नर-जनरल के ब्रिटिश सरकार के प्रतिनिधि होने की भूमिका को दर्शित करने हेतु, सन १८५८ से वाइसरॉय एवं गवर्नर-जनरल ऑफ इंडिया (जिसे लघुरूप में वाइसरॉय कहा जाता था) प्रयोग हुई। वाइसरॊय उपाधि १९४७ में स्वतंत्रता उपरांत लुप्त हो गयी, लेकिन गवर्नर-जनरल का कार्यालय सन १९५० में, भारतीय गणतंत्रता तक अस्तित्व में रहा। १८५८ तक, गवर्नर-जनरल को ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के निदेशकों द्वारा चयनित किया जाता था और वह उन्हीं को जवाबदेह होता था। बाद में वह महाराजा द्वारा ब्रिटिश सरकार, भारत राज्य सचिव, ब्रिटिश कैबिनेट; इन सभी की राय से चयन होने लगा। १९४७ के बाद, सम्राट ने उसकी नियुक्ति जारी रखी, लेकिन भारतीय मंत्रियों की राय से, ना कि ब्रिटिश मंत्रियों की सलाह से। गवर्नर-जनरल पांच वर्ष के कार्यकाल के लिये होता था। उसे पहले भी हटाया जा सकता था। इस काल के पूर्ण होने पर, एक अस्थायी गवर्नर-जनरल बनाया जाता था। जब तक कि नया गवर्नर-जनरल पदभार ग्रहण ना कर ले। अस्थायी गवर्नर-जनरल को प्रायः प्रान्तीय गवर्नरों में से चुना जाता था। .

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भारतीय अधिराज्य

भारत अधिराज्य, मौजूदा भारत(अर्थात् भारत गणराज्य) की संक्रमणकालीन अवस्था थी। यह ३ साल तक; १९४७ से १९५० में संविधान के प्रवर्तन तक, अस्तित्व में रही थी। रह मूल रूप से भारत में ब्रिटिश-उपनिवैषिक शासिन अवस्था से स्वतंत्र, स्वायत्त, लोकतांत्रिक, भारतिय गणराज्य के बीच की अस्थाई शासन अथ्वा राज्य थी। इसे आधिकारिक रूप से हिंदी में भारत अधिराज्य एवं अंग्रेज़ी में डोमीनियन ऑफ़ इंडिया(Dominion of India) कहा जाता था। सन १९४७ में ब्रितानियाई संसद में भारतिय स्वतंत्रता अधीनियम पारित होने के बाद, अधिकारिक तौर पर, यूनाईटेड किंगडम की सरकार ने भारत पर अपनी प्रभुता त्याग दी और भारत में स्वशासन अथवा स्वराज लागू कर दिया। इसके साथ ही ब्रिटिश भारत(ब्रिटिश-भारतिय उपनिवेष) का अंत हो गया और भारत कैनडा और ऑस्ट्रेलिया की हि तरह एक स्वायत्त्योपनिवेष(डोमीनियन) बन गय, (अर्थात ब्रिटिश साम्राज्य में ही स्वायत्त्य इकाई)। ब्रिटिश संसद के भारत-संबंधित सारे विधानाधिकारों को (1945 में गठित) भारत की संविधान सभा के अधिकार में सौंप दिया गया, भारत, ब्रिटिश-राष्ट्रमंडल प्रदेश का सहपद सदस्य भी बन गया साथ ही ब्रिटेन के राजा ने भारत के सम्राट का शाही ख़िताब त्याग दिया। ब्रिटिश स्वयत्तयोपनिवेष एवं रष्ट्रमंडल प्रदेश का हिस्सा होने के नाते इंगलैंड के राजा ज्यौर्ज (षष्ठम) को भारत का राष्ट्राध्यक्ष बनाया गया एवं आन्य राष्ट्रमंडल देशों की तरह ही भारतिय लैहज़े में उन्हें भारत के राजा की उपादी से नवाज़ा गया(यह पद केवल नाम-मात्र एवं शिश्टाचार के लिये था), भारत में उनका प्रतिनिधित्व भारत के महाराज्यपाल(गवरनर-जनरल) के द्वारा होता था। 1950 में संविधान के लागू होने के साथ ही भारत एक पूर्णतः स्वतंत्र गणराज्य बन गया और साथ ही भारत के राजा के पद को हमेशा के लिये स्थगित कर दिया गया, और भारत के संवंधान द्वरा स्थापित लोकतांत्रिक प्रकृया द्वारा चुने गए भारत के महामहिं राष्ट्रपति के पद से बदल दिया गया। इस बीच भारत में दो महाराज्यपालों को नियुक्त किया गया, महामहिं महाराज्यपाल लाॅर्ड माउण्टबैटन और महामहिं महाराज्यपाल चक्रवर्ती राजागोपालाचारी। .

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मलावी

मलावी गणराज्य दक्षिणपूर्व अफ्रीका में स्थित एक लैंडलॉक देश है। इसे पूर्व में 'न्यासालैंड' (Nyasaland) कहा जाता था। यह अफ्रीका की तृतीय सबसे बड़ी झील मलावी (निऐसा) के दक्षिणी तथा पश्चिमी किनारे के साथ साथ जैंबीजी नदी तक फैला हुआ है। इसकी संपूर्ण लंबाई २,५०० मील तथा चौड़ाई ५० से १३० मील है। संपूर्ण राष्ट्र तीन प्रांतों में विभक्त है। इसके उत्तरपश्चिम में तंजानिया और पूर्व, पश्चिम और दक्षिण में मोजाम्बिक स्थित है। मलावी झील इस देश की सीमा तंजानिया और मोजाम्बिक से निर्धारित करती है। देश का कुल क्षेत्रफल 118,000 वर्ग किमी है, जहां 13,900,000 से ज्यादा लोग निवास करते हैं। इसकी राजधानी लिलोंग्वा और सबसे बड़ा शहर ब्लांतायर है। मलावी नाम क्षेत्र में रहने वाले न्यांजा लोगों के पुराने नाम 'मारावी' से पड़ा है। अंग्रेज़ी प्रमुख भाषा है परंतु निएंजा भाषा उन्नति कर रही है। मलावी दुनिया के सबसे निर्धन और सबसे सघन बसे देशों में शुमार किया जाता है। अर्थव्यवस्था ग्रामीण इलाकों में रहने वाली जनता के सहारे कृषि पर पूरी तरह से निर्भर है। मलावी सरकार विकास के लिए बहुत हद तक बाहरी मदद पर निर्भर है, हालांकि वर्ष 2000 के बाद से इस पर कमी आई है। मलावी सरकार के सामने अर्थव्यवस्था के विकास, शिक्षा में बढ़ोतरी, स्वास्थ्य, पर्यावरण सुरक्षा और आर्थिक रूप से सक्षम बनने जैसी कई समस्याएं खड़ी हैं। वर्ष 2005 के बाद से इन बिन्दुओं की ओर ध्यान देने के लिए कई कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं, जिसके परिणाम भी नजर आने लगे हैं। मलावी की जलवायु उष्णकटिबंधीय है। चीनी तथा गेहूँ को छोड़कर अन्य सभी खाद्यानों का उत्पादन यहाँ होता है। तंबाकू यहाँ की प्रधान कृषि उपज है। इसके साथ ही चाय, कपास आदि भी न्यूनाधिक मात्रा में पैदा की जाती है। सन् १९६४ में स्वतंत्रताप्राप्ति के बाद से कृषि की उन्नति पर काफी जोर दिया जा रहा है, परंतु संपूर्ण राष्ट्र के पहाड़ी एवं पठारी होने के कारण कृषियोग्य भूमि की कमी है। यहाँ के पर्वतों की ऊँचाई १,५०० फुट एवं १०,००० फुट के मध्य है। यहाँ से निर्यात की जानेवाली सामग्री में तंबाकू एवं कपास का स्थान प्रथम है। संपूर्ण राष्ट्र एक रेलमार्ग द्वारा विभक्त है। इस रेलमार्ग के अलावा यहाँ पर्याप्त पक्की सड़कें भी हैं। हवाई मार्ग की भी सेवाएँ अफ्रीका के विभिन्न भागों में सुलभ हैं। .

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माल्टा

माल्टा (en:Malta, माल्टीस: Repubblika ta' Malta (Republic of Malta)) यूरोपीय महाद्वीप में स्थित एक विकसित द्वीप देश है। इसकी राजधानी वलेत्ता है। इसकी मुख्य- और राजभाषाएँ माल्टाई भाषा और अंग्रेज़ी भाषा हैं। .

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मॉरिशस

मॉरीशस गणराज्य(अंग्रेज़ी: Republic of Mauritius, फ़्रांसीसी: République de Maurice), अफ्रीकी महाद्वीप के तट के दक्षिणपूर्व में लगभग 900 किलोमीटर की दूरी पर हिंद महासागर में और मेडागास्कर के पूर्व में स्थित एक द्वीपीय देश है। मॉरीशस द्वीप के अतिरिक्त इस गणराज्य मे, सेंट ब्रेंडन, रॉड्रीगज़ और अगालेगा द्वीप भी शामिल हैं। दक्षिणपश्चिम में 200 किलोमीटर पर स्थित फ्रांसीसी रीयूनियन द्वीप और 570 किलोमीटर उत्तर पूर्व में स्थित रॉड्रीगज़ द्वीप के साथ मॉरीशस मस्कारेने द्वीप समूह का हिस्सा है। मारीशस की संस्कृति, मिश्रित संस्कृति है, जिसका कारण पहले इसका फ्रांस के आधीन होना तथा बाद में ब्रिटिश स्वामित्व में आना है। मॉरीशस द्वीप विलुप्त हो चुके डोडो पक्षी के अंतिम और एकमात्र घर के रूप में भी विख्यात है। .

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युगाण्डा

युगांडा गणराज्य पूर्वी अफ्रीका में स्थित एक लैंडलाक देश है। इसकी सीमा पूर्व में केन्या, उत्तर में सूडान, पश्चिम में कांगो लोकतान्त्रिक गणराज्य, दक्षिण पश्चिम में रवांडा और दक्षिण में तंजानिया से मिलती है। देश के दक्षिणी हिस्से में विक्टोरिया झील का एक बड़ा भाग शामिल है, जिससे केन्या और तंजानिया से सीमा निर्धारित होती है। युगांडा नाम बुगांडा राजशाही से लिया गया है, जिसमें देश का दक्षिणी ह्स्सिा, राजधानी कंपाला को शामिल कर, आता था। देश की एक तिहाई जनसंख्या अंतरराष्ट्रीय गरीबी रेखा (2 डालर प्रतिदिन) से नीचे जीवनयापन करती है। .

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यूनाईटेड किंगडम की सरकार

यूनाइटेड किंगडम की सरकार, आधिकारिक तौर पर हर मैजेस्टीज़ गवर्नमेंट यानी "उनकी महिमा की सरकार" अथवा "उनकी शाही शान की सरकार" या "महामहिम/महामहिमा की सरकार", वृहत् ब्रिटेन और उत्तरी आयरलैंड की संयुक्त राजशाही की केंद्रीय सरकार है।.

