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रघु और रघुवंशम्

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

रघु और रघुवंशम् के बीच अंतर

रघु vs. रघुवंशम्

रघु अयोध्या के प्रसिद्ध इक्ष्वाकुवंशीय राजा थे जिनके नाम पर रघुवंश की रचना हुई। ये दिलीप के पुत्र (रघुवंश, २) थे। अपने कुल में ये सर्वश्रेष्ठ गिने जाते हैं जिसके फलस्वरूप मर्यादापुरुषोत्तम श्री रामचंद्र जी भी अपने को रघुवंशी कहने में परम गर्व अनुभव करते हैं। सारा सूर्यवंश इन्हीं के कारण रघुवंश कहलाने लगा। इन्हीं के नाम पर रामचंद्र को राघव, रघुवर, रघुराज, रघुनाथ, रघुवीर आदि कहा जाता है। जब पिता के अश्वमेघ यज्ञ के अश्व की रक्षा का भार रघु को मिला और घोड़े को इंद्र चुरा ले गए तो रघु ने इंद्र से घोर युद्ध करके उन्हें परास्त कर दिया। रघु जब स्वयं गद्दी पर बैठे तो अपने पूरे राज्य में शांति स्थापित करके द्विग्विजय करने निकले। चारों दिशाओं में अपना प्रभुत्व स्थापित कर रघु ने अतुल धनराशि एकत्र की। अपने गुरु विश्वामित्र या वरतंतु को गुरुदक्षिणा के लिए कौत्स मुनि द्वारा धन माँगने पर रघु ने कुबेर पर चढ़ाई कर चौदह करोड़ स्वर्णमुद्रा प्राप्त की थी। फिर इन्होंने विश्वजित् नामक दूसरा महायज्ञ किया जिसमें अपनी सारी संपत्ति ब्राह्मणों को दान दे दी। श्रेणी:अयोध्याकुल श्रेणी:प्राचीन पौराणिक राजवंश. रघुवंश कालिदास रचित महाकाव्य है। इस महाकाव्य में उन्नीस सर्गों में रघु के कुल में उत्पन्न बीस राजाओं का इक्कीस प्रकार के छन्दों का प्रयोग करते हुए वर्णन किया गया है। इसमें दिलीप, रघु, दशरथ, राम, कुश और अतिथि का विशेष वर्णन किया गया है। वे सभी समाज में आदर्श स्थापित करने में सफल हुए। राम का इसमें विषद वर्णन किया गया है। उन्नीस में से छः सर्ग उनसे ही संबन्धित हैं। आदिकवि वाल्मीकि ने राम को नायक बनाकर अपनी रामायण रची, जिसका अनुसरण विश्व के कई कवियों और लेखकों ने अपनी-अपनी भाषा में किया और राम की कथा को अपने-अपने ढंग से प्रस्तुत किया। कालिदास ने यद्यपि राम की कथा रची परंतु इस कथा में उन्होंने किसी एक पात्र को नायक के रूप में नहीं उभारा। उन्होंने अपनी कृति ‘रघुवंश’ में पूरे वंश की कथा रची, जो दिलीप से आरम्भ होती है और अग्निवर्ण पर समाप्त होती है। अग्निवर्ण के मरणोपरांत उसकी गर्भवती पत्नी के राज्यभिषेक के उपरान्त इस महाकाव्य की इतिश्री होती है। रघुवंश पर सबसे प्राचीन उपलब्ध टीका १०वीं शताब्दी के काश्मीरी कवि वल्लभदेव की है। किन्तु सर्वाधिक प्रसिद्ध टीका मल्लिनाथ (1350 ई - 1450 ई) द्वारा रचित 'संजीवनी' है। .

रघु और रघुवंशम् के बीच समानता

रघु और रघुवंशम् आम में 2 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): दिलीप, राम

दिलीप

पूरु कुल के राजा।.