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यूनाइटेड किंगडम

वृहत् ब्रिटेन और उत्तरी आयरलैण्ड का यूनाइटेड किंगडम (सामान्यतः यूनाइटेड किंगडम, यूके, बर्तानिया, UK, या ब्रिटेन के रूप में जाना जाने वाला) एक विकसित देश है जो महाद्वीपीय यूरोप के पश्चिमोत्तर तट पर स्थित है। यह एक द्वीपीय देश है, यह ब्रिटिश द्वीप समूह में फैला है जिसमें ग्रेट ब्रिटेन, आयरलैंड का पूर्वोत्तर भाग और कई छोटे द्वीप शामिल हैं।उत्तरी आयरलैंड, UK का एकमात्र ऐसा हिस्सा है जहां एक स्थल सीमा अन्य राष्ट्र से लगती है और यहां आयरलैण्ड यूके का पड़ोसी देश है। इस देश की सीमा के अलावा, UK अटलांटिक महासागर, उत्तरी सागर, इंग्लिश चैनल और आयरिश सागर से घिरा हुआ है। सबसे बड़ा द्वीप, ग्रेट ब्रिटेन, चैनल सुरंग द्वारा फ़्रांस से जुड़ा हुआ है। यूनाइटेड किंगडम एक संवैधानिक राजशाही और एकात्मक राज्य है जिसमें चार देश शामिल हैं: इंग्लैंड, उत्तरी आयरलैंड, स्कॉटलैंड और वेल्स. यह एक संसदीय प्रणाली द्वारा संचालित है जिसकी राजधानी लंदन में सरकार बैठती है, लेकिन इसमें तीन न्यागत राष्ट्रीय प्रशासन हैं, बेलफ़ास्ट, कार्डिफ़ और एडिनबर्ग, क्रमशः उत्तरी आयरलैंड, वेल्स और स्कॉटलैंड की राजधानी.जर्सी और ग्वेर्नसे द्वीप समूह, जिन्हें सामूहिक रूप से चैनल द्वीप कहा जाता है और मैन द्वीप (आईल ऑफ मान), यू के की राजत्व निर्भरता हैं और UK का हिस्सा नहीं हैं। इसके इलावा, UK के चौदह समुद्रपार निर्भर क्षेत्र हैं, ब्रिटिश साम्राज्य, जो १९२२ में अपने चरम पर था, दुनिया के तकरीबन एक चौथाई क्षेत्रफ़ल को घेरता था और इतिहास का सबसे बड़ा साम्रज्य था। इसके पूर्व उपनिवेशों की भाषा, संस्कृति और कानूनी प्रणाली में ब्रिटिश प्रभाव अभी भी देखा जा सकता है। प्रतीकत्मक सकल घरेलू उत्पाद द्वारा दुनिया की छठी बड़ी अर्थव्यवस्था और क्रय शक्ति समानता के हिसाब से सातवाँ बड़ा देश होने के साथ ही, यूके एक विकसित देश है। यह दुनिया का पहला औद्योगिक देश था और 19वीं और 20वीं शताब्दियों के दौरान विश्व की अग्रणी शक्ति था, लेकिन दो विश्व युद्धों की आर्थिक लागत और 20 वीं सदी के उत्तरार्ध में साम्राज्य के पतन ने वैश्विक मामलों में उसकी अग्रणी भूमिका को कम कर दिया फिर भी यूके अपने सुदृढ़ आर्थिक, सांस्कृतिक, सैन्य, वैज्ञानिक और राजनीतिक प्रभाव के कारण एक प्रमुख शक्ति बना हुआ है। यह एक परमाणु शक्ति है और दुनिया में चौथी सर्वाधिक रक्षा खर्चा करने वाला देश है। यह यूरोपीय संघ का सदस्य है, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में एक स्थायी सीट धारण करता है और राष्ट्र के राष्ट्रमंडल, जी8, OECD, नाटो और विश्व व्यापार संगठन का सदस्य है। .

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राष्ट्रमण्डल प्रजाभूमि

राष्ट्रमण्डल प्रजाभूमि या राष्ट्रमण्डल प्रदेश, जिन्हें अंग्रेज़ी में कॉमनवेल्थ रॆयल्म कहा जाता है, राष्ट्रों के राष्ट्रमण्डल के उन १६ सार्वभौमिक राष्ट्रों को कहा जाता है, जिनपर एक ही शासक, महारानी एलिज़ाबेथ द्वि॰ का राज है। ये सारे देश एक ही राजसत्ता, शासक, राजपरिवार और उत्तराधिकार क्रम को साँझा करते हैं। इस व्यवस्था की शुरुआत १९३१ की वेस्टमिंस्टर की संविधि के साथ हुई थी, जिसके द्वारा ब्रिटेन के तत्कालीन डोमीनियन, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, न्यूज़ीलैण्ड, आयरिश मुक्त राज्य और न्यूफाउण्डलैण्ड को ब्रिटिश राष्ट्रमण्डल के बराबर के सदस्य होने के साथ ही पूर्ण या पूर्णात्मत वैधिक स्वतंत्रता प्रदान की गयी थी। द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद से, विश्व भर में विस्तृत, ब्रिटिश साम्राज्य के तमाम देशों को एक डोमिनियन के रूप में स्वाधीनता प्रदान कर दी गयी। जिनमे से कुछ राज्यों ने पूर्णतः स्वाधीन होने के बावजूद राजतंत्र के प्रति अपनी वफ़ादारी को बरक़रार रखा, जबकि कुछ राज्यों ने ब्रिटिश राजतंत्र को नाममात्र प्रमुख मानने से इनकार कर स्वयं को गणतांत्रिक राज्य घोषित कर दिया। आज, विश्व बाहर में कुल १६ ऐसे राज्य हैं जो स्वयं को महारानी एलिज़ाबेथ द्वितीय के एक प्रजाभूमि के रूप में पहचान करव्वते हैं। .

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राष्ट्रमण्डल के प्रमुख

राष्ट्रमण्डल के प्रमुख, का पद, ५३ राष्ट्रों के राष्ट्रमण्डल का एक औपचारिक अध्यक्षात्मक पद है। राष्ट्रमण्डल या राष्ट्रकुल, ५३ मुख्यतः राष्ट्रों का एक अंतर्राष्ट्रीय संगठन है, जो पूर्वतः संयुक्त राजशाही के उपनिवेश या परिराज्य हुआ करते थे। यह पद केवल एक रितिस्पद पद है, जिसके पदाधिकारी का इस संगठन के दैनिक कार्यों में किसी भी प्रकार की कोई भूमिका नहीं है। इस पद के कार्यकाल की कोई समय-सीमा नहीं है, और परंपरागत रूप से इस पद व उत्पाद को ब्रिटिश संप्रभु पर निहित किया गया है। ब्रिटिश संप्रभु को पूर्वतः, राष्ट्रमण्डल के सारे देशों के शासक होने का दर्जा प्राप्त था, परंतु भारत की स्वतंत्रता के बाद, भारत ने स्वयं को एक गणराज्य घोषित कर दिया, और भारत के सम्राट के पद को खत्म कर दिया गया। बहरहाल, भारत ने राष्ट्रमण्डल का एक सदस्य रहना स्वीकार किया। इसके पश्चात, राष्ट्रमण्डल के प्रमुख के इस पद को एक गैर-राजतांत्रिक, औपचारिक अध्यक्षात्मक उपदि के रूप में स्थापित किया गया था। कथित तौर पर, राष्ट्रमण्डल के प्रमुख को, "स्वतंत्र सदस्य राष्ट्रों की मुक्त सहचार्यता का प्रतीक" माना गया है। .

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राष्ट्रमंडल (बहुविकल्पी शब्द)

"राष्ट्रमंडल" एक पद है जिसका अर्थ है एक राजनैतिक समुदाय राष्ट्रमंडल बह्विकल्पी शब्द है, जिसका अर्थ विशेषतया हो सकता है.

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राष्ट्रकुल

रष्ट्रमण्डल देशों का मानचित्र राष्ट्रकुल, या राष्ट्रमण्डल देश (अंग्रेज़ी:कॉमनवेल्थ ऑफ नेशंस) (पूर्व नाम ब्रितानी राष्ट्रमण्डल), ५३ स्वतंत्र राज्यों का एक संघ है जिसमे सारे राज्य अंग्रेजी राज्य का हिस्सा थे (मोज़ाम्बीक और स्वयं संयुक्त राजशाही को छोड़ कर)। इसका मुख्यालय लंदन में स्थित है। इसका मुख्य उद्देश्य लोकतंत्र, साक्षरता, मानवाधिकार, बेहतर प्रशासन, मुक्त व्यापार और विश्व शांति को बढ़ावा देना है। इंग्लैंड की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय प्रत्येक चार वर्ष में होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों और बैठक में भाग लेती हैं। इसकी स्थापना १९३१ में हुई थी, लेकिन इसका आधुनिक स्वरूप १९४७ में भारत और पाकिस्तान के स्वतंत्र होने के बाद निश्चित हुआ। राष्ट्रमंडल या राष्ट्रकुल देशों का कोई संविधान या चार्टर नहीं है। इसके प्रमुखों की प्रत्येक दो वर्ष में एक बार बैठक होती है। भारत सहित एंटीगुआ, ऑस्ट्रेलिया, बांग्लादेश, ब्रुनेई, कनाडा, साइप्रस, घाना आदि इसके सदस्य हैं। जिम्बाब्वे को २००२ में राष्ट्रकुल की सदस्यता से हटाया गया था और २००३ में यह प्रतिबंध अनिश्चित काल तक बढ़ाया गया था। राष्ट्रकुल समूह के देशों की कुल जनसंख्या १.९ अरब है, जो विश्व की जनसंख्या की एक-तिहाई भाग है। फिजी को कॉमनवेल्थ समूह से २०००-०१ में प्रतिबंधित किया गया था, उसके बाद पुन: उस पर २००६ में प्रतिबंध लगा। नाइजीरिया को १९९५ से १९९९ तक प्रतिबंधित किया गया। पाकिस्तान पर १९९९ में प्रतिबंध लगा था। लंदन घोषणा के तहत ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय राष्ट्रमंडल देशों के समूह की प्रमुख होती हैं। राष्ट्रमंडल सचिवालय की स्थापना १९६५ में हुई थी। इसके महासचिव मुख्य कार्यकारी के तौर पर काम करते हैं। वर्तमान में कमलेश शर्मा इसके महासचिव हैं। उनका चयन नवंबर, २००७ को हुआ। इसके पहले महासचिव कनाडा के आर्नल्ड स्मिथ थे। .

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रॉयल मैरेजेज़ ऍक्ट, १७७२

रॉयल मॅरेजेज़ ऍक्ट यानि शाही विवाह अधिनियम, वर्ष १७७२ में ब्रिटिश संसद द्वारा पारित एक अधिनियम थी, जिसे ब्रिटिश राजपरिवार के सदस्यों के विवाह की वैधता सिद्ध करने के नियमों को स्थापित करने हेतु और शाही विवाहों के संबंध में अन्य विधानों और नियमों को भी अंकित करने हेतु पारित किया गया था, ताकि शाही परिवार के सदस्यों के उन संबंधों से बचा जा सके, जिससे शाही परिवार की हैसियत या मान कम होती हो। शाही परिवार के सहस्यों के निजी मामलों के संबंध में, संप्रभु को दिए गए अधिकार के कारण यह अधिनियम भारी आलोचना का पात्र रहा था। २०११ के पर्थ समझौते के बाद, इसे पूर्ववत कर दिया गया, और इसके प्रावधानों में हस्तक्षेपों को काफी हद तक सीमित कर दियागया। .

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श्रीलंका

श्रीलंका (आधिकारिक नाम श्रीलंका समाजवादी जनतांत्रिक गणराज्य) दक्षिण एशिया में हिन्द महासागर के उत्तरी भाग में स्थित एक द्वीपीय देश है। भारत के दक्षिण में स्थित इस देश की दूरी भारत से मात्र ३१ किलोमीटर है। १९७२ तक इसका नाम सीलोन (अंग्रेजी:Ceylon) था, जिसे १९७२ में बदलकर लंका तथा १९७८ में इसके आगे सम्मानसूचक शब्द "श्री" जोड़कर श्रीलंका कर दिया गया। श्रीलंका का सबसे बड़ा नगर कोलम्बो समुद्री परिवहन की दृष्टि से एक महत्वपूर्ण बन्दरगाह है। .

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सन्त विन्सेण्ट और ग्रेनाडाइन्स

यह उत्तर अमेरिका महाद्वीप में केरिबियन क्षेत्र में एक देश है। श्रेणी:देश श्रेणी:उत्तर अमेरिका.

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सम्प्रभु राज्य

राष्ट्र कहते हैं, एक जन समूह को, जिनकी एक पहचान होती है, जो कि उन्हें उस राष्ट्र से जोङती है। इस परिभाषा से तात्पर्य है कि वह जन समूह साधारणतः समान भाषा, धर्म, इतिहास, नैतिक आचार, या मूल उद्गम से होता है। ‘राजृ-दीप्तो’ अर्थात ‘राजृ’ धातु से कर्म में ‘ष्ट्रन्’ प्रत्यय करने से संस्कृत में राष्ट्र शब्द बनता है अर्थात विविध संसाधनों से समृद्ध सांस्कृतिक पहचान वाला देश ही एक राष्ट्र होता है | देश शब्द की उत्पत्ति "दिश" यानि दिशा या देशांतर से हुआ जिसका अर्थ भूगोल और सीमाओं से है | देश विभाजनकारी अभिव्यक्ति है जबकि राष्ट्र, जीवंत, सार्वभौमिक, युगांतकारी और हर विविधताओं को समाहित करने की क्षमता रखने वाला एक दर्शन है | सामान्य अर्थों में राष्ट्र शब्द देश का पर्यायवाची बन जाता है, जहाँ कुछ असार्वभौमिक राष्ट्र, जिन्होंने अपनी पहचान जुङने के बाद, पृथक सार्वभौमिकिता बनाए रखी है। एक राष्ट्र कई राज्यों में बँटा हो सकता है तथा वे एक निर्धारित भौगोलिक क्षेत्र में रहते हैं, जिसे राष्ट्र कहा जाता है। देश को अपने रहेने वालों का रक्षा करना है। .

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सामंतवाद

अपने प्रतिज्ञाओं के लिए रोलाण्ड शारलेमेन; चेनसन डे गेस्टे, c.14th.c. की एक पांडुलिपि से सामंतवाद (Feudalism / फ्युडलिज्म) मध्यकालीन युग में इंग्लैंड और यूरोप की प्रथा थी। इन सामंतों की कई श्रेणियाँ थीं जिनके शीर्ष स्थान में राजा होता था। उसके नीचे विभिन्न कोटि के सामंत होते थे और सबसे निम्न स्तर में किसान या दास होते थे। यह रक्षक और अधीनस्थ लोगों का संगठन था। राजा समस्त भूमि का स्वामी माना जाता था। सामंतगण राजा के प्रति स्वामिभक्ति बरतते थे, उसकी रक्षा के लिए सेना सुसज्जित करते थे और बदले में राजा से भूमि पाते थे। सामंतगण भूमि के क्रय-विक्रय के अधिकारी नहीं थे। प्रारंभिक काल में सामंतवाद ने स्थानीय सुरक्षा, कृषि और न्याय की समुचित व्यवस्था करके समाज की प्रशंसनीय सेवा की। कालांतर में व्यक्तिगत युद्ध एवं व्यक्तिगत स्वार्थ ही सामंतों का उद्देश्य बन गया। साधन-संपन्न नए शहरों के उत्थान, बारूद के आविष्कार, तथा स्थानीय राजभक्ति के स्थान पर राष्ट्रभक्ति के उदय के कारण सामंतशाही का लोप हो गया।.

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सिएरा लियोन

सिएरा लियोन, अधिकारक तौर पर सिएरा लियोन का गणराज्य, पश्चिमी अफ़्रीका का एक देश है जिस की सरहदों के उत्तर-पूर्व में गिनी, दक्षिण-पूर्व में लाईबेरिया और दक्षिण-पश्चिम में अंध महासागर हैं। इसकी जलवायु गर्मि-खंडीय है और वातावरण बहु-भांति है जिस में सावना (सूखे पेड़ और घास का मैदान) से ले कर ऊषण-कटिबंधीय क्षेत्र के घने जंगल शामिल हैं। इसका कुल क्षेत्रफ़ल ७१,७४० वर्ग कि॰मी॰ है और चार भौगोलिक क्षेत्रों में बांटा गया है: उत्तरी सूबा, पूर्वी सूबा, दक्षिणी सूबा और पश्चिमी क्षेत्र जो आगे से १४ ज़िलों में बाँटे गए हैं। इन ज़िलों की अपनी सीधे तौर पर चुनी हुई स्थानीय सरकार है जिसको ज़िला कौंसिल कहा जाता है और जिसका प्रमुख कौंसिल का सदर होता है। .

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संसदीय प्रणाली

संसदीय प्रणाली (parliamentary system) लोकतांत्रिक शासन की वह प्रणाली है जिसमें कार्यपालिका अपनी लोकतांत्रिक वैधता विधायिकता (संसद) से प्राप्त करती है तथा विधायिकता के प्रति उत्तरदायी होती है। इस प्रकार संसदीय प्रणाली में कार्यपालिका और विधायिका परस्पर सम्बन्धित (जुड़े हुए) होते हैं। इस प्रणाली में राज्य का मुखिया तथा सरकार का मुखिया अलग-अलग व्यक्ति होते हैं। भारत में संसदीय शासन प्रणाली है। इसके विपरीत अध्यक्षीय प्रणाली (presidential system) में प्रायः राज्य का अध्यक्ष सरकार (कार्यपालिका) का भी अध्यक्ष होता है। इससे भी अधिक महत्वपूर्ण यह है कि अध्यक्षीय प्रणाली में कार्यपालिका अपनी लोकतांत्रिक वैधता विधायिका से नहीं प्राप्त करती। शासन प्रणालियाँ लाल: अध्यक्षीय प्रणाली नारंगी: संसदीय प्रणाली हरा: संसदीय गणतंत्र जहाँ अध्यक्ष का चुनाव संसद करती है। श्रेणी:राजनीति विज्ञान.

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सेण्ट लूसिया

यह उत्तर अमेरिका महाद्वीप में केरिबियन क्षेत्र में एक देश है। श्रेणी:देश श्रेणी:उत्तर अमेरिका.

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सेण्ट किट्स और नेविस

सेंट किट्स और नेविस संघ वेस्ट इंडीज में लीवार्ड द्वीप पर स्थित एक द्वि द्वीपीय संघीय देश है। क्षेत्रफल और जनसंख्या के लिहाज से यह दक्षिण अमेरिका और उत्तरी अमेरिका का सबसे छोटा संप्रभु राष्ट्र है। देश की राजधानी और सरकार का मुख्यालय सबसे बड़े द्वीप सेट किट्स पर स्थित बेसेत्री है। छोटा राज्य नेविस दक्षिण-पूर्व में स्थित है। ऐतिहासिक तौर पर ब्रिटिश निर्भर क्षेत्र एन्गुएला भी कभी इस मंडल का हिस्सा हुआ करता था। सेंट किट्स और नेविस उन पहले कैरेबियाई द्वीपों में शामिल हैं, जहां यूरोपीय पहले पहल बसे थे। सेंट किट्स कैरेबियन में पहले ब्रिटिश और फ्रांसीसी कालोनी का गढ़ हुआ करता था। श्रेणी:देश श्रेणी:उत्तर अमेरिका.

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सेंट लूसिया का राजतंत्र

सेंट लूसिया का राजतंत्र, सेंट लूसिया की संवैधानिक राजतंत्र है। सेंट लूसिया के एकाधिदारुक को सेंट लूसिया और संयुक्त राजशाही समेत कुल १५ प्रजाभूमियों, का सत्ताधारक एकराजीय संप्रभु होने का गौरव प्राप्त है। वर्तमान सत्ता-विद्यमान शासक, ६ फरवरी वर्ष १९५२ से महारानी एलिजाबेथ द्वितीय हैं। अन्य राष्ट्रमण्डल देशों के सामान ही सेंट लूसिया की राजनीतिक व्यवस्था वेस्टमिंस्टर प्रणाली पर आधारित है, जिसमें राष्ट्रप्रमुख का पद नाममात्र होता है, और वास्तविक प्रशासनिक शक्तियां शासनप्रमुख पर निहित होते हैं। सेंट लूसिया सैद्धांतिक रूप से एक राजतंत्र है, और सेंट लूसिया के शासक के पदाधिकारी इसके राष्ट्रप्रमुख होते हैं, हालाँकि शासक की सारी संवैधानिक शक्तियों का अभ्यास, उनके प्रतिनिधि के रूप में, सेंट लूसिया के गवर्नर-जनरल करते हैं। अधिराट् यदी स्त्री हो तो उन्हें " सेंट लूसिया की रानी" के नाम हे संबोधित किया जाता है, और एक पुरुष अधिराट् को " सेंट लूसिया के राजा के नाम से संबोधित किया जाता है। .

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सेंट विंसेंट और ग्रेनेडाइंस का राजतंत्र

सेंट विंसेंट और ग्रेनेडाइंस का राजतंत्र, सेंट विंसेंट और ग्रेनेडाइंस की संवैधानिक राजतंत्र है। सेंट विंसेंट और ग्रेनेडाइंस के एकाधिदारुक को सेंट विंसेंट और ग्रेनेडाइंस और संयुक्त राजशाही समेत कुल १५ प्रजाभूमियों, का सत्ताधारक एकराजीय संप्रभु होने का गौरव प्राप्त है। वर्तमान सत्ता-विद्यमान शासक, ६ फरवरी वर्ष १९५२ से महारानी एलिजाबेथ द्वितीय हैं। अन्य राष्ट्रमण्डल देशों के सामान ही सेंट विंसेंट और ग्रेनेडाइंस की राजनीतिक व्यवस्था वेस्टमिंस्टर प्रणाली पर आधारित है, जिसमें राष्ट्रप्रमुख का पद नाममात्र होता है, और वास्तविक प्रशासनिक शक्तियां शासनप्रमुख पर निहित होते हैं। सेंट विंसेंट और ग्रेनेडाइंस सैद्धांतिक रूप से एक राजतंत्र है, और सेंट विंसेंट और ग्रेनेडाइंस के शासक के पदाधिकारी इसके राष्ट्रप्रमुख होते हैं, हालाँकि शासक की सारी संवैधानिक शक्तियों का अभ्यास, उनके प्रतिनिधि के रूप में, सेंट विंसेंट और ग्रेनेडाइंस के गवर्नर-जनरल करते हैं। अधिराट् यदी स्त्री हो तो उन्हें " सेंट विंसेंट और ग्रेनेडाइंस की रानी" के नाम हे संबोधित किया जाता है, और एक पुरुष अधिराट् को " सेंट विंसेंट और ग्रेनेडाइंस के राजा के नाम से संबोधित किया जाता है। .

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सेंट किट्स और नेविस का राजतंत्र

सेंट किट्स और नेविस का राजतंत्र, सेंट किट्स और नेविस की संवैधानिक राजतंत्र है। सेंट किट्स और नेविस के एकाधिदारुक को सेंट किट्स और नेविस और संयुक्त राजशाही समेत कुल १५ प्रजाभूमियों, का सत्ताधारक एकराजीय संप्रभु होने का गौरव प्राप्त है। वर्तमान सत्ता-विद्यमान शासक, ६ फरवरी वर्ष १९५२ से महारानी एलिजाबेथ द्वितीय हैं। अन्य राष्ट्रमण्डल देशों के सामान ही सेंट किट्स और नेविस की राजनीतिक व्यवस्था वेस्टमिंस्टर प्रणाली पर आधारित है, जिसमें राष्ट्रप्रमुख का पद नाममात्र होता है, और वास्तविक प्रशासनिक शक्तियां शासनप्रमुख पर निहित होते हैं। सेंट किट्स और नेविस सैद्धांतिक रूप से एक राजतंत्र है, और सेंट किट्स और नेविस के शासक के पदाधिकारी इसके राष्ट्रप्रमुख होते हैं, हालाँकि शासक की सारी संवैधानिक शक्तियों का अभ्यास, उनके प्रतिनिधि के रूप में, सेंट किट्स और नेविस के गवर्नर-जनरल करते हैं। अधिराट् यदी स्त्री हो तो उन्हें " सेंट किट्स और नेविस की रानी" के नाम हे संबोधित किया जाता है, और एक पुरुष अधिराट् को " सेंट किट्स और नेविस के राजा के नाम से संबोधित किया जाता है। .