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राम

राम (रामचन्द्र) प्राचीन भारत में अवतार रूपी भगवान के रूप में मान्य हैं। हिन्दू धर्म में राम विष्णु के दस अवतारों में से सातवें अवतार हैं। राम का जीवनकाल एवं पराक्रम महर्षि वाल्मीकि द्वारा रचित संस्कृत महाकाव्य रामायण के रूप में वर्णित हुआ है। गोस्वामी तुलसीदास ने भी उनके जीवन पर केन्द्रित भक्तिभावपूर्ण सुप्रसिद्ध महाकाव्य श्री रामचरितमानस की रचना की है। इन दोनों के अतिरिक्त अनेक भारतीय भाषाओं में अनेक रामायणों की रचना हुई हैं, जो काफी प्रसिद्ध भी हैं। खास तौर पर उत्तर भारत में राम बहुत अधिक पूजनीय हैं और हिन्दुओं के आदर्श पुरुष हैं। राम, अयोध्या के राजा दशरथ और रानी कौशल्या के सबसे बड़े पुत्र थे। राम की पत्नी का नाम सीता था (जो लक्ष्मी का अवतार मानी जाती हैं) और इनके तीन भाई थे- लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न। हनुमान, भगवान राम के, सबसे बड़े भक्त माने जाते हैं। राम ने राक्षस जाति के लंका के राजा रावण का वध किया। राम की प्रतिष्ठा मर्यादा पुरुषोत्तम के रूप में है। राम ने मर्यादा के पालन के लिए राज्य, मित्र, माता पिता, यहाँ तक कि पत्नी का भी साथ छोड़ा। इनका परिवार आदर्श भारतीय परिवार का प्रतिनिधित्व करता है। राम रघुकुल में जन्मे थे, जिसकी परम्परा प्रान जाहुँ बरु बचनु न जाई की थी। श्रीराम के पिता दशरथ ने उनकी सौतेली माता कैकेयी को उनकी किन्हीं दो इच्छाओं को पूरा करने का वचन (वर) दिया था। कैकेयी ने दासी मन्थरा के बहकावे में आकर इन वरों के रूप में राजा दशरथ से अपने पुत्र भरत के लिए अयोध्या का राजसिंहासन और राम के लिए चौदह वर्ष का वनवास माँगा। पिता के वचन की रक्षा के लिए राम ने खुशी से चौदह वर्ष का वनवास स्वीकार किया। पत्नी सीता ने आदर्श पत्नी का उदहारण देते हुए पति के साथ वन जाना उचित समझा। सौतेले भाई लक्ष्मण ने भी भाई के साथ चौदह वर्ष वन में बिताये। भरत ने न्याय के लिए माता का आदेश ठुकराया और बड़े भाई राम के पास वन जाकर उनकी चरणपादुका (खड़ाऊँ) ले आये। फिर इसे ही राज गद्दी पर रख कर राजकाज किया। राम की पत्नी सीता को रावण हरण (चुरा) कर ले गया। राम ने उस समय की एक जनजाति वानर के लोगों की मदद से सीता को ढूँढ़ा। समुद्र में पुल बना कर रावण के साथ युद्ध किया। उसे मार कर सीता को वापस लाये। जंगल में राम को हनुमान जैसा मित्र और भक्त मिला जिसने राम के सारे कार्य पूरे कराये। राम के अयोध्या लौटने पर भरत ने राज्य उनको ही सौंप दिया। राम न्यायप्रिय थे। उन्होंने बहुत अच्छा शासन किया इसलिए लोग आज भी अच्छे शासन को रामराज्य की उपमा देते हैं। इनके पुत्र कुश व लव ने इन राज्यों को सँभाला। हिन्दू धर्म के कई त्योहार, जैसे दशहरा, राम नवमी और दीपावली, राम की जीवन-कथा से जुड़े हुए हैं। .

रघु और राम · रघुवंशम् और राम · और देखें »

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रघु और रघुवंशम् के बीच तुलना

रघु 7 संबंध है और रघुवंशम् 32 है। वे आम 2 में है, समानता सूचकांक 5.13% है = 2 / (7 + 32)।

संदर्भ

यह लेख रघु और रघुवंशम् के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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