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सोफ़िया, हॅनोवर की निर्वाचिका

फ़ाल्ज़ की राजकुमारी, सोफ़िया(जर्मन:Sophie, Prinzessin von der Pfalz) जिन्हें अधिक प्रचलित रूप से सोफ़िया ऑफ़ हॅनोवर अर्थात् "हनोवर की सोफ़िया" के नाम से जाना जाता है, का जन्म १७ अक्टूबर १६३० को हेग, नीदरलैण्ड में हुआ था। वे फ़्रेडरिक पंचम, निर्वाचक फ़ाल्ज़ तथा स्कॉटलैंड और इंग्लैंड के राजा, जेम्स (षष्टम् और प्रथम) की पुत्री, एलिज़ाबेथ स्टुअर्ट, की सबसे छोटी पुत्री थी। उनकी पर्वरिश डच गणराज्य में हुई थी। १६५८ में उनका विवाह बर्नस्विक-लूनबर्ग के ड्यूक, अर्नेस्ट ऑगस्टस के साथ हुआ, जिन्हें बाद में पवित्र रोमन साम्राज्य में निर्वाचक का दर्ज प्राप्त हुआ, जिसके कारण सोफ़िया को हनोवर की निर्वाचिका की उपादि प्राप्त हुई। एक ऐसा ख़िताब, जिसके नाम से उन्हें बेहतर जाना जाता है। इंग्लैण्ड में गौरवशाली क्रांति के पश्चात पारित हुए ऍक्ट ऑफ़ सेटलमेंट, १७०१ के अंतर्गत उन्हें, जेम्स प्रथम की पोती होने के नाते, अंग्रेज़ी सिंघासन का एकमात्र वैध वारिस तथा उन्हें और उनके आगामी प्रोटोस्टेंट वंश को इंग्लैंड की राजगद्दी का उत्तराधिकारी घोषित कर दिया गया था। हालाँकि उनके सिंघासन विराजने से दो महीने पूर्व ही मृत्यु हो गयी; अतः सिंघासन पर उनका अधिकार, विधि द्वारा उनके ज्येष्ठ पुत्र, जॉर्ज लुइस, हनोवर के निर्वाचक के पास चला गया, जिन्होंने १ अगस्त १७१४ को इंग्लैंड के राजा जॉर्ज प्रथम के रूप में सिंघासन पर विराजमान होकर, इंग्लैंड और स्कॉटलैंड में हनोवर वंश के राज को शुरू किया। ऐसा, तत्कालीन राजा विलियम तृतीय और रानी मैरी द्वितीय, और मैरी की बहन रानी ऐनी के कोई जीवित संतान उत्पन्न नहीं कर पाने, तथा स्टुअर्ट घराने के अन्य सभी सदस्यों के कैथोलिक धर्म होने के कारण किया गया था। .

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सोलोमन द्वीप

सोलोमन द्वीप है एक संप्रभु देश मिलकर के छह प्रमुख द्वीपों और 900 से अधिक छोटे द्वीपों में ओशिनिया के लिए झूठ बोल के पूर्व पापुआ न्यू गिनी और नॉर्थवेस्ट के वानुअतु और कवर एक भूमि क्षेत्र के साथ 28,400 वर्ग किलोमीटर (11,000 वर्ग मील)है। देश की राजधानी होनियारा, द्वीप पर स्थित है के गुआडलकैनाल.

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सोलोमन द्वीप का राजतंत्र

सोलोमन द्वीप राजतंत्र, सोलोमन द्वीप की संवैधानिक राजतंत्र है। जमैकी एकाधिदारुक को सोलोमन द्वीप और संयुक्त राजशाही समेत कुल १५ प्रजाभूमियों, का सत्ताधारक एकराजीय संप्रभु होने का गौरव प्राप्त है। वर्तमान सत्ता-विद्यमान शासक, ६ फरवरी वर्ष १९५२ से महारानी एलिजाबेथ द्वितीय हैं। अन्य राष्ट्रमण्डल देशों के सामान ही सोलोमन द्वीप की राजनीतिक व्यवस्था वेस्टमिंस्टर प्रणाली पर आधारित है, जिसमें राष्ट्रप्रमुख का पद नाममात्र होता है, और वास्तविक प्रशासनिक शक्तियां शासनप्रमुख पर निहित होते हैं। सोलोमन द्वीप सैद्धांतिक रूप से एक राजतंत्र है, और और सोलोमन द्वीप के शासक के पदाधिकारी इसके राष्ट्रप्रमुख होते हैं, हालाँकि शासक की सारी संवैधानिक शक्तियों का अभ्यास, उनके प्रतिनिधि के रूप में, सोलोमन द्वीप के गवर्नर-जनरल करते हैं। अधिराट् यदी स्त्री हो तो उन्हें " सोलोमन द्वीप की रानी" के नाम हे संबोधित किया जाता है, और एक पुरुष अधिराट् को " सोलोमन द्वीप के राजा के नाम से संबोधित किया जाता है। .

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जनमत-संग्रह

जनमत-संग्रह, (अंग्रेजी:Plebiscite या Referendum) जिसे मत-संग्रह या सिर्फ जनमत भी कहते हैं, एक ऐसा प्रत्यक्ष मतदान है जिसमें किसी क्षेत्र विशेष के सभी मतदाताओं को मतदान के द्वारा किसी एक विशेष प्रस्ताव को स्वीकार अथवा अस्वीकार करने के लिए कहा जाता है। दूसरे शब्दों में जनमत-संग्रह के माध्यम से सरकार की नीतियों या किसी प्रस्तावित कानून के बारे में जनता की राय मालूम की जाती है। जनमत-संग्रह नये संविधान के निर्माण, वर्तमान संविधान में संशोधन, किसी नये कानून, किसी निर्वाचित सदस्य का निर्वाचन रद्द करने या केवल सरकार की किसी विशिष्ट नीति को स्वीकार या अस्वीकार करने से संबंधित हो सकता है। यह प्रत्यक्ष लोकतंत्र का एक रूप है। .

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जमैकन राजतंत्र

जमैका राजतंत्र, जमैका की संवैधानिक राजतंत्र है। जमैकी एकाधिदारुक को जमैका और संयुक्त राजशाही समेत कुल १५ प्रजाभूमियों, का सत्ताधारक एकराजीय संप्रभु होने का गौरव प्राप्त है। वर्तमान सत्ता-विद्यमान शासक, ६ फरवरी वर्ष १९५२ से महारानी एलिजाबेथ द्वितीय हैं। अन्य राष्ट्रमण्डल देशों के सामान ही जमैका की राजनीतिक व्यवस्था वेस्टमिंस्टर प्रणाली पर आधारित है, जिसमें राष्ट्रप्रमुख का पद नाममात्र होता है, और वास्तविक प्रशासनिक शक्तियां शासनप्रमुख पर निहित होते हैं। जमैका सैद्धांतिक रूप से एक राजतंत्र है, और और जमैका के शासक के पदाधिकारी इसके राष्ट्रप्रमुख होते हैं, हालाँकि शासक की सारी संवैधानिक शक्तियों का अभ्यास, उनके प्रतिनिधि के रूप में, जमैका के गवर्नर-जनरल करते हैं। अधिराट् यदी स्त्री हो तो उन्हें "जमैका की रानी" के नाम हे संबोधित किया जाता है, और एक पुरुष अधिराट् को "जमैका के राजा के नाम से संबोधित किया जाता है। .

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जमैका

जमैका ग्रेटर एंटीलिज पर स्थित एक द्वीप राष्ट्र है, २३४ किमी लंबाई और ८० किमी चौड़ाई वाले इस द्वीप राष्ट्र का कुल विस्तार ११,१०० वर्ग किमी है। कैरेबियन सागर में स्थित यह देश क्यूबा से १४५ किमी दक्षिण, हैती से १९० किमी पश्चिम में स्थित है। स्पेनिश अधिशासन के दौरान सेंतियागो और बाद में ब्रिटिश क्राउन उपनिवेश जमैका बन गया। २८ लाख की आबादी के साथ यह देश उत्तरी अमेरिका में संयुक्त राज्य अमेरिका और कनाडा के बाद तीसरा सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश है। राष्ट्रकुल के सदस्य के रूप में यहां की मुखिया महारानी एलिजाबेथ द्वितीय हैं। यहां की राजधानी किंग्सटन है। .

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जेम्स प्रथम

जेम्स प्रथम (१५६६-१६२५) ग्रेट ब्रिटेन तथा आयरलैंड का शासक (१६०३-२५) था जो 'जेम्स षष्ठ' (१५२७-१६२५) के नाम से स्काटलैंड का शासक भी था। वह मेरी स्काट तथा उसके द्वितीय पति लार्ड डार्नले की एकमात्र संतान होने के साथ साथ हेनरी सप्तम की पुत्री मार्गरेट का पौत्र था। स्काटलैंड के शासक की स्थिति से उसने सांमतों की शक्ति को विघटित किया था। डेनमार्क की ऐन से उसने १५८९ ई॰ विवाह किया। १६०३ ई॰ में इंग्लैंड का शासक होने पर इंग्लैंड और स्काटलैंड दोनों राजसत्ताओं को एक किया। अत्यधिक विद्वान तथा कौशलहीन होने के कारण उसे क्रिसेन्डम के 'सबसे बुद्धिमान मूर्ख' की उपाधि मिली थी। राजा के दैवी अधिकार का कट्टर पोषक होने के कारण उसने एक चर्चप्रधान राज्य संचालन की नीति अपनाई। प्रारंभिक वर्षों में उसके प्रमुख सलाहकार सैलिसबरी का अर्ल तथा बकिंघम का ड्यूक थे। उसके शासन से राजा तथा संसद् के दीर्घकालीन संघर्ष का प्रारंभ होता है। उसके शासन में सब मिलाकर चार संसदें आयोजित हुईं। यद्यपि जेम्स विधान के अतिक्रमण करने का दोषी नहीं था पर वह उसकी प्रतिष्ठा का सही अनुमान नहीं लगा सकता था। संघर्ष के प्रमुख कारण धर्म, कर-व्यवस्था, वैदेशिक नीति थे। बिना पार्लिमेंट की स्वीकृति के जेम्स ने इम्पोजीशन्स नामक टैक्स लगाए। पार्लिमेंट ने राजा के मंत्रियों पर लगाया जानेवाला इम्पीचमेंट का प्राचीन अधिकार पुनर्जीवित किया। जेम्स की वैदेशिक नीति ने जिसका उद्देश्य स्पेन से मैत्रीपूर्ण व्यवहार तथा साधारण शांति स्थापित करना था, उस जनता को अप्रसन्न कर दिया जो तीस वर्षीय युद्ध में यह आशा करती थी कि जेम्स, पैलेटाइन के इलेक्टर फ्रेडरिक की, जो कि उसका दामाद था, सहायता करेगा। अपने पुत्र चार्ल्स का विवाह स्पेन की राजकुमारी से कराने में असफल होने पर जेम्स ने १६२४ ई॰ में स्पेन के विरुद्ध युद्ध की घोषणा की। जेम्स ने मध्यम श्रेणी की साहित्यिक रचनाएँ अपने पीछे छोड़ीं। श्रेणी:यूके का इतिहास.

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घाना

घाना गणराज्य पश्चिम अफ्रीका में स्थित एक देश है। इसकी सीमा पश्चिम में कोट द' आईवोर (आइवरी कोस्ट), उत्तर में बुर्किना फासो, पूर्व में टोगो और दक्षिण में गिनी की खाड़ी से मिलती है। घाना शब्द का अर्थ "लड़ाकू राजा" है। औपनिवेशिक समय से पूर्व घाना पर अनेक प्राचीन राजवंशों का प्रभुत्व था, जिनमें पूर्वी तट पर गा-दामेस और अंदरुनी क्षेत्र में अशांति साम्राज्य के अलावा तटीय और अंदरुनी क्षेत्रों में अनेक फान्ते और इवे राज्य शामिल थे। १५ वीं सदी में पुर्तगालियों के साथ संपर्क में आने के बाद यूरोपिय देशों के साथ व्यापार की बढ़ोतरी हुई और ब्रिटेन ने १८७४ में गोल्ड कोस्ट, के नाम से राजशाही उपनिवेश की स्थापना की। गोल्ड कोस्ट १९५७ में यूनाइटेड किंगडम से स्वतंत्रता हासिल करने वाला पहला उप सहारा अफ्रीकी राष्ट्र बना। प्राचीन साम्राज्य घाना, जिसका विस्तार एक समय पूरे पश्चिम अफ्रीका में था, के नाम पर नए देश का नाम घाना रखा गया। घाना अनेक अंतरराष्ट्रीय संगठनों का सदस्य है, जिनमें राष्ट्रमंडल, पश्चिम अफ्रीकी राज्यों का आर्थिक सामुदायिक, अफ्रीकी संघ और संयुक्त राष्ट्र शामिल हैं। .

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विधानपालिका

विधायिका (Legislature) या विधानमंडल किसी राजनैतिक व्यवस्था के उस संगठन या ईकाई को कहा जाता है जिसे क़ानून व जन-नीतियाँ बनाने, बदलने व हटाने का अधिकार हो। किसी विधायिका के सदस्यों को विधायक (legislators) कहा जाता है। आमतौर से विधायोकाओं में या तो एक या फिर दो सदन होते हैं। भारत में राष्ट्रीय स्तर पर दो-सदनीय विधायिका है जो संसद कहलाती है। .

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विधानमण्डल

विधान परिषद भारतीय राज्यों में लोकतंत्र की उपरी प्रतिनिधि सभा है। इसके सदस्य अप्रत्यक्ष चुनाव के द्वारा चुने जाते हैं। कुछ सदस्य राज्यपाल के द्वारा मनोनित किए जाते हैं। विधानसभा निचली प्रतिनिधि सभा है। विधान सभा तथा विधान परिषद मिलकर विधानमंडल कहलाते हैं। श्रेणी:राजनीति.

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विधिक व्यक्तित्व

विधि या कानून जिन एककों को मुकादमा चलाने या जिनपर मुकदमा चलवाने की सुविधा देता है, उन्हें विधिक व्यक्तित्व (Legal personality) प्राप्त होता है। विविध संस्थाओं को बहुत समय पूर्व से ऐसा व्यक्तित्व प्राप्त था। विधिक व्यक्तित्व की प्रथा का उदय प्राचीन रोम में हुआ। वैसे ग्रीस (534 ई. पू.), फिनीशिया (900 ई. पू.) तथा बेवीलोनिया (2200 ई. पू.) में यह प्रचलित थी। विधिक व्यक्तित्व सब व्यक्तियों को प्राप्त नहीं होता, क्योंकि सब मुकदमा चलाने या चलवाने के योग्य नहीं होते। प्राचीन काल में विदेशियों को ऐसे कोई अधिकार नहीं दिए जाते थे और दासों को तो चल संपत्ति ही माना जाता था। शिशुओं और पागलों का तो अब भी सीमित व्यक्तित्व होता है। न्यूयॉर्क की विधि के अनुसार जन्म कैदवाला कैदी एक प्रकार से मत ही माना जाता है। दूसरी ओर कुछ समाजों में गर्भस्थ शिशु को भी विधिक व्यक्तित्व मिल जाता है। कुछ में मानवसमूह को या फर्म को या मूर्ति जैसे निर्जीव पदार्थ को भी यह व्यक्तित्व प्रदान कर दिया जाता है। मध्य युग तक तो पक्षी और पशु भी यूरोप में अपराधी के रूप में विधि द्वारा दंडित किए जाते थे। .

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विलय के अधिनियम, १७०७

ऍक्ट्स ऑफ यूनियन अर्थात विलय के अधिनियम, तत्कालीन अंग्रेज़ी और स्कॉटिश राजशाही के सांसदों द्वारा पारित दो भिन्न अधिनियमों का नाम है, जिनके बदौलत सन 1707 में इंग्लैंड और स्कॉटलैंड की राजशाहीयाँ, जो उस समय दो भिन्न सांसदों समेत, अलग-अलग रियासतें हुआ करती थी, का, ग्रेट ब्रिटेन नमक, एक देश के रूप में विलय हो गया था। इन दो अधिनियमों का नाम था:यूनियन विथ स्कॉटलैंड एक्ट, जिसे अंग्रेजी संसद में १७०६ में पारित किया गया था, और यूनियन विद इंग्लैंड ऍक्ट जिसे स्कॉटिश संसद में १७०७ में पारित किया गया था। यह अधिनियम दोनों सांसदों के प्रतिनिधियों द्वारा 22 जुलाई १७०६ को हस्ताक्षर किए गए विलय की संधि(ट्रीटी ऑफ़ यूनियन) को लागू करने के लिए पारित किए गए थे। उस समय तक स्कॉटलैंड और इंग्लैंड करीब १०० सालों से एक ही शासक को साझा कर रहे थे। यह सिलसिला 1603 में स्कॉटलैंड के जेम्स षष्टम् द्वारा अपनी चचेरी बहन इंग्लैंड की एलिजाबेथ प्रथम की मृत्यु के बाद अंग्रेजी सिंहासन को उत्तराधिकृत करने तथा दोनों राजमुकुटों के विलय द्वारा शुरू हुआ था। हालाँकि, इसे राजमुकुटों का विलय कहा गया था, परंतु वास्तविक तौर पर, दो भिन्न राजमुकुट थे जिन्हें एक की सर पर सुशोभित किया गया था, अर्थात हालाँकि दोनों देशों के शासक एक ही थे, परंतु दोनों की सरकार और साहसं व्यवस्था बिलकुल विभक्त और भिन्न था। अतः इन दोनों राष्ट्रों का एक ही देश में विलय करवाने क्व प्रयास एक से अधिक बार, १६०६, १६६७ और १६८९ में किया गया था, परंतु १८वीं सदी से पहले तक इस सुझाव को दोनों पक्षों की राजनीतिक व्यवस्थापिक का सकार्थक समर्थन नहीं मिल सका था। ये अधिनियम १ मई १७०७ से लागु हुए। उस दिन से स्कोटियाई संसद और अंग्रेज़ी संसद का विलय होकर ग्रेट ब्रिटेन की संसद की स्थापना हुई। साथ ही इंग्लैंड और स्कॉटलैंड के विलय से ग्रेट ब्रिटेन की स्थापना हुई। इस विलायकृत संसद का आसान लंदन का वेस्टमिंस्टर का महल था, जिसमें पूर्वतः अंग्रेज़ी संसद बैठ करती थी। इस विलय को अक्सर न केवल ब्रिटेन के, बल्कि पूरे यूरोप की राजनीतिक इतिहास के सबसे महत्वपूर्ण ऐतिहासिक घटनाओं में से एक मन जाता है। .

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वेस्टमिंस्टर की संविधि, १९३१

वेस्टमिंस्टर की संविधि, वर्ष १९३१ में यूनाइटेड किंगडम की संसद द्वारा पारित एक संसदीय अधिनियम है, जिसके भिन्न संस्करण आज भी कैनडा और ऑस्ट्रेलिया में दोनों देशों में विधान के रूप में स्थापित हैं, इसे न्यूज़ीलैण्ड तथा अन्य पूर्व राष्ट्रमण्डल प्रजाभूमियों में पूर्ववत कर दिया गया है। इसे ब्रिटिश संसद में ११ दिसंबर १९३१ में पारित किया गया था, और तत्कालीन ब्रिटिश डोमिनियनों में स्वीकृति के बाद तत्कालीन ब्रिटिश साम्राज्य के सरे डोमिनियनों में स्वराज स्थापित कर दिया। अतः इसके पारित होने से ब्रिटिश साम्राज्य के सारे डोमिनियन, स्वाशासित, संप्रभु देश बन गए, साथ ही, मौलिक स्वायत्तता के अलावा, एक ही राजतंत्र को सांझ करने के कारण, यह सरे देश, राजकीय उपादियों और सिंघासन के उत्तराधिकार क्रम में परिवर्तन हेतु एक-दुसरे की स्वीकृति प्राप्त करने के लिए, इस संविधि द्वारा बाध्य भी है। अतः, इस विधान ने तमाम डोमिनियनों को बराबर का पद दिया, और बॅल्फोर घोषणा, १९२६ में तमाम राष्ट्रमण्डल प्रदेशों की बराबरी के साथ, एक ही राजसत्ता के प्रति वफ़ादारी रखने की घोषणा को वास्तविक रूप दिया, जिसके कारण सारे डोमिनियन स्वशासित, सार्वभौमिक देश बन गए। वर्त्तमान समय में इसकी सार्थकता इस बात से है, की इसने सारे राष्ट्रमण्डल प्रजाभूमियों और उनके साँझा राजतंत्र के बीच के सतत संबंध को बरक़रार रखने की नीव राखी थी। .

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वेस्ट्मिन्स्टर ऍबी

वेस्ट्मिन्स्टर ऍबी, (Westminster Abbey, सामान्य वर्तनी: वेस्टमिंस्टर ऐबी), जिसे पहले आधिकारिक रूप से अंग्रेज़ी में कॉलेजिएट चर्च ऑफ़ सेण्ट पीटर ऍट् वेस्ट्मिन्स्टर(वेस्टमिंस्टर में स्थित संत पीटर का कॉलेजिएट चर्च) का नाम दिया गया था, वेस्टमिंस्टर शहर, लंदन में स्थित एक विशाल, मुख्यत: गोथिक मठ व गिरिजाघर है। यह वेस्टमिंस्टर महल से पश्चिम में स्थित है। यह यूनाइटेड किंगडम के सबसे माननीय पूजा स्थलों में से एक है व ग्रेट ब्रिटेन के शाही परिवार के राज्याभिषेक का परम्परागत स्थल है। 1540 से 1556 तक इस मठ को कैथेड्रल का महत्व हासिल था। हालांकि 1560 से यह भवन मठ या कैथेड्रल नहीं रह गयी और सिर्फ़ शाही निजी संपत्ति ही कही जाती थी। "शाही निजी संपत्ति" – वो संपत्तियाँ थीं जो सीधे सम्राट के प्रति जवाबदेह थीं और सम्राट की जिम्मेदारी थीं। यह भवन वास्तविक मठ व गिरिजाघर है। 1080 में पहली बार सुलकार्ड द्वारा बताई गई परंपरा के अनुसार लंदन के थोर्नी द्वीप पर सातवीं शताब्दी में लंदन के पादरी मेलिटस के जमाने में एक गिरिजाघर का निर्माण हुआ था। वर्तमान गिरिजाघर का निर्माण सन् 1245 में हेनरी अष्टम के आदेश पर शुरु हुआ था।.

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गणराज्य

एक गणराज्य या गणतंत्र (रेस पब्लिका) सरकार का एक रूप है जिसमें देश को एक "सार्वजनिक मामला" माना जाता है, न कि शासकों की निजी संस्था या सम्पत्ति। एक गणराज्य के भीतर सत्ता के प्राथमिक पद विरासत में नहीं मिलते हैं। यह सरकार का एक रूप है जिसके अंतर्गत राज्य का प्रमुख राजा नहीं होता। गणराज्य की परिभाषा का विशेष रूप से सन्दर्भ सरकार के एक ऐसे रूप से है जिसमें व्यक्ति नागरिक निकाय का प्रतिनिधित्व करते हैं और किसी संविधान के तहत विधि के नियम के अनुसार शक्ति का प्रयोग करते हैं, और जिसमें निर्वाचित राज्य के प्रमुख के साथ शक्तियों का पृथक्करण शामिल होता हैं, व जिस राज्य का सन्दर्भ संवैधानिक गणराज्य या प्रतिनिधि लोकतंत्र से हैं। 2017 तक, दुनिया के 206 सम्प्रभु राज्यों में से 159 अपने आधिकारिक नाम के हिस्से में "रिपब्लिक" शब्द का उपयोग करते हैं - निर्वाचित सरकारों के अर्थ से ये सभी गणराज्य नहीं हैं, ना ही निर्वाचित सरकार वाले सभी राष्ट्रों के नामों में "गणराज्य" शब्द का उपयोग किया गया हैं। भले राज्यप्रमुख अक्सर यह दावा करते हैं कि वे "शासितों की सहमति" से ही शासन करते हैं, नागरिकों को अपने स्वयं के नेताओं को चुनने की वास्तविक क्षमता को उपलब्ध कराने के असली उद्देश्य के बदले कुछ देशों में चुनाव "शो" के उद्देश्य से अधिक पाया गया है। गणराज्य (संस्कृत से; "गण": जनता, "राज्य": रियासत/देश) एक ऐसा देश होता है जहां के शासनतन्त्र में सैद्धान्तिक रूप से देश का सर्वोच्च पद पर आम जनता में से कोई भी व्यक्ति पदासीन हो सकता है। इस तरह के शासनतन्त्र को गणतन्त्र(संस्कृत; गण:पूरी जनता, तंत्र:प्रणाली; जनता द्वारा नियंत्रित प्रणाली) कहा जाता है। "लोकतंत्र" या "प्रजातंत्र" इससे अलग होता है। लोकतन्त्र वो शासनतन्त्र होता है जहाँ वास्तव में सामान्य जनता या उसके बहुमत की इच्छा से शासन चलता है। आज विश्व के अधिकान्श देश गणराज्य हैं और इसके साथ-साथ लोकतान्त्रिक भी। भारत स्वयः एक लोकतान्त्रिक गणराज्य है। .

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गयाना

गयाना या गुयाना दक्षिणी अमरीका मे एक देश है। इस का आधिकारिक नाम- 'कौपरेटिव रिपबलिक ओफ गुयाना' है। यह दक्षिण अमरीका के उत्तर-मध्य भाग मे हैं। 'गुयाना' शब्द का ऐतिहासिक प्रयोग हॉलैन्ड के तीन उपनिवेशो के लिये किया गया था। यह उपनिवेश थे- एस्सेक्यूबो, डेमेरारा और बेरबिस। वो एतिहासिक गयाना अमेज़न नदी के उत्तर मे था और ओरिनोको नदी के पुरव मे था। यहाँ पर भरतीय सबसे बाड़ी प्रजाती है। यह भरतीय प्रजाती के लोग यहाँ अंग्रेजो़ के शाशन काल मे आएँ। इस देश पर सबसे पहले हॉलैन्ड ने शाशन किया और फिर २०० साल तक अंग्रेजो़ ने इस पर शाशन किया। .

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गाम्बिया

गाम्बिया (आधिकारिक रूप से इस्लामी गणराज्य गाम्बिया), पश्चिमी अफ्रीका में स्थित एक देश है। गाम्बिया अफ्रीकी मुख्य भूमि पर स्थित सबसे छोटा देश है, इसकी उत्तरी, पूर्वी और दक्षिणी सीमा सेनेगल से मिलती है, पश्चिम में अन्ध महासागर से लगा छोटा सा तटीय क्षेत्र है। देश का नाम गाम्बिया नदी पर से पड़ा है, जिसके प्रवाह के रास्ते इसकी सीमा लगी हुई है। नदी देश के मध्य से होते हुए अन्ध महासागर में जाकर मिल जाती है। लगभग १०,५०० वर्ग किमी क्षेत्रफल वाले इस देश की अनुमानित जनसंख्या १७,००,००० है। १८ फरवरी, १९६५ को गाम्बिया ब्रिटेन से स्वतन्त्र हुआ और राष्ट्रमण्डल में सम्मिलित हो गया। बांजुल गाम्बिया की राजधानी है, लेकिन सबसे बड़ा महानगर सेरीकुंदा है। गाम्बिया अन्य पश्चिम अफ़्रीकी देशों के साथ एतिहासिक दास व्यापार का एक भाग था, जो गाम्बिया नदी पर उपनिवेश स्थापित करने का एक प्रमुख कारण था, प्रथम पुर्तगालियों द्वारा और बाद में अंग्रेज़ों द्वारा। १९६५ में स्वतन्त्रता प्राप्त करने के बाद, गाम्बिया अपेक्षाकृत स्थिर देश रहा है, केवल १९९४ में सैन्य शासन की एक संक्षिप्त अवधि के अपवाद को छोड़कर। यह एक कृषि सम्पन्न देश है और देश की अर्थव्यस्था में खेती-बाड़ी, मत्स्य-ग्रहण और पर्यटन-उद्योग की प्रमुख भूमिका है। लगभग एक तिहाई जनसंख्या अन्तर्राष्ट्रीय गरीबी रेखा की सीमा १.२५ डॉलर प्रतिदिन से नीचे रहती है। .

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ग्रेनाडा

ग्रेनाडा दक्षिण पूर्वी कैरेबियन सागर में ग्रेनेडियन्स के के दक्षिणी छोर पर स्थित एक संप्रभु द्वीप देश है, जो ग्रेनाडा द्वीप और छह छोटे द्वीपों से मिलकर बना है। ग्रेनेडा त्रिनिदाद और टोबैगो के उत्तरपश्चिम, वेनेजुएला के उत्तर-पूर्व और सेंट विंसेंट और द ग्रेनाडाइन्स के दक्षिण पश्चिम में स्थित है। 344 वर्ग किमी में फैले इस देश की अनुमानित जनसंख्या 110,000 है। इसकी राजधानी सेंट जॉर्ज है। श्रेणी:देश श्रेणी:उत्तर अमेरिका.

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ग्रेनेडा का राजतंत्र

ग्रेनेडियाई राजतंत्र, ग्रेनेडा की संवैधानिक राजतंत्र है। ग्रेनेडा एकाधिदारुक को ग्रेनेडा और संयुक्त राजशाही समेत कुल १५ प्रजाभूमियों, का सत्ताधारक एकराजीय संप्रभु होने का गौरव प्राप्त है। वर्तमान सत्ता-विद्यमान शासक, ६ फरवरी वर्ष १९५२ से महारानी एलिजाबेथ द्वितीय हैं। अन्य राष्ट्रमण्डल देशों के सामान ही ग्रेनेडा की राजनीतिक व्यवस्था वेस्टमिंस्टर प्रणाली पर आधारित है, जिसमें राष्ट्रप्रमुख का पद नाममात्र होता है, और वास्तविक प्रशासनिक शक्तियां शासनप्रमुख पर निहित होते हैं। ग्रेनेडा सैद्धांतिक रूप से एक राजतंत्र है, और और ग्रेनेडा के शासक के पदाधिकारी इसके राष्ट्रप्रमुख होते हैं, हालाँकि शासक की सारी संवैधानिक शक्तियों का अभ्यास, उनके प्रतिनिधि के रूप में, ग्रेनेडा के गवर्नर-जनरल करते हैं। अधिराट् यदी स्त्री हो तो उन्हें " ग्रेनेडा की रानी" के नाम हे संबोधित किया जाता है, और एक पुरुष अधिराट् को " ग्रेनेडा के राजा के नाम से संबोधित किया जाता है। .

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गौरवशाली क्रांति

गौरवपूर्ण क्रान्ति (The Glorious Revolution) या सन् १६८८ की क्रान्ति के द्वारा इंग्लैण्ड का राजा जेम्स द्वितीय को राजसिंहासन गवांना पड़ा। 18वीं सदी में विश्व में तीन प्रमुख क्रांतियां हुईं। ये भिन्न-भिन्न देशों में अवश्य हुई किन्तु इनके परिणाम एवं प्रभाव विश्व पर दूरगामी हुए। इन क्रांतियों में सर्वप्रथम इंग्लैंड में घटित वैभवपूर्ण क्रांति (1688 ई.) है। इसे 'गौरवशाली क्रांति' अथवा 'रक्तहीन क्रांति' भी कहा जाता है क्योंकि इस क्रांति में किसी भी पक्ष के व्यक्ति के रक्त की एक बूंद भी नहीं निकली और केवल प्रदर्शन एवं वार्तालाप से ही क्रांति सफल हो गई। 1688 ई. में इंग्लैण्ड में हुई इस रक्तहीन क्रांति ने अमेरिका (इंग्लैंड का उपनिवेश) में भी स्वतंत्रता की मांग बुलंद की। अमेरिका में शासन ब्रिटिश संसद द्वारा चलाया जाता था जो अमेरिकावासियों को सहन न था। वे स्वतंत्र रूप से शासन करना चाहते थे। अतः अमेरिकी उपनिवेश ने अपनी स्वतंत्रता के लिए जो संघर्ष किया वही अमेरिकी क्रांति कहलाता है। ये क्रांति 1776 ई. में हुई। उपरोक्त दो क्रांतियों के परिणाम एवं प्रभाव स्वरूप यूरोप में भी क्रांति का दौर प्रारंभ हुआ। 18वीं सदी में यूरोपीय देशों में फ्रांस की सामाजिक एवं आर्थिक स्थिति अत्यंत जर-जर थी। शासक कुलीन तथा पादरी वर्ग केवल अपनी विलासिता पर ही ध्यान देते थे। जनता एवं जनहित के कार्यो तथा प्रशासन में उनकी कोई रूचि नहीं थी। वे केवल श्रमिकों एवं कृषकों का शोषण करते थे। ऐसी परिस्थिति में फ्रांस में बुद्धिजीवी वर्ग का उदय हुआ जिन्होंने जनता को उनके अधिकारों के परिचित कराया। इस प्रकार शासक, कुलीन तथा चर्च के विरूद्ध कृषकों, श्रमिकों तथा बुद्धिजीवियों के द्वारा फ्रांस में जो क्रांति हुई वही 1789 की फ्रांसीसी क्रांति कहलाती है। इसके प्रभाव दूरगामी हुए। यहां तक की भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में भी इस क्रांति का महत्व है। .

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ऑस्ट्रेलिया

ऑस्ट्रेलिया, सरकारी तौर पर ऑस्ट्रेलियाई राष्ट्रमंडल दक्षिणी गोलार्द्ध के महाद्वीप के अर्न्तगत एक देश है जो दुनिया का सबसे छोटा महाद्वीप भी है और दुनिया का सबसे बड़ा द्वीप भी, जिसमे तस्मानिया और कई अन्य द्वीप हिंद और प्रशांत महासागर में है। ऑस्ट्रेलिया एकमात्र ऐसी जगह है जिसे एक ही साथ महाद्वीप, एक राष्ट्र और एक द्वीप माना जाता है। पड़ोसी देश उत्तर में इंडोनेशिया, पूर्वी तिमोर और पापुआ न्यू गिनी, उत्तर पूर्व में सोलोमन द्वीप, वानुअतु और न्यू कैलेडोनिया और दक्षिणपूर्व में न्यूजीलैंड है। 18वी सदी के आदिकाल में जब यूरोपियन अवस्थापन प्रारंभ हुआ था उसके भी लगभग 40 हज़ार वर्ष पहले, ऑस्ट्रेलियाई महाद्वीप और तस्मानिया की खोज अलग-अलग देशो के करीब 250 स्वदेशी ऑस्ट्रेलियाईयो ने की थी। तत्कालिक उत्तर से मछुआरो के छिटपुट भ्रमण और होलैंडवासियो (Dutch) द्वारा 1606, में यूरोप की खोज के बाद,1770 में ऑस्ट्रेलिया के अर्द्वपूर्वी भाग पर अंग्रेजों (British) का कब्ज़ा हो गया और 26 जनवरी 1788 में इसका निपटारा "देश निकला" दण्डस्वरुप बने न्यू साउथ वेल्स नगर के रूप में हुआ। इन वर्षों में जनसंख्या में तीव्र गति से वृद्धि हुई और महाद्वीप का पता चला,19वी सदी के दौरान दूसरे पांच बड़े स्वयं-शासित शीर्ष नगर की स्थापना की गई। 1 जनवरी 1901 को, छ: नगर महासंघ हो गए और ऑस्ट्रेलियाई राष्ट्रमंडल का गठन हुआ। महासंघ के समय से लेकर ऑस्ट्रेलिया ने एक स्थायी उदार प्रजातांत्रिक राजनैतिक व्यवस्था का निर्वहन किया और प्रभुता संपन्न राष्ट्र बना रहा। जनसंख्या 21.7मिलियन (दस लाख) से थोडा ही ऊपर है, साथ ही लगभग 60% जनसंख्या मुख्य राज्यों सिडनी,मेलबर्न,ब्रिस्बेन,पर्थ और एडिलेड में केन्द्रित है। राष्ट्र की राजधानी केनबर्रा है जो ऑस्ट्रेलियाई प्रधान प्रदेश (ACT) में अवस्थित है। प्रौद्योगिक रूप से उन्नत और औद्योगिक ऑस्ट्रेलिया एक समृद्ध बहुसांस्कृतिक राष्ट्र है और इसका कई राष्ट्रों की तुलना में इन क्षत्रों में प्रदर्शन उत्कृष्ट रहा है जैसे स्वास्थ्य, आयु संभाव्यता, जीवन-स्तर, मानव विकास, जन शिक्षा, आर्थिक स्वतंत्रता और मूलभूत अधिकारों की रक्षा और राजनैतिक अधिकार.

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ऑस्ट्रेलियाई राजतंत्र

ऑस्ट्रेलियाई राजतंत्र, ऑस्ट्रेलिया की संवैधानिक राजतंत्र है। ऑस्ट्रेलिया के एकाधिदारुक को ऑस्ट्रेलिया और संयुक्त राजशाही समेत कुल १५ प्रजाभूमियों, का सत्ताधारक एकराजीय संप्रभु होने का गौरव प्राप्त है। वर्तमान सत्ता-विद्यमान शासक, ६ फरवरी वर्ष १९५२ से महारानी एलिजाबेथ द्वितीय हैं। अन्य राष्ट्रमण्डल देशों के सामान ही ऑस्ट्रेलिया की राजनीतिक व्यवस्था वेस्टमिंस्टर प्रणाली पर आधारित है, जिसमें राष्ट्रप्रमुख का पद नाममात्र होता है, और वास्तविक प्रशासनिक शक्तियां शासनप्रमुख पर निहित होते हैं। ऑस्ट्रेलिया सैद्धांतिक रूप से एक राजतंत्र है, और ऑस्ट्रेलिया के शासक के पदाधिकारी इसके राष्ट्रप्रमुख होते हैं, हालाँकि शासक की सारी संवैधानिक शक्तियों का अभ्यास, उनके प्रतिनिधि के रूप में, ऑस्ट्रेलिया के गवर्नर-जनरल करते हैं। अधिराट् यदी स्त्री हो तो उन्हें " ऑस्ट्रेलिया की रानी" के नाम हे संबोधित किया जाता है, और एक पुरुष अधिराट् को " ऑस्ट्रेलिया के राजा के नाम से संबोधित किया जाता है। .

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आयरिश मुक्त राज्य

आयरिश मुक्त राज्य (Saorstát Éireann, वर्ष १९२२ में, ब्रिटिश राष्ट्रमण्डल के एक परिराज्य(डोमिनियन) के रूप में स्थापित एक स्वतंत्र राज्य था। इसे दिसंबर १९२१ के आंग्ल-आयरिश संधिके तहत स्थापित किया गया था। इस समझौते ने पिछले तीन वर्षों से, सवोऽद्घोषित आयरिश गणराज्य और ब्रिटिश मुकुट के बलों के बीच चली आ रही आयरिश स्वतंत्रता युद्ध को समाप्त कर दिया। दिसंबर १९३७ में आयरलैण्ड के नए संविधान के परवर्तन, तथा गणराज्य की घोषण के बाद यह विस्थापित होगया। प्रारंभिक समय में आयरलैण्ड की तमाम ३२ काउण्टियाँ, मुक्त राज्य के अधिकार में थीं, परंतु बाद में पूर्वोत्तर की ६ कॉउंटियों ने समझौते के अंतर्गत, मुक्त राज्य से बहार निकल कर पुनः संयुक्त राजशाही में शामिल होने का निर्णय किया। परिराज्य (डोमिनियन) होने के नाते, आयरलैंड, इस व्यवस्था के अंतर्गत, ब्रिटेन की सरकार से स्वतंत्र तो था, परंतु देश के नाममात्र राष्ट्रप्रमुख, ब्रिटिश संप्रभु थे, तथा इसकी सरकार, कार्यकारी परिषद् तथा, संप्रभु के प्रतिनिधि के रूप में, गवर्नर-जनरल द्वारा रचित थी। साथ ही एक द्विसदनीय विधायिक भी थी। सरकारी अधिकारियों को शासक के प्रति वफ़ादारी की शपथ लेने की भी अनिवार्यता थी। मुक्त राज्य के प्राथमिक महीने, आयरिश गृहयुद्ध से पस्त थे। यह युद्ध नवस्थापित सरकार की सेना और समझौता-विरोधी आयरिश रिपब्लिकन आर्मी के बीच छिड़ा था, जोकि एक गणराज्य स्थापित करने की इच्छुक थी। यह गृहयुद्ध सरकारी बालों की विजय के साथ समाप्त हुआ, संधि-विरोधी बालों ने मई १९२२ में अपने शास्त्र त्याग दिए और शांतिपूर्ण मार्ग अपनाने का निर्णय किया। संधि तथा राजतंत्र-विरोधी दाल, सिन् फेइन् ने अपने नेता डी वालेरा के नेतृत्व में १९२७ का आम चुनाव लड़ कर राष्ट्रीय विधायक में पहले बार स्थान ग्रहण किया, और १९३२ के चुनाव् के बाद सबसे बड़ी दल के रूप में उबरी। डी वालेरा ने वफादारी की शपथ को बर्खास्त कर दिया, और १९३७ में एक नए गणतांत्रिक संविधान का मसौदा तैयार किया। इस संविधान को तत्वर्ष जुलाई मास में जनमत-संग्रह द्वारा पारित कर दिया गया। २९ दिसंबर १९३७ में नए संविधान के परवर्तन के साथ ही आयरिश मुक्त राज्य का अंत हो गया, और नए संविधान के तहत इस आयरिश राज्य को आयरलैंड का नाम दिया गया। साथ ही शासक और गवर्नर जनरल के पद को समाप्त कर लोकतांत्रिक मूल्यों के आधार पर निर्वाचित राष्ट्रपति के पद से परिवर्तित कर दिया दया। .

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इंग्लैण्ड राज्य

इंग्लैण्ड राजशाही(Kingdom of England) यानि आंग्ल राजतांत्रिक राज्य, जिसे आम वार्ता में केवल इंग्लैण्ड(ब्रिटिश उच्चारण:इंग्लॆन्ड्) कहा जाता था, ग्रेट ब्रिटेन द्वीप पर स्थित एक पूर्व सार्वभौमिक एकराष्टिय राजतांत्रिक राज्य था। इंग्लैंड का उदय १०वीं शताब्दी में विभिन्न आंग्ल-सैक्सन रजवाड़ों में से हुआ था, यह १७०७ में स्कॉटलैंड राजशाही के साथ विलय तथा ग्रेट ब्रिटेन राजशाही की स्थापना तक असतित्व में रहा। ११वीं सदी में वर्त्तमान फ्रांस के नॉरमेंडी के तट से नार्मन लोगों ने आक्रमण कर इंग्लैंड पर विजय प्राप्त कर लिया था, जिस समय इंग्लैंड की राजधानी को विंचेस्टर से लंदन हस्तांतरित कर दिया गया था। अपने इतिहास के दौरान, इंग्लैंड पर चार विभिन्न वंशों का राज रहा था:नॉर्मन वंश १०६६-११५४, प्लैंटेजेनट वंश ११५४-१४८५, ट्यूडर वंश १४८५-१६०३ और स्टुअर्ट वंश १६०३-१७१४, हालाँकि इन सब को विभक्त राजवंश माना जाता है, परंतु ये सारे घराने, अंत्यतः नॉर्मनों के ही वंशज हैं। नार्मन शासन की शुरुआत के बाद से एंग्लो-सैक्सन भाषा(पुरानी अंग्रेज़ी) में फ़्रांसिस भाषा का प्रभाव अत्यंत बढ़ गया और आधुनिक अंग्रेज़ी विकसित हुई। १३वीं सदी के अंत तक इंग्लैंड ने वेल्स रियासत पर अपना अधिकार जमा लिया और १६वीं सदी में वेल्स को इंग्लैंड में पूर्णतः विलीन कर लिया गया। वेल्स पर अधिक्रमण ने इंग्लैंड को यूरोप के एक प्रमुख सैन्य शक्ति के रूप में स्थापित कर दिया। ट्यूडर काल ने अंग्रेज़ी नवजागरण के काल को देखा, जोकि अंग्रेज़ी भाषा और संस्कृति के लिहाज़ से सबसे महत्वपूर्ण काल था। राजा हेनरी अष्टम् के राज ने अंग्रेज़ी पुनःस्थापन के काल को देखा, और तत्पश्चात उनकी पुत्री एलिज़ाबेथ प्र॰ के राज में पारित एलिज़ाबेथन धार्मिक समाधान ने चर्च ऑफ़ इंग्लैंड की स्वायत्तता पुनःस्थापि की, और इसने इंग्लैंड को एक प्राथमिक यूरोपीय महाशक्ति के रूप में स्थापित कर दिया। एलिज़ाबेथन युग में इंग्लैंड ने नई दुनिया(अमरीकी महाद्वीप) के बड़े हिस्से पर अपना अधिकार स्थापित किया और अपने उपनिवेश स्थापित किये, जिसके साथ आगामी ब्रिटिश साम्राज्य की नीव पड़ी। इंग्लैंड में मैग्ना कार्टा और बिल ऑफ़ राइट्स, १६८९ जैसे ऐतिहासिक विधान पारित हुए, जिसके बदौलत संसद की शक्ति बढ़ती गयी, और शासक की शक्तियों व अधिकारों पर अनेक सीमाएँ और अंकुश लगाए गए, जोकि आगे जाकर एक विशेष प्रशासनिक व्यवस्था के रूप में विकसित हुई, जिसे वेस्टमिंस्टर प्रणाली कहा जाता है। १६०३ में रानी एलिज़ाबेथ के निधन के पश्चात स्कॉटलैंड के राजा जेम्स षष्टम् ने इंग्लैंड के सिंघासन को उत्तराधिकृत किया, और इस के साथ इंग्लैंड, स्कॉटलैंड और आयरलैंड के साथ व्यक्तिगत विलय की स्थिति में आ गया, तथा स्टुअर्ट वंश के राज का प्रारम्भ हुआ। स्टुअर्ट काल में, अंग्रेज़ी गृह युद्ध हुआ, जोकि चार्ल्स प्रथम के प्राणदंड के साथ समाप्त हुआ, परंतु इस गृहयुद्ध ने शासक के शासनाधिकार पर अनेक अंकुश लगा दिए, और शासक को संसद की स्वीकृति के बिना शासन करने से वंचित कर दिया। १ मई १७०७ को, विलय के अधिनियमों के तहत इंग्लैंड का स्कॉटलैंड के साथ विलय होगया और संयुक्त ग्रेट ब्रिटेन राजशाही की स्थापम हुई। .

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इंग्लैंड का गिरिजाघर

चर्च ऑफ इंग्लैंड (Church of England) इंग्लैंड में आधिकारिक तौर पर स्थापित ईसाई चर्च है और विश्वव्यापी ऐग्लिकन कॉमयूनियन का मातृ चर्च है। चर्च स्वयं को पश्चिमी ईसाइयत की परंपरा के अंतर्गत समझता है और अपनी औपचारिक स्थापना सेंट ऍगस्टीन ऑफ कैंटरबरी द्वारा 597 ई. में इंग्लैंड के मिशन के समय से बताता है। .

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कनाडा

कोई विवरण नहीं।

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कार्यकारिणी (सरकार)

कार्यकारिणी (Executive) सरकार का वह अंग होती हैं जो राज्य के शासन का अधिकार रखती हैं और उसकी ज़िम्मेदारी उठाती हैं। कार्यकारिणी क़ानून को कार्यान्वित करती हैं और उसे लागू करती हैं। अध्यक्षीय प्रणाली में, कार्यकारिणी का प्रमुख दोनों, राज्य का प्रमुख और सरकार का प्रमुख होता हैं। संसदीय प्रणाली में, एक कैबिनेट मंत्री जो विधायिका को उत्तरदायी होता हैं, वह सरकार का प्रमुख होता हैं, जबकि राज्य का प्रमुख आम तौर पर एक औपचारिक राजा अथवा राष्ट्रपति होता हैं। .

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कैनेडियाइ राजतंत्र

कैनेडियाई राजतंत्र, कैनडा की संवैधानिक राजतंत्र है। कैनेडा के एकाधिदारुक को कैनेडा और संयुक्त राजशाही समेत कुल १५ प्रजाभूमियों, का सत्ताधारक एकराजीय संप्रभु होने का गौरव प्राप्त है। वर्तमान सत्ता-विद्यमान शासक, ६ फरवरी वर्ष १९५२ से महारानी एलिजाबेथ द्वितीय हैं। अन्य राष्ट्रमण्डल देशों के सामान ही कैनेडा की राजनीतिक व्यवस्था वेस्टमिंस्टर प्रणाली पर आधारित है, जिसमें राष्ट्रप्रमुख का पद नाममात्र होता है, और वास्तविक प्रशासनिक शक्तियां शासनप्रमुख पर निहित होते हैं। कैनेडा सैद्धांतिक रूप से एक राजतंत्र है, और कैनेडा के शासक के पदाधिकारी इसके राष्ट्रप्रमुख होते हैं, हालाँकि शासक की सारी संवैधानिक शक्तियों का अभ्यास, उनके प्रतिनिधि के रूप में, कैनेडा के गवर्नर-जनरल करते हैं। अधिराट् यदी स्त्री हो तो उन्हें " कैनेडा की रानी" के नाम हे संबोधित किया जाता है, और एक पुरुष अधिराट् को " कैनेडा के राजा के नाम से संबोधित किया जाता है। .

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कैंटरबरी के आर्चबिशप

कैंटरबरी के आर्चबिशप, चर्च ऑफ़ इंग्लैण्ड के एक वरिष्ठ बिशप और प्रमुख होते हैं। वे विश्वविस्तृत आंगलिकाइ ऐक्य और आंगलिकाइ संप्रदाय के चिन्हनात्मक प्रमुख हैं(जैसे पोप रोमन कैथोलिक संप्रदाय के होते हैं)। तथा वे कैंटरबरी के बिशप-क्षेत्र के प्रदेशीय बिशप होते हैं। वर्त्तमान आर्चबिशप, परणपूज्य आर्चबिशप जस्टिन वेल्बी हैं, जिनका पदस्थापन २१ मार्च २०१३ को हुआ था। वेल्बी, १४०० वर्ष पुराने इस संसथान के १०५वें पदाधिकारी हैं। इस संसथान की शुरुआत कैंटरबरी के ऑगस्टीन के साथ हुई थी, जिन्हें ५९७ ई॰ में रोम से इंग्लैण्ड, ईसाइयत के प्रचार के लिए भेजा गया था। ६ठी शताब्दी में ऑगस्टीन से १६वीं शताब्दी तक, कैंटरबरी की आर्चबिशपी, रोम के गिर्जा के साथ एकमत की स्थिति में थी, परंतु अंग्रेज़ी सुधर के बाद, इंग्लैंड की चर्च ने, पोप और रोमन कैथोलिक चर्च के अधिकार से खुद को अलग कर लिया। सुधर से पहले तक, कैंटरबरी कैथेड्रल के बिशप के चुनाव की प्रक्रिया बदलते रहा करती थी:कभी चुनाव द्वारा या कभी पोप द्वारा, अन्यथा इंग्लैंड के शासक द्वारा। सुधरकाल के बाद से, चर्च ऑफ़ इंग्लैंड, मुख्यतः एक राजकीय गिर्जा की हैसियत रखता है, और तत्पश्चात्, आर्चबिशप के नामांकन का आधिकारिक अधिकार ब्रिटिश मुकुट के पास रहा है। वर्त्तमान समय में, कैंटरबरी के आर्चबिशप की नियुक्ति, ब्रिटिश संप्रभु द्वारा प्रधानमंत्री की सलाह पर होता है, जोकि दो नामों की अनुसूची में से अगले पदाधिकारी का चुनाव किया करते हैं। .

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कीनिया

कीनिया गणतंत्र पूर्वी अफ्रीका में स्थित एक देश है। भूमध्य रेखा पर हिंद महासागर के सटे हुए इस देश की सीमा उत्तर में इथियोपिया, उत्तर-पूर्व में सोमालिया, दक्षिण में तंजानिया, पश्चिम में युगांडा व विक्टोरिया झील और उत्तर पश्चिम में सूडान से मिलती है। देश की राजधानी नैरोबी है। केन्या में 581,309 km2 (224,445 वर्ग मील) शामिल हैं और जुलाई 2012 तक इसकी जनसंख्या लगभग 4.4 करोड़ है। देश का नाम माउंट केन्या पर रखा गया है, जो एक महत्वपूर्ण भौगोलिक प्रतीक है और अफ्रीका महाद्वीप की दूसरी सबसे ऊंची पर्वत चोटी है। 1920 से पहले, जिस क्षेत्र को अब कीनिया के नाम से जाना जाता है, उसे ब्रिटिश ईस्ट अफ्रीका संरक्षित राज्य के रूप में जाना जाता था। .

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अण्टीगुआ और बारबुडा का राजतंत्र

अण्टीगुआ और बारबुडा राजतंत्र, अण्टीगुआ और बारबुडा की संवैधानिक राजतंत्र है। अण्टीगुआ और बारबुडा एकाधिदारुक को अण्टीगुआ और बारबुडा और संयुक्त राजशाही समेत कुल १५ प्रजाभूमियों, का सत्ताधारक एकराजीय संप्रभु होने का गौरव प्राप्त है। वर्तमान सत्ता-विद्यमान शासक, ६ फरवरी वर्ष १९५२ से महारानी एलिजाबेथ द्वितीय हैं। अन्य राष्ट्रमण्डल देशों के सामान ही जमैका की राजनीतिक व्यवस्था वेस्टमिंस्टर प्रणाली पर आधारित है, जिसमें राष्ट्रप्रमुख का पद नाममात्र होता है, और वास्तविक प्रशासनिक शक्तियां शासनप्रमुख पर निहित होते हैं। अण्टीगुआ और बारबुडा सैद्धांतिक रूप से एक राजतंत्र है, और और जमैका के शासक के पदाधिकारी इसके राष्ट्रप्रमुख होते हैं, हालाँकि शासक की सारी संवैधानिक शक्तियों का अभ्यास, उनके प्रतिनिधि के रूप में, अण्टीगुआ और बारबुडा के गवर्नर-जनरल करते हैं। अधिराट् यदी स्त्री हो तो उन्हें " अण्टीगुआ और बारबुडा की रानी" के नाम हे संबोधित किया जाता है, और एक पुरुष अधिराट् को " अण्टीगुआ और बारबुडा के राजा के नाम से संबोधित किया जाता है। .

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अण्टीगुआ और बारबूडा

एन्टिगुआ आ बर्बुडा (उत्तर अमेरिका महाद्वीप में केरिबियन क्षेत्र में एक द्वि-द्वीपिय है। यह कैरिबियन सागर और आंध्र महासागर के बीच स्थित है। .

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अध्यक्षीय प्रणाली

अध्यक्षीय प्रणाली या राष्ट्रपति प्रणाली एक ऐसी गणतांत्रिक शासनप्रणाली होती है, जिसमें राजप्रमुख(सरकार प्रमुख) और राष्ट्रप्रमुख(रष्ट्राध्यक्ष) एक ही व्यक्ती होता है। अध्यक्षीय गणतंत्र का एक उदाहरण है अमेरिका और लगभग सभी लैटिन अमेरिकी देश, वहीं फ्रांस में एक मिश्रित संसदीय और अध्रक्षीय व्यवस्था है। .

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अंग्रेज़ी भाषा

अंग्रेज़ी भाषा (अंग्रेज़ी: English हिन्दी उच्चारण: इंग्लिश) हिन्द-यूरोपीय भाषा-परिवार में आती है और इस दृष्टि से हिंदी, उर्दू, फ़ारसी आदि के साथ इसका दूर का संबंध बनता है। ये इस परिवार की जर्मनिक शाखा में रखी जाती है। इसे दुनिया की सर्वप्रथम अन्तरराष्ट्रीय भाषा माना जाता है। ये दुनिया के कई देशों की मुख्य राजभाषा है और आज के दौर में कई देशों में (मुख्यतः भूतपूर्व ब्रिटिश उपनिवेशों में) विज्ञान, कम्प्यूटर, साहित्य, राजनीति और उच्च शिक्षा की भी मुख्य भाषा है। अंग्रेज़ी भाषा रोमन लिपि में लिखी जाती है। यह एक पश्चिम जर्मेनिक भाषा है जिसकी उत्पत्ति एंग्लो-सेक्सन इंग्लैंड में हुई थी। संयुक्त राज्य अमेरिका के 19 वीं शताब्दी के पूर्वार्ध और ब्रिटिश साम्राज्य के 18 वीं, 19 वीं और 20 वीं शताब्दी के सैन्य, वैज्ञानिक, राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक प्रभाव के परिणाम स्वरूप यह दुनिया के कई भागों में सामान्य (बोलचाल की) भाषा बन गई है। कई अंतरराष्ट्रीय संगठनों और राष्ट्रमंडल देशों में बड़े पैमाने पर इसका इस्तेमाल एक द्वितीय भाषा और अधिकारिक भाषा के रूप में होता है। ऐतिहासिक दृष्टि से, अंग्रेजी भाषा की उत्पत्ति ५वीं शताब्दी की शुरुआत से इंग्लैंड में बसने वाले एंग्लो-सेक्सन लोगों द्वारा लायी गयी अनेक बोलियों, जिन्हें अब पुरानी अंग्रेजी कहा जाता है, से हुई है। वाइकिंग हमलावरों की प्राचीन नोर्स भाषा का अंग्रेजी भाषा पर गहरा प्रभाव पड़ा है। नॉर्मन विजय के बाद पुरानी अंग्रेजी का विकास मध्य अंग्रेजी के रूप में हुआ, इसके लिए नॉर्मन शब्दावली और वर्तनी के नियमों का भारी मात्र में उपयोग हुआ। वहां से आधुनिक अंग्रेजी का विकास हुआ और अभी भी इसमें अनेक भाषाओँ से विदेशी शब्दों को अपनाने और साथ ही साथ नए शब्दों को गढ़ने की प्रक्रिया निरंतर जारी है। एक बड़ी मात्र में अंग्रेजी के शब्दों, खासकर तकनीकी शब्दों, का गठन प्राचीन ग्रीक और लैटिन की जड़ों पर आधारित है। .

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उत्तराधिकार परिषद्

सेंट जेम्स पैलेस, जहाँ उत्तराधिकार परिषद्, नए उत्तराधिकारी पर स्वीकृति और उत्तराधिकार के सार्वजनिक घोषणापत्र को तैयार करने हेतु एकत्रित होती है। उत्तराधिकार परिषद् यानि ऍक्सेशन काउंसिल(Accession council), यूनाइटेड किंगडम की एक परंपरागत समारोहिक निकाय है, जो शासी राजा या रानी के निधन के पश्चात, सिंघासन पर उत्तराधिकार के बाद, सेंट जेम्स पैलेस में एककृत होती है, ताकि सिंघासन के उत्तराधिकारी के सिंघासन-विराजन और नए शासक के राज की शुरुवात की आधिकारिक घोषणा की जा सके। वर्ष १७०७ में पारित समाधान के अधिनियम के अनुसार, किसी शासक की मृत्यु होने के साथ ही, उत्तराधिकार के नियमों के अनुकूल, उनके वैधिक उत्तराधिकारी, बिना किसी समारोह या औपचारिकता के, तुरंत ही नए शासक बन जाते हैं। अतः उत्तराधिकार परिषद् हमेशा उत्तराधिकार होने के पश्चात् संगठित होती है, एक आधिकारिक घोषणापत्र जारी करने के लिए, जिसके द्वारा नए शासक की नाम और पहचान समेत पुष्टि की जाती है, और पूरे प्रजा को इस पुष्टि और उत्तराधिकार से अवगत कराया जाता है। इस परिषद् में प्रिवी पार्षदगण, राज्य महाधिकारीगण, हाउस ऑफ़ लॉर्ड्स के सदस्यगण, लण्डन शहर के प्रभु महापौर और एल्डरमेन, राष्ट्रमण्डल प्रजाभूमियों के उच्चायुक्तगण तथा अन्य जनसेवकगण शामिल रहते हैं। यह परिषद् उत्तराधिकार की आधिकारिक घोषणा रचित करती है, जिसे लंदन और एडिनबर्ग समेत संयुक्त राजशाही के तमाम बड़े-छोटे शहरों के महत्वपूर्ण चौराहों और सार्वजनिक स्थानों पर सार्वजनिक रूप से पढ़ा जाता है। अमूमन, परंपरतः इस घोषणा को सबसे पहले सेंट जेम्स पैलेस की फ्रियरी कोर्ट की बाल्कनी से पढ़ा जाता है। इस घोषणा पढ़े जाने के दिन को प्रतिवर्ष, ऍक्सेशन डे के रूप में मनाया जाता है। .

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उपलक्षण

उपलक्षण, व्याकरणशास्त्र में ऐसे अलंकार को कहते हैं जिसमें किसी चीज़ को उसके अपने नाम से बुलाया जाने कि बजाय उस से सम्बंधित किसी लक्षण या अन्य चीज़ के नाम से बुलाया जाय। उदाहरण के लिए हिन्दी में 'रामपुर' या 'रामपुरी' का मतलब एक लम्बे प्रकार का चाक़ू को कहा जाता है, क्योंकि इस क़िस्म के छुरे अक्सर उत्तर प्रदेश के रामपुर शहर से आया करते हैं। इसी तरह कभी-कभी भारत की केन्द्रीय सरकार को समाचारों में 'दिल्ली' कह दिया जाता है क्योंकि उसका मुख्यालय उस शहर में है, मसलन 'बंगाल सरकार यह क़दम उठाना चाहती है पर दिल्ली ने इसपर आपत्ति जतलाई है'।, Julie Singer, pp.

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१९३१

1931 एक वर्ष है। .

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यहां पुनर्निर्देश करता है:

ब्रिटिश राष्ट्रमण्डल प्रमंडल, ब्रिटिश राष्ट्रमंडल प्रदेश, ब्रिटिश-राष्ट्रमंडल प्रदेश, राष्ट्रमण्डल परिभूमि, राष्ट्रमण्डल प्रदेश, राष्ट्रमण्डल प्रदेशों, राष्ट्रमंडल प्रदेशों

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